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Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

snidgha12

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अब हम का करैं... तोहरे देबुर हैं ना... हमरे बिटुआ के पप्पा... ऊ तुह्मरे बहुते बडे पंखे निकले... जैसे पहले छुपन छुपाई कै मस्तराम पढे जातै रह... वैसे हमरे सैंया जी के हिडन फोल्डर सै तुम्हरी कहानियों कि pdf मिली हमको ...

जिज्जी अब का कहैं... दिवाली कि छुट्टिन मैं हम पुरा फोल्डर चाट डालै... चटखारेदार नमकीन अऊर हमरी जिज्जी का मसालेदार लेखन...

बस ऐहि कारण से कछु बोलै नही न ईतने दीनन सै...
 
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snidgha12

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अऊर वो सब पढी के.. दिवाली कि रातन मैं बिटुआ बाहर आतिशबाजी करता रह अऊर हम अऊर तुम्हरे देबुर जी अंदर... ऐ जिज्जी... तुम बहुते हि बडी लेडी मस्तराम ह ऊ... ऐसा हमरे ऐ जी कहते हैं
 
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komaalrani

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अऊर वो सब पढी के.. दिवाली कि रातन मैं बिटुआ बाहर आतिशबाजी करता रह अऊर हम अऊर तुम्हरे देबुर जी अंदर... ऐ जिज्जी... तुम बहुते हि बडी लेडी मस्तराम ह ऊ... ऐसा हमरे ऐ जी कहते हैं




देखौ, हम तोहार बहुत इज्जत करत हैं लेकिन हमरे देवर को जिन कुछ कहौ. वो तो बहुते सीधा एकदम जलेबी, ... अरे हमरी देवरानी को दोष धरो न, ओकर रूप और जोबन अइसन है की बेचारे हमरे देवर, ...

अउर देवारी में लड़का बच्चा बाहर फुलझड़ी छुड़ाते है , लेकिन हमार देवरानी कौन फुलझड़ी से कम है, फिर मरद लोग तो कुठरिये में रॉकेट छोड़ते हैं, अनार क मजा लेते हैं, बरस बरस का तिउहार , देवर हमार तानी ललचाय गए तो क्या,

बकी ई बात बढ़िया बतायी की हमार किस्सा कहानी उहौ बाँचत हैं, अब आगे से तू दुनो जनि साथे साथे,

और हाँ देवर का बहाना अब और नहीं चलेगा, हमारे अंगनाई में कम से कम कभी कभार झाँक झुक जाया करो न,...
 

komaalrani

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ऐ जिज्जी... बहुते दिन बाद कछु लिखैं ऐसा मन हुआ... वैसे तो रोज ही आती रहीं

बहुते दिनन कै बाद कछु अच्छा लिख्खै ऐसा लगा... ऐसन ही लिख्खै जाओ...

पर जेठानी के मायके के ज्ञानीयों से बचना है और अपने मायके का ज्ञान लगाना है... हुं अच्छा और अद्भुत ज्ञान है...
एकदम सही कहा, अब आगे आगे देखिये, कुछ फंसने का होगा तो बताइयेगा
 
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komaalrani

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komaalrani

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आपरेशन गुड्डी का घर ,






कामयाब , जैसा मम्मी ने प्लान किया था एकदम वैसे ही।




सबसे बड़ा खतरा तो वहीँ था कहीं जेठानी जी सास का इस्तेमाल कर के उन लोगों के इरादे न बदलवा दें।


साथ में मिसेज मल्होत्रा का मेल की दो दिन के अंदर गुड्डी को रिपोर्ट करना है , क्लासेज शुरू हो चुकी हैं। और वो सीधे पैरेंट्स को एड्रेस ,


और गुड्डी के घरवाले मान गए यानि परसों उस सोन चिरैया को ले कर हम लोग फुर्र , फिर होगी उसकी असली कोचिंग।

दिन रात ,उसकी कुठरिया में उसके सीधे साधे भैय्या ,जो इस बात पर मुझसे नाराज हो गए थे की एलबम में उनकी छुटकी बहिनिया के फोटो के साथ अनजाने में मैंने कंडोम रख दिया था ,




अपने हाथ से मैं उन्ही भैय्या का मूसल उस की ओखल में ,वो भी बिना कंडोम के, और उस के बाद से तो रोज बिना नागा ,

लेकिन उसके लिए मुझे इस जेठानी का प्लान बिगाड़ना था।




उन्होंने मेल में ये भी लिखा था की उन्होंने गुड्डी के पेरेंट्स से मेरी सासु जी की बात भी करवा दी थी। और उन लोगों ने भी सासू जी को गुड्डी के कोचिंग में एडमिशन के बारे में हम लोगो ने किसे जुगाड़ से लास्ट डेट के बाद भी कराया सब बता दिया था।

हाँ उन्होंने गुड्डी के पेरेंट्स को ये बता दिया था की गुड्डी के जाने की डेट के बारे में किसी को भी न बताएं , गुड्डी को भी नहीं। क्योंकि ये बैकडोर से एडमिशन हुआ है सोर्स सिफारिश से ,और अगर ज्यादा लोगों को पता चल गया तो मुश्किल होगी।


सासु जी मेरी बहुत वार्म तो नहीं थी गुड्डी के हम लोगों के साथ जाने की खबर से पर उन्होंने मना भी नहीं किया गुड्डी के जाने को। लेकिन अब अगर जेठानी जी ये खबर उन्हें नमक मिर्च लगा के देतीं तो वो ये नहीं कह सकती थीं की मुझे किसी ने बताया नहीं।


जेठानी जी का प्लान गुड्डी का कौमार्य बचाने के लिए नहीं था ,मुझे मेरी औकात दिखाने के लिए था।और मुझसे ज्यादा अपने देवर को, भले वो ऊँची पोस्ट पर हो, अच्छा पढ़ा लिखा हो , लेकिन होंगे तो अपनी जगह, इस जगह, इस घर में जेठानी का जी ही राज चला है उन्ही का चलेगा, और उन की मर्जी के बगैर वो गुड्डी के बारे में सोच भी नहीं सकते।


बस आज का दिन किसी तरह , कल जब उनकी छुट्टी एक बार ख़तम हो जाए , बस ,फिर तो ऐसी कस के मैं उनकी रगड़ाई करने वाली थी की लेकिन आज मेरा पूरा दिमाग सिर्फ सिंगल प्वाइंट पे था।

और मम्मी का फोन आ गया , वीडियो चैट।

वो भी आलमोस्ट सक्सेफुल था।




मम्मी ने अपने समधन से खूब खुल के मजाक किया, और उन्होंने भी, दोनों समधनों का रिश्ता भी और स्वभाव भी,... मम्मी ने पूछ लिया की पंडों से दबवाया मसलवाया की नहीं, और उन्हें दुबारा याद दिलाया की वापस तीरथ से लौटने के हफ्ते दस दिन के अंदर वो आएँगी यहाँ और फिर दोनों समधने हम लोगों के घर,... बड़ी देर तक मस्ती भरी बातें की दोनों लोगों ने, हाँ मम्मी ने जान बूझ कर गुड्डी के बारे में बात नहीं की, लेकिन सासू जी ने ही गुड्डी के कोचिंग में एडमिशन के बारे में खुद बता दिया,

एक खतरनाक बात उन्होंने सासु जी से पता कर ली थी. सासु जी ने अपना प्रोग्राम प्री पोन कर दिया था , अब वो नरसो यानी आज से तीसरे दिन दोपहर तक आ जाने वाली थीं। और ये बात जेठानी जी को जरूर मालुम होगी लेकिन उन्होंने छिपा के रखी थी।




मम्मी ने साफ़ हिदायत दी की मैं ये और गुड्डी परसों रात को अपने अपने घर किसी भी तरह पहुँच जाय। लेटेस्ट परसों शाम के पहले हम लोगों को यहां से निकल चलना था लेकिन परसों सुबह के पहले ये बात न गुड्डी को पता चलनी थी न मेरी जेठानी को। क्योंकिं उसके बाद जेठानी जी लाख उछल कूद मचाएं ,सासु जी हम लोगों के जाने के पहले आ कर कोई विघ्न बाधा नहीं डाल सकती थीं।



और कल रात जो जेठानी जी की कुटाई होने वाली थी उसके बाद से तो विघ्न बाधा तो छोड़िये , वो अपने हाथ से गुड्डी को तैयार करके हमारे साथ विदा करेंगी।



 

komaalrani

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समधन समधन











मम्मी ने अपने समधन को हमारे यहां आने के बारे में , ...गनीमत थी वो प्रोग्राम उसी तरह,.... सासु जी के आने के हफ्ते दस दिन बाद कोई फंक्शन था तीरथ पूरा होने का। मम्मी उस में आती और अगले दिन अपनी समधन को लेकर हमारे यहाँ ,


अपनी समधन को उनके बेटे के नीचे लिटाने का जो मम्मी का प्रोग्राम था वो एकदम कायम था। मम्मी और उनकी समधन एकदम खुल के मजाक करती थीं ,रिश्ता ही ऐसा था। और मेरी सास ने कबूल कर लिया था की तीर्थ में पूरा उपवास चला उनका और घर पहुँचने के एक दो दिन बाद उनकी पांच दिन की छुट्टी चालू।

हाँ एक बाद उन्होंने कबूल कर लिया की उपवास सिर्फ कमर के नीचे था, ऊपर तो, भीड़ भाड़, धककमधुक्का, नदी तालाब में नहाने में, ऊपर की मंजिल




पर रगड़ने वाले मसलने वाले कम नहीं थे.



मम्मी ने उन्हें चिढ़ाया भी, ठीक तो है , तीरथ के दान का असर तो सौगुना होता है और फिर जोबन दान से बढ़कर दान क्या होगा, और पण्डे पुजारी का आशीर्वाद मिलेगा तो हमारी आपकी जो मनौती थी वो जरूर पूरी होगी।


लेकिन मेरी सास भी इनकी सास से कम नहीं थीं, हंस के बोली,

" आप एकदम सही कहतीं है और वो मनौती तो हर जगह , आखिर हमारी आपकी डबल मनौती है तो जरूर पूरी होगी "

( मम्मी ने मेरी सास से कहा था की उनकी ओर से एक मनौती मांग लेंगी की उनका एकलौता दामाद, उनकी एकलौती समधन की ओखल में अपना मोटा मूसल धमाधम चलाये
)


पर मम्मी ने उन्हें चिढ़ाया की जैसे ही हमारे यहाँ वो पहुंचेंगी उसी रात वो अपनी समधन का उपवास अपने हाथ से तुड़वाएंगी।



खिलखिलाती हुयी मेरी सासु माँ बोलीं , " आपके मुंह में घी शक्कर ,जल्दी वो दिन आये। "



हाँ एक बात और मम्मी ने बताई की जब वो सासु माँ से बात कर रही थी तो दो बार मेरी जेठानी जी का फोन आया , लेकिन मम्मी की सेक्सी बातों के आगे सासु ने उनका फोन काट दिया। मम्मी का असेसमेंट था की मेरी जेठानी ने अपने पति के जरिये कुछ तो मेरी सासु का कान भरा है और सासु का प्लान जल्दी आने का इसी का नतीजा है। लेकिन मम्मी के चलते वो सीधे बात नहीं कर पायीं ( और यहाँ मैं भी उन्हें फंसाये हुए थी , तब भी दो बार बाथरूम का बहाना बना के उन्होंने ट्राई कर ही लिया था ),इसलिए जो रिस्क असेसमेंट शाम को ८५ % था वो अब घट के १० % रह गया।



मम्मी जब वीडियो चैट से गायब हुईं तो साढ़े नौ बज रहा था। ये नीचे अपने भौजाई के साथ सीरियल देख रहे थे और ग्यारह बजे के पहले आने वाले नहीं थे।



और आज दोपहर के बाद पहली बार मैंने चैन की साँस ली।




मम्मी कल ९-१० बजे दिन में एक बार फिर मेरी सास से बात करने वाली थीं , और फिर वो मुझे रिपोर्ट करने वाली थी , उसके बाद तो सिर्फ जेठानी की कुटाई होने वाली थी। एकदम जैसे अल्टीमेट सरेंडर के प्रोग्राम में ,जो लेडी रेसलर हारती है घुमा घुमा के पूरे रिंग में उसकी गांड खुलेआम मारी जाती है।



जेठानी की तो हालत उससे भी ज्यादा , .... पहले तो उन्ही के देवर से उनके संस्कारों की मैं माँ चुदवाती और फिर उनकी ,...



तबतक गुड्डी का मेसेज आया भाभी स्काइप पर आ जाइये छुटकी आ गयी है।



छुटकी अरे बताया तो था इनकी सबसे छोटी कजिन ,अभी हाईस्कूल का रिजल्ट आया है ,लेकिन सबसे तीखी हरी मिर्च। तय हुआ था की मैं गुड्डी और छुटकी रात में स्काइप पे कुछ ननद भाभी स्टाइल की बातें करेंगे।
 
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Incestlala

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समधन समधन











मम्मी ने अपने समधन को हमारे यहां आने के बारे में , ...गनीमत थी वो प्रोग्राम उसी तरह,.... सासु जी के आने के हफ्ते दस दिन बाद कोई फंक्शन था तीरथ पूरा होने का। मम्मी उस में आती और अगले दिन अपनी समधन को लेकर हमारे यहाँ ,


अपनी समधन को उनके बेटे के नीचे लिटाने का जो मम्मी का प्रोग्राम था वो एकदम कायम था। मम्मी और उनकी समधन एकदम खुल के मजाक करती थीं ,रिश्ता ही ऐसा था। और मेरी सास ने कबूल कर लिया था की तीर्थ में पूरा उपवास चला उनका और घर पहुँचने के एक दो दिन बाद उनकी पांच दिन की छुट्टी चालू।

हाँ एक बाद उन्होंने कबूल कर लिया की उपवास सिर्फ कमर के नीचे था, ऊपर तो, भीड़ भाड़, धककमधुक्का, नदी तालाब में नहाने में, ऊपर की मंजिल




पर रगड़ने वाले मसलने वाले कम नहीं थे.



मम्मी ने उन्हें चिढ़ाया भी, ठीक तो है , तीरथ के दान का असर तो सौगुना होता है और फिर जोबन दान से बढ़कर दान क्या होगा, और पण्डे पुजारी का आशीर्वाद मिलेगा तो हमारी आपकी जो मनौती थी वो जरूर पूरी होगी।


लेकिन मेरी सास भी इनकी सास से कम नहीं थीं, हंस के बोली,

" आप एकदम सही कहतीं है और वो मनौती तो हर जगह , आखिर हमारी आपकी डबल मनौती है तो जरूर पूरी होगी "

( मम्मी ने मेरी सास से कहा था की उनकी ओर से एक मनौती मांग लेंगी की उनका एकलौता दामाद, उनकी एकलौती समधन की ओखल में अपना मोटा मूसल धमाधम चलाये
)


पर मम्मी ने उन्हें चिढ़ाया की जैसे ही हमारे यहाँ वो पहुंचेंगी उसी रात वो अपनी समधन का उपवास अपने हाथ से तुड़वाएंगी।



खिलखिलाती हुयी मेरी सासु माँ बोलीं , " आपके मुंह में घी शक्कर ,जल्दी वो दिन आये। "



हाँ एक बात और मम्मी ने बताई की जब वो सासु माँ से बात कर रही थी तो दो बार मेरी जेठानी जी का फोन आया , लेकिन मम्मी की सेक्सी बातों के आगे सासु ने उनका फोन काट दिया। मम्मी का असेसमेंट था की मेरी जेठानी ने अपने पति के जरिये कुछ तो मेरी सासु का कान भरा है और सासु का प्लान जल्दी आने का इसी का नतीजा है। लेकिन मम्मी के चलते वो सीधे बात नहीं कर पायीं ( और यहाँ मैं भी उन्हें फंसाये हुए थी , तब भी दो बार बाथरूम का बहाना बना के उन्होंने ट्राई कर ही लिया था ),इसलिए जो रिस्क असेसमेंट शाम को ८५ % था वो अब घट के १० % रह गया।



मम्मी जब वीडियो चैट से गायब हुईं तो साढ़े नौ बज रहा था। ये नीचे अपने भौजाई के साथ सीरियल देख रहे थे और ग्यारह बजे के पहले आने वाले नहीं थे।



और आज दोपहर के बाद पहली बार मैंने चैन की साँस ली।




मम्मी कल ९-१० बजे दिन में एक बार फिर मेरी सास से बात करने वाली थीं , और फिर वो मुझे रिपोर्ट करने वाली थी , उसके बाद तो सिर्फ जेठानी की कुटाई होने वाली थी। एकदम जैसे अल्टीमेट सरेंडर के प्रोग्राम में ,जो लेडी रेसलर हारती है घुमा घुमा के पूरे रिंग में उसकी गांड खुलेआम मारी जाती है।



जेठानी की तो हालत उससे भी ज्यादा , .... पहले तो उन्ही के देवर से उनके संस्कारों की मैं माँ चुदवाती और फिर उनकी ,...



तबतक गुड्डी का मेसेज आया भाभी स्काइप पर आ जाइये छुटकी आ गयी है।



छुटकी अरे बताया तो था इनकी सबसे छोटी कजिन ,अभी हाईस्कूल का रिजल्ट आया है ,लेकिन सबसे तीखी हरी मिर्च। तय हुआ था की मैं गुड्डी और छुटकी रात में स्काइप पे कुछ ननद भाभी स्टाइल की बातें करेंगे।
Superb update
 
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krishna.ahd

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वापसी का बेसब्री से इंतज़ार रहेगा भाभी जी

I think I first read Nanad Ki Traning in 2005-06 and since then I have been a fan of yours.
And in last 15-16 years, your stories have become more erotic (and I never thought it was possible :)).
These are my fav stories of urs..
1. Nanad Ki Training
2. Mohalla Mohabbat Wala
3. JKG (looks bit different from the one on xossip, I like both versions)

Thanks for writing such amazing pieces.
I just happened to ran into this erotic story
Swear to God , first time I feel that someone can write so elaborate fuck sessions
48 hours I'm reading continuously , even between my work , I'm now on page 67
Planning to catch-up remaining before weekend
Hats off komal ji
 
  • Wow
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krishna.ahd

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यहाँ मेल इगो की कोई बात नही है, यहाँ बात हो रही है की नायिका पहले से ही अपने जीजू और दुसरो से सेक्स करवाना चाहती थी, जिसको कि उसके पति ने पूरा नही होने दिया और उसका पति वैसा है भी नही की अपनी बीबी को दुसरो से चुदवाये,

जबकि नायिका का घर का माहौल वैसा ही रहा, जहाँ खुल कर बात होती कि पहले मेरा पति तुझे चोदेगा, या तेरे पति से मै भी चुदुँगी,
नायिका की माँ और बाकी महिला रिस्तेदार भी वैसी ही थी जो अपने पुरुष रिस्तेदार या गॉव के मर्दो से चुदवाती रहती थी,

अब जबकि नायिका का पति उस तरहा का नही है, जिससे नायिका अपने जीजू या बाकी मर्दो से नही चुदवा पायेगी, इसलिए हीरो को ऐसा बना रहे हैं जिससे जो हीरो की गांड मारेगा,उससे वो नायिका भी सेक्स करवा लिया करेगी, और हीरो कभी कुछ बोल भी नही पायेगा, और उनका रास्ता क्लीयर हो जाए,
भाई , इतना सब दिमाग और लॉजिक क्यो लगा रहे हो ?
मस्त कहानी है , कहानी की तरह पढ़ो और एंजॉय करो , मेरा मतलब है खुद के साथ या बीवी के साथ या फिर साली या ???
रिलैक्स एंड have some fun
 
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