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Incest जिन्दगी ## एक अनाथ की##

ANUJ KUMAR

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Update 6
दिल्ली के होटल में मिलिंद और सिमा की शादी बड़े धूम से हो रही ,उस पूरे हॉटेल को किसी दुल्हन की तरह सजाया गया था, दिल्ली की सब बड़ी हस्तियां वहा शादी में मौजूद थी, मिलिद और सिमा दोनो तो शादी के जोड़ो में बहुत जच रहे थे आज उन दोनों की आखों में एक अलग ही खुशी थी , जिसे बयान करना मुश्किल था ,सिमा तो किसी परी की तरह ही दिख रही थी हर कोई मिलिद के किस्मत की तारीफ कर रहा था ,सिमा थी ऐसी कयामत 30 27 32 की उसकी फिगर किसी का भी मन डोलने की लिए काफी थी,सबसे हसीन तो उसकी आँखें थी ,नीली किसी समंदर की तरह और उसका चेहरा ऐसा की किसी का मन मोह ले,
मनोज शादी में अपने बड़े भाई और भाभी के साथ खड़ा था, शादी से पहले शांति ने उसे बता दिया था कि सिमा को मिलिद के बारे में सब जानते हुवे भी शादी को राजी हो गई ,वो कभी मिलिद को उसकी कमी नही बतायेगी ,शान्ती ने यह भी बताया थी उसने सिमा को शांति के पेट मे पलने वाले बच्चे के बाप का सच भी मेने बता दिया है, वो कभी यह बात किसको नही बोलेगी, मनोज के नजर में सिमा की इज्जत और बढ़ गई थी जो उसके भाई से इतना प्यार करती है कि उसने अपनी जिंदगी के बारे में सोचे बिना मिलिद के लिए यह फैसला लिया था ,
शादी होने के बाद उनके गांव में भी पूजा रखी थी उस पूजा के बाद हजारो लोगो को खाना के लिए दिया गया था, आसपास के 50 के लोग वहा मौजूद रहे थे, उनके घर मे तो जैसे खुशियों का ही दौर आया था पहले शांति के मा बनने खबर और अब नई बहू का आगमन विजयजी और कामिनी की खुशी का तो ठीकाना नही था,
मनोज के कॉलेज का एडमिशन हो गया था वो अब इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने जाने वाला था , अब शन्ति के साथ सिमा भाबी के आने से कामिनी जी का भी आराम मिल गया था , मनोज ने मुंबई जाने से पहले सब से आशीर्वाद लिया उसे मुंबई छोड़ने सिमा भाबी और मिलिद साथ। गए थे वहा मनोज का एडमिशन और रहने का इंतजाम कॉलेज के ही होस्टल में कर दिया था ,उसके मुंबई छोड़ कर सिमा और मिलिद गाव वापिस आ गए थे, मनोज घर मे सबका लाडला था ,उसके मुंबई जाने का सब को दुख था लेकिन मनोज के बचपन से मुंबई में पढ़ना था इसलिये सब यह बात मान गए थे , कुछ दिन बाद शान्ती ने एक बेटी को जन्म दिया , विजयजी ने पूरे गाँव को मिठाई बांटकर इसकी खुशी मनाई थी, मनोज भी मुंबई से आकर अपने परिवार के खुशी में शामिल हुवा था , उसका नाम पूनम रखा गया , बच्ची दिखने में बहुत सुंदर थी ,विजयजी को तो घर मे नया खिलोना मिल गया था ,कामिनी और विजयजी तो पूनम के अपने पास ही रखते थे ,ऐसी ही हँसी खुशी में 2 महीने निकल गए
विजयजी के परिवार पर किस्मत मेहरबान थी उनके घर मे सब कुछ अच्छा चल रहा था ,लेकिन एक दिन विजयजी और कामिनी जी अपने गाड़ी से किसी काम के सिलसिले में जा रहे थे , की उनकी कार का एक्सीडेंट हो गया ,उनकी कार को इतनी बुरी तरह तेल के टैंकर ने कुचला था कि उनकी लाशें पहचान पाना भी मुश्किल था, उनके परिवार को जब यह खबर मालूम हुवी तो सबपे दुखों का पहाड़ गिर गया था , सबसे बुरी हालत तो मनोज की हुवी थीं, उसे तो यकीन ही नही हों रहा था कि उसके मा बाप नही रहे ,लेकिन किसी को तो इस मुश्किल घड़ी में मजबूती से परिवार को संभालना था ,यह काम मुकेश और शान्ती ने किया अपने दुख अपने अंदर समेटकर दोनो ने पूरे परिवार को संभाला लिया ,मिलिद और सिमा को भी अपनी जिम्मेदारियों का एहसास था वो भी मुकेश भैया का इस मुश्किल घड़ी में साथ दे रहे थे, मनोज तो पूरा टूट गया था लेकिन शांति ने उसे अपने प्यार से इस गम से बहार निकाल लिया , मुकेश और मिलिद तो मनोज को वापीस मुम्बई भेजने को तैयार नही थे ,लेकिन शांति के कहने पे वो आखिर यह बात मान गये, लेकिन मनोज को उन्होंने मुंबई अकेले नही जाने दिया एक महीना मिलिद और सिमा उसके साथ मुम्बई में ही रहे और बाद में शांति और मुकेश उसके साथ रहे और जब उन्हें लगा कि मनोज अब पहले से बेहतर है वो वापिस गाव आ गए लेकिन हर शनिवार और रविवार कोई ना कोई मनोज के पास जाकर ही रहते थे
जंगल के अंदर आलीशान घर बना हुवा था ,उस घर के आसपास 10 फुट की चारदीवारी बनी हुवी थी और चारदीवारी में किसी किल्ले की दरवाजे की तरह ही मजबूत गेट बना हुवा था ,उस मकान में रहनेवाले कोई खास ही था ,क्योंकि गेट पर बंदूक लिए पहरेदार थे ,वो सब पहरेदार ऊँचे, तगड़े किसी को भी मारने के लिए उनके हाथ ही काफी थे ,बंदूक का इस्तेमाल करने की भी उनको जरुरत न पड़े ऐसे दिखते थे
उस घर में बने एक बेडरूम में पलँग पर एक बहोत ही गदराई बदन की औरत पूरी नंगी अपनी बड़ी गांड मरवा रही थी उसकी 42 की मतवाली गोल गांड में 9 इंच लम्बे और 3 इंच से ज्यादा मोटे लन्ड किसी मशीन की तरह घुस के अंदर तक जा रहा था ,जब जब उसकी गांड में पूरा लन्ड घुसता तब किसी आलू की तरह मजबूत उस आदमी के आंड उसकी चुत से टकराते थे ,उसकी लटक रही बड़ी चुचिया पकड कर वो आदमी उन्हें अपने पंजो से मसल कर लाल में कर रहा था, उस औरत की चुत से पानी रिसकर उसकी जांघो को पुर गिला कर रहा था ,उस औरत की मुह से निकल रही कामुक आवाजे यह बता रही थी कि उसको कितना आनंद मिल रहा है ,जाने कबसे वह अपनी गांड में उस मूसल को झेल रही थी इसका अंदाजा दोनों के पसीने से लथपथ बदन से चल रहा था ,उसको अपने गांड में जाने वाला लंड थोड़ा और फूलके मोटा महसूस हो रहा था और एकदम उसे अपने गांड में एकदम गरमा गरम वीर्य की बौछार महसुस होने लगी ,उस मूसल ने उसके गांड में इतना पानी छोड़ था कि उसकी गांड के अंदर भरकर कुछ उसकी गांड से नीचे टपक रहा था ,जब उस आदमी ने अपना लंड ऊसकी गांड से निकाला तो वो बिस्तर पर गिर गई और उसकी गांड से पानी निकलकर
बिस्तर पर गिरने लगा था, वह आदमी ने पहले बाथरुम में जाकर पेशाब की अपने लंड को धोया और कपड़े पहनके बिस्तर पर आकर उस औरत के बालों को प्यार से सहलाने लगा , उस औरत ने आदमी हाथो को पकड़ा और प्यार से चुम लिया, बाद में वह बिस्तर से उठकर धीरे धीरे कदमो से बाथरम जाकर नहा धोकर बाहर आई और अपने कपड़े पहन कर पानी पीने लगी उसने उस आदमी को भी पीने को पानी दिया और उसके साथ आकर बैठ गई ,
उस आदमी ने उस औरत से पूछा ,कामिनी तुम आज खाना खाकर सो जाओ ,में रात को आज जगतराम को मिलने मन्दिर जाने वाला हु
वो बोली ,ठीक है लेकिन जल्दी आना विजयजी ,आप को पता है कि इस घर के बारे में किसी को मालूम नही है ,हमे कुछ दिन यही रहना है अगर सुल्तानभाई को पता चला तो वो नाराज हो जायेगा कि आप उसके बिना गाव में गये थे, वो आपसे कुछ नही कहेगा लेकिन मुझसे झगड़ा करने लगेगा कि मैने आपको कैसे जाने दिया
भीमा गाडी लेकर आया है बाहर तुम चिंता मत करो , सुलतान को बिना बताए भीमा नही आया होगा
मनु के बारे में सोचकर मुझे बहोत बुरा लग रहा है ,उसकी दुःख से भरी आँखे देखकर लगता है कि उसे जाकर बोल दे कि उसके मा बाप मरे नही जिंदा है, लेकिन आपकी कसम ने मुझे रोक रखा है
कामिनी मेने यह सब अपने लिये नही अपने बच्चों की जान बचाने के लिये ही किया है ,अगर हम दोनों जिंदा है यह बात हमारे दुश्मनो को मालूम हुई तो सब की जान को खतरा हो सकता है
आप जल्दी कुछ कीजिए विजयजी में अपने बच्चों से ज्यादा दिन दूर नही रह सकती ,जगतभैया तो कितने ग्रन्थों को पढ़े है ,उन्हें तो मालूम ही होगा ना मन्दिर में ऐसी कोनसी चमत्कारी चीज है जिसके पीछे हमारे दुश्मन पड़े है
नही कामिनी उसे भी कुछ मालूम नही है ,उसके बारे में सिर्फ हमारे पिताजी और जगत के पिता ही जानते थे , उन्होंने बस उससे निकलने वाला पानी ही हम दोनों को पिलाया था, ताकि जब तक उस चीज का असली मालिक नही आता तब तक हम दोनों उसकी हिफाजत कर सके, उसके निकलने वाले पानी से हम दोनों में कितने बदलाव आये ये तुमने देखा है ना ,आज भी तुम और में दादा दादी बनने के बाद भी जवान रहे है, हम दोनो के बराबर वालो उम्र वाले अब बूढ़े दिखने लग गये थे, लेकिन हम अभीतक जवान ही रहे
विजयजी हम दोनों की खूबियां हमारे बच्चों में क्या नही आई यह बात में समज नही पायी
कामिनी यह बात आजतक में भी समझ नही पाया और जो यह बात जानते थे वो अब हमारे बीच अब नही रहे
विजयजी आप कुछ याद तो होगा ना कि आपको वो पानी पिताजी ने कहा से लाया था मन्दिर में हमे देने के लिये
नही कामिनी में तो तुम्हारे साथ ही था मन्दिर में ,पिताजी अकेले ही गए थे
आप का आपके पिता ने कभी नही बताया कि वह चमत्कारी चीज क्या है
नही कामिनी कभी नही बताई यह बात और में तुम्हे कई बार यह सब बताया भी है
अच्छा ठीक है में खाना बनाती हु ,आप आराम कीजिए तब तक और भीमा को भी खाने के लिये अंदर बुला लीजिये ।
Amazing update
 
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ANUJ KUMAR

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Update 11
निता ने मनोज की उठाते हुवे कहा चलो उठो मनु सुबह के 7 बजे है ,हमे मुंबई को निकलना है आज , देखो मुझे अभी विजय को भी तैयार करना है
मनोज भी नीता की बात सुनकर उठ गया और बाथरुम में नहाने चला गया
निता भी विजय को लेने अपने कमरे से निकलकर नीचे चली गयी ,विजय रात को सुनीता के कमरे में उसके पास ही सोया था ,सुनीता उनके यहां रहने वाले नरेश की बीवी थी जो पिछले 9 साल से अपनी पति के साथ मुकेश भैया साथ दिल्ली में रहा करते थे,मनोज ने उसे बताया था की नरेश के पिता और उसके पिता कॉलेज में दोस्त थे ,बादमे नरेश के पिता काम करने अमेरिका चले गए और वही उन्होंने शादी की ,नरेश जब 5 साल का तब कार एक्सीडेंट में उसके माता पिता मारे गए ,तब मनोज के पिता ने उसको सहारा दिया था ,नरेश को वहा उसकी मौसी के पास रखकर उसकी पढ़ाई लिखाई का खर्चा करते रहे , जब वह बडा हुवा तो उसे एक कंपनी भी खोल दी थी, मनोज के मा बाप नरेश को अपना बेटा ही माना करते थे ,और जब अपने काम से वो अमेरिका जाते तो नरेश को मिलकर ही आते थे ,नरेश भी उन्हें मा बाप ही मानता था ,जब मनोज के माता पिता का देहांत हुवा नरेश को यह बात मालूम नही थी ,और जब उसे उनके मौत के बारे में पता चला था तो वो उनके गाव आया था ,नरेश के बारे में परिवार में किसी को कुछ पता नही था ,लेकिन जगत चाचा और सुल्तान को उसके बारे में सब पता था, दोनो ने आकर मुकेश और सबको सारी बाते बताई थी,नरेश भी सुल्तान और जगत के गले लगकर खूब रोया था, मुकेश को अपने पिता के दोस्तो पर पुरा भरोसा था ,उसने नरेश को फिर वापिस जाने नही दिया ,बल्कि अपना बड़ा भाई बनाकर अपने साथ ही रख लिया ,और इस बात का समर्थन पुरे परिवार ने किया ,जगत और सुल्तान भी इस बात से बहुत खुश हो गये ,और 9 साल से वह परिवार एक अटूट हिस्सा बन गए थे , नरेश और सुनीता को एक बेटी थी जिसका नाम महि था
नीता ने जब नरेश के कमरे का दरवाजा बजाया तो दरवाजा सुनीता ने खोला, अरे निता तुम अंदर आ जाओ
निता जब अंदर आई तो उसने देखा विजय नरेश का साथ खेल रहा था ,और महि भी उनके साथ ही थी
विजय को शन्ति नहा धोकर अच्छे से तयार कर दिया था
नीता आज तुम लोग मुम्बई जाने वाले हो ना ,
हा दीदी, मनोज अभी नहाने गया है , उसके बाद हम निकलने वाले है,
ठीक है ,में नाश्ते को लगा देती हूं कूछ खाकर ही निकलना
उसके बात सब लोगोंने मिलकर नाश्ता किया ,मनोज और नीता फिर अपना सामान कर में रख दिए जब निता ने विजय को सुनीता से लेना लेगी तो वो सुनीता को छोड़ नही रह था, वो उसे अपनी दोनों नन्हे हाथों से पकड़कर बस रो रहा था,सुनीता के आँखों से भी पानी बह रहा था , दोनो का आपस मे प्यार सबको पता था बचपन से विजय को सुनीता ने बहुत प्यार बड़ा किया था, निता से ज्यादा वो सुनीता के पास ही रहता था ,सुनीता सब बच्चों से प्यार करती थी तीनो भाई के बच्चे उसे बड़ी माँ ही कहते थे, नरेश ने फिर विजय को अपने पास लेकर चुप कराया ,और उस वादा किया तुम मा के साथ जावो में तुम्हारी बड़ी मा को लेकर तुम्हारे पीछे दूसरी कार में आ जाऊंगा, वो तो छोटा बच्चा था नरेश की बातों से खुश होके नीता के पास चला गया ,सबसे मिलकर मनोज और नीता कार से निकल गये ,विजय निता की गोद मे ही बैठा था , नीता ने मनोज से कहा, सुनीता दीदी के बिना मेरा भी अब नही लगेगा मुम्बई में,विजय भी उनके बिना उदास ही रहेगा
मनोज, मुझे पता है सब, तुम सुनीता भाबी की बात करती हो तुम देखना नरेश भैया आज खाना ही नही खायंगे दिनभर,उन्हें विजय के आखो में आंसू बर्दाशत ही नही होते, वह तो सभी बच्चों से कितना प्यार करते है तुम्हें पता है ना यह बात
निता , हा सही कहा तुमने जब विजय माता के मंदिर में एक महीने पहले खेलते हुवे बेहोश हुवा था तब मैंने उनकी आंखों में पहली बार आँसू देखे थे, विजय को लेकर जब हम अस्पताल गये थे तब वो तीन दिन तक उसके पास ही बैठे थे,पानी की एक बूंद तक नही पी थी उन्होंने,विजय हमारा बेटा है लेकिन जो प्यार वो दोनों उससे करते है वो हमसे कहि ज्यादा है,
मनोज, सही कहा निता नरेश भैया ने हमारे पिता की कमी हमे कभी महसूस नही होने दी ,सुनीता भाबी तो एक माँ से ज्यादा मेरा खयाल रखती है, ऐसा लगता है भगवान ने चेहरा बदल कर हमारे मा बाप ही वापिस भेज दिये है
मनोज और निता कार से दिल्ली आये और फिर वहां से मुंबई हवाई जहाज से रवाना हो गए, मुम्बई में उन्हें लेने उनका ड्राइवर आया था फिर वह वह से अपने घर के रास्ते पर जा रहे थे ,जब उनकी कार ब्रिज से जा रही थी तब सामने से एक ट्रक ने आके उनकी कार को उड़ा दिया कार ब्रिज से के दीवार से टकरा गई और ट्रक भी दीवार तोड़ कर नीचे गर गया, कार बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी कार का ड्राइवर जगह पे मर गया था ,कार के सब शीशे टूट गये थे ,मनोज और नीता भी बुरी तरह घायल हो गए थे, मनोज की पीछे ही उनके सुरक्षा के लिये रखे हुए कार लोग चल रहे थे, उन्होंने जैसे ही यह सब देखा वो कार से उतरकर उस तरफ भागे, नीता और मनोज को उन्होंने बाहर निकाला दोनो की सांसे चल रही थी ,उन्हें विजय कार में नही मिला तो कुछ लोग विजय को ढूंढने लगें और बाकी लोग निता और मनोज को अपनी कार में लेकर अस्पताल लेकर चले गये
जो ट्रक पुल से नीचे गिरा था उसमें केमिकल भरा हुवा था जैसे ट्रक नीचे गिरा उसमे आग लग गयी थी और जैसे ही आग उस केमिकल तक पहुची एक जोर का धमाके से वह पूरी जगह हिल गईं ,जहा वह ट्रक गिरा था वहां गरीब लोगों की झोपड़िया थी वो लोग भी इस के आग की चपेट में आ गए और बेवजह ही मारे गये , विजय को ढूंढने वाले लोग भी जख्मी हो गए थे,लेकिन वो विजय को ढूंढने में ही लगे रहे, वहा आग लगने से अफरातफरी मची थी वो आग से बचने के लिए लोग उस जगह को छोड़के भाग रहे थे , कुछ ही देर में वहा पुलिस और फायरब्रिगेड की गाड़िया भी आ गई ,आग को जल्द ही क़ाबू में कर लिया गया लेकिन फिर भी उस आग में 20 से ज्यादा लोग मारे गए,उनमे कुछ छोटे बच्चों की भी लाशें मिली थी जो आग में पूरी तरह जल गई थी,
जब यह खबर गांव में पहुंच गई तब सब लोग तुंरत मुंबई आ गये, मनोज और नीता का इलाज चल रहा था उस अस्पताल में जाकर सब पहुच गये, उनकी हालत देखकर सबका बुरा हाल था और जब उन्हें यह मालूम हुवा की विजय नही मिला तो नरेश,सुल्तान बाकी लोगो को अस्पताल में छोड़कर विजय को ढूंढने निकल गए, जहा यह हादसा हुवा था वह जगह पहुचकर वो विजय को ढूंढने में लगे रहे लेकिन उन्हें विजय उन्हें मिला नही, पुलिस का कहना था कि जो बच्चों की लाशें मिली है उनमें से कोई लाश विजय की लेकिन नरेश यह बात माना हि नही ,वो 2 दिन तक विजय ढूंढ़ता ही रहा, उधर अस्पताल में नीता और मनोज को बचा लिया गया था,
मनोज और नीता का एक महीने तक इलाज चलता रहा उन्हें यह नही बताया की विजय लापता है , दोनो को जब अस्पताल से घर लाये तब यह बात बताई गई ,यह खबर सुनकर दोनो का बहुत ही बुरा हाल हो गया था, नीता और मनोज को मुम्बई से दिल्ली लाया गया ताकि वह अब परिवार में ही रहे,नरेश और सुनीता पूरे परिवार को संभलने में ही लगे रहे, नरेश हमेशा मुम्बई जाकर विजय को ढूंढता ,लेकिन उसके हाथ कुछ नही लगता
सब लोग विजय को अब मरा हुवा ही मानते सिवाय नरेश के उसे हमेशा लगता विजय जिंदा है और एक न एक दिन वह जरूर मिलेगा
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Update 112

शिवाने शाम के 6 बजे तक रिना ,मधु और शिवानी के साथ मिलन करके पृथ्वी तत्व ,वायु तत्व और पाताल की आग हासिल कर चुका था ,शिवा को सबसे ज्यादा तकलीफ पाताल की आग पाने के दौरान ही हुवीं थी ,पाताल की यह काली आग बहुत ही भयानक ताकद शिवा ने हासिल कर ली थी ,उस ताकद को शिवा के सिवा कोई भी अंश धारण नही कर सकता था ,ऐसा शिवानी ने कहा था ,इस पाताल की ताकद का जो अंश शिवा से बनने वाला था वो बहुत ही भयानक बनने वाला था ,पापियो और दृष्टो को जला कर उनकी आत्मा को तड़पाना उसे बहुत पसंद था ,शिवा ने अपनी सभी शक्तिया मिलने के अपने सभी अंशो को अपने अंदर बुला लिया ,काल2 और शिवाय के सिवा कोई भी इस पाताल की आग को नही धारण कर पाया था ,शिवा के सारे अंश 6 तत्व की शक्तिया मिल जाने से बहुत ही ज्यादा बलशाली और खतरनाक हो गए थे ,शिवाय और कालराक्षस ने राक्षसलोक में बहुत ही ज्यादा धूम मचा दी थी ,भुजंग के आने में धरती के समय से अभी 8 ही दिन बचे थे ,शिवा के सभी अंश उसके पास से चले गए ,शिवा फिर सभी के पास फ़ातिमा के फार्म हाउस पहुच गया ,वहां 6 तत्वों के सभी लडकिया के साथ ,हिमांनी ,नेत्रा ,केतकी और शिवानी मौजूद थी ,उन सब लड़कियों में शिवा की वजह से एक अलग ही प्यार का बंधन पहुच गया था ,शिवाने नेत्रा को अपने पास बुलाकर खुद को स्पर्श करने को लगाया ताकि नेत्रा में उसकी सभी ताकद और शक्तिया आ जाये ,नेत्रा ने शिवा की बात मानकर शिवा को स्पर्श किया किसी की भी शक्तिया सिर्फ छुकर उसे अपने अंदर वैसी ही शक्तिया बनाने की काबिलियत से नेत्रा ने शिवा की सभी शक्तिया अपने अंदर भी पैदा कर ली थी ,शिवा के अंदर की हर ताकत उसने अपने अंदर बना ली थी ,शिवा के अंदर मौजूद हर ताकद उसमे आ गयी थी ,शिवा की तरह उसके अंदर महानाग ,कालभेड़िया ,कालासूर ,काल अश्व ,सूवर्ण नाग ,सिंहार ,गरुड़ अंश ,राक्षस अंश ,सभी 6 तत्व ,पाताल की आग ,निलनाग की सभी शक्तिया आ गई थी ,साथ उसके अंदर भी नीलमणि और दिव्य शिव धनुष और तलवार आ गयी थी ,समयमनी ,समयदर्पन ,और आत्मामनी भी आ गए थे ,शिवा को इस बात का बहुत आश्चर्य हुवा था ,नेत्रा को उसने आत्माभंजन का दिव्य मंत्र भी सीखा दिया था जिसकी वजह से उसके भी आत्मा से शिवा जैसे आत्मा के अंश बन गए थे ,नेत्रा पहले से कालनेत्री की सुवर्णनाग की शक्तियां आ जाने से बहुत ही शक्तिशाली बन गई थी ,शिवा की सभी शक्तिया उसमे आ जाने से उसमे एक अलग ही निखार और चमक आ गई थी ,जहा सभी लडकिया शिवा से मिलन करने के बाद सुंदर और अपने शरीर से भर गई थी वही नेत्रा शिवा से बिना मिलन करने से ही उन सबसे ज्यादा सूंदर और शरीर से भर गई थी ,
उसका शरीर पहले 36 28 36 का नही रहा ना ही उसकी लम्बाई 5 फिट 10 इंच रह गई ,वो सबसे लंबी 6 फिट 6 इंच की हों गयी थी ,उसका शरीर भी 42 30 44 का हो गया था ,उसके बदन में विषलोक की जहरैली नीली नदी बन गई थी ,जिस वजह से उसमे बहुत ही ज्यादा कामवासना भर गई थी,उसे देखकर शिवा को खुद पर काबू करना मुश्किल हो गया था ,नेत्रा का सामान्य रुप ही इतना खूबसूरत और कामुक हो गया था कि वो एक जीती जागती कामदेवी बन गई थी ,शिवाने आज नेत्रा से मिलन करने का सोच लिया था ,वादे के मुताबिक उसने सभी शक्तिया पा ली थी और शिवानी को भी पाताल की आग के दर्द से मुक्त कर दिया था ,पर किस्मत को शायद यह मंजूर नही था ,अपने अंदर इतनी सारी ताकद और शक्तियॉ आने के बाद नेत्रा कुछ ही देर में बेहोश हो गयी थी ,यह देख कर शिवा के साथ सभी बहुत डर गए थे ,तब केतकी ने सबको कहा कि घबराने की कोई बात नही है ,नेत्रा के अंदर इतनी शक्तिया आने से वो बेहोश है उसे होश आने में थोड़ा समय लग सकता है ,दस दिन या बीस दिन लेकिन 1 महीने के अंदर ही वो होश में आ जायेगी ,केतकी खुद एक महाशक्तिशाली और हजारो साल उम्र की पाताल की रानी थी ,उसे ऐसी सब खास बातें पता थी ,उसने शिवा से कहकर नेत्रा को पाताल के बलि लोक में अपने साथ भेजने को कह दिया ,उसके साथ हिमांनी और शिवानी भी जाने वाली थी ,शिवा से विदा लेकर वो चारो नेत्रा को लेकर पाताल में चली गयी ,केतकी ने शिवा के मन मे कहा ,मेंनें सब के सामने सब सच नही बताया पर नेत्रा को जल्दी होश नही आने वाला है ,उसके शरीर में इतनी शक्तिया आ गयी है कि वो कब उठे यह में भी नही कह सकती शायद उसे सालो लग जाये ,नेत्रा ने अच्छा हुवा उसके अंदर का समयमनी मुझे दिखाने के लिये निकाला था ,उस समयमनी मे भी तुम्हारे समय मनी की तरह ताकद है ,में इस समय मनी को पाताल में उल्टा करके इसमे सबके साथ रहने वाली हु ,इसमे 1 मिनीट में बिताने से बाहर पाताल लोक में 1 दिन खत्म होगा ,इस समयमनी और पाताल के बलि लोक को धरती से धीरे चलने के हिसाब से हम 100 साल भी समयमनी में रहंगे तो बाहर की दुनिया मे कुछ ही दिन खत्म होंगें ,मेंनें हमारे 4 प्रतिरूप घर पर छोड़ दिये है ,वो सब सम्भाल लेंगे ,आप बिलकुल चिंता मत कीजिये हम तीनों नेत्रा का बहुत अच्छे से ख्याल रखेंगे ,केतकी के जाने के बाद शिवा थोड़ी देर सभी 7 लड़कियों से बात करता रहा ,सभी ने शिवा से कहकर अपने बदले हुवे रुप का किसी को पता नही चले ऐसी माया का प्रयोग करने को कह दिया ,शिवा ने भी वैसा ही कर दिया जितने भी लोग उनको जानते थे उन्हें अब इन सबका बदला हुवा रूप के बारे में कुछ पता नही चलने वाला था ,शिवा की माया से सबको उनका यही रूप याद रहने वाला था ,उन सबसे विदा लेकर शिवा सर्पलोक ,अश्वलोक और सिहलोक जाकर 9 बजे घर पहुच गया ,उसे नेत्रा के साथ हुवीं घटना से बहुत बुरा लग रहा था पर अपने दर्द को अपने अंदर रख कर वो अपने काम करता रहा ,9 बजे सबके साथ खाना खाकर वो अपने कमरे में चला गया ,10 बजे अपना एक प्रतिरूप वो घर मे छोड़कर ज्वाला ,सुनीता ,सीमा और निता के साथ समयमनी मे बारी बारी 15 मिनीट का समय बिताकर ,रात के 11 बजे काल बनकर गरुड़लोक पहुच गया ,काल की बैचेनी और दर्द को तेजा ने पहचान लिया ,काल ने भी तेजा को सब बता दिया ,तेजा ने उसके साथ बलि लोक चलने की बात कह दी ,काल भी उसे लेकर बलिलोक पहुच गया ,तेजा ने पहली बार नेत्रा ,हिमांनी ,केतकी ,शिवानी को देखा था ,नेत्रा तो बेहोश थी पर तेज के दिव्य रूपी सुंदरता को देख कर तीनो बस उसे ही देख रही थी ,और तेजा नेत्रा को देखकर उसके रूप सौंदर्य को निहार रही थी ,नेत्रा के सामने तेजा भी फीकी लगने लगी थी अब ,तेजा ने बड़े प्यार से नेत्रा के चेहरे को सहलाया ,बहुत देर तक वो नेत्रा के मस्तक पर अपना हाथ घुमाती रही ,इसमे एक और बहुत बड़ी गड़बड़ हो गयी थी ,नेत्रा की शक्ति जो दूसरे की शक्तियां अपने अंदर बसा लेने की वो अभी भी काम कर रही थी ,उसने तेजा की भी सारी शक्तियो को अपने अंदर बसा लिया था ,थोडी ही देर बाद नेत्रा का शरीर बहुत तेजी से चमकने लगा ,यह देख कर सभी हैरत में पड़ गए थे ,तेजा को सब बात समझ मे आ गयी थी ,उस इस बात का कोई दुख नही हुवा बल्कि उसके चेहरे पर खुशी की चमक दौड़ गई थी ,उसके चेहरे पर हसि देख कर सभी उसके तरफ देख रहे थे ,नेत्रा बहुत देर तक एक दिव्य तेज से चमक रही थी थोड़ी देर बाद उसके शरीर की चमक कम हो गयी ,नेत्रा तो किसी देवी की तरह हों गयी थी ,उसके शरीर मे और ज्यादा बदलाव आ गए थे ,उसकी लम्बाई तो शिवा जितनी 7 फिट 3 इंच हो गयी थी ,शरीर का हर अंग एकदम दमकने लगा था ,उसके शरीर मे और भराव आ गया था ,वो अब 48 32 50 का उसका फीगर हो गया था ,सब नेत्रा की तरफ देख रहे थे ,काल ने तेजा से पूछा कि यह सब क्या हो रहा है ,तेजा ने हसकर कहा,इसे नियति कहते है काल ,नेत्रा ने मेरी सभी शक्तियॉ अपने अंदर समा ली है ,अकेली नेत्रा ही मुझ जैसी 100 तेजा पर भारी पड़ने वाली है अब ,तुम्हे मुझसे यह आराम से बचा सकती है ,शायद इसके एक भी वार का में सामना नही कर पाऊंगी ,यह बहुत ही शक्तिशाली हो गयी है ,चलो भगवान भी यही चाहते होंगे कि तुम्हारी मौत मेरे हाथों से ना हो ,
तेजा की बात सुनकर काल तो नही पर बाकी तीनो एकदम हैरत में पड़ गई थी ,उनके चेहरे को देख कर तेजा ने उन्हें सबकुछ बता दिया ,तेजा की आंखों में सब बातें कहते वक्क्त आसु आ गए थे ,उसकी सब बातें सुनकर सबसे पहले उसे केतकी ने गले लगा लिया ,हिमांनी और शिवानी भी उससे आकर लिपट गई थी ,तेजा का दुख और दर्द वो समझ गई थी ,काल को मारने की बात उसे कितनी तकलीफ देती होंगी ,जिससे वो दिलो जान से मोहब्बत करती है उसे मारने का ख्याल भी कितना दुखदाई होता है यह उन्हें पता था ,वो भी तो शिवा या काल को दिलोजान से चाहती थी ,केतकी और बाकी दोनो बहुत देर तक तेजा से बाते करती रही ,उन्होंने तेजा से वादा किया कि वो तेजा और काल दोनो को मरने नही देगी ,अपनी जान लगा देगी वो पर कभी काल और तेजा की लड़ाई नही होने देगी ,तेजा ने नेत्रा के समय मनी और एक बदलाव कर दिया उसने उस समय मनी की ताकद और बढ़ा दी अब उसमे 1 सेकंड खत्म होने के बाद बाहर एक दिन खत्म होने वाला था ,तेजा सबको अपने साथ गरुड़ लोक लेकर चली गई ,तेजा ,केतकी ,हिमांनी और शिवानी एक दुसरे के बहुत करीब आ गयी थी ,काल ने केतकी ,हिमांनी और शिवानी को बता दिया था कि तेजा को शिवा के बारे में कुछ भी पता नही चलना चाहिये ,तेजा ने सबको बता दिया कि नेत्रा अब जल्दी होश में नही आएगी पहले से काल की शक्तियां यह बड़ी मुश्किल से सम्भाल पा रही थी ,तेजा की त्रिदेवियों से बनी शक्तिया पाकर इसे हजारो साल लगने वाले है होश में आने के लिये ,इसलिये मेंनें समयमनी में बदलाव कर दिया है ,केतकी ,हिमांनी और शिवानी तेजा के बहुत करीब आ चुकी थी उन सब मे बहनो जैसा प्यार हो गया था ,काल ने उन्हें यह पहले ही बता दिया था कि वो कभी तेजा को शिवा और काल एक ही यह बात नही बतायेगी ,उन सबके साथ शिवा गरुड़ लोक में 6 साल तक रहा ,और धरती के समय अनुसार वो सुबह 7 बजे लौट आया था ,मुंबई के अपने घर आकर उसने अपने प्रतिरूप की जगह ले ली थी ,शिवा को नेत्रा का अचानक अपनी जिंदगी से चला जाना पंसद नही आया था ,भले ही वो शिवा के साथ ज्यादा समय नही रही थी पर शिवा उसे दिन में दस बार तो मिल ही लेता था ,नेत्रा के प्रतिरूप को देख कर वो अपने दिल को समझा लेता था ,पर नेत्रा के न होने से उसे आज बहुत तकलीफ हो रही थी ,नेत्रा की अहमियत उसके जिंदगी में क्या थी वो समझ गया था ,शिवा ने बनाया हुवा सेकुरिटी सॉफ्टवेयर को पूरी दुनिया मे मांग बढ़ गई थी ,हर बड़ी कंपनी उसे अपने यहा लगाना चाहती थी ,शिवा की कम्पनी को इस वजह से बहुत ज्यादा फायदा होने लगा था ,सनम,नरगिस और बाकी सबने उसे बहुत अच्छी कीमत पर बेचने के लिए रखा था ,आज जब शिवा नाश्ता करने पहुचा तो सबने उसे यह बात बता दी ,उनके पास 100 करोड़ रुपये आ चुके थे सिर्फ एक दिन में ही और पूरी दुनिया मे उनके सॉफ्टवेयर की मांग बढ़ गई थी ,नरगिस और सनम ने काम बढ जाने से एक ऑफिस खोंलने की बात कर ली थी ,घर से इतना बड़ा काम नही हो सकता था ,उसके लिये ज्यादा आदमियों की जरूरत थी ,शिवा ने इस पर सहमति जता दी ,नरगिस ने पहले ही अपनी पहचान से एक बहुत ही बढ़िया जगह देख ली थी ,उसीमे नया ऑफिस खोंलना तय हो गया ,काल ने नए आदमी रखने की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली ,शिवा ने भी अपन एक प्रतिरूप बनाकर उनके साथ भेज दिया ,कुछ दिनों तक शिवा एक ही तरह की जिंदगी जीने लगा था 7 दिन तक वो दिन में हर 6 घण्टे बाद सर्पलोक जाकर आता ,1घण्टा अश्वलोक और 1 घण्टा सिहलोक चला जाता ,दिन के 3 घण्टे में वो 6तत्वों की 7 लड़कियां ,ज्वाला ,सुनीता ,सीमा ,निता के साथ शन्ति को भी चुदाई का सुख देने लगा था ,2 घण्टे पूजा और मोना को देकर 1 घण्टे के लिये भवानी गढ़ के जंगलों में जाकर सिंहाली ,मिहाली ,सर्पिणी ,विशाखा ,लामी और कामी के साथ समय बिताया करता ,6घण्टे के लिये गरुड़ लोक जाकर अपने दिन के बचे हुवे वक्क्त में बहुत से नए नए सॉफ्टवेयर बनाने लगा ,बच्चों की पढ़ाई से लेकर ,जिंदगी में हर जगह लगने वाले बैंक,हॉस्पिटल ,सुरक्षा उपकरण ,ईत्यादी में उसने एक से बढ़कर एक सॉफ्टवेयर बना दिये थे 7 दिनों में ,पहले ही उसकी कम्पनी का नाम दुनियां भर में हो गया था ,शिवा ने बनाये हुवे हर नए सॉफ्टवेयर की दुनिया दीवानी हो गयी थी ,हर जगह उनके ही बनाये सॉफ्टवेयर की मांग हो रही थी ,पहले ही सनम ,नरगिस एक सॉफ्टवेयर की मांग पूरा करने में मुश्किल हो रही थी ,उन्होंने 7 दिनों में ही अपने लिये और 6 ऑफिस खरीद लिए ,अपने यहा पर हर आफिस में उन्होंने 1हजार से ज्यादा होशियार लोगो को भर्ती कर लिया था ,इस काम मे काल और शिवा के प्रतिरूप बहुत काम मे आये थे ,इस बीच शिवाय ने राक्षसलोक से भुजंग आने के एक दिन पहले शिवा के सभी अंश और शिवा सहित शिवा की सभी पत्नियो के ऊपर एक बेहद शक्तिशाली कवच लगा दिया था ,जिसके बारे में शिवा या किसी को भी पता नही चला था ,शिवाय में भगवान विश्वेश का अंश आ जाने से वो अब शिवा से भी बहुत कुछ जानने लग गया था ,
शिवा की कंपनी 1 महीने में ही दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी बन गई थी ,देश के हर बड़े शहर में उनका एक आफिस बन गया था ,लाखो लोगो को शिवा की कंपनी में काम मिल गया था ,शिवा की कंपनी ने 25 अरब डॉलर से ज्यादा कमा लिये थे अब तक एक ही महीने में ,अगले एक साल तक पूरी दुनिया को सॉफ्टवेयर को पहुचाने में उन्हें लगने वाले थे ,सिर्फ जिनको सॉफ्टवेयर पहुचाये थे उनसे उन्होंने पैसे लिए थे ,अगर सबसे पहले ही पैसे अडवांस में मांग लेते तो दुनिया का सबसे ज्यादा पैसा उनके पास हो जाता ,दुनिया मे हर तरफ शिवा के बनाये गए सॉफ्टवेयर की मांग बढ जाने से सब के ऊपर बहुत ज्यादा काम का बोझ आने लगा था ,शिवाने यह देख कर 15 दिन में ही एक ऐसा सुपर कंप्यूटर बना दिया जिससे सब काम करने में बहुत आसानी हो जाये ,एक एक सुपर कंप्यूटर शिवा ने अपने हर आफिस में लगा दिया ,जिस वजह से उनकी काम करने की ताकद 100 गुना ज्यादा हों गयी थी ,शिवाने बनाये सॉफ्टवेयर बहुत ही कम कीमत पर बेचे थे ,पर कीमत कम होकर भी वो सबसे बढ़िया थे ,जिस वजह हर कोई उन्हें ही इस्तेमाल करने लगा था ,शिवा और नरगिस ,सनम उसकी सभी बहनो को कंपनी में साथ करने माही के साथ सभी उसके बहने भी आने लगीं थी ,पूजा और मोना भी उन सबके साथ शामिल हो गयी थी ,शिवा को तो कोई ज्यादा नही जानता था ,पर काल ,नेत्रा ,नरगिस ,सनम के साथ सभी लडकिया को दुनिया भर में पहचाने जाने लगा था ,उनकी कंपनी देश की नही बल्कि दुनियां की सबसे बड़ी और सफल कंपनी बन गई थी ,शिवा अपनी कमाई से आधा पैसा शिवाय के अनाथलय में दे देता था फिर भी उसके पास करोड़ो डॉलर बच गए थे ,शिवा ने खुद के खाते में एक रुपया तक नही रखा था ,उसने बाकी सभी लड़कियों के बैंक में खाते खोल दिये थे ,सबके खाते में करोड़ो रूपये बस एक ही महीने में जमा हो गए थे ,शिवाने एक बहुत ही बड़ा बंगला खरीद लिया था ,जिसमे सभी के रहने का उसने इंतजाम कर लिया था ,शिवा के साथ अब काल और नेत्रा की वजह से पूरा देसाई परिवार ,नरगिस ,सनम का परिवार एक ही साथ रहने लगा था ,सब एक दूसरे के साथ बहुत खुश रहने लगे थे ,मनोज तो शिवा के साथ ही ज्यादा से ज्यादा वक्क्त बिताया करता था ,बस निता उसके ज्यादा पास नही आती थी ,पर शिवा जब उसके साथ चुदाई करने जाता तो वो किसी भुकी शेरनी की तरह उस पर टूट पड़ती थी ,शिवा से चुद कर निता ही नही ,ज्वाला ,सुनीता ,सीमा ,शांति के साथ सभी 7 लडकिया मा बनने वाली थी ,एक दिन शिवा ने अपने 7 अलग अलग प्रतिरूप बनाकर उन सभी लड़कियों की उनसे शादी करा दी थी ,उसके अभी प्रतिरूप को शिवा ने अपनी ही कंपनी में बड़ी पोस्ट पर काम करने वाला दिखा दिया था ,पूजा की शादी करने की लिये उसे घर वालो ने बहुत मनाया पर वो मानी ही नही ,नरगिस और सनम की बहन भी शिवा से शादी करना चाहती थी पर वो शिवा से अपनी बात कैसे कहे यही सोचती रहती ,शिवा को भी कोई तरकीब समज में नही आ रही थी ,वो सबको अपनी असलियत नही बता सकता था ,जिन 7 लड़कियों से उसने शादि की थी वो किसी भी खतरे से लड़ सकती थी ,पर बिचारी नरगिस सनम उसकी सभी बहने ,पूजा ,मोना आम लडकिया थी ,उनकी जिंदगी ख़तरे में डालना शिवा को पसन्द नही था ,वो हमेशा अपने जैसे अलग अलग प्रतिरूप बनाकर उन सबके साथ समय बिताता ,उनके साथ घूमता और उन सबको उसने यही बताया था कुछ दिन रुक जाओ फिर हम शादी कर लेंगे जिस वजह वो सभी भी खुश रहने लगी थी ,शिवा से मिलने शिवाय एक बार आया था ,उसने एक लामन नाम का काला शेर शिवा के पास छोड़कर शेरा को अपने साथ राक्षस लोक लेकर चला गया था ,शिवाय ने यह बता दिया था कि वो राक्षसलोक में क्या क्या कर रहा है ,भुजंग एक साल से पहले कुछ नही करने वाला था ,वो राक्षसलोक में ही रहकर अपनी ताकद बढाने में लगा था ,शिवाय के ऊपर शिवा को बहुत ज्यादा यकीन था ,वो बहुत ही दिमाग से भुजंग का दामाद बन चुका था ,भुजंग उसको अपना बहुत खास मानने लगा था ,शिवाय उसके साथ रहकर उसकी ताकद कम करने में लग चुका था ,शिवाय ने जाने से पहले अपने 10 हजार अलग अलग दिखने वाले प्रतिरूप छोड़ गया था ,जिसमें से 5हजार दुनिया भर में रहकर गुन्हेगार लोगो की बैंड बजाने में लगने वाले थे ,शिवा और उसके हर परिवार की रक्षा करने उसने एक प्रतिरूप लगा दिया था ,बाकी के प्रतिरूप शिवाय के अनाथलय ,अस्पताल ,स्कूल जो दुनिया भर में चल रहे थे उन्हें सम्भालने में लग गए थे ,उसके 100 प्रतिरूप तो उसने भवानी गढ़ के जंगल मे अदृष्य रूप से छोड़ रखे थे मन्दिर की रक्षा करने ,
त्रिदेव यह सब देख रहे थे अपनी जगह से उनमे बहुत ही गहन चर्चा चल रही थी ,उनका विषय कोई और नही बल्कि नेत्रा ही था ,
भगवान विश्वेश और रचनाकार दोनो पिनाकी से एक सवाल कर रहे थे ,भगवान पिनाकी तेजा की ताकद नेत्रा में आने से बहुत चिंतित हो गए थे ,उनके चेहरे पर आयी खामोशी किसी बहुत ही बड़े खतरे का इशारा कर रही थी ,दोनो का सवाल एक ही था पिनाकी से ,आप की किस बात से परेशान है इतने नेत्रा बेहोश होने से या उसमें तेजा की भी ताकद आ जाने से ,
पिनाकी का जवाब सुनकर भगवान विश्वेश और रचनाकार के साथ दोनो त्रिदेविया भी परेशान हो गयी थी ,पिनाकी ने बहुत ही गूढ़ जवाब दे दिया था ,में नियति खेल से चिंता में आ गया हूं ,आप सभी जानते है हम नियति के फ़ैसले के बीच कभी नही आता हूं ,ना कभी उसे बदलता हु ,पर नेत्रा में जो असीम ताकद आयी है वो बहुत ही मुश्किलें खड़ी कर सकती है सबके लिये ,वो शिवा की सबसे बड़ी ताकद भी बन सकती है और सबसे बडी दुश्मन भी ,नियति उसे शिवा के सामने किस रूप में खड़ा करती है यह कोई नही कह सकता पर वो दोनो अगर एक दूसरे के सामने खड़े हो गए तो शिवा बिना लड़े ही उसके हाथों मरना पसन्द करेगा ,और यही बात मुझे परेशान कर रही है ,शिवा किसी भी खतरे को आसानी से निपट सकता है पर वो अपनो के सामने कमजोर पड़ जायेगा ,उसकी यही कमजोरी बहुत बड़ी बाधा बनने वाली है ,शिवा की परीक्षा भी आसान होगी पर उसका जीवन बहुत दुख और कठिनाइयों से गुजरने वाला है ,अभी शिवा जो जिंदगी जी रहा है उसे कठिन समझ रहा है पर उसका कठिन जीवन अभी शुरू होने में देर है ,शिवा बहुत बुरे दौर से गुजरने वाला है जल्द ही ना उसे थामने वाला कोई होगा और ना वो अपना दुख किसे बता पायेगा उसे चाहने वाले ही उससे नफरत करने लग जाएंगे तब उसे बहुत ज्यादा दुख होगा ,ना वो खुद की जान दे सकता है अपने कर्तव्य की वजह से ना किसी को वो कुछ बता सकता है ,बस उसे अपने राह पर चलना होगा हर दुख को झेलकर ,इस खेल में शिवा की जान तो जाना पहले से तय है पर वो अपना कर्तव्य पूरा करने के बाद मरता है या उससे पहले यह कहना बहुत मुश्किल होगा ,भुजंग को दिए वरदान की वजह से हम कोई भी उसकी मदद नही कर सकता ,इस सब मे शिवा को अगर जितना हो और जिंदा भी रहना हो तो एक ही मौका होगा और उस समय उसकी बुद्धि की असली परीक्षा होगी ,नियति सब को एक मौका जरूर देती है ,वो मौका भी शिवा के पास होगा पर शिवा के दुख और दर्द इतने होंगे कि वो इस मौके से चूक न जाये ,यही मुझे डर है ।
 
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ANUJ KUMAR

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एक आदमी शराब के नशे अपने झोपड़ी में दाखिल हुवा उसने आवाज लगाई ,साले मनहूस लाइट बन्द कर ,बिल तेरा बाप भरेगा क्या इसका ,और मैने तुझे कितनी बार बोला है ,तू स्कूल नही जाएगा फिर भी मेरी बात नही सुनता रुक आज तुझे दिखता हु में
फिर उस आदमी ने उस लड़को किसी जानवर की तरह अपने बेल्ट से मारना शुरू किया ,और जब तक उसके हाथ थक नही जाते उसे मारता ही रहा , वह लड़का चुपचाप मार खाता रहा उसके मुह से एक आवाज तक नही निकली थी मार खाते वक्त ,जब वह शराबी सो गया तो उस लड़के ने झोपड़ी का दरवाजा लगा दिया और वह भी नीचे चादर पर सो गया
सुबह कोई बाहर से आवाज दे रहा था, भीकू ए भीकू दरवाजा खोल ,हमे आज जल्दी जाना है मंडी में
उस लड़के ने उठकर दरवाजा खोला और बोला शफी चाचा बापू सो रहे है अभीतक ,आप ही उन्हें उठा दो अगर मेने उठाया तो मुझे फिर मारेगा
चल ठीक है ,तुझे रात को मारा क्या भीकू ने ,मुझे बोल फिर में इसको दिखता हु
नही चाचा ऐसी कोई बात नही है
शफी ने फिर भीकू को उठाया ,भीकू उठके नहा धोकर मंडी जाने के लिये तैयार हो गया
सुन बे मनहूस तू अगर आज स्कूल गया तो तेरे हाथ पांव ही तोड़ दूंगा, तू नासिर के यहां काम को जा चुपचाप, वो तुझे खाने का भी देगा दो वक़्त का, उतने ही मेरे पैसे बचेंगे
शफी बोला, भीकू साले इतने छोटे बच्चे को काम को भेजते तुझे शर्म नही आती ,और उसका नाम है शिवा ,उसे मनहूस मत बोला कर
अरे शफी भाई में तो इसे इस घर मे रहने देता हूं यही बहोत है ,ना जाने यह मनहूस मेरी टेम्पो में कैसे आया में तो दादर की मंडी में माल खाली करके वही पुल के नीचे बने ठेके से शराब ले रहा था ,वहां जब एक ट्रक का धमाका हुवा था पूल से नीचे गिरकर ,साला में भी मारा जाता उस धमाके से ,लेकिन में तब टेम्पो में बैठ गया था ,फिर वहासे में कैसे अपनी जान बचाकर आये मुझे ही मालूम ,जब नाके पे चैकिंग चल रहि थी तब यह पीछे रो रहा था, उस वक्त शिंदे भी वही डयूटी पे उसने बड़े साहब को बोल दिया के में बच्चे अगवा करता हु, साला पहले ही दो साल उस शिंदे की वजह से मुझे जेल जाना पड़ा था ,अगर में फिर किसी केस में फंसता तो लम्बा अंदर जाता, मजबूरन मुझे बोलना पड़ा कि यह मेरा बेटा है इसे में अपने साथ ही रखता हूं हमेशा ,उस वक्त तूने ही मेरी गवाही दी थी साहब के पास की यह मेरा बेटा है ,नही तो में फस गया था
भीकू में उस नाके पे सब्जी लेने आया था, तेरा टेम्पो देखकर में तेरे पास ही आ रहा था तब मैंने तेरी सारी बात सुन ली थी मेने तो तुझे बचाने के लिए झूठ बोला था,मुझे लगा तू बाद में इस बच्चे को इसके मा बाप के पास छोड़ कर आएगा,लेकिन तूने ऐसा नही किया इसे अपने पास ही रख लिया
नही शफी भाई शिंदे को मुझपे भरोसा नही था ,उसने मुझे बोला था कि वह मुझपे नजर रखेगा ,अगर यह बच्चा मेरे पास नही दिखता तो वो और कोई बड़ा केस करता मुझपे
तबसे इस मनहूस को पाल रहा हु में
भीकू तूने कभी उसे खाना तो भी खिलाया क्या, वो मेरी बीबी ने इसे पाला नही तो यह अब तक जिंदा भी नही रहता
शफी चल हमे मंडी जाना है,यह तो रोज की किटकिट है साले की
भीकू और शफी के जाने के बाद शिवा ने सोचा अब स्कूल जाऊ या नासिर भाई के पास ,उसे अब इतने सालोंसे समझ चुका था भीकू उसका बाप नही है, बल्कि वह एक लावारिस है ,अगर वह यहां रहा तो उसकी जिंदगी कभी नही बदलेगी
उसे स्कूल में मास्टर पढ़ने लिखने के फायदे बताया करते थे , और जिस स्कूल में शिवा पढ़ता था उसको फीस नही लगती थी,वहा पर अनाथ बच्चों के रहने का भी इंतजाम था,उसने फिर अपना स्कूल का बस्ता उठाया और शफी चाचा के घर चला गया ,शफी चाचा की बीवी का नाम ज़ीनत था उसने ही शिवा को मा का प्यार देकर पाला ,उसे शिवा नाम भी उन्होंने ही दिया था, आज उनसे मिलकर वो यह बताने जाने वाला था कि वह भीकू का घर छोड़कर अनाथालय में रहने जाने वाला है ,जीनत को चार बेटिया थी उसे कोई बेटा नही था तो वह शिवा को ही अपना बेटा मानती थी ,
सनम 20 साल
नीलोफर 19 साल
सलमा और बेनज़ीर ** दोंनो जुड़वां थी
शिवा जब शफी चाचा के घर पहुचा सनम बाहर ही खड़ी थी
उसने अपनी माँ को आवाज दी, अम्मी बहार आ जा देख तेरा कुत्ता आया है रोटी खाने
सनम शिवा से बहुत नफरत करती थी उसे शिवा बिल्कुल पसंद नही था
शिवा को उसके ऐसी बातों की आदत थी ,वह बाहर ही खड़ा रहा ,जीनत बाहर आईं सबसे पहले उसने सनम को बोला ,बेटी यह तेरा भाई है तुझे कितनी बार बोला है ऐसा मत बोला कर
अपनी माँ की बातों से वह बहुत गुस्सा हो गई और अन्दर चली गयी
शिवा ने जीनत को अपना फैसला बता दिया कि वह भीकू का घर छोड़के जा रहा है,उसने यह नही बताया कि वह कहा जा रहा है उसे पता था कि शफ़ी चाचा उसे अपने घर मे रहने के लिये अनाथालय से वापिस ले आएंगे ,उसे उनकी आमदनी का पता था ,उनका घर शफ़ी चाचा की कमाई से नही चलता था ,इसलिए ज़ीनत चाची कुछ बड़े लोगो के घरोमे खाना बनाने का काम करती थी, जीनत चाची ने उसे रोकने की बहुत कोशिश की लेकिन वह नही माना, सनम भी सब बातें सुन रही थी ,उसकी तो सब बाते सूनकर आँखों से पानी बहने लगा पता ही नही चला ,जैसे उसको शिवा की आवाज आना बंद हो गई वो दौड़कर बाहर आई उसने देखा शिवा जा रहा है ,वो उसके पीछे भागी ,जीनत को इस बात का पता भी नही चला वो तो अपने ही गम में थी
शिवा को पीछे से आवाज आई , कहा जा रहे है कुत्ते
शिवा ने मुड़के देखा ,सनम थी वो ,उसको सनम रोनी सूरत देखके बुरा लगा ,वो कुछ नही बोला
सनम फिर बोली ,तूने मेरी बात का जवाब नही दिया कुत्ते
शिवा, सनम दीदी में स्कूल जा रहा था
सनम ,दीदी किसे बोला कुते में तेरी दीदी नही हु ,और ना तू मेरा भाई है कितनी बार बोला है तुझे ,
वापिस कब आने वाला हैं स्कूल से
शिवा ने कुछ जवाब नही दिया
सनम ,सुन कुत्ते तू वापिस नही आया ना देख लेना में तेरी दोनो टाँगे तोड़ दूंगी
शिवा,कुछ देर चुप रहा फिर बोला मे वापस आऊँगा तब तक तुम सबका खयाल रखना
सनम के पास आकर उसकी आँखे से बहते आँसू साफ करके शिवा बोला, सनम तू रो मत ,में तुम्हारी आँखों मे आंसू नही देख सकता ,यह शिवा का वादा है कि वह वापीस जरूर आयेगा
इतना बोलकर वह बिना पीछे मुड़े चला गया
सनम बस उसे जाते हुवे देखती रही जब तक वो ऊसकी आंखो से ओझल नही हूवा वो उसे देखती रही
तीन साल बाद
मुम्बई के होटल में एक लड़का मैनेजर के केबिन के बाहर खड़ा था ,वहां पर आज एक अखबार में नोकरी की ऐड देखकर वह आया था ,जब वह अंदर दाखिल हुवा तो मैनेजर उसे देखता ही रह गया साढे 6 फिट से लम्बा कद ,चौड़े सीना ,मजबूत हाथ ,सन्दर चेहरा जो किसी का मन मोह ले, गोरा रंग ,सलीके से कटे हुवे बाल किसी पहाड़ की तरह वो मजबूत लगमबरी रहा था वो
तुम्हारा नाम क्या है जी
जी सर शिवा
सिर्फ शिवा, मेने पुरा नाम पूछा है ,मा बाप ने सिखाया नही तुम्हें कुछ, तुम्हारी फ़ाइल कहा है
शिवा ने अपनी हाथ मे से फाइल उन्हें दे दी
मैनेजर ने उसके फ़ाइल को खोलकर देखना शुरू किया
उसकी 10 कि मार्कशीट में नांम लिखा था शिवा मनोज देसाई, उसे 10 वी में 92 % थे और 12 वी में 95 %, उसकी पुरी फ़ाइल में स्पोर्ट्स के सर्टीफिकेट थे कुश्ती,कब्ड्डी, बॉक्सिंग हर खेल में वो कॉलेज का स्टेट लेवल का गोल्ड मेडलिस्ट था,उसकी फ़ाइल देखकर मैनेजर को बहुत खुशी हुई उसने अपने सामने खड़े शिवा को बैठने को कहा
बेटा तूम्हारी उम्र कितनी है
जी सर 19 साल
तुम्हारा नाम शिवा मनोज देसाई है तो तुमने मुझे तुम्हारा नाम पूरा क्यों नही बताया
जी सर में एक अनाथ ही, में जिस अनाथालय में बडा हुवा उसको चलाने वाले हे मनोज देसाई ,वही हम अनाथ लोगो को पिता बनकर अपना नाम देते है
मैनेजर ,बेटा में तुम्हे यहाँ काम तो दे दूंगा पर तुम आगे की पढ़ाई करते औऱ आगे जाते,सिर्फ 12 तक पढ़कर कोई फायदा नही होता
सर ,मुझे यही मुम्बई में इंजीनियरिंग के फर्स्ट ईयर में फ्री सीट पे एड्मिसन मिल गई है,में काम करने के साथ पढ़ने भी वाला हूं
मैनेजर, यह तो बहुत अच्छी बात है ,तो समजो तुम्हारा काम यहां पक्का
ठीक है सर ,सिर्फ़ में आपसे एक गुजारिश करूँगा आप मुझे नाईट डयूटी ही दीजिये इससे मुझे सुबह कॉलेज जाना आसन होगा
नही बेटा तुम रोज दोपहर 4 बजे से रात 12 बजे तक डयूटी करना ,
मैनेजर की अच्छाई देखकर शिवा को बहुत अच्छा लगा ,शिवा को उस होटल में एक एकाउंटर की नौकरी लग गई ,उसे हर महीने का 12,000 मिलने वाले थे
वहाँ से निकलकर शिवा शफ़ी चाचा की घर तरफ चल दिया,उनके घर जाते वक्त उसे शाम हो गई थी
शिवा ने उनके घर का दरवाजा बजाया और आवाज दी शफ़ी चाचा
दरवाजा सनम ने ही खोला ,जब उसने शिवा को देखा तो पहले उसे बिनबोले देखती ही रही ,और बाद मे जोर से चिल्लाई ,कुत्ते और उसके गले लगाकर रोने लगी ,शिवा को सनम की आगोश में एक अलग ही सुख मिल रहा था ,उसे आजतक इस तरह किसी ने अपने गले नही लगाया था, सनम की गुदाज चुचिया उसके सीने को लगने से और सनम के बदन से आती खुश्बू से एक अलग ही नशा आ रहा था उसने भी अपने दोनों हाथो से सनम को अपने सीने में कस लिया था, तभी उसके कानों मे जीनत की आवाज आई शिवा बेटा तुम, शिवा ने सनम को अपने आप से दूर करना चाहा लेकिन वो शिवा को छोड़कर दूर ही नही हो रहीं थी ,
सनम ,मुझे चाची से मिलने दो
शिवा की आवाज से उसने शिवा के छोड़ा और बोली ,लो अम्मी आ गया आपका कुत्ता
जीनत ने उसे कुछ नही बोली और शिवा को गले लगा ली ,शिवा भी बाद मे सबसे मिला उसने देखा कि शफ़ी चाचा बिस्तर में ही लेटे है,वो बोला चाचा मेरे गले नही लगोगे
जीनत बोली ,शिवा अब यह कभी अपने पाव पर खड़े नही हो पाएंगे ,यह सुनकर शिवा को बहुत दुःख हुवा
यह कैसे हुवा चाची
तब जीनत बोली भीकू और शफ़ी चाचा टेम्पो लेके मण्डी से
घर आ रहे थे भीकू ने उस दिन ज्यादा हि शराब पी थी ,उसने नशें में गाड़ी सम्भली नही और वह पलटी हो गया भीकू तो जगह पे मर गया ,तेरे चाचा भी बहोत घायल हो गए थे ,उनकी रीढ़ की हड्डी टूट गई है,उनके इलाज के लिए 20 लाख रुपये लगने वाले थे, मेरे पास इतने पैसे नही थे, मेने बस्ती के कुछ लोगो से पैसे उधार लिए थे, जो इनके इलाज में ख़र्च हो गए,इसलिये हम इन्हें घर लेकर आ गए
ज़ीनत की बाते सुनकर शिवा को बहुत बुरा लगा जिस इंसान के पैसे से वो दस साल तक अपना पेट भर रहा था, आज वो इंसान बेबस उसके सामने पड़ा हूवा था
जीनत बोली शिवा,भीकू के घर की चाबी हमारे पास ही ,तुम ही अब भीकु के बाद उसके मालिक हो,तुम वह रह सकते हो
शिवा ने फिर रात का खाना उनके साथ हीं खाया, खाना खाकर शिवा ,सनम और नीलोफर तीनो भीकु के खोली में गये वह जाकर तीनो ने उसकी सफाई करके उसे घर बनाया ,दो ही रूम की घर था वो ,एक पलंग ,रसोई का सामान,पीने का पानी पीने के बर्तन, सब काम करने के बाद सनम ने शिवा से पूछा वो कहा रहा तीन साल तब शिवा ने उन दोनों को सब बताया कि वह कहा रहा कैसे पढ़ाई की ,उसने यह भी बताया कि उसे एक होटल में जॉब भी लग गई है अब वह आगे पढ़ने वाले है,
दोनो बहने फिर अपने घर लौट गई और शिवा बी बेड पर अपनी आँखें बंद करके सोच में पढ़ गया ,उसे शफ़ी चाचा का इलाज कैसे कीया जाए उसकी चिंता हो रही थी,बहुत देर तक वह सोचता रहा ,फिर उसे कुछ याद आया उसने अपने बैग में कुछ ढूंढने लगा थोडी देर बात उसे जो चाहिए था उसे मिल गया,वो एक विस्टिंग कार्ड था ,उसपे नाम लिख हुवा
था और एक मोबाइल नंबर था
कार्ड पे नाम था विनोद शर्मा 98********
Amazing update
 
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ANUJ KUMAR

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Update 15
जीनत ने किचन का काम दस मिनिट में पूरा कर लिया उसके बाद उसने खुद को कपड़े बदलकर तैयार करने लगी ,उसे तो सिर्फ शिवा से बात करनी थी ,लेकिन वो आज ऐसी बन बनठन रही थी जैसे वो कोई नई नवेली दुल्हन हो, शिवा दूसरे कमरे में बैठा जीनत की राह देख रहा था ,उसे लगरहा था बस में उसने जो हरकत की थी वही बात होगी ,उसके मन मे यही चल रहा था जीनत चाची को क्या जवाब दे,
जीनत जब शिवा के सामने आई तो शिवा उसे देखता ही रह गया ,जीनत ने ऐसे कपड़े पहने थे मानो वो किसी शादी या फंक्शन में जा रही हो ,उसने मानो अपने बदन का हर कटाव साफ नजर आए ऐसे कपड़े जानबूझकर पहने हो ,शिवा बी उसे एकटक देख रहा था ,जीनत शिवा को अपने आप को इस नजर से देखने की वजह से शर्मा रही थी मानो वो अपने पति के सामने खड़ी हो
दोनो खमोश नजरो से एक दूसरे को देख रहे थे,यह खामोशी जीनत ने ही तोड़ी
शिवा ,में तुमसे माफी मांगना चाहती हु
शिवा ने कुछ जवाब नही दिया
में जानती हो शिवा बस में मैने जो कुछ तुम्हारे साथ किया वह गलत है,में अपने अंदर की हवस में सब भूल गई थी और यह सब कर बैठी,
तुम हमारे पूरे परिवार को मुश्किल घड़ी में सहारा दे रहो हो,जहा सगे भी अपने मुह मोड़ ले ,और में इस उम्र में यह हरकत कर बैठी ,हो सके तो मुझे माफ़ कर देना ,में आगे से ऐसी कोई हरकत नही करूंगी , मेने जो कुछ भी किया वो इस लिये हुवा की में कितने सालो से अपनी बदन की गर्मी की वजह से परेशान थी ,तुम्हारे चाचा ने पिछले कई सालों से मुझे हाथ की नही लगाया ,में अपने अंदर ही हमेशा जलती रही हु, मेने आज तक कभी कोई गलत कदम नही उठाया ,मुझे यह बात अच्छे से पता है कि अगर मेने कभी किसी पराये आदमी से अपने जिस्मानी रिश्ते नही रखें ,मेरी 4 जवान बेटीयो पे इसका गलत असर होता ,मेरी मजबूरी का फायदा उठाकर वो मेरी बेटियों के साथ भी खेलता , लेकिन तुम को बचपन से जानती हूं ,तुम पर मेरा अपने आप से ज्यादा भरोसा है ,तुम कभी हमारा गलत फायदा नही ले सकते, जब बस में मेरा बदन को तुमने छुवा अपने आप पर काबू नही रख सकी, तुम्हारे चाचा ने बस मुझे 4 बेटियां दी है ,बाकी ना उन्होंने मुझे प्यार दिया या मेरे बारे में कभी सोचा ,मेरे भी बहुत अरमान थे शादी के बाद हर लड़की तरह ,मुझे ना दौलत की चाह थी पैसों की, मुझे तो बस प्यार चाहिए था वो भी नही मिला मुजे आज तक
इतना बोल कर जीनत रोने लगी
शिवा सारी बाते चुप चाप सुन रहा था ,पहले उसे लग रहा था चाची उसे भला बुरा कहेगी ,लेकिन चाची की बाते सुनकर उसे बहुत बुरा लगा ,वो बचपन से देखता आया था चाची को
वो एक पाकसाफ औरत थी, वो चाहती तो किसके साथ भी अपने जिस्मानी रिश्ते रख सकती थी बस्ती की कितने लोग उसके पीछे पागल थे लेकिन उसने किसको भाव नही दिया था,
शिवा कुछ सोचकर जीनत के पास गया और बोला रो मत चाची में आपको कभी गलत नही मान सकता ,आप नही होती तो में कबका भूका प्यासा ही मर गया होता ,आप खुद को दोष मत दो
जीनत ने शिवा की बात सुनकर उसे गले लगा लिया और रोने लगी, शिवा उसे चुप कराने की कोशिश करने लगा ,वो चाची की पीठ सहला रहा था, और चाची उसके छाती में लिपटकर रो रही थी ,उसकी चुचिया शिवा के छाती में रोने की वजह से ऊपर नीचे हो रही थी ,जिसकी वजह से जीनत की चुचिया कड़क होकर उसके निप्पल शिवा की छाती में उसे उनका अहसास करा रहे थे,शिवा का लन्ड भी अपना सर उठाने लगा था , उसके लंड चुभन का अहसास जीनत को भी हो रहा था ,वो भी गर्म होने लगी थी
उसने अपने दोनो हाथो से शिवा के चेहरा पकड़ कर थोड़ा नीचे झुकाया और अपने ओठ शिवा के होठो से भिड़ा दिए ,और उसे चुसने लगी ,शिवा को यह हो रहा है वही समझ नही आया जीनत के मखमली ओठ को स्पर्श से उसके अंदर एक बिजली ही दौड़ गई थी, यह शिवा का जीवन का पहला किस था , वो इतनी खूबसूरत औरत के नशीले ओठो का
जीनत एक लंबी चौड़ी औरत थी लेकिन शिवा को उसको किस करते हुवे थोड़ा झुकना पड़ रहा था ,शिवाने जीनत को अपने दोनों हाथों से किस तोड़े बिना ही गोद मे उठा लिया ,जीनत ने अपने दोनो पैर डर के मार उसकी कमर से जोड़ के किसी बन्दर की तरह चढ़ गई अब ,शिवा की हाथ अब जीनत की बड़ी गांड को पकड़ रखे थे ,शिवा ने जीनत को जो किस करना अपनी बाहों में उठने के बाद थोड़ा टूट गया था फिर चालू कर दिया ,अब शिवा के हाथों में जीनत की गांड थी उसे वो अब जोर लगाकर उसकी नरमी देखने की कोशिश कर रहा था ,जीनत इस हमले से और गर्म हो गई अब उसकी चुत शिवा के लंड पे थी जो कपड़े पहने होने के बावजूद अपने वजूद का अहसास दे रहा था ,जीनत ने अब अपनी जीभ शिवा के मुह में घुसा दी , शिवा तो इस हमले से पागल हो गया उसे जीनत की जुबान चुसने से बड़ा मजा आने लगा वो अब अपने दोनों हाथों में जीनत की गांड पकड़कर उसकी चुत को अपने लंड पर ऊपर नीचे करने लगा, दोनो का किस अब बहुत ही वाईल्ड हो गया था ,दोनो अपनी सास उखड़ने की वजह से रुक गए थे लेकिन उनकी प्यास अब भड़क गई थी
शिवा मेरी इस बदन की प्यास बुझा दे नही तो में इस आग में एक दिन भर जाऊंगी
चाची में आपको कुछ नही होने दूँगा, में आपकी बात कभी टाल नही सकता पर मुझे आपको ही सिखाना होगा मुझे ज्यादा कुछ पता नही है
शिवा की बातों से जीनत बहुत खुश हो गई ,जल्दी जाकर उसने अपने घर का दरवाजा बंद कर दिया ,और शिव को लेके अपने बिस्तर पर आ गई ,सबसे पहले उसने शिवा को अपने खुद के कपड़े उतारने को कहा ,पहले शिवा को थोड़ी शर्म आ रही थी ,जीनत के कहने पे उसने जीनत को पूरा नंगा कर दिया जीनत के बदन को शिवा देखता ही रह गया , 38 32 42 कि उसकी उसकी पूरी बॉडी कमरे की रोशनी में चमक रही थी ,जीनत ने भी शिवा के बदन से उसके कपड़े उतार दिए सिर्फ उसके अंडरवियर को छोड़कर, जीनत अब बिस्तर पर लेट गई और शिवा को अपने ऊपर ले लिया ,शिवा जीनत जैसे बोल रही थी वैसाही कर रहा था, उन दोनों एक बहुत प्यार भरा किस हुवा जो बाद में एक दम जंगली हो गया ,शिवा ने उस किस के दौरान जीनत की चुचिया का कड़क पन कम करके उन्हें नरम बना रहा था , पहले शिव ने जीनत के ओठो का रस पिया उसके बाद उसके गाल गर्दन को चाटते हुए ,उसकी चुचिया को किसी बच्चे की तरह अपने दोनों हाथों में दबादबाकर 10 मिनिट चूसता रहा ,उसने जीनत की चुचिया दबाके ओर चुसके पूरी लाल कर दी
शफ़ी तो बस जीनत का सलावर खोलता ,अपना लन्ड चुत में डाल के अपना पानी 5मिनीट के अंदर निकल के ,सो जाता उसने आज तक कभी जीनत को नंगा करके नही चोदा था
ना कभी उसके चुचिया दबाई थी या चूसी थी, उसकी 4 बेटीयो ने ही उनके जन्म के बाद उन्हें चूसा था और उसके बाद शिवा
जीनत तो चुचिया चुसने और दबाने से ही एक बार झड गई थी ,धिरे धीरे शिवा अब उसकी पेट पे किस करते करते उसकी नाभि तक पहुच गया और उसमें अपनी जीभ डाल कर उसे चुसने लगा, जीनत को आज जन्नत के दर्शन शिवा उसके बदन के साथ खेलकर दे रहा था , जीनत जैसा शिवा को बोल रही वो वैसाही कर रहा था ,अब वो जीनत की चुत को देख रहा था किसी पाव रोटी सी फूली हुवी दिख रही थी उसके ऊपर एक भी बाल नही था, उसका छेद एकदम लाल दिख रहा था उससे बूंद बूंद पानी टपक कर बिस्तर गीला कर रहा था
जीनत के कहने पे वो उसकी चुत चाटने को तैयार हो गया था, वो आज पहली बार कोई चुत देख रहा था,उसने अपनी जुबान एक बार जीनत की चुत फिराई ,उसकी जुबान पे उसे उनके चुत के पानी का टेस्ट उसे कुछ अजीब सा लगा लेकिन उसे वो पसन्द आया वो फिर अपनी जीभ जीनत की चुत को घुमा कर वो पानी चाटने लगा उसने देखा कि वो पानी छेद से आरहा है ता अपने हाथ से उसने चुत को फ़ैलाया और जुबान अंदर डालकर वो पानी को चुसने लगा, अपनी लंबी जुबान शिवा जीनत की चुत के अंदर तक घुमा रहा था, जीनत की तो शिव के वजह से ऐसा लग रहा थी कोई उसकी जान उसके चुत से खीच रहा हो ,शिवा की जुबान इतने अंदर तक जा रही था जहाँ तक कभी शफ़ी का लन्ड भी नही गया था, जीनत ज्यादा देर तक इस हमलों को झेल नही पाई और शिव के सर को अपनी दोनो जांघो में पकड़ कर और अपने हाथ से उसके बालो को पकड़ कर उसके मुह को अपने चुत पर दबाती हुई झड गई ,शिवाने भी उसकी चुत से बहता एक भी बून्द को जाय नही जाने दिया उसने पूरी चुत को चाट कर साफ़ कर दिया ,
जीनत को आज अपनी चुत चुसवाने की उसकी बरसो पुरानी चाहत पूरी होने से बहुत खुश थी ,वो कुछ देर तो अपनी सासों को ठीक करती रही, बादमे उसने उठकर शिवाको को चूम लिया ,
शुक्रिया शिवा, तुमने तो आज मुझे बहुत बड़ी खुशी दे,में अब तुम्हे भी खुश करती हूं ,अब देखो मेरा कमाल
यह बोलकर वो शिवा को बेड के किनारे बिठा दी,और खुद शिवा के पैरों के पास बैठकर उसकी अंडरवियर उतारने लगी,शिवा के अंडरवियर के उभार को देखके उसको लग रहा था अंदर बड़ा लंड होगा जब उसने उसके अंडरवियर को उतारा एक झटके में उसके सामने शिवा का लंड आ गया ,उसको देख कर जीनत के तोते उड़ गये ,10 इंच लंबा 4 इंच मोटा ,एकदम गोरा, लाल सूपड़ा ,किसी आलू जितने आंड
शिवा ने जीनत को अपने लंड को ऐसे देखते हुए पूछा ,क्या हुवा चाची ,आप चुप क्यों हो गई ,
बेटा यह असली ही है ना ,कहि में कोई सपना नही देख रही,
हा चाची ,लगे तो आप छुकर देखो ,यह असली है
जीनत तो आज तक शफ़ी के लंड से चुदी थी ,उसका तो सिर्फ 5 इंच लम्बा और 2.5 इंच मोटा था ,उसने जहा वो काम करती थी उनके घरों में ब्लू फिल्म में भी बड़े लंड देखे ते लेकिन शिवा का तो उनसे भी बड़ा था
जीनत ने अपने दोनों हाथ आगे करके शिवा के लंड को पकड़ लिया और उसके लंड को सहलाने लगी ,वो शिवा के लंड के चमड़ी को नीचे करके उसके सुपाडे को बाहर निकलने की कोशिश करने लगी लेकिन उसके सुपाडे के पास चमड़ी चिटकी हुवी थी ,जिसके वजह से जीनत समझ गई शिवा बिल्कुल कोरा है
शिवा तेरा लंड बहुत ही बड़ा है ,इसके साथ अगर तूने किसी कवारी लडक़ी को चोदा तो वह मर ही जाएगी, तेरे लंड के लिए तो कोई तगड़ी घोड़ी ही ठीक रहेगी ,वोही तुझे झेल सकेगी,
शिवा बोला में कुछ समझ नही चाची, और में कहा से तगड़ी घोड़ी ढूंढ़ के लावू
जीनत अरे में हु ना तेरी घोड़ी में झेल लुंगी इस मूसल को
शिवा ,औऱ आप क्या बोल रही थी कवारी लडक़ी के बारे में वो में समझा नही
अरे मेने तो ऐसे ही बोला कोई भी चुत कितना भी बड़ा लंड ले सकती है,बस उसके लिए तम्हे ढंग से चोदना आना चाहिए ,में तुझे सब सीखा दूंगी तू चिंता न कर
जीनत ने फिर शिवा के लंड के साथ खेलने लगी ,उसने उसके लंड से रही मर्दाना ख़ुश्बू को सूंघा, और उसे तो जैसा नशा होने लगा वो अब उसके लंड को चाटने लगी ,वो शिवा के लंड को पकड़ कर अपने मुह मे लेके चुसने लगी ,उसके मूसल को पूरा लेना मतलब अपनी जान गवाना था, उसने कुछ देर उसके लंड को चूसा फिर अपने मुह से निकाल दिया शिवा को जीनत के लंड चुसने से बड़ा मजा आ रहा था वह अपनी आँखें बंद करके मजे की वादियों में उड़ रहा था ,लेकिन जब जीनत ने उसके लंड को मुह से निकाला तो उसने अपनी आँखें खोलकर देखा,
जीनत बोली अब आगे का सिखाता हु में तुम्हें, और किचन में जाकर एक कटोरी में सरसो का तेल लेकर आ आयी ,पहले उसने शिवा के लंड को तेल लगाकर उसे चिकना कर दिया ,और शिवा को उसकी चुत में तेल लगाने को कहा और पीठ के बल लेट गई और अपनी दोनो टाँगे अच्छी से फैला दी
शिवा ने भी जिस तरह जीनत ने बताया था कि उसी तरह पहले अपने एक उंगली से फिर दोनो उंगलियों से जीनत की चुत को अंदर तक चिकना कर दिया
शिवा कोई भी कवारी लड़की हो या औरत उसको भी तुम जैसा मेरे साथ किया था वैसे ही करना ,तेल ,क्रीम अगर कुछ नही मीले तो अपनी थूक का इस्तेमाल करना लेकिन कभी किसीकी सुकी चुत नही मारना उसे भी तकलीफ होगी और तुम्हे भी ,अगर किसी के साथ तुमने ऐसा किया तो फिर कभी वो तुमसे नही चुदेगि, अपनी खुशी के साथ हमेशा सामने वाले कि खुशी का ख्याल रखना चहिये ,
अब आगे बढ़कर मुझे भी आज ठंडा करो , तुम यह बात याद रखना में कितना भी रोई ,चिल्लई ,तुम अपना लंड नही निकालना ,तुम जब तक पूरा अंदर नही डालते तब तक नही रूकना, तुम मेरे ओठ चुसने ,मेरे चुचिया दबाना ,लेकिन रुकना नही ,
शिवा भी जैसा कहा वैसा ही करने लगा उसने अपने लंड को आगे बढ़कर जीनत के चुत पे लगाकर अपना लंड उसकी चुत में घुसाने लगा पर उसका लंड बार बार फिसल रहा था,जीनत ने अपना हाथ आगे बढ़ाकर उसके लंड को अपने चुत के छेद को लगा दिया ,शिवा ने एक झटका मारा तो उसका लंड फच्च की आवाज के साथ जीनत की चुत में 2 इंच तक घुस गया दोनो की चीख निकल गई इससे शिवा के टोपे से खाल निकल जाने से तकलीफ हो रही और जीनत को इस मूसल ने अपनी औकात दिखाई थी
शिवा अब जीनत के लबो का रस पीते हुवे उसकी चुचिया भी सहला रहा था ,जीनत को अब थोड़ा बेहतर लग रहा कि शिवा ने जीनत की कमर पकड़ कर एक जबरदस्त धक्का लगा दिया जीनत की चुत को फाड़ता हुवा दनदनाता अंदर तक घुस गया ,जीनत के मुह से भयंकर चीख निकल गई ,उसे भयानक पीड़ा होने लगी,उसने 4 बेटीया पैदा करने के वक्त भी उसे इतना दर्द नही हुवा था जितना आज हो रहा था, अगर शिवा उसके चुम नही रहा होता तो उसकी चीख सुनके पूरी बस्ती जमा होनी थी,उसकी चिख ऐसी थी मानो किसी ने उसका खून कर दिया हो चाकू घोप कर, खून तो हुवा लेकिन उसकी चुत का जो शिवा के लंड ने कर दिया था जिसका गवाह था उसकी चुत से टपक रही खून की बूंदें
शिवा जीनत के लगातकर किस करते हुए उसकी चुचिया भी दबाता रहा , जीनत की आखों से लगातार आंसू बह रहे थे ,5 मिनिट रूकर शिवा ने अपने लंड को धीरे से अंदर बाहर करना चालू कर दिया ,शिवा पहले थोड़ धीरे फिर जोरसे जीनत की चुत की ठुकाई करने लगा,जीनत को भी अब आराम मिल गया था ,वो अपनी गांड उठाकर शिवा के लंड को अपनी चुत में निगलने लगी ,अपनी दोनो टाँगे उठवाकर जीनत शिवा से अपनी चुत में शिवा के ताकद से भरपूर धक्के 10 मिनिट तक झेलते हुए भलभलाकर झड गई, उसके झड़ने के बाद वो घोड़ी बनके शिवा से अपनी चुत मरवाने लगी ,शिवा को तो बहुत मजा आ रहा ,वो अपने मूसल से जीनत की चुत को बड़ा करने में लगा था, पिछले आधे घंटे से जीनत शिवा से अपनी चुत मरवा रही थी ,वो दो बार झड गई थी लेकिन शिवा अभी झडा नही था ,जीनत उसके ताकद को देख कर हैरान हो गई थी, यह आदमी है या कोई घोड़ा जो झड ही नही रहा ,कभी घोड़ी,तो कभी कुतिया ,कभी खड़े खड़े हर आसन में उसे शिवा ने चोद कर तृप्त कर दिया था , जीनत अब पीठ पर लेटकर अपनी टाँगे शिवा के कंधे ने रखकर अपनी चुत मरवा रही थी उसकी गांड बिस्तर से थोड़ी उठ गई थी ,शिवा और जीनत दोनो पसीने से लथपथ थे, शिवा भी अब अपनी पूरी गर्मी को बाहर निकलना चाहता था, जीनत की चुत भी 3 बार झड रही थी उसे अब अब शिवा का लंड थोड़ा और अपनी चुत में फुलता हुवा महसूस होने लगा, शिवा के लंड ने अब अपने बड़ी बड़ी पिचकारियां लगानी शुरू कर दी ,और जीनत की चुत को इस गर्म पानी से बड़ा आराम मिल रहा था, शिवा ने अपने लन्ड की आखरी धार तक जीनत के अंदर खाली कर दीं और लंबी साँसे लेता हुवा पसर गया,
जीनत के चुत से अब शिवा का वीर्य बहकर नीचे गिरने लगा था, जीनत ने अपने चुत से बहने वाले शिवा के वीर्य को दो उंगलियों में लेकर देखा बिल्कुल सफेद ,और गाढ़ा माल था वो जीनत ने उसे अपनी जीभ से चाटकर देखा और बाद में पूरी उंगलिया चाट गई ,जीनत को आज ऐसी जबरदस्त चुदाई मिली थी जिसकी उसे कल्पना भी नही थी, वो थोड़ी देर सोती रही बाद में जब वो बाथरूम जाने की लिए खड़ी हुई उसे अपने चुत में बहोत दर्द होने लगा ,उसे वो बर्दास्त करती हुवी धिरे जाकर अपने आप को साफ करके वापिस आयी ,उसने आकर शिवा को उठाकर सबसे पहले चादर बदली और अपने खून से भरी हुवी चादर देखी ,इतना खून तो उसकी सील टूटने पर भी नही निकला जितना आज उसने निकाला था,
उस चादर को सबसे पहले उसने धोकर सुखाने को डाल दिया ,अगर उसकी लड़कियों ने सुबह चादर देखी होती तो जवाब देना मुश्किल होता , वापिस वो शिवा के पास नंगी ही उसकी बाहो में लेट गयी ,शीवा ने भी उसे अपने पास लिटाकर उसे प्यार से चुम लिया, जीनत का हाथ अब शिवा के लौड़े को सहला रहे थे,उसने देखा अब भी शिवा का लंड खड़ा है और उसका सुपड़ा भी खुलकर बाहर आ गया है,
शिवा ,कैसा लगा तुम्हे मजा आया
जी चाची बहुत अच्छा लगा मुझे
किसको बताना नही अभी हम दोनों के बीच जो हुवा ,
नही चाची नही बताऊंगा,
अगली बार मे तुमसे अपनी गांड मरवाना चाहती हु, मारोगे ना मेरी गांड
जैसा आप कहे चाची
शिवा जब हम दोनों हो तब मुझे जीनत ही कहना ,चाची सबके सामने बोला करना
शिवा ,ऐसा क्यों चाची
मेने बोला ना बस मेरे लिए इतना नही करोगे
ठीक है ,जैसे आपकी मर्जी
एक बार बोलो ना मेरा नाम लेकर
क्या बोलू
यही की तुम मेरी गांड मरोगे
शिवा कुछ देर चुप रहा फिर जीनत की आखों में देखता हुवा बोला जीनत में तुम्हारी गांड मारना चाहता हु
जीनत को बड़ा मजा आ रहा था शिवा की बातोंसे, उस रात जीनत की शिवा ने एक बार और चुत का भोसड़ा बनाया ,जीनत को पता था अगर उसने आज अपनी गांड भी मरवाई तो वो 8 दिन उठ नही पाएगी बिस्तर से एक तो उसकी गांड कवारी थी, और आज शिवा ने चुत का हाल किया था उससे ही उसको 2 से 3 दिन चलना मुश्किल था,
रात को दूसरी बार चुदने के बाद दोनों ने अपने कपड़े पहन कर सब ठीक करके सो गए थे, सुबह सुबह 4 लडकिया घर आ गई थी, उनके आने के बाद सनम और शिवा जाकर शफ़ी चाचा को अस्पताल से घर लेकर आये थे ,जीनत को भी बुखार आया था रात की मेहनत से उसकी चुत भी फूल के सूज गई थी , वो अब 2 दिन बिस्तर से उठने के काबिल भी नही थी ,शिवा ने उसे भी बुखार और दर्द कम करने की दवाई लाकर दी ,शिवा को कल दोपहर को को दुबई जाना था ,वो दिनभर जीनत के घर ही रहा ,और शाम को विनोद से मिलकर कब जाना है, किधर आना है सब पूछकर आ गया
विनोद ने दोपहर की फ्लाइट होने के बाद भी उसने सुबह ही बुला लिया था
शिवा ने रात को खाने के वक्त सबको बता दिया कि वो होटल के काम सीखने की वजह से कुछ दिनों के लिये दिल्ली जाने वाला है,वहा होटल के मालिक भी मिलने वाले है सब नए काम करने वालो से,और मैने सुना है उनका एक ट्रस्ट भी है जो गरीबो की लिये चलाते है ,अगर भगवान ने चाहा तो उनसे शफ़ी चाचा के इलाज के लिये हमे मदद मिल जाएगी
शिवा की बातों से सबको बहुत खुशी हुवी, उनके लिए शिवा एक भगवान ही था
शिवा ने जो ट्रस्ट की बात कही थी वो झूठ नही थी उनके होटल के मालिक की सच मे ट्रस्ट थी जो गरीबो को मदद करती थी ,उस ट्रस्ट के बारे में जब वो होटल के अकाउंट का काम सिख रहा था तब पता चला था
उसे मालूम था अगर विनोद के साथ वो दुबई में जाने की बात इनको बताता तो वो इसे हरगिज नही जाने देंगे,और उन पैसों से शफ़ी चाचा का इलाज भी नही करेंगे,
रात को बहुत देर तक वो सब के साथ बाते करता रहा फिर बादमे अपने घर जाके वो सो गया ,
सुबह विनोद के ऑफिस जाने की लिये वो जल्दी उठकर तैयार हुवा फिर अपना बैग लेकर शफ़ी चाचा और जीनत घर सबसे मिलके निकलने लगा वो थोड़ा आगे आया तो उसे सनम की आवाज आई ,उसने पीछे मुड़ के देखा तो सनम थी ,शिवा मेरा कुछ सामान तुम्हारे घर मे रह गया है मुझे वो लेंना है, सनम बोली ,
हा ,तो ले लेना चाबी तो तुम्हारे पास ही देकर आया था में ,
लेकिन तुम अभी मेरे साथ चलो तुम्हारे घर में तुम्हारे सामने ही लुंगी ,नही तो तुम बोलोगे मेने तुम्हारे यहा से कुछ चोरी कि हे,
सनम की बातों से शिवा को थोड़ा बुरा लगा उसे सनम कभी समझ नही आई थी ,बचपन में उसके साथ बहोत प्यार से रहती थी ,सनम शिवा से 5 साल बड़ी थी ,उसने शीवा को बहुत प्यार दिया था ,उसने कभी शिवा को भाई बोला ही नही ,और जब शिवा उसे दीदी बोलता तो उसको वो एक थपड जमा देती थी, उसके घर वापिस आने पर उसे लगा था सनम बदल गई है ,लेकिन वो कुछ भी नही बदली थी
शिवा ने सनम से अपने घर की चाबी ली और जाकर अपने घर का दरवाजा खोला और अंदर जाकर बिस्तर पर बैठ गया ,सनम उसके पीछे ही घर मे आ गई और दरवाजे पर खड़े रहकर शिवा के चेहरे को एकटक देख रही थीं, शिवा ने उसे ऐसे खड़े देखकर कहा ,जल्दी करो सनम मुझे जाने में देरी हो रही है
सनम कुछ देर दरवाजे पर खड़ी रही, फिर उसने दरवाजे को अंदर से बंद करके शिवा बाजू में जाकर बैठ गई
शिवा ,तुमने दरवाजा क्यो बन्द कर दिया सनम
सनम बहुत गुस्से में उसको चेहरे को पकड़ के बोली ,नही बीच रास्ते मे भरे बाजार तूमको चुमना चाहिए ,और अपने प्यार का इजहार करना चाहिये,तुमको तो कुछ समझ हि नही आता मेरे मन का बचपन से,
और शिवा को प्यार से किस करने लगी ,पहले तो शिवा उसकी बाते सुनकर हैराण हो गया, सनम की होठो की नरमी,उसकी लज्ज़त, शिवा के रोम रोम बस गई ,सनम और शिवा दोनों अब अलग ही दुनिया मे चले गये थे, सनम और शिवा की साँसे उखड़ने से दोनो के लब अलग हो गए, सनम की अब गर्दन नीचे हो गई थी उसका पूरा चेहरा शर्मसे लाल हो गया था
शिवा कुछ नही बोला ,उसे जाने में देरी हो रही थी ,सनम में चलता हूं मुझे देरी हो रही है
सनम उसकी बातों से उखड़ गई जो गर्दन नीचे करके बैठ गई थी,कुत्ते मेरी बात का जवाब नही दिया अभीतक,
शिवा ,सनम में वापिस आने के बाद इस पर बात करेंगे,
सनम शिवा के गले लगकर रोने लगी और उसे कहने लगी ,शिवा में तुमसे बचपन से प्यार करती हूं ,अब्बू मेरी शादी नईम से करना चाहते है,में सिर्फ तुमसे शादी करना चाहती हु ,अगर तुमने मुझसे शादी नही की तो में अपनी जान दे दूंगी,
शिवा ने सनम को पहले चुप कराया ,उसे पलंग पर बिठाकर पानी पिलाया ,सनम में वापिस आने के बाद चाचा से बात करूंगा , तुम चिंता मत करो ,मुझपर भरोसा रखो,
सनम बोली ,शिवा तुम मुझसे प्यार नही करते,
शिवा, इसका भी जवाब में तुम्हें आके दूँगा
सनम और शिवा थोड़ी देर बात करते रहे ,फिर सनम घर चली गई और शिवा, विनोद के आफिस की ओर चला पड़ा,
शिवा सोच रहा था एक परेशानी खत्म नही हो रही तो दूसरी खड़ी हो गई ,अब इसका रास्ता भी निकलना ही होगा ।
Nice update
 
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Update 17
शिवा औऱ नरगिस दुबई के एयरपोर्ट पर उतर गए लेकिन विनोद और सनी फ्लाइट से उतरने को राजी ही नही थे, ना वो नरगिस का फोन उठा रहे थे ना एयरपोर्ट पर आने को तैयार थे 30 मिनिट तक यह चलता रहा ,तभी एयरपोर्ट में एक ही जैसे कपड़े पहने 30 से ज्यादा आदमी जमा हो गए ,नरगिस ने अरबी में उनसे कुछ कहा तो 5 आदमी एयरपोर्ट के अन्दर चले गये, उसके बाद नरगिस ने बताया कि विनोद और सनी पीछे से आने वाले है ,अब हमें चलना चाहिए, शिवा तो यहा पर पहली बार आया था जैसा नरगिस ने बोला उसने वैसा ही किया ,अपना सामान लेकर वो अपने रुकने वाली जगह पर चले गये, वो एक बहुत ही महंगा और शानदार होटल था नरगिस ने होटल में एक शानदार रूम लेकर शिवा ने उसे उस रूम में छोड़ दिया ,जाने से पहले अपना मोबाइल नंबर भी दीया ,और यह भी बता दिया उसे बताये बिना कही जाये नही ,अगर कहि भी गया तो अपना फोन साथ मे रखे
शिवा ने नरगिस के जाने के बाद दरवाजा बंद कर लिया फिर अपने खिड़की से बाहर के नजारे देखने लगा ,
नरगिस के आदमियों ने विनोद और सनी को पकड़ के उसके सामने खड़ा कर दिया ,उन दोनों को नरगिस ने प्यार से समझाया कि शिवा को उन दोनों की हरकतों से तकलीफ हो रही है वो ऐसे डरना बन्द करदे ,अगर वो दोनो की वजह से शिवा थोड़ा भी और डिस्टर्ब हुवा तो उन दोनों को वो पमी के साथ पिंजरे में बंद कर देगी ,विनोद तो पमी का नाम सुन के ही अपनी पैंट में मुत दिया ,विनोद ने नरगिस से कहा ऐसी शिक़ायत का मौका अब कभी नही आएगा,शिवा के रूम का नंबर पूछकर सनी का हाथ पकड़के वो शिवा की रूम की तरफ दौड़े, सनी को पता था पमी कोई और बडी आफत होंगी तभी विनोद ने मुत दिया होगा ,वो दोनो पहले शिवा से उसके कमरे के बाहर ही मिले उसने बहुत बार कमरे में बुलाया लेकिन दोनों अंदर आये ही नही बाहर से ही उहोने जसके साथ बाते की और शिवा को आराम करने को बोल कर उसको कहा कि वह अब वह थोड़े काम मे बिजी रहने वाले है ,विनोद बोला कि उसे अब फाइट की तैयारी शुरु करनी पड़ेगी ,तुम्हे कुछ भी लगे तुम नरगिस को बता देना और उसके साथ ही रहना
उसके बाद दोनों शिवा को छोड़कर उनको दिए हुए कमरे में गये ,सनी ने पूछा भाई पमी कौन है
विनोद ,दरवाजा बंद कर लवड़े और टॉयलेट चल मेंने तो मुता तूने देखा, लेकिन अब तू सुनने वाला है तो तेरी गांड ही फटेगी ,दोनो टॉयलेट में चले गए तब विनोद ने बोला पमी एक बड़ी जंगली आदिवासी मादा है ,जो 6 फिट से ज्यादा लंबी है उसमें पूरे बदन पे 2 फुट लंबे बाल है ,उसके पकड़ के 5 साल हो गए है तब से वह नहाई नही है ,वो मादा होने से हमेशा लंड के लिये पागल है ,उसके पिंजरे में किसी औरत को छोड़ा तो उसे तुरंत मार के खा जाती है ,लेकिन वो बहुत खुश होती है ,वो दिनभर उस आदमी को नंगा रखती है कभी उसक लंड चूसकर उसका पूरा माल पी जाती है, कभी उसके लन्ड से अपनी चुत मरवाती या अपनी गांड,उस आदमी को वह अपनी चुत और गांड भी चाटने को लगाती है तू सोच उसने अपने बदन पर 5 साल से पानी की एक बूंद को लगने नही दिया है ,उसके पिंजरे की बदबू 25 फिट से दूर तक जाती है तो सोच पास जाने पर क्या हाल होता होगा,मैने पमी को एक ही बार देखा था 4 साल पहले भाई में आठ दिन तक सो नही पाया था
विनोद ने सनी की तरफ देखा तो सनी सब सुनकर मूत ने साथ थोड़ा पिला काम भी किया था
सनी बोला ,विनोद बहनचोद ये ,शिवा डिस्टर्ब नही होना चहिये, नही तो वो नागिन हम दोनों को डरा डरा कर मार देगी,
नरगिस शिवा के साथ दुबई में 3 दिनों तक घूमती रही ,वो शिवा को ऐशोआराम करने वाली सब जगह घुमाती रही ,उसने शिवा को शॉपिंग पर भी लेके गई लेकिन शिवा को कोई चीज पसन्द ही नही आई ,शिवा रोज पूछता की फाइट कब है ,कब हमे मिलना है यहाँ के मालिक को वो बस शिवा को दिलासा देते रहती ,शिवा ने तीन दिन से अपना फोन बंद ही रखा था उसने शफ़ी चाचा के यहा बोल के रख था की उसके ट्रेनिंग पीरियड में 7 दिन तक फ़ोन का इस्तेमाल करना मना है,7 दिन बाद में फोन करूंगा,
शिवा यहां सिर्फ शफ़ी चाचा के ऑपरेशन के वास्ते पैसे जमा करने ही आया था लेकिन नरगिस उसे फाइट कब है यह बताती नही,आखिर शिवा ने अपने कमरे में आने वाले वेटर उस फाइट के बारे में पूछा तब उसे पता चला कि फाइट 2 दिन से शुरू हो चुकी है ,उस वेटर ने शिवा को वह फाइट आज कब शुरू होगी और कहा होगी यह बात भी बता दी,
नरगिस को उसने अपने कमरे में बुलाया ,फिर उसको लेके वह जह फाइट की जगह पे हाथ पकड कर उसकी गाड़ी में बैठकर ले गया था, वहा पर विनोद और सनी भी मौजूद थे ,शिवा को वहा देखकर दोनो के देवता कूच कर गये, नरगिस ने शिवा को वहां से अपने साथ वापिस होटल जाने के लिए बहुत बार मनाया लेकिन वो नही माना, फिर नरगिस ने शिवा को वही पर एक रूम में लेकर गई उसने विनोद और सनी को भी वहाँ बुला लिया ,उसने विनोद को एक इशारा किया विनोद ने अपने फ़ोन से एक फोन किया फिर 5 मिनट बाद विनोद के फोन पर 1 वीडियो कॉल आई पहले विनोद ने बात की फिर उसने शिवा को फोन दिया , और कहा सिर्फ सुनो तब सामने शफ़ी चाचा और पूरा परिवार वो किसी अस्पताल कमरे से बात कर रहे थे ,तब चाची ने बताया कि शिवा जिस दिन ट्रेनिंग के लिये गया था तभी उसके होटल से कुछ लोक एम्बुलेंस लेकर आये फिर चाचा को अस्पताल में एडमिट करा दिया ,कल ही उनका ऑपरेशन हो गया है ,अब 1 महीना अस्पताल में रुकना होगा फिर चाचा चल फिर सकेंगे
यह सब बात करते हुवे चाची रो रही थी , लेकिन वह खुश थी ,थोडी देर सबके साथ बात करके शिवा ने भी फोन काट दिया ,शिवा की भी आंखे नम हुवी थी सब देखकर उसने अपनी आँखें पोछकर विनोद सर से कहा ,शुक्रिया सर आपने आज मेरे चाचा को नई जिंदगी दी है, में यह अहसान कभी नही भूलूंगा, अब यह बात का जवाब दीजिए के आप मेरी फाइट कब रखवाने वाले है ,
विनोद कुछ नही बोल पा रहा था ,वो कभी शिवा को देखता तो कभी नरगिस को ,शिवा ने यह देख कर नरगिस को ही पुछा ,आप ही बता दो मैडम आखिर क्या बात है
नरगिस ,तुम्हें जिस काम के लिये पैसे लग रहे थे ,वो हो गया है ना फिर क्यों करनी फाइट ,तुम्हे और पैसे चाहिए तो बोलो तुम्हे जो चाहिए वो मिल जाएगा बस फाइट भूल जावो
शिवा , ऑपेरशन के लिए ही पैसे लग रहे थे मुझे बाकी मुझे और पैसे की जरुरत नही है
नरगिस,यह तो अच्छी बात है ना फिर ,तुम जितने दिन यहाँ रहना चाहते हो उतने दिन यह पर रहो घूमो फ़िरो तुम्हे जो खरीदना है वह तुम ले सकते हो
शिवा, मैडम आप मेरी एक बात भूल रही है में अनाथ हु ,अनाड़ी नही ,आप यहां की राजकुमारी है , अल गफूर आप के पिता है और वह यहां के राजा ,अपने जो मोबाइल दिया था उसमें आपके बारे में यूट्यूब पर देखा मेने
और दूसरी बात में भिखारी नही हु किसीसे से जो कुछ भी ले लू,यह सब पैसा आप ने खर्चा किया है आप ने किस मकसद से यह पैसा खर्च किया मुझे नही पता ,आपने मेरे फोन में एक बग लगाया था ताकि में क्या करता हु आप को पता चले ,और अब इस नए फोन में भी बग के साथ एक सॉफ्टवेयर डाल दिया आपने, आप को मुझ जैसे अनाथ से क्या हासिल हो सकता है यही बात मेरे समझ मे नही आती
शिवा की बातों से नरगिस चुप हो गई ,उसे क्या जवाब दे यह समझ नही आ रहा था
शिवा ,मैडम में शफ़ी चाचा के इलाज के लिए आपने जो पैसे खर्च किये थे वो लौटाना चाहता हु, उनके इलाज के लिए पैसा जमा करना मेरी जिम्मेदारी थी ,और आप को पैसे देने के लिए इस वक्त यहा पर इस फाइट में हिस्सा लेकर आपके पैसे लौटना को बहुत अच्छा मौका है मेरे पास ,अगर आज यह मौका मेरे हाथ से निकल गया तो ,मेरे दिल मे हमेशा यह टिस रहेगी कि मेरी मर्दानगी पर आपको यकीन नही था, इस वजह से आपने मुझे यहा से लौटा दिया ,भले ही बाद में आपके पैसे में लौटा दु, पर मुझे यह दर्द जिंदगी भर चैन से जीने नही देगा कि मेरी मर्दांगी मेरे काम न आई ,शायद में खुद को ही ख़त्म कर लूं,ऐसे बोझ लेकर जीने से ,मुझे किसी कायर की मौत मरने के बजाय एक मौका दे दीजिए ताकि बाद में कायरो की मौत मरने की बजाय आज ही अपने आप को परख सके ,कि हम किस काबिल है ,हम पर भरोसा करे हम आपको निराश नही करेंगे ,
नरगिस ,विनोद जाकर शिवा भी मुकाबले में हिस्सा ले सके इस बात का प्रबंध कर दो
विनोद और सनी उस रूम से बाहर आ गए और काउंटर की तरफ जाकर शिवा का नाम दाखिल कर दिया उन्हें वहां से 102 नंबर का टोकन मिला,
नरगिस की आखों में शिवा की बाते सुनकर आंसू आ गए थे उसने शिवा से कहा, हमे आप पर अपने आप से ज्यादा भरोसा है ,हमने आप मे दूसरे के लिए जीने वाला इंसान देखा था, जो खुद के भले के बारे मे ना सोचकर ,दूसरे का भला सोचता हो ,जिसके लिये अपनी जान की बाजी लगाने में भी आप पीछे नही हटते ,ऐसे अनमोल इंसान को बचा रही थी में जो बहुत मुश्किल से मिलता है ,आप को भिकारी में कभी समज ही नही सकती ,में खुद आप के प्रेम की भीख मिल जाये इसलिए आप के पीछे घूम रही थी ,कोई धन दौलत देकर भी ,मुझे आप जैसा इंसान नही मिल सकता ,आप की मर्दानगी पे हमे पूरा भरोसा है ,कायर तो हम है जो आप को दांव पर लगाने के डर रहे है,लेकिन अगर यह आपके सन्मान की बात है ,तो जाइए दिखा दीजिए एक मर्द की मर्दानगी कैसी होती है इन हिजड़ो को ,जिस तरह मेरा हाथ पकड़कर आप इस जगह मुझे लाये थे ना ,बता दीजिये इस अरबी घोड़ी पर चढ़कर उसकी सवारी करने वाले मर्द की ताकद क्या है , मुझे आप पर पूरा भरोसा है जाइये ,
शिवा बाहर आकर अब उस पूरी जगह को देखने लगा,विनोद और सनी उसे काउंटर के पास दिख गए तो वो उनके पास चला गया ,ये एक बहुत बड़ा इनडोर स्टेडियम था जिसमे चारो तरफ भीड़ थी ,उस स्टेडियम में जाने के लिये एक ही रास्ता था जो 30 फुट चौड़ा था उसके दोनों तरफ बड़े बड़े पेड़ थे,उस पूरे स्टेडियम में 6 बड़े बड़े पिंजरे थे जो साइज में 25 फुट की लंबाई और चौड़ाई के साथ 20 फुट ऊंचे थे ,हर पिजरों को इतनी मोटी और मजबूत लोहे की जाली लगाई थी कि 10 हाथी मिलकर भी ना तोड़ पाये, हर पिंजरे में एक जंगली जानवर के साथ एक आदमी उतरता था ,उन दोनों में जो जीवित बचे उसे विजेता माना जाता ,आदमी को जंगली जानवर के साथ लडने के लिए एक चाकू दिया जाता था, पहले पिंजरे में आदमी को उतारा जाता,जो पिंजरे में ही एक साइड बने 6 बाय 3 फुट दरवाजे से हो पाता था ,आदमी के पिंजरे में जाने के बाद ही जंगली जानवर को छोड़ते थे
हर पिंजरे में सैकड़ों कैमरा लगे होते थे,जिसकी रिकॉर्डिंग होते रहती और उसका टेलीकास्ट डार्क वेब से होता था ,उन कैमरों से हर पिजरों की लड़ाई स्टेडयम में लगे बड़ी बडी स्क्रीन पर दिखाई जाती ,हर लड़ाई के लिये करोड़ी का सट्टा खेला जाता अगर पिंजरे में आदमी जीता तो उसे मिलते 50 लाख ,बिना चाकू से लड़ने पर 1 करोड़ मिलते थे ,लेकिन जानवर जीता तो वो आदमी को मार देता था ,
पिंजरों में लडने वाला जानवर जीते या आदमी हर लड़ाई पर करोड़ो का सट्टा लगता ,और फायदा सिर्फ उन जुआ के खेल को चलाने वालों को ही होता था ,ये जुआ बन्द हो ऐसी किसीने कोशिस नही की थी ,अगर कोई भी आदमी बिना हथियार एक साथ 6 जनावरो को हरा दे ,तो ही यह जुआ बन्द होने वाला था हमेशा के लिए और अगर कोई यह कर दे तो उसे पूरे 5000 करोड़ मिलने वाले थे इस साल ,यह 5000 संख्या इसलिये थी क्यो की अभी तक पांच हजार लोग मारे गए थे इस खूनी खेल में ,
और कोई माई का लाल पैदा ही नही हुवा था जो एक साथ 6 जानवरो को बिना हथियार हरा सके ,इन 50 सालो में ,सिर्फ शक्ति नाम का एक बन्दे ने एक एक करके 6 जंगली जानवर को बिना हथियार लड़के मार दिया था ,शिवा ,विनोद से सब बातें सुन रहा था उस सब सुनकर बहुत बुरा लग रहा था वो अपने सामने जानवरो को इंसान को मारते हुवे देख रहा था ,हर पिंजरे में खून का खेल चल रहा था ,शिवा की आंखे यह सब देखकर नम हो गई थी उसका नंबर आने के लिये 15 मिनट बाकी थे ,आज भी 95 लोग मारे गए थे ,
विनोद ने तक तरफ इशारा करते हुवे कहा वो देखो वो सामने शक्ति बैठा है ,यह वही योद्धा है जिसने पिछले साल 6 जानवरो को अलग अलग लड़कर मार दिया था , शिवा ने देखा कि एक उससे भी लम्बा, चौड़ा ,मजबूत बदन का मालिक सामने 20 फुट कि दूरी पे एक खुर्सी पर बैठा था, उसकी नजरे भी शिवा की तरफ थी ,लेकिन वो जलती निगाहे थी ,वो अपनी नजरो में दिख रहे क्रोध के ताप से ही शिवा को जला देना चाहता हो, शिवा ने देखा ,शक्ति के बाजू में ही एक उससे भी तगड़े लेकिन उम्र में उसके पिता लगने वाले शख्स बैठा था उसके चेहरे पे भी एक तेज था ,लेकिन उसकी आँखों मे शिवा को देखकर कोई भी भाव नही था, शिवा पल भर दोनो को देख रहा था ,फिर उसने अपने कदम दोनो की तरफ बढ़ा दिए ,और दोनो के सामने जाकर खड़ा हो गया ,शिवा दोनो को देख रहा था और वो उसको , अचानक शिवा ने नीचे झुककर शक्ति के बाजू में बैठे हुए आदमी के पाव छु लिये ,य देख कर शक्ति की आखों में आश्चर्य था ,और उस व्यक्ति के आँखों मे समाधान ,उस आदमी ने शिवा के सर पर हाथ फेरकर कहा ,बोलो बेटे क्या आशीर्वाद चाहते हो हमसे ,
शिवा ,आपने मुझे बेटा कहा है ना ,तो अपने बेटे के लिए सही क्या होता है ,यह आप मुझसे बेहतर जानते हो ,की मेरे लिए सही क्या है
उस आदमी ने उठकर शिवा को गले लगा लिया ,उनकी आँखों मे पानी छलक आया था ,उनके आंसू की कुछ बन्दे भी शिवा के कपड़ो पर गिर गयी थी ,अपने आंसू पोछकर उन्होंने शिवा के सर पे हाथ फेरकर कहा ,सदा विजयी भव ,
शिवा ने फिर शक्ति की तरफ अपना रख किया और उसको कहा कि, इन्होंने मुझे बेटा कहा ,आप इनके भी बेटे समान ही है ,आप मुझसे बड़े है ,तो अपने छोटे भाई को आशीर्वाद दो बड़े भैया ,और शक्ति के चरण स्पर्श कर लिए
शक्ति की तो लगा ही नही, के शिवा ऐसा करेगा , शिवा को अपने पैरों से उठाकर गले लगा लिया और कहा ,छोटे ,तेरा बड़े भाई का आशीर्वीद है ,कि तुम हमेशा अपने कर्त्तव्य में उतीर्ण हो ,शिवा उन दो पहाड़ जैसे इंसानो के सामने में कुछ भी नही था
शिवा जहा 6 फुट 8 इंच था, वही शक्ति सिंग 7 फुट और साथ मे उसके दादा थे पृथ्वी जो 7 फुट 2 इंच के थे ,शिवा को उन्होंने अपने नाम बताया ,और यह भी बताया कि वह पंजाब के अमृतसर से है ,थोड़ी देर उन दोनों से बात करते हुवे ,शिवा ने फिर दोनों को प्रणाम किया और विदा ली,
शिवा उनके पास से निकलकर जहा पर माइक के पास जाकर अपना फाइट का टोकन दिखाकर उनसे गुजारिश की की वह कुछ कहना चाहता है, फिर शिवा ने वहां पर माइक लेकर कहा कि वह 6 जानवरो से एक साथ लढना चाहता है वह भी बिना हथियार के,
शिवा की बात सुनकर सब पहले एकदम खामोश हो गए,फिर सब की तेज आवाजे आनी लगी हर कोई एक दूसरे से बात कर रहा था, बहुत से लोक अपने मोबाइल से अपने जानने वालों को यह बात की खबर दे रहे थे ,उस स्टेडयम मे पहले केवल 8000 लोग थे, उस स्टेडियम की केपेसिटी 25000 थी ,
50 साल में पहली बार यह 5000 करोड़ की इनामी फाइट होने वाली थी ,फाइट करने वालो ने इसे चालू होने में अभी 3 घण्टे लगने वाले है यह बात सबको बताई ,सबसे पहले स्टेडयम से 6 पिंजरे निकाल लिये ,और 60 बाय 60 फुट लंम्बा ,चौड़ा और 25 फुट ऊँचाई वाला एक ही पिंजरा सेंटर में लगा दिया ,1घण्टे के अंदर ही पूरा स्टेडयम अब फूल हो गया था, सुरक्षारक्षक नो अब स्टेडियम का गेट बंद कर दिया और किसी को अब अंदर नही लेने वाले थे स्टेडियम के बाहर 200 से ज्यादा और अंदर 500 के आसपास सुरक्षा रक्षक अपने हाथों में हाइटेक गन लेके ,बालकनी में, छतपे मौजूद थे ,ताकि कोइ भी गड़बड़ी ना हो सके
तभी सफेद घोड़े पे बैठकर किसी योद्धा के कपड़ों में नरगिस वहा दाखिल हो गई ,उसको यहाँ ऐसे देखकर सब लोग हैरान थे ,तभी बाहर स्टेडियम के बाहर बड़े बड़े ट्रक खड़े होने की और उसके ट्रक के गेट खोंलने की आवाज आ रही थी ,सब लोग दहशत में बैठे हुवे थे अपनी अपनी जगह, ,विनोद और सनी दोनो अब सिर्फ रोने को ही बाकी थे,
नरगिस ने जाकर एक माइक उठा लिया और माइक पर ही बोली ,स्टेडियम का गेट खोलो, नरगिस के एक आवाज पे ही गार्ड लोगो ने गेट खोल दिया ,
गेट में से 10 गार्ड और उनके पीछे 5 शेर ,12बाघ, 4 चीते अंदर आ गए, नरगिस ने उन गार्ड को कुछ इशारा किया उन गार्ड के हाथ मे एक बैग था ,उन सब गार्ड ने अपने पास के बैग से ,किसी मोबाइल जितने आकर वाले इलेक्ट्रॉनिक आयटम, सब वहां तैनात 500 गार्ड में बाट दीये ,
नरगिस ने माईक पर ही उन गार्ड को उनको कैसे चालू करना है यह बता दिया ,उन सब गार्ड ने भी, नरगिस ने जैसा उनको बोला वैसा ही किया ,नरगिस के साथ आये एक गार्ड ने एक एप्पल का टैब दिया उसे देखकर , नरगिस ने अपने पास बैठे उन शेर , बाघ और चितो को एक सिटी मारी उसकी सिटी सुनते ही वो सब खड़े हो गए ,नरगिस ने उनको जो पिंजरा उस स्टेडियम के सेंटर पर ही रखा था ,वहा पर अपनी ऊँगली दिखाई, नरगिस के उंगली दिखाते ही उन सब शेर बाघ और चितो ने उस पिंजरे को चारों तरफ से घेर लिया ,और वो उस पिंजरे के पास बैठ गए ,आधे घण्टे से नरगिस की ही आवाज वह पे गूंज रही थी ,तभी एक और आवाज गुंजी वहां ,नरगिस ,यह क्या लगा रखा है तुमने यहां पर ,यह आवाज रियाज की थी जो नादिया से बड़ा लेकिन खानदान में 3 रे नंबर का लड़का था ,वही इस खूनी खेल को चलाता था और इस से अरबो रूपये कमाता था ,वह बोला ,तूम्हे पता है ,आज क्या होने वाला है यहा ,आज दुनिया की सबसे बड़ी बाजी खेली जाने वाली है ,जिसकी कीमत है 5000 करोड़ ,और इस फाइट पर अब तक का सबसे बड़ा सट्टा लग रहा है 90 हजार करोड़ तक लग चुका है ,आने वाले वक़्त में यह कहा तक जाएगा कोई नही जानता ,तुम अपने यह जानवर यह से निकालो ,और घर जाओ,
नरगिस ने उसकी तरफ देखा और कहा ,तुम्हे पता है यहाँ क्या होने वाला है ,रियाज
नरगिस ने फिर अपने हाथ मे माइक लिया और बोली , कोकी कहा हो तुम
थोड़ी ही देर में कोकी नरगिस के सामने था उसको देखकर जितने शेर, बाघ को देखकर नही डरे होंगे उससे ज़्यादा अब डर गए थे,सबसे ज्यादा डरे थे विनोद और सनी
नरगिस ने कोकी से कहा ,कोकी यह लो तलवार इस मादरचोद का लंड काट के फेक दो ,

नरगिस की बात पूरी होकर 1 मिनिट भी होने से पहले ही 4 कैमरामैन के आकर सब सेट अप करके रियाज भाई की चुदाई शुरू होने से पहले ही ,सब बड़ी स्क्रीन पर दिखाने लगे थे ,
सनी ,विनोद देखा बहनचोद डर किसे कहते है ,
विनोद, हा भाई सनी देखा मेने डर ,लेकिन मुझे आज डर बहुत पतला लगा यार
सनी ,में समझा नही भाई
विनोद ,यार कुछ नही ,जब कोकी ने रियाझ भाई का लंड काटा तो पहले मुझे लगा साला मेरा ही लंड कट गया है ,जब मैने अपने अपने लंड को हाथ लगाकर देखा ,तो वो वही था ,इसी खुशी में ,मेंरे नीचे से पिले आंसू बह गए यार पैंट के अंदर ही ,
सनी ,भाई तुन्हें तो भी पता चला था बहने से पहले ,मुझे तो आपने बताया तब मैंने खुद को चेक किया ,सेम कंडीशन भाई
सनी, विनोद भाई आज के बाद दुनिया मे सिर्फ एक ही चीज से डरने वाला हु और वो है नरगिस ,।
Amazing update
 
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Update 29
नीलो की बाते सुनकर शिवा हस ही रहा था कि, उसे मैनेजर ने बुलाया और बताया कि इसी होटल के दूसरे ब्राँच में एक कार्यक्रम है, वहा पर तुमको आज जाना पड़ेगा ,वहा पर काम ज्यादा है औऱ आदमी कम ,शिवा वहाँ से मैनजर ने बताई हुवी जगह पर पहुच गया ,वो होटल तो बहुत ही बड़ा था ,यहां पर शादिया,मंगनी के साथ बड़े बड़े कम्पनी फेस्टिवल होते थे ,आज होटल में बेस्ट इंडियन डॉग एंड कैट का फाइनल होने वाला था ,शिवा को वह पर एक टेबल पर बिठा दिया और बताया कि तुम्हे प्रतियोगिता में आनेवाले लोगो के नाम लिखना और उनको जिस क्रम में आएंगे उसी तरह नम्बर देंना ,यह नम्बर के हिसाब से ही उनको स्टेज पर भेजेंगे ,
शिवा ने अपना काम शुरू कर दिया धीरे धीरे लोग आ रहे थे ,शिवा उनका नाम लिखता और एक नम्बर उनको दे देता ,बाद में वह लोग अपना जो भी जानवर मतलब कुत्ता या बिल्ली के साथ होते ,वो जहा पर शिवा का टेबल था उसी बड़े से हॉल में बैठ जाते ,एक आदमी बहुत खूबसूरत कुत्ते के साथ आया उसने अपना नाम लिखाया ,नंबर लिया वो शिवा को बोला कृपया, मेरे कुत्ते को 5 मिनिट सम्भाले ,में बाथरूम जाकर आया ,शिवा ने उसकी बात मान ली ,वह आदमी अपने कुत्ते को शिवा के पास छोड़कर चला गया ,
शिवा उस कुते को देख के मन मे बोला ,बड़ा मस्त कुत्ता है यह तो ,उसने प्यार से कुत्ते के सर पर हाथ फिराया और बोला, टॉमी ,टॉमी
लवड़े मेरा नाम रॉक है टॉमी नही
शिवा पहले चौका ,लेकिन जल्द ही अपने आज दिनभर घटी घटनाओं से सम्भल गया
शिवा कुते की तरफ देखकर बोला ,अच्छा तुम्हारा नाम रॉक है टॉमी नही
रॉक कुत्ता ,अरे लवड़े तू तो मेरी बात समझ गया, तू तो मेरे काम का आदमी निकला
शिवा बोला ,रॉक गाली देकर बात मत कर
रॉक कुत्ता , हा ,सुन जब मेरा मालिक आएगा तब मेरे गले से चेन का क्लिप ढीला कर ताकि में यहां से भाग जाऊ
शिवा ,क्या करेगा भाग कर मुम्बई में
कुत्ता ,मेरी आयटम को बजाने को जाना है ,इतना काम कर दे मेरा लंड तुझको दुवा देगा
शिवा ,तेरे मालिक का क्या होगा जब तु भाग जाएगा
कुत्ता ,वो लवडा अपनी बीवी को चोदता नही मुझे क्या किसीको चोदने देगा, भाई वो उसकी गांड कहि भी मरा ले ,पर आज तू मेरी मदद कर में भी कभी तेरे काम मे आ जाऊंगा ,
शिवा की मदद से कुत्ता वहाँ से भाग गया ,
वहां पर कुछ बिल्लियों को भी लेके आये थे उनके लिए अलग टेबल लगाया गया था ,शिवा का बुकिंग का खत्म हुवा उसने बहुत से कुत्तों से बात की थी ,बादमे वो बिल्लियों के हॉल में गया वहा एक से बढ़कर एक बिल्ली थी सफेद ,काली,इंग्लिश कलर ,शिवा ने एक सफेद बिल्ली का देखकर पास गया और उसे पुकारने लगा ,पुसी ,पुसी ,उस बिल्ली ने शिवा की तरफ देखकर बोला ,अबे चुत के बाल ,में तुझे पूसी दिखता हु ,में बिल्लू बिल्ला हु ये देख मेरा लंड ,इतना बोलकर उस बिल्ले ने अपना छोटा सा लंड उसे दिखाया ,उसका मालिक वही मौजूद था ,इस वजह से शिवा बिना ज्यादा बोले वहां से निकल गया
शिवा का काम लगभग यहाँ से ख़त्म हो गया था ,लेकिन कुछ देर वो वही टहल रहा था और अपनी शक्तियों के बारे में सोच रहा था कब से उसमे शक्तिया आयी ,पहली शक्ति कौनसी मिली ,कब उसको उनके बारे में पता चला ,
शिवा के हिसाब से जब उसने जीनत को होटल में चोदा था तबसे उसमे शक्तिया आई थी ,सबसे पहले उसको नीलो के मन की बाते सुनाई दी ,वो कह रही थी दरवाजा बंद होने के बाद में अंदर कैसे घुसा
हा साला यह बात तो में भूल ही गया था ,में तो उस दिन बिना दरवाजे को खोले उसके आरपार गया था ,चलो यहां होटल में बहुत दरवाजे है कोशिश करके देखता हूँ ,
फिर क्या शिवा कोशिश करना शुरु कर दिया दरवाजे से आरपार जाना ,वो आसानी से कर पा रहा था , फिर उसने सोचा दीवारों से आरपार जाकर देखते है ,तो वो दीवारों से भी आसानी से आरपार जा सकता था ,फिर उसने सोचा लोहे के दरवाजों ,कपाटों से आरपार जाकर देखे ,तो वो उनसे भी आरपार जा सकता था ,
शिवा ऐसा ही एक होटल के कमरे से आरपार जा रहा था ,उसने एक कमरे में देखा कि एक औरत सिर्फ ब्रा और पैंटी में ही दरवाजे के पास पड़ी थी ,उसने कुछ नशा किया था उसमें वो कुछ बडबडा रही थी ,उसकी मन की बाते शिवा को सुनाई दे रही थी ,वो बहुत ही दुःख में थी ,उसी दुख को भुलाने आज उसने ड्रग्स का नशा किया था ,शिवा ने उसे अपने दोनों हाथों में उठाया और बेड पर रखने लगा ,उस औरत ने शिवा के गले मे बाहें डाली थी और शिवा को छोड़ने को ही तैयार नही थी ,शिवा को उसका गम समज रहा था वो बहुत अकेला महसूस कर रही थी मन मे अपने पति को वो याद कर रही थी बिचारी ,शिवा भी थोड़ी देर के लिए उसके बाजू में लेट गया ,वो औरत अब एकदम शिवा को चिपक ही गई थी , उस औरत ने शिवा के चेहरे को पकड़ कर अपने कोमल ओठो का रस शिवा को पिलाने लगी , शिवा को पहले झटका लगा ,लेकिन उस औरत के मुह से निकल रहा थूक वो
जब शिवा को पिलाने लगी तो शिवा पागल ही हो गया ,ऐसा स्वाद उसको मिल रहा था कि बस , शिवाने कब उस औरत को नंगा किया और खुद के भी कपड़े उतार दिये उसे पता न चले ,उस औरत में एक अजीब सा आकर्षन था जो शिवा की सोच समझ को मार रहा था ,शिवा ने उस औरत के ओठ, चुचिया ,गाल चुसचुस कर और अपने हाथों से मसल कर एकदम सूजा दिए ,थे ,उस औरत की गांड को तो शिवा ने इतना दबाया ,इतने थपड बरसाए थे कि गांड सूझ के लाल हो गई थी ,
शिवा और वो औरत जो अपने पति का नाम लेती उसको उकसा रही थी ,हा पृथ्वी दबाओ अपनी ज्वाला की गांड ,मसलो मेरे चुचे
जी हां दोस्तो यह ज्वाला ही थी अपने पृथ्वी की पत्नी ,अपना मतलब कहानी का एक विलन
ज्वाला और शिवा दोनो अब 69 में आ गए शिवा को ज्वाला के बदन ने जला डाला था तो ज्वाला ड्रग्स और शराब के नशे में थी ,शिवा ज्वाला के चुत और गांड को चूस रहा था तो ,ज्वाला उसके लंड को चूस रही थी ,ज्वाला तो हर 10 मिनट के बाद अपने चुत का पानी उसे पिलाती लेकिन शिवा झड़ने का नाम नही ले रहा था ,जब ज्वाला 5 बार झड़ी तो वो एक बार ही झडा लेकिन ऐसा मानो ज्वाला के पेट और मन की आग ही भुज गई हो ,ज्वाला को भी लंड का रस इतना पसन्द आया कि उसने 5 मिनिट में ही उसे फिर खड़ा कर दिया ,बाद में दोनों में एक घनघोर संग्राम हुवा एक तरफ आग बरसती चुत और दहकती गांड थी तो दूसरी तरफ बिजली का तूफान सा लंड ,रातभर उस लंड ने चुत पर गहरे वार किए साथ उस गांण्ड के छेद को भी बड़ा कर दिया ,हर आधे घण्टे में वो लन्ड के गाढ़े पानी से कभी चुत तो कभी गांड प्यार भर देता ,सुबह तक तो ज्वाला की चुत और गांड लबालब अपने गाढ़े माल से शिवा ने भर दि थी ,उसके उठने से पहले शिवा अपने कपड़े पहन कर 1 सेकंड में अपने घर पहुँच कर सो गया
सुबह जब ज्वाला उठी तो उसका बदन पूरा टूट रहा था ,उसकी चुत और गांड के छेद आज सैकड़ो साल बाद दुख रहे थे ,उसके चुत और गांड के दर्द को उसमे बहता गाढ़ा पानी एक सुकून दे रहा था ,ज्वाला ने जब अपनी चुत से बहता वो गाढ़ा माल पिया ,तो उसे वो बहूत पसन्द आया था ,ज्वाला की आग सही मायने में बुझाई थी किसीने ,यह कौन मर्द पैदा हो गया ,ज्वाला की ताकद भी उस आदमी का पता न लगा सकी जिसने आज ज्वाला की कामाग्नि सही मायने में बुझाई थी
Super update
 

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Superb story bhai
 

ANUJ KUMAR

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Update 31
शिवा को नीलो की प्यार भरी बाहों में बहुत अच्छी नींद आयी थी ,नीलो जिस तरह शिवा को अपने सीने से लगा के सोयी थी ,जैसा शिवा कोई बच्चा हो और वो उसकी माँ ,नीलो के आगोश में पहली बार शिवा को सुकून क्या होता है मोहब्बत के आगोश में इसका अस अहसास हो रहा था ,शिवा जब पेशाब लगने पर उसकी बाहों से निकल रहा था तो नीलो थोड़ी कसमसाई और वापिस सो गई ,शिवा पेशाब करके अपने मोबाइल में देखा तो सुबह के 7 बजे थे ,कुछ सोचकर वो अपने घर से दरवाजे को लगा कर फिर वही पहाड़ी इलाक़े में पहुंचा , और अपने आप को कोई नई शक्ति मिली है क्या इसके बारे में सोच कर उसने एक बड़े से पत्थर को उठाना चाहां तो आसानी से उसने वो उठा लिया,फिर उससे बड़े पथर को उठाया तो उसको भी उठा लिया ,शिवा अब वहा पर बड़े बड़े पथरो को उठाकर देखने लगा जिसको 100 आदमी मिलकर हिला भी ना सके ,फिर उसने उन पथरो पर मुक्के मारकर देखना शुरू किया ,आधे घण्टे तक वो अपनी मुक्केबाजी की ताकत उन पथरो के ऊपर करता रहा तो उसे पता चला कि वो किसी भी पथर को अपने मुक्कों से आसानी से टुकडो में कर सकता है सिर्फ अपने मुक्के मि कितनी ताकद रखनी यह सोचकर प्रहार करना है,अपने सोच से अपनी मुक्कों में ताकद कम ज्यादा कर सकता है,तभी उसका फोन बजने लगा उसने देखा तो वह नीलो का नंबर था ,शिवा ने फ़ोन उठाकर नीलो से बात कही और फोन रखकर तुरन्त वो अपने घर पर पहुच गया
नीलो को बाथरुम जाना था पर वो उठ नही पा रही थी ,शिवाने उसे अपने दोनों हाथों में उठाकर उसको पहले बाथरूम में जाकर फ्रेश करवाया ,पानी गर्म करके नीलो को अपने हाथों से नहलाया ,उसकी चुत और गांण्ड के छेद की अच्छी तरह साफ सफाई करके उनको भी पानी और कपड़े से सेका ,नीलो को तो सब करते हुए बहुत शर्म भी आ रही थी ,लेकिन शिवा के प्यार और ऊसकी फिकर को देख कर उसकी आँखे थोड़ी नम भी हो रही थी के आज नही तो कल उसको उसके घर शिवा को छोडकर वापिस जाना पड़ेगा,उसको अब शिवा से दूर होना मंजूर नही था ,शिवाने उसको अपने बेडपर नंगा ही सुलाया ,उसके आँसू पोछ कर ,उसको कहा अब जिंदगी भर वो उसको अपने पास ही रखने वाला है ,कभी उसको अपने आप से दूर नही करेगा फिर,उसके चुत में और गांड के सूजे हुवे छेद में क्रीम लगा दी जिससे उसको आराम मीले ,फिर शिवाने उसे कपड़े पहनकर थोड़ा खिलाया पेनकिलर दी और आराम करने को कहा ,शिवा उसके बाद नहाया अपने कपड़े पहनकर बाहर जाकर दोपहर के लिये खाना लेकर आया ,नीलो आराम से अब सो रही थी उसको दर्द बहुत हो रहा था ,पर शिवा ने जो क्रीम उसके चुत और गांड में लगाई थी उसके वजह से उसकी जलन बहुत कम हुवी थी और ठंडक पहुचा रही थी उसके जख्मो को ,शिवा ने खाने का सामन रख दिया कमरे में और नीलो को सोने दिया और थोड़ा घर के बाहर आ गया ,तभी उसका फोन बजा ,नरगिस का फोन था ,शिवा ने नरगिस से थोड़ी देर बाते की फिर फोन रख दिया ,शिवा को नरगिस के आवाज में थोड़ी परेशानी दिखी तो उसने अपनी ताकत से उसकी परेशानी का पता किया तो उसने अपने आप को ही गालियाँ देना शुरू कर दिया मन मे ,
नरगिस के परेशानी की वजह थी शिवा ,उसने शिवा की सिक्योरिटी के लिए जो आदमी रखे थे ,उनको शिवा आफिस से घर कब आता है ,कैसे आता है पता ही नही चलता था ,शिवा घर से भी आफिस कैसे जाता है इस बात का उन्हें पता नही चलता था ,3 दिनों से यह समस्या उनके सामने आ रही थी उन्होंने बहुत कोशिश की कुछ पता चले पर वह नाकामयाब रहे तो उन्होंने नरगिस को यह बात बताई थी ,नरगिस यह बात सुनकर भड़क गई के यह बात 3 दिन बाद बता रहे हो ,ऐसा आगे नही करना ,शिवा के बारे में कोई भी बात हो तो उसे 1 मिनिट की देरी किये बिना बताना चाहिए ,फिर शिवा से उसने बात की फोनपर ,लेकिन शिवासे उसने बहुत बार पूछा कोई समस्या तो नही,अगर हो तो उसे बता दे, लेकिन शिवा ने उसके साथ प्यार से बात की और बताया कोई समस्या नही है ,
शिवा को जब से नई ताकते मिली थी तो वो सब जान गया था ,नरगिस के मन की बाते ,उसका शिवा के लिये बेपनाह प्यार,उसके घर लेकर मुंबई में शिवा के साथ मे रहने का सच,शिवा को कभी दुख न हो इसलिये उसकी ख़ुदारी की कद्र करना ,मुंबई में रहकर भी बस शिवा को बुरा न लगे इसलिये उसके सामने न आना ,शिवा की याद में उसके तस्वीर को अपने सीने से लगाये रोते हुवे सोना,सनम को सम्भालना ,सनम को अपने पास रखना, शिवा पर कोई खतरा ना हो इसलिए 24 घण्टे उसकी सुरक्षा करना ,और शिवा अपने स्पीड की वजह से उसको कोई देख नही पाता था ,शिवाने सोच लिया अब वो अपनी ताकत इस्तेमाल बहुत सावधानी से करेगा ताकि कभी कोई मसला न हो जाये ,आज के बाद सबके सामने कोई कोई ताकद का इस्तेमाल नही करेगा एक सिंपल और सरल जिंदगी जियेगा जैसा पहले जीता था
शिवा कुछ देर जीनत के घर गया वहा सब से मिला ,शिवा सलमा और बेनजीर की मन की बातों को हमेशा सुना करता था ,उनपर ध्यान देता था कि उनको कोई खतरा न हो इरफान से, आज उसने देखा की बेनजीर इरफान को मिलने परसो जाने वाली है अपने आप को उसको सौपकर वो उस दिन जान देने वाली थी कहि दूर जाकर ताकि उसकी मौत का किसी को पता न चले सब यही समझे कि वह किसीसे प्यार करती है और उसके साथ शादी करने के लिये भाग गई है वह वैसी चिठी भी छोड़ के जाने वाली थी, शिवा ने सब सुन लिया और जीनत के घर से निकल कर अपने घर आ गया ,नीलो सो रही थी अभी तक शिवा वही बैठकर सोचने लगा ,मुझे लड़कियों की सील पैक गांड मारकर नई ताकत मिलती है यह बात आज नीलो की गांड मारके मिली हुवी ताकद में आज देख चुका हूं, आज मुझे खुद को गायब करने की ताकद की बहुत जरूरत है ,मुझमे गायब होने की ताकद है कि नही कैसे देखा जाये, शिवा ने अपने कमरे में एक छोटा आईना था और उसके सामने जाकर खड़ा हो गया और अपने आप को उसमे देखकर सोचा में गायब हो जाऊं और वो आईने में दिखना ही बन्द हो गया उसने फिर सोचा में दिखाई देने लगु तो वो वापिस आईने में दिखने लगा , शिवा काफी देर तक आईने में गायब होंने का खेल खेलता रहा ,बाद में उसने अपने आप को गायब करके घर की दीवारो से आरपार बाहर जाकर, किसिको आवाज दे कर डराना, गायब होकर किसके पास बैठना ,किसी के गाड़ी में बैठना ,बच्चो जैसा खेलता रहा अपनी गायब होने वाली ताकद का ,फिर वह घर आया ,नीलो को उठाकर खाना खिलाया, उसको फिर से दवाई दी ,उसकी चुत और गांड में भी क्रीम लगादी और उसके साथ अपने काम पर जाने से पहले प्यार भरी बातें करता रहा ,3 बजे वह नीलो को आराम करने का बोल कर अपने होटल पर बस से निकल गया ,
मैनेजर ने शिवा को बुलाया कुछ फाइल दिये और कहा थोड़ी देर में पूजा मैडम आने वाली तुम्हे उनके साथ जाना है एक डील करने ,यह फ़ाइल उसी डील के कागजात की है सब पढ़ लो और जो पूजा मैडम तुमसे कागज मागे उसे इस फाइल से दे देना ,तुनको ज्यादा कुछ करना नही बस पूजा मैडम बोले वो करते रहना ,उनको किसीकी जरूरत भी नही पड़ती ऐसे डील करने में लेकिन मुम्बई में वह नई है,तुम उनके साथ रहोगे तो उनकी भी सिक्युरिटी का भी तुम ध्यान दे सकोगे
शिवा ने जाकर अपने टेबल पर वह सब फाइले देख ली और उनको अच्छे से समझ लिया ,1 घण्टे में उसको मैनजर ने फोन करके पूजा मैडम के कमरे में भेज दिया
पूजा / पूनम मुकेश देसाई
उम्र 24 साल
हाइट 5फिट 9 इंच
36 28 36
पढ़ाई , MBA
दूध सा गोरा रंग
गोल चेहरा, काली आंखे, लाल ओठ, कश्मीरी सेब से गाल,
एकदम कड़क माल देखकर चोदने का मन करे ,उसमे सबसे कयामत थी उसकी गांड ,जो ज्यादा बड़ी नही थी पर एकदम गोल गोल गांड उसके सलावर कुरते से भी समझ मे आ रही थी ,शिवा को उसको देख कर एकदम अजीब सा लग रहा था ,शिवा को उसमे अजीब सा आकर्षण लग रहा था ,उसको ऐसा लगने लगा उस लड़की को गले लगा ले ,उसके आंखों में देखकर उसके नाजुक से होठो से सब रस चूसता रहे ,
पूजा शिवा को कबसे आवाज दे रही थी पर शिवा उसे एकटक देखा ही जा रहा था जब से वह कमरे में आया था पूजा ने आखिरकार जोर से आवाज दी ,बहरे हो क्या तुम ,
शिवा को अपनी गलती का अहसास हो गया तो वो शर्मा गया
और अपनि गर्दन नीचे करके बोला ,सॉरी मेडम गलती हो गयी ,
पूजा, चलो कोई बात नही ,हमे 10 मिनिट में निकलना है सारी फाइल लेकर तुम गाड़ी के पास आ जाना
शिवा 10 मिनट के अंदर पूजा के गाडी के पास फाइल लेकर खड़ा था, फिर पूजा गाड़ी में बैठ गई और शिवा ड्राइवर के पास बैठ गया ,गाड़ी होटल से लेकर अपने मंजिल की और निकल गई 1 घण्टे में वो एक आलीशान होटल में पहुचे ,वो एक समुन्दर के किनारे बना हुवा था ,उस होटल को आज पूजा खरीदने आई थी ,वो होटल को आज चेक करने आई थी सब कागजात लेकर ,वहाँ पर 5 से 6 गाड़िया और थी ,एक बड़े से केबिन में पूजा और शिवा पहुँचे ,वहा केबिन में 3 आदमी और 1 औरत थी ,वो औरत 38 32 42 की जिस्म के बनावट की थी शक्कल से ही वह हरामी लग रही थी
पूजा, अरे आंटी ,आप भी यहा पर है ,मुझे पता ही नही था ,
वो औरत ,अरे में तो आज ऐसे ही आई थी मेरे भाई से मिलने ,मुझे उसने बताया, कि तुम आ रही हो यहा पर,
शिवा उस औरत आदमी की मन की बाते सुनकर सोच रहा था कितने नीच लोग है यह ,अगर आज वो पूजा के साथ यहा पर नही आता , तो पूजा की जिंदगी मौत से भयानक करने वाले थे ये सब लोग ,शिवा ने सोच लिया था कि जिंदगी में उसने कभी किसिको जान से नही मारा है और ना किसी औरत का बलात्कार किया है ना कभी करने का सोचा है ,
लेकिन इस औरत को वह ऐसी सजा देगा कि वह कभी किसी का बुरा सोच ही नही सकेगी ,
शिवा आज अनजाने में ही अपने परिवार को बचा रहा था
और उनके परिवार के दुश्मनों के सामने अब ऐसा कोई खड़ा रहने वाला था जिसके सामने वो कभी जीत ही नही सकते ।
Awesome update
 

ANUJ KUMAR

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Update 36
शॉपिंग से सब लड़कियां घर आयी, तब शिवा अपने कमरे में ही काम पे जाने को तैयार हो रहा था, वो जब बाहर आया, सब हॉल में बैठे थे उनके साथ पूजा और उसकी माँ शांति भी बैठकर चाय पी रही थी ,उन दोनों को यहाँ देखकर शिवा चौक गया ,पूजा को भी शिवा को यहां देखकर हैरत हुवी ,
अरे मॅडम आप यहा पर कैसे ,शिवा
यह मैडम नही मेरी बेस्ट फ्रेंड है पागल ,सनम बोली ,हम दोनों कॉलेज में साथ ही पढ़ते ते मुंबई में ,और इनके साथ इसकी मा शांति चाची ,
अरे सनम शिवा हमारे ही होटल में एकाउंट का काम सम देखता है इसलिये मुझे मॅडम कहता है , पूजा बोली
फिर शिवा ने शांति चाची के पाव छुकर आशीर्वाद लिया ,पूजा से थोड़ी देर बाते की और अपने काम पर निकल गया
शिवा को अब नरगिस का डर लगने लगा था ,अगर इसके दिमाग के घोड़े दौड़े ,तो शिवा के घोड़े लगने वाले थे ,और बात नरगिस की हो तो फिर कुछ भी हो सकता है ,सनम,पूजा ,नरगिस तीनो एक कमरे में बाते करने बैठ गयी ,सनम ने शिवा के बारे में पूजा को सब बता दिया ,बचपन के हालात से ,अबतक की कहानी ,उसने अपने प्यार और नरगिस के बारे मे भी सब बताया ,पूजा को जब पता चला कि नरगिस दुबई की राजकुमारी है ,तो वो थोड़ी हैरान हो गई ,सनम ने शिवा के साथ दुबई में जो कुछ भी हुवा था ,जंगली जानवर से लढना ,अस्पताल में भर्ती होंना ,यह सब पूजा को बता दिया ,पूजा को शिवा पहले से अच्छा लगता था,पर जब उसके बारे मे और जाना तो वो उसको और ज्यादा अच्छा लगने लगा ,वो लड़का जिसके पीछे इतनी खूबसूरत आमिर राजकुमारी प्यार में पागल हो ,वो कुछ खास तो होगा ही ,
नरगिस ,सनम एक बात में तुमको बताना तो भूल ही गई ,तुम्हारी सहेली की जान भी शिवा ने ही बचाई है ,पूजा के गुन्हेगार आज भी यही पर सजा भुगत रहे है ,क्यो पूजा देखना चाहती हो उन पापियों का क्या हाल है अब ,
पूजा सोच में पड़ गयी ,शिवा की इतनी सब बातें जानकर, उसे पता चल गया था की शिवा बहुत नेक और दूसरे का भले करने वाला लड़का है ,वो सनम के पिता की जान बचाने के लिए जंगली जानवरों से लड़कर अपनी जान की बाजी लगाता है और किसको इस बात का जिक्र तक नही करता ,उसने जरूर कोई तो मेरी मदद की है जो मुझे पता नही है ,में उन आदमियों को मिल लेती हूं ,जो नरगिस के पास है ,तब सब बातें सामने आ जायेगी ,
पूजा को इतनी गहरी सोच में देख कर नरगिस बोली,अरे पूजा चिंता मत करो ,वो अब इतने बेबस है कि तुम्हे कुछ नुकसान नही कर सकते ,
पूजा ,नरगिस में उन लोगो से मिलना चाहती हु ,
नरगिस पूजा और सनम को लेकर उस बिल्डिंग के बेसमेंट में गई, जहा पर बहुत से कमरे बने हुवे थे वहा पर इतने तगडे ,लंबे ,हैवान लोगो की फौज ही मौजूद थी ,नरगिस ने सनम और पूजा से कहा डरो मत इस सब मेरे ही आदमी है ,
सनम और पूजा को लेकर नरगिस एक कमरे में आयीं वहां पर दीपा और देवा को देखकर पूजा चौक गई ,दोनो के हाल बुरे थे ,देवा को एक खुर्सी पर बांध के रखा था उसके दोनों हाथ और पाव काट के उनमे लाल मिर्च और नमक भरा था ,दीपा को नंगा करके उसके चुत और गांड में बड़े बड़े डिल्डो डालकर उसे रस्सी से बांध के खड़ा करके रखा हुवा था ,उसके चुत और गांड से खून के साथ मलमूत्र के निशान भी थे ,पूजा दोनो की ऐसी हालत देखकर डर गई थी ,सनम का हाल भी बुरा था ,में इन दोनों को इतना तड़पाकर मारूंगी की मौत भी ईनको प्यारी लगे ,मेरा शिवा पर हाथ उठाया था इन कुतो ने,नरगिस ,जमाल दोनो को होश में लावो और फिर तड़पाना शुरू करो ,
एक तगड़ा आदमी आगे आया उसने एक एक बाल्टी पानी दोनो के ऊपर डाल दिया दोनो बुरी तरह से करहा रहे थे ,उन दोनों ने जब पूजा को अपने सामने देखा तो सबसे पहले दीपा चीख उठी ,पूजा बेटी ,मुझे बचालो ,में मरणा नही चाहती हु, ये डायन बहुत बुरी तरह हमे तकलीफ दे रही है ,में तो बस पैसे के लालच में यह काम कर रही थी ,देवा को भी पैसे का लालच दिया था ,में भगवान की कसम खाती हु में में उसको नही जानती जिसने मुझे यह काम दिया था ,तुम जो सजा दो मुझे मंजूर है ,पर यहाँ से निकालो बेटी
पूजा उसकी बातें सुन कर हैरान थी ,उसने कुछ देर सोचा और दीपा से कहा ,आप मुझे सब सच बता दो आप क्या करने वाली थीं ,तो में आपको यहा से बचा लुंगी
नरगिस को लगा शायद ये दीपा को लालच देकर उससे सब जानने की कोशिश कर रहीं है ,इसलिये वो चुप सब सुनती रही
तब दीपा ने उसे बताना शुरू कर दिया ,दीपा और उसके भाई देवा को किसीने 10 करोड़ रुपये दिये थे ,उस आदमी ने पूजा के खानदान की हर औरत को रंडी बनाने को कहा था ,दीपा इसी चक्कर मे उसके परिवार के करीब आयी थी ,वो पूजा को मुंबई में होटल खरिदने के बहाने बुलाकर ,उसे पानी मे सेक्स बढ़ाने वाली दवा मिलाकर उसका रेप करने वाले थे और उसकी शूटिंग पूजा के घरवालों को दिखाकर उन सबको भी चोदने वाले थे ,लेकिन शिवा ने बीच मे टाँग अड़ा दी ,उसने तुम्हे अचानक वहां किस कर लिया ,और तुम वहां से रोती हुवी भाग गई और हमारा प्लान फैल हो गया ,हमने शिवा को पकड़कर मारने लगे ,हम उसको उस दिन जान से मारने वाले थे ,पर ये डायन आ गईं और हमको मारते मारते यहा ले आयी थी ,बस बेटि यही पुरी बात है ,में जान तोड़के इस डायन को बोलती रही कि उस लड़के ने मेरे सामने तुम्हे किस करके भगाया तो इसने मेरे गांड में डिल्डो को गर्म करके डाल रही थी ,तू कुछ भी कर पर इस डायन से मुझे बचा लो
सब सुनकर पूजा की आंखों से आंसू निकल रहे थे उसे सनम ही चुप कराया क्यो की नरगिस कमरे से बाहर निकल गई थी ,कुछ देर तक पूजा रोती रही सनम के गले लगकर की उसके कानों मे दीपा जोरदार आवाज आयी ,है भगवान ,बचो लो मुझे,मर गई माँ ,,, पूजा और सनम ने देखा तो नरगिस के हाथ ने चमड़े का हंटर था और वो उससे दीपा को धो रही थी , साली छिनाल ,फिर बोली आज झूठ ,मेने तुझे कितने बार बोला है ,मेरा शिवा कभी किसी को किस नही कर सकता ,अरे उसने मुझे किस नही किया अभीतक ,इस सनम को नही किया ,वो क्या किसी और को करेगा ,उसने ऐसा किया ना उसको तो कुछ नही करूंगी में लेकिन जिसको करेगा ना उसके होठ ही काट दूंगी ,पर आज पहले तेरी जुबान ही काट देती हूं ,दीपा तो नरगिस की हंटर की मार से और बातो से ही बेहोष हो गई थी ,और जो शिवा इनकी सब बातें सुन रहा था उसकी तो गांड ही फट गई नरगिस की बाते सुनके ,
पूजा और सनम ने मिलकर नरगिस को शांत किया फिर पूजा के कहने पर उसकी माँ के सामने दीपा और देवा की सच्चाई रखी गयी ,शांति ने भी दीपा को बहुत बुरा भला कहा ,शांति और पूजा होटल चली गयी ,वहां जाकर शांति ने शिवा को अपने गले लगाकर उसके अहसान माने की उसकी वजह से उसके परिवार के औरतो की इज्जत बच गई ,शांति ने अपने पति को फोन करके सब बातें बता दी ,उसके पति मुम्बई में ही उनके भाई के पर आये थे ,1 घण्टे के अंदर मुकेश देसाई और उसका सारा परिवार वह पहुचा
मुकेश ,मिलिंद ,मनोज ,सिमा ,नीता ,सुनीता होटल पहुच गए
सबने शिवा के शुक्रिया अदा किया नीता और मनोज को जब यह पता चला कि शिवा उनके ही अनाथलय से बड़ा हुवा है तो उनको और अच्छा लगा ,सुनीता को शिवा कुछ जाना पहचाना लगा पर ,यह बात उन्होंने टाल दी ,जो शिवा समझ गया ,सुनीता को शिवा की आवाज अपने गायब चोदू यार के आवाज जैसा लग रहा था ,पर उनको यह वहम लगा था ,
मनोज को जब पता चला कि शिवा उसी कॉलेज से इंजीनियरिग कर रहा है ,जहा से उसने और उसके पिता ने की थी ,वो बहुत खुश हो गया ,उसने शिवा को अपने पास बिठाकर बहुत सी बातें समजाई ,कैसे पढ़ाई करे ,जैसा कोई बाप अपने बेटे को समझता है उसी तरह उसने शिवा को समजाया ,मनोज को तो शिवा उसका बेटा ही लग रहा था जो मर गया था , सब ने जाने से पहले एक बार फिर उसका शुक्रिया अदा किया ,मनोज ने तो उसको यह कह दिया कि अब कभी वो खुद को अनाथ ना समझे ,अब वो अपने आप को देसाई परिवार का ही बेटा माने ,सब लोग चले गए पर पूजा कुछ कम का बहाना बना कर रुक गयी ,पूजा ने फिर शिवा को अपने केबिन में बुलाया ,शिवा केबिन में आकर पूजा से बोला ,जी मॅडम आपने बुलाया
पूजा ने देखा कि शिवा उसके सामने खड़ा है ,वह कुछ देर उसको देखती रही और एकदम से शिवा के गले लग गई और अपने फूल जैसे नाजुक ओठो से शिवा के होठ चुसने लगी, ,उसके आँखों से पानी भी बह रहा था जो शिवा को पूजा पिला रही थी ,पूजा ने कुछ देर उसको किस किया और छोड़ दिया ,फिर अपने आंसू पोछकर बोली ,शिवा तुम इतने अच्छे क्यू हो ,और मुझे क्यो मिले तुम ,मिले तो भीं इतनी देर बात, ,लेकिन कोई बात नही , शायद तुमसे मिलना मेरी किस्मत हो ,एक बात बोलू ,में तुमसे अब बेपनाह मोहब्बत करती हूं, माना की तूमको मोहब्बत करने वाले कोई और भी है, पर में किसी का दिल दुखाकर तुमको पाना नही चाहुंगी , में उनको अपने दिल की बात बताकर तुम्हारे साथ पाने की भीख मांग लूंगी ,और फिर शिवा को पकड कर किसी दीवानी की तरह उसको किस करने लगी ,बहुत देर तक शिवा के गले लगाकर वो खड़ी रही ,शिवा में तुमको खुद को अपनाने के लिये कोई जबरदस्ती नहीं करूँगी ,अगर मेने तुमसे सच्चे दिल से प्यार किया हो तो हम जरूर मिलेंगे ,
शिवा वहासे अपने ऑफिस आया ,पूजा की बाते सूनकर उसे बहुत बुरा लगा, उसकी पहले से 5 दिवानिया घर पर उसके हा कहने के इंतजार में थी ,यह बिचारी तो बहुत भोली है ,जसकी मन की बाते सुनकर शिवा समझ गया था कि ,पूजा उसे अब अपने दिल से मोहब्बत करने लगी है ,उसके दिल मे अब और कोई जगह नही बना पायेगा ,शिवा उसका दिल दुखाना नही चाहता था ,पूजा पहली लड़की थी जो शिवा को दिल से पहली नजर में ही पसन्द आ गई थी ,जब उसने शिवा को किस किया था तब शिवा के दिल तक सुकून पहुचा था ,उसकी आँखों मे आंसू देखकर उसके सीने आग लग गईं थी ,उसके लिये वो पूरी दुनिया को आग लगा सकता था ,आज पहली बार उसके दिल को दर्द हुवा था ,नरगिस ,सनम और बाकियो ने खुद शिवा को पसन्द करके अपना फैसला बता दिया था, उसके दिल में उनके लिये भी प्यार था ,पर जो पूजा के लिये उसके दिल की गहराइयों से मोहब्बत थी ,वो किसी और के लिए नही थी और ना कभी होगी ,
शिवा का चेहरा आज बहुत उदास था ,उसका आज घर जाने का मन नही था ,उसने अपनी बाइक जुहू के चौपाटी के तरफ घुमा दी ,कल उसके कॉलेज का पहला दिन था और जिस लड़की से उसको मोहबत थी आज उसको वो अपने दिल की बात भी न बता पाया था ।
थोड़ी देर वो समुन्दर के किनारे बैठा रहा और जब नरगिस का फोन आया घर क्यों नही आये तो उसने बताया कुछ नही आज थोड़ा समुन्दर किनारे पर घूमने का मन था इसलिये वह जुहू बीच पर आया था ,शिवा को मालूम था कि नरगिस के आदमी उसके साथ ही है ,तो उसने नरगिस को सच बता दिया ,
शिवा घर आया और अपने कमरे में जाकर सो गया ,
सुबह शिवा उठकर कॉलेज जाने को तैयार हो गया ,उसने कपड़े पहने, अपना बैग लेकर शफ़ी चाचा और जीनत के पाव छूकर आशिर्वाद लिया ,सब लड़कियों से मिलकर कालेज के लिए निकल गया, शिवा ने अपनी बाइक लगाई और फर्स्ट इयर के क्लास की तरफ निकल गया ,शिवा अपने रस्ते जा रहा था कि कोई उसके साथ टकरा गया ,उसका चेहरा देखकर शिवा चौक गया ,उस लड़की ने सलावर कमीज पहना था ,उसकी ओढनी गायब थी ,उसके एक गाल पर झापड़ का निशान था ,और उसके नीचे के होठो के साइड से खून बह रहा था ,
शिवा ने उस लड़की को अपने दोनों हाथों से कंधों को पकड़ के उठाया ,और उसके आँसू साफ किया ,अपने हाथ मे रुमाल लेकर उसके होटो का टपकता खून भी साफ किया और उसे रास्ते के साइड बने के एक बैंच पर बिठा दिया , कैसे हुवा ये सब ,किसने किया ,शिवा की आवाज में एक दर्द था
मेने किया है लंबू ,क्या उखाड़ लेगा , एक शिवा से भी तगडे लड़के ने बोला जो शिवा के सामने 10 से 12 लड़को के साथ खडा था ,जो कॉलेज के तो नही लग रहे थे ,अपने कपड़े और उनकी साथ कि चीजो से ,किसी के हाथ मे चाकू ,तो किसीके तलवार ,तो कोई बेसबॉल का डंडा लेकर खड़े थे , साली ,छिनाल को आज सबके सामने चोदूँगा ,मुझे थप्पड़ मारती है ,रंडी को बस मेने अपना साइज तो पूछा था ,बस ,
शिवा को बात समझ आयी थी ,वहा पर बहुत भीड़ भी जमा हो गई ,कॉलेज के लड़के लड़कियां ,प्रोफेसर सब जमा थे ,लेकिन कोई भी आगे नही आ रहा था उस लड़की को बचाने ,शिवाने अपना बैग उतारा उसमे की पानी बोतल उस लड़की को खोल कर दी औऱ बोला ,आज इन सबका आखरी दिन है ,तुम चिंता मत करना आज यहा से कोई भी जिंदा नही जाएगा ,पूजा ,तुम्हारी कसम खाकर कहता हूं ये बात ,
जाफर ,बिलाल , यहा सामने आओ ,शिवा ने आवाज लगाई
2 एकदम सांड जैसे ,7 फिट के ऊंचे आदमी शिवा के सामने खड़े थे ,दोनो के चेहरे पर हैरानी थी ,
पिछले 20 दिनों से मेरे पीछे घूमते हो तुम लोग ,24 घण्टे मेरे साथ ही रहते हो ,तुम्हारे नाम पता होने चाहिए ना ,आखिर तुम मेरे बॉडी गार्ड जो हो ,एक काम करना पहले इस कॉलेज के जितने भी आने जाने के रास्ते है वहा पर अपने आदमी लगा दो ,कोई भी मुझे पूछे बिना यहा से बाहर नही जायेगा ,नाही कोई अंदर ,नरगिस आये तो वो भी अंदर नही आएगी मेरे मर्ज़ी के अलावा,दूसरी बात यहा पर जो कुछ भी होगा नरगिस को पता नही चलना चाहिए के मेने कुछ किया है ,जाओ तुम दोनों,
पर दोनो अपनी जगह से हिले भी नही ,
शिवा जोरसे चिल्लाया ,सुना नही क्या तुमने मेने क्या कहा
शिवा की आवाज और उसकी आंखे देख कर जाफर ने बिलाल को कुछ कहा तो वो वहां से चला गया
जाफर ,शिवा भाई जैसा आपने बोला वैसाही होगा पर में आपको छोड़ के नही जाऊंगा ,
शिवा ,ठीक है पर तुम बीच मे नही आओगे ,
जाफर ,जैसा आप कहे भाई ,मन मे अगर किसी ने भी आपको खरोच भी दी उसकी खोपड़ी फोड़ दूँगा गोली से
शिवा जो लड़के खड़े थे उनके पास जाकर बोला ,तुम में से कोंन है जिसने पूजा पर हाथ उठाया ,
जो लड़का शिवा से बात कर रहा था उसके साथ वाला बोला मेने किया है क्या कर लेगा तू
मा ,,,मर गया ,यह चीख के बाद ,
वहा खड़े हर आदमी का दिल ही दहल गया था ,ऐसा कुछ होगा किसी ने भी सोच नही ,जाफर ने भी पहले ऐसे कुछ नही देखा था ,
शिवा ने जिस लड़के ने बोला था उसकी जुबान ही हलक से खींच के निकाल कर जो पहले शिवासे बात कर रहा था उसके गले मे टांग दी ,जिससे उस लड़के के मुहसे डरकर यह चीख निकली थी ,शिवा यही नही रुका था ,उसने जिसके गले मे जुबान टाँग दी थी उसके दोनों हातो को उसके कंधों से ही खीच कर उखाड़ कर फेंक दिए थे ,दोनो लड़के जमीन पर तड़प रहे थे और बाकी के सब दहशत में आ गये थे ,1 मिनट के अंदर ही सब हो गया था वह पे ,सब लोग शिवा को ही देख रहे थे वहां पे, शिवाने वहां पर जो लड़को ने पूजा का नाम लिया था ,सबके हाथ पांव तोड़ दिए थे ,वो लडको का ऐसा हाल किया था कि दुनिया का कोई भी डॉक्टर उनको ठीक नही कर पायेगा ,वो सब जिंदा तो नही रहने वाले थे ,पर मौत आने तक बहुत ही तड़प ने वाले थे ,
शिवा पूजा के पास गया अपना बैग लेने और पूजा से बात करने के लिये ,पूजा तुम ठीक तो हो ना ,
जी मेरा नाम पूजा नही है ,शायद आपको कोई गलतफहमी हो गई हों ,वो लड़की बोली ,
शिवा तो उसकी बातों से हैरान हो गया ,तो शिवा को बहुत पुलिस ने घेर लिया था और सामने से 100 से ज्यादा आदमी लेकर कोई बहुत बड़ी हस्ती आगे बढ़ रही थी ,जिसको पुलिस भी सैल्यूट कर रही थी ,पर ,सबसे बुरी बात नरगिस ,विनोद और सनी भी वहां दाखिल हो गए थे ।
Nice update
 
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