तभी तो मेवा मिलेगा...Bahut sewa kr rhi hai bhabhi apni nanad ki,aisi bhabhi to har nanad ko chahiye.
Superb update
तभी तो मेवा मिलेगा...Bahut sewa kr rhi hai bhabhi apni nanad ki,aisi bhabhi to har nanad ko chahiye.
Superb update
यही तो एक अच्छी कहानी की निशानी है...Lagta hai business class bhi sath hi laga di hai didi aapne.
Very nice update
कोई भी टॉपिक हो... कोमल जी से अछूता नहीं है...Share market ke tricks bhi bata diye.
Wow,
u r a knowledge treasure Komal didi.
आखिर सलहज नंदोई की इच्छापूर्ति हो गई...Part 6
खोल के मेरी चूत की फाँके लगा रगड़ने लौड़ा
पकड़ के मेरी तांगे उसने घुंटनो से उसको मोड़ा
देख के मेरी आँखों में फिर दिया हल्का सा झटका
मेरी चूत के थोड़ा अंदर जाके उसका लौड़ा अटका
भाभी अब तक है कैसे इतनी कसी चूत तुम्हारी
साले साहब ने अच्छे से क्या कभी चूत नहीं मारी
लौड़ा नहीं है उनका पंकज छोटी सी है लुल्ली
आज चोद के अपने लौड़े मेरी कर दो खुल्ली
थाम के मेरे हाथों को होठों से होठों को मिलाया
नीचे से फिर कस के उसने धक्का एक लगाया
पहले तो मैं चुदने की उस से मांग रही थी भीख
लेकिन जब घुसाया लौड़ा मेरी निकल गई चीख
अंदर घुस गया लौड़ा उसका तोड़ के सब दीवारे
मेरी चूत से फूट पड़ी थी खून की कुछ बोछारे
पंकज इतना घुसाईये जितना चूत समाये
मैं भी भूखी ना रहु तू भी ना प्यासा जाए
हचाक हचाक के हो रही थी मेरी चूत चोदाई
इतने अंदर तक नहीं हुई थी मेरी कभी ठुकाई
धीरे धीरे बढने लगी थी चूत में फ़िर चिकनाई
नीचे से पंकज ने भी अब अपनी गति बढ़ाई
चुदवाने लगी पंकज से मैं पटक पटक के चूतड
इस चुदाई का गवाह बन रहा था मेरा मंगलसूत्र
रिश्तो की मर्यादा आज हो चुकी थी भंग
बिस्तर पर लगी हुई लंड और चूत की जंग
इक दूजे में खो जाने का चडा था खूब जुनून
हम दोनो के चेहरे पर दिखता एक अजब सुकून
करके अपने दिल से प्यारे ननदोई से सहवास
असली चुदाई क्या होती है आज हुआ एहसास
बिस्तर के कोने में ले जाकर घोड़ी मुझे बनाया
एक ही झटके में फिर उसने लौड़ा पूरा घुसाया
चूत के आखिरी कोने में जब लगती लंड की ठोकर
दिल चाहे मैं पूरी उमर रह जाउ इस मर्द की होकर
कौन है ज्यादा प्यासा ये मुश्किल था बताना
एक दूजे में चाहे हम दोनों पूरी रात समाना
भोला भला जिसको समझा वो था चतुर खिलाड़ी
दो बार पहले चोद के चूत फिर गांड भी मेरी मारी
भाभी जी गुड्डी का फोन आया था कल रात
आपसे करना चाहती है वो कोई जरूरी बात
सुन के नाम गुड्डी का मेरे तो उड़ गए होश
रात मैं क्या कर बैठी हूं खोकर अपने होश
क्या सोचेगी गुड्डी जब पता चलेगी ये बात
उसके पति से ख़ूब चूदी हूं कल मैं पूरी रात
बतलाओ मेरी भाभी कल रात कैसी रह रही चुदाई
कितनी बार मेरे पति ने तुम्हारी चूत की करी ठुकाई
गुड्डी ने जब बोला ये सब तो मेरा सर चकराया
जो कुछ हुआ रात यहां पे किसने इसे बताया
कैसे लगा चूत में लेके लंड अपने ननदोई का
सच्ची ये बतलाओ भाभी पूरी रात तुम सोई क्या
पंकज ने मुझे बता दिया ये सब ही कल रात
मुझसे तुमको घबराने की नहीं है कोई बात
तुम्हारे कातिल हुस्न का था वो पहले से ही कायल
देख के तुम्हारा भीगा बदन वो और हो गया घायल
चुद चुकी हो अब रात पूरी तुम ऐसे ना शर्माओ
अच्छे से क्या चोदा तुमको खुल के मुझे बताओ
बहुत बड़ा है लौड़ा इसका और घोड़े जैसा जोश
पूरी रात मैं कितनी चुदी हूं मुझको नहीं है होश
पेट की भूख तो कोई भी औरत कैसे भी सह जाती है
पर चूत की आग उस औरत को जीवन भर तड़पाती है
फ़िर वो किससे चुदती है नहीं रख्ता मायने कोई
चाहे उसके सामने हो देवर या चाहे हो ननदोई
बोल दिया था मैंने पंकज को ये मौका नहीं गवांये
इतना चोदना मेरी भाभी को की सुबह चला ना जाये
ननदोई ने तेरी बात का रखा है पूरा मान
इतना चूदी हूं रात अब नहीं बची है जान
भाभी आपकी गांड का पंकज है बड़ा दीवाना
अगर वो मांगे तो दे देना जरा ना तुम घबराना
गुड्डी मैं भी तेरी भाभी हूं कैसे मान लू हार
कल रात हाय पंकज ने मेरी गांड ली मार
सुबह-सुबह भी हमेशा उसका खड़ा रहता है घोड़ा
बैठ जाओ गोद में उसकी और चूत में ले लो लौड़ा
देख के ऐसा लौड़ा कभी क्या भर सकता है मन
मेरी चूत में घुसा हुआ अभी अभी भी उसका लन
गुड्डी तेरे इस एहसान का बहुत-बहुत आभार
तूने फिर से खुश रहने का दिया मुझे आधार
सुबह-सुबह भी हमेशा उसका खड़ा रहता है घोड़ा
बैठ जाओ गोद में उसकी और चूत में ले लो लौड़ा
देख के ऐसा लौड़ा कभी क्या भर सकता है मन
मेरी चूत में घुसा हुआ अभी अभी भी उसका लन
गुड्डी तेरे इस एहसान का बहुत-बहुत आभार
तूने फिर से खुश रहने का दिया मुझे आधार
हर गुजरते पल के साथ कविता की धार और पैनी होती जा रही है...Arushi ji ka koi jawab nahi, din par din apki lekhni or achhi hoti jaa rahi h
Esa mat kahiye arushi ji. Ek hi to kavi hai poore xforum me, aap bhi nhi likhogi to padhko ka kya hoga.
Bahut hi mazedar kavita likhi hai Chitron ke sath.Part 5
अपनी बीवी बतलाकर पंकज ने आरक्षण करवाया
और डाल नज़र मेरे योवन में वो मंद मंद मुस्काया
मुसलाधार बारिश के कारण भीग गई थी साड़ी
और ठंड के मारे कांप रही थी मैं अबला बेचारी
भाभी जी आप बदल लो कपड़े वॉशरूम में जाकर
इतने में खाने को मैं कुछ रखता हूं नीचे से मंगवाकर
वॉशरूम से पहन के गाउन मैं जब बाहर को आई
देखा पंकज ने व्हिस्की की एक बोतल थी मंगवाई
भाभी आप थोड़ी सी ले लो भाग जाएगी सर्दी
ये तो मेरा एक सुझाव है बाकी आपकी मर्जी
कैसे कहु ननदोई जी को जब होती है ऐसी ठंड
व्हिस्की नहीं मांगती औरत वो चाहे मोटा लंड
बैठ गई सोफे पर और होठों से लगा लिया ग्लास
कैसे कहूँ पंकज को मुझे तुम से चुदने की है प्यास
एक गिलास ही गया था अंदर आँखें हो गयी भारी
अब धीरे-धीरे से उतर रही थी मेरी शर्म भी सारी
तोड़ के हर लक्ष्मण रेखा चुन लू मैंने जो सपना देखा
लाघ जाऊ सब जंजीरे प्यार ने कब रेखाओ को देखा
उठ के जा कर बैठ गई फिर मैं पंकज के साथ
नंगी जांघों पर रख दिया पकड़ के उसका हाथ
मेरे होठों पे अपने होठ लगा कर इन्हे गीला कर दे
चूम के मेरे इन होठों को तू और भी रसीला कर दे
समझ गया वो मेरा इशारा और खींच लिया अपने करीब थाम के मेरा चेहरा हाथों से लडाने लगा वो जीभ से जीभ
एक हाथ में थाम के चुचे लगा दबाने लगा वो जोर से
और एक हाथ से रगड़े फुद्दी देख मेरी आँखों में गोर से
मचले था अब मन मेरा मैं भी देखु उसका घोड़ा
उतार पायजामा उसने मेरे हाथ में दे दिया लौड़ा
देखा जब उसका लौड़ा मैं तो रह गयी सन्न
गुड्डी के भैया का तो है इस से ही आधा लन
पकड़ के मेरे सर को उसने नीचे उसे झुकाया
पकड़ के अपना मोटा लौड़ा मुँह में मेरे घुसाया
नीचे से वो लगा के झटके मेरे मुँह के पेले
ओ मेरी प्यासी सलहज तू पूरा मुँह में ले ले
मार रहा था धक्के गहरे गांड उठा के नीचे से
पेल रहा था एक उंगली मेरी गांड में पीछे से
चूस रही थी शिद्दत से लेके गले तक लौड़ा
आँखों से बहने लगा था पानी थोड़ा थोड़ा
लेके जाके उसने फिर मुझको बिस्तर पर लिटाया
अपने हाथों से पकड़ के टागे जांघों को फेलाया
देख के वो तो झूम उठा था मेरी चूत गुलाबी
बैठ गया मेरी जांघों के बीच होके पूरा शराबी
फूल जैसी खिली थी चूत और ननदोई बना था भंवरा
मेरी चूत से चाट रहा था वो शहद का हर एक कतरा
बहुत चतुर खिलाड़ी था खूब जाने क्या है करना
चूस चूस के लगा सुखाने वो मेरी चूत का झरना
अच्छे से चाटो इसको तुम्हें सौंपा है योवन अपना
कब से तुमसे चुदवाने का मैं देख रही थी सपना
ननदोई जा अब आओ अन्दर और न मुझे सताओ
मेरी इस सुखी धरती पे अपना प्रेम रस बरसाओ
एक अच्छे कहानीकार को अपनी कहानी में प्रयोग किए गए हर प्रसंग पर विस्तृत जानकारी होनी चाहिए..कोमल जी
सच में आप इस प्लैनेट की नहीं लगती हो। आपकी हर कहानी में कोई न कोई ऐसी ज्ञानवर्धक जानकारी जरूर होती हैं कि मुझ जैसा पाठक आपके ज्ञान के आगे चकितमुरारी होकर रह जाता है।
इरोटिक के साथ - साथ कहानी में ऐसे एपिसोड आप ही सफलतापूर्वक लिख सकती हो।
सादर
सचमुच शब्द-विहीन कर देती हैं....आरुषि मैम
जानलेवा कविता,
बस इतने ही शब्द बचे हैं।
सादर
Photos are relevant to the context.More on your update later Madam....but before that Arushi's pics and poems are out of this world. The photos she adds to her posts are truly WOW!!
Hope you agree
komaalrani arushi_dayal