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स्ट्रैप ऑन
मैंने अपना स्ट्रैप ऑन एक बार फिर से ठीक किया ,कमर में टाइट बंधा।
और ८ इंच का डिलडो , सवा दो इंच मोटा।
लम्बाई का अंदाजा आप इस से लगा सकते हैं की औसत मर्द का ५. ४ इंच खड़ा होने पर होता है ( और जिस तरह जेठ जी के बारे में जेठानी जी ने बताया था मैं पक्का श्योर थी चार साढ़े चार इंच मुश्किल से होगा ) . और डिलडो आठ इंच का ,आलमोस्ट मेरे बालम के मूसलचंद के साइज का ,
लेकिन असली फटने वाली थी उनकी मोटाई से।
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उईईई उईईईईई
मधुर स्वर
बस। मैंने अपने स्ट्रैपआन डिल्डो का सुपाड़ा सीधे जेठानी के गांड के छेद पर ,
मैं छुआती रही ,सहलाती रही ,हलके हलके रगड़ती रही।
इस समय जो जेठानी के मन में चल रहा होगा उस का मुझे पूरा अहसास था।
होने वाले दरद का डर , कसी कोरी गांड फटने का डर ,और किसी कोने में मजे का भी अहसास।
और मैंने अपनी जेठानी की पतली कटीली कमिरिया पकड़ ली ( ३६ डी डी के मम्मे और ३ ८ के बड़े बड़े चूतड़ होने केबावजूद उनकीकामर अभीभी २९ की थी )
डिलडो का सुपाड़ा गांड पे सेट था ,और पूरी ताकत के साथ , मैंने अपने हिप्स का पूरा जोर लगा दिया था।
जेठानी के छटकने का कोई डर तो था नहीं ,उनके दोनों हाथ कस के पलंग में बंधे थे ,वो झुकी निहुरि ,बुर में जड़ तक मेरे सैंया का लंड घुसा , और मेरे साजन ने अपने हाथों से,पैरों से उनकी पीठ पर कस के ,एकदम नागपाश की तरह उन्हें जकड़ रखा था ,
एक धक्का और ,
फिर एक ,
उईईईईई उईईईईई आह्ह्ह्हह्ह्ह फ़ट गईइइइइइइ , ओह्ह्ह्हह्ह
ह्रदय विदारक चीख ,
मैंने आँखों से इशारा किया ,अपने साजन को
चीखने दे स्साली को।
वो चीखती रही बिसूरति रही।
कैमरे इस पल को कैद करते रहे ,हाँ मेरी तस्वीर सिर्फ मेरी गरदन तक थी , डिलडो का क्लोज अप भी।
मैं पेलती रही ठेलती रही धकेलती रही।
दर्द से वो तड़प रही थी , पानी के बाहर मछली की तरह फड़फड़ा रही थी ,
पर ये तो होना ही था।
गांड मारने में अगर कोई रहम करे तो फिर तो न तो किसी लौंडे की मारी जा सकती है , न किसी लड़की की।
एक पल रुक के मैंने एक धक्का और मारा अबकी दूनी ताकत से
उईईई उईईईईईई नहीं ,ओह्ह्ह्हह्ह , अबकी चीख अबतक की सबसे तेज थी , पर मेरा काम हो गया था , यूँ कहिये काम की शुरुआत
डिलडो का सुपाड़ा जेठानी की गांड में धंस गया था , अब वो लाख चूतड़ पटके ,बिना उसकी गांड फटे.
और थोड़ी देर मैं अपनी जेठानी जी की बड़ी बड़ी चूँचियों को सहलाती रही ,उनकेखुले नंगे चूतड़ पर हाथ फेरती रही ,
जैसे ही उनकी चीखें रुकी ,बस मैंने पूरी ताकत से बस पुश करना ,ठेलना शुरू किया और थोड़ी ही देर में खैबर का दर्रा ,गांड का छल्ला था।
उसे पार करना और मुश्किल था।
सवा दो इंच , आप यह समझ लीजिये की कोक का कैन २. ४ इंच मोटा होता है ,और ये आलमोस्ट उतना, थोड़ा पतला।