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Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

komaalrani

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जोरू का गुलाम भाग २४८- पार्टी की तैयारी, सीनियर्स की पार्टी, पृष्ठ 1545

अपडेट पोस्टेड, कृपया पढ़ें, लाइक करें, और कमेंट जरूर करें
 
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motaalund

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लेकिन कमेंट का सूखा पड़ गया था,🤣🤣



सुहागरात वाले दृश्य का यह तीसरा पार्ट था और इसके पहले बहुत से पाठकों ने सुझाव दिया था की इस बात में कतरब्योंत नहीं होनी चाहिए,... इसलिए एक लम्बी पोस्ट के साथ रात का पूरा दृश्य मैंने पोस्ट करने की कोशिश की,... और अनेक बिघ्न बाधाओं के साथ , इमेज बीबी ने विद्रोह कर दिया था तो पिक्स अगले दिन ही पोस्ट हुईं,...

और अब कहानी आगे बढ़ेगी,...
और क्या खूब पोस्ट की है...
सबकुछ नजरों के सामने उकेर दिया....
बारह घंटों का आँखों देखा हाल.. बल्कि लाइव टेलिकास्ट...
 

motaalund

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पहली मुलाक़ात है जी पहली मुलाक़ात है,...
और पहली मुलाकात में हीं छक्का...
मेरा मतलब है छह राउंड...
पिच की तो अच्छी-खासी धुनाई हो गई...
 

motaalund

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एकदम और मैं कोशिश करती हूँ की पाठकों से संवाद, एक अर्थपूर्ण संवाद जरूर करूँ,... वो समय निकाल के कहानी पढ़ने आते हैं उनमे से कुछ लाग करके कमेंट भी देते हैं तो,... और फिर सम्बाद एक पुल की तरह भी काम करते हैं


वैसे तो मैं कोशिश करती हूँ की अपनी बात कहानी के जरिये ही कह दूँ , पर कहीं कहीं बात को विस्तारित करने में ये बातचीत भी सहायक होती है,
आपकी यह भी एक खूबी है कि पाठकों को उचित और सम्मान पूर्वक जवाब देती हैं...
और उनके सुझावों को यथासंभव कहानी में पिरोने का प्रयास करती हैं...
 

motaalund

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एकदम इतना लम्बा इन्तजार,

फिर जेठानी का जाल और गहरी चाल,

हम लाये हैं तूफ़ान से किश्ती निकाल के,... और अब खिवैया के हवाले

फिर पहली रात में अगर बुरा हाल न तो फिर क्या मज़ा इस मेहनत और इन्तजार का


कभी कभी आते रहिये, जीवन की आपाधापी बहुत मुश्किल होती है पर आपके कमेंट्स बहुत उत्साहित करते हैं

धन्यवाद
काफी उलझा हुआ जाल था...
वो तो लाल डायरी थी...
वरना विषधर की तरह पलट कर जवाब देने में कोई कसर नहीं छोड़ती ....
 
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