I think so...But are they counted as views are not ?
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हाँ .. सालियों की इतने दिनों की बंदिश के बाद...एकदम बहुत जरूर
ज्यादा सालियों ने नखड़ा किया, झूठ मूठ ही सही तो वो खुद पीछे हट जाएंगे, इसलिए दोनों रसगुल्लों को तैयार करना बहुत जरूरी है
रसगुल्ले सीखती बहुत जल्दी हैं...जोरू का गुलाम भाग १८६
मिसेज मोइत्रा का घर
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मेरे कुछ बोलने से पहले वो गरजीं , अपनी दोनों बेटियों से , घडी देखते हुए ,
"१४ मिनट लेट होगयी तुम लोग ,"
गनीमत था की मैं थी उन दोनों के साथ ,मेरे कुछ बहाना बनाने के पहले छोटी ने बोला ,
" मम्मी बहुत जाम लगा था , कोई रैली थी शायद , या वी आई पी मूवमेन्ट , आधे घंटे तक , वो तो दी साथ में थी वरना तो और ,... "
एकदम सफ़ेद रंग वाला झूठ , और यही तो मैं चाहती थी , ये अच्छे सुसंस्कार ये बच्चियां सीखे , तभी तो चुदवा के आएँगी और बोलेंगी ट्यूशन से आ रहे हैं। और जिस खूबी से बोला उसने , मिसेज मोइत्रा सामने न होतीं तो मैं उसे चूम लेती एकदम ,
बड़ी ने भी मिले सुर हमारा तुम्हारा किया ,
" सच में मम्मी , एकदम बम्पर टू बम्पर ,.. "
मिसेज मोइत्रा ने मान लिया लेकिन मैं ध्यान से उनकी निगाहें देख रही थी ,एकदम बड़ी के चेहरे पर और मैंने मिसेज मल्होत्रा के साथ ही नोटिस किया ,
बड़ी के होंठों के किनारे बहुत जरा सी आइसक्रीम चॉकलेटी लगी थी।
पकडे जाने के पहले ही मैं फारवर्ड डिफेन्स में आ गयी।
" और उसी जाम का फायदा उठा के मैंने अपनी छोटी बहनों को आइसक्रीम खिला दिया। "
मेरा एक्स्प्लेनेशन और और मिसेज मोइत्रा एकदम नार्मल हो गयीं।
छुटकी , एकदम छोटे बच्चों की तरह मुझसे चिपक कर बोली ,
" मॉम , मेरी दीदी तो एकदम दिलदार है , लेकिन जीजू ,... एकदम निपट कंजूस। "
" अरे तुम लोगों का कितना ख्याल रखता है बेचारा , इतना सीधा है , ... ये नहीं कहती है की ,... " मिसेज मोइत्रा उनकी साइड से उतर पड़ीं।
" आप भी न एकदम पार्शियल हैं , अपने दामाद का साथ देती हैं , मैं तो अपनी सीधी साधी छोटी बहन का साथ दूंगी। ." हँसते हुए छुटकी को चिपका कर मैं बोली , लेकिन तभी मेरी निगाह बगल में पड़ी , कोई आकर बरामदे में खड़ा था।
हाटरीकल्चलर मैनेजर ,
" मैडम वो रोज़ेज़ की मैं ,... कौन सी वैरायटी ,... " उन्होंने एक बुकलेट निकाल कर मुझे पकड़ा दी , और मैंने छुटकी को ,
" ये सेलेक्ट करेगी ,... " मैंने उनसे बोला।
छुटकी ने दो चार पिंक कलर के चुने , वो जब ब्लश करती थी तो उसके गाल जैसे हो जाते थे एकदम उस रंग के ,
" आप कल आ सकते हैं ? " मैंने उनसे पूछा।
" श्योर ,... "
" तो कल सुबह आ जाइयेगा , ये दोनों लोग देखकर मैडम को बता देंगी और आप मैडम से पूछ लीजियेगा , जैसा मैडम आर्डर दें ,... ठीक है। "
मैं बोली और उसने मेरी और मिसेज मोइत्रा की ओर सर झुकाया और चला गया। मिसेज मोइत्रा को विश्वास नहीं हुआ , ये आदमी रोज का एक्सपर्ट था , मुश्किल से मिसेज एम् डी के पास साल में एक बार आता था और मिसेज मोइत्रा के पास आना ,...
बाहर लान में चार पांच आदमी काम कर रहे थे ,
मैं मिसेज मोइत्रा के साथ अंदर घुस गयी , छुटकी भी बड़ी के पास अपने कमरे में फर्स्ट फ्लोर पर ,
" वो मंजू आयी की नहीं ,... "
" अरे वो उस दिन तो ग्यारह बजे ही आ गयी थी , कहाँ से तुम्हे ऐसे लोग मिल जाते हैं , एकदम , क्या कहूं उसे ,... " मिसेज मोइत्रा की आँखों में तारीफ़ छलक रही थी।
" आज तक ऐसी काम करने वाली मुझे नहीं मिली , और इतनी जिम्मेदार , एकदम भरोसे वाली। " मिसेज मोइत्रा की प्रशंसा जारी थी , वो बोल रही थी
" सबसे बड़ी बात भरोसे की , उसके भरोसे तो मैं घर छोड़ के ,.. और सबसे बढ़ कर ये लड़कियां ,... "
" एकदम , मैं तो न कहीं ताला न चाभी , ये तो दिन रात आफिस आफिस ,... और मुझसे तो कोई पार्टी क्लव फिल्म छुटती नहीं ,सब कुछ इन्ही के भरोसे , और खाना भी बहुत अच्छा बनाती है। "
मैंने भी मंजू बाई के बारे में अपनी राय जोड़ी।
" एकदम , ... और ये बच्चियां , अपना कमरा , मैं लाख कहूं तो ये दोनों , और खास तौर से छुटकी , उसे तो अभी भी लगता है की वो बच्ची है , मैं लाख उससे कहती रहूं अब तू बड़ी हो गयी है पर नहीं , कमरा दोनों ,... आज मैंने मंजू से कहा , थोड़ी देर मैं खड़ी रही समझाती रही लेकिन वो पांच मिनट के बाद बोली , मैडम आप चलिए अभी बस आप डेढ़ घण्टे में आ जाइयेगा , मैं चली आयी और डेढ़ घंटे में वो कमरा एकदम बदल गया , कितना कचड़ा निकला। एक एक चीज चमका दी उस ने। "
मिसेज मोइत्रा का पूरा भरोसा उस ने जीत लिया था।
" एकदम , और आप लड़कियों को भी इसके भरोसे छोड़ सकती हैं , बहुत जिम्मेदार है। " मैंने और चारा फेंका
" एकदम " मेरी बात मान गयी।
" इसलिए मैं जो बात कहने आयी हूँ प्लीज मान जाइयेगा , ना मत करियेगा ,... " मैंने खूब मीठा डाल कर बोला।
" बोलो न , तेरी बात और मैं ना करूँ , " मुस्कराते हुए बोलीं ,..
" नहीं पहले हाँ करिये ,.. एकदम पक्की वाली हाँ। " मैंने फिर बोला।
" अच्छा हाँ , अब बोल न पहेली मत बुझा वरना पीटेगी मेरे हाथ से। " हँसते हुए वो बोली ,
" कुछ नहीं कल का दिन आप मेरे नाम कर दीजिये , बस चार घंटे , एक बजे से पांच बजे तक ,
" लेकिन ये लड़कियां ,... " उनकी पहरेदारी अभी तक कम नहीं हुयी थी।
क्लब आने की सारी तैयारी पूरी...मिसेज मोइत्रा और लेडीज क्लब
इसलिए मैं जो बात कहने आयी हूँ प्लीज मान जाइयेगा , ना मत करियेगा ,... " मैंने खूब मीठा डाल कर बोला।
" बोलो न , तेरी बात और मैं ना करूँ , " मुस्कराते हुए बोलीं ,..
" नहीं पहले हाँ करिये ,.. एकदम पक्की वाली हाँ। " मैंने फिर बोला।
" अच्छा हाँ , अब बोल न पहेली मत बुझा वरना पीटेगी मेरे हाथ से। " हँसते हुए वो बोली ,
" कुछ नहीं कल का दिन आप मेरे नाम कर दीजिये , बस चार घंटे , एक बजे से पांच बजे तक ,
" लेकिन ये लड़कियां ,... " उनकी पहरेदारी अभी तक कम नहीं हुयी थी।
" अरे इन दोनों की छुट्टी तीन बजे तक होती है , बस अब जीजू बने हैं तो जिम्मेदारी भी निभाएं , ...कल ये लेने जांयेंगे और जब आप आएँगी उसके बाद ही इन दोनों को छोड़ के जाएंगे ,... फिर मंजू बाई भी तो हैं न "
मैंने अश्योर किया।
" तुम लोगों की मिसेज खन्ना कहाँ है ? " मिसेज मोइत्रा ताने की आवाज में बोलीं , पुराना जख्म , इतनी आसानी से कैसे भरता।
और मैंने भी जैसा वो चाहतीं थी , उसी तरह जवाब दिया ,
" क्या आप भी न ,... क्या कल के अखबार के बारे में बात कर रही हैं। वो पता नहीं कब से मुम्बई में ,... अब वो एकदम मिसेज दीर्घलिंगम की चमची बनी ,"
मिसेज मोइत्रा की आँखे चमकीं , मुस्करायीं , फिर हलके से खिलखिलायीं , मेरी बात काट के बोलीं ,
" मिसेज दीर्घलिंगम या मिस्टर दीर्घलिंगम , ... सिर्फ नाम ही दीर्घलिंगम है या ,... " और मेरी खिलखिलाहट ने उनका साथ दिया।
मैं बोली नहीं पर बता सकती थी। नाम ही नहीं , हैं भी वो , मुश्किल से भी मेरी मुट्ठी में नहीं आ पाया था , लम्बाई मोटाई दोनों में... और कड़ा भी बहुत , नहीं मैंने घोंटा नहीं था। इतना टाइम भी नहीं था , कार में ,... बस झुक कर थोड़ा सा,
वरना इत्ती आसानी से मिस्टर मोइत्रा का ट्रांसफर उस जंगली नक्सल इन्फेस्टेड नान फेमिली स्टेशन पर थोड़े ही होता और वो मेरी जीभ का कमाल था , रातों रात उन्हें स्पेयर भी कर दिया , सुबह होने के पहले ट्रेन पर उन्हें बैठा कर रवाना कर दिया गया था। आर्डर भले ही मिस्टर ने दीर्घलिंगम दिया हो लेकिन फोन लगा कर उन्हें मैंने ही दिया था। और साथ मिस्टर मोइत्रा के सारे फलदार चार्ज मेरे सोना मोना को।
" मिसेज खन्ना आएँगी तो पूछ सकते हैं ,... " और अब हम दोनों खिलखिला रहे थे।
मैंने उन्हें बताया की सारी बच्चा पार्टी आने को तैयार थी , हम सब उनके सामने कान पकड़ के मुर्गी बन जाते जबतक वो हमें माफ़ नहीं करती और आने को हाँ नहीं करती। कल एक इम्पोर्टेन्ट मीटिंग हैं और ये सिर्फ वही हैंडल कर सकती हैं ,हम लोगों ने अपने आर्गाइजेशन को वोमेन इम्पवारमेंट और स्किल इम्प्रोवेम्नेट फॉर यंग टीनेजर्स के आब्जेक्ट्स एक एन जी ओ के लिए रजिस्ट्रेशन की एप्लिकेशन दी है , और वो ही हमारे केस को अच्छी तरह प्लीड कर सकती हैं , इसलिए उनका रहना बहुत जरूरी है , एक बजे से मीटिंग है एक घंटे की फालोड बाई लंच,
( मैंने उन्हें नहीं बताया की सुजाता और मीनाक्षी उन लोगों के हेडक्वार्टर गयीं थी और उनके एक्पसर्ट पैनल के सामने उन्होंने न सिर्फ पी पी टी दिया बल्कि जिस तरह से उन्होंने सारे क्वेस्चन हैंडल किये पूरा पैनल फ्लोर हो गया। लेकिन मिसेज मोइत्रा की इंग्लिश बहुत अच्छी थी , और जो इंस्पेक्शन टीम आने वाली थी उस की चेयर वोमेन बंगाली थीं और प्रेस्डिडेन्सी कालेज की , जहाँ की मिसेज मोइत्रा पढ़ी थीं। फिर हम लोगों की ' बच्चा पार्टी ' की एवरेज एज साढ़े बाइस साल थी और सबसे एजेड पच्चीस साल की। मिसेज मोइत्रा ४० के आसपास थीं तो कोई तो मेच्योर होता ,... लेकिन दो असली फायदे और थे , इसी बहाने मिसेज मोइत्रा एक बार फिर से हम लोगों के क्लब में आना जाना शुरू करतीं , जहाँ उनकी कुछ दिन बाद ' अच्छी तरह ',... )
और कल सबसे बड़ी बात थी , इन दोनों कच्ची कलियों के जीजू को उनके साथ ,... तीन चार घण्टे का टाइम ,... हुक्का बार ,... और फिर घर में ,
मिसेज मोइत्रा का स्कूल छुट्टी के बाद ..मान गयी मिसेज मोइत्रा
मैंने उन्हें नहीं बताया की सुजाता और मीनाक्षी उन लोगों के हेडक्वार्टर गयीं थी और उनके एक्पसर्ट पैनल के सामने उन्होंने न सिर्फ पी पी टी दिया बल्कि जिस तरह से उन्होंने सारे क्वेस्चन हैंडल किये पूरा पैनल फ्लोर हो गया।
लेकिन मिसेज मोइत्रा की इंग्लिश बहुत अच्छी थी , और जो इंस्पेक्शन टीम आने वाली थी उस की चेयर वोमेन बंगाली थीं और प्रेस्डिडेन्सी कालेज की , जहाँ की मिसेज मोइत्रा पढ़ी थीं। फिर हम लोगों की ' बच्चा पार्टी ' की एवरेज एज साढ़े बाइस साल थी और सबसे एजेड पच्चीस साल की। मिसेज मोइत्रा ४० के आसपास थीं तो कोई तो मेच्योर होता ,...
लेकिन दो असली फायदे और थे , इसी बहाने मिसेज मोइत्रा एक बार फिर से हम लोगों के क्लब में आना जाना शुरू करतीं , जहाँ उनकी कुछ दिन बाद ' अच्छी तरह ',... और कल सबसे बड़ी बात थी , इन दोनों कच्ची कलियों के जीजू को उनके साथ ,... तीन चार घण्टे का टाइम ,... हुक्का बार ,... और फिर घर में ,
मिसेज मोइत्रा ने आधा घंटा चिरोरी मिनती करवाई पर मान गयीं , लेकिन एक और परेशानी खड़ी कर दी। वो जिद करने लगीं की उस मीटिंग के बाद तीन बजे तक वो वापस आ जाएंगी क्योंकि तबतक दोनों लड़कियां वापस आ जाएंगी।
यही तो मैं नहीं चाहती थी , जीजा साली को कम से कम दो ढाई घण्टे टाइम तो चहिये था।
" असल में असली मीटिंग तो उसके बाद ही है , जो आपके बिना हो ही नहीं सकती , हम लोगों का तीज फेस्टिवल , अगले हफ्ते होगा , तो उसकी फाइनल प्रिपरेशन , प्रोग्राम,... हर बार आप रहती थीं ,... अब हम लोगो को लोग रहा है की आप सही कहती थीं की बच्चा पार्टी को खिलखलाने के अलावा कुछ नहीं आता ,.. आप नहीं होंगीं की तो लगता है इस बार हम लोगों का तीज फंक्शन एकदम फीका ,... "
मैंने खूब दुखी चेहरा बना के कहा।
अब वो खूब सोच में पड़ गयीं , और मैंने उसी तरह तुरुप का पत्ता फेंक दिया ,
" आपको अपने दामाद पर विश्वास नहीं है "?
" क्यों उसपर तो मुझे अपने से ज़्यादा विश्वास है , उसके एक बार आते ही सुबह , ... आज। ... इतना तो मिस्टर मोइत्रा के टाइम पर मेरा नहीं ,... " ख़ुशी से वो बोलीं
" बस सिम्पल , उनको लगा देते हैं ड्यूटी पर ,... वो ले के तो आयंगे ही इन दोनों को रुके रहेंगे थोड़ी देर , जब तक हम आप नहीं आते , ...सिम्पल। ... "
" लेकिन उसकी मीटिंग विटिंग , इत्ते इम्पोर्टेन्ट असाइनमेंट ,... " उन्हें अभी भी ,...
" क्या मीटिंग। ... अरे मीटिंग में समोसे ही तो खाते हैं , यहाँ खा लेंगे ,... और फिर मेरी ऐसी अच्छी अच्छी मीठी मीठी बहने , मुफ्त में जीजू बने हैं। रुके रहेंगे वो
मैं पूरी कोशिश कर रही थी की वो कम से कम तीन चार घंटे लेडीज क्लब में रहे. आज जो मैंने रसगुल्लों को पटाने की इतनी कोशिश की, मंजू की मेहनत का फायदा तभी मिल पायेगा उनको, और जब मिसेज मोइत्रा मान गयी तो मैंने संतोष की साँस ली,...
"
और ये समस्या सॉल्व हो गयी। मिसेज मोइत्रा ने खुद बिल्ली को छींके की रखवाली सौंप दी।
" ठीक है तुम बारह बजे आ जाना , लेट होना ठीक नहीं रहेगा। और मैं शाम को तेरे साथ ही आ जाउंगी। "
वो मान गयी , और मैं किचेन में
मंजू बाई ने पांच मिनट में काम की सारी बातें बता दी , और मैंने भी उसे कल के बारे में ,...
और फिर मैं ऊपर रसगुल्लों के कमरे में दबे पांव , चुपके से
" उई उई जीजू , तुम ,... उफ़ ,... ओह ,... "
छुटकी सिसक रही थी , उसके छोटे छोटे टीनेज बूब्स ऊपर नीचे हो रहे थे , सांसे खूब गहरी गहरी ,... एसी चल रहा था , पर चेहरे पर पसीना चुहचुहा रहा था।
" बुरे मतलब , उन्हें बुरिया बहुत पसंद है ,.. और अगर मेरी छोटी बहनों की बुरिया ,... छोड़ेंगे नहीं मैं बता देती हूँ ,... "रसगुल्लों के कमरे में
और फिर मैं ऊपर रसगुल्लों के कमरे में दबे पांव , चुपके से
" उई उई जीजू , तुम ,... उफ़ ,... ओह ,... " छुटकी सिसक रही थी , उसके छोटे छोटे टीनेज बूब्स ऊपर नीचे हो रहे थे , सांसे खूब गहरी गहरी ,... एसी चल रहा था , पर चेहरे पर पसीना चुहचुहा रहा था। उसके हाथ में मोबाइल और वही व्हाट्सऐप , मैंने उनका 'कारनेटो' चूसते हुआ जो उनको भेजा था ,
और बड़ी भी वही देख रही थी , " यार दी इज सो लकी , " वो बोल रही थी। उसकी भी हालत वही ,
मैंने पहले तो चुपके से दरवाजा अंदर से बंद किया , और छोटी को पीछे से दबोच लिया ,
" क्या देखा जा रहा है , जीजू का कारनेटो " मैंने उसे गुदगुदी करते हुए सीधे उसके छोटे जोबन पर सीधे ,
" ओह्ह दी , मैं तो डर ही गयी थी ,... " वो खिलखिलाने लगी।
" जानती हो ज्यादा जीजू के चक्कर में मत पड़ना , ... बहुत बुरे हैं वो। " मैं भी खिलखिलाते बोली
अब दोनों बहने अलफ़ , " आप दी हम लोगों की सबसे मीठी वाली दी हैं पर प्लीज हमारे जीजू के खिलाफ कुछ भी मत ,... " बनावटी गुस्से से वो बोलीं ,
" मैंने खिलाफ कुछ नहीं कहा मैंने तो सिर्फ ये कहा की बहुत बुरे हैं वो ,... "
मेरा एक हाथ छुटकी के उभार पर था और दूसरा अब उसकी चिकनी जांघ पर और एक पल में सरक कर छोटी सी फ्राक के अंदर उसकी चुनमुनिया दबोचते मैं बोलीं ,
" बुरे मतलब , उन्हें बुरिया बहुत पसंद है ,.. और अगर मेरी छोटी बहनों की बुरिया ,... छोड़ेंगे नहीं मैं बता देती हूँ ,... "
" दी आप तो छोडो ,.. "
पैर पटकते हुए छुटकी बोली , पर बजाय छोड़ने के मेरी एक ऊँगली अब उसकी पैंटी में घुस गयी थी और सीधे गुलाबी दरारों पर ,... होंठ आलरेडी भीगे थे लेकिन दरवाजा एकदम बंद था , असल कच्ची कली एकदम कसी।
" दी आप के साथ और लेकिन हम दोनों के साथ ,... वो सच में बहुत सीधे हैं , उनके ,.... " बड़ी अब जीजू के डिफेन्स में आ गयी ,
और अब मेरा हाथ छुटकी के कबूतर छोड़ कर उसके कबूतर पर आ गया। दबाते हुए मैं बोली , " साली भी आधी घरवाली होती है , ... या तो तुम दोनों कह दो की तुम उनकी साली नहीं हो। "
" वाह दी , इत्ती मुश्किल से इत्ता हैंडसम सेक्सी जीजू पकड़ में आये हैं और आप। .. हम दोनों उनकी स्साली हैं और रहेंगे ,.. " छुटकी उछल कर बोली।
उछली इस लिए की अब मेरी दो उँगलियाँ उसकी चुनमुनिया पर और एक अंदर घुसने की कोशिश कर रही थी ,
छन्दा के साथ उन दोनों ने जबरदस्त फिंगरिंग की थी तो ऐसा नहीं था की पहली बार किसी लड़की की ऊँगली वहां पर रगड़ रही थी।
" और अगर कहीं उन्होंने तुम दोनों की जींस ढीला करा दिया तो , ..."
" ये जीजू और स्साली की आपस की बात है। " कम बोलने वाली बड़ी भी अब मेरा मतलब समझ कर के मजाक के मूड में आगयी।
" एकदम , हमारी मर्जी , साली और जीजू के बीच दी आप भी नहीं आ सकतीं " छोटी भी अब उसी मूड में थी , वो दोनों समझ गयी की मैं उन्हें चिढ़ा रही हूँ।
" अच्छा तो तुम दोनों कौन सी पिल्स लेती हो। "
मैंने बड़ी सीरियसली पूछा और ये बात जरूरी थी , क्योंकि रबड़ वबड़ तो उन्हें पसंद है नहीं और मैं भी चाहती थी की इन दोनों की जबतक चमड़ी से चमड़ी न रगड़ी जाए
" आप मरवाएँगी दी , मम्मी ने अगर सुन भी लिया ,... " बड़ी अब सीरियस हो गयी।
" तुम दोनों ने एक बात सही कहा था तेरे जीजू नम्बरी कंजूस है , तो वो ये सोच ले की कंडोम पर पैसा खर्च नहीं करने वाले ,... और क्या बात जीजा साली , और मैंने बता दिया की वो बुरे है , और मेरी प्यारी प्यारी बहनों की बुरिया छोड़ना तो बहुत बुरी बात है ,.. "
मैं अब एकदम अपने लेवल पर आ गयी थी। छन्दा ने और इन लड़कियों की बाकी सहेलियों ने इन्हे अच्छी तरह से गालियों की लत लगा दी थी पर घर में,... पर इन दोनों की शर्म ख़तम करने के लिए ,
" अच्छा चलो तुम दोनों के पीरियड्स कब आयंगे ,... " मैंने बड़ी बहन की तरह पूछा।
परसों , दोनों एक साथ बोलीं।
" तुम लोगों का स्कूल तो नहीं हैं उस दिन " मैंने दूसरा सवाल पूछा।
नहीं लांग वीकेंड है इस बार , चार दिन का। अबकी बड़की बोली।
" तो बस पीरियड शुरू होने के बाद शुरू कर देना , ... "
" लेकिन मिलेगी कहाँ , और रखेंगे कहाँ ,... मम्मी तो कभी हमारी आलमारी की ,.... " बड़ी ज्यादा प्रैक्टिकल थी।
" यार बड़ी दी में किसलिए हूँ " अपने पर्स से मैंने तीन पत्ते निकाले , दो रेगुलर पिल्स और एक इमरजेंसी पिल , और समझा दिया।
" पर रखेंगे कहा ,... " बड़की ने फिर सवाल खड़ा किया।
" और ये मंजू बाई , ये आज उसने हम लोगों का सारा कमरा , .... कहीं उसने कुछ देखा और मम्मी को ,... " छुटकी ने अब मेरे कंधे पर हाथ रख कर अपनी परेशानी बताई।
" सिम्पल यार उस से दोस्ती कर लो , उसको अपनी राजदार बना लो , ... यार वो पहले मेरे ही यहाँ काम करती थी मेरी फ्रेंड समझ उसे , जितना मेरे ऊपर फेथ रखती हो न उससे ज्यादा उसपर रख सकती हो , एक चीज भी तुम लोगो की किसी को नहीं पता चलेगी ,... मैं बोल दूंगी उसकी , हाँ थोड़ा बहुत मस्ती करती है तुम लोगों की एज की लड़कियों के साथ ,.. "
" वो चलेगा पर ,... " दोनों एक साथ बोली।
" बस उसको मिला लो अपने साथ , ... और सुन छुटकी , तुम ज़रा मेरी कार से एक मेरे बैग में मोटी सी हार्ड बाउंड बुक है वो ले आओ , बस पिल्स उसके अंदर रख देना , एक फ्लैप सा है उसके बैक कवर के अंदर , पता भी नहीं चलता है, और मम्मी देख भी लेंगी तो कह देना , मेरी किताब है मैं भूल गयी थी , मेरा ही होगा। बुक पर मेरा नाम भी लिखा है। "
छुटकी नीचे गयी और मैं मंजू बाई ने जो 'सीक्रेट ' बताया था उसका फायदा उठाने ,...
उसकी बुक शेल्फ , टॉप शेल्फ पर तीन मोटी किताबें ,
ओह्ह्ह... तो मंजू सिर्फ मिसेज मोइत्रा के लिए नहीं...बड़ी पकड़ी गयी
छुटकी नीचे गयी और मैं मंजू बाई ने जो 'सीक्रेट ' बताया था उसका फायदा उठाने ,...
उसकी बुक शेल्फ , टॉप शेल्फ पर तीन मोटी किताबें , बड़ी ने मुझे रोकने की कोशिश की ,
" दी क्या ढूंढ रही हैं , कुछ नहीं हैं वहां ,... "
मैंने उसकी बात अनसुनी कर दी ,
और पीछे की पर जो अखबार फोल्ड कर के नीचे बिछा था उसके अंदर , ऊँगली से मैं टच करके देख रही थी , एक जगह ज़रा सा उभरा , जब तक वो लड़की मेरा हाथ पकडे , उस फोल्ड के अंदर का लिफ़ाफ़ा मेरे हाथ में और मैं उछल कर दूसरी ओर ,.. और बड़ी को चिढ़ाते हुए , मैंने दिखा के लिफ़ाफ़ा खोला , कुल बारह लव लेटर
चिट्ठियां कितनी हैं , क्या लिखा है सब डिटेल तो मंजू बाई मुझे किचेन में बता चुकी थी और एक्जैक्ट जगह जहाँ छुपा के रखी है , ...
"बातों में तुम..यादों में तुम..ख्वाबों में तुम ..उदासी में तुम…
खुशी में तुम ..फ़िक्र में तुम ..ज़िक्र में तुम ..बस मेरे पास नही तुम"
पहली चिट्ठी की शुरुआत ही शेर से थी सेकेण्ड लेटर में शेर थोड़ा ज्यादा बोल्ड ,
अपनी नज़रों से मुझे बेमौत मारने वाले .हथियार-ए-जंग की तुझे ज़रूरत क्या
तेरे कन्द-ए-लब का इक बोसा तो लेने दे, फिर जन्नत मुझे न मिले भी तो क्या
मैं पढ़ पढ़ के उसे चिढ़ा रही थी ,
"तो जनाब शायर भी हैं , ओके बोसा अरे यार चुम्मी ही तो मांग रहा है कोई तेरी चुनमुनिया थोड़े ही मांग रहा है दे देती न कोई घिस थोड़े जाते तेरे गाल।"
अब वो ब्लश कर रही थी ,
" दीदी प्लीज दे दीजिये न ,... " बिचारी की हालत ख़राब थी।
" यार बस एक ये लास्ट वाला , ओह्ह परसों ही लिखा था , बस शेर ,...
होठों से तेरे होठों को गीला कर दूँ ,तेरे होठों को में और भी रसीला कर दूँ,
तु इस क़दर प्यार करे की प्यार की इन्तहा हो जाये, तेरे होठों को चूस कर तुझे और भी जोशीला कर दूँ |
हैप्पी किस डे , ओह्ह तो ये किस डे का है , अरे यार उस दिन तो बिचारे को किस देना बनता था। "
" दीदी प्लीज , सच्ची प्लीज मैंने उसे भी एक भी नहीं लिखा , सब उसी का है , ... " अब वो रुंआसी हो रही थी। "
मैंने उस लेटर का लास्ट पेज पलटा
"लबों से छू लूँ जिस्म तेरा, साँसों में साँस जगा जाऊँ,
तू कहे अगर इक बार मुझे, मैं खुद ही तुझमें समा जाऊँ।"
सारी चिट्ठियों का पुलिंदा मैंने अपने पर्स में डाल कर ज़िप बंद कर ली और अब बड़ी की आँखों में आँखे डाल कर उसे बोली ,
" अच्छा तो सिर्फ चुम्मी ही नहीं , जनाब अंदर भी समाना चाहते हैं , .... सामान देखा है उसका। "
कुछ शरम से कुछ डर से बड़ी के गोरे चम्पई गाल सुर्खरू हो गए।
उसने एक बार फिर हाथ बढ़ाया मेरी ओर ,.... और अब मैंने टोन चेंज कर लिया , थोड़ा सीरियस , थोड़ा गुस्स्सा , और दरवाजे के पास खड़ी हो गयी
" चलती हूँ मैं तेरी मम्मी को ये पुलिंदा देने , बिचारी किस तरह ,... और तुम उन का ,... मालूम है अगर ये चिट्ठी किसी के हाथ पड़ जाए तो ,.... "
अब वो डर से काँप रही थी।
" दी नहीं , प्लीज दी नहीं ,... मम्मी मुझे जिन्दा नहीं छोड़ेंगी अब कभी नहीं ,... "
मुझे लगा की मैंने बच्ची को डरा कुछ ज्यादा दिया और मैंने उसे गले लगा कर भींच लिया। मेरे होंठ सीधे उसके होंठों पर ,और कन्या रस की शौक़ीन तो मैं भी हूँ, फिर इन दोनों रसगुल्लों का रस मैं और मेरी सहेलियां भी लेंगी ही, जो डिब्ब्बा मिसेज मोइत्रा ने इत्ती कस के बंद कर के रखा हो उसे खोल के रस लेने का मज़ा जी कुछ और है, फिर इन दोनों को ढंग से चुम्मा चाटी सिखाने की भी जिम्मेदारी मेरी भी है
" पगली , दी हूँ तेरी ,... अरे यार तेरी इस उमर में लड़के चिट्ठियां नहीं लिखेंगे तो कब लिखेंगे , जोबन आया है तो भौंरे भी आएंगे। नो मम्मी , मैंने क्या कहा था रास्ते में हम तीनों की बात हम तीनो के बीच रहेगी तो , इट इज अवर सीक्रेट ,... पक्का ,... लेकिन ये बता तूने उसे जवाब दिया की नहीं , ... " मैंने हलके से उसके उभारों को दबाते मसलते पूछा
" नहीं दी , सच्ची आपकी कसम एक चिट भी नहीं लिखी ,.. " वो थोड़ा नार्मल होते बोली।
" यही तो गड़बड़ किया , बिचारे ने इत्ती चीट्ठियाँ लिखीं , और व्हाट्सऐप " मैंने अब बात प्यार से आगे बढ़ाई
अब बड़ी धीरे धीरे नार्मल हो रही थी, और मेरा काम भी हो गया था, बड़ी को पकड़ना उसे ढीली करना बहुत जरूरी था वरना उसे डर से छुटकी भी आगे नहीं बढ़ पाती, लेकिन अब ये चिठ्ठिया मेरे हाथ में थी। हलके से बड़ी बोली,
मैंने उसे मोबाइल नंबर नहीं दिया, हर चिट्ठी में वो अपना मोबाइल नंबर लिखता है कई बार वो बोल चुका है लेकिन दी न मैंने उसे मोबाइल नंबर दिया न किसी चिट का जवाब, सच कहती हूँ
" देख ये गलत है , ...यार जवाब तो दो न, हाँ चिट्ठी का जवाब अपनी हैंडराइटिंग में कभी मत देना , और न चिट्ठी में अपना या उसका नाम लिखना। सोच लो अगर कल तक तुमने चिट्ठी का जवाब नहीं दिया न तो बस ये चिट्ठी कहाँ पहुँच जायेगी। "
मैंने फिर उसे हड़काया भी चिढ़ाया।
" दी मेरा दिल बैठा जा रहा है आप मजाक कर रही हैं , एक तो कहती हैं मैं अपनी हैंडराइटिंग में न लिखूं , फिर कहती हैं जवाब दूँ " परेशान हो के वो बोली।
" बच्ची घबड़ा मत अब तू प्रेम गुरुआनी की शिष्या है , तेरे सारे सवालों का समाधान हो जाएगा पर पहले मेरे सवालो का जवाब दे।" मैंने उसको भरोसे में ले लिया।
और उसने सब बता दिया , क्लास में उससे दो क्लास आगे है। पास के कालेज का , स्कूल आते जाते ,... पास में ही एक ग्रॉसरी की बड़ी सी दूकान है वहीँ खड़ा रहता है
" चीठी तेरी मैं लिख दूंगी , आखिर में तू गाढ़ी लिपस्टिक लगा के किस कर देना बस। कल शाम को मैं आउंगी न तेरी मम्मी को छोड़ने , बस उसी समय दे दूंगी , बस तू मोहर लगा देना होंठों की। और हम दोनों के साथ , ग्रॉसरी शाप पर ,... हमारे साथ चलेगी तो किसी को शक नहीं होगा ,... बस अपने हाथ से दे देना। "
" दी , जीजू को भी नहीं। .. प्लीज। " वो अब नार्मल हो गयी थी।
" एकदम नहीं लेकिन उस की फ़ीस लगेगी , ... और हाँ अब ये लेटर मेरे पास ,... " और अब मैंने उसे कस कर , सिर्फ होंठ होंठ पर नहीं बल्कि मेरे हाथ खुल के उसके नए आ रहे बूब्स दबा रहे थे।
और अब बिना हिचक बड़ी के होंठों मेरे होंठो का जवाब दे रहे थे , मजे ले रहे थे।
" बस एक बात का ख्याल करना , ज़रा जल्दी उसके आगे टाँगे न फैलाना। महीने भर कम से कम तड़पाना। " मैंने गाल चूमते हुए कहा।
तबतक हांफती भागती छुटकी आ गयी।और मैंने अपनी किताब के बैक कवर के अंदर फ्लैप में पिल्स के पैकेट रख दिए , और एक बार फिर छुटकी और बड़ी दोनों को चुम्मी दे कर , नीचे।
एक कमरे से कुछ फुसफुसाने की आवाज आ रही थी , मैंने हलके से झाँक कर देखा ,
मिसेज मोइत्रा पेट के बल लेटी , उनकी नाइटी जांघों तक उठी , और मंजू बाई मालिश कर रही थी , मालिश के उसकी उंगलिया , मिसेज मोइत्रा के आलमोस्ट खुले नितम्बों पर डांस कर रही थीं , कभी हलके से छू देतीं तो कही कस के दबोच लेती ,
और मिसेज मोइत्रा हलके हलके सिसक रही थीं।
मंजू बाई ने मुझे देख कर हलके से मुस्करा दिया। मैं कमरे से थोड़ी दूर जाकर बोली ,
" मैं चलती हूँ कल सुबह १२ बजे , .... "
" श्योर , मैं रेडी रहूंगी " अंदर से मिसेज मोइत्रा की आवाज आयी।
मैंने गाडी स्टार्ट की और घडी देख कर चीख उठी , छह बज चुके थे , और गुड्डी की कोचिंग बस ख़तम होने वाली थी।
फुल स्पीड पर भी ,...
अगला स्टेज परफ़ॉर्मेंस मिसेज मोइत्रा का क्लब डांसर के रूप में....Vary good update
इन्हीं व्यस्तताओं के बीच कुछ समय अपने लिए...कोमल जी नमस्कार अगर मजे काम से कुछ समय की छुट्टी मिल जाती तो अकेले में आपकी सारी कहानियां पढ़ लेता पहले के समय में जब स्कुल कालेज में थे तब रानू और गुलशन नंदा के नोवल में तीन से ४ घंटे में पूरा पढ़ लिया करता था उस समय पास की लाइब्रेरी से नोवल इश्यु कराकर तब पढ़ा करते थे , वो भी दिन थे आज तो दिन शुरू होते ही कब खत्म हो जाते हें पता ही नही चलता
सही कहा... जवानी का ये मोड़...मिसेज मोइत्रा aur ye 2 kishoriya sach me maja dene wali hai, kishoriyo ke sath komaal bhabhi kaisa bartav karti hai ye to sabko malum hai, I am getting excited.