Aarti sharma
My behavior is Naughty, i m always Prankish and sa
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haamaare yahan pati ka naam nahi lete aur fir Jiju to Jiju, Jiju ka naam kyaDidi mere jiju ka naam kye hai
I love you jiju
Wah man gae. Kya erotic seen create kiya hai. Barish me dono bahen bhaiya ka seen. Aur Reenu ne bhi bari bari dono bahen bhaiya ko uksaya. Maza aa gaya.टप टप टपका पानी
" भैया , आप तो एकदम भीगे , गीले हो रहे हैं , ... "
" तो चल तुझे भी गीला कर दूँ न ,... :
और गुड्डी को खींच कर बारिश में , ... गुड्डी इस समय सलवार सूट पहने थी लेकिन अंदर ब्रा पैंटी कुछ भी नहीं , और बस थोड़े ही देर में एकदम भीग गयी वो और जोबन का कड़ाव उभार , सब कुछ , दोनों जाँघों के बीच की दरार भी ,
और ऊपर से वो गा भी रही थी ,
टप टप टपका पानी , पानी ने आग लगाई ,...
साथ में इन्हे झुक झुक कर ललचा रही थी , बेचारे ये ललचा रहे थे अपनी भीगी भीगी बहना को देख के, ऊपर से मेरी बहना के कमेंट, उन्हें उकसाते भड़काते
आप सोच सकते हैं कोई इंटर वाली लड़की शोख, बला की खूबसूरत, टीनेजर वो भी मिडल ऑफ़ टीन वाली,
उस शोख की भीगी भीगी कुर्ती देह से एकदम चिपक गयी थी, उसके छोटे छोटे कड़े कड़े जुबना साफ़ साफ़ झलक रहे थे और ऊपर से खड़े निपल, लग रहा था कुर्ती को फाड़ के बाहर निकल जाएंगे, और कभी उन्हें सहलाते, कभी दुलराते, कभी उभार के पकड़ के अपने भैया को ललचाते चिढ़ाते उकसाते गा रही थी,
तेरी दो टकिया की नौकरी मेरा लाखों का सावन जाए, अरे मेरा लाखों का जोबन जाए,
ये भी उसके आस पास, जैसे कोई परवाना दीये की लौ के चारो ओर चक्कर काटे, बस लिबराते ललचाते, ललचा तो ये तबसे रहे थे जब उनकी बहिनिया के जोबन बस कच्चे टिकोरे थे लेकिन ये स्साली झिझक, और अब जाके टूटी थी और ऊपर से उनकी साली और उन्हें चढ़ा रही थी,
रीनू दोनों को उकसा रही थी
" अरे जीजू लूट लो जोबन, बरसते पानी में बहना के जोबन लूटने से ज्यादा मजा किसी चीज में नहीं "
और गुड्डी को भी उसने हड़काया
" और हे, लड्डू दोनों डिब्बे में बंद कर के रखी हो और बेचारे जीजू को ललचा रही हो, हिम्मत हो तो खोल के दिखा रंडी "
बस गुड्डी ने गाते गाते ही इनके आस पास नाचते नाचते अपनी कुर्ती उतार दी और फिर इनसे सट के इनकी शर्ट के भी बटन खोल दीये
और अगले पल ही गुड्डी के हाथों से उसके बचपन के यार की शर्ट और गुड्डी की कुर्ती उतर के एक झटके में, क्या निशाना था, सीधे उसकी मीठी भाभी, रीनू की गोद में और गुड्डी के टिट्स एकदम खड़े, बौराये, अपने भैया के मेल टिट्स को रगड़ते, और अब गुड्डी का एक हाथ भैया के खड़े खूंटे पे ,
हम सब बस देख रहे थे, मैं और कहाँ, कमल जीजू की गोद में, अजय का कैमरा ऑन था और वो वीडियो, स्टील दोनों और रीनू अपने जीजू और ननद दोनों को उकसाने में,
मैं देख नहीं पायी, इनके हाथों से पहले इनकी बहन की शलवार का नाडा खुला या मेरी नन्द ने अपने भैया के पेंट को नीचे सरकाया, लेकिन दोनों साथ साथ सरक के उस गीली मिटटी में
पानी थोड़ा धीमा हो गया था, पेड़ों से धीमे धीमे गिरती बूंदो से मिटटी अब जगह जगह कीचड़ सी हो रही थी लेकिन अब गुड्डी उसी कीचड़ में घुटनों के बल बैठ गयी,
सच में पैदायशी छिनार थी उनकी बहन , मेरी बहन उसे सही बोलती थी,... सात जनम से रंडी,
इनका खूंटा एकदम खड़ा, सुपाड़ा एकदम फूला और खड़ा,
और गुड्डी बस ललचाते हुए अपने भीगे गीले रसीले होंठ खोल के, लम्बी सी मोटी जीभ निकाल के कभी इनके सुपाड़े के आस पास ले जाती तो कभी दूर हटा लेती,
रीनू उसे चढ़ा रही थी,
'चाट रंडी चाट, ,,,चूस रंडी, घोंट ले मेरे जीजू का लंड,'
बेचारे उन की हालत खराब थी, तड़प रहे थे
Wah man gae chhinar ko. Sahi kaha reenu ne. Is pedaishi randi ko sab randi hi bolenge. Par is bar to komaliy nandiya ke pax me hai. Akhir uske asirvad se to unki unse baheniya chudi hai. Dekho kese khuli barish me khule aam unka khoota chus rahi hai.बहन के होंठ, भैया का,...
पानी थोड़ा धीमा हो गया था, पेड़ों से धीमे धीमे गिरती बूंदो से मिटटी अब जगह जगह कीचड़ सी हो रही थी लेकिन अब गुड्डी उसी कीचड़ में घुटनों के बल बैठ गयी,
सच में छिनार थी उनकी बहन , मेरी बहन उसे सही बोलती थी, सात जनम से रंडी,
इनका खूंटा एकदम खड़ा, सुपाड़ा एकदम फूला और खड़ा, और गुड्डी बस ललचाते हुए अपने भीगे गीले रसीले होंठ खोल के, लम्बी सी मोटी जीभ निकाल के कभी इनके सुपाड़े के आस पास ले जाती तो कभी दूर हटा लेती,
रीनू उसे चढ़ा रही थी,
'चाट रंडी चाट, चूस रंडी, ....घोंट ले मेरे जीजू का लंड,'
बेचारे उन की हालत खराब थी, तड़प रहे थे
लेकिन इस बात में मैं अपनी ननद की ओर थी।
वो भी तो चार साल तड़पी थी, इतने सिग्नल दिये थे उनकी बहन ने, झांटे आनी भी नहीं शुरू हुयी थी तब से दोनों ऊँगली से फैला के इन्हे इशारे कर रही थी, दोनों छोटे छोटे बस आते हुए जुबना उभार उभार के,
दूसरा कोई भाई होता तो हाईस्कूल पार नहीं करने देता बिना चोदे,
पर जिसका जो लिखा होता, उसके भाई की नथ मेरे हाथ से उतरना लिखा था सुहागरात के दिन और गुड्डी की फटी तो उसके भाई के ही मोटे लंड से जिसके लिए वो कब से ललचा रही थी, लेकिन इंटर के रिजल्ट के चार दिन बाद इंटरकोर्स हुआ मेरे घर में,
लेकिन अब उनकी साली उनके साथ थी, जिसने उनकी सारी झिझक उनके पिछवाड़े और उनकी बहन के पिछवाड़े पेल दी थी,
" जीजू, पेल दे, स्साली रंडी के मुंह में, पकड़ के ठेल दो रंडी के मुंह में बहुत छिनरपन कर रही है "
रीनू गरजी
और और अब एक बातपक्की थी, अपनी मायकेवालियों के साथ अब वो वही करते थे, जो उनकी ससुरवालियाँ कहती थीं,
बस उस टीनेजर का उन्होंने सर पकड़ा और उसके खुले भीगे इन्तजार करते होंठों के बीच, मेरे सोना मोना ने अपना मोटा खूंटा ठूस दिया
लेकिन मान गयी मैं अपनी ननद को. सच में रंडी, क्या मस्त चूस रही थी, वैक्यूम क्लीनर से मुकाबला करा दो तो वैक्यूम क्लीनर मात,
और साथ में उसकी बाकी देह भी, बड़ी बड़ी स्नेह से भरी आँखे अपने भैया को दुलरा रही थीं, ललचा रही थीं.
लम्बी लम्बी उँगलियाँ कभी बॉल्स को सहला देतीं कभी हलके से दबोच लेतीं, तो कभी नाख़ून उनकी जाँघों को स्क्रैच कर देते तो कभी पीछे गोल दरवाजे की कुण्डी खड़का देते,
मारे जोश के पीछे हलके से अपने बित्ते भर लम्बे बांस को जो उन्होंने खींच के पूरे ताकत से ठेला तो आधे से ज्यादा उनकी बहन के मुंह में, जैसे छोटी मुंह की बोतल में कोई मोटा कार्क जबरदस्ती ठूंस दे,
बेचारी गुड्डी, मेरा मतलब रंडी ( रीनू का हुकुम था सब गुड्डी को रंडी ही बोलेंगे और बहुत हुआ तो गुड्डी बाई ), आँखे बाहर उबली पड़ रही थीं, गाल लाल हो रहा था, लग रहा लंड हलक तक जा पहुंचा है, मुंह से लार की एक दो बूंदे टपक रही थीं, लेकिन जोश में कमी नहीं थी, उसी तरह से वो कस के चूस रही थी और अपनी कोमल कलाई से खखनाती चूड़ियों की आवाज के साथ, अब अपने भैया का लंड भी मुठिया रही थी,
भाई बहन का प्यार हो तो ऐसा, छुप छुप के तो सब भाई बहन चुम्मा चाटी करते हैं,... लेकिन घर के बाहर खुले मैदान में सब के सामने,....बरसती बारिश में
गीता ने लम्बे लम्बे मोटे गाजर गुड्डी के मुंह में पेल करके, गाजर के बाद खीरा छील कर के, जिस से उसकी चेली न सिर्फ नीचे के दोनों छेदो में बल्कि ऊपर से मोटा से मोटा खूंटा घोंट ले, ....और आज वो ट्रेनिंग काम आ रही थी
लेकिन मन तो दोनों का किसी और छेद का कर रहा था
और पहल एक बार फिर उनकी बहन, रंडी, मेरा मतलब गुड्डी बाई ने की, हाथ से गुदगुदी लगाई, पैर में पैर फंसाया, और ये धड़ाम और उनके साथ उनके नीचे उनकी बहन, बहन के चूतड़ कीचड़ में लथपथ
उन्हें तो मौका मिल गया, लंड बेचारा बेचैन था,
भाइयों को तो वैसे भी कोई बहाना चाहिए, बहनों की टांग उठाने के लिए, बस उन्होंने अपनी उस छोटी टीनेजर बहना की टाँगे उठा के अपने कंधे पे रखी ही थी, की उनकी साली चिल्लाई
" अबे बहन के भंडुए वो छेद नहीं,.... गाँड़ मार रंडी की, जरा देखूं आज सच में लौंडों की गाँड़ मारी या
और वो कुछ कहते, उसके पहले गुड्डी ने अपनी मीठी भाभी को आँख मारी, इन्हे धक्का देके हटाया और खुद घोड़ी बन के निहुर गयी, क्या मस्त चूतड़ थे, एकदम ब्वाइश, बबल बॉटम और उसके बीच छिपा, डरा सहमा, एकदम मुश्किल से दिख रहा गोल दरवाजा,
एकदम क्लासिकल गाँड़ मरवाने वाली पोज में, बिचारी की पिछले तीन दिनों में दस बारह बार से ज्यादा ही गाँड़ मारी गयी थी और आधे से ज्यादा बार तो उसके भैया ने ही,
लेकिन मैं सोच रही थी की इनका तो सट्ट से घुस जाएगा, आज दिन भर मोटा वाला बट्ट प्लग मेरी बहन ने गुड्डी बाई की गाँड़ में ठूंस रखा था, लेकिन हुआ नहीं ऐसा
Wah man gae guddi bai ko. Kya bolne lagi hai. Akhir komaliy aur reenu ki sangat ka asar hai. Kya lalcha rahi hai. Maza aa gaya. Is bar guddi ki shararat jabardast hai. Vese thik hi bol rahi hai. Bhahan chod ban gaya. Vada kare ki madarchodo bhi banega. Tabhi to marad banega ashili.गुड्डी बाई का पिछवाड़ा और,..
" अबे बहन के भंडुए वो छेद नहीं, गाँड़ मार रंडी की, "
और वो कुछ कहते, उसके पहले गुड्डी ने अपनी मीठी भाभी को आँख मारी, इन्हे धक्का देके हटाया और खुद घोड़ी बन के निहुर गयी, एकदम क्लासिकल गाँड़ मरवाने वाली पोज में, बिचारी की पिछले तीन दिनों में दस बारह बार से ज्यादा ही गाँड़ मारी गयी थी और आधे से ज्यादा बार तो उसके भैया ने ही,
लेकिन मैं सोच रही थी की इनका तो सट्ट से घुस जाएगा, आज दिन भर मोटा वाला बट्ट प्लग मेरी बहन ने गुड्डी बाई की गाँड़ में ठूंस रखा था,
लेकिन हुआ नहीं ऐसा
एक तो कोई लुब्रिकेंट नहीं,
दूसरे साली ने जान बूझ के जीजा के साथ खेल खेल दिया था, बट्ट प्लग निकालने के बाद जैसे खिलौनों को उसने गुड्डी को समझाया साफ़ करके सूखा के रखें उसी तरह उस टीनेजर की गाँड़ में टाइट अगेन की एक पूरी ट्यूब नोजल से डाल के पिचका दी। दो बूँद काफी होती है, फेविकोल मात। और ऊपर से बोला,
" हे रंडी दस मिनट तक अपनी गाँड़ को खूब भींच के टाइट रख, वरना "
और तीन दिन पहले की बिन चुदी गाँड़ ऐसी, आलमोस्ट टाइट हो गयी गुड्डी बाई की।
जब कमल जीजू के मूसल ने इनकी बहिनिया की मेरी ननदिया की गाँड़ नहीं फाड़ी थी, वैसी,
और ऊपर से उस छिनार गुड्डी बाई ने अपनी दोनों टाँगे चिपका ली और छेद पिछवाड़े का कस के भींच लिया, और हंस के बोली,
" क्यों भैया मजा आया था, ....स्साले चिकने लौंडे की मारने में "
जरा सा वो झेंपे लेकिन कबूल कर लिया, पर गुड्डी आज उन्हें तड़पाने में लगी थी तो फिर बोली,
" अबे स्साले, सुन अगर लेनी है तो एक बात कबूल कर, अभी यहीं सबके सामने, मेरी ...., "
मैं और रीनू जोर से एक दूसरे को देख के मुस्कराये, आज की हम दोनों की संगत के बाद गुड्डी की सोच भी एकदम हम दोनों की तरह सोच रही थी, सेम पेज पर इनकी बहन भी, मेरी बहन भी,
गुड्डी की बूआ, गुड्डी इनकी ममेरी बहन तो उसकी बूआ मतलब इनकी महतारी
और गुड्डी ने सबके सामने इनसे दो चार बार नहीं , दस बार कबूल करवाया की ये मादरचोद बनेंगे और सिर्फ बनेंगे ही नहीं पिछवाड़े का भी खेला होगा और सबके सामने,
मैं और रीनू गुड्डी से दिन भर यही बात तो कर रहे थे, यार बहनचोद तो हर मरद होता है, किस्मत वाले और हिम्मत वाले खुल के आगे बढ़ के बहन का नाडा खोल लेते हैं और बाकी बहन का नाम लेके स्साले मुट्ठ मारते रहते हैं लेकिन असली बात तो मरद को मादरचोद,
अगर गुड्डी छिनार थी ये भी उसका भाई मेरा मरद कम छिनरा नहीं था,
पिछवाड़े वो नहीं पेलने दे रही थी लेकिन उनका एक हाथ उसकी चूची और दूसरा चूत पे और थोड़ी देर में बहिनिया पिघलने लगी, और जब गुड्डी ने कबुलवा लिया थोड़ी सी टाँगे ढीली की, उसी के साथ इन्होने एक साथ अपनी बहन के निपल और क्लिट दोनों में कस के चिकोटी काटी,
वो चिल्लाई,
उसका ध्यान पिछवाड़े के दरवाजे से हटा
और इन्होने सेंध लगा दी, पूरी ताकत से धक्का मारा,
लेकिन वाह क्या सीन था, उस समय तो इतना नहीं दिखा लेकिन अजय जीजू जो रील बना रहे थे, क्या क्लोज अप खींचा उन्होंने, जैसे चींटी की बिल में कोई मोटा कड़ियल सांप जा रहा हो,
बस ज़रा सा सुपाड़ा फंसाने की देर थी,
गुड्डी कसमसा रही थी तड़प रही थी, पर इन्होने कस के दोनों हाथों से उस षोडसी की पतली २४ इंच की कमर पकड़ रखी थी,
और क्या धक्का मारा,
उईईई उईईईईई ओह्ह्ह्ह नहीं नहीं, उफ्फफ्फ्फ़ ओह्ह्ह्हह्ह
गुड्डी जो चीखी तो आधे टाउनशिप में आवाज जरूर गूंजी होगी, एक तो दर्द भरी चीत्कार दूसरे हम सब एकदम खुले में थे
गुड्डी की आँखों के आगे अँधेरा छा गया,
लेकिन मेरा सोना मोना अब सीख गया था की स्साले अगर गाँड़ मारनी है तो दर्द की परवाह करना बंद कर, जितना परपरायेगा, उतना ही,
उनके धक्के लगते ही रहे, लेकिन थोड़ी देर बाद गुड्डी ने भी ताकत बटोरी।
पिछले तीन दिनों में तीन मर्दों से बार बार गाँड़ मरवा के और फिर रीनू की ट्रेनिंग, अब वो भी कभी साथ साथ धक्के लगाती कभी कस के इनका खूंटा अंदर भींच लेती, और मस्ती में ये और कस के कभी उसके गाल काट लेते कभी उसकी चूँची में नाख़ून गड़ा देते,
लेकिन नीचे तो कीचड़ हो ही रहा था, जरा सा गुड्डी फिसली और अपने भैया को लिए दिये कीचड़ में
और अब मड रेसलिंग चालू हो गयी।
Didi iska matlab jiju rat ka baadshah haihaamaare yahan pati ka naam nahi lete aur fir Jiju to Jiju, Jiju ka naam kya
din aur raat men vo farak nahi karate jaise bibi aur saali men nahi karateDidi iska matlab jiju rat ka baadshah hai
Benam baadshah
Love you my handsome jiju