और फिर एक दूसरे के सामने भी....बहुत सही कहा आपने माँ बेटी दोनों के रंग खुलेंगे ढंग बदलेंगे
और वो भी सबके सामने
और फिर एक दूसरे के सामने भी....बहुत सही कहा आपने माँ बेटी दोनों के रंग खुलेंगे ढंग बदलेंगे
और वो भी सबके सामने
कारून के खजाने से कम नहीं...इतनी जबरदस्त ब्लैक एंड व्हाइट पिक्स मैं सोच भी नहीं सकती थी , आप के पास सच में खजाना है। अब मैं एक एक सेव कर रही हूँ और जल्द ही कहानियों में नजर आयेगीं सारी की सारी।
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जो अब तक ट्रेनी थी अब वो ट्रेनर बन गई...जोरू का गुलाम भाग २०५ -
गुड्डी और मिसेज मोइत्रा के रसगुल्ले
19,62,197
वो दोनों गुड्डी से नमस्ते करतीं, नाम बतातीं, हाथ मिलाने के लिए हाथ बढ़ातीं, गुड्डी ने बड़ी को गपूच लिया, और गुड्डी के ३२ सी बड़ी के २८ को कस के दबा रहे थे और साथ में क्या स्साला लौंडा किस करेगा, गुड्डी ने बड़ी के होंठों को,... नहीं चूमा नहीं, चूस लिया, बड़ी देर तक चूसती रही और कचकचा के अपने दांतों से बड़ी के होंठों को काट लिया,... कोई भी देखने वाला यही समझता यार से कटवा के आ रही है।
छुटकी मुस्करा रही थी अपनी जीजू की बहन को देख के, ( अभी उसे ये नहीं मालूम था की ये उसके जीजू के बचपन का माल भी है और अब,... ) गुड्डी ने बड़ी को बिना छोड़े मुस्कराती छुटकी को देख के साफ साफ़ पूछ लिया,...
"बोल स्साली चुदी की नहीं अपने जीजू से "
अपनी बड़ी बड़ी घबराई आँखों से मेरी ननद को देखते वो हलके से बोली,...
" नहीं अभी नहीं "
और अब बड़ी को छोड़ छुटकी को गुड्डी ने उसी तरह दबोच लिया और मुझसे बोली, ... " स्साली भैया की सालियाँ है तो मस्त लेकिन,... " और फिर अगला सवाल गुड्डी ने बड़ी की ओर देख के दाग दिया,
" अबे स्साली तू भी नहीं चुदी ? तो स्साली होने का फायदा क्या, क्या तेरे जीजू का खड़ा ही नहीं होता ? "
अपने जीजू की बुराई दोनों रसगुल्लों में से कोई नहीं सुन सकता था छुटकी झट से बोल उठी,...
" नहीं नहीं , ऐसा कुछ नहीं, होता है खड़ा और जबरदस्त होता है हमी लोग थोड़े ज्यादा ही ना ना कर रहे थे,... "
अब उसे दबोचे हुए गुड्डी टॉप के एक दो बचे हुए बटन खोल रही थी और हलके हलके छुटकी के जोबन ऊपर से सहलाते बोली,... " तो हाथ में लिया था क्या "
" हाँ हम दोनों ने पकड़ा भी था , सहलाया भी था खूब कड़ा था , खड़ा था, बड़ा था " अब दोनों जुड़वा बहने एक साथ बोल रही थीं, ...
गुड्डी ने रूप बदला खूब घूर के बड़ी को देखा,... और गरजी,...
" क्या पकड़ा था, क्या सहलाया था बोल साफ़ साफ़, कैसी स्साली हो, अपने जिज्जू की,... अरे नाम लेने में घबड़ा रही हो तो घोंट कैसे पाओगी,... मैं बोल दे रही हूँ ,... अगर नाम भी नहीं ले पार रही है न तो कभी नहीं मिलेगा तू भी तरसती रहना, और तेरे जीजू भी तरसते रहेंगे सोचेंगे कैसी सालिया मिली हैं। "
छुटकी जो अभी भी गुड्डी की बाहों में थीं, हंस के बोली,...
"नहीं नहीं, मेरे जीजू एकदम नहीं तरसेंगे बस अगली बार,... जीजू का, वो ,... मेरा मतलब ,... फिर थूक घोंटते हुए बोली,... जीजू का,... "
और मैंने उसे आँख तरेर कर देखा, जैसे कह रही हूँ , मेरी छोटी बहन हो के मेरा नाम मत डुबो,...
और छुटकी बोली, ... जीजू का लंड,...
" क्या स्साली , अबे कैसी स्साली है, जोर से बोल न साफ़ साफ़ " और टॉप के ऊपर से कस के छुटकी के निप मरोड़ दिए,...
" जीजू का लंड "
अब ख़ुशी से जोर से मुस्कराते हुए छुटकी बोली। पहले छन्दा फिर मंजू ने ये सब बोलना उसे अच्छी तरह सिखा दिया था बस झिझक,.. और आज रात वही झिझक ख़तम होनी थी जिससे जब मेरे सैंया और गुड्डी के भैया दोनों की टाँगे फैलाएं तो दोनों खुल के मजे लें भी दे भी.
टॉप के नीचे तो ढक्क्न था ही नहीं, बटन सब गुड्डी ने खोल दी थीं और अब स्कर्ट उठा के सीधे जाँघों के बीच चिपकी पैंटी पर गुड्डी ने हमला किया,... और जबतक छुटकी सम्हले पकड़ के नीचे खींच दी, सरसरर सीधे फर्श पे,...
" अबे स्साली, ये चुनमुनिया अब बंद करने की उमर नहीं खोलने की उमर है , थोड़ा इसको हवा पानी लगने दे जल्द ही तेरे जीजू और मेरे भैया इसे फाड़ के चिथड़े कर देंगे,... "
और अब गुड्डी ने बड़ी की ओर रुख किया,...
" स्साली भोसड़ी की, तू ने नहीं बोला, तुझे नहीं घोंटना है क्या अपने जीजू का , बोल स्साली क्या घोंटेंगी कहाँ घोटेगी,... "
और बड़की ने भी हिम्मत कर के बोल दिया, ... जीजू का लंड,... अपनी चूत में
और उस ख़ुशी में गुड्डी ने उसकी भी पैंटी खींच के फर्श पर , और तब तक गुड्डी की निगाह आधी भरी कोक की बॉटल पर पड़ी। और गुड्डी की आँखे चमक गयी,... चल स्सालियों, कॉक नहीं तो कोक ही सही,... तुम दोनों मिल के रमोला बनाओ,... अब ये मत कहना की ये भी नहीं आता।
छन्दा ने उन्हें पिलाया था और बड़ी ने भले ही धोखे से लेकिन छुटकी को तो मालूम ही था, ...
और जरा सा देर होते ही गुड्डी चढ़ बैठी, तेरी माँ ने खाली चुदवाना सिखाया था क्या,... वो भी ठीक से नहीं वरना बिन चुदवाये तुम दोनों जीजू को छोड़ती नहीं,... रमोला बनाना भी नहीं। अच्छा चल काम पे लग जा,
और गुड्डी ने दोनों को काम पे लगा दिया, थोड़ी देर में बड़की बैकार्डी की एक बॉटल अंदर कमरे से ले आयी और छुटकी चार ग्लास, आइस क्रश्ड और लाइम वेज ले आयी, गुड्डी ने उन दोनों से ही बनवाया,.. और थोड़ी देर में हम चारो रमोला सिप कर रहे थे और गुड्डी फिर से चालू हो गयी लेकिन अब वो मेरे पीछे पड़ी थी,
और चूत में भरने के लिए भी बड़ा और मोटा वाला चाहिए...असर रमोला का
" देखिये हमें सबसे बड़ा वाला चाहिए, हमारा मन छोटे से नहीं भरता, आप पहले साइज बताइये,... "
खेल खेल में... ट्रेनिंग...खेल खेल में ----कन्या रस
,... गुड्डी ने बड़ी के जस्ट आते हुए निप्स मसलते हुए कहा,
" चल स्साली एक खेल खेलते हैं, तेरी आँखों से पट्टी बांध के, बस तुझे ये बताना है की कौन छू रहा है तेरी छोटी बहन,... मैं या भाभी,... जीत गयी तो तेरी बात हम दोनों मानेंगे,... "
छोटी बहन कैसे बड़ी बहन की जीत मानेगी,... झट से बोली,... और ये हार गयी तो,...फैसला मैंने सुनाया थर्ड अम्पायर की तरह, पहली गलती पे तो कुछ नहीं लेकिन अगर दो बार हुयी तो
" ये हम दोनों की बात मानेगी "
गुड्डी ने मुस्करा के छोटी की ओर देख के बोला और झट से बड़ी का टॉप खींच दिया,... और बड़ी की आँख पर पट्टी बाँध दी , ...
और छोटी को इशारा किया, छुटकी खुश थी आज उसे गुड्डी का साथ मिला था बड़ी के खिलाफ वरना रोज तो दस सेकेण्ड बड़ी होने की धौंस दिखा के वो,...
छुटकी समझदार भी थी, उसने अपनी जुड़वां बड़ी बहन की स्कर्ट खींच के फर्श पर, रम का असर दोनों रसगुल्लों पर अच्छी तरह हो रहा था
" अरे कपडे तो उतरने ही थे, कपडे छूने की बात थोड़े थी, तुझे छूने की थी,... और तू ज्यादा उछल कूद न करे इसलिए तेरे हाथ भी,... "
गुड्डी प्रेजिडेंट गाइड थी ऐसी नॉट बाँधी की वही खोल सकती थी,...
" हे मेरी छोटी बहन के कपडे उतार के, अभी मैं तेरी भी,... " मैंने गुड्डी को चिढ़ाया, पर वो असली ननद,... बोली।
" अरे भाभी, आपकी सब बहनों, ... आपकी सारी माँ बहनों के कपडे उतारने का काम तो मेरे भैया का है ही,... और आज मेरे भैया नहीं है तो मैं ही,... "
असली ननद की तरह वो बोली,...
पर मैंने भी असली भाभी की तरह,... कौन भाभी होगी जिसे ननद की देह पर कपडे अच्छे लगते होंगे,...
तो थोड़ी देर में हम सब ,...
और गुड्डी ने शुरुआत लिप्पी से की, बड़की को ही बोला,...
क्या चुम्मा लिया गुड्डी ने, कोई लड़का भी मात, पहले हलके से होंठों को होंठों से छू के रगड़ा,... फिर हलके हलके होंठों में बड़की के होंठों को रख के चूसने लगी, बड़की भी अब हलके हलके जवाब दे रही थी, ...
लेकिन कुछ देर के बाद चुम्मी छोड़ के कस के हड़काया,...
"स्साली तेरी माँ की फुद्दी मारुं, स्साली ने क्या चुम्मा लेना भी नहीं सिखाया,... अरे लौंडे पटाना है तो खाली जोबन झलकाने से नहीं होगा कुछ ढंग सीख, "
और फिर गुड्डी ने उसे प्यार से सिखाया,
अरे यार हलके हलके चुम्मा जैसे लौंडा ले फिर हलके से होठ खोल दे बहुत जरा सा, हाँ ऐसे,... बस लड़का मुंह में जीभ अगर डाल दे न तो बस और हलके से होंठ खोल दें और फिर जीभ धीरे धीरे चूसना शुरू कर दो,... और अपने होंठ को हलके हलके उसके होंठों पर,...
बड़की सच में क्विक लर्नर थी, थोड़ी देर में ही डीप किसिंग,... गुड्डी ने अपनी जीभ बड़ी के मुंह में डाल दी और वो हलके हलके चूस रही थी,
छुटकी क्यों पीछे रहती वो बड़ी के मोबाईल से ही चुम्मा चाटी की फोटो, क्लिक क्लिक,... और साथ साथ मेरे गुड्डी और अपने फोन में व्हाट्सऐप,.... उसी के फोन से,...
चलो अब गेम स्टार्ट और छुटकी को गुड्डी ने मुस्करा के बड़ी के गाल की ओर इशारा किया, छुटकी एक पल के लिए तो झिझकी फिर जब गुड्डी ने मुस्कराके उसे फिर इशारा किया तो बस छुटकी ने अपनी बड़ी जुड़वां बहन के गाल पे एक छोटी सी चुम्मी ले ली,
बड़ी ने बुरा सा मुंह बनाया फिर मुस्करा के बोली,... छुटकी
मैं इत्ती देर से चुप बैठी थी मुझसे नहीं रहा गया, मैं बोल उठी, अरे कहाँ छुआ ये तो बोल ने
" गाल " वो बोली।
अब गुड्डी ने हलके हलके उसके एक उभार को सहलाना शुरू किया, गुड्डी की उँगलियाँ बड़की के, बस जैसे नौंवी दसवीं वालियों के उभरते हुए उभार होते हैं, हलके हलके रुई के फाहों जैसे , हवा मिठाई एकदम, न दबाना न मसलना बस एकदम हलके से फेदर टच की तरह, जैसे हवा ने छू दिया हो, एकदम अपने भैया की स्टाइल में ,... और फिर हलके हलके दबाते हुए,...
गुड्डी की उँगलियों को देखते हुए मुझे इनकी याद आ गयी,... पहली रात मेरी, ३०-४० मिनट तक तो बस टकटकी लगा के फिर उनके बोल खुले,... और बड़ी हिम्मत कर के चोली खोल पाए, लेकिन उनकी उँगलियों की छुअन, याद कर के भी मैं अब तक गीली हो जाती हैं,...
और मैं गुड्डी को बड़ी के उभारों को सहलाते हुए देखते हुए मुस्कराने लगी,
मुझे इनकी सास की बात याद आ गयी, अपनी समधन से स्पीकर फोन ऑन करके
" अरे मेरा दामाद जब पेलेगा तो आपको पता चलेगा, लेकिन वो बाद में पहले उसकी उंगलिया ही आपके जोबन को,... "
पर मेरी सास कौन कम थीं, इनकी सास से बोलीं,...
" अरे क्या दामाद दामाद कह रही हैं पहले मेरा बेटा था, कब छोटा था कित्ते साल तक तो मैं उसकी नूनी पकड़ के खोल के रोज बिना नागा तेल लगाती थी, मुंह से फूंकती थी,... थोड़ा फड़फड़ाने लगा था तब भी,
अब की बात काटने का काम इनकी सास ने किया और हँसते हुए बोलीं,
" अरे जब नूनी थी तो आपका था, अब जब जबरदस्त लौंड़ा हो गया, आपकी कलाई से मोटा, और बित्ते से लम्बा तो मेरा हो गया, नूनी थी तो बेटा था लौंड़ा हो गया तो दामाद,... लेकिन घबड़ाइये मत, बस आपको मैं खुद ले आ के आउंगी और अपने सामने घोटवाउंगी,... एक हाथ मैं पकड़ूँगी एक आप की बहू .बस आप चूतड़ पटकते रहिएगा वो मेरा दामाद पेलता रहेगा, .. हर धक्का बच्चेदानी पे,... आपने कुंवारेपन में भी बहुत घोंटे होंगे लेकिन मेरी गारंटी आज तक मेरे दामाद ऐसा कभी नहीं घोंटा तो दूर पकड़ा भी होगा "
“ देख लुंगी घबड़ाती थोड़े ही हूँ आप आइये पक्का चलूंगी आपके साथ, महीना पूरा आपके साथ, दस पंद्रह दिन बेटा बहू फिर समधियाने,... " मेरी सास खिलखिलाते हुए इनकी सास की बात मानते हुए बोलीं।
बड़ी की सिसकियों ने मेरा ध्यान खींचा, गुड्डी अब हलके हलके कच्ची अमिया दबा रही थी।
बड़ी ने गुड्डी का हाथ पहचान लिया था हंस के बोली
" आप "
" अरे क्या छू रही हूँ ये भी बोलना पडेगा,... वो बूब्स, ब्रेस्ट बोलती रही पर गुड्डी उसके जस्ट आ रहे निप्स को सहलाती पुल करती बोली,..
" चल या तू भी मेरे भैया की स्साली, हिंट दे देती हूँ, चूं से शुरू होता है और मैं गिनती शुरू कर रही हूँ "
गुड्डी से पहले छुटकी चिढ़ाते हुए गिनने लगी, १, २ , ... और गुड्डी ने बड़की से चूँची कहवा ही लिया, लेकिन फिर कभी छुटकी कभी गुड्डी कभी बड़ी की दायीं चूँची सहलाते तो कभी बायीं और जब वो दायी बोलती तो गुड्डी चढ़ जाती क्या दायीं, पूरा बोलने की है
और फिर चूत चूतड़ गाँड़ सब बुलवाया,.... और कुछ देर में उसकी धड़क खुल गयीऔर गुड्डी चिढ़ाने लगी,
स्साली कैसी स्साली है, दो चार दिन में मेरे भैया का लंड गपागप अपनी चूत में घोंटेंगी और अभी चूत बोलने में गाँड़ फट रही है,... आगे से मेरे सामने, मेरी भैया और भाभी के सामने चूत चुदाई और लंड के अलावा कुछ बोला न तो भैया तेरी गाँड़ मारे न मारे मैं मार लूंगी।
बड़ी ने चार बार गलती की थी और गुड्डी ने सजा सुना दी,...
फिल्म में देख रही हो न वो लड़की क्या मस्त चूत चाट रही है तू तो साली मेरे भैया का घोंटेंगी, मेरा क्या होगा चल चाट, और गुड्डी वहीँ लेट गयी, बड़की उसकी जाँघों के बीच कुछ गुड्डी ने उसका सर पकड़ के गाइड किया कुछ बोल के और थोड़ी देर में ही बड़ी की जीभ गुड्डी की चिकनी चूत के चारो ओर
और गुड्डी अपने हाथ के सहारे से बड़ी के सर को गाइड कर रही थी बीच बीच में बोलती भी थी,... हाँ स्साली ऐसे ही , जरा जीभ जोर जोर से, हाँ चाट कस के अबे जोर लगा के चूस बहन की, तेरी माँ की,...
छुटकी बगल में बैठी ध्यान से देख रही थी, सीख रही थी,...
गुड्डी ने अब अपनी दोनों फांको को खुद अपने हाथ से फैला दिया और बड़की से बोली,
" मेरे भैया की प्यारी प्यारी मीठी स्साली, जैसे मेरे भैया तेरी चूत में लंड पेलेंगे न वैसे ही तू भी, अपनी जीभ उनकी बहना की रसीली चूत में, हाँ पहले खूब लम्बी सी जीभ निकाल,... हाँ ऐसे ही,
कलियों ने घूंघट खोले...रसगुल्लों की ट्रेनिंग
और गुड्डी ने सजा सुना दी,...
फिल्म में देख रही हो न वो लड़की क्या मस्त चूत चाट रही है तू तो साली मेरे भैया का घोंटेंगी, मेरा क्या होगा चल चाट, और गुड्डी वहीँ लेट गयी, बड़की उसकी जाँघों के बीच कुछ गुड्डी ने उसका सर पकड़ के गाइड किया कुछ बोल के और थोड़ी देर में ही बड़ी की जीभ गुड्डी की चिकनी चूत के चारो ओर
और गुड्डी अपने हाथ के सहारे से बड़ी के सर को गाइड कर रही थी बीच बीच में बोलती भी थी,... हाँ स्साली ऐसे ही , जरा जीभ जोर जोर से, हाँ चाट कस के अबे जोर लगा के चूस बहन की, तेरी माँ की,...
छुटकी बगल में बैठी ध्यान से देख रही थी, सीख रही थी,...
गुड्डी ने अब अपनी दोनों फांको को खुद अपने हाथ से फैला दिया और बड़की से बोली,
" मेरे भैया की प्यारी प्यारी मीठी स्साली, जैसे मेरे भैया तेरी चूत में लंड पेलेंगे न वैसे ही तू भी, अपनी जीभ उनकी बहना की रसीली चूत में, हाँ पहले खूब लम्बी सी जीभ निकाल,... हाँ ऐसे ही,"
मैं भी ध्यान से देख रही थी, मान गयी गीता को मैं गुड्डी को पक्की ट्रेनिंग दी थी उसने, रोज सुबह सुबह चूत चटवा के,...
और अब बड़ी को भी मजा मिल रहा था चूत चाटने में,... लेकिन थोड़ी देर में गुड्डी बोली
" अच्छा चल मैं अब तुझे चूस के चाट के बताती हूँ, पहले सीख ले फिर चाटना और अब बड़ी लेटी थी गुड्डी उसकी जाँघों के बीच ,
छुटकी को इशारे से मैंने अपने पास बुला लिया था।
प्यार दुलार से मैंने उसे चिपका लिया और बोली, क्या बड़ी ही अकेले अकेले मजे करेगी, मेरी छोटी बहन ऐसे ही,...
वो गुड्डी और बड़ी की मस्ती देख रही थी, मेरी बातें सुन के मुझ से और जोर से चिपक गयी. उसके कपडे तो उसके जीजू की बहिन ने ही उतरवा लिए थे मेरे भी थोड़े बहुत बचे थे, सरसराकर फर्श पर, और मैंने हलके से छुटकी को चूम लिया, ...
बहुत दिन बाद ऐसी कच्ची कली का रस ले रही थी. पहले तो चुम्मी एक तरफ़ा थी फिर छुटकी ने भी धीरे से लरजते सरसराते गीले गीले होंठों से जवाब देना शुरू किया, और अब मैंने थोड़ा सा टेम्पो बढ़ाया, अब मैं उसके जीजू के रोल में आ गयी जैसे उन्हें पसंद था, हलके हलके निचले होंठों को दोनों होंठों के बीच दबा कर चूसना, जीभ से कभी कभी छेड़ना,
और सब लोग मूसल और खूंटे की बात करते हैं लड़को के बारे में लेकिन उनके होठ और उँगलियाँ और उससे भी बढ़ कर शरारती लालची आँखे किसी भी लड़की को पिघलाने के लिए काफी थीं।
तो होंठों के बाद मेरी उंगलिया भी, बस जस्ट आती हुयी कच्ची अमिया, सीने पर बस उठती हुयी, छोटे छोटे रुई के फाहे,... और मेरी उँगलियों ने भी उन के बेस पर पहले बहुत हलके सहलाना शुरू किया, फिर रेंगते हुए सिर्फ एक ऊँगली ऊपर बढ़ी,... और अब मेरी जीभ भी छुटकी के मुंह में घुस चुकी थी, इनकी छोटी साली सच में क्विक लर्नर थी,...
कुछ देर तक तो मेरी जीभ उसके मुंह में घुस के छल कबड्डी खेलती रही, कभी गालों के अंदर के हिस्सों को छूती,, कभी उसके जीभ से लड़ाती तो कभी मुख रस का स्वाद लेती, और अब छुटकी ने भी मेरी जीभ को कस कस के चूसना शुरू कर दिया,
मेरे सोना मोना को यह बहुत पंसद था, कित्ते भी थके हों, तीन चार राउंड हो चूका हो तब भी, जैसे भी मैं उनकी जीभ चूसना शुरू करती थी, बस मूसल चंद पागल हो जाते थे एकदम टनाटन,......
और लड़की की असली ट्रिक तो यही है की बिन 'उसे' छुए उसे कड़क कर दे, पागल कर दे,...
मेरे हाथ पागल हो गए, बाएं हाथ से अब कस कस के मैंने छुटकी के आ रहे किशोर उभार मसलने शुरू कर दिए, वो मचल रही थी उसके तन मन में आग लग रही थी, और मैंने अपने दाएं हाथ से उसका हाथ पकड़ के अपने उभार पर रख दिया और वो भी जिस तरह से मैं उसके कच्चे टिकोरों को दबा रही थी वो भी मेरे जोबन को मसल रही थी, मैं जोर बढ़ाती तो वो भी, ...
मैं उसके निपल को फ्लिक करती तो वो भी मेरे निप को पकड़ के रगड़ देती,...
अब मैं भी हलके हलके गीली हो रही थी,
मिसेज मोइत्रा के रसगुल्लों को मैं अपने सोना के लिए पटा रही थी लेकिन एक बार झिल्ली फट जाए, बंद शटर खुल जाए फिर तो मैं भी रस लेने वाली थी जम के दोनों कच्ची कलियों की, इसलिए भी इसे सिर्फ मजा लेना ही नहीं मजा देना भी सिखाना जरूरी था,...
गुड्डी बड़ी वाली को सिखा रही थी मैं छुटकी को और उसके बाद तो मंजू इन दोनों के घर में घुस ही चुकी थी, उसकी यूनिवर्सिटी में पढ़ के तो दोनों न सिर्फ अपने स्कूल में बल्कि पूरे टाउन शिप में, पूरे जिले में नंबरी हो जाती।
लेकिन कच्ची अमियों की महक स्वाद जिसने लिया होगा वही जानता है क्या रस होता है इन नौवीं दसवीं वाली, हाईस्कूल वालियों में, ...
मेरे होंठों ने छुटकी के होंठों को आजाद किया और बाज की तरह सीधे दाएं जुबना पर हमला किया। बस एक जोबन मैं उस हाईस्कूल वाली के चूस रही थी और दूसरा मसल रही थी , अब पूरी ताकत से दोनों चूँचियों का रस ले रही थी , बस छह महीने मेरे और मंजू का यही टारगेट था की ये साइज में इंटरवालियों को भी टक्कर दे और दूर से देख के पारखी आँखों को लग जाएँ की दबवाती हैं,...
छुटकी की हालत पानी से निकली मछली की तरह हो रही थी,... लेकिन ये तो अभी शुरुआत थी, मेरा एक हाथ खाली था और अब वो छुटकी के मखमली पेट पर सरकता हुआ, ... नहीं नहीं ज्यादा नीचे नहीं बस उसकी नाभि पर रुक गया, कभी मैं सहलाती कभी ऊँगली से छेड़ती,...
और छुटकी ने दोनों जाँघे अपने आप फैला दीं जैसे कह रही हो दी आग यहाँ लगी है,...
पर मैंने पूरा ध्यान उसकी जस्ट आ रही चूँची चूसने पर लगा रही थी, कभी चूसने के बीच जीभ से निपल को सहला दुलरा देती, तो कभी जीभ बाहर निकाल के उभारों को चाट लेती , ...
टीवी पर एक हाट लेस्बियन पिक्चर चल रही थी, पर कमरे में उससे भी गरम कन्या क्रीड़ा चल रही थी,...
गुड्डी तो शुरू से चौथे गियर में थी बड़ी के साथ, ... उसकी फैली जाँघों के बीच गीता ने सच में रोज रोज चुसवा के चटवा के गुड्डी को मस्त चूत चटोरी बना दिया था। गुड्डी ने दोनों होंठों से बड़ी की कच्ची चूत की दोनों फांको को दबोच रखा था, और दोनों हाथों से दोनों जुबना को, उन्हें भी कस के मसल रही थी,...
बड़ी चूतड़ जोर जोर से पटक रही थी, ... आँखे मस्ती से बंद और उसकी दस सेकेण्ड छोटी बहन उसे देख के मुस्करा रही थी, मैं समझ गयी छुटकी क्या चाहती है, मेरा हाथ जो बहुत देर देर से उसके पेट और कमर तक जा के रुक जाता था अब सीधे सील बंद चुनमुनिया पर, ... बस हफ्ते भर के अंदर मेरे सोना मोना का मोटा लंड इसके अंदर हो गया और एक बार जो लंड खा लिया तो फिर दुबारा ये चिरैया खुद चारा ढूंढेगी और मैं हूँ न किसी दिन उपवास नहीं होगा मिसेज मोइत्रा के रसगुल्लों का,...
कुछ देर तक तो मैं बस हलके हलके सहलाती रही, पर छुटकी को पागल करने के लिए वही बहुत था, और जैसे मैंने दोनों फांको को आपस में अंगूठे और तर्जनी के बीच दबा कर रगड़ना शुरू किया,... हलकी रस बुंदिया बरसने लगी, ... वो सिसक रही थी, फुद्दी फुदक रही थी,...
बड़की की हालत ज्यादा खराब थी, गुड्डी उसे बार बार झाड़ने तक ले जाती, फिर मुंह हटा लेती कभी चुटकी काट लेती अंत में बड़की ने बोल दिया,...
" प्लीज हो जाने दीजिये न, रुकिए मत,... "
स्साली ये मत बोल की जो होने वाला है क्या नाम है उसका तुझे मालूम नहीं, गुड्डी ने हड़काया और बड़की ने बोल दिया,
बस, बस झड़ जाने दीजिये न, रुकिए मत,... पर गुड्डी रुक गयी, चाशनी हलकी हलकी बह रही थी,...
छुटकी की जाँघों के बीच भी अब मेरा मुंह आ गया था और मैं गुड्डी की तरह तो नहीं पर हलके हलके धीरे खूब मजे लेते हुए चूस रही थी,... जैसे किसी को बहुत दिनों बाद कोई मनपंसद मिठाई मिले और वो धीरे धीरे खाये की जल्दी ख़त्म न हो जाए,... ऐसी रसीली चूत एकदम सील बंद, जहाँ ऊँगली तक न घुसी हो , मखमली झांटे बस आ ही रही हों, बड़ी किस्मत वालों को मिलती हैं,...
जब चौथी बार बड़ी के झड़ने के पहले गुड्डी रुक गयी तो बड़ी गिड़गिंडाने लगी,...
छुटकी भी अब किनारे पर पहुंच गयी थी लेकिन मैं रुक गयी और अपनी ननद की कारस्तानी देखने लगी,...
गुड्डी ने बोला, स्साली बहुत झड़ने का मन करा रहा है न तेरी छोटी बहन है न चुसवा उससे झाड़ देगी , तू उसकी झाड़ देना, और हाँ तुम दोनों झड़ जाओगी तो स्पेशल गिफ्ट है मेरे पास अपने भइया की दोनों सालियो के लिए
सामने टीवी पर एक लेस्बियन 69 चल रहा था मैंने उसे पॉज कर दिया और बड़ी से बोला, ठीक तो कह रही है तेरी ननदिया,... उसको देख के बस वैसे ही "
अमानत में ख्यानत नहीं...बहनों की मस्ती
जब चौथी बार बड़ी के झड़ने के पहले गुड्डी रुक गयी तो बड़ी गिड़गिंडाने लगी,... छुटकी भी अब किनारे पर पहुंच गयी थी लेकिन मैं रुक गयी और अपनी ननद की कारस्तानी देखने लगी,...
गुड्डी ने बोला, स्साली बहुत झड़ने का मन करा रहा है न तेरी छोटी बहन है न चुसवा उससे झाड़ देगी , तू उसकी झाड़ देना, और हाँ तुम दोनों झड़ जाओगी तो स्पेशल गिफ्ट है मेरे पास अपने भइया की दोनों सालियो के लिए
सामने टीवी पर एक लेस्बियन 69 चल रहा था मैंने उसे पॉज कर दिया और बड़ी से बोला, ठीक तो कह रही है तेरी ननदिया,... उसको देख के बस वैसे ही "
और फिर उसे स्लो मोशन में
" हे सिर्फ चूत चूसनी है सालियों, ऊँगली का एक पोर भी नहीं अब तुम दोनों की चूत मेरे भैया की अमानत है " गुड्डी ने टिपिकल ननद की तरह चिढ़ाया।
मैंने भी कुछ छुटकी की कान में फुसफुसाया,... और दोनों बहने 69 की पोज़ में,... कुछ देर में ही दोनों एक दूसरे की चूत चूस रही थीं चाट रही थीं, मैंने और गुड्डी ने आँखों ही आँखों में हाई फाइव किया, ननद हो तो ऐसी, जो जो मैं चाह रही थी जिस लिए पटा के इन दोनों को ले आयी थी, वो सब बल्कि उससे भी ज्यादा
और अब मैं और गुड्डी सिर्फ दर्शक, हाँ गुड्डी बड़ी के ही मोबाइल से सब रिकार्ड भी कर रही थी,...
चाहती मैं यही थी, छुटकी तो कब की अपने जीजू के आगे टांग फैला देती, लेकिन परेशानी बड़की की थी,...
वो एक तो अपनी मम्मी से डरती कुछ ज्यादा ही थी,... फिर उसके चक्कर में छुटकी भी,
मुझे यही लग रहा थी की कहीं हफ्ते भर बाद जब मैं मिसेज मोइत्रा को दिन भर के लिए क्लब में रखूंगी तो उस समय ये स्साली बड़ी कही अपनी टाँगे न सिकोड़ ले, और ये भी इत्ते सीधे की जरा भी जबरदस्ती नहीं कर पाएंगे, इसलिए इन दोनों को ख़ास तौर से बड़की को गरमाये रखना जरूरी था
और जब ये दोनों जुड़वा बहने आपस में ही एक दूसरे को झाड़ना शुरू कर देंगी तो फिर आपस में शरम लिहाज ख़त्म, फिर दो सगी जुड़वां बहने, साथ साथ एक कमरे में एक क्लास में तो मस्ती का इससे बढ़ के क्या मौका, और आगे से एक लौंडा पटायेगी दोनों मजे लेंगी,
सच्च में गुड्डी की चूत चटाई ने बड़की की बुर में आग लगा रखी थी, छुटकी के सम्हलने के पहले ही वो कस के उस के ऊपर चढ़ के जैसे गुड्डी कुछ देर पहले उसकी चूत पूरी ताकत से चूस रही थी, उसी तरह अपनी दस सेकेण्ड छोटी बहन की चूत वो चूस रही थी।
छुटकी भले ही नीचे थी पर नीचे से वो जीभ निकाल के अपनी दस सेकेण्ड बड़ी बहन की चूत कस कस के चाट रही थी, और थोड़ी देर में उसने पलटा खाया, अब छुटकी ऊपर थी और पूरी ताकत से बहन की दोनों टांगों को फैला के कस के उसकी फांको को अपने होंठों के बीच में ले के चूसने लगी,
गुड्डी ने तो चार चार बार बड़की को बस झड़ने के कगार पर ले जाकर छोड़ा था और छुटकी की इस चुसाई ने बड़की को झाड़ दिया पर बड़की भी पूरी ताकत से अपनी छोटी बहन की बुर चाट रही थी तो दोनों बहने एक दूसरे को कस के भींचे बड़ी देर तक साथ साथ झड़ती रही,... दोनों के चेहरे पर जम कर खुशी थी, ...
अब उन्हें लग गया था की जाँघों के बीच कितनी मस्ती छिपी है,...
मैंने टीवी पर फिल्म बदल दी थी, लड़का और लड़की, मैन ऑन टॉप,... एक दूसरे को पकड़े मिसेज मोइत्रा के दोनों रसगुल्ले जिसे वो बेचारी इत्ती सम्हाल के डब्बे में बंद रखती थीं की जमाने की हवा न लगे, मेरे और गुड्डी के साथ ब्ल्यू फिल्म देख रही थीं,...
" मेरे भैया और उनकी साली,... " गुड्डी ने बड़ी को छेड़ा,... पर जवाब मुस्कराते हुए छुटकी ने दिया
" आपके मुंह में घी शक़्कर,... हाय कब वो दिन आएगा "
" बस छह दिन बाद जिस दिन तुम दोनों की पांच दिन वाली छुट्टी ख़तम होगी, और तेरे जीजू, घंटे दो घंटे नहीं,... पूरे दिन,... "
जवाब मैंने दिया प्रोग्राम भी तो मैंने बनाया था अपने बाबू के लिए।
गुड्डी ने बड़ी को टारगेट किया था उसे छेड़ते बोली, चल मेरे भैया की स्साली बताती हूँ, मेरे भैया कैसे चढ़ेंगे, करेंगे "
बड़ी ने खुद जैसे टीवी में लड़की ने टाँगे फैलाई थी, टाँगे फैलाते बोला,
' करिये न जैसे जीजू करेंगे "
गुड्डी यही तो चाहती थी, उसने और छेड़ा, " अरे स्साली पहले बोल क्या करेंगे,... "
बड़ी के पहले छुटकी बोल उठी, हम दोनों को चोदेगे जीजू हमारे,...
लेकिन गुड्डी को तो बड़ी से सुनना था उसकी बिल को ऊँगली से रगड़ते बोली, अरे तू बोला न और बड़की भी अब बिना झिझके बोली,...
" हमारे जीजू जो उनकी मर्जी करें, जो हमारी मर्जी हम करवाएंगी, वो चोदेगे, हम चुदवायेंगी,... "
गुड्डी ने बिल को ऊँगली से रगड़ते बोली, " अरे स्साली छिनार, का चुदवाओगी, जरा बताओ तो, बोलने की तो हिम्मत है नहीं,..
बड़की अब गरमा गयी थी बोली, अपनी चूत चुदवाउंगी,... "
तेरे जीजू क्या पेलेंगे तेरी चूत में गुड्डी सब कबुलवा लेना चाहती थी,
अपना मोटा लंड, और एक बात आप मैंने खुद पकड़ के सहला के जीजू का लंड देखा है खूब मस्त, ये फिल्म वाले का भी उनके आगे कुछ नहीं , वो पेलेंगे और मैं पेलवाउंगी, " बड़की भी अब जोश में आ गयी थी।
और अगर तुम दोनों के जीजू ने नहीं चोदा तो, ... मैं भी अब छेड़ने के मूड में आ गयी थी और मेरी बात ख़तम होने के पहले छुटकी पलट के बोली,
" तो हम दोनों मिल के चोद देंगे उनको, बस हम दोनों की छुट्टी पांच दिन वाली ख़तम होने दीजिये, ... अब जीजू बच नहीं सकते "
तो चलो अब मैं तुम दोनों की जीजू हूँ ,गुड्डी बोली