कोमल जी आपकी कहानी तो अच्छी हे पर आपके लिखने की सेटिंग सही नहीं लग रही हे , एक तो इमेज बेहद ज्यादा हें , दुसरे आप कुछ लाइनों को पुरे पेज में फेला देती हें जेसे एक वाक्य के बाद दुसरे वाक्य में दुरी ज्यादा हे और लाइने भी बिखरी हुई हें ये आपकी हर कहानी में देखा जा रहा हे , अभी में नेहा का परिवार देख रहा था , उसमे पेराग्राफ सुगठित तरीके से लिखा हुआ हे और पढने में भी अच्छा लगता हे , पर आपकी कहानी अच्छीखासी होते हुए भी पढ़ी नही जा रही हे , अगर आप इस पर ध्यान दे तो ठीक रहेगा और इमेज बहुत ज्यादा हें , पाठक आपकी लेखनी को पढ़ता हे , इमेज से ज्यादा फर्क नही पड़ता हे इस मामले में सीमा जी की " नेहा का परिवार" मुझे ज्यादा बेहतर लगी उसमे कहीं भी इमेज नहीं हें बाकि आपकी मर्जी