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जोरू का गुलाम भाग २४९ , एम् -१ पृष्ठ १५५०
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जबरदस्त अपडेट्स..!!! कहानी पढ़ते पढ़ते ऐसा ही प्रतीत हो रहा था जैसे कोई फाइनैन्शल थ्रिलर देख रहे हो..!! इतनी सारी बारीकियों के साथ जैसा सटीक वर्णन है, कहीं भी, कुछ भी मिस नहीं हो रहा..!! पल पल यह इंतेज़ारी रहती है की अब आगे क्या होगा..!!! गजब की लेखनी..!!!कम्पनी सेक्रेटरी,
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वो कम्पनी सेक्रेटरी, जो किसी से सीधे मुंह बात नहीं करती थी, खास तौर से मिस्टर दीर्घलिंगम की प्राइवेट सेक्रेटरी से, और सीनियर सेक्रेटरीज से जूनियर यंग असिस्टेंट्स नयी नयी लड़कियां तो उसके लिए धूल की तरह थीं, आज वो सबसे हाल चाल पूछ रही थी।
यहाँ तक की उसकी अपनी सेक्रेटरी जब काफी ले के आयी तो उसने बैठने के लिए पूछा।
मिस्टर दीर्घलंगम की प्राइवेट सेक्रेटरी के लिए तो उसने सोच रखा था, बस एक बार नए सिक्योरटी वाले आ जाए, आज टेकओवर हो जाए, तो कल नहीं, आज ही अपने सामने बल्कि सबके सामने स्ट्रिप सर्च करवाएगी, बल्कि कैविटी सर्च भी, चार ऊँगली कम से कम खुद अंदर डालेगी, अरे स्साली आराम से घोंटेंगी, एक लौंडिया तो निकाल ही चुकी है और अब तो उसकी लौंडिया भी घोंटने लायक होगयी होगी।
नहीं होगी तो वो करवा देगी, बुलाएगी उसे अपनी मां से मिलने और उसके सामने ही,
और दोनों डायरेकटर जिन्हे आज की मीटिंग के बारे में मालूम था वो भी थोड़ा अबनार्मल थे, एक तो मिस्टर सेन, जिन्हे ब्लैकमेल कर के डिफेक्ट करने के लिए मजबूर किया गया था, फिर कम्पनी में कुछ फ्राड करवाया गया, कुछ गलत फाइलिंग करवाई गयी उनकी सिग्नेचर से वो थोड़े घबड़ाये लग रहे थे, लेकिन दूसरे डायरेक्टर जो शेयर और कंपनी के एम् डी बनने के लिए डिफेक्ट कर रहे थे, वो काफी जोश में थे।
पर टेंशन स्टॉक मार्केट का थोड़ा बहुत कम्पनी में आ रहा था।
सुबह से जो टेकओवर की अफवाह थी, वो कम्पनी के हर फ्लोर पे थे, और टेकओवर के बाद हर आदमी को अपने जॉब की चिंता रहती है।
और साढ़े दस बजे के बाद जब कम्पनी के शेयर गिरने शुरू हुए तो टेंशन कम्पनी में भी आ गया। एक तो सीनियर मैनेजमेंट के पास कम्पनी के स्टॉक थे, और कई बार स्टाफ के लिए प्रिफरेंशियल शेयर भी मिलते थे, पर आफिस में ट्रेडंग पर एकदम से बैन था। और साढ़े ग्यारह के बाद जब शेयर के दाम १५०० से नीचे गिरे, तो टेंशन एकदम बढ़ गया था, और उसके बाद मिस्टर दीर्घलिंगम ने सी ऍफ़ ओ को बुलाया और आज शाम की बोर्ड मीटिंग के लिए, कंपनी सेक्रेटरी से बात की, तो लोगों को लगा की खतरा बढ़ गया है पर बाद में पता चला की बात कुछ रूटीन की थी, बोर्ड मीटिंग की लॉजिस्टिक्स और स्नैक्स की।
पौने बारह बजे कम्पनी सेक्रेटरी ने लास्ट टाइम ट्रैकर को देखा, कम्पनी के शेयर अब १५०० से भी नीचे आ गए थे, बस एक दो लोगों से बात की और बोर्ड मीटिंग का रिवाइज्ड अजेंडा सारे डायरेक्टर्स को मेल किया, सिवाय एम् डी के,
उसी समय कुछ सूट पहने लोग लिफ्ट से टॉप फ्लोर पर आ रहे थे, उस फ्लोर पर सिर्फ डायरेक्टर्स, सी ऍफ़ ओ, सी ओ ओ, उनकी सेक्रेटरी के आफिस थे, और कम्पनी सेक्रेटरी, लॉ और दो मीटिंग रूम थे , एक छोटा सिर्फ डायरेकटस के लिए जो अक्सर लंच रूम के लिए इस्तेमाल होता था और दूसरा बड़ा बोर्ड रूम जो सिर्फ बोर्ड मीटिंग्स या स्टाफ को एड्रेस करने के लिए होता था, डिपार्टमेंटल हेड्स निचले फ्लोर पर बैठते थे और सिक्योरिटी, ला, एडमिन भी उसी फ्लोर पे थे, बाकी का स्टाफ एक ओपन आफिस में निचले फ्लोर पर।
कम्पनी सेक्रेट्री ने एक बार फिर अपने लैपटॉप पे स्टॉक की पोजीशन देखी, अपना मेल चेक किया, शाम के मीटिंग का रिवाइज्ड अजेंडा सब को मिल गया था। तभी इंटरनेट डिस्कनेक्ट हो गया, इंटरकॉम पर उसने आई टी सेल वालो को फोन किया।
इंटरकॉम काम नहीं कर रहा था।
अपने फोन से कम्पनी सेक्रेटरी ने बात करने की कोशिश की, लेकिन मोबाइल का भी नेटवर्क चला गया था।
अपने केबिन से बाहर निकल कर झाँका, कॉरिडोर में सन्नाटा, कुछ सूट वाले, छोटे वाले मीटिंग रूम में, और सफारी पहने कुछ सिक्योरटी वाले, नहीं उसकी कम्पनी के लोग नहीं थे वो
और वो आ के कमरे में बैठ गयी,
थोड़ा खुश, थोड़ा परेशान,
क्या एक्विजशन शरू हो गया ?
एक बार पहले भी वो एक कम्पनी में इसी तरह कू हुआ था और उस बार वो इन्वाल्व थी, पूरे १००० शेयर मिले थे और प्रमोशन भी।
उस बार भी अक्वीजिशन वाले ऐसे ही आये थे, उनकी टीम प्रोफेशनल थी, तीन दिन तक किसी को आफिस से बाहर जाने नहीं दिया, सिवाय जिन्हे वो निकाल रहे थे। फोन वोन ऐसे ही काट दिए गए थे। और सबसे नान डिस्क्लोजर अग्रीमेंट पहले साइन करवाया गया था
कम्पनी सेक्रेटरी ने बाहर निकल कर देखा।
लिफ्ट बंद थी, और स्टेयर्स पर सिक्योरटी वाले थे, उस का दरवाजा बंद था। उस का गेस एकदम सही था।
टॉप फ्लोर का रास्ता बंद कर दिया गया था, मिस्टर दीर्घलिंगम की प्राइवेट सेक्रेटरी को छोड़ के सब सेक्रेट्रियल स्टाफ को घर भेज दिया गया था। टेलीफोन, इंटरकॉम बंद थे और मोबाइल के जैमर लगा दिए थे। निचले फ्लोर पर डिपार्टमेंटल हेड्स और उनके नंबर २ को छोड़ कर सबको घर भेज दिया गया था और जो थे उन्हें बोला गया था, वो अपने चेयर से नहीं हटेंगे। सबके मोबाइल, लैपटॉप ले लिए गए थे।
डायरेक्टर्स को बड़े मीटिंग रूम में बैठा दिया गया था और एक एक को छोटे मीटिंग रूम में बुलाया जा रहा था, जहाँ बाहर से आये कुछ लोग बैठे थे।
मिस्टर दीर्घलिंगम भी अपने कमरे में थे और उनका फोन भी बंद था।
डेढ़ बजे कम्पनी सेक्रेटरी के कमरे में एक नयी सिक्योरटी वाला आया और बोला,
" योर फोन प्लीज "
वो एक मिनट के लिए रुकी तो वो बोला, दीर्घलिंगम का भी फोन हमने ले लिया है और दो मोबाइल दिखाए।
उन्होंने अपना आफ्सियल फोन हैण्ड ओवर किया तो वो बोला, दूसरा भी।
और अब उनके पास कोई चारा नहीं था। " आधे घंटे बाद स्माल बोर्ड रूम में आ जाइये " बोल के वो चला गया।
जब दो बजे वो बोर्ड रूम में घुसी तो मिस्टर सेन, डायरेक्टर निकल रहे थे, उनका चेहरा एकदम राख लग रहा था।
Very interesting, gyaan vardhak & strategic updates, You have just amazing knowledge of stock market didi. Gazab updates.The last update is on the previous page, page 1450
please do read, enjoy and comment.
Bahot hi jabardast update hai Komalji. Mumbai ki bhag dod vali jundgi ko to bahot shansae tarike se dikhaya hai. Kese mava cack khate vo intjar kar rahe hai. Aaj special market girane vale beard taiyar hai. Jo market ko girane vale hai. Special bull jo market ka girne ke intjar me hai ki kese bhi gire aur vo sare kharidna shuru kare. Dirdligam ki kamjori vo kachi ladki. Agar ladki utth gai to kuchh wakt ke lie to kam ho jaega. Uske pas dirdligam ki photos bhi hai. Vo kachi kaliyo ki sokhin apni gath fasae bethi hai. Kher koi nahi unhone pura plan bana hi liya hai. Amezing update Komalji. Muje thoda market vagera vala dhire dhire samaz aa raha hai.जोरू का गुलाम -भाग ३३८
War I - शेयर मार्केट में मारकाट
34,01,300
बुधवार -बम्बई
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वो चरनी रोड के पास एक शेडी से होटल में रुके ,
और बहुत सुबह ,... साढ़े छह बजे ग्रांट रोड स्टेशन के सामने ( ईस्ट साइड ) बी मेरवान की दूकान पर , बन मस्का , मावा केक और चाय पीते हुए , वहीँ एक बार फिर उस काउंटर इंटेलिजेंस वाले से ,... और ढेर सारी इन्फॉर्मेंशन ,... वो साथ में ये भी चेक कर रहा था की इनकी मीटिंग्स के बारे में कोई इन्फो अपोजिट कैम्प में तो नहीं पहुंची।
बी मेरवान, १०० साल से भी ज्यादा पुरानी, ईरानी चाय की दूकान जहाँ चाय से ज्यादा मावा केक मशहूर है और सुबह ६ बजे से ही लाइन लग जाती, हैं, ग्रांट रोड स्टेशन से उतरने वाले, रात की पाली ख़तम कर जाने वाले, आस पास के लोग , सुबह की पहली चाय के लिए यहाँ लाइन में लगे रहते हैं। और मावा केक के चाहने वाले तो आसपास से ही नहीं बल्कि दूर से भी आते हैं, तो यहीं पर तय हुयी मिलने की बात,
चरनी रोड स्टेशन के बाद ग्रांट रोड बस अगला ही लोकल स्टेशन है वेस्टर्न लाइन पे मुम्बई सेंट्रल की ओर तो वहीँ सुबह सुबह,
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और उस भीड़ में कोई सोच भी नहीं सकता था, कितने काम की बात हुयी।
सुबह से तीन चार काम की बातें मैंने सोच रखी थी, पहले तो बीयर कार्टेल, जो लोग शेयर बाजार में मंदी लाते हैं, उनके बारे में जितना पता चल जाए, असल में उनको कंट्रोल करना सिर्फ हम लोगो के लिए जरूरी नहीं है, मुझे अब तक लग गया है जो सरकार में आर्थिक व्यवस्था की पेंच अपने हाथ में रखते हैं वो भी चाहते हैं इन्वेस्टमेंट हो, शेयर मार्केट में और इकोनामी के प्रति एक पॉजिटिव अप्रोच बाजार में और लोगो के मन में जागे, इसके लिए शेयर बाजार में ज्यादा नहीं लेकिन थोड़ा उछाल होना चाहिए, और मार्केट के रेगुलेटर, सेबी के लोग भी उन पर नकेल कसना चाहते हैं पर उनकी भी मज़बूरी है और उन्हें डाक्यूमेंट चाहिए, फिर कल उसने बोला भी था की दो चार दिन के लिए तो वो एक दो की ट्रेडिंग रोक सकते हैं, लेकिन उससे ज्यादा नहीं। वो कोर्ट से स्टे ले आते हैं।
कल उस 'बुल' के यहाँ से निकलते ही मुझे इन्फो मिल गयी थी की आज बीयर कार्टेल का जो मुखिया है वो शायद खुद मैदान में आएगा हम लोगो के खिलाफ।
दूसरी बात थी, कम्पनी के जो दो डायरेक्टर राइवल कम्पनी से मिल गए थे उन्हें हैंडल करने के हथियार तो थे, एक की बीबी का चक्कर था दूसरी की बेटी का और उसके खुद के भी बहुत घपले थे और ये बातें कल मैंने मिस्टर दीर्घलिंगम को बता दी थीं और आज उन्हें हैंडल करना था। लेकिन उनको हैंडल करने के लिए उन्हें डॉक्यमेंटरी एविडेंस चाहिए थे, वीडियो, ऑडियो जिससे सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे । और सबसे पापिन तो वो कम्पनी सेक्रेटरी थी, उसका जहर निकालने का भी जुगाड़ होना था। और यह सब डाकुमेंट आफिस के पहले ही मिस्टर दीर्घलिंगम को मिल जाना था।
और सबसे जरूरी बातें थी मुझे कुछ सर्वेलेंस वाले चाहिए थे जो मुझे ही सीधे रिपोर्ट करें, मैं मिसेज महालिंगम या उनकी बेटी के मामले में प्राइवेसी मेंटेन करना चाहता था, और वो दोनों मामले मुझे ही हैंडल करने थे और वो भी शाम पांच बजे के पहले नहीं।
और तीसरा मावा केक खत्म करने के पहले वो तीनो काम हो गए। मुश्किल से दस मिनट काउंटर इंटेलिजेंस वाले से बात हुयी, एक मोबाइल फोन वो मेरे लिए लाया था बस उसी में सब डाटा था। और सर्वेलेंस के लिए वहीँ उसने मीटिंग फिक्स कर दी, साढ़े सात बजे स्टेडियम रेस्टोरेंट में, चर्चगेट के पास।
उसके जाने के बाद मैंने एक मावा केक और खाया और एक पैक भी कराया। और वो डाटा यथायोग्य सात बजे तक भेज दिया , शेयर के दाम करने वाले कार्टेल के बारे में काफी अंदरूनी जानकारी मिल गयी थी और अब मुझे अगली मीटिंग के लिए निकलना था ।
साढ़े सात बजे, स्टेडियम रेस्टोरेंट, चर्चगेट, में मिलना था और चरनी रोड से मैंने फिर चर्च गेट के लिए लोकल पकड़ी, मुश्किल से पांच मिनट का रास्ता , चरनी रोड, मरीन लाइंस और फिर चर्च गेट।
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स्टेडियम रेस्टोरेंट, एकदम खुला खुला, इंडियन मर्चेंट चैंबर से सटा हुआ, पारसी रेस्टोरेंट, और सुबह का समय चर्च गेट आनेवालों की भीड़ अभी पीक पर नहीं पहुंची थी, लेकिन विरार की और से आने वाली लोकल हजारों लोगों को साऊथ मुम्बई ला रही थीं और वहां से वो बस, टैक्सी, कुछ पैदल, किसी को किसी से कोई मतलब नहीं, और इसी समय मैं जब स्टेडियम रेस्टोरेंट में घुसा तो वो पहले से वहां था, लाल टोपी, हाथ में मराठी अखबार लोकमत, और पहुंचते ही आर्डर उसी ने दे दिया और जैसे बहुत दोनों के बाद के दोस्त मिले हों, लेकिन बात सीधे काम पर आ गयी।
मैंने मोबाइल में उस लड़की की पिक दिखाई, जो मिसेज दीर्घलिंगम के पीछे पड़ी थी,
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देखने में एकदम कच्ची कली लगती थी
और उसके पास मिसेज दीर्घलिंगम की पिक्स थी और आज शाम को पांच बजे वो कुछ वोमेन एन जी ओ के साथ पहले कोलाबा थाने, फिर कफ परेड में उनके फ़्लैट पे, मिडिया, पहले से होती। पुलिस, एनजीओ और मिडिया वाले पहले से सेट थे, हाँ उन्हें ये नहीं बताया गया था की शिकायत कौन करेगा और फंसाना किसको है, ये पांच बजे के बाद ही पता चलता। लेकिन ये सब मैंने उसे नहीं बताया है।
उसने फोटो देख के सिर्फ ये पूछा,
"उठाना है ? लोकेशन।"
मैंने हाँ और नहीं दोनों में सर हिलाया और पूरा आपरेशन समझा दिया। पहले सिर्फ सर्वेलेंस, और चार बजे के आसपास, उठा लेना है, लेकिन कुछ करना नहीं है। सिर्फ २४ घंटे तक कहीं रखना है और फिर छोड़ देना है।
वो समझ गया, मैंने पोसोसिबल लोकेशन भी बता दी, कफ परेड के पास की ही झोपड़ पट्टी में, गली का नंबर भी। उसने फोटो अपने फोन में ले और चाय ख़तम करने के पहले बता दिया, पहले एक स्पा में थी, अभी एक एस्कॉर्ट एजेंसी के पास है । अभी नाना चौक के पास एक होटल में गयी है और दस बजे तक खोली में लौटती है, दिन भर वहीँ रहेगी और आपको डाटा भी चाहियेगा तो वो भी मैं निकाल लूंगा और डिवाइसेज खाली कर दूंगा।
आज बुधवार शुरू हो गया था और ये दिन बहुत अहम् था।
उनकी कम्पनी के लिए और उससे भी बढ़के इनके लिए , अगर इनकी कम्पनी डूबती तो साथ में ये भी और जो एक्वायर करता वो इनकी जॉब तो लेता ही आगे के लिए भी कांटे बोता। उन्हें टाउनशिप छोड़ना पड़ता, ये, गुड्डी और उसकी भाभी, और जो पॉजिशन इस कम्पनी में मिल गयी थी वो तो सपने में भी कहीं नहीं मिल पाती, डिप्रेशन का टाइम था, पांच छह महीना तो घर बैठना मामूली बात थी, हफ्ते भर में ही घर खाली करना पड़ता
पर दिमाग से एक झटके से उन्होंने उस अवसाद को निकाल दिया
होगी जीत, जरूर होगी जीत और ऐसी जीत होगी की अगली बार कोई सोचेगा भी नहीं कुछ करने की।
स्टेडियम रेस्टोरेंट से निकल कर वो एस्टोरिया होटल में घुस गए, एक छोटा सा लेकिन बहुत ही कम्फर्टबेल और पुराना होटल था साउथ बॉम्बे का, चर्चगेट स्टेटशन के एकदम बगल मे। कल जब उनकी एल आई सी से मीटिंग थी, उसी समय उन्होंने इस होटल में चेक इन कर लिया था, लेकिन रात में रुके थे वो चरनी रोड के पास एक छोटे से होटल में। पर आज दिन की सब एक्टिविटी साउथ मुंबई में ही है तो वापस वो एस्टोरिया में आ गए।
बस एक मीटिंग और बची थी, लेकिन वो भी पास में ही थी, और अभी आधे घंटे टाइम था। एरोस थियेटर के पास जहाँ चर्चगेट स्टेशन का सब वे निकलता है, एक अखबार वाले से उन्होंने सब इकोनामिक अखबार ले लिए, इकोनॉमिक टाइम्स, फायनेंसियल एक्सप्रेस और मिंट, और एक दो पेपर और।
होटल के कमरे में चाय पीते हुए अखबार खोला, टीवी लगाया और ख़ुशी से उछल पड़े, अब बयार थोड़ा उनलोगों की ओर बहने लगी थी।
टीवी में नीचे न्यूज रनर चल रहा था,
" सुबह सुबह ई डी का छापा, चार बड़े शेयर मार्केट से जुड़े लोगों के यहाँ " और जब एक दो और चैनल देखे तो नाम पता चल गया।
वही जिनके नाम उन्हें सुबह सुबह मिले थे, जो बीयर किंग था, सट्टा बाजार में मंदी को सपोर्ट करने वाला, और उसके तीन प्रमुख साथी, अभी साढ़े छह बजे सुबह ही तो उन्होंने आधे दर्जन से ऊपर शेयर मार्केट वालों के बारे में डाटा ट्रांसफर किया था।
पहला हमला इन लोगों का आठ बजे शुरू हुआ , एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट ने उस बीयर वाले ट्रेडर्स के यहाँ जो मार्केट में मंदी का एक्सपर्ट था , उसके यहाँ छापे मारने शुरू किये , और वही खबर टीवी में आ रही थी और उसका असर मार्केट पर जरूर पड़ेगा और बाकी लोग भी जो इन के साथ मिलकर मार्केट को गिराने की कोशिश कोशिश करते थोड़ा तो सहम जाते, और सिर्फ उनकी कम्पनी के शेयर के दाम नहीं गिरते बल्कि और लोगों के भी उसको रोकने के लिए अगर इनकी कंपनी शेयर वापस खरीदना शुरू करती तो उसके लिए बहुत फंड चाहिए था, अभी सवाल था इन लोगो ने जो वार चेस्ट जोड़ा था उससे क्या हो पायेगा, लेकिन अब ये झटका निश्चित रूप से हेल्प करेगा
साढ़े नौ बजे , सेबी ने उस बीयर वाली कम्पनी के ट्रेडिंग राइट्स एक हफ्ते के लिए सस्पेंड किये ,
पर उससे पहले दो और मीटिंग हो गयी, एक तो टी सेण्टर में, स्टेडियम रेस्टोरेंट के पास ही, स्टैनफोर्ड का पढ़ा, बहुत दिन तक स्टैनले मॉर्गन में काम किया, फिर वॉल स्ट्रीट जर्नल में, लेकिन देश की माटी की पुकार और देसी लड़की का चक्कर, वापस हिन्दुस्तान और अब बिजनेस कंसल्टेंसी के साथ कई बिजनेस साइट्स से जुड़ा और शेयर मार्केट की एडवाइस भी इंटरनेट पर,
कल जिस लड़की के साथ दिल्ली एयरपोर्ट पर बात हुयी थी, उसी ने ये कांटेक्ट बताया था और रात में ही ये मीटिंग फिक्स हुयी थी। ये भी मंदी लाने वाले लोगो के खिलाफ था लेकिन उससे भी बढ़कर मार्केट इंटेलिजेंस उसकी पक्की थी और वर्ड ऑफ़ माउथ पब्लिसिटी के लिए भी वो जाना जाता था, उसके कालम के ६४ हजार फॉलोअर थे।
उसकी सूचना थी,
की आज मार्केट में क्रैश होने के पूरे चांसेज थे
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और उनकी कम्पनी पर जबरदस्त रेड होनेवाली थी और हो सका तो एक्वायर करने वाले शाम तक अपना दावा पेश कर दें, लेकिन उनके काउंटर अटैक की सुनगुन भी मार्केट में है और सुबह इंफोर्स्मेंट डायरेक्ट्रोरेट की रेड से भी मंदी वालों की आंच थोड़ी मंद पड़ी है,
और अगर इस रेड के बेसिस पर कुछ शेयर मार्केट वालों की ट्रेडिंग सेबी वाले रोक देंगे तो उनके पास सपोर्ट कम हो जाएगा और अगर कहीं बैंक ने उनके खाते सीज कर दिए, जिससे वो शेयर बाद में खरीदेंगे, तो उनका वार चेस्ट भी कम हो जाएगा और सबसे बड़ी बात मार्केट भी बड़े इन्वेस्टर्स को देखता है, तो इंस्टीयूशनल इन्वेस्टर्स क्या करते हैं ये भी लोग देखेंगे।
अक्सर जब बहुत उठा पटक होती है तो गवरमेंट के लोग दूर रहते हैं, पर वो अगर साथ आएंगे तो मार्केट का मूड बदलते देर नहीं लगेगी।
कुछ टिप मैंने उसे दी, कुछ उससे ली और कुछ बातें बोली, १२ बजे के बाद फूफसूसाहट के साथ मार्केट में फ़ैलाने के लिए।
एक हैकर से भी डार्क वेब पर जाकर कुछ काम की बातें हुयी।
और साढ़े नौ बजे सेबी ने चार बीयर वालो की ट्रेडिंग रोक दी, जिनके यहाँ छापा पड़ा था और छह को नोटिस दे दी, ये सारे लोग उस कार्टेल के मेंबर थे और इन्हे भी सिर्फ २४ घंटे का समय दिया। कुछ कंपनियों को इनसाइडर ट्रेडिंग के लिए भी नोटिस पकड़ा दी गयी।
कम्पनी सेक्रेटरी,
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वो कम्पनी सेक्रेटरी, जो किसी से सीधे मुंह बात नहीं करती थी, खास तौर से मिस्टर दीर्घलिंगम की प्राइवेट सेक्रेटरी से, और सीनियर सेक्रेटरीज से जूनियर यंग असिस्टेंट्स नयी नयी लड़कियां तो उसके लिए धूल की तरह थीं, आज वो सबसे हाल चाल पूछ रही थी।
यहाँ तक की उसकी अपनी सेक्रेटरी जब काफी ले के आयी तो उसने बैठने के लिए पूछा।
मिस्टर दीर्घलंगम की प्राइवेट सेक्रेटरी के लिए तो उसने सोच रखा था, बस एक बार नए सिक्योरटी वाले आ जाए, आज टेकओवर हो जाए, तो कल नहीं, आज ही अपने सामने बल्कि सबके सामने स्ट्रिप सर्च करवाएगी, बल्कि कैविटी सर्च भी, चार ऊँगली कम से कम खुद अंदर डालेगी, अरे स्साली आराम से घोंटेंगी, एक लौंडिया तो निकाल ही चुकी है और अब तो उसकी लौंडिया भी घोंटने लायक होगयी होगी।
नहीं होगी तो वो करवा देगी, बुलाएगी उसे अपनी मां से मिलने और उसके सामने ही,
और दोनों डायरेकटर जिन्हे आज की मीटिंग के बारे में मालूम था वो भी थोड़ा अबनार्मल थे, एक तो मिस्टर सेन, जिन्हे ब्लैकमेल कर के डिफेक्ट करने के लिए मजबूर किया गया था, फिर कम्पनी में कुछ फ्राड करवाया गया, कुछ गलत फाइलिंग करवाई गयी उनकी सिग्नेचर से वो थोड़े घबड़ाये लग रहे थे, लेकिन दूसरे डायरेक्टर जो शेयर और कंपनी के एम् डी बनने के लिए डिफेक्ट कर रहे थे, वो काफी जोश में थे।
पर टेंशन स्टॉक मार्केट का थोड़ा बहुत कम्पनी में आ रहा था।
सुबह से जो टेकओवर की अफवाह थी, वो कम्पनी के हर फ्लोर पे थे, और टेकओवर के बाद हर आदमी को अपने जॉब की चिंता रहती है।
और साढ़े दस बजे के बाद जब कम्पनी के शेयर गिरने शुरू हुए तो टेंशन कम्पनी में भी आ गया। एक तो सीनियर मैनेजमेंट के पास कम्पनी के स्टॉक थे, और कई बार स्टाफ के लिए प्रिफरेंशियल शेयर भी मिलते थे, पर आफिस में ट्रेडंग पर एकदम से बैन था। और साढ़े ग्यारह के बाद जब शेयर के दाम १५०० से नीचे गिरे, तो टेंशन एकदम बढ़ गया था, और उसके बाद मिस्टर दीर्घलिंगम ने सी ऍफ़ ओ को बुलाया और आज शाम की बोर्ड मीटिंग के लिए, कंपनी सेक्रेटरी से बात की, तो लोगों को लगा की खतरा बढ़ गया है पर बाद में पता चला की बात कुछ रूटीन की थी, बोर्ड मीटिंग की लॉजिस्टिक्स और स्नैक्स की।
पौने बारह बजे कम्पनी सेक्रेटरी ने लास्ट टाइम ट्रैकर को देखा, कम्पनी के शेयर अब १५०० से भी नीचे आ गए थे, बस एक दो लोगों से बात की और बोर्ड मीटिंग का रिवाइज्ड अजेंडा सारे डायरेक्टर्स को मेल किया, सिवाय एम् डी के,
उसी समय कुछ सूट पहने लोग लिफ्ट से टॉप फ्लोर पर आ रहे थे, उस फ्लोर पर सिर्फ डायरेक्टर्स, सी ऍफ़ ओ, सी ओ ओ, उनकी सेक्रेटरी के आफिस थे, और कम्पनी सेक्रेटरी, लॉ और दो मीटिंग रूम थे , एक छोटा सिर्फ डायरेकटस के लिए जो अक्सर लंच रूम के लिए इस्तेमाल होता था और दूसरा बड़ा बोर्ड रूम जो सिर्फ बोर्ड मीटिंग्स या स्टाफ को एड्रेस करने के लिए होता था, डिपार्टमेंटल हेड्स निचले फ्लोर पर बैठते थे और सिक्योरिटी, ला, एडमिन भी उसी फ्लोर पे थे, बाकी का स्टाफ एक ओपन आफिस में निचले फ्लोर पर।
कम्पनी सेक्रेट्री ने एक बार फिर अपने लैपटॉप पे स्टॉक की पोजीशन देखी, अपना मेल चेक किया, शाम के मीटिंग का रिवाइज्ड अजेंडा सब को मिल गया था। तभी इंटरनेट डिस्कनेक्ट हो गया, इंटरकॉम पर उसने आई टी सेल वालो को फोन किया।
इंटरकॉम काम नहीं कर रहा था।
अपने फोन से कम्पनी सेक्रेटरी ने बात करने की कोशिश की, लेकिन मोबाइल का भी नेटवर्क चला गया था।
अपने केबिन से बाहर निकल कर झाँका, कॉरिडोर में सन्नाटा, कुछ सूट वाले, छोटे वाले मीटिंग रूम में, और सफारी पहने कुछ सिक्योरटी वाले, नहीं उसकी कम्पनी के लोग नहीं थे वो
और वो आ के कमरे में बैठ गयी,
थोड़ा खुश, थोड़ा परेशान,
क्या एक्विजशन शरू हो गया ?
एक बार पहले भी वो एक कम्पनी में इसी तरह कू हुआ था और उस बार वो इन्वाल्व थी, पूरे १००० शेयर मिले थे और प्रमोशन भी।
उस बार भी अक्वीजिशन वाले ऐसे ही आये थे, उनकी टीम प्रोफेशनल थी, तीन दिन तक किसी को आफिस से बाहर जाने नहीं दिया, सिवाय जिन्हे वो निकाल रहे थे। फोन वोन ऐसे ही काट दिए गए थे। और सबसे नान डिस्क्लोजर अग्रीमेंट पहले साइन करवाया गया था
कम्पनी सेक्रेटरी ने बाहर निकल कर देखा।
लिफ्ट बंद थी, और स्टेयर्स पर सिक्योरटी वाले थे, उस का दरवाजा बंद था। उस का गेस एकदम सही था।
टॉप फ्लोर का रास्ता बंद कर दिया गया था, मिस्टर दीर्घलिंगम की प्राइवेट सेक्रेटरी को छोड़ के सब सेक्रेट्रियल स्टाफ को घर भेज दिया गया था। टेलीफोन, इंटरकॉम बंद थे और मोबाइल के जैमर लगा दिए थे। निचले फ्लोर पर डिपार्टमेंटल हेड्स और उनके नंबर २ को छोड़ कर सबको घर भेज दिया गया था और जो थे उन्हें बोला गया था, वो अपने चेयर से नहीं हटेंगे। सबके मोबाइल, लैपटॉप ले लिए गए थे।
डायरेक्टर्स को बड़े मीटिंग रूम में बैठा दिया गया था और एक एक को छोटे मीटिंग रूम में बुलाया जा रहा था, जहाँ बाहर से आये कुछ लोग बैठे थे।
मिस्टर दीर्घलिंगम भी अपने कमरे में थे और उनका फोन भी बंद था।
डेढ़ बजे कम्पनी सेक्रेटरी के कमरे में एक नयी सिक्योरटी वाला आया और बोला,
" योर फोन प्लीज "
वो एक मिनट के लिए रुकी तो वो बोला, दीर्घलिंगम का भी फोन हमने ले लिया है और दो मोबाइल दिखाए।
उन्होंने अपना आफ्सियल फोन हैण्ड ओवर किया तो वो बोला, दूसरा भी।
और अब उनके पास कोई चारा नहीं था। " आधे घंटे बाद स्माल बोर्ड रूम में आ जाइये " बोल के वो चला गया।
जब दो बजे वो बोर्ड रूम में घुसी तो मिस्टर सेन, डायरेक्टर निकल रहे थे, उनका चेहरा एकदम राख लग रहा था।
Amezing Komalji. Update ko kya name diya hai. War room. Jese kisi ladhai ka medan ho. Anand babu ko 2 expert mil gae. Jise asia stock exchange ka achha anubhav hai. Bombay stock exchange ka bhi. Ek se bhale do. Aur do se bhale teen.वार रूम
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पर मैं उसके पहले ' वार रूम' में पहुंच गया था।
ओपनिंग बेल के पंद्रह मिनट पहले, यह फोर्ट में ही था, स्टॉक एक्सचेंज के पास, एक सेकेण्ड फ्लोर पर आफिस, जो वैसे कोई स्पा या पार्लर लगता।
कल रात में अमेरिकन कौंसुलेट से जो कारपोरेट हेडक्वार्टर से बात हुयी थी तो उन्होंने दो स्टॉक के एक्सपर्ट्स को मेरे साथ लगाया था, एक दुबई में और एक सिंगापुर में, साउथ एशिया के मार्किट के दोनों एक्सपर्ट थे और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का भी काफी एक्सपेरिएंस था। इनमे से एक से मेरी कई बार बिजनेस स्ट्रेटजी सेशन में मुलाक़ात हो चुकी थी। हम तीनो ने मिल कर आज के बारे में बहुत देर तक प्लान किया, वार चेस्ट, शेयर कितने लेवल तक गिरने देना है, कब चेस्ट से इंटरवीन करना है, कब खरदीना है कब बेचना है और क्या स्ट्रेटजी होगी अक्वीजिशन बचाने के लिए
लेकिन हम तीनो जानते थे की लड़ाई में पहली गोली चलने के बाद सारी प्लानिंग धरी रह जाती है ,
और उस समय फ्रंट पर कौन है वो क्या टैक्टिकल डिसीजन लेता है उसका बड़ा फरक पड़ता है।
ब्रोकर्स की कई टीम थीं, कुछ तो स्टॉक मार्केट में थे, कुछ अलग से आपरेट कर रहे थे, बिग बुल से जो मैंने बात की थी उनकी टीम अलग थी लेकिन कोआरडीनेट करने के लिए एक सेंटर था, ' वार रूम ' जिसको एक लड़की कंडक्ट कर रही थी, उसके बारे में उन दोनों ने ज्यादा नहीं बताया था, लेकिन ये बोला था की वो मुश्किल से किसी को पसंद करती है, अपने साथ वार रूम में रखना, लेकिन अगर उसने तुम्हे ग्रीन सिंग्नल दे दिया तो आधा काम हो गया।
एक लिमिट्स हम लोगो ने तय कर ली थी, उसके बियांड जाने पर हम तीनो की परमिशन लगती, और लाइव कम्युनिएकशन होता और उसमें भी मुझे ही उस वार रूम वाली को बोलना होता। उस के अलावा बिग बुल के साथ कारपोरेट के लोगो से क्या बात हुयी थी सिर्फ मुझे मालूम था। और वो सब कोर्डिनेट भी मुझ से ही करते
और वार रूम में घुसते ही जोर का झटका जोर से लगा,
मीनल, मीनल शाह , सुना तो था उसके बारे में कल।
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जब हम लोगो की आज के बारे में स्ट्रेटजी मीटिंग जो रही थी, दुबई और सिंगापुर में बैठे अपने एक्सपर्ट्स के साथ जो आज के आपरेशन में हमारे साथ रहते और कम्पनी के स्टॉक मार्केट के सबसे बड़े ऑपरेटर थे, उन दोनों ने बताया था।
बताया क्या था, बस वार्न किया था और कहा था समझ लो थी की अगर उसने तुझे पसंद कर लिया, तो काम हो गया, उसके साथ की किसी ऑर्डिनरी आदमी का टीम बना के काम करना मुश्किल है, लेकिन अगर जोड़ी बन गयी तो फिर तो, ….और ज्यादा पूछने पे उन्होंने हाथ जोड़ लिया,
उन लोगों की भी एक दो बार की ही मुलाक़ात थी, और आज वार रूम की कमान मीनल शाह के हाथ में थी, बल्कि वार रूम भी उसी का था,
Lo man gae Komalji. Anand babu ke to vare nyare ho gae ho jese.मीनल शाह
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मीनल स्टॉक ब्रोकर के जंगल की शेरनी थी, जो कभी कभार ही शिकार में उतरती थी और वो भी अपनी मर्जी से, और जब ऑड्स एकदम खिलाफ हों, तब बाजी पलटने के लिए लेकिन वो भी किसी के कहने पर नहीं बस अपनी मर्जी से, और न बीयर थी न बुल, कभी मंदीवालों के साथ तो कभी तेजी वालो के साथ लेकिन और एक बार शिकार कर के हफ़्तों भर आराम करती थी।
आज सुबह से सट्टा बाजार में हमारी कंपनी के एक्वायर किये जाने पर पर एक का पांच चल रहा था, मतलब जो कहे की हमारी कम्पनी एक्वायर नहीं होगी और १०० रुपया लगाए, उसे अगर शाम तक हमारी कम्पनी न एक्वायर हो तो ५०० मिलेगा, मतलब हमारे जितने के चांसेज मुश्किल से २० फीसदी थी और मार्केट तो पब्लिक के मूड से चलता है , और मूड साफ़ दिख रहा था।
पहले मैंने वार रूम देखा और फिर मीनल शाह को, और दो बार जोर का झटका जोर से लगा।
ढेर सारे बीयर के कैन्स,
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सिगरेट, और सामने ६० इंच वाले तीन टीवी के स्क्रीन, जिस पे फीड्स आ रही थीं, एक पे निफ्टी और सेंसेक्स के ट्रैकर चल रहे थे और एक पे काफी कंपनियों के और साथ में कुछ और लैप टॉप खुले थे,
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मीनल के साथ दो और थे, एक लड़की और एक लड़का और एक टीनेजर था शायद आफिस ब्वाय।
मीनल शाह मुड़ी मेरी ओर, ट्वेंटीज में,… बाल खुले, एकदम गुजराती लड़कियों की तरह स्लिम, शार्प फीचर्स, बड़ी बड़ी आँखे, तीखी नाक, एकदम अंकेम्पट, बूब्स जबरदस्त थे और टॉप छोटा सा, साफ़ था की उसने ब्रा नहीं पहन रखी थी, और उसे लुक्स की कोई फ़िक्र नहीं थी। एकदम लाइट मेकअप, और जींस,
" स्साले चिकने, तो तू ही है, देखने में तो मस्त लग रहा है , तेरे साथ आज मजा आ जायेगा, क्यों अनु, लौंडा कैसा है " अपनी सीट पे थोड़ा सा सरक के मुझे हाथ और जगह ऑफर करते बोली।
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अनु मतलब अनुराधा बिश्वास, असली बंगालन, मछली सी आँखे, थोड़ी सांवली लेकिन जैसे बंगाल की खाड़ी का पूरा नमक उसके अंदर आ गया हो,
वो भी जरा सा मुस्करायी और हाथ मिलाने के लिए, हाथ बढ़ा दिया /
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टीम का तीसरा मेंबर, सुब्रण्मयम, जिसे सब सुब्बू ही कहते थे औरआफिस ब्वाय, अनीस, जो पता चला बाद में असली खिलाड़ी था, लॉजिस्टिक्स , आई टी सपोर्ट और एडमिन सब कुछ वही था।
ओपनिंग बेल में अभी थोड़ा टाइम था, लेकिन हम सब की निगाहें स्क्रीन से चिपकी थीं और ओपनिंग बेल के साथ ट्रेडिंग शुरू हुयी। कल रात को हमारी स्ट्रेटकजीक सेशन का नतीजा था और फॉर ईस्ट में स्टॉक एक्सचेंज में किये गए कोशिशों का असर, हमारी कम्पनी शुरू में कल से हमारा स्टॉक २ प्वाइंट ऊपर चल रहा था। हम सब की आँख टिकर पर लगी थी, और ओपनिंग बेल के पहले मीनल ने मुझसे पूछा
" व्हाट हैव यू ब्रॉट इन प्लेट "
और मैंने टैब खोल के दिखा दिया, मेरा ऑथराइजेशन, वार चेस्ट का फंड, जो शेयर हम ट्रेड कर सकते थे, अपनी कम्पनी के, और कंपनियों के जो शेयर हमारे पास थे, और जो इन्फो मैंने कलेक्ट की थी, बीयर कार्टेल के जो लोग अटैक करने वाले थे, सब कुछ जो समझाने में किसी को आधे घंटे से ज्यादा लगता, मीनल ने पांच मिनट में आत्मसात कर लिया और उतने ही टाइम में सुब्बू के टैब से होते हुए स्क्रीन पे और सुब्बू ने कुछ फार्म्स पे मुझसे साइन कराये, कुछ टैब पे थम्ब्स इंप्रिंट लिए, मेरे आई डी कार्ड और सब कुछ,
और उसी समय ओपनिंग बेल बजी, ट्रेडिंग शुरू हो गयी।
हम सब की, ख़ास तौर से मेरी दिल की धड़कने बढ़ी हुयी थी, मीनल टिकर को देख रही थी, कभी कनखियों से मुझे भी। लेकिन अभी सब सामने चल रहा था, हमारे शेयर अभी भी कल से ऊपर कोट हो रहे थे, सेंसेक्स भी नार्मल चल रहा था,
मीनल ने थोड़ी देर बाद बोला, पुट टाइमर फॉर २८ मिनट्स
और अनुराधा ने कोई बटन दबाया, स्क्रीन पर टाइमर सेट हो गया २८ मिनट, यानी सभी टीम २८ मिनट तक कुछ नहीं करेंगी। सारे आपरेशन होल्ड पर थे और हमे वाच करना था।
गिरावट २५ मिनट के बाद शुरू हुयी, और मीनल एक स्क्रीन पर देख रही थी की कौन से एजेंट्स हैं, जो हमारे शेयर बेच रहे हैं, और सिर्फ हमारी कम्पनी के ही नहीं कुछ और कंपनियां थीं, जिनके शेयर नीचे गिर रहे थे, और ये वो कंपनियां थीं जो हमारे शेयर को सपोर्ट कर रही थीं, और कुछ बीयर वाली कंपनियां जिनके नाम मुझे पता चली थीं वो भी गिरा रही थीं, कुछ शार्ट सेलर मैदान में आ गए थे,
और हमारी कम्पनी के साथ और ग्राफ गिरने के साथ अब सेंसेक्स और निफ्टी दोनों नीचे आ रहे थे, मैं सिर्फ सामने स्क्रीन पर ट्रैकर आ रहे थे, उन्हें देख रहा और उन्हें समझने की कोशिश कर रहा था।
२८ मिनट का टाइमर जैसे लगा, मीनल ने सिर्फ एक शब्द बोला, होल्ड फॉर टेनमिनट्स, और अनुराधा ने बस वो मेसेज सब टीम्स को रिले किया,
होल्ड फॉर टेन मिनट्स,
और बेचने वाली कंपनियों की ओर देख के मीनल ने बस सुब्बू की ओर देखा और वो टैब पे उन कंपनियों के डिटेल निकालने लगा। उन कंपनियों के खुद के शेयर किसके पास थे, कौन कौन सी ब्रोकरेज फर्म थीं और मीनल ने एक बार फिर से सब स्क्रीन को देखा और मुझे देख के मुस्करायी,
" स्साले कभी किसी १६ साल की लौंडिया को चोदा है ? "
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मैं एक पल के लिए संशय में पड़ गया, गुड्डी ? नहीं अब अगर कुछ दिन पहले १८ की हो गयी है तो १६ की तो कतई नहीं, लेकिन फिर मुझे मिसेज मोइत्रा की कबुतरियों की याद आ गयी, दोनों जुड़वाँ बहने अभी नौवे में थीं, और मैं मुस्कराया, और मीनल ने मेरी चोरी पकड़ ली और मुस्करा के बोली,
" कभी मौका मिले तो छोड़ना मत, और मौका न मिले तो मौका ढूंढ लेना, जितनी कच्ची उतनी अच्छी। खूब चिल्लायेगी, चीखेगी टांग फेंकेगी चूतड़ पटकेगी, हाथ पैर जोड़ेगी, और जितना रोये, उतना कस के पेलना, रगड़ के, खूब परपरायेगा, छरछरायेगा, स्साली को उतना ही मजा आएगा।
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तो आज तुझे सोलह साल की लौंडिया जो चोदने का मजा मिलेगा, बल्कि उससे भी ज्यादा,....., खड़ा तो स्साला तेरा अभी से हो रहा है। क्यों अनु हम लोगों का आर्गाज्म का क्या रिकार्ड हैं, ऐसे टाइम का ?"
" चार बार,... लास्ट टाइम, " मुस्कराते हुए स्क्रीन पे देखते अनुराधा बोली,
" आज पक्का टूटेगा " मीनल बोली
और अब उसकी उंगलिया की बोर्ड पर नाच रही थीं, एक स्क्रीन पर इंस्ट्रक्शन आ रहे थे अलग अलग टीमों के लिए
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और ट्रैकर अब सब नीचे चल रहे थे, सिर्फ हमारी कंपनी के नहीं बाकी कंपनियों के भी,
मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था, मुझे लग रहा था मीनल अब बिकवाली रोकने के लिए हमारे शेयर खरीदना शुरूकरेगी, अभी हमने अपना वार चेस्ट खोला भी नहीं था, लेकिन ठीक १० मिनट बाद मीनल चीखी
बेचो, सालों बेचो,
और चार टीमें अनुराधा हैंडल कर रही थी और चार सुब्बू और मीनल खुद हर टीम लीडर से अलग अलग बात कर रही थी।
अब वो अपने रूप में आ गयी थी, कम से कम आठ जुबानों में बात कर रही थी, सिंगापुर और दुबई के टीम लीडर्स से अंग्रेजो वाली अक्सेन्टेड अंग्रेजी में अनु से बांग्ला में, सुब्बू से तमिल में और टीम लीडर से कभी गुजराती, तो कभी सिंधी
बाद में मुझे पता चला की मीनल को दस भाषाएँ तो अपने देश की आती थीं, विदेशी छोड़ दें,.... लेकिन गाली वो सिर्फ पंजाबी और भोजपुरी में देती थी। उसका मानना था की उसके अलावा किसी और जुबान में गाली देने का मजा नहीं और जिससे बिना गाली दिए बात किया,... वो दोस्त नहीं।
Bahoot bahoot dhnayvaad for the first like and first comment.Matlab pahle director ki maa chod di company ne maza aya ab company secretary ki bari and ye Minal shah to Badi tez nikli maza aeyga dekh kar
Mam ye abhi kitna lamba chalega I am missing komal and his motherBahoot bahoot dhnayvaad for the first like and first comment.
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