Premkumar65
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Wowww ab Gym me bhi kinky ideas lagayengi Komal ji?शावर में गुड्डी का पिछवाड़ा
गुड्डी को अपनी जाँघों पर लिटाकर , पेट के बल वो मेरे पैरों पर , उसके नितम्बों पर साबुन लगा रहा थी।
परफेक्ट बबल बॉटम, खूब गोरे लौंडा मार्का हिप्स , साबुन के झाग से भरे , और फिर पिछवाड़े की दरार , अब एक हल्का सा सुराख वहां दिखने लगा था , पिछले ३६ घंटे में दर्जन भर से ऊपर वहां मूसल चल चुका था , छह सात बार तो उसके भइया ही उसकी गांड मार चुके थे ,.
अपनी तर्जनी में खूब साबुन का झाग लगा के , हलके हलके धीरे धीरे मैं अपनी तर्जनी गोल गोल घुमाते हुए वहां धकेली , पूरे तीन पोर तक अंदर , फिर एक पोर बाहर निकाल कर एक झटके में फिर से पूरी ऊँगली अंदर ,
कमल जीजू की ललचायी निगाह उस टीनेजर के ब्वाइश चूतड़ पपर चिपकी ,
नदीदे , मैं मन ही मन मुस्करायी , सच में पिछवाड़े के असली रसिया , ....
" क्यों जीजू चाहिए , ... "
प्यार से अपनी ननद के गोल गोल बॉटम थपथपाते मैं बोली ,
" नेकी और पूछपूछ ,... " वो बोले और जोड़ा उन्होंने 'सेक्स इन शावर से हॉट क्या होगा , स्साली जी। "
बस अगले पल गुड्डी शावर के नीचे निहुरि और उसके पीछे कमल जीजू का खूंटा घुसा ,
और क्या गाँड़ मरौव्वल हुयी शावर के नीचे, कमल जीजू के गाँड़ मारने की मैं क्या, कई सौ दीवाने थे, लौंडे भी, लौंडिया भी, जिसके इसके पिछवाड़े उनका खूंटा एक बार घुसा वो अगला बार खुद जीजू को देख के निहुर के गाँड़ चियार के तैयार रहता था, लम्बा मोटा तो था उनका मूसल लेकिन जिस तरह से रगड़ रगड़ के, जितना दर्द होता था उतना ही मजा आता था, लेकिन उनसे ज्यादा रीनू की चेली, इनकी बहन कम रखेल ज्यादा, बचपन का माल वो जिस तरह से कभी जीजू को देख, मुड़ के जोर से सिसकती, कभी दांतो से होंठ काट लेती उन्हें दिखा के, कभी अपने छोटे छोटे चूतड़ मटकाती तो कभी पूरी ताकत में कमल जीजू का मोटा लंड निचोड़ लेती, कमल जीजू एकदम पागल,
" ले स्साली ले, घोंट मेरा लौंड़ा, आज तेरी गाँड़ का भोंसड़ा न बना दिया तो, "
पर गुड्डी तो आग में घी डालने में उस्ताद हो गयी थी, मुड़ के कमल जीजू को देख के मुस्करा के आँख मारती हुयी बोली,
" तो बना दीजिये न, मैं कौन मना करने वाली, लेकिन आप को लगता है भोंसडे की बहुत याद आ रही है, बहुत पसंद है भोंसड़ा, किसका , अपनी महतारी का की, चाची का, की बुआ का या मौसी की, महतारी का होगा, वही भोंसड़ी वाली, "
लेकिन गुड्डी की बात पूरी भी नहीं हुयी थी की कमल जीजू ने वो जोरदार धक्का,
पता नहीं क्या बात थी मेरे और मेरी बहनों के ससुराल के सारे मरद महतारी के भोंसडे का नाम सुन के एकदम बौराये सांड हो जाते थे , सब के सब बचपन में अपनी महतारी की ब्रा में, उसके भोंसडे को याद कर के मुट्ठ मारते होंगे और पानी छोड़ के आते होंगे, इनका तो इनकी महतारी ने खुद बताया था,
और कमल जीजू के धक्के का डबल असर हुआ,
एक तो गुड्डी की जोर से चीख निकल गयी और दुसरे ये दोनों लड़के भी दीवाने हो गए, ये अपनी साली के पिछवाड़े के पीछे और अजय मेरे पिछवाड़े के
हम दोनों बहने भी नहीं बचीं , अजय ने मुझे निहुरायाऔर इन्होने अपनी साली को ,
हम तीनो की गांड साथ साथ , शावर में , ...
लेकिन गुड्डी बदमाशी की पुतली ,
आधे घंटे तक पूरी ताकत से कमल जीजू से गांड मरवाने पर भी उसकी शरारत ख़तम नहीं हुयी। हम लोग एक बार फिर से नहा धो रहे थे ,ये और अजय साथ साथ ,
बस गुड्डी ने हैंड शावर का नोजल
सीधे अपने भइया के खुले सुपाड़े पर , तेज तीखी धार और वो नार सीधे पी होल पर अपने भैया के , नतीजा तुरंत सामने आया , खूंटा एकदम खड़ा , ...
लेकिन वो शैतान इतने पर भी नहीं मानी , नोजल अपने भइया के पिछवाड़े के छेद पर भी
और वही नोजल अजय के खूंटे पर भी ,
बस दोनों ने पकड़ कर उसे एक बार फिर से निहुरा लिया , पहले अजय ने शावर में उसकी गांड मारी ,
फिर इन्होने।
हाँ यह कहने की बात नहीं है की नहाने से निकलने के तुरंत बाद , रीनू ने अपनी ननद के पिछवाड़े बट्ट प्लग ठोंक दिया। मेरी बहिनिया बड़ी चालाक, मतलब मेरे मर्द की बहिनिया की गाँड़ तीन तीन मर्दों से मरवाने के बाद जितनी फैली है उतनी ही फैली रहे, फिर से सिकुड़े नहीं
जब तक उन लोगों ने कपडे बदले , गुड्डी और रीनू ने सिर्फ बाथरोब पहने पहले ब्रेकफास्ट टेबल सेट कर दी ,
लेकिन कमल जीजू ने कुछ बोल दिया और गुड्डी का मुंह लटक गया ,
उन्होने कल बताया था की उनके एक दोस्त ने स्पा खोला हैं यहाँ ओनली मेल स्पा , सोना , स्टीम , जाक्युजी , जिम सब कुछ है वहां , तो उसने बहुत रिक्वेस्ट की है इसलिए थोड़ी देर के लिए और ये और अजय भी साथ साथ
( मुझे और रीनू को तो असली मकसद मालूम ही था , ....और मुझसे तो उन्होंने प्रॉमिस किया भी की वो जाने के पहले इनका जेंडर डिस्क्रिमिनेशन ख़तम करा देंगे , वो भी उनके और अजय की तरह लौंडो की नेकर सरका कर , निहुरा कर , ... )
गुड्डी गरम गरम आमलेट सेंक रही थी , लेकिन उसका मुंह उसका इन लोगों की तीन चार घंटे के लिए बाहर जाने की बात सुन कर अभी भी ,...
रीनू उसे चिढ़ा रही थी ,
" यार अभी भी , तीन लोगों ने तेरी गांड मारी , फिर भी तेरा मन नहीं भरा , ... "
गुड्डी उसी तरह मुंह बना के बोली ,
" दिल तो बच्चा है जी , दिल कभी भरा है ,... बस ये दिल मांगे मोर"
तबतक मैंने भी एंट्री ले ली ,
अपनी ननद की उदासी हमसे नहीं देखी जा रही थी , उसका गाल चूमते मैं बोली
" यार आ जाएंगे तीन चार घंटे में ये सब , और जानती हो मेरी सास ने मुझे क्या समझाया था "
" क्या " गुड्डी और रीनू साथ साथ बोले
" बहु ,लोटा और मरद बाहर ही मँजते हैं , ... दिसा मैदान के बाद सुबह सुबह गांव में जो लोग लौटते हैं न अपना लोटा , जिसमें वो पानी ले जाते है ,बाहर ही मांजते हैं , उसी तरह मरद , बाहर जितना भी प्रैक्टिस कर ले , जितने तरह से ,... लौटेगा तो घर में ही तो उसका फायदा भी ,... "
अब गुड्डी मुस्करायी और मैंने उसे फिर चूम लिया।
थोड़ी देर में हम सब ब्रंच ख़तम कर रहे थे. जाने के पहले , कमल जीजू ने प्रॉमिस किया ,... चार घंटे के अंदर ,...लेकिन हम सब दोनों बहनों को मालूम था की शाम के पहले ये तीनो मरद नहीं लौटने वाले, और रीनू मुझे देख के मुस्करा रही थी मतलब, शाम तक गुड्डी बाई सिर्फ हम दोनों बहनों के हवाले, किंक, खिलौने और भी
और लड़कों ने मिलकर न सिर्फ टेबल साफ़ करवाई बल्कि किचेन भी समेट दिया ,
उन के जाने के बाद मैं दरवाजा बंद कर के आयी तो बैडरूम में रीनू ने गुड्डी के सामने खिलौने के सारे डिब्बे खोल दिए थे , सब खिलौने पलंग पर बिखरे थे।