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Incest जीजा जी की चाहत (incest)

Sanju@

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मैं ऑटो वाले को पैसे दे कर स्टेशन के बाहर उतरा और सीधा थोड़ी दूर पर स्थित बियर शॉप पर जा पहुंचा दो किंगफिशर स्ट्रांग के कैन दो पैकेट चिप्स एक सिगरेट और माचिस ले कर बैग में डाली और स्टेशन के अंदर आ गया ....... टिकट लिया लेकिन मुझे स्लीपर का कन्फर्म टिकट मिल गया और मैं प्लेटफार्म पर ट्रेन की प्रतीक्षा करने लगा .......

ये इंतजार भी बड़ी बोरिंग चीज है ट्रेन आने में अभी 40 मिनट का समय था और ये वक़्त कट नही रह था लेकिन तभी रानी का काल आ गया ...... उसने बताया कि मम्मी का ऑपरेशन सफ़लतापूर्वक हो गया है और अभी वो ठीक है ....... मैंने उसे बधाई दी ...... और बताया की मैं दिल्ली जा रहा हूँ और वापस आ कर उस से मिलूंगा उसने फिर से बार बार मेरा धन्यवाद किया और मेरी तारीफ करने लगी ........ मैंने पूछा रानी ये बताओ तुमने विनय को वो तस्वीर कब और कैसे भेजी थीं ........ रानी थोड़ा झिझकते हुए बोली ....... जब उस दिन तुम्हारे हाथ और आंखों पर पट्टी बांध कर तुमसे चुद रही थी उसी टाइम पहले फोन चेक किया और फिर वो तस्वीरे विनय के नए नंबर पर फॉरवर्ड कर दी थी जब उसने वो pic डाउनलोड कर ली तो मैंने इस फोन से उन्हें डिलीट कर दिया था और प्रतीक का नंबर भी उसने विनय को सेंड कर के वो मैसेज भी डिलीट कर दिया था .......


उसने कहा वाकई उसने बड़ी गलती की ऐसा कर के , उसे ऐसा नही करना चाहिए खुद की इज्जत बचाने की खातिर उसे मेरी बहन की इज्जत से खिलवाड़ नही करना चाहिए था ........

मैंने कहा मेरा दोबारा वैसे ही हाथ बंधवा कर मज़े लेने का मन था लेकिन अब हिम्मत नही होगी ....... वो उदास स्वर में बोली प्लीज विकास ऐसे मत बोलो सॉरी ना अब फिर कभी ऐसा नही होगा और अब तो मुझे उस कमीने विनय से डरने की कोई जरूरत ही नही है ....... वो थोड़ा हिचकते हुए बोली अब तो मेरे pic और वीडियो तुम्हारे पास हैं ना ......

मैंने कहा हां थे तो मेरे पास लेकिन चिंता ना करो अब ऐसे कोई pic और वीडियो किसी के पास भी नही हैं मैंने उस लैपटॉप और फोन को फॉर्मेट कर दिया है सब खत्म तुम अब एकदम आज़ाद हो मैं विनय या कोई और तुमसे तुम्हारी मर्ज़ी के खिलाफ कुछ नही करवा सकते .......

वो बोली ठीक है पर तुम जल्दी से लौट आओ दिल्ली से फिर मैं तुम्हे पिछली बार से भी ज्यादा मज़ा दूंगी जान ...... उस बार मैं वो सब मजबूरी से दबाव में कर रही थी इस बार खुशी से अपनी मर्ज़ी से करूंगी .......

मैंने कहा अभी भी तुम्हारा मन है मेरे साथ वो सब फिर से करने के लिए ...... या तुम ऐसा कर के सिर्फ मेरे द्वारा की गई तुम्हारी मदद का एहसान उतारना चाहती हो वो बोली ऐसा कुछ नही है विकास ...... तुम्हारा साथ मुझे भी अच्छा लगने लगा है तुम जैसे समझदार और केयरिंग इंसान को हर लड़की अपना दोस्त और जीवनसाथी बनाना चाहेगी ...... मैं जानती हूं कि मैं इस लायक नही हूँ कि तुम मुझसे शादी कर लो मुझे अपना बना लो पर मैं इस लायक तो हूँ ही कि तुम मुझे अपनी दोस्त बना लो और तुम्हे खुशी दे कर मुझे भी बेहद खुशी होगी विकी ........

मैंने कहा ठीक है रानी ....... आज से हमारी दोस्ती पक्की वो खुश हो गयी और फिर से मुझे थैंक्स बोलने लगी ......

तभी मेरी ट्रेन आ गयी और मैंने कहा रानी ट्रेन आ गयी रखता हूँ वो बोली ok अगर रात में नींद ना आये तो कॉल कर लेना क्यों कि मुझे तो रात भर जाग कर मम्मी की ड्रिप देखनी होगी .......

मैंने कहा ठीक है देखूंगा ..... और मैंने फोन जेब मे डाला और अपना टिकट निकाल कर चेक किया S7 कोच था ..... मैं उस ओर चल पड़ा और S7 में घुस गया अपनी सीट पर पहुंचा तो देखा उस पर कोई चादर ओढ़े सोया हुआ था ....... मैंने उसे हिला कर जगाया और बोला भाई उठ जा ये मेरी बर्थ है ......

वो शख्स उठ बैठा पर वो कोई आदमी नही एक लड़की थी ..... 20 साल की खूबसूरत लड़की ....... उसने एक कॉटन का सिंपल सा सूट पहन रखा था कंधों तक कटे हुए बाल आंखों में चश्मा एकदम गोरी और अच्छे शेप में ढली हुई बॉडी पहली नजर में ही वो मुझे बेहद दिलकश लगी ........

उसने गौर से मुझे देखा और बोली क्या हुआ मैंने जिस सीट पर आप सोई पड़ी हैं ये मेरी सीट है आप इसे खाली करने का कष्ट करिये वो चुपचाप उठी चप्पल पहनी और और अपना छोटा सा बैग ले कर कोच में आगे की ओर चली गयी ........ मैंने अपना बैग रखा और जूते उतार कर आराम से बैठ गया ......

5 मिनट में ट्रेन चल दी और तभी वो लड़की वापस आ कर मेरे सामने खड़ी हो गयी और बोली प्लीज मैं यहां एक कोने में बैठ जाऊं अगर आपको कोई तकलीफ ना हो तो .......

मैंने मन ही मन कुढ़ते हुए उसे बैठने की इजाजत दे दी .......( असल मे रानी की बात सुन कर मेरे मन मे इच्छा हुई थी रात में आराम से बियर पी कर चादर ओढ़ कर रानी से फोन सेक्स करते हुए मुठ मारूंगा क्यों कि कई दिन हो रहे थे मुझे भाग दौड़ करते हुए और मेरे लंड को कुछ मज़े नही मिल पा रहे कई बार उसे खड़ा होने के बाद बैठना पड़ा था )

लेकिन आज रात भी लग रहा था कि कुछ नही होने वाला ..... पर मेरी आदत है किसी की मदद के लिए इनकार नही कर पाता है एक खूबसूरत लड़की को रात के वक़्त मदद चाहिए मैं कैसे इनकार कर सकता था ....... वो हमारे बीच अपना बैग रख कर बैठ गयी और धीरे से बोली आपका शुक्रिया ......

मैं पूछ बैठा कहाँ जा रही हैं आप वो बोली लखनऊ फिर उसने खुद ही बताना शुरू कर दिया कि वो लखनऊ की रहने वाली है बनारस में पढ़ती है और वहां हॉस्टल में रहती है .......

और उसके पापा की तबियत अचानक खराब हुई है और शाम को मम्मी का फ़ोन आया उन्होंने उसे पापा के बारे में बताया और ये कहा ही वो कल सुबह लखनऊ के लिए निकल पड़े लेकिन पापा के बारे में सुन कर वो घबरा गई और जल्दी में बस बैग में कुछ कपड़े डाल कर रात में ही निकल पड़ी और स्टेशन पहुंच कर उसे पता चला कि ये लखनऊ की लास्ट ट्रेन है फिर अगली ट्रेन कल सुबह 10 बजे ही मिलेगी और ट्रेन दो मिनट में छूटने ही वाली थी तो वो बिना टिकट लिये ही ट्रेन में चढ़ गई और ये बर्थ खाली देख कर चुपचाप लेट गयी ........

मैंने हंसते हुए कहा लेकिन तुम्हे ऐसे जल्दबाजी नही करनी थी पापा का इलाज तो हो ही रहा होगा अगर कहीं रास्ते मे तुम्हारे में साथ कुछ गलत हो जाता तो तुम्हारे मम्मी पापा की परेशानी कितनी बढ़ जाती ये क्यों नही सोचा तुमने ....... और ऐसे बिना टिकट अभी tt आता तो क्या करती ......

उसने कहा tt को तो मैं जितने मांगता पैसे दे देती हां आपकी ये बात सही है कि मुझे रात में इस तरह सफर नही करना चाहिए मम्मी ने मना भी किया था पर मैं पापा से बहोत प्यार करती हूं उनकी तबियत के बारे में सुन कर मैं बस ज्यादा नही सोच पाई और चल दी .........

मैंने कहा चलो कोई नही अब चल ही दी हो तो तुम्हे लखनऊ तक सुरक्षित पहुंचा दूंगा ....... मेरी बात सुन कर उसने पूछा आप भी लखनऊ जा रहे हैं क्या मैंने हां में सर में हिलाया तो उसने अगला सवाल किया किसलिए ......

मैंने कहा मैं भी किसी से बहोत प्यार करता हूँ और उसकी किसी समस्या को दूर करने के लिए किसी खास काम से लखनऊ जा रहा हूँ ..... वो मुस्कुरा कर बोली gf????

मैंने कहा यही समझ लो गर्ल भी है फ्रेंड भी है पर वो मेरी gf नही है मेरी दीदी हैं ...... जो मेरी सबसे अच्छी दोस्त भी हैं

वो बोली ओ ....... बढ़िया है ...... बेहद बातूनी लड़की थी वो उसकी बातें खत्म ही नही हो रही थीं ...... तभी tt आया वो कोई पचास की उम्र का गंजा इंसान था उसने हमारा टिकट मांगा और वो लड़की जो अभी तक बड़ी बकबक किये जा रही थी घबरा गई ......

मैंने तो अपना टिकट दिखा दिया tt ने वो मुझे वापस करते हुए उस लड़की से कहा टिकट उसने ना में सर हिला दिया ...... और कातर दृष्टि से मेरी ओर देखा ...... मैंने tt को उसकी पूरी प्रॉब्लम बताई और कहा वो चाहे तो उसका टिकट बना दे मैं पैसे दे देता हूँ tt ने कहा टिकट के अलावा 200 रुपये और देने पड़ेंगे जुर्माने के बिना टिकट पकड़े जाने के ..... मैंने tt पर चढ़ते हुए कहा कैसे इंसान हो यार वो तुम्हारी बेटी जैसी है अपने पापा की तबियत के बारे में सुन कर आनन फानन में रात को निकल पड़ी उसकी मजबूरी समझ नही आ रही तुम्हे और फिर वो मेरी सीट पर बैठी है मैं उसकी मदद कर रहा हूँ और तुम बस अपना फायदा देख रहे हो ......


मेरी फटकार सुन कर वो अपनी खोपड़ी खुजाते हुए बोला ठीक है भाई तुम कहो तो मैं टिकट भी ना बनाऊ इसकी फिर अपनी ही सीट पर लिए जाओ इसे भी लखनऊ मैंने कहा ठीक है रहने दो टिकट भी और वॉलेट से 100 का नोट निकाल कर tt को पकड़ा दिया वो दांत निकालते हुए बोला अरे इसकी क्या जरूरत है और जल्दी से नोट ले कर अपनी जेब के हवाले कर के आगे बढ़ गया ..........

उसके जाते ही उसने गहरी सांस ली और बोली बचा लिया आज तो आपने ......

मैंने मुस्कुराते हुए कहा नाम क्या है तुम्हारा वो अपने सर पर हाथ मारते हुए बोली मैं भी ना पागल हूँ एकदम इतनी बकबक कर डाली पर ना अपना नाम बताया और ना आपका नाम पूछा ....... वैसे मेरा नाम प्रीति है और आपका नाम ......

मेरा नाम विकास है प्रीति ....... इतनी ही देर में वो लड़की मुझे अच्छी लगने लगी थी खूबसूरत तो थी ही ...... साथ ही थोड़ी सी झल्ली भी ........ फिर उसने अपने बैग से पानी की बोतल निकाली और देखा तो उसमें एकदम जरा सा पानी था उसने वो पानी की बोतल खोल कर बचा हुआ पानी अपने मुह में उड़ेला और फिर बोतल बैग में डाल ली ....... ..

मैंने अपने बैग से पानी की भरी हुई बोतल निकाल के उसे देते हुए पूछा कि तुमने कुछ खाया है या नही वो बोली कॉलेज से होस्टल पर आ कर लंच किया था फिर शाम को मम्मी का कॉल आ गया और मैं फौरन निकल ली ......

मैंने बैग से चिप्स का पैकेट निकाल कर उसकी ओर बढ़ा दिया वो ना में सर हिलाते हुए बोली आपकी सीट ले ली पानी ले लिया अब ये भी ले लिया तो आपका सफर कैसे कटेगा विकास जी ...... और उसने थोड़ा सा पानी पी कर बोतल मुझे वापस दे दी मैंने कहा मेरे पास और है तुम मेरी फिक्र ना करो और चिप्स उसकी टांगो पर रख दिया ........

फिर मैंने कहा प्रीति अगर तुम्हें कोई प्रॉब्लम ना हो तो मैं (मैंने बैग से बियर की कैन निकाल कर उसे दिखाई) ये ले लूं उसने कैन मेरे हाथ से ले कर घुमा फिरा कर देखी और धीरे से बोली शराब है ????

मैंने हंसते हुए कहा नही बियर है वो बोली अच्छा पर ये भी तो शराब ही होती है मैंने कहा नही शराब की छोटी बहन है ये ..... और वो हंस दी ...... फिर बोली लेकिन इसे पीने के बाद तुम कोई शरारत तो नही करोगे ना .......

मैंने गहरी सांस लेते हुए कैन वापस बैग में रख लिया और सोचा उसकी बात सही है जवान लड़की साथ मे है कही पीने के बाद मैं कोई ऐसी वैसी हरकत ना करने लगूं ......

उसने मुझे वो वापस रखते देखा तो बोली अरे क्या हुआ क्यों रख दी पी लो ना मैं तो बस यूं ही कह रही थी ...... मैंने कहा नही तुम्हारी बात ठीक है अगर पीने के बाद मैंने कोई गलत हरकत कर दी तो ......

वो मुस्कुरा कर बोली ऐसा लगता तो नही है मुझे ....... पर फिर भी अगर तुमने कोई हरकत की तो मैं यहां से भाग जाऊंगी दूसरे डिब्बे में ...... फिर वो धीरे से बोली एक बात बताऊँ ये कहते हुए वो मेरी ओर झुक आयी थी उसका कंधा मेरे कंधे से टच होने लगा था मैंने कहा बोलो वो बोली बड़े रहस्यपूर्ण स्वर में बोली ........ मैंने भी कई बार बियर पी है हॉस्टल में किसी फ्रेंड का बर्थडे होता है तो हम छुपा के ले आते हैं फिर रात में पी कर धमाल करते हैं .......

इसलिये कह रही हूं तुम पी लो....... तभी उसके फोन की घंटी बजी और उसने अपने बैग से फोन निकाल कर रिसीव किया वो बात करने लगी और मैंने खिड़की से बाहर देखते हुए बियर खोल ली और घूंट भरने लगा ...... वो धीरे धीरे बात कर रही थी .....

कुछ देर बाद उसने फोन वापस बैग में रखा और चहकते हुए बोली मम्मी का फोन था वो बता रही कि अब पापा एकदम ठीक हैं और उन्हें हॉस्पिटल से डिस्चार्ज भी कर दिया गया है वो उन्हें ले कर घर जा रही हैं ...... उसकी बात सुन कर मैं भी मुस्कुरा दिया और बोला देखा तुम्हारा यूँ रात में घर जाने का फैसला हर तरह से गलत ही साबित हो रहा है .......

वो कुछ सोचती हुई हां में सर हिलाने लगी और फिर बोली ऐसा नही है अगर मैं रात में जाने का फैसला ना करती तो तुम जैसे अच्छा इंसान कैसे मिलता मुझे .........

उसकी बात सुन कर मैं मुस्कुरा दिया और बियर के घूंट भरते हुए खिड़की से बाहर देखने लगा ट्रेन रात के सन्नाटे को चीरते हुए दौड़ी चली जा रही थी ....... तभी पता नही मुझे क्या सुझा मैंने बैग से दूसरी बियर निकाल कर प्रीति की ओर बढ़ा दी वो बड़े गौर से मेरा मुह देखने लगी .......

मैंने कहा तुम्हारे पापा के ठीक होने की खुशी में ....... उसने मुस्कुरा कर कैन ले ली और खोल कर एक घूंट भर कर चिप्स का पैकेट मेरी ओर बढ़ा दिया ...... हम चिप्स खाते हुए बियर का मज़ा लेने लगे .......

जल्दी ही हमारे कैन खाली हो गए मैंने उन्हें खिड़की से बाहर उछाला और फिर प्रीति बोली आपको लेटना है तो लेट जाओ मैंने कहा फिर तुमहे बैठने में दिक्कत होगी मेरी लंबाई 5 फुट 7 इंच है वो बोली कोई दिक्कत नही होगी मुझे ....... आप अपने पैर मेरी गोद मे रख लेना उसकी बात सुन कर मेरे बदन में एक गुदगुदी सी हुई .......

उसने उठ कर अपना बैग खिड़की के पास टांग दिया और मेरा बैग सीट के नीचे सरका दिया और खुद खिड़की की ओर आ कर बैठ गयी और बोली अब बाकी बची जगह पर मैं आराम से लेट सकता हूँ ........

मैं गौर से उसे ये सब करते देख रहा था और जब वो अपना बैग खिड़की पर टांग रही थी उस टाइम उसकी उभरी हुई गांड़ मेरे चेहरे के एकदम नजदीक थी ........

मुझे उसकी गांड़ बड़ी मस्त लगी एकदम सुडौल और उभरी हुई ...... मैंने खुद के मन को समझाते हुए कहा कंट्रोल बेटा कंट्रोल वरना सारी इमेज की माँ चुद जायेगी दो मिनट में ...... मुझे खयालों में गुम देख कर प्रीति ने मेरी बांह पकड़ कर खींचते हुए कहा लेट जाओ ना आप प्लीज ....... और मैं चुपचाप लेट गया मेरा सर उसकी जांघ से स्पर्श हो रहा था और मेरे पैर बर्थ से बाहर निकले हुए थे मैंने पैर मोड़ लिए मुझे ऐसा करते देख कर उसने अपने दोनो पैर सीधे करते हुए सामने की बर्थ पर टिकाए और मेरे सर के नीचे हाथ डाल कर मुझे ऊपर खींचने लगी .........

मैंने उसकी ओर देखा तो बोली और ऊपर आ जाओ मैं थोडा सा ऊपर सरक गया तो प्रीति ने मेरा सर अपनी नरम मोटी जांघ पर रख लिया और बोली आराम से लेट जाओ पैर फैला कर .........

मैं थोड़ा झिझक रहा था तो वो कुछ डांटने वाले लहजे में बोली लेटते हो या नही और मैंने सर रख दिया उसकी जांघ पर और आंखे बंद कर ली ....... अच्छा लग रहा था मुझे लगा कि प्यार से अच्छे व्यवहार से किसी का दिल जीता जा सकता है विनय जैसे लोग जो हर काम अपनी ताकत और पैसे के दम करने की सोचते हैं उन्हें नही पता कि इस तरह से भी किसी को अपना बनाया जा सकता है ........

नींद तो आ नही रही थी तो मैंने आंख खोल कर देखा प्रीति बड़े गौर से मुझे देख रही थी उसकी आंखों में मुझे थोड़ा सा प्यार और शर्म नजर आ रही थी जो मैं कई बार दीदी की आंखों में और आज रानी की आंखों में भी देख चुका था .......

मुझे अपनी ओर देखता देख कर वो मुस्कुराई और नजरें फिरा ली पर अब मेरे दिमाग पर हल्का सा नशा हो रहा था और उसका पर प्रभाव मुझे अपने जिस्म और लंड पर महसूस हो रहा था वो धीरे धीरे सर उठा रहा था .......

मुझे लगा मैं सो जाऊँ तो शायद सब ठीक हो जाएगा और मैं फिर से आंख बंद कर के सोने की कोशिश करने लगा और हल्की सी नींद आने भी लगी पर मैं ज्यादातर करवट ले कर सोता हूँ ...... तो हल्की नींद में ही मैंने करवट ली और मेरा चेहरा प्रीति के पेट की ओर हो गया और बस यही गड़बड़ हो गयी .......

मैं तो नींद में था तो मैंने खुद को एडजस्ट करते हुए सर को थोड़ा और ऊपर सरकाया और मेरा चेहरा एकदम प्रीति के पेट से चिपक गया और मेरी गर्म सांसे उसे अपने पेट पर महसूस होने लगी ....... वो असहज महसूस कर रही होगी पर उसने मुझे जगाना ठीक नही समझा और मेरी गरम सांसो से खुद को गरम होने से रोकने की कोशिश करने लगी ........

पर एक जवान लड़की का एक जवान लड़के से यूँ शारीरिक सम्पर्क होना ........ ये स्थिति विस्फोटक थी धीरे धीरे वो भी उत्तेजित होने लगी ....... उसने अपना एक हाथ मेरी बांह पर रख दिया और दूसरा हाथ मेरे सर पर और खुद का सर पीछे टिका कर आंखे बंद कर के बैठ गयी ...... और तभी पूरी गति से दौड़ती ट्रेन को एक झटका लगा ....... हम अपनी सीट पर उछल पड़े हमारी आंखे खुल गयी और सबसे पहले प्रीति के पेट से यूँ खुद को चिपका पा कर मेरे जिस्म में एक झुरझुरी सी हुई ...... उधर ट्रेन की गति धीमी होने लगी ....... मैं उठ कर बैठ गया तो प्रीति भी आंख खोल कर मेरी ओर देखने लगी......

और लोग भी इस झटके से जाग गए थे और उठ कर एक दूसरे से पूछने लगे क्या हुआ .......?

मैंने फोन निकाल कर टाइम देखा 12:10 हुए थे फिर मैं उठ कर कोच के दरवाजे पर आया और झांक कर देखा ट्रेन घुप्प अंधेरे में जंगल के बीच खड़ी थी और इंजन की ओर कुछ हलचल हो रही थी ........

मैं ट्रेन से उतर कर उस ओर चल पड़ा वहां पहुंच कर देखा तो ट्रेन के ड्राइवर और गॉर्ड आपस मे उलझे हुए हैं मैंने पूछा क्या हुआ तो उन्होंने बताया कि ट्रेन से कोई बड़ा जानवर टकरा गया है इस वजह से इंजन में कुछ खराबी हो गयी कंट्रोल रूम को सूचना दे दी है नया इंजन आने पर ट्रेन चलेगी .......

फिर ड्राइवर ने मुझसे कहा रात का समय है आप सभी को सूचित कर दें कि लोग ट्रेन के अंदर ही रहें और दरवाजे अच्छी तरह से बंद कर लें ....... यहां कोई डेढ़ दो घंटे रुकना पड़ सकता है ........ मैं वापस अपने डिब्बे में आ गया और उस डिब्बे में ये बात जोर से बोल कर सब से कहा कि अपने आगे पीछे के डिब्बे में भी ये मैसेज पहुंचा दें और उनसे कह दें की वो लोग भी अगले डिब्बे तक ये बात पहुंचा दें फिर मैंने सारे दरवाजे अच्छी तरह बंद किये और वापस अपनी सीट पर आ गया प्रीति कुछ घबराई सी लग रही थी मेरे बैठते ही बोली अब क्या होगा मैंने कहा कुछ नही दूसरा इंजन आएगा तब ये ट्रेन आगे जाएगी .........

वो बोली मुझे अब अपनी गलती समझ मे आ रही है अगर आज आप ना होते तो पता नही क्या होता ....... मैंने कहा वो तो मुझे भी नही मालूम ...... तभी सामने की बर्थ वाला बन्दा उठा वो एक अधेड़ सा मोटा थुलथुला आदमी था वो चप्पल पहन कर बाथरूम चला गया जाते हुए उसने बड़ा घूर कर प्रीति को देखा ........

उसके जाते ही प्रीति मेरी ओर खिसक कर बोली ये अंकल बनारस से ही मुझे कुत्ते की तरह घूर रहा था इसी के घूरने से तंग आ कर मैं चादर ओढ़ कर लेट गयी थी और फिर सो गई ........

मैंने कहा तुम चाहो तो फिर से चादर ओढ़ कर लेट जाओ वरना वापस आ कर फिर से ठुमहे घूरेगा ...... प्रीति मुस्कुराई और खड़ी हो कर अपने बैग से चादर निकालने लगी और फिर खिड़की की ओर इशारा कर के मुझसे बोली आप उस कोने में चले जाइये प्लीज .......

मैं एकदम खिड़की के पास बैठ गया और नीचे हाथ डाल कर अपने बैग से सिगरेट और माचिस निकाल कर बैग में डाल ली ........ और बैग वापस अंदर खिसका दिया ........

प्रीति मुझे ये सब करते हुए गौर से देख रही थी ....... जब मैं वापस बैठ गया तो उसने बर्थ पर लेटते हुए अपना सर मेरी गोद मे रख लिया और चादर ओढ़ ली उसने एक हाथ मेरी जांघ पर रखा हुआ था और वो भी करवट ले कर अपना मुह मेरे पेट की ओर किये हुए लेटी थी ..........


तभी वो आदमी वापस आ गया और घूर कर प्रीति को मेरी ओर गोद मे लेटा देखने लगा फिर वो अपनी सीट पर बैठ गया पर उसकी नजरे प्रीति के चादर में ढके जिस्म को ऊपर से नीचे तक देख रही थीं ........

मेरी खोपड़ी एकदम से सरक गयी और मैं बोला चचा सो जाओ काहे बुढ़ापे में अपनी कमजोर आंखों पर दबाव डाल रहे हो ......

या बुढ़ापे में जेल जाना चाहते हो ..... मेरी बात सुन कर वो हड़बड़ा गया और वापस लेट कर चादर ओढ़ ली उसने अपना मुह दीवार की ओर कर लिया था प्रीति ने सर घुमा कर उसकी ओर देखा और एकदम दबी हुई आवाज़ में हंसने लगी .......

मैंने उसकी आँखों मे देखा तो हंसते हुए धीरे दे बोली चचा की तो फट गई ...... मैं भी हंस दिया उसकी इस बात पर और धीरे से बोला ये चचा भी भोसड़ी वाले चचा हैं ....... शायद उसने भी मिर्जापुर देख रखी थी .....

मेरी बात सुन कर वो और जोर जोर से हंसने लगी और उसका गाल पैंट में बंद मेरे लंड पर रगड़ने से लगा ....... और उसमे जरा सी हरकत हुई गाल पर वो स्पंदन उसने महसूस किया और फिर अच्छे से गाल को मेरे लंड पर रख कर आंखे बंद कर लीं .....।
बेहतरीन अपडेट है लगता है विकास के लिए एक नई रानी मिल जाएगी
 

Tiger 786

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Neeraj bro aap sawasht ho to
Update de.apni sehat ka dhayan de.
Update to aa hi jayega
Jab aap sawasth h
 

Sanju@

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प्रीति के गाल का स्पर्श हर बीतते पल के साथ मेरे लंड को सख्त करता चला जा रहा था ..... लेकिन उस सख्ती को अपने गाल पर महसूस कर के भी प्रीति ने कोई प्रतिक्रिया नही दी बल्कि उसने एक दो बार अपने सर को हल्का सा हिला कर एडजस्ट करते हुए ...... लंड की सख्ती को अपने गाल से महसूस सा किया ........ और कुछ देर बाद मैंने जेब से सिगरेट निकाल कर जला ली और कश लेते हुए खिड़की से बाहर धुंवा उड़ाने लगा ....... माचिस की आवाज़ सुन कर सामने वाले बुड्ढे ने मेरी ओर देखा और सड़ा सा मुह बना कर बोला ट्रेन में स्मोकिंग अलाउ नही है मैंने उसे घुड़कते हुए कहा ओ बुड्ढे ट्रेन में लड़की ताड़ना भी अलाउ नही है अब जल्दी सो जा या मैं पुलिस बुला लूं फिर एक दूसरे की शिकायत करेंगे मुझ पर तो 500 जुर्माना लगेगा पर इस लड़की के बयान से तू जेल भी जाएगा और पेला भी जाएगा ........

मेरी बात सुन कर वो बुड्ढा जल्दी से चादर ओढ़ कर लेट गया .... और हमारी बात चीत से प्रीति आंख खोल कर हमें देखने लगी और फिर बुड्ढे के लेटते ही वो फिर से हसने लगी उसका गाल फिर से मेरे खड़े लंड को बड़े अच्छे से स्पर्श करने लगा और मेरा लंड अब पूरी तरह जाग कर दर्द करने लगा था ........ प्रीति ने मेरे हाथ से सिगरेट ले ली और एक छोटा सा कश ले कर मुझे वापस कर दी फिर उसने भी दो तीन बार मुझसे सिगरेट ले कर फूंक मारी और फिर सिगरेट खत्म होने पर वो उठ कर बैठी और बोली खड़े हो .......

मैं उसकी ओर देखने लगा तो उसने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे खड़ा कर दिया ....... और खुद सीट पर लेट गयी पीछे की ओर चिपक कर ....... एक आदमी के लेटने की जगह बन गयी थी उसने कहा आ जाओ अब लेट जाओ वो दीवार की ओर मुह कर के लेटी थी मैं खड़े सोचता रहा कि ऐसे लेटने पर मेरा लंड उसकी गांड़ में फंसने वाला है ......

तभी उसकी आवाज़ फिर से आई लेट जाओ ना प्लीज थोड़ी देर सो लेते हैं जब तक ट्रेन खड़ी है ..... और मैं चुपचाप उसके पीछे करवट ले कर लेट गया उसने चादर हमारे ऊपर डाल ली और मेरा खड़ा सख्त लंड उसके नरम मुलायम चूतड़ों पर जा कर चिपक गया उसका बदन हल्का गरम महसूस हो रहा था मुझे .........

मेरा सीना उसकी पीठ से लगा हुआ था और उसके बालो से भीनी भीनी खुशबू मेरी नाक में समा रही थी ...... मैंने अपना एक हाथ सर के नीचे मोड़ कर रखा था और दुसरा अपनी कमर पर ..... तभी प्रीति ने अपना सर भी मेरे हाथ पर रखा और थोड़ा सा ऊपर खिसकी उफ़्फ़फ़ उसकी गांड़ मेरे सुपाड़े पर रगड़ गयी और और उसने अपने चूतड़ मेरे लंड पर दबा दिए .......,

मेरा हाथ मेरी कमर से फिसल कर उसकी कमर पर आ गया ...... और उसने कोई रियेक्ट नही किया पर अब मैं अपनी कमर को कभी कभी हल्का सा आगे पुश कर के उसकी गांड़ पर लंड को दबा देता था और एक दो बार उसने भी अपनी गांड़ को जरा सा हिलाया और फिर उसने मेरे हाथ पर अपना हाथ रख कर उसे खींच कर अपने सीने पर रखते हुए कहा विकास अच्छे से पकड़ कर लेटो किनारे हो गिर मत जाना और खिसक आओ मेरी ओर ........

मेरी उंगलियों को उसके नरम गुदगुदे चूचो का अहसास हुआ और मैंने खुद को उसकी ओर ढकेला और अपना हाथ उसके सीने पर अच्छे से रख दिया उसकी बायीं चूची मेरे पंजे के नीचे थी .......

प्रीति ने अपनी गांड़ को हिला कर लंड को गांड़ की दरार में फंसा लिया और उसने ऐसा करते हुए अपना कुर्ता पीछे से ऊपर को खींच लिया उसकी गांड़ और मेरे लंड के बीच कपड़े की एक परत कम हो गयी थी .......

मैं अब कुछ जल्दी जल्दी अपनी कमर को हरकत देने लगा था मुझे अपने लंड पर उसकी गांड़ की गर्मी महसूस हो रही थी ....... और अब मैं अपनी उंगलियां उसके सीने पर फिराने लगा था और फिर मेरी मिडल फिंगर उसके निप्पल से टकरा गई उसने एकदम से झुरझुरी सी ली और अपनी गांड़ तेजी से पीछे को दबाई ....... मैंने कुछ पल रुक कर अपनी उंगली को फिर से उसके निप्पल पर रब किया सख्त सा किसी मूंगफली के दाने जैसा निप्पल कई बार उंगलियां लगते ही मूंगफली के दाने से लंबे अंगूर जैसा हो गया ........

और प्रीति के मुह से एक आहह सी निकली बेहद धीमी पर मेरे तेज कानो से उसे सुन लिया ........ तभी प्रीति का हाथ नीचे जा कर कुछ हरकत करने लगा उसकी कमर के आसपास और उसकी कमर थोड़ा ऊपर नीचे होने लगी मैं चुपचाप सांस रोक कर लेट गया और फिर कुछ देर बाद जब वो स्थिर हुई तो मैंने अपना हाथ जो उस पर से हटा लिया था वापस उसकी कमर पर रख दिया ऊफफ उसने अपनी सलवार नीचे खिसका दी थी मैंने नीचे तक हाथ फिराया उसकी नरम जांघो के नंगे होने के अहसास से मेरे लंड ने एक झटका सा मारा उसकी गांड़ की दरार में ........ और प्रीति फुसफुसा कर बोली बाहर निकालो ना उसे विकास ........

मैंने अपनी कमर पीछे कर के एक हाथ से ज़िप खोली और हाथ डाल कर लंड को अंडी से बाहर निकालने की कोशिश की पर खड़े लंड को बाहर निकालना और अंदर डालना दोनो मुश्किल काम होते हैं ....... लंड खड़ा हो कर किसी कसे हुए छेद में जाना चाहता है चड्ढी की कैद में नही ...........

जैसे तैसे मैंने उसे बाहर निकाला और वापस प्रीति से चिपक गया उफ़्फ़फ़ उसकी अधनंगी गांड़ पर चिपकी हुई नन्ही सी पैंटी मुझे महसूस हुई पर आधे से ज्यादा लंड और गरम सुपाड़े को उसके मुलायम चूतड़ का सुखद स्पर्श हुआ ....... और मैंने उसकी चूची पर हाथ रख कर उसे तेजी से दबाते हुए प्रीति की अपनी ओर खींचा और भी आह भरते हुए अपने नंगे चूतड़ को मेरे सख्त लंड पर दबाने लगी .........

कुछ देर तक ऐसे ही रगड़ने घिसने के बाद हमारी सांसे तेजी से चलने लगी बदन तपने लगी और प्रीति फुसफुसा कर बोली विकास ....... मुझे चूसना है मैंने उसकी निप्पल छेड़ते हुए कहा क्या चूसना है प्रीति तुम्हे ...... वो सिसक कर बोली तुम्हारा वो यार ...... मैंने कहा मेरे पास वो नाम की कोई चीज नही है जब तक तुम ठीक से बताओगी नही मैं कैसे जानूँगा तुम क्या कह रही हो ....... मेरी आवाज में भी हल्का सा नशा और उत्तेजना थी ...... उसने सर मोड़ कर मेरी ओर घुमा कर मेरे गाल पर गाल रगड़ते हुए कहा मुझे तुम्हारा लंड चूसना है विकास ...... मैंने कहा पर कैसे यहां ट्रेन में वो बोली तुम खिड़की की ओर बैठ जाओ मैं तुम्हारी गोद मे लेट जाऊंगी ...... मैंने कहा ठीक है लेकिन फिर मैं भी लेटूगां तुम्हारी गोद मे वो बोली ठीक है और फिर मैं उठ कर बैठ गया खिड़की की ओर मैंने उस ओर वाला पैर मोड़ कर ऊपर रख लिया और प्रीति जल्दी से मेरे पैरों पर चादर डालती हुई मेरी गोद मे सर रख कर लेट गयी उसने खुद को पूरी तरह चादर से कवर कर लिया और उसकी नाक से निकलती गरम हवा मेरे लंड से टकराई उसने अपना एक हाथ मेरे नंगे लंड पर रखा और उसे मुट्ठी में दबानें की कोशिश करने लगी ......


प्रीति के हाथ मे जाते ही लंड झटके लेने लगा और और फिर प्रीति ने उसे अपने होंठो की ओर मोड़ते हुए उस पर अपने गरम होंठ रख दिये दो तीन बार लंड को चूमने के बाद उसने जीभ निकाल कर लंड की स्किन को चाटा और फिर सुपाड़े पर जीभ फिराने लगी ........

मैंने एक हाथ उसके कुर्ते में डाला तो उसने अपना कुर्ता ऊपर सीने तक सरका लिया और मैंने ब्रा का कप ऊपर कर के उसकी एक चूची बाहर निकाल कर मुट्ठी में भर ली और दबाने लगा ........

प्रीति मेरे सुपाड़े को जीभ से चाटते हुए जोर से चूसने लगी और धीरे धीरे मुह में लेते हुए आधा लंड अंदर ले कर अपनी जीभ लंड के चारो ओर घुमाने लगी मैं भी उसकी निप्पल को सहलाते हुए चूची को दबा रहा था तभी मेरे फोन की घंटी बजी मैंने प्रीति का सर अपने लंड पर दबाते हुए जेब से फोन निकाल कर देखा .......

दीदी का कॉल था प्रीति ने मुह से चादर हटा कर मेरी ओर देखा मुह में लंड लिए हुए वो सवालिया नजरो से मुझे देख रही थी मैंने उसकी निप्पल चुटकी में भर के मसलते हुए उसे लंड चूसने का इशारा किया और उसकी रुकी हुई जीभ फिर से मेरे सुपाड़े के छेद कुरेदने लगी ......

तभी अचानक रुकी हुई ट्रेन एक झटके से आगे बढ़ी गयी ...... और मैंने चादर वापस प्रीति के चेहरे पर डाल दी और कॉल रिसीव की ......

दीदी- हेलो विकी क्या हो रहा .....

मैं- बस सफर हो रहा दीदी आप बताओ अभी सोई नही .........


दीदी- प्रतीक से बात कर रही थी मैंने उन्हें सब कुछ साफ साफ बता दिया .....) सुन कर मैं कांप गया कहीं दीदी ने साफ साफ सब कुछ तो नही बता दिया पर मुझे लगा दीदी इतनी भी बेवकूफ नही हैं ) नही नही हमारे बारे में नही बताया ..... बस इतना कि कैसे विनय ने मेरे साथ क्या क्या किया और किस तरह तुमने मेरी मदद की इस सब से निकालने में लेकिन विनय ज्यादा ही कमीना निकला उसने झूठ बोला था ....... और पता है सब सुन कर प्रतीक बोले इस सब से मुझे कोई फर्क नही पड़ता हांलाकि वो तुझ पर थोड़ा सा गुस्सा हुए की तुमने ये सब मुझे क्यों बताया पर मैंने उन्हें ये कह कर चुप करा दिया कि आपने ही विकास से मेरा ख्याल रखने को कहा था और मेरे ये जानने के बाद कि विनय ने आपको मेरी तस्वीरें भेज दी हैं मैं बेहद परेशान थी रोये जा रही थी सारी रात रोती रही इसलिए विकास को मुझसे बताना पड़ा आपके और उसके बीच हुई बात के बारे में तब जा कर मैं चुप हुई .........

हमने आज पूरे दो घंटे बातें की और प्रतीक अभी भी मुझसे उतना ही प्यार करते हैं और उन्होंने मुझे ये भी बताया कि तुम और वो दिल्ली जाओगे विनय को सबक सिखाने ......


मैं- यानी सारे सीक्रेट खत्म हो गए हैं अब कुछ नही बचा छुपाने को


दीदी- पर आखिर में वो तेरी तारीफ कर रहे थे बोले उस घर मे सबसे होशियार और जिम्मेवार विकास है पता है मैंने क्या कहा मैंने कहा इसीलिए तो मैं उसे सबसे ज्यादा प्यार करती हूं आपसे भी ज्यादा ........
(ट्रेन गति पकड़ चुकी थी और उसके शोर में हम आराम से बातें कर पा रहे थे बिना प्रीति के सुने अब मेरा लंड खुद ब खुद प्रीति के मुह में अंदर बाहर होने लगा था और मेरे हाथ उसकी चुचियों से खेल रहे थे)


मैं- अच्छा दो घंटे यही सब बातें होती रही या उनकी कोई इच्छा भी पूरी की आपने ......?


दीदी- नही बस यही सब बातें होती रही विनय मेरे और तुम्हारे बारे में .......
(तभी प्रीति ने तेजी से अपना सर नीचे को दबाते हुए लगभग पूरा लंड मुह में ले लिया और और मुह से एक तेज सिसकी निकली)
क्या हुआ विकी सब ठीक है ना ........


मैं- हां सब ठीक ही है वो मैं मुठ मार रहा था .......


दीदी- ओहो मुझसे दूर भागेगा तो ऐसे ही हिलाना पड़ेगा वैसे तू वापस आजा फिर तुझे नही हिलाना पड़ेगा मैं चूस कर तेरे लंड की गर्मी निकाल दूंगी ..........(दीदी की बात सुन कर मेरे लंड को झटका लगा और प्रीति ने अपनी उंगलियों से मेरे आंड़ बाहर निकाल लिए और लंड को सहलाते हुए मेरे आंड़ चूसने लगी ....... उसके मुह की गर्मी अपनी बॉल्स पर महसूस कर के मैं तड़प उठा और तेजी से उसकी चुंचिया मसलने लगा)



मैं- आहह दीदी ऐसी बाते करोगी तो मैं झड़ जाऊंगा .....

दीदी- विकी उफ़्फ़फ़ विकी झड़ जा ना अपनी दीदी के मुह में तेरे मस्त मस्त लंड का स्वाद बड़ा पसन्द है मुझे चूस लुंगी एक एक बूंद तेरे गर्म माल की aaaahhhh ........


मैं- दीदी अगली बार मैं तुम्हे एक स्पेशल मज़ा दूंगा ......


दीदी- हाय कैसा स्पेशल मज़ा देगा बता न मेरी भी बुर गीली हो रही है रुक पैंटी उतार दे फिर मैं भी बुर में उंगली डाल लूं ........


मैं- अभी नही बताऊंगा दीदी कर के दिखाऊंगा .....


दीदी - प्लीज बता ना विकी आज मेरा भी उंगली करने का मूड बन गया है एक बार बुर का पानी निकल जाए फिर अच्छी नींद आएगी ...........


मैं- ठीक है सुनो मैं आपके हाथ बेड पर बांध दूंगा और आपकी आंखों पर पट्टी बांध दूंगा .......


दीदी- उफ़्फ़फ़ हाय सुन कर ही मज़ा आ रहा है ..... करेगा तो कितना मज़ा आएगा ....... फिर क्या करेगा बता न विकी ......


मैं- फिर मैं तुम्हे नंगी करूंगा तुम्हारे कपड़े ब्रा पैंटी सब निकाल दूंगा और तुम्हारे नंगे बदन को चाटूँगा ऊपर से नीचे तक ..... तुम्हारे चेहरे को गर्दन को सीने को निप्पल को चुचियों को पेट को कमर को ....... aaahhh दीदी ......... (और मैंने प्रीति के बाल सहलाते हुए उसे इशारा किया उसने फिर से सुपाड़ा होंठो में दबा लिया और चूसने लगी)


दीदी- फिर क्या करेगा विकी आगे बोल ना (दीदी बेताबी से पूछने लगी)


मैं- फिर मैं तुम्हारी नंगी टांगो को चाट लूंगा तुम्हारी जांघो और नंगे चूतड़ों को दांतो से काट लूंगा फिर तुम्हारी टांगे फैला कर तुम्हारी चुत की खुशबू लूंगा आहह दीदी .......,


दीदी- उफ़्फ़फ़ विकास और बता ना हाय मेरी चुत पानी टपका रही तेरी बातें सुन कर ..... विकास मेरे भाई मेरा बड़ा मन कर तेरा लंड चूस कर तेरे लंड का रस पीने का .........


मैं- फिर मैं अपनी दीदी की नरम चिकनी चूत चाट चाट कर उन्हें मस्त कर दूंगा और फिर तुम्हारी गांड़ का गरम छेद चूसते हुए तुम्हारी बुर में उंगली पेल दूंगा और उंगली से तुम्हरी बुर तब तक चोदूगां जब तक तुम झड़ ना जाओ दीदी aaahhh......


दीदी- उफ़्फ़फ़ कमीने इतना गरम कर के भी उंगली से चोदेगा अपना लंड पेल देना न दीदी की बुर में और चोद देना मुझे रगड़ के ....... aaahhhh विकी मैं झड़ने वाली हूँ मेरे भाई aaaahhhhh .......


मैं- झड़ जाओ दीदी ऐसे ही उस दिन भी झड़ना मेरी उंगली से चुद के और तुम्हारे झड़ते ही मैं अपने होंठ तुम्हारी बुर पर रख कर तुम्हारी बुर से टपकता सारा रस चूस लूंगा aaahhhh दीदी ...... पिला दो अपनी बुर का रस मुझे .......


दीदी- ओह विकी मैं गई ले .......
पी ले सारा चूस के ऊफफ,......... जीभ घुसा दे मेरी चूत में ........ aaahhhh उफ़्फ़फ़ और दीदी के गले से घुटी घुटी सी चीख निकली और वो झड़ने लगी वो हांफ रही थी ...... और इसी के साथ मैंने भी जोर से प्रीति की चूची दबाई और उसके मुह को अपने गर्म वीर्य से भरने लगा ............

प्रीति मेरे लंड से टपकने वाली आखिरी बून्द तक पी गयी और फिर मैंने कहा थैंक्स दीदी अब आप सो जाओ रात बहोत हो गयी है गुड नाईट ...........

दीदी- गुड नाईट विकी लव यू ऊऊम्म्म्ममम्म...... और उन्होंने फोन काट दिया ........


मैंने चादर को खिसका कर अंदर झांक कर फोन की रोशनी में देखा तो प्रीति मेरे लंड के सुपाड़े को बड़े प्यार से चाट रही थी ....... जैसे उससे वीर्य नही कोकाकोला नीकल रहा हो ....... उसने मेरी ओर देखा और मस्कुरा दी मैंने कहा अब मेरी बारी और वो उठ कर बैठ गयी .........

मैंने अपना झड़ा लंड अंदर कर के पैंट बंद की और खड़ा हो गया ....... प्रीति मेरी जगह बैठ गयी दोनो पैर ऊपर रख कर .......

मैंने उसका खिड़की कि ओर वाला पैर सीट पर रखवा दिया मोड़ कर और अपनी ओर वाला पैर खड़ा कर दिया ...... और फिर मैं धीरे से खिसक का उसके पैरों के बीच मे सर घुसा कर लेट गया ........


इस पोजीशन में बैठने से प्रीति की टांगें खुल गयी थीं लेकिन उसने सलवार ऊपर की हुई थी ......


मैंने उँगलिया उसकी सलवार की लास्टिक में फंसाई और उसे नीचे खींचने लगा प्रीति ने अपने हाथों पर उठते हुए गांड़ को ऊपर उठाया और उसकी सलवार पैंटी सहित नीचे सरक गयी लेकिन अब भी वो उसकी टांगो के बीच फंसी थी इसलिए मेरा हाथ या मुह उसकी चुत तक नही पहुंच रहा था ......... मैं कोशिश कर रहा था कि उसकी चूत चूम लूं लेकिन हो नही रहा था ........... आखिर हार कर मैं उठ बैठा और प्रीति के कान में बोल टॉयलेट जाओ और पैंटी निकाल कर आओ ........ प्रीति धीरे से बोली अकेले डर लगता है साथ चलो ....... मैंने कहा चलो और उसने खड़े हो कर जल्दी से अपनी पैंटी और सलवार सही की और मेरे पीछे टॉयलेट की ओर चल दी .......


टॉयलेट के दरवाजे पर पहुंच कर मैं रुक गया दोनो ओर के टॉयलेट खाली थे प्रीति ने एक का दरवाजा खोला और अंदर जा कर जल्दी से दरवाजा बंद किये बिना ही अपनी सलवार नीचे सरकाई और उसे टांगों से एक एक कर के निकाल कर मुझे पकड़ा दिया .......... वो बड़ी तेजी से ये कर रही थी और मुझे उसकी नंगी टांगे नजर आ रही थीं ....... फिर उसने वैसे ही फटाफट अपनी पैंटी निकाली इस बार मुझे उसके नंगे गोरे मस्त चूतड़ों के भी दर्शन हो गये .......


उसने अपनी गुलाबी फूलों के प्रिंट वाली छोटी सी पैंटी मेरे हाथ मे दी और अपनी सलवार ले ली ........ मैं उसकी पैंटी देखने लगा और फिर मैंने प्रीति को घूरते हुए उसकी पैंटी नाक पर रखी और सूंघने लगा ये देखते ही उसने अपने पैरों में चढ़ा ली सलवार उतने पर ही रोक दी और मेरी बांह पकड़ कर मुझे जल्दी से अंदर खींच कर दरवाजे की कड़ी लगा दी ......... फुसफुसा कर बोली तुम बैठ जाओ ना विकास ........,

मैं नीचे बैठ गया अपने पंजो पर उसने अपनी गांड़ मेरी ओर की और फिर अपना कुर्ता चूतड़ों से ऊपर उठाते हुए अपने चूतड़ उभार कर मेरे सामने कर दिए और दरवाजे पर हाथ रख कर आगे को झुक सी गयी .........


मैन दोनो हाथो से उसके चूतड़ फैलाये ....... बाथरूम में एलईडी की पर्याप्त रोशनी थी और मेरी नजर प्रीति की कसी हुई बुर पर और उसके भूरे भूरे गांड़ के छेद पर पड़ी ....... उसकी चूत पर घनी झांटो का जंगल था ऐसा लगा कई महीनों से उसने झांट नही बनाई जब तक दीदी और रानी की बुर मैंने हमेशा चिकनी देखी थी ........ लेकिन आज झांटो वाली बुर के दर्शन करने के बाद मुझे ये बुर ज्यादा पसन्द आयी .........वो नजारा देख कर मेरे मुह में पानी आ गया और मैने लंबी सी जीभ निकाल कर प्रीति कि बुर के दाने से ले कर उसकी गांड़ की दरार के दूसरे छोर तक लंबाई में फिराते हुए चाट लिया और फिर ऊपर गांड़ की दरार से चूत तक मैं ऐसे ही ऊपर से नीचे तक जीभ चलाते हुए चाटने लगा और जल्दी ही प्रीति की गांड़ और बुर मेरे थूक से गीली हो गयी ....... उसकी बुर से कसैला सा पानी बह रहा था और उसे चूस कर पीते हुए मेरा लंड फिर से हरकत में आने लगा ....... प्रीति ने एक हाथ पीछे कर के मेरे बालों को मुट्ठी में पकड़ा और मेरा सर अपनी बुर पर दबाते हुए अपनी बुर मेरे होंठो पर रगड़ते हुए सिसकने लगी ....... मैंने भी अपनी जीभ उसकी बुर के छेद में पेलते हुए उसकी पेशाब के छेद को चाट लिया बुर में दाने को होंठो में दबा कर चूसने लगा ...... ऊऊम्म्म्म्ममम्म आआहहह .......

प्रीति के होंठो से भी आहें निकलने लगी उफ़्फ़फ़ विकास चूस लो खा जाओ मेरी चूत को आममम्महहहहह मैं झड़ गयी ......... और उसकी चूत की दरार से छलछला कर कुछ खट्टी रसीली बूंदें छलक गयी स्वाद अच्छा था मैं चूसते हुए निगल गया ......., और फिर प्रीति की गांड़ एक छेद पर एक बार जीभ फिरा कर मैं उठ खड़ा हुआ ........


प्रीति ने जल्दी से अपनी सलवार सही की और मेरी ओर घूम कर मेरे सीने से लग कर मेरे होंठो को चूसने लगी ........ ओहहह विकास यू आर सो स्वीट और फिर वो अलग हो गयी मुझसे मैंने धीरे से दरवाजा खोल कर बाहर झांका और फिर हम बाहर निकल कर अपनी सीट पर आ गए........


सीट पर आ कर मैं खिड़की की ओर बैठ गया बोतल निकाल कर पानी पिया मेरा गला सूख रहा था ......, मुठ मारने के बाद प्यास लगती ही है ........ प्रीति ने भी पानी पिया और फिर मेरी गोद मे सर रख कर लेट गयी ..........



मैंने घड़ी देखी ढाई बजे रहे थे और और सवा तीन तक हम लखनऊ पहुंच जाने वाले थे ......., तभी मेरे फ़ोन की घंटी बजी देखा तो प्रतीक का कॉल था उन्होंने पूछा कहाँ पहुंचे मैंने उन्हें बताया कि मै सवा तीन तक लखनऊ उतर जाऊंगा वो बोले ठीक है मैं तुम्हे लेने आ जाऊंगा इस टाइम कोई ऑटो वगैरह ना मिले शायद .........

मैंने कहा ठीक है ......

और फिर सवा तीन बजे मेरी ट्रेन लखनऊ स्टेशन पर आ गयी .......।
बहुत ही कामुक और गरमागरम अपडेट है
ट्रेन में भी कोई मिल गई उसको भी मजा दे दिया प्रीति तो एक नंबर निकली उर ट्रेन में ही अनजान से ये सब कर लिया देखते हैं इसकी भी चूदाई होती ह या नहीं
 
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बहुत ही कामुक और गरमागरम अपडेट है
ट्रेन में भी कोई मिल गई उसको भी मजा दे दिया प्रीति तो एक नंबर निकली उर ट्रेन में ही अनजान से ये सब कर लिया देखते हैं इसकी भी चूदाई होती ह या नहीं
 

Sanju@

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मैंने प्रीति को जगाया वो सोने लगी थी उसने आँख खोल कर पूछा क्या हुआ मैंने बताया उठो लखनऊ आ गया वो उठ बैठी और अपने कपड़े सही कर के बैग उठा लिया मैंने भी अपना बैग लिया और हम स्टेशन से बाहर आ गए ....... प्रीति ने मुझसे मेरा नंबर लिया और बोली वापस बनारस जा कर मैं तुम्हे कॉल करूंगी .......

मैंने प्रतीक का नंबर डायल किया और उन्होंने बताया कि वो पार्किंग के गेट पर हैं , मैं वहीं आ जाऊं ....... प्रीति टैक्सी स्टैंड की ओर जाने लगी मैंने उसे आवाज़ देते हुए कहा ...... उधर कहां जा रही हो ..... वो बोली टैक्सी लेने मैंने कहा मेरे साथ चलो ना मैं गए छोड़ दूंगा ...... वो हैरानी से मुझे देखने लगी ...... मैंने उसका हाथ पकड़ कर कहा चलो भी और उसे खींचता हुआ सा ले कर पार्किंग गेट पर आया ......

प्रतीक वहां अपनी हेक्टर के पास खड़े मुझे गौर से देख रहे थे उन्हें देख कर मैंने प्रीति का हाथ छोड़ दिया और उनके पैर छूने को झुका तो वो मुझे रोकते हुए मुझसे गले मिले और धीरे से पूछा ये कौन है विकास .....?


मैंने कहा फ्रेंड है जीजा जी इतनी रात में टैक्सी पकड़ने जा रही थी मैंने रोक लिया कि घर छोड़ देंगे ...... वो मुस्कुरा कर बोले खास दोस्त लग रही तुम्हारी मैंने कहा नही वैसा कुछ नही है और फिर उन्होंने कार के दरवाजे खोल दिये मैं उनके साथ आगे बैठा और प्रीति पीछे ..........

प्रतीक ने प्रीति से एड्रेस पूछा और फिर उन्होंने गाड़ी बढ़ा दी रास्ते मे हमने ज्यादा बात चीत नही की और प्रीति को उसके घर छोड़ कर ...... हम प्रतीक के घर की ओर चल पड़े ......


प्रतीक ने गाड़ी खड़ी की और घंटी बजाई जल्दी ही श्वेता ने दरवाजा खोला और मुझसे नमस्ते की साढ़े चार बज रहे थे अब सोने का तो कोई सवाल नही था .......

हम अंदर आये ये एक पाश एरिया में बना हुआ शानदार दो मंजिला घर था नीचे और ऊपर 4-4 कमरे और दोनो फ्लोर पर 2-2 बाथरूम ....... शानदार सज़ा हुआ ड्राइंग रूम घर की एक एक चीज महंगी और शानदार थी मैं सोफे पर बैठा चारो ओर देख रहा था और सोच रहा मेरी शानदार दीदी के लिए ये घर एकदम परफेक्ट है ......

तभी श्वेता चाय ले आयी हमने चाय पी और फिर प्रतीक बोले चलो ऊपर मेरे कमरे में चलते हैं थोड़ी देर आराम कर लो 9 बजे हमे निकलना है .......

फिर हम ऊपर आये प्रतीक का कमरा और। भी शानदार था ....... बड़ा सा बेड और जब मैं उस पर बैठा तो एकदम धंस सा गया ...... (साला इस बार तो मैंने भी यही गद्दे लेने हैं इन पर चुदाई करने में अलग ही मज़ा आएगा) ये सोचते हुए मेरे मन मे ख्याल आया बस कुछ दिन बाद इसी गद्दे पर दीदी की चुदाई होगी .........

प्रतीक ने लाइट ऑफ कर दी और हम लेट गए ...... प्रतीक ने पूछा विकास दिल्ली पहुंच कर आगे क्या प्लान है मैंने कहा मेरे पास नोएडा पुलिस के दो लोगों का नंबर है जो हमारी मदद करेंगे .......

प्रतीक ने कहा पर क्या पुलिस की मदद लेना ठीक होगा मैंने कहा क्यों उसमे क्या प्रॉब्लम है ...... वो बोले मैंने कुछ और सोचा है ...... मैंने पूछा क्या वो बोले सबको पता है कि तुम लखनऊ आये हो मेरे पास मैं सोच रहा हूँ कि हम दोनों अपने फ़ोन्स यही घर पर छोड़ दें और हम एक किराए की कार से नोएडा चलें ........ 7-8 घंटे में पहुंच जाएंगे नोएडा में एक बन्दा है मेरी पहचान का वो हमें गन दे देगा बस विनय के पास जा कर उसे शूट कर के वापस आ जाएंगे किसी को कुछ पता नही चलेगा .........

मैंने अगर यही करना है तो मैं अकेला जाऊंगा आप नही जाओगे मैं नही चाहता कल को कोई बखेड़ा हो उसका बाप पैसे और रसूख वाला है अगर पुलिस पीछे लगी और कोई क्लू मिल गया ...... तो मेरी दीदी का क्या होगा .... डेढ़ महीने बाद आपकी शादी है ........ वो हंसते हुए बोले अच्छा और तेरा क्या होगा फिर ...... मैंने कहा मुझे अपनी परवाह नही पर दीदी को अब और दुख मिले ये मुझसे नही बर्दाश्त होगा .......


वो गंभीरता से बोले हम्म्म्म ...... ये बात मैंने बस इसलिए कही थी कि तुम्हारी सोच देखना चाहता था ...... ऐसा कोई प्लान नही है ...... हम एयर ट्रैवेल करेंगे बाकी वहां पहुंच कर देखा जाएगा ....... फिर मैं सो ही गया रात भर तो जगा ही था सुबह 7 बजे श्वेता ने आवाज़ दे दे कर मुझे जगाया ...... मैं आंख मलते हुए उठा तो देखा श्वेता व्हाइट जीन्स और रेड टीशर्ट में खड़ी है चाय की ट्रे लिए हुए ......

उसने मुस्कुरा कर कहा गुड मॉर्निंग विकास ....... चाय पी लो और रेडी हो जाओ भैया ने कहा है ...... मैंने भी मुस्कुराते हुए उसे गुड मॉर्निंग बोला और चाय पीने लगा वो चली गयी और मेरी नजर श्वेता की जीन्स में कसी हुई उभरी गांड़ पर पड़ी .......


ये साली लौंडियो को गांड़ और चुचियाँ भी कमाल की होती हैं नजर हटती ही नही ...... चाय पी कर मैं बाथरूम में घुस गया नहा कर आया और रेडी हो कर नीचे आ गया .......

माँ जी मिली तो उनके पैर छू कर आशीर्वाद लिया ....... उन्होंने सब के हाल चाल लिए फिर बढ़िया सा नाश्ता लग गया ..........

8 बजे नाश्ता खत्म हुआ और फिर हम ऊपर आ गए प्रतीक ने एक बैग में अपने कुछ कपड़े रखे और मुझे बैग देते हुए बोले अपने कपड़े भी इसी में डाल लो विकी ज्यादा सामान ले कर क्या करोगे मैंने भी हलके फुल्के कपड़े उसमे डाल लिए और फिर हम मां जी के पैर छू कर निकल पड़े अपने मिशन पर ........

एयरपोर्ट आ कर हमने अपनी फ्लाइट ली और डेढ़ घंटे बाद हम दिल्ली पहुंच चुके थे बाहर आ कर हमने एक टैक्सी की और नोएडा पहुंचे मैंने ड्राइवर को वो एरिया समझाया जहां विनय की लास्ट लोकेशन मिली थी और उसका फोन लगतार कई दिन से उसी एरिया में एक्टिव था ........

मैंने ड्राइवर से कहा उसी एरिया में किसी अच्छे होटल में जाना है हमे और उसने कोई दो घंटे की लंबी ड्राइव के बाद हमे बताया कि .......... साब यही वो जगह है और थोड़ी देर में उसने एक अच्छे से होटल के सामने टैक्सी रोकी ....... प्रतीक ने उसे pay किया और हम होटल में आ गए एक रूम बुक किया और ऊपर आ कर अपना बैग रूम में रखा .........


प्रतीक बोले अब ...... मैंने कहा अब ये की विनय को ढूंढना है ....... वो बोला कैसे ...... मैंने कहा सोचता हूँ ....... फिर मैंने कहा चलो कुछ देर घूम कर आते हैं ....... और हम दोनों नीचे आ गए मेन रोड पर होटल था और बाकी सड़क के दोनो ओर अधिकतर बंगले ही बने हुए थे कुछ घरों के बाहर दुकानें भी बनी हुई थीं ....... हमने एक बार पूरी मेन रोड पर एक सिरे से सड़क के दूसरी ओर तक पैदल भ्रमण किया इस दौरान मेरी नजरे दोनो ओर बनी हुई इमारतों का निरीक्षण करती रहीं ......... बीच मे 3 सड़कें अंदर की ओर निकल रही थीं हम बारी बारी से उन सभी सड़को के अंदर गए ........ और दूसरी सड़क पर अंदर जा कर थोड़ा आगे एक ऊंची बहुमंजिला इमारत दिखी जिसमे फ्लैट बने हुए थे ये कोई 20 मंजिला इमारत थी और मेनगेट पर गॉर्ड बैठा हुआ था ........


हम उस बिल्डिंग के सामने से गुजरे देखा तो मेनगेट और हर जगह पर cctv लगे हुए थे ....... मैंने प्रतीक से कहा आप होटल जाओ मैं थोड़ी देर में आता हूँ उन्होंने कहा वो मुझे अकेला नही छोड़ेंगे , पर मैंने कहा प्लीज जीजा जी बस मेरी बात मान लो आप आज के दिन वो बोले कोई गड़बड़ मत करना तुझे कुछ परेशानी हुई तो मैं निकी को क्या जवाब दूंगा उसने मुझसे 5 बार कहा था कि विकी गुस्सैल है उसका ध्यान रखना ......

मैंने मुस्कुरा कर कहा मैं ऐसा कुछ नही करूंगा जिस से किसी को या मुझे कोई परेशानी हो आप निश्चिंत रहो और वो चल दिये .........

मैंने थोड़ा आगे जा कर देखा सड़क के किनारे एक पान का खोखा दिखा दोपहर का समय था साढ़े बारह बजे थे तेज धूप थी और सड़क पर इक्का दुक्का लोग ही दिख रहे थे ....

मैं उस खोखे पर गया और कहा चाचा राम राम वो खुश होते हुए बोला बेटा राम राम मैंने एक सिगरेट ले कर सुलगाई और 100 का नोट खोखे वाले को दे कर कहा चाचा एक मदद चाहिए आपकी .......

वो गौर से मुझे देखते हुवे बोला इलाहाबाद के हो बचवा मैंने कहा सही पहचाना पर कैसे जान गए आप ...... वो बोला हमहू इलाहाबादी हैं बस हियाँ आ गए और यही के ही कर रह गए ...... तू बतावा का काम रहा .......

मैंने कहा चाचा ये जो पीछे बिल्डिंग है इसमे कोई नया बन्दा आया है क्या पिछले 20 दिन में वो कुछ सोचते हुए बोला हां बचवा एक लौंडा आवा है लेकिन बहुत हरामी है साला हमरे पास सिगरेट ले आवत है लेकिन बहुत अकड़ मा रहत है सीधे मुह बात नही करत ....... मैंने उसे विनय का हुलिया बताया तो वो बोले हां शायद यही लौंडा है.......


मैं बोला ठीक है चाचा वो छुट्टे पैसे मुझे देने लगे तो मैंने बोला रखे रहो शायद फिर आपकी मदद की जरूरत पड़े ........ अच्छा चाचा राम राम ..... वो बोला राम राम बेटा फिर आना ....... और मैं होटल कि ओर चल पड़ा .......


होटल पहुंच कर मैंने प्रतीक को बताया कि विनय उसी बिल्डिंग में रह रहा है अब एक दो दिन उसकी निगरानी करनी पड़ेगी की वो कब कहाँ आता जाता है फिर उसे दबोचते हैं ....... प्रतीक ने फोन पर ढूंढ कर एक ट्रेवल एजेंसी से एक कार बुक कर दी और उसे होटल का एड्रेस दे कर बुलवा लिया फिर हमने लंच किया और तब तक कार आ गयी और हम कार पर निकल पड़े उसी बिल्डिंग के थोड़ा सा आगे कार लगा कर हम इंतजार करने लगे .......

तभी प्रतीक ने किसी को कॉल किया और कार से निकल कर उस से बात करने लगे लगभग 15 मिनट बाद वो वापस कार में आये और बोले इंतजाम हो गया है ...... मैंने पूछा कैसा इंतजाम वो बोले विनय जैसे इंसान से निपटने के लिए हर तरह से मुस्तैद होना चाहिए मैंने एक डीलर से बात की है वो हमें गन दे देगा ........

मुझे भी उनकी बात सही लगी हो सकता विनय असलहा भी रखता हो और मौके पर वो हम पर भारी पड़ जाए ...... मैंने कहा ठीक है जीजा जी कर लीजिए ये इंतजाम भी ...... प्रतीक बोले वो आधे घंटे में यहीं आ रहा है ......

फिर हम कार में बैठे इंतजार करते रहे मेरी नजर उस बिल्डिंग के गेट पर ही थी ...... लेकिन कुछ खास हाथ नही लग रहा था फिर एक घंटे बाद प्रतीक के फोन पर कॉल आया ........ उन्होंने बात कर के अपनी लोकेशन कार का कलर और नंबर बताया ...... और 5 मिनट बाद एक स्पलेंडर बाइक हमारी कार के पास रुकी एक बन्दा उतरा और कार में आ गया .......

उसने जीजा जी से नाम पूछा फिर उसने फोन निकाल कर कोई नंबर डायल किया और जीजा जी के फ़ोन की घण्टी बजते ही उसने संतुष्ट होते हुए कॉल काट दी और कंधे पर टंगे हुए बैग को खोल कर तीन चार असलहे निकाल कर रख दिये .......


मैं उन्हें देखने लगा और फिर एक पिस्तौल साइलेंसर के साथ सेलेक्ट की उसने दोनो की कीमत एक लाख दस हजार बताई मोल भाव के बाद एक लाख में वो पिस्तौल साइलेंसर और 4 कारतूस देने को राजी हो गया ...... प्रतीक बोले सामान यहीं छोड़ दो और मेरे साथ होटल चलो मैं पेमेंट देता हूँ .........

उसने पिस्तौल मेरे हाथ मे दे दी और बाकी सामान भी ...... मैंने उस से उसे चलाने का तरीका समझ कर साइलेंसर को पिस्तौल की नाल पर लगाया और एक कारतूस उसमे लोड कर के उसे अपनी जीन्स में फंसा लिया ......

प्रतीक उसे ले कर चले गए और मैं कार में बैठा इंतजार करता रहा ....... और फिर आधे घंटे बाद अचानक बिल्डिंग के गेट पर एक स्विफ्ट प्रकट हुई उसका हॉर्न लगातार बज रहा था गॉर्ड को गेट खोलने में एक मिनट लगा उतनी देर में वो हॉर्न बजा बजा कर हंगामा करने लगा ....... उसकी ड्राइविंग सीट पर बैठे विनय को मैंने पहचाना और फौरन कार स्टार्ट कर की जैसे ही गेट से उसकी कार निकली मैंने अपनी कार उसके पीछे लगा दी लगातार आधे घंटे उसका पीछा करने के बाद उसकी कार एक दारू की दुकान के बाहर रुकी .......

वो उतर कर गया और 4 बोतले शराब की खरीद कर वापस आया फिर उसने एक दो दुकानों से और कुछ सामान लिया और वापस घर आ गया मैं उसके पीछे लगा रहा .......

उसके बिल्डिंग में घुसने के बाद मैं वापस उसी जगह कार लगा कर खड़ा हो गया तभी प्रतीक का काल आया वो पूछने लगे कहाँ हो तो मैंने बताया कि उसी बिल्डिंग के सामने वो बोले की मैं वहां गया था तुम नही थे तो मैंने उन्हें पूरी बात बताई वो बोले अब क्या करना है ...... मैंने कहा थोड़ा सा और वाच करने दीजिये फिर बताता हूँ .......


कोई एक घंटे बाद एक जोमैटो डिलिवरी बॉय उस बिल्डिंग में गया और 10 मिनट बाद वो वापस आया मैंने कार स्टार्ट कर के उसकी बाइक के पीछे लगा दी और आगे जा कर उसे रोक लिया ....... उसने मुझसे पूछा क्या है भाई मैंने जेब से 200 रुपये निकाल कर उसे दिए और कहा कुछ जानकारी चाहिए .......


उसने मुझे गौर से देखते हुए कहा आप कौन मैंने गंभीर स्वर में कहा ....... STF ऑफिसर आई कार्ड दिखाऊँ वो हड़बड़ाते हुए बोला नही सर कहिए क्या बात है ...... मैंने उसे कार के अंदर आने को बोला वो आ कर बैठ गया .........


मैंने पूछा अभी कहाँ गए थे डिलीवरी करने ... ? वो बोला सर फ्लैट नंबर 76 में मैंने पूछा कौन रहता है वहां उसने बताया कि एक लौंडा है अकेला रहता है पर बहोत बिगड़ैल लौंडा है ......


मैंने पूछा ऐसा क्यों कह रहे हो तो वो बोला कि वो हर टाइम तो शराब के नशे में रहते है और दो तीन बार मुझसे ही किसी लड़की का जुगाड़ करने को बोला है ........ मैंने कहा फिर तुमने क्या कहा वो बोला मैं उसे आजकल कर के टरका रहा हूँ .......


मैंने कहा क्या वो रोज ऑर्डर मंगवाता है वो बोला हां रोज दो या तीन बार .......मैंने कहा ठीक है अब अपना नंबर मुझे दो और जाओ
उसने अपना नंबर दिया और जल्दी से उतर गया कार से वो थोड़ा घबराया सा था .......

मैंने उसका नाम पूछा उसने अपना नाम अमन बताया मैंने कहा देखो अमन इस पूछ्ताछ के बारे में किसी को बताया तो तुम्हे ही तकलीफ होगी वो ना में सर हिलाते हुए बोला एकदम नही सर मैंने कहा हो सकता है तुम्हे मेरी थोड़ी मदद और करनी पड़े वो बोला ok सर जो काम हो आप बताना मुझे और वो चला गया .......


फिर मैंने कार स्टार्ट की और आसपास के 4-6, किलोमीटर के इलाके में घूम कर सारा नक्शा समझा उस इलाके का उस जगह से दो किलोमीटर की दूरी पर रेलवे लाइन थी ....... और वो जगह एकदम सुनसान भी थी बस रेलवे क्रासिंग के आसपास इक्का दुक्का दुकानें थी .......


वो जगह मुझे ठीक लगी फिर मैं होटल वापस आ गया प्रतीक वहां मेरी ही प्रतीक्षा कर रहे थे मुझे देखते ही बोले भाई क्या कर रहे हो मुझे भी कुछ बता दो निकी का 3 बार फोन आ चुका है वो मुझसे बस तुम्हारे बारे में पूछ रही है मैंने कहा लगभग सब काम हो चुका है आप दीदी से बता दो मैं एकदम ठीक हूँ ......


वो बोले पहले मुझे बताओ सारा दिन क्या किया और क्या सोचा मैंने उन्हें दिन भर की सारी घटना बताई और बोला कि मैं अमन की मदद से उसे रेलवे ट्रैक के पास बुलाऊंगा ...... वो बोले फिर क्या करोगे ...... , मैंने कहा वो तो हालात के मुताबिक देखा जाएगा आप भी साथ मे रहोगे .......

वो बोले कब करना है ये काम मैंने कहा कोशिश करता हूँ आज ही हो जाये पर एक लड़की की जरूरत पड़ेगी उन्होंने कहा लड़की क्यों मैंने कहा वो लड़की के लिए तड़प रहा है और लड़की के बारे में पता चलते ही भागा चला आएगा .......

प्रतीक बोले फिर किसी कॉल गर्ल का इंतजाम कर लूं क्या ...... मैंने कहा हो जाएगा वो बोले सब हो जाएगा पैसे ही तो लगेंगे ..... मैंने कहा करिये ....... उन्होंने फोन निकाला दो तीन जगह कॉल की और फिर ....... एक बंदे ने कहा वो लड़की का नंबर सेंड करता है उसका नाम नेहा है आप बात कर लो ....... उसने एक नंबर व्हाट्सएप्प किया .......


प्रतीक बोले लड़की का नंबर मिल गया है पर उससे बात तुम ही करो ....., मैंने कहा ठीक है और मैंने प्रतीक से उस कॉल गर्ल का नंबर ले कर डायल किया .......

उसने जल्दी ही कॉल रिसीव की और बोली कहिए ....... मैंने पूछा नेहा ? वो बोली हां मैंने कहा सर्विस चाहिए क्या चार्जेस हैं तुम्हारे वो बोली 2000 पर ऑवर 5000 फुल नाईट ...... मैंने कहा ठीक है मैंने उसे होटल का नाम और लोकेशन बता कर पूछा कितनी देर में आ जाओगी???

वो बोली सर घंटे भर में पहुंच जाऊंगी ....... मैंने कहा ठीक है आ जाओ वो बोली सर मैं पेमेंट पहले ले लेती हूं मैंने कहा आ जाओ मिल जाएगा ...... वो बोली ok सर मैं पहुंचती हूँ ........


मैंने अमन को कॉल की और उससे कहा कि वो विनय को कॉल कर के बताए कि लड़की का इंतजाम हो गया है लेकिन वो उसके घर नही आ पाएगी क्यों को वो कोई पेशेवर नही है स्टूडेंट है और बस मौज मस्ती के लिए कभी कभी ये काम कर लेती है ...........


और उसे कहना की आगे मेन रोड से दाईं ओर मुड़ने पर दो किलोमीटर आगे तो रेलवे ट्रैक है वहीं पर वो आने को तैयार हुई है वो सुनसान जगह है वहां आराम से उसका सारा इंतजाम हो जाएगा .......


उसने घबरा कर पूछा सर मुझे तो कोई प्रॉब्लम नही होगी मैंने कहा ज्यादा से ज्यादा इतनी की बाद में कभी लोकल पुलिस तुमसे सिर्फ इतना पूछे कि तुम और विनय एक दूसरे को कॉल क्यों करते थे तो तुम बता देना की मैं डिलीवरी बॉय हूँ वो हर रोज आर्डर करता था नाश्ता खाना वगैरह ...... बस उसी सिलसिले में बात होती थी ....... इसके सिवा कुछ नही बताना तुम्हे हमारे बारे में किसी से कोई जिक्र नही करना और इस काम के तुम्हे अच्छे खासे पैसे मिल जाएंगे ......

वो बोला ठीक है सर मैं उस से बात कर के आपको बताता हूँ उसने कॉल काट दी प्रतीक बोले विकी यार पहली बार ऐसा कुछ करने जा रहा हूँ मैंने तो कॉलेज लाइफ में भी कभी लड़ाई झगड़ा नही किया ........ मैंने हंस कर कहा मैंने दो तीन लौंडों को पेला है अपने स्कूल ने आप परेशान ना हो मैं सम्हाल लूंगा इस कुत्ते को और बाकी ये तो है ही मैंने पैंट में फंसा रखे पिस्तौल को थपथपाया ..........


फिर 10 मिनट में अमन का कॉल आया उसमे बताया को लड़की के बारे में सुन कर विनय बहोत एक्साइटेड है और वो लड़की से बात करवाने को कह रहा है ....... मैंने कहा उस से बोलो की मिलने से पहले बात भी हो जाएगी पर वो उसके फ्लैट में नही आ सकती क्योंकि वहां कैमरे लगे हैं उसे ही आना पड़ेगा वो बोला ठीक है मैं फिर से कोशिश करता हूँ ....... उसने कॉल काटी ......


प्रतीक बोले अगर वो बाहर आने को तैयार नही हुआ तो ...... मैंने मुस्कुरा कर कहा आएगा जरूर आएगा वो 20 दिन से लड़की के बिना रह रहा है नही रोक पायेगा खुद को ........


तभी राजेश चाचा की कॉल आयी मैंने फोन रिसीव कर के कहा चाचा प्रणाम ...... वो बोले खुश रहो बेटा आज मैंने विक्रम सिंह( विनय के बाप) को बुलवाया था चौकी पर.......

मैंने कहा फिर क्या हुआ ...... वो बोले कि मैंने उसे बहोत फटकारा और विनय की करतूत के बारे में बताया तो वो बेहद शर्मिंदा हुए और कहने लगे बस एक मौका और दे दीजिए मैं इस बार उसे इस लायक नही छोडूंगा की वो फिर से कुछ कर सके ........


असल मे विक्रम सिंह चुनाव लड़ना चाहते हैं और इलाके में उनकी छवि भी ठीक है पूरी संभावना है की वो चुनाव जीत जाएं लेकिन ये विनय उनके रास्ते का कांटा बन कर बार बार उनके पैर में चुभ जाता है .........


मैंने कहा तो वो इस विनय का कोई इलाज करते क्यों नही ....... चाचा बोले वो कह रहा था कि वो उसे विदेश भेज देगा हमेशा के लिये वहां जा कर वो चाहे जितनी अय्याशी करे उस से उनकी छवि पर कोई फर्क नही पड़ेगा........

मैंने कहा ठीक है वो नो करना चाहे करें आपने डील कितने में फाइनल की अपनी चाचा हंसने लगे और बोले अभी तो कोई डील नही की है पर आज शाम तक करनी है इसीलिए तुम्हे कॉल की बोलो कितना चाहिए मैंने कहा दूसरी गलती है तो दुगना तो होना ही चाहिए ...........


वो बोले ठीक है फिर इस बार 25 और 50 कर देते हैं मैन कहा ठीक है हो सके तो आज ही पैसा ले लीजिए आप वो बोले ले लूंगा विक्रम सिंह तो दोपहर को चेक दे रहा था बिना रकम भरे ...... पर मैंने सोचा तुमसे पूछ लूं एक बार ....... मैंने कहा चाचा एक बात बताओ अगर कोई आदमी शराब के नशे में ....... गिर कर घायल हो जाये या मर जाये तो पुलिस ज्यादा छानबीन करती है क्या ........

वो बोले तो इस पर निर्भर करेगा कि मरने वाला कौन है अगर कोई ऐसा इंसान है जिसके मरने से किसी को कोई खास फर्क नही पड़ता तब तो बस सब औपचारिकता निभा कर काम खत्म लेकिन कोई रसूख वाला इंसान हुआ या मरने वाले के किसी संबंधी ने कोई शक जाहिर किया तो फिर पुलिस सही से सारी इन्वेस्टिगेशन करती है ........

लेकिन तुम ये सब क्यों पूछ रहे हो मैंने कहा बस ऐसे ही ....... वो बोले कुछ करने का इरादा हो तो कम से कम मुझे तो बता ही देना मैंने कहा कुछ करूंगा तो जरूर आपको बता दूंगा वो बोले ठीक है फिर मैं विक्रम सिंह से वसूली कर लूं .......


उनके फोन काटने से पहले ही अमन की कॉल आने लगी मैंने जल्दी से वो कॉल रिसीव की तो उसने बताया वो आने को तैयार है पर पहले लड़की से बात करने को मरा जा रहा मैंने आधे घंटे में उसकी बात करवा दी जाएगी .......

वो बोला ठीक है मैंने भी यही कहा है उससे की थोड़ी देर में लड़की की बात करवाता हूँ .......... और कॉल काट दी ...... प्रतीक बड़े गौर से मेरी सारी बातें सुन रहे थे .....

तभी नेहा की कॉल आयी और वो बोली कि वो नीचे खड़ी है रिसेप्शन पर मैंने कहा आठ हूँ रुको ....... और मैं नीचे चला आया देखा तो काउंटर के पास एक 18-19 साल की बेहद खूबसूरत लड़की जीन्स और टॉप में खड़ी थी पैरों में हाई हील आंखों पर काला चश्मा खुले और कटे हुए बाल सब लंबे नाखून उन पर अलग अलग कलर के नेल पेंट .......

सब मिला कर वो सेक्स बम थी ...... किसी का भी लंड खड़ा कर देने की क्षमता थी उसके हुस्न में उसे देख कर एक बार तो मेरे मन मे भी आया भाड़ में जाये विनय इसे चोद लूं पहले ....... लेकिन मैंने अपने मन को समझाते हुए आवाज़ दी नेहा ........


उसने मेरी ओर देखा और फिर मेरी ओर आने लगी पास आ कर उसने मुझसे हाथ मिलाया और बोली चलिए मैं उसे ले कर ऊपर जाने लगा तो काउंटर पर बैठी लड़की ने कहा सर इनकी एंट्री करवाइए पहले फिर ले जाइए ........


मैंने नेहा से कहा तुम यहीं रुको मैं आता हूँ नेहा को लिफ्ट के दरवाजे पर छोड़ कर मैं काउंटर पर आया काउंटर गर्ल भी 25-26 साल की दिलकश लड़की थी जैसी किसी अच्छे होटल की रिसेप्शनिस्ट होती है मैंने मुस्कुराते हुए उसकी ओर देखा और जेब से 500 के दो नोट निकाल कर उसकी ओर बढ़ाते हुए कहा कॉल गर्ल है ज्यादा देर नही रोकना है बस 10 मिनट में इसे ले कर निकल जाऊंगा यहां से ........


एंट्री मत करवाओ इसकी समझा करो उसने मुस्कुरा कर नोट जल्दी से मुट्ठी में दबाते हुए कहा ठीक है पर सिर्फ 10 मिनट उसके बाद रुकी तो और चार्ज लगेगा मैंने कहा ok........ और मुझे लगा ये लौंडिया भी चालू टाइप की है .......


फिर मैं नेहा के साथ ऊपर आया और उसे कमरे में ले आया वहां प्रतीक को देख कर वो बोली दो लोगों का चार्ज डबल लगेगा मैंने प्रतीक से कहा इसे 10000 रुपये दे दो प्रतीक ने जेब से गड्डी निकाल कर उसके सामने फेंक दी उसने जल्दी से उसे अपने पर्स में ठूंसा और फिर मुस्कुरा कर बोली एक एक कर के करोगे या 3some का इरादा है .........


इतना कहते हुए उसने झटके से अपना टॉप निकाल फेंका नीचे उसने ब्लू कलर की सेक्सी ब्रा पहनी थी ब्रा में उसके कसे हुए चूचे देख कर मेरा तो मूड बन गया प्रतीक भी चुपके से उसके चूचे घूर रहा था........


मैंने कहा नेहा अपना टॉप पहन लो इतनी क्या जल्दी है वो हैरानी से मुझे देखते हुए बोली कमाल है पैसे देने के बाद तो बस लोग अगले ही पल मुझे नंगी देखना चाहते हैं ........


मैंने कहा असल मे हमने अपने एक दोस्त के लिए तुम्हे बुलाया है अपने लिए नही वो बोली ओह कोई बात नही पर कहाँ है आपका दोस्त मैंने कहा उसे लगता है कि हम उसके साथ मजाक कर रहे हैं और वो आने को तैयार नही है तुम एक बार उस से बात कर लो वो आ जायेगा ........


नेहा बोली ठीक है करवा दो मेरी बात ....... तभी अमन का कॉल आने लगा मैंने नेहा से रुकने का इशारा किया और कमरे से बाहर निकल कर कॉल रिसीव की अमन बोला सर वो तीन बार कॉल कर चुका है और अब तो गाली दे रहा था कह रहा है साले अगर तूने आज चुतिया बनाया तो तेरी ही गांड़ मारूंगा जल्दी कुछ करिये मैंने कहा ok मैं एक नंबर बताता हूँ नोट करो मैंने उसे नेहा का नंबर दिया और कहा कि विनय को ये नंबर दे दो और उसे बात करने को कहो लड़की का नाम नेहा है ....... वो बोला ठीक है सर और उसने कॉल काट दी ........

मैं अंदर आया और नेहा से बोला अभी तुम्हे कॉल आएगी मेरे दोस्त की विनय नाम है उसका उस से बात करना और अगर वो तुम्हे कहीं आने को बोले तो कहने मैं नही आ सकता अगर तुम्हें जरूरत है सेक्स करना है तो तुम्हे आना पड़ेगा उसी जगह पर जहां मैं बुला रही हूं .........


नेहा ने सर हिलाते हुए किस जगह पर मैंने कहा तुम बस इतना बोल देना जो जगह अमन ने बताई है उसी जगह पर ........



मैंने पूछा ये बताओ तुम उसे खुश तो कर दोगी उसे सेक्स का बहोत शौक है और वो लड़की देखते ही बेकाबू हो जाता है नेहा बोली पैसे लिए हैं तो करना ही पड़ेगा आज कल तो लोगों को बस मुह में देना और गांड़ मारना यही ज्यादा पसन्द आता है किसी किसी को roleplay करना होता है वो सब मैं कर लुंगी या ज्यादा से ज्यादा लंड का पानी मुह में निकालेगा बस ....... मैंने कहा फिर ठीक है पर उसकी ये सब बातें सुन कर मेरा और शायद प्रतीक का भी लंड खड़ा हो गया था .........

और तभी नेहा का फोन बजने लगा उसने पर्स से फ़ोन निकाला तो मैंने बोला नेहा स्पीकर पर डालना प्लीज .......


नेहा ने फोन रिसीव कर के स्पीकर पर डाल दिया और विनय की नशे से भरी हुई आवाज़ आयी ......

विनय - हेलो कौन नेहा......?

नेहा- हां बोल रही हूं आप कौन?

विनय- मैं विनय बोल रहा मुझे लेनी है तेरी ........ चूत इधर आ जा ना मेरे फ्लैट पे कितना पैसा लेगी बोल मैं दूंगा जल्दी से आ जा 20 दिन से चूत नही चोदी मैंने ........

नेहा- मेरा चार्ज एक राउंड का 4000 और फुल नाईट का 10000 है लेकिन मैं तुम्हारे पास नही आ सकती तुम्हे मेरे पास आना पड़ेगा .........


विनय- थोड़ा रुक कर बोला ........ ठीक है पर पूरे मज़े देगी ना गांड़ मारूंगा तेरी कुतिया बना के ........


नेहा- सेक्सी वौइस में बोली जो जो करना हो कर लेना मैं कहाँ मना कर रही हूं जल्दी से आ जाओ ..........


विनय- ok मैं आता हूँ जल्दी से साली आज तुझे रगड़ के चोदूंगा ........ कहाँ आना है मेको ज्यादा आईडिया नही इधर का ......?


नेहा- अमन के साथ आ जाना वो ले आएगा तुम्हे मेरे पास .......


विनय- ok ठीक है मैं आता हूँ ........
और उसने कॉल काट दी.........


मैंने कहा उससे भी पैसे लोगी क्या नेहा ने कहा अगर आपको प्रॉब्लम होगी तो नही लुंगी उसने पूछा तो मैंने बता दिया ........ मैंने कहा मुझे कोई प्रॉब्लम नही पर तुम्हारा काम सिर्फ उसे वहां बुलाना है उस से सेक्स करना नही वो हैरानी से मेरा मुह देखने लगी........

मैंने कहा देखो नेहा हमारा कछ पर्सनल मैटर है तुम्हारा काम सिर्फ उसे घर से बाहर निकालने का था इस काम की भरपूर कीमत मिल गयी है तुम्हे और हो सके तो विनय से भी पैसा ले लेना इसके बाद तुम इनके (मैंने प्रतीक की ओर इशारा किया) साथ वापस आ जाना बस तुम्हारा काम खत्म ......


नेहा फिर से हैरान होती हुई बोली यानी मुझे किसी से भी चुदना नही है और इतने पैसे यूँ ही मिल रहे हैं ....... मैं बोला हां यही समझ लो वो बोली ऐसे कस्टमर रोज मिलें तो बढ़िया है ........ और हंसने लगी ........


तभी अमन का कॉल आया.......
Nice update 👌👌👌
Master plan bana raha h vikas aur Pratik vinay ka to band bajne wala h
 

Sanju@

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अमन बोला सर वो मुझसे कह रहा है मैं उसे ले कर जाऊं उस जगह........ मैंने कहा तो ले आना तुम उसे कोई प्रोबलम.......?

वो बोला नही सर मेरी ड्यूटी तो 5 बजे ऑफ हो गयी थी तब से बस आप ही के काम मे लगा हूँ ......... मैंने कहा तुम उसे ले कर वहीं पहुंचो और कोई प्रॉब्लम हो तो मुझे कॉल कर लेना कितनी देर लगेगी तुम्हे ........


बोला अभी तो मैं अपने आफिस के पास ही हूँ कोई आधा घंटा लगेगा मुझे विनय के यहां पहुंचने में मैंने कहा ठीक है जब पहुंच जाना तो मुझे इन्फॉर्म कर देना वो बोला ठीक है सर.......


फिर मैंने कहा अब हमें निकलना चाहिए और फिर हम तीनों नीचे आ गये रिसेप्शन वाली लड़की ने हम तीनों को देखा पर मुझे देख कर वो कुछ ज्यादा ही तीखी स्माइल करने लगी ........

हम तीनों बाहर आये मैंने कार स्टार्ट की और उसी ट्रैक की ओर चल पड़े रास्ते मे एक बियर शॉप देखते ही प्रतीक ने कार रोकने को कहा तो मैंने कार साइड में लगा दी और प्रतीक उतर कर बियर लेने चले गए ....... नेहा पीछे बैठी थी मैं बैक मिरर में बार बार उसे देख रहा था एक दो बार हमारी नजरें भी मिली ......


उसने पूछा आपका नाम क्या है मैंने कहा तुम नाम से नही काम से मतलब रखो मेरा रूखा जवाब सुन कर उसने नजर फेर ली ......

तभी प्रतीक वापस आये उनके हाथ मे एक बड़ी सी पॉलीथिन थी उसमें बियर कैन्स चिप्स और सिगरेट का पैकेट था उन्होंने ने एक कैन खोल कर मुझे दे दी और दूसरी नेहा की ओर बढ़ा दी उसने भी चुपचाप कैन पकड़ ली और खोल कर पीने लगी मैंने भी कार स्टार्ट की और धीरे धीरे आगे बढ़ाते हुए पीने लगा प्रतीक ने भी एक खोल ली और घूंट भरने लगे....... 10 मिनट में हम वहां पहुंच गए शाम के 7 बजने वाले थे यहां एकदम अंधेरा था मैंने कार मुख्य सड़क से उतार कर झाड़ियों की आड़ में खड़ी कर दी और अपना फोन की फ़्लैश लाइट जला कर बाहर आ गया ......


प्रतीक भी नीचे उतर गए तो नेहा बोली मुझे यहां अकेला छोड़ कर मत जाना प्लीज मुझे डर लग रहा मैंने कहा प्रतीक आप यहीं रुको नेहा के पास मैं आता हूँ वो बोले ठीक है......

और मैं टहलता हुआ ट्रैक के बीच मे आ गया ...... मैंने दोनो ओर रेलवे ट्रैक पर दूर तक नजर दौड़ाई एकदम सन्नाटा था और घना अंधेरा क्रासिंग के दोनो ओर जो इक्का दुक्का पान बीड़ी सिगरेट और चाय की दुकानें थी वो भी बन्द हो चुकी थीं .......

तभी दूर से किसी गाड़ी की हेडलाइट चमकती दिखी और मैं ट्रैक पर एक दाईं ओर चल पड़ा कोई दोनो ओर घनी झाड़ियां थीं लगभग 100 मीटर तक और उसके आगे बायीं ओर एक खुली हुई जगह थी वहां कुछ बड़े पेड़ थे ये जगह मुझे ठीक लगी ......

मैं वापस आया कार के पास आया देखा तो प्रतीक पीछे नेहा के पास बैठा बातें कर रहा था सभी शीशे बंद थे तो मुझे उनकी बातें नही समझ आयी पर मुझे देख कर वो चुप हो गए थे और प्रतीक ने मुझे आते देख कर दरवाजा खोल दिया.......

मैंने पास आ कर नेहा से कहा नेहा बाहर आ जाओ नेहा बाहर आई मैंने कहा मेरे साथ आओ प्लीज ...... वो मेरे साथ चल दी पर ट्रैक के पास पहुंच कर वो शंका से बोली कहाँ ले जा रहे हो मुझे क्या करना चाहते हो मैंने बस तुम्हे वो जगह दिखानी है जहाँ तुम उसे ले कर आओगी उसके बाद तुम्हारा काम खत्म ......

वो बोली मुझे डर लग रहा है ऐसी जगह क्यों बुला रहे हो उसे तुम तुम्हारे इरादे कुछ ठीक नही लग रहे हैं मैंने कहा तुम बस पैसों पर ध्यान दो ज्यादा दिमाग मत चलाओ अपना .......

और हम उसी जगह पहुंच गए मैंने कहा बस यहाँ ला कर उसे बातों में लगा लेना और जब मैं सामने आ जाऊं उसके तो तुम चली जाना ......


इतना सा काम करना है तुम्हे चलो वापस चलें नेहा थोड़ा मुस्कुरा कर बोली मेरा एक बार ऐसे जंगल मे चुदने का बड़ा मन करता है अभी तो टाइम लगेगा उसे आने में आओ ना कुछ पैसे वसूल कर लो आखिर पेमेंट तो कर दी है तुमने .........

मैंने कहा नही अभी मेरा ध्यान सिर्फ अपने इस काम पर है जो बेहद खास और जरूरी है अभी मैं अपना ध्यान नही भटकाना चाहता बाकी आगर यहाँ एक दो दिन रुका तो फिर से तुम्हे बुला लूंगा ...... वो गहरी सांस लेते हुए बोली ठीक है लेकिन तुम पहले इंसान हो जिसे मैंने सेक्स का ऑफर दिया और उसने मना कर दिया ......


अजीब हो तुम ...... मैं हंस दिया और हम वापस चल पड़े ...... नेहा बोली तुमसे अच्छा तो तुम्हारा पार्टनर है मैंने कहा कौन प्रतीक? वो बोली हां वो कह रहे थे कि वापस होटल चल कर थोड़े मज़े करा देना मुझे इसीलिए मैंने सोचा कि शायद तुम भी अकेले में थोड़े मज़े करना चाहो .......


मैंने कहा क्या कहा उन्होंने मुझे बताओ प्लीज , नेहा ने कहा कुछ खास नही मैं वहीं रुक गया और मुझे रुकते देख कर नेहा भी रुक गयी और बोली क्या हुआ चलो ना मैंने जेब से एक 500 का नोट निकाल कर नेहा को दिया वो उसे ले कर मुझे देखने लगी .......

मैंने कहा अब बताओ उन्होंने क्या कहा तुमसे एक एक शब्द बताओ ......

नेहा ने नोट जेब मे रखते हुए कहा ...... तुम्हारे जाने के बाद वो पीछे मेरे पास बैठ गए और बोले पेमेंट तो हो ही गयी है तुम्हारी फुल नाईट की और हो सकता है अभी विनय से भी तुम्हे पैसे मिल जाएं .......

तो क्या वापस होटल जा कर हम थोड़ी मस्ती के सकते हैं ...... मैंने कहा क्यों नही यही तो मेरा काम है फिर वो बोले तुम rolepaly के बारे में कह रही थी क्या तुम roleplay भी कर सकती हो ...... मैंने कहा जैसा तुम चाहो मेरा तो काम है अपने ग्राहक को संतुष्ट करना ......


फिर वो बोले ठीक है वापस चल कर हम एक roleplay वाली चुदाई करेंगे और उसके मैं तुम्हे कुछ और पैसे दूंगा .......

बस इतनी ही बातें हुईं की तुम आ गए मैंने कहा ठीक है लेकिन अब उनसे मत बताना की तुमने ये बातें मुझे बताई हैं वो मेरे होने वाले जीजा जी हैं ...... अगर वो मज़े लेना चाहते हैं तो मुझे कोई दिक्कत नही पर उन्हें ये पता चला कि मैं जान गया हूँ ये बात तो उन्हें शर्मिंदगी होगी इसलिए प्लीज और मैंने 500 का एक और नोट उसकी ओर बढ़ा दिया ..........

वो नोट पकड़ते हुए बोली ठीक है मैं उन्हें कुछ नही बताऊंगी ...... मैंने फिर से कार की ओर चलना शुरू किया और बोला नेहा बस एक काम और कार देना वो तुम्हारे साथ कौन सा रोल करेंगे ये जानना है मुझे नेहा बोली ठीक है मैं आपको कॉल कर के बता दूंगी .......

हम कार के पास पहुंच गए प्रतीक अंदर ही बैठे थे ...... नेहा भी अंदर बैठ गयी ...... थोड़ी देर में ही अमन का मैसेज आया मेरे फ़ोन पर .........

हम बस 5 मिनट के पहुंच रहे हैं ..... मैंने प्रतीक और नेहा को बताया कि वो लोग पहुंचने वाले हैं नेहा से कहा कि तुम यही रुको ट्रैक के पास खड़ी हो जाओ वो दोनो आएं तो तुम विनय से पैसे लेना और उसे बातों में उलझा कर ले कर वहीं आ जाना ........

मैं वही पहुंच कर पोजिशन ले लेता हूँ और मैं अपनी पिस्तौल थपथपाते हुए चल पड़ा वहां पहुंच कर मैंने एक बड़े पेड़ के तने के पीछे खुद को छिपा लिया और इंतजार करने लगा ......... दो मिनट बाद ही मेरे कानों में कार के इंजन की आवाज़ आयी और हल्की रोशनी भी दिखी ......

वो आ चुका था मेरी धड़कन थोड़ी तेज हो गयी आज पता नही क्या होने वाला था ......

फिर कोई 10-12 मिनट बाद मुझे फोन की फ़्लैश लाइट अपनी ओर आती हुई दिखी और साथ मे विनय और नेहा की मिली जुली आवाज़ें ........

विनय कह रहा था ...... मेरा लंड 20 दिन से प्यासा है चूत के लिए तूने पैसे तो पूरे ले लिए हैं पर सारी रात रुकने के लिए मना कर रही है ........ नेहा बोली जब तक तुम नही कह दोगे मैं नही जाऊंगी ना जितना चाहो चोद लो मैं कहाँ मना कर रही हूं ...... आहह धीरे दबाओ ना दर्द होता है .......


उनकी आवाज़ पास आती जा रही थी और फिर वो मुझे नजर आने लगी उस खुली जगह में आ कर विनय ने फौरन अपना पैंट खोलते हुए लंड बाहर निकाला और नेहा से बोला आजा साली पहले लौड़ा चूस कर एक बार मेरे लंड का रस पी ले बहोत मस्त रण्डी है तू मेरी जान .......

नेहा ने एक बार चारो ओर देखा वो शायद मुझे तलाश रही थी ...... और मैं थोड़ा सा घूम कर चक्कर काट कर विनय के पीछे आ गया ........ और मैंने पूरी ताकत से एक लात विनय की गांड़ पर जमा दी ......, वो पहले से ही काफी नशे में था लात पड़ते ही वो लहराता हुआ आगे मुह के बल गिर गया ......

और कराहने लगा ...... फिर वो एकदम से पलटा और रोशनी मेरे मुह पर डालते हुए बोला कौन है मादरचोद सामने आ ...... नेहा ने अपने फोन की लाइट जलाई और वो गिरते पड़ते वहां से भागी ......

विनय ने मुझे देखा और उसके चेहरे पर भय और आश्चर्य के मिले जुले भाव आ गए ...... उसने कहा तू यहां कैसे ......

मैंने कहा याद कर उस दिन फोन पर क्या कहा था मैंने की तू जहां भी होगा खोद निकलूंगा तुझे ....... और फिर मैं क्या करूंगा ये मैं खुद भी नही जानता और मैंने अपने जूते की 5-7 ठोकरें उसकी पसलियों में जड़ दी वो दर्द से छटपटाने लगा और फिर उखड़ती सांसो को सहेजते हुए बोला .........


एक बार मुझसे उलझ कर तेरा दिल नही भरा मुझे थाने बुला कर पिटवाने के बदले मैंने तेरी रण्डी बहन की शादी तो तुड़वा दी मैंने अब आज जो तूने किया है इसके बदले मैं क्या करूंगा सोच ले .........


मैं एकदम से हंसने लगा ठहाका लगा कर जोर जोर से ...... मुझे हंसता देख कर उसके चेहरे पर फिर से डर उतर आया मैंने कहा तुझे क्या लगता है अब मैं तुझे कुछ करने लायक छोडूंगा ...... मैंने पैंट में फंसी हुई पिस्तौल निकाल ली और उसे उसके चेहरे पर तान दिया .......


पिस्तौल देखते ही उसका चेहरा पीला पड़ गया वो कांपने लगा और मेरे सामने हाथ जोड़ते हुए बोला मुझे मत मारो मुझसे गलती हो गयी मैं तुम्हारे हाथ जोड़ता हूँ पैर पकड़ता हूँ मुझे माफ़ कर दो ........

मैंने हंस कर कहा माफी और तुझ जैसे नीच को कभी नही ...... मैंने अपनी उंगली पिस्तौल में ट्रिगर पर रखी और तभी विनय ने पूरी ताकत समेट कर एकदम से उछलते हुए मुझ पर छलांग लगा दी ......, और मैंने उसे खुद पर झपटते देख कर ट्रिगर दबा दिया ........


पिस्तौल से एक हल्की सी आवाज़ आयी और उसकी नाल से एक शोला निकल कर विनय की ओर लपका पर उसकी तकदीर अच्छी थी गोली उसके सर के ऊपर से निकल गयी उसका फोन गिर गया था और वहां घुप्प अंधेरा हो गया ........


विनय ने मौके का फायदा उठाया और अंधेरे में ही ट्रैक की ओर दौड़ लगा दी मैं भी अँधेरे में उसके पीछे लपका और बेतहाशा लड़खड़ाते हुए ट्रैक पर दौड़ने लगा ....... और तभी अचानक सामने से उसी ट्रैक पर एक तेज रोशनी चमकी ........

एक ट्रेन तेजी से दौड़ती चली आ रही थी ट्रैक पर ....... उसकी लाइट की रोशनी में सब कुछ स्पष्ट नजर आ रहा था ...... विनय ने एक बार मुड़ कर पीछे देखा मैं उसके ठीक पीछे ट्रैक के बीच मे खड़ा था मैंने पिस्तौल वाला हाथ सीधा किया उसकी ओर और उसने दोबारा क्रासिंग की ओर दौड़ लगा दी ........


हांलाकि मेरा पिस्तौल खाली था उसमें भरा हुआ कारतूस मैं इस्तेमाल कर चुका था लेकिन विनय को ये बात नही मालूम थी वो दौड़ता रहा और अचानक उसका पैर कहीं टकराया और वो एक बार फिर मुह के बल ट्रैक के बीच मे गिरा .......


उसका सर लोहे की पटरी से टकराया और वो एक तेज चीख मार के बेहोश हो गया ....... खून की धार उसके माथे को भिगोने लगी और ट्रेन एकदम नजदीक पहुंच चुकी थी मेरे और विनय के बीच मे कोई 15-20 मीटर का फासला था .......

ट्रेन अब क्रोसिंग पर आ चुकी थी और ट्रैक पर किसी को पड़ा देख कर ड्राइवर ने तेजी से हॉर्न बजाया हॉर्न की तेज आवाज मेरे कानों में पड़ी तो मुझे होश आया और तभी ट्रेन का इंजन धड़धड़ाते हुए विनय के ऊपर से गुजर गया अब मेरे और ट्रेन के बीच सिर्फ 10 मीटर का फासला था मैंने एक छलांग लगा दी दाईं ओर की झाड़ियों में और मैं कंटीली झाड़ियों में लुढ़कता चला गया .........

मेरे जिस्म पर कई जगह कांटे लगे थे हाथ पर चोट भी आई और मेरे हाथ से फोन और पिस्तौल छूट कर अँधेरे में कहीं गिर गया ........


ट्रेन गुजरने की बाद मैंने उठने की कोशिश की लेकिन मैं बुरी तरह कांटो में उलझा हुआ था....... तब तक मैंने एक रोशनी को अपनी ओर आते हुए देखा प्रतीक की आवाज़ मेरे कानों में आई विकास विकास कहाँ हो तुम ठीक तो हो मैंने कहा हां यहां हूँ मैं उन्होंने फोन की रोशनी में देखा और फिर सहारा दे कर मुझे झाड़ियों से बाहर निकाला और मैं खड़ा हो कर अपनी चोटों को सहलाने लगा ........

मैंने कहा मेरा फोन और पिस्तौल कहीं गिर गए हैं प्रतीक ने नीचे उतर कर वो दोनो चीजें ढूंढी और अपनी जेब के हवाले कर लीं ....... फिर हम ऊपर आ गए और क्रासिंग की ओर चल पड़े

मैंने कहा आप गए नही वापस वो बोले पागल हुए हो मैं इस तरह यहां तुम्हे उस कमीने के साथ अकेले छोड़ कर कैसे जा सकता था ....... उन्होंने कहा इसका तो खेल खत्म अब ये कभी किसी को कोई तकलीफ नही देगा .........

मैंने फोन की रोशनी ट्रैक पर डाली विनय की चिथड़े उड़ी हुई लाश के टुकड़े ट्रैक पर दूर तक फैले हुए थे ....... मैंने एक नजर उन टुकड़ो पर डाली और थूक कर आगे बढ़ गया .......

मैंने पूछा नेहा और अमन कहाँ हैं वो बोले अमन तो चला गया मैंने उसे दो हजार रुपये दे दिए उसकी इतनी मेहनत के और नेहा कार में बैठी है ....... मैं लंगड़ाता हुआ कार तक आया ...... मुझे इस हाल में देख कर नेहा चौंक गए और बोली अरे आपको क्या हुआ मैंने कहा कुछ नही बस मैं झाड़ियों में गिर गया था .......

नेहा ने कहा और वो कहाँ गया विनय , मैंने कहा जहां उसे जाना चाहिए था ....... प्रतीक ने कहा अब बैठो निकल चलते हैं ........


पर अब मुझे थोड़ी टेंशन होने लगी थी कि हम सब लोगों की मोबाइल लोकेशन इसी टाइम पर इसी जगह पर शो होगी एक्सीडेंट है तो पुलिस इतनी छान बीन तो करेगी ही कि विनय इतनी रात गए यहाँ इस जगह क्यों आया किस से मिलने आया और फिर पुलिस खोदने पर आ जाये तो सारे गड़े मुर्दे बाहर आ जाते हैं ।

मैं कार में बैठा पर मेरी हालत खस्ता थी कपड़े भी फट गए थे गंदे थे और उन पर जगह जगह खून में दाग थे ........


कुछ देर बाद हम मार्केट में पहुंचे तो विनय ने एक जगह देख कर कार रोकी और बोले तुम लोग रुको मैं आता हूँ वो गए और मैंने नेहा से कहा देखो नेहा विनय अब मर चुका है हांलाकि उसकी मौत महज एक दुर्घटना है उसे मारने का मेरा कोई इरादा नही था ......


वो खुद के डर से मारा गया मैंने उसे सारा वाकिया बताया नेहा बुरी तरह से डरी हुई थी उसे लगा वो इस सब मे फंस सकती है .......

मैंने उसे दिलासा देते हुए पूछा विनय ने तुम्हे पैसे दिए थे ??? वो बोली हां 5000 दिए थे और 5000 बाद मे देने को बोला था मैंने कहा तुम निश्चिंत हो कर जाओ पहले तो पुलिस तुम तक पहुँचेगी ही नही और इत्तेफ़ाक़ से पहुंच भी गयी तो तुम्हे उनसे सब कुछ सच बताना होगा कोई झूठ सिवा इसके की तुम मुझे और प्रतीक को जानती हो और हमने तुम्हे विनय के लिए बुलाया था.........

तुम उन्हें ये बताओगी की तुम कॉल गर्ल हो और अमन के टच में थी ....... विनय ने अमन से किसी कॉल गर्ल का इंतजाम करने को कहा और अमन से तुम्हारी बात विनय से करवाई ........


उसने तुम्हे इस क्रासिंग पर बुलाया और तुम्हे पैसे दे कर तुम्हे ले कर उस जगह पर गया लेकिन उसने हद से ज्यादा शराब पी रखी थी जो कि उसके पोस्टमार्टम की रिपोर्ट भी साबित करेगी ...... और उसने तुम्हारे साथ जबरदस्ती अप्राकृतिक सेक्स करने की कोशिश की तुम उससे बचने के लिए ट्रैक पर भागी और वो तुम्हे पकड़ने के लिए भागा ....... इसी भाग दौड़ में वो नशे की वजह से ट्रैक पर गिर गया ....... और उसी समय ट्रेन आ गयी और वो मारा गया ........

नेहा बोली पर ये अप्राकृतिक सेक्स क्या होता है मैंने कहा गांड़ मारना तुम्हे ये कहना है कि वो जबरदस्ती मेरी गांड़ मारना चाहता था नेहा बोली समझ गयी ....... आगे बोलो

मैंने कहा कि ........

इस स्टोरी पर ही अड़ी रहना है तुम्हे इसके अलावा एक भी शब्द मेरे या प्रतीक के बारे में पुलिस को बताया तो हम तो फंसेंगे साथ मे तुम भी लपेटे में आ जाओगी लेकिन अगर तुम मेरी बताई हुई कहानी पर डटी रही तो तुम पर कोई चार्ज नही लगेगा ........

मेरी बात सुन कर वो थोड़ा सा नॉर्मल हुई तो मैंने कहा इसके लिए तुम्हे पूरे 50000 रुपए मिलेंगे आज अभी ...... भले ही पुलिस तुमसे पूछतांछ करे या ना करे पैसों की बात सुन कर वो थोड़ा और नॉर्मल हुई और बोली फिर तो मैं सम्हाल लुंगी पुलिस को आप चिंता मत करो .........

तभी विनय आ गए उन्होंने एक पैकेट मुझे दिया और बोले कपड़े बदल लो ....... उनके हाथ मे एक और पैकेट था वो उन्होंने आगे की सीट पर रख दिया .........

मैंने पैकेट ले कर अपने फटे कपड़े उतारे पानी की बोतल ले कर मुह धोया और नए कपड़े पहन लिए ........

मैंने कहा प्रतीक नेहा को मैंने सब समझा दिया है इसे 50000 रुपये देने हैं वो बोले होटल चलते हैं पैसे हैं मेरे पास ........

उन्होंने कार होटल की ओर बढ़ाई और मैंने अमन को काल की उसने कॉल रिसीव की तो मैंने कहा अमन तुम जरा मेरे होटल पहुंचो कुछ जरूरी बात करनी है तुमसे ...... वो बोला ok सर मैं आधे घंटे में पहुंचता हूँ ........


फिर हम भी 10 मिनट में होटल पहुंच गए ....... रिसेप्शन पर पहुंच कर मैंने कहा प्रतीक एक और रूम बुक कर लो आज रात के लिए वो बोले क्यों मैंने कहा मुझे अमन से बात करनी है जिसके लिए प्राइवेसी चाहिए .......


वो बोले ठीक है और उन्होंने एक और रूम बुक कर लिया हमारे बगल वाला रूम भी खाली था तो हमे वो रूम मिल गया ...... ,, रिसेप्शन पर अब भी वही लड़की थी और वो मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी .......

प्रतीक फॉर्मेलिटी पूरी करने लगे और मैं नेहा को ले कर ऊपर आ गया ........ नेहा कमरे में आते ही बेड पर ढेर हो गयी और बोली ओहहह गॉड ऐसा तो मैंने सिर्फ मूवीज में देखा था आज सामने से देख लिया मैंने कहा तुम आराम करो मैं नहा लेता हूं ...... और मैं बाथरूम में घुस गया ....... मेरे बाथरूम के दरवाजे तक पहुंचते ही नेहा ने कहा सुनो वो तुम्हारे होने वाले जीजा मेरे साथ सिस्टर ब्रदर रोल करना चाहते हैं शायद उनकी बहन का नाम श्वेता है ..........।
बहुत ही शानदार अपडेट है
विनय का तो काम तमाम ओ गया है नेहा की चूदाई होने वाली है साथ ही एक राज और खुल सकता है अगले अपडेट में इंतजार रहेगा अगले अपडेट का
 

Sanju@

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नेहा की बात सुन कर मेरे कदम थम गए मुझे एक झटका सा लगा प्रतीक जैसा शांत और सौम्य दिखने वाला इंसान अपनी छोटी बहन के बारे में ऐसा कैसे सोच सकता है .......

लेकिन अगले ही पल मुझे हंसी आ गयी मैं तो भी अपनी बड़ी बहन के बारे में ऐसा सोचता हूं और सिर्फ सोचता कि कहां हूँ मैं तो काफी आगे बढ़ चुका हूं इस रास्ते पर प्रतीक तो सिर्फ सोचते हैं क्योंकि अगर उनका श्वेता के साथ कोई सीन होता तो वो नेहा के साथ roleplay क्यों करने को उत्सुक होते .......


मैं ये सोचते हुए बाथरूम में घुस गया और कपड़े उतार कर शॉवर खोल दिया ठंडा पानी जिस्म पर पड़ते ही मुझे काफी सुकून मिला दिमाग सुन्न से हो रहा था लगातार एक के बाद घट रही घटनाओं से .......

मैं बदन पर साबुन लगाते हुए सोचने लगा कि प्रतीक जिस तरह से नेहा के साथ सेक्स करने को तैयार हैं क्या ये सच मे दीदी से प्यार करते हैं .......? या कोई और बात है और मेरे ही दिमाग ने जवाब दिया प्यार तो तू भी करता है निकिता दीदी से बेहद ......, लेकिन रानी से मिलते ही उसे चोद दिया और ट्रेन में प्रीति के साथ .......

पर वो बस सेक्स था प्यार तो मैं दीदी से ही करता हूँ इसीलिए तो उनके बार बार कहने के बावजूद उनसे सेक्स नही कर रहा खुद को रोका हुआ है ........

तो प्रतीक भी तो नेहा के साथ बस सेक्स करना चाहते हैं ...... ह्म्म्म यानी कि प्यार और सेक्स दो अलग चीजे हैं जिस से हम प्यार करते हैं उसके साथ सेक्स भी कर सकते हैं पर इसका ये मतलब नही हम जिस भी इंसान के साथ सेक्स करें उसे प्यार भी करने लगे ......

अब सब कुछ क्लियर था ....... बदन पर साबुन लगा कर फिर से शावर खोल कर मैं पानी की ठंडक का अहसास करते हुए सोचने लगा कि ....... दीदी के बारे में सब पता चलने के बाद भी प्रतीक ने उनका साथ नही छोड़ा शादी करने को तैयार हैं और दीदी के रास्ते से विनय को हटाने के लिए वो मेरे साथ यहां चले आये हर तरह से मेरी मदद की अब इससे ज्यादा कोई अपने प्यार के लिए क्या करेगा ......


रही बात श्वेता की तो मेरे जैसे उनकी भी कुछ इच्छाएं होंगी कुछ चाहत होगी ..... पर हर कोई मेरे जैसा खुशनसीब थोड़े होता है अपनी अधूरी चाहत को यदि वो नेहा के जरिये पूरा करना चाहते हैं तो इसमे क्या गलत है .......

शॉवर बंद कर के मैं तौलिया लपेट कर बाहर आया ...... नेहा आंखे बंद किये लेटी थी वो काल गर्ल थी लेकिन माल जबरदस्त थी उसे लेटा देख कर एक बार मन मे आया कि चढ़ जाऊं साली पर और चोद दूँ इसे लेकिन तभी मेरा फोन बजने लगा.......


देखा तो दीदी का फोन था वो कॉल रिसीव करते ही वो गुस्से से बोली..........

कल रात से निकले हो और एक कॉल करने की भी जरूरत नही समझी तुमने ........?

मैं- सॉरी दीदी टाइम ही नही मिला घर से निकलने के बाद कोई मौका ही नही मिला बस कुछ ना कुछ होता चला गया .......

दीदी- कैसे हो तुम विकी......

मैं-मैं तो एकदम ठीक हूँ मुझे क्या होना है ......

दीदी-प्रतीक ने मुझे आधी अधूरी बात बताई है मुझे सब जानना है क्या हुआ कैसे हुआ तुम्हे चोट कैसे लगी .......

मैं- दीदी ऐसी चिंता करने वाली कोई बात नही है अभी मैं तुम्हे सिर्फ इतना बता सकता हूँ कि विनय अब इस दुनिया मे नही रहा .......


दीदी- हे भगवान तुमने उसे मार दिया .......


मैं-नही मैंने नही मारा किसी को इसीलिए कह रहा हूँ फुरसत में सब बताऊंगा अभी समय नही है ........

(तभी राजेश चाचा की कॉल आने लगी)

दीदी अभी मैं रखता हूँ सब ठीक है आप अपना ख्याल रखना परेशान मत होना मैं फ्री होते ही आपको सब बताता हूं ......

दीदी- ठीक है विकी लव यू अपना ख्याल रखना और जल्दी से वापस आ जा तेरे बिना मेरा दिल नही लग रहा ....... मैं मुस्कुरा दिया.......


और राजेश चाचा की कॉल ले ली ......

राजेश- मैंने कहा था ना जो करना मुझे बता कर करना ......

मैं- चाचा प्रणाम पर मैंने क्या किया .....

चाचा- बेटा मैं चाचा हूँ तेरा और 22 साल से पुलिस की नौकरी कर रहा हूँ यूँ ही गांड़ नही घिस रहा ......... विनय को पेल दिया और अब अज्ञानी बन रहे हो......

मैं-चाचा मैं अपनी मम्मी की कसम खा कर कहता हूं मैं उसे मारना नही चाहता था जो हुआ वो एक एक्सीडेंट था .......

चाचा- थोड़ा बहोत मुझे पता है बाकी का तुम खुद सच सच बता दो तो बेहतर होगा.......

मैं- पर आपको कैसे पता चला ये सब .....?

चाचा- जिन दो के नंबर तुझे दिए थे उनमें से एक तेरे दिल्ली पहुंचने से ले कर अब तक हर समय तेरे आसपास था विनय की मौत के वक़्त भी ...... उसने सब अपनी आंखों से देखा है ........ उसी ने आधा अधूरा बताया ........

फिर मैंने चाचा को सारा किस्सा कह सुनाया ...... सुन कर वो बोले मान गया भाई तेरी खोपड़ी को अगर तू ये सारी बातें पुलिस को भी बता दे तो कोई खास सज़ा नही होगी तुझे ....... बस साजिश करने का आरोप लगेगा ...... लेकिन मैं ये भी नही लगने दूंगा ........

अगर पहले से ये सब मुझे बताते तो अच्छा होता फिर भी तुम घर के बच्चे हो इसलिए मेरी भी कुछ जिम्मेवारी है और मैंने समशेर(जिसका नम्बर उन्होंने मुझे दिया था) को तुम्हारे पीछे लगा दिया था.......


चलो मैं सब मैनेज करता हूँ किसी तरह थोड़ा पैसा ही लगेगा जिसका इंतज़ाम मैंने कर लिया है........ 50 मेरे और 25 तेरे वापस आ कर अपनी चेक ले लेना मेरे से......


ठीक है अब आराम कर ले और कोई नई खुराफात किये बिना कल वापस लौट आना मैं समशेर को हटा लेता हूँ अब उसकी कोई जरूरत नही ........


मैंने कहा चाचा थैंक्स वो बोले इसकी कोई खास जरूरत नही 70 लाख आ गए हैं मेरी जेब मे सारी जिंदगी ऐश करूंगा अब और हंस दिए ......... फिर उन्होंने फोन काट दिया.........

अब उम्मीद तो बहोत कम थी कि पुलिस हमारे पीछे लगेगी फिर भी अमन को बुला चुका था तो सोचा उसे समझा दूँ और तभी रूम का दरवाजा नॉक हुआ .........

खोल कर देखा तो प्रतीक और अमन दोनो खड़े थे मैंने कहा आप दूसरे रूम में चलो मैं कपड़े पहन कर आता हूँ ......, प्रतीक ने एक बार झांक कर अंदर लेटी हुई नेहा को देखा और फिर मेरा टॉवल देख कर मुस्कुराने लगे .........

फिर वो अमन को ले कर दूसरे रूम में चले गए ...... मैंने दरवाजा बंद किया और नेहा के पास जा कर कपड़े पहनते हुए कहा नेहा ...... एक काम और कर सकती हो वो मुस्कुरा कर बोली बताइए आपके काम काफी इंटरेस्टिंग होते है और पैसा भी अच्छा मिल रहा है हर काम का आपको इनकार करने का तो सवाल ही नही उठता .........

मैंने कहा तुम्हारे और प्रतीक के बीच जो होने वाला है मैं उसे देख तो नही सकता पर सुनना चाहता हूं ...... वो बोली पर कैसे ........

मैंने कहा एक ही तरीका है मैं तुम्हारे नंबर पर कॉल करता हूँ तुम रिसीव कर लो और अपना फोन तकिए के नीचे रख लो कोशिश करना ज्यादातर बातचीत बेड पर ही हो और मैं सुन सकूं ........

उसने कहा ठीक है मैं कपड़े पहन चुका था मैंने कंघी की ...... और नेहा को कॉल की उसने मेरी कॉल रिसीव कर ली और बोली अगर मैं फोन यहां रख लूं तो साउंड क्वालिटी अच्छी होगी ........ उसने अपनी चुचियों की ओर इशारा किया ........ मैंने कहा ठीक है फिर नेहा ने अपना कीपैड वाला छोटा सा फोन अपनी ब्रा में भर लिया..........


मैंने कहा मैं प्रतीक को यहां भेजता हूँ....... और कमरे से बाहर निकलते हुए अपने फोन को रिकार्ड पर लगा कर म्यूट बटन दबा दिया अब नेहा का फोन खामोश हो चुका था और मेरा फोन उस सिरे की आवाज़ें रिकार्ड करने लगा था .......

मैं हमारे पहले वाले कमरे में दाखिल हुआ प्रतीक बेड पर अधलेटा हो कर बियर पी रहा था बेड के पास रखी टेबल पर एक खाली और 7 भरे कैन रखे थे ......अमन वहीं पड़ी कुर्सी पर बैठा था ....... मुझे देख कर प्रतीक उठ बैठा और मुस्कुराया मैं भी उसे देख कर मुस्कुरा दिया आंखों आंखों में हमारे बीच कुछ बात हुई ........

फिर मैंने कहा जीजाजी आप जाओ नेहा का पेमेंट कर दो और वहीं रुको मैं अमन से बात कर लूं आप 3 हजार रुपये और दे दो मुझे मेरे पास पैसे खत्म हैं ....... उन्होंने उठ कर अपना बैग खोला और उस से 500 के नोटो की 2 गड्डियां निकाल कर एक अपनी जेब मे डाल ली और दूसरी से कुछ नोट और निकाल कर अपनी जेब में डालते हुए बाकी नोट मुझे देते हुए बोले ये रखो सारे और फिर टेबल की ओर इशारा कर के बोले इसे भी पिला देना पिये तो और खुद दो 4 कैन उठा कर बाहर निकल गए ..........

मैंने उन नोटो में से 3000 रुपये और अमन को दिए बाकी बचे नॉट अपनी जेब के हवाले कर के मैंने दो बीयर उठाई एक अमन को देते हुए दूसरी खोल ली और घूंट भर कर अमन को भी वही सारी स्टोरी समझाने लगा जो नेहा को समझाइ थी उसने भी बियर के घूंट भरते भरते गौर से सब सुना समझा और बोला समझ गया सर लेकिन आप तो खुद इतने बड़े ऑफिसर हो मुझे पुलिस से डरने की क्या जरूरत ..........


मैंने कहा ये सीक्रेट मिशन था यार मैं लोकल पुलिस को नही फेस करूंगा वरना मामला लीक हो सकता है पहले तो ऐसी नौबत आयेगी ही नही और आयी भी तो तुम और नेहा अपनी इस स्टोरी पर डटे रहना बाकी सब मैं सम्हाल लूंगा अगर कोई जरूरत पड़ी तो तुम्हे क़ानूनी मदद मिलेगी जिसका पेमेंट मैं करूंगा वो बोला थैंक यू सर उसकी बियर खत्म हो गयी थी वो बोला मैं जाऊं सर ....... मैंने हां में सर हिला दिया और वो कमरे से बाहर निकल गया ........

मेरी भी बियर खत्म हो चुकी थी मैंने दूसरी कैन खोल ली ..... और अपना फोन निकाल कर कान पर लगाया प्रतीक को नेहा के पास गए 20 मिनट हो चुके थे मेरे कानों में नेहा की आवाज़ पड़ी..........


नेहा- समझ रही हूं मैं आपकी बात लेकिन ये सब शुरु कब हुआ .......

प्रतीक -मुझे शुरू से ही सेक्स स्टोरीज पढ़ने और पोर्न देखने की आदत थी ...... श्वेता मुझसे 7 साल छोटी है इसलिए तब कभी उस ओर मेरा ध्यान नही गया पर मुझे सबसे ज्यादा उत्तेजना भाई बहन की चुदाई स्टोरी पढ़ कर होती थी फिर मेरी जॉब लग गयी ........ और उस टाइम तक श्वेता 16 साल की हो चुकी थी उसका बदन भरने लगा था और एक दिन जब मम्मी कहीं पड़ोस में गयी हुई थीं और मेरी उस दिन कोई छुट्टी थी बैंक बंद था मैं घर पर ही था.......

श्वेता अपने कमरे में कपड़े बदल रही थी ...... और मैंने उसे गलती से देख लिया उसने कमरे का दरवाजा खुला छोड़ रखा था ....... अपनी 16 साल की जवान बहन को कपड़े बदलते देखने के बाद मेरा नजरिया पूरी तरह से बदल गया ...... और मैं हमेशा उसे छुप छुप कर देखने लगा कई बार मैंने उसकी उतारी हुई पैंटी भी चुरा कर उस पर मुठ मारी है और मेरी चाहत दिन ब दिन श्वेता के प्रति बढ़ती चली जा रही थी ......., लेकिन मैं उसे कभी ये सब जाहिर नही कर पाया......... फिर एक दिन हमारी एक रिलेटिव आंटी ने एक लड़की की तस्वीर दिखाई मेरी शादी के लिए ....... और उस लड़की की तस्वीर देखते ही मुझे उससे बेशुमार प्यार हो गया ....... फिर मैंने धीरे धीरे श्वेता से अपना ध्यान हटा लिया क्यों कि मैं जानता हूँ वो मेरी बहन है और वो बहोत सीधी सादी और भोली है अगर उसे इस बारे में कभी कुछ भी पता चला तो पता नही वो क्या करेगी ........अब मैं बस उस लड़की से शादी करना चाहता हूं अपना घर बसाना चाहता हूं ...... लेकिन उस टाइम तुम्हारे मुह से roleplay वाली बात सुन कर लगा कि पूरी तरह ना सही आधी अधूरी ही सही तुम मेरी चाहत को पूरा कर सकती हो और तुम मुझे अच्छी भी लगी .........

नेहा- ह्म्म्म अब ठीक है पूरी बात समझ कर मुझे भी role को और exiting बनाने में मदद मिलेगी ....... तो आज की रात मैं हूँ आपकी प्यारी छोटी बहन श्वेता और आप मेरे भैया प्रतीक .......

सीन ये है की आज भी उसी दिन की तरह मम्मी घर पर नही हैं और मैं बाहर से आई हूं ....... आप बाथरूम में हो ये बात मुझे मालूम नही है मैं अंदर आ कर कपड़े बदलने लगती हूँ और एकदम नंगी हो जाती हूँ फिर आप अचानक से दरवाजा खोल कर रूम में आते हैं मुझे नंगी देख कर आपका लंड टॉवल में खड़ा हो जाता है और आपको देख कर मैं शर्माती हूँ और खुद को छुपाती हूँ लेकिन आपका खड़ा लंड मुझे भी गर्म कर देता है फिर हम दोनों गर्म हो कर गंदी गंदी डबल मीनिंग बातें करने लगते हैं और आखिर में मुझे यानी श्वेता को चोद देंगे........

प्रतीक- ठीक है मैं समझ गया ......., शुरू करें .......

नेहा- बस ये खत्म कर लें फिर शुरू करते हैं ......... शायद वो बियर पी रहे थे .......

उन दोनों की बातें सुन कर मेरा लंड एकदम गरम हो के खूंटे जैसा सख्त हो गया औरज़ दूसरी बियर खत्म होने के बाद मैंने लाइट ऑफ की और बेड पर लेट कर फोन कान पर लगाये हुए लंड बाहर निकाल लिया और सहलाने लगा .......।

अगले अपडेट में आप सब पाठक अपने लंड और पठिकाएँ अपनी चूत थाम लेना😀😀
बहुत ही सुन्दर और शानदार अपडेट है
प्रतीक नेहा को स्वेता समझ कर चूदाई करेगा आगे देखते ही क्या क्या होता ह
 
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