Hi all
Starting a new poem on new Incest relationship. I will try to take this to logical end but not sure if i would be able to do that. Incase i am not able to finish it, please forgive me for it.
इस नूतन वर्ष पे मेरे दिल से निकले ये दुआएं
नव हम सब के लिए ढेरो खुशियां लेके आये
एक नई प्रस्तुति है जिसमें है चाची और भतीजा
उन दोनो के मधुरमिलन का कैसा हुआ नातिजा
उन दोनों के प्रथम मिलन की है ये नई कहानी
जिसे सुना जा रहा है भतीजा अपने मुँहजुबानी
सविता चाची आई है घर में जब से करके शादी
मेरे कीमती वीर्य की हो रही सुबह शाम बरबादी
ऐसा मस्त योवन उसका हो जैसा परियो की हूर
चेहरे पर चमके है उसके जैसे चांदनी रात का नूर
दूध में हलका केसर मिला जैसे है वैसा उनका रंग
कामदेव ने खुद गडा हो जैसे उनका इक इक अंग
तनी चुचिया मस्त नयन और हिरनी जैसी चाल
उभरी हुई गांड तक आते उसके लम्बे काले बाल
चोली में संभाल रखे थे उसने दो बड़े बड़े कबूतर
रस्ते पर चलती तो हिलते उसके मोटे मोटे चुत्तर
देख जवानी उसकी औरतें जलतीं मन ही मन
सब मर्द खूब मसलते रहते अपनी पैंट में लन
चाचा की थी लगी लॉटरी और लड्डू फूटे मन में
चाची को दिन रात बिठा रखता था अपने लन पे
सर्दी में रात नौ बजे बंद हो जाते कमरे के दरवाजे
ओह आह उह उह बस फिर आती कमरे से आवाजे
चाचा की तो जनवरी की सर्दी में लगी हुई थी मौज
हचक हचक चाचा पेल रहा था चाची को हर रोज़
ले के जवान चाचा का हर रोज़ अपनी चूत पे पानी
काम देवी चाची की तो और भी बढ़ने लगी जवानी
आँखों में अब रहती थी हर वक़्त चाची की तस्वीर
एक बार इसकी मिल जाए तो बन जाए तकदीर
एक बार दिख जाए नंगी कब से ढूंढ रहा था मौका
किस्मत से उनके कमरे का मिल गया खुला झरोखा
झरोखे से ज़ब आंख लगा कर मैं लगा देखने अंदर
झट से लौड़ा खड़ा हो गया फ़िर जो देखा मैंने मंजर
नंगी पड़ी थी बिस्तर पर चाची अपनी टागे फेलाए
खोल के फांके चूत की दोनो चाचा जीभ घुसाये
सिसक रही थी चाची जब चले चूत गरम पर जीभ
सर पे रख के हाथ दबाये चाचा को चूत के करीब
चाचा चाट रहा ख़ूब मजे से चाची का योवन रस
चाची ने फेला के बाहें चाचा को लिया फिर कस
चाचा ने फिर थाम के चाची को ऊपर उठाया थोड़ा
खोल के उसके होंठ घुसा दिया चाचा ने अपना लौड़ा
चूस रही थी लौड़ा चाची चाचा की आँखों में झाँके
अपने हाथ से मसल रही वो अपनी चूत की फाँके
आग लगी है चूत में मेरी अब जल्दी से ऊपर आओ
खोल के मेरी चूत गुलाबी अपना लौड़ा जरा घुसाओ