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Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

komaalrani

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जोरू का गुलाम भाग २२८ -

गुड्डी की रगड़ाई

२८,५०,६१४

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खाने के पहले बहुत मजा आया ,

असल में खाने के दौरान भी और खाने के बाद भी लेकिन सब मजा गुड्डी के खर्चे पे

गुड्डी टेबल लगाने के बाद हम लोगों की ओर आयी , और रीनू उसके पीछे पड़ गयी ,

" अरे यार खाने के पहले एक बार ,.... अपने बचपन के यार से, ...तेरे पिछवाड़े को देख कर ही...देख . कैसा मस्त खड़ा है। "
अपने जीजू के खूँटे को शार्ट से निकाल कर मुठियाते , गुड्डी को दिखाते रीनू बोली ,
अजय और ये साथ साथ बैठे थे।

" अच्छा , भइया से मन न कर रहा तो मेरे जीजू से करवा लो , गुड्डी यार गांड तो तेरी मारी ही जायेगी , चाहे रीनू के जीजू से मरवा ले , या मेरे जीजू से , च्वायस तेरी। "

अजय के खूंटे को मसलते रगड़ते मैं बोली।



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गुड्डी ने आँखे तरेर कर देखा।

चल तो पा नहीं रही थी, कोई डिश ले के आती तो लड़खड़ाने लगती, कभी टेबल का सहारा लेती, तो कभी दीवाल का, लग रहा था अभी भी पिछवाड़े मोटा सा लकड़ी का टुकड़ा घुसा है।

किचेन में जो कुछ हुआ भैया बहिनी के बीच, कुछ गुड्डी ने खुद और कुछ रीनू मेरी कमीनी बहन ने बता दिया था. किचेन में दो बार उसके भैया ने गाँड़ मारी, एक बार तो निहुरा के और दूसरी बार खड़े खड़े ही मार ली। और उसके पहले भी सुबह से दो बार उस टीनेजर का, अपनी छुटकी बहिनिया का उसके भैया कर चुके थे, मतलब सुबह से चार बार भाई ने बहन की गाँड़ मार ली और अभी दोपहर बहुत दूर थी।

दर्द के मारे गुड्डी की भले हालत खराब थी, लेकिन चेहरे से ख़ुशी जलेबी की चाशनी की तरह टपक रही थी और उन दोनों से ज्यादा कोई खुश था तो मैं,

मेरे सोना मोना को अब खुल के पिछवाड़े का गोल दरवाजे का चस्का लगा गया था,

जीजू तो चार दिन की चांदनी है,... और अगर मेरे वाले को गोलकुंडा में मजा आने लगा था तो मतलब अब रात बिरात दिन दहाड़े, मेरे पिछवाड़े का भी नंबर लगता रहेगा। मैं खुश भी थी और चकित भी, गुड्डी को देख देख के, अगर कोई 'छिनार ननद' का मेडल होता तो मैं उसे तुरंत पहना देती,

सुबह से माना कमल जीजू ने भी मेरे कोमल कोमल पिछवाड़े का दो बार भुर्ता बनाया और उसके पहले अजय ने। लेकिन गुड्डी 4-3 से आगे थी। गुड्डी के भैया ने चार बार सुबह से उसके पिछवाड़े अपना मूसला पेला था और यहाँ दो बार कमल जीजू और एक बार अजय जीजू।



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और चारो बार उसके " सीधे साधे " भैया ने, पिछली बार जब कमल जीजू आये थे तो दोनों, उन्होंने और अजय ने मिल के पिछवाड़े का न सिर्फ रास्ता खोला था बल्कि ५-६ बार, पर ये लड़की, कल शाम को ही तो इसके पिछवाड़े पहली बार कमल जीजू का और उसके बाद से अबतक सात आठ बार पिछवाड़े मूसल घोंट चुकी थी।

तो अगर वो दर्द के मारे बेहाल थी, पिछवाड़े अब ऊँगली भी नहीं घोंट सकती थी तो मैं समझ सकती थी

लेकिन ननदों की हालत कितनी भी खराब हो, भाभियों को उन्हें चिढ़ाने से कौन रोक सकता है

अभी तक कल्ला रही थी बेचारी की , लेकिन थी असली ननद , हम दोनों को छेड़ते बोली ,

' चलिए भाभी आप भी क्या याद करेंगी कैसी ननद से पाला पड़ा था , .... अबकी आप दोनों मरवा लीजिये , दो खूंटे तन्नाए ,... दो भाभियाँ ,... "



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" चल यार छोटी ननद है तू , लेकिन उसके बाद किसी चीज के लिए मना मत करना , .... " रीनू ने चारा फेंका।

सच में हांका कर के शिकार को फंसाने में मेरी कमीनी बहन का कोई मुकाबला नहीं था।

" एकदम भाभी , ... बस अभी नहीं "

खाने के दौरान भी छेड़छाड़ मस्ती चालू रही, कमल जीजू इनके बगल में ही बैठे थे और उनकी गोद में उनकी छोटी साली, मैं और इनकी गोद में इनकी साली, रीनू, सर्व करने का काम गुड्डी का था और उसको सब लोग छेड़ रहे थे और बाद में वो भी अजय जीजू की गोद में,

खाने के बाद अजय ने वहीँ टेबल पर अपनी पेसल सिगरेट निकले और एक दो सुट्टा मारा होगा की गुड्डी ने उनसे छीन ली और क्या कस के दम मारा, जैसे साधू लोग चिलम पीते हैं एकदम उसी स्टाइल में, अजय ने सिखा दिया था गुड्डी को,

पर थोड़ी देर में हम सब लिविंग रूम में गद्दे पे , रीनू व्हिस्की को बोतल उठा लायी थी और सीधे बोतल से ही हम चारो, लेकिन थोड़ी देर में पोजीशन बदल गयी, मैं अजय की गोद में, रीनू इनकी गोद में और गुड्डी बहुत देर से कमल जीजू के सिंहासन पर नहीं चढ़ी थी तो वो वहां,

पन्दरह बीस मिनट की मस्ती के बाद रीनू ने गुड्डी के बचपन के यार का खूंटा शार्ट से निकाल लिया और गुड्डी को दिखाते हुए बोली,

" फाइनल ऑफर, लेगी पिछवाड़े, अपने भैया का ,"




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जिस तरह से वो देख रही थी, सुबह से चार बार अपने भैया का अपने पिछवाड़े घोंट चुकी थी और जरा भी ताकत होती तो वो एक बार और, लेकिन उससे हिला भी नहीं जा रहा था, उसने जोर जोर से ना में सर हिलाया

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. मजा पिछवाड़े का -जीजू के साथ


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रीनू के जीजू , रीनू के पिछवाड़े , और अजय जीजू मेरे पिछवाड़े ,... दोनों चालू हो गए ,



और गुड्डी लगी चिढ़ाने

" हाँ भाभी मजा आ रहा है न मेरे भाइयों से मरवाने में , अरे भाभियों को हम ननदे लाती ही इसलिए हैं , की हमारे भाइयों से अगवाड़े पिछवाड़े मरवाएँ , और भाभियों को खुजली भी इतनी मचती है , अपने माई बाप को छोड़ के चुदवाने , मरवाने आ जाती है ननदों के पास। "



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अजय और इनके बीच में जैसे बाजी लगी थी , दोनों अपने सालियों की गांड से ऐसे हचक के मार रहे थे की चीख निकल जाती ही थी, और गुड्डी को हम दोनों को चिढ़ाने का खूब मौका मिल रहा था।

मैं मरवा तो अजय जीजू से रही थी लेकिन देख इनकी ओर रही थी,

असल में हम तीनो बहनो की बचपन की शर्त के मुताबिक़ जब बहने और जीजू सामने हों तो, मरद के नंबर लगने का तो चांस ही नहीं, जीजू और सिर्फ जीजू। इसलिए न रीनू अजय के साथ और न मैं इनके साथ, लेकिन मुझे एक बात बहुत अच्छी लग रही थी,



इनके चेहरे की ख़ुशी देखते ही बनती थी,


और मेरे लिए इनकी ख़ुशी से बढ़कर कोई ख़ुशी नहीं थी, चूत चोदने में तो इनका कोई मुकबला नहीं था, मैं तो खैर इनके अलावा सिर्फ अपने दोनों जीजू के साथ, लेकिन इनकी साली, मेरी कमीनी बहन, जिसने गिनती गिननी छोड़ थी, एक दिन में ही मान गयी और बोली, स्साला, चोदू नम्बर वन भी तेरे हाथ लगा।

पर पिछवाड़े की ओर ये मुंह भी नहीं, ...मेरा मतलब आप समझ ही गए होंगे, ...

लेकिन मेरी कमीनी बहन और उससे बढ़कर इनकी छिनार बहन ने क्या जादू किया था की अब ये पिछवाड़े के ही पीछे, जिस तरह से हचक के धक्के मार रहे थे, अपनी साली की गांड में


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' क्यों भाभी मजा आ रहा है न , अरे अंदर तक , मथानी चलेगी तो अभी मक्खन निकलेगा भी। "

गुड्डी ने बाण चलाया


लेकिन सामने मेरी कमीनी बहन और गुड्डी की मीठी भौजी थी और वो बिना जवाब दिए कहाँ रहने वाली थी,

" मन कर रहा है क्या, मुंह में पानी आ रहा है भाई चोद, ....सुबह से चार बार गांड मरवा चुकी हो अपने भाई से , पर अभी भी प्यारे प्यारे भैया का खड़ा लंड देख के लिबरा रही हो। "


" अरे मीठी भौजी, मन कभी भरता है क्या, वो भी भाइयों से? पिछवाड़े, आपके इस स्साले जीजा ने इतना कस के न ठूंसा होता,... सब चमड़ी छील गयी है, चला नहीं जा रहा है, वरना मैं अपने भाई को कभी भी और किसी भी चीज के लिए ना नहीं करती। मैं तो दर्जा नौ से ही वीट लगा के चिक्क्न मुक्कन कर के, अपने इस भैया के लिए तैयार थी, अगर अभी पिछवाड़े, "

वो शोख टीनेजर मुस्कराकर अपनी बड़ी बड़ी आँखे नचा के बोली.



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गुड्डी की बात काट के मैं बोली,


" अरे मेरे साजन की रखैल, पिछवाड़े न ले पा रही है तो मुंह में ले, खूंटा वही स्वाद नया, भाई का भी स्वाद, भाभी का भी स्वाद "
 
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गुड्डी -मुंह का स्वाद


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" अरे मीठी भौजी, मन कभी भरता है क्या, वो भी भाइयों से? पिछवाड़े आपके इस स्साले जीजा ने इतना कस के न ठूंसा होता, सब चमड़ी छील गयी है, चला नहीं जा रहा है, वरना मैं अपने भाई को कभी भी और किसी भी चीज के लिए ना नहीं करती। मैं तो दर्जा नौ से ही वीट लगा के चिक्क्न मुक्कन कर के, अपने इस भैया के लिए तैयार थी, अगर अभी पिछवाड़े, "

गुड्डी की बात काट के मैं बोली,

" अरे मेरे साजन की रखैल, पिछवाड़े न ले पा रही है तो मुंह में ले, खूंटा वही स्वाद नया, भाई का भी स्वाद, भाभी का भी स्वाद "

बस रीनू ने , पीछे मुड के इन्हे आँख मारी...

असल में ये प्लानिंग तो रीनू की पहले से थी , ,... और रीनू के जीजू ने उसके पिछवाड़े से अपना खूंटा निकाल के सीधे अपनी ममेरी बहन के मुंह में , और वो भी एकदम हलक तक ,....


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गुड्डी बेचारी,... उसने सोचा भी नहीं होगा की भाभी के पिछवाड़े से निकल कर उसके भैया का मोटू उसके मुंह में,

लेकिन जबतक वो मुंह बंद करने की कोशिश करती इनका, इनकी साली की गांड से निकला सुपाड़ा बहन के मुंह में,

और बाकी के लिए रीनू थी न, कस के उसने गुड्डी का सर पीछे से पकड़ रखा था और कस कस के गुड्डी के गाल दबा रही थी, मुंह और बड़ा खोलने के लिए और गरिया भी रही थी,

" स्साली छिनार, जब तेरी गांड से निकलता है तो लपर लपर चाटती है, लॉलीपॉप झूठ और जब भौजाई के पिछवाड़े से निकला तो इतना नखड़ा, लगाउंगी अभी एक हाथ "


और सच में रीनू ने गुड्डी के पिछवाड़े एक जबरदस्त चांटा जड़ दिया, प्यार मोहब्बत वाला नहीं, एकदम फेम डॉम मार्का, गुड्डी के चूतड़ पर कमल का निशान छप गया, एकदम लाल।



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और बाएं हाथ ने चांटा मारा और दाएं ने कस के निपल नोच नोच लिया,

गुड्डी चीखी, मुंह खुला और आधा से ज्यादा उसके भैया का खूंटा गुड्डी रानी के मुंह के अंदर,



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" स्साली, चूस कस के, एकदम साफ़ कर, पूरा ले और जबतक चूस के झाड़ेगी नहीं ये खूंटा निकलेगा नहीं, सुबह से चार बार पिछवाड़े मलाई घोंट चुकी है इसी पिचकारी का अबकी मुंह से घोंट,जाएगा तो दोनों ओर से पेट में ही " रीनू ने ननदिया को हड़काया



गीता ने गुड्डी को पहले लॉलीपॉप, फिर गाजर, फिर खीरा चूसा चूसा के मुख मैथुन में परफेक्ट कर दिया था

तो अब गुड्डी भी कभी मजे में चूसती तो कभी उसके भैया अपनी टीनेजर बहन, और वो भी लास्ट वाली टीन नहीं, एकदम मिडल वाली टीन का मुंह कस के चोदते।



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दस मिनट की रगड़ाई के बाद वो झड़े और सब मलाई गुड्डी के मुंह से होते हुए पेट में।

चुद गुड्डी रही थी, चोद उनके भैया रहे थे लेकिन हालत मेरी खराब हो रही थी,



अजय भी अब खूब जोश में, मेरे पिछवाड़े अपना मोटा खूंटा, लेकिन अबकी जब उसने बाहर निकाला, और मुझे छेड़ने, तड़पाने के लिए रोक दिया, सुपाड़ा भी अब पूरी तरह अंदर नहीं था, तो मैं कौन पीछे रहनी वाली थी, मैंने कस के पीछे की ओर धक्का दिया और



गप्पाक



गप्प से पूरा सुपाड़ा मेरी पिछवाड़े , और दूसरा धक्का भी मैंने ही मारा, अबकी आधे से ज्यादा मूसल मेरे पिछवाड़े अंदर, अजय जीजू ने खाली कस के कमर पकड़ रखी थी और अब धक्के मैं मार रही थी तो उनकी उँगलियाँ मेरी चम्पाकली का हालचाल ले रही थी, दो ऊँगली और फिर टीन ऊँगली प्रेमगली में अंदर और अब आगे पीछे दोनों ओर हमला हो रहा था,



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मैंने एक बार उनकी ओर देखा और उनकी चोरी पकड़ी गयी, चोद तो वो अपनी बहन का मुंह रहे थे लेकिन चोरी चोरी मेरी ओर मेरे पिछवाड़े


उनकी चोरी मुझसे छुपती, मतलब मन में वो ये सोच रहे थे की उनका खूंटा उनकी बहन के मुंह में नहीं मेरे पिछवाड़े धंसा है,

मतलब साफ़ था, जैसे जीजू लोग गए ये लड़का मेरे पिछवाड़े की ऐसी की तैसी करके मानेगा,

और ये सोच के मुझे और जोश आ गया, मैं जोर जोर से कभी अजय जीजू का मोटा मूसल अपने पिछवाड़े वाली गली में सिकोड़ देती, निचोड़ देती, और अजय जीजू भी मेरी सहेली की, गुलाबो की अपनी उँगलियों से जोर जोर से सेवा कर रहे थे,

इधर मैं झड़ी और उधर वो अपनी बहन के मुंह में



और जब उनका मूसल तो निकला अजय ने मेरे पिछवाड़े से निकाल के ,... सीधे गुड्डी रानी के मुँह में


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बोलने का, चिढ़ाने का, छेड़ने का मौका छोड़ दे, रीनू उन भौजाइयों में से नहीं

" अरे यार कल भी आज भी , गुड्डी रानी, तेरे पिछवाड़े का स्वाद तो तेरे भाइयों ने अपने खूंटे से चखाया था , तो जरा अपनी दोनों भाभियों का भी ,...अलग अलग तरह का स्वाद , अलग अलग मजा ,...

अजय जीजू हचक हचक के गुड्डी का मुंह चोद रहे थे, और मैं और रीनू दोनों गुड्डी को चिढ़ाने के पीछे लगी थी

" सुबह से छह बार मेरी ननद के पेट में मलाई पहुँच चुकी है, चार बार पिछवाड़े से, दो बार मुंह से, अब तो पेट लबालब भर गया होगा " मैंने छेड़ा तो रीनू बोली

" और साथ में भाभियों के पिछवाड़े का स्वाद फ्री, देख गुड्डी रानी, मेरा मतलब रंडी रानी, स्साली तूने बोला था न की तेरी गांड मरवा मरवा के छिल गयी है भौजी हाथ जोड़ती हूँ बस थोड़ी देरी पिछवाड़े नहीं, तो मैं मान गयी लेकिन तेरी भौजाइयां दोनों, कितना तुझे पीरा दुलार करती हैं, अपने हिस्से की मलाई भी छोटी ननद को खिला दी "

रीनू बोली और अब मेरा नंबर था,



" और छिला भी तो गलती किसकी इन्ही की न, अरे ऐसे बहनचोद भाई हों तो बहन को सुबह से अपने पिछवाड़े एक पाव सरसों का तेल डाल के रखना चाहिए, फिर छिलता भी तो सरसों का तेल एंटीबायोटिक, कल से ध्यान रखना " मैंने गुड्डी को समझाया।



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पर रीनू बातों से ज्यादा काम में विश्वास रखती थी, और अगर छोटी टीनेजर ननद हो, उसका भाई सामने हो तो और ज्यादा

और रीनू तो मैंने कहा था न किंक क्वीन ,... जैसे अजय ने अपना खूंटा बाहर निकाला गुड्डी को जबरन वहीँ फर्श पर पटक कर , अपना पिछवाड़ा , सीधे गुड्डी के मुंह पर ,... जब तक चाट चाट कर उसने





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फिर वो मेरे भी , पीछे पड़ गयी


"कोमलिया, तू क्या हमारी ननद को प्यार नहीं करती , "

और रीनू के बाद मैं भी , सीधे छटपटाती गुड्डी के मुंह पर चढ़ कर ,... और ये सब उसके भइया की आंखों के सामने ,

और हाँ रीनू ने गुड्डी को वाश बेसिन की ओर मुंह भी नहीं करने दिया , सीधे वहीँ से खाने की टेबल पर ,...

स्वीट डिश अभी सर्व नहीं हुयी थी जो गुड्डी ने अपनी चूत में मैरीनेट करके अल्फांसो की मैंगो क्रीम बनायी थी,

और गुड्डी ने बाकी लोगो की दी, लेकिन रीनू ने अपने हाथ से आम की लम्बी फांके गुड्डी के मुंह में ,

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हाँ एक बात और मैं बताना भूल ही गयी थी

रीनू को बाथरूम जाना था और गुड्डी अजय से गप्प लड़ा रही थी ,

"हे चल न , बहुत जोर से ,... " रीनू ने गुड्डी को खींचते बोला ,



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" तो जाइये न भाभी , मुझे कहाँ ,... " गुड्डी खिलखिलाते बोली।

रीनू ने पहले अपने पेट की ओर इशारा किया फिर गुड्डी के पेट की ओर ,...

मैं समझ गयी , गुड्डी भी ,.. वो नखड़े करती रही , खिलखलाती रही , और रीनू जबरन उसे आलमोस्ट खींच के ,

घंटे भर बाद , दोनों ननद भाभी , बाथरूम से निकली साथ साथ नहा धो के , तैयार हो के ,...

और मैंने जब गुड्डी की ओर सिर्फ मुस्करा देखा , .. तो उसने इतनी जोर से ब्लश किया , ... जैसे मुझे मालूम हो गया हो की उसकी मीठी भाभी ने क्या क्या ,...

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खाने के बाद ,... गुड्डी को पता चल गया था कि अजय एक फैशन फोटोग्राफी का भी काम करते हैं तो वो पीछे पड़ गयी ,

पूरी तिझरिया उसी में ,... लेकिन अजय को मैंने भी चढ़ा दिया ,.... मिनिमम टॉपलेस वरना आलमोस्ट न्यूड ,..
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हाँ रीनू ने एक आदेश जारी कर दिया,

अगले आठ घंटे के लिए चुदाई एकदम नहीं, मतलब रात दस बजे तक, छुआ छुआई, चुम्मा चाटी, चूसम चुसाई पर कोई रोक नहीं, लेकिन चोदम चोदाई जिसमे गांड मराई भी शामील थीं पर एकदम रोक, मतलब हम तीनो की, गुड्डी, मेरी और रीनू की कमर के नीचे पूरी सेफ्टी, इन तीनो मर्दों से, और कारण बिना रीनू के बताये हम सब समझ गए थे

आज पूरी रात घपाघप, घपाघप,

कल तो बहुत सुबह की फ्लाइट है तो रीनू और जीजू लोगों को सुबह चार बजे ही निकलना पडेगा, तो बस आधी रात का टाइम मिलेगा और वो भी गुड्डी की क्रेडिट, रीनू और जीजू लोग तो आज ही निकलने वाले थे लेकिन गुड्डी ने जुगत लगा के, अपनी मीठी भाभी का हाथ पैर जोड़ के, सब शर्तें मान के,
 
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फोटो शूट -गुड्डी का


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एक से एक कैमरे थे अजय के पास , काठमांडू में , भी उसने बहुत फोटोग्राफी की थी, लेकिन बस दो तीन शर्तें रख दी उसने , ...


पहली बात तो गुड्डी सिर्फ वही कपडे पहनेगी , या कुछ नहीं पहनेगी , जैसा अजय चाहेगा ,


दूसरे हर फोटो में गुड्डी का चेहरा साफ़ साफ़ होगा और वो कभी ये बहाना नहीं बना सकती की ये फोटुएं धोखे से खींची गयी या मॉर्फ है ,

तीसरे उसका इस्तेमाल अजय चाहे जैसे करेगा , किसी मैगजीन में , इरोटिका साइट पर या प्रॉडक्ट प्रमोशन में गुड्डी का नाम भी इस्तेमाल होगा और वो मना नहीं कर सकती ,... और कहीं उसने इन फोटोज़ की एक्जीबिशन रखी तो उसे आना भी पडेगा ,


लेकिन अजय को शायद अंदाज़ नहीं था की मेरी ननद कितनी पक्की छिनार है , वो सब बातें मान गयी .


" देख यार ज्यादातर फोटुओं में बस वही बूब्स , पूसी ,...और वो भी एकदम फ़्लैट ,... लेकिन आर्ट फोटोग्राफी में सेंसुअलिटी इम्पोर्टेन्ट है और सबसे पहले मॉडल की कौन सी चीज ज्यादा सेक्सी है , तेरे साथ यही प्राबलम है " अजय अपने कैमरे सेट करते हुए बोला।



" तो क्या जीजू मैं सेक्सी नहीं हूँ , " गुड्डी ने बुरा मुंह बना के पूछा।



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" उन्हह प्रॉबल्म उलटी है , तू बहुत ज्यादा सेक्सी है , परफेक्ट एज,मिडल आफ टीन , परफेक्ट फीगर , परफेक्ट शेप ,... कुछ लड़कियों के बूब्स अच्छे होते हैं कुछ का पिछवाड़ा , कुछ की टाँगे , ... लेकिन तेरी ये तीनो मस्त हैं , फोटो के लिए कर्व्स , पर्सनैलिटी , सेंसुअलिटी ,... और असली चीज है लाइट और शेड , तो यहां स्टूडियों वाली लाइट घर में मिलेगी नहीं , मैं कुछ ट्राई कर लूंगा पर ये तिझरिया की लाइट इस तरह के फोटो के लिए बेस्ट है , इसलिए आउटडोर शूट ज्यादा करने होंगे,... अजय बोले



" इत्ती ज्यादा तो जगह है , ...आगे कित्ता बड़ा सा लॉन है , पीछे खुला हाता है , आम के , महुआ के घने पेड़ हैं ,... कर लो न बाहर ,...”

मेरी ननद ने तो मना करना सीखा ही नहीं है , चाहे घर या बाहर


रीनू ने अजय को चढ़ाया।

अजय जीजू बोलते तो वो खुले लान में चुदवाने के लिए तैयार हो जाती यहाँ तो सिर्फ न्यूड और सेमी न्यूड पिक्स की बात हो रही थी

और इस का बहुत कुछ क्रेडिट गीता को जाता था, जिस दिन मैं गुड्डी को मैं उठा के ले आयी थी इनके मायके से उसके अगले दिन इस घर की पहली सुबह ही, गीता ने गुड्डी से किचेन का सब काम करवाया, सिखाया और और पिछवाड़े खुले में खुद पेटीकोट उठा के बैठ गयी, और गुड्डी को भी स्कर्ट उठवा के बोली, " चल मूत " एकदम खुले में और सामने कुछ दूर पे ही सड़क, तो गुड्डी की हिम्मत पहले दिन ही खुल गयी।



अजय ने उसे इरोटिक फोटोग्राफी के ढेर सारे गुर समझाए,

" देख यार, तेरी बॉडी, तेरी एज एकदम परफेक्ट है न्यूड और एरोटिक फोटो के लिए और सबसे बड़ी पहचान है इस तरह के पिक्स की, कि देख के कोई भी लौंडा बोले,

" स्साली कित्ता गरम माल है, बस पटक के चोद दूँ अगर मिल जाए तो "

और ये पॉर्न से एकदम अलग है। नंगी चूत चूँची दो चार देखने के बाद आदमी बोर हो जाता है लेकिन ये मेरी खींची पिक्स टनटना न जाए तो कहना। अजय ने बोला और गुड्डी के चूतड़ सहलाये, दोनों नितम्ब पकड़ के कस के दबाये, उसकी गांड कि दरार को रगड़ा, और गुड्डी सिसक गयी,

बस ऐसे ही भाव चेहरे पे चाहिए, बल्कि पूरी देह पे अभी तेरे चूतड़ से शुरुआत करूँगा, कुछ में फेस भी रहेंगे और जो भी देखेगा बस यही सोचेगा, स्साली कि गाँड़ मारे बिना नहीं छोडूंगा, चाहे कुछ भी हो जाए,अजय बोले


और गुड्डी भी तो यही चाहती थी,

आज कल तो इंस्टा का जमाना है बल्कि सिर्फ इंस्टा क्यों रेड्डिट, मस्ताडों और भी बहुत सी साइट्स है अडल्ट टाइप, और दस बारह हॉट हॉट पिक्स उसने लगा दी तो फिर तो लौंडो कि भीड़ लग जायेगी और उस से भी बढ़ के उसकी सहेली रानी ने कोचिंग की पार्टी के लिए एक साइट बना रखी है उसपे अगर एक दो दिन में उसने ये पिक्स डाल दी फिर तो पार्टी में सब लौंडे उसी के पीछे



पहले कुछ पिक्स थोड़े से कपड़ो के साथ, एक में गुड्डी एक छोटे से शार्ट में नितम्बो से चिपका और मुड़ के देखती, कुछ और में चेहरा साफ़ था







फिर अजय ने एक बात और बोली

" देख हिप्स के पिक्स के लिए, सबसे बड़ी बात लम्बी शेपली टाँगे, और जिस तरह से घुटनों के ऊपर वो मांसल जाँघों में और टाइट नितम्बो में बदलती है, बड़े बड़े लेकिन एकदम टाइट, एक इंच भी मांस एक्स्ट्रा नहीं और उन उभारो के बीच की दरार और ये सब ब्लैक एंड व्हाइट पिक्स में ज्यादा अच्छे से आते हैं और इसमें कमर के ऊपर की जरूरत भी नहीं जिससे हिप्स हाइलाइट हों




तो कुछ पिछवाड़े की वैसे खींची उसने

और अब उसके बाद गुड्डी रानी के जुबना का नंबर लगा,

" देख यार साइज मैटर करता है, लेकिन उससे ज्यादा शेप, कड़ापन, कटाव और लड़की उसे किस तरह से उभारती है, और शेप कड़ापन कटाव सब में तेरी पिक्स को १० में १० मिलेंगे "


पहले कुछ झिलमिल झिलमिल टाइप के कपड़ो में,




कभी सिर्फ एक बूब को



तो कभी निप्स भी,



कभी गुड्डी अपने हाथ से उन्हें सहलाती, लेकिन फोकस कभी बूब्स पे नहीं रहता, अजय के हाथ में कैमरा किसी रसिक मर्द की ऊँगली की तरह था जो जोबन रस लेने में प्रवीण हो, उन्हें छू रहा हो, सहला रहा हो, मसल रहा हो , चूस रहा हो



और उस से बढ़ के गुड्डी सोच रही थी, सहलाती, दबाती मसलती रगड़ाती उँगलियों को, कस कस के चूसते होंठों को,

और किसके अपने बचपन के यार अपने भैया को , और जोबन उसके उत्तेजना से पथराये और





अजय यही तो चाहता था, बूब्स से ज्यादा उसकी गर्मी, उसकी मस्ती और ये पिक्स देख के कोई भी लौंडा मूठ मारने लगेगा।

फिर कुछ न्यूड्स, कुछ एकदम आर्ट टाइप




दो घंटे करीब ये शूट चला।

और अजय को इस शूट के लिए उकसाने वाली गुड्डी की मीठी भाभी और अजय की पत्नी रीनू ही थी। अजय को भी लगा की ऐसी कच्ची उम्र की मॉडल मिल गयी तो बहुत सी एरोटिक मैगजीन्स में इन पिक्स की धूम मच सकती है, और पेरिस में जो छह महीने बाद इरोटिका की एक्जीबिशन लगनी है और जिसकी एंट्री २० दिन में जानी है उस में भी,

और रीनू ने कुछ और भी सोचा था

रीनू ने एक बात और गुड्डी से मनवा ली थी , एकदम पक्की सहेली हो गयी थीं दोनों ,

रानी उसकी सहेली जो लौंडो के लिए गूगल की की तरह काम करती थी , गुड्डी ने न सिर्फ उसके बारे में बता दिया था बल्कि उससे बात भी करा दी ,

रीनू और रानी व्हाट्सअप और फेसबुक पर दोस्त भी हो गयीं। साथ में वो दस इंच वाले बम्बू छाप जावेद और उस मेरी कलाई से भी मोटी साइज वाले ( गुड्डी ने उसका नाम मोटू ही रख दिया था ) के औजारों के दर्शन भी करा दिए थे और ये भी बोल दिया की दो चार दिन के बाद , कोचिंग की पार्टी में ये सब ,...

बस रीनू ने बोला जो आज न्यूड्स शूट होंगी उसमे से दस , रीनू खुद चुन कर , रानी के पास , और गुड्डी खुद उसे जावेद और उस 'मोटू ' के पास भेज देगी।



रीनू जानती थी इसके बाद तो पार्टी में मेरी ननद का गैंग बैंग पक्का , तीनों के तीनों छेदो में
 
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छेद छेद में भेद नहीं
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रीनू ने तय कर लिया था जाने के पहले अपने जीजू को, पिछवाड़े का, गोल दरवाजे का जबरदस्त रसिया बना के मानेगी,

और काफी कुछ उसका मिशन कामयाब भी हो गया, आज सुबह से इन्होने जिस तरह से अपनी कुँवारी कमसिन कच्ची उमर वाली बहन की चार बार गाँड़ मारी थीं, साफ़ था अब वो भी गोलकुंडा के दीवाने हो रहे थे,

लेकिन उस इलाके के असली मास्टर तो कमल जीजू थे और जब अब अजय और गुड्डी बाहर चले गए थे, सिर्फ मैं और ये , रीनू और कमल जीजू बचे थे तो बात उसी ओर मुड़ गयी या मोड़ दी गयी। मैंने और रीनू दोनों ने कमल जीजू को बोल रखा था और कमल जीजू से बड़ी अथॉरिटी कौन था पिछवाड़े के मामले में तो बात उन्होंने शुरू की,



" कल से कितनी बार गांड मारी , ... " व्हिस्की इनके ग्लास में ढालते हुए कमल जीजू ने साफ़ साफ़ पूछ लिया।




" , सात बार , , पांच बार अपनी बहिनिया की, और दो बार इनकी बहिनिया की, "

मेरी ओर इशारा करके, मुस्कराते हुए उन्होंने कन्फेस किया... "


" मजा आया न ,... " अपना पेग बनाते हुए कमल जीजू ने फिर पूछा।

थोड़ा सा ब्लश किया उन्होंने फिर कबूला , ... " हाँ बहुत ,... "

" देखो क्या चीज़ तुम मिस कर रहे थे यार , अच्छा बोल , चोदने में ज्यादा मजा आता है या गांड मारने में " कमल जीजू आज उन्हें छोड़ने के मूड में नहीं थे ,


" दोनों का अलग अलग मजा है ,... लेकिन गांड मारने में सच में बहुत मजा आया , एकदम कसी कसी और जब वो भींच लेती है कस के , तो रगड़ रगड़ के जबरदस्ती कर के ठोंकने का ,... और जब वो छल्ला पार होता है , मजे से उस समय ,... " उन्होंने कबूला।


और थोड़ी रीनू और मेरे ग्लास में और व्हिस्की गटकते हुए रीनू अपने जिज्जा पर चालू हो गयी,


" अरे जीजू स्साले, भँड़वे, बचपन के गँड़वे, स्साला लजा किस बात पे रहा है , मेरे सामने अपनी उस कच्ची कोरी बहिनिया की हचक के गाँड़ मारी , वो भी एक दो बार नहीं चार बार, सुबह सुबह गुड मॉर्निंग भी अपनी बहन की गाँड़ में पेल के किया और किचेन में खाना बनाते समय भी उस की दो बार मारी, तो गाँड़ मारने में लाज नहीं और बोलने बताने में लाज, खुल के बोल न "





और अपने मुंह में रखी हुयी सारी व्हिस्की इनके मुंह में

और साली का बात कौन टालता है और अब इनकी झिझक भी पूरी तरह से खुल गयी थीं,

" सच में बहुत मजा आया, और ये मत पूछिए की कब आया, ये पूछिए की कब नहीं आया। "

ये बोल के उन्होंने रीनू की ग्लास से व्हिस्की का एक घूँट मारा, उनका एक हाथ रीनू के कंधे पर था, तो कस के अपनी साली का जोबन मसलते रीनू से बोला,

"देख यार, पहले तो घुसेड़ते हुए, ...एकदम कसा कसा गोल गोल छेद "


और रीनू ने जोर से इन्हे घूरा, रीनू सिर्फ इनकी पिछवाड़े की आदत ही नहीं भाषा भी सुधारने के चक्कर में थी,



और ये मुस्करा के फिर से बोले, " कसी कसी गाँड़ में, घुसेड़ते हुए एकदम अलग मजा आता है, फिर घुसते ही सुपाड़ा जिस तरह से वो गच्छ से दबोच लेती है, बचपन में जैसे कोई मुलायम हाथ से लंड को पकड़ के दबाये और हलके हलके मुठ मारें एकदम उसी तरह से बाकि उससे भी सौ गुना ज्यादा, जैसे मखमल में लपेट के मुट्ठ मार रहे हों "

हम सब इनकी बात मजे ले के सुन रहे थे,

और रीनू ने एक बार फिर अपने मुंह से इनके मुंह में एक पेग व्हिस्की, और ये हर बार क्वाटिफाई कर के तो इन्होने प्वाइंट वाइज, गांड मारने के मजे बताने शुरू किये,

" ये मेरी साली न होती न तो अब तक मैं भी इत्ते अच्छे मजे से, बचा रहता, सब क्रेडिट मेरी साली की । तीन मजे तो एकदम साफ़, पहली बात, गोल छेद का पेलने का मजा भी अलग, दूसरी बात की बुर में तो एक बार ठेल दो, सुपाड़ा घुस गया बस खाली धक्के देना है, यहाँ सुपाड़ा घुसने के बाद भी असली मेहनत और मजा तो जब गाँड़ का छल्ला पार करता है, "


कमल जीजू एक्सपर्ट थे तो उन्होंने एक्सपर्ट कमेंट किया

" एकदम सही कह रहे हो, असली मजा तो उसी में आता है जिसकी मारी जाती है न चाहे लौंडा हो या लौंडिया, उसी समय चिंचियाती है लेकिन एक बार घुस जाए न तो बस थोड़ी देर रुक जाओ, एक बार गाँड़ को लंड की आदत लग जाए, फिर आगे पीछे, आगे पीछे कर के सुपाड़े को उसी छल्ले पे बार बार बार रगड़ो "

कमल जीजू उनकी समझा रहे थे और मैं सिसक रही थी,सोच सोच के. सच में उस समय,... बस जान नहीं निकलती, मजे से भी दर्द से भी।

लेकिन मैंने बात आगे बढ़ाई,

" और तीसरा फायदा "




" पांच दिन वाली छुट्टी नहीं होती पिछवाड़े, " व्हिस्की ख़तम करते वो हंस के बोले


" एक्जैक्टली ,... यही बात तो मैं कह रहा हूँ यार , जब दो मजे मौजूद हैं तो सिर्फ एक तरह के मजे का क्या मलतब ,... " कमल जीजू ने थोड़ी दारु और इनके ग्लास में डाली।

" पर ,... " वो थोड़ा हिचकते बोले।

उनके साथ यही परेशानी थी उनका कान्शंस , हर बार चीन की दीवाल बन कर आड़े आ जाता था। इस चक्कर में गुड्डी उन्हें हाईस्कूल से ही लाइन दे रही थी , पर उसकी टांग तभी फैली जब मैं आयी तभी वो ,... "

" पर वर कुछ नहीं ,... देख यार ये तेरा माल , तेरी बहन इत्ते दिन से यहाँ है तूने उसकी चुनमुनिया रोज ली होगी , लेकिन पिछवाड़ा ,... नहीं लिया था न। और एक बार कल कल पिछवाड़े का मजा लिया तो आज फिर सुबह सुबह उसकी गांड मार ली न , हैं न। "कमल जीजू ने फिर समझाया

एक बार, अरे सुबह से चार बार गाँड़ मार चुके हैं उसकी, हँसते हुए उनकी साली बोली


" हाँ " माना उन्होंने। " और मजा भी बहुत आया " हँसते हुए जोड़ा उन्होंने।



" और अब , किसी दिन छोड़ेगा उसके पिछवाड़े को ,... "

" एकदम नहीं बल्कि पहले पिछवाड़े से ही शुरुआत करूँगा , दिन रात ,.... सच में आपकी बात सही है ,एकदम अलग ही मजा है , ... वो चिंचियाती बहुत है ,... लेकिन ,... "

और उनकी बात मैंने पूरी की ,... कमल जीजू के ग्लास से सीधे दारु एक बार में घुटक गयी ,...

" लेकिन देती तो है न , ... आज सुबह कैसे मजे में गांड मरवा रही थी , तुमसे मेरे और रीनू के सामने। बिना चीख पुकार के गांड मरौवल थोड़े ही होती है। "मैं बोली ,




कमल जीजू ने मुझसे प्रॉमिस किया था की जाने से पहले 'लौंडो की नेकर सरकाकर निहुराकर वाला मजा ' न सिर्फ मेरे हबी को दिला देंगे , बल्कि जेंडर डिस्क्रिमिनेशन की उनकी आदत भी ख़तम करा देंगे।


अबकी उन्होंने, अपनी और कमल जीजू की ग्लास में व्हिस्की डाली।

" देख यार अब तो सुप्रीम कोर्ट भी मान गयी , ३७७ का भी खतरा नहीं है , है न। तो कभी किसी लौंडे के साथ , अरे यार वो मजा अलग ही है , तेरी इस बहन के उमर के बल्कि उससे भी कच्ची उमर के , नेकर सरका के , जबरदस्ती निहुरा के ठोंकने का मजा ,.... तुझे तो मालूम ही है ,..."

कमल जीजू ने इन्हे समझाने की कोशिश की लेकिन लॉ का ज्ञान इनका, अच्छे अच्छे वकील हार मान जाते, हँसते हुए कमल जीजू की बात को आगे बढ़ाते हुए बोले,


" एकदम सही कहा आपने, बल्कि नए वाले कानून में, BSS में तो सोडोमी, और उनकी एक निगाह अपनी साली पर पड़ गयी और भाषाः सुधारते बोले ,

“गाँड़ मरौव्वल, लौंडो के साथ की तो कोई धारा भी नहीं न लौंडो के साथ न जानवरो वाली, मतलब अगर जबरदस्ती भी कोई किसी चिकने लौंडे की गाँड़ मार ले,... "

कमल जीजू जोर से हँसे, बोले

" चल इसी बात पे कल तुझे एक चिकने की गाँड़ दिलवाता हूँ, इस का भी मजा ले ले "

और अपनी बात पर जोर डालने के लिए इन्हे फिर समझाना शुरू किया

" देख यार बिना ट्राई किये किसी चीज को अच्छा बुरा कैसे कह सकते हो , एक बार ट्राई कर लो ,... लौंडों के साथ ,... देख कल तक तुमने उस लौंडिया की गांड नहीं मारी थी तो तुम्हे मजा भी नहीं मालूम था पिछवाड़े का ,... और अब सुबह सुबह अपनी बहन के पिछवाड़े ,... चार बार अपनी बहन की गाँड़ मार चुके हो तो, छेद तो वही है, बनावट वही है, उसी तरह कसी कसी, कस के दबोचती, मखमल सी मुलायम, दुबदुबाती, एक बार मार लो लौंडे की गाँड़, नहीं मजा आएगा, तो आगे मत मारना लेकिन मेरी गारंटी है मजा जरूर आएगा ,…और खुद कह रहे हो की अब आगे से , पीछे पहले ,... "

कमल जीजू की कन्विंसिंग पावर बहुत थी , झूठे ही नहीं एक मल्टीनेशनल में वो वाइस प्रेजिडेंट मार्केटिंग थे , वो एस्किमो को भी बर्फ बेच सकते थे , मेरे ये तो ,...

और मैं भी कमल जीजू का साथ दे रही थी, ऊपर से ,...एक बार फिर मैंने कमल जीजू की ग्लास से दारु गटकी और बोली ,



" जीजू सही तो कह रहे हैं , देख यार मैं तेरी बहन के साथ मजे लेती हूँ की नहीं , रगड़ रगड़ कर उसे , चूसती चटवाती हूँ की नहीं ,... तेरे सामने ही , पहली रात ही , चूस चूस कर , .... वो तेरा भी चूसती है मेरी सहेली को भी ,... और अब तुझे गोल छेद का मजा आने लगा है तो जैसे तेरी छिनार भाई चोद बहिनिया की गाँड़ है वासी उस स्साले चिकने की भी होगी, तो एक बार में कोई गे थोड़ी हो जाता है, चूको मत चौहान।

" हाँ वो तो है। " वो बोले ,...

" और तेरी बहन भी , ... तो बस जैसे छेद छेद में अंतर नहीं करने का , उसी तरह लौंडे लौंडिया में अंतर नहीं करने का ,... और गलत होता तो जज लोग हाँ करते ,... मेरी बात मान लो , दो चार बार ट्राई कर ले , ... मेरे सोना मोना , न मजा आये , ... तो ,... "

अब मैं उनके पीछे पड़ गयी।

और वो कुछ बोल पाते उसके पहले चुम्मा लेकर मैंने होंठ बंद करा दिए .मैं, कमल जीजू और रीनू उनकी साली तीनो उनके पीछे पड़े थे

लेकिन इनकी असली नस पकड़ी थी या तो इनकी सास ने या इनकी साली ने। समझाने से ज्यादा इनपर असर होता था, सीधे हुकुम देने का, और रीनू ने वही किया,



" कल सीधे से जाके कमल जीजू के साथ, चिकने की गाँड़ मार के, और तूने जरा भी नखड़ा किया न तो कमल जीजू उसी चिकने के सामने तेरी मार लेंगे, और एक क्यों, सुबह से चार घंटे में चार बार अपनी बहिनिया की गाँड़ मार लिए तो कम से कम तीन चार लौंडे, वरना सोच लो, लौट के आओगे तो मेरे पास ही न "





और कमल जीजू ने फैसला भी सुना दिया ,

" और ये मत बोलना की कहाँ , कैसे ,... मेरे एक दोस्त ने यहाँ एक स्पा खोला है , माइकोनास ,... . एक से एक चिकने , ... सोना , डार्क रूम , स्टीम ,... और सन्डे को उसके यहाँ डार्क नाइट होती है , बस कल चलते हैं ,ज्यादा नहीं दो तीन घण्टे , तुझे भी नया स्वाद दिलवा दूंगा ,... और उसके बाद तो तू खुद ही पटा लेगा , ... मैं उसको अभी टेक्स्ट करता हूँ। "

उधर कमल जीजू टेक्स्ट कर रहे थे
इधर ये कुछ सोच रहे फिर बोले, नाम सुना लग रहा है, किसका है "

" अरे तुझे याद होगा, तुझसे एक साल ही तो सीनियर था, रणवीर, " कमल जीजू बोले और उनके साथ ये भी फ्लैश बैक में चले गए, मुस्कराते हुए बोले

" एकदम याद है, खूब गोरा चिकना, हाईस्कूल में उसकी टाइटिल थी, ' है शूकर की तू है लड़का " जबरदस्त नमकीन, आपका लौंडा "


" वही " हँसते हुए कमल जीजू बोले, इन्वेस्टमेंट बैंकर हो गया था, पांच साल अमेरिका में रहा, खूब पैसा कमाया, और अब यहाँ आके मेल स्पा खोल लिया है, जब उसे पता चला की मैं आ रहा हूँ तो एकदम पीछे पड़ गया। तो कल वहीँ, ले चलूँगा तुझे,

और प्राइवेसी एकदम है, मोबाइल तो रखवा ही लेते हैं, जैमर भी लगा रखा है, बिना आई डी के एंट्री नहीं है, सिर्फ मेंबर्स या गेस्ट या स्टाफ। कपडे वपड़े भी सब लॉकर में और उसकी दी हुयी टॉवेल, जिसपे माइकोनस लिखा होता है, और लाकर की चाभी एक कलाई में बंधी रिंग में, मसाज के लिए एक से एक स्टड हैं जिन्हे टॉप चाहिए और कमसिन चिकने भी। मुझसे बोल रहा था तीन चार एक दम नए चिकने हैं आप के लिए तो बस उन्ही में से, "

" एकदम जीजू " मैं और रीनू एक साथ बोले, और रीनू ने इनसे बोला, " स्साली की नाक न कटवाना " और मेरा हाथ दबा दिया।



मैं समझ रही थी रीनू की प्लानिंग, उसके असली निशाने पे गुड्डी थी, वो सब जो खेल खिलौने ले आयी थी, फिर किंक वाली हरकते, ये तीनो मरद घर से चार पांच घंटे के लिए गायब होते तभी हो सकता था तो ये लोग मेल स्पा में और यहाँ लड़कियों का खेल, हम दोनों बहने मिल के इनकी बहन की,




मैं गुड्डी के बारे में सोच ही रही थी की,


गुड्डी और अजय जीजू एक साथ कमरे में दाखिल हो गए, फोटोशूट पूरी कर के



और रीनू अपने सिंहासन पर , इनकी गोद में , ... गुड्डी भी अपने भइया के बगल में ,... इनके और अजय जीजू के बीच में दबी चिपकी , मजा लेती ,
 
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komaalrani

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" जीजू कोई हाट सी पिक्चर लगाओ न , ... " रीनू इनसे बोली,और गुड्डी रीनू की पक्की चमची उसने भी हाँ में हाँ मिलाया , अजय से बोली

" हाँ जीजू , एकदम डिफरेंट ,... "

" वो वाली लगाओ न जो हम लोग काठमांडू से ,... एकदम डिफरेंट थी। " रीनू ने कमल जीजू से कहा।


" पर वो तो ,... एकदम " गुड्डी की ओर देखते हुए थोड़ा हिचकिचाए ,

"तो क्या हुआ ये बच्ची भी सीख जायेगी ,... है न मुन्नी " रीनू ने प्यार दुलार से अपनी ननदिया के गाल सहलाये।


और अजय ने तब तक उठ कर वो फिल्म जो रीनू बोल रही थी , लगा दी।


गुड्डी भी उठ कर व्हिस्की की एक नयी बोतल उठा कर ले आयी और आधा अजय , आधा इनकी गोद में बैठ गयी।




फिल्म की कास्टिंग चल रही थी ,



यूरो किंक क्वीन , गोल्डन शावर स्कैट एंड एनिमल लवर्स


गुड्डी मुस्कराते हुए इनके और अजय की गोद में बैठे बैठे देख रही थी , बोतल उसी के हाथ में थी , कभी ये कभी अजय सीधे बोतल से ही , और गुड्डी भी।


गोल्डन शावर की सीन चल रही थी , एक लड़की , एक लड़के के खुले मुंह में ,...

सीधे छरर छरर सुनहरी शराब , ... कभी वो शरारत से इधर उधर , उसके चेहरे को भी अपने ,...

और गुड्डी के भैया बहुत ध्यान से देख रहे थे। उनके चेहरे को देख के लग रहा था की उन्हें बहुत मजा आ रहा है, ये देखने में।

गुड्डी ने शरारत से उनकी ओर मुस्करा कर देखा जैसे कह रही हो , भैय्या ,… सुबह की बेड टी।

सुबह सुबह, गुड्डी ने उठ के अपने भैया कम भतार ज्यादा के मुंह में एकदम उसी तरह से, जिस तरह से पिक्चर में लड़की लड़के के ऊपर बैठ के, और शरारत थी इनकी साली की, जिसने गुड्डी को उकसा के,

पर रीनू उनकी साली इतनी आसानी से अपने जीजू को छोड़ने वाली नहीं थी , ...

" जीजू , सुबह का स्वाद याद है ,मन नहीं भरा ,... गुड्डी यार एक राउंड हो जाय और ,... "

गुड्डी ने बोतल से सीधे व्हिस्की गटकी नीट और अपनी मीठी भौजी को बोतल पकड़ाती इनसे बोली ,


"भइया मुझे कोई ऐतराज नहीं है , और मैं अपनी मीठी भाभी की क्यों बात टालती नहीं , .... "

लेकिन तब तक सीन बदल गया था , एक लड़का लड़की के मुंह में सीधे ,... और गुड्डी को अपने भइया को चिढ़ाते बोली

" भइया देखिये, सिर्फ लड़कियां ही नहीं लड़के भी ,... "


और वो लड़का थोड़ी दूर से ,... रीनू बोली " स्साले का निशाना कितना पक्का है , गुड्डी तेरे भइया ने कभी तेरे साथ ,... "


गुड्डी ने बुरा सा मुँह बनाया , चेहरा लटका लिया ,

" कहाँ भाभी आपके जीजू तो बस ,... एकदम कंजूस , ... इसमें भी कंजूसी ,.... "

एक बार फिर रीनू इनके ऊपर चढ़ गयी।

" मेरी ननद एकदम सही शिकायत कर रही है , जीजू लगता है आप अपनी बहन को एकदम प्यार नहीं करते , चलिए कल , मेरे सामने ,... पक्का "


पिक्चर में एक से एक सीन थीं ,

इनके सामने एक दो बार मैंने इस तरह की पिक्चर लगाई थीं लेकिन इन्हे एकदम , पसंद नहीं थी, इन्हे सिर्फ स्ट्रेट सेक्स वाली xxx लेकिन आज सबसे ज्यादा मजे ले ले के यही देख रहे थे।

बोल सब रहे थे, सब से ज्यादा लेकिन गुड्डी फिर रीनू ,

एक सीन बाथरूम का था , उसमें तीन लड़के , एक लड़की को ,... गोल्डन शावर ,...

" देखो भइया , अब ,... इसमें लड़के सब एक लड़की के साथ ,... और आप पूछ रहे थे , ऐसा होता है क्या ,... "

गुड्डी ने उन्हें फिर छेड़ा , लेकिन रीनू अबकी अपने जीजू के साथ


" अरे गुड्डी बाई साफ़ साफ़ काहें नहीं कहती तेरा भी मन कर रहा है , मर्द तीन मेरी किशोर ननद अकेली ,...चल हम सब लोग कल साथ साथ नहाएंगे और तेरे साथ एकदम इसी तरह ,...

अजय और कमल जीजू तो एकदम उछल पड़े , हाँ एकदम दोनों ने बोला , पर ये एकदम चुप

पर गुड्डी उनको कोंचती बोली , " भइया आप भी तो बोलो न हाँ या नहीं , बोल न। "




गुड्डी की ओर मुड़कर देखा इन्होने और मुस्करा के बोल दिया , " हाँ , चलो , ... "



आउट डोर सीन भी थे , .. और स्कैट जब सीन आयी तो ये अनकम्फर्टेबल फील कर रहे थे , पर मुझे तो मालूम ही था की जब पहली बार मंजू बाई के यहाँ गए थे तो मंजू और गीता ने मिल कर ,.. कुछ भी नहीं छोड़ा था दोनों ने।




" क्यों मंजू की याद आ रही है क्या , ... " उनके कान में चिढ़ाते हुए मैंने पूछा।



वो बस मुस्करा दिए ,

आज बंद बाथ रूम से जब गुड्डी शरमाती हुयी रीनू के साथ निकली थी , एकदम उसी तरह ,... और मैंने गुड्डी से पूछ लिया , " हे कैसा था स्वाद ,... "

और वो रीनू दोनों साथ साथ मुस्करायीं।



" जंगल में मोर नाचा किसने देखा ,... " मैंने रीनू से शिकायत की।

" चल यार कल मोर तेरे सामने नाचेगा , ... क्यों गुड्डी " रीनू बोली , और गुड्डी ने मुस्करा कर हामी भरी।


-

तब तक एनिमल वाले सीन शुरू हो गए थे , कुत्ता गधा क्या क्या नहीं था ,...



गुड्डी बोली , भाभी गदहों के साथ भी ,...


" यानी कुत्ते के साथ तुझे ऐतराज नहीं है ,... " रीनू ने चिढ़ाया उसे।

" नहीं बात दूसरी है मेरी ननद जिस गली में रहती हैं उसे गदहे वाली गली भी कहते हैं , शुरू में ही एक दो घर धोबी के घर हैं और वहीँ गदहे बंधे रहते हैं , बस बचपन से उनका ,... देख देख कर ललचाती रहती है बेचारी , ... " मैंने मामला साफ़ किया।




ब्ल्यू फिल्म ख़तम हो गयी थी , व्हिस्की की दो बोतलें भी।

" हे चलते हैं आज शाम को कोई पिक्चर देखने , " कोई बोला।
गुड्डी एकदम उछल पड़ी ,

वाह , मजा आएगा , कौन सी पिक्चर, ...उसने कम टू माई शो खोल लिया था

और जीजू ने उसके उभरते हुए उभार कस के मसल कर बोला ,

" अरे गुड्डी रानी ,... कोई सी भी पिक्चर , पिक्चर नहीं पिक्चर हाल इम्पोर्टेन्ट हैं , हाँ एकदम खाली खाली सा , लास्ट रो छह सीटें ,.... हम तुम साथ साथ होंगे तो परदे वाली पिक्चर किसे देखनी है ,... "
 
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Rajizexy

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