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thanks so much for enjoying the post, keep readingSuperb update
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Hello Didi aapke pati ki gand marai ka update nahi diya aapne wo kyu chod diyathanks so much for enjoying the post, keep reading
I came to the site after a long time and read all the pending updates in one go .. just amazing .. keep them writing ..रात बाकी , बात बाकी
ऊपर से मेरी गालियों का असर ,और उस से भी बढ़ के उनकी नमकीन गांड में मेरी ऊँगली का ,
उन्होंने अपनी जीभ मेरे पिछवाड़े की सुरंग में ,...
सिखाया तो उन्हें ये मंजू बाई ने था लेकिन अब एकदम परफेक्ट हो गए थे , जैसे कोई ऊँगली से करोचे वैसे ही उनकी जीभ गांड की अंदरूनी दीवारों पे , ...
मस्ती से मेरी हालत खराब थी।
अगर वो कुछ देर और ऐसे करते रहते तो मेरा झड़ना पक्का था ,लेकिन मेरा प्लान तो कुछ और था ,इसलिए मैंने तुरंत पोजीशन बदली ,उन्हें निहुराया और बोली ,
आँखे बंद ,...
पहले तो मैं उन्हें ब्लाइंडफोल्ड लगाती थी लेकिन अब बस मेरे होंठ काफी थे और मेरे होंठों ने फेविकोल से भी कस के उनकी आँखे चिपका दीं।
उईईईईई , जोर से चीखे वो।
अगली बार चीख पहली बार से भी तेज थी
उईईई उईईईईईई आह्ह्ह्ह।
लेकिन अगर मैं अपने ससुराल वालों /वालियों की चीखों की परवाह करती तो ,...
"स्साले गांडू, मादरचोद, मोटे मोटे मेरे सामने घोंट के, दो ऊँगली में ही चीख रहा है, ... बोल है न मादरचोद तू बनेगा न मादरचोद, बोल वरना अभी पूरी की पूरी ,"
मस्ती से उनका चेहरा तमतमा रहा था , खूंटा एकदम खड़ा मस्ताया, मेरी दो उँगलियाँ जड़ तक उनके पिछवाड़े अंदर तक घुसीं , अंदर बाहर, अंदर बाहर,...
दूसरे हाथ से में उनके बॉल्स को कभी हलके से सहलाती तो कभी दबा देती,
" हाँ,... " उनके मुंह से आवाज निकली,
झुक के प्यार से उनकी पीठ पर चूमते , अपने दोनों कड़े कड़े उभार उनकी पीठ पर सहलाते मैं बोली,
" अरे काहें परेशान हो रहा है, ... तेरी सास हैं न अपनी समधन को पटाने के लिए , तुझे तो बस हचक के उसके भोंसडे में ,... मम्मी ने याद है दो शर्तें बताई थी,... "
और अबकी मैंने तीसरी ऊँगली भी,... वो जोर से चीख उठे,...
" बोल याद है की नहीं " मैंने उनसे कबुलवाया,
" हाँ हाँ याद है " चीखते हुए भी वो बोल पड़े,...
" तो उसमे से पहली शर्त, तू तूने अपने मायके आने के पहले ही पूरी कर ली थी , और रही दूसरी शर्त ,तो बस आलमोस्ट नांव पार है , तूने उसे पटा के ले चलने का प्रोग्राम तो पक्का कर ही लिया है, बस एक बार गुड्डी रानी पहुँच जाए , बोल करेगा न , मम्मी की दूसरी शर्त पूरी , बोल याद है , दूसरी शर्त,... "
मैंने उनके कान में हलके से चुम्मी लेकर धीमे धीमे बोला।
मेरी मम्मी की बात , अपना नाम भूल जाएँ लेकिन मम्मी की छोटी से छोटी बात भी ये नहीं भूल सकते थे और टालने की उनकी बात तो सपने में भी नहीं सोच सकते तो उन्होंने मम्मी की दूसरी शर्त खुद बता दी,...
" गुड्डी को गाभिन करना है , और नौ महीने के बाद,... "
उनकी बात काट के मैं बोली,
" तो करोगे न अपनी बहिनिया को को गाभिन बोल, "
" हाँ, मम्मी की बात,... टाल सकता हूँ क्या,... " वो मुस्कारते बोले,...
पर मैंने एक चपत प्यार से उनके पिछवाड़े लगाई और उँगलियाँ निकाल ली,
" स्साले, मादरचोद, गांडू,... ये क्यों नहीं कहते की मेरी सास की बुर चोदने के लिए तू कुछ भी करेगा, पर यार गलती तेरी भी नहीं है , मेरी सास साली है एकदम मस्त माल , ... लेकिन उसके पहले अपनी छुटकी बहिनिया का नंबर लगाना होगा "
हम दोनों चुप थे ,
चार पांच मिनट बाद हलकी सी आवाज आयी भईया
'भैय्या ,...
वो आवाज जो सपने में भी वो पहचान सकते थे, मैं भी,... उसकी थी।
मैंने उनकी आँखे खोल दी ,
सामने स्क्रीन पर ।
गुड्डी थी ,
I came to the site after a long time and read all the pending updates in one go .. just amazing .. keep them writing ..
I wonder how would you write a story of a husband who's a bit dominant and corrupts/manipulates/mind controls the wife, that would be an interesting read as well .. hope you can come up with one .. sorry if your other stories has it already, i haven't come to reading them yet ..
I'm back
Revo evening mein..
Hello Didi aapke pati ki gand marai ka update nahi diya aapne wo kyu chod diya
First of all thanks for such a detailed reply. And i completely agree with what you wrote about this story and just love it .. i have said it many times, this is the best erotica i have read .. if i may be honest the other stories are not my taste .. but i will surely give it a try.No issues, better late than never. you can start reading them now, at least those which i am posting in this forum, now, three stories are running and you can start browsing,
That was in a lighter mood, but two things are common in my stories.
First no two stories are similar and would never like to repeat. Let me illustrate it with the story you are reading now, it is based on light femdom with a tinge of sisification or what i call a genre of SMTR ( she makes the rules). Why i chose this area? Firstly, although there are any number of stories in English written with Fem dom as main theme and some even have Mother in law as dom. I wanted to fulfill this chasm in Hindi erotica with Indian Milieu. However, i tempered it and ensure that basic affection, love and care on which husband and wife relationship should be based on does not rock. My second story, Mohe rang de is again, husband wife but more slow, lingering with a romance and traditional Indian family life. Third one is based in a rural setting and explores the joy of saawan.
secondly, my all stories are very similar in many respects. They are based in the Eastern UP, use folk songs and rituals, have strong female characters and many times told from the female perspective.
so theme you are suggesting is not my forte, but a writer should try to transcend oneself, so may be one day.
Do keep on reading the story and sharing the views.
Fir se dhire dhire paduga ga sehat khrab ho jayegi pehle hi Bhaut mud mar chuka hukahani shuru se dhire dhire padhiye sab pata chal jaayega
thanks so muchFirst of all thanks for such a detailed reply. And i completely agree with what you wrote about this story and just love it .. i have said it many times, this is the best erotica i have read .. if i may be honest the other stories are not my taste .. but i will surely give it a try.
And would you try and write a Dom story where the husband is a Dom and is kind of similar to this one .. but just the roles reversed a bit.
Do keep writing and waiting for your next update ..