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Serious ज़रा मुलाहिजा फरमाइये,,,,,

The_InnoCent

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
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हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए।
इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए।।

आज यह दीवार, परदों की तरह हिलने लगी,
शर्त थी लेकिन कि ये बुनियाद हिलनी चाहिए।।

हर सड़क पर, हर गली में, हर नगर, हर गाँव में,
हाथ लहराते हुए हर लाश चलनी चाहिए।।

सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं,
मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए।।

मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही,
हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए।।
 

The_InnoCent

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
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Please kitni dukhi honge please story likhye na........
Bas shayari ki jariye dukh ko dikhate.... Hamesha khush rahiye aap
अरे ऐसी कोई बात नहीं है नैना जी,,,,,

ये तो बस ग़ज़लें हैं जो दिल को छूती हैं और कोई बात नहीं है। ग़ज़लों से पुराना याराना है इस लिए पोस्ट करने से खुशी मिलती है मुझे।

ग़ज़लें होती ही ऐसी हैं कि सामने वाले को लगता है कि जिसने पोस्ट किया है वो अत्यंत दुखी है। जबकि ऐसा हो ये ज़रूरी तो नहीं हो सकता न।

उस दिन मैं आया तो मेरी नज़र इस सेक्शन पर पड़ी तो ये देख कर अच्छा लगा कि मेरे टेस्ट की चीज़ तो यहाॅ पर है। मेरे कुछ भाई दोस्त शेरो शायरी का अलग अलग थ्रीड भी बना रखें हैं। इस लिए मैं भी उस दिन कुछ ग़ज़लें पोस्ट करके चला गया।

आज आया तो सोचा कि चलो एक ऐसा ही थ्रीड मैं खुद का भी शुरू कर देता हूॅ, ताकि कुछ देर टिके रहने का दिल करे।
 

The Immortal

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अरे ऐसी कोई बात नहीं है नैना जी,,,,,

ये तो बस ग़ज़लें हैं जो दिल को छूती हैं और कोई बात नहीं है। ग़ज़लों से पुराना याराना है इस लिए पोस्ट करने से खुशी मिलती है मुझे।

ग़ज़लें होती ही ऐसी हैं कि सामने वाले को लगता है कि जिसने पोस्ट किया है वो अत्यंत दुखी है। जबकि ऐसा हो ये ज़रूरी तो नहीं हो सकता न।

उस दिन मैं आया तो मेरी नज़र इस सेक्शन पर पड़ी तो ये देख कर अच्छा लगा कि मेरे टेस्ट की चीज़ तो यहाॅ पर है। मेरे कुछ भाई दोस्त शेरो शायरी का अलग अलग थ्रीड भी बना रखें हैं। इस लिए मैं भी उस दिन कुछ ग़ज़लें पोस्ट करके चला गया।

आज आया तो सोचा कि चलो एक ऐसा ही थ्रीड मैं खुद का भी शुरू कर देता हूॅ, ताकि कुछ देर टिके रहने का दिल करे।
Shubham Bhai lounge mouj masti ke liye hi banaya Gaya hai .
 

The_InnoCent

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
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Shubham Bhai lounge mouj masti ke liye hi banaya Gaya hai .
हाॅ सही कहा आपने,,,,,

हैरत की बात है कि मुझे इस साइट पर आये हुए लगभग काफी समय हो गया किन्तु मैं अभी तक इस एरिये की तरफ आया ही नहीं। उस दिन आया तो देखा तब पता चला कि इस तरफ क्या चल रहा है।

बहुत खुशी हुई भाई कि मनोरंजन के लिए ही सही मगर हमारे दोस्त भाई शेरो शायरी वाला काम भी बड़े शौक से कर रहे हैं। शेरो शायरी एवं ग़ज़लों से मुझे बेहद लगाव है। ख़ैर,

बहुत बहुत शुक्रिया भाई,,,,,
 

VIKRANT

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उस की हसरत है जिसे दिल से मिटा भी न सकूँ।
ढूँढने उस को चला हूँ जिसे पा भी न सकूँ।।

डाल कर ख़ाक मेरे ख़ून पे क़ातिल ने कहा,
कुछ ये मेहंदी नहीं मेरी के मिटा भी न सकूँ।।

ज़ब्त कमबख़्त ने और आ के गला घोंटा है,
के उसे हाल सुनाऊँ तो सुना भी न सकूँ।।

उस के पहलू में जो ले जा के सुला दूँ दिल को,
नींद ऐसी उसे आए के जगा भी न सकूँ।।

नक्श-ऐ-पा देख तो लूँ लाख करूँगा सजदे,
सर मेरा अर्श नहीं है कि झुका भी न सकूँ।।

बेवफ़ा लिखते हैं वो अपनी कलम से मुझ को,
ये वो किस्मत का लिखा है जो मिटा भी न सकूँ।।

इस तरह सोये हैं सर रख के मेरे जानों पर,
अपनी सोई हुई किस्मत को जगा भी न सकूँ।।
Greattt bro :applause:
Really heart touching poetry:applause:



And :congrats: for this beautiful poetry thread. :celebconf::celebconf:
 

Mr. Perfect

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Waaah The_InnoCent bhai. Gajab dil ko cheer gai ye lines____

हर एक रूह में एक ग़म छुपा लगे है मुझे।
ये जिंदगी तो कोई बददुआ लगे है मुझे।।

न जाने वक़्त की रफ़्तार क्या दिखाती है?
कभी कभी तो बडा ख़ौफ़ सा लगे है मुझे।।

अब एक-आध कदम का हिसाब क्या रखे?
अभी तलक तो वही फ़ासला लगे है मुझे।।

दबाके आई है सिने में कौन सी आहें,
कुछ आज रंग तेरा सांवला लगे है मुझे।।
 

Mr. Perfect

"Perfect Man"
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Baaki to sab thik hai bhai bas ek hi baat thik nahi hai ki apne apni story band kar di____

Dil tod diya hai bhai. I'm not happy___

Bhagwan se pray karta hu ki apki dadi thik ho jaye jisse ap bhi khush ho jaao_____


हाॅ सही कहा आपने,,,,,

हैरत की बात है कि मुझे इस साइट पर आये हुए लगभग काफी समय हो गया किन्तु मैं अभी तक इस एरिये की तरफ आया ही नहीं। उस दिन आया तो देखा तब पता चला कि इस तरफ क्या चल रहा है।

बहुत खुशी हुई भाई कि मनोरंजन के लिए ही सही मगर हमारे दोस्त भाई शेरो शायरी वाला काम भी बड़े शौक से कर रहे हैं। शेरो शायरी एवं ग़ज़लों से मुझे बेहद लगाव है। ख़ैर,

बहुत बहुत शुक्रिया भाई,,,,,
 

VIKRANT

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Baaki to sab thik hai bhai bas ek hi baat thik nahi hai ki apne apni story band kar di____

Dil tod diya hai bhai. I'm not happy___

Bhagwan se pray karta hu ki apki dadi thik ho jaye jisse ap bhi khush ho jaao_____

Agree bro. :bigboss:

Maine ek baat notice ki hai ki shubham bro kisi bhi baat ko bahut jaldi dil par le lete hain and i think yahi reason ho ki unko kisi ki baat lag gai and unhone everything close kar diya. :bigboss:

Anyways unki dadi ko kuch na ho and wo jaldi se thik ho jaye. :celebconf:
 

The_InnoCent

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
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ख़याल-ओ-ख़्वाब हुई हैं मुहब्बतें कैसी।
लहू में नाच रही हैं ये वहशतें कैसी।।

न शब को चांद हैं अच्छा न दिन को मेहर अच्छा,
ये हम पे बीत रही हैं क़यामतें कैसी।।

अज़ाब जीन का तबस्सुम सवाब जिनकी निगाह,
खिंची हुई हैं पस-ए-जानां सूरतें कैसी।।

हवा के दोश पे रक्खे हुए चिराग़ हैं हम,
जो बुझ गये तो हवा से शिकायतें कैसी।।

जो बेख़बर कोई गुज़रा तो ये सदा दी है,
मैं संग-ए-राह हू मुझ पर इनायतें कैसी।।
 
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