फिल्म "गोरा और काला" में रेखा पिटने पर भी मजा ले रही थी..Bahanchod kya randi hai yr...... itne Dard me bhi maaaja le rahi hai .... ye to gajab dhaa degi.......![]()
बल्कि और उकसा-उकसा कर....
फिल्म "गोरा और काला" में रेखा पिटने पर भी मजा ले रही थी..Bahanchod kya randi hai yr...... itne Dard me bhi maaaja le rahi hai .... ye to gajab dhaa degi.......![]()
निखार लाने के लिए गाढ़ी क्रीम जो ले रही है....Aur isi ke sath pahla round Dard aur chikeho ke sath sath guddi ki siskariyo me pura hua...... ye to jitna chudegi utni hi majedaar nikhar k aayegi.....
Lajawab chudayi..... bhabhi ji....
आपके ऐसा विनम्र और सब पाठकों को यथोचित सम्मान देने वाला कोई विरले हीं होता है...मैं ऐसे ही कमेंट्स का इन्तजार करती हूँ , और इस तरह के संवाद से पाठकों की रूचि, समस्या और उस के हिसाब से कहानी के प्रस्तुतीकरण में होने वाली खामियों का पता चलता है,
मैं निश्चित रूप से अगली पोस्ट से ही अमल करुँगी और आप के कमेंट का इन्तजार करुँगी, बस दो बातें ,
मैं डायलॉग अलग लाइन में " ..." के बीच लिखती हूँ, और पैरा से हट के,... जैसे
" अरे स्साली तू भी न वो मानेगा नहीं उसका खड़ा ही नहीं होगा मेरे नाम पे,... वो मानेगा।"
झिझकते हुए माँ ने बोला,
" वो जिम्मेदारी मेरी, मेरा भाई है, हिम्मत है ... " गीता पीछे हटने वाली नहीं थी।
ये मेरी दूसरी कहानी छुटकी के डायलॉग्स हैं माँ बेटी के
लेकिन कम से बाकी कहानी में निश्चित रूप से आपके बताये पर अमल करने की कोशिश करुँगी।
पिक्चर्स भी मैं एरोटिक के साथ नान एरोटिक डालती हूँ , माहौल को पुष्ट करने के लिए लेकिन अगर वो पढ़ने में बाधा डालती हैं तो निश्चित रूप से उनकी संख्या कम हो सकती है और उनका काम रस को बढ़ाना है, रस भंग करना नहीं है,...
इसलिए मैं मानती हूँ की पाठकों और लेखक के बीच संवाद अत्यंत आवश्यक है और हर पोस्ट के बाद मैं अनुरोध करती हूँ
एक बार फिर से धन्यवाद
और पाठक अपनी आकांक्षा भी व्यक्त कर पाते है....बहुत बहुत धन्यवाद,
मुझे बाबा जी का पता नहीं था , और मैं तो इस सोच में थी की पिछले फोरम के बंद होते ही ये कहानी कचरे के डब्बे में चली गयी और म्युनिस्पैलिटी वाले उठा के ले गए,... और पता होता तो बाबा जी को धन्यवाद तो देती,...
लेकिन इस फोरम में इस कहानी में मैंने करीब १/३ नए प्रसंग जोड़े हैं , जैसे इस सुहागरात के दृश्य को भी पूरी तरह से रिवैम्प किया है इसके पहले भी कई नए प्रसंग भी जुड़े हैं और आगे भी जुड़ेंगे, जिससे पढ़ने वालों को पूरा मजा मिले,
इस फोरम में मेरी दो एकदम टटकी नयी कहानियां भी हैं
मोहे रंग दे - रोमंटिक नव दम्पति की, और
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Erotica - मोहे रंग दे
मोहे रंग दे ,मोहे रंग दे ,रंग की यह कहानी साजन के रंग में सजनी के रंगने की है ,सजनी के रंग में साजन के रंगने की है ,और होली की है , ...और होली की नहीं भी है ,...मन और तन दोनों रंगने की है ,नेह के रंग की , देह के रंग की ,... एक ऐसी कहानी जो सिर्फ इस देस में हो...exforum.live
छुटकी -होली दीदी की ससुराल में,
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Adultery - छुटकी - होली दीदी की ससुराल में
छुटकी - होली दीदी की ससुराल मेंयह कहानी सीक्वेल है, मेरी एक छोटी सी लेकिन खूब मज़ेदार और गरमागरम होली की कहानी, मज़ा पहली होली का ससुराल में, जी अभी उसकी लिंक भी दूंगी , उसके पहले पेज को रिपोस्ट भी करुँगी, लेकिन उसके पहले इस कहानी की हलकी सी रूपरेखा, जिस कहानी से जुडी है ये कहानी दो चार...exforum.live
जहाँ मैं इन्सेस्ट लिखने की कोशिश कर रही हूँ,...
बहुत बहुत आभार , पाठक और लेखक के बीच का संवाद ही कहानी में जान डालता है, ... और कहानी को नए रंग में ढालने में मदद करता है बस इसी तरह उम्मीद करुँगी हर पोस्ट के बाद आप के कमेंट्स की
हर राउंड जबरदस्त...are doosara raaun bhi ho gaya hai page 551 pe
aba aapke us round ke comment aa jaaye tab baki raat ka kissa bayan karungi
स्वस्थ संवाद... कहानी की दशा और दिशा निर्धारित करते हैं...कोमल जी मेरे कमेंट्स का जबाब देने के लिए आपका आभार , कोमल जी सेक्स बाबा पर मुझे बहुत सारी कहानियां आप सभी लेखकों की मिली हें और मेने उन सभी कहानियों को अपने फोल्डर में संजो कर रखा हुआ हे , मुझे कहानी एक नोवल के रूप में पढना पसंद हे . इसीलिए में शुरू में कमेन्ट करने में असमर्थ हूँ , दूसरी बात सेक्स बाबा पर लेखक से सम्वाद करना बेहद मुश्किल हे , इस फोरम पर मुझे इस बात की ख़ुशी हे की लेखकों से सम्वाद करने का अवसर मिल रहा हे , और कई लेखकों ने मेरे कमेन्ट पर जबाब भी दिया हे , स्वस्थ सम्वाद करना अच्छा ही रहता हे आपकी कहानी जोरू का गुलाम मेने अपने फोल्डर पर बिना किसी इमेज के सेव की हुई हे, और बिना इमेज के पढने में उतनी ही मजेदार लगती हे , बाकि अगर बिना इमेज के आप कहानी मुझे दे सके तो आपका आभार रहेगा बाकि कहानी तो पढनी हे ही , आप इसी तरह लिखती रहें , धन्यवाद
ये तो पढ़ कर हीं पता चलेगा...कोमल जी जोरू का गुलाम ६१ पार्ट तक मेरे पास हे क्या उसमे आपने कोई बदलाव किया हे क्या आपने
बिना कमेंट के स्टोरी पढ़ने का मजा नहीं है...बिना इमेज के कहानियाँ पी डी ऍफ़ रूप में इसी फोरम के पी डी ऍफ़ वाले सेक्शन में हैं
लेकिन एक तो उसमें बाद के जोड़े हुए हिस्से नहीं है और दूसरे ये कहानी अधूरी थी तो इस बार मैं कोशिश करुँगी उसे पूरी करने की,... तो जैसे टीवी पे सीरयल चलते हैं या ओटीटी पे सीरीज
और फिर हर पोस्ट के बाद आपके कमेंट पढ़ने का लालच ,
जनमत में मेरा मत भी इसी तरफ...ekdam janata ki yahi maang thi , aur janmat ka smaan to karna hi chahiaye naa
ओह तो सही मुहूर्त का इंतजार है.....uski bhi din saayit samay aayegaa aur us raat ka bhi kissa isi tarh haal khulasa bayan hoga , assal men maximum fertility ke chance ka ek period hota hai, ...period kahatm hone ke 10-12 baad se 5-6 din tak bas usi smaay aur bakayada garbhadhan sanksaar bhi hoga