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Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

komaalrani

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जोरू का गुलाम भाग २३६ - मंगलवार, दिल्ली

अपडेट पोस्टड, पृष्ठ १४३३ फायनेंसियल थ्रिलर का नया मोड़,

कृपया पढ़ें, आंनद लें और कमेंट जरूर करें
 
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komaalrani

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ashik awara

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...मेरी छुटकी ननदिया


school-3.jpg



और सबसे बढ़कर वो उनकी ममेरी बहन।



वो पास के मोहल्ले में थी लेकिन अक्सर आ जाती थी। गुड्डी नाम था।

अभी ग्यारहवीं में गयी है,और जैसे इस उमर की लड़कियों में होती है , एकदम चैटर बॉक्स.



और एकदम चिपकू , अपने भैय्या से , हर समय , मेरे भैया ये नहीं करते , मेरे भैया वो नहीं करते।



लेकिन लगती कैसी थी ?


मैं ये कह सकती थी जैसे ग्यारहवीं में पढने वाली लड़कियां लगती हैं , वाली जिनपे अभी अभी जवानी चढ़ी हो।

लेकिन ये बेईमानी होगी।




जब मेरी शादी में आई थी बारात में तो उसके कच्चे टिकोरे ही आग लगा रहे थे


और अब तो कुछ दिन पहले जवानी की राते मुरादों के दिन वाली उम्र हो गयी।



मैं और मेरी जिठानी उसे चिढ़ाते थे , अरे अब तो इंटर में आ गयी है इंटरकोर्स कर ले तो ऐसा बिदकती थी की





लम्बी ठीक ठाक , ५-४ होगी ,

गोरी ,हंसती है तो गाल में गहरे गड्ढे पड़ते हैं।



और उभार ,


Girls-urfi-Insta-img22.jpg


एकदम जम के दिखते हैं , खूब कड़े कड़े कच्ची अमिया जैसे छोटे लेकिन मस्त, उसके क्लास की लड़कियों से कुछ ज्यादा ही बड़े ।





हिप्स भी कड़े और गोल।





जैसा की फिराक ने कहा था , वैसी ही बल्कि थोड़ी बढ़ चढ़ कर ,




लड़कपन की अदा है जानलेवा
गजब की छोकरी है हाथ भर की





और मुझे भी कई बार लगा की सिर्फ वही नहीं चिपकी रहती , इनके मन में भी उसके लिए कुछ 'सॉफ्ट ( या हार्ड !) कार्नर ' है।






शादी के कुछ दिन बाद गाने हो रहे थे और मुझे मेरी जेठानी ने उकसाया गारी गाने के लिए ,

bride-dholak-2.jpg



और गारी का असली टारगेट तो ननद ही होती है , तो बस मैं चालू हो गयी उसके टिकोरों की खुल के तारीफ करने







मंदिर में घी के दिए जले मंदिर में


मैं तुमसे पूछूं हे ननदी रानी , हे गुड्डी रानी ,


तोहरे जोबना का कारोबार कैसे चले ,






और उसका सम्बन्ध पहले अपने भैया फिर सैयां से जोड़ने ,






बार बार ननदी दरवाजे दौड़ी जाए कहना ना माने रे ,

बार बार गुड्डी दरवाजे दौड़ी जाय कहना न माने रे ,

अरे हलवइया का लड़का तो गुड्डी जी का यार रे , अरे गुड्डी रानी का यार रे ,


लड्डू पे लड्डू खिलाये चला जाय , , अरे चमचम पे चमचम चुसाये चला जाय ,


कहना ना माने रे , अरे कहना ना माने रे ,


बार बार ननदी दरवाजे दौड़ी जाए कहना ना माने रे ,


बार बार गुड्डी दरवाजे दौड़ी जाय कहना न माने रे ,

अरे दरजी का लड़का तो गुड्डी जी का यार रे अरे ननदिया का यार रे ,

अरे चोलिया पे चोलिया सिलाये चला जाय , अरे जुबना उसका दबाये चला जाए


कहना ना माने रे , अरे कहना ना माने रे ,

बार बार ननदी दरवाजे दौड़ी जाए कहना ना माने रे ,

बार बार गुड्डी दरवाजे दौड़ी जाय कहना न माने रे ,




अरे मेरी सासु जी का लड़का , तो गुड्डी जी का यार रे गुड्डी जी का यार

अरे सेजों पर मौज उड़ाए चलाय जाय कहना ना माने रे।

अरे मेरी मम्मी का लड़का , अरे मेरा प्यारा भैया तो गुड्डी जी का यार रे , अरे ननदिया का यार रे ,..


टाँगे दोनों उठाये चला जाय , अरे जाँघे उसकी फैलाये चला जाय



कहना ना माने रे





और उसी समय कहीं से वो आगये , फिर ऐसे घूरा उन्होंने की तुरंत गाना बजाना सब बंद।


और उस दिन तो मैं उस के चक्कर में इतना ,कह नहीं सकती कितना खराब लगा।

Teej-1212-th.jpg







उनकी एक आदत और ख़राब ,


कोई भी सामान अपनी जगह नहीं रखते ,सब इधर उधर।




एकदिन तकिये के नीचे कंडोम रखे थे जो सरक कर बिस्तर पर आगये ,



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कोई आया तो जल्दी से मैंने पास में पड़े हमारे वेडिंग अल्बम में उसे रख दिया।



रात में वो कमरे में आये , तो वेडिंग एल्बम उन्होंने खोल कर देखा।


कंडोम जिस पेज पर थे , वहां गुड्डी की फोटोग्राफ्स थे ,शादी में डांस करते।

bride-dance-3.jpg



मैंने उन्हें इतना गुस्सा और दुखी कभी नहीं देखा था। वो वैसे भी कैंसरियन थे , राशि के हिसाब से ,

और गुस्सा होने पे या अकसर वैसे भी अपने शेल में घुस जाते थे।


उन्होंने कंडोम उठाकर झटक कर फर्श पर फ़ेंक दिया जैसे मैंने कैसी गन्दी चीज गुड्डी की तस्वीर के साथ रख दी हो।

और फिर सम्हाल कर उस की फोटो को पोंछा और अपने हाथ से नीचे वाले ड्राअर में एलबम को रख के बंद किया।


और बिना मुझसे कुछ बोले , मेरी ओर पीठ कर के सो गए।
कोमल जी आपकी ये कहानी मेने सेक्स बाबा पर पढ़ी थी , पर वहां कमेन्ट करना बड़ा मुश्किल था, इस फोरम में लेखक से बात हो जाती हे , पर आपकी लेखनी कमाल की हे , इसका कोई जबाब नही हे धन्यवाद
 

Jiashishji

दिल का अच्छा
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फिर चढ़े भैया, बहिनिया पर

( दूसरा राउंड )





कुछ देर में चीख चीख कर , रो रो कर उसकी बुरी हालत हो रही थी ,अब सिसक सिसक कर , मस्ती में उसकी बुरी हालात हो रही थी ,और उसकी ये हालत देख कर मुझे भी खूब मस्ती चढ़ रही थी ,

आखिर उसके बुर की बुरी हालत करने वाले उसके प्यारे भैय्या ही तो थे।

लेकिन उस बिचारी को क्या मालूम था की अभी तो बस शुरुआत हुयी है ,

थोड़ी देर में उन्होंने अंगूठे से अपनी बहिनिया की बिलिया को थोड़ा फैलाया और फिर हचाक , क्या कोई लंड पेलेगा ,जिस तरह से उन्होंने अपनी जीभ अपनी ममेरी बहन की चूत में ठेली , फिर चारो ओर हलके हलके और थोड़ी देर में सटासट सटासट




मस्ती में मेरी ननद की हालत खराब थी ,उसकी आँखे बंद हो रही थीं , दोनों हाथों से उसने बेडशीट जोर से दबोच रखी , जीभ के हर धक्के के साथ ननद की सिसकी निकल रही थी। और फिर उन्होंने गीयर चेंज कर दिया साथ साथ गुड्डी की कुँवारी चूत के गुलाबी पपोटों को लेकर वो जोर जोर से चूसने लगे ,जीभ अंदर दंगा मचा रही थी।

कुछ ही देर में उनकी ममेरी बहन पलंग पर बित्ता बित्ता भर चूतड़ पटक रही थी लग रहा था अब झड़ी तब झड़ी ,

पर तड़पाने में उनका सानी नहीं था ,
और वो भी तो अपने कच्चे टिकोरे दिखा दिखा के ,ललचा ललचा के उन्हें तड़पा रही थी ,

उन्होंने अपनी ममेरी बहन की सोनचिरैया से अपनी जीभ निकाल ली ,चाटना भी बंद कर दिया और बस ,...
थोड़ी देर में

वो आलमोस्ट नार्मल ,...

और अब जो वो शुरू हुए तो सीधे तीसरे गियर में और अबकी उन्होंने अपने होंठों के बीच अपनी ममेरी बहन के निचले गुलाबी रसीले होंठों को कस के दबोच लिया था और जोर जोर से चूस रहे थे , कुछ देर में जीभ उनकी उस किशोरी की कुँवारी चूत की फांको के बीच,



गुड्डी की एक बार फिर बड़ी बड़ी दियली ऐसे आँखे बंद हो चुकी थीं , चेहरे पर एक अजब सी मस्ती छायी थी , कुछ ही देर में वो फिर सिसकने लगी,उसकी रेशमी जाँघे अपने आप फ़ैल रही थी , दोनों हाथों से उसने अपने बचपन के यार के सर को कस कर दबा रखा था , अपनी ओर भींच रखा था ,

कुछ ही देर में गुड्डी की सिसकियाँ बढ़ने लगी ,वो खुद अपने चूतड़ उचका उचका कर ,...

पर अबकी वो रुक नहीं रहे थे ,चूत की चुसाई , और जीभ से चूत के अंदर बाहर ,.. अंदर बाहर

एक बार फिर गुड्डी झड़ने के कगार पर पहुँच रही थी ,मुझे लगा वो अब गयी ,तब गयी , और ऊपर से उन्होंने जीभ बाहर निकाल के ,

हलके से जीभ की टिप से उसकी क्लिट को सहला दिया



जैसे ४४० वोल्ट का झटका लगा हो ,
उनकी बहन ने झड़ना शुरू कर दिया था ,


पर वो , इतनी आसानी से थोड़े ही आज अपनी बहन को झड़ने देने वाले थे ,वो भी बहुत तड़पे थे। जोर से उन्होंने उसके ताजे आये निप्स को कस के मरोड़ दिया , दर्द से वो बिलबिला गयी।



वो जोर से चीखी , और मेरे चेहरे पे मुस्कान फ़ैल गयी

वो समझ गए थे इसकी असलियत , दर्द और मजे दोनों में ही इसे मजा मिलता है।

लेकिन उन्होंने उसके निपल को मरोड़ना नहीं छोड़ा ,और गुड्डी की आँखों में आंसू तैर गए।


उन्होंने अपनी ममेरी बहन की बुर पर से होंठ हटा लिया और बस थोड़ी देर में ही मस्ती ख़तम हो गयी।

दो चार मिनट रुकने के बाद वो फिर चालू हो गए , लेकिन अबकी थोड़े स्लो मोशन में,पहले उन्होंने जाँघों से शुरुआत की छोटे छोटे चुम्मो से, फिर भगोष्ठों के बाहरी भाग के किनारे किनारे जीभ की नोक से रगड़ा , और भगोष्ठों के बीच,



गुड्डी एक बार फिर सुलग रही थी ,

उन्होंने उस छोरी के सिर्फ एक लव लिप्स को अपने होंठों में लेकर हलके हलके चूसना शुरू किया , फिर, दोनों निचले होंठ उनके होंठों के बीच ,वो उस यंत्र वाली की टीनेजर चूत बस हलके हलके चूस रहे थे , चूत खूब गीली हो रही थी। गुड्डी ने एकबार फिर अपनी मुट्ठी भींच ली थी ,उसकी आँखे बंद हो गयी थी ,साँसे लम्बी लमबी चल रही थी ,पर वो उसी तरह धीमे धीमे चूस रहे थे , और अब उनकी जीभ एक बार दोनों फांको के बीच तेजी से फ्लिक करने लगी ,

जादू की तरह असर हुआ मेरी ननदिया पर ,

ओह्ह्ह ुह्ह्ह्ह हाँ हाँ भइया ,.. ओह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ नहीं नहीं हाँ ओह्ह भैय्या क्या कर रहे हो ,... भइय्याँआ ओह्ह्ह्हह्हहह

वो एक बार फिर चूतड़ पटक रही थी , और उन्होंने जीभ को उसकी चूत से हटा कर सीधे उसकी क्लिट पर लगा दिया,

बस बित्ते भर चूतड़ पटका उसने , क्या चीखी मस्ती से वो ,


अबकी जो उन्होंने होंठ हटाया तो बस सीधे से अपना मोटा मूसल एक झटके में अंदर ढकेल दिया।



उनकी ममेरी बहन की टाँगे उनके कंधे पर थीं ,जाँघे खूब फैली और उसके बीच में उस टीनेजर के भइया का मोटा खूंटा अंदर घुसा ,

दोनों गोरी गोरी चूड़ियों से भरी नरम कलाइयां उनकी बहन की उनके हाथ में कस के जकड़ी , और अब गुड्डी की चूत पूरी तरह इनकी गाढ़ी थक्केदार मलाई से भरी हुयी थी , जबरदस्त चूत चुसाई से भी वो गीली हो गयी थी ,इसलिए लंड सटासट अंदर जा रहा था ,लेकिन अभी थोड़ी देर पहले ही तो फटी थी उसकी ,और उमर भी उस टीनेजर की बारी ,

कभी वो सिसकती तो कभी चीखती , लेकिन तभी जाने या अनजाने ,उनका लंड ,शायद जहां उसकी झिल्ली फटी थी बस वहां से जोर से रगड़ते हुए
और जोर से चीखी वो ,


उय्य्यी उईईईईई ओह्ह्ह्ह जान गयी ईईईईईई नहीं उईईईईई


मेरी चेहरे पर मुस्कान फ़ैल गयी , अबकी उन्होंने जान बूझ कर उसी जगह पर एक बार फिर से और ताकत से रगड़ते हुए,

भैय्या , नहीं भईय्या उफ्फ्फ निकाल लो , उईईईईईई लगता है , ओह्ह्ह्हह्

जैसे कान फट जाय वैसी चीख ,एक के बाद एक ,...

पर वो रगड़ रगड़ कर ,और दो चार धक्को के बाद जिस ताकत से उन्होने पूरा मूसल निकाल के ठेला ,

सीधे बच्चेदानी पर , और अबकी गुड्डी की चीख,



ऐसे धक्के पर तो मेरी सास की भी चीख निकल जाती , और हर तीसरा चौथा धक्का सीधे उस किशोरी की बच्चेदानी पर ,

नतीजा वही हुआ जो होना था ,कुछ देर तक तो वो दर्द से तड़पती रही पर चीखें उसकी सिसकियों में बदल गयीं ,देह उसकी ढीली पड़ गयी ,साँसे लम्बी हो गयी

और अब जो मेरी ननद ने झड़ना शुरू किया तो उसके भइया रुके नहीं ,उसी तरह धक्के पर धक्के

वो बार बार काँप रही थी ,रुक रुक कर झड़ रही थी ,उसकी बोली नहीं निकल रही थी ,एकदम थेथर ,
Gajab ki chudayi ho rahi hai bhai bahen ke beech
 

komaalrani

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Next update kab aayega didi
pichle updates par aapke comment ka intezzar kar rahi hun:waiting1::waiting1:
 
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Reactions: motaalund

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एकदम खून से लथपथ सिर्फ चूत के मुहाने पे रक्त के धब्बे नहीं थे बल्कि चूत से चिपक के जांघ के अंदरूनी हिस्से में भी खून अच्छी तरह लगा था , और लाल के बीच बीच सफ़ेद सफ़ेद बहिनी के चूत से निकलते अभी भी बहते वीर्य के धब्बे,.
Pills khilakar kar galti kar di guddi ki bhabhi ne, pregnant hone deti, suhagraat me hi,
 

Jiashishji

दिल का अच्छा
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Waiting for next apdate
 

ashik awara

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कोमल जी आपकी कहानी तो अच्छी हे पर आपके लिखने की सेटिंग सही नहीं लग रही हे , एक तो इमेज बेहद ज्यादा हें , दुसरे आप कुछ लाइनों को पुरे पेज में फेला देती हें जेसे एक वाक्य के बाद दुसरे वाक्य में दुरी ज्यादा हे और लाइने भी बिखरी हुई हें ये आपकी हर कहानी में देखा जा रहा हे , अभी में नेहा का परिवार देख रहा था , उसमे पेराग्राफ सुगठित तरीके से लिखा हुआ हे और पढने में भी अच्छा लगता हे , पर आपकी कहानी अच्छीखासी होते हुए भी पढ़ी नही जा रही हे , अगर आप इस पर ध्यान दे तो ठीक रहेगा और इमेज बहुत ज्यादा हें , पाठक आपकी लेखनी को पढ़ता हे , इमेज से ज्यादा फर्क नही पड़ता हे इस मामले में सीमा जी की " नेहा का परिवार" मुझे ज्यादा बेहतर लगी उसमे कहीं भी इमेज नहीं हें बाकि आपकी मर्जी
 
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