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Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

komaalrani

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जोरू का गुलाम भाग २४२, 'कीड़े' और 'कीड़े पकड़ने की मशीन, पृष्ठ १४९१

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भाग २४१ पार्क में,…

बृहस्पति वार -शाम


35,14,010
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हाँ शाम को ये जब आये तो हम दोनों बहुत दिन बाद घूमने गए , एक पार्क था बहुत बड़ा सा, शहर के बाहर,...



और कम्पनी की कार से नहीं, इन्होने किसी की बाइक मांगी, बहुत दिन बाद हम दोनों बाइक पे मैं पीछे चिपक के बैठी, ... और मैं भी मस्ती के मूड में, कुछ इन्हे छेड़ने के लिए कुछ मजे के लिए गुड्डी का स्कर्ट और टॉप पहन लिया था, साडी पहन के बाइक पे चिपक के बैठने का मजा नहीं आता।

और उस पार्क में उन्होंने बहुत कुछ बताया,
--
बताती हूँ

लेकिन पहले पार्क के बारे में बताती हूँ,... काफी हिस्सा खुला, लेकिन काफी हिस्सा पेड़ पौधों से भरा, कुछ पुरानी इमारते भी रही होंगी तो उसी इलाके में उनके दीवालों के साये,... और जिन लड़के लड़कियों को ज्यादा गर्मी चढ़ती थी तो वो उसी दीवाल की आड़ में, शलवार सरका, स्कर्ट उठा,... काम चालू,... आठ दस जोड़े तो हरदम चालू रहते थे, देखकर लोग खुद रास्ता बदल देते थे, चुम्मा चाटी, मीसना रगड़ना तो एकदम खुले में भी, ... और सिर्फ टीनेजर ही नहीं कई बार शादी शुदा जोड़े भी, ... शाम को तो और ज्यादा,...



तो बस हम दोनों भी, इनके बस का तो कुछ था नहीं, लेकिन ऐसे रोमांटिक माहौल में मैंने ही शुरुआत की चुम्मा चाटी की,

ये पति भी न बड़ा अजीब चीज होता है, जिसके पास होता है उसी को पता होता है, और मर्दों को तो एकदम पता नहीं होता, पति के फायदे का। अब रहेंगे तो इतनी खीज मचती है, बार बार कहने पर भी, शर्ट बिस्तर पर पड़ी मिलेगी, टूथपेस्ट के ट्यूब का ढक्क्न हरदम खुला रह जाएगा, तौलिया तो बाहर भूलना ही है, चाय का मग बना के लाएंगे तो कोस्टर नहीं, और कोस्टर ले भी आयंगे तो वापस किचेन में मग रख देंगे पर कोस्टर जहाँ का तहाँ, घर में हर चीज की जगह है, एक बार दो बार दस बार बता दो लेकिन नहीं और सन्डे के दिन तो और,



लेकिन तीन दिन में मैं झेल गयी, जब बिस्तर पर शर्ट नहीं पड़ी थी, टूथपेस्ट का ढक्क्न नहीं खुला था, कोस्टर सही जगह रखा था, एक तिनका भी इधर का उधर नहीं हुआ, इतना ख़राब लग रहा था, बस रोना नहीं आ रहा था और सब हो गया। घर घर ही नहीं लग रहा था,

पति के रहने पर झंझट है, लेकिन न रहने पर, बस रहा नहीं जाता। बार बार लगता है, दरवाजा खुला होगा तब भी कोई घंटी बजायेगा, और आते ही जूता कहीं, मोजा कहीं, शर्ट तो बस सीधे बिस्तर पर और चाय की फरमाइश, लेकिन कोई नहीं आता



और सबसे ज्यादा दिक्कत रात को होती है, स्साली कटती ही नहीं। दो दिन तो चलिए इनकी छुटकी बहिनिया थी तो बस उसे पकड़ के,, वार्ना खाली बिस्तर के बारे में सोच के खराब लगता है पर गनीमत थी की आज ये आ गए।



जी, जी रात में वो सब जो आप सोच रहे हैं वो तो होता ही है, नहीं करेगा तो मैं उसकी माँ बहन, लेकिन उससे भी बहुत जरूरी बातें हैं। चक्कर क्या है इस फोरम में पति पत्नी से ज्यादा तो बाकी सब कहानियां रहती हैं, कुछ तो मैं शेयर कर सकती हूँ,



सबसे बड़ी बात है, रात में अगर नींद न आ रही हो और ये जनाब खरार्टे ले रहे हों, तो बस उठा के, " हे जरा देख के आओ, बाहर वाले दरवाजे को बंद किया की नहीं, और हाँ उठे हो तो फ्रिज में दूध भी रख देना " जब की अच्छी तरह से याद हो की मैंने खुद दरवाजा भी बंद किया है और दूध भी रखा है, फिर रात में उठा के, किसी की बुराई करनी हो, खास तौर से इनके मायके वालों /वालियों की, कई हफ्ते बाद पड़ने वाले किसी काम की याद दिलाना ही



और मैं तो जुडिसियरी और क़ानून दोनों में विश्वास रखती हूँ, इसलिए मैं भी मानती हूँ की मैराइटल रेप अपराध नहीं है और अगर अपराध नहीं है तो करने में क्या हर्ज है, फिर ये कहाँ लिखा है की सिर्फ पति ही कर सकता है, और वैसे भी रेप शेप इनके बस का नहीं तो मैं ही हफ्ते में दो चार बार मैराइटल रेप कर ही देती हूँ, ये भी सीख जायेंगे तो इनके मायके में बहुत सी छिपकलियां है, उनका शिकार भी इन्ही से,



तो आज जब से इनके वापस आने की खबर मिली थी तभी से बहुत अच्छा लग रहा था, हाँ एक बात और, ये एक नियम है की पति से कभी नहीं कहा जाता की तेरे साथ अच्छा लग रहा है, उसका काम है समझे। क्या अच्छा लगता है क्या बुरा उसकी बीबी को, और हाँ पति के साथ नेसेसरी अल्टेरशन करना भी जरूरी होता है, भले २०-२५ साल मायके वालियों के साथ रहे लेकिन उसके बाद के ५०-६० साल तो मेरे साथ कटाने हैं तो फिर अपनी पसंद के हिसाब से, और पसंद से ज्यादा पहले से अलग लगाना चाहिए, मूंछे हो तो क्लीन शेव्ड, वेजिटेरियन हो नॉन -वेज, उसके घर वालों को पता चल जाये,



लेकिन मेरा वाला कुछ ज्यादा ही सीधा है, और जब उन्होंने कहा की शाम को बाहर चलते हैं तो मैं भी एकदम रोमांटिक मूड में आ गयी और फिर बाइक पे बैठ के तो और

और बाइक में तो रोमांटिक होने का हक बनता है, शादी के शुरू के दिनों में, इनके मायके में तो शुरू शुरू के दिनों में, न तुम हमें जानो, न हम तुम्हे जानो टाइप, रात भर ये लड़का चढ़ा रहता था लेकिन अपनी माँ और भौजाई के सामने, एकदम अच्छा बच्चा, बस दूर दूर से ललचाता, खैर छोड़िये उन दिनों की बातों को, कित्ती बार to बता चुकी हूँ, लेकिन जब इनकी पोस्टिंग पे जिद्द करके इनके साथ आयी, पहले तो एक पुराना सा लम्ब्रेटा स्कूटर, फिर वो गया और बाइक आयी, और पीछे चिपक के, जितना ये शर्माते, उतना मैं और चिपकती, कभी चुपके से कान पे इनके चुम्मी ले लेती तो कभी गले के पिछले हिस्से पे, पहली रात को ही मुझे मालूम पड़ गया था मेरे जुबना का जादू, तो कभी खूब लो कट ब्लाउज तो कभी टाइट कुरता, और पीछे से बरछी धँसाते,



धीरे धीरे इनकी हिम्मत बढ़ी, मेरी और बढ़ी, तो बस मेरी लालची उँगलियाँ, बिच्छू की तरह इनके जींस के ऊपरी हिस्से पर भी बाइक पर डोलने लगती, अगल बगल जब कभी खेत देखती, बाग़ देखती तो इन्हे उकसाती भी, ' हे थोड़ी सी पेट पूजा, कहीं भी, कभी भी "



लेकिन बात चुम्मा चाटी से आगे कभी बढ़ी नहीं। लेकिन आज मैं ज्यादा ही गरमाई थी। तीन दिन से उपवास, ये जनाब गायब थे और असल में इनके साथ तो हफ्ते भर से ऊपर कुछ नहीं हुआ, और इतना लम्बा इस लौंडे के साथ गैप शादी के बाद पहली बार हुआ था, पीरियड में ये बेचारा बहुत तड़पता था तो लिप सर्विस तो मैं दे ही देती थी, और एक एक बूँद इसको दिखा के गड़प कर जाती, लेकिन हम बहनों का जो रूल था की साली का पहला हक़ तो तीन दिन रीनू और जीजू लोग थे तो इनके साथ इनकी बहन ने और मेरी बहन ने मस्ती की, मैं ललचा भी नहीं सकती थी।

वो मजा कार में कभी नहीं आता जो बाइक में अपने मर्द के पीछे चिपक के बैठने में आता है, और आज मौसम भी जबरदस्त था, टी ठंडी थदनि हवा चल रही थी, खरगोश ऐसे दो चार बादल आसमान में हमारे साथ साथ चल रहे थे, कभी हम आगे हो जाते, कभी बादल, दोनों और पेड़ों की कतारें और उसके बाद खेत, पार्क शहर से थोड़ा सा दूर पड़ता था, मैं गुनगुना रही थी



हवा के संग संग



और ये भी साथ दे रहे थे,

कस के एक बार जोबना का धक्का मार के मैंने हाथ बढ़ा के सीधे ' मोटू ' के ऊपर, थोड़ा सोया थोड़ा जगा कस के मैंने दबा दिया और चिढ़ाते हुए बोली,

" जागो सोने वालों, बहुत आराम कर लिए तीन दिन, अब ओवरटाइम करना होगा बच्चू। आज तो तेरी मैं ले के रहूंगी, नीले गगन के टेल, मरद मेरा, मोटू मेरा मैं चाहे जो करूँ "

और आज बजाय झिझकने के वो भी गरमाये थे। ठुनक कर मोटू ने अपना इरादा बता दिया, लेकिन जब मैं पहली रात नहीं डरी, खुद अपने हाथ से इनका पाजामे का फंसा हुआ नाड़ा खोला तो आज क्या घबड़ाती।

और थोड़ी देर में हम दोनों दीवाल की आड़ में, इनकी गोद में मैं बैठी,

दुष्ट खूंटा खड़ा मेरे पिछवाड़े घुसने की कोशिश कर रहा था. अब अपनी भौजाई बहन और साली की गाँड़ मार मार के उसे भी पिछवाड़े का मजा मिल गया था, और मैं और अपने चूतड़ से रगड़ रगड़ के उसे और तंग कर रही थी,...



और उन्होंने बात शुरू की, ‘बम्बई विजय’ में उन्होंने घर को, मुझे गुड्डी को. एकदम दूर ही रखा था,... लेकिन अब

खतरे घर के आस पास आ गए थे तो उन्होंने बात शुरू की,..



खतरों की, घर पे क्या हो रहा है क्या करना है।



" अबे मादरचोद, शुरू से बता,... " उनका गाल काट के मैं कान में बोली,..
 
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बृहस्पति वार -सुबह - बम्बई - एयरपोर्ट
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शक तो इन्हे भी था की लड़ाई अभी खतम नहीं हुयी है, और बंबई से निकलने के पहले ही उन्होंने कुछ काउंटर स्टेप्स ले भी लिए थे, पर असली खतरों का अंदाज पता चला, एयरपोर्ट पर,

जब वो बोर्डिंग पास ले रहे थे, काउंटर पर तो बोर्डिंग पास वाली लड़की ने उनसे कहा,

मैं रोक नहीं पायी टोकने से, ... " मम्मे कित्ते बड़े थे उसके, ... "

" छोटे थे, गुड्डी की साइज के रहे होंगे, "
मुस्कराते हुए उन्होंने कबूला। और इशारा भी समझ गए उनके हाथ अब मेरे टॉप में मेरे कबूतरों की हाल चाल ले रहे थे, ... और चालू रहे,

तो उस लड़की ने कहा, सर आपको अपग्रेड कर दिया गया है, आपको बिजनेस क्लास का बोर्डिंग पास मिल रहा है, और फ्लाइट आधे घंटे लेट है तो आप बिजनेस क्लास के लाउंज में वेट कर लीजिये,
और जब लाउंज में पहुंचे तो अपग्रेड का राज खुला, ...

वही जो दिल्ली जिमखाना में मिले थे, लाउंज में बैठे थे, इन्हे लगा की ‘बम्बई विजय’ की इन्हे बधाई मिलेगी
लेकिन वहां तो न तुम हमें जानों न तुम हमें जानो वाला मामला था. उन सज्जन के चेहरे पर इन्हे पहचानने का कोई निशान भी नहीं था,... ये बगल के सोफे पर बैठ गए, कोई मैगजीन देखने लगे, और वो जिमखाने वाले किसी से फोन पर बात कर रहे थे, लम्बी बात और जो इस उमर के लोग करते हैं, लगता है जिससे वो बात कर रहे थे और वो जिमखाने वाले, भी प्रोस्ट्रेट और बहुमूत्र के शिकार थे। बार बार बात इसी की हो रही थी की अक्सर वाशरुम जाना पड़ता है, एयरपोर्ट तो ठीक है वहां लाउंज में कम से कम साफ़ हाइजीनिक,...

और अब उनकी बत्ती जली,


उनका हाथ मेरे टॉप में था तो मेरा हाथ कैसे बाहर रहता, वो भी इनके पैंट के अंदर तन्नाए हुए, ...

एक झटके में सुपाड़ा खुल गया, मैंने हड़काया,

"स्साले तेरी बत्ती हरदम देर से जलती है, तो अनारकली ऑफ़ आजमगढ़ तेरी बहिनिया दर्जा नौ से लाइन दे रही थी और तुझे चार साल लगा बहनचोद बनने में,..."

इन्होने चूम के मेरा मुंह बंद करा दिया और अपनी बात जारी रखी,...

वो समझ गए फोन वोन स्साली नौटंकी है और उन्हें इशारा किया जा रहा है बाथरूम जाने के लिए, सु सु आयी हो न आयी हो,...

और वो बाथरूम गए, जबरदस्ती का, हाथ वाथ धोया, ... और लौटे तो जिमखाने वाले अभी भी फोन पे बात कर रहे थे, हाँ अभी जा रहा हूँ जरा बाथरूम, पहुँच के बात करूँगा।



और इनसे पहली बार बोले,... वो इकोनॉमिस्ट आपके टेबल पे है जरा इधर कर दीजियेगा,... और जो टाइम मैगजीन वो खोल के रखे थे इनकी ओर बढ़ा दी.

वो बाथरूम चले गए और ये टाइम मैगजीन खोल के देखने लगे, और वही पन्ना खुला जो जिमखाने वाले देख रहे थे, वो कत्तई टाइम मैगजीन का नहीं था, दो पेज पेपर वही प्रिंटिंग वही, लेकिन हलके से लूज और उसमें इनके लिए इंस्ट्रक्शन थे, बिंदुवार

१. आपका सर्वेलेंस हो रहा है, कौन कर रहा है अभी तक पता नहीं चला। लेकिन आप इसी तरह बिहैव करियेगा की आप को इस सर्विलेंस के बारे में पता नहीं है।

२. यह सर्वेलेंस कई टाइप का है, आपकी सारी डिवाइसेज की सायबर हैकिंग के साथ, फिजिकल फॉलो भी किया जा रहा है। चांसेज हैं आपके घर की भी फिजिकल सर्वेलेंस हो रही हो, आपके घर में आपके आफिस में यहाँ तक की कोई एयरपोर्ट पर धक्का देकर आपके कपड़ों में भी बग चिपका सकता है। लेकिन आपको यही लगने देना है की आपको इन हरकतों का अंदाजा नहीं है।

३. आपरेशन से जुडी बातें किसी से भी न करें अपनी कंपनी के लोगों से भी नहीं।

४. अगले २०-२५ दिन तक अपने शहर में या उसके २०-२५ किलोमीटर तक ही रहें, जिससे सरवायलन्स वालों को कोई और शक न हो।



५. दिन में एक से दो बार ही जहाँ एकदम सिक्योर कम्युनिकेशन वहीँ से बात करें वो भी डेढ़ से दो मिनट से ज्यादा नहीं। कोशिश करें की डाटा ही अपलोड या डाउनलोड करें वो भी एकदम सीक्रेट और सिक्योर तरीके से.

६. घर में और आफिस में नार्मल ढंग से बिहेव करें, अभी उन्हें थोड़ा बहुत ही शक है लेकिन वो सर्वेलेंस कर के चेक करना चाहते हैं की बॉम्बे ऑपरेशन के साथ कौन जुड़ा था, और इन के तार विदेशों से जुड़े हैं जो एकदम प्रोफेशनल है।

७. साथ में ये भी पता करने की कोशिश करें की बग कहाँ है जिससे डिसइन्फोर्मशन के लिए उन लोकेशन का इस्तेमाल किया जा सके. आपके शहर में उनके रिसोर्सेज लिमिटेड होंगे पर तब भी वो आपको, आपकी पत्नी को, घर और आफिस पर पूरी तरह कंसन्ट्रेट करेंगे। इसलिए इन जगहों से और इन से जुडी कम्युनिकेशन डिवाइस से कोई भी सेनिस्टिव कम्युनिकेशन न करें। चांसेज है आपकी अपनी कार, आफिस की कार में भी सरवायलंस डिवाइस होंगी।

८. आपको जो दो फोन दिए गए थे, रेड और ग्रीन वाले, उन्हें एयरपोर्ट पर ही अलग अलग गार्बेज बिन में डाल दें।

९. इस लाउंज में और एयरपोर्ट के सिक्योरटी कैमेरे की फीड हो सकता है उन्होंने हैक कर ली हो , इसलिए एकदम नार्मल बिहैव करिये,...

१०. आपको या आपके परिवार में किसी को कोई फिजिकल खतरा नहीं है, वो सिर्फ आपका मूवमेंट और कम्युनिकेशन, बिहेवियर पैटर्न वाच करेंगे, उसकी रेगुलर एनलिसिस हो सकता है उनकी स्ट्रेटजिक टीम जिसमे बिहेवियर पैटर्न के एक्सपर्ट भी होंगे कर रहे होंगे और उससे वो आपका थ्रेट पैटर्न, असेस करेंगे।



जैसे इन्होने पढ़ के पूरा किया वो जिमखाने वाले, वाशरुम से निकल आये और इनसे बोले,...



लगता है आप वाशरूम में अपना फोन भूल आये थे,...

एकदम इन्ही के आई फोन का मॉडल पुराना धुराना।

थैंक्स बोल के इन्होने फोन रख लिया, ये अच्छी तरह समझ गए थे, लाउंज में भी वाशरूम में तो कोई सर्वेलेंस कैमरा होगा नहीं, इसलिए उन सज्जन ने बिना इनसे बात किये वाशरूम का इंडिकेशन दिया, और अगर कोई ये फीड देखेगा भी तो उन दोनों लोगों को लिंक नहीं कर पायेगा।

अब वो सज्जन फिर फोन पर लग गए थे और शायद घर बात कर रहे थे,

" हाँ अब फ्लाइट लम्बी हो छोटी हो, मोबाइल है न , एयरप्लेन मोड में डिटरबेंस नहीं और मैं तो एक दो किताबे डाउनलोड कर के रखता हूँ, बस टाइम का सही इस्तेमाल, वैसे तो किताब पढ़ने का टाइम नहीं मिलता,... "



और ये समझ गए की ये बात भी इन्ही के फायदे के लिए हो रही है। टाइम मैगजीन में ब्रा पैंटी पहने लड़कियों की तस्वीरें तो होती नहीं एक दो पन्ने पलटने के



बाद उन्होंने उसे रख दिया, तबतक लाउंज की होस्ट लड़की आ गयी और टाइम ले जाके मैगजीन होल्डर में, और जिस तरह इन की निगाह वहां रही मैगजीन पर घूम रही थी, स्पोर्ट्स इलस्ट्रेटेड स्विम सूट राउंड था इन्हे ले आ के मुस्कराते हुए पकड़ा दिया।


ये कुछ टाइम मैगजीन के उन पन्नों के बारे में सोचते बोलते, उस के पहले उन जिमखाना वाले ने उस होस्टेस लड़की से बोला एक्सक्यूज मी , टाइम और फोन पर किसी से बोले अभी टाइम मैगज़ीन में देखकर क्रासवर्ड का आंसर बताता हूँ,

वो एक बार फिर से टाइम मैगजीन में और ये स्पोर्ट्स के स्विम सूट की बिकनियों में,



लेकिन तब तक थोड़ी देर में वो होस्टेस इनके पास आयी और बोली,

" आप के प्लेन के काल हो गयी, सिक्योरटी चेक में आप जिधर क्र्यू की चेकिंग होती है बिजनेस क्लास भी वहीँ " उसके बाहर जाने के बाद ये उठे अपनी अटैची ले के, और बाहर निकल ही रहे थे, की उन जिमखाना वाले ने टोका,

" एक्सक्यूज मी आपका ये बैग छूट रहा है "

एक छोटा सा लटकाने वाला पाउच था, एक बार फिर थैंक्स बोल के ये सीधे चेक वेक कर के फ्लाइट में और प्लेन उड़ने के बाद ही उन्होंने वो डिवाइस खोली जो फोन कह के उन्हें पकड़ाई गयी थी।
 
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. मस्ती पार्क में
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लेकिन तभी मैंने देखा एक दो लोग चक्कर काट रहे थे,

बात सही थी. आड़ का फायदा उठा के सिर्फ गोद में बैठा के बात थोड़े ही करते हैं, अगर इतना पीछे पड़ने वालों का खतरा था, तो हम लोगों को भी काम चालू कर देना चाहिए

और एक लड़की लड़का जिनका बाइक हम लोगों की बाइक के साथ ही घुसी थी,... वो लड़की अपना स्कूल का टॉप स्कर्ट में घुसाती, टाँगे फैलाये, वापस लौट रही थी, खुश मुस्कराती। मतलब कार्यक्रम सफल रहा, गुड्डी से भी छोटी रही होगी, मुस्कराते हुए उसने मेरी ओर देखा और मैंने अंगूठे और तर्जनी को जोड़ के गोल छेद का इशारा किया और ऑलमोस्ट खिखिलाते हुए, उसने मुझे भी थम्स अप का संकेत दिया

और यहाँ कार्यक्रम अभी शुरू भी नहीं हुआ था, ...

सब कुछ मैं इनके बस पर थोड़े ही छोड़ सकती, स्कर्ट अपनी कमर के ऊपर मैंने समेटी, पैंट इनकी थोड़ी नीचे सरकायी और मूसल बाहर, ढक्कन न मैंने नीचे लगाया था न ऊपर, और तिझरिया में सरसों का तेल ढूंढने के चक्कर में जो टाइम लगा, आफिस से फोन आ गया, मेरा पिछवाड़ा बच गया, इसलिए मैं इस बार पहले से अंजुरी भर तेल अगवाड़े पिछवाड़े लगा के आयी थी।

मेरी चूतड़ की रगड़ाई का असर, ... और मैंने ही पकड़ के सेंटर भी किया,

गप्प,... सुपाड़ा अंदर चला गया, ... कितना अच्छा लगा बता नहीं सकती, कित्ते दिन बाद ऐसे खुले में साजन की गोद में साजन का खूंटा

कंट्रोल मैंने अपने हाथ में ले लिया था, जैसे शादी के बाद से ही इनकी हर चीज का कंट्रोल

अच्छा हुआ मैं अंदर तक कडुवा तेल चुपड़ के आयी थी, मोटू का मोटा सर गप्प से घुस गया, और मेरी गुलाबो उसे निचोड़ कर दबोच कर मजे ले रही थी, जल्दी न मुझे थी न इन्हे ने मेरी गुलाबो को, स्कूल के लड़के लड़कियों की तरह नहीं जो कम से कम पांच छह इस समय पार्क के अलग अलग कोने में यही काम कर रहे थे,

और मैंने टॉप भी अपना उठा दिया,

मेरे दोनों जुबना खुल के बाहर आ गए।

मैंने साजन का एक हाथ पकड़ के उन पे, दूसरे हाथ से ये मेरी पीठ पकड़े थे और एक हाथ से मैंने इनकी पीठ को पकड़ रखा था। हम दोनों एक पुरानी टूटी दीवाल के सहारे बैठे थे, करीब पांच छ फिट ऊँची रही होगी , पास ही में आम और पाकुड़ के दो चार पेड़ भी थी और सामने एक ऊँची सी हेज थी, इसलिए जब तक कोई ध्यान से न देखे, बस ये पता लगता की एक यंग कपल बैठे हैं, लड़की मर्द की गोद में है, लेकिन ज्यादातर लड़कियों के इस पार्क में बैठने का तरीका यही था, जो आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं कर पा रहे थे, उन जोड़ो ने भी लड़की को गोद में बैठा के अंदर हाथ डाल के मजे तो ले ही रहे थे।



मैंने थोड़ा सा कर जोड़ लगाया, हलके से उन्होंने भी नीचे से धक्का दिया, और पांच छह धक्के के बाद, करीब आधा चार पांच इंच तो घुस ही गया। लेकिन इतने दिनों में मैं बीसो तरीके सीख चुकी थी, कोई जरूरी नहीं है की धक्के ऊपर नीचे से ही दिए जाए, मैं कभी गोल गोल हलके हलके चक्कर काटती, तो कभी दाएं बाएं, मेरी प्रेमगली का कोई कोना नहीं बच रहा था जो अच्छे से रगड़ नहीं रहा था और ये भी अब पूरे मस्ती में, कभी गाल चूमते, कभी झुक के होंठ जोबन का रस लेते, मुझसे पहले ये भूल गए थे की हम दोनों घर में नहीं पार्क में हैं

और जब ये ऐसे मस्ती में चुदाई करते थे तो मैं भी पागल हो जाती थी, और इस तरह खुले में पार्क में, नील आसमान के नीचे, जब हवा हम दोनों की देह को सहला रही थी, चिड़ियों की आवाजें हमें और उकसा रही थी, और खस तौर से जवान हो रहे लड़के लड़कियां, जो बीच बीच में जगह की तलश में इधर उधर दिख रहे थे ,

जहाँ हम लोग चालू थे, वहां पास में ही स्कूल की एक लड़की, लड़का, और स्कूल यूनिफार्म से ही लग रहा था, स्कूल बंक कर के आये थे दोनों, लड़की ज्यादा जोश में लग रही थी, लड़का थोड़ा झिझक रहा था, और मुझे बदमाशी सूझी, मैंने इन्हे हलके से धक्का दिया, और ये दोनों हाथों के सहारे बस हरी घास पे और मैं ऊपर, एकदम वीमेन ऑन टॉप वाली पोजीशन में, और मैंने जोर से गरियाया, " स्साले आज तेरे सारे खानदान को चोद के रख दूंगी, चुदवाने के लिए आये हैं तो खुल के मजे ले न "

और अब उस लड़की लड़के का ध्यान मेरी ओर, ये तो जमीन पर लेटे थे, और मैंने कमर थोड़ी सी ऊपर की, इनका बित्ते भर का मेरी कलाई से भी मोटा खूंटा मेरी बिल से धीरे धीरे बाहर आया, सुपाड़ा अभी भी अंदर था, मेरे जोबन खुले,



और उस लड़की ने, जो अब तक अपने ब्वाय फ्रेंड के जींस के ऊपर से सहला रही थी, रगड़ रही थी, झट्ट से ज़िप खोली और सोया जागा खूंटा मुंह में गप्प कर लिया, और उस लड़के को हम लोगो की ओर इशारा किया, और मुंह में लेने से पहले बोली,

" देख न यार, इत्ते मुश्किल से तो आये हैं, तो मजे ले ले, "



और जहाँ हम लोग लेटे थे बस थोड़ी ही दूर पे एक झाडी में वो भी जोड़ा चालू हो गया।

लेकिन उसकी आवाज सुन के वो दोनों जो थोड़ी देर पहले तांक झाँक कर रहे थे, लग रहा था उस दीवाल के पीछे बैठ के हम लोगो की बात सुनने की कोशिश में थे, और अभी अपनी जगह बना रहे थे , एकदम खड़े हो गए और उनके फिर से बैठने के पहले मैंने देख लिया और इन्हे भी अंदाज हो गया, और ये भी बैठ के



और एक बार फिर से मैं इनकी गोद में बैठी, धक्को में कोई कमी नहीं आयी थी

लेकिन वो उस फोन नुमा चीज में दिखाना चाहते थे कुछ अब वो काम कैसे होता,... जो स्साले इनके पीछे पड़े थे, उन्होंने एक असेसमेंट रिपोर्ट बनायीं थी इनके बारे में, दो तीन दिन पहले की ही , और वो पूरी की पूरी हैक हो के इस फोन नुमा चीज में थी, जिसे पढ़ना भी जरूर था,... आज के जमाने में लड़की के पास मोबाइल हो और हेड फोन न और वो भी कार्डलेस,...

यार चल जरा म्यूजिक की ताल पे मस्ती करते हैं, लगा न वो भोजपुरी सात आइटम वाला

मैंने देखा की उस रिपोर्ट को आडियो में सुनने का भी जुगाड़ था, बस एक ईयर फोन मैंने इनके कान में घुसाया और एक अपने अपने कान में, फोन इनकी शर्ट के जेब में खोंसा सुन हम दोनों रिपोर्ट रहे थे लेकिन मैं ऐसे झूम रही थी जैसे वो गाना सुन रही हों, और गाने की धुन पे धक्का मार रही होऊं और ये भी साथ में गा भी रहे थे, बीच बीच में, सात आइटम , अरे सात आइटम, अरे सैंया मारे ला सेजिया पर,



रिपोर्ट की हेडिंग सुन के ही मैं जोश में आ गयी एकदम सही थी, जिसने भी बनाई अच्छी तरह से इनको समझा,
 
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मेरा मरद -नम्बरी ठरकी

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" फर्स्ट असेसमनेट यह है की सब्जेट आफ इंक्वायरी ' ए ' पक्का ठरकी है. उसे एकदम कच्ची उमर की लड़कियां या बड़ी उमर की औरतों पसंद आती है "

मैंने कस के इन्हे पकड़ा जोर से चुम्मा लिया और अपना असेसमेंट बताया, जोर से धक्का मार के, और आधा मूसल मेरे साजन का अंदर,

" रिपोर्ट बनाने वाले ने रिपोर्ट एकदम सही बनायी है मैं हंस के बोली, लेकिन ये सुनने के हालत में कहाँ थे, जिस चीज के लिए पहले दिन से लुभाये थे, टॉप ऊपर उठा के दोनों जोबन अब इनके हाथ में और ये कस कस के मसल रहे थे,



मल्टी टास्किंग में हम दोनों पक्के थे, कितनी बार किचेन में खाना बनाते समय, बाथरूम में नहाते समय, एक बार तो इनकी आफिस की कोई कांफ्रेस चल रही थी, उसमे खाली ऊपर का ही तो दिखता है, तो इन्हे तंग करने के लिए झुक के मैंने चुसम चुसाई शुरू कर दी,... २५ मिनट की कांफ्रेस और पूरे २५ मिनट तक मैंने चूसा और पानी सब मेरे मुंह में



तो फिर एक बार मल्टी टास्किंग,... हम दोनों वो रिपोर्ट भी सुन रहे थे और मस्ती भी, हाँ मैंने उन्हें बोल दिया था, नीचे से धक्के वो नहीं मारेंगे मैं ही ऊपर से ऊपर नीचे होकर इनकी गोद में बैठ के,... रिपोर्ट इन्होने पॉज कर दी थी, दस बारह धक्के जोर जोर के और ये पूरे अंदर थे फिर मैंने रिपोर्ट स्टार्ट कर दी,

क्या स्साली रिपोर्ट थी, पूरी जन्म कुंडली,



" ए " ठरकी पूरी तरह है। पांच सालों की इंटरेनट साइट सर्च के आधार पर यह कन्फर्म है की उसकी आधी से ज्यादा सर्च पोर्न साइट्स की होती थी, पर पिछले ८-१० महीने से इसमें गिरावट है। रिपोर्ट में पांच साल में जिस जिस साइट पर उन्होंने मैक्स टाइम बिताया था उन का भी उल्लेख था. इसके बाद रिपोर्ट में यह भी था की ठरकीपन के बावजूद, झिझक संकोच और इंशियेटिव में कमी के कारण, थोड़ा इंट्रोवर्ट होने के कारण ये न ज्यादा फ्लर्ट करता है न लड़कियों को पटाने की कोशिश कर पाता है।



रिपोर्ट में गुड्डी का भी जिक्र था और पूरे डिटेल में, दो चार पिक्स भी थे इनके साथ, यहाँ तक की इनके क्रेडट कार्ड की जो एनलिसिस थी में उसके गुड्डी के निप्स में जो रिंग लगे थे उस के खर्चे का भी डिटेल था, डाक्टर का भी कंप्यूटर हैक कर के ये भी था की गुड्डी को हार्मोनल आई यू डी लगी है इसका मतलब की इन के सेक्स संबंध अपनी छोटी बहन से हैं। जिससे उसके ठरकीपन की हद पता चलती है. रिपोर्ट में गीता का भी नाम था, और ये भी की काम वाली की लड़की, जिस तरह से " ए " से बात करती हैं, गाली देकर और " ए " जिस तरह रिएक्ट करता है उससे भी उसके सेक्स ऑब्सेस्ड होने का पता चलता है। दूसरे ये भी की लड़कियां औरतें जो थोड़ी भी डॉमिनेटिंग होती हैं उनसे ये दब जाता है बल्कि उसे अपने घर वालियों के बारे में सेक्सी बातें सुनना अच्छा लगता है।



रिपोर्ट में " ए " के सस्पेक्ट होने के खिलाफ तीन बातें थीं

और सबसे बड़ी बात थी ठरकी होना, ऐसा आदमी इस तरह का ऑपरेशन नहीं लीड कर सकता।

और उसी के साथ उनके इन्हिबिटेड और इंट्रोवर्ट होने की बात जुडी थी।

आर्गनाइज़ेशन चार्ट, पे स्ट्रक्चर सब की स्टडी के बाद इन्हे मिडल मैनेजमेंट में माना गया था जो वैसे तो कारपोरेट और ग्लोबल एडमिन से इंटरैक्ट करता है लेकिन डीसीजन मेकर नहीं है , इसलिए भी इस तरह के आपरेशन को नहीं लीड कर सकता,

पर इन के खिलाफ भी तीन बातें थीं उस रिपोर्ट में

ये तीन दिन आफिस से गायब थे और न आफिस में इनकी कोई छुट्टी सैंक्शन थी न ड्यूटी।

दूसरी बात रिपोर्ट वालों ने मुंबई के सारे रोड ट्रैफिक, रेलवे प्लेटफार्म के सी सी टीवी हैक किये थे, और उसमे ये दो बार रेलवे स्टेशन पर दिखे थे, एक बार बॉम्बे जिमखाना मे, लेकिन किसी में न तो इनका फेस क्लियर था और न ही चाल, हाँ फीचर से करीब २४% मैचिंग थी, जो कन्फर्म नहीं करती थी पर एक शक पैदा करती थी।

तीसरी बात रिपोर्ट वालों ने इनके आई आई टी के समय के रिकॉर्ड्स एक्सेस किये थे और उसमें इनकी आई क्यू का डाटा था जो एबनॉर्मली हाई था और इनोवेटिव थिंकिंग में इन्हे, . ००१ % में रेट किया गया था।

इसलिए शक की सुई इनकी ओर घूमी थी।

रिपोर्ट में रिकमेंड ये किया गया था की अगले दस दिन तक इनका डीप एक्टिव सरवायलेंस किया जाए, जिससे यह साफ़ साफ़ पता लग जाये,

और उस रिपोर्ट की हर २४ घण्टे में अनॅलिसिस की जाय, सारे लोगों के फोन ट्रैक किये जाएँ ( मतलब मैं, गुड्डी, इनकी सास और मेरी सास ) अगर यह अंदाज लगता है की ' ए ' की एक्टिवटी ठरकी की है तो सस्पिशन लेविल लो किया जा सकता है।

परसेंट में अभी ६४ % शक इनके ऊपर था और लेवल ऑरेंज था यानी रेड के ठीक नीचे।



अब मैं समझ गयी,

क्योंकि शक इनके बाहर जाने से हुआ इसलिए अगले १५ -२० दिन इनका बाहर जाना बंद, हो सके तो . …मेरा तो फायदा था।

कुल मिला जुला के न सिर्फ ये बल्कि मैं और सभी लोग जबरदस्त सरवायलेंस पर होंगे, जो इनके पीछे पड़ने वाले, एक दिन में इतनी जबरदस्त इनकी कुंडली तैयार कर सकते हैं, तो अब तो वो सब कुछ करेंगे, हैकिंग, पीछा करो, लेकिन मजेदार बात ये है की उनका टारगेट सिर्फ ये होगा की ये लड़का असल में कितना ठरकी है, सेक्स के प्रति कितना ऑबसेस्ड है और कितना सब्मिसिव है।

ठरकी होना, सेक्स में लगे रहना और सब्मिसिव होना, इनके ऊपर के शक को कम करेगा और जल्द ही वो सरवायलेंस ख़तम होगा, लेकिन दस दिन तक तो,



और मेरा काम था इस ठरकी को महा ठरकी बनाना इन पद्रह बींस दिनों में और न सिर्फ बनाना बल्कि दिखाना भी कर लो इनके फोन से मेरे फोन से, कैमरे लगा के जासूसी , जब तक मैं हूँ मेरे मर्द का बाल क्या कोई झांट भी नहीं टेढ़ी कर सकता ( इसलिए की ये और मैं दोनों चिकनी चमेली रखते थे, इनका मैं साफ़ करती थी और ये मेरा, गुड्डी की तो मैंने वैक्सिंग ही करा दी थी ).

और शुरुआत मैंने उसी समय कर दी।

तो उस ठरकी को महा ठरकी बनाने के लिए, मैंने काम शुरू कर दिया,..
 
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komaalrani

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महाठरकी
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और एक बात और थी की दो लोग जो थोड़ी देर पहले उस टूटी दीवाल के पास चक्कर काट रहे थे, वही दोनों एक बार फिर दिखे, और अबकी उन्होंने मोबाइल की लाइट भी ऑन कर दी थी, हमारे पास की झाडी में फोकस करके,... जैसे वहां कोई खोयी हुयी जादुई अंगूठी ढूंढ रहे हों,... थोड़ी देर पहले ही ये दोनों यहीं चक्कर काट रहे थे, मेरा शक्क गहरा होगया,....

लगा जोबनवा क धक्का बलम कलकत्ता चले गए,

बस उसी तरह के जोबन का धक्का मैंने बलम जी के सीने पर मारा, बटन दब कर ऑफ मोड में उस डिवाइस का चला गया और जोर से मैंने उन्हें गरियाया,...

" बाकी का अपनी महतारी के लिए बचा के रखे हो,... दो तीन इंच, उस छिनार का २-३ इंच से का होगा, उसे तो गदहा घोडा चाहिए, जिसे घोंट के तुझे जना। "

महतारी की ऐसी गारी सुन के किसे जोश नहीं आ जाएगा और ये गारी सिर्फ इन्होने नहीं जादुई अंगूठी वालों ने पक्का सुनी होगी।

नीचे से उन्होंने धक्का मारा, ऊपर से मैंने, और एकदम जड़ तक अंदर,... मैं जोर से सिसकी, इस लिए नहीं की इन जादुई अंगूठी ढूंढने वालो को पता चले बल्कि जैसे ही उनके मोटे सुपाड़े की हथौड़े जैसी चोट मेरी बच्चेदानी पर पड़ी, सिसकी निकल गयी, पूरे चार दिन हो गए थे, यह चोट खाये, शादी इसलिए कोई करता है क्या,

और मैं भी अपनी माँ की बेटी, जड़ तक घुसे खूंटे को मैंने निचोड़ना शुरू कर दिया, फिर ऊपर से नीचे तक, पूरा निचोड़ते हुए थोड़ा थोड़ा मूसल के बेस से ढीला करती फिर निचोड़ने लगती, इनकी भी हालत खराब,

अब सरवायलेंस वाले गए माँ चुदाने , जबरदस्त धक्के नीचे से वो लगा रहे थे, ऊपर से मैं, ... मैंने उनकी शर्ट के बटन खोल दिए थे और जोबन सीधे सीने से रगड़ खा रहा था, ... किसी को देखना है तो देखे, सुनना है तो सुने, ब्याह के आयी हूँ , मेरा मरद जो करूँ उसके साथ जहाँ करूँ,....

" उफ़ ओह्ह्ह हाँ बड़ा मजा आ रहा है मेरे राजा ऐसे ही चोद कस के तो तुझे हफ्ते भर के अंदर तेरी महतारी भी दिलवा दूंगी, पेलना कस के, स्साले बहन चोद लिए, भौजाई चोद लिए अब महतारी क्यों बचे, गौने की रात याद आ जायेगी, भूल जाएंगी तेरे मामा को "

मोबाइल वाली लाइट थोड़ी दूर चली गयी थी।



दस पंद्रह मिनट तक सब कुछ बिसरा के उनकी पिया गोद में बैठ के ब्याहता का सुख ले रही थी।

लेकिन एक पोज में तो न इन्हे मजा आता है, न मुझे और असल में मैं भी यही चाहती थी की अब कमांड ये अपने हाथ में ले, और एकदम ट्रेडिशनल पोज, बस जरा सा धक्का दिया इन्होने मैंने हरी घास पे और मुझे पेड़, हरी हरी पत्तियां और उनके बीच से झांकता नीला आसमान और उसकी गोद में खिलवाड़ करते गगनविहारी बादल, और फिर मेरी टाँगे उठीं, सीधे मेरे पति के कंधे पर, मैंने खुद जाँघे अपनी फैला दीं, जैसे साजन से मिलने के लिए सजनी बांहे फैलाये,



और क्या करारा धक्का मारा उन्होंने, हथौड़ा मेरी बच्चेदानी पे

मेरी चीख निकल गयी, उयी उईईई, और उस स्कूल की लड़की की निगाह भी मेरी ओर पड़ गयी, हम दोनों एक ही नाव में थे, जम के चुद रहे थे, मुस्करा रहे थे,

और उन्होंने मेरे दोनों जोबन मसलते हुए कस के गाल काट लिए, तो मैं क्यों छोड़ती मैंने अपने लम्बे नाख़ून इनकी पीठ में धंसा दिए और बोली,

" स्साले, दिखा दे अपनी ताकत, और डरने के कोई बात नहीं, कोर्ट ने बोल दिया है अडल्ट लोगों के मामले में पुलिस भी बोल नहीं सकती, मैं हम दोनों का आधार कार्ड, पैन कार्ड, हाईस्कूल का सर्टिफेकट सब डिजिटिल लॉकर में लायी हैं और सबसे बड़ा सर्टिफैक्ट, पचास और सौ के नोट , कोई नहीं पूछेगा इस पार्क में "



खूंटा पूरा अंदर घुसा था, वो बेस से मेरी क्लिट रगड़ रहे थे, मैं मस्ती से पागल हो रही थी और ऊपर से वो और उकसा रहे थे

" क्यों आ रहा हैं मजा, बोल, बोल ने मेरी जानू "

" हाँ, बाबू हाँ, हाँ और कर, आज कर ले अपनी मस्ती, इत्ते दिन से तू चक्कर काट रहा था, चल तू भी क्या याद करेगा " ये थोड़ी दूर पे चुद रही लड़की बोल रही थी। मैं नहीं



मैं तो सिर्फ धक्को का जवाब धक्को से दे रही थीं

हम दोनों साथ साथ ही झड़े,... आराम आराम से उन्होंने बाहर निकाला

और मैं उछल के गोद से उतर गयी, स्कर्ट और टॉप का यही फायदा है, ढकने वाली चीज अपने आप ढक गयी, ढक्क्न मैंने न नीचे लगाया था न ऊपर,



उनका हाथ पकड़ के उनके सहारे मैं चल रही थी, वो दोनों ईंटो की दीवाल के पीछे,... वही दोनों, जिन पर हमें शक था की पीछा करो टाइप वाले हैं

मैंने एक बार फिर अपने साजन को चूम के बोला,... " यार स्साले इत्ता मजा तो हनीमून में भी नहीं आया था,.. एकदम खुली हवा में मस्ती, मन करता है हफ्ते दस दिन में यहाँ एक चक्कर,... "

" हफ्ते दस दिन में क्यों, ... अरे हफ्ते में दो चार बार, पंद्रह बीस मिनट तो लगते हैं घर से आने में पार्किंग का झगड़ा है तो स्कूटर ही सही है " वो स्कूटर पर चढ़ते हुए बोले,

उनके पीछे उछल के बैठती मैं बोली, उनके कान में,

" यार जानते हो वो दोनों मुझे गांडू लग रहे थे, गाँड़ मारने मराने के चक्कर में, जब मैं निकल रही थी तो एक ने बोला चल जगह खाली हो गयी अब अपन अपना काम शुरू करते हैं "

लेकिन उनका शक कायम था, वो हलके से बोले,

"यार हो सकता है वो दोनों तुझे सुनाने के लिए ये बोल रहे हों, वरना इस पार्क में जगह की क्या कमी, दर्जनों जगहें है आड़ की और देर शाम को तो वैसे ही लोग कम हो जाते हैं "



हम लोगों ने पूरी प्रीकाशन बरती थी, अपनी कार के बदले किसी से मांग के स्कूटर ले आये,

यहाँ तक की रस्ते में लौटते हुए भी एक दूकान से मैंने टॉप और स्कर्ट ख़रीदा और इन्होने भी एक पैंट और टी,... और अपने कपडे लांड्री को दे दिए। अगर कोई कीड़े वीडे ( बग्स ) तो ड्राई क्लीनिंग में साफ़,... क्या पता जो पीछा करो वाले थे उन्होंने कोई बग हम लोगो के स्कूटर की सीट पे चिपका रखा हो और वहां से हमारे कपड़ो में चिपक गए हों , इसलिए एक्स्ट्रा प्रिकॉशन



लेकिन इन्होने बात साफ़ की,

देखो बग से बचत थी की पति पत्नी की बात तीसरा न सुने और जहाँ तक हमारी लोकेशन की बात है उससे बचना मुश्किल है। अगर उन्होंने सड़क के और बाकी सी सी टीवी हैक किये हैं तो बस फेसियल रिकॉग्निशन सिस्टम, आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस और बिग डाटा का कॉम्बो, मिनट भर में उन्हें पता चल गया होगा की हम इस पार्क में हैं, फिर उन्हें आदमी भेजने में , आदमी को हमें ढूँढ़ने में आधा घंटा लगा होगा, लेकिन ये अंदाज है।



साढ़े सात तक हम दोनों घर पहुँच गए और हाँ रास्ते में हम दोनों ने गोल गप्पे भी खाये।


स्कूटर पर ही उन्होंने उस डिवाइस के बाकी गुर भी बताये, जो उन्हें एयरपोर्ट पर मिली थी, देखने में एकदम इनके फोन जैसी लेकिन बग डिटेक्ट कर सकती थी, और उसके अलावा भी बहुत गुण थे उसमे

लेकिन एक चीज मैं समझ गयी थी स्साले जो रिकार्ड करेंगे करें, लेकिन अगर मेरे मरद का ठरकी बनने में फायदा है तो , ठरकी तो है ही वो, या तो ठरकी हो या मेरी ससुराल वाला वही दो लोग हाथ धोकर के अपनी माँ बहन के पीछे पड़ते हैं, ... और बस अब उस ठरकी को महा ठरकी बनाने में कोई देर नहीं है। और यह बालक अपनी बहन पर तो चढ़ाई कर ही चुका है , अगवाड़ा पिछवाड़ा दोनों, तो बस महतारी बची है उसका भी नम्बर लगवा दूँ ,
 
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komaalrani

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भाग २४१ - मस्ती पार्क में अपडेट

पोस्ट हो गया है, पृष्ठ १४८४

कृपया पढ़ें, आनंद लें और लाइक और कमेंट जरूर करें
 
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Mass

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Welcome back Madam...good to see you after the break.!!
Will provide my comments shortly on this update.. The few photos that you added to the update are quite sexy though..
Hope to see you on my thread as well....and ofcourse hope that you'll vote as well.. :)

Thanks.

komaalrani
 

ayush01111

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महाठरकी
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और एक बात और थी की दो लोग जो थोड़ी देर पहले उस टूटी दीवाल के पास चक्कर काट रहे थे, वही दोनों एक बार फिर दिखे, और अबकी उन्होंने मोबाइल की लाइट भी ऑन कर दी थी, हमारे पास की झाडी में फोकस करके,... जैसे वहां कोई खोयी हुयी जादुई अंगूठी ढूंढ रहे हों,... थोड़ी देर पहले ही ये दोनों यहीं चक्कर काट रहे थे, मेरा शक्क गहरा होगया,....

लगा जोबनवा क धक्का बलम कलकत्ता चले गए,

बस उसी तरह के जोबन का धक्का मैंने बलम जी के सीने पर मारा, बटन दब कर ऑफ मोड में उस डिवाइस का चला गया और जोर से मैंने उन्हें गरियाया,...

" बाकी का अपनी महतारी के लिए बचा के रखे हो,... दो तीन इंच, उस छिनार का २-३ इंच से का होगा, उसे तो गदहा घोडा चाहिए, जिसे घोंट के तुझे जना। "

महतारी की ऐसी गारी सुन के किसे जोश नहीं आ जाएगा और ये गारी सिर्फ इन्होने नहीं जादुई अंगूठी वालों ने पक्का सुनी होगी।

नीचे से उन्होंने धक्का मारा, ऊपर से मैंने, और एकदम जड़ तक अंदर,... मैं जोर से सिसकी, इस लिए नहीं की इन जादुई अंगूठी ढूंढने वालो को पता चले बल्कि जैसे ही उनके मोटे सुपाड़े की हथौड़े जैसी चोट मेरी बच्चेदानी पर पड़ी, सिसकी निकल गयी, पूरे चार दिन हो गए थे, यह चोट खाये, शादी इसलिए कोई करता है क्या,

और मैं भी अपनी माँ की बेटी, जड़ तक घुसे खूंटे को मैंने निचोड़ना शुरू कर दिया, फिर ऊपर से नीचे तक, पूरा निचोड़ते हुए थोड़ा थोड़ा मूसल के बेस से ढीला करती फिर निचोड़ने लगती, इनकी भी हालत खराब,

अब सरवायलेंस वाले गए माँ चुदाने , जबरदस्त धक्के नीचे से वो लगा रहे थे, ऊपर से मैं, ... मैंने उनकी शर्ट के बटन खोल दिए थे और जोबन सीधे सीने से रगड़ खा रहा था, ... किसी को देखना है तो देखे, सुनना है तो सुने, ब्याह के आयी हूँ , मेरा मरद जो करूँ उसके साथ जहाँ करूँ,....

" उफ़ ओह्ह्ह हाँ बड़ा मजा आ रहा है मेरे राजा ऐसे ही चोद कस के तो तुझे हफ्ते भर के अंदर तेरी महतारी भी दिलवा दूंगी, पेलना कस के, स्साले बहन चोद लिए, भौजाई चोद लिए अब महतारी क्यों बचे, गौने की रात याद आ जायेगी, भूल जाएंगी तेरे मामा को "

मोबाइल वाली लाइट थोड़ी दूर चली गयी थी।



दस पंद्रह मिनट तक सब कुछ बिसरा के उनकी पिया गोद में बैठ के ब्याहता का सुख ले रही थी।

लेकिन एक पोज में तो न इन्हे मजा आता है, न मुझे और असल में मैं भी यही चाहती थी की अब कमांड ये अपने हाथ में ले, और एकदम ट्रेडिशनल पोज, बस जरा सा धक्का दिया इन्होने मैंने हरी घास पे और मुझे पेड़, हरी हरी पत्तियां और उनके बीच से झांकता नीला आसमान और उसकी गोद में खिलवाड़ करते गगनविहारी बादल, और फिर मेरी टाँगे उठीं, सीधे मेरे पति के कंधे पर, मैंने खुद जाँघे अपनी फैला दीं, जैसे साजन से मिलने के लिए सजनी बांहे फैलाये,



और क्या करारा धक्का मारा उन्होंने, हथौड़ा मेरी बच्चेदानी पे

मेरी चीख निकल गयी, उयी उईईई, और उस स्कूल की लड़की की निगाह भी मेरी ओर पड़ गयी, हम दोनों एक ही नाव में थे, जम के चुद रहे थे, मुस्करा रहे थे,

और उन्होंने मेरे दोनों जोबन मसलते हुए कस के गाल काट लिए, तो मैं क्यों छोड़ती मैंने अपने लम्बे नाख़ून इनकी पीठ में धंसा दिए और बोली,

" स्साले, दिखा दे अपनी ताकत, और डरने के कोई बात नहीं, कोर्ट ने बोल दिया है अडल्ट लोगों के मामले में पुलिस भी बोल नहीं सकती, मैं हम दोनों का आधार कार्ड, पैन कार्ड, हाईस्कूल का सर्टिफेकट सब डिजिटिल लॉकर में लायी हैं और सबसे बड़ा सर्टिफैक्ट, पचास और सौ के नोट , कोई नहीं पूछेगा इस पार्क में "



खूंटा पूरा अंदर घुसा था, वो बेस से मेरी क्लिट रगड़ रहे थे, मैं मस्ती से पागल हो रही थी और ऊपर से वो और उकसा रहे थे

" क्यों आ रहा हैं मजा, बोल, बोल ने मेरी जानू "

" हाँ, बाबू हाँ, हाँ और कर, आज कर ले अपनी मस्ती, इत्ते दिन से तू चक्कर काट रहा था, चल तू भी क्या याद करेगा " ये थोड़ी दूर पे चुद रही लड़की बोल रही थी। मैं नहीं



मैं तो सिर्फ धक्को का जवाब धक्को से दे रही थीं

हम दोनों साथ साथ ही झड़े,... आराम आराम से उन्होंने बाहर निकाला

और मैं उछल के गोद से उतर गयी, स्कर्ट और टॉप का यही फायदा है, ढकने वाली चीज अपने आप ढक गयी, ढक्क्न मैंने न नीचे लगाया था न ऊपर,



उनका हाथ पकड़ के उनके सहारे मैं चल रही थी, वो दोनों ईंटो की दीवाल के पीछे,... वही दोनों, जिन पर हमें शक था की पीछा करो टाइप वाले हैं

मैंने एक बार फिर अपने साजन को चूम के बोला,... " यार स्साले इत्ता मजा तो हनीमून में भी नहीं आया था,.. एकदम खुली हवा में मस्ती, मन करता है हफ्ते दस दिन में यहाँ एक चक्कर,... "

" हफ्ते दस दिन में क्यों, ... अरे हफ्ते में दो चार बार, पंद्रह बीस मिनट तो लगते हैं घर से आने में पार्किंग का झगड़ा है तो स्कूटर ही सही है " वो स्कूटर पर चढ़ते हुए बोले,

उनके पीछे उछल के बैठती मैं बोली, उनके कान में,

" यार जानते हो वो दोनों मुझे गांडू लग रहे थे, गाँड़ मारने मराने के चक्कर में, जब मैं निकल रही थी तो एक ने बोला चल जगह खाली हो गयी अब अपन अपना काम शुरू करते हैं "

लेकिन उनका शक कायम था, वो हलके से बोले,

"यार हो सकता है वो दोनों तुझे सुनाने के लिए ये बोल रहे हों, वरना इस पार्क में जगह की क्या कमी, दर्जनों जगहें है आड़ की और देर शाम को तो वैसे ही लोग कम हो जाते हैं "



हम लोगों ने पूरी प्रीकाशन बरती थी, अपनी कार के बदले किसी से मांग के स्कूटर ले आये,

यहाँ तक की रस्ते में लौटते हुए भी एक दूकान से मैंने टॉप और स्कर्ट ख़रीदा और इन्होने भी एक पैंट और टी,... और अपने कपडे लांड्री को दे दिए। अगर कोई कीड़े वीडे ( बग्स ) तो ड्राई क्लीनिंग में साफ़,... क्या पता जो पीछा करो वाले थे उन्होंने कोई बग हम लोगो के स्कूटर की सीट पे चिपका रखा हो और वहां से हमारे कपड़ो में चिपक गए हों , इसलिए एक्स्ट्रा प्रिकॉशन



लेकिन इन्होने बात साफ़ की,

देखो बग से बचत थी की पति पत्नी की बात तीसरा न सुने और जहाँ तक हमारी लोकेशन की बात है उससे बचना मुश्किल है। अगर उन्होंने सड़क के और बाकी सी सी टीवी हैक किये हैं तो बस फेसियल रिकॉग्निशन सिस्टम, आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस और बिग डाटा का कॉम्बो, मिनट भर में उन्हें पता चल गया होगा की हम इस पार्क में हैं, फिर उन्हें आदमी भेजने में , आदमी को हमें ढूँढ़ने में आधा घंटा लगा होगा, लेकिन ये अंदाज है।



साढ़े सात तक हम दोनों घर पहुँच गए और हाँ रास्ते में हम दोनों ने गोल गप्पे भी खाये।


स्कूटर पर ही उन्होंने उस डिवाइस के बाकी गुर भी बताये, जो उन्हें एयरपोर्ट पर मिली थी, देखने में एकदम इनके फोन जैसी लेकिन बग डिटेक्ट कर सकती थी, और उसके अलावा भी बहुत गुण थे उसमे

लेकिन एक चीज मैं समझ गयी थी स्साले जो रिकार्ड करेंगे करें, लेकिन अगर मेरे मरद का ठरकी बनने में फायदा है तो , ठरकी तो है ही वो, या तो ठरकी हो या मेरी ससुराल वाला वही दो लोग हाथ धोकर के अपनी माँ बहन के पीछे पड़ते हैं, ... और बस अब उस ठरकी को महा ठरकी बनाने में कोई देर नहीं है। और यह बालक अपनी बहन पर तो चढ़ाई कर ही चुका है , अगवाड़ा पिछवाड़ा दोनों, तो बस महतारी बची है उसका भी नम्बर लगवा दूँ ,
It was as perfect as it can bahut hi jabardast mam bahut hi bahtrin tarike se wife ne apne husband ki takat or budhi dono ka explain kiya hai maza agaya bhai
 

rajkomal

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Matlab Ab Aapki sasu ma ka number jaldi ayega, Bangali Rasgulle aur unki mother ka bhi hone wala h. Jab Spy mobile chat/call read karenge to kyu na aapki saas se chatpati bate kare, aap bhi karo unke behalf par. to wo maha tharki bhi feel honge. well scripted, door ka plan hai sab.
 
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