आप सब के भरपुर प्यार और स्नेह के लिए कोटि कोटि अभिनंदन। जैसा प्यार मेरी पिछली देवर भाभी पर आधारित कविता को आपने दिया वो मेरे लिए अति उत्साहवर्धक रहा। आशा करती हूं कि मेरी नई प्रस्तुति जो जीजा साली के मनमोहक रिश्ते पर आधारित है..उसे भी आपका भरपूर प्यार और स्नेह मिलेगा
जीजा साली का मधुर मिलन
मेरी है इक साली सुंदर रीता जिसका नाम है
पति उसका 6 महीने से दुबई में करता काम है
रहती थी वो मेरे शहर में आती जाती रहती थी
अपनी दुख भरी दास्तान मेरी बीवी से कहती थी
नई नई हुई थी शादी और भूख अभी भी बाकी थी
और बेचारी 6 महीने से लंड के लिए भी प्यासी थी
दिखती थी उसकी आँखों में प्यास बहुत ही गहरी थी
बात सुनो अब एक रात की जब वो मेरे घर ठहरी थी
आया जब मैं ऑफिस से मैं घर पे वो अकेली थी
मुझे देख के जैसी वो मुस्काई अजब ये पहेली थी
पानी देने की वो आई तो आंचल उसका सरक गया
देख के उन मोटे चुचो को मेरा बाबू राव भड़क गया
गोरे गोरे चूचे उसके और गजब की क्या कसावट थी
हर अंग उसका मक्खन जैसा गांड की क्या बनावत थी
दिल मेरा बेईमान हो गया ऐसा योवन पाने को
कमरे में ले जा के उसको पूरी रात बजाने को
देख के मैंने उसकी आँखों में लौड़ा अपना दबा दिया
अपने दिल के अरमानों को आँखों से ही समझा दिया
आँखों में शरारत उसकी और होठों पर मुस्कान थी
समझ गई इशारा साली मेरी वो भी तो जवान थी