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मिसेज मोइत्रा और उनकी चमचियाँ
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जोरू का गुलाम भाग ५०
थोड़ा सा फ्लैशबैक :
मिसेज मोइत्रा उर्फ़ बंगाल का जादू
" सुन लिया न अब तो कोई शक नहीं न ,बहनचोद , बस बीस पच्चीस दिन के अंदर ही तुझे मस्त भोसड़े का मजा दिलवाऊंगी , जिस भोंसडे से निकला है न उसी के अंदर होगा मुझे मालूम है सोच सोच के ही पागल हो रहा हैं न लेकिन मेरी समधन के जोबन हैं ही ऐसे। "
और साथ साथ मम्मी ने मुझे भी हिदायत दी ,
" लेकिन उसके पहले इसकी वो ममेरी बहिनिया चुद जानी चहिये ,ये जिम्मेदारी तुम्हारी।
आखिर भाभी हो तेरा हक़ भी है ,ननद की फड़वाने का। "
लेकिन मेरी निगाहें लैपी पर लगी थीं ,मुझे मिल गया था जो मैं ढूंढ रही थी। और मैं जोर जोर से मुस्करा रही थी।
ममी की बात लेकिन मैं सुन रही थीं।
" एकदम मम्मी अगवाड़ा पिछवाड़ा सब ,उसके यहां आने के दो चार दिन के अंदर ही , "
बिना लैपी पर से नजर हटाये मैं बोलीं।
वो टेबल का सब सामान हटा के किचेन में चले गए थे वहीँ से उन्होंने आवाज दी
" मम्मी ,लन्च में ,... "
" कुछ नहीं ,इतना जबरदस्त ब्रंच तो हो गया है ,अब बस मैं सोने जा रही हूँ ३-४ घंटे तो कोई मुझे उठाये नहीं। आज रात को रतजगा होना है एक लड़के की ऐसी की तैसी करनी है और उसकी प्रैक्टिस करनी है मादरचोद बनाने की। "
जब तक वो आये तो मम्मी अपने बेड रूम में थी और मुस्कराते हुए मैंने उन्हें बुला के लैपी में दिखाया जो मैं इतने देर से खोज रही थी।
…..
समझ में नहीं आता कहां से शुरू करूँ ,
अभी जो मैंने लैपी में उनके ढूंढा जिसे देख कर मैं ख़ुशी से मुस्करा रही थी ,या जो मैंने इन्हें बताया ,
या जो कल रात मम्मी से जाते हुए रास्ते में बात हुयी थी
या फिर फ़्लैश बैक से ,
चलिए सब मिला जुला के बताती हूँ और कहानी फिर थोड़ी देर बाद ही रस्ते पे आ जाएगी।
ओके जो लग भूल गए होंगे उन्हें याद दिलाती हूँ।
याद है न वो हसबैंड नाइट वाली रात जब मिस्टर और मिसेज दीर्घलिंगम आये थे , हस्बैंड्स नाइट हुयी थी ,
और मेल्स को पूरे फीमेल्स अटायर में कैट वाक् करना था ,
लेकिन उसके पीछे दो बाते थीं , एक तो मेरी और मिसेज खन्ना की बात थी ,
अगर ये उस नाइट में फर्स्ट आते तो मेरा लेडीज क्लब की सेक्रेटरी बनना पक्का था ,
लेकिन मिसेज मोइत्रा , जो पूरी तरह 'संस्कारी' थीं और जिन्हें न मिसेज खन्ना पसंद थी न उन की बिंदास खुल के मजा लेने की स्टाइलऔर सब से बढ़ी बात जो हम लोगों का एक ग्रुप था , जिनकी शादी के साल दो साल हुए थे ,और जिनके हस्बैंड्स टोटेम पोल पर जूनियर थे , वो उन्हें एकदम नापंसद था।
और ये बात वो उन्हें हजम नहीं हो सकती थी की उनके रहते मैं सेक्रेटरी बन जाऊं ,
और उन्होंने एक बहुत ही गन्दा अन्डरहैन्ड दांव खेला था , मुझे इनको हराने का , नीचा दिखाने का।
उनके हबी ,मिस्टर मोइत्रा कंपनी में वी पी थे ,मिस्टर खन्ना के बाद नेक्स्ट रैंक पे।
उन्होंने अपने सबॉर्डिनेट्स को बुला के अच्छी तरह समझा दिया की उन्हें क्या करना है ,
इस काम में मिसेज मोइत्रा की
तीन चमचियाँ और उनके हबीज भी शामिल थे।
उन लोगो ने अपने जूनियर्स को एकदम स्ट्रिक्ट इंस्ट्रक्शन दिया और बस ,मुझे मिसेज खन्ना को हवा भी नहीं थी लेकिन हम लोगों के पैर के नीचे से जमीन खिसक गयी थी आलमोस्ट,
उन सबने अपनी वाइव्स को रात भर समझाया था की उन्हें हमें नीचा दिखाने के लिए क्या करना है और अगर उन्होंने मिसेज मोइत्रा और उनके चमचियों की बात नहीं मानी तो उनके सारे टूर्स बंद हो जाएंगे , अप्रेजल में निगेटिव रैंकिंग मिलेगी,
और जब कैटवाक शुरू हुआ तो, इन्होंने इतना अच्छा किया था ,मेरा तो मन कर रहा था स्टेज पर जा के इनका मुंह चूम लूँ।
ही वाज सो लवली।
इन के राउंड के बाद के मैं ,मेरी पांच छः सहेलियां जोर जोर से तालियां बजा रहे थे लेकिन मैंने नोटिस किया की सिर्फ हमी लोग हैं ,और बाकी की लेडीज एकदम हाथ बांधे , बल्कि एक दो ने तो बू भी किया ,
एक राउंड निकला ,दूसरा राउंड निकला फिर वही ,
और यही नहीं कोई घटिया सेकेण्ड रेट वाला आता तो बाकी लेडीज ताली बजा बजा के आसमान सर पे उठा रहे थी.
सिर्फ सपोर्ट की बात नहीं थी , वोटिंग मीटर भी सारे लेडीज को दिए गए थे , ५० % वोट उन्ही के थे पापुलर वोट।
मैं एकदम रुंआसी सी हो गयी थी पर मिसेज खन्ना ने जो अरेंजमेंट्स में बिजी थी , मुझे इशारा किया मैं पीछे देखूं जहां बाकी लेडीज बैठी थी ( मुझे मिसेज खन्ना ने मिस्टर दीर्घलिंगम को एस्कॉर्ट करने की जिम्मेदारी दे दी थी ,और मैं उनके साथ फ्रंट रो में बैठी थी ), मैंने मुड़ के देखा और सब गेम समझ में आ गया,
मिसेज मोइत्रा की तीन चमचियाँ
पांच -छः लेडीज को दोनों ओर ले ले के बैठीं थीं और एक एक चीज कंट्रोल कर रही थीं।
मिसेज मोइत्रा , ने मुझे देखते हुए देखा तो , मुझे एक गन्दी सी जुगुप्सा भरी निगाह से देखा ,एक विनिंग स्माइल दी.
पर उन्होंने मिसेज खन्ना को कम करके आँका था , जजेज़ के पास आधे वोट थे।
मिसेज दीर्घलिंगम के साथ एक और जज थी तनु , कास्मेटिक एक्सपर्ट , लेकिन जो साथ में इनकी मुंहबोली साली भी थी ,
और इनपर दिलफेंक , इनका मेकअप भी उसी ने किया था ,
दूसरी बात जिस तरह लेडीज हल्ला कर रही थीं ,वोट कर रही थीं , फिक्सिंग साफ़ लग रही थी और मिसेज मोइत्रा की मुस्कराहट ,मिस्टर मोइत्रा की बातें एकदम क्लियर हिंट दे रही थीं।
पर मिसेज खन्ना ,
जजेज वोट के चक्कर में जीत तो इनकी हुयी ही , उन्होंने मुझे मिस्टर दीर्घलिंगम के साथ और इनको भी मिसेज दीर्घलिंगम के साथ डिनर में बाद में एयर पोर्ट छोड़ने के लिए लगा दिया ,
नतीजा ,
मिस्टर मोइत्रा का 'प्रमोशन' हो गया एक सड़े से प्राजेक्ट में जो एक नक्सल इंफेस्टेड इलाके में था , अभी कोई भी फैसिलिटी नहीं थीं , वही।
फेमिली क्वार्टस भी नहीं थे,उसके इंचार्ज बना के , थे वो फाइनली मिस्टर खन्ना के अंदर में।
जाने के पहले मिस्टर दीर्घलिंगम ने एयरपोर्ट से मेसेज कर दिया था की मिस्टर मोइत्रा आधे घंटे बाद जाने वाली ट्रेन पकड़ के तुरंत निकल जाएँ।
जब मैं लौटीं तो मिस्टर मोइत्रा जा चुके थे , लेकिन मिसेज मोइत्रा अकेली , और मिसेज खन्ना के साथ मेरी सारी सहेलिया ,सुजाता , अन्नया,...
मिसेज दीर्घलिंगम ने मुझे लेडीज क्लब की सेक्रेटरी अनाउंस कर दिया था ,
यहाँ आपसे मेरा अलग मत है...Komal ji pls. Jaldi 2 update dekar janha per xossip per story band hui thi wanha se aage shuru kijiye, ye sab to already padha hua h
ekdam, vaahn bhi story poori ho jaati par forum hi band ho gaya , isliye phir se shuru ki , aur us forum ke band ho jaane par ye story thi bhi nahi ,bahoot se nay readers bhi hain is story ke aur thoda bahoot change bhi karungi , kuch jayada kinki , jyada hot
यहाँ आपसे मेरा अलग मत है...
कोमल रानी ने इस कहानी में कुछ नए प्रसंग जोड़े हैं और पुरानी कहानी के कई scene में विस्तार किया है....
और पहले के मुकाबले उत्तेजक भी...
हाँ, कहानी की रफ्तार बढ़ाने का मैं भी कोमल रानी से आग्रह करूँगा...लेकिन लेखक/लेखिका की रचनात्मकता पर असर हो ऐसा मेरा आग्रह नहीं है.
बल्कि बंगाली रसगुल्ले का भरपूर स्वाद के साथ प्रसंग आये तो मजा आ जाएगा...
नए update मजेदार लगे .... और planning भी जबरदस्त है ...
बहुत खूब भौजी...
बंगाली कच्ची कलियों का भी मजा दिलवाना ....![]()