आपका यह स्नेहिल और आत्मीय उत्तर पढ़कर मन अत्यंत प्रसन्न हुआ.. आपके शब्दों में जो आत्मीयता और सम्मान झलकता है, वह मेरे लिए अत्यंत मूल्यवान है.. एक लेखक के लिए पाठकों की प्रतिक्रिया जितनी महत्वपूर्ण होती है, उतनी ही एक सहृदय लेखक-समीक्षक की सच्ची प्रतिक्रिया भी..
यह सच है कि कभी-कभी उत्कृष्ट रचनाएँ भी अपेक्षित प्रतिक्रिया नहीं जुटा पातीं, परंतु इसका अर्थ यह नहीं कि उनकी गुणवत्ता या प्रभाव में कोई कमी है.. सृजन का मार्ग कभी-कभी एकाकी और चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन यही वह राह है, जो सच्चे रचनाकार को परिपक्वता और संतोष देती है.. पाठकों की संख्या से अधिक महत्वपूर्ण है आपके लेखन का प्रभाव और उसकी गहराई, जो निश्चित ही समय के साथ और अधिक लोगों तक पहुँचेगी..
आपका लेखन निःसंदेह औरों को भी प्रेरित कर रहा है, बस धैर्य और निरंतरता बनाए रखें.. आपकी कहानियाँ और पात्र पाठकों के मन में अपनी जगह बना चुके हैं, और यही किसी भी लेखक के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि है..
आप यूँ ही लिखती रहें, सृजन करती रहें.. आपकी लेखनी को मेरा स्नेह, और मैं आगे भी आपकी रचनाओं की प्रतीक्षा करता रहूँगा..
सादर,
वखारिया