Premkumar65
Don't Miss the Opportunity
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Wow DB ka private number se phone aaya. Aur tv dekhne ko kaha. Tv on karte hi khatrnak news. Ek atankwadi hamla hone ki ashanka. Dar anand babu ki sali. Guddi ne tv dekhte hi kahe diya ki ye to meri hi school hai. Ab tension gunja ghar aai ya nahi. Vese bhi chudai vali school dono baheno ki ek hi hai.फागुन के दिन चार -भाग २८
आतंकी हमला होने की आशंका
गुंजा
3,73,380
स्वीट डिश में रबड़ी, गुलाब जामुन, लेकिन गुलाब जामुन के चारों ओर बूंदी लगी थी। मीठी बूंदी। हमने स्वीट डिश शुरू ही किया था की मेरा फोन बजा, लेकिन कोई नंबर नहीं। मैंने फिर ध्यान से देखा तो लिखा था- “प्राइवेट नम्बर…”
अचानक मुझे ध्यान आया, डी॰बी॰ का नंबर। उन्होंने मुझे एस॰एम॰एस॰ किया था की कोई खास बात होगी तो मुझे वो इस नम्बर से रिंग करेंगे । मैंने फोन उठाया।
डी॰बी॰ बोले - “टीवी देख रहे हो?”
मैं- “हाँ…” टीवी पर गाना आ रहा था हंटर वाला-
आई आम अ हंटर एंड शी वांट तो सी माई गन।
व्हेन आई पुल इट आउट द वोमन स्टार्ट टू रन
ऊ ऊ।
आवाज उनके फोन पे जा रही होगी।
डी॰बी॰ बोले - “अरे लोकल चेंनेल लगाओ न्यूज…”
उनकी आवाज में टेंशन साफ़ झलक रहा था। नॉर्मली वो कभी टेन्स नहीं होते, लेकिन कुछ तो गड़बड़ है, और फिर इस तरह से अनलिस्टेड प्राइवेट नंबर से फोन करके,
अभी सब ठीक चल रहा था, इतनी मस्ती का माहौल लेकिन, उनकी बात सुन के मैं भी टेन्स हो गया और मैंने तान्या को इशारा किया।
उसने चैनेल चेंज करके बी॰एन॰एन॰ (बनारस न्यूज नेटवर्क) लगाया।
एक स्कूल की धुंधली फोटो आ रही थी, नाम भी सही नहीं सुनाई दे रहा था।
एक न्यूज कास्टर सामने खड़ा बोल रहा था। नीचे ब्रेकिंग न्यूज भी चल रही थी।
चूड़ा देवी बालिका विद्यालय, मैं दो लोगों ने लड़कियों को बंधक बनाया,... आतंकी हमला होने की आशंका।
गुड्डी उठकर खड़ी हो गयी “ये तो मेरा स्कूल है…”
एक पल के लिए मेरे चेहरे पे मुस्कराहट छा गयी, गुंजा याद आ गयी, स्कूल से लौट के आयी थी,
भूत.,,,नहीं सारी, ...चुड़ैल लग रही थी।
सुबह कैसी चिकनी विकनी होकर गई थी। गोरे गालों पे अबीर गुलाल रंग पेंट, बालों में भी। एक इंच जगह नहीं बची थी, चेहरे पे, यहां तक की मोती ऐसे सफ़ेद दांत भी लाल, बैंगनी। कई कोट रंग लगे थे ,
गुंजा का स्कूल,
एक कोई मारवाड़ी सेठ ने अपनी पूज्य स्वर्गीया की स्मृति में स्कूल बनवाया था, मैनेंजमेंट और कंट्रोल पूरा उन्ही का, नाम था, चूड़ा देवी बालिका विद्यालय,
लेकिन सब लोग चू दे विद्यालय कहते थे, नयी सड़क के पास ही था। गुंजा ने हंस के बोला,
" जीजू सोचिये न जिस स्कूल का नाम ही चुदे है वहां की लड़कियां नहीं चुदेंगी तो कहाँ की लड़कियां चुदेंगी"
00
लेकिन अगले पल मेरी हालत खराब हो गयी, गुंजा, उसकी दूध खील सी हंसी, वो मुस्कान, उसका तो एक्स्ट्रा क्लास था वो,….
कहीं स्कूल में तो नहीं,....
टीवी स्क्रीन पर अब फोटो साफ़ हो गयी थी, चूड़ा देवी बालिका विद्यालय,
गुड्डी ने फिर बोला, ये तो मेरा स्कूल है,
गुड्डी का स्कूल, गुंजा का स्कूल, गुंजा गुड्डी से दो साल ही तो छोटी थी, लेकिन छोटी बहन से भी बढ़कर और उससे भी बढ़कर सहेली और उसकी सारी शरारतों में बराबर की हिस्सेदार और मेरी, छोटी साली
“तुम्हें कुछ मालूम है इस इलाके के बारे में? हमने रेड अलर्ट डिक्लेयर कर दिया है…” डी॰बी॰ की आवाज फोन पे आ रही थी।
मैंने पूछा- “मैं,.. हम आ सकते हैं?” अब मेरा दिल जोर जोर से धक धक कर रहा था , मन तेजी से घबड़ा रहा था, गुंजा भी तो स्कूल गयी थी, किसी एक्स्ट्रा क्लास में
- “आ जाओ मैं कंट्रोल रूम में हूँ कोतवाली में, स्कूल भी पास में ही है…” और फोन रख दिया।
न्यूज चैनेल ने अब ढेर सारी पोलिस की गाड़ी, अम्बुलेंस।
वो एरिया अब बैरिकेड कर दिया गया था। बाकी चैनेल ने भी न्यूज पिक अप कर ली थी। इंडिया टीवी चीख-चीखकर कह रहा था- “सबसे पहले इस चैनेल पे ब्रेकिंग न्यूज। एक नया आतंकी हमला। सरकार फेल…”
“उईई माँ…” गुड्डी अचानक चीखी-
“गुंजा…”
मैंने पूछा- “क्या हुआ गुंजा को?”
गुड्डी- “अरे स्कूल की तो छुट्टी हो गई थी तो उसके क्लास की। बोला था ना उसने एक्स्ट्रा क्लास है। ये उसी के क्लास की लड़कियां होंगी…” गुड्डी की आवाज रुवांसी हो गई थी।
मैंने कस के गुड्डी का हाथ दबाया, उसे अश्योर किया, और उससे ज्यादा खुद को, और धीरे से बोला, " गुंजा को कुछ नहीं हो सकता, वो एकदम ठीक होगी :
बार बार आँखों के सामने गुंजा का वो भोला चेहरा, कैशोर्य की पायदान पर खड़ी, और बार बार मन में यही आता नहीं गुंजा को कुछ नहीं हो सकता
मैं- “अरे हम लोग चलते हैं ना चलो…” गुड्डी को बोला मैंने।
गुड्डी हाथ धोने बाथरूम चली गई।
एक और चैनेल अब बोल रहा था था-
“हालांकि पोलिस ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया है, लेकिन हमारे सोर्सेज के अनुसार ये आतंकी हमला ही लगता है। क्योंकि बंधक बनाने वालों ने एक बाम्ब का प्रयोग किया है। डी॰जी॰ पोलिस ने लखनऊं से बताया है की स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है। मुख्यमंत्री वापस आ रहे हैं। अभी अभी खबर आई है की कुल 22 लड़कियों में से 19 बंधकों के घुसने के समय निकल भागीं लेकिन 3 लड़कियां बंधक हैं। उनका नाम पुलिस ने बताने से इनकार किया है…”
मोबाईल, पुलिस की गाड़ी बाहर खड़ी थी।
हम लोग सीधे उसी में जाकर बैठ गए। अचानक मुझे याद आया- “चंदा भाभी कहीं वो टीवी तो नहीं देख रही होंगी और वो चैनेल देखकर घबड़ा तो नहीं रही होंगी?”
गुड्डी ने ऐस्योर किया-
“नहीं वो नार्मली सोती हैं। और ज्यादातर लड़कियां तो चैनेल बता रहा था की निकल गई थीं, तो गुंजा निकल ही गई होगी और अगर हम लोगों ने फोन किया तो पहले तो जवाब दो की हम लोग अब तक गये क्यों नहीं? फिर वो कहेंगी की घर आ जाओ और फिर ये की शहर में टेंशन है। तो आज मत जाओ। तो फिर तो…”
फिर मैंने भी सोचा की वो लोग बेकार में परेशान होंगे।
लेकिन आँखों के सामने बार बार गुंजा का चेहरा याद आ रहा था, सुबह नाश्ते के समय स्कूल की ड्रेस में, स्कूल से लौट के रंगा पुता, स्कूल की उसकी सहेलियों के किस्से, कैसे जबरदस्त होली उसने शाजिया और महक के साथ मिल के खेली,... एकदम रंग उसकी बातों से छलक रहा था
और वो स्कूल, उसी स्कूल में ये हमला, तीन लड़कियों को होस्टेज बनाया है,
बस गुंजा न हो
Sahi hai aisi mast sali ko kaun khan chahega.फागुन के दिन चार -भाग २८
आतंकी हमला होने की आशंका
गुंजा
3,73,380
स्वीट डिश में रबड़ी, गुलाब जामुन, लेकिन गुलाब जामुन के चारों ओर बूंदी लगी थी। मीठी बूंदी। हमने स्वीट डिश शुरू ही किया था की मेरा फोन बजा, लेकिन कोई नंबर नहीं। मैंने फिर ध्यान से देखा तो लिखा था- “प्राइवेट नम्बर…”
अचानक मुझे ध्यान आया, डी॰बी॰ का नंबर। उन्होंने मुझे एस॰एम॰एस॰ किया था की कोई खास बात होगी तो मुझे वो इस नम्बर से रिंग करेंगे । मैंने फोन उठाया।
डी॰बी॰ बोले - “टीवी देख रहे हो?”
मैं- “हाँ…” टीवी पर गाना आ रहा था हंटर वाला-
आई आम अ हंटर एंड शी वांट तो सी माई गन।
व्हेन आई पुल इट आउट द वोमन स्टार्ट टू रन
ऊ ऊ।
आवाज उनके फोन पे जा रही होगी।
डी॰बी॰ बोले - “अरे लोकल चेंनेल लगाओ न्यूज…”
उनकी आवाज में टेंशन साफ़ झलक रहा था। नॉर्मली वो कभी टेन्स नहीं होते, लेकिन कुछ तो गड़बड़ है, और फिर इस तरह से अनलिस्टेड प्राइवेट नंबर से फोन करके,
अभी सब ठीक चल रहा था, इतनी मस्ती का माहौल लेकिन, उनकी बात सुन के मैं भी टेन्स हो गया और मैंने तान्या को इशारा किया।
उसने चैनेल चेंज करके बी॰एन॰एन॰ (बनारस न्यूज नेटवर्क) लगाया।
एक स्कूल की धुंधली फोटो आ रही थी, नाम भी सही नहीं सुनाई दे रहा था।
एक न्यूज कास्टर सामने खड़ा बोल रहा था। नीचे ब्रेकिंग न्यूज भी चल रही थी।
चूड़ा देवी बालिका विद्यालय, मैं दो लोगों ने लड़कियों को बंधक बनाया,... आतंकी हमला होने की आशंका।
गुड्डी उठकर खड़ी हो गयी “ये तो मेरा स्कूल है…”
एक पल के लिए मेरे चेहरे पे मुस्कराहट छा गयी, गुंजा याद आ गयी, स्कूल से लौट के आयी थी,
भूत.,,,नहीं सारी, ...चुड़ैल लग रही थी।
सुबह कैसी चिकनी विकनी होकर गई थी। गोरे गालों पे अबीर गुलाल रंग पेंट, बालों में भी। एक इंच जगह नहीं बची थी, चेहरे पे, यहां तक की मोती ऐसे सफ़ेद दांत भी लाल, बैंगनी। कई कोट रंग लगे थे ,
गुंजा का स्कूल,
एक कोई मारवाड़ी सेठ ने अपनी पूज्य स्वर्गीया की स्मृति में स्कूल बनवाया था, मैनेंजमेंट और कंट्रोल पूरा उन्ही का, नाम था, चूड़ा देवी बालिका विद्यालय,
लेकिन सब लोग चू दे विद्यालय कहते थे, नयी सड़क के पास ही था। गुंजा ने हंस के बोला,
" जीजू सोचिये न जिस स्कूल का नाम ही चुदे है वहां की लड़कियां नहीं चुदेंगी तो कहाँ की लड़कियां चुदेंगी"
00
लेकिन अगले पल मेरी हालत खराब हो गयी, गुंजा, उसकी दूध खील सी हंसी, वो मुस्कान, उसका तो एक्स्ट्रा क्लास था वो,….
कहीं स्कूल में तो नहीं,....
टीवी स्क्रीन पर अब फोटो साफ़ हो गयी थी, चूड़ा देवी बालिका विद्यालय,
गुड्डी ने फिर बोला, ये तो मेरा स्कूल है,
गुड्डी का स्कूल, गुंजा का स्कूल, गुंजा गुड्डी से दो साल ही तो छोटी थी, लेकिन छोटी बहन से भी बढ़कर और उससे भी बढ़कर सहेली और उसकी सारी शरारतों में बराबर की हिस्सेदार और मेरी, छोटी साली
“तुम्हें कुछ मालूम है इस इलाके के बारे में? हमने रेड अलर्ट डिक्लेयर कर दिया है…” डी॰बी॰ की आवाज फोन पे आ रही थी।
मैंने पूछा- “मैं,.. हम आ सकते हैं?” अब मेरा दिल जोर जोर से धक धक कर रहा था , मन तेजी से घबड़ा रहा था, गुंजा भी तो स्कूल गयी थी, किसी एक्स्ट्रा क्लास में
- “आ जाओ मैं कंट्रोल रूम में हूँ कोतवाली में, स्कूल भी पास में ही है…” और फोन रख दिया।
न्यूज चैनेल ने अब ढेर सारी पोलिस की गाड़ी, अम्बुलेंस।
वो एरिया अब बैरिकेड कर दिया गया था। बाकी चैनेल ने भी न्यूज पिक अप कर ली थी। इंडिया टीवी चीख-चीखकर कह रहा था- “सबसे पहले इस चैनेल पे ब्रेकिंग न्यूज। एक नया आतंकी हमला। सरकार फेल…”
“उईई माँ…” गुड्डी अचानक चीखी-
“गुंजा…”
मैंने पूछा- “क्या हुआ गुंजा को?”
गुड्डी- “अरे स्कूल की तो छुट्टी हो गई थी तो उसके क्लास की। बोला था ना उसने एक्स्ट्रा क्लास है। ये उसी के क्लास की लड़कियां होंगी…” गुड्डी की आवाज रुवांसी हो गई थी।
मैंने कस के गुड्डी का हाथ दबाया, उसे अश्योर किया, और उससे ज्यादा खुद को, और धीरे से बोला, " गुंजा को कुछ नहीं हो सकता, वो एकदम ठीक होगी :
बार बार आँखों के सामने गुंजा का वो भोला चेहरा, कैशोर्य की पायदान पर खड़ी, और बार बार मन में यही आता नहीं गुंजा को कुछ नहीं हो सकता
मैं- “अरे हम लोग चलते हैं ना चलो…” गुड्डी को बोला मैंने।
गुड्डी हाथ धोने बाथरूम चली गई।
एक और चैनेल अब बोल रहा था था-
“हालांकि पोलिस ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया है, लेकिन हमारे सोर्सेज के अनुसार ये आतंकी हमला ही लगता है। क्योंकि बंधक बनाने वालों ने एक बाम्ब का प्रयोग किया है। डी॰जी॰ पोलिस ने लखनऊं से बताया है की स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है। मुख्यमंत्री वापस आ रहे हैं। अभी अभी खबर आई है की कुल 22 लड़कियों में से 19 बंधकों के घुसने के समय निकल भागीं लेकिन 3 लड़कियां बंधक हैं। उनका नाम पुलिस ने बताने से इनकार किया है…”
मोबाईल, पुलिस की गाड़ी बाहर खड़ी थी।
हम लोग सीधे उसी में जाकर बैठ गए। अचानक मुझे याद आया- “चंदा भाभी कहीं वो टीवी तो नहीं देख रही होंगी और वो चैनेल देखकर घबड़ा तो नहीं रही होंगी?”
गुड्डी ने ऐस्योर किया-
“नहीं वो नार्मली सोती हैं। और ज्यादातर लड़कियां तो चैनेल बता रहा था की निकल गई थीं, तो गुंजा निकल ही गई होगी और अगर हम लोगों ने फोन किया तो पहले तो जवाब दो की हम लोग अब तक गये क्यों नहीं? फिर वो कहेंगी की घर आ जाओ और फिर ये की शहर में टेंशन है। तो आज मत जाओ। तो फिर तो…”
फिर मैंने भी सोचा की वो लोग बेकार में परेशान होंगे।
लेकिन आँखों के सामने बार बार गुंजा का चेहरा याद आ रहा था, सुबह नाश्ते के समय स्कूल की ड्रेस में, स्कूल से लौट के रंगा पुता, स्कूल की उसकी सहेलियों के किस्से, कैसे जबरदस्त होली उसने शाजिया और महक के साथ मिल के खेली,... एकदम रंग उसकी बातों से छलक रहा था
और वो स्कूल, उसी स्कूल में ये हमला, तीन लड़कियों को होस्टेज बनाया है,
बस गुंजा न हो