Shetan
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Lo mitting to ho gai. Vo Mumbai darshan karte hue pahoch gae Mumbai gymkhanaबंबई -मंगलवार रात
सेबी -बॉम्बे जिमखाना
सारी की सारी मीटिंग्स बहुत अच्छी हुयी।
लेकिन एयरपोर्ट से कोलाबा पहुँचने में भी टाइम लगता, तो बस उन्होंने बजाय कार से जाने के, एक टैक्सी अँधेरी के लिए और वहां से फास्ट लोकल से चर्च गेट,। शाम का टाइम था इसलिए रश लौटने वालों की थी और उन्हें लोकल में जगह मिल गयी, और चर्च गेट से बॉम्बे जिमखाना।
मीटिंग शुरू होने में अभी पंद्रह मिनट था। बॉम्बे जिमखाना के दरवाजे दिल्ली जिमखाना की तरह मुश्किल से तो नहीं खुलते थे लेकिन तभी भी वह काफी एक्सक्लूसिव था और आजादी के पहले तो बस यूरोपियन के लिए ही रिजर्व था। अभी भी उसकी मेम्बरशिप बहुत मुश्किल से मिलती थी लेकिन उसे सबसे ज्यादा अपील करती उसका आर्किटेक्चर, ओल्ड वर्ड चार्म और क्रिकेट से जुडी हिस्ट्री। और एक बात साल भर में सीख ली थी, काम के समय काम और मजे के समय मजा, पिछले तीन दिन तक तो सिर्फ मजे ही लिए थे लेकिन अब बस जब तक ये परेशानी दूर न हो जाए,
" सर देयर इज अ मेसेज फॉर यू। आप जिन के लिए वेट कर रहे हैं उन्होंने बार में एक कार्नर टेबल बुक करा रखी है "
और थोड़ी देर में, वो आ गया।
प्लीजेंट सरप्राइज।
बॉम्बे जिमखाना ने सेबी से जो आया था , वो इनका जूनियर निकल गया , आई आई एम् बेंगलूर का , उसने बाद में डेरिवेटिस में डॉक्टरेट की थी , और सेबी में डेरिवेटिव ही देखता था , लेकिन स्टॉक मार्केट का भी एकदम एक्सपर्ट , ... उसके साथ तो , उसने बल्कि इन्हे बहुत गाइड भी किया और ये भी की कल जो कम्पनी इन्हे एक्वायर करना चाहती है , मार्केट में इनके शेयर बेचेगी , और कोई नहीं चाहता की बियर अब और आगे बढे , वैसे ही स्टॉक मार्केट की लगी हुयी है।
इनकी चमकी , इन्होने पूछ लिया कौन से लोग मार्केट में मंदी लाने वाले ब्रोकर्स है , और उन्हें चार पांच नाम मिल गए , जो पहला था वो तो मशहूर था , मार्केट में तबाही लाने के लिए , जैसे सांगी बुल में था , वो बीयर में।
उन्हें लग गया की की शायद वो उन्हें एक्वायर करने वाला उसी का इस्तेमाल करे , सेबी वाले से उन्होंने पूछा की क्या वो कुछ देर के लिए उस का ट्रेडंग लाइंसेंस ठप कर सकते हैं ,...
फिर उन लोगों ने चार लोगों की लिस्ट बनायी ,
हाँ सेबी वाले ने बोला की वो इनकी फ़ाइल खंगालेगा , लेकिन अगर इन्हे भी कुछ उन चारों के बारे में पता चलेगा , उन्हें बता दें , पर वो एक साथ नहीं अगर करेंगे तो दोपहर बारह के आस पास , विद इम्मीडिएट एफ्फेक्ट उसके ट्रेडिंग राइट्स ख़तम करेंगे , जब तक वो अपील करेगा , कोर्ट में जाएगा , दिन निकल जाए।
दूसरा टेकओवर बिड वाले कल शर्तिया फाइलिंग करेंगे , उसे सेबी के लोग टालेंगे
और इनकी जो फाइलिंग होगी , अगर कोई तो वो चार बजे तक भी हो जायेगी तो उसे क्लियर कर देंगे , देर रात तक।
लेकिन असली खेल दूसरा था और बात पुरानी दोस्ती के चक्कर में शुरू हो गयी।
शेयर के मामलों में तो सेबी वाला दोस्त ज्यादा हेल्प नहीं कर सकता था, लेकिन मार्केट की इनसाइट उसे जबरदस्त थी, दूसरी अगली मीटिंग उनकी जिन लोगों के साथ थीं, उन सबकी कमजोरी, प्रिफरेंस, किस का काम कहाँ अटका पड़ा है लेकिन सबसे बात थी, फाइलिंग की इन्ट्रीकेसीज और अक्वीजिशन की क्या स्ट्रेटजी होगी, और उनकी अपनी कम्पनी के लीकेज के बारे में,
" देखिये, आपकी कम्पनी में, मुझे लगता है, ....और ये सुनगुन हफ्ते भर से चल रही है की अक्वीजिशन की कोशिश हो रही है, और जब भी अक्वीजिशन होता है तो सबसे पहले टॉप के लोगों के जॉब जाते हैं तो कम से दो तीन लोग आलरेडी उस कम्पनी से हाथ मिला रहा रहे हैं, और सबसे ज्यादा कम्पनी सेक्रेटरी के पास इन्फॉर्मेशन होती हैं, हर एक बोर्ड डायरेक्टर के बारे में भी। तो पहला काम वो कम्पनी शेयर एक्वायर कर के करेगी और उस के साथ ही वो कल ही कोशिश करेगी फाइलिंग कर के बोर्ड डायरेक्टर की मीटिंग को भी साथ बुलाएगी।
" अगर उस के मेजारटी शेयर न हो पाए तो " मैं कल के बारे में सोच रहा था,
" तब भी फाइलिंग कर सकते हैं और बोर्ड डायरेक्टर की मीटिंग बुला सकते हैं। असल में जो इंडिपेंडेंट और गवर्मेंट डायरेक्टर होते हैं वो अक्सर न्यूट्रल होते हैं और बाकी डायरेक्टर में से एक दो को भी जो आपके अपनी कम्पनी के हो उन्हें ब्रेक कर के, बोर्ड मीटिंग में रिजोलुशन पास करा के आपके शेयर का एक बड़ा हिस्सा लो रेट पे बेचने के लिए मजबूर कर सकते हैं। कम्पनी सेक्रेट्री अगर मिली हो तो और आसान होगा। "
इन सब पेचीदगियों का एकदम पता नहीं था इसलिए अगली बात मैंने पूछ ली
" एक्विजिशन के फ़ार्म में उसे क्या भरना होगा "
अपने टैब पे सेबी वाले ने एक स्टैण्डर्ड फ़ार्म दिखाया जिसमे कम्पनी के एक्वायर करने के तरीको में शेयर कब्जा करने के साथ असेट होल्डिंग और मर्जर भी था, जहाँ वो बोर्ड आफ डाइरेक्टर की मीटिंग का वो इस्तेमाल कर सकते थे। वो असेट सेल्स का भी रिजोल्यूशन पास करा सकते थे।
लेकिन सबसे खतरनाक थी टाइम लाइन, अटैक कल ही होना था, कल से शेयर के वो दाम गिराने शुरू करते, अपने बढे हुए स्टेक के हिसाब से फाइलिंग और बोर्ड आफ डायरेक्टर की अर्जेन्ट मीटिंग। कम्पनी सेक्रेटरी मिली होगी तो मीटिंग भी कल ही हो जाएगी और वो या तो अपना स्टेक पेश करेंगे या जो भी बोर्ड आफ डायरेकटर में मिले होंगे, वो मर्जर का प्रासातव पास कर देंगे। उसके बाद परसो पक्का शेयर बढ़ेंगे और वो वो नए डायरेकट के साथ कम्प्लीटली एक्वायर करेगा।
इस मीटिंग में शेड्यूल से पंद्रह बीस मिनट ज्यादा ही टाइम लग गया था, लेकिन एल आई सी की मीटिंग उनके कारपोरेट आफिस में थी जो फ़्लोरा के पास में था, मुश्किल से दस मिनट भी नहीं।
Delhi se mumbai gymkhana kuchh alag lag raha hai. Lagta hai vaha sab ko entey nahi milti. Kisi vishes celebrity jese cricketer ya fimlstar vagera ke lie hi. Ye ab ek nai chunoti aa gai.
Gymkhana ke varnan tarif lagta hai bahot amezing hoga. Par unke lie special table book hai. Wow.
Wow CB to unka junior nikla. Bangalore IIm ka. Amezing. Ab to filar hi kya hai. Yaha to bahot badi help ho gai. Chalo uski company unke lie market me sare bechegi. Sath bahot kuchh gide kar diya. Amezing maza aa gaya.
Sath sath bahot sari information bhi mil gai. Kon he jo market ko girane ki kosis kar raha hai. Sangi bull. Bear me. Dono ne milkar list bana li hai. Wow...
Bat to sahi hai. Semi unki file khangalega. Jab tak legal process cort ke jariye jaenge. Wakt nikal jaega. Dusra take over vale dushra shartiya file bhi rakhenge. Unhe semi sambhal lega. Tal kar. Wow
Ye bhi sahi hai. Puru tarah se to dost problem solve nahi kar sakta. Leakage apni hi company se ho raha hai to use pahele dhudhna chahite.
Wow agar samne majority share hona jaruri hai. Dusri company share acquire karne ki kosis karenge. Ab dekhte hai bord director miting me kya feshla aata hai.
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