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Serious ज़रा मुलाहिजा फरमाइये,,,,,

The_InnoCent

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
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Aur haan yeh ek pain wali ab kaise samjhau bich bich me ek pain wali attack hoti hogi to dr ko immediately bula lijiye ga...... OK....
सब डाॅक्टर के कहे अनुसार ही हो रहा है,,,,,,
 
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The_InnoCent

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
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आग दिल में है लगी इसको बुझायें कैसे।
जिससे उम्मीद थी रूठा है मनायें कैसे।।

हम दुखी होते हैं तो रोती हैं आँखें उसकी,
ऐसे हमदर्द को बोलो तो भुलायें कैसे।।

ये तो सच है कि वो हमको ही चाहता है फक़त,
वो मगर दूर है फिर प्यार जतायें कैसे।।

बाद मुद्दत के सजाई है प्यार की महफ़िल,
ज़िद्दी तूफ़ान में अब शम्मा जलायें कैसे।।

एक अर्से से हमें नींद नहीं आई है,
कोई बतलाये उसे ख़्वाब में लायें कैसे।।

है नदी पार की बस्ती में बसेरा उसका,
कोई जरिया नहीं जाने का तो जायें कैसे।।

अब उसे हम पे भरोसा ही नहीं है "राही"
उससे अब दिल की कोई बात बतायें कैसे।।

______"राही" भोजपुरी, जबलपुर मध्य प्रदेश ।
 

Aakash.

ᴇᴍʙʀᴀᴄᴇ ᴛʜᴇ ꜰᴇᴀʀ
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आग दिल में है लगी इसको बुझायें कैसे।
जिससे उम्मीद थी रूठा है मनायें कैसे।।

हम दुखी होते हैं तो रोती हैं आँखें उसकी,
ऐसे हमदर्द को बोलो तो भुलायें कैसे।।

ये तो सच है कि वो हमको ही चाहता है फक़त,
वो मगर दूर है फिर प्यार जतायें कैसे।।

बाद मुद्दत के सजाई है प्यार की महफ़िल,
ज़िद्दी तूफ़ान में अब शम्मा जलायें कैसे।।

एक अर्से से हमें नींद नहीं आई है,
कोई बतलाये उसे ख़्वाब में लायें कैसे।।

है नदी पार की बस्ती में बसेरा उसका,
कोई जरिया नहीं जाने का तो जायें कैसे।।

अब उसे हम पे भरोसा ही नहीं है "राही"
उससे अब दिल की कोई बात बतायें कैसे।।

______"राही" भोजपुरी, जबलपुर मध्य प्रदेश ।
Nice
 

Naina

Nain11ster creation... a monter in me
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Yaar kya kare sab koshish kar Liya story Suru karwane ki ab yahi rah gya tha fir bhi na hoga lagta hai ,
Lagta hai ek aur achi story bich me hi rah jayegi hamesha hamesha ke liye.
Btw The_InnoCent bhai agar meri bat se apko thes pahuchi ho to mafi chahta :sorry:
Unki dadi ki condition critical hai.... abhi bahot dukhi hain woh.....
 

The_InnoCent

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
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Yaar kya kare sab koshish kar Liya story Suru karwane ki ab yahi rah gya tha fir bhi na hoga lagta hai ,
Lagta hai ek aur achi story bich me hi rah jayegi hamesha hamesha ke liye.
Btw The_InnoCent bhai agar meri bat se apko thes pahuchi ho to mafi chahta :sorry:
माफ़ी किस बात की भाई,,,,,
सब भूल जाइये, बातें ख़त्म हो चुकी हैं।
 
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The_InnoCent

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
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यूं तेरी रहगुज़र से दिवानावार गुज़रे।
कांधे पे अपने रख के अपना मज़ार गुज़रे।।

बैठे रहे हैं रास्ता में दिल का ख़ंडर सजा कर,
शायद इसी तरफ़ से एक दिन बहार गुज़रे।।

बहती हुई ये नदिया घुलते हुए किनारे,
कोई तो पार उतरे कोई तो पार गुज़रे।।

तू ने भी हमको देखा हमने भी तुमको देखा,
तू दिल ही हार गुज़रा हम जान हार गुज़रे।।

_____मीना कुमारी
 

The_InnoCent

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
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अपने हाथों की लकीरों में बसा ले मुझको।
मैं हूँ तेरा नसीब अपना बना ले मुझको।।

मुझसे तू पूछने आया है वफ़ा के मानी,
ये तेरी सादादिली मार न डाले मुझको।।

मैं समंदर भी हूँ, मोती भी हूँ, ग़ोताज़न भी,
कोई भी नाम मेरा लेके बुला ले मुझको।।

तूने देखा नहीं आईने से आगे कुछ भी,
ख़ुदपरस्ती में कहीं तू न गँवा ले मुझको।।

कल की बात और है मैं अब सा रहूँ या न रहूँ,
जितना जी चाहे तेरा आज सता ले मुझको।।

ख़ुद को मैं बाँट न डालूँ कहीं दामन-दामन,
कर दिया तूने अगर मेरे हवाले मुझको।।

मैं जो काँटा हूँ तो चल मुझसे बचाकर दामन,
मैं हूँ गर फूल तो जूड़े में सजा ले मुझको।।

मैं खुले दर के किसी घर का हूँ सामाँ प्यारे,
तू दबे पाँव कभी आ के चुरा ले मुझको।।

तर्क-ए-उल्फ़त की क़सम भी कोई होती है क़सम,
तू कभी याद तो कर भूलने वाले मुझको।।

वादा फिर वादा है मैं ज़हर भी पी जाऊँ "क़तील",
शर्त ये है कोई बाँहों में सम्भाले मुझको।।

________क़तील शिफ़ाई
 

The_InnoCent

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
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प्यास वो दिल की बुझाने कभी आया भी नहीं।
कैसा बादल है जिसका कोई साया भी नहीं।।

बेरुखी इस से बड़ी और भला क्या होगी,
एक मुद्दत से हमें उस ने सताया भी नहीं।।

रोज़ आता है दर-ए-दिल पे वो दस्तक देने,
आज तक हमने जिसे पास बुलाया भी नहीं।।

सुन लिया कैसे ख़ुदा जाने ज़माने भर ने,
वो फ़साना जो कभी हमने सुनाया भी नहीं।।

तुम तो शायर हो ‘क़तील’ और वो इक आम सा शख्स़,
उस ने चाहा भी तुझे और जताया भी नहीं।।

______क़तील शिफ़ाई
 
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