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Dear Shetan meri jaan
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Sab sikha do guddi ko. Jilla top rand banegi hamari nandiya rani. Abhi to apne dono jija se bhi nath utrai karwani he. Shaher bhar inke bhaiya bikni me apne kandho par lekar ghumavaungi.जोर का सुट्टा
मैंने बख्स दिया और अपनी टीनेज ननद के चेहरे से चेहरा सटा के बहुत धीमे धीमे प्यार से बोली ,
" जस्ट इंज्वाय इट बेबी , फील हाउ हाट इट इज ,एंड यू विल आलसो बी हाट। और कस के सुट्टा ले , पूरी ताकत से , हाँ बस इस मस्त धुंए को कम से कम डेढ़ दो मिनट तक मुंह के अंदर रख , चाहे कुछ हो जाय। "
और गुड्डी के कुंवारे रसीले होंठो को मेरे होंठों ने सील कर दिया।
"अरे गुड्डी बाई , ज़रा सा धुंआ नहीं ले पा रही अंदर तो मोटे मोटे मूसल कैसे घोंटेंगी अंदर , स्साली धुंआ अंदर ले और सोच अपने भइया का मोटा लंड ले रही है , "
साथ साथ मैं उसकी छोटी छोटी चूँचियों को ,
जिन्होंने सिर्फ एलवल की नहीं , पूरे शहर के लौंडो की नींद हराम कर रखी थी , दबा रही थी , मसल रही थी , ...
पूरे दो मिनट तक , और इस बीच बेचारी का चेहरा एकदम सुर्ख ,आँखे लाल ,...
यही तो मैं चाहती थी ,और मैंने उसे समझाया ,
" यस यू कैन एक्जेल नाउ , लेकिन नाक से वो भी धीरे धीरे , मुंह ज़रा भी नहीं खुलना चाहिए। "
गुड्डी ,क्या करती , धीमे धीमे सीख रही थी ,और उस के नाक से धुंआ ,...
थोड़ा सा धुंआ नाक से निकला , एकदम सीधे उसके सर चढ़ा होगा , एकदम असली माल था उस सफ़ेद पाउडर में ,
एक दो सुट्टे में तो खेली खाई की हालत खराब हो जाती थी ,ये बिचारी तो एकदम नयी बछेड़ी। एकदम वर्जिन विद वियाग्रा।
लेकिन मैं थी न उसकी भाभी , उसका साथ देने के लिए ,सिखाने के लिए। मैंने फिर बोला ,
" सच में मेरी बांकी ननदिया बड़ी हो गयी है ,चल एक सुट्टा और मार लेकिन अबकी पूरी ताकत से ,और अबकी दो मिनट से ज्यादा होल्ड करना। "
मैं प्यार से उसके कच्चे उरोजों को सहलाते लम्बे लम्बे बालों को हलके हलके हलके छू रही थी।
धीमे धीमे उसकी होल्डिंग पावर बढ़ रही थी , तीन चार सुट्टे में उसकी हालत एकदम खराब ,
उसके हाथ से सिगरेट लेते हुए मैंने उसे सिखाया ,
"देख ऐसे पकड़ , एकदम सेक्सी अंदाज में , मंझली ऊँगली और तर्जनी के बीच "
सिगरेट पकड़ते हुए मैंने पकड़ना सिखाया।
( अभी तो मेरी ननद रानी को बहुत चीजें मुझे पकड़ना सिखाना था ) ,
" और फिर जब अपने होंठों के बीच में इसे रखो न तो बस जस्ट लर्न तो इंज्वाय द फील आफ सिगी आन योर सेक्सी हॉट लिप्स। और उसके बाद धीमे धीमे सक करो , यू नो व्हाट आई मीन ,... नॉटी , आई मीन लॉलीपॉप , तुझे तो लॉलीपॉप चूसना बहुत अच्छा लगता है न एकदम वैसे , और फिर थोड़ी तेजी से एंड देन सक द स्मोक , जस्ट होल्ड इट इन योर माउथ , जित्ता देर मुंह में होल्ड कर पाओगी न उत्ता ही अच्छा लगेगा। एंज्वॉय द वार्म्थ ,द फील,... "
और मैंने जोर का सुट्टा लगाया ,सिग्गी एकदम दहक़ उठी , लाल लाल।
गुड्डी एकदम ध्यान से मेरी एक एक बात सुन रही थी देख रही थी , सीख रही थी।
माना उसकी नथ तो उसके प्यारे बचपन के यार उसके भैय्या से ही मैं उतरवाने वाली थी , लेकिन
मैं भी तो दीवानी थी उन मस्त कच्चे टिकोरों के ,मुझे भी कुतर कुतर कर , फिर उसके भैया तो ऑफिस चले जाएंगे , फिर तो मैं ही उसका भोग लगाउंगी। बहुत दिन होंगे ऐसी किसी कच्ची बछेड़ी को जबरदस्ती जाँघों के बीच दबोचे , रगड़े। फिर सिर्फ मैं थोड़ी उसका भोग लगानेवालियों की अभी से लम्बी वोटिंग लिस्ट, इनकी सास ,लेडीज क्लब की प्रेजिडेंट मिसेज खन्ना और ,... लेकिन वो सब बाद में अभी तो , ...
एक जोर का सुट्टा और मारा मैंने ,सब का सब धुंआ मेरे मुंह में , और इन्हे सिगरेट पकड़ा दी ,
गुड्डी जान रही थी क्या होनेवाला है ,बल्की वेट कर रही थी।
बस मैंने अपनी छुटकी ननदिया को दबोच लिया। और इस बार मेरी फीलिंग्स साफ़ थीं ,
इट वाज़ अ लवर्स इम्ब्रॉस।
….
और गुड्डी ने भी अबकी उसी तरह जवाब दिया ,कोई जबरदस्ती नहीं सब कुछ राजी ख़ुशी
मेरी आँखों की भूख गुड्डी साफ़ साफ़ देख रही थी और अब मैं भी उसकी रतनारी आंखों में प्यास देख रही थी.
मेरे भूखे होंठ गुड्डी के किशोर रसीले होंठो पर रगड़ रहे थे और अबकी गुड्डी ने खुद होंठ खोल दिए और ,
मेरी जीभ उसके मुंह में और साथ में धुंआ , उसके तीन चार सुट्टे से ज्यादा धुंआ मेरे एक बार में और सब का सब उस किशोरी के मुंह में।
उसके होंठ अब सील हो चुके थे , मेरे होंठ चूस चूस कर , हलके से काट कर , क्या कोई लड़का रस लेकर चूमेगा , चूसेगा जिस तरह मैं उसके होंठ चूस रही थी। उसके होंठ अब तब तक नहीं खुलने वाले थे जब तक वो सारा धुंआ ,उसकी शिराओं ,धमिनियों में अच्छी तरह नहीं घुल कर , उसकी देह उसका दिमाग सब कुछ ,
और साथ में मेरे हाथ , अब खुल के ,एक ने तो टॉप के अंदर सेंध लगा दी और उसकी गदरायी चूँचियों को खुल के दबाने रगड़ने लगे। दूसरा हाथ स्कर्ट उठा के उसकी दो इंच की छोटी सी थांग के ऊपर से उसकी चुनमुनिया को रगड़ रहा था , और मेरी ननद रानी की चुनमुनिया भी गीली हो रही थी ,फुदक रही थी।
गुड्डी भी रिस्पांस कर रही थी ,मेरे चुम्बन के जवाब में अब उसके होंठ भी मेरे होंठों को चूम चूस रहे थे ,
उसके कच्चे टिकोरे मेरे बड़े बड़े जोबनो के धक्के का जवाब धक्के से दे रहे थे , उसका आलिंगन भी , अब वो पूरी तरह खो चुकी थी ,
और उधर उसके भैय्या सिग्गी का सुट्टा,
चार मिनट गुजर चुके थे , गुड्डी एकदम गरम और सिगरेट की तरह मैंने भी अपनी ननद को पास कर दिया ,
बिना बोले मेरी आँखों ने बोल दिया ,
योर्स लेकिन एकदम खुल के ,...
Akhir ek bhouji ka dharam hi kya. Ek nandiya ko chhinar bana kar pure gav shaher me randi hi to banana he. Bada punya ka kam he ye.छोटे छोटे पहाड़
और मेरी उंगलियां सीधे गुड्डी के छोटे छोटे पहाड़ों पर ,ऊँगली ने पहले हलके हलके उन के चक्कर काटे ,फिर सीधे टिप के ठीक पहले
और बोलते बोलते वो अटक गयी ,
" भाभी , भाभी वो ,... "
हया का परदा जबरदस्त था , और वही तो मुझे हटाना था।
" बोल न ,खुल के,... " उस के कानों में मैं फुसफुसाई
और साथ में खुद को उस के इयर लोब्स के चुम्मे का इनाम दे दिया।
उस का पूरा जिस्म लरज गया , बहुत हिम्मत कर के बोली वो किशोरी ,
" भाभी ,सी ,... सीना। "
" ये क्या सीना पिरोना लगा रखा है क्या सिखाया था तुझे , अभी तेरे दो घंटे पूरे नहीं हुए हैं , पूरे ५५ मिनट बाकी है ,सजा मालुम है न "
मेरी निगाहें एक दम बेरहम हो गयीं।
और उस के चेहरे पर डर का कोहरा छा गया ,
" भाभी ,चू, चू ,... " हिम्मत कर के उस के मुँह से अल्फाज निकलने की कोशिश कर रहे थे।
" अरे क्या चिड़िया की तरह चूं चूं कर रही है ,साफ़ साफ़ अगर बोलना चाहती है तो चूँची बोल न " खिलखिलाते हुए मैं बोल पड़ी ,
और साथ साथ वो शंर्मिली भी खिलखिलाने लगी।
जैसे बच्चो को ऊँगली पकड़ के चलना सिखाना पड़ता है ,न बस एकदम वैसे ही जवान होती ननदों की हालत होती है ,
खिलखिलाते हुए उस के मुंह से निकल ही गया ,
" भाभी , चूँची। "
अब वो भी मैदान में आ गए , और बोल उठे ,
" गुड्डी फिर से बोल मैंने नहीं सुना। "
अब मुर्गा भी कुकुड़ू कुं करने लगा था ,और वैसे भी इनका मुर्गा पूरी तरह अकड़ा था।
" नहीं गुड्डी मत बोल ,पहले ये छुएंगे फिर ,... " खिलखिलाते हुए मैंने गुड्डी को मना किया ,
लेकिन वो अपने भैय्या की होने वाली रखैल उसके मुंह से निकल ही गया
" भैय्या ,चूँची। "
तबतक टॉप और ब्रा सरका के मैंने ननद के जोबन तीन चौथाई से भी ज्यादा उघाड़ कर उन्हें परस दिए।
गुड्डी के निप्स , एकदम खड़े कड़क टनटनाये , इस बात की गवाही दे रहे थे की स्साली कित्ता मस्त हो रही है।
उनकी उंगलिया उसे छूने पकड़ने के लिए आगे बढ़ीं तो मैंने सर हिला के उन्हें मना कर दिया और अपने होंठों पर ऊँगली रख के इशारा किया ,
" होंठों से उसके निप्स टच करो "
गुड्डी की आँखों पर तो ब्लाइंडफोल्ड था लेकिन सुन तो सकती थी वो इसलिए ,
हिम्मत कर के उसके भैय्या ने हलके हलके ,धीमे धीमे अपने होंठ ,अपनी छुटकी जवान होती बहिनिया के निप्स तक बढाए ,
पर
पर
पर घंटी घनघना उठी।
एक दो बार नहीं लगातार ,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
और उन्होंने खुद गुड्डी का ब्लाइंडफोल्ड खोल दिया और माफ़ी के अंदाज में उससे वो बोले ,
" मैं भी न एकदम बेवकूफ हूँ , वो स्साला गांडू वर्मा होगा , मैंने उसे तीन बजे के लिए बोल रखा था ,लेकिन बस अभी गया अभी आया। "
Chalo ye bhi achha he. Dono bhai bahen milke seva karenge. Badle me jilla topननद की पैंटी
और एक बार फिर हँसते हँसते मैं और गुड्डी दोनों दुहरे।
पकौड़ी छानने के लिए उन्होंने कड़ाही चढ़ा दी थी लेकिन कान उनके इधर ही ,
" हे क्या बात कर रही हो तुम दोनों " सुनने को बेताब वो , नहीं रहा गया।
लेकिन माकूल जवाब उनके माल ने ही दिया।
" तुझसे मतलब ,गर्ली टाक ,ओनली फॉर गर्ल्स , क्यों भाभी ,... "
" एकदम " मैंने अपनी ननद का समर्थन किया।
और अबकी गुड्डी के होंठों ने पहल की और जबरदस्त किस मेरे होंठों पे।
लेकिन मैंने उसे फिर अपने सैंया के लिए छोड़ दिया ,
" हे चल जरा अपने भैय्या की हेल्प कर ,... "
और चलने के पहले एक बार कस के मुट्ठी में मैंने गुड्डी की खुली चूत जोर जोर से रगड़ कर भींच ली ,
और जब मैं किचेन से बाहर निकली तो गुड्डी की पैंटी मेरी मुट्ठी में थी ,
और गुड्डी अपने भैय्या के पास।
हाँ उसकी निगाह मेरी ओर ही लगी थी ,गुड्डी को दिखा के एक बार उसके चूत के रस से भीनी पैंटी पहले मैंने सूंघ ली फिर चूम ली।
बजाय झिझकने के गुड्डी ने मुस्कराते हुए ,मेरी ओर एक फ़्लाइंग किस उछाल दिया।
बिचारी मेरी जेठानी भुकुसी अपने कमरे में बैठी टीवी से जंग लड़ रही थीं ,
"इस समय कोई सीरियल भी ढंग का नहीं आता। "
" देखिये दी ,आपकी देवरानी आपके लिए क्या चीज जीत के लायी है "
कमरे में घुसते ही मुस्करा के मैंने उन्हें उकसाया।
थोड़ा उनका मूड भी हल्का हुआ , उठ बैठीं , बोलीं ,
" बोल न ,.. पहेली क्यों बुझा रही है। "
और मैंने मुट्ठी खोल के उन्हें दिखा दिया ,
हम दोनों के ननद की पैंटी।
एकदम चेहरे पर ४०० वाट का बल्ब जल गया।
ख़ुशी से वो मेरे पास आगयीं और अपनी उत्सुकता दबाती , पूछ बैठीं ,
" हे उसकी ,... है ?"
मैंने सर हिला के हाँ बोल दिया।
अब तो वो ख़ुशी के मारे ,...
मैंने बोला था न ,गुड्डी पहले एकदम,... जबरदस्ती अच्छी बच्ची बनी फिरती थी , और हमारी मेरी और मेरी जेठानी दोनों की ,मजबूरी
एकलौती ननद , तो गारी भी तो उसी के नाम से और छेड़ेंगी भी तो उसी को न , और गारियाँ हम दोनों को एकदम खुल्ल्मखुल्ला वाली पसंद थी ,
वरना गारी क्या , और वो भी ननद भौजाई के बीच.
जेठानी जी ने बताया था , फागुन का महीना था ,होली की मस्ती और अब वो छोटी भी नहीं थी ,हाईस्कूल में पहुँच गयी थी। मजाक मजाक में जेठानी जी ने उसकी स्कर्ट जरा सा छू दी बस वो ऐसे बिफर गयी ,क्या क्या सीन नहीं बनाया उसने।
मैंने जेठानी जी को दिलासा भी दिलाया और वादा भी किया ,दी जाने दीजिये ,एक दिन इसी घर में आपके सामने , उसकी पैंटी उतार दूंगी। "
और मैंने वो जीत की ट्राफी मैंने उनके हवाले कर दी।
" तू भी न , ...एकदम उस्ताद है " ख़ुशी से पैंटी पकड़ते वो बोलीं और मुझे भींच लिया।
मैंने भी कस के अँकवार में उन्हें दबाते हुए कबूल किया ,
" दी आखिर आप की देवरानी हूँ कुछ तो असर होगा न। "
और हम दोनों कमरे से बाहर आगये ,
भइया बहिनी मिल के टेबल सेट कर रहे थे।
Chhote chhote joban lutne ke lie.नए नए आये जोबन ,
जैसे किसी अँधेरे कमरे में १००० , १००० वाट के दो दूधिया बल्ब अचानक जगमगा उठें ,
गुड्डी के गदराते , नए नए आये जोबन ,
उनकी हालत खराब , लेकिन उससे ज्यादा हालत खराब हुयी गुड्डी की रेशमी सरसराती हलकी हलकी सेक्सी आवाज से ,
" भैय्या ,... कैसे लगे तुझे ये मेरे ,... रसीले , हैं न मस्त , लो न ,... तू न खाली ललचाता रहता है , एक बार कस के , ओह्ह उह्ह्ह ,... "
और साथ में गुड्डी की संदली लम्बी उँगलियाँ उसके उभारों के चारो ओर हलके हलके बस छूती ,सहलाती ,
और बस चीख नहीं निकली उनकी, जब उन उँगलियों ने उरोजों के शिखर को , उसके मिल्क टिट्स को जस्ट फ्लिक कर दिया , फिर तर्जनी से ,गोल गोल
और फिर अंगूठे और तर्जनी के बीच निप्स को दबाती रगड़ती मसलती , वो शोला बदन ,उन्हें उकसाती ललचाती बोली ,
" क्यों भैय्या ,पियोगे दुधु , बहुत मीठा है , एक बार ट्राई तो करो ,.... उह्ह्ह , ओह्ह्ह "
गुड्डी सिसक रही थी ,उसकी उँगलियाँ रोल कर रही थीं उसके निप्स को ,
" नहीं नहीं भैय्या , काटो नहीं ,प्लीज प्यार से , उफ्फ्फ लगता है , भैय्या तू बहुत बदमाश हो गए हो , ... हाँ हलके हलके जस्ट , चूसो न कस के ,लालची ,पागल , लेलो मन भर।
और इधर उनका खूंटा एकदम तना।
और अब गुड्डी बिना कुछ बोले अपने बूब्स को हलके हलके उन्हें दिखाते ,ललचाते कप कर रही थी जैसे वो ही अपनी बहना की नयी नयी आयी कच्ची अमिया का मजा ले रहे हों।
फिर मैं क्यों मौक़ा छोड़ती इस बहन के यार की ऐसी तैसी करने से।
मेरी उँगलियाँ इनके पगलाए लंड को बस छू रही थीं ,कचकचा के इनके गाल काटते मैं चालू हो गयी,
" स्साले मादरचोद , भंडुए , वो कल की छोरी तुझे ऐसे खुल के दे रही अपनी कच्ची अमिया की दावत और तू , हरामी के, बोल बनाएगा रखैल न उसको ,तेरी माँ का भोंसड़ा मारुं। "
" हाँ , " हलके से वो बोले , और जोर से मेरा हाथ उनके चूतड़ पे ,
" जोर से बोल गुड्डी के सनम , बहनचोद "
" हाँ " अबकी वो खुल के बोले , और उनकी निगाह अभी भी अपनी बहन की मस्त चूँचियों पर चिपकी ,
मैंने अपनी आवाज चेंज कर दिया ,और कोमल की कोमल कोमल आवाज में मैं बोली ,
" देख छिनार के निप्पल के किते मस्त है , याद है तूने एडवांस बुकिंग दे रखी इन निप्स पे गोल्डन रिंग्स की ,२२ कैरट वाली ,
फिर तो निप्स हरदम टनटना टन , और उसके टॉप्स से रगड़ते रहेंगे तो इस चूतमरानो की बुरिया भी हरदम गीली रहेगी। बस सटाओ घुसाओ , चोदोगे तो तुम हो ही इसको , याद है मम्मी का वादा।"
बिना गुड्डी की छोटी छोटी चूँची से निगाह हटाए वो बोले ,
" याद है ,... "
" गाभिन करना होगा , और हमारे साथ ये जब घर पहुंचेगी बस उस के दो महीने के अंदर , और फिर नौ महीने में दूध की धार पिलवाउंगी इन्ही चूँचियों से "
हलके हलके उनके खूंटे को मुठियाती मैं बोली।
" एकदम याद है ,मम्मी की कोई बात मैं भूल सकता हूँ , ... " मेरी ओर मुड़ के मुस्करा के बोले। और आगे जोड़ा ,
" और मम्मी ने ये भी कहा था की आपने सामने मुझसे वो ,...इसको गाभिन करवाएंगी ,दिन मुहूर्त देखकर , तो बस जब जैसे मम्मी कहेंगी "
" मम्मी ने एक और काम बोला था अपने सामने करवाने के लिए याद है , ... " मुस्करा के मैंने पूछा
" हाँ याद है , ... " उन्होंने हंस के कबूल किया।
" तेरी माँ के भोंसडे में अपने हाथ से वो , तेरा लंड घुसवाएंगी। अपने सामने अपनी समधन को अपने दामाद से चुदवाएंगी , बोल स्साले "
मैंने उनके निपल कोस्क्रैच करते हुए कहा।
" एकदम याद है , ... " हँसते हुए उन्होंने कबूल किया ,
लेकिन गुड्डी ने तबतक ऐसी हरकत की ,कि ,उनको छोड़िये मेरी हालत खराब हो गयी।
Maza aa gaya. Saiyaji apni baheni ki na chataya to fir kya chataya. Superb.जोरू का गुलाम भाग १०३
और बस क़यामत नहीं हुयी
और जैसे तूफ़ान आ गया।
गुड्डी सिसक रही थी ,काँप रही थी ,तड़प रही थी ,
और सिसकती तड़पती बहिनिया को देख कर , उनके भैय्या भी ,
खूंटा एकदम जबरदंग , सुपाड़ा मोटा खूब फैला ,उनके छोटे बॉक्सर शार्ट से झाँकने लगा।
मैंने उनकी तर्जनी पकड़ के बस गुड्डी की खुली गुलाबी पंखुड़ियों से एक पल के लिए छुला भर दिया।
और बस क़यामत नहीं हुयी।
मैंने इनके हाथों को छोड़ दिया और गुड्डी के ऊपर से उठ कर सीधे अपने साजन के बगल में बैठ गयी।
गुड्डी मुस्कराते हुए अपने भैय्या की हरकतों को देख रही थी।
मीठा मीठा मुस्करा रही थी ,और वो डरते सहमते उनकी उँगलियाँ उन गुलाबी पंखुड़ियों के बाहरी हिस्सों को पहले तो बस जस्ट टच कररही थीं ,फिर उन्होंने हलके हलके सहलाना शुरू कर दिया।
और उनकी और गुड्डी की आँखे चार हुयी दोनों मुस्करा पड़े।
लेकिन मैं ,जबतक दोनों को तड़पाऊं नहीं तो गुड्डी की भाभी कैसी ,
मैंने झट से गुड्डी की पैंटी फिर से ढँक दी।
" उन्ह नहीं सिर्फ देखने की बात हुयी थी छूने की थोड़ी , ... " मैंने थोड़ा कड़ाई से कहा।
जैसे किसी बच्चे के हाथ से हवा मिठाई छीन ली गयी हो ,उन्होंने वैसा मुंह बनाया।
' अच्छा चलो पैंटी के ऊपर से छु लो ,"
और उनकी उँगलियाँ एक बार फिर से ,
मुझे शरारत सूझी और मैंने एक बार गुड्डी को उनकी जवान होती बहन को देखा और फिर उन्हें ,
" चाहो तो एक छोटी सी चुम्मी भी ले सकते हो पैंटी के ऊपर से लेकिन अगर गुड्डी हाँ कहे तो , "
बस बिना उनके पूछे ,बिना मेरे कहे उस एलवल वाली ,जिल्ला टॉप माल ने , एक जोर का फ़्लाइंग किस अपने भैया को देके ग्रीन सिग्नल दे दिया
बस उनके नदीदे होंठ ,पैंटी के ऊपर से ,
गुड्डी खूब सिसक रही थी , तड़प रही थी चूतड़ पटक रही थी ,और मेरे हाथ का हैंडी कैम ,मोबाइल , विडीयो ,स्टिल
मेरा सैयां गजब का चूत चटोरा , पतली सी पैंटी का कवर ,
गुड्डी झूम रही थी जैसे
सावन में घटा झूमे
कोई नागिन संपेरे की बीन पे झूमे ,
तभी नीचे से कुछ कलियों के खिलखिलाने की आवाज सुनाई दी ,
फिर मेरी जेठानी से बतियाने की।
Dekha hena joru ke gulam ban ne ka fayda. Ek se ek kache tikore milenge.जोरू का गुलाम भाग १०५
मस्ती ही मस्ती
" काक ऊप्स कोक चलेगा ,... : मैंने बाहर से हंकार लगाई।
" एकदम भाभी ,दोनों चलेगा। " छन्दा की खिलखिलाती आवाज आयी।
" अरे कॉक तो हमारे पास है , हाँ कोक चलेगा नहीं दौड़ेगा। " दिया अंदर से बोली ,और हम दोनों मैं और गुड्डी अंदर दाखिल।
और अंदर का नजारा देख के तो मेरी तबियत एकदम मस्त होगयी। यही तो मैं चाहती थी अपने सैंया के बारे में ,और आज एकदम बिलकुल उसी तरह ,
नान स्टाप मस्ती , नो होल्स बार्ड एकदम झकास
वो मस्त पंजाबी कुड़ी ,जिसके उभार अपनी उम्र से दो साल बड़ी लड़कियों को भी चैलेंज करते हुए ,एकदम कड़क , इनकी गोद में
लेकिन असली बात तो इसके आगे थी
इनका हाथ उस पंजाबी कुड़ी के टॉप के अंदर गोलाइयों की नाप जोख तो कब की ख़तम कर चुका था अब तो खुल के रगड़ाई मसलाई हो रही थी मेरी ननद की जुबना की।
और वो पंजाबी कुड़ी ,दिया भी कौन कम ,स्साली एकदम मेरी पक्की ननद ,उसका हाथ इनके जींस के अदंर और साफ़ लग रहा था की उसने हथियार मुट्ठी में पकड़ रखा है।
मेरी उस पंजाबी ननद ने , नाप जोख तो कब की पूरी कर ली थी अब तो बस वो हलके हलके मुठिया रही थी ,अपनी कोमल मुट्ठी में मस्त खूंटे का मजा ले रही थी।
छन्दा ,गुड्डी की दूसरी सहेली थी तो थोड़ी छुईमुई टाइप लेकिन वो भी तो अपने कजिन्स के खूंटे घोंट चुकी थी , तो इनकी दूसरी जांघ पे वो और उनका दूसरा हाथ बाहर से ही सही खुल केछंदा रानी के जोबन का रस लूट रहा था।
यही तो जवानी की मजा है ,
गोद में दो दो टीनेजर , इंटर में पढ़ने वाली नए नए जुबना वाली बैठी हों ,और उनके जुबना का रस मेरे सैयां ,उन के भैय्या लूट रहे हों ,...
गुड्डी ने सामने टेबल पर पकौड़े , रमोला ऊप्स कोला रख दिया ,
इन्होने छन्दा के उभार पर से हाथ हटाना चाहा तो मेरी आँखों ने उन्हें जोर से घुड़क दिया ,और अपनी ननदों को उकसाया ,
"अरे सालियों ,तीन तीन बहने जिस भाई के पास बैठीं हो ,सामने ,और एक से एक जबरदंग जोबन वाली ,मस्त माल।उस भाई को अपना हाथ इस्तेमाल करना पड़े।
" एकदम नहीं भाभी आपने समझा क्या है हम बहनों को ,... " दिया बोली।
वो कुड़ी सच में हॉट थी। बिना अपना उनकी जींस के अंदर घुसा हाथ निकाले उस शोख ने दूसरे हाथ से एक पकौड़ी उठायी ,और नहीं नहीं उनके मुंह में नहीं अपने मुंह में गड़प कर ली ,पूरी की पूरी और कुछ देर तक कुचल कर , हाथ से उनका सर कस के पकड़ा और दिया के होंठ मेरे सैंया के होंठों से चिपक गए , दिया की जीभ अंदर
और पकौड़ी ईमानदारी से आधी आधी बाँट ली गयी।
और अगली बार छन्दा ने देखा देखी यही।
मैं क्यों छोड़ती अपनी ननद को, जब छन्दा और उनके बीच टंग फाइट चल रही थी मैंने ,दिया के साथ और एक खूब मोटी बैंगनी ,
अपने होंठों से दिया के मुंह में।
" बैंगन तो तुझे बहुत पसंद होगा , " मैंने उसे चिढ़ाया।
"एकदम भाभी , लेकिन अब उसकी जरूरत नहीं पड़ती ज्यादा ,मेरा सगा भाई है न। उसकी हिम्मत जो अपनी बहन को इग्नोर करे "
खिलखिलाती उस शोख ने अपनी सारी कहानी एक लाइन में कह दी।
दिया ने तबतक कोका कोला का ग्लास उठाया और पहली घूँट में ही उसे अंदाज मिल गया , मेरी ओर मुस्करा के देखा ,आँखों ही आँखों में हाई फाइव किया और तीनो टीनेजर्स ने एक साथ , अपने भैया के साथ टोस्ट किया ,
"टू अवर सेक्सिएस्ट ,हैंड्समेस्ट भैय्या "
दूसरा टोस्ट मैंने प्रपोज
" टू माई सेक्सिएस्ट छिनाल ननदों के नाम पर "
और सब ने टोस्ट किया , उन्होंने भी।
आधे से ज्यादा ग्लास खाली था। एक बार और फिर मेरी ननदों के टुन्न होने में कोई कसर बाकी नहीं थी।
खासतौर से छन्दा , वो अभी भी थोड़ा थोड़ा ,...
मैंने दिया को छन्दा की ओर देखते हुए इशारा किया , और मुस्कराते हुए उसने हामी भर दी।
" अबकी बॉटम्स अप ,पूरा ग्लास खाली। जिसकी ग्लास में एक बूँद भी बचा न ये ,बस उसे ये छूना पकड़ना घोंटना तो दूर ,देखने को भी नहीं मिलेगा ये जादू का डंडा ,भैय्या का। "
दिया का हाथ तो अभी तक उनकी जींस में था , उनके मुस्टंडे को पकडे ,उसे जींस के अंदर से उचकाते हुए उसने चैलेन्ज किया , खास तौर से छन्दा को उकसाया।
गुड्डी तो खेल समझ ही रही थी ,वो छन्दा की ओर से आ गयी ,
" अरे दिया ,तू समझती है क्या अपनी छन्दा को देख तुझसे पहले ग्लास खाली करेगी वो " और गुड्डी ने ग्लास उठाया ,बॉटम्स अप।
सच में छन्दा ने ग्लास खाली कर दिया ,ये तो गुड्डी को भी नहीं मालूम था क्या होने वाला था ,सिर्फ मुझे अंदाज था।
सुपीरीयर रम , ,स्ट्रांगेस्ट। और दो पेग से ज्यादा ,
" हे दिया ,इत्ती देर से तू पकड़ के बैठी है मुझे भी , ... "छन्दा बोल रही थी।
Weekness sirf guddi hi nahi. Uske kache tikore.डिश बेस्ट सर्व्ड कोल्ड
एक बार ऐसे ही जेठानी जी की किसी बात पर मेरी आँख गीली थी ,मेरे मायके वालों को , और मायके में था कौन मम्मी के सिवाय ,... शराबी कबाबी , ,..संस्कार ,...
और गुड्डी आ गयी , बजाय कुछ पूछने के और ,...
" क्यों भाभी , मायके के किसी यार की याद आ गयी थी?"
लेकिन मैं अब बदल गयी थी , मैंने तय कर लिया था भागो नहीं बदलो , इनको भी इनके मायकेवालों को भी।
खाना मैंने गरम करना शुरू कर दिया था लेकिन मैं अपने को बार बार समझा रही थी
रिवेंज इज अ डिश बेस्ट सर्व्ड कोल्ड।
और अपनी स्ट्रेटजी सोच रही थी।
रिट्रीट ,रिट्रीट ,... किसी तरह मैं उन्हें जवाब न दूँ उनका गुस्सा ठंडा होने दूँ , पता करूँ उनकी ताकत किस मौके का वो इस्तेमाल करना चाहती हैं।
मैं अपने दिमाग के घोड़े तेजी से दौड़ा रही थी,मैंने जो मम्मी से सीखा, क्लब की पॉलिटिक्स में मिसेज खन्ना से सीखा था,
कुछ भी गड़बड़ नहीं होना चहिये, कुछ भी नहीं, क्या था जेठानी के पास,
अब ये तो एकदम हमारे थे , जेठानी जी की ' खाने पीने ' आदतें सुधारने में मुझसे ज्यादा इनका हाथ था ,
गुड्डी भी , अब तो कोचिंग में चलने के लिए हमारे साथ चलने के लिए खुद बेताब थी, फिर उसकी कितनी फोटुएं मेरी मोबाइल में कैद थीं टॉपलेस, हर तरह के और अब तो इनसे ज्यादा वो गरमा रही थी अपनी टाँगे फैलाने को,
सास्सू जी अभी थी नहीं तो, ....
मेरे कुछ समझ में नहीं आ रहा था,
मेरे यहाँ आने के पहले ही मम्मी ने दस बार समझाया था, चेताया था, ' देख कोमलिया यहाँ सिर्फ तू और ये हैं, तो सब कुछ,... अब वो तेरे मन की बात समझने लगा है और तू भी, ... लेकिन जब उसके मायके में रहेगी न तो असली टेस्टिंग होगी तेरी, पुरानी यादें, और सब से बढ़कर पहले की आदतें, उन की भौजाई, अगर वो वहां जाके भी नहीं बदले तो समझो, ... "
और ये ये बदले क्या, मुझसे भी दो हाथ आगे थे , मेरी जेठानी और ननद दोनों के मामले में, ... एक पल के लिए भी नहीं हिचके, पोर्क चिकेन पिज्जा , मटन कबाब सब कुछ उन्होंने खुद आर्डर किया अपनी भाभी के लिए, अपने हाथ से खिलाया, ... फुल टाइम मस्ती,
लेकिन,
मुझे शुन त्जू की आर्ट आफ वार याद आ रही थी, नो योर एनमी, और क्या मैं अपने जेठानी जी के बारे में कुछ जानती हूँ ,... मैंने दिमाग पर बहुत जोर डाला, ...असल में कुछ भी नहीं, और बिना उनके बारे में जाने, अच्छी तरह समझे, उनकी सारी कमजोरियां, अतीत,...
और मेरी सबसे बड़ी वीकनेस, ये ,... और इनसे जुड़ी गुड्डी इनकी बचपन की,...
और अचानक मेरी चमकी, जोर से चमकी,
अगर गुड्डी को हम लोगों के साथ जाने से जेठानी ने रोक दिया तो ये,... कैसे कर पाएंगी पता नहीं
लेकिन मेरा वो सबसे बड़ा वीक प्वायंट था, एक तो ये फ्रस्ट्रेट होंगे , दूसरी गुड्डी यहाँ अकेले तो जेठानी जी उसकी अच्छी तरह खबर लेंगी , और फिर न मुझ पर कोई विश्वास करेगा,
मैंने झटाक से एक स्वाट किया, मेरी सबसे बड़ी स्ट्रेंथ ये , हर मौसम में मेरे साथ और अब गुड्डी भी, सेक्स मौज मस्ती तो ठीक थी , ननद भाभी की छेड़खानी, हो तो ठीक न हो तो भी , लेकिन मैंने मन ही मन तय कर लिया उसका मेडिकल इंट्रेंस का सपना और वो बिना कोचिंग ज्वाइन किये मुश्किल था , बिना हमारे साथ चले,
लेकिन वीकनेस ये थी की मुझे इस प्लान को भरभंड करने वाली जेठानी के बारे में कुछ भी नहीं मालूम था , और मेरी सास , जेठानी के साथ ही रहती थीं , उन्हें वो लीवरेज कर सकती थीं
अपॉरचुनिटी अभी से अच्छी कुछ नहीं थी, उस का इंटर का रिजल्ट आनेवाला था , उसके घर वाले भी मान गए थे और सास मेरी यहाँ थी नहीं ,
थ्रेट , वही जेठानी जी ,
इसलिए मैंने तय किया अभी मैं शांत रहूंगी , पहले जेठानी जी को उनके पत्ते खोलने दूंगी और फिर नहले पे दहला जड़ूंगी।
….
Jethani ka bhi koi jugad lagana padegaदेवरानी -जेठानी
लेकिन मैंने उन्हें छेड़ कर बात बदलने की कोशिश की ,
" अरे दी आज का दिन स्पेशल है , आज आप की छुट्टी का आखिरी दिन , अब बहुत आराम कर लिया आपने , अब आपके देवर ,,..."
वो एकदम खुश ,मेरे गाल पे चिकोटी काटती बोलीं ,
" अरे देवर के लिए इत्ती प्यारी सी देवरानी तो ले आयी हूँ। रोज घचर घचर , "
वो मूड में आ रही थीं ,फिर थोड़ा सीरियस हो के बोलीं ,
" अरे यार अब नहा लूँ तो पता चलेगा ,की कहीं ,... "
" ठीक है दी , आप नहा धो लीजिये ,तबतक मैं नाश्ता बना देती हूँ ,आज मैंने उन्हें सुबह सुबह जगाया नहीं ,क्या पता आज उनकी लाटरी खुल जाय।"
,
जबतक आप नहा के आएँगी तब तक वो भी , फिर हम लोग साथ नाश्ता कर लेंगे , आज सोच रही हूँ कुछ हैवी ब्रेकफास्ट बनाऊं , आपकी पसंद का। "
" एकदम लंच में कुछ हल्का बना देना "
जेठानी जी अपने पुराने रूप में आती बोलीं। सुबह ही मुझे नाश्ते खाने का आर्डर मिल जाता था जैसे की कोई महराज होऊं।
आधे पौन घंटे बाद वो बाथरूम में गयीं और उसके पौन घंटे बाद निकलीं।
और मैं किचेन में आलू के पराठे ,मूंग का हलवा , तली भूनी चीजें मेरी जेठानी को बहुत पसंद थीं और इसलिए थोड़ा स्थूल ,मांसल उनकी देह हो भी गयी थी लेकिन ज्यादातर फैट सही जगहों पर था , भरे भरे बूब्स के साथ खूब बड़े चूतड़।
लेकिन उसी बीच मैंने मम्मी को फोन लगा दिया , दो बार इंगेज आया।
तीसरी बार खुद उन्ही का फोन था , खूब खुश।
अपनी समधन से गप्प मार रही थीं वो , और समधन समधन टाइप गाली गलौज से भरपूर।
पूरे आधे घंटे तक , और आज मेरी सास का मूड कल के मुकबले बेहतर था ,यानी जेठानी जी अपना प्वाइजन इंजेक्शन उन्हें नहीं लगा पायी थीं.
और मम्मी ने एडवांस में एंटीडोट लगा दिया था।
मम्मी ने मेरा सास का प्रोग्राम एकदम पक्का करवा दिया था ,
हमारे पहुँचने के ठीक १२ वे दिन।
उन्हें गुड्डी का प्रोग्राम गुड्डी के घर वालों से मिल गया था ,
बस वो एक बात से हिचक रही थीं की जब वो मेरे घर रहेंगी तो गुड्डी ,फिर उसके सामने कैसे खुल के ,...
और आज मम्मी ने बिना उनके कहे बता दिया था , की उनके आने के पहले ही गुड्डी मेरे गाँव आ जायेगी। कोचिंग में कुछ दिन की छुटियाँ है , सावन में गाँव का और दस पंद्रह दिन जब तक मेरी सासु जी मेरे साथ रहेंगी , गुड्डी मेरे मायके में। गाँव में शीला भाभी , मेरी छोटी कजिन बेला ,...
और सासु जी ने तुरंत हाँ कर दी।
तो अब गुड्डी का हमारे साथ जाना पक्का
सासु जी का हमारे यहाँ आना पक्का ,
और उसी समय वो किचेन में आ गए ,
हग्स ,किसेज
और मैंने उन्हें सारी खुशखबरी बता दी , बहनचोद मादरचोद बोल के।
मोर हग्स और किसेज
लेकिन तभी जेठानी जी बाथरूम से बाहर निकलीं ,
बाल खूब धुले ,छितराये , उनके नितम्बों तक
मैं उनकी ओर देख के मुस्करायी , और वो भी जवाब में मुस्करायी।
यानी बाल धुले यानी जेठानी जी की पांच दिन वाली छुट्टी अब ख़तम
"आप तैयार हो के आइये तब तक मैं नाश्ता लगाती हूँ ." मैं बोली और वो मुस्करती हुयी अपने कमरे में घुस गयीं।
लेकिन सबसे पहले मैंने गुड्डी को फोन लगाया , नहीं मिला तो दिया को।
रिजल्ट अभी तक नहीं आया था लेकिन बस कभी भी आ सकता था। दिया ने मुझे गुड्डी का रोल नंबर और साइट दोनों बता दीं। जित्ता गुड्डी परेशान हो रही होगी उतनी ही मैं भी उसकी परेशानी सोच के परेशान हो रही थी।
आलू के पराठे ,मक्खन लगे , दही ,चटनी ,अचार ,मूंग का हलवा ,चाय सब कुछ मैंने टेबल पर लगा दी। पौने दस बज गया था।
और फिर जेठानी जी आयीं।
Jethani ki kundi abhi fasi nahi.जेठानी -स्ट्रेंथ
पिक्चर ख़तम होने के थोड़ा पहले मेरी नींद खुली।
" बिचारी भाभी को रात भर लगता है भैय्या सोने नहीं देते , ... " छन्दा ने कमेंट मारा। पर दिया ,
" बिचारे मेरे भैय्या को काहें दोष देती हो ,हमारी भाभी हैं ही ऐसी। "
उसने अपने भैय्या का साथ दिया।
लेकिन मैं सोई एक पल नहीं थी और ये बात सिर्फ मैं जानती थी और मेरी पार्टनर इन क्राइम , दिया,... मेरी तरह उसका दिमाग भी इन सब मामलों में डबल स्पीड से चलता था और कोई उसकी सहेली के खिलाफ कुछ प्लान करे तो वो एकदम शेरनी हो जाती थी,...
गुड्डी ने इंटरवल में जो बातें बताई थी, उसने मुझे एकदम परेशान कर दिया।
नहीं उसकी भाभी के भाई (सो काल्ड ) वाली, झटका जरूर दिया उस बात ने , ख़राब भी लगा मुझे, ...
बट, लेकिन,... वो रात में एक बजे जो जेठानी जी ने उसे फोन करके हड़काया था, और जिस कॉन्फिडेंस के साथ,... कहीं से उनको इनपुट मिल रहा है, कोई विदेशी ताकत है तो, ये साढ़े बारह पौने एक के आसपास मेरे आये थे, दस पंद्रह मिनट आगे पीछे, ... तब तक तो उसकी किसी से बातचीत हुयी नहीं होगी, और उसके बाद तो मेरी सासू माँ वो तो दस साढ़े दस तक सो हो जाती हैं हैं, लेकिन कुछ तो हुआ,... और आज सुबह से भी मैं उनके साथ थी,
नहीं नहीं जो कुछ भी हुआ होगा,... इनके गुड्डी के फोन के पहले यानी एक बजे के पहले हुआ होगा,... तो कौन और फिर जेठानी जी की क्या स्ट्रेंथ है, किस बल पे ये कूद रही हैं , अब इनके देवर तो इनका साथ देते नहीं , वो खुद मुझसे बढ़ के अपनी भाभी का पर कुतरने में , तो कौन,
और अचानक मेरा दिमाग तड़का,
मेरे दिमाग में ये बात पहले क्यों नहीं आयी
स्ट्रेंथ नहीं वीकनेस,
एक की वीकनेस दूसरे की स्ट्रेंथ होती है, और वो उसे ही लीवरेज करता है, और वीकनेस थी मेरी सास की,.. और मेरे जेठ जी की,
मेरी सास उन्हें रहना तो इसी घर में था, जेठ जेठानी के साथ, और ये बात बिना बोले वो भी जानती थीं और जेठानी भी,... बात सिर्फ पैसे की नहीं, बात बात में जवाब देना , नौकरों के सामने उनकी बात काट देना, आज सब्जी किस चीज की बनेगी से लेकर बड़े फैसले तक जो एक जमाने में सास करती थीं, ... और अब जेठानी, भले ही सास के नाम पर,...
कहाँ जाएंगी वो,... हमारे साथ,... लेकिन उनकी सारी यादें, सहेलियां पड़ोसिनें नाते रिश्तेदार सब यहीं थे, दो चार दिन तो ठीक , लेकिन कम्फर्ट ज़ोन तो उनका यही घर था,...
और अगर उन्हें इस बात का अहसास करा दिया गया की पल पल उनके लिए मुश्किल होगा, तो उनके लिए सांप छछूंदर वाली ,... और बड़ी तो हैं ही, ख्याल भी रखती है , उनकी इज्जत भी घर मोहल्ले में हैं, तो उनकी बात के ऊपर कोई इनकी बात माने ये मुश्किल होगा,...
और आज कार में जो दिया ने श्रुति वाली बात की तो उसपर जेठानी ने जो जो कमेंट किये,...
वो मुझे लग रहा था जेठ जी के ऊपर भी लागू होते हैं,.. जिस तरह से वो बोलीं , अरे ज्यादातर के तो चार साढ़े चार इंच का भी बहुत मुश्किल से होता है और जिसके खूंटे में दम नहीं होता, उसकी बीबी उसको नचाती है
तो जेठानी जी जेठ को यूज करेंगी मेरी सास के खिलाफ, और सास को अंदाज तो है की जेठानी के खिलाफ जा के उनके लिए इस घर में सांस लेना भी मुश्किल होगा और अगर जेठ जी भी उनके खिलाफ खड़े हो गए तो अपने को बचाने के लिए, वो कुछ भी कह सकती हैं बोल सकती हैं,... फोन पर तो शायद उनकी बात का उतना असर न हो लेकिन अगर आमने सामने, ...
मेरे लिए अब ये जानना जरूरी था की कौन है जो जेठानी जी को ज्ञान दे रहा है , क्या ज्ञान दे रहा है,
जेठानी जी की प्लानिंग क्या है, गुड्डी ने जो इंटरवल में बताया तो पहले जो मैं अपने साथ उसका ले चलना ८० % पक्का समझ रही थी , अब ५० -५० लग रहा है, सास की बात के ऊपर जाकर,... मैं जबरदस्ती तो उसे ले नहीं जा सकती ,...
और अगर मैंने जेठानी को सहयता देने वाले इस ' विदेशी हाथ ' का पता नहीं लगाया कुछ किया नहीं तो सुबह तक पक्का जेठानी जी का पलड़ा भारी हो जाएगा,...
जिस कान्फिडन्स के साथ मैंने गुड्डी को बोल दिया की कल पैकिंग कर के आ जाय, अब उसे कैसे बोलूं,...
दिया ने मेरी मुखमुद्रा देख ली थी, उसने मेरी ऊँगली दबाई और मोर्स कोड में हम दोनों की बात चीत हो गयी, ... जेठानी स्ट्रैटजिक्ली दिया और छन्दा के बीच बैठी थी, एक कोने पर मैं और दूसरे कोने पर मेरी छुटकी ननदिया,... बीच में छन्दा, जेठानी और दिया।
और दिया ने बात बनाई बाथरूम जाने की और जेठानी जी से रिक्वेस्ट किया की वो साथ चलें,