• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest जीजा जी की चाहत (incest)

Raja maurya

Well-Known Member
4,979
10,360
143
अगला दिन रविवार था और आज मेरे प्लास्टर को 21 दिन हो गए थे और पापा की भी छुट्टी थी वो सबसे पहले मुझे ले कर डॉक्टर के यहां गए मेरे पैर का प्लास्टर कटा और आज 21वें दिन मैं फिर से अपने पैरों पर खड़ा था ......
डॉक्टर ने कुछ हिदायतें दी मुझे जैसे कि कुछ दिन अपने पैर की मालिश करवाना और इस पैर पर ज्यादा जोर मत देना ज्यादा वजन मत उठाना वगैरह वगैरह और फिर हम घर के लिए निकल पड़े रास्ते मे मैंने पापा से गाड़ी रुकवा कर एक किलो रसगुल्ले लिए दीदी को रसगुल्ले बेहद पसंद थे और आज मेरा प्लास्टर कट गया था और दूसरी बात आज सुबह ही प्रतीक की मम्मी का फोन आया था उन्होंने बताया कि वो दो दिन बाद अपनी बेटी और बेटे का साथ हमारे यहां आ रही हैं ......
इतनी सारी खुशी के मौके पर कुछ मीठा टी होना ही था हम घर पहुंचे और मैं सीधा अपने बाथरूम में घुस गया रेजर ले कर एक तो 20 दिन से ठीक से नहाया नही था उस पर मेरी शेव और झांट काफी बढ़ चुकी थी खुजली होने लगी थी ......
मैंने फटाफट अपनी दाढ़ी छीली झांट साफ की और रगड़ रगड़ कर नहाया ...... नहाने एक बाद मैंने देखा मेरा लंड किसी चिड़िया के बच्चे जैसे लटक रहा था इन 14-15 दिनों से मैंने मुठ भी नही मारी थी फिर मेरे मन मे रानी का ख्याल आया इन दिनों में मेरी उससे बस दो तीन बार बहोत थोड़ी बात हुई थी वो हर बार मुझे मिलने की जिद करती लेकिन मैं उसे अपने पैर का हवाला दे कर टाल देता था ......
फिर मैंने कपड़े पहन और नीचे आ कर सबके साथ लंच किया दीदी भी आज खुश नजर आ रही थीं मुझे चलता फिरता देख कर ....... सबने खाना खाया फिर मैंने सबसे पहले दीदी को और फिर मम्मी पापा को रसगुल्ला खिलाया दीदी ने हंसते हुए कहा ये किस खुशी में मैंने कहा आपकी शादी फिक्स होने की खुशी में और सबकी नजर बचा कर आंख मार दी उन्हें उनके चेहरे पर वही प्यारी सी मुस्कान थी अब वो इस फैसले को एक्सेप्ट कर चुकी थीं ......
फिर पापा ने कहा परसों वो लोग आ रहे हैं विकी सब तैयारी अच्छे से करना पहली बार आएंगे वो तो इम्प्रेशन जमा देना मैंने कहा पापा आप फिक्र ना करो मैं सब सम्हाल लूंगा अब मैं एकदम फिट हूँ ..... उन्होंने अंदर से ला कर मुझे 10000 रुपये दिए बोले और जरूरत हो तो मम्मी से ले लेना मैंने कहा ठीक है पापा और फिर मैं दीदी को ऊपर आने का इशारा कर के ऊपर चला गया दीदी पीछे से आई तो मैंने चेकबुक निकाल कर एक चेक पर उनके साइन लिए और फिर मैं घर से निकल गया आज 20 दिन बाद बाहर निकल कर अच्छा लग रहा था ...... मैंने सबसे पहले बैंक जा कर 20000 रुपये निकाले अब मेरी जेब मे 30000 रुपये थे मैं मार्केट चला गया ढेर सारा घर की सजावट का सामान नए पर्दे सोफे के कवर वग़ैरह खरीदे और सब पैक करवा कर घर आ गया मैंने वो सब दीदी को दिया और हम दोनों ने मिल कर घर का हुलिया बदल दिया...... शाम के 6 बजे तक काम कर के हम दोनों ही थक चुके थे .....
फिर मम्मी ने कहा चलो अब तुम दोनों नहा लो और आराम करो सारा काम एक दिन में खत्म कर दोगे तो कल क्या करोगे .....
हम लोग ऊपर आ गए ......, पहले मैं नहाया फिर दीदी नहाने लगी ....., मैं लोअर टीशर्ट डाल कर रूम में बैठा था तभी दीदी भी वही आ गईं और बोली विकी एक बात कहनी थी मैंने कहा हां बोलो दीदी वो बोली आज मन कर रहा है मै चौंक गया मेरा रिएक्शन देख कर वो हंसने लगी और बोली आज मर्स बियर पीने का मन कर रहा ......, उनकी बात सुन कर मैं भी हंस पड़ा और बोला ओहहह मैं कुछ और समझा था ......, दीदी अपना होंठ दांतों से दबा कर बोली वैसे तो सही समझा था मन तो वो भी कर रहा मैंने भी हंसते हुए कहा बस थोड़े दिन और इंतजार कर लो फिर जीजा जी के साथ खूब मन की करना मेरी बात सुन कर वो नकली गुस्से से मुझे देखने लगी और मैंने उन्हें आंख मारते हुए कहा हाय गुस्से में तो और हसीन लगती हो आप ....., वो खिलखिला आकर हंस दी ......
फिर मैं बाजार चला गया और तीन बियर ले कर घर आ गया मम्मी की नजर से बचा कर मैं उसे के कर ऊपर आ गया और दीदी को आवाज़ दी वो फौरन भागते हुए ऊपर आ गईं मैंने उन्हें जेब से निकाल कर कैन दिखाई तो वो बोली अभी नही थोड़ी देर बाद अभी मुझे नीचे जाना पड़ेगा मम्मी पापा को खाना खिला दें फिर मैं आ जाऊंगी और वो नीचे चली गईं मैंने एक कैन खोल ली और पीते हुए रानी को कॉल किया मेरा कल उसे एक बार और चोदने का इरादा बन रहा था उसने कॉल रिसीव कर के कहा हेलो जान तुम तो मुझे भूल ही गए ...... मिलते नही तो कम से कम बात ही कर लिया करो ..... मैंने कहा अब मेरा पैर ठीक हो गया है अब मिलूंगा भी और तेरी चूत की प्यास बुझाऊंगा मेरी रानी वो खुश होते हुए बोली तो कल पक्का करोगे ना मेरी चुदाई मैंने कहा हां करूंगा पर कहाँ अब मैं उसे घर तो नही बुला सकता था उसने फौरन इस समस्या का हल निकाला और बोली मैं दो दिन से अकेली हूँ घर पर मेरी मम्मी मामा के यहां गयी हुई हैं एक हफ्ते के लिए उनकी बेटी की शादी है मैं भी जाती पर शादी वाले दिन ही मेरा एक एग्जाम है इसलिए मैं नही गयी मैंने कहा कोई प्रॉब्लम तो नही होगी वहां वो बोली कुछ नही होगा तुम बस आ जाओ कल बहोत इंतजार करवाया है तुमने अब बस मेरी चूत की प्यास बुझा दो अपने मोटे लंड से मैंने कहा रानी मेरा लंड खड़ा हो रहा है तेरी बातों से तो वो सेक्सी वौइस् में बोली होने दो ना राजा लंड खड़ा ही रहना चाहिए ताकि चूत को मज़े दे सके मैंने कहा लेकिन इस टाइम यहां कहाँ है चूत वो सिसकते हुए बोली मैं हूँ राजा तुम्हारी रण्डी रानी आओ चाट लो मेरी रसीली बुर घुसा दो अपनी जीभ मेरी बुर में एकदम गीली हो रही है मैंने बियर का कैन एक घूंट में खाली कर के बेड के नीचे डाला और बेड पर लेट कर लोअर में हाथ डाल कर खड़ा लंड मसलते हुए बोला हां कुतिया कल तेरी चुत अच्छे से चाटूंगा रानी जीभ डाल कर और मेरा लौड़ा भी तेरे मुह में दूंगा रानी सिसकते हुए बोली आहह विकास मुझे बेहद पसंद है तुम्हारा लंड और उसका रस ऊम्म्म्म बहोत टेस्टी कल मैं चूस चूस कर पी जाऊंगी तुम्हारे लंड का सारा पानी आआहहहहहह विकास मेरी चुचियाँ चूस चूस कर पेल दो अपना लौड़ा चोद दो अपनी रानी की बुर आहहह...... मैं अपना लंड तेजी से मुठियाते हुए बोला हां रानी कल तुझे कुतिया बना के तेरी चुचियाँ मसल मसल के चोदूगा तुझे और तेरी गांड़ भी मारूंगा साली चुदक्कड़ रण्डी उफ़्फ़फ़ ले मेरा लौड़ा मुह में ले ले रानी.......
रानी सिसकते हुए बोली हाय राजा चूत में उंगली कर रही हूं ....., डाल दो लौड़ा मेरी बुर में पेल दो विकास फाड़ दो मेरी बुर आहहह मैं गयी झड़ गयी मेरी रण्डी चुत मैंने अब लंड बाहर निकाल लिया था और तेजी से मुठ मार रहा था मस्ती में मेरी आंखे बंद थीं तभी मुझे कुछ आहट हुई और आंखे खोल कर देखा तो दीदी दरवाजे के बीच मे खड़ी कमर पर हाथ रखे बड़ी गहरी नजरो से मेरे खड़े लंड को देख रही थीं मैंने जल्दी से उसे अंदर किया और रानी को ये बोल कर की बाद में कॉल करता हूँ फोन काट दिया मैंने झेंपते हुए कहा आओ दीदी ......, दीदी आ कर मेरे पास बैठ गईं और बोली लगता है मैंने डिस्टर्ब कर दिया मैंने कहा नही ऐसी कोई बात नही है दीदी मैं तो बस timepass कर रहा था ....... , दीदी मुस्कुरा कर बोली बड़ा मज़ेदार तरीका है ये timepass का आज से मैं भी ऐसे ही timepass किया करूंगी मैं शर्मा गया और नजर झुका ली दीदी ने मेरा गाल खींच कर आये हाये शर्मीले अभी कितनी बेशर्मी की बातें कर रहा था ...... ला निकाल अब कहाँ रखी है मैंने उठ अलमारी से पॉलीथिन में रखी दोनो कैन निकाली और एक उन्हें दे दी हमने अपनी अपनी कैन खोली और पीने लगे पीते पीते दीदी ने कहा पता नही प्रतीक पीता होगा या नही ...... मैंने आजकल बियर तो लगभग सभी पी लेते हैं दीदी ने सर हिलाते हुए कहा हां ये बात तो है लेकिन अगर वो ज्यादा ही शरीफ हुआ तो मुझे भी छोड़नी पड़ेगी मैंने कहा कोई नही जब यहां आओगी मैं पिला दूंगा ना दीदी ने एक घूंट लिया और बोली ये भी सही है इसी बहाने मैं जल्दी जल्दी आया करूंगी मैंने भी घूंट भरते हुए कहा और गर उन्होंने जल्दी जल्दी ना आने दिया तो इतनी सुंदर बीवी को कौन दूर जाने देगा ...... दीदी मुह बनाते हुए बोली मुह नोच लुंगी उसका और फिर हम जोर जोर से हंसने लगे ......

दीदी ने अपनी बियर पहले खत्म की मेरी दूसरी थी तो मैं आराम से पी रहा था मैंने उन्हें छेड़ते हुए कहा आप तो बेवड़ी हो गयी हो इतनी जल्दी तो मेरी भी नही खत्म हुई वो बोली मुझे खाना लेने भी जाना है नीचे फिर वो खाना लेने चली गईं और एक ही थाली में दोनो का खाना ले आईं ......
उन्होंने पेपर डाल कर थाली रखी और फिर सामने पालथी मार के बैठ गईं और मुझे खिलाने लगी मैंने कहा भी की अब मेरा पैर ठीक है ना दीदी मैं खा लूंगा वो थोड़ा स उदास हो कर बोली खा ले ना कुछ दिन की बात और है फिर मैं चली जाऊंगी तब खाते रहना खुद से उनकी बात सुन कर मैं भी थोड़ा सा उदास हो गया ....... फिर मैं भी उन्हें खिलाने लगा खाना खत्म कर के वो बर्तन ले कर नीचे चली गईं और मैंने हाथ मुह साफ कर के एक सिगरेट सुलगाई ......
आज पहली बार मैं सिगरेट पी रहा था दोस्तो से सुना था बियर पीने के बाद सिगरेट पीने से बियर का मज़ा दुगना हो जाता है यही सोच कर मैंने एक गोल्ड फ्लैग ले ली थी ....... मैंने बस दो ही कश लिए थे कि किसी के आने की आहट मिली मैंने डर के जल्दी से सिगरेट बुझा कर बेड के नीचे डाल दी .....
तभी दीदी कमरे में एंटर हुई और घुसते ही कुछ सूंघने लगी फिर वो बोली तू स्मोक कर रहा था मैंने कहा हां लेकिन मुझे पता नही था आप हो इसलिए फेंक दी दीदी ने पूछा कहाँ फेंकी मैंने बेड के नीचे इशारा कर दिया दीदी ने फौरन अपने हाथों पैरों पर झुक कर सर बेड के नीचे घुसा दिया और सिगरेट ढूंढने लगी पर वो कुछ ज्यादा ही अंदर चली गयी मुझ पर दो बियर का नशा तो पहले ही था ऊपर से रानी से की हुई वो बातें और अब दीदी का यूँ घोड़ी बनना मेरी नजर उनकी उभरी हुई गांड़ से हट ही नही रही थी और मेरा लंड धीरे धीरे फिर से खड़ा होने लगा ........ आखिर दीदी को वो मिल गयी और वो सिगरेट निकाल कर खड़ी हुई और मुझे दे कर बोली जलाओ इसे मैंने सिगरेट जला ली और एक कश ले कर धुंवा उगलने लगा दीदी ने हाथ बढ़ा कर मुझसे सिगरेट ले ली और होंठो से लगा कर खींची तो उन्हें खांसी आने लगी मैंने उनकी पीठ सहलाते हुए उनसे सिगरेट लेनी चाही पर उन्होंने खांसी पर काबू पाते हुए अपना हाथ पीछे कर लिया और इस बार हल्का कश लिया और धुंवा निकालते हुए बोली ......, धीरे धीरे सीख जाऊंगी मैंने कहा पर ये सीखने की जरूरत क्या है आपको बोली बस यूं ही ......
फिर उन्होंने दो तीन कश ले कर सिगरेट मुझे दे दी और बाकी की मैंने फूंक दी दोस्तों की बात सही थी काफी हद तक अब मेरा नशा एकदम से दुगना हो गया था ......, फिर मैंने उसे बुझा कर फेंक दिया और दीदी उठ कर अपने कमरे में चली गईं मैं चुपचाप लेट गया ...... हांलाकि मेरी मुठ मारने की इच्छा हो रही थी पर मैं थोड़ी देर इंतजार करने के मूड में था लेटे हुए मुझे कुछ याद आया और मैंने उठ कर अलमारी से विनय का फोन निकाला और वापस लेट कर दीदी की नंगी तस्वीरें खोल ली और दीदी का नंगा बदन देखते हुए मुठ मारने लगा.......
लेकिन अभी मेरा लंड ठीक से खड़ा ही हुआ था कि खट की आवाज़ के साथ कमरे की लाइट जल गई और मैंने देखा तो दीदी दरवाजे के बीच मे खड़ी हैं उन्होंने एक ब्लू कलर की सिल्क की नाइटी पहनी थी बाल खुले होंठो में लिपस्टिक उनका ये सेक्सी अवतार देख कर मेरे लंड में हलचल बढ़ गयी और मुझे लगा मैं अपना वादा भूल जाऊं पर मैंने खुद पर काबू किया और चुपचाप उन्हें देखने लगा दीदी ने अंदर आ कर दरवाजा बंद किया और बोली विकी आज मैं यही सो जाऊं मैंने हां में सर हिला दिया.....
उन्होंने लाइट ऑफ की और बेड पर आ गईं परफ्यूम की भीनी सी खुशबू मेरी सांसो में समाने लगी......
दीदी मेरे बगल में लेट गयीं मेरी ओर करवट कर के और फिर एकदम से मेरे सीने से लिपट गयी उनकी मुलायम नाइटी और उसमे छुपा उनका रेशमी बदन मेरे जिस्म में गर्मी भरने लगा मैंने उनकी पीठ पर हाथ फिराते हुए कहा क्या हुआ दीदी ......
दीदी कुछ नही बोली पर उन्होंने मेरे गाल पर अपने होंठ रख दिये और एक गीला गीला किस दे दिया ऊऊममममम विकी आई लव यू ......
मैं मुस्कुरा दिया दीदी ने कुछ देर ऐसे ही लेटी रहने के बाद धीरे से कहा उस टाइम मेरी वजह से तेरा काम अधूरा रह गया था ना मैंने कहा कोई नही दीदी इतना भी जरूरी काम नही था ...... दीदी बोली नही तुम मेरा इतना खयाल रखते हो मेरे लिए इतना कुछ करते हो तो मेरा भी कुछ फ़र्ज़ है और उन्होंने अपना हाथ सीधा मेरे खड़े हो रहे लंड पसर रख कर उसे मुट्ठी में दबोच लिया और सहलाने लगी दीदी के इस अचानक हमले से मैं हकबका गया और दीदी का हाथ पकड़ कर हटाने लगा और बोला नही दीदी ये गलत है प्लीज मत करो ऐसा दीदी ने मेरा हाथ झिटकते हुए कहा मुझे इतना ज्यादा सही गलत नही पता पर आज मेरा भी मन है ज्यादा कुछ नही तो उस दिन जैसे हाथ से ही .......
मैंने कहा प्लीज दीदी जिद मत करो मैं एक बार अपने दिल को समझा चुका हूं किसी तरह लेकिन बार बार ये मुझसे भी नही होगा
दीदी ने कहा देखो विकी मैं जानती हूं अच्छी तरह जानती हूं कि इस वक़्त तुम्हें इसकी जरूरत है और मुझे भी समय बेहद जरूरत है तुम्हारी अभी मेरी शादी में काफी टाइम इतने टाइम तक मैं ऐसे नही रह सकती विनय से मिलने के बाद मुझे इस सब की आदत सी लग गयी है ........
मुझे चिड़चिड़ाहट सी होने लगते है इसके बिना और किस से कहूं किस के पास जाऊं एक तुम ही हो जो मुझे मेरी परेशानियों को समझते हो लेकिन अब तुम्हे भी मेरी परवाह नही है बस कुछ दिन की बाद है फिर मैं चली जाऊंगी फिर नही कहूंगी तुमसे कुछ भी ...... इतना कहते हुए दीदी सिसक कर रोने लगी .......
दीदी को रोते सुन कर मेरे दिल मे एकदम दर्द सा हुआ और मैंने सब भूल कर उन्हें कस के अपनी बाहों में भर लिया उनके सीने से लिपट गया और उनके चेहरे को चूमने लगा पागलों जैसे मैंने दीदी के माथे पर गालों नाक पर आंखों पर और आखिर में होंठो पर चुम्बनों की बौछार कर दी दीदी भी कस के मुझसे लिपट गयीं और बोली लव यू विकी मैंने कहा दीदी पर मैंने उस दिन वादा किया था आपसे मैं अपना वादा नही तोड़ सकता दीदी ने कहा मुझसे किया था ना मैं तुझे आज़ाद करती हूं उस वादे के बंधन से अब और मत तड़पा मुझे मान जा मेरी बात इसके बाद मेरे भी सब्र का बांध टूट गया और मैंने दीदी के चूतड़ पर अपनी मुट्ठी कस के उन्हें जोर से मसलते हुए कहा दीदी लव यू सो मच आपसे दूर रहना मेरे लिए भी आसान नही है पर मुझे ये सब सही नही लगता मेरी वजह से आपकी जिंदगी में कोई संकट आया तो मैं खुद को माफ नही कर पाऊंगा दीदी बोली मैं जानती हूं भाई तू बहोत प्यार करता है मुझे पर मैं खुद को और तुझे यूँ तरसता नही देख सकती .....
मैंने दीदी के मुलायम चूतड़ की मुट्ठी में दबोच कर कहा ठीक है पर हम सेक्स नही करेंगे उस दिन जैसे ही बस एक दूसरे की हेल्प कर देंगे दीदी बोली ठीक तुम्हारी ये बात मैं मान रही हूं ..... और इसी के साथ दीदी ने मेरे लोअर में हाथ डाला और लंड को मुट्ठी में सख्ती से पकड़ कर दबाने लगी ...... लंड को अपने नरम हाथो से दबोचते हुए दीदी ने मेरे कान पर अपने होंठ रगड़ते हुए फुसफुसा कर कहा मेरी नंगी pic देखता है ना तू मैंने कहा नही तो दीदी बोली झूठ क्यों बोल रहा है सच बोल ना मैंने कहा हां दीदी कभी कभी देखता हूँ वो फिर से लंड को मसलते हुए बोली तुझे दीदी का नंगा जिस्म अच्छा लगता है ना मैंने कहा हां दीदी आप बहोत सुंदर हो दीदी ने कहा वो तो मुझे पता है मैं कितनी सुंदर हूँ तेरा लंड मुझे बता रहा है मैंने कहा दीदी प्लीज ऐसे इतनी गंदी बातें मत करो ना वो बोली क्यों रानी से तो बड़े मजे ले कर बातें करता है मैंने कहा उसकी बात और हजे वो तो है ही चालू लड़की दीदी ने कहा गरम होने के बाद हर लड़की चालू हो जाती है और उन्होंने एकदम से मेरे होंठ चूसने शुरू कर दिए मेरा दिमाग मस्ती में शून्य हो गया और मैं भी दीदी की गांड़ सहलाते हुए उनके रसीले होंठो का स्वाद लेने में खो गया ........
कोई 10 मिनट तक हम बुरी तरह से एक दूसरे के होंठो को चूसते रहे और फिर दीदी ने अपनी जीभ मेरे मुह में डाल दी दीदी के मुह का मीठा से स्वाद मेरे लंड को पागल करने लगा मैं अपनी जीभ से उनकी जीभ को चाटने लगा मैंने पोर्न में कई बार ये सीन देखा था पर प्रैक्टिकल ज्यादा मज़ा देता है ....... दीदी की जीभ को चूसते हुए मैंने एक हाथ से उनकी नाइटी ऊपर सरकानी शुरू की और जल्दी ही मैंने उनकी नाइटी उनकी गांड़ से ऊपर कर दी .......
और दीदी की नंगी गांड़ पर हाथ फिराने लगा दीदी सिसकने लगी आहें भरने लगी ऑयर बोली आहहहहहह विकी कितना जादू है तेरे हाथो में फिर वो बोली विकी मेरी तस्वीरे कब तक देखेगा एक बार तो नजरो से देख ले मेरा नंगा बदन मैंने कहा दीदी एक बात अच्छे से समझ लो मैं तुम्हें ना चोदने की बात मैं सोच भी नही सकता तो आप ये मत सोचो की आप ऐसे मुझे उत्तेजित कर के अपने मन की कर लोगी दीदी बोली विकी मैं समझ रही हूं तेरी बात मेरी चुत में अपना लंड मत डालना पर इसके अलावा बाकी सब तो कर ले ना मैं चाहती हूं ऐसा मेरी खुशी के लिए मैंने कहा ठीक है दीदी उसके अलावा मैं जो भी कर सकता हूँ करूंगा लेकिन रोज रोज नही ok दीदी बोली ठीक है बाबा पर हफ्ते में एक बार पक्का इतना तो ठीक है ना मैंने कहा ok फिर दीदी बेड से उतर गयीं और जा कर लाइट ऑन कर दी कमरे में रोशनी फैल गयी दीदी के बाल बिखरे रहे उनकी पिंक लिपस्टिक गायब थी उनके होंठ कुछ सूज से गए थे ......
दीदी ने अपनी नशीली आंखों से मुझे देखा और फिर एक झटके से अपनी नाइटी उतार कर फेंक दी अंदर उन्होंने कुछ नही पहना था एक सूत भी नही था उनके जिस्म पर एलईडी की रोशनी में उनका गोरा चिकना बदन किसी मूरत जैसा चमक रहा था वो मस्तानी चाल से चलती हुई मेरे पास आयी और बेड पर चढ़ कर मेरी जांघो पर बैठ गयीं और मेरी टीशर्ट ऊपर उठाते हुए निकाल दी मेरा खड़ा लंड उनकी गांड़ की दरार में फंसा हुआ झटके ले रहा था ......
दीदी ने लंड की गर्मी और चुभन गांड़ पर महसूस कर के सिसियाते हुए अपनी टांगे मेरी कमर पर कैंची बना कर लपेट दी और मेरे बालों को मुट्ठी में जकड़ते हुए झुक कर मेरे होंठो को चूमते हुए बोली आज सुबह से चिकना हो के घूम रहा है तभी से मेरा मूड बन रहा था तुझे खा जाने का और दोबारा मेरे होंठ चूसने लगी ....... कुछ देर तक जी भर के मेरे होंठ चूसने के बाद उन्होंने मुझे छोड़ा और मेरे ऊपर से उठ कर मेरा लोवर निकालने लगी उन्होंने खींच खींच कर जल्दी से मेरा लोअर और अंडरवियर निकाल फेंका और अपनी तरह मुझे भी नंगा कर दिया ......
और गौर से मेरा खड़ा लंड देखने लगी उन्हें ऐसे लंड देखते देख कर मेरा दिल जोर से धड़कने लगा मैंने कहा ऐसे क्या देख रही हो दीदी.....?
दीदी ने होश में आते हुए कहा कितना प्यारा लंड है जी कर रहा इसे कच्चा खा जाऊं दीदी की बात सुन कर मैंने कहा बस कुछ दिन रुक जाओ फिर जीजा जी का लंड खूब मज़े से खाना मेरी बात सुन कर दीदी ने लंड को मुट्ठी में भर कर दबाते हुए कहा पता नही कैसा होगा उनका मैंने कहा अच्छा ही होगा चिंता ना करो दीदी मेरे बाजू में बैठते हुए अपना सर मेरी गोद मे रख कर लेट गयीं और मेरे लंड को अपने गाल पर रगड़ते हुए बोली पता है विकास मैं हमेशा से ऐसा सोचती थी कि मेरा पति बहोत ही सेक्सी हो वो दिन रात भर मेरे साथ सेक्स करे मेरी सेक्स की हर ख्वाइश को पूरी करे...... सबसे पहले मुझे विनय मिला वो काफी हद तक वैसा था जैसा मैंने सोचा था शायद इसीलिए मैं इतनी जल्दी उसकी ओर आकर्षित हो गयी उसके बाद मुझे तुम भी काफी कुछ वैसे ही लगे शायद इसी वजह से तुम्हारी बहन होने के बावजूद भी मैं खुद को रोक नही सकी और तुमसे इतना खुलती गयी पर पता नही ये प्रतीक वैसा होगा या नही अगर ये बहोत सीधा सादा हुआ तो मेरी लाइफ तो झंड हो जाएगी मैं दीदी की बात सुनकर हंस पड़ा और दीदी का ये रूप देख कर हैरान भी था ...... मैंने एक हाथ दीदी के सीने पर रख कर उनकी चूची सहलाते हुए पूछा दीदी पर आपको सेक्स का इतना बुखार चढ़ा कैसे दीदी ने मेरे सुपाड़े पर एक बार जीभ फिरा कर चाट लिया और बोली मोबाइल पर पोर्न देख कर और सेक्स स्टोरीज पढ़ कर ......मैंने हैरान होते हुए पूछा आप भी वो बोली हां मैं भी ....... तीन साल से मैं लगभग रोज ही रात में मोबाइल पर पोर्न देख कर या सेक्स स्टोरीज पढ़ कर चूत में उंगली करती हूं ......
अब और कुछ पूछने की जरूरत नही थी मैंने दीदी के निप्पल को उंगली से सहलाना शुरू कर दिया और दीदी की आंखे बंद हो गयी उनकी सांसे तेज होने लगी और वो अपनी टांगों को भींचते हुए अपनी बुर दबाने लगी .......
मैंने कहा दीदी उन्होंने अपनी बोझिल आंखे खोल कर मुझे देखा और बोली हूँऊऊ मैंने कहा कभी 69 किया है ये सुनते ही उनकी आंखों में चमक आ गयी वो जल्दी से उठी और बोली नही किया तो आज करती हूं ना और मेरे सीने पर हाथ रखते हुए मुझे लिटा दिया मेरा लंड तन कर छत को घूर रहा था दीदी मेरे सर के दोनो ओर पैर रख कर खड़ी हो गयी उनकी उभरी हुई सुडौल गांड़ देख कर मुझे प्रतीक की किस्मत पर जलन होने लगा कि वो साला अब रोज मज़े लेगा इसके फिर मुझे अपने ख्याल पर हँसी आयी साला तो मैं हूँ उसको वो तो मेरे जीजा हैं तभी दीदी नीचे बैठ गईं और उनकी गांड़ के दरवाजे खुले और मुझे दीदार हुआ दीदी की गांड़ की गहरी दरार और उसके बीच मे कसे हुए नन्हे से भूरे छेद का दीदी का गांड़ का छेद देख कर मेरा लौड़े से एक बूंद छलक आयी उधर दीदी भी मज़े से बैठी मुझे अपनी गांड़ के दर्शन करवा रही थीं और फिर उन्होंने आगे को झुक कर मेरा लंड पकड़ कर जोर से दबाया और वो बून्द सुपाड़े से बहने लगी दीदी ने फौरन जीभ निकाल कर उसे चाट लिया और फिर सुपाड़े को होंठो में दबा लिया ...... दीदी के लंड पर हुए इस हमले से मेरा भी खुद पर नियंत्रण खत्म हो गया और मैंने दोनो हाथो से दीदी की नंगी भरी हुई सुडौल गांड़ को थाम कर उन्हें अपने मुह पर खींच लिया दीदी की गांड़ का छेद मेरे होंठो पर आ कर टिक गया और मैंने देर ना करते हुए उस नन्हे से छेद को चूम लिया होंठो का स्पर्श मिलते ही वो छेद कुछ और सिकुड़ सा गया और मैंने जीभ निकाल के दीदी की गांड़ की दरार को ऊपर से नीचे तक चाटना शुरू कर दिया दीदी की गांड़ चाटते हुए मैंने उनके नंगे चूतड़ों को भी जोर जोर से मसलना शुरू कर दिया दीदी भी मदहोश हो कर अपनी गांड़ को मेरे मुह पर दबाते हुए मेरा पूरा लंड अपने मुह में गपक ली और गर्दन हिला हिला कर चूसने लगी ......, उनके मुह से अजीब सी आवाज़ें निकल रही थीं और उन्होंने एक हाथ से मेरे लटक रहे आंड़ पकड़ लिए और उन्हें सहलाते हुए तेजी से अपनी गर्दन हिलाने लगी दोनो ही मस्ती और नशे में डूबे हुए एक दूसरे को ज्यादा से ज्यादा सुख देने की कोशिश कर रहे थे ..........
तभी दीदी ने मेरा लंड मुह से निकाल कर कहा विकी मेरी चूत भी प्यासी है पर लगता है तुझे मेरी गांड़ ज्यादा पसन्द आयी इतना बोल कर उन्होंने फिर से लंड मुह में लिया और चूसने लगी .......
मैंने दीदी की गांड़ के छेद से मुह हटाया और कहा दीदी आपका एक एक अंग लाजवाब है मुझे तो प्रतीक से जलन हो रही है कि अब वो साला रोज इस जिस्म के मज़े लेगा और फिर मैंने दीदी की कमर पकड़ कर उन्हें थोड़ा सा ऊपर खींचा और अब दीदी रसभरी फूली हुई गुलाबी फांको वाली नन्ही सी बुर मेरी नजरो के सामने थी जिसके लिप्स आपस मे कस के चिपके हुए थे मानो अंदर कोई खजाना भरा हो और वो उसकी सुरक्षा कर रहे हों बुर के उन होंठो पर नमी सी थी और मैंने अपनी नाक दीदी की बुर पर रगड़ कर एक गहरी सांस ली दीदी की बुर की मस्त खुशबू मेरे लंड को और सख्त कर गयी और मैंने अपने होंठो में दीदी की बुर को दबा लिया इसी के साथ दीदी के मुँह से एक घुटी घुटी सी चीख निकल गयी क्यों मेरा 6 इंच का लंड उनके मुह में घुसा हुआ था मैंने चूत की फांको को मुह में भर चूसते हुए अपनी जीभ की नोक से दीदी के चूत के दाने को रगड़ा और दीदी ने कस के अपनी चूत मेरे मुह पर दबा दी अपनी गांड़ को हिलाते हुए अपनी चूत मेरे मुह पर रगड़ने लगी ........ मैंने जीभ को नुकीला किया और दीदी की बुर में घुसाने लगा जल्दी ही मेरी आधी जीभ दीदी की बुर की गहराइयों में विचरण करने लगी और दीदी की कमर में हरकत होने लगी वो अपनी चूत में मेरी जीभ और अंदर लेना चाहती थी पर ये जीभ थी लंड नही दीदी ने अब लंड मुह से निकाल कर मुह में भरे हुए थूक को लंड पर उगल दिया अपने हाथ से अपना थूक लंड पर चुपड़ते हुए उसे मुठियाने लगी और दूसरे हाथ से मेरे अन्डो से खेलने लगी फिर मुठ मारते हुए उन्होंने मेरे दोनो आंड़ एक साथ मुह में भर लिए और उन्हें चूसते हुए तेजी से अपने हाथ को गति दे दी उधर मेरी जीभ दीदी की चूत के कोने कोने की तलाशी लेने में लगी हुई थी ...... और मैंने एक उंगली उनकी गांड़ के कैसे हुए छेद पर रख कर उसे सहलाना शुरू कर दिया दीदी इस दोतरफा हमले से बेहाल हो गयी और सिसकते हुए बोली aahhhhh विकी चूस ले दीदी की बुर पी ले मेरी बुर का रस मैं गयी मेरे राजा भैया aahhhhhhh झड़ गयी तेरी दीदी की चूत और इसी के साथ वो अपनी बुर मेरे मुह पसर रगड़ती हुई स्खलित होने लगी उनका बदन बुरी तरह कांप रहा था झटके ले रहा था थरथरा रहा था........
फिर धीरे धीरे वो शांत होने लगी और कुछ देर तक ऐसे ही निढाल पड़ी रही .......
कुछ मिनट बाद उन्होंने मेरे ऊपर से उठ कर शर्माते हुए मेरी ओर देखा और बोली सॉरी विकी लगता है मैं कुछ ज्यादा ही बेशर्म बन गयी थी मैंने मुस्कुरा कर कहा पर मुझे बहोत मज़ा आया आज मेरी बात सुन कर वो भी मुस्कुराने लगी और बोली मुझे भी और मेरे होंठ चूमने लगी मेरे होंठो पर उनकी चूत का रस लगा हुआ था.....
फिर उन्होंने मेरा लंड पकड़ कर कहा उफ्फ कितना गर्म है ये मैंने कहा हां इतना कुछ होने के बाद ये ठंडा रह भी कैसे सकता है फिर उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर खींचते हुए मुझे बिठा दिया और बोली अभी मेरा मन और चूसने का है इसे मैं बेड के एज पर टांगे लटका कर बैठ गया और दीदी मेरी टांगों के बीच पंजो पर बैठ गयी एक बार मेरी आँखों मे देखा और फिर मुह खोल कर धीरे धीरे लंड को निगलने लगी पूरा लंड अपने मुह में भर कर वो अपनी जीभ लंड के चारो ओर फिराने लगी .......
और मेरी हालत खराब होने लगी मैंने भी दीदी के सर पर हाथ रखा और फिर उनके खुले हुए रेशमी बालों को मुट्ठी में जकड़ते हुए उनका सर अपने लंड पर दबा कर अपनी कमर को झटके देते हुए उनके गीले गरम मुह को कस के चोदने लगा मेरे लंड की जड़ से दीदी का थूक टपकते हुए उनकी सुडौल नंगी चुचियो को भिगो रहा था और दो मिनट में ही दीदी की हालत खराब होने लगी उनके गले से गों गों की आवाज़ आने लगी और वो खांसने लगी मैंने आवाज़ सुन कर आंखे खोली और दीदी को गला सहलाते देख एकदम से लंड उनके मुह से निकाल कर खड़ा हो गया दीदी कहा क्या विकी कर ना मैं कहा आपको तकलीफ हो रही है दीदी वो बोली नही तो मुझे तो मज़ा आ रहा था वाइल्ड सेक्स ही मज़ा देता है मुझे आंख मार कर फिर से सुपाड़े को चूसने लगी ......
मैंने कहा दीदी उन्होंने मेरी आंखों में देखा लंड चूसते हुए मैंने कहा दीदी एक बार घोड़ी बन के दिखाओ न मैं आपको वैसे देखते हुए मुठ मार लूंगा मेरी बात सुन कर दीदी ने लंड छोड़ा और उठ खड़ी हुई ...... और बेड के किनारे पर चढ़ कर अपन सर आगे टिका दिया और अपनी टांगे फैलाते हुए अपनी गांड़ पीछे को उभार दी ...... फिर उन्होंने अपने दोनो हाथ पीछे कर के अपने गांड़ पर रखे और दोनो हाथो से दोनो चूतड़ों को फैला दिया उफ़्फ़फ़ दीदी को ऐसे देख कर मेरा लंड फटने को हुआ और मैं दीदी के थूक से भीगे अपने लंड को तेजी से मुठियाने लगा एक हाथ से मुठ मारते हुए मैंने दूसरा हाथ दीदी के चूतड़ पर फिराते हुए उनकी गांड़ के छेद से खेलना शुरू कर दिया और दो मिनट में ही मैं सिसकते हुए बोला आहह दीदी निकलने वाला मेरी आवाज सुनते ही दीदी झटके से उठी और मेरे सामने जमीन पर बैठ कर बड़ा सा मुह खोल कर लम्बी सी जीभ निकाल दी और मेरी आँखों मे देखते हुए बोली झड़ जा भाई निकाल दे अपने लंड की गर्मी ....... और मेरी टांगे भी कांपने लगी और सुपाड़े से एक तेज धार निकल कर दीदी खुले मुह से ले कर उनके माथे तक उन्हें भिगोती चली गयी और फिर एक के बाद दूसरी तीसरी चौथी कोई 9-10 फुहारें दीदी के पूरे जिस्म पर गिरती रही उनका मुह वीर्य से भर चेहरे के हर हिस्से पर गाढ़ा सफेद पानी बह रहा था और उन्होंने मुझे देखते हुए उंगली से वो सारा समेट कर अपने खुले हुए मुह में इकट्ठा करना शुरू कर दिया एक एक कतरा मुह में इकट्ठा करने से उनका मुह एकदम भर गया और वो ऐसे ही बैठी रही मुह खोले मैंने उनकी ओर देखा तो उन्होंने इशारे से पूछा इसे पी लूं मेरा मुह तो खाली था ....... तो मैंने बोल कर जवाब दिया जैसी तुम्हारी मर्ज़ी और उन्होंने मुह बन्द करते हुए घूंट भर कर सारा वीर्य गटक लिया ...... फिर मेरे लंड को पकड़ कर एक बार अच्छे से निचोड़ते हुए दबाया तो दो तीन बूंदे और छलक आयी दीदी ने उसे जीभ से समेटते हुए एक चटकारा लिया और बोली उम्म्म मैंने कहा अब बहोत हुआ बस चुपचाप सो जाओ दीदी ने सर हिलाते हुए अपनी नाइटी उठा कर पहनी मेरा लोअर मुझे दिया मैंने भी उसे पहन लिया और टीशर्ट भी उठा कर पहन ली और बाथरूम आ गया पर मैंने दरवाजा बंद नही किया अब इसमें दीदी से कुछ छुपाने जैसा था भी नही और खड़े खड़े मूतने लगा पीछे से दीदी भी आ गयी और एक पैर उठा कर उठा कर कमोड पर रख कर खड़े खड़े मूतने लगी ....... उनकी चूत से तेज आवाज़ के साथ पेशाब की धार कमोड में गिर रही थी और ........ और मेरा और उनका पेशाब मिल कर एक हो रहा था ....... उनकी ये हरकत देख कर मैं मुस्कुरा कर बोली गंदी दीदी और फिर हम मूत कर वापस कमरे में आ गये दीदी ने लाइट ऑफ की हम बेड पर आ गए और मेरे लेटते ही दीदी आ कर छिपकली जैसे मुझसे चिपक कर बोली goodnight मैंने भी उन्हें good night बोला और फिर हम सो गए ........।
Mast update
 
  • Like
Reactions: Tiger 786

Raja maurya

Well-Known Member
4,979
10,360
143
सुबह 7 बजे मेरी नींद खुली दीदी गायब थीं मैं भी नहा धो कर नीचे आया और नाश्ता कर के घर से निकल गया मार्केट जा कर कल के लिए नाश्ता वगैरह लिया 5 तरह की स्वीट्स 5 तरह की नमकीन बाकी कुछ फ्रेश कल ही ले लूंगा ये सोच कर मैं वापस घर आ गया दीदी को वो सब सामान दिया तो वो हैरानी से बोली 3 लोगों के लिए इतना सामान मैंने कहा इम्प्रेशन भी तो जमाना है ना ....
फिर मैं स्कूल चला गया 3 बजे घर लौटा तो मम्मी ने एक पर्चा पकड़ा दिया गए के सामान का मैंने जल्दी से खाना खाया और बाजार चला गया सामान लेने मैं मार्केट में था तभी रानी का कॉल आया वो शिकायत भरे लहजे में बोली कहाँ हो यार मैं सारा दिन इंतजार करती रही तुम्हारी कॉल का मैंने कहा सॉरी आज कुछ काम मे फंसा हुआ हूं नही आ सकता कल मेरी दीदी को देखने लड़के वाले आ रहे हैं इसलिए नही आ सकता आज और कल उसके बाद देखता हूँ ......
मेरी बात सुन कर वो चुप हो गयी ..... फिर बोली ठीक है जब टाइम मिले बताना मैंने कहा ok और कॉल काट दी फिर मैं दो घंटे तक सारा सामान खरीदता रहा और घर आ गया मम्मी को सारा सामान दे कर मैं अपने रूम में आ गया शाम के 7 बज रहे थे तभी पापा आ गए ..... उन्होंने बताया वो लोग कल त्रिवेणी एक्सप्रेस से आ रहे हैं तुम स्टेशन चले जाना उन्हें रिसीव करने ठीक 10 बजे पहुंच जाना मैंने कहा ठीक है मैं चला जाऊंगा पर आप को कल घर पर रहना चाहिए .....
वो बोले मैं सुबह आफिस जाऊंगा लेकिन 11 तक वापस आ जाऊंगा कल मैं बाइक से जाता हूँ कार छोड़ दूंगा तुम्हे जरूरत पड़ेगा मैंने कहा ठीक है फिर वो चले गए रात में हम सब ने खाने की मेज़ पर कल के बारे में थोड़ी बातें की सब फिक्स कर के हम सोने चले गए ........
उपर आ कर मैं लेट गया थोड़ी देर में दीदी भी आ गईं उन्होंने दरवाजा बंद किया लाइट ऑफ की और आ कर मेरी बगल में लेट गयी उन्होंने मुझसे लिपटना चाहा पर मैंने उन्हें याद दिलाया अब हफ्ते भर ये सब नही उन्होंने कहा यार बस सो रही हूं और कुछ नही और फिर वो मेरे सीने पर सर रख कर सोने लगी ......
अगली सुबह मैं उठा जल्दी जल्दी तैयार हो कर नीचे आ गया मम्मी और दीदी पहले से ही घर की साफ सफाई में लगी हुई थी मुझे देखते ही मम्मी ने कहा निक्की विकी को नाश्ता दे दे उसे स्टेशन जाना होगा भूखा मत भेज देना दीदी ने नाश्ता दिया मैंने खाया पिया और फिर निकलने लगा ...... मम्मी ने कहा वापसी में आधा किलो पनीर और आधा किलो दही लेते आना मैं सर हिलाते हुए निकल गया ......
आज बहोत दिनों बाद कार मिली थी मुझे मैंने ब्लैक जीन्स रेड शर्ट पहनी थी और आंखों पर मेरा पसंदीदा रे बैन का चश्मा मैंने कार स्टार्ट की और स्टेशन की ओर चल पड़ा हांलाकि अभी साढ़े आठ ही हुए थे पर स्टेशन मेरे घर से लगभग 50 मिनट की दूरी पर था ।
मैंने रास्ते मे ही दही और पनीर ले लिया और फिर स्टेशन आ गया ..... मैंने प्लेटफार्म टिकट लिया और अंदर आ गया घड़ी देखी तो 9:45 हो रहे थे मैं यूँ ही इधर उधर घूमते हुए लड़कियां और सेक्सी औरतें ताड़ने लगा काले चश्मे का एक फायदा तो है ही आप किसी को चुपके से कितना भी देखो उसे पता नही चलता ...... दो तीन सेक्सी लड़कियां देख कर मुझे दीदी की याद आने लगी और मैं उन्हें दीदी से कंपेयर करने लगा पर हर बार दीदी मुझे ज्यादा सेक्सी लगती ......
फिर त्रिवेणी एक्सप्रेस आ गयी पर ना मैंने पूछा ना पापा ने बताया वो किस बोगी में हैं और मैं उन्हें पहचानूंगा कैसे ...... ये पापा भी ना कोई काम ठीक से नही करते मैंने जल्दी से पापा को फ़ोन लगाया पर वो आउट ऑफ नेटवर्क था ...... तभी ट्रेन आ कर लग गयी मैंने प्रतीक की pic देखी हुई थी इसलिए मैं जल्दी जल्दी खिड़की से अंदर झांकने लगा और फिर अचानक मुझे आगे की तीसरी बोगी के दरवाजे से उनके जैसा एक लड़का उतरता दिखा और उनके बाद एक अधेड़ उम्र की महिला मैंने गेस किया यही होंगे और भाग कर उनके पास पहुंचा ......
सामने से देखा तो कन्फर्म हुआ ये प्रतीक ही था मैं जल्दी से उन लोगों के पास पहुंचा और मम्मी जी के पैर छुवे ...... उन्होंने मेरे सर पर हाथ रख कर खुश रहो बेटा फिर मैं प्रतीक के पैर छूने झुका तो उसने मुझे रोकते हुए मेरा हाथ पकड़ कर मुस्कुराते हुए गर्मजोशी से हाथ मिलाया और बोला अभी हम बस दोस्त हैं मैं भी मुस्कुरा दिया तभी मेरी ट्रेन के दरवाजे पर गयी वहां एक बेहद खूबसूरत और बहोत ही क्यूट सी थोड़े भरे बदन और नाटे कद की एकदम गोरी चिट्टी लड़की खड़ी थी उसने जीन्स और टीशर्ट पहन रखा था आंखों पर नजर का गोल फ्रेम का चश्मा ..... उसका बदन थोड़ा सा भरा हुआ था कुल मिला कर वो बेहद सेक्सी और आकर्षक दिख रही थी उसने एक बैग हाथ मे पकड़ा हुआ था जो भारी था और एक उसके पैरों के पास रखा हुआ था मैं समझ गया ये श्वेता है प्रतीक की बहन प्रतीक ने उस से बैग लेने के लिए हाथ बढ़ाया ही था कि मैंने आगे बढ़ कर दोनो बैग उठाते हुए उस लड़की से सर झुका कर नमस्ते की वो मुझे देख हल्का सा मुस्कुराई ...... फिर मैंने दोनो बैग उठा लिए प्रतीक जिद करने लगा कि कम से कम एक तो उसे दे दूं पर मैंने कहा ठीक है ज्यादा भारी नही हैं वरना जरूर दे देता फिर हम सब बाहर आ गए पार्किंग में मैंने दोनो बैग डिक्की में रखे और गाड़ी अनलॉक की तो श्वेता और मम्मी जी पीछे बैठ गईं प्रतीक आगे मेरे साथ बैठ गया मैंने कार स्टार्ट की और हम घर की ओर चल पड़े ....... स्टेशन से निकलते ही मम्मी ने पूछा बेटा तुम बहू मेरा मतलब निकिता के भाई हो ना?
मैंने कहा जी मम्मी जी मैं विकास हूँ निकिता दीदी का भाई उन्होंने कहा बेटा हमे कुछ मिठाई और फल लेने हैं रास्ते मे दिलवा देना मैंने कहा ठीक है मम्मी जी .......
फिर रास्ते मे मैंने कल्पतरु स्वीट्स की शॉप पर कार रोकी और प्रतीक उतर कर मिठाई लेने चला गया थोड़ी देर में 5 डिब्बे मिठाई के ले कर आया और कार में रख दी सामने ही एक फल की दुकान भी थी तो वो जा कर ढेर सारे फल अनार अंगूर सेब केले और 5 नारियल वगैरह खरीदने लगा मैं भी उतर कर आ गया सामान ज्यादा था और मैंने भी हेल्प की दोनो सब सामान ले कर आये गाड़ी में रखा और फिर हम घर आ गए ......
पापा घर आ चुके थे मैंने गाड़ी रोकते हुए हॉर्न बजा दिया और मम्मी पापा दरवाजे पर आ गए ......
हम सब गाड़ी से उतरे मम्मी पापा ने प्रतीक की मम्मी के पैर छुवे और प्रतीक ने मम्मी पापा के श्वेता ने भी सबसे हाथ जोड़ कर प्रणाम किया हम सब अंदर आ गये ड्राइंग रूम में बैठे और हल्की फुल्की बात चीत होने लगी पापा ने कुछ औपचारिक बातें पूछी जैसे रास्ते मे कोई दिक्कत तो नही हुई .....
मगर मम्मी बड़े गौर से प्रतीक को ही देखे जा रही थीं और फिर एकदम से बोली मुझे तो प्रतीक बहोत ही पसन्द है ..... इस पर पापा बोले तुम्हे नही निकिता को शादी करनी है ...... और सब हंस पड़े .....
फिर मम्मी अंदर चली गईं और 5 मिनट में ही सेंटर टेबल तरह तरह की मिठाइयों नमकीन और नाश्ते से भर दी गयी टेबल में अब और सामान रखने की जगह ही नही प्रतीक बोला आप लोगों ने तो पूरी बारात के लिए नाश्ता लगवा दिया जबकि हम तीन लोग ही हैं फिर मम्मी अपने हाथों से प्लेट्स उठा उठा कर उन्हें नाश्ता करवाने लगी और तभी दीदी ..... मेरी निकिता दीदी हाथो में पानी की ट्रे लिए हुए ड्राइंग रूम में दाखिल हुए उन्होंने ब्लू सूट पहने हुआ था एक चोटी कर रखी थी चेहरे पर हल्का सा मेकअप जो घर पर ही किया गया था ..... (नेचुरल ब्यूटी की कृत्रिम श्रृंगार की आवश्यकता नही होती ऐसा मेरा मानना है मम्मी ने कई बार कहा कि दीदी ब्यूटी पार्लर हो आएं पर मैंने ही मना किया था कहा नही अभी वो सिर्फ देखने ही आ रहे हैं जो नेचुरल लुक ही ज्यादा सही रहेगा) पर इतने में ही दीदी बेहद खूबसूरत और हॉट लग रही थीं प्रतीक ने जैसे ही उन्हें देखा उसने मुह में भरे हुए रसगुल्ले को चबाना बन्द कर दिया और एकटक उन्हें देखता रह गया ..... उसकी हालत भांप कर मुझे हंसी आ गयी वैसे उस बेचारे का कोई कसूर भी नही था मेरी निकिता दीदी हैं ही इतनी सेक्सी की उन्हें देख कर किसी के भी होश गुम हो जाएं श्वेता भी दीदी को गौर से देख रही थी फिर उसने अपने भैया की ओर देखा और उन्हें ऐसे दीदी को देखते देख कर उन्हें अपनी कुहनी से ठोकर मारी तब जा के प्रतीक को कुछ अहसास हुआ और वो हड़बड़ा कर इधर उधर देखने लगा इधर मम्मी पापा और प्रतीक की माँ भी प्रतीक की इस हालत पर मुस्कुरा रहे थे ...... दीदी ने ट्रे मेज पर रखी और प्रतीक की माँ बोली बेटी तुम इधर आओ मेरे पास बैठो दीदी उनके पास गयीं और उनके पैर छू लिए माता जी उनके सर पर हाथ फिराते हुए आशीर्वाद दिया फिर दीदी ने प्रतीक की ओर नजरें उठा कर देखा और हाथ जोड़ कर नमस्ते की आए श्वेता से भी नमस्ते की प्रतीक ने जल्दी से हाथ जोड़ कर वापस नमस्ते का जवाब दिया वो कुछ नर्वस सा लग रहा था ...... प्रतीक की मम्मी बोली भाई मुझे तो निकिता बहोत पसन्द है कितनी सुंदर है इसकी और प्रतीक की जोड़ी खूब जंचेगी ..... उनकी बात से हम सभी सहमत थे ......
तभी पापा बोले बहन जी आपकी बात एकदम सही है लेकिन आजकल माता पिता की इच्छा से ज्यादा बच्चों की इच्छा ज्यादा मायने रखती है अगर ये दोनों भी एक दूसरे को पसन्द कर लें तो बेहतर हो मेरा मतलब हमे एक बार इनके मन की भी जान लेनी चाहिए ..... तभी श्वेता तपाक से बोली अंकल जी भैया ने तो जिस दिन भाभी की तस्वीर देखी है ये बस फुर्सत पाते ही फोन पर इनकी तस्वीर देखते रहते हैं मैं खाना रख देती हूं तो भी इनका ध्यान खाने पर नही बस भाभी की तस्वीर पर ही रहता है उसकी इस बात हम सब हंस पड़े जोर से और प्रतीक तो बेचारा एकदम शर्मा गया ........
दीदी भी प्रतीक को देख कर मुस्कुराने लगी....... प्रतीक की मम्मी बोली बेटा जरा वो हमारा सामान ला दो मैं बाहर गया और गाड़ी से उनका सारा सामान निकाल लाया और अंदर रख दिया प्रतीक की मम्मी ने श्वेता को इशारा किया और उसने उठ कर एक बैग खोलते हुए उसमे से कुछ पैकेट्स निकाले और ले कर अपनी मम्मी को दे दिया उन्होंने एक पैकेट उठाया जो अच्छे से पैक था और अपने पर्स से एक डिब्बी निकाली और उसे खोल कर अंदर से एक हीरे की एक खूबसूरत अंगूठी निकाल कर प्रतीक को दे दी और एक डिब्बा मिठाई थोड़े फल एक नारियल और 5100 रुपये दीदी को देने लगी और बोली मेरी तरफ से तो ये रिश्ता पक्का है अब पापा ने कहा अरे बहन जी इतना सब करने की क्या जरूरत है रिश्ता तो पक्का समझिए ही क्यों निकिता ......? दीदी ने शर्माते हुए हां में सर हिला दिया और फिर प्रतीक की मम्मी ने वो सारा सामान दीदी को दे दिया ...... श्वेता ने थोड़ा सा मुह बना कर कहा मुझसे तो किसी ने कुछ पूछा ही नही बेकार ही आयी मैं यहां उसकी बात सुन कर प्रतीक फौरन बोला अरे हां श्वेता जब तक तुम नही पसन्द कर लेती मैं इस शादी के लिए हां नही करूंगा इस पर श्वेता उठी मैं तो जा रही हूं इनके साथ कुछ बातें करूंगी अकेले में तब मैं डिसाइड करूंगी और अपना फैसला दूंगी ..... उसकी बात पर हम सब मुस्कुराए बिना नही रह सके फिर वो उठी दीदी का हाथ पकड़ा और बोली चलिए भाभी आपके कमरे में चलते हैं फिर दीदी उसके साथ ऊपर चली गईं ...... जब दीदी ड्राइंग रूम से बाहर जाने लगी तो प्रतीक की नजर उनकी सलवार में उभरी हुई गांड़ पर टिकी थी और वो धीरे से अपना लंड दबाता हुआ दिखा मुझे ......
प्रतीक की मम्मी बोली ये लड़की भी एकदम बेवकूफ है सबसे निकिता की फ़ोटो देख कर सबसे पहले यही उछलने लगी थी कि मुझे लड़की बहोत पसन्द है और अब देखो कितनी बातें कर रही मम्मी हंस कर बोली आपने देखा नही वो निकिता को भाभी कह रही थी बाकी यहां बुजुर्गों के साथ बैठने में हमारे सामने बातें करने में बच्चों को कहां मज़ा आएगा इसलिए बहाने से अकेले में ले गयी होगी ...... प्रतीक की मम्मी बोली भाई साहब मैं तो चाहती हूं आज ही मंगनी की रस्म हो जाये तो शाम तक हम लोग निकल जाएं और शादी की तैयारी करें .....
पापा बोले ठीक है आप चाहती हैं तो आज ही मंगनी कर देते हैं पर आज तो मैं नही जाने दूंगा आप लोगों को कुछ हमे भी तो अपनी सेवा का अवसर दीजिये .....
प्रतीक की मम्मी बोली ठीक है अगर आप चाहते हैं तो हम कल वापसी कर लेते हैं वैसे भी अभी हमने वापसी का टिकट नही कराया है पापा ने कहा फिक्र ना करें मैं कल का टिकट करवा दूंगा .......
फिर पापा बोले आप शालिनी से बातें करिये मैं आता हूँ पापा ने मुझे इशारा किया और हम बाहर आ गए पापा ने कहा विकास तुम मार्केट जाओ और एक अच्छी अंगूठी और इन लोगों के लिए बढ़िया कपड़े ले कर आओ मैंने कहा ठीक है पापा, पापा ने मुझे 25000 रुपये ल कर दिए और मैं बाजार निकल गया मैंने ज्वेलरी शॉप से एक 20000 की अंगूठी खरीदी पर मुझे प्रतीक की उँगली का नाप नही मालूम था तो शॉप ओनर ने मुझे प्लास्टिक के रिंग का एक सेट दिया और बोला मैं जा कर उनकी उंगली का नाप ले आऊं मैं फिर घर आया तो देखा प्रतीक बैठे बोर हो रहे थे मम्मी और उनकी मम्मी अंदर एक कमरे में बातों में मशगूल थे उनकी बातों का केंद्र बिंदु दीदी और प्रतीक थे । पापा प्रतीक के पास बैठे इधर उधर की पंचायत कर रहे थे मैंने प्रतीक के पास जा कर वो सेट उसे दिया और कहा कि वो चेक करें उनकी फिंगर में कौन सा सही बैठ रहा उन्होंने दो तीन प्रयास किये और फिर एक जो सही बैठा उसका नंबर मुझे बताया मैंने उनसे वो नाप ली और जाने लगा तो वो बोले विकास मैं भी चलूं क्या अपना शहर नही दिखाओगे मुझे मैंने मुस्कुरा कर क्यों नही आइये ...... और हम बाजार आ गए मैं उन्हें प्रयाग की प्रसिद्ध जगहों के बारे में बताता रहा वो बड़े गौर से मेरी बातों को सुनते रहे अपने सवाल पूछते रहे उनका व्यवहार एकदम दोस्ताना और सहज लगा मुझे फिर हम ज्वेलरी शॉप पर पहुंचे रिंग ली फिर वहां से निकल कर हम एक माल में आ गए वहां हमने प्रतीक के लिए उनकी पसन्द के कपड़े और श्वेता के लिए एक वाइट कलर की सुंदर सी ड्रेस की और फिर मम्मी जी के लिए एक महंगी सिल्क की साड़ी भी ले सब पैक करवा के पे कर के हमने सब सामान कार में रखा और घर की ओर चल पड़े रास्ते मे एक बियर शॉप दिखी तो प्रतीक एकदम से बोले विकास तुम बियर तो पीते होगे उनके सवाल से मैं एकदम हड़बड़ा गया और पहले हां में फिर जल्दी से ना में सर हिला दिया वो हंस दिए और बोले घबराओ मत मैं मम्मी पापा को नही बताने वाला इस बारे में ..... मैंने कहा कभी कभार दो चार बार पी है वो मेरी जांघ पर हाथ मारते हुए बोले ये हुई ना बात फिर तो मैं जब भी यहां आऊंगा मेरी तुम्हारी जमेगी ..... मैं मुस्कुरा दिया मैंने कहा लेकिन जीजा जी घर मे किसी को पता नही इस बारे में वो बोले पता तो मेरे घर मे भी किसी को नही है ....... और तुम किसी को बताओगे तो इसका सवाल ही नही है मैंने ना में सर हिला दिया तो वो बोले स्मार्ट बॉय ..... तभी एक और बियर शॉप उन्हें दिखी तो वो बोले रोको यार फिर और मैंने कार ब्रेक मारते हुए सड़क के किनारे लगा दी ......, कार रुकते ही प्रतीक कार से उतरे और शॉप की ओर चल पड़े मैं भी उतर कर पीछे से भागता हुआ आया उन्होंने काउंटर पर पहुंच कर दो
भारत का सबसे अच्छा बीयर ब्रांड कार्ल्सबर्ग Carlsberg का आर्डर दिया और वॉलेट निकालने लगे मैंने उन्हें मना करते हुए झट से 2000 का नोट निकाल कर काउंटर पर रख दिया वो सर हिलाते हुए बोले यार ये ठीक नही मैंने कहा था मैंने कहा कोई बात नही जब लखनऊ आऊंगा तब आप ही पेमेंट कर देना मेरी बात सुन कर वो हंसते हुए बोले बहोत तेज हो यार तुम ..... फिर मैंने दो पैकेट चिप्स भी लिया और बाकी पैसे ले कर हम वापस कार में आ गए ....... प्रतीक ने अपनी बियर खोल ली और चुस्की लेते हुए बोले बीवी का तो पता नही पर साला मुझे अच्छा मिला है मैंने मुस्कुरा कर कहा बीवी साले से भी अच्छी मिल रही है आपको फिर वो मुझसे दीदी के बारे में कुछ नार्मल सवाल पूछने लगे मैं होशियारी से उन्हें जवाब देते हुए संतुष्ट करता रहा फिर मैंने कार एक थोड़ी सुनसान जगह पर एक पेड़ के नीचे लगा दी फिर मैंने भी अपनी कैन खोल ली और हम ठंडी बियर का मज़ा लेने लगे ...... पीते हुए मैं सोचने लगा दीदी की भी इनके साथ बढ़िया जमेगी ...... पर मैंने सोचा लिया मैं इस बारे में दीदी को कुछ नही बताऊंगा हमने हल्की फुल्की बातें करते हुए बियर खत्म की फिर खाली कैन बाहर उछाल कर हम घर की ओर निकल पड़े तभी प्रतीक ने कहा यार कहीं से इलायची ले लेना और फिर मैंने एक जगह से तुलसी इलायची का ज़िपर लिया और दोनो ने कुछ दाने इलायची के मुह में डाले और घर की ओ चल पड़े रास्ते मे बातें करते हुए प्रतीक ने कहा विकास मुझे तुम्हारी निकिता दीदी बहोत पसन्द हैं मुझे तो पहली नजर में ही उनसे प्यार हो गया था मैं समझ गया कि बियर ने थोड़ा सा असर डाला है उन पर ।

1 बजे के आसपास हम घर पहुंच गए इतनी देर में मैंने अंदाजा लगा लिया प्रतीक वैसे तो बेहद शांत और सभ्य है पर अंदर से ये भी मेरे जैसा नॉटी और एडवेंचर पसन्द इंसान है कुल मिला कर मैं अब निश्चिंत था ।
मैं सब सामान ले कर अंदर आया और मम्मी को पकड़ाया फिर मैं ऊपर जाने लगा तो मम्मी बोली विकी प्रतीक को भी ऊपर ले जाओ थोड़ी देर आराम कर लें फिर अभी खाने के लिए बुलाऊंगी मैं .......
मैंने प्रतीक से कहा चलिए और हम ऊपर आ गए मेरे कमरे में बेड पर नई चादर बिछी थी और मैंने अंदर आते हुए ac ऑन कर दिया दरवाजा बंद कर के मैंने कहा आप आराम करिये मैं बाथरूम हो कर आता हूँ वो जूते निकाल कर लेट गए और मैं बाथरूम चला गया मूतते हुए मुझे दीदी के कमरे से हंसने की आवाज़ आयी मैं कान लगा कर सुनने लगा (असल मे ये बाथरूम मेरे और दीदी के कमरे के बीच मे बना हुआ कॉमन बाथरूम है और एक एक दरवाजा हम दोनों के कमरे में खुलता है इसलिए बाथरूम में से कमरों की आवाज़ें सुनाई देती हैं) अंदर श्वेता और दीदी हंस हंस कर बातें कर रही थी श्वेता प्रतीक के बारे में दीदी को बता रही थी जैसे उन्हें खाने में क्या क्या पसन्द है और उनके बारे में कई बातें दीदी भी उस से सवाल पर सवाल किये जा रही थीं .
मैं हाथ धो कर बाहर आया तभी मम्मी ने मुझे आवाज़ दी मैं नीचे आ गया और फिर उन्होंने मुझे किनारे में बुला कर कहा सुन विकास मैं चाहती हूं कि प्रतीक और निकी भी कुछ देर अकेले में एक दूसरे से मिल लें तो एक काम कर ये हलवा ( उन्होंने एक ट्रे में दो प्लेट में हलवा रखा हुआ था) ले जा कर निकिता को दे दे और उससे कहना ये ले कर प्रतीक के पास जाए और कुछ देर उसके पास बैठे बातें करे और श्वेता को नीचे बुला लेना कह देना उसकी मम्मी ने बुलाया है मैंने कहा ठीक है मम्मी और मैं ट्रे ले कर ऊपर दीदी के कमरे में आ गया मैंने कहा श्वेता की ओर देखते हुए कहा आपको आपकी मम्मी ने नीचे बुलाया है वो उठ कर नीचे चली गयी फिर मैंने दीदी के बेड पर वो ट्रे रखते हुए कहा दीदी जाओ अपने होने वाले पति को हलवा खिलाओ और थोड़ा टाइम उनके साथ बिताओ दीदी मेरी बात सुन कर शर्मा गयीं और बोली मैं नही जाती अकेले उसके पास मैंने कहा तो क्या मुहल्ले वालों को बुला लूं सबके साथ ले कर जाओगी मेरी बात सुन कर वो गुस्से से मुझे देखने लगी मैंने उन्हें और सताते हुए कहा अच्छा शादी के बाद सुहागरात में भी अकेले ना जाना उनके पास मैं भी साथ मे चलूंगा और लाइव सेक्स देखूंगा ठीक है दीदी ने मुझे मुक्का दिखाते हुए गुस्से से घूरा मैंने कहा भाई मैं कुछ नही जानता जो मम्मी ने कहा था मैंने कहा दिया अब आगे आप जानो और आपका काम ।
दीदी ने मुह बना कर कहा मम्मी ने कहा है तो जाना ही पड़ेगा फिर उन्होंने दुपट्टा सीने पर डाला और ट्रे उठायी मैंने फिर से उन्हें छेड़ा और बोला ये सही किया दुपट्टा डाल कर वरना प्रतीक तुम्हारे चेहरे से ज्यादा तुम्हारी मस्त चुचियाँ ही देखता रहता मेरी बात सुन के दीदी ने बड़ी कातिल मुस्कान से मुझे देखा और बोली तुझे मैं रात में बताती हूँ और फिर वो बाहर निकल गईं मैं दीदी के बेड पर ही लेटने लगा पर एकदम से मुझे आईडिया आया क्यों ना दीदी और प्रतीक की इस पहली मुलाकात का मज़ा लिया जाए और मैं जल्दी से दीदी के कमरे की ओर से बाथरूम में घुस गया और अपने कमरे की ओर वाले दरवाजे को जरा सा खोल कर अंदर झांकने लगा ।
Mast update
 
  • Like
Reactions: Tiger 786

Raja maurya

Well-Known Member
4,979
10,360
143
मैंने देखा प्रतीक आंख बंद किये लेटा था बेड पर और तभी दीदी दरवाजा धकेल कर ट्रे लिये हुए अंदर दाखिल हुई ...... और बेड के पास जा के खड़ी हो गईं वो कुछ सेकेंड तक खड़ी प्रतीक को देखती रही फिर धीरे से बोली सुनिए ...... उठिए ..... सो गए क्या ....?
उनकी मीठी आवाज़ सुनते ही प्रतीक ने झट से आंखे खोली और दीदी को देखते ही एकदम से उठ कर बैठ गया और बोला आप...... दीदी बोली हां मैं और ट्रे रखते हुए बोली लीजिये हलवा खा लीजिये प्रतीक की नजरें एकदम दीदी को उपर से नीचे तक निहार रही थीं और दीदी शरम से नजरें झुकाए हुए थीं ..... प्रतीक ने कहा बैठो आप भी और दीदी उसके सामने बैठ गईं प्रतीक बस बुत की तरह की दीदी को देखे जा रहा था दीदी ने एक प्लेट उठा कर प्रतीक की ओर बढ़ा दी प्रतीक ने प्लेट ले ली और बोला आप भी लीजिये दीदी ने दूसरी प्लेट उठा ली पर वो चम्मच को हलवे में गोल गोल घुमाने लगी और प्रतीक ने एक चम्मच हलवा मुह में डाल लिया और खाते हुए बोला मीठा कम है दीदी बोली रहने दीजिए फिर मत खाइए मैं दूसरा बना लाती हूँ प्रतीक ने मुस्कुराते हुए कहा उसकी जरूरत नही है मैं अभी ठीक किये देता हूँ इसे फिर उसने एक चम्मच हलवा लिया और दीदी के होंठो तक चम्मच ले आया दीदी ने पहली बार नजरें उठा कर प्रतीक की आंखों में देखा और फिर धीरे से मुह खोल कर हलवा खा लिया प्रतीक ने खाली चम्मच वापस हलवे में डालते हुए एक और चम्मच हलवा खाया और फिर बोला वाह अब तो कुछ ज्यादा ही मीठा हो गया फिर उसने चुपचाप हलवा खाया हां बीच बीच मे वो दीदी को भी खिला देता था प्लेट खाली होने के बाद उसने कहा वाकई बहोत लाजवाब था आपने बनाया है दीदी ने सर हिलाते हुए कहा नही मम्मी ने बनाया है प्रतीक ने पूछा आप भी ऐसा हलवा बना लेती हो या नही मुझे ये हलवा रोज खाना है अगर नही बना पाती तो मम्मी से सीख लेना दीदी ने कहा बना लेती हूं मम्मी ने मुझे खाना बनाना खूब अच्छे से सिखाया है प्रतीक ने कहा फिर ठीक है आज रात का खाना आप ही बनाएगी आपके हाथों से बने खाने का स्वाद तो अलग ही होगा ......, दीदी ने सर हिलाते हुए कहा ठीक है फिर प्रतीक ने थोड़ा सा गंभीर हो कर पूछा निकिता क्या आप मुझे पसन्द करती हैं ...... दीदी ने इस बार कुछ बोला नही बस हां में सर हिला दिया प्रतीक ने कहा ऐसे नही जवाब दो मुझे मुझे कानो से सुननी है तुम्हारे दिल की बात दीदी ने नजरें झुका कर कहा हां प्रतीक मैं आपको पसन्द करती हूं ..... प्रतीक ने बात आगे बढ़ाते हुए कहा फिर बनोगी मेरी दुल्हन दीदी ने एकदम से अपना चेहरा हांथो से ढक लिया और बोली मैं नही जानती प्रतीक दीदी की इस अदा पर फिदा सा हो गया और बोला आई लव यू निकिता मुझे पहली नजर में ही प्यार हो गया था तुमसे जिस दिन तुम्हारी तस्वीर देखी थी फैसला कर लिया था बस यही खबसूरत लड़की मेरी दुल्हन बन कर मेरे घर मे आएगी पर डर रहा था पता नही तुम मुझे पसन्द करोगी या नही ......, पर अब तुम्हारे मुह से ये सुन कर मैं कितना खुश हूं मैं बता नही सकता प्रतीक की बात सुन कर दीदी ने चेहरे से हाथ हटा लिए आए उसकी आँखों मे देखने लगी प्रतीक ने दीदी का हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींच लिया और दीदी उसके सीने से जा लगी प्रतीक ने एकदम से दीदी के माथे को चूम लिया और दीदी प्रतीक के सीने से लग गयी उनकी सांसे तेज हो गयी थी लेकिन प्रतीक ने दीदी को छोड़ दिया और खिसक कर बैठ गया ......
उसने कहा आपका फ़ोन नंबर मिल सकता है लखनऊ जा कर मैं हर रोज आपसे बात करूंगा अब तो एक भी दिन आपके बिना काटना मुश्किल होगा मेरे लिए दीदी ने कहा मेरे पास फोन नही है वो हैरानी से बोला कमाल है आज के जमाने मे बिना फोन के कौन रहता दीदी एकदम झटके से बोल गयीं की पहले था लेकिन फिर पापा ने ले लिया ......
और फौरन उन्हें गलती का अहसास हुआ कि ये उन्हें नही बोलना था पर जबान से निकली बात और कमान से निकला तीर वापस नही आते उनकी बात सुन कर मुझे दीदी की बेवकूफी पर गुस्सा आया , उधर प्रतीक ने पूछा ऐसा क्या हुआ था जो पापा ने आपका फ़ोन ले लिया दीदी ने हकलाते हुए कहा वो मैं फोन में गेम बहोत खेलने लगी थी इसलिए मेरे एग्जाम में मार्क्स कम आये थे तो पापा गुस्सा हुए और फोन ले लिया पर ये कहते हुए वो नजरें चुरा रही थीं प्रतीक ने इस बात को भांप लिया आखिर वो एक जिम्मेवार और अनुभवी इंसान था बैंक की जॉब कर रहा था रोज कितने लोगों को हैंडल करता था उसने दीदी का हाथ पकड़ कर कहा देखो निकिता मुझे तुम्हारे पास्ट से कोई लेना देना नही है मुझे बस इतना पता है कि तुम जो हो जैसी हो मुझे पसन्द हो मुझे तुमसे प्यार है मुझे सिर्फ तुमसे शादी करनी है......
अब मैं अपने हाथों को और तकलीफ नही देना चाहता ये आखिरी बात कहते हुए उसका लहजा कुछ शरारती हो गया था दीदी उसकी बात का अर्थ समझ तो गयीं पर बोली कुछ नही मैं उसकी इस बात पर मुस्कुरा दिया ...... ये भी मुठ मारने में एक्सपर्ट लग रहा था मुझे ....... फिर वो और ढेर सारी बातें करते रहे और अब दीदी भी उसके साथ सहज होने लगी थीं ।
तभी नीचे से मम्मी की आवाज़ निकिता नीचे आओ सब खाना तैयार है और मैं भाग कर दीदी के कमरे में आ गया दो मिनट बाद दीदी कमरे में आई और मुझे देख कर बोली चल नीचे खाना खाने मैंने कहता चलता हूँ पहले ये बताओ जीजा जी ने तुम्हें किस विस किया कि नही वो बोली पागल है क्या हम बस बात कर रहे थे मैंने पूछा अच्छा कैसे लगे वो पसन्द आये या नही दीदी ने सर हिलाते हुए कहा हां अच्छे हैं मैंने किसी बुजुर्ग तरह पूछा तो मैं रिश्ता पक्का समझूँ और दीदी मुस्कुरा कर मेरे सीने से लग गयी मैंने उन्हें कस के हग किया और बोला नीचे चलना है खाना खाने दीदी बोली तुम उन्हें नीचे ले चलो मैं बाथरूम हो के आती हूँ ...... मैंने कहा उन्हें ???? किन्हें???? दीदी बोली अपने जीजा जी को फिर मैं बाहर आया और अपने कमरे में जा कर प्रतीक से कहा चलिए जीजा जी लंच कर लेते हैं वो उठे और हम नीचे आ गए ।
डाइनिंग टेबल डोंगों से भरी पड़ी थी 5 तरह की सब्जी पूरी कचौरी पुलाव पापड़ सलाद प्रतीक की मम्मी श्वेता और पापा पहले से बैठे हुए थे मैं और प्रतीक भी जा कर बैठ गए तभी दीदी भी आ गईं प्रतीक की मम्मी बोली आ बेटी तू मेरे पास बैठ और दीदी उनके पास बैठ गईं प्रतीक की मम्मी ने मम्मी को आवाज़ दे कर कहा आप भी आइये साथ में मम्मी ने कहा पहले आप लोग खा लीजिये कुछ जरूरत पड़ी तो लेकिन वो मम्मी की बात काटते हुए बोली नही बहन जी हमारे घर तो सब साथ ही खाते हैं कुछ जरूरत पड़ी तो कोई भी ले आएगा ये भी हमारा ही घर है अब और फिर मम्मी को भी बैठना पड़ा हमने खाना शुरू किया वाकई खाना लाजवाब बना था मैं खुद ही रोज से ज्यादा खा गया उधर प्रतीक और श्वेता भी खाने की तारीफ करते हुए खाये चले जा रहे थे ....... प्रतीक ने कहा अब तो लगता है मुझे जल्दी जल्दी प्रयागराज आना पड़ेगा मम्मी जी के हाथों का खाना खाने मम्मी ने कहा तो क्या हुआ जब मन करे आ जाना मैं इससे बढ़िया खाना खिलाऊंगी तुम्हे और निकिता तो मुझसे भी अच्छा खाना बनाती है जल्दी से इसे ले जाओ अपने साथ ब्याह के तो रोज ऐसा खाना मिलने लगेगा मम्मी की बात सुन कर दीदी के गाल सुर्ख हो गए प्रतीक ने कहा आज रात का खाना यही बनाएगी फिर मम्मी ने कहा ठीक है और हमने खाना खत्म किया और मम्मी किचन से खीर ले कर आ गईं किसी के पेट मे जगह नही थी पर मम्मी की ये स्पेशल खीर थी जिसका स्वाद दुनिया की हर मिठाई से बेहतर होगा और उससे उठ रही केसर इलायची और गुलाबजल की खुशबू ने एक एक प्याली उठाने पर मजबूर कर दिया हमे खीर खत्म कर के हम सब उठ गए और पापा ने कहा आप लोग थोड़ी देर आराम कर लो फिर मम्मी सफाई में लग गयीं श्वेता दीदी के साथ ऊपर उनके कमरे में आ गयी प्रतीक की मम्मी मम्मी के कमरे में जा कर लेट गयीं और मैं प्रतीक को ले कर ऊपर अपने कमरे में आ गया हम बेड पर लेट कर इधर उधर की बातें करने लगे मेरी पढ़ाई और आगे फ्यूचर प्लान के बारे में फिर थोड़ी देर में हमे नींद आने लगी और हम सो गए शाम साढ़े पांच बजे मेरी नींद खुली देखा तो प्रतीक जागे हुए थे पर लेटे थे मुझे जागा देख कर बोले चलो तुम उठे तो मैं तो बोर हो गया लेटे लेटे मैंने कहा आपको जगा देना था मुझे वो बोले खाते और सोते हुए किसी को डिस्टर्ब करना गलत बात है फिर हम फ्रेश हो कर नीचे आ गए देखा तो सब ड्राइंग रूम में ही बैठे थे सिवा दीदी के पता चला कि वो ऊपर तैयार हो रही हैं मंगनी की रस्म के लिए फिर आधे घंटे में श्वेता उन्हें ले कर आई दीदी ने लाल रंग की साड़ी पहनी हुई थी हाथो में चूड़ियां आंखों में काजल लिप्स्टिक (बाद में मुझे पता चला कि श्वेता अपनी स्टडी के साथ मे ब्यूटीशियन का कोर्स भी कर रही है और दीदी को उसी ने सजाया था) दीदी इस टाइम एकदम पटाखा लग रही थी उन्हें इस रूप में देख कर तो एक बार मेरे लंड ने भी सर उठाना शुरू कर दिया पर मैंने उसे दबा कर चुपचाप पड़े रहने का इशारा किया....., उधर प्रतीक की भी हालत खराब लग रही थी मुझे दीदी का हुस्न उसे दीवाना बना रहा था फिर दोनो ने एक दूसरे को अंगूठियां पहनाई और मिठाई खिलाई हम सब ने दोनो को मिठाई खिलाई और एक दूसरे को बधाई दी फिर दोनो ने मम्मी पापा और प्रतीक की मम्मी के पैर छू कर आशीर्वाद लिया मैंने फोटोग्राफर का काम सम्हाल लिया और pic लेने लगा फिर मम्मी ने दीदी से कहा निक्की अब तू जा के चेंज कर ले खाने की तैयारी शुरू कर आज किचन की जिम्मेवारी तेरी मैं तो थक गई हूं सुबह से काम करते करते ये सुन कर प्रतीक की मम्मी(अब मैं प्रतीक की मम्मी के लिए माँ जी शब्द प्रयोग करूंगा) बोली कि श्वेता तुम अपनी भाभी की हेल्प करोगी किचन में श्वेता ने गर्दन हिला कर हां बोला और फिर वो दोनो ऊपर चली गयी प्रतीक ने कहा विकास मुझे जरा मार्केट ले चलो कुछ लेना है और मैं उनके साथ बाजार आ गया उन्होंने एक मोबाइल शॉप पर गाड़ी रुकवाई और samsung का एक लेटेस्ट मॉडल फोन खरीदा फिर उन्होंने अपनी id से एक जियो सिम लिया उसे एक्टिवेट करवा कर उसमे एक साल वाला रिचार्ज पैक डलवाया सिम को मोबाइल में डाला और फिर कार्ड से पेमेंट किया 27000 रुपये खर्च कर दिए थे उन्होंने एक झटके में इस से मुझे उनकी दीदी के प्रति चाहत का पता भी लगा गया वरना शॉप कीपर ने तो 10-15 हजार की रेंज में कई सारे फ़ोन दिखाए थे हमें फिर उन्होंने एक जगह उसे अच्छे से पैक करवाया । फिर हम घर की ओर चल पड़े रास्ते मे उन्होंने फिर से बियर शॉप पर कार रुकवाई और बोले इस बार मेरी बात माननी पड़ेगी तुम्हें वो उतरे और दो बियर ले कर आ गए एक मुझे पकड़ाते हुए कहा वैसे मैं ज्यादा नही पीता कभी कभी ही पीता हूँ लेकिन एक आज खुशी का दिन और दूसरे आज खाना ज्यादा खा लिया था तो डाइजेशन सही रखने के लिए एक और ले ली ....... उनकी सफाई सुन कर मैं बस मुस्कुरा दिया और हमने अपनी अपनी बियर खत्म की फिर हम घर आ गए ....... और ऊपर मेरे कमरे में बैठे बातें करते रहे फिर रात के खाने के लिए हम इकट्ठे हुए तो पापा ने मुझे कहा कि इन लोगों की कल की टिकट का इंतजाम करना है मैंने एक ट्रेवल एजेंसी को कॉल कर के तीन कंफर्म टिकट बुक करवा दी ।
दीदी ने वाकई लाजवाब खाना बनाया था एक बार हम सब ने साथ मे खाना खाया प्रतीक मांजी और श्वेता तो खाने से ज्यादा खाने की तारीफ करने में वक़्त लगा रहे थे खाना खत्म करने के बाद दीदी ने गाजर का हलवा परोसा और एक बार दीदी की तारीफों के पुल बनने लगे हलवा खाने के बाद प्रतीक ने अपनी जेब से फोन का बॉक्स निकाला और दीदी को देते हुए बोले इतना शानदार खाना खिलाने के लिए ये एक छोटा सा तोहफा मेरी ओर से दीदी ने फोन ले लिए और बॉक्स को उलट पलट कर देखने लगीं
प्रतीक ने पापा से कहा पापाजी मैंने एक फोन गिफ्ट है किया है इन्हें आप इसे ले मत लेना इनसे ........ पापा ने हंस कर कहा ......... अब तुम लोगों के मामले में मैं कौन होता हूँ टांग अड़ाने वाला , फिर काफी देर हम सब मे बातों का दौर चलता रहा और 11 बजे सोने का टाइम हो गया मम्मी और मांजी उनके कमरे में चले गए पापा गेस्ट रूम में हम चारो ऊपर आ गए दीदी श्वेता को अपने रूम में ले गईं और मैं और प्रतीक मेरे रूम में आ गए मैंने उन्हें अपना एक लोअर दिया उन्होंने चेंज किया मैंने भी कपड़े बदले और फिर हम सो गए ......।
अगली सुबह उठ कर हम फ्रेश हो कर नीचे आये सबने साथ मे नाश्ता किया और फिर उनकी ट्रेन का टाइम हो गया उन्होंने अपना सामान पैक किया मम्मी ने सबको उनके कपड़े और पैसे दे कर विदाई की फिर मैं सबको गाड़ी में बिठा कर स्टेशन ले आया ....... साढ़े 10 बजे उनकी ट्रेन आयी और जब मैंने उनका सामान ट्रेन में चढ़ा कर श्वेता और मांजी को उनकी बर्थ पर बिठा दिया और मांजी के पैर छू कर आने लगा तो प्रतीक भी मेरे साथ नीचे आ गए उन्होंने मेरा नम्बर मांगा मैंने उनसे नंबर एक्सचेंज किया फिर ट्रेन ने सिटि बजायी वो ट्रेन पर चढ़ गए और हाथ हिलाते हुए विदा ली ट्रेन चल पड़ी श्वेता भी विंडो से मुझे हाथ हिलाते हुए बाय करने लगी और धीरे धीरे ट्रेन ने गति पकड़ ली .......।
Nice update
 
  • Like
Reactions: Tiger 786

Raja maurya

Well-Known Member
4,979
10,360
143
मैं वापस घर आ गया पापा आफिस के लिए निकल चुके थे मम्मी और दीदी बैठी बातों में मशगूल थीं । मैं भी वहीं बैठ गया मम्मी ने कहा क्यों विकास कैसे लगे तुझे ये लोग मैंने कहा बढ़िया है, सब अच्छे लोग हैं दीदी खुश रहेंगी इनके घर जा कर , मम्मी ने कहा मुझे तो सबका स्वभाव अच्छा लगा एकदम सरल लोग हैं ........ और प्रतीक तो एकदम सीधा सादा है, मैं मन ही मन मुस्कुरा दिया मम्मी की बात सुन कर और बोला हां एकदम गुड बॉय है मेरी तरह, मेरी बात सुन कर दीदी हंसने लगी और बोली तू और गुड बॉय मैंने उन्हें आंखे दिखाते हुए अकड़ कर कहा क्यों मैं बैड बॉय हूँ क्या ?

दीदी बोली मैं क्या जानू मम्मी बोली क्यों तंग कर रही मेरे बेटे को कितना प्यारा बच्चा है मेरा , देख नही रही कल से कितना ख्याल रख रहा तेरी ससुराल वालों का , तेरे पापा को तो किसी चीज से कोई मतलब ही नही है........ बस पैसे पकड़ा देते हैं निकाल कर मैंने कहा ऐसी कोई बात नही है मम्मी पैसे तो वो ही कमा कर लाते हैं हम सब के लिए और जिसका जो काम है वो कर रहा है मेरी बात सुन कर मम्मी ने मुझे गले से लगा लिया और बोली मेरा बेटा समझदार हो गया है पर ये अभी बेवकूफ ही है सारा दिन उसे तंग करती रहती है दीदी ने झूठ मूठ का मुह फुला कर कहा ठीक है ना ये बेवकूफ अब कुछ दिन में ही चली जायेगी फिर अपने समझदार बेटे के साथ रहना आराम से दीदी की इस बात से मम्मी की आंखों में आंसू आ गए उन्होंने दीदी को भी अपने गले से लगा लिया और बोली मेरे दोनो बच्चे मेरे जिगर के टुकड़े हैं मैंने मौका पा कर दीदी की बांह पर चिकोटी काट ली और वो बोली देखो मम्मी अब ये फिर से मुझे तंग कर रहा है मम्मी बोली तुम दोनों का झगड़ा तो कभी खत्म होगा नही मैं जा रही थोड़ी देर आराम करने और वो उठ कर अपने कमरे में चली गईं ।
मैं भी अपने कमरे में आ गया थोड़ी देर बाद दीदी भी मेरे कमरे में आई उनके हाथ मे फोन वाला बॉक्स था जो अभी भी पैक था उन्होंने बेड पर बैठ कर उसकी पैकिंग खोली फिर बॉक्स खोल कर चमचमाता हुआ फोन निकाला और उसे देख खुशी से उछलते हुए बोली वाओ कितना मस्त फोन है ना मैंने कहा हां लेकिन जिसका फोन है वो ज्यादा मस्त है दीदी मुस्कुरा कर मुझे देखने लगीं फिर वो फोन में व्यस्त हो गईं नया फोन चीज ही है ऐसी है हाथ लगे तो इंसान थोड़ी देर के लिए सब कुछ भूल जाता है ......
दीदी अभी उसे देख ही रही थीं तभी उनके फोन पर कॉल आने लगी उन्होंने मेरी ओर देखा मैंने देखा तो किसी नंबर से कॉल आ रही थी मैंने कहा दीदी रिसीव करो और स्पीकर पर डालो दीदी ने कॉल रिसीव की और स्पीकर पर डाली उधर से प्रतीक की आवाज़ आयी हेलो निकिता.....
दीदी- हेलो
प्रतीक- अरे नही पहचाना क्या मैं प्रतीक
दीदी- जी पहचान गयी
प्रतीक- मैंने सोचा तुम्हारे पास मेरा नंबर नही है तो कॉल कर लूं अगर तुम्हारा मन हो मुझसे बात करने का तो .....
दीदी- सही किया आपने मैं सेव कर लुंगी आपका नंबर
प्रतीक-मैंने तो सेव कर लिया तुम्हारा नंबर अपने फोन में और तुम्हारी तस्वीर अपने दिल में
दीदी- ह्म्म्म
प्रतीक-लगता है आपको मुझसे बातें करना अच्छा नही लग रहा एक हम हैं जो आपकी आवाज सुनने के लिए ट्रेन के टॉयलेट में घुसे हुए हैं और आप तो कुछ बोल ही नही रही .....
दीदी- आप टॉयलेट में क्यों हैं बाहर बात नही कर सकते क्या.....?
प्रतीक - अब मम्मी के सामने बात करना न करना एक बराबर तो यहां आ के कॉल की
दीदी- ok ज्यादा देर टॉइलेट में रहेंगे तो मम्मी को पता चला जायेगा आप किसी से बात कर रहे हो
प्रतीक- तो चल जाने दो ना अपनी होने वाली बीवी से ही तो बात कर रहा हूँ
दीदी- ठीक है
प्रतीक- आई लव यू निकिता
दीदी- हूं
प्रतीक- ये हूँ क्या है
दीदी- (धीमी आवाज़ में) मम्मी पास में हैं अभी समझो ना
प्रतीक- ok ok समझ गया मैं फिर रात में कॉल करूँ
दीदी- हां
प्रतीक-फिर उस टाइम तो हूं हां नही करोगी ना
दीदी-नही
प्रतीक-आई लव यू बोलोगी ना मुझे एक बार सुनना है तुम्हारे मुह से
दीदी- ठीक है
प्रतीक- ok bye जान लव यू
दीदी- bye लव यू टू
और दीदी ने जल्दी से फोन काट दिया
मैंने उदास होते हुए कहा अब तो नया नया प्यार मिल गया है लोगों को मुझे कौन पूछेगा दीदी ने मुझे घूरते हुए कहा आपकी जानकारी के लिए बता दूँ की ये नया नया प्यार एक्सेप्ट करने के लिए आपने ही मुझे कन्विंस किया था और मैंने इस नए नए प्यार से बहोत पहले ही तुम्हे आई लव यू बोला है एक बार नही कई बार और हां भले ही मेरी शादी हो जाये मैं प्रतीक से कितना भी प्यार करने लग जाउं पर इसका ये मतलब की नही तुम्हारे लिए मेरा प्यार कम हो जाएगा यकीन ना हो तो कर के दिखाऊँ उनका मतलब समझ कर मैं हड़बड़ाते हुए बोला नही नही मुझे पूरा यकीन है आप पर और आपके प्यार पर मेरी हड़बड़ाहट देख कर दीदी हंस पड़ी और उनके गाल का डिंपल देख कर मेरा दिल बेकाबू हो गया मुझे ऐसे अपनी ओर देखते देख कर दीदी बोली विकी गिव मी अ हग प्लीज और मेरे पास आ कर मेरे सीने से लग गई मैंने भी दीदी को जोर से बाहों में कस लिया और बोला ये किस खुशी में दीदी ने कहा आज से 20-25 दिन पहले मैं कितने तनाव परेशानी और मुसीबत से जूझ रही थी यहां तक कि मैंने एक बार सुसाइड का भी सोच लिया था ये सुनते ही मैंने उनके होंठो पर हाथ रख दिया और बोला आपने ये सोचा भी कैसे दीदी......,
दीदी ने मेरा हाथ अपने मुह से हटाते हुए कहा बस सोचा था...... किया नही ना तेरे होते मैं ऐसा कैसे कर सकती हूं ...... पर तूने जिस तरह से इतनी जल्दी मेरी सारी परेशानियां खत्म कर के मेरा जीवन इतनी खुशियों से भर दिया समझ नही आ रहा कैसे तेरा ये अहसान ये उतारूंगी दीदी की बात से मेरी आँखों मे आंसू आ गए मैंने भरे गले से बोला बस अभी शादी हुई भी नही और कर दिया ना मुझे पराया अब मैं आपके लिए कुछ करूँ तो वो अहसान होगा मेरा आप पर ठीक है मैं आज से कुछ नही करूँगा आपके लिए क्यों कि फिर आपके सर पर मेरे अहसान का बोझ बढ़ता जाएगा ...... मेरे दुख और गुस्से को महसूस करके दीदी ने मेरे गाल को चूम कर मेरे आंसू पोंछते हुए कहा मेरे कहने का वो मतलब नही था पागल ......, सॉरी मैं बेवकूफ हूँ न तेरे जितनी समझदार नही हूँ मुझे अपनी बात कहने का सही तरीका नही आता ...... मम्मी सही कहती हैं मैं बेवकूफ की बेवकूफ ही हूँ उनकी बात सुन कर मेरे चेहरे पर मुस्कान आ गयी और दीदी ने कहा विकी मैं चाहती हूं कि मेरी शादी से पहले एक बार ही सही मैं अपना सब कुछ तुझे देना चाहती हूं मैंने फिर से उनके मुह पर हाथ रख कर कहा नही दीदी हम जो कर रहे हैं वो ही गलत है और इस से ज्यादा कुछ नही हांलाकि मेरा मन मुझे उनकी बात मानने के लिए उकसा रहा था पर मैंने अपने मन की इच्छा को दृढ़ता से दबा दिया ...... और बोला दीदी जो जैसे चल रहा है चलने दो अब आप पर प्रतीक का अधिकार है बाकी आपका जो थोड़ा सा प्यार है मेरे लिए काफी है ...... और मैंने दीदी के गाल को चूम लिया दीदी कस के मुझसे लिपट गयीं और काफी देर तक हम यूँ ही एक दूसरे को बाहों में भरे खड़े रहे.......
मेरे फोन की रिंग से हमे होश आया और मैंने फोन निकाला रानी का कॉल था मैंने दीदी से कहा संजय का कॉल है मुझे उससे मिलने जाना है और फिर मैं नीचे आ गया बाइक उठाई और घर से बाहर आ कर रानी को कॉल बैक की उसने कॉल उठाते ही कहा कितना तड़पाओगे मेरी जान तुम्हारी याद में उंगली कर कर के मैंने अपनी चूत का सत्यानाश कर लिया है अब तो आ जाओ मैंने कहा एड्रेस दो कहाँ आना है अभी आता हूँ उसने मुझे ठीक से पता बताया और बोली पहुंच कर मुझे कॉल करना मैं उसके बताए पते पर पहुंच गया और उसे कॉल की उसने कहा वेट और कुछ सेकेंड में ही मैं जहां खड़ा था उससे तीन घर आगे वाले घर का गेट खुला और रानी ने मुझे आने का इशारा किया ...... मैंने बाइक अंदर ही ले ली और स्टैंड पर लगा कर खड़ा हुआ रानी ने गेट बंद किया और मेरा हाथ पकड़ कर अंदर ले आयी उसने एक वाइट स्कर्ट पहनी थी जो उसके घुटनो से 5 इंच नीचे तक थी ऊपर उसने एक स्लीवलेस ब्लू टॉप पहना था और उसकी उभरी हुई चुचियाँ और भरी हुई गांड़ उसे एकदम सेक्सी लुक दे रही थी ...... उसकी चूची और गांड़ निहारते हुए मैं अंदर आ गया ........ ये एक छोटा सा पुराना मकान था जिसकी दीवारें गवाही दे रही थी कि सालों से इन्हें पेंट नसीब नही हुआ है वहां एक के बाद एक दो कमरे थे और बाहर गेट के बगल में ही एक छोटा सा बाथरूम था ।
इस कमरे में एक पुराना सा बेड पड़ा था और तीन कुर्सियां रखी थीं एक कोने में एक अलमारी खड़ी थी मैं कुर्सी पर बैठ गया तो रानी पीछे वाले कमरे में चली गयी और गिलास में पानी ले कर आई उसने मुझे गिलास पकड़ाया और बेड पर बैठ गयी फिर वो दीदी के बारे में पूछने लगी कि उनकी शादी का क्या हुआ मैंने उसे सब बताया कि उनकी शादी तय हो गयी है और जल्दी ही शादी हो जाएगी उसने कहा अपनी दीदी और जीजा जी की फ़ोटो दिखाओ मैंने जेब से फ़ोन निकाला (मैंने दो दिन पहले ही अपना सिम विनय वाले फोन में डाल लिया था क्यों कि विनय का फ़ोन मेरे पुराने फ़ोन से लाख गुना बेहतर था और इसका कैमरा भी बढ़िया था तो कल के प्रोग्राम की फ़ोटो मैंने इसी फोन से ली थी हांलाकि मैं एक बढ़िया सा फ़ोन लेने की सोच रहा था पर दो तीन दिन से व्यस्तता के चलते मुझे टाइम नही मिला तो मैंने विनय का फोन ही इस्तेमाल करना शुरू कर दिया)
मेरे हाथ मे फोन देख कर रानी उसे गौर से देखने लगी मैंने गैलेरी खोल कर उसे दीदी और जीजा जी की pic दिखाई वो बड़े गौर से सारी pic देखने लगी मुझे टॉयलेट लगी थी तो मैंने उससे पूछा उसने बताया कि बाहर किनारे में है बाथरूम और मैं बाथरूम चला आया दो मिनट बाद जब मैं निपट कर अंदर आया तो देखा वो मेरे फोन में झुकी हुई गौर से कुछ देख रही थी मुझे आता देख उसने जल्दी से फोन का बैक बटन जल्दी जल्दी दबाया और फोन रख दिया बेड पर और बोली बड़ी अच्छी जोड़ी है तुम्हारे जीजा और दीदी की मैं आ कर बेड पर बैठ गया और उस से पूछा रानी तुम्हारे परिवार में कौन कौन है वो बताने लगी कि उसकी माँ और एक छोटा भाई है मैंने उसके पापा के बारे में पूछा तो उसने बताया उनका कई साल पहले देहांत हो गया जब वो सिर्फ 12 साल की थी उसके बाद उसकी माँ ने किसी तरह कुछ घरों में काम कर के उसे और उसके भाई को पाला पोसा और जब वो इंटर की पढ़ाई पूरी कर चुकी तो पैसे के अभाव में उसने पढ़ाई छोड़ दी और इधर उधर प्राइवेट जॉब कर के कुछ पैसे कमाने लगी ताकि उसका भाई पढ़ सके .......
उसकी बात सुन कर मुझे उससे थोड़ी हमदर्दी हुई और मुझे लगा ये सब वो शायद अपनी मर्ज़ी से नही मजबूरी से करती है ...... मैंने कहा रानी अगर तुम्हे कभी किसी चीज की जरूरत हो या कोई हेल्प चाहिए हो तो बे झिझक मुझसे कहना मेरी बात सुन कर वो गौर से मुझे देखने लगी ...... मैंने पूछा क्या हुआ ऐसे क्यों देख रही हो वो बोली मुझे कुछ दिन पहले पुरानी नौकरी से निकाल दिया गया है और नई नौकरी अभी मिली नही है भाई की तीन महीने की फीस बाकी है और मम्मी पैसों का इंतजाम करने ही मामा जी के यहां गयी हैं .......
मैंने पूछा कितनी फीस है तुम्हारे भाई की उसने बताया कि हजार रुपये महीने फीस है मैंने जेब से 5000 रुपये निकाल कर उसके हाथ पर रख दिये और बोला अभी ये रखो बाकी फिर देखेंगे उसने पैसे ले कर रख लिए और बोली थैंक्स विकास मुझे वाकई में इस समय पैसों की बेहद जरूरत थी मैंने कहा कोई नही इंसान ही इंसान के काम आता है ...... और फिर रानी ने मेरी गर्दन में हाथ डाल कर मुझे अपनी ओर खींच लिया और मुझे अपने सीने से लगा कर मेरा चेहरा अपनी चुचियों से भींच लिया और फुसफुसा कर बोली एक जरूरत तो पूरी कर दी मेरी जान पर मेरी प्यासी चूत को तुम्हारे मस्त लौड़े की भी जरूरत है और उसने अपना हाथ मेरी जीन्स पर रख कर मेरे लंड को सहलाना शुरू कर दिया ...... रानी की नरम चुचियाँ के बीच मेरा मुह फंसा हुआ था और मैंने एक हाथ उसकी पीठ पर रख कर सहलाते हुए कहा रानी मैं भी बहोत बेताबी से इंतजार कर रहा था तुमसे मिलने का मेरा लंड भी बेचैन था तुम्हारी चूत में समाने के लिए उसने मुझे थोड़ा सा अलग कर के अपना टॉप ऊपर उठाते हुए निकाल दिया उफ़्फ़फ़ साली ने नीचे ब्रा भी नही पहनी थी उसकी गोरी मांसल फूली हुई चुचियाँ देख कर मेरा लंड मचल कर खड़ा हो गया और मैंने देर ना करते हुए झुक कर रानी के दाएं निप्पल जो कि एकदम फूल कर कड़ा हो रहा था को जीभ से चाटने लगा मेरी जीभ का स्पर्श पा कर रानी मचल उठी और सिसियाते हुए बोली आहह विकास चूस लो राजा मेरे निप्पल्स को मेरी चुचियाँ दबा दबा कर चुसो इन्हें निचोड़ लो आज इन्हें जी भर के और मैंने उसे धक्का देते हुए बेड पर गिरा दिया उसकी चुचियाँ तक कर खड़ी थी वो बड़े गौर से मुझे अपनी चुचियाँ घूरते देख रही थी फिर अचानक उसने अपनी उंगलियां अपने दोनो निप्पल्स पर फिरानी शुरू कर दिन जीन्स में अकड़ा कर मेरा लंड दर्द करने लगा था और झटके मारते हुए जेएनयू के स्टूडेंट्स जैसे नारे लगा रहा था....... ले के रहेगें आज़ादी ........और मैंने उसकी मांग मानते हुए जीन्स के बटन खोल के ज़िप नीचे सरकाई और हाथ डाल कर लंड को बाहर निकाल लिया और उसे सहलाने लगा .......
तभी मेरे ठरक से भर रहे दिमाग मे कुछ आया और मैंने रानी से पूछा कुछ पीती वीती हो या नही वो हैरानी से मुझे देखने मैंने अपनी बात दोहराई तो वो बोली हां कभी कभी लेकिन क्यों पूछ रहे हो मैंने वो सब छोड़ो ये बताओ तुम्हारी मम्मी कब आएंगी वो बोली शायद आज देर रात तक या कल सुबह मैंने कहा एक काम करो उन्हें कॉल करके कंफर्म करो और मैं थोड़ी देर में आता हूँ ये कहते हुए मैंने अपने खड़े हो चुके लंड को दो तीन बार सहलाया रानी की आंखों ले सामने और उसे अंडरवियर में ठूंस कर जीन्स के बटन लगा दिए और बाहर निकल गया। मैंने गेट खोल कर बाइक निकाली और गली से बाहर आया थोड़ी दूर पर ही एक बियर शॉप मिल गयी मैंने दो ठंडी टुबर्ग की कैन ले कर डिक्की में डाली एक गोल्ड फ्लैग जेब मे डाली और बाइक स्टार्ट कर के वापस रानी के घर आ गया।
रानी गेट के पास ही फोन लिए टहल रही थी मैंने अंदर आते हुए गेट बंद किया और डिक्की से बियर निकाल कर अंदर वाले कमरे की ओर चल दिया पीछे से रानी भी आ गयी मैंने पूछा क्या हुआ मम्मी का तो वो बोली वो तो अब कल ही आएंगी मामा ने आज शाम तक पैसे का इंतजाम करने को बोला है उसकी बात सुन कर मैंने कहा यानी अभी कम से कम 3 घंटे हैं मेरे पास उस वक़्त दोपहर के 12 बज रहे थे...... वो बोली देख लो तुम्हे जितना टाइम हो तुम्हारे पास मेरे पास तो पूरी रात का टाइम है तुम्हारे लिये चाहो तो आज रात भर मेरी चूत और गांड़ मज़ा लो नॉनस्टॉप, मैंने हंसते हुए कहा इंसान हूँ सुपरमैन नही और एक बियर उसे दे कर अपनी खोल ली उसने भी अपनी कैन खोली और हम ठंडी बियर का स्वाद लेने लगे ...........
मैंने एक घूंट भर कर कहा रानी वो बड़े प्यार से बोली हां राजा मैंने कहा आज तू जी भर के मेरा लंड चूस लियो वो बोली जरूर मेरी जान तुम अपनी पैंट निकाल कर क्यों नही बैठते हो मैं कब से देख रहा हूँ तुम्हारा मोटा लंड उसमे समा नही रहा क्यों बेचारे को इतनी तकलीफ दे रहे हो मैंने उसकी आँखों मे देखते हुए कहा साली इतनी ही फिक्र है मेरे लंड की तो उसे जल्दी से अपने मुह में ले ले ना रानी उसने बियर पीते पीते ही एक हाथ से मेरी जीन्स खोलनी शुरू कर दिऔर जल्दी ही उसे मेरे घुटनो तक सरका दिया और फिर अंडी में उभरे हुए मेरे लौड़े को मसलते हुए बियर चुसकने लगी उसने कुछ देर ऐसे ही मेरे लंड से खेलने के बाद अंडी को भी नीचे खींच दिया और मेरा लंड फनफनाता हुआ उसके चेहरे के सामने झूलने लगा नंगे लंड पर हाथ फिराते हुए उसने प्यासी नजरो से मेरी ओर देख कर कहा विकी मेरी जान मुझे आज इस लौड़े का रस पीना है उस दिन जैसे ही और अपने रसीले गुलाबी होंठ सुपाड़े पर चिपका कर एक गीला सा चुम्मा ले लिया और अपने होंठो पर जीभ फिराते हुए बची हुई बियर एक सांस में पीती हुई खाली कैन को एक कोने में उछाल दिया ...... मैं उसकी इन गरम हरकतों से और मस्ती में आ रहा था ...... फिर उसने मुझे धक्का दे कर बेड पर बिठा दिया और बड़ी सेक्सी आवाज़ में कहा आज तुम्हे एकदम नए तरीके का मज़ा देती हूं मैं मेरे राजा ....... लेट जाओ और मेरी शर्ट के बटन खोलते हुए उसे निकाल कर फेंक दिया और मेरे सीने को सहलाने लगी ....... मेरी कैन में कोई दो घूंट बियर बची थी मैंने भी उसे अपने हलक में उड़ेला और खाली कैन बेड के नीचे फेंक दी इसी के साथ रानी ने मेरी बनियान भी निकाल दी और मेरे सीने पर अपने होंठ रगड़ते हुए मुझे चूमने लगी उसके गर्म होंठो का अहसास अपने नंगे जिस्म पर मुझे बड़ा प्यारा लग रहा था......
फिर उसने मेरे सीने को पीछे पुश करते हुए मुझे बेड पर लिटा दिया मैंने पूछा किस तरह का नया मज़ा देगी मेरी जान वो बोली बताऊं या बस दूँ मैंने सोचते हुए कहा बता मत दे ही दे और उसने मेरी जीन्स को खींच कर पैरों से निकाल दिया और मेरे बदन का आखिरी कपड़ा मेरी अंडरवियर भी मेरे तन से जुदा कर दिया मैंने अपनी शर्ट उठा कर उसकी जेब से सिगरेट निकाली और रानी से माचिस मांगी वो बेड से उतरी और अपनी गांड़ मटकाते हुए किचन से माचिस ले आयी पर वो सिर्फ माचिस नही लायी थी उसके हाथों में 3 दुपट्टे भी थे ....... वापस आ कर उसने बड़ी अदा से माचिस जलाई और मेरी सिगरेट जला दी मैंने एक कश लिया और सिगरेट धुंवा मेरे दिमाग मे सेक्स का नशा और भड़काने लगा उसने बेड पर बैठते हुए मेरे एक हाथ पर दुपट्टा बांधना शुरू किया और फिर मेरे हाथ बेड के ऊपर लगे हुए हत्थे से बांध दिया मैं हैरानी से उसे देखने लगा उसने आंख मारते हुए ज्यादा सोचो मत बस मज़े लो तुमने मेरी परेशानी दूर की है तो मेरा भी फ़र्ज़ है तुम्हे और तुम्हारे लंड को खुशी दूँ और उसने मेरे हाथ से सिगरेट ले कर दो तीन कश लगाए और मेरे होंठो पर टूट पड़ी अपने नरम होंठो के मेरे होंठो पर चिपका कर वो गहरी सांसें भरते हुए उन्हें बेरहमी से चूसने लगी...... मेरे बदन में एक आग सी लगने लगी उसने मेरे होंठो को कुछ पल के लिए आज़ाद किया और सिगरेट मेरे होंठो से लगा दी मैंने भी आखिरी दो कश मारे और सिगरेट पूरी तरह सुलग कर खत्म हो गयी पर मेरे जिस्म में सेक्स की आग सुलगने लगी थी जो हर पल और तेज होती जा रही थी रानी ने दूसरा दुपट्टा उठा कर मेरा दूसरा हाथ उसी तरह से बांध कर बेड के दूसरे सिरे से बांध दिया और फिर आखिरी दुपट्टा ले कर उसने उसे मेरी आँखों पर बांध दिया ...... मैं सोच में पड़ गया कि ये साली करना क्या चाहती है मन मे हल्का सा डर भी आया पर अगले ही पल जो हुआ उससे मेरे दिमाग के सारे खयाल उड़ गए ....... मुझे अपने सीने पर किसी गरम और गीली चीज का स्पर्श महसूस हुआ.......
इस स्पर्श को मैं पहचान गया ये रानी की जीभ थी रानी मुझ पर झुकी हुई मेरे सीने को किसी भूखी कुतिया जैसे चाट रही थी मैंने सिसकते हुए कहा साली मुझे बांध क्यों दिया है ऐसे वो बोली जानू अब जो कर दिया है उसके बारे में मत सोचो और मैं जो मज़े देने वाली हूँ उसे एन्जॉय करो ना ये कहते हुए वो अपनी जीभ मेरे निप्पल्स के इर्द गिर्द फिराने लगी और मैं तड़पने लगा मचलने लगा मेरे पूरे जिस्म में करंट से दौड़ने लगा और पूरे बदन का खून मानो मेरे लंड में जा कर भरने लगा मेरे लंड तेजी से ठुमकिया मारने लगा ये देख कर रानी फुसफुसाते हुए बोली आहह विकी तुम्हारा लंड तो ज्यादा ही बेचैन लग रहा मैंने कहा साली रण्डी तेरी हरकते ही ऐसी हैं ....... और उसने मेरे एक निप्पल को होंठो में दबोच कर किसी बच्चे जैसे चूसना शुरू कर दिया ऐसी उत्तेजना मुझे पहले कभी नही हुई थी ये रानी वाकई में सेक्स की खिलाड़ी थी ....... उसने अपने होंठ सीने पर रगड़ते हुए एक निप्पल से दूसरे निप्पल तक का सफर तय किया और फिर उसे भी चूसने लगी इसी के साथ उसने एक हाथ मेरे पेट पर फिराते हुए नीचे ले जा कर मेरे सख्त लंड को अपने कोमल हाथो में भर लिया और सहलाने लगी ...... वो बारी बारी से दोनो निप्पल चूसते हुए लंड को जोर से मुठियाने लगी और फिर मेरी गर्दन को चाटते हुए मेरे होंठो को मुह में भर कर निचोड़ने लगी ....... अब मैं भी अल्कोहल और सेक्स के नशे में सब कुछ भूल कर बस रानी के रंडी पने का आनंद ले रहा था ...... मैंने कहा aaahhhh साली क्यों तड़पा रही है अब अपनी चूत का स्वाद भी चखा दे ना वो हंसी और बोली सारे स्वाद चखाउंगी ना जानू थोड़ा सा तो सब्र करो ...... मैंने सब्र ही तो नही हो रहा बुरचोदी ...... उफ़्फ़फ़ और उसने फिर से मेरे होंठ चूसते हुए अपनी गरम गीली जीभ मेरे मुह में घुसा दी मैं दीवानों की तरह उसकी चूसने लगा चाटने लगा और उसकी हाथ और तेजी से मेरे लंड पर ऊपर नीचे होने लगा फिर कुछ सेकेंड्स बाद वो मुझसे अलग हुई ...... और मुझे ये 25-30 सेकेंड की दूरी भी बर्दाश्त नही हुई मैंने गुस्से से चीखते हुए कहा ...... कहाँ गयी भोसड़ी की रण्डी आ ना मुझे अपनी चूत का रस पिला दे साली छिनाल मुझे कपड़ो की सरसराहट सुनाई दे रही थी पर मैं कुछ देख नही पा रहा था ...... तभी रानी की आवाज़ मेरे कानों में पड़ी ...... कपड़े तो उतार दूँ नंगी हो जाऊं राजा तभी तो तुम मेरी चूत का रस चख पाओगे ........ और कुछ पल बाद ही मुझे अपने सर के पास रानी के खड़े होने का अहसास हुआ और फिर अगले ही पल मेरे होंठो पर मुझे किसी नरम चीज का आभास हुआ मैंने जीभ फिराई उफ़्फ़फ़ रानी की नंगी बिना झांटो वाली चिकनी बुर मेरे होंठो पर थी मैंने देर न करते हुए मुह खोल कर उसकी बुर को मुह में भर लिया और जोर जोर से किसी कैंडी जैसे चूसने लगा और मेरे मुह में रानी की चूत का खट्टा कसैला स्वाद घुलने लगा पर ये स्वाद मेरे लंड की नसों को और सख्त कर रहा था ....... और रानी की बुर को चूसते हुए मैंने एकदम से अपनी जीभ कड़ी के के उसकी चूत में अंदर तक पेल दी और घुमा घुमा का चाटने लगा रानी की बुर के अंदर के गूदेदार मांस को ..... रानी के मुह से आहें निकलने लगी वो सिसियाते हुए बोली aaahhhh विकी पागल कर रहे हो तुम आज मुझे लगता है ऐसे ही चटवा कर झड़ जाऊंगी मैं आज और मैंने जीभ को बुर से निकाल कर उसकी चूत की क्लिट पर फिराना शुरू कर दिया वो एकदम से सिसक कर अपनी गांड़ का पूरा जोर डाल कर मेरे मुह पर बैठ गयी और अपनी गांड़ हिलाते हुए अपनी गीली रस बहा रही बुर को मेरे पूरे मुह पर रगड़ने लगी ....... कुछ देर तक मेरे मुह पर चूत रगड़ने के बाद वो उठने लगी मैंने कहा रानीईई...... वो बोली हां मेरे राजआआआ ...... मैंने कहा गांड़ ..... गांड़ भी चाटूँगा आज तेरी मेरी बात सुन कर वो वापस बैठ गयी मेरे मुह पर और थोड़ा सा आगे सरक कर अपने नंगे चूतड़ों में मेरा चेहरा दबा लिया और बोली लो राजा चाट लो अपनी रण्डी अपनी रानी की गांड़ और मैंने लम्बी सी जीभ निकाल कर रानी के नंगे नरम चूतड़ों पर फिरानी शुरू कर दी और धीरे धीरे रानी के चूतड़ों को चाटते हुए मैं अंदाज़ से अपनी जीभ रानी के चूतड़ों के बीच उसकी गांड़ की दरार में फिराने लगा और आखिर में मेरी जीभ की नोक ने रानी की गांड़ के कसे हुए उभारदार खुरदुरे छेद को महसूस किया और मैं रानी का गांड़ का छेद जीभ से कुरेदते हुए उसे चाटने लगा रानी बावली सी हो गयी और बोली aahhhhh विकी खा जाओ मेरी गांड़ को उफ़्फ़फ़ कितना मज़ा आ रहा है मेरे पूरे बदन में चिंगारी सी उठ रही है मेरे राजा लव यू मेरी जान और मैंने उसकी सेक्सी ठरक से भरी आवाज़ सुन के उसकी गांड़ का छेद अपने होंठो में दबा लिया और चूसने लगा ...... रानी ने अपना पूरा भार मेरे मुह पर डालते हुए मुझे अपनी मोटी गांड़ में भींच लिया और तेजी से सिसकते हुए बोली aahhhhh विकास मैं गयी झड़ गयी मेरी रण्डी बुर टपका दिया मेरी बुर ने रस और ये कहते हुए उसने सरक कर अपनी बुर मेरे मुह में लगभग जबरदस्ती घुसा दी और बोली लो पियो मेरी चूत का रस राजा बुझा लो अपनी प्यास और वो तेजी से आहें भरते हुए मेरे मुह में अपना रस टपकाने लगी .......और मैं उसकी बुर अपने मुह में भर कर चूसते हुए रानी की बुर का रसपान करने लगा ........
झड़ने के बाद वो दो तीन मिनट तक ऐसे ही बैठी रही मेरे मुह पर मैं मुश्किल से सांस ले पा रहा था फिर वो उठी और मेरे पैरों के पास बैठ गयी और झुक कर मेरे पैरों पर जीभ फिराते हुए उन्हें चाटने लगी ...... मैं एक बार फिर से उत्तेजना से पागल होने लगा उसकी जीभ मेरी टांगो से घूमती हुई जांघो पर फिरने लगी और फिर मेरे अंडकोश को चाटने हुए उसने लंड की जड़ पर चुम्मा दिया ऊऊमममम ..... और फिर एकदम से बड़ा सा मुह खोल कर लंड को गप्प से मुह में भर कर तेजी से चूसने लगी ...... मेरे मुह से बस आहें और सिसकियां निकल रही थी पर रानी अपनी गर्दन को तेजी से हिलाते हुए मेरा लंड चूसने में लगी हुई थी ....... कोई 5 मिनट तक वो ऐसे ही लंड की चूसती रही उसका थूक लंड से बहता हुआ मेरे आंड़ को भिगोता हुआ मेरी गांड़ तक जा रहा था ......
फिर उसने मुह से लंड निकाला और बोली विकी जब तुम मेरी गांड़ चाटते हो तो मुझे बहोत अच्छा लगता है ...... मैंने कहा aaahhhh रानी मुझे भी अच्छा लगता है तुम्हारी गांड़ और चूत चाटना ...... रानी बोली मैं सोच रही हूं ये मज़ा तुम्हे भी दूँ मैं और इसी के साथ रानी ने मेरे पैरों को दोनो हाथो से पकड़ कर उपर हवा में उठाते हुए विपरीत दिशा में फैला दिया और झुक कर अपने होंठ मेरी गांड़ के छेद पर रख दिये और मैं तो एकदम से तड़प कर हवा में उछल सा गया ...... मैंने चीखते हुए कहा aaaahhhh रानी ...... और रानी ने मेरी गांड़ के छेद पर जीभ फिरानी शुरू कर दी वो भी उसी मस्ती से मेरी गांड़ को चाटने लगी जैसे कुछ देर पहले मैं उसकी गांड़ को चाट रहा था अब मेरे बर्दाश्त से बाहर होने लगा मैं कैसे भी झड़ना चाहता था अपने लंड से गरम गरम वीर्य रानी के जिस्म में भरना चाहता था उसके किसी भी छेद में इसके सिवा मुझे कुछ नही सूझ रहा था .......
मैंने कहा रानी साली रांड अब खोल से मुझे तेरी चूत चोदनी है मुझे कुतिया मेरी बात अनसुनी करते हुए रानी ने मेरे थूक से तर लंड के पकड़ कर सहलाते हुए और तेजी से जीभ मेरी गांड़ पर फिरानी शुरू कर दी ....... मैं अपने हाथ छुड़ाने की कोशिश करने लगा पर वो मजबूती से बंधे हुए थे मैंने कहा ...... रानीईईई aahhh अब नही बर्दाश्त हो रहा ले ले अपने बुर में मेरा लौड़ा और शायद रानी को मुझ पर तरस आ गया और वो फुर्ती से उठी और मेरी कमर पर बैठ कर उसने एक हाथ से मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत की दरार पर रगड़ा और फिर तेजी से लंड पर चूत को दबाते हुए उसे जड़ तक अपनी चूत में समा लिया उसकी चूत और मेरा लंड दोनो थूक से भीगे हुए थे इसलिए लंड सरसराता हुआ बिना किसी रुकावट के जा कर उसकी बच्चेदानी पर टकराया और वो एकदम से कांप कर बोली aahhh विकी आज तो ज्यादा ही सख्त और मोटा लग रहा है तुम्हारा मूसल और वो तेजी से उछलने लगी मेरे लंड पर ...... मैं भी यथासंभव अपनी कमर नीचे से उछालते हुए तेजी से धक्के देते हुए रानी की बुर चोदने लगा और लंड पर उछलते हुए रानी मेरे सीने पर लेट गयी और अपने होंठ मेरे होंठो से चिपका दिए और मेरे होंठ चूसते हुए पूरी ताकत से अपने चूतड़ों को मेरे लंड पर पटकने लगी उसकी रफ्तार एक समान गति से चल रही थी और मेरा लंड उसकी बुर की नरम दीवारों को रगड़ता हुआ अच्छे से उसकी बुर की चुदाई कर रहा था ....... और फिर उसने थोड़ा सा ऊपर सरक कर अपना एक निप्पल मेरे होंठो पर रगड़ दिया और होंठो पर निप्पल महसूस होते ही मैने उसे दांतो से पकड़ लिया और खींचते हुए चूसने लगा रानी सिसकते हुए बोली aahhhh खा जाओ विकी मेरी चुचियों को ..... ऊफफ और कोई 10 मिनट तक ऐसे ही मेरे लंड पर कूदने के बाद उसका बदन अकड़ने लगा थरथराने लगा उसकी आवाज़ बदलने लगी और तेजी से अपनी चूत का दाना मेरे लंड के ऊपर पर घिसते हुए झड़ने लगी और कस के मेरे सीने से चिपक गयी ...... एक डेढ़ मिनट तक उसके बदन में कंपकपी होती रही और धीरे धीरे वो शांत हो गयी ..... और निढ़ाल सी मुझ पर पड़ी रही ...... उधर मेरा लंड बेचैनी की हदों को पार कर रहा था और मैंने फिर से अपनी कमर को हरकत देनी शुरू की लेकिन रानी किसी बेजान लाश सी मुझ पर पड़ी थी ..... मेरी हरकत से उसे होश आया और उसने मेरी आँखों से दुपट्टा खोल दिया और मेरी आँखों मे देखते हुए मुस्कुरा कर बोली आज तो जान निकाल दी तुमने मेरी मैंने कहा अब तो हाथ खोल दे मेरे और फिर उसने मेरे दोनो हाथ खोल दिये ........ और हाथ खुलते ही मैंने धक्का दे कर रानी को अपने ऊपर से हटाया वो बेड पर लेट गयी मैंने बेड से उतर कर नीचे खड़े होते हुए रानी के खुले बाल मुट्ठी में पकड़े और उसे बालों से खींचते हुए बेड के किनारे पर घसीट लिया और फिर उसकी कमर में हाथ डाल कर उसे पेट के बल लिटा कर फुंफकारते हुए बोला कुतिया बन जा मादरचोद और रानी फौरन ही अपनी गांड़ उभार कर कुतिया बन गयी उसने अपनी गर्दन पीछे मोड़ी और गौर से मुझे देखने लगी ......
मैंने रानी के पीछे खड़े हो कर अपने लंड को जो कि रानी की चूत के रस से लथपथ था मुट्ठी में भर का मसला और रानी की कसी हुई गांड़ के छेद में जो कि उसकी ही चूत के रस से भीग कर चिपचिपा सा हो रहा था अपनी दो उंगलियां बेरहमी से डाल कर तेजी से अंदर बाहर करनी शुरू कर दी रानी फिर से सिसक उठी और बोली aahhh विकी आराम से दर्द होता है ना पर मैंने उसकी बात को नजरअंदाज कर के उंगलियां उसकी गांड़ से निकालते हुए उसकी गांड़ पर थूक दिया और लंड का सुपाड़ा उसकी गांड़ के छेद पर रख कर दोनो हाथो से उसकी कमर पकड़ कर एक जोर का झटका दिया गीली गीली गांड़ में चिकना लंड फिसलते हुए समा गया और रानी एकदम से बिलबिला कर आगे को फिसल कर अपनी गांड़ से लंड निकालने की कोशिश करने लगी लेकिन मैं सावधान था ...... मैंने अपने हाथों की पकड़ उसकी कमर पर मजबूत करते हुए उसे अपने लंड की ओर खींचा और तेजी से कमर को झटके देते हुए लंड के हमले उसकी गांड़ पर करने शुरू कर दिए और फिर वो सिसकते हुए खुद को मेरे हवाले कर के अपनी गांड़ हो रहे दर्द को पीने की कोशिश करते हुए एक हाथ अपनी टांगो के बीच घुसा कर अपनी चुत के दाने को रगड़ते हुए आहें भरने लगी ....... बस कुछ ही धक्कों के बाद लंड ने गांड़ के कैसे हुए छेद को ढीला करते हुए जगह बना ली और फिर मैंने उसके बालों को एक हाथ से मुट्ठी में पकड़ कर अपनी ओर खींचते हुए तेजी से पूरी रफ्तार में उसकी गांड़ चोदनी शुरू कर दी धीरे धीरे वो भी मस्ती में आने लगी एक बार उसकी बुर में तरंग उठने लगी और वो भी अपनी गांड़ को मेरे लंड पर दबाते हुए गांड़ मरवाने का आनंद लेने लगी ....... मैं तो बस मदहोशी में उसकी गांड़ में लंड के धक्के लगाए जा रहा था और तभी उसके नंगे चिकने हिल रहे चूतड़ पर नजर पड़ते ही मेरे मन मे कुछ आया और मैंने एक थप्पड़ खींच के उसके चूतड़ पर लगाते हुए और तेजी से लंड उसकी गांड़ में पेलना शुरू किया ...... कमरे में पहले ही थप थप की आवाज़ गूंज रही थी और उसके साथ ही चटाक की आवाज़ गूंजी और रानी का गोरा चूतड़ लाल होने लगा रानी सिसिया कर बोली आहह राजा ऐसे ही चोदो अपनी रण्डी अपनी रखैल अपनी कुतिया को और उसने अपनी बुर का दाना चुटकी में भर कर जोर से मसल दिया .......
मैं एकदम से झड़ने की कगार पर आ गया था किसी भी पल मेरा लंड खौलता लावा उगलने को तैयार था ...... मैंने एकदम से अपना लंड रानी की गांड़ से निकाला और उसके बाल पकड़ कर खींचते हुए उसे बेड से नीचे उतार कर अपने सामने बिठा लिया वो समझ गयी मैं क्या चाहता हूं उसने पंजो पर बैठते हुए मेरा लंड मुट्ठी में पकड़ा और सुपाड़े को होंठो में दबा कर जीभ फिराते हुए लंड को मुठियाने लगी और मेरी आँखों मे देखते हुए बोली आहह विकास अब झड़ जाओ पिला दो मुझे अपने लंड का गरम रस भर दो मेरा मुह अपने वीर्य से उफ़्फ़फ़ और इसी के साथ मेरी टांगे कांपने लगी और मेरे सुपाड़े से एक पिचकारी से निकली और रानी के होंठो से ले कर माथे तक वीर्य की एक सफेद रेखा खींच गयी ....... एक के बाद एक उसके पूरे चेहरे पर वीर्य की लकीरें बनती गयी और वो मुह खोले प्यासी नजरो से मेरे लंड को देखते हुए उसे अपनी जीभ से चाटने लगी ...... आखिरी कुछ बूंदे उसकी जीभ पर टपका कर मैं बेड पर गिर पड़ा और मेरी आँखें बंद हो गईं .......,
कोई आधे घंटे मैं वैसे ही पड़ा रहा बेसुध सा फिर मुझे होश आया और मैंने देखा कि रानी वैसे ही नंगी मेरी बगल में बैठी है उसने मेरी आँखों मे देख कर कितनी बेरहमी से चोदते हो मेरी जान मैंने भी मुस्कुरा कर कहा तू चीज ही ऐसी ही जानेमन फिर मैंने उठ कर कपड़े पहने रानी ने कहा जा रहे हो क्या मैंने कहा हां काफी टाइम हो गया और कुछ काम भी है फिर रानी ने भी कपड़े पहने और मैं बाइक उठा कर चल दिया वहां से ....... मैं घर के आधे रास्ते तक पहुंचा ही था कि मुझे लगा मैं कुछ भूल रहा हूँ ......, मेरा फोन नही था मेरे पास शायद मैं उसे रानी के यहां भूल गया था ......, ,ओह शिट ये क्या हो गया उस फोन में दीदी के pic हैं और वो लॉक भी नही है मैंने फौरन बाइक मोड़ी और तेजी से भगाता हुआ फिर से रानी के घर आया मैंने गेट खटखटाया तो रानी अंदर से आई मुझे देख कर बोली फोन लेने आये हो.....?
मैंने हां में सर हिलाया तो उसने अंदर से फोन ला कर दिया और मैं वापस घर की ओर चल पड़ा।
Behtareen update
 
  • Like
Reactions: Tiger 786

Raja maurya

Well-Known Member
4,979
10,360
143
घर आ कर मैंने चाय पी थोड़ी थकान सी लग रही थी ऐसी जबरदस्त चुदाई के बाद तो मैं अपने कमरे में जा कर सो गया फिर रात का खाना खा कर रोज की तरह मैं कमरे में आ गया ...... कुछ देर बाद दीदी कमरे में दाखिल हुए और लाइट ऑफ कर के मेरे बगल में आ कर लेट गयीं ...... मैंने पूछा दीदी आपने प्रतीक को कॉल किया या नही एक भी बार ...... दीदी बोली अभी तो नही की ...... मैंने कहा आपको उन्हें कॉल करनी चाहिए ..... दीदी ने बोला हां सोच तो रही थी मैं फोन ले कर आई हूं ....... उन्होंने फोन दिखाया मुझे ...... मैंने कहा मुझे भी सुननी हैं तुम लोगों की बातें वो बोली पति पत्नी की पर्सनल बातें सुनना गंदी बात है मैंने कहा बस बातें सुनने को कहा है तुम्हारी सुहागरात देखने को नही कह रहा दीदी हंसते हुए बोली अगर तुम कहो तो वो भी दिखा दूंगी तुम्हे ........ और प्रतीक का नंबर डायल करते हुए स्पीकर ऑन कर दिया ........
बस दो बार ट्रिन ट्रिन की आवाज़ हमारे कानो में पड़ी और फोन रिसीव हो गया मानो प्रतीक को पता था कॉल आने वाला है .......और प्रतीक की आवाज़ हमारे कानो में पड़ी .......
प्रतीक- हेलो निकिता मेरी जान कैसी हो .....
दीदी- ठीक हूँ आप कैसे हैं ......
प्रतीक- ( शरारत से ) मेरी तो हालत खराब है जब से आपके घर से आया हूँ किसी काम मे दिल नही लग रहा बस आपकी ही तस्वीर दिख रही चारो ओर ....... मैं बस आपके फोन का ही इंतजार कर रहा था मुझे लग रहा था आप फोन करेंगी जरूर
दीदी- अच्छा जी ऐसा क्या कर दिया मैंने ...... और आप भी कर सकते थे कॉल मैंने मना तो नही किया था .....
प्रतीक- मेरा दिल चुरा लिया है यार तुमने बस लगता है तुम्हे भगा कर ले आऊं अपने घर और खूब ढेर सारा प्यार करूँ तुम्हे ......
दीदी- अच्छा ...... ऐसा कुछ किया तो मेरे पापा और भाई आपको डंडे मार मार के सीधा कर देंगे और दीदी हंसने लगी ......
प्रतीक- अरे नही यार ऐसा कर नही सकता पर मेरे बस में होता तो करता जरूर...... लेकिन तुम्हे मैं लीगल तरीके से ब्याह कर अपनी दुल्हन बना कर लाऊंगा अपने पास .......
दीदी- बोली बस यही एक रास्ता है आपके पास मुझे पाने का .......
अब दीदी की झिझक खत्म होने लगी थी और वो सामान्य तरीके से प्रतीक से बातें कर रही थी ......
उन दोनों ने कोई आधे घंटे तक ढेर सारी बातें की और आखिर में दीदी ने कहा ......
दीदी- अब सो जाइये आप कल आफिस नही जाना क्या फिर सारा दिन वहां ऊंघते रहेंगे .....
प्रतीक- ठीक है मैं सो जाता हूँ लेकिन पहले अपना वादा पूरा करो......
दीदी- कौन सा वादा मैंने कब वादा किया
प्रतीक- इतनी जल्दी भूल गयी सुबह ही तो किया था.....
दीदी- अच्छा वो ......
प्रतीक - हां हां वही .....
दीदी- आई लोव यू .....
प्रतीक - ये तो अधूरा है .....
दीदी- क्यों....
प्रतीक- मेरा नाम मिसिंग है.....
दीदी- ओह ..... कैसे लूं आपका नाम .....
प्रतीक- बड़े आराम से इतना भी मुश्किल नही है मेरा नाम एकदम आसान है बोलो प्रतीक......
दीदी- प्रतीक ....
प्रतीक- अब पूरा एक साथ बोलो.....
दीदी- आई लव यू प प प्र ..... प्रतीक .....
प्रतीक- उफ़्फ़फ़ नाम आई लव बोलने में इतनी शर्म नाम लेने में इतनी शर्म तो बाकी सब कैसे लोगी ......
दीदी- और क्या लेना पड़ेगा ....
प्रतीक - बहोत कुछ ..... जैसे कि मेरी किस्सी मेरा हग और उसके बाद भी काफी सारी चीजें ......
दीदी उसकी बातों का अर्थ समझ कर मुस्कुराते हुए बोली ....... मुझे नही पता ...... तब की तब देखी जाएगी ...... अब तो आप सो जाओ......
प्रतीक-ok जान गुड नाईट लव यू सो मच निकी .......
दीदी-लव यू प्रतीक गुड नाईट ......
प्रतीक- ऊऊम्म्म्म
दीदी- उम्म्म
और फोन कट गया ......
दीदी ने फोन तकिए के नीचे रखते हुए कहा पागल .....
मैंने कहा आप हो ही ऐसी सबको पागल कर देने वाली ......
फिर दीदी ने मेरी बांह का तकिया लगाया और मेरे सीने से लिपट कर सो गयीं जल्दी ही मुझे भी नींद आ गयी ......
अगली सुबह हम अपने अपने स्कूल कॉलेज गए मैं दीदी को छोड़ कर अपने स्कूल गया संजय मिला तो वो गांड़ फुलाये बैठा था मैंने कहा क्या हुआ लोड़ू वो बोला भोसड़ी के तू तो बात ही मत कर साले सिर्फ काम के समय तुझे मेरी याद आती बाकी अकेले अकेले मज़े मार तू ....... मैंने कहा ऐसा नही है मेरी जान ......

फिर मैंने उसे दीदी की सगाई की बात बताई सुन कर वो खुश हो गया और मुझे बधाई दी मैंने कहा अब बोल ये काम जरूरी था या तेरे लौड़े का इंतजाम वो बोला हेहेहे कोई नही यार लेकिन अब और मत इंतजार करवा मुझे जल्दी से इंतजाम कर दे मेरा ........

मैंने कहा भाई अब फ्री हो गया हूँ तो करता हूँ तेरा जुगाड़ बस थोड़ा टाइम दे दे फिर शाम को छुट्टी के समय मैं दीदी को ले कर घर की ओर चल दिया रास्ते मे मैंने अपने लिए एक बढ़िया सा मोबाइल खरीदा क्यों कि विनय का फ़ोन ले कर मैं घूमना नही चाहता था क्यों कि उसमे दीदी के pic थे जिन्हें मैं डिलीट नही करना चाहता था ......

मेरे घर पहुंचते ही रानी का कॉल आया उसने कुछ देर तो ऐसे ही नार्मल बातें की फिर वो मुझसे जीजा के बारे में पूछने लगी ...... उनका नाम वो कहाँ रहते हैं क्या करते हैं ...... उसकी बातें सुन कर मुझे थोड़ा अजीब लगा की इसे उनमें इतना इंटरेस्ट क्यों है पर मैंने ज्यादा ध्यान नही दिया इस ओर .......

उससे बात करते हुए मैंने कहा रानी मुझे एक हेल्प चाहिए तुम्हारी वो बोली हां बोलो ना तुम्हारे लिए तो जान भी हाजिर है ..... मैंने नही नही जान नही चाहिए वो असल मे मेरा एक बहोत जिगरी दोस्त है ...... इतना कह कर मैं चुप हो गया मुझे समझ नही आ रहा था किसे उस से डायरेक्ट किसी से चुदवाने को कह दूं ........

रानी बोली तो क्या हुआ दोस्त को ...?
मैंने कहा वो बात ये है कि उसने आज तक सेक्स नही किया ...... रानी बोली तो तुम ये चाहते हो कि मैं उसके साथ सेक्स करूँ ...... मैंने झिझकते हुए कहा हां यही बात है ...... मुझे लगा वो गुस्सा ना हो जाये पर उसने कहा ठीक है मैं तो पहले ही कह चुकी हूं तुम्हारे लिए जान हाजिर फिर ये चूत क्या चीज है लेकिन सिर्फ एक बार ...... मैंने कहा ठीक है ।

उसने कहा कब और कहाँ मिलना है ये बता देना मुझे मैंने कहा ठीक है मैं बता दूंगा .....

फिर रोज की तरह रात में मैं अपने कमरे में आ गया और अपना नया फोन निकाल के उसमे सिम डाल कर उसे स्टार्ट किया विनय का फोन मैंने अपनी अलमारी में सहेज कर उसके लैपटॉप के साथ रख दिया .......

थोड़ी देर में दीदी भी आ गईं और आज उन्होंने ब्लैक कलर की नाइटी पहनी थी खुले बालों में वो बेहद खूबसूरत लग रही थीं .......

कमरे में आ कर उन्होंने बेड पर बैठ कर दो तीन सेल्फी ली ......

मैं गौर से उन्हें देखने लगा ...... वो मुझे देख कर मुस्कुराते हुए बोली क्या हुआ विकी मैंने कहा आज तो आप बड़ी प्यारी लग रही हूं वो हंस कर बोली अब मुझे प्यार करने वालो की गिनती बढ़ती जा रही है ना दिन ब दिन इसलिए ........

फिर उन्होंने बताया शाम को प्रतीक का कॉल आया था वो कह रहा था कि उसे रोज मेरी दो तीन तस्वीरें चाहिए ताकि उन्हें देख के उसके दिन कट सकें .......

फिर उन्होंने वो सेल्फी प्रतीक को व्हाट्सएप्प कर दीं .....

और एक मिनट बाद ही प्रतीक का कॉल आ गया दीदी ने बेड पर लेटते हुए कॉल रिसीव की और फ़ोन स्पीकर पर डाल दिया .......

प्रतीक- हेलो जान ऊफफ तुम तो कयामत लग रही हो यार आज इस ब्लैक नाइटी में बेहद खूबसूरत लग रही हो....

दीदी- आपको तो मैं हर ड्रेस में मैं खूबसूरत ही लगती हूँ......

प्रतीक - अब तुम हो ही खूबसूरत तो लगोगी ही मेरी जान ...... अच्छा ये बताओ तुम कब मुझे यूँ आप कहोगी ......

दीदी- फिर क्या कहूँ आपको.....

प्रतीक - कुछ भी कह लो चाहो तो गालियां दे लो लेकिन आप मत कहो ......

दीदी- धत्त मैं क्यों गाली दूँ आपको ......

प्रतीक - अरे मैं ये नही कह रहा हूँ गाली दो पर आप भी मत कहो ......

दीदी- वही तो पूछ रही हूं फिर क्या कहूँ.....

प्रतीक- मेरा नाम तो मालूम है तुम्हे जान बस वही कहो ना ......

दीदी- ठीक है प्रतीक ......

प्रतीक- पता है आज मम्मी ने पंडित जी को बुलवाया था और हमारी कुंडली दिखाई और पंडित जी ने बताया कि हमारे सारे गुण मिलते हैं ......

दीदी- अच्छा पर मुझमें तो कोई गुण हैं ही नही .....

प्रतीक- तो मैं कौन सा बड़ा गुणवान हूँ ...... इसीलिए तो पंडित जी ने कहा हमारे गुण मिलते हैं और फिर इस बात पर दोनो जोर से हसने लगे ......

दीदी- फिर भी अपने बारे में कुछ बताओ प्रतीक ......

प्रतीक- अरे क्या बताऊँ निकी अपने बारे में कुछ है ही नही अभी तो बस सुबह उठो तैयार हो के आफिस सारा दिन वहां ढेर सारा काम शाम को वापस घर और खा पी कर सो जाना बस यही मेरी लाइफ है ......

दीदी- ये तो बड़ी बोरिंग लाइफ है यार ..... आप की कुछ एंटरटेनमेंट नही करते आप ....

प्रतीक- संडे को करता हूँ ना थोड़ा बहोत.....

दीदी- क्या करते हैं बताइए ना ......

प्रतीक- तुम गुस्सा तो नही करोगी ना.....

दीदी- ऐसा करते हो .....?

प्रतीक- पहले वादा करो गुस्सा नही करोगी......

दीदी- ok मैं गुस्सा नही करूंगी बताओ तो सही .....

प्रतीक- संडे को मैं देर तक सोता हूँ फिर नहा कर नाश्ता कर के फिर से सो जाता हूँ फिर दोपहर का खाना नही खाता हूं घर के कुछ पेंडिंग काम निपटाता हूँ और शाम को अपने दोस्तों के पास जाता हूँ ......
हमारा एक अड्डा है हम चार- पांच दोस्त हर संडे को वहीं इकट्ठे होते हैं फिर बियर पार्टी होती है हमारी छोटी सी और फिर हम सब सात बजे तक घर निकल जाते हैं फिर उस दिन मैं खुद ही खाना बनाता हूँ घर पर और खा पी कर मैं एक मूवी देखता हूँ और सो जाता हूँ बस ।

दीदी- हंसते हुए पर इसमे गुस्सा होने वाली बात कौन सी थी ....?

प्रतीक- वो बियर वाली .....

दीदी- हंसते हुए अरे तो क्या हो गया हफ्ते में एक दिन अगर थोड़ी मौज मस्ती कर ली ...... इसमे कोई क्यों गुस्सा करेगा भला.....

प्रतीक- पता नही यार पर एक दो दोस्तों की शादी हो गयी है तो वो अपनी बीवी से छुपा कर पीते हैं ......

दीदी- देखो प्रतीक मैं वैसी लड़की नही हूँ मैं कभी आपको किसी चीज के लिए रोकने टोकने वाली नही हूँ बस आपको अपना भला बुरा समझना होगा और हां आपको कुछ भी मुझसे छुपा कर करने की जरूरत नही है जो भी करिये मेरे सामने करिये मेरे साथ करिये और खुल कर करिये ......

प्रतीक- ओहहह मेरी जान तुम जितनी खूबसूरत हो उस से कही ज्यादा समझदार हो ...... सच मे तुम्हारी इस बात से मेरा दिल खुश हो गया ..... मैं वादा करता हूँ जान कभी भी तुमसे छुपा कर कुछ नही करूंगा ...... और कभी भी लिमिट से ज्यादा कुछ नही करूंगा ......

दीदी- गुड बॉय मेरी ओर देख कर मुस्कुराते हुए बोली पर मेरे घर वाले तो मुझे बेवकूफ कहते हैं .....

प्रतीक- आयं तुम्हारे घर वाले कौन हैं .कौन मेरी बीवी को बेवकूफ कहता है .....?

दीदी- एक तो विकास है यही मुझे बेवकूफ समझता है .....

प्रतीक- पर वो तो तुम्हारा है भाई है भाई घरवाला कैसे हो गया तुम्हारा घरवाला तो मैं हूँ ......

प्रतीक की ये दोअर्थी बात सुन कर मैं हंस दिया आए दीदी भुनभुनाते होती बोली मैंने कब कहा वो मेरा घरवाला है ......

प्रतीक ने दीदी को छेड़ते हुए कहा मेरा साला मेरी बीवी का घरवाला और मैं बाहरवाला ......

दीदी भी उनकी छेड़खानी समझ रही थीं और उन्हें मज़ा आ रहा था तो वो उन्हें चिढ़ाती हुई बोली ...... तो अभी तो तुम बाहरवाले ही हो ना अभी कौन सा मेरी शादी हो गयी है तुमसे ...... अभी तो विकास ही मेरा घरवाला है ......

ऐसे ही हंसी मजाक भरी बातें चलती रही उनके बीच ...... और फिर दोनो एक दूसरे को goodnight बोल कर किस्सी विस्सी दे कर bye बोल कर फोन रख दिये ........

फिर दीदी ने लाइट ऑफ कर दी और मेरी बाहों में आ कर लिपट गयीं मुझसे और बोली ओ मेरे घरवाले ..... सो गए क्या ..... मैंने हंसते हुए कहा नही अब सोऊंगा ना अपनी घरवाली के साथ ......

और फिर मैं दीदी को बाहों में भर कर सो गया ......।
Nice update
 
  • Like
Reactions: Tiger 786

Raja maurya

Well-Known Member
4,979
10,360
143
अगले दिन सुबह 6 बजे फोन की घंटी से मेरी नींद खुली दीदी अभी सो रही थी मेरी बगल में , उनकी नाइटी उनके घुटनो से ऊपर थी उनकी चिकनी नरम नंगी टांगे देख कर सवेरे सवेरे ही मेरे लंड में तनाव आ गया और मेरी कुछ ज्यादा देखने की इच्छा होने लगी .......

मैंने दीदी की नाइटी के एक सिरे पकड़ कर उठाया और अंदर झांका आआहहह अंदर का नजारा देख कर मेरे मुह से आह निकल गयी और मेरा लंड तेजी से उछलने लगा ...... दीदी पेट के बल सोई थी एक टांग मोड़ कर और पीछे से उनकी नाइटी उठा कर देखने पर मेरी नजर सीधा उनकी गुलाबी चुत और चिकनी गांड़ पर पड़ी .....

मैंने वो दिलकश नजारा कुछ सेकेंड ही देखा कि दीदी भी जाग गयीं और मैंने जल्दी से उनकी नाइटी छोड़ दी फोन की रिंग सुन कर उन्होंने आंख मसलते हुए तकिए के नीचे से फोन निकाला ......

प्रतीक का कॉल था दीदी ने रिसीव किया और अलसायी हुई आवाज़ में बोली गुड मोर्निंग प्रतीक .......

अभी उधर की आवाज़ मुझे नही सुनाई दे रही थी .......

दीदी- मैं तो सो रही थी बस अभी आंख खुली ......

....................................................

दीदी- छी गंदे टॉयलेट से कौन कॉल करता है ......

.....................................................


दीदी-नही नही मुझे ऐसा शौक नही है मैं नही कर पाऊंगी .......

इधर मैं लंड मसलते हुए दीदी को देखे जा रहा था अचानक दीदी ने मुझे अपना लंड मसलते देखा तो थोड़ा सरक कर मेरी ओर आयी और लोअर के उपर से मेरा खड़ा लंड पकड़ लिया और सहलाने लगी .......

आज मैं भी उन्हें मना नही कर पाया फिर कुछ सोचते हुए उन्होंने फोन का स्पीकर ऑन कर दिया .......

प्रतीक- जानू plz एक बार मुझे वीडियो कॉल करना ना बाथरूम से ......

दीदी- धत्त बाथरूम से क्यों मैं कमरे से कर लुंगी ठीक है......

प्रतीक - ठीक है कमरे से ही सही ...... उसकी आवाज़ में हल्की सी निराशा थी ......

दीदी- अभी करूँ .....

प्रतीक - खुश हो कर ok करो ना जान plz

और फिर दीदी ने कॉल काट दी और मेरा लंड दबाते हुए बोली ऊफफ एक तरफ तूने मेरी हालत खराब की हुई है और ये प्रतीक शायद मुझे नंगी देखना चाहता है ......

मैंने कहा मैंने क्या हालत खराब की है आपकी ....... दीदी बोली सवेरे सवेरे अपना लंड खड़ा कर के मसल रहा है और कह रहा मैंने क्या किया ..... अब खड़ा लंड देख कर तो मेरा भी मूड बनेगा ना .......

हमारी बात चीत चल ही रही थी कि तभी व्हाट्सएप्प पर प्रतीक की कॉल आने लगी .......

दीदी ने पूछा रिसीव कर लूं मैंने हां में सर हिला दिया ...... और उन्होंने मेरा लंड छोड़ कर दूर खिसकते हुए कॉल रिसीव कर ली ब्लैक नाइटी के ऊपर के दो बटन खुले हुए थे ..... और दीदी इस टाइम बेहद सेक्सी लग रही थी ...... मैं दीदी के हुस्न देख के सोचने लगा पता नही दीदी को देख के प्रतीक की क्या हालत होगी कही वो मुठ ना मारने लगे ...... मेरे ख्याल पर मुझे हंसी आयी ....... फिर दीदी ने कॉल रिसीव कर ली और डिस्प्ले पर प्रतीक को देख कर हाथ हिलाते हुए हेलो किया ......

प्रतीक की आवाज़ मेरे कानों में पड़ी गुड मॉर्निंग जान आज तो मेरा दिन बन गया ...... दीदी ने कहा वो कैसे ...... प्रतीक ने कहा मेरी इत्ती क्यूट और सेक्सी होने वाली बीवी के दीदार हो गए सुबह सुबह आज तो मेरा दिन अच्छा ही होना है देख लेना ....... दीदी बोली लेकिन तुम कब तक बाथरूम में घुसे रहोगे ..... प्रतीक बोला अभी 6 ही तो बजे हैं मुझे साढ़े बजे आफिस निकलना होता है बहोत टाइम है ...... दीदी बोली अच्छा जी टाइम है तो बस फोन पर ही लगे रहोगे क्या ...... लगता है मम्मी अभी नही उठी ..... प्रतीक बोला मम्मी और श्वेता तो उठ गई होंगी श्वेता साढ़े छह बजे कोचिंग जाती है ...... बाकी मेरा रूम तो ऊपर है यहीं अकेले रहता हूँ मम्मी और श्वेता कम ही आती हैं यहां मुझे कोई डिस्टर्ब नही करता ........
दीदी बोली बढ़िया है मेरी मम्मी तो मुझे ज्यादा देर ऊपर रुकने ही नही देती बस आवाज़ें लगाने लगती हैं ....... तुम अभी कमोड पर बैठे हो ना ......?

प्रतीक हां यार उसी पर बैठा हूँ पर लगता है अब एक चेयर रखनी पड़ेगी बाथरूम में ...... दीदी हेहेहे बाथरूम में चेयर कौन रखता है...... प्रतीक बोला रखता तो कोई नही पर खड़े खड़े बात करूंगा तो थक जाऊंगा ......

दीदी तो आराम से कमरे में बैठ कर क्यों नही बात करते ...... ये तुम्हारा दायां हाथ हिल क्यों रहा है ...... प्रतीक ..... नही बस खुजा रहा हूँ ...... दीदी बड़ी खुजली हो रही सवेरे सवेरे ...... प्रतीक हां लड़को को सवेरे खास जगह पर खुजली हो ही जाती है शायद तुम्हें भी होती होगी ..... दीदी नही जी मुझे ऐसी किसी जगह पर कोई खुजली नही होती और सुबह सुबह तो एकदम नही होती ...... प्रतीक बोले ..... रात में तो होती होगी ..... दीदी धत्त फालतू की बातें मत करो ok ...... अच्छा अब रखती हूं कॉलेज जाना है बहोत काम है ...... प्रतीक बोले ok bye my love ..... अपना खयाल रखना ..... दीदी बोली मेरा ख्याल मैं नही रखती मेरा भाई रखता है और मम्मी पापा भी ..... तुम अपना ख्याल रखना ..... bye जान ..... love you ...... प्रतीक uuummmhhhh जान ..... दीदी ...... uuuummmmm

और फिर दीदी ने कॉल काट दी ...... मुझे देख कर बोली विकी इस प्रतीक ने तो सुबह सुबह गरम कर दिया मुझे मैंने कहा आपने भी तो उसकी बुरी हालत कर दी बेचारा हिलाने लगा सवेरे सवेरे दीदी हंसते हुए बोली ....... हां शायद हिला ही रहा था ..... मैंने कहा दीदी प्रतीक से उसके लंड की pic लो न चेक कर लो कैसा है कहीं छोटी सी लुल्ली ना हो की बाद में आपको अफसोस हो उस से शादी कर के .......

दीदी बड़ी कुटिल मुस्कान से बोली ऐसा लगता तो नही है फिर भी ऐसा हुआ तो मुझे तेरे से ही काम चलाना पड़ेगा ...... मैंने भी हंस कर कहा ये सर्विस तो आपके लिए अवलेबल नही है ......

दीदी ने धीरे से कहा ...... देखती हूँ कब तक ..... मैंने हैरानी से दीदी का मुह देखा और वो मुस्कुराते हुए उठ कर बाथरूम में घुस गयीं .........

मैं उनकी बात सुन के सोच में पड़ गया तभी संजय की कॉल आयी और उसने पूछा कुछ जुगाड़ बना मेरा मैंने कहा हां वो रेडी है बस तू जगह का इंतजाम कर ले वो कुढ़ते हुए बोला साले अब मैं जगह कहाँ से लाउं कैसा झांटू दोस्त है तू ........

मैंने कहा यही झांटू दोस्त तेरे लिए चूत का जुगाड़ कर रहा है अब क्या मैं तुझे चोदने के लिए नया घर बनवा कर दूं ...... वो लगभग गिड़गिड़ाते हुए बोला मैं कहाँ जगह का इंतजाम कर पाऊंगा कुछ कर ना चूतिये ..... मैंने कहा अच्छा फिर थोड़ा टाइम और दे देखता हूँ कुछ वो खुश हो कर बोला तू कर लेगा पता है मुझे ..... भाई मेरा ये काम करवा दे जी भर के पिलाऊंगा तुझे मैंने उसकी बात सुन कर हंसते हुए कहा ...... जानता है ना तू की दो की लिमिट है मेरी ....... फिर मैंने फोन काट दिया और दीदी के बाथरूम से निकलने एक बाद फौरन बाथरूम में घुस गया और देखा कि बाथरूम में दीदी की ब्रा पैंटी हेंगर पर लटकी थी शायद कल रात चेंज करते समय उन्होंने उतार दी होगी क्यों कि सुबह तो वो नंगी थी बिना पैंटी ब्रा के सिर्फ नाइटी में ...... मैंने दीदी की ब्लू कलर की कॉटन पैंटी उठाई और उसे ले कर कमोड पर बैठ गया .......


मैंने दीदी की पैंटी गौर से देखी चूत के पास वाले कपड़े पर हल्का सा दाग लगा था ..... मैं उसे सूंघने लगा बड़ी मस्त खुशबू आ रही थी उस खुशबू को सूंघते ही लंड राकेट हो गया मैं लंड सहलाते हुए पैंटी सूंघते हुए हल्का हुआ और फिर नहा कर तैयार हो कर नीचे आ गया नाश्ता कर के मैं और दीदी कॉलेज के लिए निकल गए ..........


शाम को कॉलेज से वापस आते हुए दीदी बोली विकी मुझे गोलगप्पे खाने हैं मैंने उन्हें एक अच्छी सी चाट की दुकान पर पेट भर गोलगप्पे और पपड़ी चाट खिलाई ...... दीदी खुश हो गईं गोलगप्पे उनकी फेवरेट चीज है ....... फिर हम घर आ गए और चेंज कर के मैं तो निकल गया संजय से मिलने और दीदी वही अपने कमरे में अपना फोन ले कर बैठ गईं ........

मैं संजय के पहुंचा वो फिर से मेरे तेल लगाने लगा ...... मैंने रानी को कॉल की और पूछा कोई जगह है क्या जहां वो और संजय मिल सकें रानी ने एक होटल का नाम बताया और बोली वहां 300 रुपये घंटे एक हिसाब से रूम मिल जाता है बिना id के मैंने कहा ठीक है फिर संडे को (जो दो दिन बाद था) वही प्रोग्राम फिक्स करते हैं वो बोली ठीक है .........

पर संजय की गांड़ फट रही थी कोई जान पहचान का देख ना ले कही पुलिस की रेड ना पड़ जाए ऐसे कई सवाल कर कर के वो मेरा दिमाग चाटने लगा ....... मैंने कहा फिर तू पोर्न देख कर मुठ मार ले गांडू........ चोदने का ख्याल दिल से निकाल दे आखिर में वो इतने पर राजी हुआ की मैं भी उसके साथ चलूंगा मैंने कहा ठीक है .......

वो खुश हो कर बोला भाई आज मैं बहोत खुश हूं परसों पहली बार मैं भी लड़की चोदूगा चल इसी खुशी में तुझे बियर पिलाता हूँ ....... उसकी खुशी देख कर मुझे भी खुशी हुई और फिर हम दोनों मार्केट आ गए ...... एक एक बियर पी और फिर मैं उसे उसके घर छोड़ कर घर आ गया ........

घर आया तो मम्मी बड़ी खुश दिख रही थीं ....... पापा भी बैठे मम्मी से बातें कर रहे थे माहौल अच्छा था मुझे लगा कोई खास बात है ...... मुझे देखते ही पापा बोले आजा बेटा यहाँ बैठ हमारे पास ...... मैं जा कर बैठ गया तो उन्होंने बताया प्रतीक की मम्मी का कॉल आया था ...... उन्होंने बताया है कि निकिता और प्रतीक की कुंडली मिल गयी है और पंडित जी ने नवंबर की 27 तारीख शादी के लिए निकाली है ....... आज 3 october है तो हमारे पास लगभग डेढ़ महीने से कुछ ज्यादा टाइम है सारी तैयारियों के लिए इसलिए मैं चाहता हूं कि अब दो चार दिन में ही शादी के इंतजाम शुरू कर दिए जाएं मैं अपनी बेटी की शादी धूमधाम से करना चाहता हूं .......

मैंने कहा जी पापा आप निश्चिंत रहिये मैं सब सम्हालूँगा और दीदी की शादी एकदम शानदार होगी पापा ने मेरे बात सुन कर मेरी पीठ पर हाथ फिराते हुए कहा ठीक है बेटा मैं कल ही तुम्हारा एकाउंट खुलवा देता हूँ और फिलहाल 5 लाख रुपये उसमे डलवा देता हूँ ....... किसी चीज की कोई कमी नही होनी चाहिए ..... मैंने कहा जी पापा वो बोले कल सुबह मेरे साथ बैंक चलना ..... मैंने कहा जी पापा फिर वो बोले अब जा के अपनी दीदी को भी ये गुड न्यूज दे दो .. . ...

मैं ऊपर अपने कमरे आ गया देखा तो दीदी यहां नही थी मैं उनके कमरे में गया तो दीदी बेड पर लेटी फोन पर बात कर रही थीं ...... प्रतीक से ........

दीदी- अब जैसे 25 साल इंतजार किया है डेढ़ महीने और करो ना फिर तो मैं आ ही जाऊंगी तुम्हारे पास ......

मुझे दरवाजे पर खड़े देख उन्होंने मुझे अपने पास आने का इशारा किया और मैं जा कर चुपचाप उनके बगल में बैठ गया ........

दीदी ने स्पीकर ऑन करते हुए कहा ....... हो या ना हो करना तो पड़ेगा ही जान ........

प्रतीक- हां यार यही तो मजबूरी है पर सब्र नही होता क्या करूँ ......

दीदी- वही करो जो अब तक करते थे अपने हाथ का इस्तेमाल ......

प्रतीक - वो तो करूंगा ही पर उस से तड़प कम नही होती और बढ़ जाती है.......

दीदी- हंसते हुए अच्छा सुनो रोज रोज मत करना पता लगा मेरे वहां आते आते सब खत्म कर दो कुछ बाकी ही ना रहे उसमे ......

प्रतीक- अरे नही जान रोज रोज नही पर हफ्ते में दो या तीन बार तो करना ही पड़ता है .......

मैं समझ गया ये बातें प्रतीक के मुठ मारने के बारे में हो रही हैं ......

प्रतीक- वैसे तुम कितनी बार करती हो महीने में .....?

दीदी- मेरा कोई फिक्स नही है जब बहोत मन होता है कर लेती हूं ...... हाय कितनी गंदी बातें पूछ रहे हो तुम मुझसे ........

प्रतीक-इसमे गंदा क्या है जान अब तो हम पति पत्नी बनने ही वाले हैं कुछ दिन में फिर तो हम सब करेंगे ही ........
.

दीदी- हां लेकिन अभी तो नही बने ना .......

प्रतीक- इसीलिए तो अभी सिर्फ बातों से काम चलाना पड़ रहा है .......अच्छा जानू एक चीज मांगू मना तो नही करोगी ......


दीदी- क्या ..... कोई ऐसी वैसी चीज मत मांगना जो मैं ना दे सकूं ........

मुझे लगा प्रतीक दीदी की nude pic मांगेगा मुठ मारने के लिए पर वो मेरी सोच से ज्यादा ही ठरकी निकल गया ........

प्रतीक-अगली बार जब भी मन हो तुम्हारा फिंगरिंग करने का मुझे बता देना हम साथ मे करेंगे जान बहोत मज़ा आएगा .......

दीदी- धत्त ..... मुझे तो शर्म आएगी ना .......

प्रतीक- प्लीज जानू मान जाओ ना मैं हाथ जोड़ के रिक्वेस्ट कर रहा हूँ मेरी इतनी छोटी सी ख्वाइश नही पूरी कर सकती ........

दीदी- ऊफफ ये छोटी सी ख्वाइश है तो बड़ी ख्वाइश कैसी होगी ......

प्रतीक- हंस कर बोला पहले छोटी तो पूरी कर दो मेरी जान फिर बड़ी वाली भी बता दूंगा ......

दीदी- लेकिन मैंने कभी इस तरह नही किया ना ......

प्रतीक- निकी मेरी जान तुमने पहले कभी सेक्स भी तो नही किया ना ......?

दीदी- नही किया .....

प्रतीक- तो फिर तुम शादी के बाद मुझे सेक्स नही करने दोगी ?

दीदी- नही मेरा वो मतलब नही था .....


प्रतीक- क्यों तब भी यही कहने लगी की मैंने कभी सेक्स नही किया इसलिए अभी भी नही करूंगी ...... तो मेरा क्या होगा...... मुझे शादी के बाद भी हाथ से हिलाना पड़ेगा (ये कहते हुए प्रतीक ने अपनी आवाज़ में दुख के भाव उतपन्न कर लिए)

उसकी नौटंकी देख कर मुझे हंसी आने लगी और दीदी भी मुस्कुरा दी ........

दीदी- अरे अरे मेरा बच्चा दुखी हो गया .......


प्रतीक- तो क्या खुश होऊं मुझे ऐसी शर्मीली बीवी मिलने वाली है जिसे कुछ करना पसंद ही नही .......

दीदी- हंसते हुए बोली एक काम करो फिर ये रिश्ता कैंसल कर दो ...... कोई और ढूंढ लो जिसे सब पसन्द हो ......

प्रतीक-किसी और की तो कोई गुंजाइश है ही नही अब निकी , प्यार हो गया है तुमसे जीऊंगा तो तुम्हारे साथ वरना अकेला ये जिंदगी बिता कर तनहा मर जाऊंगा एक दिन ........


दीदी- गुस्से से....... ऐसी बात दोबारा बोली तो मैं बात नही करूंगी कभी तुमसे फिर ........

प्रतीक- सॉरी सॉरी पर तुमने पहले गलत बात बोली थी ...... दूसरी लड़की ढूंढने की ........

दीदी- वो तो मैं मज़ाक में बोली थी तुम्हे सताने के लिए ......

प्रतीक- सता लो अभी जितना सताना है तुम्हारा टाइम चल रहा है पर सोच लो डेढ़ महीने बाद मेरा वक़्त आएगा तब मैं एक एक चीज का बदला लूंगा और इतना सताउंगा तुम्हे .......

दीदी- अच्छा तो तुम मुझे सताओगे ......

प्रतीक- एकदम नही अगर तुम मेरी बातें मानोगी तो एकदम नही सताउंगा ......

दीदी- मैं तुम्हारी हर बात मानूँगी अब खुश .....


प्रतीक- फिर वादा करो अगली बार हम साथ मे करेंगे .......

दीदी- ( उसे चिढ़ाते हुए) लेकिन उसके लिए या तो तुम्हें प्रयागराज आन होगा या मुझे लखनऊ आना होगा ...... हेहेहे

प्रतीक- मैंने इसीलिए फोन खरीद कर दिया था तुम्हे .......

दीदी- ओह अब मैं समझी इतना पैसा खर्च कर के मेरे लिए फोन क्यों लिया ...... ये सब अपने फायदे के लिए किया तुमने ......

प्रतीक- अब मेरा या तुम्हारा कहाँ है जान अब तो सब हमारा है ...... हां मैंने ये फ़ोन हमारे फायदे के लिए लिया था ताकि जब चाहूं तुम्हारी आवाज़ सुन सकूं तुम्हे देख सकूं ........ इतना कह कर वो चुप हो गए ......

दीदी- (उनकी बात आगे बढ़ाते हुए ) और जब चाहो मुझसे गंदी बातें कर के हिला सको......

प्रतीक- यार अब तुमसे नही करूंगा तो किसी और से करूंगा क्या .......

दीदी- कर लो किसी और से कर लो मैं रोक थोड़े रही हूं ...... और करते ही होगे ........

प्रतीक- हां करता था लेकिन जिस दिन से तुम्हारी तस्वीर देखी है कभी मन नही हुआ उस से बात करने का मुझे अब जो करना है तुम्हारे साथ करना है ........

दीदी- हैरानी से बोली ...... ओह तो सच मे है क्या कोई .....?

प्रतीक- मैं तुमसे कभी झूठ नही बोलूंगा निकी और ना ही कुछ छुपाउंगा ...... तुम चाहोगी मैं उनसे तुम्हारी बात भी करवा दूंगा हमारे बीच वैसा कुछ भी नही सिर्फ मेरी फेसबुक फ़्रेंड्स हैं वो हां कभी कभी हम फोन कॉल पर थोड़ी मस्ती कर लेते हैं पर हम कभी मिले नही और ज्यादा मतलब भी नही रखते एक दूसरे से ....... और मुझे कोई प्रॉब्लम नही है अगर तुम्हारी भी किसी से ऐसी कोई दोस्ती हो तो मुझे उस से भी कोई प्रॉब्लम नही होगी कभी ....... मैं उन पुराने जमाने के सड़ियल पतियों जैसा नही हूँ जिसे अपनी पत्नी के किसी से बात कर लेने से भी प्रॉब्लम हो .......

दीदी- ह्म्म्म तुम सच मे एक अच्छे और सच्चे इंसान हो प्रतीक चाहते तो मुझसे झूठ बोल सकते थे बड़े आराम से......... पर तुमने सब सच कह डाला मुझे ये बहोत अच्छा लगा प्रतीक ....... लव यू सो मच......

प्रतीक- अब तो मान जाओ ना जान या अभी और परेशान करने का इरादा है .......

दीदी- हंसते हुए लड़कियां इतनी आसनी से मानने लगे तो फिर मज़ा ही क्या आये ...... लेकिन तुम्हारी सच्चाई से खुश हो कर मैं तुम्हारी ये ख्वाइश पूरी करने के लिए तैयार हूं .......

प्रतीक- ओहहह जान लव यू सो मच ...... तुम कितनी स्वीट हो ........ प्रतीक यूँ खुश था जैसे उसे कोई खिलौना मिल गया हो ......

दीदी- ठीक है अब रखूं एक घंटे से ज्यादा हो गया हमे बात करते ......

प्रतीक- जानेमन मेरा दिल तो नही भरता तुमसे बात कर के लेकिन हर टाइम बात नही करते रह सकते ईसलिये ठीक है अब खत्म करते हैं अभी की बात ......

दीदी- अच्छा सुनो आज रात में शायद बात नही कर पाऊंगी क्यों कि मम्मी आज मुझे अपने पास सोने को कह रही थीं शायद कुछ बातें करनी हों उन्हें .......


प्रतीक- ह्म्म्म चलो ठीक है जान जैसे तैसे एक दिन काट लूंगा तुम्हारी याद में पर अभी अपनी कुछ pic सेंड कर दो ताकि रात में उन्हें देख के .......


दीदी- हिला सको ...... लेकिन रोज रोज हिलाना अच्छी बात नही मिस्टर इसलिए थोड़ा सब्र करो अब हम साथ मे ही ......

प्रतीक- साथ मे क्या ..... बोलो न जान प्लीज......

दीदी- हम साथ मे ही करेंगे ......


प्रतीक- क्या करेंगे एक बार बताओ ना जान ......

दीदी- तुम हिलाओगे और मैं उंगली करूंगी ......

प्रतीक- जानू बस इतना और बता दो मैं क्या हिलाऊंगा ....... और तुम कहाँ उंगली करोगी .......

दीदी- धत्त ...... ok bye जान मम्मी बुला रही हैं ........

और दीदी ने फोन काट दिया .......


दीदी की सांस तेज हो रही थीं प्रतीक की बातों से निश्चित ही उनकी चूत गीली हो रही थी ...... उनकी भारी चुंचिया कुर्ती में फंसी ऊपर नीचे हो रही थीं .........

मैंने कहा दीदी प्रतीक को तो क्लीन बोल्ड कर दिया आपने बेचारा शादी के बाद आपकी चूत चाटता फिरेगा ...... मेरी बात सुन कर दीदी मुस्कुराते हुए बोली ....... लगता तो यही है लेकिन तब तक किसे चटाऊं अपनी चूत ...... इतना कहते हुए वो अपनी सलवार के ऊपर से अपनी चूत सहलाने लगी ........

मैंने कहा उनको तो बड़ा सब्र रखने को बोल रही थी खुद पर भी काबू करो दीदी चूत को मुट्ठी में भर कर दबाते हुए बोली काबू ही तो नही होता अब विकी ....... और मुझे देखते हुए सेक्सी तरीके से आंख मारे कर पास आने का इशारा किया .......

मैंने भी उन्हें चिढ़ाते हुए कहा ....... मम्मी बुला रही हैं मुझे और ...... उठ कर भाग गया कमरे से बाहर ........ ।
Nice update
 
  • Like
Reactions: Tiger 786

Raja maurya

Well-Known Member
4,979
10,360
143
मैं नीचे आ गया पापा tv पर आईपीएल देख रहे थे मम्मी खाना बना रही थीं ......
मैं भी बैठ कर मैच देखने लगा पापा ने कहा विकास बेटा सबसे पहले तुम शादी के लिए कोई अच्छा सा गेस्ट हाउस लॉन देख लो जो तुम्हे ठीक लगे और कोई हलवाई लाइट वाला माली इन सब से बात कर के सबको एडवांस देते जाओ और घर की भी पेंटिंग करवानी है ये सब निपट जाए तो खरीददारी शुरू कर दो ...... मम्मी और दीदी से सब पूछ पूछ कर करते जाना सब काम ध्यान से करना .....
मैंने कहा ठीक है पापा मैं बस दो तीन दिन बाद से काम मे लग जाता हूँ आप निश्चिंत रहो ...... पापा जानते थे कि मैं काम को ले कर हमेशा से जिम्मेवार रहा हूँ इसलिए उन्होंने सब मेरे जिम्मे कर दिया था ......

तभी दीदी ऊपर से उतर कर आईं और मुझे गुस्से से घूरती हुई किचन में चली गयी ...... फिर जल्दी ही हम सब ने खाना खाया और मैं सोचने लगा आज ऊपर जाने के बाद दीदी से बचना मुश्किल ही नही नामुमकिन होगा .......

खाना खा कर मैं भी पापा के साथ बैठ के मैच देखने लगा एकतरफा से मैच था चेन्नई आराम से जीत रही थी ...... पापा थोड़ी देर बाद बोले ये मैच CSK जीत रही मैं चला सोने व उठ के चले गए लेकिन जल्दी ही वो लौट कर आये और मेरे हाथ मे दीदी का पुराना फोन देते हुए बोले ये निकिता को दे देना मैंने कहा पर उनके पास है तो उनका फोन वो बोले वो कह रही थी कि उसे अपनी फ्रेंड्स के नंबर निकालने हैं जो कि इसी फोन में हैं ...... मैंने फोन ले लिया ....... थोड़ी देर में मम्मी भी किचन समेट कर चली गईं अपने कमरे में ......

और दीदी ने आ कर tv ऑफ कर दिया और कमर पर हाथ रख के मेरे सामने खड़े हो गईं ...... उनका मुझे देखने का अंदाज़ ऐसा था मानो कह रही हों अब बच के कहाँ जाएगा बच्चू ...... मैंने कहा tv क्यों ऑफ कर दी बस 6 ओवर का खेल बाकी था .....
दीदी बोली ऊपर चल मैं तुझे फ़ास्ट बॉलिंग खिलाती हूँ ..... मैं मुस्कुराते हुए उठा और दीदी के साथ ऊपर आ गया ...... मैं अपने कमरे में गया और दीदी अपने कमरे में चली गईं ...... मुझे शरारत सूझी और मैंने अपने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया ...... और कपड़े बदल कर बेड पर लेट गया .......

कुछ देर बाद मेरे कमरे के दरवाजे को दीदी ने नॉक किया और बोली दरवाजा खोला विकी ये क्या हरकत है ..... मैंने सोचा बेवजह बखेड़ा करने से कोई फायदा नही और मैंने दरवाजा खोल दिया .......

दीदी अंदर आईं उन्होंने आज भी ब्लैक वाली नाइटी पहनी थी और अंदर उन्होंने शायद कुछ नही पहना था क्योंकि उनके चूचे चलने पर ज्यादा ही थिरक रहे थे .......

उन्होंने मुड़ कर दरवाजा बंद किया और अधिकार पूर्वक आ कर बेड पर लेट गयीं ....... मैं भी आ कर लेट गया और मेरे लेटते ही दीदी ने पूछा दरवाजा क्यों बंद किया था ...... मैंने कहा बस यूं ही ..... दीदी बोली विकी तू मुझे प्यार नही करता ना बस यूं ही बातें बनाता रहता है ..... मैंने कहा ऐसा क्यों लगा आपको अचानक ...... दीदी बोलीं जिस तरह से तू मुझसे दूर भागता है लगता तो यही है ..... मैंने दीदी का हाथ पकड़ कर कहा ऐसा कुछ नही है दीदी आपके प्रति मेरा प्यार मैं कैसे जाहिर करु वो समझ नही आता पर सच तो ये है आप मेरी दीदी ने होती तो मैं आपसे शादी कर लेता .....

दीदी हंस कर बोली अब तो देर कर दी तूने ये बात कहने में कुछ दिन पहले कही होती तो मैं सोचती इस बारे में लेकिन अब तो मेरी शादी तय हो गयी है ....... मैंने कहा जानता हूँ और ये भी जानता हूँ कि मेरे कहने पर ही आपने इस शादी के लिए हां की है ......

दीदी बोली वही तो मैं तो तेरी हर बात मान लेती हूं चुपचाप पर तू ना जाने क्यों मुझसे दूर भागता है ..... मैंने कहा बस इसीलिए क्यों कि आपकी शादी तय हो गयी है और मैं नही चाहता कि विनय वाले मामले के बाद कोई नया संकट आये आपके जीवन मे हमारा रिश्ता कही से भी सही नही है .......

दीदी मेरी बात सुन के कुछ सोचते हुए बोली पर हमने ऐसा क्या गलत कर दिया भाई बहन एक दूसरे को प्यार करते हैं इसमे तो कुछ गलत नही है ..... . रही बात जो हम थोड़ी सी खुशी एक दूसरे को दे देते हैं उसमें किसी का क्या जाता है अगर हम एक दूसरे के साथ एक दूसरे की मर्ज़ी से कुछ कर रहे हैं तो इसमें गलत क्या है ......?

मैंने बस तब तक गलत नही है जब तक किसी को इसकी खबर नही लगती उसके बाद तो सब गलत ही गलत है और इतना गलत की इससे गलत कुछ नही हो सकता ....... अगर मम्मी पापा को इस बारे में कुछ पता चला गलती से भी इसका क्या अंजाम होगा कभी सोचा है आपने ......

विनय वाले मामले को जैसे तैसे बर्दाश्त किया उन्होंने पर ये शायद ना बर्दाश्त कर पाएं वो लोग .......

दीदी बोली तुम्हारी बातें एकदम सही हैं विकी पर मैं ऐसा कुछ तो नही करती हूं जिस से किसी को हम पर शक हो या कोई गड़बड़ हो ...... मैंने कहा हां सही है पर ये सिर्फ इसलिए है कि हम खुद पर काबू करते हैं आपकी इच्छाओं पर नियंत्रण रखते हैं और यही मैं कह रहा हूँ कि जितना नियंत्रण रखेंगे उतना ही सही रहेगा हम सब के लिए हमारे परिवार के लिए हमारे रिश्ते के लिए .......

दीदी एक गहरी सांस ले कर बोली क्या यार शम्स के इतने मूड में थी मैं लेकिन तुमने तो एकदम गहरी गहरी बड़ी बड़ी बातें कर के सब चौपट कर दिया ...... मैंने कहा प्रतीक से बात कर लो फिर से मूड बन जायेगा ..... दीदी बोली हां लेकिन क्या फायदा तुम तो कुछ करोगे नही मेरे साथ ...... मैंने कहा अभी एक हफ्ता पूरा होने में दो दिन बाकी हैं ....... दीदी बोली ठीक है दो दिन और सही फिर देखती हूँ ...... तुम कहाँ भाग कर छुपते हो ......

तभी मुझे याद आया और मैंने जेब से दीदी का फोन निकाल कर उन्हें दिया ....... उन्होंने फोन ले कर चार्जिंग पर लगा दिया और वापस आ कर लेट कर अपना नया फोन उठा कर प्रतीक को कॉल कर दी ......

लेकिन कॉल रिसीव नही हुई तो मुह बना कर फ़ोन फेंकते हुए बोली किस्मत ही खराब है आज ...... और मैं हंस दिया ...... वो भी मुस्कुराने लगी और उनके गाल में डिंपल पड़ गया और मैंने उसे देख कर मन मे सोच लिया की एक दिन इसे छोटे से गड्ढे को अपने लंड के रस से भरूँगा जरूर ......

और इतना सोचते सोचते ही दीदी के फोन पर प्रतीक का कॉल आ गया ...... दीदी ने कॉल रिसीव किया और स्पीकर ऑन कर दिया ......

प्रतीक- लगता है मेरी सासू माँ को मुझ पर रहम आ ही गया ........

दीदी- हंसते हुए नही ऐसा कुछ नही है मैंने सोचा चलो थोड़ी सी ही बात कर लूं ताकि तुम चैन से सो सको......

प्रतीक - ओह जान कितना ख्याल रखती हो तुम मेरा लव यू सो मच मेरी जान .....

दीदी- लव यू टू जानू ...... पर हर किसी को प्यार की कदर नही होती ......

प्रतीक- ऐसा क्यों कह रही हो ..... जान ऐसा कौन बेवकूफ है जो प्यार की कदर नही करता ......

दीदी- बस यूं ही कहा ......

प्रतीक- खाना खा लिया तुमने ....?

दीदी- हां खा लिया ..... तुमने खाया....?

प्रतीक-अभी नही तुमने आज बात करने से मना किया था तो सोचा आराम से खा लूंगा नही तो रोज 8 बजे तक खा पी के फ़ोन ले के इंतजार करता हूँ तुम्हारी कॉल का ......

दीदी- अच्छा ऐसा क्यों एक दिन भी नही रह सकते मुझसे बात किये बिना ......

प्रतीक- रह सकता हूँ पर मुश्किल तो होगी ही ....... अच्छा लगता है तुमसे बातें करना तुम्हारी आवाज़ सुनना .......

मैं गौर से दीदी विनय की बातें सुन रहा था और खुश भी था कि दीदी को एक अच्छा जीवनसाथी मिला है जिसके साथ दीदी का जीवन खुशियों से भरा होगा ......

दीदी- अच्छा आज ज्यादा बात नही कर सकती अब रखती हूं गुड नाईट जान.....

प्रतीक- ok जानू गुड नाईट ऊऊम्म्म्म तुम्हारे रसीले होंठो पर .....

दीदी- ऊऊम्म्म्म्म तुम्हारे गाल पर ......

फिर दीदी ने फोन काट दिया और मेरे पास खिसक आईं और मेरे पर सीने पर सर रख कर लेट गयीं मैंने भी अपना हाथ उनकी कमर पर रख कर उन्हें खुद से चिपका लिया ....... तभी उन्हें कुछ याद आया और ..... वो उठ कर अपना पुराना फोन ले आईं ...... और उसे ऑन करते हुए बोली निशा (उनकी पक्की वाली सहेली) का नंबर चाहिए वो 20-22 दिन से मिली नही और बात भी नही हुई ......

फोन ऑन हुआ पूरे 27 दिन बाद ये फोन ऑन हुआ था और फोन ऑन होते ही नोटिफिकेशन की बाढ़ सी आ गयी .......


दीदी फोन चेक करने लगीं और थोड़ी ही देर में उनका चेहरा पीला पड़ने लगा ..... वो एकदम से फफक कर रोने लगीं ...... उन्हें रोता देख कर मैं भी हैरान और परेशान हो गया ....... मैंने दीदी को सीने से लगाते हुए पूछा क्या हुआ दीदी ...... आप रो क्यों रही हो वो बोली सब खत्म हो गया विकास ...... विनय ने सब खत्म कर दिया ये पढ़ लो उन्होंने अपना पुराना फोन मेरी ओर बढ़ा दिया .......

मैंने दीदी का फोन देखा व्हाट्सएप्प ओपन था और किसी नंबर से ढेर सारे मैसेज आये हुए थे........ मैंने उन्हें पढ़ना शुरू किया .......

(वो मैसेज मैं ज्यों के त्यों लिख रहा हूँ)

ये मैसेज जिस दिन विनय को थाने बुलाया गया था उस से तीन दिन बाद के थे।

साली रण्डी तुझे क्या लगा मेरी पुलिस कंप्लेन कर के तू बच जाएगी ......

बर्बाद कर दूंगा मैं तुझे मेरे बाप ने मुझे दिल्ली भेज दिया तो क्या हुआ ....... मैं यही से तेरी जिंदगी नरक कर दूंगा कुतिया......

अगर अपनी सलामती चाहती है तो मैसेज पढ़ते ही मुझे इस नंबर पर कॉल करना......

इसके बाद दो दिन बाद कोई मैसेज नही थे
फिर......

साली फोन बंद कर के बैठी है तो क्या हुआ मैं तुझे कहीं से भी ढूंढ निकलूंगा तेरी वजह से मेरी और मेरे बाप की बहोत बेज्जती हुई है और मैं ये बर्दाश्त नही कर पा रहा हूँ अगर मुझसे बात नही की तूने तो मैं तुझे बर्बाद कर दूंगा .........

उसके बाद फिर 4 दिन कोई मैसेज नही थे और अगले दिन ......

बिल में छुपी बैठी है तू और तेरा वो नामर्द भाई जो पुलिस का सहारा ले कर मुझे तुझसे दूर करना चाहता है पर याद रखना ये कानून ये पुलिस कुछ नही उखाड़ सकते मेरा ...... मेरे बाप ने भले ही सब भुला दिया हो पर मैं ना तुझे भूल पाऊंगा ना तेरे नंगे बदन को साली बनेगी तो तू मेरी ही रखैल .......

और फिर अगले मैसेज उस दिन के थे जिस दिन मैं रानी के घर गया था उसे चोदने।

साली रण्डी तेरी एक एक हरकत पर मेरी नजर है शादी फिक्स हुई है ना तेरी ...... मेज देखता हूँ कैसे होती है ये शादी अगर तूने मुझसे बात नही की तो तेरे होने वाले पति को सब बताऊंगा अपने और तेरे बारे में ...... ये भी की तूने मेरा लंड चूसा है और उछल उछल के मेरे लंड से चुदी है ........

अगर तुझे लग रहा है कि मैं बकवास कर रहा हूँ तो ये देख तेरे होने वाले पति का नंबर भी है मेरे पास .......

प्रतीक का नंबर पढ़ के मुझे भी घबराहट होने लगी .......

फिर अगले मैसेज में लिखा था ये देख ले हरामजादी तेरी नंगी तस्वीरें फिर से मेरे पास आ चुकी हैं और अगर दो दिन में तूने मुझे कॉल नही की तो मैं ये तस्वीरें तेरे होने वाले पति को भेज दूंगा .......

उसके बाद दीदी वही सब तस्वीरें सेंड की गई थी जो कि विनय के फोन में थीं .........

उसके बाद आज दोपहर का एक मैसेज था उसमें लिखा था .......

तू ऐसे नही मानेगी फिर मैं ये तस्वीरें भेज देता हूँ तेरे पति को अब तू बर्बाद ......

ये सब पढ़ के मेरी आँखों के आगे अंधेरा सा छा गया और मेरा सर चकराने लगा .....

उधर दीदी फूट फूट कर रोये जा रही थीं मैं उन्हें चुप कराने की कोशिश करने लगा वो मेरे सीने से लग कर सुबकने लगीं .......

किसी तरह मैंने खुद को इस झटके से बाहर निकालते हुए सम्हाला और मैंने बड़े प्यार से दीदी माथे को सहलाते हुए चूम लिया और फिर उनके गालों पर बह रहे उनके आंसू पोछते हुए बोला दीदी आपको मुझ पर जरा सा भी भरोसा है या नही ......?

दीदी ने लाल लाल आंखों से मेरी ओर देखा और बोली मुझे अपनी किस्मत के सिवा सब पर भरोसा है ...... लेकिन मेरी किस्मत में ही दुख लिखे हैं शायद .......

मैंने कहा दीदी ज्यादा कुछ तो नही कह सकता इस समय पर इतना वादा जरूर करता हूँ पिछली बार की तरह ही इस बार भी मैं आपकी इस समस्या को कैसे भी दूर करूंगा आपकी मुस्कान वापस लाऊंगा आपके चेहरे पर ये मेरा वादा है इसके लिए मुझे जो भी करना पड़े करूंगा कोई भी हद पार करूंगा .......

इतना कहते हुए मेरे अंदर दबा हुआ गुस्सा जिसे मैं काबू करने की कोशिश कर रहा था फट पड़ा और मैं गुर्राते हुए बोला विनय सिंह अगर तेरी माँ ना चोदी तो मैं अपने बाप की पैदाइश नही ........ मेरा चेहरे गुस्से से लाल हो रहा था और मेरी आँखें लाल हो उठी थीं .......

दीदी बोली रहने दे विकास तू कहाँ तक मेरे दुख मेरी मुसीबतें अपने सर लेगा अब मुझे मेरे हाल पर छोड़ दे .......

मैंने दीदी को कस के बाहों में जकड़ लिया और बोला प्यार करता हूँ आपसे ..... हद से ज्यादा ..... और शायद मुझे बार बार अपने प्यार को सबित करने का मौका मिल रहा है .......

बस अभी आप रोना बंद करो प्लीज ताकि मैं कुछ सोच सकूं कोई रास्ता कोई तरकीब कोई हल इस समस्या का ......

दीदी ने रोना तो बन्द कर दिया पर उनके चेहरे पर दुनिया भर की उदासी और परेशानी के बादल मंडरा रहे थे ....... मेरी भी हालत कुछ ऐसी ही थी पर मैं उसे अंदर छुपाए हुए था नही तो दीदी को कौन सम्हालता मैं खुद बेड की पुश्त से पीठ टिका कर बैठ गया और दीदी को खींच कर अपनी गोद मे लिटा लिया और उनका माथा सहलाते हुए कहा आप सो जाओ दीदी बस आंखे बंद करो और ये सोचो कुछ हुआ ही नही है और कल सुबह से आपको एकदम नॉर्मल रहना है जैसे कुछ हुआ ही ना हो .......

मम्मी पापा को इस बारे में कोई भनक तक नही लगनी चाहिए ......

दीदी ने कहा है तो मुश्किल काम पर कोशिश करूंगी लेकिन अगर प्रतीक ने मम्मी पापा से कुछ बोल दिया तो क्या होगा मैंने फिर से उनके हाथ को कस के पकड़ते हुए कहा तब जो होगा देखा जाएगा और मैं हूँ ना हर हाल में आपके साथ हमेशा आपके सामने खड़ा हो जाऊंगा हर मुसीबत को आपसे पहले मुझसे टकराना पड़ेगा ......

लेकिन मुझे थोड़ा सा मौका दो शांत दिमाग से सोचने का दीदी ने सर हिला दिया और आंखे बंद कर ली .....

मैंने दीदी का फोन लिया और बारीकी से सारे मैसेज दोबारा पढ़े एक एक मैसेज की तारीख और समय दिमाग मे बिठाया और पिछले दिनों की घटनाओं को याद करने लगा .........

सबसे पहले मुझे ये पता लगाना था कि वो पिक्स विनय को दोबारा कैसे मिले उसने हमसे झूठ बोला था उनकी और कॉपी थी उसके पास या कोई और बात है .........

मेरे इस सवाल का जवाब मेरे ही दिमाग ने दिया अगर उसके पास कॉपी होती तो वो इस धमकी वाले मैसेज के लिए कई दिन इंतजार क्यों करता पहले दिन ही वो बात कहता .......
लेकिन तब तक तो दीदी की शादी की कोई बात थी ही नही ये सब तो अभी दो दिन पहले हुआ और कुछ खास लोगों के सिवा किसी को इस बारे में कुछ पता नही यहां तक कि मुहल्ले में भी सिर्फ शुक्ला अंकल की फैमिली को छोड़ कर कोई नही जानता दीदी की शादी वाली बात ......

और फिर अचानक रानी का नाम और चेहरा मेरे दिमाग मे आया ...... और ये भी याद आया कि उस दिन मेरा फोन उसके घर मे और उसके हाथ मे भी था ....... जब मैं बाथरूम से वापस आया था तो उसने सकपका कर मेरा फोन फेंक दिया था .......

गलती तो हुई थी मुझसे अब इस गलती को खत्म करना था कैसे भी ......

दीदी सो चुकी थी मैंने उन्हें धीरे से तकिए पर लिटा दिया और .......

मैंने अलमारी से विनय वाला फोन निकाला और निकाला सारे फोन ले कर मैं दीदी के रूम में आया दरवाजा अंदर से बंद कर लिया .......

मैंने दीदी के पुराने फोन से विनय का नया नंबर डायल किया ...... घंटी जाने के साथ ही मैंने कॉल को रिकार्ड पर लगा दिया ..........

जल्दी सी उधर से विनय की शराब के नशे में लड़खड़ाती आवाज़ आयी ....... अब आयी ना तू औकात में साली दो टके की लौंडिया तू विनय सिंह को पुलिस से उठवायेगी .......

मैंने एकदम शांत और ठंडी आवाज़ में कहा मैं विकास हूँ निकिता का भाई अब सुन हरामजादे तेरे बाप ने वादा किया था तेरी या उनकी ओर से कोई हरकत नही होगी ईसलिये तू बचा हुआ वरना मैं कब का तुझे काट कर गंगा में बहा देता ........ और हां ये जो तूने दीदी के pic प्रतीक को भेज कर नीचता की है ना इसका अंजाम तू नही सोच सकता बहोत बुरी हालत करूंगा तेरी जिस दिन तू मेरे सामने हुआ .......

मेरी बात सुन कर वो हंसते हुए बोला हरामजादे अब मैं उस शहर से बहोत दूर हूँ तुझे कभी मालूम भी नही होगा मैं कहाँ हूँ और सोच जो इंसान यहां बैठ कर तेरे घर मे चल रही घटनाओं की जानकारी कर सकता है वो क्या नही कर सकता ........ तू मेरी झांट भी नही उखाड़ सकता .....

मैंने अपने शब्दों को चबाते हुए कहा ....... कुत्ते तू भूल गया शायद अभी कुछ दिन पहले थाने में गांड़ पर एक डंडा पड़ते ही तेरी गांड़ फट गई थी दो चार और पड़ते तो पैंट में हग देता तू ....... लेकिन साले तू दोगला है एक बाप की औलाद ही नही है और नामर्द भी है तू एक लड़की को धोखा दे कर उस से प्यार का झूठा नाटक कर के उसे अपने जाल में फंसा कर उसे शादी के सपने दिखा कर तूने उसके जिस्म से खिलवाड़ किया उसकी नंगी तस्वीरें ले ली और उन तस्वीरों के दम पर तू खुद को बहोत बड़ा तीस मार खान समझ रहा है ...... थोड़ा सा इंतजार कर फिर तेरा खेल खत्म .......

विनय बोला ये सब तू जानता है मैं जानता हूँ पर तेरी बहन का होने वाला पति तो नही जानता और कौन तस्वीरें मेरे पास अब कोई तस्वीर नही तेरी बहन की वो तो मैंने आज सुबह ही उसके होने वाले पति को भेज दी थीं और अपने फोन से डिलीट भी कर दी थीं अब कोई सबित नही कर सकता कि मेरे पास तेरी बहन की कोई तस्वीर है ....... उसने देख भी ली हैं और उसका कॉल भी आ रहा था मेरे पास लेकिन मैंने उसका नंबर ब्लॉक लिस्ट में डाल दिया ........

अब रहा होगा ये सोच सोच के तेरी दीदी से शादी करे या नही क्योंकि तेरी दीदी की तस्वीरें देखने के बाद वो सोच रहा होगा ऐसी मस्त लौंडिया को कैसे बिना चोदे छोड़ दूं ........

उसकी ये बात सुन कर इतनी परेशानी में भी मुझे हंसी आ गयी क़ानूनी तौर पर उसे गलत सिद्ध करने के एक हजार तरीके थे मेरे पास पर वो मुझे करना नही था ......

मैंने कहा विनय सिंह अब रखता हूँ जरा तेरी रखैल रानी के हालचाल पूंछ लूं कल सुबह उसे थाने में बिठा कर पूछ ताछ होगी तो वो सारी बातें गा गा कर बताएगी .......

मेरी बात सुन कर वो थोड़ा सा बौखला गया और बोला ...... उसे भी कुछ नही पता मैं कहाँ हूँ वो बस इतना ही बता सकती है कि उसने ही मेरे फोन से जिसे तू इस्तेमाल कर रहा है तेरी बहन की फ़ोटो और तेरी बहनोई का नंबर निकाल कर मुझे दिया लेकिन उसकी भी मजबूरी थी तेरी बहन जैसे उसके भी नंगे pic हैं मेरे पास वो तो मेरी गुलाम है मैं कहूँ तो बीच सड़क पर भी नंगी हो जाएगी ............

अब सब कुछ स्पष्ट था मेरे सामने ...... मैंने कहा रखता हूँ जल्द ही मुलाकात होगी तुझसे मेरी ........

मैंने फोन काट दिया और बैठ कर सोचने लगा ........ बाकी काम तो मैं निपटा लूंगा बस प्रतीक ने pic देख लिए हैं वो कैसे मैनेज होगा .......

मैंने दीदी के फोन से विनय वाली काल रिकार्डिंग अपने फोन में भेज दी और फिर सोचने लगा मेरा सर दर्द करने लगा सोचते सोचते और फिर एक आशा की एक मद्धिम सी किरण मेरे दिमाग के कोने में चमकी ........।
Nice update
 
  • Like
Reactions: Tiger 786

Raja maurya

Well-Known Member
4,979
10,360
143
मैंने बहोत देर तक सोचने के बाद सर को झटका दिया और खुद से कहा इसके सिवा कोई रास्ता नही .......

मैंने अपने फोन से प्रतीक का नंबर डायल किया ...... घंटी बजती रही पूरे 30 सेकेंड्स तक और फिर ऑपरेटर की आवाज़ कानो में गूंजने लगी ...... आप जिस नंबर से सम्पर्क करना चाहते हैं वो आपकी कॉल का जवाब नही दे रहे हैं कृपया थोड़ी देर बाद सम्पर्क करें .......

ये सुन कर वो आशा की किरण थोड़ी और धुंधली हो गयी ......

मैंने फोन बेड पर फेंक दिया और समय देखा साढ़े 11 हो रहे थे ..... और तभी फोन की घंटी बजी मैंने झपट कर उठाया तो प्रतीक का कॉल था ...... मैंने जल्दी से कॉल रिसीव की जैसे एक पल की देरी हुई तो कॉल कट जाएगी और बोला जीजा जी प्रणाम ........

प्रतीक हमेशा जैसे प्यार से बोले कहिए क्या हाल हैं साले साहब बड़ी देर रात याद किया मुझे ........ मैंने कहा हां वो बात ही कुछ ऐसी थी इतना बोल के मैं चुप हो गया और सोचने लगा कहाँ से बात शुरू करूँ......

कुछ पल की खामोशी के बाद वो बोले कुछ बताओगे जनाब या यूं ही कोई प्रैंक कर रहे हो मेरे साथ ......

मैंने एक गहरी सांस लेते हुए कहा आज आपके पास जो तस्वीरें आयी हैं दीदी की उनके बारे में बात करनी है .....

वो बोले पहले ये बताओ निकी कहा है मैंने कहा वो सो रही हैं अपने कमरे में वो बोले ठीक है फिर बताओ क्या बात है ........

मैंने कहा मैं आपको कुछ बताना और सुनाना चाहता हूं ..... वो बोले ठीक है आराम से बताओ मैं सुन रहा हूँ ...... मैंने पूरी बात बताई उन्हें विनय का और दीदी का सारा किस्सा और ये भी की कैसे मैंने दीदी को इस दलदल से निकाला पर विनय ने अपनी औकात दिखाई और उन pic की एक कॉपी अपने पास रखी ......

और अब उनकी शादी तुड़वाना चाहता है मैंने उन्हें पूरी बात बताते हुए ये यकीन दिलाने की कोशिश की , कि दीदी मामले में बेकसूर हैं वो सब उन्होंने उसके झांसे में आ कर किया........

लगातार 20-22 मिनट बोलने की वजह से मैं हांफने सा लगा था ......

प्रतीक बोले शांत हो जाओ विकास कह चुके तुम ....... अब मेरी सुनो मुझे तुम्हारी दीदी से कोई शिकायत सिवा इसके कि मुझे ये सब किसी और से मालूम हुआ इतनी बड़ी बात उसे मुझसे यानी अपने होने वाले पति से छुपानी नही चाहिए थी ........

पर मैं समझता हूं किसी लड़की के लिए ये सब बताना भी आसान काम नही पर चूंकि उसने ये बात छुपाने का फैसला किया है इसलिए उसके फैसले की इज्जत करना हम दोनों का फर्ज है और तुम हमारी इस बातचीत के बारे में निकी से कुछ नही बताओगे और मैं भी इस बारे में उससे कोई चर्चा नही करूंगा .......

इतना सुनते ही मेरी उँगलियों ने रिकार्डिंग पॉइंट को टच कर लिया और हमारी बात रिकार्ड होने लगी .......

प्रतीक बोले ........ मेरी भी एक बहन है और कल को उसके साथ ऐसा कुछ हो तो तुम्हारी तरह मैं भी श्वेता का साथ दूंगा ना कि उसे गलत समझने लगूंगा मुझे तुम्हारी ये खूबी बेहद पसन्द आयी और आज से हम जीजा साले के साथ ही अच्छे दोस्त भी हैं ......

अब सुनो इस साले विनय का तो ऐसा इलाज करना है कि ये दोबारा मेरी निकिता का नाम भी अपनी जुबा पर ना लाये ......

मैंने कहा उसकी आप फिक्र मत करो वो सब मेरी जिम्मेवारी पर आपकी बातों से मेरी नजर में भी आपकी इज्जत बहोत बढ़ गयी है जीजा जी .......

प्रतीक बोले तुम्हारी नही हमारी जिम्मेवारी है ये हर कदम पर मैं तुम्हारे साथ हूँ बस निकिता को दुखी मत होने देना ....... मैं उससे किन्ही तस्वीरों का कोई जिक्र ही नही करूंगा .......

मैंने मन ही मन मे ईश्वर को धन्यवाद दिया और कहा आपने तो मेरी चिंता दूर कर दी वो बोले अब वो मेरा भी परिवार है विकास ........ मैंने कहा सही है वो बोले आराम से सो कल दिन में बात करते हैं .......

मैंने कहा ठीक है जीजा जी गुड नाईट वो बोले वैसे तुम चाहो तो मुझे अकेले में प्रतीक भी बोल सकते हो और हंस दिए ...... मैंने भी हंसते हुए कहा और गर किसी दिन गलती से मम्मी या पापा के सामने निकल गया तो जूते पड़ेंगे मुझे .........

मेरी बात सुन कर वो हंस दिए और बोले मैं कोशिश करूंगा कि बचा लूं तुम्हे चलो गुड नाईट सो जाओ और अपनी दीदी का ख्याल रखना ........

उन्होंने फोन काट दिया अब मुझे कल का इंतजार था .....।

मैंने सबसे पहले अपने कमरे में जा कर विनय का फोन अपना पुराना और दीदी का पुराना फोन ऑफ कर के अलमारी में रखा फिर बेड पर आ गया .......

दीदी अभी भी सोई हुई थीं इस समय नींद में उनके चेहरे पर एक निश्चिंतता और सुकून था देख कर अच्छा लगा मैंने उन्हें अपनी बाहों में समेट लिया वो भी नींद में जरा सा कुनमुना कर मेरे सीने से लिपट गयीं और फिर मैं भी नींद में डूब गया ......।

सुबह 7 बजे दीदी ने मुझे हिला कर जगाया मैं उठ बैठा और दीदी की वही उदास रोई हुई शक्ल देख कर मुझे बड़ा गुस्सा आया मैंने कहा क्या दीदी कम से कम सुबह तो अपनी प्यारी सी स्माइल दे दिया करो दिन बन जाता है मेरा और तो वैसे भी कितने जरूरी काम करने हैं मुझे .........

दीदी ने परेशान और हैरान हो कर मुझे देखा और बोलीं ...... क्या हो गया है तुम्हें रात तो बड़े परेशान थे मैंने मुस्कुराते हुए कहा ...... कल ही बोला था आप रोना बंद करो तो मैं कुछ सोचू और आप ही कि रोये ही जा रहे थे आपके सोने के बाद मैंने 12 बजे तक जाग कर आपकी सारी समस्या का समाधान खोज निकाला है लेकिन आपको सबसे पहले मुझे एक प्यारी सी स्माइल देनी होगी वही वाली जिसे देख कर मेरे दिल मे कुछ होता है .......

ये सुन के दीदी के होंठो पर एक फीकी सी मुस्कान आयी और वो जल्दी ही गायब हो गयी ....... मैंने कहा क्या हुआ यार बोल तो रहा हूँ सब सही हो जाएगा........ लेकिन आप सुन ही नही रही हो वो बोली सब सही हो जाएगा फिर भी प्रतीक ........

मैंने कहा आपकी शादी प्रतीक से उसी दिन होगी जिस दिन होनी है ....... और प्रतीक तुम्हे उतना ही प्यार करते हैं जितना दो दिन पहले करते थे बल्कि उस से भी ज्यादा........

ये बात सुन के दीदी एकदम परेशान हो गयी और बोली पर कैसे . ....... मुझे पता है ये सब तुम मुझे बहलाने के लिए कह रहे हो .......

मैं उनकी बात सुन के जोर से हंस दिया और बोला ऐसे कितने दिन बहला के रखूंगा आपको आप ही बताओ ...... मैंने दीदी का हाथ पकड़ कर बिठाया और बोला मेरी बात सुनोगी शांति से.......

फिर मैंने उन्हें सारी बात बताई .......विनय से हुई बातें फिर प्रतीक से हुई बातें उन्हें तब भी मेरी बात पर यकीन नही हुआ तो मैंने अपनी और प्रतीक की बातें की रिकार्डिंग उन्हें सुनाई .......

अब जा कर उन्हें मेरी बात पर यकीन आया और वो थोड़ा सा मुस्कुरा कर बोली कैसे ठीक कर देता है तू मेरी सारी मुसीबतें .......

मैंने उनके चेहरे के सामने चुटकी बजा कर कहा ...... बस ऐसे ....... और आखिर दीदी के चेहरे पर वो कातिल मुस्कान आ ही गई ..........

वो उठने के बाद वैसे ही बैठे रोती रही थीं मैंने कहा अब जाओ फ्रेश हो लो और प्रतीक को मत बता देना की मैंने ये रिकार्डिंग तुम्हे सुनवाई है ........ दीदी मेरी बात समझ कर सर हिलाते हुए बाथरूम में घुस गयीं .......

और मैं भी नीचे उतर आया मेरा प्रेशर भी बन रहा था नहा कर तैयार हो कर मैं नाश्ते के मेज़ पर पहुंचा तो पापा ने कहा अपने फ़ोटो और आधार कार्ड को जेब मे रखना मैं कॉल करूंगा बैंक पहुंच कर तुम वहीं आ जाना दीदी को कॉलेज छोड़ कर ...........

फिर मैं नाश्ता कर के दीदी को ले कर कॉलेज निकल गया तभी पापा का फोन आया वो बोले मैं आधे घंटे में बैंक पहुंच रहा हूँ वहीं आ जा।

मैं दीदी को ड्राप कर के सीधा बैंक गया आधे घंटे में मेरा एकाउंट ओपन हो गया और पापा ने 5 लाख की चेक मेरे एकाउंट में लगा दी ........ फिर वो ऑफिस निकल गए और मैं बाइक ले कर ...... सीधा राजेश चाचा की चौकी पहुंचा पर पता चला वो किसी लूट के केस की जांच के सिलसिले में कहीं गए हैं .......

मैंने उन्हें कॉल की तो पता चला वो आधे घंटे में लौट आएंगे मैं अंदर वाले कमरे में जा कर बैठ गया स्टाफ तो मुझे जानता ही था एक चाय भी आ गयी मैंने चाय पीते हुए रानी को काल किया ........

रानी ने कॉल रिसीव किया मैंने उस से सामान्य लहजे में पूछा कैसी हो उसने कहा ठीक हूँ पर उसकी आवाज़ में वो चहक नही थी ...... मैंने पूछा क्या हुआ कुछ परेशान लग रही हो तो वो बोली ऐसी कोई बात नही ......

मैंने कहा मिलना है तुमसे तो वो बोली अभी दो चार दिन नही मिल पाऊंगी टाइम नही है मैंने कहा मुझे आज ही मिलना है हर हाल में वो बोली समझा करो न अभी नही मिल सकती मैंने कहा ठीक है फिर मैं घर आ जाता हूँ तेरे वो थोड़ा घबरा कर बोली नही नही तुम घर मत आना मम्मी आ गयी हैं ..........

मैंने कहा फिर तुम ही आ जाओ मिलने कहीं वो थोड़ा सोच कर बोली ठीक है शाम को मिलती हूँ मैंने कहा ok मैं शाम को कॉल करूंगा तुम्हे .......

और फिर थोड़ी देर और इंतजार करने के बाद राजेश चाचा की गाड़ी सायरन बजाती हुई चौकी में दाखिल हुई ...... वो सीधा अंदर आये मैंने उनके पैर छुए तो मेरी पीठ पर हाथ रख कर बोले ...... फिर से कुछ हुआ क्या मैंने कहा कुछ नही बहुत कुछ हुआ है चाचा .......

उन्होंने बैठते हुए कहा बैठो और आराम से पूरी बात बताओ ....... मुझे खुद को और दीदी को भी बचाना था क्योंकि कुछ गलतियां मुझसे भी हुई थीं ....... मैंने सावधानी से चाचा को विनय की नई हरामीपन के बारे में बताना शुरू किया बस मैं रानी वाला कांड छुपा गया और ये भी की विनय के फोन से अभी मैंने दीदी की pic डिलीट नही की थीं ...... बाकी पूरी बात मैंने उसे बता दी वो गुस्से से भर कर बोले इसका मतलब वो हरामी झूठ बोल रहा था और उसके पास उन pic की और कॉपी थी मैंने कहा लगता तो ऐसा ही है .......

फिर वो बोले उठवाता हूँ उसे फिर से मैंने कहा चाचा इस बार मुझे दूसरी तरह की मदद चाहिए आपसे वो बोले कैसी दूसरी तरह की मदद मैंने कहा आप बस विनय की लोकेशन ढूंढने में मेरी मदद कर दो वो यहां नही है किसी और स्टेट में है शायद ......

उन्होंने पूछा वो तो शाम तक मिल जाएगी बस उसका मौजूदा नंबर दो मुझे लेकिन उसके बाद ........ मैंने गुस्से से दांत पीसते हुए कहा उसके बाद मैं खुद उससे मिलने जाऊंगा वो थोड़ा सोच कर बोले ठीक है लेकिन ऐसा कुछ मत कर देना जिससे तुम्हारी जिंदगी खराब हो मैंने कहा आप निश्चिंत रहो मैं जो भी करूंगा खुद को और आपको सेफ रखते हुए करूंगा ........

उन्होंने विनय का नया नंबर लिया मुझसे और किसी को कॉल कर के वो नंबर नोट करवाया और उस नंबर की लोकेशन और सी डी आर जल्दी से जल्दी भेजने को कहा ........ फिर वो बोले शाम तक मिल जाएगा और कोई काम हो तो बोलो मैंने उनके पैर छूते हुए कहा फिलहाल इतना काफी है चाचा और मैं वहां से निकल आया .......

अभी 12 बज रहे थे 3 घंटे का समय था मेरे पास मैंने फिर से रानी को कॉल की और पूछा कहाँ हो तुम अभी वो बोली हॉस्पिटल में हूँ मैंने पूछा वहां क्या कर रही हो तो वो रोने लगी उसने रोते रोते बताया कि उसकी मम्मी की तबियत खराब है काफी दिनों से ........ और कल रात तेज दर्द हुआ उनके पेट मे तो हॉस्पिटल ले आयी पर यहां डॉक्टर उनका ऑपरेशन करने को कह रहे हैं ...... और .......

मैंने कहा तुम किस हॉस्पिटल में हो नाम बताओ उसने बताया और मैं फोन काट कर हॉस्पिटल की ओर चल दिया वहां पहुंच कर मैंने उसे फिर कॉल की और बताया कि मैं नीचे हूँ आ जाओ 5 मिनट में वो हॉस्पिटल से बाहर आती दिखी मुझे खड़ा देख कर वो मेरे पास आ गयी .......

वो मुझसे नजरें चुरा रही थी मैंने उसका हाथ पकड़ा और हॉस्पिटल के सामने बने हुए पार्क की ओर ले गया वहां एक खाली जगह बैठ कर मैंने पूछा मम्मी को क्या हुआ है रानी ...... वो रोने लगी और रोते रोते उसने बताया कि उनके पेट मे पिछले एक साल से दर्द हो रहा था डॉक्टर जांच और इलाज को कह रहे थे पर उसके पास इतने पैसे नही थे जो थोड़ा बहोत वो कमाती थी उस से घर और भाई की पढ़ाई ही मुश्किल से चलती थी ....... इतना महंगी जांच और इलाज के लिए पैसे ही नही इकट्ठे हो रहे थे ......

फिर उस दिन जब उसकी मम्मी अपने भाई के यहां गयी थीं तो वो इलाज के लिए पैसे उधार मांगने गई थीं लेकिन मामा ने भी उन्हें बस 5000 दे कर टरका दिया और 5000 मैंने दिए उसे ...... लेकिन वापस आते ही अगली रात उसकी माँ के पेट मे बेतहाशा दर्द होने लगा और उसे रात में ही उन्हें हॉस्पिटल ले कर आना पड़ा .........

अस्पताल वालों ने उन्हें भर्ती कर लिया और 10000 रुपये फौरन जमा करने को बोला वो तो उसने जमा कर दिए पर अब उसके पास एक पैसा नही है और जांच में आया कि उसकी मम्मी की बच्चेदानी में ट्यूमर है जल्दी से जल्दी ऑपरेशन करना होगा उसमे 80 हजार से 1 लाख तक खर्च आ सकता है और उसके पास पैसे नही हैं ......


मैंने उसकी पूरी बात सुनी और उसके आंसू पोंछते हुए कहा तो तुम ये परेशानी मुझसे बता सकती थी मैं करता कुछ ना कुछ तुम्हारी मम्मी के इलाज के लिए ...... चलो मैं डॉक्टर से बात करता हूँ फिर वो मुझे ले कर डॉक्टर के पास आई मैंने डॉक्टर से बात की उसने भी वही सब बताया मुझे।

मैंने कहा पैसा आपके पास दो घंटे में पहुंच जाएगा आप इलाज शुरू करिये और किसी भी तरह की कोई लापरवाही मत करिए उनके इलाज में ........

डॉक्टर ने कहा ठीक है सारा मामला पैसों की वजह से ही अटका हुआ था ये (उसने रानी की ओर इशारा करते हुए कहा) बोल रही थी पैसे नही हैं इसके पास ...... मैंने कहा अब मैं बोल रहा हूँ ना 4 बजे तक पैसे जमा कर दूंगा मैं ....... बस मुझे घर जाने का वक़्त चाहिए इतने पैसे कोई जेब मे ले कर नही घूमता ...... आप ऑपरेशन की तैयारी शुरू करो ......

उसने कहा ठीक है और रानी से बोला आप मेरे साथ आओ कुछ फॉरमैलिटी पूरी करनी है ..... रानी उसके साथ चली गयी ....... कोई 20 मिनट बाद वो आयी उसने मुझसे कहा मेरे साथ चलो विकास मुझे कुछ बात करनी है तुमसे ..... मैं उसके साथ फिर से उसी पार्क में आ गया हम एक जगह बैठ गये और फिर वो एकदम से मेरे पैर पकड़ कर रोने लगी ...... और बोली मुझे माफ कर दो विकास हो सके तो मैं जानती हूं मैंने जो किया है तुम्हारे साथ उस कमीने के कहने पर वो माफी के काबिल नही लेकिन मैं मजबूर थी उसके पास मेरी भी कुछ ऐसी pic और video हैं जिनकी वजह से वो मुझे ब्लैकमेल करता है ........

उसने रोते रोते सब बताया कि कैसे उसके बाप के उसे दिल्ली भेजने के अगले ही दिन उसने रानी को कॉल किया और उसे धमकाते हुए उसे मेरे पीछे लगाया ..... मैंने पूछा यानी जब मैंने विनय के फोन से तुम्हे कॉल की थी विनय बन कर तब तुम जानती थी कि मैं विनय नही विकास हूँ ....... उसने लाचारी से हां में सर हिला दिया ......

तब मैंने भी तुम्हे विनय जैसा ही गलत इंसान समझा था विकास लेकिन मेरे इतना कुछ गलत करने पर भी जिस तरह तुम मेरी मदद कर रहे हो उस से साफ है कि तुम बहोत ही अच्छे दिल के हो ...... प्लीज मुझे माफ़ कर दो विकास वो रोये जा रही थी .........

मैंने उसके आंसू पोंछते हुए कहा रानी अगर मैं तुम्हे गलत समझता तो आज तुमसे मिलने नही आता ना ही तुम्हारी मदद करता और हां विनय के पास अब तुम्हारे कोई pics नही हैं तुम बेवजह उससे डर रही हो उसके पास दीदी के भी pic नही थे वो तो तुमने ही उसे भेज दिए वरना अब वो किसी का कुछ नही पाता ...... लेकिन कोई नही सब ठीक होगा ......

उसने आश्चर्य से पूछा सच मे उसके पास मेरे pic नही हैं पर उसने तो मुझे दिखाए थे ...... मैंने रानी को बताया कि उसका फोन और लैपटॉप मेरे कब्जे में है उसके पास अब कुछ नही है वो कोरी धमकी दे सकता है और कुछ नही कर सकता आज के बाद तुम उसकी कोई बात मानने के लिए मजबूर नही हो ......

मेरी बात सुन कर रानी ने फिर से मेरे पैर पकड़ते हुए कहा ओह विकास तुमने मुझे इस शैतान के चंगुल से पहले ही आज़ाद कर दिया था पर मैं ये बात जान ना सकी और उसके इशारों पर नाचती रही ....... काश मैंने ये सब करने से पहले तुम्हे सब सच सच बता दिया होता ......

मैंने कहा चलो जो हुआ सो हुआ इसमें तुम्हारी इतनी गलती नही है तुम अनजाने और मजबूरी में वो सब कर रही थी ...... पर क्या मैं अब तुम पर भरोसा कर सकता हूँ वो आंसू पोंछते हुए बोली विकास जितना तुमने मेरे लिए किया है मैं शायद इस जन्म में तुम्हारा ये अहसान नही उतार पाऊंगी पर मुझे बेहद खुशी होगी अगर मैं तुम्हारे किसी काम आ सकी .........

मैंने कहा चलो अब तुम मम्मी के पास जाओ उनका ख्याल रखो मैं जा कर पैसे ले आता हूँ ....... फिर मैं वहां से मैं दीदी के कॉलेज पहुंचा और उन्हें ले कर घर आ गया .....

घर आ कर हमने चेंज किया और फिर दीदी से एक चेक साइन करवा के खाना खा के मैं फिर से अस्पताल आ गया रानी को काउंटर पर बुला कर उसके सामने मैंने एक लाख का चेक जमा किया और डॉक्टर को इसकी सूचना दिलवा कर रानी की मम्मी के इलाज में तेजी लाने का अनुरोध किया उनसे और मैने डॉक्टर से कहा उन्हें जनरल वार्ड से प्राइवेट रूम में शिफ्ट के दें .......

ये सब जल्दी ही हो गया और फिर मैंने रानी से पूछा अब मैं जाऊं वो बोली थैंक्स विकास तुम सच मे बहोत अच्छे इंसान हो ...... उस वक़्त हम रानी की मम्मी के रूम के बाहर खड़े थे गैलेरी में कोई नही था रानी एकदम से मुझसे लिपट गयी और मेरे होंठ चूसने लगी ...... मुझे उसका थैंक्स बोलने का ये अंदाज बहोत पसन्द आया और दो मिनट के इस लंबे किस को उसने तब तोड़ा जब एक कमरे का दरवाजा खुलने की आवाज़ आयी .......

मैंने कहा अब मैं जाऊं कोई जरूरत हो तो कॉल करना उसने कहा ठीक है पर हो सके तो आते रहना टाइम निकाल कर मैंने उसे 5000 रुपये कैश दिए और कहा अपना और मम्मी के खाने पीने का ख्याल रखना ........ वो झिझकने लगी और बोली इतने पैसे मैं कैसे चुकाउंगी विकास मैंने हंस कर कहा तुम्हे ये चुकाने की कोई जरूरत नही है ........

रानी बोली विकी बस मम्मी ठीक हो जाएं फिर तुम्हारा वो काम करती हूं जल्दी से मैंने कहा अभी बस तुम मम्मी के बारे में सोचो बाकी फिर देखेंगे ..... और वहां से निकल गया ......

मैं हॉस्पिटल के बाहर पार्किंग में आया ही था कि तभी मेरे फोन पर मैसेज टोन बजी देखा तो एक sms आया था इसमे एक एड्रेस था ...... तभी राजेश चाचा का काल आया उन्होंने बताया विनय की लोकेशन ट्रेस हो गयी है वो नोएडा में एक फ्लैट में है ....... और उन्होंने वो एड्रेस मुझे sms कर दिया है ...... मैंने कहा धन्यवाद चाचा ...... चाचा बोले अब आगे क्या करोगे ...... मैंने कहा नोएडा जाऊंगा उससे मिलने वो बोले अकेले सम्हाल लोगे सब अगर कहो तो मैं कुछ इंतजाम कर दूं .......

मैंने थोड़ा सोच कर कहा कैसा इंतजाम करोगे आप वो बोले नोएडा पुलिस में मेरी पहचान के एक दो लोग हैं अगर तुम चाहो तो उनसे बोल देता हूँ वो तुम्हारी हेल्प करेंगे ....... मैंने कहा आप उनके नंबर दे दो मुझे अगर मुझे वहाँ जरूरत हुई तो मैं उनसे बात कर लूंगा ...... वो बोले ठीक है मैं तुम्हे उनके नंबर दे देता हूँ और उन्हें तुम्हारा नंबर दे कर सब समझा देता हूं ........

मैंने कहा जी चाचा आपका बहोत बहोत शुक्रिया ...... उन्होंने बेटा अपना शुक्रिया अपने पास ही रख मैं तो सोच रहा था विनय के बाप से कुछ और वसूली कर लूं ...... मैंने कहा जैसी आपकी मर्जी वो बोले चलो ठीक है तुम अपना काम करो मैं अपना काम करता हूँ मैं बोला चाचा अगर वसूली करना तो कुछ मेरे लिए भी कर लेना वो हंसते हुए बोले वो तो मैं करता ही तेरे कहे बिना भी ......

और फिर मैं घर आ गया दीदी मम्मी के साथ किचन में बिजी थी तो मैं ऊपर आ गया और प्रतीक को कॉल की और उन्हें बताया कि विनय की लोकेशन मुझे मिल गयी है और मैं सोच रहा हूँ कि आज रात ही नोएडा निकल जाऊं ...... लेकिन प्रॉब्लम ये है कि घर मे क्या बोलूं .......

उन्होंने कुछ सोचते हुए कहा तुम अकेले नही जाओगे विकास मैं भी साथ चलूंगा और तुम्हारे निकलने का कोई इंतजाम करता हूँ मैं ....... वो बोला मैं थोड़ी देर में तुम्हे कॉल करता हूँ ...... और मैं आंखे बंद कर के लेट गया ...... मेरा दिल कर रहा था उड़ कर विनय के सामने पहुंच जाऊं और फिर मैं क्या करूंगा ये मैं भी नही जानता था .......

कोई आधे घंटे बाद दीदी ऊपर आयी और उन्होंने बताया कि प्रतीक की मम्मी का कॉल आया था उन्होंने पापा को और तुम्हे एक दो दिन के लिए लखनऊ आने का अनुरोध किया है वो चाहती हैं कि शादी से पहले हम लोग भी एक बार उनका घर परिवार रहन सहन देख आएं ....... मैंने पूछा फिर पापा ने क्या कहा ...... दीदी बोली उन्होंने ये कहा कि मैं वहां क्या करूंगा आ कर विकास को भेज देता हूँ वो घूम आएगा .......

तभी प्रतीक का कॉल आने लगा वो बोले कि मैंने सब इंतजाम कर दिया है आज रात 10 बजे की ट्रेन से तुम लखनऊ आ जाओ सुबह साढ़े सात की फ्लाइट की टिकट बुक कर दी है मैंने हम 9 बजे तक दिल्ली में होंगे ......

मैंने कहा ठीक है मैं आ रहा हूँ ...... दीदी हैरानी से बोली आज ही जा रहे हो क्या ..... ? मैंने कहा हां वो सशंकित हो कर बोली एकदम से जाने की तैयारी कोई खास बात है या वो ही वजह से तो प्रतीक की मम्मी ने बताई ...... मैंने कहा फिलहाल तो वो ही वजह है अब आप मेरी पैकिंग कर दो ....... दीदी ने एक बैग में मेरे दो जोड़ी कपड़े अंडरवियर बनियान टूथ ब्रश वगैरह रख दिया ........ और फिर खाना खा कर और पापा से 20000 रुपये ले कर मम्मी पापा के पैर छू कर मैं निकल पड़ा स्टेशन की ओर .......।
Nice update
 
  • Like
Reactions: Tiger 786

Raja maurya

Well-Known Member
4,979
10,360
143
मैं ऑटो वाले को पैसे दे कर स्टेशन के बाहर उतरा और सीधा थोड़ी दूर पर स्थित बियर शॉप पर जा पहुंचा दो किंगफिशर स्ट्रांग के कैन दो पैकेट चिप्स एक सिगरेट और माचिस ले कर बैग में डाली और स्टेशन के अंदर आ गया ....... टिकट लिया लेकिन मुझे स्लीपर का कन्फर्म टिकट मिल गया और मैं प्लेटफार्म पर ट्रेन की प्रतीक्षा करने लगा .......

ये इंतजार भी बड़ी बोरिंग चीज है ट्रेन आने में अभी 40 मिनट का समय था और ये वक़्त कट नही रह था लेकिन तभी रानी का काल आ गया ...... उसने बताया कि मम्मी का ऑपरेशन सफ़लतापूर्वक हो गया है और अभी वो ठीक है ....... मैंने उसे बधाई दी ...... और बताया की मैं दिल्ली जा रहा हूँ और वापस आ कर उस से मिलूंगा उसने फिर से बार बार मेरा धन्यवाद किया और मेरी तारीफ करने लगी ........ मैंने पूछा रानी ये बताओ तुमने विनय को वो तस्वीर कब और कैसे भेजी थीं ........ रानी थोड़ा झिझकते हुए बोली ....... जब उस दिन तुम्हारे हाथ और आंखों पर पट्टी बांध कर तुमसे चुद रही थी उसी टाइम पहले फोन चेक किया और फिर वो तस्वीरे विनय के नए नंबर पर फॉरवर्ड कर दी थी जब उसने वो pic डाउनलोड कर ली तो मैंने इस फोन से उन्हें डिलीट कर दिया था और प्रतीक का नंबर भी उसने विनय को सेंड कर के वो मैसेज भी डिलीट कर दिया था .......


उसने कहा वाकई उसने बड़ी गलती की ऐसा कर के , उसे ऐसा नही करना चाहिए खुद की इज्जत बचाने की खातिर उसे मेरी बहन की इज्जत से खिलवाड़ नही करना चाहिए था ........

मैंने कहा मेरा दोबारा वैसे ही हाथ बंधवा कर मज़े लेने का मन था लेकिन अब हिम्मत नही होगी ....... वो उदास स्वर में बोली प्लीज विकास ऐसे मत बोलो सॉरी ना अब फिर कभी ऐसा नही होगा और अब तो मुझे उस कमीने विनय से डरने की कोई जरूरत ही नही है ....... वो थोड़ा हिचकते हुए बोली अब तो मेरे pic और वीडियो तुम्हारे पास हैं ना ......

मैंने कहा हां थे तो मेरे पास लेकिन चिंता ना करो अब ऐसे कोई pic और वीडियो किसी के पास भी नही हैं मैंने उस लैपटॉप और फोन को फॉर्मेट कर दिया है सब खत्म तुम अब एकदम आज़ाद हो मैं विनय या कोई और तुमसे तुम्हारी मर्ज़ी के खिलाफ कुछ नही करवा सकते .......

वो बोली ठीक है पर तुम जल्दी से लौट आओ दिल्ली से फिर मैं तुम्हे पिछली बार से भी ज्यादा मज़ा दूंगी जान ...... उस बार मैं वो सब मजबूरी से दबाव में कर रही थी इस बार खुशी से अपनी मर्ज़ी से करूंगी .......

मैंने कहा अभी भी तुम्हारा मन है मेरे साथ वो सब फिर से करने के लिए ...... या तुम ऐसा कर के सिर्फ मेरे द्वारा की गई तुम्हारी मदद का एहसान उतारना चाहती हो वो बोली ऐसा कुछ नही है विकास ...... तुम्हारा साथ मुझे भी अच्छा लगने लगा है तुम जैसे समझदार और केयरिंग इंसान को हर लड़की अपना दोस्त और जीवनसाथी बनाना चाहेगी ...... मैं जानती हूं कि मैं इस लायक नही हूँ कि तुम मुझसे शादी कर लो मुझे अपना बना लो पर मैं इस लायक तो हूँ ही कि तुम मुझे अपनी दोस्त बना लो और तुम्हे खुशी दे कर मुझे भी बेहद खुशी होगी विकी ........

मैंने कहा ठीक है रानी ....... आज से हमारी दोस्ती पक्की वो खुश हो गयी और फिर से मुझे थैंक्स बोलने लगी ......

तभी मेरी ट्रेन आ गयी और मैंने कहा रानी ट्रेन आ गयी रखता हूँ वो बोली ok अगर रात में नींद ना आये तो कॉल कर लेना क्यों कि मुझे तो रात भर जाग कर मम्मी की ड्रिप देखनी होगी .......

मैंने कहा ठीक है देखूंगा ..... और मैंने फोन जेब मे डाला और अपना टिकट निकाल कर चेक किया S7 कोच था ..... मैं उस ओर चल पड़ा और S7 में घुस गया अपनी सीट पर पहुंचा तो देखा उस पर कोई चादर ओढ़े सोया हुआ था ....... मैंने उसे हिला कर जगाया और बोला भाई उठ जा ये मेरी बर्थ है ......

वो शख्स उठ बैठा पर वो कोई आदमी नही एक लड़की थी ..... 20 साल की खूबसूरत लड़की ....... उसने एक कॉटन का सिंपल सा सूट पहन रखा था कंधों तक कटे हुए बाल आंखों में चश्मा एकदम गोरी और अच्छे शेप में ढली हुई बॉडी पहली नजर में ही वो मुझे बेहद दिलकश लगी ........

उसने गौर से मुझे देखा और बोली क्या हुआ मैंने जिस सीट पर आप सोई पड़ी हैं ये मेरी सीट है आप इसे खाली करने का कष्ट करिये वो चुपचाप उठी चप्पल पहनी और और अपना छोटा सा बैग ले कर कोच में आगे की ओर चली गयी ........ मैंने अपना बैग रखा और जूते उतार कर आराम से बैठ गया ......

5 मिनट में ट्रेन चल दी और तभी वो लड़की वापस आ कर मेरे सामने खड़ी हो गयी और बोली प्लीज मैं यहां एक कोने में बैठ जाऊं अगर आपको कोई तकलीफ ना हो तो .......

मैंने मन ही मन कुढ़ते हुए उसे बैठने की इजाजत दे दी .......( असल मे रानी की बात सुन कर मेरे मन मे इच्छा हुई थी रात में आराम से बियर पी कर चादर ओढ़ कर रानी से फोन सेक्स करते हुए मुठ मारूंगा क्यों कि कई दिन हो रहे थे मुझे भाग दौड़ करते हुए और मेरे लंड को कुछ मज़े नही मिल पा रहे कई बार उसे खड़ा होने के बाद बैठना पड़ा था )

लेकिन आज रात भी लग रहा था कि कुछ नही होने वाला ..... पर मेरी आदत है किसी की मदद के लिए इनकार नही कर पाता है एक खूबसूरत लड़की को रात के वक़्त मदद चाहिए मैं कैसे इनकार कर सकता था ....... वो हमारे बीच अपना बैग रख कर बैठ गयी और धीरे से बोली आपका शुक्रिया ......

मैं पूछ बैठा कहाँ जा रही हैं आप वो बोली लखनऊ फिर उसने खुद ही बताना शुरू कर दिया कि वो लखनऊ की रहने वाली है बनारस में पढ़ती है और वहां हॉस्टल में रहती है .......

और उसके पापा की तबियत अचानक खराब हुई है और शाम को मम्मी का फ़ोन आया उन्होंने उसे पापा के बारे में बताया और ये कहा ही वो कल सुबह लखनऊ के लिए निकल पड़े लेकिन पापा के बारे में सुन कर वो घबरा गई और जल्दी में बस बैग में कुछ कपड़े डाल कर रात में ही निकल पड़ी और स्टेशन पहुंच कर उसे पता चला कि ये लखनऊ की लास्ट ट्रेन है फिर अगली ट्रेन कल सुबह 10 बजे ही मिलेगी और ट्रेन दो मिनट में छूटने ही वाली थी तो वो बिना टिकट लिये ही ट्रेन में चढ़ गई और ये बर्थ खाली देख कर चुपचाप लेट गयी ........

मैंने हंसते हुए कहा लेकिन तुम्हे ऐसे जल्दबाजी नही करनी थी पापा का इलाज तो हो ही रहा होगा अगर कहीं रास्ते मे तुम्हारे में साथ कुछ गलत हो जाता तो तुम्हारे मम्मी पापा की परेशानी कितनी बढ़ जाती ये क्यों नही सोचा तुमने ....... और ऐसे बिना टिकट अभी tt आता तो क्या करती ......

उसने कहा tt को तो मैं जितने मांगता पैसे दे देती हां आपकी ये बात सही है कि मुझे रात में इस तरह सफर नही करना चाहिए मम्मी ने मना भी किया था पर मैं पापा से बहोत प्यार करती हूं उनकी तबियत के बारे में सुन कर मैं बस ज्यादा नही सोच पाई और चल दी .........

मैंने कहा चलो कोई नही अब चल ही दी हो तो तुम्हे लखनऊ तक सुरक्षित पहुंचा दूंगा ....... मेरी बात सुन कर उसने पूछा आप भी लखनऊ जा रहे हैं क्या मैंने हां में सर में हिलाया तो उसने अगला सवाल किया किसलिए ......

मैंने कहा मैं भी किसी से बहोत प्यार करता हूँ और उसकी किसी समस्या को दूर करने के लिए किसी खास काम से लखनऊ जा रहा हूँ ..... वो मुस्कुरा कर बोली gf????

मैंने कहा यही समझ लो गर्ल भी है फ्रेंड भी है पर वो मेरी gf नही है मेरी दीदी हैं ...... जो मेरी सबसे अच्छी दोस्त भी हैं

वो बोली ओ ....... बढ़िया है ...... बेहद बातूनी लड़की थी वो उसकी बातें खत्म ही नही हो रही थीं ...... तभी tt आया वो कोई पचास की उम्र का गंजा इंसान था उसने हमारा टिकट मांगा और वो लड़की जो अभी तक बड़ी बकबक किये जा रही थी घबरा गई ......

मैंने तो अपना टिकट दिखा दिया tt ने वो मुझे वापस करते हुए उस लड़की से कहा टिकट उसने ना में सर हिला दिया ...... और कातर दृष्टि से मेरी ओर देखा ...... मैंने tt को उसकी पूरी प्रॉब्लम बताई और कहा वो चाहे तो उसका टिकट बना दे मैं पैसे दे देता हूँ tt ने कहा टिकट के अलावा 200 रुपये और देने पड़ेंगे जुर्माने के बिना टिकट पकड़े जाने के ..... मैंने tt पर चढ़ते हुए कहा कैसे इंसान हो यार वो तुम्हारी बेटी जैसी है अपने पापा की तबियत के बारे में सुन कर आनन फानन में रात को निकल पड़ी उसकी मजबूरी समझ नही आ रही तुम्हे और फिर वो मेरी सीट पर बैठी है मैं उसकी मदद कर रहा हूँ और तुम बस अपना फायदा देख रहे हो ......


मेरी फटकार सुन कर वो अपनी खोपड़ी खुजाते हुए बोला ठीक है भाई तुम कहो तो मैं टिकट भी ना बनाऊ इसकी फिर अपनी ही सीट पर लिए जाओ इसे भी लखनऊ मैंने कहा ठीक है रहने दो टिकट भी और वॉलेट से 100 का नोट निकाल कर tt को पकड़ा दिया वो दांत निकालते हुए बोला अरे इसकी क्या जरूरत है और जल्दी से नोट ले कर अपनी जेब के हवाले कर के आगे बढ़ गया ..........

उसके जाते ही उसने गहरी सांस ली और बोली बचा लिया आज तो आपने ......

मैंने मुस्कुराते हुए कहा नाम क्या है तुम्हारा वो अपने सर पर हाथ मारते हुए बोली मैं भी ना पागल हूँ एकदम इतनी बकबक कर डाली पर ना अपना नाम बताया और ना आपका नाम पूछा ....... वैसे मेरा नाम प्रीति है और आपका नाम ......

मेरा नाम विकास है प्रीति ....... इतनी ही देर में वो लड़की मुझे अच्छी लगने लगी थी खूबसूरत तो थी ही ...... साथ ही थोड़ी सी झल्ली भी ........ फिर उसने अपने बैग से पानी की बोतल निकाली और देखा तो उसमें एकदम जरा सा पानी था उसने वो पानी की बोतल खोल कर बचा हुआ पानी अपने मुह में उड़ेला और फिर बोतल बैग में डाल ली ....... ..

मैंने अपने बैग से पानी की भरी हुई बोतल निकाल के उसे देते हुए पूछा कि तुमने कुछ खाया है या नही वो बोली कॉलेज से होस्टल पर आ कर लंच किया था फिर शाम को मम्मी का कॉल आ गया और मैं फौरन निकल ली ......

मैंने बैग से चिप्स का पैकेट निकाल कर उसकी ओर बढ़ा दिया वो ना में सर हिलाते हुए बोली आपकी सीट ले ली पानी ले लिया अब ये भी ले लिया तो आपका सफर कैसे कटेगा विकास जी ...... और उसने थोड़ा सा पानी पी कर बोतल मुझे वापस दे दी मैंने कहा मेरे पास और है तुम मेरी फिक्र ना करो और चिप्स उसकी टांगो पर रख दिया ........

फिर मैंने कहा प्रीति अगर तुम्हें कोई प्रॉब्लम ना हो तो मैं (मैंने बैग से बियर की कैन निकाल कर उसे दिखाई) ये ले लूं उसने कैन मेरे हाथ से ले कर घुमा फिरा कर देखी और धीरे से बोली शराब है ????

मैंने हंसते हुए कहा नही बियर है वो बोली अच्छा पर ये भी तो शराब ही होती है मैंने कहा नही शराब की छोटी बहन है ये ..... और वो हंस दी ...... फिर बोली लेकिन इसे पीने के बाद तुम कोई शरारत तो नही करोगे ना .......

मैंने गहरी सांस लेते हुए कैन वापस बैग में रख लिया और सोचा उसकी बात सही है जवान लड़की साथ मे है कही पीने के बाद मैं कोई ऐसी वैसी हरकत ना करने लगूं ......

उसने मुझे वो वापस रखते देखा तो बोली अरे क्या हुआ क्यों रख दी पी लो ना मैं तो बस यूं ही कह रही थी ...... मैंने कहा नही तुम्हारी बात ठीक है अगर पीने के बाद मैंने कोई गलत हरकत कर दी तो ......

वो मुस्कुरा कर बोली ऐसा लगता तो नही है मुझे ....... पर फिर भी अगर तुमने कोई हरकत की तो मैं यहां से भाग जाऊंगी दूसरे डिब्बे में ...... फिर वो धीरे से बोली एक बात बताऊँ ये कहते हुए वो मेरी ओर झुक आयी थी उसका कंधा मेरे कंधे से टच होने लगा था मैंने कहा बोलो वो बोली बड़े रहस्यपूर्ण स्वर में बोली ........ मैंने भी कई बार बियर पी है हॉस्टल में किसी फ्रेंड का बर्थडे होता है तो हम छुपा के ले आते हैं फिर रात में पी कर धमाल करते हैं .......

इसलिये कह रही हूं तुम पी लो....... तभी उसके फोन की घंटी बजी और उसने अपने बैग से फोन निकाल कर रिसीव किया वो बात करने लगी और मैंने खिड़की से बाहर देखते हुए बियर खोल ली और घूंट भरने लगा ...... वो धीरे धीरे बात कर रही थी .....

कुछ देर बाद उसने फोन वापस बैग में रखा और चहकते हुए बोली मम्मी का फोन था वो बता रही कि अब पापा एकदम ठीक हैं और उन्हें हॉस्पिटल से डिस्चार्ज भी कर दिया गया है वो उन्हें ले कर घर जा रही हैं ...... उसकी बात सुन कर मैं भी मुस्कुरा दिया और बोला देखा तुम्हारा यूँ रात में घर जाने का फैसला हर तरह से गलत ही साबित हो रहा है .......

वो कुछ सोचती हुई हां में सर हिलाने लगी और फिर बोली ऐसा नही है अगर मैं रात में जाने का फैसला ना करती तो तुम जैसे अच्छा इंसान कैसे मिलता मुझे .........

उसकी बात सुन कर मैं मुस्कुरा दिया और बियर के घूंट भरते हुए खिड़की से बाहर देखने लगा ट्रेन रात के सन्नाटे को चीरते हुए दौड़ी चली जा रही थी ....... तभी पता नही मुझे क्या सुझा मैंने बैग से दूसरी बियर निकाल कर प्रीति की ओर बढ़ा दी वो बड़े गौर से मेरा मुह देखने लगी .......

मैंने कहा तुम्हारे पापा के ठीक होने की खुशी में ....... उसने मुस्कुरा कर कैन ले ली और खोल कर एक घूंट भर कर चिप्स का पैकेट मेरी ओर बढ़ा दिया ...... हम चिप्स खाते हुए बियर का मज़ा लेने लगे .......

जल्दी ही हमारे कैन खाली हो गए मैंने उन्हें खिड़की से बाहर उछाला और फिर प्रीति बोली आपको लेटना है तो लेट जाओ मैंने कहा फिर तुमहे बैठने में दिक्कत होगी मेरी लंबाई 5 फुट 7 इंच है वो बोली कोई दिक्कत नही होगी मुझे ....... आप अपने पैर मेरी गोद मे रख लेना उसकी बात सुन कर मेरे बदन में एक गुदगुदी सी हुई .......

उसने उठ कर अपना बैग खिड़की के पास टांग दिया और मेरा बैग सीट के नीचे सरका दिया और खुद खिड़की की ओर आ कर बैठ गयी और बोली अब बाकी बची जगह पर मैं आराम से लेट सकता हूँ ........

मैं गौर से उसे ये सब करते देख रहा था और जब वो अपना बैग खिड़की पर टांग रही थी उस टाइम उसकी उभरी हुई गांड़ मेरे चेहरे के एकदम नजदीक थी ........

मुझे उसकी गांड़ बड़ी मस्त लगी एकदम सुडौल और उभरी हुई ...... मैंने खुद के मन को समझाते हुए कहा कंट्रोल बेटा कंट्रोल वरना सारी इमेज की माँ चुद जायेगी दो मिनट में ...... मुझे खयालों में गुम देख कर प्रीति ने मेरी बांह पकड़ कर खींचते हुए कहा लेट जाओ ना आप प्लीज ....... और मैं चुपचाप लेट गया मेरा सर उसकी जांघ से स्पर्श हो रहा था और मेरे पैर बर्थ से बाहर निकले हुए थे मैंने पैर मोड़ लिए मुझे ऐसा करते देख कर उसने अपने दोनो पैर सीधे करते हुए सामने की बर्थ पर टिकाए और मेरे सर के नीचे हाथ डाल कर मुझे ऊपर खींचने लगी .........

मैंने उसकी ओर देखा तो बोली और ऊपर आ जाओ मैं थोडा सा ऊपर सरक गया तो प्रीति ने मेरा सर अपनी नरम मोटी जांघ पर रख लिया और बोली आराम से लेट जाओ पैर फैला कर .........

मैं थोड़ा झिझक रहा था तो वो कुछ डांटने वाले लहजे में बोली लेटते हो या नही और मैंने सर रख दिया उसकी जांघ पर और आंखे बंद कर ली ....... अच्छा लग रहा था मुझे लगा कि प्यार से अच्छे व्यवहार से किसी का दिल जीता जा सकता है विनय जैसे लोग जो हर काम अपनी ताकत और पैसे के दम करने की सोचते हैं उन्हें नही पता कि इस तरह से भी किसी को अपना बनाया जा सकता है ........

नींद तो आ नही रही थी तो मैंने आंख खोल कर देखा प्रीति बड़े गौर से मुझे देख रही थी उसकी आंखों में मुझे थोड़ा सा प्यार और शर्म नजर आ रही थी जो मैं कई बार दीदी की आंखों में और आज रानी की आंखों में भी देख चुका था .......

मुझे अपनी ओर देखता देख कर वो मुस्कुराई और नजरें फिरा ली पर अब मेरे दिमाग पर हल्का सा नशा हो रहा था और उसका पर प्रभाव मुझे अपने जिस्म और लंड पर महसूस हो रहा था वो धीरे धीरे सर उठा रहा था .......

मुझे लगा मैं सो जाऊँ तो शायद सब ठीक हो जाएगा और मैं फिर से आंख बंद कर के सोने की कोशिश करने लगा और हल्की सी नींद आने भी लगी पर मैं ज्यादातर करवट ले कर सोता हूँ ...... तो हल्की नींद में ही मैंने करवट ली और मेरा चेहरा प्रीति के पेट की ओर हो गया और बस यही गड़बड़ हो गयी .......

मैं तो नींद में था तो मैंने खुद को एडजस्ट करते हुए सर को थोड़ा और ऊपर सरकाया और मेरा चेहरा एकदम प्रीति के पेट से चिपक गया और मेरी गर्म सांसे उसे अपने पेट पर महसूस होने लगी ....... वो असहज महसूस कर रही होगी पर उसने मुझे जगाना ठीक नही समझा और मेरी गरम सांसो से खुद को गरम होने से रोकने की कोशिश करने लगी ........

पर एक जवान लड़की का एक जवान लड़के से यूँ शारीरिक सम्पर्क होना ........ ये स्थिति विस्फोटक थी धीरे धीरे वो भी उत्तेजित होने लगी ....... उसने अपना एक हाथ मेरी बांह पर रख दिया और दूसरा हाथ मेरे सर पर और खुद का सर पीछे टिका कर आंखे बंद कर के बैठ गयी ...... और तभी पूरी गति से दौड़ती ट्रेन को एक झटका लगा ....... हम अपनी सीट पर उछल पड़े हमारी आंखे खुल गयी और सबसे पहले प्रीति के पेट से यूँ खुद को चिपका पा कर मेरे जिस्म में एक झुरझुरी सी हुई ...... उधर ट्रेन की गति धीमी होने लगी ....... मैं उठ कर बैठ गया तो प्रीति भी आंख खोल कर मेरी ओर देखने लगी......

और लोग भी इस झटके से जाग गए थे और उठ कर एक दूसरे से पूछने लगे क्या हुआ .......?

मैंने फोन निकाल कर टाइम देखा 12:10 हुए थे फिर मैं उठ कर कोच के दरवाजे पर आया और झांक कर देखा ट्रेन घुप्प अंधेरे में जंगल के बीच खड़ी थी और इंजन की ओर कुछ हलचल हो रही थी ........

मैं ट्रेन से उतर कर उस ओर चल पड़ा वहां पहुंच कर देखा तो ट्रेन के ड्राइवर और गॉर्ड आपस मे उलझे हुए हैं मैंने पूछा क्या हुआ तो उन्होंने बताया कि ट्रेन से कोई बड़ा जानवर टकरा गया है इस वजह से इंजन में कुछ खराबी हो गयी कंट्रोल रूम को सूचना दे दी है नया इंजन आने पर ट्रेन चलेगी .......

फिर ड्राइवर ने मुझसे कहा रात का समय है आप सभी को सूचित कर दें कि लोग ट्रेन के अंदर ही रहें और दरवाजे अच्छी तरह से बंद कर लें ....... यहां कोई डेढ़ दो घंटे रुकना पड़ सकता है ........ मैं वापस अपने डिब्बे में आ गया और उस डिब्बे में ये बात जोर से बोल कर सब से कहा कि अपने आगे पीछे के डिब्बे में भी ये मैसेज पहुंचा दें और उनसे कह दें की वो लोग भी अगले डिब्बे तक ये बात पहुंचा दें फिर मैंने सारे दरवाजे अच्छी तरह बंद किये और वापस अपनी सीट पर आ गया प्रीति कुछ घबराई सी लग रही थी मेरे बैठते ही बोली अब क्या होगा मैंने कहा कुछ नही दूसरा इंजन आएगा तब ये ट्रेन आगे जाएगी .........

वो बोली मुझे अब अपनी गलती समझ मे आ रही है अगर आज आप ना होते तो पता नही क्या होता ....... मैंने कहा वो तो मुझे भी नही मालूम ...... तभी सामने की बर्थ वाला बन्दा उठा वो एक अधेड़ सा मोटा थुलथुला आदमी था वो चप्पल पहन कर बाथरूम चला गया जाते हुए उसने बड़ा घूर कर प्रीति को देखा ........

उसके जाते ही प्रीति मेरी ओर खिसक कर बोली ये अंकल बनारस से ही मुझे कुत्ते की तरह घूर रहा था इसी के घूरने से तंग आ कर मैं चादर ओढ़ कर लेट गयी थी और फिर सो गई ........

मैंने कहा तुम चाहो तो फिर से चादर ओढ़ कर लेट जाओ वरना वापस आ कर फिर से ठुमहे घूरेगा ...... प्रीति मुस्कुराई और खड़ी हो कर अपने बैग से चादर निकालने लगी और फिर खिड़की की ओर इशारा कर के मुझसे बोली आप उस कोने में चले जाइये प्लीज .......

मैं एकदम खिड़की के पास बैठ गया और नीचे हाथ डाल कर अपने बैग से सिगरेट और माचिस निकाल कर बैग में डाल ली ........ और बैग वापस अंदर खिसका दिया ........

प्रीति मुझे ये सब करते हुए गौर से देख रही थी ....... जब मैं वापस बैठ गया तो उसने बर्थ पर लेटते हुए अपना सर मेरी गोद मे रख लिया और चादर ओढ़ ली उसने एक हाथ मेरी जांघ पर रखा हुआ था और वो भी करवट ले कर अपना मुह मेरे पेट की ओर किये हुए लेटी थी ..........


तभी वो आदमी वापस आ गया और घूर कर प्रीति को मेरी ओर गोद मे लेटा देखने लगा फिर वो अपनी सीट पर बैठ गया पर उसकी नजरे प्रीति के चादर में ढके जिस्म को ऊपर से नीचे तक देख रही थीं ........

मेरी खोपड़ी एकदम से सरक गयी और मैं बोला चचा सो जाओ काहे बुढ़ापे में अपनी कमजोर आंखों पर दबाव डाल रहे हो ......

या बुढ़ापे में जेल जाना चाहते हो ..... मेरी बात सुन कर वो हड़बड़ा गया और वापस लेट कर चादर ओढ़ ली उसने अपना मुह दीवार की ओर कर लिया था प्रीति ने सर घुमा कर उसकी ओर देखा और एकदम दबी हुई आवाज़ में हंसने लगी .......

मैंने उसकी आँखों मे देखा तो हंसते हुए धीरे दे बोली चचा की तो फट गई ...... मैं भी हंस दिया उसकी इस बात पर और धीरे से बोला ये चचा भी भोसड़ी वाले चचा हैं ....... शायद उसने भी मिर्जापुर देख रखी थी .....

मेरी बात सुन कर वो और जोर जोर से हंसने लगी और उसका गाल पैंट में बंद मेरे लंड पर रगड़ने से लगा ....... और उसमे जरा सी हरकत हुई गाल पर वो स्पंदन उसने महसूस किया और फिर अच्छे से गाल को मेरे लंड पर रख कर आंखे बंद कर लीं .....।
Nice update
 
  • Like
Reactions: Tiger 786
Top