Shetan
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एसपीजी कमांडो. लगता है नांदिया रानी को भी कोई टास्क करवाने वाली हो. और बारिश का मौसम और प्यारे प्यारे गाने. जरूर कोई रोमांटिक धमाका करने वाली हो.जोरू का गुलाम भाग २३३
बारिश और मस्ती
'नहीं नहीं, अरे वो सिविलयन वाला , वॉटरड डाउन वर्जन होता है , मैं कुछ और बोल रही हूँ , इनके एक फ्रेंड हैं मेजर कोहली , एस पी जी में , उन्होंने छह महीने इजरायली कमांडो फ़ोर्स के साथ ट्रेंनिंग की थी और अगले छह महीने तक , उनके साथ आपरेशन में भी , ... हमारे पड़ोस में ही रहते हैं , कभी तू हमारे यहाँ आयी न तो बस हफ्ते भर का क्रैश कोर्स , और तब तक मैं बात कर लुंगी स्काइप पर तुझे वो प्रिलमनरी वर्कआउट बता देंगे " रीनू बोली , फिर उसे कुछ याद आया
" अरे यार तुम दोनों के लिए मैं शलवार सूट लायी थी , लेकिन आने के बाद ,... चलो दिखाती हूँ , " और रीनू ने सूटकेस खोल कर दिखाया।
…..
मुझे कुछ याद आया ,
" हे रीनू तेरे पास भी तो था ऐसा ही। "
एकदम वो भी लायी हूँ ,
और थोड़ी देर में हम तीनों एक जैसे शलवार सूट में ,
मैंने जाकर खिड़की खोली ,
बाहर मस्त बारिश हो रही थी ,
गुड्डी के मुंह से बारिश निकल गया और ,
एलेक्सा हम लोगों को बारिश के गाने सुनाने लगी।
और हम लोग भी कुछ सुर , कुछ बेसुर साथ में ताल देकर गाने लगे ,
तब तक इनका मेसेज आया , हम लोग निकल रहे हैं।
और मैं और रीनू जोर जोर से खिलखिला कर हंस पड़े , मतलब आधे घंटे से पहले वो नहीं निकलेंगे।
प्यार हुआ इकरार हुआ , ये गाना ख़तम हुआ नहीं था की
एलेक्सा ने शुरू कर दिया
ये लड़की भीगी भागी सी , भीगी रातों में जागी सी ,
उसके बाद तो गिन के पूरे दस गाने , गुड्डी वास्तव में सुर में गाती थी , कत्थक के साथ उसने क्लासिकल वोकल भी सीख रखा था।
उन तीनों लोगों के आधे घंटे का का टाइम उसी तरह ख़तम हो गया ,
वाह बारिश और पकोड़े की बात ना आए तो फिर मझा कैसा. लेकिन कमेंट की लास्ट लाइन से एक वर्ड निकल कर 1st मे दे रही हु. भाँग के पकोड़े. वाह. मझा आ गया.भांग की पकौड़ी
तब तक गुड्डी को मूड चढ़ा ,
भाभी इत्ती मस्त बारिश हो रही है , चलो न पकौड़ी बनाओ , और खुद मुझे खींच कर किचेन में ,
रीनू अपना सामान पैक कर रही थी , कल अर्ली मार्निंग निकलना था उन सब लोगों को।
मैं और गुड्डी किचेन में , पकौड़ी के साथ के लिए मैं ताज़ी हरी चटनी पीस रही थी , और गुड्डी रानी बेसन फेंट रही थीं।
" ननद रानी , बारिश में ये पकौड़ी तेरे भाई कम जीजू लोगों की खिलानी है सोच ले , ... "
" एकदम भाभी , ... "
और तब तक गुड्डी ऊपर की शेल्फ से बनारसी भांग के पाउडर का डिब्बा खोल रही थी ,
और जितना मैं डालती , उसका सीधा दूना उस दुष्ट ने बेसन में मिला के फेंट दिया और मुझे देख के खिस्स से मुस्कराने लगी।
चटनी के बाद प्याज आलू और बैगन काटने में मैं उसका साथ दे रही थी।
पकौड़ी तलना शुरू हुई ही थी की वो तीनो लोग दाखिल हुए , एकदम भीगे बिल्ले की तरह ,...
" वाउ पकौड़ी , बारिश में , ... " ये मुस्कराते हुए अंदर आ गए , पर रीनू तब तक बाहर निकल आयी थी , उसने सब लड़कों को बाहर खदेड़ा ,
" हे बारिश में ऐसे भीगे भीगे , चलो बाहर सब लोग , पकौड़ी वहीँ मिलेगी। "
बाहर बरामदे में वास्तव में मौसम ,मस्त हो हो रहा था। अभी भी तेज फुहार पड़ रही थी , हलकी बौछार बरामदे में भी आ रही थी।
लेकिन उनके बाहर निकलने से पहले मैंने फुसफुसा कर पूछ लिया ,
" क्यों जिस काम के लिए गए थे, हुआ। "
मेरा सोना मोना थोड़ा लजाया , थोड़ा मुस्कराया।
" ये लौंडिया की तरह लजाना छोड़, बोल किसी की नेकर सरकायी, निहुराई , धँसाया, ली किसी की ,... " मैं छोड़ने वाले नहीं थी आसानी से ,
" हाँ , ली , ... "
हलके से बोले , पर तब तक उनकी साली हड़काती आयी और वो भी बाहर बरामदे में , वहां कुर्सियां तो लगी ही थीं , वो मेज , क्राकरी लगाने लगी।
अंदर किचेन में मैं और गुड्डी , गुड्डी पकौड़ी छान रही थी , .... मेरी ओर देख के मुस्करा के वो शैतान बोली ,
" भाभी , मैंने कुछ नहीं सुना , न जो आपने पूछा ,... न जो भैया ने बताया। "
मैं मठरी बेल रही थी , बेलन उसकी ओर दिखा के बोली ,
" ये देख रही है , जहाँ अभी तेरे भाई ने किसी लौंडे के घुसाया है न , ... वहीँ मैं तेरे घुसा दूंगी। "
गुड्डी चुप होने वाली नहीं थी , मेरी असली ननद आँख नचाकर , वो शरीर बोली ,
" भाभी , आप भाभ्भी हैं , नन्द के कुछ भी कहीं भी घुसा सकती हैं , ...लेकिन बाहर जो बिचारे तीन तीन मरद बैठे हैं उनके साथ अन्याय नहीं होगा। बेलन तो कभी फिर भी ट्राई कर सकते हैं। "
कुछ देर में हम सब बाहर बैठ कर पकोड़ियां खा रहे थे , मैं गुड्डी और रीनू , ये ,अजय और कमल जीजू।
बारिश खूब झमाझम हो रही थी , बादलों के बावजूद , घूंघट झांकती दुल्हन की तरह कुछ रौशनी आ रही थी।
और गुड्डी झुक झुक कर अपने छोटे छोटे जोबन दिखा दिखा कर , ललचाकर , उकसा कर उन सब को पकौड़ियाँ दे रही थी , ख़ास तौर से अपने भइया को ,
" क्या भइया मैं दे रही हूँ और आप ले नहीं रहे हो , इस पकौड़ी में प्यार पड़ा है मेरा , अच्छा एक मेरे हाथ से ,... "
चार वो आलरेडी खा चुके थे , पांचवी गुड्डी ने जबरन उनके मुंह में ठूंस दी।
और जो गुड्डी प्यार पड़ा होने की बात कर रही थी , उसका मतलब भांग पड़ा होने से था और वो भी डबल डोज।
थोड़ी ही देर में तीनों लड़कों पर असर चालू हो गया , और हम लोगों पर भी।
रीनू को तो अंदाज भी नहीं है , जब वो दो पकौड़ी खा चुकी तो उसने इशारे से मुझसे पूछा
मैंने इशारे से ही हाँ किया और गुड्डी की ओर इशारा किया जो अपने भइया की गोदी में बैठी , अपने होंठों में बैगनी दबाये उन्हें खिला रही थी।
रीनू जोर से मुस्करायी और एक पकौड़ी और गपक ली।
लेकिन कुछ ही देर में असर पूरा हो गया था , इन्होने खींच कर गुड्डी को अपनी गोद में बिठा लिया था , खूंटा एकदम खड़ा ,
Haan, purani JKG bhi lagbhagh yahi pr band ho gyi thi forum down hone se. Do char update ke bad new hoga mere liyeआपने एकदम सही कहा, दोनों जीजू, रीनू वाला यह प्रसंग शुरू हुआ था भाग २१५ से, पृष्ठ ११४४, आ गए जीजू से और चला भाग २३३ तक, पृष्ठ १३९७, करीब करीब १८ भाग और २५० पृष्ठ।
लेकिन सबसे बड़ी बात थी, व्यूज, मित्रों का रिस्पासं।
मैं डर रही थी, सहम रही थी की पता नहीं लोगों को कैसा लगे। एक बार तो मैंने सोचा को इस पार्ट को स्किप ही कर दें, पिछली बार कमल जीजू वाले पार्ट में थोड़ा विवाद सा उठा था लेकिन, इस बार सब ने पढ़ा, सराहा, साथ दिया।
व्यूज उस समय करीब २२ लाख ८० हजार के आस पास थे और अब करीब ३२ लाख, लगभग ९ लाख से ज्यादा लोगों ने इन पोस्टों पर दृष्टिपात किया।
एक दो ' मित्र' इस बार भी आये लेकिन अबकी मैं कुछ ज्यादा सतर्क थी, और मॉडरेटर्स का सहयोग भी था
कहानी अब नए मोड़ पर पहुँच गयी है , करीब करीब वहां जो पिछले फोरम के अंतिम दिन थे, और जो भाग अब एकदम नए हैं या बहुत कम लोगों ने पढ़ा है
जीजा साली वाले इस भाग में भी आधा से ज्यादा नया ही था और फोकस रीनू और गुड्डी पर था।
एक बार फिर से आभार और हाँ
फागुन के दिन चार का नया भाग भी पोस्ट हो गया है उस कहानी के पृष्ठ ३०६ पर और तीनो कहानियां एक नए मोड़ पर खड़ी हैं
साथ देने के लिए आभार, धन्यवाद
अत्याधिक कामुक और गजब की सटीक पंच लाइनों से भरपूर अपडेट..
यूं ही लिखते रहिए..!!
आपको देखकर कितना अच्छा लग रहा है कह नहीं सकती, एकदम लड़कियां आपस में भी तो खेल सकती हैं और खेलने के लिए खिलौने तो चाहिए ही न।
बस बहुत जल्दी इसी हफ्ते आएगी अगली पोस्ट, और एकदम नए ढंग की
आपका मतलब शायद गुड्डी से है, हाँ छुटकी से थोड़ी ही बड़ी है , छुटकी दर्जा नौ वाली और इसने अभी अभी इंटर पास किया, लेकिन खेलने की उम्र तो अभी उसकी भी हैखासकर छुटकी बाली उमरिया वाली ननद...
हाँ एकदमलगता है...
मिसेज मोइत्रा.. उनकी कबूतरियां.. सुजाता वगैरह की कहानी टर्न के साथ-साथ हीं चलेगी...
बारिश का मौसम तो और आग लगाता हैबारिश ने तो शमा और और रंगीन बना दिया...
ऊपर से बारिश से संबंधित गाने...
बरखा रानी जरा जम के बरसो...