हाँ... तीन खतरनाक योद्धाओं को मैदान पर उतारना है...और आज की रात आराम करना भी जरुरी था
क्योंकि कल शाम से तो कमल जीजू का नंबर लगना है।
हाँ... तीन खतरनाक योद्धाओं को मैदान पर उतारना है...और आज की रात आराम करना भी जरुरी था
क्योंकि कल शाम से तो कमल जीजू का नंबर लगना है।
लय बद्ध...और रस से सराबोर...Part 4
पर शायद मेरी किस्मत का था मुझ से कोई बैर
और शादी से दो दिन पहले गुड्डी तुड़वा बैठी पैर
पंकज को रहना था घर जो गुड्डी का रखे ख्याल
शादी पे जाने का अब कोई बनता नहीं सवाल
भाभी मैं तो चली जाउ लेकिन जख्म अभी है कच्चा
अगर कोई नहीं गया तो तायाजी नहीं लगेगा अच्छा
पंकज संग चली जाओ तुम नहीं होगी कोई मुश्किल
बाहर निकली दो दिन तो बहल जाएगा तुम्हारा दिल
गुड्डी की जिद्द के आगे मैंने मान ली अपनी हार
पंकज संग शादी पे जाने को हो गई मैं त्यार
अगले दिन जब आया पंकज लेके अपनी कार
सुंदर से एक मेकअप करके मैं बैठी थी त्यार
चोरी से वो देख रहा था जब चला रहा था गाड़ी
मैंने भी हल्के से सीने से सरका दी अपनी साड़ी
देख मेरे चूचो की घाटी उसका बहक रहा था मन
मेरी नज़र बच्चा के वो अपना मसल रहा था लन
देख के उसकी हालत को मैं मन ही मन मुस्काई
उसका बस चले अगर तो मेरी करदे वहीं चुदाई
चुदना मैं भी पंकज से चाहती थी सारे रिश्ते भूल
लेकिन चुदने के लिए ये मौका नहीं था अनुकूल
क्या ताया जी को बतला कर हम गुड्डी वाली बात
करेंगे उनसे हम विनती की नहीं रुक पाएंगे रात
हाँ सही कहा पंकज जी तुमने अच्छा है विचार
शाम को जल्दी निकल पड़ेंगे लेके अपनी कार
अच्छा लगेगा गुड्डी को जब हम पहुँच जायेंगे घर
गुड्डी के अकेले रहने का भी ख़तम हो जाएगा डर
मान सुझाव पंकज का मैंने ताया जी से कर ले बात
निकल पड़े वापस जल्दी से ज्यादा ना हो जाये रात
मेहरबान थी किस्मत शायद मुझ पे आज की रात
जैसे हम निकले वापस जोर से घिर आई बरसात
आगे नहीं जा पाएंगे भाभी जी है बहुत तेज बरसात
यहीं कहीं पे रुकना होगा हम दोनों को आज की रात
बढ़ने लगी थी ठंडी और रात का छाया घना अँधेरा
देख के ऐसा सुंदर मौसम दिल धड़क रहा था मेरा
एक ही कमरे में क्या हम दोनों रुकेंगे आज की रात
क्या मेरे दिल की ख़्वाहिश पूरी करने आई है बरसात
कम शब्दों में मन का हाल बता जाती है...Bahut badhiya arushi ji, story ko kavita me pirona koi apse sikhe, or komal ji ki kahaniya bhi aa gyi isme. Multiverse
आप जैसे विस्तृत विश्लेषण करती हैं...जिस तरह से किसी कथानक की कहानी शार्प कर्व्स से टर्न लेकर फढ़नेवालों की उत्सुकता हरदम बनाये रखती है, वही गुण इस चित्र -काव्य में हैं. पहले तो ननद की बातें सुनकर सुलगती सलहज, फिर एक मौका, पति गए विदेश और शादी में जाने का प्लान , लेकिन ननद की टूटना, फिर जल्दी लौटना लेकिन रस्ते की बारिश,
जैसे प्रकृति भी चाह रही हो की सलहज की सूखी धरती पर बारिश हो जाए
जो आरुषि जी के हजारों हजार फैन चाह रहे हों
जो कहते हैं न , आपत्ति में अवसर,... पति का विदेश जाना, ननद की टांग टूटना , असमय अप्रत्याशित बारिश,... और उसी में अबसर सहलज और ननदोई के संयोग का,...
एक साथ कितने लेवल पर चल रही है यह कविता कहना मुश्किल है, और साथ में एक से एक चित्र, उम्मीद है सलहज की जाँघों के बीच नन्दोई की बारिश जल्द होगी
All the best.. enjoy your vacation.Hearty Congratulations Madam for 22L views. Awesome!!
Alert::
Btw, whenever you give update, expect delayed response from me pls..After a very long time, I am on vacation Thank you.
komaalrani
Both of you are fantastic readers.Super Raji. You have taken the baton from me to respond first to Komal's achievements, updates, etc..super!! Keep going.
Rajizexy komaalrani
After leave application charge has been given to Dr Raaji...She is helping you to enjoy vacation and taken the onerous duty of your behalf. She really cares for her friends.
आग दोनों तरफ बराबर लगी है...Part 5
अपनी बीवी बतलाकर पंकज ने आरक्षण करवाया
और डाल नज़र मेरे योवन में वो मंद मंद मुस्काया
मुसलाधार बारिश के कारण भीग गई थी साड़ी
और ठंड के मारे कांप रही थी मैं अबला बेचारी
भाभी जी आप बदल लो कपड़े वॉशरूम में जाकर
इतने में खाने को मैं कुछ रखता हूं नीचे से मंगवाकर
वॉशरूम से पहन के गाउन मैं जब बाहर को आई
देखा पंकज ने व्हिस्की की एक बोतल थी मंगवाई
भाभी आप थोड़ी सी ले लो भाग जाएगी सर्दी
ये तो मेरा एक सुझाव है बाकी आपकी मर्जी
कैसे कहु ननदोई जी को जब होती है ऐसी ठंड
व्हिस्की नहीं मांगती औरत वो चाहे मोटा लंड
बैठ गई सोफे पर और होठों से लगा लिया ग्लास
कैसे कहूँ पंकज को मुझे तुम से चुदने की है प्यास
एक गिलास ही गया था अंदर आँखें हो गयी भारी
अब धीरे-धीरे से उतर रही थी मेरी शर्म भी सारी
तोड़ के हर लक्ष्मण रेखा चुन लू मैंने जो सपना देखा
लाघ जाऊ सब जंजीरे प्यार ने कब रेखाओ को देखा
उठ के जा कर बैठ गई फिर मैं पंकज के साथ
नंगी जांघों पर रख दिया पकड़ के उसका हाथ
मेरे होठों पे अपने होठ लगा कर इन्हे गीला कर दे
चूम के मेरे इन होठों को तू और भी रसीला कर दे
समझ गया वो मेरा इशारा और खींच लिया अपने करीब थाम के मेरा चेहरा हाथों से लडाने लगा वो जीभ से जीभ
एक हाथ में थाम के चुचे लगा दबाने लगा वो जोर से
और एक हाथ से रगड़े फुद्दी देख मेरी आँखों में गोर से
मचले था अब मन मेरा मैं भी देखु उसका घोड़ा
उतार पायजामा उसने मेरे हाथ में दे दिया लौड़ा
देखा जब उसका लौड़ा मैं तो रह गयी सन्न
गुड्डी के भैया का तो है इस से ही आधा लन
पकड़ के मेरे सर को उसने नीचे उसे झुकाया
पकड़ के अपना मोटा लौड़ा मुँह में मेरे घुसाया
नीचे से वो लगा के झटके मेरे मुँह के पेले
ओ मेरी प्यासी सलहज तू पूरा मुँह में ले ले
मार रहा था धक्के गहरे गांड उठा के नीचे से
पेल रहा था एक उंगली मेरी गांड में पीछे से
चूस रही थी शिद्दत से लेके गले तक लौड़ा
आँखों से बहने लगा था पानी थोड़ा थोड़ा
लेके जाके उसने फिर मुझको बिस्तर पर लिटाया
अपने हाथों से पकड़ के टागे जांघों को फेलाया
देख के वो तो झूम उठा था मेरी चूत गुलाबी
बैठ गया मेरी जांघों के बीच होके पूरा शराबी
फूल जैसी खिली थी चूत और ननदोई बना था भंवरा
मेरी चूत से चाट रहा था वो शहद का हर एक कतरा
बहुत चतुर खिलाड़ी था खूब जाने क्या है करना
चूस चूस के लगा सुखाने वो मेरी चूत का झरना
अच्छे से चाटो इसको तुम्हें सौंपा है योवन अपना
कब से तुमसे चुदवाने का मैं देख रही थी सपना
ननदोई जा अब आओ अन्दर और न मुझे सताओ
मेरी इस सुखी धरती पे अपना प्रेम रस बरसाओ
कोई भी हो... चलेगा....Haha...good one Madam..
But I do feel, even when I am back, she should uphold the "lucknawi andaz" of pehle aap...I'll only be too happy if she gives the first response..after all, good friends are for that only naa....
komaalrani Rajizexy
Enjoyment comes along with tiredness...Thank you so much for your kind words. Vacation is good and enjoying...just that I am damn too tired...but I had envisaged such scenario when I had planned for this trip.
Thanks once again Madam.
komaalrani