Black horse
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छा गया कोमल का komaal रंग.जोरू का गुलाम भाग १४३
लाल डायरी
समझ में नहीं आता क्या बताऊँ, कैसे बताऊँ , अभी तक तो ये कहानी ज्यादातर मेरी जुबानी चली, जेठानी जी ने जो बचपन की बातें बतायीं मैंने सुनी वो आपसे शेयर की, ( रिकार्ड भी की ) लेकिन ये पार्ट , मैंने कभी शेयर भी नहीं किया,... की मैं जेठानी के खिलाफ,... मैं किसी के खिलाफ नहीं हूँ लेकिन अब मैंने सोचा की जो कुछ मुझे मालूम है , भले ही थर्ड परसन में लिखूं ये हिस्सा जैसे बाकी लोग ज्यादातर लिखते हैं , थोड़ा कंटीन्यूटी की कमी भी हो लेकिन बता ही दूँ ,... तो चलिए शुरू से ही,
बताया था न , ये सो गए थे अपनी भौजाई की हचक के गाँड़ मारने के बाद , पहली बार अपनी घर की किसी औरत की,...
लेकिन ये तो शुरुआत थी,... मुझे तो अपनी सास के मोटे मोटे चूतड़ बहुत सुहाते थे ,
देखते ही बस यही लगता था की उनका छोटा बेटा निहुरा के अपना मोटा मूसल उनके पिछवाड़े और वो स्साली खूब चीखे चिल्लाये बड़े बड़े टसुए बहाये, पर ये
,... एक बार गाँड़ में सुपाड़ा घुस जाने के बाद कौन बिन मारे छोड़ता है,...
मैं भी न,... बार बार इधर उधर भटक जाती हूँ , इनकी मायकेवालियों के चक्कर में , हैं भी सब एक से एक मस्त माल,... और उसके बावजूद इनकी नथ मुझे उतारनी पड़ी , सुहागरात में , एकदम नौसिखिये,... फिर देखिये भटक रही हूँ,... ओके , ओके
तो ये सो गए थे , और इनकी थकी मांदी भौजाई भी अपने देवर से चिपकी,...
लेकिन मैंने रिस्क नहीं ले सकती थी तो मैं, ने फर्श पर गिरा ब्लाइंडफोल्ड निकाल के जेठानी की आँखों पर एक बार फिर से , और उनके दोनों हाथ भी पलंग से कस के, ...
फिर तकिये गद्दे के नीचे से वो बड़ा सा चाभी का गुच्छा, जो हरदम उनके आंचल से बंधा रहता था , कोई उनके पेटीकोट का नाड़ा भले ही खोल ले , वो चाभी का गुच्छा,... नहीं ले सकता था उनसे। और शादी में आने के बाद चौथे दिन ही अपनी सास से ये चाभी का गुच्छा जेठानी जी ने झटक लिया था , ... घर के मालिकाने का झंडा था ये, और ये झंडा अब उनके कूल्हे पे लहराता था और अड़ोसियों , पड़ोसियों , काम करने वालियों को साफ़ साफ़ पता चल गया की सत्ता बदल गयी है , हुक्म अब किसका चलेगा।
तो वो चाभी का गुच्छा,... और उसके साथ ढेर सारे व्हाट्सएप मेसेजेज ,... मैंने बताया तो था की इनकी कम्पनी के साइबर सिक्योरिटी वालों की हेल्प ले की ( आखिर उन्हें कांट्रेक्ट मैंने ही दिलवाया था और उसमे एक से एक बड़े हैकर थे, जो यंत्र तंत्र सरकार के जासूसों पास नहीं थे वो वो भी इन्होने ),
नगमा ने गुड्डी की जो प्लानिंग की थी ,
' न सोने दूंगी , न मूतने दूंगी , तीन दिन में खुद संदीप भैया के सामने अपना नाड़ा खोलने के लिए तैयार हो जायेगी ' वाला प्लान,... तो नगमा , जेठानी और जो भी तार इनसे जुड़े हों ,... तो वही सब,... और उसी से पता चला की एक लाल डायरी है जो सात ताले में जेठानी बंद रखती हैं,... तो बस उन चाभीयो से जेठानी की अलमारी खुली , अलमारी के अंदर की चाभी से लाकर खुला और उस के अंदर सात पर्दों में छिपी लाल डायरी मिली ,... और लाल डायरी और वो सारे मेसेज पढ़ के ही,... बस क्या बताऊं मेरी रूह काँप गयी.
किसको किसको नहीं नापने की कोशिश थी , मुझे, मैं तो खैर बाहरी थी, इन्हे , जेठ जी को सास को मेरी। लेकिन कैसे बताऊँ सब गड्मगड्ड हो जाता है
चलिए तो बस एक कहानी की तरह शुरू से ही, ...
बात उस समय की है जब जेठानी की शादी हो चुकी थी, उन्होंने चाभी का गुच्छा हथिया लिया था , इनकी पढ़ाई ख़त्म होने वाली थी, और जेठानी जी मायके गयीं, ... और मायके जाने का मतलब अगले ही दिन अपने फुफरे भाई , संदीप के घर ,...नगमा ने उन्हें बता दिया था की संदीप थोड़ा आजकल उखड़ा रहता है ,... और जेठानी सोचती थी की पहुँचते ही वो अपनी ममेरी बहन पर चढ़ जाएगा , लेकिन नगमा की बात सच थी,...
और अगले दिन संदीप ने राज उगल दिया ,...
कच्ची कली,..
दर्जनों के ऊपर चढ़ा होगा वो लेकिन आज तक उसने कोई झिल्ली नहीं फाड़ी थी,... उसकी ममेरी बहन , जेठानी जी तो समुआ के ट्रैक्टर मार्का हल से अपना खेत जुतवा चुकीं थी, फिर भगेलू , जुगुनू और न जाने कितने,... थी उनकी तब भी बहुत कसी पर , फिर भी,... नगमा का सिर्फ दूसरा , लेकिन पहली एंट्री उसके किसी चचेरे , ममेरे भाई ने मार दी थी भले ही उसका केंचुआ छाप हो और दो इंच के बाद ही दो मिनट में दो बूँद छिड़काव कर के वो बाहर हो गया, लेकिन फर्स्ट टाइम उसका भी नहीं, बात संदीप की सही थी , कितनी काम करने वालियों , गाँव की भौजाइयों के साथ लेकिन वो सब भी खेली खायी,...
जेठानी समझ गयी , जबतक इसे नया शिकार नहीं मिलेगा , इसकी भूख नहीं जागेगी,... और खुद कच्ची कली फंसाना इसके बस में नहीं है और आज कल जवान होते ही कोई न कोई नंबर लगा ही देता है,...
आशा है अब आप स्वस्थ होंगी.
आराम से update प्रकाशित करें