Update 112
शिवाने शाम के 6 बजे तक रिना ,मधु और शिवानी के साथ मिलन करके पृथ्वी तत्व ,वायु तत्व और पाताल की आग हासिल कर चुका था ,शिवा को सबसे ज्यादा तकलीफ पाताल की आग पाने के दौरान ही हुवीं थी ,पाताल की यह काली आग बहुत ही भयानक ताकद शिवा ने हासिल कर ली थी ,उस ताकद को शिवा के सिवा कोई भी अंश धारण नही कर सकता था ,ऐसा शिवानी ने कहा था ,इस पाताल की ताकद का जो अंश शिवा से बनने वाला था वो बहुत ही भयानक बनने वाला था ,पापियो और दृष्टो को जला कर उनकी आत्मा को तड़पाना उसे बहुत पसंद था ,शिवा ने अपनी सभी शक्तिया मिलने के अपने सभी अंशो को अपने अंदर बुला लिया ,काल2 और शिवाय के सिवा कोई भी इस पाताल की आग को नही धारण कर पाया था ,शिवा के सारे अंश 6 तत्व की शक्तिया मिल जाने से बहुत ही ज्यादा बलशाली और खतरनाक हो गए थे ,शिवाय और कालराक्षस ने राक्षसलोक में बहुत ही ज्यादा धूम मचा दी थी ,भुजंग के आने में धरती के समय से अभी 8 ही दिन बचे थे ,शिवा के सभी अंश उसके पास से चले गए ,शिवा फिर सभी के पास फ़ातिमा के फार्म हाउस पहुच गया ,वहां 6 तत्वों के सभी लडकिया के साथ ,हिमांनी ,नेत्रा ,केतकी और शिवानी मौजूद थी ,उन सब लड़कियों में शिवा की वजह से एक अलग ही प्यार का बंधन पहुच गया था ,शिवाने नेत्रा को अपने पास बुलाकर खुद को स्पर्श करने को लगाया ताकि नेत्रा में उसकी सभी ताकद और शक्तिया आ जाये ,नेत्रा ने शिवा की बात मानकर शिवा को स्पर्श किया किसी की भी शक्तिया सिर्फ छुकर उसे अपने अंदर वैसी ही शक्तिया बनाने की काबिलियत से नेत्रा ने शिवा की सभी शक्तिया अपने अंदर भी पैदा कर ली थी ,शिवा के अंदर की हर ताकत उसने अपने अंदर बना ली थी ,शिवा के अंदर मौजूद हर ताकद उसमे आ गयी थी ,शिवा की तरह उसके अंदर महानाग ,कालभेड़िया ,कालासूर ,काल अश्व ,सूवर्ण नाग ,सिंहार ,गरुड़ अंश ,राक्षस अंश ,सभी 6 तत्व ,पाताल की आग ,निलनाग की सभी शक्तिया आ गई थी ,साथ उसके अंदर भी नीलमणि और दिव्य शिव धनुष और तलवार आ गयी थी ,समयमनी ,समयदर्पन ,और आत्मामनी भी आ गए थे ,शिवा को इस बात का बहुत आश्चर्य हुवा था ,नेत्रा को उसने आत्माभंजन का दिव्य मंत्र भी सीखा दिया था जिसकी वजह से उसके भी आत्मा से शिवा जैसे आत्मा के अंश बन गए थे ,नेत्रा पहले से कालनेत्री की सुवर्णनाग की शक्तियां आ जाने से बहुत ही शक्तिशाली बन गई थी ,शिवा की सभी शक्तिया उसमे आ जाने से उसमे एक अलग ही निखार और चमक आ गई थी ,जहा सभी लडकिया शिवा से मिलन करने के बाद सुंदर और अपने शरीर से भर गई थी वही नेत्रा शिवा से बिना मिलन करने से ही उन सबसे ज्यादा सूंदर और शरीर से भर गई थी ,
उसका शरीर पहले 36 28 36 का नही रहा ना ही उसकी लम्बाई 5 फिट 10 इंच रह गई ,वो सबसे लंबी 6 फिट 6 इंच की हों गयी थी ,उसका शरीर भी 42 30 44 का हो गया था ,उसके बदन में विषलोक की जहरैली नीली नदी बन गई थी ,जिस वजह से उसमे बहुत ही ज्यादा कामवासना भर गई थी,उसे देखकर शिवा को खुद पर काबू करना मुश्किल हो गया था ,नेत्रा का सामान्य रुप ही इतना खूबसूरत और कामुक हो गया था कि वो एक जीती जागती कामदेवी बन गई थी ,शिवाने आज नेत्रा से मिलन करने का सोच लिया था ,वादे के मुताबिक उसने सभी शक्तिया पा ली थी और शिवानी को भी पाताल की आग के दर्द से मुक्त कर दिया था ,पर किस्मत को शायद यह मंजूर नही था ,अपने अंदर इतनी सारी ताकद और शक्तियॉ आने के बाद नेत्रा कुछ ही देर में बेहोश हो गयी थी ,यह देख कर शिवा के साथ सभी बहुत डर गए थे ,तब केतकी ने सबको कहा कि घबराने की कोई बात नही है ,नेत्रा के अंदर इतनी शक्तिया आने से वो बेहोश है उसे होश आने में थोड़ा समय लग सकता है ,दस दिन या बीस दिन लेकिन 1 महीने के अंदर ही वो होश में आ जायेगी ,केतकी खुद एक महाशक्तिशाली और हजारो साल उम्र की पाताल की रानी थी ,उसे ऐसी सब खास बातें पता थी ,उसने शिवा से कहकर नेत्रा को पाताल के बलि लोक में अपने साथ भेजने को कह दिया ,उसके साथ हिमांनी और शिवानी भी जाने वाली थी ,शिवा से विदा लेकर वो चारो नेत्रा को लेकर पाताल में चली गयी ,केतकी ने शिवा के मन मे कहा ,मेंनें सब के सामने सब सच नही बताया पर नेत्रा को जल्दी होश नही आने वाला है ,उसके शरीर में इतनी शक्तिया आ गयी है कि वो कब उठे यह में भी नही कह सकती शायद उसे सालो लग जाये ,नेत्रा ने अच्छा हुवा उसके अंदर का समयमनी मुझे दिखाने के लिये निकाला था ,उस समयमनी मे भी तुम्हारे समय मनी की तरह ताकद है ,में इस समय मनी को पाताल में उल्टा करके इसमे सबके साथ रहने वाली हु ,इसमे 1 मिनीट में बिताने से बाहर पाताल लोक में 1 दिन खत्म होगा ,इस समयमनी और पाताल के बलि लोक को धरती से धीरे चलने के हिसाब से हम 100 साल भी समयमनी में रहंगे तो बाहर की दुनिया मे कुछ ही दिन खत्म होंगें ,मेंनें हमारे 4 प्रतिरूप घर पर छोड़ दिये है ,वो सब सम्भाल लेंगे ,आप बिलकुल चिंता मत कीजिये हम तीनों नेत्रा का बहुत अच्छे से ख्याल रखेंगे ,केतकी के जाने के बाद शिवा थोड़ी देर सभी 7 लड़कियों से बात करता रहा ,सभी ने शिवा से कहकर अपने बदले हुवे रुप का किसी को पता नही चले ऐसी माया का प्रयोग करने को कह दिया ,शिवा ने भी वैसा ही कर दिया जितने भी लोग उनको जानते थे उन्हें अब इन सबका बदला हुवा रूप के बारे में कुछ पता नही चलने वाला था ,शिवा की माया से सबको उनका यही रूप याद रहने वाला था ,उन सबसे विदा लेकर शिवा सर्पलोक ,अश्वलोक और सिहलोक जाकर 9 बजे घर पहुच गया ,उसे नेत्रा के साथ हुवीं घटना से बहुत बुरा लग रहा था पर अपने दर्द को अपने अंदर रख कर वो अपने काम करता रहा ,9 बजे सबके साथ खाना खाकर वो अपने कमरे में चला गया ,10 बजे अपना एक प्रतिरूप वो घर मे छोड़कर ज्वाला ,सुनीता ,सीमा और निता के साथ समयमनी मे बारी बारी 15 मिनीट का समय बिताकर ,रात के 11 बजे काल बनकर गरुड़लोक पहुच गया ,काल की बैचेनी और दर्द को तेजा ने पहचान लिया ,काल ने भी तेजा को सब बता दिया ,तेजा ने उसके साथ बलि लोक चलने की बात कह दी ,काल भी उसे लेकर बलिलोक पहुच गया ,तेजा ने पहली बार नेत्रा ,हिमांनी ,केतकी ,शिवानी को देखा था ,नेत्रा तो बेहोश थी पर तेज के दिव्य रूपी सुंदरता को देख कर तीनो बस उसे ही देख रही थी ,और तेजा नेत्रा को देखकर उसके रूप सौंदर्य को निहार रही थी ,नेत्रा के सामने तेजा भी फीकी लगने लगी थी अब ,तेजा ने बड़े प्यार से नेत्रा के चेहरे को सहलाया ,बहुत देर तक वो नेत्रा के मस्तक पर अपना हाथ घुमाती रही ,इसमे एक और बहुत बड़ी गड़बड़ हो गयी थी ,नेत्रा की शक्ति जो दूसरे की शक्तियां अपने अंदर बसा लेने की वो अभी भी काम कर रही थी ,उसने तेजा की भी सारी शक्तियो को अपने अंदर बसा लिया था ,थोडी ही देर बाद नेत्रा का शरीर बहुत तेजी से चमकने लगा ,यह देख कर सभी हैरत में पड़ गए थे ,तेजा को सब बात समझ मे आ गयी थी ,उस इस बात का कोई दुख नही हुवा बल्कि उसके चेहरे पर खुशी की चमक दौड़ गई थी ,उसके चेहरे पर हसि देख कर सभी उसके तरफ देख रहे थे ,नेत्रा बहुत देर तक एक दिव्य तेज से चमक रही थी थोड़ी देर बाद उसके शरीर की चमक कम हो गयी ,नेत्रा तो किसी देवी की तरह हों गयी थी ,उसके शरीर मे और ज्यादा बदलाव आ गए थे ,उसकी लम्बाई तो शिवा जितनी 7 फिट 3 इंच हो गयी थी ,शरीर का हर अंग एकदम दमकने लगा था ,उसके शरीर मे और भराव आ गया था ,वो अब 48 32 50 का उसका फीगर हो गया था ,सब नेत्रा की तरफ देख रहे थे ,काल ने तेजा से पूछा कि यह सब क्या हो रहा है ,तेजा ने हसकर कहा,इसे नियति कहते है काल ,नेत्रा ने मेरी सभी शक्तियॉ अपने अंदर समा ली है ,अकेली नेत्रा ही मुझ जैसी 100 तेजा पर भारी पड़ने वाली है अब ,तुम्हे मुझसे यह आराम से बचा सकती है ,शायद इसके एक भी वार का में सामना नही कर पाऊंगी ,यह बहुत ही शक्तिशाली हो गयी है ,चलो भगवान भी यही चाहते होंगे कि तुम्हारी मौत मेरे हाथों से ना हो ,
तेजा की बात सुनकर काल तो नही पर बाकी तीनो एकदम हैरत में पड़ गई थी ,उनके चेहरे को देख कर तेजा ने उन्हें सबकुछ बता दिया ,तेजा की आंखों में सब बातें कहते वक्क्त आसु आ गए थे ,उसकी सब बातें सुनकर सबसे पहले उसे केतकी ने गले लगा लिया ,हिमांनी और शिवानी भी उससे आकर लिपट गई थी ,तेजा का दुख और दर्द वो समझ गई थी ,काल को मारने की बात उसे कितनी तकलीफ देती होंगी ,जिससे वो दिलो जान से मोहब्बत करती है उसे मारने का ख्याल भी कितना दुखदाई होता है यह उन्हें पता था ,वो भी तो शिवा या काल को दिलोजान से चाहती थी ,केतकी और बाकी दोनो बहुत देर तक तेजा से बाते करती रही ,उन्होंने तेजा से वादा किया कि वो तेजा और काल दोनो को मरने नही देगी ,अपनी जान लगा देगी वो पर कभी काल और तेजा की लड़ाई नही होने देगी ,तेजा ने नेत्रा के समय मनी और एक बदलाव कर दिया उसने उस समय मनी की ताकद और बढ़ा दी अब उसमे 1 सेकंड खत्म होने के बाद बाहर एक दिन खत्म होने वाला था ,तेजा सबको अपने साथ गरुड़ लोक लेकर चली गई ,तेजा ,केतकी ,हिमांनी और शिवानी एक दुसरे के बहुत करीब आ गयी थी ,काल ने केतकी ,हिमांनी और शिवानी को बता दिया था कि तेजा को शिवा के बारे में कुछ भी पता नही चलना चाहिये ,तेजा ने सबको बता दिया कि नेत्रा अब जल्दी होश में नही आएगी पहले से काल की शक्तियां यह बड़ी मुश्किल से सम्भाल पा रही थी ,तेजा की त्रिदेवियों से बनी शक्तिया पाकर इसे हजारो साल लगने वाले है होश में आने के लिये ,इसलिये मेंनें समयमनी में बदलाव कर दिया है ,केतकी ,हिमांनी और शिवानी तेजा के बहुत करीब आ चुकी थी उन सब मे बहनो जैसा प्यार हो गया था ,काल ने उन्हें यह पहले ही बता दिया था कि वो कभी तेजा को शिवा और काल एक ही यह बात नही बतायेगी ,उन सबके साथ शिवा गरुड़ लोक में 6 साल तक रहा ,और धरती के समय अनुसार वो सुबह 7 बजे लौट आया था ,मुंबई के अपने घर आकर उसने अपने प्रतिरूप की जगह ले ली थी ,शिवा को नेत्रा का अचानक अपनी जिंदगी से चला जाना पंसद नही आया था ,भले ही वो शिवा के साथ ज्यादा समय नही रही थी पर शिवा उसे दिन में दस बार तो मिल ही लेता था ,नेत्रा के प्रतिरूप को देख कर वो अपने दिल को समझा लेता था ,पर नेत्रा के न होने से उसे आज बहुत तकलीफ हो रही थी ,नेत्रा की अहमियत उसके जिंदगी में क्या थी वो समझ गया था ,शिवा ने बनाया हुवा सेकुरिटी सॉफ्टवेयर को पूरी दुनिया मे मांग बढ़ गई थी ,हर बड़ी कंपनी उसे अपने यहा लगाना चाहती थी ,शिवा की कम्पनी को इस वजह से बहुत ज्यादा फायदा होने लगा था ,सनम,नरगिस और बाकी सबने उसे बहुत अच्छी कीमत पर बेचने के लिए रखा था ,आज जब शिवा नाश्ता करने पहुचा तो सबने उसे यह बात बता दी ,उनके पास 100 करोड़ रुपये आ चुके थे सिर्फ एक दिन में ही और पूरी दुनिया मे उनके सॉफ्टवेयर की मांग बढ़ गई थी ,नरगिस और सनम ने काम बढ जाने से एक ऑफिस खोंलने की बात कर ली थी ,घर से इतना बड़ा काम नही हो सकता था ,उसके लिये ज्यादा आदमियों की जरूरत थी ,शिवा ने इस पर सहमति जता दी ,नरगिस ने पहले ही अपनी पहचान से एक बहुत ही बढ़िया जगह देख ली थी ,उसीमे नया ऑफिस खोंलना तय हो गया ,काल ने नए आदमी रखने की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली ,शिवा ने भी अपन एक प्रतिरूप बनाकर उनके साथ भेज दिया ,कुछ दिनों तक शिवा एक ही तरह की जिंदगी जीने लगा था 7 दिन तक वो दिन में हर 6 घण्टे बाद सर्पलोक जाकर आता ,1घण्टा अश्वलोक और 1 घण्टा सिहलोक चला जाता ,दिन के 3 घण्टे में वो 6तत्वों की 7 लड़कियां ,ज्वाला ,सुनीता ,सीमा ,निता के साथ शन्ति को भी चुदाई का सुख देने लगा था ,2 घण्टे पूजा और मोना को देकर 1 घण्टे के लिये भवानी गढ़ के जंगलों में जाकर सिंहाली ,मिहाली ,सर्पिणी ,विशाखा ,लामी और कामी के साथ समय बिताया करता ,6घण्टे के लिये गरुड़ लोक जाकर अपने दिन के बचे हुवे वक्क्त में बहुत से नए नए सॉफ्टवेयर बनाने लगा ,बच्चों की पढ़ाई से लेकर ,जिंदगी में हर जगह लगने वाले बैंक,हॉस्पिटल ,सुरक्षा उपकरण ,ईत्यादी में उसने एक से बढ़कर एक सॉफ्टवेयर बना दिये थे 7 दिनों में ,पहले ही उसकी कम्पनी का नाम दुनियां भर में हो गया था ,शिवा ने बनाये हुवे हर नए सॉफ्टवेयर की दुनिया दीवानी हो गयी थी ,हर जगह उनके ही बनाये सॉफ्टवेयर की मांग हो रही थी ,पहले ही सनम ,नरगिस एक सॉफ्टवेयर की मांग पूरा करने में मुश्किल हो रही थी ,उन्होंने 7 दिनों में ही अपने लिये और 6 ऑफिस खरीद लिए ,अपने यहा पर हर आफिस में उन्होंने 1हजार से ज्यादा होशियार लोगो को भर्ती कर लिया था ,इस काम मे काल और शिवा के प्रतिरूप बहुत काम मे आये थे ,इस बीच शिवाय ने राक्षसलोक से भुजंग आने के एक दिन पहले शिवा के सभी अंश और शिवा सहित शिवा की सभी पत्नियो के ऊपर एक बेहद शक्तिशाली कवच लगा दिया था ,जिसके बारे में शिवा या किसी को भी पता नही चला था ,शिवाय में भगवान विश्वेश का अंश आ जाने से वो अब शिवा से भी बहुत कुछ जानने लग गया था ,
शिवा की कंपनी 1 महीने में ही दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी बन गई थी ,देश के हर बड़े शहर में उनका एक आफिस बन गया था ,लाखो लोगो को शिवा की कंपनी में काम मिल गया था ,शिवा की कंपनी ने 25 अरब डॉलर से ज्यादा कमा लिये थे अब तक एक ही महीने में ,अगले एक साल तक पूरी दुनिया को सॉफ्टवेयर को पहुचाने में उन्हें लगने वाले थे ,सिर्फ जिनको सॉफ्टवेयर पहुचाये थे उनसे उन्होंने पैसे लिए थे ,अगर सबसे पहले ही पैसे अडवांस में मांग लेते तो दुनिया का सबसे ज्यादा पैसा उनके पास हो जाता ,दुनिया मे हर तरफ शिवा के बनाये गए सॉफ्टवेयर की मांग बढ जाने से सब के ऊपर बहुत ज्यादा काम का बोझ आने लगा था ,शिवाने यह देख कर 15 दिन में ही एक ऐसा सुपर कंप्यूटर बना दिया जिससे सब काम करने में बहुत आसानी हो जाये ,एक एक सुपर कंप्यूटर शिवा ने अपने हर आफिस में लगा दिया ,जिस वजह से उनकी काम करने की ताकद 100 गुना ज्यादा हों गयी थी ,शिवाने बनाये सॉफ्टवेयर बहुत ही कम कीमत पर बेचे थे ,पर कीमत कम होकर भी वो सबसे बढ़िया थे ,जिस वजह हर कोई उन्हें ही इस्तेमाल करने लगा था ,शिवा और नरगिस ,सनम उसकी सभी बहनो को कंपनी में साथ करने माही के साथ सभी उसके बहने भी आने लगीं थी ,पूजा और मोना भी उन सबके साथ शामिल हो गयी थी ,शिवा को तो कोई ज्यादा नही जानता था ,पर काल ,नेत्रा ,नरगिस ,सनम के साथ सभी लडकिया को दुनिया भर में पहचाने जाने लगा था ,उनकी कंपनी देश की नही बल्कि दुनियां की सबसे बड़ी और सफल कंपनी बन गई थी ,शिवा अपनी कमाई से आधा पैसा शिवाय के अनाथलय में दे देता था फिर भी उसके पास करोड़ो डॉलर बच गए थे ,शिवा ने खुद के खाते में एक रुपया तक नही रखा था ,उसने बाकी सभी लड़कियों के बैंक में खाते खोल दिये थे ,सबके खाते में करोड़ो रूपये बस एक ही महीने में जमा हो गए थे ,शिवाने एक बहुत ही बड़ा बंगला खरीद लिया था ,जिसमे सभी के रहने का उसने इंतजाम कर लिया था ,शिवा के साथ अब काल और नेत्रा की वजह से पूरा देसाई परिवार ,नरगिस ,सनम का परिवार एक ही साथ रहने लगा था ,सब एक दूसरे के साथ बहुत खुश रहने लगे थे ,मनोज तो शिवा के साथ ही ज्यादा से ज्यादा वक्क्त बिताया करता था ,बस निता उसके ज्यादा पास नही आती थी ,पर शिवा जब उसके साथ चुदाई करने जाता तो वो किसी भुकी शेरनी की तरह उस पर टूट पड़ती थी ,शिवा से चुद कर निता ही नही ,ज्वाला ,सुनीता ,सीमा ,शांति के साथ सभी 7 लडकिया मा बनने वाली थी ,एक दिन शिवा ने अपने 7 अलग अलग प्रतिरूप बनाकर उन सभी लड़कियों की उनसे शादी करा दी थी ,उसके अभी प्रतिरूप को शिवा ने अपनी ही कंपनी में बड़ी पोस्ट पर काम करने वाला दिखा दिया था ,पूजा की शादी करने की लिये उसे घर वालो ने बहुत मनाया पर वो मानी ही नही ,नरगिस और सनम की बहन भी शिवा से शादी करना चाहती थी पर वो शिवा से अपनी बात कैसे कहे यही सोचती रहती ,शिवा को भी कोई तरकीब समज में नही आ रही थी ,वो सबको अपनी असलियत नही बता सकता था ,जिन 7 लड़कियों से उसने शादि की थी वो किसी भी खतरे से लड़ सकती थी ,पर बिचारी नरगिस सनम उसकी सभी बहने ,पूजा ,मोना आम लडकिया थी ,उनकी जिंदगी ख़तरे में डालना शिवा को पसन्द नही था ,वो हमेशा अपने जैसे अलग अलग प्रतिरूप बनाकर उन सबके साथ समय बिताता ,उनके साथ घूमता और उन सबको उसने यही बताया था कुछ दिन रुक जाओ फिर हम शादी कर लेंगे जिस वजह वो सभी भी खुश रहने लगी थी ,शिवा से मिलने शिवाय एक बार आया था ,उसने एक लामन नाम का काला शेर शिवा के पास छोड़कर शेरा को अपने साथ राक्षस लोक लेकर चला गया था ,शिवाय ने यह बता दिया था कि वो राक्षसलोक में क्या क्या कर रहा है ,भुजंग एक साल से पहले कुछ नही करने वाला था ,वो राक्षसलोक में ही रहकर अपनी ताकद बढाने में लगा था ,शिवाय के ऊपर शिवा को बहुत ज्यादा यकीन था ,वो बहुत ही दिमाग से भुजंग का दामाद बन चुका था ,भुजंग उसको अपना बहुत खास मानने लगा था ,शिवाय उसके साथ रहकर उसकी ताकद कम करने में लग चुका था ,शिवाय ने जाने से पहले अपने 10 हजार अलग अलग दिखने वाले प्रतिरूप छोड़ गया था ,जिसमें से 5हजार दुनिया भर में रहकर गुन्हेगार लोगो की बैंड बजाने में लगने वाले थे ,शिवा और उसके हर परिवार की रक्षा करने उसने एक प्रतिरूप लगा दिया था ,बाकी के प्रतिरूप शिवाय के अनाथलय ,अस्पताल ,स्कूल जो दुनिया भर में चल रहे थे उन्हें सम्भालने में लग गए थे ,उसके 100 प्रतिरूप तो उसने भवानी गढ़ के जंगल मे अदृष्य रूप से छोड़ रखे थे मन्दिर की रक्षा करने ,
त्रिदेव यह सब देख रहे थे अपनी जगह से उनमे बहुत ही गहन चर्चा चल रही थी ,उनका विषय कोई और नही बल्कि नेत्रा ही था ,
भगवान विश्वेश और रचनाकार दोनो पिनाकी से एक सवाल कर रहे थे ,भगवान पिनाकी तेजा की ताकद नेत्रा में आने से बहुत चिंतित हो गए थे ,उनके चेहरे पर आयी खामोशी किसी बहुत ही बड़े खतरे का इशारा कर रही थी ,दोनो का सवाल एक ही था पिनाकी से ,आप की किस बात से परेशान है इतने नेत्रा बेहोश होने से या उसमें तेजा की भी ताकद आ जाने से ,
पिनाकी का जवाब सुनकर भगवान विश्वेश और रचनाकार के साथ दोनो त्रिदेविया भी परेशान हो गयी थी ,पिनाकी ने बहुत ही गूढ़ जवाब दे दिया था ,में नियति खेल से चिंता में आ गया हूं ,आप सभी जानते है हम नियति के फ़ैसले के बीच कभी नही आता हूं ,ना कभी उसे बदलता हु ,पर नेत्रा में जो असीम ताकद आयी है वो बहुत ही मुश्किलें खड़ी कर सकती है सबके लिये ,वो शिवा की सबसे बड़ी ताकद भी बन सकती है और सबसे बडी दुश्मन भी ,नियति उसे शिवा के सामने किस रूप में खड़ा करती है यह कोई नही कह सकता पर वो दोनो अगर एक दूसरे के सामने खड़े हो गए तो शिवा बिना लड़े ही उसके हाथों मरना पसन्द करेगा ,और यही बात मुझे परेशान कर रही है ,शिवा किसी भी खतरे को आसानी से निपट सकता है पर वो अपनो के सामने कमजोर पड़ जायेगा ,उसकी यही कमजोरी बहुत बड़ी बाधा बनने वाली है ,शिवा की परीक्षा भी आसान होगी पर उसका जीवन बहुत दुख और कठिनाइयों से गुजरने वाला है ,अभी शिवा जो जिंदगी जी रहा है उसे कठिन समझ रहा है पर उसका कठिन जीवन अभी शुरू होने में देर है ,शिवा बहुत बुरे दौर से गुजरने वाला है जल्द ही ना उसे थामने वाला कोई होगा और ना वो अपना दुख किसे बता पायेगा उसे चाहने वाले ही उससे नफरत करने लग जाएंगे तब उसे बहुत ज्यादा दुख होगा ,ना वो खुद की जान दे सकता है अपने कर्तव्य की वजह से ना किसी को वो कुछ बता सकता है ,बस उसे अपने राह पर चलना होगा हर दुख को झेलकर ,इस खेल में शिवा की जान तो जाना पहले से तय है पर वो अपना कर्तव्य पूरा करने के बाद मरता है या उससे पहले यह कहना बहुत मुश्किल होगा ,भुजंग को दिए वरदान की वजह से हम कोई भी उसकी मदद नही कर सकता ,इस सब मे शिवा को अगर जितना हो और जिंदा भी रहना हो तो एक ही मौका होगा और उस समय उसकी बुद्धि की असली परीक्षा होगी ,नियति सब को एक मौका जरूर देती है ,वो मौका भी शिवा के पास होगा पर शिवा के दुख और दर्द इतने होंगे कि वो इस मौके से चूक न जाये ,यही मुझे डर है ।