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Incest जिन्दगी ## एक अनाथ की##

Naik

Well-Known Member
21,510
77,377
258
Update 124
सौमित्र और मिलन सुबह जल्दी उठ गए थे ,दोनों अपने रोज की दिनचर्या के हिसाब से अपना काम कर रहे थे पर आज उनके साथ एक और लड़का भी था आज ,सौमित्र ने मिलन को उसका सब होने के बाद कपड़े लाने को भेज दिया ,दोनों बहुत ज्यादा अमीर तो नही थे ,पर दिल के गरीब नही थे ,अपनी मेहनत की कमाई खाने वाले वो ईमानदार पुलिस वाले थे ,मिलन ने मार्केट से उस लड़के के नाप जो उसने सुबह आने से पहले ले लिया था उस हिसाब से दो ड्रेस और दो अंडरवियर ले लिए, इधर सौमित्र ने उस लड़के को उठाकर नहाने भेज दिया था ,आज एक महीने बाद वो नहा रहा था ,उसके बदन पर अस्पताल में रहकर दवाइयो की एक अजीब सी महक आ रही थी ,अपने बदन पर पानी और साबुन लगाकर वो साफ कर रहा था ,तभी उसे मिलन की आवाज बाथरूम के बाहर से आयी ,अरे भाई मेने दरवाजे पर एक बैग टँगा दिया है उसमें तुम्हारे लिए कपड़े है ,वो नहाने के बाद पहन लेना ,मिलन उसे कपड़े देने के बाद सौमित्र के पास आकर बैठ गया ,
मिलन ,सौमित्र यह बात तो समझ आ गयी इस लड़के को सब समझ आता है ,पर वो बोल क्यो नही रहा ,कहि वो बेचारा गूंगा तो नही ,
सौमित्र, नही मिलन डॉक्टर ने उसे चेक किया है ,वो गूंगा नही है ,पर बोलता क्यो नही यह उन्हें भी समझ मे नही आया,उनका कहना है कि शायद अभी भी सदमे में हो ,धीरे धीरे वो आम लोगो जैसा हो जायेगा ,
मिलन ,हा भाई वो जल्द से ठीक हो जाये ,पता नही कौन है बेचारा ,उसके पास देखकर तो वो मुझे किसी बड़े घर का लगता है पर जब तक वो कुछ बतायेगा नही हम कुछ कह नही सकते ,
सौमित्र और मिलन दोनों बात करते रहे तबतक कपड़े पहनकर वो लड़का बाथरूम से बाहर आ गया ,और उन दोनों के पास जाकर खड़ा हो गया उसे देखकर सौमित्र ने कहा ,चलो हमे अब पुलिस थाने चलना होगा ,रास्ते मे हम कुछ नास्ता भी कर लेंगे ,भाई तेरा नाम तो हमे नही पता पर तु हम दोनों से छोटा है ,हम तुझे आज के बाद छोटे कह कर पुकारा करेंगे ,जब भी तू बोलने लगेगा तू अपना नाम हमे बता देना ,
छोटे जो उस लड़के को नाम दिया था वो दोनों की तरफ देखकर पहले चुप रहा ,फिर वो बोला ,भाई में अपने बारे में कुछ नही जानता ,में जब होश में आया था अस्पताल में और डॉक्टर साहब मुझसे बात कर रहे थे ,मेरे बारे में वो सवाल कर रहे थे तबसे में परेशान हो गया था ,मुझे अपने बारे में कुछ भी याद नही आ रहा है ,मुझे अपना नाम तक याद नही आ रहा ,में किस तरह से जख्मी हो गया यह भी में नही बता सकता हु ,में खुद बहुत बड़ी परेशानी में हु भैया ,में कौन हूं ,कहा से हु ,क्या करता था ,मेरे परिवार में कौन होगा यह मुझे कुछ भी याद नही आ रहा है ,आप ही बताइए में क्या करूँ अब,
उस लड़के की बात सुनकर दोनों पहले चुप रहे फिर सौमित्र बोला ,छोटे कोई बात नही ,तू चिंता मत कर हम ट्रे बारे में जरूर पता लगा लेंगे ,मुझे तो इस बात की खुशी है कि तू बोल सकता है ,तुम्हारी परेशानी के बारे में हम आज ही जाकर डॉक्टर से बात कर लेंगे ,वो जरूर इसमें हमारी मदद कर सकेंगे ,फिर तीनो साथ मे निकले पहले उन्होंने रास्ते मे नास्ता किया और बाद में छोटे को लेकर पुलिस थाने गए वहां जाकर जब इंसपेक्टर को उन्होंने सारी बात बताई तो उसने भी छोटे से बहुत देर तक बाते कर के उसे टटोलता रहा कि शायद वो झूठ तो नही बोल रहा जब उसे पूरी तरह यकीन हो गया कि यह लड़का बिल्कुल सच बोल रहा है तो उसने छोटे को अस्पताल भेज दिया सौमित्र और मिलन के साथ ,उसने डॉक्टर को भी फोन करके सब बातें बताकर उसका एक बार चेकअप करने को कहा ,अस्पताल में छोटे का डॉक्टर ने बहुत देर तक चेकअप के बाद उससे बहुत से सवाल पूछे जिसकी वजह से वह इस बात पर कायम हूवा की छोटे के दिमाग मे चोटे लगने से उसकी याददाश्त चली गयी है ,उसने कुछ दवाइयां देकर उसे वापिस भेज दिया और एक महीने बाद वापिस आने को कहा ,डॉक्टर ने भी इंस्पेक्टर को पूरी बात फोन करके बता दी ,सौमित्र और मिलन छोटे को लेकर एक रास्ते के किनारे बने होटल में खाने को चले गए ,तीनों वहां बैठकर अपना खाना खा रहे थे ,तभी रास्ते पर उन्होंने कूछ लड़ाई झगड़े की आवाज सुनाई दी ,अब सौमित्र और मिलन दोनों ठहरे पुलिस वाले वो दोनों फौरन खाना छोड़ कर बाहर आ गए ,छोटे भी उनके पीछे आ गया था ,रास्ते पर एक लड़की को कोई बदमाश लड़के छेड़ रहे थे ,उसे गन्दी गन्दी गालियां दी रहे थे ,एक बदमाश लड़के ने हाथ पकड़के रखा था ,और वो उसे गालियां भी दे रहा था और उसकी पिटाई भी कर रहा था ,सौमित्र और मिलन ने जब उस लड़के कि शक्कल देखी तो दोनों भी सकते में आ गए थे ,वो अपनी जगह पर खड़े होकर चुपचाप सामने देख रहे थे ,अपने सामने दो पुलिस वालों को देख कर वो लड़की को अपने बचने की कुछ उम्मीद लगने लगी थी ,पर उन दोनों को भी अपने जगह पर एकदम चुपचाप खड़े देखकर वो लड़की उन्हें देखकर अपनी जान बचाने की गुहार लगाने लगी उसकी बाते सुनकर वो लड़का जिसने उसका हाथ पकड़ा था वो जोर जोर से हसने लगा ,ही ही ही ,कोई भी नही आ सकता मेरे सामने हरामजादी ,बाप हु में सबका ,यह तो सिर्फ पुलिसवाले है ,इनका अगर कमिश्नर भी मेरे सामने होता ना ,तो वो भी कुछ नही कर सकता ,उस शिवाय के लोगो ने बहुत दिनों तक हमे दबाकर रखा था ,पर अब वो भी नही रहा एक महीने से और ना उसके लोग ,अब फिर से हम लोगो का राज है ,कोई भी नही आएगा हमारे सामने अब ,इस एक महीने में हमने इतनी तबाही मचाई है कि अब हमारे सामने कोई भी नही आएगा ,अब इस कलकत्ता शहर का बाप हु में ,और तेरे जैसी फुलझड़ीया मेरे मजे के लिए है ,चिल्ला और चिल्ला में भी देखता हूं कौन तुझे बचाने आएगा ,है कोई माई का लाल जो जीवा के सामने खड़ा हो सके ,अरे सब नामर्द है यहां ,मेरे सामने सर ऊपर करने से भी इन सबकी फटती है ही ही ही ,
वो जीवा नाम का गुंडा अपने 10 से 12 साथियों के साथ खड़ा होकर जोर जोर से हस रहा था ,उसके पास खड़ी वो लड़की रो रो कर मदद के लिये गुहार लगा रही थी ,पर किसी मे इतनी हिम्मत नही हो रही थी उसे बचाने की सब लोग अपनी गर्दन नीची करके खड़े थे ,उन्हें बस जीवा की गन्दी हसी की आवाज आ रही थी ,पर अचानक जीवा की हंसी बंद हो गयी और एक दिल दहलाने वाली चीख वहां गूंज उठी ,सबने अपनी आंखें खोलकर सामने देखा तो उन सबकी सांसे थम सी गयी थी ,सामने मंजर ही इतना भयानक था ,सामने जीवा पड़ा था पर वो मरा हूवा था ,उसके बदन के दो टुकड़े हो गए थे ,उसकी दोनों पैरों को बीच मे से चीरकर उसे मार दिया था ,पर एक पल मे यह किसने किया यह किसे समझ मे नही आ रहा था ,जिस लड़की को जीवा ने पकड़ा था ,वो भी अपने सामने खड़े शख्स को देख कर एकटक देख रहीथी ,उसके आंखों के सामने जीवा को एक पल में चिर दिया था उस शख्स ने ,उस शख्स की आंखे एकदम गुस्से से लाल हो गयी थी ,उसने जीवा के साथ जो बदमाश थे उनकी तरफ देखकर कहा ,बहुत शौक है ना ,तुम लोगो को हसने का आज में तुम्हे मौत की हसी दिखाता हु ,जिसे देखकर तुम भी सुधर जाओगे और तुम्हारा हाल देख कर तुम्हारे जैसे भी सुधर जायँगे ,उस शख्स ने अपनी बात पूरी करने के बाद उन सभी बदमाशो की इतनी बुरी तरह से पिटाई शुरू कर दी के सब की बोलती ही बंद हो गयी थी ,सब बदमाशो को उसने बस अपने हाथ और पाव का इस्तेमाल करके ही बुरी तरीके से मार दिया ,फिर सामने खड़ी भीड़ की तरफ देखकर वो एकदम गुस्सा होकर दहाड़ पड़ा ,अरे नामर्दो ,तुम्हारे सामने एक लड़की को 10 से 12 लोग इतनी बुरी तरह से मार रहे थे ,तुम सब मिलकर यहां पर 500 से ज्यादा हो ,फिर भी डर के आगे नही आ पाए ,अरे थूकता हु में तुम सबपर ,जाकर अपने हाथों में चूड़ियां पहन लो ,आज के बाद अगर किसीने ने भी किसी बेगुनाह को तकलीफ दी तो में उसे इसी तरह जान से मार दूंगा ,कोई भी अपने आप को इस शहर का दादा समझ रहा होंगा तो वो मेरी बात सुन ले आज के बाद हर जरूरतमंद के पीछे खड़ा होने वाला भी कोई है ,जो कोई अपनी हद पार करने की कोशिश करेगा वो दुनिया की हद पार कर जाएगा मेरे हाथों से ,अपनी बात कहकर वो एक तरफ चला गया ,उस शख्स के जाने के बाद सब लोग भी इधर उधर हो गए ,सौमित्र और मिलन तो कबसे उस शख्स का पीछा कर रहे थे ,एक जगह वो थोड़ा तेज चलते हुवे उसके पीछे पहुचकर उसे बोले ,छोटे अरे भाई रुक जा कहा जा रहा है तू ,यह आवाज सुनकर वो शख्स भी रुक गया जो कोई और नही अपना छोटे ही था ,अपने पीछे सौमित्र और मिलन को देख कर बोला ,भैया मुझे माफ़ करना ,पता नही मुझे क्या हो गया था ,पर उस लड़की की मदद के लिए गुहार सुनकर में पता नही क्या कर बैठा ,मुझे तो समझ मे नही आया यह कैसे हो गया ,उसकी बात सुनकर मिलन और सौमित्र कुछ देर चुप हो गए फिर कुछ देर बाद वो दोनों छोटे को एक गाड़ी में बिठाकर घर ले आये और उसे एक कमरे में आराम करने को भेज दिया ,
सौमित्र और मिलन दोनों एकदम खामोश थे ,दोनों अपनी अपनी सोच में गुम थे ,यह खामोशी मिलन ने तोड़ी ,वो बोला ,देख भाई सौमित्र में तुझे यह बात पहले ही बता दे रहा हु ,तू अपने छोटे ने जो आज किया है उसकी बात किसी को भी नही बतायेगा ,भले उसने सबको जान से मार दिया है पर वो सभी लोग इसी लायक है ,शिवाय के चले जाने के बाद आज पहली बार किसी दरिन्दे को मरता देख में बहुत खुश हूं ,में नही चाहता कोई भी अपने छोटे तक पहुचे ,उसने आज उस लड़की की जान बचाकर बहुत सही काम किया है ,मिलन की बात सुनकर सौमित्र हसने लगा ,भाई में तो यह सोच रहा था क्यो ना वापिस शिवाय को जिंदा किया जाये,
मिलन ,में कुछ समझा नही सौमित्र ,तू क्या कहना चाहता है ,
सौमित्र ,देख मिलन कोई भी नही जानता था कि शिवाय कौन था ,और उसकी फौज में कौन कौन था ,पर जो काम शिवाय ने किया था उसकी वजह से दुनिया मे सुकून था पर जब से शिवाय गायब हो गया है ,सब दरिंदे वापस सब जगह पर आतंक मचा रहे है ,आज की घटना को हम शिवाय से जोड़ देंगे ,अखबार और टीवी में जब यह बात फैल जाएगी कि शिवाय वापिस आ गया है ,सब बदमाश डर जायँगे ,जिस तरह शिवाय ने जीवा और उसके साथियों का हाल किया हैं ,वैसा तो कभी शिवाय ने भी नही किया था ,कितनी बुरी तरह से मारा है सबको छोटे ने ,हम यही बात फैला देंगे कि सब करने वाला शिवाय है ,और आज के इस छोटे को हम शिवा कहकर पुकारा करेंगे ताकि किसी को शक ना हो ,चलो सबसे पहले हम वहां जाकर देखते है ,वो एरिया भी अपने थाने के अंदर ही आता है ,जितने सबूत हमे मिलेंगे छोटे की पहचान करने वाले वो सब हम मिटा देंगे ,बहुत हो चुका है ,इन सब बदमाशो को ,अब हम इनको दिखायंगे की जब पुलिस अपने पे आती है तो क्या कर सकती है ,दोनों ने फिर वही किया जो सोचा था ,जब यह खबर सब जगह फैल गई कि शिवाय वापिस आ गया है ,सब तरफ सनसनी मच गई ,आम लोग बहुत खुश हो गए थे और बदमाश और गुंडे लोगो को फट चुकी थी ,उन सबको अपनी मौत नजर आने लगी थी ,पर जिस छोटे या शिवा के नाम पर यह खबर चल रही थी वो मिलन और सौमित्र के घर मे सबसे बेखबर सुकून से सो रहा था ।
Chote n tow sabki chot choti boti ker di
Zaberdast shaandaar update bhai
 

Naik

Well-Known Member
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Update 124
सौमित्र और मिलन सुबह जल्दी उठ गए थे ,दोनों अपने रोज की दिनचर्या के हिसाब से अपना काम कर रहे थे पर आज उनके साथ एक और लड़का भी था आज ,सौमित्र ने मिलन को उसका सब होने के बाद कपड़े लाने को भेज दिया ,दोनों बहुत ज्यादा अमीर तो नही थे ,पर दिल के गरीब नही थे ,अपनी मेहनत की कमाई खाने वाले वो ईमानदार पुलिस वाले थे ,मिलन ने मार्केट से उस लड़के के नाप जो उसने सुबह आने से पहले ले लिया था उस हिसाब से दो ड्रेस और दो अंडरवियर ले लिए, इधर सौमित्र ने उस लड़के को उठाकर नहाने भेज दिया था ,आज एक महीने बाद वो नहा रहा था ,उसके बदन पर अस्पताल में रहकर दवाइयो की एक अजीब सी महक आ रही थी ,अपने बदन पर पानी और साबुन लगाकर वो साफ कर रहा था ,तभी उसे मिलन की आवाज बाथरूम के बाहर से आयी ,अरे भाई मेने दरवाजे पर एक बैग टँगा दिया है उसमें तुम्हारे लिए कपड़े है ,वो नहाने के बाद पहन लेना ,मिलन उसे कपड़े देने के बाद सौमित्र के पास आकर बैठ गया ,
मिलन ,सौमित्र यह बात तो समझ आ गयी इस लड़के को सब समझ आता है ,पर वो बोल क्यो नही रहा ,कहि वो बेचारा गूंगा तो नही ,
सौमित्र, नही मिलन डॉक्टर ने उसे चेक किया है ,वो गूंगा नही है ,पर बोलता क्यो नही यह उन्हें भी समझ मे नही आया,उनका कहना है कि शायद अभी भी सदमे में हो ,धीरे धीरे वो आम लोगो जैसा हो जायेगा ,
मिलन ,हा भाई वो जल्द से ठीक हो जाये ,पता नही कौन है बेचारा ,उसके पास देखकर तो वो मुझे किसी बड़े घर का लगता है पर जब तक वो कुछ बतायेगा नही हम कुछ कह नही सकते ,
सौमित्र और मिलन दोनों बात करते रहे तबतक कपड़े पहनकर वो लड़का बाथरूम से बाहर आ गया ,और उन दोनों के पास जाकर खड़ा हो गया उसे देखकर सौमित्र ने कहा ,चलो हमे अब पुलिस थाने चलना होगा ,रास्ते मे हम कुछ नास्ता भी कर लेंगे ,भाई तेरा नाम तो हमे नही पता पर तु हम दोनों से छोटा है ,हम तुझे आज के बाद छोटे कह कर पुकारा करेंगे ,जब भी तू बोलने लगेगा तू अपना नाम हमे बता देना ,
छोटे जो उस लड़के को नाम दिया था वो दोनों की तरफ देखकर पहले चुप रहा ,फिर वो बोला ,भाई में अपने बारे में कुछ नही जानता ,में जब होश में आया था अस्पताल में और डॉक्टर साहब मुझसे बात कर रहे थे ,मेरे बारे में वो सवाल कर रहे थे तबसे में परेशान हो गया था ,मुझे अपने बारे में कुछ भी याद नही आ रहा है ,मुझे अपना नाम तक याद नही आ रहा ,में किस तरह से जख्मी हो गया यह भी में नही बता सकता हु ,में खुद बहुत बड़ी परेशानी में हु भैया ,में कौन हूं ,कहा से हु ,क्या करता था ,मेरे परिवार में कौन होगा यह मुझे कुछ भी याद नही आ रहा है ,आप ही बताइए में क्या करूँ अब,
उस लड़के की बात सुनकर दोनों पहले चुप रहे फिर सौमित्र बोला ,छोटे कोई बात नही ,तू चिंता मत कर हम ट्रे बारे में जरूर पता लगा लेंगे ,मुझे तो इस बात की खुशी है कि तू बोल सकता है ,तुम्हारी परेशानी के बारे में हम आज ही जाकर डॉक्टर से बात कर लेंगे ,वो जरूर इसमें हमारी मदद कर सकेंगे ,फिर तीनो साथ मे निकले पहले उन्होंने रास्ते मे नास्ता किया और बाद में छोटे को लेकर पुलिस थाने गए वहां जाकर जब इंसपेक्टर को उन्होंने सारी बात बताई तो उसने भी छोटे से बहुत देर तक बाते कर के उसे टटोलता रहा कि शायद वो झूठ तो नही बोल रहा जब उसे पूरी तरह यकीन हो गया कि यह लड़का बिल्कुल सच बोल रहा है तो उसने छोटे को अस्पताल भेज दिया सौमित्र और मिलन के साथ ,उसने डॉक्टर को भी फोन करके सब बातें बताकर उसका एक बार चेकअप करने को कहा ,अस्पताल में छोटे का डॉक्टर ने बहुत देर तक चेकअप के बाद उससे बहुत से सवाल पूछे जिसकी वजह से वह इस बात पर कायम हूवा की छोटे के दिमाग मे चोटे लगने से उसकी याददाश्त चली गयी है ,उसने कुछ दवाइयां देकर उसे वापिस भेज दिया और एक महीने बाद वापिस आने को कहा ,डॉक्टर ने भी इंस्पेक्टर को पूरी बात फोन करके बता दी ,सौमित्र और मिलन छोटे को लेकर एक रास्ते के किनारे बने होटल में खाने को चले गए ,तीनों वहां बैठकर अपना खाना खा रहे थे ,तभी रास्ते पर उन्होंने कूछ लड़ाई झगड़े की आवाज सुनाई दी ,अब सौमित्र और मिलन दोनों ठहरे पुलिस वाले वो दोनों फौरन खाना छोड़ कर बाहर आ गए ,छोटे भी उनके पीछे आ गया था ,रास्ते पर एक लड़की को कोई बदमाश लड़के छेड़ रहे थे ,उसे गन्दी गन्दी गालियां दी रहे थे ,एक बदमाश लड़के ने हाथ पकड़के रखा था ,और वो उसे गालियां भी दे रहा था और उसकी पिटाई भी कर रहा था ,सौमित्र और मिलन ने जब उस लड़के कि शक्कल देखी तो दोनों भी सकते में आ गए थे ,वो अपनी जगह पर खड़े होकर चुपचाप सामने देख रहे थे ,अपने सामने दो पुलिस वालों को देख कर वो लड़की को अपने बचने की कुछ उम्मीद लगने लगी थी ,पर उन दोनों को भी अपने जगह पर एकदम चुपचाप खड़े देखकर वो लड़की उन्हें देखकर अपनी जान बचाने की गुहार लगाने लगी उसकी बाते सुनकर वो लड़का जिसने उसका हाथ पकड़ा था वो जोर जोर से हसने लगा ,ही ही ही ,कोई भी नही आ सकता मेरे सामने हरामजादी ,बाप हु में सबका ,यह तो सिर्फ पुलिसवाले है ,इनका अगर कमिश्नर भी मेरे सामने होता ना ,तो वो भी कुछ नही कर सकता ,उस शिवाय के लोगो ने बहुत दिनों तक हमे दबाकर रखा था ,पर अब वो भी नही रहा एक महीने से और ना उसके लोग ,अब फिर से हम लोगो का राज है ,कोई भी नही आएगा हमारे सामने अब ,इस एक महीने में हमने इतनी तबाही मचाई है कि अब हमारे सामने कोई भी नही आएगा ,अब इस कलकत्ता शहर का बाप हु में ,और तेरे जैसी फुलझड़ीया मेरे मजे के लिए है ,चिल्ला और चिल्ला में भी देखता हूं कौन तुझे बचाने आएगा ,है कोई माई का लाल जो जीवा के सामने खड़ा हो सके ,अरे सब नामर्द है यहां ,मेरे सामने सर ऊपर करने से भी इन सबकी फटती है ही ही ही ,
वो जीवा नाम का गुंडा अपने 10 से 12 साथियों के साथ खड़ा होकर जोर जोर से हस रहा था ,उसके पास खड़ी वो लड़की रो रो कर मदद के लिये गुहार लगा रही थी ,पर किसी मे इतनी हिम्मत नही हो रही थी उसे बचाने की सब लोग अपनी गर्दन नीची करके खड़े थे ,उन्हें बस जीवा की गन्दी हसी की आवाज आ रही थी ,पर अचानक जीवा की हंसी बंद हो गयी और एक दिल दहलाने वाली चीख वहां गूंज उठी ,सबने अपनी आंखें खोलकर सामने देखा तो उन सबकी सांसे थम सी गयी थी ,सामने मंजर ही इतना भयानक था ,सामने जीवा पड़ा था पर वो मरा हूवा था ,उसके बदन के दो टुकड़े हो गए थे ,उसकी दोनों पैरों को बीच मे से चीरकर उसे मार दिया था ,पर एक पल मे यह किसने किया यह किसे समझ मे नही आ रहा था ,जिस लड़की को जीवा ने पकड़ा था ,वो भी अपने सामने खड़े शख्स को देख कर एकटक देख रहीथी ,उसके आंखों के सामने जीवा को एक पल में चिर दिया था उस शख्स ने ,उस शख्स की आंखे एकदम गुस्से से लाल हो गयी थी ,उसने जीवा के साथ जो बदमाश थे उनकी तरफ देखकर कहा ,बहुत शौक है ना ,तुम लोगो को हसने का आज में तुम्हे मौत की हसी दिखाता हु ,जिसे देखकर तुम भी सुधर जाओगे और तुम्हारा हाल देख कर तुम्हारे जैसे भी सुधर जायँगे ,उस शख्स ने अपनी बात पूरी करने के बाद उन सभी बदमाशो की इतनी बुरी तरह से पिटाई शुरू कर दी के सब की बोलती ही बंद हो गयी थी ,सब बदमाशो को उसने बस अपने हाथ और पाव का इस्तेमाल करके ही बुरी तरीके से मार दिया ,फिर सामने खड़ी भीड़ की तरफ देखकर वो एकदम गुस्सा होकर दहाड़ पड़ा ,अरे नामर्दो ,तुम्हारे सामने एक लड़की को 10 से 12 लोग इतनी बुरी तरह से मार रहे थे ,तुम सब मिलकर यहां पर 500 से ज्यादा हो ,फिर भी डर के आगे नही आ पाए ,अरे थूकता हु में तुम सबपर ,जाकर अपने हाथों में चूड़ियां पहन लो ,आज के बाद अगर किसीने ने भी किसी बेगुनाह को तकलीफ दी तो में उसे इसी तरह जान से मार दूंगा ,कोई भी अपने आप को इस शहर का दादा समझ रहा होंगा तो वो मेरी बात सुन ले आज के बाद हर जरूरतमंद के पीछे खड़ा होने वाला भी कोई है ,जो कोई अपनी हद पार करने की कोशिश करेगा वो दुनिया की हद पार कर जाएगा मेरे हाथों से ,अपनी बात कहकर वो एक तरफ चला गया ,उस शख्स के जाने के बाद सब लोग भी इधर उधर हो गए ,सौमित्र और मिलन तो कबसे उस शख्स का पीछा कर रहे थे ,एक जगह वो थोड़ा तेज चलते हुवे उसके पीछे पहुचकर उसे बोले ,छोटे अरे भाई रुक जा कहा जा रहा है तू ,यह आवाज सुनकर वो शख्स भी रुक गया जो कोई और नही अपना छोटे ही था ,अपने पीछे सौमित्र और मिलन को देख कर बोला ,भैया मुझे माफ़ करना ,पता नही मुझे क्या हो गया था ,पर उस लड़की की मदद के लिए गुहार सुनकर में पता नही क्या कर बैठा ,मुझे तो समझ मे नही आया यह कैसे हो गया ,उसकी बात सुनकर मिलन और सौमित्र कुछ देर चुप हो गए फिर कुछ देर बाद वो दोनों छोटे को एक गाड़ी में बिठाकर घर ले आये और उसे एक कमरे में आराम करने को भेज दिया ,
सौमित्र और मिलन दोनों एकदम खामोश थे ,दोनों अपनी अपनी सोच में गुम थे ,यह खामोशी मिलन ने तोड़ी ,वो बोला ,देख भाई सौमित्र में तुझे यह बात पहले ही बता दे रहा हु ,तू अपने छोटे ने जो आज किया है उसकी बात किसी को भी नही बतायेगा ,भले उसने सबको जान से मार दिया है पर वो सभी लोग इसी लायक है ,शिवाय के चले जाने के बाद आज पहली बार किसी दरिन्दे को मरता देख में बहुत खुश हूं ,में नही चाहता कोई भी अपने छोटे तक पहुचे ,उसने आज उस लड़की की जान बचाकर बहुत सही काम किया है ,मिलन की बात सुनकर सौमित्र हसने लगा ,भाई में तो यह सोच रहा था क्यो ना वापिस शिवाय को जिंदा किया जाये,
मिलन ,में कुछ समझा नही सौमित्र ,तू क्या कहना चाहता है ,
सौमित्र ,देख मिलन कोई भी नही जानता था कि शिवाय कौन था ,और उसकी फौज में कौन कौन था ,पर जो काम शिवाय ने किया था उसकी वजह से दुनिया मे सुकून था पर जब से शिवाय गायब हो गया है ,सब दरिंदे वापस सब जगह पर आतंक मचा रहे है ,आज की घटना को हम शिवाय से जोड़ देंगे ,अखबार और टीवी में जब यह बात फैल जाएगी कि शिवाय वापिस आ गया है ,सब बदमाश डर जायँगे ,जिस तरह शिवाय ने जीवा और उसके साथियों का हाल किया हैं ,वैसा तो कभी शिवाय ने भी नही किया था ,कितनी बुरी तरह से मारा है सबको छोटे ने ,हम यही बात फैला देंगे कि सब करने वाला शिवाय है ,और आज के इस छोटे को हम शिवा कहकर पुकारा करेंगे ताकि किसी को शक ना हो ,चलो सबसे पहले हम वहां जाकर देखते है ,वो एरिया भी अपने थाने के अंदर ही आता है ,जितने सबूत हमे मिलेंगे छोटे की पहचान करने वाले वो सब हम मिटा देंगे ,बहुत हो चुका है ,इन सब बदमाशो को ,अब हम इनको दिखायंगे की जब पुलिस अपने पे आती है तो क्या कर सकती है ,दोनों ने फिर वही किया जो सोचा था ,जब यह खबर सब जगह फैल गई कि शिवाय वापिस आ गया है ,सब तरफ सनसनी मच गई ,आम लोग बहुत खुश हो गए थे और बदमाश और गुंडे लोगो को फट चुकी थी ,उन सबको अपनी मौत नजर आने लगी थी ,पर जिस छोटे या शिवा के नाम पर यह खबर चल रही थी वो मिलन और सौमित्र के घर मे सबसे बेखबर सुकून से सो रहा था ।
Chote n tow sabki chot choti boti ker di
Zaberdast shaandaar update bhai
 

sunoanuj

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Godly paaji next update kab tak aayega?
 

ANUJ KUMAR

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Update1

मुम्बई का एक नामी बिजनेसमैन अपनी बीवी और उसके ** साल के बच्चे के साथ गर्मियों की छुट्टी बिताने के लिए हिमाचल घूमने आया था , मनोज देसाई और उसकी बीवी नीता दोनो बहोत खुश थे , इसकी वजह यह थी कि बेटा होने के बाद और काम की वजह से वो 4 सालो से कहि घूमने गए नही थे , लेकिन आज वो अपने बेटे के साथ अपनी मनपंसद जगह पर आये थे, मनोज एक स्टील के बड़ी कंपनी का मालिक था ,पैसा बहोत था उसके पास लेकिन वो दिल का भी उतना ही अमीर था और उसकी बीबी निता भी उसके जैसी ही थी, देखा जाए तो एक दूजे के लिए दोनों बने थे, उनको छोटे बच्चों से बहोत लगाव था और उसकी वजह थी उनके शादी के 5 साल तक कोई संतान न होना
लेकिन उनको इस बात का कोई गम नही था , उन्हें भगवान पर पूरा भरोसा था कि उन्हें मा बाप बनने की खुशी जरूर मिलेगी , ना तो मनोज में कोई कमी थी ना नीता में कमी थी तो बस किस्मत की , और ऐसी बातों को भूलकर मनोज और नीता ने मुम्बई में एक अनाथ आश्रम खोल दिया था दोनो अपना खाली वक्त वही बिताते और वहां के छोटे बच्चो में अपना प्यार देते रहते, उन्ही नन्हे भगवान की दुवा कहिए कि नीता को एक बेटा हो गया , पर बेटा होने के बाद भी मनोज और नीता ने अनाथ आश्रम को और ज्यादा प्यार देते थे
मनोज और नीता आज अपने तीन साल के बेटे के साथ जिसका नाम मनोज ने अपने पिता के नाम पर रखा था विजय,( कहानी का हीरो या बदनसीब)
अपने कुलदेवता के पास दर्शन करने आये थे , माता के मंदिर में दर्शन करके ,वहां के गरीबो को अपने बेटे के नाम से बहोत बड़ा भंडारा करवाया ,भोजन के साथ कपड़े भी बाट दिए और मन्दिर के पुजारी के कहने पर वहां के लोगो लिए एक अस्पताल ,स्कूल और अनाथ आश्रम भी खोलने का वचन दिया , वचन देके वो वहां से गये नही बल्कि जबतक वह बन नही जाते तबतक वही रुक कर वह 3 महीने में पूरा कर दिया ,और उसका खर्च के लिए एक बडी रकम बैंक में जमा करके उसके ब्याज पर सारा खर्चा हो इसका इंतजाम भी कर दिया,
औऱ उसका सारा भार मन्दिर के पुजारी के हवाले कर दिया
उस गांव का नाम था भवानि गढ़ और मंदिर के पुजारी थे जगत राम जी जो कि एक बहोत ही बड़े पंडित के साथ भले आदमी थे ,मनोज का एक बहोत बड़ा पुश्तेनी घर भी उसी गांव में था, वह तो बस अपने काम की वजह से ही मुम्बई रहता था नही तो उसको अपने गाँव से बहोत लगाव था , नीता को वह मुंबई में ही मिला था कॉलेज पढ़ते समय और दोनो में प्यार और शादी मुम्बई में ही कर ली,निता भी एक बड़े घर की बेटी थी उसका भी एक बड़ा परिवार था 3 भाई , 2 बहने ,नीता सबसे बड़ी थी ,उसके पिता का कपड़े के कारखानों के मालिक थे, उनका बिजनेस पूरे हिन्दुस्तान में फैला हुवा था ,मनोज के पिताजी भी बहोत बड़े जमींदार थे, और उनका भी स्टिल का कारोबार था, और मनोज के 2 बड़े भाई थे वो सारा काम देखते थे
सबसे बड़े भाई का नाम मुकेश वो दिल्ली में रहता था ,उससे छोटा मिलिंद भी दिल्ली में रहकर अपने बड़े भाई के साथ कम्पनी में काम देखता था, तीनो भाई एक दुसरे से बहोत प्यार करते थे, और मनोज तो सबका बचपन से लाडला था ,उसको मुम्बई पढ़ने उसके कहने पर ही भेजा था क्योंकि मनोज को मुंबई में रहकर देखना था ,और उसके पिताजी भी मुंबई से ही पढे थे तो उसका बचपन से एक ख्वाब था कि अपने पिताजी की तरह वो भी वही से कॉलेज करे
अब आते ही कहानी की तरफ आज भवानीगढ़ में स्कूल अस्पताल और अनाथालय का काम पुरा हुवा था और उसका उद्धाटन के समय मनोज और नीता के दोनों के सब घर के लोग वही आये थे
मुकेश ,मुकेश की बीवी शांति उनकी 3 बच्चे थे
पूनम **साल
मोना ** साल
पायल ** साल
मिलिंद ,और उसकी बीवी सिमा उनके 2 लड़कियां थी
रीमा **साल
नेहा ** साल
निता के पिताजी और माँ
नीता के भाई
रोहित उसकी बीवी मनीषा उसकी एक बेटी थी
रिना ** साल
रितेश और उसकी बीवी हेमा उनकी भी एक बेटी थी
मधु **साल
सबसे छोटा भाई राजन उसकी अभीतक शादी नही की गई थी
छोटी बहन नीलम उसका पति अशोक उनके 2 बच्चे थे
रोमा * *साल
दिया **साल
सबसे छोटी बहन नन्दिनी उसकी पति शुभम ,और एक बेटी जूही **साल की
वहां पर सिर्फ मनोज के पिताजी और माँ नही थी , आज से 10 साल पहले एक कार दुर्घटना में दोनों नही रहे थे
आज बहोत दिनों बाद सब एक साथ थे ,सब बहोत खुश थे और सब लोगो के कहने पर विजय के हाथो से ही रिबन काट कर अस्पताल, स्कूल और अनाथ आश्रम का उद्घाटन किया गया !
शाम को सब लोग आराम करने अपने पुराने घर पर आ गए ,रात के खाने के साथ सब लोग अपनी बातों में लगे रहे ,फिर सब लोग अपने कमरो में सोने चल दिए ,वो घर इतना बड़ा था कि उसके अंदर 30 से ज्यादा कमरे थे, दो मंजिल वो मकान मनोज के दादा ने बनाया था , आज भी वह इतना पुराना होकर भी ,किसी राजमहल जैसा था, और वह हमेशा वैसा ही रह इस लिए उस घर मे काम करने के लिए बीस से ज्यादा नौकर काम करते थे,वो घर के काम के साथ मनोज और उनके भाई लोगो की खेती का काम भी देखते थे,जब तक मनोज के माता पिता जिंदा थे वही सब काम नोकरो से करा लेते थे, लेकिन उनके मरने के बाद सब काम उनका सबसे पुराना नोकर भीमा ही देखता था,उसकी 3 पीढयों से वह मनोज के परिवार के पास काम करतें थे, और आज भी भीमा पूरी ईमानदारी से सब काम करता था,मनोज और उसके भाई कभी भीमा को नोकर नही बल्कि अपना एक भाई ही मानते थे, भीमा उसकी बीवी कांता के साथ वही बने एक घर मे रहता था ,
रात के पहर में सब अपने कमरे में सो रहे थे पर एक कमरे में जोरदार चुदाई चालू थी
एक आदमी औरत के ऊपर चढ़कर उसके 7 इंच के लंड से उसकी चूत में किसी कुते की तरह उसको चोद रहा था और वह औरत भी अपनी टाँगे उठाकर उसको और जोर से चोदने को उकसा रही थी, करीब 5 मिनिट में ही वह अपना पानी उसकी चूत में छोड़ दिया और वह औरत बस अपनी चुत की की आग ठंडी नही होने से चिढ़ गयी और उसने उस आदमी को एक छाती में लात मार कर पलँग से नीचे गिर दी,
साले हरामी तू मुझे ठीक से ठंडा नही कर पाता है ,5 मिनिट नही टिक पाता तु मेरी चुत के आगे ,
तू क्या नीता को चोदेगा
में अपने पति को नींद की गोली देकर तुज़से अपनी चुत की आग ठंडी करने आयी थी ,लेकिन तू कुछ काम का नही है
चल और जबतक मेरी आग ठण्डी नही होती तब तक मेरी चुत चाट ,वो आदमी बिना कुछ बोले उसकी चुत चाटने लगा ,और वह औरत अपनी चुत में चाटते देख कर खुश हो गई ,जब तक वह उसकी चुत ने अपना पानी नही छोड़ा तबतक वह उसके सर को अपनी टांगो में दबा के रखी और पूरा चुत का पानी उसको चाटकर साफ करने को बोली ,पूरा काम होने के बाद वो बोली सुन भड़वे अगर कल तूने कोई अपने काम मे गलती की में तुझे जिंदा नही छोडूंगी , में तेरा लन्ड काट कर तुझे हिजडा बना दूंगी और जबतक तू जिंदा रहेगा तब तक मेरे भाई के आदमी तेरी गांड मारते रहेंगे
कल किसी भी कीमत पर मनोज ,नीता और वह हरामी का पिला विजय मरने चाहिए, अगर उन तीनों में से कोई भी जिंदा बचा तो तू भी नही बचेगा, चल जा अब अपनी बीवी के पास
वह आदमी सब बात सूनकर वहा से अपने कमरे में चला गया, और वह औरत अपने मन मे बोली मनोज काश तुम मेरी बात मान जाते ,मैंने तो तुम्हे बस कभी कभी मेरी तन की प्यास पूरी करने को कहा था पर तुम ने मुझे ठुकरा कर बहोत बड़ी गलती कर दी ,अब इसकी सजा तुम को मरकर चुकानी होगी
Nice update
 

masterji1970

मम्मी का दीवाना (पागल)
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बहुत खूब, दोस्त आपकी लेखनी में तो जादू है / मैं तो कहानी को पड़कर मन्त्र मुग्ध हो गया /
उम्मीद है नया अपडेट जल्द मिलेगा /
एक बार फिर से अभिनन्दन //
 
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अगले अपडेट का इंतजार है
 

Naik

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Agle update ka intizar h bhai
 
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ANUJ KUMAR

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Update 3
शांती मनोज की बाते सुनकर खुद का वजूद ही भूल गई थी ,वो तो बस अपनी आंखों से निरन्तर पानी बहाये जा रही थी उसको यह तक भान नही था कि वह मनोज का लंड दोनो हातो से पकड़ी वैसी ही बैठी हुई है,
मनोज तो नशे में अपने सामने कोंन यह भूल कर उसके हाथों में अपने लंड को सिर्फ पकड़े रहने से चिढ़कर शांति को अपने ऊपर खीच लिया, मनोज अभी सिर्फ 12 वी की क्लास में था उसकी उम्र महज 20 साल की थी ,लेकिन अभी से वह एकदम मजबूत शरीर का मालिक था , मनोज के घर के सभी मर्द 6 फुट के लम्बे थे ,उसकी वजह थी उनके पिता विजयजी उनकी कदकाठी साढ़े 6 फिट के आसपास थी , उनके जैसा मजबूत और ताक़दवर इंसान पूरे भवानीगढ़ में तो क्या आस पास के 50 गाँव मे भी नही था, विजयजी की तरह उनके बेटे उनकी तरह मजबूत ,लम्बे चौड़े कदकाठी के थे ,मनोज तो तीनो भाइयो में सबसे ऊंचा निकला था और उसका बदन भी किसी पहलवान की तरह ही मजबूत था,
मनोज ने शांति को अपनी बाहों में भरकर उसके होठो को अपने होठों में लेकर चुसने लगा , शांती का तो होश तब आया जब मनोज के हाथ उसके गांड पर महसूस हुवे , मनोज अपने मजबूत पंजो में शांति की गांड निचोड रहा था ,कब उसने शांति के बदन से बाथ गाउन हटा दिया ये शांति को समझ ही नही आया ,वो तो बस मनोज की बाहों में कसमसा रही मनोज कभी उसके होंठ चूसता तो कभी गाल चाटता ,तो गर्दन चुम रहा था , शांति को क्या करे यही समज़ नही आ रहा था ,मनोज ने उसे अपने चूमने से,और उसके हाथोने की हुवी उसकी गांड की और चुत की मालिश से वह बहोत ज्यादा गर्म हो गई थी उसकी चुत तो इतनी गीली हो गई थी कि उसके चुत के पानी से मनोज की कमर और उसका लंड दोनों पर बरस रहा था,
एकाएक उसने शांति को पकड़ कर घुमा दिया और 69 की स्थिति में आ गया , शांति कुछ समझ पाती उससे पहले ही उसकी चुत पर अपने होठों को लगाकर और अपनी जीभ उसके चुत में डालकर मनोज उसकी चुत चुसने लगा ,मनोज की इस हरकत से शांति को ऐसा लग रहा था कि मानो कोई उसकी जान उसके चुत से खींच रहा हो, वो तो पहली बार जिंदगी में अपनी चुत चुसने का सुख ले रही थी, उसकी आंखे बंद हो गई थी, उसको तो पुरे बदन पर रोये खड़े हो गए थे, उसके मुंह मे प्यास के वजह से जुबान सुख गई थी ,कब वो अपने चर्मोत्कर्ष पर पहुंचे ऐसा उसे लग रहा था, और उसका पूरा बदन अकड़ गया और उसकी चुत ने इतना पानी निकाला था जितनो वो दस बार चुदने के बाद निकलता हो,
शांति तो किसी ऐसी दुनिया मे पहोंच गई थी जहा उसे अपना बदन बहोत हल्का और उसकी अंतरात्मा भी एक सुकून में आई थी ,ये सुकून उसे आज पहली बार मिला था, मुकेश ने आज तक शांति की चूत नही चाटता था ,उसको पसन्द नही था चुत चूसना ,और वो अपना लंड शांति को हमेशा चोदने से पहले चूसने को बोलता , शांति ने कभी मुकेश का मन नही दुखाया , मुकेश जो उसे बोलता वो मान जाती उसके लिए मुकेश उसका पति नही भगवान था ।
पर आज होली के दिन अनर्थ हो गया था ,शांति आज उसके पति के बजाय उसके देवर के बाहोंमे विवस्त्र पड़ी थी, वो एक अलग दुनिया मे ही थी लेकिन जब मनोज ने शांति की बड़ी और नरम गांड को दोनो हाथसे पकड़ कर उसके गांड के लाल छेद में जुबान डालने लगा और उसकी गांड चाटने लग गया, शांति तो क्या करे यह समझ नही आ रहा था, पहली से चुत चुसने से जो आनंद उसे मिला था उसकी तरंगे उसके बदन में उठ रही थी कि अचानक अपने अंदर एक और बदन को काटने वाली एक और लहर उठ गई ,इस बार वो इतनी मचल रही थी क्या बोले क्या करे उसे समझ नही आ रहा था और कब उसने मनोज का लंड पकड़ कर अपने मुह में ले लिया और उसे चुसने लगी ये उसको पता ही नही चला ,मनोज के लंड को वह दोनों हाथों से पकड़कर पूरा अपने गले तक उतार के चूस रही हो ,उसके गले की प्यास और बढ़ गई थी ,उसको भुजाने के लिए वो अपनी जीभ मनोज के लंड के टोपे पर बने छेद में डालने और उस छेद को बहोत शिदत से चाटने लगी ,मनोज भी ज्यादा देर इतनी गर्म लंड चूसें जाने से शांति के मुह में झड़ने लगा ,मनोज का वीर्य बहोत गाढ़ा और गर्म था ,शांति तो उसके वीर्य को पूरा गटक गई ,उसे वो इतना पसंद आया था कि वह जब उसके मुह में मनोज अपना वीर्य छोड़ रहा था तो वो भी अपनी चुत से पानी छोड़ रही थी, मनोज का लंड पूरा अपनी जीभ से चाट के साफ करके मनोज के पाव के पास लुढ़क गई,
शांति तो अपने आप को काबू में करने की कोशिश कर रही थी, अभीतक जो हुवा था मनोज और उसके बीच ,वो यही सोच रही थी क्या कर बैठी वो , लेकिन वो और कुछ बोल पाती या पलँग से उठ पाती उससे पहले मनोज के लंड का स्पर्श उसे अपनी चुत पर होने लगा ,उसको मनोज ने घोड़ी बनाके अपना लंड उसकी चुत में ठोक दिया मनोज के तगड़े लंड ने शांति की चुत की गहराई तक खुदाई कर डाली मनोज के मोटे लंड की वजह से उसके चुत का छल्ला ऐसे फैल गया था कि बस , शांति तो लैंड जब चुत में घुस रहा था ,तभी अपना मुह अपने दोनो हाथो से दबाली थी नही तो उसकी आवाज सूनकर पूरा गांव उनके घर पर जमा हो जाता, अपना मुह दबाकर वो मनोज के लंड को अपनी चुत में झेलती रही ,मनोज लगातर किसी घोड़े की तरह शांति के चुत में कोहराम मचा रहा था, वो शांति की नरम चुत और उसकी गर्मी और एकदम टाइट चूत जितनी उसको अलग अहसास दिला रही थी ,उसके लंड को शांति की चुत इतना सुकून दे रही थी , की उसका लंड भी शांति की चुत को कुछ देना चाहता था और वही देने के लिए वो दनदनाता वो शन्ति की चुत में गर्म गर्म पिचकारी छोड़ने लगा ,और शांति की चुत भरने लगा , शांति भी अपने चुत में मनोज के पानी को पाकर गनगना गई ,मनोज तो एक बार ही झडा था लेकिन शांति कितने बार अपने चुत का पानी इस चुदाई में निकाली थी ये उसको ही नही पता था ।
मनोज का नशा अभी तक उतरा नही था वो शांति को अपने पास खिचके वापस उसके ओठ चुसने लगा और बोलने लगा मामी आज आप को चोदने में बहोत मजा आया ,पता नही ये भांग पीने से हुवा लेकिन आज आप की चुत का पानी पीकर मेरा मन भरा ही नही आपके गांड का रस तो जैसे में पहली बार पिया हु ऐसा लग रहा था ,आपकी चुत ने आज मेरे लंड को भी पिघला दिया ,आपकी चुत के सामने में पहली बार हार गया ,नही तो में हमेशा आप की गांड में ही झडता था , आज आप की चुत तो मेरे लंड का पानी निकाल ही ली, आप जो बोलेगी वो में करने को तैयार हूं लेकिन आप वादा कीजिये कि मुकेश भैया कभी बाप नही बन सकते यह बात आप भैया और भाभी को कभी नही बतायेगी , अगर भैया को मालूम हुवा तो वो जान दे देंगे और मेरी भाबी भी जिंदा नही रहेगी ,में दोनों को बहोत चाहता हु ,उनको अगर कुछ हुवा तो हमारा परिवार बर्बाद हो जाएगा , आपको मालूम है मेरी भाबी को बच्चे कितने पसन्द है, आज हमारे पास इतना पैसा है लेकिन वो पैसा क्या काम का जो हमारे भाई की बीमारी ठीक नही कर सकता , आपने तो विदशों में भी उनकी फाइल दिखाई थी वहा के डॉक्टरों ने भी बता दिया है कि ,कितना भी पैसा खर्च करो ,कोई फायदा नही होगा, आप बस अपना मुह बन्द रखे बाकी में देख लूंगा क्या करना है, आप अपनी बेटी को बहोत प्यार करती है यह बात में जानता हूं और आप जो मुझे करने को बोल रही है वो गलत बात है, में भाबी को कभी धोखा नही दूंगा , में उनको नीद की गोलियाँ खिलाकर चोद कर मा बना दु , यह काम मे कभी नही करूँगा , भाभी मुझे इतना प्यार करती है ,मेरी माँ भी मेरा नही करती इतना मेरी भाभी करते रहती है में उन्हें कैसे धोका दे सकता हु , मुकेश भैया के साथ मेने मिलिंद भैया और मेरा भी रिपोर्ट लैब से चेक करवाए , उसमे बस मेरा ही रिपोर्ट में कोई प्रॉब्लम नही थी और मेरे दोनो भाई कभी बाप नही बन सकेंगे यह बात मुझे बहोत दुख देती है
मेरे मा बाप को जब यह मालूम गिरेगा तो क्या होगा यह सोचकर ही मेरी रूह कांप उठती है , अगले महीने मिलिद भैया की शादी भी पक्की होने वाली है ,उनके होने वाली बीवी की जिंदगी भी बर्बाद होने वाली है, में चाहके भी सिमा भाभी को सच नही बोल पाऊंगा, सिमा भाबी तो मेरे ही उम्र की है, सीमा भाबी तो मुझे अपना देवर नही एक भाई मानती है, शांति भाभी ,सिमा भाबी को अपनी बहन ही मानती है,
में क्या करूँ यह सोचके मेरा दिमाग काम करना बंद हो गया है, 3 महीनों से में अपने सारे गम छुपा कर जी रहा हु, और कभी लगता है आप की बात मान कर भाबी को उनके नींद में चोद कर गर्भवती बना दु ,
शांति चुपचाप मनोज की बाते सुनती रही उसने सब बातें सोचकर अपने मन मे एक फैसला किया और मनोज को अपनी बाहों में जकड़ कर उसके लन्ड को अपनी मुठी में पकड़कर अपने चुत पे लगा के खुद एक झटका मारकर अपने अंदर ले ली ,मनोज के साथ उस रात भर वो अपनी चुत मरवाती रही ,मनोज ने 3 बार और शांति की चुत में अपना पानी भर दिया ,जो उसकी चुत में जाके शांति के तनबदन के साथ उसकी आत्मा को सुकून दे रहा था ,यह रात शांति के जीवन मे मनोज को वो स्थान दिया था जो किसी का नही था उसके पति मुकेश का भी नही
Fabulous update
 
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