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Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

komaalrani

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जोरू का गुलाम भाग ९८


मेरा सोना मोना










हम दोनों सीढ़ी चढ़ रहे थे ,अपने कमरे में जाने के लिए।

" तुम बहुत दुष्ट हो "

उन्होंने खिलखिलाते हुए मेरे नितम्ब पे एक जोर की चपत मारी और मेरे गाल काटते हुए बोले ,

" मेरी भौजाई को दारु ,... " और खिलखिलाने लगे।

" मॉक टेल ,मास्टर शेफ की अवार्ड विनर , ... असली कारीगरी तो साले तुम्हारी है "

और हँसते हुए मैंने उनके पिछवाड़े एक हाथ जड़ दिया।



" दीदी ,एकदम प्योर वेज कबाब , लहसुन प्याज भी नहीं पड़ा ,... "

मेरी आवाज की नक़ल करते हुए वो खिलखिला पड़े।

" दे बुर ,दे बुर , ... देवर मांगे दे बुर " अबकी मैं अपनी जेठानी की आवाज कॉपी करती हुयी हंसती हुयी बोली।

वो भी हंसने लगे।

" साल्ले माँगा क्यों नहीं बेचारी तुरंत दे देती अपनी बुर , मुझे तेरी कुँवारी नथ सुहागरात में न उतारनी पड़ती " और उन्हें चिढ़ाने के साथ साथ मेरी ऊँगली अब अपने सैयां के नमकीन पिछवाड़े में धंसी , घिस्स मिस्स हो रही थी।

" देर आयद दुरुस्त आयद , मांग तो लिया और तेरी जेठानी ने हाँ भी कर दी। "
मेरी खूब मीठी सी चुम्मी लेते वो बोले।

" चल बुर तू चोदना और कोरी कसी गांड का उद्घाटन मैं करुँगी "


उनके शार्ट से निकाल के खूंटे को मुठियाती मैं बोली।



लंड उनका एकदम तन्नाया। वो कुछ बोलते उसके पहले ही मैंने करेक्शन जारी कर दिया।

लैंड को मुठियाते उनके लंड से ही मैं बोली ,

" अच्छा चल यार गुस्सा न हो , कोरी अनचुदी गांड मारने का मन कर रहा है तेरा ,चल मार लेना आखिर तुझे भी तो पिछवाड़े वाले छेद में आने जाने का रास्ता मालूम होना चाहिए , चल अपनी भौजाई की गांडफाड़ तू देना ,बाद में जब उनकी सैंडविच बनायंगे , न तो तेरे हिस्से बुर मेरे हिस्से उनकी गांड। फाड़ के रख दूंगी ,इत्ते दिन की गांड मराई जो छिनार ने अपने देवर से बचा के रखी थी। लेकिन मारूंगी तो मैं गांड उस बुरचोदि की जरूर। "



बिना बोले उनसे रहा नहीं जाता तो इसलिए उन्होंने बोल दिया ,

और तब तक हम लोग कमरे में पहुँच गए थे

उन्होंने बोल दिया ,

" लेकिन ,... कैसे "

और उन्हें वही पलंग के सहारे निहुरा के मैं बोली,

"ऐसे , जैसे अभी थोड़ी देर में तेरी मारूंगी , अरे सब कुछ जानना जरुरी है क्या ,जब मारूंगी तो देख लेना ,ऐसी चिलायेंगी तेरी भौजी जैसे अपनी सुहागरात में फटने पर न चिल्लाई होंगी। "

शार्ट मैंने उनकी सरका के नीचे कर दी थी और उनके गोल गोल गोरे चिकने बबल बॉटम पर दो हाथ कस के जड़ दिए ,हलके गुलाबी फूल खिल उठे।

मेरी ऊँगली की टिप , पूरी ताकत से उनकी गांड के अंदर ,सटाक।

" एक बार में पूरा पेलना मेरी जेठानी के गांड के अंदर ,नो रहम सहम ,चिल्लाने देना , बहुत गांड मटका मटका के तुझे ललचाती थीं न। "

गोल गोल ऊँगली की टिप उनकी कसी गांड में घुमाती मैं बोली ,और अगले पल उनकी शर्ट भी मैंने खींच के फर्श पर और उन्हें आगे सीधे ,

और और

बीस पच्चीस चुम्मे तो जड़ें ही होंगे उनके मालपूआ ऐसे मीठे मीठे गाल पे। फिर बोली अपने सजन से ,

" यार तू न बहुत बहुत अच्छा है ,बहुत मेरा सोना मोना ,खूब मीठा वाला सोना मोना , आज का दिन तो मैं भूल नहीं सकती ,पहले तो मेरी उस नकचढ़ी ननद से ,

" गुड्डी अपनी चूत दो न मुझे "

और एक बार हम दोनों फिर खिलखिलाने लगे और वो कपड़ों के दुश्मन मेरी साडी उतारने में जुट गए और थोड़ी देर में मैं भी उनकी जैसी थी ,वस्त्रहीन। अब उनके मायके में हमलोगो को इस बात का फरक नहीं पड़ता था की दरवाजा बंद है की नहीं ,कहीं खिड़की खुली तो नहीं है ,कोई सुन तो नहीं लेगा ,

मैं उनकी लीगली वेडेड वाइफ , धर्मपत्नी , मर्जी उनकी जो चाहें करे मेरे साथ ,और किसी से क्या मतलब ,

मेरा सोना मोना , मेरा मुन्ना।

उन्हें अपनी बाँहों में लेकर अपने जोबन उनके सीने पर रगड़ाती मैं बोली ,

" यार आज तूने मेरा जिस तरह से उस छिनार के होंठो से सीधे लेकर ,... रसीली फांक ,,... साले गांडू तेरे मायकेवालियों की फट के हाथ में आ गयी। " और ये कह के उन्हें मैंने बिस्तर पर धकेल दिया ,और उन के ऊपर चढ़ गयी।

" भोंसड़ी के , मादरचोद , जानते हो लेकिन किस बात ने एकदम मुझे तेरी पंखी बना दिया ,... अपने माल को जिस तरह से तूने साल भर के लिए ,और सबसे बढ़ कर उसके घर वालों को भी बस अब चार पांच दिन में ये हमारे साथ , और जानते हो मेरा तो फायदा होगा ही , तुझे तो बंद सील खोलने को मिलेगी ,मंजू बाई ,गीता की मस्ती ,गुड्डी का भी फायदा लेकिन जानते हो सबसे ज्यादा कौन खुश होगा ,... " उनकी आँखों में झाँक के मैंने पूछा।

वो मुस्कराते रहे समझ के ,

और हम दोनों के मुंह से एक साथ निकला ,

" मम्मी ,... "
 

chodumahan

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.....


और मैं और ये कमरे से बाहर निकल आये। रात काफी होचुकी थी।

पर इस उमर में रात सोने के लिए थोड़ी होती है।
सही बात ये जवानी की रातें सोने के थोड़े हीं होती हैं..
जेठानी का तो अभी से मन कर रहा है..
तभी तो देवर का मुठिया रही हैं और देवर का असली मतलब भी समझा रही हैं..
 
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chodumahan

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जोरू का गुलाम भाग ९८


मेरा सोना मोना










हम दोनों सीढ़ी चढ़ रहे थे ,अपने कमरे में जाने के लिए।

" तुम बहुत दुष्ट हो "

उन्होंने खिलखिलाते हुए मेरे नितम्ब पे एक जोर की चपत मारी और मेरे गाल काटते हुए बोले ,


" मेरी भौजाई को दारु ,... " और खिलखिलाने लगे।

" मॉक टेल ,मास्टर शेफ की अवार्ड विनर , ... असली कारीगरी तो साले तुम्हारी है "

और हँसते हुए मैंने उनके पिछवाड़े एक हाथ जड़ दिया।



" दीदी ,एकदम प्योर वेज कबाब , लहसुन प्याज भी नहीं पड़ा ,... "

मेरी आवाज की नक़ल करते हुए वो खिलखिला पड़े।


" दे बुर ,दे बुर , ... देवर मांगे दे बुर " अबकी मैं अपनी जेठानी की आवाज कॉपी करती हुयी हंसती हुयी बोली।

वो भी हंसने लगे।


" साल्ले माँगा क्यों नहीं बेचारी तुरंत दे देती अपनी बुर , मुझे तेरी कुँवारी नथ सुहागरात में न उतारनी पड़ती " और उन्हें चिढ़ाने के साथ साथ मेरी ऊँगली अब अपने सैयां के नमकीन पिछवाड़े में धंसी , घिस्स मिस्स हो रही थी।

" देर आयद दुरुस्त आयद , मांग तो लिया और तेरी जेठानी ने हाँ भी कर दी। "
मेरी खूब मीठी सी चुम्मी लेते वो बोले।


" चल बुर तू चोदना और कोरी कसी गांड का उद्घाटन मैं करुँगी "


उनके शार्ट से निकाल के खूंटे को मुठियाती मैं बोली।



लंड उनका एकदम तन्नाया। वो कुछ बोलते उसके पहले ही मैंने करेक्शन जारी कर दिया।

लैंड को मुठियाते उनके लंड से ही मैं बोली ,

" अच्छा चल यार गुस्सा न हो , कोरी अनचुदी गांड मारने का मन कर रहा है तेरा ,चल मार लेना आखिर तुझे भी तो पिछवाड़े वाले छेद में आने जाने का रास्ता मालूम होना चाहिए , चल अपनी भौजाई की गांडफाड़ तू देना ,बाद में जब उनकी सैंडविच बनायंगे , न तो तेरे हिस्से बुर मेरे हिस्से उनकी गांड। फाड़ के रख दूंगी ,इत्ते दिन की गांड मराई जो छिनार ने अपने देवर से बचा के रखी थी। लेकिन मारूंगी तो मैं गांड उस बुरचोदि की जरूर। "



बिना बोले उनसे रहा नहीं जाता तो इसलिए उन्होंने बोल दिया ,

और तब तक हम लोग कमरे में पहुँच गए थे

उन्होंने बोल दिया ,

" लेकिन ,... कैसे "

और उन्हें वही पलंग के सहारे निहुरा के मैं बोली,

"ऐसे , जैसे अभी थोड़ी देर में तेरी मारूंगी , अरे सब कुछ जानना जरुरी है क्या ,जब मारूंगी तो देख लेना ,ऐसी चिलायेंगी तेरी भौजी जैसे अपनी सुहागरात में फटने पर न चिल्लाई होंगी। "

शार्ट मैंने उनकी सरका के नीचे कर दी थी और उनके गोल गोल गोरे चिकने बबल बॉटम पर दो हाथ कस के जड़ दिए ,हलके गुलाबी फूल खिल उठे।

मेरी ऊँगली की टिप , पूरी ताकत से उनकी गांड के अंदर ,सटाक।

" एक बार में पूरा पेलना मेरी जेठानी के गांड के अंदर ,नो रहम सहम ,चिल्लाने देना , बहुत गांड मटका मटका के तुझे ललचाती थीं न। "

गोल गोल ऊँगली की टिप उनकी कसी गांड में घुमाती मैं बोली ,और अगले पल उनकी शर्ट भी मैंने खींच के फर्श पर और उन्हें आगे सीधे ,

और और

बीस पच्चीस चुम्मे तो जड़ें ही होंगे उनके मालपूआ ऐसे मीठे मीठे गाल पे। फिर बोली अपने सजन से ,

" यार तू न बहुत बहुत अच्छा है ,बहुत मेरा सोना मोना ,खूब मीठा वाला सोना मोना , आज का दिन तो मैं भूल नहीं सकती ,पहले तो मेरी उस नकचढ़ी ननद से ,

" गुड्डी अपनी चूत दो न मुझे "

और एक बार हम दोनों फिर खिलखिलाने लगे और वो कपड़ों के दुश्मन मेरी साडी उतारने में जुट गए और थोड़ी देर में मैं भी उनकी जैसी थी ,वस्त्रहीन। अब उनके मायके में हमलोगो को इस बात का फरक नहीं पड़ता था की दरवाजा बंद है की नहीं ,कहीं खिड़की खुली तो नहीं है ,कोई सुन तो नहीं लेगा ,

मैं उनकी लीगली वेडेड वाइफ , धर्मपत्नी , मर्जी उनकी जो चाहें करे मेरे साथ ,और किसी से क्या मतलब ,

मेरा सोना मोना , मेरा मुन्ना।

उन्हें अपनी बाँहों में लेकर अपने जोबन उनके सीने पर रगड़ाती मैं बोली ,

" यार आज तूने मेरा जिस तरह से उस छिनार के होंठो से सीधे लेकर ,... रसीली फांक ,,... साले गांडू तेरे मायकेवालियों की फट के हाथ में आ गयी। " और ये कह के उन्हें मैंने बिस्तर पर धकेल दिया ,और उन के ऊपर चढ़ गयी।

" भोंसड़ी के , मादरचोद , जानते हो लेकिन किस बात ने एकदम मुझे तेरी पंखी बना दिया ,... अपने माल को जिस तरह से तूने साल भर के लिए ,और सबसे बढ़ कर उसके घर वालों को भी बस अब चार पांच दिन में ये हमारे साथ , और जानते हो मेरा तो फायदा होगा ही , तुझे तो बंद सील खोलने को मिलेगी ,मंजू बाई ,गीता की मस्ती ,गुड्डी का भी फायदा लेकिन जानते हो सबसे ज्यादा कौन खुश होगा ,... " उनकी आँखों में झाँक के मैंने पूछा।

वो मुस्कराते रहे समझ के ,

और हम दोनों के मुंह से एक साथ निकला ,

" मम्मी ,... "
ये हस्बैंड-वाइफ की ठिठोली तो एक अलग रंग भर रही है...

बेसब्री से जेठानी की .... इंतजार में...
 

komaalrani

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सही बात ये जवानी की रातें सोने के थोड़े हीं होती हैं..
जेठानी का तो अभी से मन कर रहा है..
तभी तो देवर का मुठिया रही हैं और देवर का असली मतलब भी समझा रही हैं..
एकदम सही कहा आपने,

वो पांच दिन वाली छुट्टी उनकी, उसके ख़तम होने का वो भी इन्तजार कर रही हैं

और मैं भी, उनके देवर चाहे न चाहें , अबकी उनकी भौजी पर,... वो भी अपने सामने, और फोटो वोटो के साथ,

ताकि सनद रहे और वक्त बेवक्त काम आये।
 

komaalrani

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ये हस्बैंड-वाइफ की ठिठोली तो एक अलग रंग भर रही है...

बेसब्री से जेठानी की .... इंतजार में...
एकदम ठिठोली, छेड़छाड़ का अलग मजा है और अपने सोना मोना के साथ तो और,...
 
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komaalrani

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जोरू का गुलाम भाग ९८


मेरा सोना मोना










हम दोनों सीढ़ी चढ़ रहे थे ,अपने कमरे में जाने के लिए।

" तुम बहुत दुष्ट हो "

उन्होंने खिलखिलाते हुए मेरे नितम्ब पे एक जोर की चपत मारी और मेरे गाल काटते हुए बोले ,


" मेरी भौजाई को दारु ,... " और खिलखिलाने लगे।

" मॉक टेल ,मास्टर शेफ की अवार्ड विनर , ... असली कारीगरी तो साले तुम्हारी है "

और हँसते हुए मैंने उनके पिछवाड़े एक हाथ जड़ दिया।



" दीदी ,एकदम प्योर वेज कबाब , लहसुन प्याज भी नहीं पड़ा ,... "

मेरी आवाज की नक़ल करते हुए वो खिलखिला पड़े।


" दे बुर ,दे बुर , ... देवर मांगे दे बुर " अबकी मैं अपनी जेठानी की आवाज कॉपी करती हुयी हंसती हुयी बोली।

वो भी हंसने लगे।


" साल्ले माँगा क्यों नहीं बेचारी तुरंत दे देती अपनी बुर , मुझे तेरी कुँवारी नथ सुहागरात में न उतारनी पड़ती " और उन्हें चिढ़ाने के साथ साथ मेरी ऊँगली अब अपने सैयां के नमकीन पिछवाड़े में धंसी , घिस्स मिस्स हो रही थी।

" देर आयद दुरुस्त आयद , मांग तो लिया और तेरी जेठानी ने हाँ भी कर दी। "
मेरी खूब मीठी सी चुम्मी लेते वो बोले।


" चल बुर तू चोदना और कोरी कसी गांड का उद्घाटन मैं करुँगी "


उनके शार्ट से निकाल के खूंटे को मुठियाती मैं बोली।



लंड उनका एकदम तन्नाया। वो कुछ बोलते उसके पहले ही मैंने करेक्शन जारी कर दिया।

लैंड को मुठियाते उनके लंड से ही मैं बोली ,

" अच्छा चल यार गुस्सा न हो , कोरी अनचुदी गांड मारने का मन कर रहा है तेरा ,चल मार लेना आखिर तुझे भी तो पिछवाड़े वाले छेद में आने जाने का रास्ता मालूम होना चाहिए , चल अपनी भौजाई की गांडफाड़ तू देना ,बाद में जब उनकी सैंडविच बनायंगे , न तो तेरे हिस्से बुर मेरे हिस्से उनकी गांड। फाड़ के रख दूंगी ,इत्ते दिन की गांड मराई जो छिनार ने अपने देवर से बचा के रखी थी। लेकिन मारूंगी तो मैं गांड उस बुरचोदि की जरूर। "



बिना बोले उनसे रहा नहीं जाता तो इसलिए उन्होंने बोल दिया ,

और तब तक हम लोग कमरे में पहुँच गए थे

उन्होंने बोल दिया ,

" लेकिन ,... कैसे "

और उन्हें वही पलंग के सहारे निहुरा के मैं बोली,

"ऐसे , जैसे अभी थोड़ी देर में तेरी मारूंगी , अरे सब कुछ जानना जरुरी है क्या ,जब मारूंगी तो देख लेना ,ऐसी चिलायेंगी तेरी भौजी जैसे अपनी सुहागरात में फटने पर न चिल्लाई होंगी। "

शार्ट मैंने उनकी सरका के नीचे कर दी थी और उनके गोल गोल गोरे चिकने बबल बॉटम पर दो हाथ कस के जड़ दिए ,हलके गुलाबी फूल खिल उठे।

मेरी ऊँगली की टिप , पूरी ताकत से उनकी गांड के अंदर ,सटाक।

" एक बार में पूरा पेलना मेरी जेठानी के गांड के अंदर ,नो रहम सहम ,चिल्लाने देना , बहुत गांड मटका मटका के तुझे ललचाती थीं न। "

गोल गोल ऊँगली की टिप उनकी कसी गांड में घुमाती मैं बोली ,और अगले पल उनकी शर्ट भी मैंने खींच के फर्श पर और उन्हें आगे सीधे ,

और और

बीस पच्चीस चुम्मे तो जड़ें ही होंगे उनके मालपूआ ऐसे मीठे मीठे गाल पे। फिर बोली अपने सजन से ,

" यार तू न बहुत बहुत अच्छा है ,बहुत मेरा सोना मोना ,खूब मीठा वाला सोना मोना , आज का दिन तो मैं भूल नहीं सकती ,पहले तो मेरी उस नकचढ़ी ननद से ,

" गुड्डी अपनी चूत दो न मुझे "

और एक बार हम दोनों फिर खिलखिलाने लगे और वो कपड़ों के दुश्मन मेरी साडी उतारने में जुट गए और थोड़ी देर में मैं भी उनकी जैसी थी ,वस्त्रहीन। अब उनके मायके में हमलोगो को इस बात का फरक नहीं पड़ता था की दरवाजा बंद है की नहीं ,कहीं खिड़की खुली तो नहीं है ,कोई सुन तो नहीं लेगा ,

मैं उनकी लीगली वेडेड वाइफ , धर्मपत्नी , मर्जी उनकी जो चाहें करे मेरे साथ ,और किसी से क्या मतलब ,

मेरा सोना मोना , मेरा मुन्ना।

उन्हें अपनी बाँहों में लेकर अपने जोबन उनके सीने पर रगड़ाती मैं बोली ,

" यार आज तूने मेरा जिस तरह से उस छिनार के होंठो से सीधे लेकर ,... रसीली फांक ,,... साले गांडू तेरे मायकेवालियों की फट के हाथ में आ गयी। " और ये कह के उन्हें मैंने बिस्तर पर धकेल दिया ,और उन के ऊपर चढ़ गयी।

" भोंसड़ी के , मादरचोद , जानते हो लेकिन किस बात ने एकदम मुझे तेरी पंखी बना दिया ,... अपने माल को जिस तरह से तूने साल भर के लिए ,और सबसे बढ़ कर उसके घर वालों को भी बस अब चार पांच दिन में ये हमारे साथ , और जानते हो मेरा तो फायदा होगा ही , तुझे तो बंद सील खोलने को मिलेगी ,मंजू बाई ,गीता की मस्ती ,गुड्डी का भी फायदा लेकिन जानते हो सबसे ज्यादा कौन खुश होगा ,... " उनकी आँखों में झाँक के मैंने पूछा।

वो मुस्कराते रहे समझ के ,

और हम दोनों के मुंह से एक साथ निकला ,

" मम्मी ,... "
एकदम रोमांचक,

आगे करवाचौथ पर दोनो के बीच के कार्यकलाप का विस्तार पूर्वक वर्णन के इंतज़ार में।
मौका भी, दस्तूर भी
 

Incestlala

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Superb story mast updates
 
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komaalrani

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