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Incest जीजा जी की चाहत (incest)

nanha balak

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last update on 18th. It's long time bro., any problem with readers?
 

Sanju@

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कुछ देर की खामोशी के बाद मेरे कानों में कुछ खटपट की आवाज़ें आयी और फिर ......... और फिर कपड़ो की हल्की सरसराहट ....... मैंने एक नजर घड़ी पर डाली रात के 10 बज रहे थे ......

तभी मेरे कानों में दरवाजा खुलने की आवाज़ आयी और प्रतीक इस कमरे में दाखिल हुए अंधेरा देख कर उन्होंने मुझे आवाज़ दी और बोले विकास सो गए क्या मैंने कोई प्रतिक्रिया नही दी और फिर वो दरवाजा बंद कर के बाहर चले गए ........


दो मिनट बाद मैंने उठ कर जल्दी से बैग से अपने वायरलेस इयर बड्स निकाले और उन्हें कनेक्ट कर के एक कान में बड डाला और धीरे से रूम का दरवाजा खोल कर झांका बाहर गैलेरी में सन्नाटा था और मैं बाहर आ गया एक बार गैलेरी के दूसरे सिरे पर बनी सीढ़ियों तक गया और हर कमरे के दरवाजे पर नजर डाली कुल 12 कमरे थे 6-6 दोनो ओर एक दूसरे के सामने और हमारा कमरा आखिरी छोर पर था ।

इन 12 में से 8 कमरे खाली थे दो हमारे थे और दो अन्य बुक थे मैंने दीवार पर लगे हुए स्विच बोर्ड के बटन दबाने शुरू किए और गैलेरी की एक लाइट छोड़ कर जो सीढ़ियों वाले सिरे पर जल रही थी बाकी सब ऑफ कर दी और गैलेरी में लगभग अंधेरा हो गया और मैंने नीचे बैठ कर प्रतीक और नेहा के कमरे के दरवाजे के की होल पर आंख लगा दी छोटा सा कमरा था .......

सामने बाथरूम का दरवाजा नजर आ रहा था ......... नेहा बेड के पास खड़ी अपनी जीन्स उतार रही थी फिर उसने अपना टॉप भी निकाल दिया और ब्रा से फोन निकाल के उसे अजीब सी नजरों से देखा और फिर तकिए के नीचे छुपा दिया और बेड पर लेट गयी फिर उसने ब्रा को उपर सरका कर अपनी दूध जैसी गोरी चुचियाँ बाहर निकाल ली वाकई नेहा बेहद खूबसूरत थी हद से ज्यादा मुझे एक बार अफसोस हुआ कि मैने उसकी बात क्यों नही मान ली ........

उसके निप्पल किसी किसमिस के दाने जैसे लग रहे थे गुलाबी बादामी रंग के उसने एक हाथ से अपनी चुचियों को सहलाया आए दूसरा हाथ अपनी पैंटी में घुसा कर अपनी सैकड़ों बार चुदी हुई चूत सहलाने लगी ....... (आखिर अब उसे वो काम करना था जो उसका काम था जिसमे वो एक्सपर्ट थी)

कुछ मिनट तक वो ऐसे ही अपने अधंनगे बदन से खेलती रही और तभी बाथरूम का दरवाजा खुला और प्रतीक बाहर आया उसने एक बड़ा तौलिया लपेटा हुआ था ...... पर उसमे उसका खड़ा और बड़ा लंड साफ उभरा हुआ नजर आ रहा था ........

नेहा को यूं अधनंगी लेटी देख कर उसने फौरन अपने लंड को सहलाया और बोला अरे श्वेता तुम यहाँ क्या कर रही कान में लगे हुए बड में मुझे उसकी धीमी लेकिन साफ आवाज़ सुनाई दी .......

प्रतीक की आवाज़ सुनते ही नेहा ने आंख खोल कर उसे देखा और चौंकने और घबराने की शानदार एक्टिंग करते हुए अपनी चुचियाँ हांथो से ढक ली पर लड़की की नंगी चुचियाँ ढकने में कपड़े भी असफल हो जाते हैं तो हाथो की क्या बिसात ........

नेहा ने फिर भी अपनी चुचियाँ छिपाते हुए कहा भैया आप कब आये आज आफिस नही गए क्या .......

प्रतीक ने जैसे ही नेहा के मुह से भैया सुना उसका लंड तौलिए के अंदर उछल कूद करने लगा ........

उसने कहा आज तो मैं आफिस गया ही नही छुट्टी है मेरी लेकिन तुम आज मेरे रूम में कैसे श्वेता.....?

नेहा बोली...... भैया मैं तो रोज ही स्कूल से आ कर आपके कमरे में ही सोती हूँ यहां शांति रहती है आप तो शाम को 6 के बाद ही आते हो इसलिए मैं यहीं आ कर सो जाती हूँ लेकिन मुझे क्या पता आप आज आफिस नही गए हो .......


प्रतीक ने अपना खड़ा लंड तौलिए के ऊपर से मसला और बोला ...... तुम रोज ऐसे ही सोती हो श्वेता जैसे आज सोई हुई थी .......

नेहा ने कहा हां भैया ...... दिन भर ब्रा में कसे हुए दर्द करने लगती हैं इसलिए यहां आते ही कपड़े निकाल देती हूं क्योंकि यहां तो कोई आता ही नही .......


प्रतीक ने कहा सही करती हो मैं भी तो कमरे में आते ही सारे कपड़े निकाल देता हूं सिवा इस तौलिए के ....... और मुस्कुराते हुए बेड पर बैठ गया .......

नेहा ने उठ कर बैठते हुए अपना टॉप पहनने की कोशिश की तो प्रतीक ने उसका हाथ पकड़ लिया और बोला जैसे आराम मिले वैसे रहना चाहिए श्वेता ...... तुम ये ब्रा भी निकाल दो और आराम से बैठो ......

नेहा ने शर्माने की शानदार अभिनय करते हुए कहा ...... हाय भैया आपके सामने शर्म आएगी ना ब्रा उतारने में ........ और अपना मुह हाथो में छिपा लिया .........

प्रतीक बोला तो क्या हुआ मैं तो घर का हूँ ना तुम्हारा बड़ा भाई मैं थोड़े किसी को बताने जा रहा कि मेरी जवान बहन नंगी सोती है अपने भैया के कमरे में ...... और सच तो यही है कि नंगे सोने का अपना ही अलग मज़ा है...........

नेहा बोली ....... लेकिन भैया मुझे तो शर्म आती है आपसे ....... और उसने अपनी आंखों से हाथ हटा के प्रतीक की ओर देखा .........

प्रतीक ने कहा अच्छा एक काम करते हैं आज हम दोनों भाई बहन नंगे हो के सोते हैं मम्मी भी घर पर नही हैं और शाम तक ही आएंगी ....... रही तुम्हारी शर्म की बात तो उसके लिए तुम्हे थोड़ा सा बेशर्म बनना पडेगा मेरी तरह ....... ये कहते हुए प्रतीक ने अपना टॉवल सामने की ओर से खोल दिया और उसका लंड ...... क्या गज्जब लंड था वो 8 इंच का एकदम मोटे आलू जैसा सुपाड़ा गोरा लंड उपर से नीचे तक मोटी मोटी नसें उभरी हुई ........

प्रतीक ने लंड पर हाथ फिराते हुए कहा अब तो ठीक है ना भाई भी नंगा बहन भी नंगी ........ और प्रतीक बेड पर सीधा लेट गया ...... उसका खड़ा खूंटे जैसा लौड़ा झटके लेता हुआ बड़ा खतरनाक और आकर्षक लग रहा था .......

मैं सोचने लगा आज तो नेहा की चूत की खैर नही ....... और फिर मुझे याद निकिता दीदी भी तो इसी मस्त लंड से चुदेंगी और ये याद आते ही मेरा लंड भी झटके लेने लगा ..........

नेहा ने बड़े गौर से प्रतीक का लंड देखा और बोली हाय भैया ये क्या है आपकी लुल्ली धत्त भैया आपको शर्म नही आती अपनी जवान बहन के सामने नंगे होने में और भैया ये इतनी लंबी और बड़ी कैसे हो गयी ........

प्रतीक बोला ये लुल्ली नही लौड़ा है श्वेता और ये बड़ा इसलिए हुआ है क्यों कि इसने तुम्हे नंगी देख लिया है पर तुम उसकी चिंता ना करो ये दिन मे कई बार बड़ा छोटा होता रहता है........

तुम भी लेट जाओ ना...... और नेहा भी प्रतीक के बगल में सीधी लेट गयी ...... प्रतीक ने नेहा की ओर करवट ली ....... और बोला श्वेता भैया तो नंगे हो गए पर तुमने अभी तक कपड़े पहने हुए हैं .......


नेहा बोली उफ़्फ़फ़ भैया एकदम नंगी हो जाऊं क्या आपके सामने ...... प्रतीक बोला और क्या हो जाओ ना......नेहा बोली यानी का आपका भी मन करता है अपनी बहन को नंगी देखने का ...... उफ़्फ़फ़ भैया आप कितने बेशर्म हो ...... अपनी बहन को नंगी देख के कौन अपना लंड बड़ा करता है .......

प्रतीक बोला मुझे लगता हर भाई का लंड खड़ा हो जाएगा आगर उसकी बहन उसके सामने नंगी हो तो ....... अब जल्दी से नंगी हो जाओ श्वेता या फिर मैं ही तुम्हे नंगी कर दूं .........

नेहा ...... थोड़ा घबराते हुए बोली नही नही आप मत करो मैं खुद ही हो जाती हूँ ....... और फिर नेहा बेड पर ही खड़ी हो गयी और अपने हाथ पीछे ले जा कर ब्रा के हुक खोल दिये और उसे अपने जिस्म से निकाल कर फेंक दिया और फिर अपनी तन कर खड़ी सफेद सुडौल चुचियाँ हाथ से सहला कर बोली भैया मैं नंगी होती हूँ तो हवा लगने से मेरे ये बड़े हो जाते हैं.........


प्रतीक बोले हर लड़की के साथ ये होता है इसमे कोई नही बात नही लेकिन तुम्हे इसका नाम नही मालूम क्या ...... नेहा बोली मालूम है ना इसे चूची कहते हैं भैया .......

प्रतीक बोला हां इसे चूची कहते हैं लेकिन ये जो खड़े होते हैं इसे क्या कहते हैं नेहा बोली इसे तो निप्पल कहते हैं प्रतीक बोले वेरी गुड तुम तो सब जानती हो ...... नेहा बोली कहाँ भैया सब कहाँ जानती हो ...... प्रतीक ने लंड को धीरे धीरे सहलाते हुए कहा ok जो नही जानती हो मैं बता दूंगा ना ...... लेकिन पहले पूरी नंगी तो हो जाओ तुम ......


नेहा ने इठलाते हुए अपनी पेंटी थोड़ी सी सरकाई उसकी चुत का एकदम ऊपरी हिस्सा नजर आने लगा ...... प्रतीक की आंखों में चमक बढ़ गयी ........

वो प्यासी नजरो से नेहा का नंगा सपाट पेट उसकी गहरी नाभि और उसकी चिकनी मुलायम टांगो और मोटी गदराई जांघो को देखते हुए अपने सूखे होंठो पर जीभ फिराने लगे ........... और बोले श्वेता जल्दी से नंगी हो ना ....... और नेहा थोड़ा सा शर्माते और मुस्कुराते हुए बोली aaahhh भैया बहन को नंगी देखने के लिए इतना क्यों तड़प रहे हो ........

प्रतीक बोले ......... क्यों कि ना जाने कब से तरस रहा था मैं तुम्हे नंगी देखने के लिए........ सारा दिन तेरी ब्रा में कसे चूचे और लैगी या जीन्स में फंसे हुए तेरी गदराई गांड़ देख देख कर मेरा लंड तड़पता रहता था जब तुम झुक कर झाड़ू या खड़े खड़े झाड़ू लगाती थी तो रोज सुबह तुम्हारी फूली हुई मस्त चुंचिया मेरे लंड को सख्त कर देती थी ........ और जब झुक कर पोंछा लगाती थी तो तुम्हारी उभरी हुई फूली और मोटी गांड़ देख कर मेरे लंड और मुह में पानी आ जाता था ....... फिर अक्सर मैं बाथरूम में तेरी उतारी हुई पैंटी और ब्रा सूंघ कर और चाट कर लंड को शान्त करता था ........और मेरी बड़ी चाहत थी अपनी बहन को नंगी देखने जो आज जा के पूरी हुई ..........

लेकिन तुम पता नही क्यों मुझे इतना तड़पा रही है और जल्दी से नंगी नही हो रही .......

नेहा ने फिर से इठलाते हुए अपनी गांड़ और कमर मटकाई और बोली हाय भैया मैं आपकी बहन हूँ शर्म आती है आपके सामने नंगी होने में ...... मैं एक काम करती हूं दूसरी ओर घूम कर नंगी हो जाती हूँ और नेहा बड़ी चालाकी से अपनी गांड़ प्रतीक की ओर घुमा कर खड़ी हो गयी ......

नेहा ने एक बार मुड़ के प्रतीक की ओर देखा प्रतीक किसी भूखे कुत्ते जैसा नेहा की ब्लू कलर की छोटी सी कच्छी में फँसे उसके गोरे चूतड़ देख कर लंड सहला रहा था....... नेहा ने एक बार अपने चूतड़ों को शेक किया और फिर थोड़ा सा टांग फैला के खड़ी हुई और अपनी पैंटी नीचे सरकाते हुए पंजो तक ले जा कर झुक कर खड़ी हो गयी .........

उफ़्फ़फ़ उसकी नंगी गांड़ खुले हुए चूतड़ उनके बीच की गहरी दरार और बीच मे कैसे हुए उभारदार गांड़ के छेद को देख कर प्रतीक के साथ साथ मेरा मुह में भी पानी आ गया और मेरा लंड एकदम से उछल पड़ा मैंने उसे मुट्ठी में भर के दबाते हुए ...... जोर से मसल दिया ...... और अंदर नजरें जमा दी........

प्रतीक की तो जैसे सांस ही थम गई वो नजारा देख कर और नेहा अपना रण्डीपन दिखाते वैसे ही गांड़ खोले खड़ी रही और फिर पीछे से घुमा कर बोली उफ़्फ़फ़ भैया इतने गौर से क्या देख रहे हो .......प्रतीक बोला बस देख रहा हूँ मेरी नंगी बहन कितनी खूबसूरत और सेक्सी लग रही है दिल करता है बस ऐसे ही देखता रहूं हमेशा सारी उम्र ........

नेहा बोली पर मुझे तो बड़ी शर्म आ रही है ऐसे अपने भैया के सामने अपनी गांड़ खोलने में मैं और नेहा ने अपने पैरों से पैंटी निकाल कर प्रतीक के चेहरे पर फेंक दी ....... और बोली लो भैया हो गयी मैं भी नंगी पूरी हो गयी आपकी चाहत.........

प्रतीक ने वो छोटी सी ब्लू पैंटी ले कर उसे सूंघा और बोले उफ़्फ़फ़ कितनी मस्त खुशबू है तेरी ......... नेहा बोली छी आप पैंटी क्यों सूंघ रहे हो मेरी गंदी है वो ...... और प्रतीक ने वो पैंटी उलट कर उसका चूत वाला हिस्सा चाट लिया और बोले ........ ऊऊम्म्म्म कितना अच्छा स्वाद और गंध है तेरी चूत का श्वेता ........ मज़ा आ गया......

नेहा बोली भैया आपको मेरी चूत इतनी पसन्द है तो पैंटी क्यों चाट रहे हो मेरी ....... प्रतीक बोले इसलिए कि तुझे बहोत शर्म आ रही है मेरे साथ वरना मेरा तो दिल कर रहा है की ........

नेहा ........ आहह भैया क्या दिल कर रहा है आपका बोलो ....... प्रतीक.......मेरा दिल कर रहा है कि इस प्यारी गुलाबी चिकनी बुर को ही चाट लूं ........ कितनी रसीली है तेरी बुर श्वेता ..........

नेहा ....... उफ़्फ़फ़ भैया बुर भी कोई चाटने की चीज होती है क्या ....... प्रतीक ...... श्वेता तुझे नही पता तेरे जैसी जवान खूबसूरत लड़की का तो एक एक अंग चूसने चाटने लायक होता है .... .. नेहा ...... भैया आपकी बातें सुन कर पता नही मुझे क्या हो रहा है......... मेरी बुर में अजीब सी गुदगुदी हो रही है .........

प्रतीक ने अपना एक हाथ नेहा के नंगे सपाट पेट पर रख कर सहलाते हुए कहा ...... लगता है मेरी बहन की बुर चुदने के लिए गरम हो रही है ........ नेहा भी करवट ले कर प्रतीक के नंगे बदन से कस के लिपट गयी और प्रतीक ने नेहा को बाहों में भर कर जोर से दबोच लिया नेहा की नरम चुचियाँ प्रतीक की छाती के नीचे दब कर पिचक सी गयीं ........ नेहा भी बहोत गरम हो चुकी थी और प्रतीक का मस्त मोटा लंड देख कर और इतनी अश्लील बातें कर के उसकी चूत भी गीली हो कर रसीली हो गयी थी ...........


प्रतीक ने नेहा की आंखों में देखते हुए उसके रसीले लिपस्टिक से रंगे होंठ अपने मुह में दबा लिए और उसके अधरों का रस पीने लगा कई मिनट तक वो लगातार नेहा के होंठ बारी बारी से चूसता रहा और उसका हाथ नेहा की नंगी पीठ को सहलाता हुआ उसके बड़े गद्देदार नरम चूतड़ों को मसलने लगा .......नेहा उसकी बाहों में सिसकने लगी ...... और अपने होंठ प्रतीक की गिरफ्त से छुड़ा कर बोली भैया क्या मुझे चोदना चाहते हो .......

प्रतीक ...... आहह श्वेता हां मैं कब से तुझे चोदना चाहता था रोज तेरे नाम की मुठ मार के तेरी पैंटी में लंड का माल निकाल देता था ......... नेहा बोली ...... ओहहह भैया आपका ये मस्त लंड देख कर मेरी भी बुर एकदम चुदासी हो गयी है देखो न कितना रस छोड़ रही है और नेहा ने प्रतीक का हाथ पकड़ कर अपने चूतड़ से सरकाते हुए अपनी बिना झांट वाली चिकनी नंगी बुर पर रख दिया ....... प्रतीक ने नेहा की बुर मुट्ठी में भर कर जोर से भींच दी और बोला उफ़्फ़फ़ श्वेता कितनी रसीली बुर है तेरी जी कर रहा तेरी बुर का सारा रस चूस कर पी जाऊं ....... और इसी के साथ प्रतीक ने अपनी मिडल फिंगर नेहा की गीली बुर में झटके से पेल दी .......

नेहा सिसिया कर प्रतीक से चिपक गयी और उसके गाल और कान पर जीभ फिराते हुए फुसफुसाई........ आहह भैया तो चूस लो ना अपनी बहन की बुर का रस खा लो मेरी चूत को जी भर के आहह ऊम्म्म्म.......

प्रतीक ने अपनी उंगली तेजी से नेहा की बुर में चलाते हुए कहा हां श्वेता आज जी भर के खाऊंगा तेरी बुर और गांड़ को रानी ...... एक काम कर आजा मेरे मुह पर बैठ कर चटवा दे मुझे अपनी रसीली बुर .......

और ये सुनते ही नेहा एकदम से उठ खड़ी हुई प्रतीक की उंगली उसकी चूत से बाहर निकल गयी और प्रतीक ने नेहा को अपनी उंगली दिखाई और फिर उसे मुह में डाल कर चूसने लगा ........

नेहा ने प्रतीक को अपनी उंगली में लगा उसकी बुर का रस चाटते देखा तो वो जल्दी से प्रतीक के सर के दोनो ओर पैर रख कर खड़ी हुई और फिर मूतने के अंदाज़ में बैठ गयी ...... नेहा की गोरी गांड़ के बंद दरवाजे खुले और प्रतीक को उसकी गुलाबी चूत जो रस छोड़ कर चिपचिपी हो रही थी और गांड़ का कसा हुआ भूरा छेद दिखने लगा ........

प्रतीक ने वो नज़ारा देख कर अपने होंठो को जीभ फिरा कर गीला किया और फिर सर को ऊपर उठाते हुए अपने होंठ नेहा की बुर पर चिपका दिए ...... नेहा के गले से एक जोरदार सिसकी निकली ...... aaahhhh भैया चूस लो अपनी बहन की बुर का रस पी जाओ भैया .......


और प्रतीक अपनी जीभ निकाल कर नेहा की बुर की दरार और गुलाबी फांको को चाटने लगा ........ कुछ देर तक रगड़ रगड़ कर बुर चाटने के बाद प्रतीक बोला ...... श्वेता अपने हाथ से बुर फैला कर चटवाओ ना और नेहा ने दोनो हाथो से बुर की दरार को फैला दिया ....... और प्रतीक ने जीभ नुकीली करते हुए अंदर तक घुसा दी और घुमा घुमा कर चाटने लगा ....... नेहा अपनी गांड़ को हिलाते हुए सिसियाते हुए अपनी बुर प्रतीक के मुह पर घिसने लगी और बोली ...... हाय भैया और अंदर डाल दो अपनी जीभ चोद दो अपनी बहन की बुर अपनी जीभ से ऊफफ भैया कुछ निकलने वाला है मेरी बुर से aaaahh ........

नेहा गर्म हो कर झरने के कगार पर आ चुकी थी उसकी आंखें बंद हो गयी थीं बदन अकड़ रहा था और उसने अपने हाथ अपनी चुत से हटा कर अपने निप्पल को पकड़ लिया था और उन्हें हौले हौले मसलते हुए अपनी चूत तेजी से प्रतीक के मुह पर रगड़ रही थी ......... नेहा के मुह से आवाज़ें निकलने लगी ...... आहह भैया चाट लो अपनी बहन की बुर चूस लो मेरी बुर का सारा रस मुझे पता होता आप इतने मज़े दोगे तो कब की नंगी हो कर आपके मुह पर अपनी बुर रख देती भैया aaaahhhh ऊफफफ भैया हाआय्य्य्य्य्य री गयी मैं ...... और नेहा के बदन को झटके लगने लगे वो झरने लगी और गहरी सांस लेते हुए अपनी बुर से प्रतीक के मुह में खट्टा मीठा रस टपकाने लगी प्रतीक ने भी उसकी पूरी बुर में भर कर जोर से चूसनी शुरू कर दी और एक एक बूंद रस चूसने के बाद उसने अपनी जीभ को बुर से निकाल कर गांड़ के हाईवे पर घुमाना शुरू कर दिया वो नेहा की गांड़ की दरार को ऊपर से नीचे तक चाटने लगा और फिर नेहा की गांड़ के कसे हुवे छेद को चूमने लगा ......

2 मिनट में ही नेहा की हालत फिर से खराब होने लगी ...... और वो बोली ऊफफ भैया आप कितना मज़े देते हो ...... मैंने बड़ी देर कर दी आपको बहोत तड़पाया है ...... प्रतीक बोले अभी कोई देर नही हुई है श्वेता और जितना तड़पाया है तुमने मुझे आज उतने ही मज़े भी तो दे रहे हो ....... चलो अब तुम भी मेरे लंड को खुश कर दो उसे प्यार कर के ........

ये सुन कर नेहा प्रतीक के सीने पर लेट गयी और अपना मुह उसने प्रतीक के खूंटे जिसे खड़े लंड पर झुका दिया ....... इस तरह 69 पोजीशन में आने से नेहा की गांड़ और अच्छे से फैल कर खुल गयी और प्रतीक में जीभ को उसकी गांड़ के छेद में चुभोते हुए उसकी गांड़ चाटनी शुरू कर दी ...... और नेहा ने प्रतीक का गर्म लंड अपने ठंडे हाथो में थाम लिया ऑयर सहलाने लगी ........

नेहा एक हाथ से लंड को मुठियाते हुए दूसरे हाथ से प्रतीक के आंड़ मसल रही थी और फिर उसने अपने सुर्ख होंठ प्रतीक के सुपाड़े पर रख दिये ....... और उसे चूम लिया नेहा के होंठो को अपने लंड पर महसूस करते ही प्रतीक एकदम से गनगना गया और अपनी कमर उचका कर गप्प से अपना लंड नेहा के मुह में पेल दिया .......

मोटा सुपाड़ा मुह में घुसते ही नेहा ने लंड को जड़ से पकड़ा और अपना सर ऊपर नीचे हिलाते हुए लंड से अपना मुह चोदने लगी ...... प्रतीक नेहा की गांड़ को जीभ से कुरेदते हुए अपनी कमर को ऊपर पुश करते हुए नेहा के मुह में लंड पेलते हुए चोद रहा था.........

और मैं इन सब हद से ज्यादा कामुक दृश्यों को देख कर अपने भन्नाए हुए लौड़े को मसलने में लगा हुआ था .......

कुछ देर तक ऐसे ही एक दूसरे की गांड़ और लंड का स्वाद लेने के बाद ....... प्रतीक बोला ..... श्वेता अब बस कर ना वरना तेरे मुह में निकाल दूंगा ....... नेहा ने लंड मुह से निकाल के थूक से भीगे हुए लंड को मुठियाते हुए कहा aaahhh भैया पिला दो ना अपनी बहन को अपने लौड़े का गरम रस ....... प्रतीक बोला ...... उफ़्फ़फ़ पिला दूंगा लेकिन पहले मुझे अपनी बहन की कसी हुई बुर में लंड डालना है ....... चोदना है मुझे श्वेता तुम्हारी बुर को अपने मोटे लंड से .......

नेहा तेजी से लंड पर हाथ चलाते हुए बोली हाय्य्य्य भैयाआआआ ....... इतने मोटे लंड से तो मेरी बुर फट जाएगी बड़ा दर्द होगा मेरी बुर को ......... प्रतीक ने नेहा के चूतड़ मसलते हुए कहा ...... ना श्वेता मैं बड़े प्यार से चोदूगा तेरी बुर ....... धीरे धीरे पेलूँगा अपना लंड तेरी बुर में उफ़्फ़फ़ .......

और फिर नेहा प्रतीक के ऊपर से उठी और उसके बगल में लेट कर अपनी टांगे फैला कर बोली आओ भैया पेल दो अपना लोड़ा अपनी बहन की बुर में चोद लो अपनी बहन श्वेता को ....... बन जाओ बहनचोद ....... और प्रतीक ने नेहा की टांगों के बीच पोजिशन लेते हुए अपना सुपाड़ा उसके चूत की दरार पर रख दिया ....... और सुपाड़े को दरार पर रगड़ने लगा .......

नेहा भले ही रण्डी थी लेकिन इस टाइम वो पूरी मस्ती में इस रोल को एन्जॉय कर रही थी और उसने नीचे से गांड़ उछाल कर लंड को चूत में लेने की कोशिश की और उसकी कोशिश सफल हुई ....... प्रतीक का मोटा सुपाड़ा उसकी चुत के छेद को फैलाता हुआ अंदर समा गया और नेहा मज़े से गनगना कर बोली ...... हाय्य्य्य भैयाआआआ घुस गया आपका लंड आपका मेरी बुर में ........


प्रतीक से भी अब बर्दाश्त नही हो रहा था सो उन्होंने नेहा के ऊपर लेटते हुए अपनी हथेलियां उसके दोनो ओर टिका कर अपनी गांड़ को पूरी तेज से आगे धकेलते हुए पूरा लंड एक बार मे नेहा की चूत में हचक के पेल दिया और नेहा तेजी से सिसियाते हुए बोली ......... उफ़्फ़फ़ भैया पूरा घुस गया दर्द हो रहा मेरी बुर में प्लीज रुक जाइये ....... लेकिन प्रतीक के लिए अब रुकना नामुमकिन था उसने अपनी कमर को गति देते हुए लंबे लंबे शॉट मारने शुरू कर दिए और उसका 8 इंच का लंड नेहा की बुर की दीवारों को बेदर्दी से रौंदता हुआ अंदर बाहर होने लगा ...... नेहा की बुर काफी पानी छोड़ रही थी और उसकी चिकनाई में फिसलता हुआ लंड किसी पिस्टन की तरह सटासट उसकी बुर में गति पकड़ता जा रहा था ........

और फिर नेहा भी नीचे से अपनी गांड़ उछालते हुए बोली aaahhh चोदो और चोदो कस कस के चोदो मेरी बुर राजा बड़ा मस्त लंड है तुम्हारा पेल दो पूरा ....... और प्रतीक पूरी ताकत से अपना लंड पेलते हुए नेहा को चोदने लगा ......

प्रतीक ने नीचे झुक के नेहा को होंठ चूसने शुरू कर दिए और अपनी जीभ के नेहा के मुह में डाल कर चाटते हुए तगड़े धक्के लगाने लगा आए बोला ....... ले खा लंड श्वेता चुद साली और चुद आज तेरी चुत का भोसड़ा बना दूंगा चोद चोद के भोसड़ी वाली ....... aaahhh उफ़्फ़फ़ ........

नेहा ने अपनी गुलाबी रसीली जीभ प्रतीक की जीभ पर फिराई और फिर उसे होंठो में दबा के चूस लिया....... और अपने हाथों से अपने निप्पल मसलते हुए सिसियाने लगी ........ हां भैया बना दो मेरी बुर का भोसड़ा चोद डालो अपनी बहन को भर द अपने लंड का पानी अपनी बहन की बुर में aaaaahhhh भैयाआआआ मैं गयी फिर से और इसी के साथ उसके बदन को झटके लगे वो कांपने लगी और उसकी बुर से रस के छींटे उड़ने लगे प्रतीक ने और तेजी से धक्के लगाते हुए नेहा की बुर का रस अपने लंड पर महसूस किया और फिर उसने भी तेजी से 8-10 करारे शॉट लगाए और जड़ तक लंड नेहा की चूत में पेल कर अपने लंड का गरम माल उसकी बुर में भरने लगा और वो नेहा के नंगे बदन पर निढाल हो कर गिर गया और नेहा अपनी बुर को सिकोड़ते हुए उसके लंड का माल अपनी बुर से चूसने लगी ...........।
बहुत ही कामुक और गरमागरम अपडेट है
प्रतीक का एक सपना पूरा हो गया नेहा की धमाकेदार चूदाई हो गई
 

Sanju@

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मेरा दिमाग इस समय उत्तेजना से सनसना रहा था ....... प्रतीक जो अब तक मुझे एकदम सीधे सादे इंसान लग रहे थे उनका ये सेक्सी अवतार देख कर मैं हैरान था ...... लेकिन मेरे मन मे ये खुशी भी थी कि वो दीदी से प्यार करते हैं और दीदी सेक्स के मामले में हमेशा खुश और संतुष्ट रहेंगी ......... कुछ देर बाद प्रतीक नेहा के ऊपर से उठे और अपने कपड़े पहनने लगे ...... नेहा ने भी उठ अपनी ब्रा पैंटी उठाते हुए प्रतीक से कहा ...... आज तो सच मे मज़ा आ गया बहोत दिनों बाद इतनी मस्त चुदाई हुई मेरी ....... प्रतीक मुस्कुरा दिए और बोले थैंक्स नेहा मेरी इस चाहत को पूरा करने के लिए ........ और उन्होंने अपने कपड़े पहन कर जेब से 50000 की गड्डी निकाल कर नेहा को दी पैसे पा कर नेहा की खुशी और भी बढ़ गयी उसने पैसे अपने पर्स में रखे और बोली मैं अब रुकूँ या जाऊं ......? प्रतीक बोले विकास से पूछ लो और वो बेड पर लेट गए ...... नेहा कपड़े पहन चुकी थी और बाहर आने लगी मैं जल्दी से भाग कर अपने कमरे में आ गया और दरवाजा बंद कर के लेट गया ...... 2 मिनट बाद ही डोर नॉक हुआ और मैंने जा कर दरवाजा खोला ....., नेहा मुस्कुराती हुई अंदर आ गयी और बोली सुना सब ..... मैंने हां में सर हिला दिया ...... वो बोली अब मुझे और क्या करना है ......... मैंने कहा बस तुम्हारा काम खत्म तुम जा सकती हो ......, उसने घड़ी देखी साढ़े 11 बज रहे थे और बोली काफी रात हो गयी है अगर तुम्हे प्रॉब्लम ना हो तो मैं यही रुक जाऊं सुबह चली जाऊंगी ...... मैंने कहा ठीक है ..... और दरवाजा बंद कर लिया ...... नेहा बेड पर लेट गयी और मैं भी लाइट ऑफ कर के उसके बगल में लेट गया ....... कुछ देर बाद वो बोली वो सब सुन कर भी तुम्हारा मूड नही बना .......? मैंने कहा बना तो था पर मैंने मुठ मार ली ....... नेहा बोली ह्म्म्म वैसे तुम चाहो तो मेरे साथ सेक्स कर लो पेमेंट ले चुकी हूं मैं ...... मैंने कहा अब नींद आ रही है पता नही क्यू नेहा मुझे अच्छी तो लग रही थी पर उसके साथ सेक्स करने का मन नही हो रहा था ....... फिर हम सो गए ....... सुबह 7 बजे मेरी नींद खुली तो मैंने नेहा को जगाया वो उठी और फ्रेश होने चली गयी ....... मैं प्रतीक वाले रूम में आया देखा तो वो नहा कर तैयार थे ....... मुझे देखते ही बोले ...... अब निकलते हैं यहाँ से मैंने कहा हां मैं बस नहा लूं फिर वापस चला जाये ...... वो बोले ठीक है मैं टिकट का इंतजाम करता हूँ ...... मैं वापस अपने रूम में आया और नेहा के निकलते ही बाथरूम में घुस गया आधे घंटे में मैं भी तैयार था नेहा जा चुकी थी ....... प्रतीक ने बताया कि साढ़े 10 बजे हमारी फ्लाइट है लखनऊ की ....... हमने रूम में ही नाश्ता किया और फिर सारा सामान बैग में डाल कर हमने चेकआउट कर लिया ...... और एयरपोर्ट के लिये निकल पड़े रास्ते मे यमुना के पुल से गुजरते हुए वो पिस्तौल और बचे हुए कारतूस मैंने नदी में फेंक दिए ........ 10 बजे हम एयरपोर्ट पहुंचे और फिर फ्लाइट पकड़ कर 1 बजे हम वापस प्रतीक के घर पहुंच गए ....... घर पहुंच कर हम सब ने साथ मे लंच किया श्वेता ने मज़ेदार खाना बनाया था खाना खा कर प्रतीक बोले विकास तुम आराम करो थके होगे कल से भागदौड़ में लगे हो ...... मैं थोड़ी देर के लिए आफिस हो आता हूँ ...... मैं ऊपर उनके रूम में गया चेंज किया और लोअर बनियान पहन कर लेट गया ..... और दीदी को कॉल की लेकिन कॉल रिसीव नही हुई शायद वो कॉलेज गयी होंगी ....... मुझे नींद आने लगी थी ..... और मैं सो गया ....... लेकिन सोए हुए मुश्किल से 20-25 मिनट ही हुए थे कि मेरे फोन की घंटी से मेरी नींद खुल गयी देखा तो दीदी का कॉल था ...... मैंने कॉल रिसीव की और ...... दीदी- हेलो विकी ...... कैसा है मेरा भाई ..... मैं- एकदम बढ़िया आप बताओ क्या हो रहा ..... दीदी- कुछ नही बस नीचे थी मम्मी के पास फोन ऊपर ही पड़ा आ कर देखा तो तेरी कॉल मिस हुई थी ....... और बताओ कहाँ हो ....... मैं- प्रतीक के घर पर हूँ आपको कॉल की रिसीव नही हुई तो सो गया था ........ दीदी- ओह सॉरी मैंने डिस्टर्ब कर दिया तुमने ....... मैं- कोई नही दीदी ...... मेरा मन कर रहा था आपसे बात करने का नही हो पाई तो लेट गया और नींद आने लगी ....... दीदी- अब तो बता दो कल वहां क्या कैसे हुआ ...... फिर मैंने उन्हें कल दिल्ली में घटी सारी घटना विस्तार से बताई ........ सिवा नेहा और जीजा के बीच हुई चुदाई और जीजा जी की श्वेता के प्रति चाहत के ....... ये सुन कर की रेलवे ट्रैक पर किस तरह मेरी भी जान मुश्किल में पड़ गयी थी दीदी रोने लगी ...... और बोली विकास इतना खतरा क्यों उठाया तूने अगर तुझे कुछ हो जाता तो मेरा क्या होता मैं कैसे जीती तेरे बगैर ...... मैंने हंसते हुए कहा कैसे हो जाता मुझे कुछ आपका प्यार हमेशा मेरे साथ है मेरी रक्षा करने के लिए ...... दीदी बोली वापस कब आ रहे हो जल्दी आओ ना ...... एक हफ्ता हो चुका है हमे ...... मैंने उनकी बात समझी तो मेरा भी लंड सर उठाने लगा हमे मस्ती किये एक हफ्ते से ज्यादा हो चुका था और मैंने दीदी से वादा किया था कि हफ्ते में एक बार ....... दीदी हंसते हुए बोली विकी जितना तूने किया है मेरी खातिर उसके बदले में कुछ गिफ्ट तो मिलना चाहिए तुम्हे....... मैंने कहा दीदी आपका प्यार है ना सबसे बड़ा तोहफा ...... दुनिया मे कितने भाई अपनी बहन से ऐसा प्यार पाना चाहते होंगे लेकिन किसे मिल पाता है प्यार ......., आप इतना प्यार देते हो मुझे इस से बड़ा गिफ्ट क्या होगा मेरे लिए ....... लव यू दीदी ...... ऊऊम्म्म्म दीदी बोली लेकिन फिर भी विनय नाम के संकट को हमेशा के लिए मेरी जिंदगी से दूर करने के बदले मैं अपनी जान भी तेरे नाम कर दूं तो कम है ......., लेकिन मेरा गिफ्ट तो तुझे लेना ही पड़ेगा विकी ....... कहते हुए दीदी की आवाज़ में थोड़ी ठरक आ गयी थी ........ मैंने कहा ठीक है आपकी जैसी मर्ज़ी और दीदी खुश हो गईं और बोली फिर जल्दी से आजा मेरे पास मैंने कहा ok कल सुबह तक आ जाऊंगा ........ दीदी बोली ok मेरी जान लव यू सो मच ऊम्म्ममम्म और उन्होंने फ़ोन काट दिया ....... मैं फोन रख कर फिर से लेट गया तभी रानी का कॉल आया मैंने उसे भी वो सारी जानकारी दी और विनय की मौत की खबर सुन कर वो भी खुश हो गयी और बोली thanks विकास तुमने मेरे जीवन की सारी परेशानियां दूर कर दी ........ वापस कब आ रहे हो मुझे मिलना है तुमसे मैंने कहा बस कल तक आ जाऊंगा वो बोली ठीक है........ फिर मैं सो गया और शाम 6 बजे श्वेता ने मुझे जगाया और चाय दी ........ इस वक़्त उसने एक प्लाजो और कुर्ती पहनी हुई थी और कसी हुई कुर्ती में उसकी उभारदार चुंचिया देख कर किसी का भी मन डोल जाता फिर बेचारे प्रतीक का क्या कसूर ....... मैंने चाय पीते हुए पूछा प्रतीक अभी नही आये वो बोली बस आते ही होंगे ......., और वो मुड़ कर चल दी उसकी मटकती गांड़ देख कर मेरे दिल की धड़कन बढ़ गयी ...... वाकई श्वेता एक दिलकश और सेक्सी लौंडिया थी ....... मैंने चाय खत्म की तभी प्रतीक आ गए और चेंज कर के मेरे पास बैठ गए और बोले विकास मुझे समझ नही आ रहा मैं तुम्हारा किस तरह से शुक्रिया अदा करूँ ....... तुमने इस सब मे मेरी मदद कर के मुझ पर बहोत बड़ा उपकार किया है ......... मैंने कहा ऐसा क्यों बोल रहे आप मैंने ये सब सिर्फ अपनी दीदी के लिए किया है और उनके लिए मैं कभी भी कुछ भी कर सकता हूँ ..... ये कहते हुए मैं थोड़ा उत्तेजित हो गया था ....... प्रतीक ने मेरी उत्तेजना को भांप लिया और बोले बहोत प्यार करते हो निकिता से ....... मैंने आवेश में कहा बहोत ज्यादा ....... वो मुस्कुरा दिए और बोले वो भी बहोत प्यार करती है तुम्हे ......... प्रतीक बोले चलो चलते हैं मैंने कहा कहाँ ....... वो बोले थकान मिटाने ......, मैंने कहा चलिए और फिर मैं कपड़े बदल कर उनके साथ बाहर आ गया उन्होंने मुझे लखनऊ के मुख्य बाजार में घुमाया मेरे और दीदी के लिए शानदार ड्रेस खरीदी मुझे बियर पिलाई और और एक फाइव स्टार होटल में डिनर कराया ....... डिनर करते हुए मैंने कहा प्रतीक मुझे आज रात वापस जाना है वो बोले यार दो चार दिन तो रुको मैंने कहा नही अगली बार आऊंगा तो रुकूँगा तब दीदी भी होंगी यहाँ ..... वो हंसने लगे और बोले शादी के बाद कैसे रहोगे अपनी दीदी के बिना ...... उनकी बात सुन कर मेरी मुस्कान गायब हो गयी ...... वो मेरी उदासी भांप कर बोले अरे परेशान मत हो यार मैं तुम्हारा एडमिशन यही की किसी अच्छे कॉलेज में करा दूंगा तुम यहीं रहना अपनी दीदी के साथ ......., उनकी बात सुन कर मैं हंस दिया ........ और बोला लोग कहेंगे कि आपको दहेज में साला मिला है और हम दोनों हंसने लगे ........ फिर उन्होंने मोबाइल पर ट्रेन चेक की रात 11 बजे एक ट्रेन थी उन्होंने मुझे बताया तो मैंने कहा बस टिकट बुक कर दो आप उन्होंने एक सेकेंड ac की टिकट बुक कर दी फिर हम घर आ गए ......., और मैं अपना बैग पैक करने लगा ....... तभी मेरे फोन की घंटी बजी मैंने देखा तो अननोन नंबर से कॉल थी मैंने कॉल रिसीव की तो उधर से एक लकड़ी बोली हेलो विकास ......... मैं - जी आप कौन .....?.. लड़की- मैं प्रीति पहचाना नही क्या ...... मैं- oh प्रीति कैसी हो सॉरी यार नंबर नही था तुम्हारा मेरे पास इसलिए नही पहचान पाया ....., प्रीति- इसीलिए तो कॉल की ताकि तुम नंबर सेव कर लो मेरा ...... और सुनाओ क्या हो रहा ...... मैं-बस वापसी की तैयारी हो रही पापा की तबियत अब कैसी है ....... प्रीति- पापा अब एकदम ठीक हैं इसीलिए मैं भी कल वापस जा रही हूं अगले महीने एग्जाम हैं ...... मैं- कल क्यों आज ही चलो ना मेरे साथ...... प्रीति- अरे यार मैं तो चल दूँ लेकिन मम्मी कहाँ जाने देगी रात में उस दिन ही बहोत डांट पड़ी मुझे रात में आने की वजह से....... मैं- ह्म्म्म चलो कोई नही फिर मैं तो निकल रहा हूँ एक घंटे में ..... प्रीति- ok bye विकास बनारस पहुंच कर कॉल करूंगी तुम्हे ....... मैं- ok bye ....... फिर मैं बैग ले कर नीचे आया मां जी के पैर छू कर श्वेता को bye बोल कर प्रतीक के साथ स्टेशन आ गया ट्रेन छूटने तक प्रतीक मेरे साथ रहे और फिर ट्रेन चल दी ........ वापसी में कोई खास बात नही हुई मेरे साथ रास्ते मे और मैं सो गया फिर सुबह 4 बजे ट्रेन प्रयागराज पहुंची और मैं एक टैक्सी ले कर घर आ गया ........ टैक्सी वाले के pay कर के मैं घण्टी बजाने वाला था फिर मुझे लगा मम्मी पापा जाग जाएंगे इसलिए मैंने घंटी ना बजा कर दीदी को काल की .......... लेकिन पूरी घंटी जाने ले बाद भी कॉल रिसीव नही हुई मैंने दोबरा घंटी की और दो रिंग जाने के बाद ही उधर से कॉल काट दी गयी ........ मैं दीदी का इंतजार करने लगा और पूरे 5 मिनट बाद गेट खुला ........ दीदी सामने खड़ी थीं ........ आज उन्होंने हल्के बैगनी कलर की सिल्क की नाइटी पहनी थी ये इतनी पारदर्शी थी कि अंदर से उनका नंगा बदन साफ झलक रहा था इस नाइटी को पहनना ना पहनना एक जैसा था ........ कमर तक लहराते खुले बाल ....... और उनकी नाक देख कर मैं चौंक पड़ा ..... उन्होंने नाक में एक छोटी सी रिंग पहनी हुई थी पहली बार दीदी ने नाक में कुछ पहना था......... और इस रिंग ने उनकी खूबसूरती में चार नही आठ चांद लगा दिए थे ........, और इस सबके बाद उनकी जानलेवा कातिल मुस्कान वो मंद मंद मुस्कुराती हुई मुझे देखने लगी ....... और मैं तो पलकें झपकना भूल गया ....... दीदी ने खामोशी तोड़ी और बोली क्या हुआ मेरे हीरो ....... अंदर नही आओगे मैं खुद के होश सम्हालता हुआ अंदर आया और ...... दीदी भी गेट लॉक कर के मेरे साथ ऊपर आ गईं ...... रूम में आते ही मैंने बैग रखा और दीदी ......., ने एकदम से मुझे अपनी बाहों में भर लिया ...... कस के ...... हम पूरे 5 मिनट तक ऐसे ही एक दूसरे को बाहों में भरे एक दूसरे के जिस्म की गर्मी को महसूस करते रहे ........ फिर मैंने कहा दीदी छोड़ो अब मुझे चेंज करना है ....... दीदी ने मुझे छोड़ दिया लेकिन बड़ी गौर से देखते हुए मुस्कुराने लगी ...... मैंने कपड़े उतारते हुए पूछा ऐसे क्या देख रही हो दीदी ...... वो बोली देख रही हूं मेरा भाई हीरो से सुपरहीरो होता जा रहा है ....... अभी कुछ दिन पहले मैं कितनी परेशान थी लेकिन जैसे ही तुम्हें मेरी परेशानी के बारे में पता चला तुमने झट से सब सही कर दिया जैसे जादू से और अभी फिर परसों रात की ही तो बात है मैं कितनी परेशान थी क्या क्या नही सोच डाला था और दो ही दिन में सब ठीक कर दिया तुमने जैसे कुछ हुआ ही ना हो ..... .. मैंने जीन्स और टीशर्ट निकाल दी थी और लोअर ढूंढने लगा लेकिन अलमारी में एक भी लोअर नही दिखा मैंने पूछा दीदी मेरे लोअर कहाँ गए सारे ...... दीदी बोली आज मशीन लगाई थी तो सारे धो डाले फिर सुखा कर बाकी कपड़ो के साथ नीचे ही रख दिये अभी ले आऊंगी दिन में . ....... तब तक ऐसे ही रह लो ना और आंख मार कर मुस्कुरा दी ...... मैं जा कर बेड पर लेट गया 4 बजे थे अभी कुछ और नही किया जा सकता था ...... दीदी ने लाइट ऑफ की और आ कर बगल में लेट गयी ...... मैंने कहा दीदी ...... दीदी- हूंऊऊ मैं- दीदी आपकी नोज रिंग ...... बहोत मस्त लग रही है ..... दीदी- पसन्द आयी ना तुझे ..... मैं सोच रहा थी पता नही तुम्हें अच्छी लगेगी या नही ????? मैंने कहा मुझे तो आप अच्छी ही लगोगी हर हाल में लेकिन ये पहनने के बाद तो आप सुपर से भी ऊपर लग रही हो ......... दीदी बोली किस करने का मन कर रहा है क्या ....... और वो करवट ले जार मुझ पर झुकती चली गईं उनकी नरम नंगी सी चुंचिया मेरे सीने पर दब गई और उन्होंने अपने रसीले होंठ मेरे होंठो पर रखे और भूखी बिल्ली की तरह चूसने लगी ....... मेरी आँखें बंद हो गईं और मैं उनकी पीठ सहलाते हुए इस अद्भुत आनंद में खो गया ........ जल्दी ही दीदी की रसीली गर्म जीभ मेरे मुह में दाखिल हो गयी ..... उफ़्फ़फ़ मीठा से स्वाद मेरे मुह में घुलने लगा और मैं दीवानों की तरह दीदी की जीभ चूसने लगा ........ 5-7 मिनट तक हमारा ये गर्म और रसीला चुम्बन चलता रहा और इतनी देर में मेरा लंड एकदम राकेट हो गया ...... और तभी दीदी ने किस तोड़ते हुए एक हाथ मेरे अंडरवियर में डाल मेरा सख्त लौड़ा अपने नरम हाथो में ले लिया और उसे दबाते हुए बोली विकी मेरी जान तेरी दीदी की इसकी बहोत जरूरत है ....... उनका हाथ लंड पर महसूस कर के मेरे पूरे बदन में एक झुरझुरी हुई ...... मैंने कहा दीदी ऐसा क्या हुआ जो इतनी जरूरत हो गयी आपको ....... दीदी बोली जब से तुम गए हो ....... मैं कॉलेज भी नही गई प्रतीक भी तुम्हारे साथ थे तो उनसे भी ज्यादा बात चीत नही हुई ....... टाइम नही पास हो रहा था मेरा तो बस फोन पर सेक्स स्टोरीज पढ़ी और ढेर सारी पोर्न देखी ताकि चुदाई का पूरा नॉलेज हो जाये ...... और मैं प्रतीक को पूरी तरह से खुश और संतुष्ट कर पाऊं ..... लेकिन वो सब पढ़ और देख कर मैं खुद ही इतनी गरम हो गयी कि कल से मेरी चूत पानी बहाए जा रही है........ और अब मुझे इसकी जरूरत है विकास ........ दीदी अपना हाथ धीरे धीरे मेरे लंड पर चलाना शुरू कर दिया था ........ और मेरा लंड भी जो कल नेहा की चुदाई देखने के बाद से झड़ा नही था वो अपने पूरे रंग में खड़ा हो कर झटके लगा रहा था ....... मैंने कहा दीदी आपकी चूत की प्यास मैं बुझा दूंगा लेकिन उस तरीके से नही जैसे आप चाहती हो ....... मेरी बात सुन कर दीदी तड़प कर बोली तुम मुझसे जरा भी प्यार नही करते ना विकी मैं कब से तुमसे तुम्हारा प्यार मांग रही हूं लेकिन तुम नही दे रहे ...... मैंने कहा अगर आपको ऐसा लगता है तो सही हो होगा ......... मेरी बात सुन कर दीदी ने गहरी सांस ली और बोली जानती हूं मुझे ऐसा नही लगना चाहिए आखिर तुमसे ज्यादा कौन चाहेगा मुझे लेकिन इस चाहत को अधूरी रखने की जिद क्यों पकड़े बैठे हो विकी ........ तुमने मुझे भाई का प्यार दिया दोस्त का प्यार दिया ...... बॉयफ्रेंड जैसा अहसास भी दिया मुझे और मुझे ये सब बहोत अच्छा लगा मैं हमेशा से ऐसा ही केयरिंग और समझदार जीवनसाथी चाहती थी मेरे वश में होता तो मैं प्रतीक की जगह तुमसे शादी कर लेती ....... लेकिन तुम्हारी खुशी के लिए तुम्हारे कहने पर मैं तुम्हारी हर बात मानती आयी अब एक बात मेरी भी मान लो प्लीज विकी ....... बस 3 महीने हैं मेरे पास और मैं इन्हें पूरी शिद्दत से अपने पहले प्यार के साथ जीना चाहती हूं इन पलों को महसूस करना चाहती हूं ........ और तुम्हे अपना ढेर सारा प्यार दे कर तुम्हारा बहोत सारा प्यार पाना चाहता हूं ........ लेकिन तुम हो कि हफ्ते में सिर्फ एक बार जैसी बंदिशें लगा कर मुझे सता रहे हो ....... दीदी की बात सुन कर मैं थोड़ा सा चौंक गया और पूछ बैठा दीदी अगर मैं पहला प्यार हूँ आपका तो विनय ....... दीदी ने मेरी बात काटते हुए कहा वो प्यार नही गलती थी मेरी जीवन की सबसे बड़ी गलती जिसका अहसास मुझे खूब अच्छे से हो चुका है अब कभी उसका नाम भी मत ले लेना मेरे आगे ......... मेरा पहला प्यार सिर्फ तुम हो और मेरा दूसरा प्यार प्रतीक है जिस से मुझे शादी इसलिए करनी पड़ेगी की तुम ऐसा चाहते हो और मैं तुमसे चाह कर भी शादी तो नही कर सकती ....... दीदी की बात सुन कर मुझे उन पर और भी प्यार आया और मैंने एक हाथ उनके फूले हुए मुलायम चूतड़ पर रख कर उसे मसलते हुए कहा ओहहह दीदी मैं आपकी तड़प आपकी चाहत और आपका अपने प्रति प्यार महसूस कर रहा हूँ ....... और आपकी बात से सहमत हूँ ठीक है मैं आज आपको उस बंदिश से आज़ाद कर देता हूँ ....... मेरी बात सुनते ही दीदी ने एकदम से मेरी गर्दन को चूम लिया और जीभ की नोक से मेरी गर्दन को गुदगुदाने लगी ....... और बोली आहह विकी लव यू सो मच ऊऊम्म्म्म्म..... मैंने कहा लेकिन मेरी कुछ बात आपको भी माननी पड़ेगी दीदी बोली मैंने सब मान की तेरी मैंने कहा पहले सुन तो लो ...... पहली बात आपको मेरे साथ प्रतीक को भी पूरा वक़्त और अटेंशन देनी होगी मैं एकदम नही चाहूंगा कि मेरी वजह से आपका और उनका रिश्ता जुड़ने से पहले ही कमजोर हो या और कोई प्रॉब्लम हो दूसरी बात आप जो चाहो करो ....... लेकिन कभी मुझसे मेरा लंड अपनी चूत में डालने की ज़िद नही करोगी इसके सिवा आप कुछ भी करो मैं नही रोकूंगा बल्कि मैं भी बाकी सब करने के तड़प रहा हूँ ........ ये कहते हुए मैंने दीदी की गांड़ के छेद को नाइटी के ऊपर से उँगली से कुरेद दिया ........ और दीदी सिसक कर मेरे गाल पर जीभ फिराने लगी ........... दीदी बोली पहली बात तो मैंने मान ली लेकिन दूसरी बात बहोत मुश्किल है मेरे लिए ....... मैंने कहा प्लीज दीदी उस पर सिर्फ प्रतीक का हक़ रहने दो वो पति है तुम्हारा ...... दीदी लंड के सुपाड़े से निकल रहे प्रिकम को उंगली से सुपाड़े पर मलते हुए बोली ........ पर मैं तो तुम्हें भी पति मानती हूं विकी मैंने कहा मानने और होने में फर्क होता है दीदी ....... दीदी ने बड़ी मुश्किल से सर हिला कर मेरी बात का समर्थन किया ...... फिर बोली अच्छा चलो ठीक है लेकिन ये भी मान ली तुम्हारी खुशी के लिए लेकिन आज से अकेले में तुम मुझे दीदी नही निकिता कहोगे मेरा नाम लोगे मुझे अच्छा लगता है तुम्हारे मुह से अपना नाम सुनना ...... दीदी की बात सुन कर मैं मुस्कुरा दिया और बोला ok निक्कू ...... लव यू बेबी और अपनी उंगली की हरकत तेज कर दीदी के गांड़ के छेद पर ....... दीदी ने अपनी कमर उपर उठा कर अपनी नाइटी झटके से ऊपर खींच की और मेरे हाथ और उनकी गांड़ के बीच मौजूद कपड़े का हल्का सा आवरण भी हट गया और वो वापस अपनी नंगी चूत मेरी जांघ से चिपका कर लेट गयीं और बोली ....... विक्की मेरी जान अब जी भर के खेलो मेरी नंगी गांड़ से और मैंने फिर से अपनी उंगली दीदी की गांड़ के छेद पर रख दी ........।
VEry HoT UPdAtE
 

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मैंने अपनी उँगली दीदी की गांड़ के कसे हुए छेद पर घुमाते हुए कहा दीदी एक बात पूछूं ........

दीदी ने लंड को कस के मुठियाते हुए कहा अब तुम मुझसे इजाजत ले कर कुछ पूछोगे तुम्हारा हक है कुछ भी पूछने का .......

मैंने कहा आप मुझसे और प्रतीक से इतना प्यार करती हो लेकिन कभी आपको ये पता चले कि मैंने किसी दूसरी लड़की से प्यार किया या सेक्स किया तो आपको बुरा लगेगा या नही ...... मेरी बात सुन के दीदी कुछ सोच में पड़ गईं ...... फिर बोली नही एकदम नही लगेगा ...... क्यों कि ये जरूरी नही हम जिससे सेक्स कर लें उस से प्यार भी हो और ये भी जरूरी नही की जिस से प्यार करते हो उस से सेक्स भी करें ....... दीदी की बात सुन कर मैं मन मे मुस्कुरा उठा ठीक यही बात उस दिन मेरे मन मे भी थी हमारी सोच कितनी कॉमन थी .......


दीदी बोली मैं जानती हूं तुम मुझसे बेहद प्यार करते हो पर शादी किसी और से करोगे और जिससे शादी हो उसे प्यार ना करो तो ये उसके साथ भी गलत होगा ...... रही बात सेक्स की तो ये शारीरिक आकर्षण है कई बार किसी को देख कर एकदम से सनसनी होती है मन उसके बारे में गंदा सोचने लगता है .......

और उसके साथ सेक्स का मन करने लगता है ये सब नेचुरल है सभी के साथ होता है ....... इसलिए तुम बेफिक्र हो कर किसी के साथ भी प्यार करो उसकी चुदाई करो मुझे कोई समस्या नही है ...... मैंने कहा और अगर शादी के बाद तुम्हे कभी प्रतीक के बारे में कुछ पता चले तो ......


दीदी बोली तो क्या ...... अच्छा एक बात बताओ तुम्हे तो पहले से पता था मेरे और विनय के चक्कर के बारे में और ये भी की हम सेक्स कर चुके हैं उसके बावजूद भी तुमने मुझसे प्यार करना छोड़ दिया क्या ..... और बाद में प्रतीक को भी ये सब पता चला लेकिन उसके भी मेरे प्रति प्यार में मुझे कोई फर्क महसूस नही हुआ तो .......


मैं कैसे तुम लोगों की किसी बात को मैटर बना सकती हूं मुझे कोई प्रॉब्लम नही होगी किसी के किसी भी रिलेशन से बशर्ते की उसकी वजह से तुम लोगों का मेरे प्रति प्यार कम या प्रभावित ना हो .........


दीदी का शानदार और तर्कपूर्ण जवाब सुन कर मेरा मन खुश हो गया ....... और मैंने कहा दीदी अब लंड पर रहम खाओ हाथो से कितना सहलाओगी उसे अब तो उसे अपने मुह का रास्ता दिखा दो ...... मेरी बात सुन कर दीदी झट से उठ गई और बोली तुम तकिए की टेक लगा कर बैठ जाओ अपने पैर फैला कर ......


मैं आराम से पैर लंबे कर के बैठ गया तकिया पीठ के पीछे टिका कर दीदी ने अपनी नाइटी निकाल दी और एकदम नंगी हो कर मेरी जांघ पर सर रख लेट गयीं ....... और मेरे लंड की स्किन खोल कर सुपाड़ा बाहर निकाला और उसे जीभ से चाटने लगी ....... मैंने एक हाथ से दीदी कड़ी चूची सहलाते हुए कहा दीदी .......



अब मैं तुम्हे अपनी बारे में एक और नई बात बताने जा रही हूं ...... दीदी ने लंड चाटते हुए कहा बताओ मैं सुन रही हूं ...... फिर मैं दीदी को अपनी और रानी की चुदाई के बारे में बताया और ट्रेन में प्रीति के साथ हुए ओरल सेक्स के बारे में भी पूरी डिटेल में बताया ......


मेरी पूरी बात सुन कर दीदी ने मेरा लंड मुट्ठी में जोर से दबा कर कहा ..... सही है विकी तुम हो ही इतने प्यारे कोई लड़की तुम पर फिदा हो जाएगी मेरी तरह ........ लेकिन तुम रानी को वो सब दे देते हो और मुझे मना कर देते हो ये ठीक नही और सुपाड़े को होंठों में दबा कर चूसने लगी .......


मेरा दिमाग उत्तेजना से भर कर सोचने समझने की शक्ति खो चुका था ........ आआहहहहहह निक्की मेरी जान एक बार निकाल दो मेरे लंड का पानी अब बर्दाश्त नही होता ........ और मैंने दीदी की निप्पल को जोर से मसल दिया ....... दीदी ने एक गहरी सांस ले कर बड़ा सा मुह खोलते हुए लंड को जड़ तक मुह में भर कर तेजी से अपना सर हिलाते हुए चूसना शुरू कर दिया ........


और फिर उन्होंने एकदम से लंड को मुह से बाहर निकाल लिया मैं बस अगले 10-15 सेकेंड में झड़ने वाला था पर बीच मे रुकावट होने से मुझे गुस्सा आया कल से मेरा लंड बस गरम था पर उसकी गर्मी निकल नही पा रही थी। ........


दीदी उठी और बेड से नीचे उतर कर मेरे हाथ पकड़ कर बोली विकी इधर आ जाओ बेड के किनारे पर ....... और मैं खिसक कर बेड एक किनारे पर बैठ गया ....... अपने पैर नीचे लटका कर दीदी मेरी टांगों के बीच अपने पंजो पर बैठ गयी ....... अपने थूक से भीगे मेरे सख्त लंड को मुठियाते हुए बोली विकी ........ कल मैंने एक वीडियो देखी थी फेशियल cumshot वाली ....... और मैं आज तुम्हारा गरम रस अपने पूरे फेस पर महसूस करना चाहती हूं ...........

दीदी की बात सुन कर मेरे लंड ने झटका दे कर जैसे उनकी बात का समर्थन किया हो और उन्होंने झुक कर सुपाड़ा मुह में दबा कर चूसते हुए तेजी से लंड को मुठ मारनी शुरू कर दी ....... मेरे मुह से आहें निकलने लगी मैं एक बार फिर से स्खलन की मंजिल की ओर तेजी से बढ़ चला .. .. .


दीदी एक हाथ से मेरे वीर्य से भरे अण्डों को सहलाते हुए जीभ की नोक से सुपाड़े के छेद को चाट रही थीं ...... मैं मस्ती और उत्तेजना में दीदी के चिकने चेहरे को देखते है उनके मुह की गर्मी और चिकनाहट अपने लंड पर महसूस करते हुए बोला ........ आआहहहह निक्की मेरी जान मैं झड़ने वाला हूँ ....... दीदी ने हाथ की गति को और बढ़ाते हुए मेरी आँखों मे देख कर कहा ........ उफ़्फ़फ़ विकी मेरे भैया झड़ जा निकाल दे अपने लौड़े का पानी ....... भिगो दे मेरे बदन को अपने गरम वीर्य से झड़ जा मेरी जान ...... तेरे लंड से निकलती फुहार मुझे बड़ी अच्छी लगती है ......... इतना बोल कर दीदी ने बड़ा सा मुह खोल कर लंबी से जीभ बाहर निकाली और सुपाड़े को जीभ पर रगड़ते हुए मेरी आँखों मे देखते हुए मुझे आंख मार दी ........

दीदी की इस कामुक हरकत से मेरे लंड से वीर्य की तेज फुहार पिचकारी की तरह निकली और उनके होंठो और नाक से जा टकराई , अचानक हुए इस हमले से वो चौंक सी गयी लेकिन फिर ये महसूस करते ही कि ये मेरे वीर्य की फुहार है वो मुस्कुराने लगी और लंड को दबा दबा कर मसलते हुए उसे हिला हिला उन्होंने अगली दो फुहारे अपने गोरे गोरे गालों पर गिरने दी और फिर पूरा चेहरा वीर्य से भीगने के बाद उन्होंने जल्दी से सुपाड़ा मुह में भरा और उसे चूसते हुए लंड से टपक टपक कर बहता हुआ गाढ़ा रस चूस कर पीने लगीं ........

आखिरी बून्द तक निचोड़ने के बाद उन्होंने सुपाड़े को मुह से निकाला और हाथ से दबाते हुए बड़ी कामुक नजरो से मेरी ओर देखा और बोली हो गया मेरा फेशियल ....... फिर उनकी अगली हरकत मुझे झड़ने के बाद फिर से उत्तेजित करने लगी उन्होंने अपनी उंगली से अपने गालों नाक और माथे पर जमा हुआ वीर्य समेट कर अपने मुह में डालना शुरू किया और पूरा वीर्य पोंछ पोंछ कर चाट कर पी गयी ....... और चटकारा लेती हुई बोली बहोत टेस्टी हो तुम जानू .......


फिर दीदी उठी और बोली अब तुम आराम करो मेरी जान थके होगे ........ मैंने दीदी की नंगी चुंचिया पकड़ कर कहा इतना भी नही थका हूँ कि अपनी बारी पर पीछे हट जाऊं....... मुझे पता है आप भी प्यासी हो गरम हो ....... दीदी मुस्कुरा कर बोली हूँ तो लेकिन अभी नही ....... सुबह होने वाली है अभी मम्मी भी आवाज़ दे देंगी जाना पड़ेगा .........


आज रात में जी भर के प्यार करेंगे हम विकी पर अभी तुम आराम करो और मुझे कॉलेज भी छोड़ देना आज ........ मुझे इनकी बात ठीक लगी और ये चीज भी पसन्द आयी कि दीदी आज सेक्स के लिए उतावलापन नही दिखा रही खुद पर काबू कर रही हैं ........


फिर मैं सो गया ऐसे ही और दीदी कपड़े पहन कर बाथरूम में घुस गई .......


8 बजे दीदी ने मुझे हिलाते हुए जगाया और बोली सोते रहोगे क्या आज नहाना धोना नही है क्या ........ मैंने आंख खोल कर कहा ...... गुड मॉर्निंग स्वीट हार्ट ....... नहाना तो है लेकिन धोना नही है क्योंकि मुझे अपने लंड पर तुम्हारे मुह का अहसास अभी तक हो रहा है धो लूंगा तो खत्म हो जाएगा ....... दीदी शोखी से मुस्कुरा कर बोली खत्म हो जाने दो मौका मिलते ही फिर से वही अहसास दे दूंगी ना अपनी जान को ........


मैं उठ कर जल्दी से बाथरूम में घुस गया ....... और जल्दी से तैयार हो कर नीचे आया मम्मी पापा के पैर छुए तो वो लोग प्रतीक के घर परिवार के बारे में पूछने लगे ......... मैंने नाश्ता करते हुए उनके घर की भव्यता और पारिवारिक रहन सहन के बारे में बताया तो मम्मी पापा भी उस से प्रभावित हुए और खुश भी हुए ये मम्मी बोली हमारी निकी उस घर मे राज करेगी .........

फिर पापा आफिस और मैं दीदी को ले कर कॉलेज निकल पड़े ...... दीदी को कॉलेज छोड़ते हुए मैंने कहा दीदी आज 2 बजे आ जाऊंगा लेने बैंक चलना है कुछ काम है ....... दीदी बोली ok मैं 2 बजे छुट्टी ले लूंगी .......

फिर मैं सीधा राजेश चाचा के पास पहुंचा ........ वो चौकी में ही मिल गये मुझे देखते ही अंदर वाले रूम में ले कर गए मैंने उनके पैर छुए वो थोड़ा सा नाराज़ दिख रहे थे पर मैंने उनके हाथ पैर जोड़ कर दो चार इमोशनल डायलॉग मारे तो उनका गुस्सा काफूर हो गया .......



फिर उन्होंने बताया विनय की लाश उसी रात बरामद हो गयी थी और पुलिस ने उसकी कार की मदद से शिनाख्त कर के विनय के बाप को सूचना दे दी है ......... वहां की लोकल पुलिस ने अपनी जांच में ये नतीजा निकाला है विनय अल्कोहल की ओवरडोज में था और रास्ता भूल कर उस रेलवे ट्रैक की ओर चला गया ........ और पेशाब करने या किसी और वजह से ट्रैक पर गया और नशे की अधिकता से ट्रेन की चपेट में आ गया ........

लेकिन विक्रम सिंह ने चाचा को फोन कर के शक जाहिर किया था कि हो सकता है विनय की हत्या हुई हो ....... चाचा ने उसे ये कहा की हो सकता है ये हत्या हो लेकिन अगर विक्रम ने इस शक के आधार पर अपने रसूख और पावर का इस्तेमाल कर के उच्च स्तरीय जांच करवाई तो विनय के सारे कुकर्मो का चिट्ठा भी अवश्य खुलेगा और एक मेरी दीदी के अलावा पता नही कितनी लड़कियों के साथ कैसा मामला रहा हो वो सब जांच में सामने आएगा और ये सब पब्लिक होने के बाद उसकी प्रतिष्ठा को जो नुकसान होगा वो चुनाव जीतने की बात तो भूल ही जाए ........ चाचा की बात उसे समझ आ गयी थी और उसने अपने राजनीतिक करियर को बचाने के लिए कोई कंप्लेन ना करने का फैसला करते हुए विनय की लाश का अंतिम संस्कार करने का निर्णय ले लिया था ........

चाचा की बात सुन कर मेरे दिमाग मे रही सही फिक्र भी खत्म हो गयी ........ अब दीदी एकदम सुरक्षित थीं और शायद हम सब भी ........ फिर चाचा ने पर्स से एक चेक निकाल कर मुझे दिया 25 लाख का चेक ....... वो ले कर मैंने एक बार फिर चाचा को धन्यवाद दिया और उनके पैर छू कर हॉस्पिटल की ओर चल पड़ा वहां पहुंच कर रानी से मिला तो पता चला उसकी मम्मी अब एकदम ठीक हैं और 3-4 दिन में डिस्चार्ज हो जाएंगी ........


रानी मुझसे बहोत प्रभवित थी और वो मेरे सामने पूरी तरह खुद को समर्पित कर रही थी ....... फिर वो बोली चलो तुम्हे मम्मी से मिलवाती हूँ मैंने कहा रुको आता हूँ ...... फिर हॉस्पिटल के बाहर एक शॉप से मैंने दो किलो सेब 1 दर्जन केले और 1 किलो कीवी ली और रानी के पास आ कर कहा अब चलो .......

मेरे हाथों में इतने फल देख कर वो बोली मम्मी अकेले एडमिट हैं यहां इतने फल कौन खायेगा ....... मैंने कहा वो ही खाएंगी जब तक यहां रहेंगी ....... फिर हम उनके प्राइवेट रूम में आये रानी ने उनसे मेरा परिचय अपने दोस्त के रूप में करवाया ...... और उन्हें बताया कि इन्होंने ही उनके ऑपरेशन के पैसे दिए हैं और सारा इंतज़ाम किया ये सुन कर उन्होंने मेरे आगे हाथ जोड़ दिए ........


मैंने उनके हाथ पकड़ कर ऐसा मत करिए माँ जी दोस्त की मदद करना हर इंसान का फर्ज है ........ फिर रानी बोली मम्मी आप अब काफी बेहतर हो अगर आप मुझे थोड़ी देर की परमिशन दो मैं घर चली जाऊं दो दिन से यही कपड़े पहन रखे हैं नहाई भी नही हूँ ........ मैं नहा कर कपड़े बदल के कुछ खाना बना कर ले कर शाम तक आ जाती हूँ यहाँ तो नर्स है ही आपकी देखभाल के लिए ...... विकास मुझे घर छोड़ देगा ....... ये कहते हुए उसने अर्थपूर्ण नजरों से मेरी ओर देखा ........

उसकी मम्मी बोली हां तू हो आ घर मैं एकदम ठीक हूँ ...... फिर मैंने एक सेब उनको चाकू से काट कर खिलाया और वो बोली अब जाओ तुम लोग फिर हम बाहर आ गए ....... रानी बोली घर चलें मैंने कहा चलो ........ लेकिन निकलने से पहले मैंने संजय को कॉल की और उसने झट से कॉल रिसीव की और बोला जिंदा है क्या तू भोसड़ी के मैं तो सोच रहा था मर गया साले चार दिन से तेरे चक्कर मे मुठ मार मार के टोपा सुजा लिया मैंने ........

उसकी बात सुन कर मैं हंसते हुए बोला बस बस आज दिलाता हूं ना तुझे ....... मेरी बात सुन कर वो चिढ़ कर बोला साले अपनी गांड़ में डाल ले नही चाहिए मुझे बस उम्मीद जगा के KLPD कर देता है बार बार ......., मैंने कहा अच्छा सुन जल्दी से इस अड्र्स पर पहुंच मैं तुझे यहीं मिलता हूँ ........

वो भुनभुनाते हुए बोला साले हरामखोर अगर आज भी मुझे चुतिया बनाया तो तेरी गांड़ मार लूंगा और फोन काट दिया ....... रानी मेरी बातें सुन कर हंस रही थी फिर बाइक पर बैठती हुई बोली यही है ना आपका दोस्त जिस के बारे में कह रहे थे ........


मैंने कहा हां यार यही है इसी ने इस विनय वाले मामले में मेरी पूरी मदद की है ....... लेकिन मैंने इस से वादा किया था जब भी किसी लकड़ी की लेंगे तो एक दूसरे की दिलवाने में मदद करेंगे एक दूसरे की अब मेरा काम पहले हो गया तो नाराज़ है मुझसे ........


रानी पीछे से अपनी भारी चूची मेरी पीठ पर दबाते हुए बोली आज आपके दोस्त की ख्वाइश भी पूरी कर देती हूं ...... फिर हम रानी के घर पहुंचे वो मुझे अंदर ले गयी और कमरे में बिठा कर नहाने चली गयी ........ नहा कर वो यूँ ही नंगी कमरे में आ गयी उसके बालों से भी पानी टपक रहा था और उसका ये गीला हसीन बदन देख कर मेरा मूड बनने लगा .......


मेरा लंड जीन्स के अंदर सर उठाने लगा ........ तभी संजय का कॉल आया वो आ चुका था ....... मैंने रानी से कहा संजय आ गया है तुम कपड़े पहन लो वो बोली क्या करूंगी पहन के अभी तो फिर उतारने पड़ेंगे मैंने कहा ऐसे नंगी उसके सामने आ गयी तो वो हर्ट अटैक से ही मर जायेगा उसने आज तक नंगी लड़की नही देखी है .......


मेरी बात सुन कर रानी जोर से हंसती हुई अंदर वाले कमरे में चली गई और मैंने बाहर आ कर गेट खोल दिया ....... संजय थोड़ी दूर पर ही कान से फोन लगाए खड़ा था मैंने उसे आवाज़ दे कर बुलाया वो जल्दी से फ़ोन जेब मे रख कर भागता हुआ आय उसका उतावलापन देख कर मुझे हंसी आ रही थी ........


मुझे हंसता देख कर वो कुढ़ के बोला साले ले ले मज़े किसी दिन मैं भी कोई लड़की पटा कर चोदूगा फिर मैं भी मज़े लूंगा तेरे ....... मैंने कहा बकचोदी बाद में कर लेना चूतिये पहले लड़की चोद ले चल अंदर ......


वो मेरे साथ अंदर आया और बेड पर बैठ गया औ इशारे से पूछा कहां है मैंने कहा सब्र कर आ रही है फिर उसने जेब से कंडोम निकाल कर दिखाया मुझे और बोला पूरा इंतजाम कर के आया हूँ आज ...... मैंने कफ फिर इसे लगा कर रेडी हो जा वो बोला पहले देखूं तो सही कैसी है ....... मैंने कहा उस दिन वीडियो दिखाया तो था तुझे वो बोला सामने से देखने की और बात है बे .......



तभी रानी अंदर से बाहर आई उसने एक रेड कलर का फिटिंग सूट पहने था और बालों को सुखा कर जूड़ा सा बांध रखा था रानी को देखते ही उसकी बकचोदी बंद हो गयी वो बार बार थूक गटकने लगा मैंने कहा रानी ये मेरा दोस्त संजय है .......


रानी संजय के बगल में बैठ कर उसके कंधे पर हाथ रख कर बोली संजय जी नमस्ते मैं हूँ रानी ....... और संजय सहम सा गया रानी मुझसे बोली आपके दोस्त तो बड़े शर्मीले दिख रहे हैं ....... मैंने कहा नही बातें तो बड़ी बड़ी चोद लेता है हां चूत कभी नही चोदी इसने वो अलग बात है संजय मुझे घूरने लगा .......


मुझे हंसी आ रही थी लेकिन मैं जानता था इस टाइम हंसा तो संजय मुझे जूता फेंक के मारेगा तो मैंने उठते हुए कहा ठीक है रानी संजय तुम लोग एक दूसरे से बातें करो मैं चला मुझे बैंक जाना है एक जरुरी काम है.........


मैं उठ कर बाहर आया तो संजय भागता हुआ बाहर आया और बोला भाई तू रुक ना कहाँ जा रहा है मुझे अकेला छोड़ के ...... मैंने कहा तू जा मज़े कर मैं क्या यहां तुझे चोदने का तरीका बताऊंगा वो बोला बता दियो बे मेरा पहली बार है मैंने कहा रानी को सब आता है उससे पूछ लियो मुझे भी उसी ने सिखाया था .........


मेरी बात सुन कर उसे थोड़ी तसल्ली हुई और वो बोला थैंक्स भाई और मुझे गले लगा लिया मैंने कहा जी भर के चोद लियो साले फिर मत कहना कि मैंने चूत नही दिलवाई तुझे ..........


1:20 हो रहे थे मैं दीदी के कॉलेज की ओर चल दिया और फिर उन्हें पिक कर के बैंक आ गया यहां मैंने दीदी के एकाउंट में मेरा नाम भी ऐड करा कर इसे जॉइंट कराया और वो 25 लाख की चेक एकाउंट में लगा दी फिर मुझे बैंक के कर्मचारी ने ही बताया सर इस एकाउंट का एटीएम आ गया है वो भी ले लीजिए एटीएम ले कर हम बैंक से बाहर आये ........


दीदी बोली विकी इतने सारे पैसे का क्या करेंगे मैंने कहा दीदी धूमधाम से आपकी शादी करेंगे और खूब धमाल करेंगे ........ फिर मैं दीदी को ले कर एक माल में आ गया और उन्हें ढेर सारी शॉपिंग कराई ...... दीदी बोली ये किस खुशी में मैंने कहा अपनी गर्ल फ्रेंड को शॉपिंग कराने की कोई वजह नही होती ......., मेरी सेक्सी स्वीट जानू के लिए कुछ ऐसी ड्रेस लेनी है मुझे जिन्हें पहन कर मेरी जान और भी जनलेवा दिखे ......... ,



फिर दीदी ने दो सेक्सी ड्रेस ली एक लहंगा चोली और दूसरा स्कर्ट टॉप ...... लहंगा बड़े घेर वाला था साथ मे मैंने उनके लिए दो सेट महंगी और स्टाइलिश अंडर गारमेंट्स भी लिए बदन को छुपाते कम दिखाते ज्यादा थे .........


फिर हम उसी माल में बने हुए रेस्टोरेंट में आ गए और हमने शानदार लंच किया आज दीदी बहोत खुश थीं ........

जब हम बाइक लेने पार्किंग में आये तो वहां कोई नही था ........ एकदम सन्नाटा देख कर दीदी ने मुझे कस के गले लगा लिया और मेरे होंठ चूम कर बोली थैंक्स विकी लव यू सो मच मेरी जान ........ बस ऐसा ही बॉयफ्रेंड चाहिए था मुझे मैंने भी उनके बाहों में भर लिया और उनके चूतड़ों की गोलाइयाँ दबाते हुए कहा लव यू टू स्वीटी .......



दीदी बोली अभी मैं भी बदले में एक रिटर्न गिफ्ट देना चाहती हूं आंखे बंद करो ......., मैंने आंखे बंद की और दीदी ने जल्दी से नीचे बैठ कर मेरे जीन्स की ज़िप सरका दी मैंने कहा दीदी ये पार्किंग है प्लीज यहां नही ........ दीदी बोली पर कोई नही है ना यहां ....... और नहाने के बाद तुम्हारे लंड से मेरे मुह का अहसास खत्म हो गया था ना फिर से देना है मुझे .........


फिर वो मेरा हाथ पकड़ कर मुझे दो कारों के बीच मे ले गयी और फिर मेरा लंड बाहर निकाल कर उसे मस्ती में चूसने लगी ........ पूरे दो मिनट तक अच्छे से लौंड़ा चूसने के बाद दीदी ने उसे अंदर करते हुए ज़िप बंद की और बोली अब चलें .........


मैंने बुरा सा मुह बनाते हुए कहा तुम भी ना बस आग लगा कर छोड़ देती हो ......,, वो हंसते हुए बोली अच्छा तो अब तुमसे भी सब्र नही होता ........


फिर मैंने बाइक स्टार्ट की और हम घर की ओर चल पड़े ......., घर पहुंच कर मम्मी ने सब कपड़े देखे तो उन्हें भी पसन्द आये वो पूछने लगी कि इतने कपड़े क्यों ले लिए तो दीदी मेरा मुह ताकने लगी मैंने कहा वो प्रतीक ने कहा था कि दीदी को कपड़े दिला देना उनकी तरफ से ........,


ये जान कर मम्मी भी खुश हुई कि उनका होने वाला दामाद उनकी बेटी को कितना प्यार करता है ........ मम्मी ने खाने को कहा तो दीदी ने बताया कि वही रेस्तरां में लंच कर लिया हमने .......... ,


फिर मैं और दीदी दोनो उपर आ गए ....... दीदी अपने अंडरगारमेंट्स को ले कर एक्साइटेड थीं ......., और मैंने उन्हें वो कपड़े बैग से निकाल कर दिखाए जो प्रतीक ने उन्हें और मुझे दिलाये थे दीदी के लिए एक रेड कलर का डिजाइनर गाउन था और मेरे लिए एक शर्ट और जीन्स सारे कपड़े महंगे और ब्रांडेड थे ..........



ये सब देख कर दीदी का चेहरा खुशी से और भी दमकने लगा था दीदी ने तुरंत ही प्रतीक को कॉल की और बोली फोन स्पीकर पर डाल कर बोलीं .........,


दीदी- लव यू सो मच माय स्वीट हबी ....... आपने ड्रेस तो भेजी बहोत अच्छी है ........

प्रतीक - लव यू माय लव पर वो अच्छी तब ही लगेगी जब मेरी स्वीट वाइफ उसे पहनेगी ......

दीदी - ok जानू आज रात ही पहन कर दिखाउंगी तुम्हें ....... और तुम्हे बहोत सारा थैंक्स जान .......


प्रतीक - वो किसलिये ....... दीदी बोली मुझे इतना सारा प्यार देने के लिए विकी के साथ मिल कर मेरी सारी परेशानियां दूर करने के लिए ........, मेरे बारे में सब जान कर भी अपना प्यार बरकरार रखने के लिए ........ और मेरे साथ साथ मेरे विकी को भी उतना ही लगाव देने के लिए........

प्रतीक - हसंते हुए बोले बस बस ........ ये लिस्ट बहोत लंबी होती जा रही है लेकिन इनमें से कुछ भी ऐसा नही है जिसके लिए तुम मुझे थैंक्स बोलो ........ ये सब मैंने अपनी जान निकी अपनी होने वाली वाइफ के लिए किया है उसकी खुशी के लिए किया है और सारी जिंदगी करता रहूंगा तो क्या तुम हर रोज मुझे थैंक्स बोलोगी .........

दीदी - चंचलता से बोली अभी दूर हूँ तो थैंक्स ही बोल सकती हूं जब साथ रहूंगी तब तो तुम्हे प्यार कर के तुम्हे थैंक्स बोलूंगी .......


प्रतीक- मेरी जान बहोत तड़प रहा हूँ तुम्हारे लिए .......


दीदी - मैं भी तड़प रही हूं ना जानू तुम्हारे लिए तुम्हारे प्यार के लिए ..........

प्रतीक - इतना मत तड़पो ना कुछ इंतजाम कर लो .......

दीदी - मुस्कुरा कर ......... कैसा इंतजाम ...... प्रतीक बोले उंगली कर लो ना



दीदी - ....... आज रात में करूंगी .......करनी ही पड़ेगी बहोत गीली हो रही है.........


प्रतीक - अकेले???


दीदी - नही तुम्हारे साथ ....... मस्ती करते हुए .......


प्रतीक,- फिर तो आज मैं बियर पार्टी कर लेता हूँ फिर मज़ा आएगा ........ तुमने कभी बियर पी है निक्की ............


दीदी- हिचकिचाते हुए बोली ........ नही मैंने कभी नही पी .........

प्रतीक- यार पी कर करने में ज्यादा मज़ा आता है.......


दीदी- ok तो तुम पी लेना न मैं कहाँ रोक रही हूं ........

प्रतीक- मैं तुम्हारी बात कर रहा हूँ जान मैं सोच रहा था अगर दोनो ने पी हो तो और भी मज़ा आएगा .........


दीदी- पर मैं कैसे ......?

प्रतीक- यार कुछ करो न एक बियर का इंतजाम कैसे भी ........

दीदी मुझे देख कर मुस्कुराते हुए बोली........

मैं कैसे मैं थोड़े जाऊंगी बियर लेने .......

प्रतीक - ये बात तो है तुम थोड़े जाओगी लेने ........


दीदी- तुम परेशान ना हो मैं ऐसे ही कर लूंगी .......


प्रतीक- ok जान आज तो तुमने मुझे एकदम से खुशी से दे दी मैं तो रात के बारे में सोच सोच कर ही एक्सिटेड हो रहा हूं.........


दीदी- मैं भी ....... अच्छा अब रखती हूं रात में मिलते हैं जान ....... लव यू ....... और दीदी ने कॉल काट दी .......।


फिर दीदी नीचे चली गईं और मैं फ़ोन पर गेम खेलने लगा तभी प्रतीक की कॉल आयी मैंने रिसीव की ........

प्रतीक- यार विकास मेरा एक छोटा सा काम कर दो प्लीज ......

मैं- अरे आप आदेश करिये जीजा जी मैं फौरन करता हूँ ......


प्रतीक- यार देखो कुछ गलत ना समझना पर आज निकी से बात करते हुए मैंने पूछ लिया कि तुमने कभी बियर पी है या नही वो बोली नही तो मैंने कहा एक बार पी कर देखो ........ उसने कहा कि उसका मन तो होता है पर वो लेने नही जा सकती तो प्लीज तुम उसे एक बियर ला कर दे दोगे ........

मैं- ठीक है अगर आप ऐसा चाहते हैं तो मैं ला दूंगा उसमे क्या है .......

प्रतीक- थैंक्स विकी ......


मैं- लेकिन अगर दीदी गुस्सा की मुझ पर तो .......?


प्रतीक- नही करेगी मैं हूँ ना चिंता ना कर ...........


मैं- फिर ठीक है जीजू मैं आपका काम कर दूंगा ........

उन्होंने कॉल काट दी और मैं सोचने लगा इनको कैसे मालूम होगा कि अगर ये आज ना भी कहते तो मैं दीदी की पिलाने वाला था ............


तभी संजय का काल आया वो बहोत खुश था बोला मेरे भाई दोस्त हो तो तेरे जैसा ....... मज़ा आ गया यार मैंने पूछा कितनी बार ली वो डींग मारता हुआ बोला 4 बार ली बहोत रगड़ के चोदा मैंने कहा ठीक है चल तुझे चूत मिल गयी अब कल से दीदी की शादी के इंताजाम में लगना है हमे ........ वो बोला साले तेरे कहने की जरूरत नही है मेरी भी दीदी है तू चिंता ना कर कल से स्कूल के बाद रोज दो घंटे तेरे नाम ........


फिर शाम को 7 बजे मैं बाजार गया पैदल घूमते हुए और 4 बियर और दो सिगरेट ले कर चुपके से अपने कमरे में रख आया .........

फिर हम सब ने रात का खाना खाया और थोड़ी देर पारिवारिक बातचीत के सब अपने अपने कमरों की ओर चल दिये .......।
बहुत ही सुन्दर और शानदार अपडेट है
 

kasturimgm

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No update for a long time sab thik hai to bhai.
Covid times main little worried for everyone.
 
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