भाग १७३ -
दिन भर - सासू माँ,....
गीता गुड्डी को लेकर एक बाथरूम में घुस गयी और मैं दूसरे बाथरूम में लेकर इनको , ...हम दोनों तो नहा धो के पंद्रह मिनट में निकल आये ,...
पर अगर नंनद भाभी साथ साथ बाथरूम में हो तो ,... पूरे आधे घंटे बाद
गुड्डी ने इनकी एक बनयान और बॉक्सर शार्ट पहन रखा था ,
और गीता ने मेरा शलवार सूट
मैंने टेबल पर खाना लगा दिया था , खाने के बाद ये सोये लेकिन अलग ,गेस्ट रूम में।
मैंने गुड्डी और गीता ने किचेन समेटा ,फिर मैं और गुड्डी बेडरूम में ,
नहीं नहीं कोई बदमाशी नहीं ,दोनों गाढ़ी नींद में एक दूसरे को पकडे ,
मेरी नींद ढाई घंटे बाद खुली ,मम्मी के फोन के साथ।
मम्मी ने तारीफ़ तो की ,लेकिन उसके पहले डांट भी पड़ी और बहुत।
तारीफ़ हुयी गुड्डी की चीखों की , ...मम्मी बहुत बिजी थीं ,लेकिन उन्होंने अपने आई फोन पर फास्ट फारवर्ड कर कर के देख लिया था. एकदम जैसे वो चाहती थीं ,उसी तरह फटी थी मेरी ननद की। अभी आधे घंटे में उन्हें ताज़ में एक डिनर पर जाना था। थोड़ी देर पहले अपने बैंकर्स के साथ मीटिंग्स से आयी थीं वो , दो दिन से वो मुम्बई में ही थी। और मॉम ,एकदम मेरी परफेक्ट मॉम ,... उन्होंने किसी को लगा दिया था , रात भर की कहानी , दो ढाई घण्टे में करने को ,... और साथ में मेरी ननद की और इनकी पहले की फोटो भी , .... साथ साथ , राखी बांधते हुए , ... मेरी ननद के सारे क्लोज अप कल रात के भी और पहले के भी , हाँ चीखे कोई नहीं कटनी थीं , ... रात दस बजे तक गूगल ड्राइव में वो लोड हो जायेगी ,पासवर्ड मुझे वो एस एम एस कर देंगी।
लेकिन जो डांट पड़ी वो सही पड़ी ,मैं भूल ही गयी थी। मेरी सास कल रात को ही आ गयीं वापस और अभी तक मैंने उनसे बात नहीं की ,हाल चाल नहीं पूछा। मम्मी का फोन ख़तम होने के पहले मेरी उँगलियाँ सासू माँ का नंबर डायल कर रही थीं। मुझे लगा की कहीं , ...पर मेरी बात शुरू होने के पहले ही खूब चहक कर ,...और भर भर आशीर्वाद भी दिया ,
"सदा सुहागिन रहो ,खुश रहो ,... "
मैंने जैसे ही बोला की मैं चाहती थी की उनसे मिल कर लौटूं और वो बहाना बनाया जो हर बहु बनाती है , आप जानती हैं इनको छुट्टी कितनी मुश्किल से मिलती है ,.... कंपनी का काम ,प्राइवेट नौकरी ,... और पोस्ट भी इतनी इम्पोर्टेन्ट है , ... छुट्टी कैंसल कर दी ,...
लेकिन मेरी बात शुरू होने के पहले ही वो खिलखिला के बोलीं ,
" अरे बहू मैं अच्छी तरह जानती हूँ , ... लेकिन घबड़ा मत मैं खुद ही आ रही हूँ तुम दोनों के पास , हफ्ते भर में। मेरा भी मन कर रहा है कुछ दिन तुम दोनो के पास ,... "
अब की बात काटने की जिम्मेदारी मेरी थी ,
" अरे नहीं माँ , कुछ दिन नहीं बहुत बहुत दिन ,... आप बस झट से आ जाइये न। " मैं बोली।
"मन तो मेरा भी यही कर रहा है , लेकिन , तुम तो जानती हो , ....तीरथ बरत के बाद ,... घर में पूजा होती है , और उसका मुहूरत छह दिन के बाद का निकला है। तेरी माँ ,मेरी समधन भी आ रही हैं , ... बस उसके अगले दिन , हम दोनों , बस सात दिन की बात है ,.. अभी थोड़ी देर पहले तो तुम्हारी माँ से बात हुयी थी ,रोज फोन आता है उनका। "
उनकी समधन ने सच में उन्हें शीशे में उतार लिया था।
और अब मेरा नंबर था ,मैंने पूछ ही लिया ,
" आपने जो ,... तीरथ पर जाने से पहले,... मम्मी ने बोला था ,मनौती मानने को ,... वो ,... "
मेरी बात उनकी खिलखिलाहट में डूब गयी।
मम्मी ने मेरी सास के तीरथ पर जाने से पहले , उनके बेटे के सामने ही फोन पर बोला था
" एक मनौती मेरी ओर से भी मान लीजियेगा , जरूर से ,... मेरे दामाद का मूसल , मेरी समधन की ओखली में खूब चले , और जल्द ही चले ,दिन रात। "
मेरी सास खिलखिलाहटों से निकलते हुए बोलीं ,
" एकदम ,... और वो मनौती सिर्फ तेरे उसके सास की ओर से थोड़े ही थी , तेरी सास की ओर से भी तो थी। कोई देवी देवता नहीं बचा ,पहुंचते ही सबसे पहले मैंने समधन की बात ही कही , और कुछ माँगा ही नहीं। "
" तब तो ज़रुर पूरी होगी ,डबल मनौती जो ठहरी। लेकिन सासू माँ , तीरथ में तो पंडो ने खूब ,... " मैंने छेड़ा।
" तुम भी न ,बहू ,... " वो ऐसे बोलीं जैसे शर्मा गयी हों।
" बताइये न ,अरे कम से कम रगड़ा मसला तो होगा ही , मैं मान नहीं सकती ,... आखिर ,... " मैं सासू जी के पीछे पड़ गयी।
थोड़ा झिझकते हुए उन्होंने मेरे ऊपर ही हमला कर दिया ,
" अरे बहू , तेरी उमर की तेरे जैसे जोबन वाली औरतें हो बात अलग है लेकिन ,.... मैं , ...इस उमर में ,... " वो हलके हलके बोलीं लेकिन मैंने बात उनकी पूरी नहीं होने दी , और बोली
" अरे सासू माँ , आपकी अभी उमर ही क्या हुयी है , प्रियंका चोपड़ा कैटरिना कैफ , आपकी समौरिया होंगी ... और बिपासा से तो आप छोटी ही हैं। और प्लीज प्लीज आप मेरी सासू माँ के जोबन को कुछ मत कहियेगा , मेरे मायके वाले तो आज भी उसे याद कर कर के ,...
( असल में उनकी उमर तो ४० के आसपास ही रही होगी , लेकिन सच में लगती वो ३५ -३६ से ज्यादा की नहीं थी , एकदम कसी कसी देह , और खास तौर से उनका जोबन , ३६ डी डी था लेकिन एकदम कड़क , बिना ब्रा के भी मैंने उन्हें कभी कभी ब्लाउज में देखा था लेकिन एकदम तना , पत्थर की तरह कड़ा खूब शेपली और मांसल ,)
" तू भी न , तेरे बाप का तो पता नहीं , वो तो मेरी समधन को भी नहीं पता , लेकिन तू न एकदम अपनी माँ पर गयी है , तुझसे न कोई पार पा सकता है ,न कुछ छिपा सकता है। सही कह रही है तू , तीरथ में तो पंडे पुजारी औरतों के देख तो थोड़ा बहुत ,... " उन्होंने कबूला।
" सासू माँ , अरे आप काहें को बिचारे पण्डे पुजारियों को दोष दे रही हैं , मेरी सासू का जोबन ही ऐसा जबरदस्त है , आग लगाने वाला. किसी का धरम भरस्ट हो जाये। अरे साफ़ बताइये न खूब जम के मीजा मसला गया न , ... बोलिये न ,... "
वो खिलखिला दीं।
" अरे मेला ठेला , धक्कम धुक्का ,ठेलम ठेल , नदी नहान , डुबकी लगाना ,... केतना मौका मिल जाता है , पंडा पुजारी को , कभी हाथ पकड़ के तो कभी ,... मौका तो खूब मिलता है उन सबन को , ... और कोई बोल भी नहीं सकता। " उन्होंने कबूल किया।
लेकिन मैं छोड़ने वाली थी। मैं समझ रही थी उन्हें भी मजा आ रहा था , इन सब बातों में ,
" बात आपकी सही है , लेकिन खाली ऊपर ऊपर या अंदर हाथ डाल के मीज रगड़ रगड़ के ,... " मैंने और पूछा।
" तू भी न,... लेकिन सही बात है , अरे एक बार जब लग जाता है मरद का हाथ तो कोई रोक सकता है , थोड़ा बहुत ऊपर झापर , फिर अंदर ,...और एक बार हाथ अंदर घुस गया तो बिना कस कस के रगड़े मसले,... मेला ठेला में तो बहुत, नदी नहाने में भी, " उन्होंने कबूला।
" आप तीरथ में बहुत नदी तालाब में डुबकी लगाई ,लेकिन कउनो आपके तालाब में तो नहीं ,... "
उन्होंने मेरी बात तुरंत काट दी ,
" ना ना एकदम नहीं , अरे अबहीं जब तक तीरथ के बाद वाला पूजा नहीं हो जाता , तब तक एकदम उपवास ,... '
मैंने मन ही मन सोचा ,आ जाइये न आपका उपवास आपके लड़के से ही तोड़वाउंगी , और खुद मेरी सास ने बात उधर मोड़ दी ,
" मुन्ना क्या कर रहा है ?"
" वो सो रहे हैं , जगाऊँ ,... " मैंने बताया भी, पूछा भी।
" अरे नहीं सोने दे , रात भर जगा होगा बेचारा , तो थोड़ी बहुत नींद ,... " वो बोली ,उनका इशारा साफ़ था।
मैं चुप रही ,क्या बताती की मेरे साथ नहीं अपनी ममेरी बहन के साथ रात भर जगे रहे वो। तबतक पीछे से जेठानी जी ने उन्हें आवाज दी और वो ये बोल कर चल दी की मेरी जेठानी बुला रही हैं।
और मैंने अपनी लिस्ट खोल ली , आज कई लोगों से बात करनी थी।मैं उनकी किस्मत के बारे में सोच सोच के मुस्करा रही थी , कल रात एक उन्होंने कच्ची कोरी फाड़ी , एकदम कसी कसी , इंटर वाली की , और अगले हफ्ते ,
एक खूब रसीली भोंसड़ी का मजा ,
मेरी ननद और मेरी सास दोनों
मेरे सैंया के नीचे।
तबतक जिसका नंबर मैं लगा रही थी और इंगेज आ रहा था ,उसी का फोन आ गया।
“”
" आप तीरथ में बहुत नदी तालाब में डुबकी लगाई ,लेकिन कउनो आपके तालाब में तो नहीं ,... "
उन्होंने मेरी बात तुरंत काट दी ,
" ना ना एकदम नहीं , अरे अबहीं जब तक तीरथ के बाद वाला पूजा नहीं हो जाता , तब तक एकदम उपवास ,... '
मैंने मन ही मन सोचा ,आ जाइये न आपका उपवास आपके लड़के से ही तोड़वाउंगी
“”
मन में नहीं ये तो डायरेक्ट बोलने वाली बात थी