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Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

motaalund

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शुभ कार्य के लिए मेहनत तो करनी पड़ती है, आपने सही कहा, सुबह इनके और अपनी ननद के साथ

पहले ननद का निप छेदन संस्कार,... फिर इन्हे भेजा रसगुल्लों को ले जाने को

और खुद ननद के साथ डाक्टर गिल के पास, निप छेदन के बाद गर्भाधान संस्कार की तैयारी और मुहुर्त के पहले न हो उसकी भी रोकथाम

फिर ननद के साथ शॉपिंग और कोचिंग

फिर रसगुल्लों को पिक करना, मिसेज मोइत्रा के घर और अब फिर एक बार गुड्डी की कोचिंग उसे पिक करने

और फायदा मेरी ननद और रसगुल्लों के साथ इनका भी तो होगा,...
और कच्ची अमिया का सेवन खुद भी....
 

motaalund

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Main badi selfish hun dono rasgullon ki chunmuniya air backdoor pe mere Sona Mona kaa naam likha hai

aakhir jaise Kamal Jiju mere JIju hai

vaise mere Ye, un dono ke Jiju hain
बिल्कुल... गुड्डी ना सही... लेकिन इन दोनों की अगवाड़े-पिछवाड़े दोनों ओर कई नथ उतराई .. आपके साजन से हीं...
 

motaalund

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Actually there was already hint of it in part 73 ( Page 106) when it was used as a device to change to course of story a bit to confirm to the rules of the forum. and again in part 81 ( page 116) but i will sort of include them when story starts taking turn
This is the beauty of your writing..
There is always a pre-cursor and/or hint..
Which will be elaborated further.
 

motaalund

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जोरू का गुलाम भाग १८७


गुड्डी की कोचिंग

15.98,102



मैंने अपनी किताब के बैक कवर के अंदर फ्लैप में पिल्स के पैकेट रख दिए , और एक बार फिर छुटकी और बड़ी दोनों को चुम्मी दे कर , नीचे। एक कमरे से कुछ फुसफुसाने की आवाज आ रही थी , मैंने हलके से झाँक कर देखा ,

मिसेज मोइत्रा पेट के बल लेटी , उनकी नाइटी जांघों तक उठी , और मंजू बाई मालिश कर रही थी , मालिश के उसकी उंगलिया , मिसेज मोइत्रा के आलमोस्ट खुले नितम्बों पर डांस कर रही थीं , कभी हलके से छू देतीं तो कही कस के दबोच लेती , और मिसेज मोइत्रा हलके हलके सिसक रही थीं।

मंजू बाई ने मुझे देख कर हलके से मुस्करा दिया। मैं कमरे से थोड़ी दूर जाकर बोली ,

" मैं चलती हूँ कल सुबह १२ बजे , .... "

" श्योर , मैं रेडी रहूंगी " अंदर से मिसेज मोइत्रा की आवाज आयी।

मैंने गाडी स्टार्ट की और घडी देख कर चीख उठी , छह बज चुके थे , और गुड्डी की कोचिंग बस ख़तम होने वाली थी।

फुल स्पीड पर भी ,...

मैं पहुंची तो गुड्डी लिफ्ट से नीचे उतर रही थी उसके पीछे पीछे वो मेल हंक , हेड गर्ल और वो लड़का जो गुड्डी के बगल में बैठा था।

------
मैं कार से उतर रही थी और वो चारों लिफ्ट से निकल रहे थे। गुड्डी के कंधे पर उस मेल हंक का हाथ था , वही जिसके बगल में सटी वो क्लास रूम में बैठी थी , साथ में उसके बगल में बैठा लड़का , गुड्डी से सटा एकदम चिपका , और उसका हाथ बगल में चल रही उस हेड गर्ल के कमर में ,

पास में ही जहां बाइक रखी थीं , चारों उधर ही जा रहे थे , और तभी मैं पहुँच गयी।

हेडगर्ल उसी ने पहले देखा मुझे। निधि , उस से तो मिसेज मल्होत्रा ने मिलवा ही दिया था , खूब हॉट , गुड्डी से उमर में डेढ़ दो साल बड़ी होगी , फिगर में भी २१ ही ,



उसी ने इंट्रो करवाया ,

" ये संगीता की भाभी हैं , और ये , "

जबतक वो लड़का नमस्ते के लिए हाथ उठाता , मैंने हैंडशेक के लिए हाथ बढ़ा दिया।

नाम तो मुझे उसका मालुम ही था , और जब गुड्डी धप्प से उसके बगल में बैठ गयी थी तो मिसेज मल्होत्रा से मैंने जब हंस के पूछा था ,

" हे ये ७ + वाला है "

" उन्हह , ये कम से कम पौने आठ वाला है , बिगेस्ट इन क्लास " मुस्करा के मिसेज मल्होत्रा ने कन्फेस किया।

और क्या ग्रिप थी उसकी ,जबरदस्त। गीता ने जैसे इस की फोटो देख कर था नम्बरी चोदू होगा , उसकी पकड़ से मैं समझ गयी नम्बरी चोदू तो होगा ही , ये रगड़ रगड़ कर वायलेंट तरीके से , फाड़ के रख देता होगा , बस एक बार लड़की इस के चंगुल में आ जाए। अंगूठे और बालिश्त की साइज से 'उसकी साइज ' का अंदाज भी लगा लेती थी मैं। मिसेज मल्होत्रा थोड़ा रांग साइड में थीं , ये पौने ८ प्लस होगा और असली चीज होगी इसकी मोटाई , एकदम कमल जीजू छाप। और इस उमर के लड़को में स्सालो में ताकत भी तो बहुत होती है , एक राउंड ख़तम हुआ , दूसरे के लिए तैयार। न उसने हाथ छोड़ा , न मैंने। '

" अमिश " अपने अंगूठे का जोर बढ़ाते हुए वो बोला।

" कोमल " मैंने भी अपनी हथेली का जोर बढ़ाया। मेरी आँखे सीधे उसी की आँखों में देख रही थीं।




चार आँखों का खेल गुड्डी समझे न समझे अच्छी तरह खेली खायी हेड गर्ल निधि अच्छी तरह समझ रही थी , हलके हलके मुस्करा मुस्करा रही थी।

और मैंने अब दूसरे लड़के की ओर हाथ बढ़ा दिया ,


" अनुज " वो बोला। रिंग फिंगर कर इंडेक्स फिंगर का गैप ,...मैंने तड़ लिया ये स्साला उससे बीस नहीं तो उन्नीस भी नहीं होगा , और ये दोनों मिल के शिकार करते होंगे , अब मेरी ननद की सैंडविच बनना तय है , चूत भी फाड़ी जायेगी और गांड भी और वो भी बहुत तस्सली बक्श तरीके से। एक साथ।

और इस पूरी प्रक्रिया में इस हेड गर्ल निधि का भी सक्रिय योगदान रहेगा।

" अरे हम लोग छोड़ देते न इसे , आप क्यों तकलीफ की ?"

निधि बोली और अमिश ने भी सर हिलाया ,

" अरे असल में आज इसका पहला दिन था , फिर यहाँ से निकल कर हम लोगो को किसी से मिलने जाना था , सात बजे के पहले वहां पहुंचना था , और देखो मैं इसको लेने आयी और दो दो देवर का फायदा हो गया , निधि से तो मैं पहले ही मिल चुकी थी। " मुस्कराते हुए मैं बोली।

" फायदा तो हमारा हो गया मीठी भाभी से मिल कर , " अबकी वो दोनों साथ बोले। अनुज ने अभी मेरा हाथ पकड़ रखा था। मैंने भी।

" चलो कल से , ... असल में ये भी शहर में नयी नयी आयी है , इसे डिस्को जाने का मन करे ,... "





मेरी बात पूरी भी नहीं हुयी थी की निधि ने कैच कर लिया स्लिप पर ही।

" अरे डिस्को , ... हम लोग तो अक्सर ,... संगीता को भी "

" आज क्यों नहीं ,... " अमिष की उंगलिया जैसे गुड्डी के कंधे से चिपकी हुयी थीं।

" आज हम लोगो को कही जाना है , कल पक्का लेकिन डिस्को , मुझे तो पता भी नहीं है , पर एंट्री भी ,.. " मेरे चेहरे से भी मुश्किल झलक रही थी।

" सिम्पल , अरे आप का देवर किस मर्ज की दवा है , ये अनुज , ... इस के अंकल का , बेस्ट डिस्को इन टाउन ,... पायल बस इस का तो वहां सिक्का चलता है। "



अनुज ने अब हाथ छोड़ कर मोबाइल निकाला और डिस्को का और अपना नंबर ,

मैंने और गुड्डी दोनों ने अपने मोबाइल में , और फिर मैंने अपना नंबर बताया और अबकी दोनों लड़कों ने झट से अपने मोबाईल में ,...

" तो चलो कल मैं संगीता को , ... कितने बजे शुरू होता है " मैंने अनुज से पूछा।

दोनों लड़कों के चेहरे लटक गए ,

" आप क्यों नहीं , ... "

" अरे यार ये सब टीनेजर्स का , ... एक से एक हॉट , उसके बीच मैं कहाँ मिडल एजेड " मैंने बोला।

" लेट मी टेल यू ,... यू विल बी हॉटेस्ट ,... " अमिश बोला फिर करेक्शन किया , गुड्डी और निधि की ओर देख कर

" प्रजेंट कंपनी एक्सक्ल्यूडेड " और हम सब खिलखिला पड़े।
" प्लीज " अबकी तीनो बोले।

" मैं लाऊंगी न पकड़ के , भाभी मेरी कोई बात नहीं टालती। " मुस्करा के गुड्डी बोली।




तय हो गया अगले दिन साढ़े आठ बजे।

अबकी चलते हुए मेरे देवरों ने हैंड शेक नहीं किया , फ्रेंड्स की तरह लाइट हग और वो कान के पास वाली हवाई चुम्मी।

हाँ निधि तो मेरी ननद बन गयी थी इसलिए ननदों के साथ जो करते हैं , मैं न सिर्फ कस के हग किया बल्कि अपने बूब्स से उसके बूब्स को , और उसने भी रगड़ के जवाब दिया . किस्सी एकदम लिप्पी।

" आप अब संगीता की चिंता छोड़ दीजिये ,आज से इसने हम लोगों का गैंग ज्वाइन कर लिया है " उछलकर , अमिश की इम्पोर्टेड बाइक के पीछे बैठती निधि बोली।

" एकदम , अब ये तुम लोगों के हवाले हैं अब जो चाहे करो ,... " मैंने भी ग्रीन सिग्नल दे दिया।

उन के जाते ही मैंने गुड्डी को हग किया , ... अब इसका गैंग बैंग पक्का।


हम लोग तेजी से कार में जा कर बैठे , डाक्टर गिल के यहाँ पहुँचने में लेट हो गया था। पर तभी एक मेसेज आया।
अब तो निधि को भी एक सहेली मिल गई...
अमिश और अनुज दोनों को अकेले संभालने में कठिनाई होती होगी...
अब तो दोनों मिल के...
गन्ना चूस के....
 

motaalund

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डाक्टर गिल - पोस्टपोंड



और समोसे



" एकदम , अब ये तुम लोगों के हवाले हैं अब जो चाहे करो ,... " मैंने भी ग्रीन सिग्नल दे दिया। उन के जाते ही मैंने गुड्डी को हग किया , ... अब इसका गैंग बैंग पक्का।

हम लोग तेजी से कार में जा कर बैठे , डाक्टर गिल के यहाँ पहुँचने में लेट हो गया था। पर तभी एक मेसेज आया।

……
भयानक मेसेज था , मेरी कुछ समझ में नहीं आया। डाक्टर गिल की हेड मैट्रन का ,

" डोंट कम "

मेरी कुछ समझ में नहीं आया , फिर डर भी लगा। कहीं डाक्टर गिल ने आपरेशन कैंसल तो नहीं कर दिया , लेकिन थोड़ी देर में दूसरा मेसेज आया और मामला थोड़ा साफ़ हुआ। हम लोगों को सात बजे पहुंचना था , अभी आठ मिनट बचा था।

पूरा मेसेज आया और मामला थोड़ा साफ़ हुआ ,

"डोंट कम बिफोर ७. ४५ , बेटर कम ऐट एट। डाक्टर इज बिजी "

पंद्रह मिनट करीब यहाँ से पहुँचने में लगता था , यानी हम लोगो करीब ४५ मिनट पास करना था , घर जाके फिर लौंटेने का मतलब नहीं था। क्लिनिक कोचिंग और टाउनशिप के बीच में पड़ता था , घर पहुँचने में २० -२५ मिनट और फिर वहां से क्लिनिक वापस दस मिनट , कोई मतलब नहीं था। और मेरी प्रॉब्लम का हल मिल गया , ढूंढने वाली और कौन , मेरी फेवरिट प्यारी दुलारी एकलौती ननद ,

स्साली की निगाहें बहुत तेज थीं।

" भाभी , समोसा चलेगा। "

और मैंने चूम लिया उसे।

" यार तू मेरी पक्की ननद है , बिन कहे मेरे मन की बात जान जाती है , चूहे कूद रहे हैं। लेकिन कहाँ और फिर गरम हो , कड़ाही से निकलता तो मजा है। "

" उधर देखिये " उसने मेरा सर पकड़ कर घुमाया , कोचिंग के बगल में एक दूकान थी , ढाबा ऐसी।
बड़ी सी कड़ाही , चढ़ी हुयी और उसमे समोसे तलने के लिए वो अभी डाल रहा था।



" यार दस मिनट लगेगा , कम से कम उसे तलने में " मैंने ढाबे की ओर देखते हुए बोला

" अरे भाभी यार , जल्दी भी किसे है , अपन को ४५ मिनट टाइम भी तो पास करना है " मेरी ननदिया बोली और खींच के मुझे ढाबे के अंदर ,



और मैंने जो देखा , मैंने भी वही फैसला किया।

कोचिंग की सारी लिफ्टें खुल गयी थी , ढेर सारे, स्टूडेंट लेकिन ज्यादातर लड़के , ... मैंने शेड्यूल देखा था , इसका मतलब सेक्शन डी और ई वाले , ... ये कतई . नर्ड नहीं थे , अनलाइक सेक्शन ए और बी वाले जो १४ से १८ घंटे तक पढ़ने वाले , सबके मोटे मोटे चश्मे लगे ,... लेकिन ये मोस्टली पैसे के दम पर , हो गया तो ठीक नहीं हुआ तो ठीक ,

कुछ पीजी में रहते हैं तो कुछ हॉस्टल में और जाने के पहले ढाबे में ,...

ढाबे में घुसते हुए मैंने गुड्डी को काम सौंप दिया ,

" सुन यार तेरी कोचिंग है तो जाके ला , ... और अभी से लाइन में लग ले , वरना क्लास ख़तम हुआ है अभी भूखों की भीड़ , ..देखते देखते पूरी कड़ाही ,.... " अरे सौ का नॉट मैंने गुड्डी को पकड़ा दिया।

हम दोनों ने एक टेबल पकड़ ली थी। मेरी बात सही थी आलरेडी छ सात लड़के कड़ाही के सामने,

और गुड्डी भी उनके पास , लेकिन शरमाती झिझकती उनके पीछे नहीं बल्कि उन्हें दरेरती , धकियाती , सबके सामने सीधे कड़ाही के पास ,

और तभी चार लड़के , जहां मैं बैठी थी , उसके बगल में , थोड़ा आगे ,... मैं उनकी बात अच्छी तरह सुन सकती थी देख भी सकती थी , पर उनका ध्यान सामने ,

तब तक उनमें से एक ने गुड्डी को नोटिस किया , और चीख कर बगल वाले से बोला ,



" अबे स्साले , वो माल देख , क्या चीज है स्साली। "

बगल वाला इधर उधर देख रहा था , लेकिन उस के बगल वाले ने पहले तड़ लिया ,

" अबे , भेनचोद स्साले समोसे वाले के पास देख न , क्या चीज है। "

अब चारों ने देख लिया। एक जो उनमें से सबसे यंग लग रहा था बोला ,

" अरे गरम गरम समोसे निकल रहे हैं ,... "

" अरे बाबू तू इत्ते दिनों से हमारे साथ है , अभी भी बच्चा ही रहेगा , ... अरे उस चिड़िया के समोसे देख , स्साले इस समोसे वाले के क्या गरम होंगे , जित्ते उस लौंडिया के गरम लग रह हैं , एकदम मस्त बड़े बड़े ,... " ये गैंग लीडर लग रहा था उन चारों का।
" अरे गरम गरम समोसे निकल रहे हैं ,... "

गरम गरम समोसे के बगल में उससे भी गरम समोसे की जोड़ी....
सचमुच बाबू अभी बच्चा हीं है... या अँधा...
मस्त बड़े.. एकदम सॉलिड......
 
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motaalund

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समोसे वाली



एक जो उनमें से सबसे यंग लग रहा था बोला , " अरे गरम गरम समोसे निकल रहे हैं ,... "

" अरे बाबू तू इत्ते दिनों से हमारे साथ है , अभी भी बच्चा ही रहेगा , ... अरे उस चिड़िया के समोसे देख , स्साले इस समोसे वाले के क्या गरम होंगे , जित्ते उस लौंडिया के गरम लग रह हैं , एकदम मस्त बड़े बड़े ,... " ये गैंग लीडर लग रहा था उन चारों का।

अब पूरे ग्रुप की निगाह उधर ही लग रही थी , दूसरा बोल रहा था ,

" यार स्साली के चूतड़ देख मन करता है की यहीं निहुरा के ले लूँ , लेकिन चिड़िया नयी लग रही है , लगता है अपनी कोचिंग की है। "

उन सबों का शक दूर करने का एक ही तरीका था , मैं उन की थोड़ी हेल्प कर दूँ।

" संगीता " मैंने जोर से आवाज लगायी ( अब उसकी कोचिंग के आसपास गुड्डी बोलने का खतरा मैं उठाना नहीं चाहती थी ,कल लड़के लड़कियां उसे चिढ़ाने लगते )

वो मुड़ी और वो चारों घायल हो गए , गुड्डी का टाइट स्कूल यूनिफार्म वाला टॉप , न तो उसके बूब्स के कटाव और उभार को छुपा पा रहा था न उसकी साइज और कड़ाव को , लेकिन जो असली चीज थी , वो टॉप फाड़ते टिट्स , नैंसी की शरारत का नतीजा , एकदम कड़क और खड़े , ... जबसे उसने निप्स को खड़ा कर के गोल्डन रिंग लगा दी थी, अब बैठने का तो नाम ही नहीं था, और पतली सी ड्रेस दूर से कबूतर की चोंचे दिख रही थीं



लौंडो को पागल करने के लिए वो बहुत था।

" संगीता , यार चार समोसे ,... चार। " और चार ऊँगली दिखा कर मैंने चार का इशारा भी किया ,

और आखिर मेरी ननद थी , इशारा समझ गयी , बात सिर्फ चार समोसे की नहीं , मेरे जस्ट आगे की टेबल पर बैठे चार लड़कों की भी है। एक हवाई नजर उसने उधर भी डाली , और फिर समोसे तल रहे लड़के से बोली ,

" भइया चार मेरे लिए , गरम गर्म ,... अभी कितना टाइम लगेगा। "

एक उसके ठीक पीछे खड़े लड़के ने कमेंट मारा , " यार गरम और अच्छी चीज के लिए इन्तजार तो करना पड़ता है।

गुड्डी के मेरी ओर मुड़ने से , उन चारो को मेरी ननद के गदराये छलकते जोबन ही नहीं दिखे बल्कि गले में पड़ा टैग , सीने पर लगा टैग , और आर्म टैग सब दिख गए।और पक्का हो गया की वो इसी कोचिंग की चिड़िया है।

" यार ये तो अपनी कोचिंग की चिड़िया है , लगता है नई आयी है , बस इसका वो नंबर मालूम हो जाय , इत्ती दूर से साफ़ दिख नहीं रहा है " एक ने बोला , तो जो उनका लीडर सा लगता था सबसे छोटे दिखने वाले से बोला ,

" बाबू ज़रा जाके हम लोगों के भी लिए समोसा ले आ न। "

"मैं क्यों, ... " उस की निगाह भी गुड्डी के पिछवाड़े चिपकी थी।

" अरे यार , इसलिए की तू सबसे छोटा है , बाबू। जा न " गैंग लीडर बोला , और अपने गले और आर्म्स टैग की ओर इशारा किया।

अब बाबू की चमकी।

" अरे यार समोसे जरा पास वास से देखना , मौका मिले तो टटोल भी सकते हो। " उसके बगल में बैठे लड़के ने उकसाया।

और वो बाबू , आलमोस्ट दौड़ते धकियाते ,दरेरते एकदम गुड्डी के बगल में ,




उसने एक नजर आर्म्स टैग पर डाली और मोबाइल पर उसकी उंगलिया टहलने लगी।

इधर उन चारों का जो लीडर था उस के फोन पर टुन हुयी , उसने अपना आई फोन निकाला , और पढ़ा , मैसेज

………………………

मैं समझ गयी , गुड्डी का सोशल मिडिया नंबर,

और उस गैंग लीडर ने अनांउस कर दिया ,


एस ३२१

" एस मतलब , संगीता , चल नाम तो पहले ही पता चल गया था " उसके बगल में बैठ लड़के ने जो उनका आईटी अडवाइजर टाइप था , अपने मोबाइल में कोचिंग का ऐप खोलते हुए बोला , फिर उसने एस ३२१ दबाकर गुड्डी की प्रोफ़ाइल भी खोल ली ,

" सही है यार मस्त चिड़िया है , आज ही ज्वाइन की और आज ही हमारी नजर में पड़ गयी। "

बाकी दोनों को वो गुड्डी की प्रोफ़ाइल दिखाते हुए बोला।

" यार रिक्वेस्ट भेज। "

गैंग लीडर अपना आई फोन उसकी ओर बढ़ाते हुए बोला।

जो साइलेंट टाइप था , उसने मुंह खोला ,

" यार पता नहीं यस करेगी की नहीं , ये स्साली अंग्रेजी गिटिर पिटिर करने वाली न , जल्दी हम सब को भाव नहीं देतीं "

लेकिन आई टी अडवाइजर ने सबके फोन से रिक्वेस्ट भेज दी , यहां तक की बाबू के फोन से भी , जो गुड्डी के पीछे समोसे की लाइन में खड़ा था। और बोला ,

" यार दाना डालने में क्या हर्ज है , क्या पता अपनी लक आज गुड लक हो। "


गुड्डी का फोन मेरे पास ही रखा था , चार बार खनका। मैं समझ गयी , उन्ही चारों की रिक्वेस्ट।

ये लड़के आस पास के गाँवों के लड़के थे जिन की जमीने टाउनशिप में , नए नए ऑफिसेज और मॉल एक्सपैंशन ,... और अधाधुंध पैसा अचानक एक साथ , महंगी बाइक्स , एस यू वी , और उस के पीछे गूजर लिख कर , ये लड़के उन्ही ,... और पैसे के साथ पोलिटिकल पैटरनेज भी ,... कोचिंग में तो बस थोड़ा स्टेटस सिम्बल , कुछ लड़को की मस्ती का शौक ,... और इन्हे सेल्केशन की चिंता भी ज्यादा नहीं , ... डोनेशन से कहीं न कहीं इनका एडमिशन हो ही जाना था। गुड्डी के क्लास में जो लड़के थे अनुज अमिष उनसे एकदम अलग , उनमे से उस सबसे छोटे के अलावा टीनेजर कोई नहीं था , २१ -२२ से कम नहीं होंगे अच्छे खासे मरद

लेकिन कान मेरा उन सबों की बात पर चिपका था ,

" यार वो जो पार्टी होने वाली हैं पांच छह दिन में अगर ये चिड़िया उस में आ जाय , याद है पिछली पार्टी की , क्या मस्ती है ,.. " वो गैंग लीडर बोला।
क्या जबरदस्त इशारेबाजी चाल रही है...
और क्या बढ़िया माहौल तैयार किया है.. कोचिंग के सामने का...
हर तरह के लौंडे लपाड़े...
एक से एक कमेंट..
छूना-सटना.. रगड़ना.. दरेड़ना....
यही तो कहानी की जान है...
 
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motaalund

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पार्टी की बातें, प्लानिंग





लेकिन कान मेरा उन सबों की बात पर चिपका था ,
" यार वो जो पार्टी होने वाली हैं पांच छह दिन में अगर ये चिड़िया उस में आ जाय , याद है पिछली पार्टी की , क्या मस्ती है ,.. " वो गैंग लीडर बोला।

उसके बगल वाला भी याद में खो गया , " सच में बॉस , क्या जगह थी , जबरदस्त फ़ार्म हाउस ,एकदम अपने गाँव टाइप , गन्ने के खेत अरहर के खेत , अपन को तो खुले में ही रगड़ने में मजा आता है। "

" और उस साली को तो , बॉस ने , गन्ने के खेत में रगड़ रगड़ कर , बहुत अंग्रेजी गिट पिट करती थी , वो खाली अंग्रेजी बोलने वाले चिमरखी लौंडो के साथ , खूब चिल्लाई थी , ... लेकिन बॉस आप का तो बांस है भी बालिश्त भर का ,"




तीसरा बोला।



" तो तेरा कौन सा कम है , और तैने तो उसके पिछवाड़े भी,... एकदम, फाड़ के रख दिया था ,... उस स्साली के चूतड़ से रगड़ रगड़ के गन्ने के खेत के ढेले सब मिट्टी हो गए थे। "

बॉस उर्फ़ गैंग लीडर ने भी उस रात की बात बखान की।





" और भोर के टाइम याद है , जब मैंने आपने मिल के उसकी सैंडविच बनायी थी , कितना चिल्लाई थी , मेरे बापू ये , मेरे बापू वो ,... " हँसता हुआ दूसरा बोला।

" याद है , अरे यार मैं हर दूसरे तीसरे देखता हूँ , वीडियो , क्या कहते हैं स्टिल , इस फोन में जबरदस्त फोटुएं आती हैं और अपना बाबू है भी होशियार,...मस्त फोटो खींची थी, स्साली सब में लौंडिया का चेहरा भी एकदम साफ़ और मेरा तेरा खाली औजार। ", । "


अब तीनो हँसे।

" अरे यार ये थानेदार , जिसके इलाके में ये सब पड़ता है , वो अपना यार है , ज़रा ज्यादा चीख पुकार मचा रही थी न , तो उस फ़ार्म हाउस में , उस ने अपने सिक्युरिटी वाले से , स्साले ने साफ समझा दिया , मैडम जी चार पुड़िया भोंसड़ी से निकलेगी , चार पूड़िया गांड से ,... छह महीने जमानत नहीं होगी , रात भर चढ़ाई होगी सो अलग। भूल जाइये सब , और जो आप बापू बापू कर रही हो न , जिसके बल पर आपके बापू उछलते हैं वो इस थाणे पर रोज सलामी करने आता है। " गैंग लीडर ने बताया।

" अरे यार , वो सब ऐसे नखड़े चोदती हैं , देख अब वो खुद आती हैं चल के हफ्ते दस दिन में अपनी चड्ढी उतारने। " एक बोला।

"उस्सकी फिल्ल्म हैं न अपने पास। " वो लड़का जो उन सब का लीडर था हंस के अपने आई फोन को थपथपा के बोला।

" अरे नहीं बॉस , वो आपका बालिश्त भर का औजार है उस पर फ़िदा है लौंडिया। " अपने दांत निकालते उस के साथी ने ज्ञान दिया।

जैसे वो चारों मना रहे थे गुड्डी उस पार्टी में जरूर जाए मैं मना रही थी , ये चारों उस पार्टी में जरूर जाए।

अरे गन्ने और अरहर का खेत , बालिश्त भर का , एक नहीं , ...मेरा अंदाज सही था तो वो तीनो ,

रॉ ,रफ़ और रस्टिक , ...



इसका मजा ही अलग है।

गुड्डी को तो मिसेज मल्होत्रा ने नाम पहले ही लिख लिया था और इन चारो का मैं सोर्स लगाउंगी मिसेज मल्होत्रा के पास , बल्कि जिस बस से गुड्डी जायेगी उसी असेम्बली प्वाइंट पर ,... मैं जान रही थी ये सब गाली दे देकर , रगड़ रगड़ कर ,... और फिर उस पार्टी में गुड्डी के xx क्लास वाले तो जाएंगे नहीं , और ३० -४० % जो नर्ड हैं वो तो जाएंगे नहीं , बस यही इसी तरह के लड़के , जो मस्ती करते हैं रियल सेन्स में ,


और तब तक समोसे वाले ने समोसे निकाल के देना शुरू कर दिया , और सबसे पहले गुड्डी को ,



" हे हे हम लोग पहले से खड़े हैं ," गुड्डी के पीछे खड़े दो लड़के बोले ,...

" तो क्या हुआ , जवान लड़के हो , लड़की के पीछे खड़े हो , तो क्या दस मिनट खड़े रहने में ही ,... " दांत निकाल कर समोसे वाला बोला।


गुड्डी तब तक मुड़ कर , ... और वो बाबू उस ग्रुप का यंगेस्ट मेंम्बर उसने कुछ बोला , गुड्डी उसके आगे निकल चुकी थी , पर रुकी , मुड़ी और उसकी ओर देख कर हलके से मुस्करा दी।

" हंसी तो फंसी , यार अपने बाबू ने तो शिकार कर लिया। " एक बोला।

पर शिकार उन सबका बॉस हो चुका था , उसकी निगाहें गुड्डी के गदराये गुदाज उभारों पर ,,... और गुड्डी के चलने के साथ साथ बिना झिझके वो गुड्डी के टीनेज बूब्स ,

" यार दो साल से हैं हम इस कोचिंग में लेकिन ऐसा ,... ज्यादातर तो सब लौंडिया कहने की लौंडिया , लगती है लौंडो जैसे , क्या कहते हैं ज़ीरो फिगर , ढूंढते रह जाओगे टाइप , न दबाने का मजा , न रगड़ने मींजने का पहली बार ऐसा माल ,... क्या मस्त उभार हैं स्साली के ,.. एकदम दबाने मसलने लायक। एकदम मुट्ठी में समा जाएँ , न ज्यादा बड़े , न छोटे , एकदम परफेक्ट ,... " बिना निगाह हटाए वो बोला।

" सही कह रहे हो बॉस , ...छूने को कौन कहे देखने को नहीं मिला " उसका साथी बोला और जोड़ा , " दुनाली है एकदम "

मेरी ननद की दुनाली ने चार शिकार कर दिए थे , ये तो पक्का था।



गुड्डी ने समोसे मेरे सामने रख दिए और मैंने उसके फोन पर ठकठक किया हलके से ,

वो समझ गयी और पहले उसने कोचिंग का वो सोशल मिडिया ऐप खोला ,

चार रिक्वेस्ट ,... बिना देखे चारों उसने एक्सेप्ट कर ली फिर परसनाइलज्ड मेसेज भी भेजा वो भी हिंदी में ,

" पक्का " " एकदम " क्यों नहीं " श्योर "

और फिर समोसा खाने में लग गयी।
" बड़ा है , " मैंने समोसे की ओर देखकर बोला। पर अब गुड्डी मेरे कान काट रही थी बोली ,

" भाभी बड़े में ही मजा है। "

उस टेबल पर भी समोसे खाये जा रहे थे लेकिन खुसफुस हो रही थी।

तबतक बाबू उठा और उस के साथ वो गैंग लीडर टाइप ,

और हमारी टेबल के पास ,



बाबू ने इंट्रोड्यूस कराया , गुड्डी खड़ी हो गयी लेकिन मैं बैठी रही।
" तो क्या हुआ , जवान लड़के हो , लड़की के पीछे खड़े हो , तो क्या दस मिनट खड़े रहने में ही ,... " दांत निकाल कर समोसे वाला बोला।

समोसे वाला.. भी मस्त कलंदर है... सबके कान काट रहा है...

" बड़ा है , " मैंने समोसे की ओर देखकर बोला। पर अब गुड्डी मेरे कान काट रही थी बोली ,
" भाभी बड़े में ही मजा है। "


छोटे में तो कुछ पता नहीं चलता...
जब तक तीनों छेद में ठूंस कर... रगड़ते हुए... मोटे वाला भाला...
 

motaalund

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बंटू एंड फ्रेंड्स-- पार्टी




तबतक बाबू उठा और उस के साथ वो गैंग लीडर टाइप , और हमारी टेबल के पास ,

बाबू ने इंट्रोड्यूस कराया , गुड्डी खड़ी हो गयी लेकिन मैं बैठी रही।

" ये हमारे , हमसे बड़े हैं ,.... बंटू भैया। "


गुड्डी हाथ बढाती ,उसके पहले बंटू ने हाथ जोड़ लिए नमस्ते के लिए ,... गुड्डी ने भी हाथ जोड़ लिए और अपना नाम बताया 'संगीता " और यह भी बताया की वो इस शहर में भी नयी आयी है और कोचिंग में उसका पहला दिन है।

" आप को कई परेशानी हो तो हमें बताइयेगा , हम इस शहर के पुराने , मैं और मेरे दोस्त सेक्शन इ ४ में हैं।

गुड्डी ने अपना सेक्शन नहीं बताया लेकिन अपना मोबाइल नंबर बता दिया। वैसे भी उसके प्रोफ़ाइल पर सब कुछ पब्लिक था , मोबाइल नंबर , बर्थडे ,ईयर, एड्रेस ,...

और बंटू की हिम्मत बढ़ गयी ,

" अगर आप बुरा न माने , मैंने और मेरे दोस्तों ने फ्रेंडशिप की रिक्वेस्ट, ... " फिर कुछ रुक के बोला , " आप देख लीजियेगा , सोच लीजियेगा "

और बंटू वापस मुड़ने को हुआ की गुड्डी ने वो हरकत की , जिसके लिए उसे जिल्ला टॉप माल का खिताब मिला था , कितने मर चुके थे।

वो खिलखिलाई , चांदी की हजार घंटियां बज गयीं। और गुड्डी के गोरे चम्पई गालों में डिम्पल पड़ गए , अच्छे खासे गहरे उन डिम्पल्स में कितने डूब चुके थे।

" क्यों ,... " वो खिलखिलाते बोली

बंटू चौंका।

" अरे मैंने एक्सेप्ट भी कर लिया , कब का। अपना मोबाइल दिखाते हुए वो बोली , फिर जोड़ा ,इसमें सोचने की क्या बात। और देखने की , तो आप ने मुझे देख लिया मैंने आपको देख लिया , दोस्ती पक्की। है न। " गुड्डी फिर खिलखलायी।




बंटू की हिम्मत बढ़ी ,

" वो यहाँ पांच छह दिन बाद एक पार्टी है ,... "

" हाँ सुना है मैंने , ... गुड्डी मुस्करा कर बोली।

थोड़ा हिम्मत जुटाकर बंटू बोला " आप आएंगी उसमें ".

और अब गुड्डी ने वो खतरनाक हरकत की , कितने उसके शहर में इसी के दीवाने थे , थोड़ा सा नाक चढ़ाया आँखों के तीर और हलकी सी मुस्कान ,

" क्या पता ,.. हो सकता है आऊं , हो सकता है नहीं भी , ... " मुस्कराते हुए गुड्डी ने तीर के बाद तीर छोड़े।

यही मैंने सिखाया , पहली बार में हाँ न बोलो , ना भी नहीं।

तबतक इशारे से बंटू ने बाकी दो बुला लिया।

" मुन्ना और रवि "

" संगीता। "

मुन्ना वो पिछवाड़ा प्रेमी और रवि आई टी अडवाइजर ,

" आइये न , " अबकी मुन्ना बोला।

" मेरा कोई दोस्त तो हैं नहीं अभी आज फर्स्ट डे है बेकार में बोर होउंगी। " गुड्डी ने बिना हिचकिचाए बोल दिया।

" अब हम लोग हैं न आपके दोस्त ,.. " हँसते हुए बाबू बोला।

" एकदम , ... दोस्त नहीं पक्के वाले दोस्त ,... आप लोग चल रहे हैं न। " अब गुड्डी ने टेढ़ा सवाल कर दिया।



" हाँ लेकिन एक दिन पहले ही कन्फर्म होता है यहाँ। " रवि बोला।

" ओके , तो आप बोलियेगा जैसा ,... फिर मैं ही सोचूंगी। " गुड्डी बोली।

मैंने पैर से उसे ठोकर मारी , वो समझ गयी मेरा इशारा , बहुत लस लिए ये सब पहली बार में अब चलो।

अब गुड्डी ने मेरी ओर इशारा किया और मिलवाया।

" मेरी भाभी , और आज बहुत काम है चलती हैं , अभी। "

हम दोनों टेबल से उठ गए , और वो सब गुड्डी का पिछवाड़ा देख रहे थे।



लेकिन ढाबे से निकलने के पहले , हम दोनों ने लांगेस्ट वे चुना , बाहर निकलने के लिए , हाथ धोने के लिए वाश बेसिन पर भी रुके।

चार और लड़कों ने गुड्डी के आर्म टैग से उसका नंबर अपने मोबाइल पर नोट किया।



मुश्किल से हम दोनों हंसी दबाये हुए थे। कार में बैठते ही पांच मिनट तो हम दोनों खी खी खी खी
अब यहाँ तो वैराइटी मिलेगी..
सब तरह का मजा.. हर पोज में...
हर स्थान पर..
और एक के बाद दूसरा लाइन में...
 

motaalund

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तबतक बाबू उठा और उस के साथ वो गैंग लीडर टाइप , और हमारी टेबल के पास ,

बाबू ने इंट्रोड्यूस कराया , गुड्डी खड़ी हो गयी लेकिन मैं बैठी रही।

" ये हमारे , हमसे बड़े हैं ,.... बंटू भैया। "


गुड्डी हाथ बढाती ,उसके पहले बंटू ने हाथ जोड़ लिए नमस्ते के लिए ,... गुड्डी ने भी हाथ जोड़ लिए और अपना नाम बताया 'संगीता " और यह भी बताया की वो इस शहर में भी नयी आयी है और कोचिंग में उसका पहला दिन है।

" आप को कई परेशानी हो तो हमें बताइयेगा , हम इस शहर के पुराने , मैं और मेरे दोस्त सेक्शन इ ४ में हैं।

गुड्डी ने अपना सेक्शन नहीं बताया लेकिन अपना मोबाइल नंबर बता दिया। वैसे भी उसके प्रोफ़ाइल पर सब कुछ पब्लिक था , मोबाइल नंबर , बर्थडे ,ईयर, एड्रेस ,...

और बंटू की हिम्मत बढ़ गयी ,

" अगर आप बुरा न माने , मैंने और मेरे दोस्तों ने फ्रेंडशिप की रिक्वेस्ट, ... " फिर कुछ रुक के बोला , " आप देख लीजियेगा , सोच लीजियेगा "

और बंटू वापस मुड़ने को हुआ की गुड्डी ने वो हरकत की , जिसके लिए उसे जिल्ला टॉप माल का खिताब मिला था , कितने मर चुके थे।

वो खिलखिलाई , चांदी की हजार घंटियां बज गयीं। और गुड्डी के गोरे चम्पई गालों में डिम्पल पड़ गए , अच्छे खासे गहरे उन डिम्पल्स में कितने डूब चुके थे।

" क्यों ,... " वो खिलखिलाते बोली

बंटू चौंका।

" अरे मैंने एक्सेप्ट भी कर लिया , कब का। अपना मोबाइल दिखाते हुए वो बोली , फिर जोड़ा ,इसमें सोचने की क्या बात। और देखने की , तो आप ने मुझे देख लिया मैंने आपको देख लिया , दोस्ती पक्की। है न। " गुड्डी फिर खिलखलायी।




बंटू की हिम्मत बढ़ी ,

" वो यहाँ पांच छह दिन बाद एक पार्टी है ,... "

" हाँ सुना है मैंने , ... गुड्डी मुस्करा कर बोली।

थोड़ा हिम्मत जुटाकर बंटू बोला " आप आएंगी उसमें ".

और अब गुड्डी ने वो खतरनाक हरकत की , कितने उसके शहर में इसी के दीवाने थे , थोड़ा सा नाक चढ़ाया आँखों के तीर और हलकी सी मुस्कान ,

" क्या पता ,.. हो सकता है आऊं , हो सकता है नहीं भी , ... " मुस्कराते हुए गुड्डी ने तीर के बाद तीर छोड़े।

यही मैंने सिखाया , पहली बार में हाँ न बोलो , ना भी नहीं।

तबतक इशारे से बंटू ने बाकी दो बुला लिया।

" मुन्ना और रवि "

" संगीता। "

मुन्ना वो पिछवाड़ा प्रेमी और रवि आई टी अडवाइजर ,

" आइये न , " अबकी मुन्ना बोला।

" मेरा कोई दोस्त तो हैं नहीं अभी आज फर्स्ट डे है बेकार में बोर होउंगी। " गुड्डी ने बिना हिचकिचाए बोल दिया।

" अब हम लोग हैं न आपके दोस्त ,.. " हँसते हुए बाबू बोला।

" एकदम , ... दोस्त नहीं पक्के वाले दोस्त ,... आप लोग चल रहे हैं न। " अब गुड्डी ने टेढ़ा सवाल कर दिया।



" हाँ लेकिन एक दिन पहले ही कन्फर्म होता है यहाँ। " रवि बोला।

" ओके , तो आप बोलियेगा जैसा ,... फिर मैं ही सोचूंगी। " गुड्डी बोली।

मैंने पैर से उसे ठोकर मारी , वो समझ गयी मेरा इशारा , बहुत लस लिए ये सब पहली बार में अब चलो।

अब गुड्डी ने मेरी ओर इशारा किया और मिलवाया।

" मेरी भाभी , और आज बहुत काम है चलती हैं , अभी। "

हम दोनों टेबल से उठ गए , और वो सब गुड्डी का पिछवाड़ा देख रहे थे।



लेकिन ढाबे से निकलने के पहले , हम दोनों ने लांगेस्ट वे चुना , बाहर निकलने के लिए , हाथ धोने के लिए वाश बेसिन पर भी रुके।

चार और लड़कों ने गुड्डी के आर्म टैग से उसका नंबर अपने मोबाइल पर नोट किया।



मुश्किल से हम दोनों हंसी दबाये हुए थे। कार में बैठते ही पांच मिनट तो हम दोनों खी खी खी खी
अब तो संगीता का संगीत (चीख) दूर-दूर तक सुनाई देगा...
 
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