Luckyloda
Well-Known Member
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Pura explain kiya jayega ......ये भी कोई पूछने की बात है...
पैसे सारे दिए जा चुके हैं..
अब ये सिर्फ कोमल रानी पर डिपेंड करता है कि शॉर्ट में निपटाएंगी या फिर पूरा विवरण मिलेगा...
Pura explain kiya jayega ......ये भी कोई पूछने की बात है...
पैसे सारे दिए जा चुके हैं..
अब ये सिर्फ कोमल रानी पर डिपेंड करता है कि शॉर्ट में निपटाएंगी या फिर पूरा विवरण मिलेगा...
स्वागत है आपकासास ननद बहन भाभी जैसी रिलेशन मैं चुदाई जैसी स्टोरीज मैं आपका कोई मुकाबला नहीं है कोमल जी।
आपकी लेखन शैली की हमेशा मुरीद रही हूं। आप मेरे लिए हमेशा एक प्रेरणा स्रोत है।
बहन की सइयां करे चुदाई
पास में बैठे देखे भोजाई
हर छेद में बहना को चौदा
अपनी छिनार बना के रौंदा
कामरस से क्यारी को सिंचा
खूब दबा मम्मो को भींचा
जीवन अमृत से उसके भर दिया
बच्चा उसकी कोख में धार दिया
अरे बहिनिया के लिए लिया है उन्होंने एक दिन की कैजुअल,... रात भर की चक्की के बाद सुबह आफिस की रगड़ाई इसलिए हाँ कल से फिर आफिस जाना ही होगा,... इसलिए आज दिन में थोड़ा काम, थोड़ा आराम और मैंने बोल दिया था नो वर्क फ्रॉम होम,... एक टीनेजर लड़की किस तरह पटा के फंसा के मैं उनके लिए ले आयी और एक दिन की कैजुअल तो बनती है।आज छुट्टी है क्या आपके सैंया की...
तभी दिन-दहाड़े...
धक्का जब तक बच्चेदानी पर नहीं लगेगा...
तब तक गिनगिना गिनगिना नहीं चुदवायेगी....
और मजा नहीं आएगा...
एकदम लाये हैं तूफ़ान से किश्ती निकाल केलेकिन अभी तो ऊपर से लेकर नीचे तज सब कंट्रोल में है...
बल्कि तीन जो विरोधी खेमे के थे.. उनके लिए जो अनुपूरक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए... उन्हें लाइन पर लाया गया..
उसका भी कुछ चांस बनता है...
और मैं भीहाँ .. इस हफ्ते तो पूरा बिजी रहेगी...
कोचिंग..नैंसी.. के साथ-साथ मंजू-गीता की जुगलबंदी...
ekdam aadhe tihe men maja nahi aataPura explain kiya jayega ......
ekdam sahi kaha aapneBhut shandaar..... sari saram chodo me
Jkg 172जोरू का गुलाम भाग १७२
सुहाग दिन या ननदिया चढ़ी अपने भैया के ऊपर
गीता ने पूछ लिया , "कल रात भर कौन चढ़ा था "
गुड्डी ने अपने भइया की ओर देखा और मुस्कराने लगी ,
पर गीता वो तो आज गुड्डी की सारी सरम लाज की ऐसी की तैसी करने में ,
"हे भाउज अइसन रंडी जस मुस्की जिन मारा। साफ़ साफ बोलो न की कल रात भर ऊपर कौन था , कौन चढ़ा था ,"
गुड्डी समझ गयी थी गीता को उसने ननद बना तो लिया था लेकिन इस ननद से पार पाना आसान नहीं थी। " भइया ,... " गुड्डी हलके से बोली।
" तो रात भर वो चढ़े थे , तो अब तुम्हारा नंबर , ... रात भर हचक हचक कर ,.. थोड़ा थक नहीं गए होंगे ,चलो चढ़ो ,.... " उसकी नयी बनी ननद ने हड़काया।
" अरे यार चढ़ जा न , बस एक बार सटा देना ,... फिर नहीं जाएगा तो बोल देना साफ़ साफ़ , मैं हूँ तेरी हेल्प करने के लिए "
अपनी ननद की पीठ सहलाते हुए मैं बड़े प्यार से समझाते मनाते बोली मैं बोली।
मैं और गीता , गुड कॉप बैड कॉप रूटीन कर रहे थे।
गीता भी अब थोड़ा मुलायम ढंग से , " अरे चलो मैं बताती हूँ , कैसे चढ़ते हैं ,मायके में कुछ सीख वीख के नहीं आयी , ... "
और मैंने और गीता ने मिल के उस टीनेजर को उठाया , और उस मोटे लम्बे बांस के ऊपर , गुड्डी दोनों पैर फैला के ,... कसी भी तो बहुत थी उसकी , अभी एक दिन भी नहीं हुए थे फटे ,... उस कच्ची कली के , और आज खुद ऊपर चढ़ के ,... गीता ने मेरी छुटकी ननद के निचले दोनों होंठ फैलाये और उनके सुपाड़े को सेट कर दिया , मुझसे ज्यादा बेहतर कौन जानता था की जब वो दुष्ट , गुलाबी पंखुड़ियों को छूता है तो बस यही मन करता है की , बस घुसेड़ दे , धकेल दे , ठेल दे ,... भले ही जान चली जाय। उनकी ममेरी बहन की भी यही हालत हो रही थी ,पर घुसाए कौन,
और गुड्डी अभी भी बोलने से लजा रही थी ,वो भी गीता के सामने ,...
गीता के हाथ गुड्डी के कच्ची अमिया पर टहल रहे थे ,हलके से दबा के गुड्डी के कान में बोली ,
" मान गयी तुम अभी ,.. भैय्या से बोल न ,... "
गुड्डी के चेहरे पर एकदम ,... दोनों जुबना मस्ती से पथराये थे , बोली वो ,...
" भैया ,... "
उन्होंने कोई रिस्पांस नहीं दिया ,...
" भैया करो न ,... "
कोई और होता तो वही हचक के उस टीनेजर को ,... लेकिन आज उन्हें भी तड़पाने में मजा आ रहा था। और बात सही भी थी इसी लौंडिया ने कितना तड़पाया था उनको , उसकी सारी सहेलियाँ रोज बिना नागा अपने भाइयों से , दिया तो अपने सगे भाई से ही,... और ये ,... अपनी दोनों जाँघों के बीच दबाये छुपाये बचाये,
उसको चिढ़ाते चढ़ाते , वो बोले ,
"क्या करूँ बोल न "
,पर गीता इतनी सॉफ्ट नहीं थी , पूरी ताकत से उसने गुड्डी के निपल मरोड़ दिए , और उसके कान में बोली ,
" क्या सिखाया था तुम्हे कैसे बोलना , स्साली छिनार रात भर चुदवाने में शरम नहीं और चोदवाना बोलने में जान जा रही है , अभी ऐसे जबरदस्ती पेलुंगी न की जान निकल जायेगी , वरना बोल ,... "
रुकते , लजाते , हिचकचाते बोली वो छुई मुई , " भइया ,... " फिर रुक गयी
गीता के नाख़ून गुड्डी के नए नए आये निपल्स में गड गए।
" भैया ,... चोदो न " वो शर्मीली बोली , लेकिन इतने धीमे से की उसने खुद भी नहीं सुना होगा ,
" जरा जोर से बोल न , ... साफ़ साफ बोल न ,.. " वो भी न आज ,...
" भैया चोदो न ,... " अबकी वो थोड़ी तेज और फिर तो ,.... गीता ने पूरे जोर लगा के , ... गीता के दोनों हाथ गुड्डी के कंधे पर थे , पूरी तरह से उसने दबाया , मैं भी हलके से अपनी सुकुमार ननद की पतली कटीली कमर पकड़ के और सबसे बड़ी बात , इन्होने पूरी तेजी से ,पूरी ताकत से ,... गुड्डी ने सिसकी ली , और फिर बड़ी जोर से चीखी ,... लेकिन गीता ने पुश करना नहीं छोड़ा और नीचे से उन्होंने दुबारा , पहले से भी तगड़ा धक्का ,
चीख भी पहले से ज्यादा तेज , ... आधे से ज्यादा सुपाड़ा मेरी ननद की बुरिया ने घोंट लिया था।
मैं समझ रही थी ,दर्द के मारे उस कच्ची कली की जान निकल रही होगी। इतना मोटा सुपाड़ा और मेरी ननद की छोटी सी बिल ,
लेकिन मुझसे ज्यादा गीता मेरी ननद की असलियत समझ रही थी ,वो समझ गयी थी की , इस बारी उमर में भी , भले ही इसकी अबतक फटी नहीं थी , लेकिन मोटे मोटे चींटे इसकी बुरिया में काटते थे। और अब गीता ने ऊपर से प्रेस करना रोक दिया था और उसके भइया ने नीचे से पुश करना।
दो तिहाई सुपाड़ा अंदर , ... मन तो कर रहा था ननद रानी का पूरा अंदर लेने का , एक बार स्वाद ले लेने के बाद कौन लड़की मना कर सकती है घोंटने से ,
गुड्डी कभी गीता को देखती कभी अपने भइया को ,
"करो न भइया ,रुक काहें गए ,डालो न ,... "हिम्मत करके धीरे से वो टीनेजर बोली
" कहाँ डालू ,बोल न ,... " चिढ़ाते हुए वो बोले , और साथ में गीता भी , "तू भी तो धक्का मार ऊपर से "
गुड्डी उन्हें देख कर मुस्करायी और शरारत से बोली ,
" जहाँ डालना चाहते थे , मेरी चूत में , ... " और साथ में उस किशोरी ने दोनों हाथों को बिस्तर पर रख खुद भी प्रेस किया ,
यही तो गीता भी चाहती थी , यही तो मैं भी चाहती थी , ये लड़की खूब खुल के बोले ,खुल के मजे ले
और मैंने और गीता ने साथ साथ , गीता ने उसके कंधे पकड़ के नीचे की ओर ,मैंने उसकी पतली कमर पकड़ के , और उसके बचपन के आशिक ने भी नीचे से जम के धक्का मारा,
पूरा सुपाड़ा अंदर , धंसा , घुसा ,फंसा , अब तो मेरी ननद चाहती भी तो कुछ नहीं कर सकती थी। असल में उसकी तो उसी दिन लिख गयी थी , जिस दिन वो बाजी हर गयी थी ,उस के भैया ने न सिर्फ उसके सामने आम खाया बल्कि उसे भी खिलाया , ... ४ घंटे की गुलामी , गुड्डी रानी की जिंदगी भर की ,...
इत्ता मोटा सुपाड़ा , कच्ची चूत ,.... गुड्डी दर्द से नहा उठी ,पर अबकी चीखने के बजाय ,जोर से उसने अपने होंठ दांतों से काट लिए ,दोनों हाथों से बिस्तर की चद्दर भींच ली ,
Very well said Aru dearसास ननद बहन भाभी जैसी रिलेशन मैं चुदाई जैसी स्टोरीज मैं आपका कोई मुकाबला नहीं है कोमल जी।
आपकी लेखन शैली की हमेशा मुरीद रही हूं। आप मेरे लिए हमेशा एक प्रेरणा स्रोत है।
बहन की सइयां करे चुदाई
पास में बैठे देखे भोजाई
हर छेद में बहना को चौदा
अपनी छिनार बना के रौंदा
कामरस से क्यारी को सिंचा
खूब दबा मम्मो को भींचा
जीवन अमृत से उसके भर दिया
बच्चा उसकी कोख में धार दिया