आरूषी मैमPart 6
बीत चुकी थी रात रुमानी नया दिन निकल आया
नई चूत के लालच में था मेरा लौडा पूरा तन्नाया
दिल चाहे मैं दौड़ के जाऊ और बाहों में लू उसको कस
खोल के उसकी कोमल जांघें चूत का पी लू सारा रस
हर एक अंग को चुमु चाटु मदमस्त योवन से उसके खेलु
खोल के उसके होंठ गुलाबी जड़ तक अपना लंड मैं पेलू
face with one eyebrow raised
बीवी के जाते ही घर से पाहुंच गया साली के पास
मौका मिला हम दोनो को आओ बनाये इसको खास
जीजी जी ऐसे मत छेड़ो मुझको दीदी को बतला दूंगी
ऐसा वैसे कुछ किया जो तुमने मैं तो शोर मचा दूंगी
मेरे मोटे लौड़े से ठुकने का तुम्हारा भी करता है मन
ऐसा मत नखरा दिखलाओ ये चूत तुम्हारी मांगे लन
चोद रहा रात को जब मैं खिड़की से तुम देख रही थी
देख के हमारी गरम चुदाई आँखें अपनी सेक रही थी
सुन के दीदी की तेज़ सिसकियाँ मैं थोड़ी घबराई थी
क्या दीदी को चोट लगी है मैं बस ये देखने आई थी
मस्ती में वो सिसक रही थी लेके मेरा मोटा लौड़ा
वैसे ही तुम भी सिस्को गी जब पेलूंगा अपना घोड़ा
देखा मैंने दीदी कैसे इस मोटे लौड़े से खेल रही थी
जाने दीदी कैसी इसको अपनी चूत में झेल रही थी
उसका नहीं है इतना मोटा साइज भी तुमसे आधा था
तुमने तो चोदा पूरा घंटा पर वो जल्दी थक जाता था
लंबे मोटे लौड़े से ही औरत पूर्ण योन सुख पाती है
ऐसा लौड़ा जब भी मिलता झट ऊपर चढ़ जाती है
पहले तेरे कोमल अंगो से मैं जी भर के खेलूंगा
चिकनी तेरी चूत मैं करके फिर मैं लौड़ा पेलूँगा
दीदी को गर पता चल गया तो मेरी शामत आएगी
आपके लौड़े से चुद के मैं कैसे शकल दिखाऊंगी
तेरी दीदी ने ही बोला है मुझको तेरी प्यास बुझा दूं मैं
चोद के सारा दिन अपने लौड़े से तेरी चूत सुजा दू मैं
तेरी दीदी है बड़ी सयानी समझ गई है वो तेरी प्यास
निकली है आज वो घर से ताकि हम दोनो आये पास
आप भी पाठकों पर कोई रहम मत करना, हैं ना।
आप दोनों मिलकर, बारी - बारी से, बस पूछो ही मत।
सादर