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Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

motaalund

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कोमल जी आपकी ये कहानी मेने सेक्स बाबा पर पढ़ी थी , पर वहां कमेन्ट करना बड़ा मुश्किल था, इस फोरम में लेखक से बात हो जाती हे , पर आपकी लेखनी कमाल की हे , इसका कोई जबाब नही हे धन्यवाद
तब की कहानी और अब की कहानी में एक चौथाई से ज्यादा modification हो चुके हैं...
साथ हीं साथ... लेखक/लेखिका से इंटरेक्शन... सोने पे सुहागा...
 

motaalund

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Pills khilakar kar galti kar di guddi ki bhabhi ne, pregnant hone deti, suhagraat me hi,
अभी कुछ दिन तो गुड्डी मजे से चुदवा ले... बिना किसी फिक्र के...
 

motaalund

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कोमल जी आपकी कहानी तो अच्छी हे पर आपके लिखने की सेटिंग सही नहीं लग रही हे , एक तो इमेज बेहद ज्यादा हें , दुसरे आप कुछ लाइनों को पुरे पेज में फेला देती हें जेसे एक वाक्य के बाद दुसरे वाक्य में दुरी ज्यादा हे और लाइने भी बिखरी हुई हें ये आपकी हर कहानी में देखा जा रहा हे , अभी में नेहा का परिवार देख रहा था , उसमे पेराग्राफ सुगठित तरीके से लिखा हुआ हे और पढने में भी अच्छा लगता हे , पर आपकी कहानी अच्छीखासी होते हुए भी पढ़ी नही जा रही हे , अगर आप इस पर ध्यान दे तो ठीक रहेगा और इमेज बहुत ज्यादा हें , पाठक आपकी लेखनी को पढ़ता हे , इमेज से ज्यादा फर्क नही पड़ता हे इस मामले में सीमा जी की " नेहा का परिवार" मुझे ज्यादा बेहतर लगी उसमे कहीं भी इमेज नहीं हें बाकि आपकी मर्जी
यहाँ मेरा मत आपसे भिन्न है...
इमेज उस वाक्य या पैराग्राफ को उचित चित्रों से प्रदर्शित कर कल्पनाओं को साकार करता है...
" नेहा का परिवार" भी अच्छी कहानी है... लेकिन कई बार एकरूपता सी महसूस होती है...
 
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motaalund

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Aa gya shikar pinjara me.....


Ab dekho kaise maja karate hai isko......



Lajawab update
अब शिकार तड़फड़ा तो सकता है...
लेकिन बच नहीं सकता...
जब तक पूरा खून-खच्चर ना हो जाए...
 

motaalund

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Kya shandaar shuruwat ki hai......




Khun kharabe aur shor sharabe se bharpur.....



Abhi to bas shuruwat hai..... aage aage to aur bhi chikhe nikalni hai
इब्तदाए इश्क है....
आगे-आगे देखिए होता है क्या...
 
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