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Incest जीजा जी की चाहत (incest)

Sin1234

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Maja nahi a raha kahani padhne me vinay ko wapas lao kahani vinay ko hero banao aur rani Vikas ke sath chal chalkar Nikita aur vinay ko mila de tab kahani padhne me interested hogi
 

Birender

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फोन रख कर मुझे याद आया दीदी भी तो यहीं हैं मेरे बगल में और उसी वक़्त खड़े लंड पे मुझे जोर से पेशाब आया ......,
मैंने धीरे से कहा दीदी ...... दीदी ने हूँ कर के जवाब दिया मैंने कहा टॉयलेट करनी है मेरी बात सुन कर दीदी उठी लाइट ऑन की और बाथरूम से वो डिब्बा उठा लायी फिर उन्होंने मुझे बिठा कर मेरी टांगे नीचे लटका कर मेरा लोअर अंडरवियर सरकाया मेरा लंड जो इस समय पूरी औकात पर था वो तन कर रॉकेट जैसे खड़ा था ऐसे में मैं मूतता तो वो डिब्बे में ना जा कर मेरे ऊपर ही गिरता मैंने उसे हाथ से नीचे की ओर झुकाया पर खड़ा लंड भला कभी झुकता है दीदी बड़े गौर से उसे देख कर मुस्कुरा रही थीं ...... मैंने बेबसी से दीदी की ओर देखा दीदी बोली अभी तो मुश्किल लग रहा है ...... ऐसा कर तू इसे एक बार हल्का कर ले ...... उनकी बात सुन कर मेरे लंड ने एक झटका से लिया ...... तभी दीदी बोली एक काम कर मैं थोड़ी देर को अपने रूम में जाती हूँ तू इसे शांत कर ले और उन्होंने अलमारी से एक छोटा तौलिया निकाल कर मेरी ओर उछाल दिया और बोली कपड़े मत गंदे करना फिर वो बाहर निकल गयी और मैं चुतिया जैसे बैठे सोचने लगा ये साला हो क्या रहा है ...... वैसे इस समय मुझे भी लंड की गर्मी निकालने की बेहद जरूरत महसूस हो रही थी तो मैंने विनय का फोन उठाया और दीदी की pic देखते हुए लंड को मुठियाने लगा ...... कोई 15 मिनट तक तेजी से लंड पर हाथ चलाने के बाद भी वो नही हल्का हुआ ऊपर से मेरा हाथ दुखने लगा ...... मैं इस समय थोड़ा सा झुंझलाया हुआ था और तभी एकदम से दीदी अंदर आयी और मेरे हाथ मे खड़ा लंड देख कर बोली लगता है अभी हुआ नही मैंने सर झुका कर ना में सर हिला दिया दीदी कुछ देर तक खड़ी मुझे देखती रही और फिर बोली मैं कुछ हेल्प कर दूं क्या ...... सच कहूं मन तो मेरा भी यही था कि कोई लड़की मेरे लंड को मुठ मार दे तो मैं जल्दी से निपट जाऊं पर इस समय लड़की कहाँ मिलनी थी मुझे ..... लेकिन दीदी के ये कहते ही मेरे मन मे लड्डू फूटा दीदी ने फिर पूछ लिया लगता है तू मुझसे शरमा रहा है चल ठीक है मैं थोड़ी देर और अपने कमरे में जा रही तू निपट ही ले और वो मुड़ी ...... तभी नशे में झूमते मेरे दिमाग ने कहा रोक ले दीदी को आखिर तू भी तो यही चाहता है और वो खुद से पूछ रही हैं तुझसे ..... मैंने कहा दीदी ..... वो दरवाजे के पास पहुंच कर रुक गयी बड़ी अदा से मुड़ कर मेरी ओर देखा उनकी आंखें भी नशीली सी हो रही थीं ..... फिर कुछ सोच कर उन्होंने हाथ बढ़ा कर लाइट ऑफ कर दी कमरे में घुप्प अंधेरा हो गया मेरी सांसे तेज होने लगी तभी मुझे अपनी टांगों के बीच कुछ सरसराहट हुई और इसी के साथ दीदी का हाथ मुझे अपनी जांघ पर महसूस हुआ दीदी मेरी टांगो के बीच आ बैठी थी ....... उनकी गर्म सांसे मेरे लंड पर मुझे महसूस हो रही थी और फिर उनका मुलायम ठंडा हाथ मेरी जांघ से सरकता हुआ मेरे लंड की जड़ पर आ गया और उन्होंने पहली बार मेरे सख्त खड़े लंड को अपनी मुट्ठी में भर का महसूस किया उन्होंने अपने हाथ मे उसे भर कर कस के दबाया पर वो जरा भी नही दबा उल्टे और झटके मारने लगा दीदी ने जड़ से ले कर सुपाड़े तक पूरे लंड को दो तीन बार अच्छे से सहलाया और फिर हौले हौले मेरी मुठ मारने लगी मैं अल्कोहल और सेक्स के नशे में चूर हुआ हवा में उड़ रहा था दीदी के हाथों से मुठ मरवाने में मुझे रानी को चोदने से भी ज्यादा मज़ा आ रहा था और दीदी के हाथों की गति धीरे धीरे बढ़ने लगी ...... धीरे धीरे मेरी आँखे भी अंधेरे की अभ्यस्त हो रही थी और मैंने देखा दीदी मेरे लंड की स्किन को नीचे करते हुए मेरे गुलाबी रसगुल्ले जैसे सुपाड़े को आंखे फाड़ कर गौर से देखने लगी ....... तभी मैंने देखा उन्होंने अपनी गांड़ को थोड़ा सा ऊपर उठा कर दूसरे हाथ से नीचे कुछ एडजस्ट किया ...... शायद उन्होंने अपनी नाइटी ऊपर सरकाई थी अब मुझे अफसोस होने लगा कि अगर मैंने थोड़ी हिम्मत की होती तो शायद ये सब अंधेरे में नही उजाले में होता ...... लेकिन अब तो बात हाथ से निकल चुकी थी ...... दीदी ने अब मेरे लंड को तेजी से मुठियाते हुए ...... अपना चेहरा और झुका दिया था मेरे लंड पर और अचानक से उनकी नाक मेरे लंड पर टच हुई मेरा बदन एकदम से गनगना गया ...... दीदी ने अपना चेहरा पीछे नही किया बल्कि ऐसा लग रहा था वो गहरी सांसे लेते हुए मेरा लंड सूंघ रही हों ये महसूस करते ही मेरे दिल जोर से उछलने लगा तभी दीदी वैसे ही लंड को मसलते हुए खड़ी हुई और दूसरे हाथ से अपनी नाइटी को उपर करते हुए शायद उन्होंने अपनी पेंटी नीचे सरका दी और अगले ही पल उन्होंने बारी बारी से अपनी दोनो टांगे उठाई तो मैं कन्फर्म हो गया कि वो अपनी पेंटी ही निकाल रही हैं मुझे एक हल्की सी झलक उनकी गोरी चिकनी टांगों की मिली मगर अगले ही पल वो फिर से अपने पंजो पर बैठ गयी पर बैठने से पहले उन्होंने अपनी नाइटी पीछे से ऊपर उठा ली थी कमर से ऊपर ...... यानी अब वो कमर से नीचे नंगी थीं नीचे बैठ कर उन्होंने लंड को फिर से पूरी तेजी से हिलाना शुरू कर दिया और साथ ही साथ उनका दूसरा हाथ उनकी टांगों के बीच मे तेजी से हिल रहा था........
उफ्फ्फ दीदी मेरी मुठ मारते हुए अपनी चूत में भी उंगली कर रही थीं ...... मुझे लगा मेरी और रानी की बात सुन कर वो भी गरम हो गयी होंगी फिर मैंने सारे खयाल दिमाग से निकाल दिए और अचानक दीदी के होंठो से एक आहह निकाली मुझे लगा उन्होंने उंगली ज्यादा तेजी से डाल ली अपनी चूत में फिर वो सिसकने लगी और बड़बड़ाने लगी ...... उफ्फ विकी वाकई मस्त लंड है तेरा रानी ठीक कह रही थी ...... इस लंड पर तो कोई भी फिदा हो जाये और इतना बोलते बोलते उन्होंने वो किया जिसकी मुझे उम्मीद नही थी उन्होंने अपने गरम गुलाबी होंठ लंड के सुपाड़े पर रख दिये और मैं उछल पड़ा ...... मेरा हाथ स्वतः दीदी के सर पर आ गया और मैं दीदी के सर को अपने लंड पर दबाने लगा दीदी ने भी मेरी हालत को समझा और मुह खोलते हुए लंड को अंदर जाने का रास्ता दे दिया ...... और लगभग 5 इंच लंड मुह ले कर अपनी जीभ उसके इर्द गिर्द फिराने लगी उनका हाथ अब मेरे आंड़ को सहला रहा था फिर उन्होंने सर को आगे पीछे करते हुए लंड को चूसते हुए मेरे अन्डो को सहलाते हुए तेजी से अपनी चूत में उंगली पेलनी शुरू कर दी उनके मुह से आवाजें आने लगी ......, आआम्म्म्महहहहहह उफ़्फ़फ़ सससससससस ओह विकी ....... और अब मेरी भी कमर नीचे से ऊपर को मूव होने लगी और मैं तेजी से लंड पेलते हुए दीदी का गरम गरम मुह चोदने लगा ....... तभी दीदी ने एक पल को अपना हाथ अपनी चूत से हटा कर मेरे हाथ पर रखा और फिर मेरे हाथ को खींच कर नाइटी के ऊपर से अपने नरम चूचे पर रख दिया आए वापस चूत रगड़ने लगी मैंने बिना कुछ सोचे दो तीन बार उनकी नरम मुलायम चूची को सहलाया उसकी नरमी महसूस की तभी मेरी उंगलियां उनके तन कर खड़े निप्पल से टकराई और मैंने उसे उंगलियों में पकड़ कर भींच दिया दीदी ने एक तेज आह भरी और उन्होंने अपने दांत हल्के से मेरे लंड पर चुभा दिए और फिर मैंने अपना हाथ उनकी नाइटी के अंदर डाला और उनके नंगे सीने को सहलाते हुए दाईं चूची को मसलने लगा बीच बीच मे मैं निप्पल को भी मसल देता था दो मिनट तक ऐसे की करने से दीदी अब पागल सी होने लगी उनकी आहह और सिसकियां तेज होने लगी और अगले ही पल उनका बदन कांपने लगा उन्होंने थरथराते हुए मेरे लंड को जोर से चुस्का मेरे मुह से भी एक आहह निकली और मैंने तेजी से कमर उछाल कर लंड जड़ तक उनके मुह में पेल दिया और मेरे सुपाड़े से गरम वीर्य की तेज धार एक के बाद एक निकल कर दीदी के मुह में समाने लगी अपनी चूत से रस टपकाते हुए चूत को हल्के हाथ से सहलाते हुए दीदी आंखे मूंदे मेरे लंड का गाढ़ा गरम चूस चूस कर पीने लगी आखिरी बून्द तक निगलने के बाद उन्होंने लंड मुह से निकाला और मेरी जांघ पर अपना गाल रख कर सुस्ताने लगी मैं भी अपनी उखड़ी हुई सांसों को नियंत्रित करते हुए दीदी के सर पर हाथ फिराने लगा .......
और दीदी ने मेरा दूसरा हाथ कस के पकड़ लिया और धीरे से बोली ...... i love you viki ...... मैंने भी दीदी का हाथ दबाते हुए कहा ...... love you to didi .......
वक़्त मानो थम सा गया था दीदी से मेरा नया रिश्ता बन चुका था पर इसका अंजाम क्या होगा इससे हम दोनों बेखबर थे ...... फिर कुछ पल बाद दीदी उठी उन्होंने अपने कपड़े सही किये और लाइट ऑन की उनका चेहरा लाल था वो मेरी ओर देख भी नही रही थी यही हाल मेरा भी था अंधेरे नशे और उत्तेजना में घटी इस घटना से हम दोनों शर्मिन्दा थे दीदी ने मेरे पास आ कर वो डिब्बा उठा कर मेरे लंड के नीचे लगा दिया और बोली अब कर लो हो जाएगी ...... मैंने मूतना शुरू किया और डिब्बा लगभग पूरा ही भर गया इसमे हैंडल नही था तो दीदी को दो ओर से उंगलियों से मदद से उसे पकड़ना पड़ रहा था पूरा भरने से वो काफी भारी हो गया था और दीदी की उंगलियां मेरे पेशाब में डूब गई थीं दीदी ने उसकी गर्मी महसूस की होगी और उनके चेहरे पर एक शर्मीली मुस्कान आ गयी ये देख कर मुझे उन पर प्यार आ गया फिर वो डिब्बा ले कर बाथरूम गयी और 5 मिनट में वापस आयी उन्होंने लाइट ऑफ कर दी और मेरे बगल में लेट गयीं ......
दीदी ने कुछ देर बाद मेरी ओर करवट ली और अपना एक हाथ मेरे सीने पर रख कर मुझसे लिपट सी गयीं और मेरे गाल को चूम कर बोली गुड नाईट विकी .......मैंने भी उन्हें अपने सीने पर चिपकाते हुए कहा गुड नाईट दीदी और फिर हम नींद में डूबते चले गए .....।

अगले अपडेट में कहानी में एक मोड़ आने वाला है ..... दोस्तों अभी तक कि कहानी कैसी लगी अपने विचार अवश्य दीजिये ।
Lovely
 
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Birender

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अगला दिन रविवार था और आज मेरे प्लास्टर को 21 दिन हो गए थे और पापा की भी छुट्टी थी वो सबसे पहले मुझे ले कर डॉक्टर के यहां गए मेरे पैर का प्लास्टर कटा और आज 21वें दिन मैं फिर से अपने पैरों पर खड़ा था ......
डॉक्टर ने कुछ हिदायतें दी मुझे जैसे कि कुछ दिन अपने पैर की मालिश करवाना और इस पैर पर ज्यादा जोर मत देना ज्यादा वजन मत उठाना वगैरह वगैरह और फिर हम घर के लिए निकल पड़े रास्ते मे मैंने पापा से गाड़ी रुकवा कर एक किलो रसगुल्ले लिए दीदी को रसगुल्ले बेहद पसंद थे और आज मेरा प्लास्टर कट गया था और दूसरी बात आज सुबह ही प्रतीक की मम्मी का फोन आया था उन्होंने बताया कि वो दो दिन बाद अपनी बेटी और बेटे का साथ हमारे यहां आ रही हैं ......
इतनी सारी खुशी के मौके पर कुछ मीठा टी होना ही था हम घर पहुंचे और मैं सीधा अपने बाथरूम में घुस गया रेजर ले कर एक तो 20 दिन से ठीक से नहाया नही था उस पर मेरी शेव और झांट काफी बढ़ चुकी थी खुजली होने लगी थी ......
मैंने फटाफट अपनी दाढ़ी छीली झांट साफ की और रगड़ रगड़ कर नहाया ...... नहाने एक बाद मैंने देखा मेरा लंड किसी चिड़िया के बच्चे जैसे लटक रहा था इन 14-15 दिनों से मैंने मुठ भी नही मारी थी फिर मेरे मन मे रानी का ख्याल आया इन दिनों में मेरी उससे बस दो तीन बार बहोत थोड़ी बात हुई थी वो हर बार मुझे मिलने की जिद करती लेकिन मैं उसे अपने पैर का हवाला दे कर टाल देता था ......
फिर मैंने कपड़े पहन और नीचे आ कर सबके साथ लंच किया दीदी भी आज खुश नजर आ रही थीं मुझे चलता फिरता देख कर ....... सबने खाना खाया फिर मैंने सबसे पहले दीदी को और फिर मम्मी पापा को रसगुल्ला खिलाया दीदी ने हंसते हुए कहा ये किस खुशी में मैंने कहा आपकी शादी फिक्स होने की खुशी में और सबकी नजर बचा कर आंख मार दी उन्हें उनके चेहरे पर वही प्यारी सी मुस्कान थी अब वो इस फैसले को एक्सेप्ट कर चुकी थीं ......
फिर पापा ने कहा परसों वो लोग आ रहे हैं विकी सब तैयारी अच्छे से करना पहली बार आएंगे वो तो इम्प्रेशन जमा देना मैंने कहा पापा आप फिक्र ना करो मैं सब सम्हाल लूंगा अब मैं एकदम फिट हूँ ..... उन्होंने अंदर से ला कर मुझे 10000 रुपये दिए बोले और जरूरत हो तो मम्मी से ले लेना मैंने कहा ठीक है पापा और फिर मैं दीदी को ऊपर आने का इशारा कर के ऊपर चला गया दीदी पीछे से आई तो मैंने चेकबुक निकाल कर एक चेक पर उनके साइन लिए और फिर मैं घर से निकल गया आज 20 दिन बाद बाहर निकल कर अच्छा लग रहा था ...... मैंने सबसे पहले बैंक जा कर 20000 रुपये निकाले अब मेरी जेब मे 30000 रुपये थे मैं मार्केट चला गया ढेर सारा घर की सजावट का सामान नए पर्दे सोफे के कवर वग़ैरह खरीदे और सब पैक करवा कर घर आ गया मैंने वो सब दीदी को दिया और हम दोनों ने मिल कर घर का हुलिया बदल दिया...... शाम के 6 बजे तक काम कर के हम दोनों ही थक चुके थे .....
फिर मम्मी ने कहा चलो अब तुम दोनों नहा लो और आराम करो सारा काम एक दिन में खत्म कर दोगे तो कल क्या करोगे .....
हम लोग ऊपर आ गए ......, पहले मैं नहाया फिर दीदी नहाने लगी ....., मैं लोअर टीशर्ट डाल कर रूम में बैठा था तभी दीदी भी वही आ गईं और बोली विकी एक बात कहनी थी मैंने कहा हां बोलो दीदी वो बोली आज मन कर रहा है मै चौंक गया मेरा रिएक्शन देख कर वो हंसने लगी और बोली आज मर्स बियर पीने का मन कर रहा ......, उनकी बात सुन कर मैं भी हंस पड़ा और बोला ओहहह मैं कुछ और समझा था ......, दीदी अपना होंठ दांतों से दबा कर बोली वैसे तो सही समझा था मन तो वो भी कर रहा मैंने भी हंसते हुए कहा बस थोड़े दिन और इंतजार कर लो फिर जीजा जी के साथ खूब मन की करना मेरी बात सुन कर वो नकली गुस्से से मुझे देखने लगी और मैंने उन्हें आंख मारते हुए कहा हाय गुस्से में तो और हसीन लगती हो आप ....., वो खिलखिला आकर हंस दी ......
फिर मैं बाजार चला गया और तीन बियर ले कर घर आ गया मम्मी की नजर से बचा कर मैं उसे के कर ऊपर आ गया और दीदी को आवाज़ दी वो फौरन भागते हुए ऊपर आ गईं मैंने उन्हें जेब से निकाल कर कैन दिखाई तो वो बोली अभी नही थोड़ी देर बाद अभी मुझे नीचे जाना पड़ेगा मम्मी पापा को खाना खिला दें फिर मैं आ जाऊंगी और वो नीचे चली गईं मैंने एक कैन खोल ली और पीते हुए रानी को कॉल किया मेरा कल उसे एक बार और चोदने का इरादा बन रहा था उसने कॉल रिसीव कर के कहा हेलो जान तुम तो मुझे भूल ही गए ...... मिलते नही तो कम से कम बात ही कर लिया करो ..... मैंने कहा अब मेरा पैर ठीक हो गया है अब मिलूंगा भी और तेरी चूत की प्यास बुझाऊंगा मेरी रानी वो खुश होते हुए बोली तो कल पक्का करोगे ना मेरी चुदाई मैंने कहा हां करूंगा पर कहाँ अब मैं उसे घर तो नही बुला सकता था उसने फौरन इस समस्या का हल निकाला और बोली मैं दो दिन से अकेली हूँ घर पर मेरी मम्मी मामा के यहां गयी हुई हैं एक हफ्ते के लिए उनकी बेटी की शादी है मैं भी जाती पर शादी वाले दिन ही मेरा एक एग्जाम है इसलिए मैं नही गयी मैंने कहा कोई प्रॉब्लम तो नही होगी वहां वो बोली कुछ नही होगा तुम बस आ जाओ कल बहोत इंतजार करवाया है तुमने अब बस मेरी चूत की प्यास बुझा दो अपने मोटे लंड से मैंने कहा रानी मेरा लंड खड़ा हो रहा है तेरी बातों से तो वो सेक्सी वौइस् में बोली होने दो ना राजा लंड खड़ा ही रहना चाहिए ताकि चूत को मज़े दे सके मैंने कहा लेकिन इस टाइम यहां कहाँ है चूत वो सिसकते हुए बोली मैं हूँ राजा तुम्हारी रण्डी रानी आओ चाट लो मेरी रसीली बुर घुसा दो अपनी जीभ मेरी बुर में एकदम गीली हो रही है मैंने बियर का कैन एक घूंट में खाली कर के बेड के नीचे डाला और बेड पर लेट कर लोअर में हाथ डाल कर खड़ा लंड मसलते हुए बोला हां कुतिया कल तेरी चुत अच्छे से चाटूंगा रानी जीभ डाल कर और मेरा लौड़ा भी तेरे मुह में दूंगा रानी सिसकते हुए बोली आहह विकास मुझे बेहद पसंद है तुम्हारा लंड और उसका रस ऊम्म्म्म बहोत टेस्टी कल मैं चूस चूस कर पी जाऊंगी तुम्हारे लंड का सारा पानी आआहहहहहह विकास मेरी चुचियाँ चूस चूस कर पेल दो अपना लौड़ा चोद दो अपनी रानी की बुर आहहह...... मैं अपना लंड तेजी से मुठियाते हुए बोला हां रानी कल तुझे कुतिया बना के तेरी चुचियाँ मसल मसल के चोदूगा तुझे और तेरी गांड़ भी मारूंगा साली चुदक्कड़ रण्डी उफ़्फ़फ़ ले मेरा लौड़ा मुह में ले ले रानी.......
रानी सिसकते हुए बोली हाय राजा चूत में उंगली कर रही हूं ....., डाल दो लौड़ा मेरी बुर में पेल दो विकास फाड़ दो मेरी बुर आहहह मैं गयी झड़ गयी मेरी रण्डी चुत मैंने अब लंड बाहर निकाल लिया था और तेजी से मुठ मार रहा था मस्ती में मेरी आंखे बंद थीं तभी मुझे कुछ आहट हुई और आंखे खोल कर देखा तो दीदी दरवाजे के बीच मे खड़ी कमर पर हाथ रखे बड़ी गहरी नजरो से मेरे खड़े लंड को देख रही थीं मैंने जल्दी से उसे अंदर किया और रानी को ये बोल कर की बाद में कॉल करता हूँ फोन काट दिया मैंने झेंपते हुए कहा आओ दीदी ......, दीदी आ कर मेरे पास बैठ गईं और बोली लगता है मैंने डिस्टर्ब कर दिया मैंने कहा नही ऐसी कोई बात नही है दीदी मैं तो बस timepass कर रहा था ....... , दीदी मुस्कुरा कर बोली बड़ा मज़ेदार तरीका है ये timepass का आज से मैं भी ऐसे ही timepass किया करूंगी मैं शर्मा गया और नजर झुका ली दीदी ने मेरा गाल खींच कर आये हाये शर्मीले अभी कितनी बेशर्मी की बातें कर रहा था ...... ला निकाल अब कहाँ रखी है मैंने उठ अलमारी से पॉलीथिन में रखी दोनो कैन निकाली और एक उन्हें दे दी हमने अपनी अपनी कैन खोली और पीने लगे पीते पीते दीदी ने कहा पता नही प्रतीक पीता होगा या नही ...... मैंने आजकल बियर तो लगभग सभी पी लेते हैं दीदी ने सर हिलाते हुए कहा हां ये बात तो है लेकिन अगर वो ज्यादा ही शरीफ हुआ तो मुझे भी छोड़नी पड़ेगी मैंने कहा कोई नही जब यहां आओगी मैं पिला दूंगा ना दीदी ने एक घूंट लिया और बोली ये भी सही है इसी बहाने मैं जल्दी जल्दी आया करूंगी मैंने भी घूंट भरते हुए कहा और गर उन्होंने जल्दी जल्दी ना आने दिया तो इतनी सुंदर बीवी को कौन दूर जाने देगा ...... दीदी मुह बनाते हुए बोली मुह नोच लुंगी उसका और फिर हम जोर जोर से हंसने लगे ......

दीदी ने अपनी बियर पहले खत्म की मेरी दूसरी थी तो मैं आराम से पी रहा था मैंने उन्हें छेड़ते हुए कहा आप तो बेवड़ी हो गयी हो इतनी जल्दी तो मेरी भी नही खत्म हुई वो बोली मुझे खाना लेने भी जाना है नीचे फिर वो खाना लेने चली गईं और एक ही थाली में दोनो का खाना ले आईं ......
उन्होंने पेपर डाल कर थाली रखी और फिर सामने पालथी मार के बैठ गईं और मुझे खिलाने लगी मैंने कहा भी की अब मेरा पैर ठीक है ना दीदी मैं खा लूंगा वो थोड़ा स उदास हो कर बोली खा ले ना कुछ दिन की बात और है फिर मैं चली जाऊंगी तब खाते रहना खुद से उनकी बात सुन कर मैं भी थोड़ा सा उदास हो गया ....... फिर मैं भी उन्हें खिलाने लगा खाना खत्म कर के वो बर्तन ले कर नीचे चली गईं और मैंने हाथ मुह साफ कर के एक सिगरेट सुलगाई ......
आज पहली बार मैं सिगरेट पी रहा था दोस्तो से सुना था बियर पीने के बाद सिगरेट पीने से बियर का मज़ा दुगना हो जाता है यही सोच कर मैंने एक गोल्ड फ्लैग ले ली थी ....... मैंने बस दो ही कश लिए थे कि किसी के आने की आहट मिली मैंने डर के जल्दी से सिगरेट बुझा कर बेड के नीचे डाल दी .....
तभी दीदी कमरे में एंटर हुई और घुसते ही कुछ सूंघने लगी फिर वो बोली तू स्मोक कर रहा था मैंने कहा हां लेकिन मुझे पता नही था आप हो इसलिए फेंक दी दीदी ने पूछा कहाँ फेंकी मैंने बेड के नीचे इशारा कर दिया दीदी ने फौरन अपने हाथों पैरों पर झुक कर सर बेड के नीचे घुसा दिया और सिगरेट ढूंढने लगी पर वो कुछ ज्यादा ही अंदर चली गयी मुझ पर दो बियर का नशा तो पहले ही था ऊपर से रानी से की हुई वो बातें और अब दीदी का यूँ घोड़ी बनना मेरी नजर उनकी उभरी हुई गांड़ से हट ही नही रही थी और मेरा लंड धीरे धीरे फिर से खड़ा होने लगा ........ आखिर दीदी को वो मिल गयी और वो सिगरेट निकाल कर खड़ी हुई और मुझे दे कर बोली जलाओ इसे मैंने सिगरेट जला ली और एक कश ले कर धुंवा उगलने लगा दीदी ने हाथ बढ़ा कर मुझसे सिगरेट ले ली और होंठो से लगा कर खींची तो उन्हें खांसी आने लगी मैंने उनकी पीठ सहलाते हुए उनसे सिगरेट लेनी चाही पर उन्होंने खांसी पर काबू पाते हुए अपना हाथ पीछे कर लिया और इस बार हल्का कश लिया और धुंवा निकालते हुए बोली ......, धीरे धीरे सीख जाऊंगी मैंने कहा पर ये सीखने की जरूरत क्या है आपको बोली बस यूं ही ......
फिर उन्होंने दो तीन कश ले कर सिगरेट मुझे दे दी और बाकी की मैंने फूंक दी दोस्तों की बात सही थी काफी हद तक अब मेरा नशा एकदम से दुगना हो गया था ......, फिर मैंने उसे बुझा कर फेंक दिया और दीदी उठ कर अपने कमरे में चली गईं मैं चुपचाप लेट गया ...... हांलाकि मेरी मुठ मारने की इच्छा हो रही थी पर मैं थोड़ी देर इंतजार करने के मूड में था लेटे हुए मुझे कुछ याद आया और मैंने उठ कर अलमारी से विनय का फोन निकाला और वापस लेट कर दीदी की नंगी तस्वीरें खोल ली और दीदी का नंगा बदन देखते हुए मुठ मारने लगा.......
लेकिन अभी मेरा लंड ठीक से खड़ा ही हुआ था कि खट की आवाज़ के साथ कमरे की लाइट जल गई और मैंने देखा तो दीदी दरवाजे के बीच मे खड़ी हैं उन्होंने एक ब्लू कलर की सिल्क की नाइटी पहनी थी बाल खुले होंठो में लिपस्टिक उनका ये सेक्सी अवतार देख कर मेरे लंड में हलचल बढ़ गयी और मुझे लगा मैं अपना वादा भूल जाऊं पर मैंने खुद पर काबू किया और चुपचाप उन्हें देखने लगा दीदी ने अंदर आ कर दरवाजा बंद किया और बोली विकी आज मैं यही सो जाऊं मैंने हां में सर हिला दिया.....
उन्होंने लाइट ऑफ की और बेड पर आ गईं परफ्यूम की भीनी सी खुशबू मेरी सांसो में समाने लगी......
दीदी मेरे बगल में लेट गयीं मेरी ओर करवट कर के और फिर एकदम से मेरे सीने से लिपट गयी उनकी मुलायम नाइटी और उसमे छुपा उनका रेशमी बदन मेरे जिस्म में गर्मी भरने लगा मैंने उनकी पीठ पर हाथ फिराते हुए कहा क्या हुआ दीदी ......
दीदी कुछ नही बोली पर उन्होंने मेरे गाल पर अपने होंठ रख दिये और एक गीला गीला किस दे दिया ऊऊममममम विकी आई लव यू ......
मैं मुस्कुरा दिया दीदी ने कुछ देर ऐसे ही लेटी रहने के बाद धीरे से कहा उस टाइम मेरी वजह से तेरा काम अधूरा रह गया था ना मैंने कहा कोई नही दीदी इतना भी जरूरी काम नही था ...... दीदी बोली नही तुम मेरा इतना खयाल रखते हो मेरे लिए इतना कुछ करते हो तो मेरा भी कुछ फ़र्ज़ है और उन्होंने अपना हाथ सीधा मेरे खड़े हो रहे लंड पसर रख कर उसे मुट्ठी में दबोच लिया और सहलाने लगी दीदी के इस अचानक हमले से मैं हकबका गया और दीदी का हाथ पकड़ कर हटाने लगा और बोला नही दीदी ये गलत है प्लीज मत करो ऐसा दीदी ने मेरा हाथ झिटकते हुए कहा मुझे इतना ज्यादा सही गलत नही पता पर आज मेरा भी मन है ज्यादा कुछ नही तो उस दिन जैसे हाथ से ही .......
मैंने कहा प्लीज दीदी जिद मत करो मैं एक बार अपने दिल को समझा चुका हूं किसी तरह लेकिन बार बार ये मुझसे भी नही होगा
दीदी ने कहा देखो विकी मैं जानती हूं अच्छी तरह जानती हूं कि इस वक़्त तुम्हें इसकी जरूरत है और मुझे भी समय बेहद जरूरत है तुम्हारी अभी मेरी शादी में काफी टाइम इतने टाइम तक मैं ऐसे नही रह सकती विनय से मिलने के बाद मुझे इस सब की आदत सी लग गयी है ........
मुझे चिड़चिड़ाहट सी होने लगते है इसके बिना और किस से कहूं किस के पास जाऊं एक तुम ही हो जो मुझे मेरी परेशानियों को समझते हो लेकिन अब तुम्हे भी मेरी परवाह नही है बस कुछ दिन की बाद है फिर मैं चली जाऊंगी फिर नही कहूंगी तुमसे कुछ भी ...... इतना कहते हुए दीदी सिसक कर रोने लगी .......
दीदी को रोते सुन कर मेरे दिल मे एकदम दर्द सा हुआ और मैंने सब भूल कर उन्हें कस के अपनी बाहों में भर लिया उनके सीने से लिपट गया और उनके चेहरे को चूमने लगा पागलों जैसे मैंने दीदी के माथे पर गालों नाक पर आंखों पर और आखिर में होंठो पर चुम्बनों की बौछार कर दी दीदी भी कस के मुझसे लिपट गयीं और बोली लव यू विकी मैंने कहा दीदी पर मैंने उस दिन वादा किया था आपसे मैं अपना वादा नही तोड़ सकता दीदी ने कहा मुझसे किया था ना मैं तुझे आज़ाद करती हूं उस वादे के बंधन से अब और मत तड़पा मुझे मान जा मेरी बात इसके बाद मेरे भी सब्र का बांध टूट गया और मैंने दीदी के चूतड़ पर अपनी मुट्ठी कस के उन्हें जोर से मसलते हुए कहा दीदी लव यू सो मच आपसे दूर रहना मेरे लिए भी आसान नही है पर मुझे ये सब सही नही लगता मेरी वजह से आपकी जिंदगी में कोई संकट आया तो मैं खुद को माफ नही कर पाऊंगा दीदी बोली मैं जानती हूं भाई तू बहोत प्यार करता है मुझे पर मैं खुद को और तुझे यूँ तरसता नही देख सकती .....
मैंने दीदी के मुलायम चूतड़ की मुट्ठी में दबोच कर कहा ठीक है पर हम सेक्स नही करेंगे उस दिन जैसे ही बस एक दूसरे की हेल्प कर देंगे दीदी बोली ठीक तुम्हारी ये बात मैं मान रही हूं ..... और इसी के साथ दीदी ने मेरे लोअर में हाथ डाला और लंड को मुट्ठी में सख्ती से पकड़ कर दबाने लगी ...... लंड को अपने नरम हाथो से दबोचते हुए दीदी ने मेरे कान पर अपने होंठ रगड़ते हुए फुसफुसा कर कहा मेरी नंगी pic देखता है ना तू मैंने कहा नही तो दीदी बोली झूठ क्यों बोल रहा है सच बोल ना मैंने कहा हां दीदी कभी कभी देखता हूँ वो फिर से लंड को मसलते हुए बोली तुझे दीदी का नंगा जिस्म अच्छा लगता है ना मैंने कहा हां दीदी आप बहोत सुंदर हो दीदी ने कहा वो तो मुझे पता है मैं कितनी सुंदर हूँ तेरा लंड मुझे बता रहा है मैंने कहा दीदी प्लीज ऐसे इतनी गंदी बातें मत करो ना वो बोली क्यों रानी से तो बड़े मजे ले कर बातें करता है मैंने कहा उसकी बात और हजे वो तो है ही चालू लड़की दीदी ने कहा गरम होने के बाद हर लड़की चालू हो जाती है और उन्होंने एकदम से मेरे होंठ चूसने शुरू कर दिए मेरा दिमाग मस्ती में शून्य हो गया और मैं भी दीदी की गांड़ सहलाते हुए उनके रसीले होंठो का स्वाद लेने में खो गया ........
कोई 10 मिनट तक हम बुरी तरह से एक दूसरे के होंठो को चूसते रहे और फिर दीदी ने अपनी जीभ मेरे मुह में डाल दी दीदी के मुह का मीठा से स्वाद मेरे लंड को पागल करने लगा मैं अपनी जीभ से उनकी जीभ को चाटने लगा मैंने पोर्न में कई बार ये सीन देखा था पर प्रैक्टिकल ज्यादा मज़ा देता है ....... दीदी की जीभ को चूसते हुए मैंने एक हाथ से उनकी नाइटी ऊपर सरकानी शुरू की और जल्दी ही मैंने उनकी नाइटी उनकी गांड़ से ऊपर कर दी .......
और दीदी की नंगी गांड़ पर हाथ फिराने लगा दीदी सिसकने लगी आहें भरने लगी ऑयर बोली आहहहहहह विकी कितना जादू है तेरे हाथो में फिर वो बोली विकी मेरी तस्वीरे कब तक देखेगा एक बार तो नजरो से देख ले मेरा नंगा बदन मैंने कहा दीदी एक बात अच्छे से समझ लो मैं तुम्हें ना चोदने की बात मैं सोच भी नही सकता तो आप ये मत सोचो की आप ऐसे मुझे उत्तेजित कर के अपने मन की कर लोगी दीदी बोली विकी मैं समझ रही हूं तेरी बात मेरी चुत में अपना लंड मत डालना पर इसके अलावा बाकी सब तो कर ले ना मैं चाहती हूं ऐसा मेरी खुशी के लिए मैंने कहा ठीक है दीदी उसके अलावा मैं जो भी कर सकता हूँ करूंगा लेकिन रोज रोज नही ok दीदी बोली ठीक है बाबा पर हफ्ते में एक बार पक्का इतना तो ठीक है ना मैंने कहा ok फिर दीदी बेड से उतर गयीं और जा कर लाइट ऑन कर दी कमरे में रोशनी फैल गयी दीदी के बाल बिखरे रहे उनकी पिंक लिपस्टिक गायब थी उनके होंठ कुछ सूज से गए थे ......
दीदी ने अपनी नशीली आंखों से मुझे देखा और फिर एक झटके से अपनी नाइटी उतार कर फेंक दी अंदर उन्होंने कुछ नही पहना था एक सूत भी नही था उनके जिस्म पर एलईडी की रोशनी में उनका गोरा चिकना बदन किसी मूरत जैसा चमक रहा था वो मस्तानी चाल से चलती हुई मेरे पास आयी और बेड पर चढ़ कर मेरी जांघो पर बैठ गयीं और मेरी टीशर्ट ऊपर उठाते हुए निकाल दी मेरा खड़ा लंड उनकी गांड़ की दरार में फंसा हुआ झटके ले रहा था ......
दीदी ने लंड की गर्मी और चुभन गांड़ पर महसूस कर के सिसियाते हुए अपनी टांगे मेरी कमर पर कैंची बना कर लपेट दी और मेरे बालों को मुट्ठी में जकड़ते हुए झुक कर मेरे होंठो को चूमते हुए बोली आज सुबह से चिकना हो के घूम रहा है तभी से मेरा मूड बन रहा था तुझे खा जाने का और दोबारा मेरे होंठ चूसने लगी ....... कुछ देर तक जी भर के मेरे होंठ चूसने के बाद उन्होंने मुझे छोड़ा और मेरे ऊपर से उठ कर मेरा लोवर निकालने लगी उन्होंने खींच खींच कर जल्दी से मेरा लोअर और अंडरवियर निकाल फेंका और अपनी तरह मुझे भी नंगा कर दिया ......
और गौर से मेरा खड़ा लंड देखने लगी उन्हें ऐसे लंड देखते देख कर मेरा दिल जोर से धड़कने लगा मैंने कहा ऐसे क्या देख रही हो दीदी.....?
दीदी ने होश में आते हुए कहा कितना प्यारा लंड है जी कर रहा इसे कच्चा खा जाऊं दीदी की बात सुन कर मैंने कहा बस कुछ दिन रुक जाओ फिर जीजा जी का लंड खूब मज़े से खाना मेरी बात सुन कर दीदी ने लंड को मुट्ठी में भर कर दबाते हुए कहा पता नही कैसा होगा उनका मैंने कहा अच्छा ही होगा चिंता ना करो दीदी मेरे बाजू में बैठते हुए अपना सर मेरी गोद मे रख कर लेट गयीं और मेरे लंड को अपने गाल पर रगड़ते हुए बोली पता है विकास मैं हमेशा से ऐसा सोचती थी कि मेरा पति बहोत ही सेक्सी हो वो दिन रात भर मेरे साथ सेक्स करे मेरी सेक्स की हर ख्वाइश को पूरी करे...... सबसे पहले मुझे विनय मिला वो काफी हद तक वैसा था जैसा मैंने सोचा था शायद इसीलिए मैं इतनी जल्दी उसकी ओर आकर्षित हो गयी उसके बाद मुझे तुम भी काफी कुछ वैसे ही लगे शायद इसी वजह से तुम्हारी बहन होने के बावजूद भी मैं खुद को रोक नही सकी और तुमसे इतना खुलती गयी पर पता नही ये प्रतीक वैसा होगा या नही अगर ये बहोत सीधा सादा हुआ तो मेरी लाइफ तो झंड हो जाएगी मैं दीदी की बात सुनकर हंस पड़ा और दीदी का ये रूप देख कर हैरान भी था ...... मैंने एक हाथ दीदी के सीने पर रख कर उनकी चूची सहलाते हुए पूछा दीदी पर आपको सेक्स का इतना बुखार चढ़ा कैसे दीदी ने मेरे सुपाड़े पर एक बार जीभ फिरा कर चाट लिया और बोली मोबाइल पर पोर्न देख कर और सेक्स स्टोरीज पढ़ कर ......मैंने हैरान होते हुए पूछा आप भी वो बोली हां मैं भी ....... तीन साल से मैं लगभग रोज ही रात में मोबाइल पर पोर्न देख कर या सेक्स स्टोरीज पढ़ कर चूत में उंगली करती हूं ......
अब और कुछ पूछने की जरूरत नही थी मैंने दीदी के निप्पल को उंगली से सहलाना शुरू कर दिया और दीदी की आंखे बंद हो गयी उनकी सांसे तेज होने लगी और वो अपनी टांगों को भींचते हुए अपनी बुर दबाने लगी .......
मैंने कहा दीदी उन्होंने अपनी बोझिल आंखे खोल कर मुझे देखा और बोली हूँऊऊ मैंने कहा कभी 69 किया है ये सुनते ही उनकी आंखों में चमक आ गयी वो जल्दी से उठी और बोली नही किया तो आज करती हूं ना और मेरे सीने पर हाथ रखते हुए मुझे लिटा दिया मेरा लंड तन कर छत को घूर रहा था दीदी मेरे सर के दोनो ओर पैर रख कर खड़ी हो गयी उनकी उभरी हुई सुडौल गांड़ देख कर मुझे प्रतीक की किस्मत पर जलन होने लगा कि वो साला अब रोज मज़े लेगा इसके फिर मुझे अपने ख्याल पर हँसी आयी साला तो मैं हूँ उसको वो तो मेरे जीजा हैं तभी दीदी नीचे बैठ गईं और उनकी गांड़ के दरवाजे खुले और मुझे दीदार हुआ दीदी की गांड़ की गहरी दरार और उसके बीच मे कसे हुए नन्हे से भूरे छेद का दीदी का गांड़ का छेद देख कर मेरा लौड़े से एक बूंद छलक आयी उधर दीदी भी मज़े से बैठी मुझे अपनी गांड़ के दर्शन करवा रही थीं और फिर उन्होंने आगे को झुक कर मेरा लंड पकड़ कर जोर से दबाया और वो बून्द सुपाड़े से बहने लगी दीदी ने फौरन जीभ निकाल कर उसे चाट लिया और फिर सुपाड़े को होंठो में दबा लिया ...... दीदी के लंड पर हुए इस हमले से मेरा भी खुद पर नियंत्रण खत्म हो गया और मैंने दोनो हाथो से दीदी की नंगी भरी हुई सुडौल गांड़ को थाम कर उन्हें अपने मुह पर खींच लिया दीदी की गांड़ का छेद मेरे होंठो पर आ कर टिक गया और मैंने देर ना करते हुए उस नन्हे से छेद को चूम लिया होंठो का स्पर्श मिलते ही वो छेद कुछ और सिकुड़ सा गया और मैंने जीभ निकाल के दीदी की गांड़ की दरार को ऊपर से नीचे तक चाटना शुरू कर दिया दीदी की गांड़ चाटते हुए मैंने उनके नंगे चूतड़ों को भी जोर जोर से मसलना शुरू कर दिया दीदी भी मदहोश हो कर अपनी गांड़ को मेरे मुह पर दबाते हुए मेरा पूरा लंड अपने मुह में गपक ली और गर्दन हिला हिला कर चूसने लगी ......, उनके मुह से अजीब सी आवाज़ें निकल रही थीं और उन्होंने एक हाथ से मेरे लटक रहे आंड़ पकड़ लिए और उन्हें सहलाते हुए तेजी से अपनी गर्दन हिलाने लगी दोनो ही मस्ती और नशे में डूबे हुए एक दूसरे को ज्यादा से ज्यादा सुख देने की कोशिश कर रहे थे ..........
तभी दीदी ने मेरा लंड मुह से निकाल कर कहा विकी मेरी चूत भी प्यासी है पर लगता है तुझे मेरी गांड़ ज्यादा पसन्द आयी इतना बोल कर उन्होंने फिर से लंड मुह में लिया और चूसने लगी .......
मैंने दीदी की गांड़ के छेद से मुह हटाया और कहा दीदी आपका एक एक अंग लाजवाब है मुझे तो प्रतीक से जलन हो रही है कि अब वो साला रोज इस जिस्म के मज़े लेगा और फिर मैंने दीदी की कमर पकड़ कर उन्हें थोड़ा सा ऊपर खींचा और अब दीदी रसभरी फूली हुई गुलाबी फांको वाली नन्ही सी बुर मेरी नजरो के सामने थी जिसके लिप्स आपस मे कस के चिपके हुए थे मानो अंदर कोई खजाना भरा हो और वो उसकी सुरक्षा कर रहे हों बुर के उन होंठो पर नमी सी थी और मैंने अपनी नाक दीदी की बुर पर रगड़ कर एक गहरी सांस ली दीदी की बुर की मस्त खुशबू मेरे लंड को और सख्त कर गयी और मैंने अपने होंठो में दीदी की बुर को दबा लिया इसी के साथ दीदी के मुँह से एक घुटी घुटी सी चीख निकल गयी क्यों मेरा 6 इंच का लंड उनके मुह में घुसा हुआ था मैंने चूत की फांको को मुह में भर चूसते हुए अपनी जीभ की नोक से दीदी के चूत के दाने को रगड़ा और दीदी ने कस के अपनी चूत मेरे मुह पर दबा दी अपनी गांड़ को हिलाते हुए अपनी चूत मेरे मुह पर रगड़ने लगी ........ मैंने जीभ को नुकीला किया और दीदी की बुर में घुसाने लगा जल्दी ही मेरी आधी जीभ दीदी की बुर की गहराइयों में विचरण करने लगी और दीदी की कमर में हरकत होने लगी वो अपनी चूत में मेरी जीभ और अंदर लेना चाहती थी पर ये जीभ थी लंड नही दीदी ने अब लंड मुह से निकाल कर मुह में भरे हुए थूक को लंड पर उगल दिया अपने हाथ से अपना थूक लंड पर चुपड़ते हुए उसे मुठियाने लगी और दूसरे हाथ से मेरे अन्डो से खेलने लगी फिर मुठ मारते हुए उन्होंने मेरे दोनो आंड़ एक साथ मुह में भर लिए और उन्हें चूसते हुए तेजी से अपने हाथ को गति दे दी उधर मेरी जीभ दीदी की चूत के कोने कोने की तलाशी लेने में लगी हुई थी ...... और मैंने एक उंगली उनकी गांड़ के कैसे हुए छेद पर रख कर उसे सहलाना शुरू कर दिया दीदी इस दोतरफा हमले से बेहाल हो गयी और सिसकते हुए बोली aahhhhh विकी चूस ले दीदी की बुर पी ले मेरी बुर का रस मैं गयी मेरे राजा भैया aahhhhhhh झड़ गयी तेरी दीदी की चूत और इसी के साथ वो अपनी बुर मेरे मुह पसर रगड़ती हुई स्खलित होने लगी उनका बदन बुरी तरह कांप रहा था झटके ले रहा था थरथरा रहा था........
फिर धीरे धीरे वो शांत होने लगी और कुछ देर तक ऐसे ही निढाल पड़ी रही .......
कुछ मिनट बाद उन्होंने मेरे ऊपर से उठ कर शर्माते हुए मेरी ओर देखा और बोली सॉरी विकी लगता है मैं कुछ ज्यादा ही बेशर्म बन गयी थी मैंने मुस्कुरा कर कहा पर मुझे बहोत मज़ा आया आज मेरी बात सुन कर वो भी मुस्कुराने लगी और बोली मुझे भी और मेरे होंठ चूमने लगी मेरे होंठो पर उनकी चूत का रस लगा हुआ था.....
फिर उन्होंने मेरा लंड पकड़ कर कहा उफ्फ कितना गर्म है ये मैंने कहा हां इतना कुछ होने के बाद ये ठंडा रह भी कैसे सकता है फिर उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर खींचते हुए मुझे बिठा दिया और बोली अभी मेरा मन और चूसने का है इसे मैं बेड के एज पर टांगे लटका कर बैठ गया और दीदी मेरी टांगों के बीच पंजो पर बैठ गयी एक बार मेरी आँखों मे देखा और फिर मुह खोल कर धीरे धीरे लंड को निगलने लगी पूरा लंड अपने मुह में भर कर वो अपनी जीभ लंड के चारो ओर फिराने लगी .......
और मेरी हालत खराब होने लगी मैंने भी दीदी के सर पर हाथ रखा और फिर उनके खुले हुए रेशमी बालों को मुट्ठी में जकड़ते हुए उनका सर अपने लंड पर दबा कर अपनी कमर को झटके देते हुए उनके गीले गरम मुह को कस के चोदने लगा मेरे लंड की जड़ से दीदी का थूक टपकते हुए उनकी सुडौल नंगी चुचियो को भिगो रहा था और दो मिनट में ही दीदी की हालत खराब होने लगी उनके गले से गों गों की आवाज़ आने लगी और वो खांसने लगी मैंने आवाज़ सुन कर आंखे खोली और दीदी को गला सहलाते देख एकदम से लंड उनके मुह से निकाल कर खड़ा हो गया दीदी कहा क्या विकी कर ना मैं कहा आपको तकलीफ हो रही है दीदी वो बोली नही तो मुझे तो मज़ा आ रहा था वाइल्ड सेक्स ही मज़ा देता है मुझे आंख मार कर फिर से सुपाड़े को चूसने लगी ......
मैंने कहा दीदी उन्होंने मेरी आंखों में देखा लंड चूसते हुए मैंने कहा दीदी एक बार घोड़ी बन के दिखाओ न मैं आपको वैसे देखते हुए मुठ मार लूंगा मेरी बात सुन कर दीदी ने लंड छोड़ा और उठ खड़ी हुई ...... और बेड के किनारे पर चढ़ कर अपन सर आगे टिका दिया और अपनी टांगे फैलाते हुए अपनी गांड़ पीछे को उभार दी ...... फिर उन्होंने अपने दोनो हाथ पीछे कर के अपने गांड़ पर रखे और दोनो हाथो से दोनो चूतड़ों को फैला दिया उफ़्फ़फ़ दीदी को ऐसे देख कर मेरा लंड फटने को हुआ और मैं दीदी के थूक से भीगे अपने लंड को तेजी से मुठियाने लगा एक हाथ से मुठ मारते हुए मैंने दूसरा हाथ दीदी के चूतड़ पर फिराते हुए उनकी गांड़ के छेद से खेलना शुरू कर दिया और दो मिनट में ही मैं सिसकते हुए बोला आहह दीदी निकलने वाला मेरी आवाज सुनते ही दीदी झटके से उठी और मेरे सामने जमीन पर बैठ कर बड़ा सा मुह खोल कर लम्बी सी जीभ निकाल दी और मेरी आँखों मे देखते हुए बोली झड़ जा भाई निकाल दे अपने लंड की गर्मी ....... और मेरी टांगे भी कांपने लगी और सुपाड़े से एक तेज धार निकल कर दीदी खुले मुह से ले कर उनके माथे तक उन्हें भिगोती चली गयी और फिर एक के बाद दूसरी तीसरी चौथी कोई 9-10 फुहारें दीदी के पूरे जिस्म पर गिरती रही उनका मुह वीर्य से भर चेहरे के हर हिस्से पर गाढ़ा सफेद पानी बह रहा था और उन्होंने मुझे देखते हुए उंगली से वो सारा समेट कर अपने खुले हुए मुह में इकट्ठा करना शुरू कर दिया एक एक कतरा मुह में इकट्ठा करने से उनका मुह एकदम भर गया और वो ऐसे ही बैठी रही मुह खोले मैंने उनकी ओर देखा तो उन्होंने इशारे से पूछा इसे पी लूं मेरा मुह तो खाली था ....... तो मैंने बोल कर जवाब दिया जैसी तुम्हारी मर्ज़ी और उन्होंने मुह बन्द करते हुए घूंट भर कर सारा वीर्य गटक लिया ...... फिर मेरे लंड को पकड़ कर एक बार अच्छे से निचोड़ते हुए दबाया तो दो तीन बूंदे और छलक आयी दीदी ने उसे जीभ से समेटते हुए एक चटकारा लिया और बोली उम्म्म मैंने कहा अब बहोत हुआ बस चुपचाप सो जाओ दीदी ने सर हिलाते हुए अपनी नाइटी उठा कर पहनी मेरा लोअर मुझे दिया मैंने भी उसे पहन लिया और टीशर्ट भी उठा कर पहन ली और बाथरूम आ गया पर मैंने दरवाजा बंद नही किया अब इसमें दीदी से कुछ छुपाने जैसा था भी नही और खड़े खड़े मूतने लगा पीछे से दीदी भी आ गयी और एक पैर उठा कर उठा कर कमोड पर रख कर खड़े खड़े मूतने लगी ....... उनकी चूत से तेज आवाज़ के साथ पेशाब की धार कमोड में गिर रही थी और ........ और मेरा और उनका पेशाब मिल कर एक हो रहा था ....... उनकी ये हरकत देख कर मैं मुस्कुरा कर बोली गंदी दीदी और फिर हम मूत कर वापस कमरे में आ गये दीदी ने लाइट ऑफ की हम बेड पर आ गए और मेरे लेटते ही दीदी आ कर छिपकली जैसे मुझसे चिपक कर बोली goodnight मैंने भी उन्हें good night बोला और फिर हम सो गए ........।
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Birender

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कुछ देर की खामोशी के बाद मेरे कानों में कुछ खटपट की आवाज़ें आयी और फिर ......... और फिर कपड़ो की हल्की सरसराहट ....... मैंने एक नजर घड़ी पर डाली रात के 10 बज रहे थे ......

तभी मेरे कानों में दरवाजा खुलने की आवाज़ आयी और प्रतीक इस कमरे में दाखिल हुए अंधेरा देख कर उन्होंने मुझे आवाज़ दी और बोले विकास सो गए क्या मैंने कोई प्रतिक्रिया नही दी और फिर वो दरवाजा बंद कर के बाहर चले गए ........


दो मिनट बाद मैंने उठ कर जल्दी से बैग से अपने वायरलेस इयर बड्स निकाले और उन्हें कनेक्ट कर के एक कान में बड डाला और धीरे से रूम का दरवाजा खोल कर झांका बाहर गैलेरी में सन्नाटा था और मैं बाहर आ गया एक बार गैलेरी के दूसरे सिरे पर बनी सीढ़ियों तक गया और हर कमरे के दरवाजे पर नजर डाली कुल 12 कमरे थे 6-6 दोनो ओर एक दूसरे के सामने और हमारा कमरा आखिरी छोर पर था ।

इन 12 में से 8 कमरे खाली थे दो हमारे थे और दो अन्य बुक थे मैंने दीवार पर लगे हुए स्विच बोर्ड के बटन दबाने शुरू किए और गैलेरी की एक लाइट छोड़ कर जो सीढ़ियों वाले सिरे पर जल रही थी बाकी सब ऑफ कर दी और गैलेरी में लगभग अंधेरा हो गया और मैंने नीचे बैठ कर प्रतीक और नेहा के कमरे के दरवाजे के की होल पर आंख लगा दी छोटा सा कमरा था .......

सामने बाथरूम का दरवाजा नजर आ रहा था ......... नेहा बेड के पास खड़ी अपनी जीन्स उतार रही थी फिर उसने अपना टॉप भी निकाल दिया और ब्रा से फोन निकाल के उसे अजीब सी नजरों से देखा और फिर तकिए के नीचे छुपा दिया और बेड पर लेट गयी फिर उसने ब्रा को उपर सरका कर अपनी दूध जैसी गोरी चुचियाँ बाहर निकाल ली वाकई नेहा बेहद खूबसूरत थी हद से ज्यादा मुझे एक बार अफसोस हुआ कि मैने उसकी बात क्यों नही मान ली ........

उसके निप्पल किसी किसमिस के दाने जैसे लग रहे थे गुलाबी बादामी रंग के उसने एक हाथ से अपनी चुचियों को सहलाया आए दूसरा हाथ अपनी पैंटी में घुसा कर अपनी सैकड़ों बार चुदी हुई चूत सहलाने लगी ....... (आखिर अब उसे वो काम करना था जो उसका काम था जिसमे वो एक्सपर्ट थी)

कुछ मिनट तक वो ऐसे ही अपने अधंनगे बदन से खेलती रही और तभी बाथरूम का दरवाजा खुला और प्रतीक बाहर आया उसने एक बड़ा तौलिया लपेटा हुआ था ...... पर उसमे उसका खड़ा और बड़ा लंड साफ उभरा हुआ नजर आ रहा था ........

नेहा को यूं अधनंगी लेटी देख कर उसने फौरन अपने लंड को सहलाया और बोला अरे श्वेता तुम यहाँ क्या कर रही कान में लगे हुए बड में मुझे उसकी धीमी लेकिन साफ आवाज़ सुनाई दी .......

प्रतीक की आवाज़ सुनते ही नेहा ने आंख खोल कर उसे देखा और चौंकने और घबराने की शानदार एक्टिंग करते हुए अपनी चुचियाँ हांथो से ढक ली पर लड़की की नंगी चुचियाँ ढकने में कपड़े भी असफल हो जाते हैं तो हाथो की क्या बिसात ........

नेहा ने फिर भी अपनी चुचियाँ छिपाते हुए कहा भैया आप कब आये आज आफिस नही गए क्या .......

प्रतीक ने जैसे ही नेहा के मुह से भैया सुना उसका लंड तौलिए के अंदर उछल कूद करने लगा ........

उसने कहा आज तो मैं आफिस गया ही नही छुट्टी है मेरी लेकिन तुम आज मेरे रूम में कैसे श्वेता.....?

नेहा बोली...... भैया मैं तो रोज ही स्कूल से आ कर आपके कमरे में ही सोती हूँ यहां शांति रहती है आप तो शाम को 6 के बाद ही आते हो इसलिए मैं यहीं आ कर सो जाती हूँ लेकिन मुझे क्या पता आप आज आफिस नही गए हो .......


प्रतीक ने अपना खड़ा लंड तौलिए के ऊपर से मसला और बोला ...... तुम रोज ऐसे ही सोती हो श्वेता जैसे आज सोई हुई थी .......

नेहा ने कहा हां भैया ...... दिन भर ब्रा में कसे हुए दर्द करने लगती हैं इसलिए यहां आते ही कपड़े निकाल देती हूं क्योंकि यहां तो कोई आता ही नही .......


प्रतीक ने कहा सही करती हो मैं भी तो कमरे में आते ही सारे कपड़े निकाल देता हूं सिवा इस तौलिए के ....... और मुस्कुराते हुए बेड पर बैठ गया .......

नेहा ने उठ कर बैठते हुए अपना टॉप पहनने की कोशिश की तो प्रतीक ने उसका हाथ पकड़ लिया और बोला जैसे आराम मिले वैसे रहना चाहिए श्वेता ...... तुम ये ब्रा भी निकाल दो और आराम से बैठो ......

नेहा ने शर्माने की शानदार अभिनय करते हुए कहा ...... हाय भैया आपके सामने शर्म आएगी ना ब्रा उतारने में ........ और अपना मुह हाथो में छिपा लिया .........

प्रतीक बोला तो क्या हुआ मैं तो घर का हूँ ना तुम्हारा बड़ा भाई मैं थोड़े किसी को बताने जा रहा कि मेरी जवान बहन नंगी सोती है अपने भैया के कमरे में ...... और सच तो यही है कि नंगे सोने का अपना ही अलग मज़ा है...........

नेहा बोली ....... लेकिन भैया मुझे तो शर्म आती है आपसे ....... और उसने अपनी आंखों से हाथ हटा के प्रतीक की ओर देखा .........

प्रतीक ने कहा अच्छा एक काम करते हैं आज हम दोनों भाई बहन नंगे हो के सोते हैं मम्मी भी घर पर नही हैं और शाम तक ही आएंगी ....... रही तुम्हारी शर्म की बात तो उसके लिए तुम्हे थोड़ा सा बेशर्म बनना पडेगा मेरी तरह ....... ये कहते हुए प्रतीक ने अपना टॉवल सामने की ओर से खोल दिया और उसका लंड ...... क्या गज्जब लंड था वो 8 इंच का एकदम मोटे आलू जैसा सुपाड़ा गोरा लंड उपर से नीचे तक मोटी मोटी नसें उभरी हुई ........

प्रतीक ने लंड पर हाथ फिराते हुए कहा अब तो ठीक है ना भाई भी नंगा बहन भी नंगी ........ और प्रतीक बेड पर सीधा लेट गया ...... उसका खड़ा खूंटे जैसा लौड़ा झटके लेता हुआ बड़ा खतरनाक और आकर्षक लग रहा था .......

मैं सोचने लगा आज तो नेहा की चूत की खैर नही ....... और फिर मुझे याद निकिता दीदी भी तो इसी मस्त लंड से चुदेंगी और ये याद आते ही मेरा लंड भी झटके लेने लगा ..........

नेहा ने बड़े गौर से प्रतीक का लंड देखा और बोली हाय भैया ये क्या है आपकी लुल्ली धत्त भैया आपको शर्म नही आती अपनी जवान बहन के सामने नंगे होने में और भैया ये इतनी लंबी और बड़ी कैसे हो गयी ........

प्रतीक बोला ये लुल्ली नही लौड़ा है श्वेता और ये बड़ा इसलिए हुआ है क्यों कि इसने तुम्हे नंगी देख लिया है पर तुम उसकी चिंता ना करो ये दिन मे कई बार बड़ा छोटा होता रहता है........

तुम भी लेट जाओ ना...... और नेहा भी प्रतीक के बगल में सीधी लेट गयी ...... प्रतीक ने नेहा की ओर करवट ली ....... और बोला श्वेता भैया तो नंगे हो गए पर तुमने अभी तक कपड़े पहने हुए हैं .......


नेहा बोली उफ़्फ़फ़ भैया एकदम नंगी हो जाऊं क्या आपके सामने ...... प्रतीक बोला और क्या हो जाओ ना......नेहा बोली यानी का आपका भी मन करता है अपनी बहन को नंगी देखने का ...... उफ़्फ़फ़ भैया आप कितने बेशर्म हो ...... अपनी बहन को नंगी देख के कौन अपना लंड बड़ा करता है .......

प्रतीक बोला मुझे लगता हर भाई का लंड खड़ा हो जाएगा आगर उसकी बहन उसके सामने नंगी हो तो ....... अब जल्दी से नंगी हो जाओ श्वेता या फिर मैं ही तुम्हे नंगी कर दूं .........

नेहा ...... थोड़ा घबराते हुए बोली नही नही आप मत करो मैं खुद ही हो जाती हूँ ....... और फिर नेहा बेड पर ही खड़ी हो गयी और अपने हाथ पीछे ले जा कर ब्रा के हुक खोल दिये और उसे अपने जिस्म से निकाल कर फेंक दिया और फिर अपनी तन कर खड़ी सफेद सुडौल चुचियाँ हाथ से सहला कर बोली भैया मैं नंगी होती हूँ तो हवा लगने से मेरे ये बड़े हो जाते हैं.........


प्रतीक बोले हर लड़की के साथ ये होता है इसमे कोई नही बात नही लेकिन तुम्हे इसका नाम नही मालूम क्या ...... नेहा बोली मालूम है ना इसे चूची कहते हैं भैया .......

प्रतीक बोला हां इसे चूची कहते हैं लेकिन ये जो खड़े होते हैं इसे क्या कहते हैं नेहा बोली इसे तो निप्पल कहते हैं प्रतीक बोले वेरी गुड तुम तो सब जानती हो ...... नेहा बोली कहाँ भैया सब कहाँ जानती हो ...... प्रतीक ने लंड को धीरे धीरे सहलाते हुए कहा ok जो नही जानती हो मैं बता दूंगा ना ...... लेकिन पहले पूरी नंगी तो हो जाओ तुम ......


नेहा ने इठलाते हुए अपनी पेंटी थोड़ी सी सरकाई उसकी चुत का एकदम ऊपरी हिस्सा नजर आने लगा ...... प्रतीक की आंखों में चमक बढ़ गयी ........

वो प्यासी नजरो से नेहा का नंगा सपाट पेट उसकी गहरी नाभि और उसकी चिकनी मुलायम टांगो और मोटी गदराई जांघो को देखते हुए अपने सूखे होंठो पर जीभ फिराने लगे ........... और बोले श्वेता जल्दी से नंगी हो ना ....... और नेहा थोड़ा सा शर्माते और मुस्कुराते हुए बोली aaahhh भैया बहन को नंगी देखने के लिए इतना क्यों तड़प रहे हो ........

प्रतीक बोले ......... क्यों कि ना जाने कब से तरस रहा था मैं तुम्हे नंगी देखने के लिए........ सारा दिन तेरी ब्रा में कसे चूचे और लैगी या जीन्स में फंसे हुए तेरी गदराई गांड़ देख देख कर मेरा लंड तड़पता रहता था जब तुम झुक कर झाड़ू या खड़े खड़े झाड़ू लगाती थी तो रोज सुबह तुम्हारी फूली हुई मस्त चुंचिया मेरे लंड को सख्त कर देती थी ........ और जब झुक कर पोंछा लगाती थी तो तुम्हारी उभरी हुई फूली और मोटी गांड़ देख कर मेरे लंड और मुह में पानी आ जाता था ....... फिर अक्सर मैं बाथरूम में तेरी उतारी हुई पैंटी और ब्रा सूंघ कर और चाट कर लंड को शान्त करता था ........और मेरी बड़ी चाहत थी अपनी बहन को नंगी देखने जो आज जा के पूरी हुई ..........

लेकिन तुम पता नही क्यों मुझे इतना तड़पा रही है और जल्दी से नंगी नही हो रही .......

नेहा ने फिर से इठलाते हुए अपनी गांड़ और कमर मटकाई और बोली हाय भैया मैं आपकी बहन हूँ शर्म आती है आपके सामने नंगी होने में ...... मैं एक काम करती हूं दूसरी ओर घूम कर नंगी हो जाती हूँ और नेहा बड़ी चालाकी से अपनी गांड़ प्रतीक की ओर घुमा कर खड़ी हो गयी ......

नेहा ने एक बार मुड़ के प्रतीक की ओर देखा प्रतीक किसी भूखे कुत्ते जैसा नेहा की ब्लू कलर की छोटी सी कच्छी में फँसे उसके गोरे चूतड़ देख कर लंड सहला रहा था....... नेहा ने एक बार अपने चूतड़ों को शेक किया और फिर थोड़ा सा टांग फैला के खड़ी हुई और अपनी पैंटी नीचे सरकाते हुए पंजो तक ले जा कर झुक कर खड़ी हो गयी .........

उफ़्फ़फ़ उसकी नंगी गांड़ खुले हुए चूतड़ उनके बीच की गहरी दरार और बीच मे कैसे हुए उभारदार गांड़ के छेद को देख कर प्रतीक के साथ साथ मेरा मुह में भी पानी आ गया और मेरा लंड एकदम से उछल पड़ा मैंने उसे मुट्ठी में भर के दबाते हुए ...... जोर से मसल दिया ...... और अंदर नजरें जमा दी........

प्रतीक की तो जैसे सांस ही थम गई वो नजारा देख कर और नेहा अपना रण्डीपन दिखाते वैसे ही गांड़ खोले खड़ी रही और फिर पीछे से घुमा कर बोली उफ़्फ़फ़ भैया इतने गौर से क्या देख रहे हो .......प्रतीक बोला बस देख रहा हूँ मेरी नंगी बहन कितनी खूबसूरत और सेक्सी लग रही है दिल करता है बस ऐसे ही देखता रहूं हमेशा सारी उम्र ........

नेहा बोली पर मुझे तो बड़ी शर्म आ रही है ऐसे अपने भैया के सामने अपनी गांड़ खोलने में मैं और नेहा ने अपने पैरों से पैंटी निकाल कर प्रतीक के चेहरे पर फेंक दी ....... और बोली लो भैया हो गयी मैं भी नंगी पूरी हो गयी आपकी चाहत.........

प्रतीक ने वो छोटी सी ब्लू पैंटी ले कर उसे सूंघा और बोले उफ़्फ़फ़ कितनी मस्त खुशबू है तेरी ......... नेहा बोली छी आप पैंटी क्यों सूंघ रहे हो मेरी गंदी है वो ...... और प्रतीक ने वो पैंटी उलट कर उसका चूत वाला हिस्सा चाट लिया और बोले ........ ऊऊम्म्म्म कितना अच्छा स्वाद और गंध है तेरी चूत का श्वेता ........ मज़ा आ गया......

नेहा बोली भैया आपको मेरी चूत इतनी पसन्द है तो पैंटी क्यों चाट रहे हो मेरी ....... प्रतीक बोले इसलिए कि तुझे बहोत शर्म आ रही है मेरे साथ वरना मेरा तो दिल कर रहा है की ........

नेहा ........ आहह भैया क्या दिल कर रहा है आपका बोलो ....... प्रतीक.......मेरा दिल कर रहा है कि इस प्यारी गुलाबी चिकनी बुर को ही चाट लूं ........ कितनी रसीली है तेरी बुर श्वेता ..........

नेहा ....... उफ़्फ़फ़ भैया बुर भी कोई चाटने की चीज होती है क्या ....... प्रतीक ...... श्वेता तुझे नही पता तेरे जैसी जवान खूबसूरत लड़की का तो एक एक अंग चूसने चाटने लायक होता है .... .. नेहा ...... भैया आपकी बातें सुन कर पता नही मुझे क्या हो रहा है......... मेरी बुर में अजीब सी गुदगुदी हो रही है .........

प्रतीक ने अपना एक हाथ नेहा के नंगे सपाट पेट पर रख कर सहलाते हुए कहा ...... लगता है मेरी बहन की बुर चुदने के लिए गरम हो रही है ........ नेहा भी करवट ले कर प्रतीक के नंगे बदन से कस के लिपट गयी और प्रतीक ने नेहा को बाहों में भर कर जोर से दबोच लिया नेहा की नरम चुचियाँ प्रतीक की छाती के नीचे दब कर पिचक सी गयीं ........ नेहा भी बहोत गरम हो चुकी थी और प्रतीक का मस्त मोटा लंड देख कर और इतनी अश्लील बातें कर के उसकी चूत भी गीली हो कर रसीली हो गयी थी ...........


प्रतीक ने नेहा की आंखों में देखते हुए उसके रसीले लिपस्टिक से रंगे होंठ अपने मुह में दबा लिए और उसके अधरों का रस पीने लगा कई मिनट तक वो लगातार नेहा के होंठ बारी बारी से चूसता रहा और उसका हाथ नेहा की नंगी पीठ को सहलाता हुआ उसके बड़े गद्देदार नरम चूतड़ों को मसलने लगा .......नेहा उसकी बाहों में सिसकने लगी ...... और अपने होंठ प्रतीक की गिरफ्त से छुड़ा कर बोली भैया क्या मुझे चोदना चाहते हो .......

प्रतीक ...... आहह श्वेता हां मैं कब से तुझे चोदना चाहता था रोज तेरे नाम की मुठ मार के तेरी पैंटी में लंड का माल निकाल देता था ......... नेहा बोली ...... ओहहह भैया आपका ये मस्त लंड देख कर मेरी भी बुर एकदम चुदासी हो गयी है देखो न कितना रस छोड़ रही है और नेहा ने प्रतीक का हाथ पकड़ कर अपने चूतड़ से सरकाते हुए अपनी बिना झांट वाली चिकनी नंगी बुर पर रख दिया ....... प्रतीक ने नेहा की बुर मुट्ठी में भर कर जोर से भींच दी और बोला उफ़्फ़फ़ श्वेता कितनी रसीली बुर है तेरी जी कर रहा तेरी बुर का सारा रस चूस कर पी जाऊं ....... और इसी के साथ प्रतीक ने अपनी मिडल फिंगर नेहा की गीली बुर में झटके से पेल दी .......

नेहा सिसिया कर प्रतीक से चिपक गयी और उसके गाल और कान पर जीभ फिराते हुए फुसफुसाई........ आहह भैया तो चूस लो ना अपनी बहन की बुर का रस खा लो मेरी चूत को जी भर के आहह ऊम्म्म्म.......

प्रतीक ने अपनी उंगली तेजी से नेहा की बुर में चलाते हुए कहा हां श्वेता आज जी भर के खाऊंगा तेरी बुर और गांड़ को रानी ...... एक काम कर आजा मेरे मुह पर बैठ कर चटवा दे मुझे अपनी रसीली बुर .......

और ये सुनते ही नेहा एकदम से उठ खड़ी हुई प्रतीक की उंगली उसकी चूत से बाहर निकल गयी और प्रतीक ने नेहा को अपनी उंगली दिखाई और फिर उसे मुह में डाल कर चूसने लगा ........

नेहा ने प्रतीक को अपनी उंगली में लगा उसकी बुर का रस चाटते देखा तो वो जल्दी से प्रतीक के सर के दोनो ओर पैर रख कर खड़ी हुई और फिर मूतने के अंदाज़ में बैठ गयी ...... नेहा की गोरी गांड़ के बंद दरवाजे खुले और प्रतीक को उसकी गुलाबी चूत जो रस छोड़ कर चिपचिपी हो रही थी और गांड़ का कसा हुआ भूरा छेद दिखने लगा ........

प्रतीक ने वो नज़ारा देख कर अपने होंठो को जीभ फिरा कर गीला किया और फिर सर को ऊपर उठाते हुए अपने होंठ नेहा की बुर पर चिपका दिए ...... नेहा के गले से एक जोरदार सिसकी निकली ...... aaahhhh भैया चूस लो अपनी बहन की बुर का रस पी जाओ भैया .......


और प्रतीक अपनी जीभ निकाल कर नेहा की बुर की दरार और गुलाबी फांको को चाटने लगा ........ कुछ देर तक रगड़ रगड़ कर बुर चाटने के बाद प्रतीक बोला ...... श्वेता अपने हाथ से बुर फैला कर चटवाओ ना और नेहा ने दोनो हाथो से बुर की दरार को फैला दिया ....... और प्रतीक ने जीभ नुकीली करते हुए अंदर तक घुसा दी और घुमा घुमा कर चाटने लगा ....... नेहा अपनी गांड़ को हिलाते हुए सिसियाते हुए अपनी बुर प्रतीक के मुह पर घिसने लगी और बोली ...... हाय भैया और अंदर डाल दो अपनी जीभ चोद दो अपनी बहन की बुर अपनी जीभ से ऊफफ भैया कुछ निकलने वाला है मेरी बुर से aaaahh ........

नेहा गर्म हो कर झरने के कगार पर आ चुकी थी उसकी आंखें बंद हो गयी थीं बदन अकड़ रहा था और उसने अपने हाथ अपनी चुत से हटा कर अपने निप्पल को पकड़ लिया था और उन्हें हौले हौले मसलते हुए अपनी चूत तेजी से प्रतीक के मुह पर रगड़ रही थी ......... नेहा के मुह से आवाज़ें निकलने लगी ...... आहह भैया चाट लो अपनी बहन की बुर चूस लो मेरी बुर का सारा रस मुझे पता होता आप इतने मज़े दोगे तो कब की नंगी हो कर आपके मुह पर अपनी बुर रख देती भैया aaaahhhh ऊफफफ भैया हाआय्य्य्य्य्य री गयी मैं ...... और नेहा के बदन को झटके लगने लगे वो झरने लगी और गहरी सांस लेते हुए अपनी बुर से प्रतीक के मुह में खट्टा मीठा रस टपकाने लगी प्रतीक ने भी उसकी पूरी बुर में भर कर जोर से चूसनी शुरू कर दी और एक एक बूंद रस चूसने के बाद उसने अपनी जीभ को बुर से निकाल कर गांड़ के हाईवे पर घुमाना शुरू कर दिया वो नेहा की गांड़ की दरार को ऊपर से नीचे तक चाटने लगा और फिर नेहा की गांड़ के कसे हुवे छेद को चूमने लगा ......

2 मिनट में ही नेहा की हालत फिर से खराब होने लगी ...... और वो बोली ऊफफ भैया आप कितना मज़े देते हो ...... मैंने बड़ी देर कर दी आपको बहोत तड़पाया है ...... प्रतीक बोले अभी कोई देर नही हुई है श्वेता और जितना तड़पाया है तुमने मुझे आज उतने ही मज़े भी तो दे रहे हो ....... चलो अब तुम भी मेरे लंड को खुश कर दो उसे प्यार कर के ........

ये सुन कर नेहा प्रतीक के सीने पर लेट गयी और अपना मुह उसने प्रतीक के खूंटे जिसे खड़े लंड पर झुका दिया ....... इस तरह 69 पोजीशन में आने से नेहा की गांड़ और अच्छे से फैल कर खुल गयी और प्रतीक में जीभ को उसकी गांड़ के छेद में चुभोते हुए उसकी गांड़ चाटनी शुरू कर दी ...... और नेहा ने प्रतीक का गर्म लंड अपने ठंडे हाथो में थाम लिया ऑयर सहलाने लगी ........

नेहा एक हाथ से लंड को मुठियाते हुए दूसरे हाथ से प्रतीक के आंड़ मसल रही थी और फिर उसने अपने सुर्ख होंठ प्रतीक के सुपाड़े पर रख दिये ....... और उसे चूम लिया नेहा के होंठो को अपने लंड पर महसूस करते ही प्रतीक एकदम से गनगना गया और अपनी कमर उचका कर गप्प से अपना लंड नेहा के मुह में पेल दिया .......

मोटा सुपाड़ा मुह में घुसते ही नेहा ने लंड को जड़ से पकड़ा और अपना सर ऊपर नीचे हिलाते हुए लंड से अपना मुह चोदने लगी ...... प्रतीक नेहा की गांड़ को जीभ से कुरेदते हुए अपनी कमर को ऊपर पुश करते हुए नेहा के मुह में लंड पेलते हुए चोद रहा था.........

और मैं इन सब हद से ज्यादा कामुक दृश्यों को देख कर अपने भन्नाए हुए लौड़े को मसलने में लगा हुआ था .......

कुछ देर तक ऐसे ही एक दूसरे की गांड़ और लंड का स्वाद लेने के बाद ....... प्रतीक बोला ..... श्वेता अब बस कर ना वरना तेरे मुह में निकाल दूंगा ....... नेहा ने लंड मुह से निकाल के थूक से भीगे हुए लंड को मुठियाते हुए कहा aaahhh भैया पिला दो ना अपनी बहन को अपने लौड़े का गरम रस ....... प्रतीक बोला ...... उफ़्फ़फ़ पिला दूंगा लेकिन पहले मुझे अपनी बहन की कसी हुई बुर में लंड डालना है ....... चोदना है मुझे श्वेता तुम्हारी बुर को अपने मोटे लंड से .......

नेहा तेजी से लंड पर हाथ चलाते हुए बोली हाय्य्य्य भैयाआआआ ....... इतने मोटे लंड से तो मेरी बुर फट जाएगी बड़ा दर्द होगा मेरी बुर को ......... प्रतीक ने नेहा के चूतड़ मसलते हुए कहा ...... ना श्वेता मैं बड़े प्यार से चोदूगा तेरी बुर ....... धीरे धीरे पेलूँगा अपना लंड तेरी बुर में उफ़्फ़फ़ .......

और फिर नेहा प्रतीक के ऊपर से उठी और उसके बगल में लेट कर अपनी टांगे फैला कर बोली आओ भैया पेल दो अपना लोड़ा अपनी बहन की बुर में चोद लो अपनी बहन श्वेता को ....... बन जाओ बहनचोद ....... और प्रतीक ने नेहा की टांगों के बीच पोजिशन लेते हुए अपना सुपाड़ा उसके चूत की दरार पर रख दिया ....... और सुपाड़े को दरार पर रगड़ने लगा .......

नेहा भले ही रण्डी थी लेकिन इस टाइम वो पूरी मस्ती में इस रोल को एन्जॉय कर रही थी और उसने नीचे से गांड़ उछाल कर लंड को चूत में लेने की कोशिश की और उसकी कोशिश सफल हुई ....... प्रतीक का मोटा सुपाड़ा उसकी चुत के छेद को फैलाता हुआ अंदर समा गया और नेहा मज़े से गनगना कर बोली ...... हाय्य्य्य भैयाआआआ घुस गया आपका लंड आपका मेरी बुर में ........


प्रतीक से भी अब बर्दाश्त नही हो रहा था सो उन्होंने नेहा के ऊपर लेटते हुए अपनी हथेलियां उसके दोनो ओर टिका कर अपनी गांड़ को पूरी तेज से आगे धकेलते हुए पूरा लंड एक बार मे नेहा की चूत में हचक के पेल दिया और नेहा तेजी से सिसियाते हुए बोली ......... उफ़्फ़फ़ भैया पूरा घुस गया दर्द हो रहा मेरी बुर में प्लीज रुक जाइये ....... लेकिन प्रतीक के लिए अब रुकना नामुमकिन था उसने अपनी कमर को गति देते हुए लंबे लंबे शॉट मारने शुरू कर दिए और उसका 8 इंच का लंड नेहा की बुर की दीवारों को बेदर्दी से रौंदता हुआ अंदर बाहर होने लगा ...... नेहा की बुर काफी पानी छोड़ रही थी और उसकी चिकनाई में फिसलता हुआ लंड किसी पिस्टन की तरह सटासट उसकी बुर में गति पकड़ता जा रहा था ........

और फिर नेहा भी नीचे से अपनी गांड़ उछालते हुए बोली aaahhh चोदो और चोदो कस कस के चोदो मेरी बुर राजा बड़ा मस्त लंड है तुम्हारा पेल दो पूरा ....... और प्रतीक पूरी ताकत से अपना लंड पेलते हुए नेहा को चोदने लगा ......

प्रतीक ने नीचे झुक के नेहा को होंठ चूसने शुरू कर दिए और अपनी जीभ के नेहा के मुह में डाल कर चाटते हुए तगड़े धक्के लगाने लगा आए बोला ....... ले खा लंड श्वेता चुद साली और चुद आज तेरी चुत का भोसड़ा बना दूंगा चोद चोद के भोसड़ी वाली ....... aaahhh उफ़्फ़फ़ ........

नेहा ने अपनी गुलाबी रसीली जीभ प्रतीक की जीभ पर फिराई और फिर उसे होंठो में दबा के चूस लिया....... और अपने हाथों से अपने निप्पल मसलते हुए सिसियाने लगी ........ हां भैया बना दो मेरी बुर का भोसड़ा चोद डालो अपनी बहन को भर द अपने लंड का पानी अपनी बहन की बुर में aaaaahhhh भैयाआआआ मैं गयी फिर से और इसी के साथ उसके बदन को झटके लगे वो कांपने लगी और उसकी बुर से रस के छींटे उड़ने लगे प्रतीक ने और तेजी से धक्के लगाते हुए नेहा की बुर का रस अपने लंड पर महसूस किया और फिर उसने भी तेजी से 8-10 करारे शॉट लगाए और जड़ तक लंड नेहा की चूत में पेल कर अपने लंड का गरम माल उसकी बुर में भरने लगा और वो नेहा के नंगे बदन पर निढाल हो कर गिर गया और नेहा अपनी बुर को सिकोड़ते हुए उसके लंड का माल अपनी बुर से चूसने लगी ...........।
Lovely
 

ashik awara

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आता तो मुझे भी नही था पर आज ही सीखा ओर पहली बार आपकी thread में try किया है।
मैने इस forum पर और भी कहानियां पढ़ी हैं और एक बात गौर की है कि केवल text पढ़ने में वो मजा नही आता ।
Gif से कहानी और भी ज्यादा सजीव हो जाती है ।
आप चाहे जो भी हों पर आपकी लखनी बहुत अच्छी हे और में इस बात की प्रशंसा करता हूँ , और आपसे उम्मीद हे कि आप गली गलोज की भाषा से बचेंगे
और रही पिक की बात तो मेरा ये मन्ना हे की इससे कहानी पढने में व्यवधान ही होता हे बाकि आपकी मर्जी हे और में इसीलिए कहानी को बजे एपिसोड के पूर्ण रूप से ही पढना पसंद करता हूँ हो सकता हे सिर्फ विभत्स सेक्स चाहने वाले मेरी बात से इत्तेफाक नही रखेंगे ,
 
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