जोरू का गुलाम भाग २५६ पृष्ठ १६०७
अब मेरी बारी
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कोमल मैममहाठरकी
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और एक बात और थी की दो लोग जो थोड़ी देर पहले उस टूटी दीवाल के पास चक्कर काट रहे थे, वही दोनों एक बार फिर दिखे, और अबकी उन्होंने मोबाइल की लाइट भी ऑन कर दी थी, हमारे पास की झाडी में फोकस करके,... जैसे वहां कोई खोयी हुयी जादुई अंगूठी ढूंढ रहे हों,... थोड़ी देर पहले ही ये दोनों यहीं चक्कर काट रहे थे, मेरा शक्क गहरा होगया,....
लगा जोबनवा क धक्का बलम कलकत्ता चले गए,
बस उसी तरह के जोबन का धक्का मैंने बलम जी के सीने पर मारा, बटन दब कर ऑफ मोड में उस डिवाइस का चला गया और जोर से मैंने उन्हें गरियाया,...
" बाकी का अपनी महतारी के लिए बचा के रखे हो,... दो तीन इंच, उस छिनार का २-३ इंच से का होगा, उसे तो गदहा घोडा चाहिए, जिसे घोंट के तुझे जना। "
महतारी की ऐसी गारी सुन के किसे जोश नहीं आ जाएगा और ये गारी सिर्फ इन्होने नहीं जादुई अंगूठी वालों ने पक्का सुनी होगी।
नीचे से उन्होंने धक्का मारा, ऊपर से मैंने, और एकदम जड़ तक अंदर,... मैं जोर से सिसकी, इस लिए नहीं की इन जादुई अंगूठी ढूंढने वालो को पता चले बल्कि जैसे ही उनके मोटे सुपाड़े की हथौड़े जैसी चोट मेरी बच्चेदानी पर पड़ी, सिसकी निकल गयी, पूरे चार दिन हो गए थे, यह चोट खाये, शादी इसलिए कोई करता है क्या,
और मैं भी अपनी माँ की बेटी, जड़ तक घुसे खूंटे को मैंने निचोड़ना शुरू कर दिया, फिर ऊपर से नीचे तक, पूरा निचोड़ते हुए थोड़ा थोड़ा मूसल के बेस से ढीला करती फिर निचोड़ने लगती, इनकी भी हालत खराब,
अब सरवायलेंस वाले गए माँ चुदाने , जबरदस्त धक्के नीचे से वो लगा रहे थे, ऊपर से मैं, ... मैंने उनकी शर्ट के बटन खोल दिए थे और जोबन सीधे सीने से रगड़ खा रहा था, ... किसी को देखना है तो देखे, सुनना है तो सुने, ब्याह के आयी हूँ , मेरा मरद जो करूँ उसके साथ जहाँ करूँ,....
" उफ़ ओह्ह्ह हाँ बड़ा मजा आ रहा है मेरे राजा ऐसे ही चोद कस के तो तुझे हफ्ते भर के अंदर तेरी महतारी भी दिलवा दूंगी, पेलना कस के, स्साले बहन चोद लिए, भौजाई चोद लिए अब महतारी क्यों बचे, गौने की रात याद आ जायेगी, भूल जाएंगी तेरे मामा को "
मोबाइल वाली लाइट थोड़ी दूर चली गयी थी।
दस पंद्रह मिनट तक सब कुछ बिसरा के उनकी पिया गोद में बैठ के ब्याहता का सुख ले रही थी।
लेकिन एक पोज में तो न इन्हे मजा आता है, न मुझे और असल में मैं भी यही चाहती थी की अब कमांड ये अपने हाथ में ले, और एकदम ट्रेडिशनल पोज, बस जरा सा धक्का दिया इन्होने मैंने हरी घास पे और मुझे पेड़, हरी हरी पत्तियां और उनके बीच से झांकता नीला आसमान और उसकी गोद में खिलवाड़ करते गगनविहारी बादल, और फिर मेरी टाँगे उठीं, सीधे मेरे पति के कंधे पर, मैंने खुद जाँघे अपनी फैला दीं, जैसे साजन से मिलने के लिए सजनी बांहे फैलाये,
और क्या करारा धक्का मारा उन्होंने, हथौड़ा मेरी बच्चेदानी पे
मेरी चीख निकल गयी, उयी उईईई, और उस स्कूल की लड़की की निगाह भी मेरी ओर पड़ गयी, हम दोनों एक ही नाव में थे, जम के चुद रहे थे, मुस्करा रहे थे,
और उन्होंने मेरे दोनों जोबन मसलते हुए कस के गाल काट लिए, तो मैं क्यों छोड़ती मैंने अपने लम्बे नाख़ून इनकी पीठ में धंसा दिए और बोली,
" स्साले, दिखा दे अपनी ताकत, और डरने के कोई बात नहीं, कोर्ट ने बोल दिया है अडल्ट लोगों के मामले में पुलिस भी बोल नहीं सकती, मैं हम दोनों का आधार कार्ड, पैन कार्ड, हाईस्कूल का सर्टिफेकट सब डिजिटिल लॉकर में लायी हैं और सबसे बड़ा सर्टिफैक्ट, पचास और सौ के नोट , कोई नहीं पूछेगा इस पार्क में "
खूंटा पूरा अंदर घुसा था, वो बेस से मेरी क्लिट रगड़ रहे थे, मैं मस्ती से पागल हो रही थी और ऊपर से वो और उकसा रहे थे
" क्यों आ रहा हैं मजा, बोल, बोल ने मेरी जानू "
" हाँ, बाबू हाँ, हाँ और कर, आज कर ले अपनी मस्ती, इत्ते दिन से तू चक्कर काट रहा था, चल तू भी क्या याद करेगा " ये थोड़ी दूर पे चुद रही लड़की बोल रही थी। मैं नहीं
मैं तो सिर्फ धक्को का जवाब धक्को से दे रही थीं
हम दोनों साथ साथ ही झड़े,... आराम आराम से उन्होंने बाहर निकाला
और मैं उछल के गोद से उतर गयी, स्कर्ट और टॉप का यही फायदा है, ढकने वाली चीज अपने आप ढक गयी, ढक्क्न मैंने न नीचे लगाया था न ऊपर,
उनका हाथ पकड़ के उनके सहारे मैं चल रही थी, वो दोनों ईंटो की दीवाल के पीछे,... वही दोनों, जिन पर हमें शक था की पीछा करो टाइप वाले हैं
मैंने एक बार फिर अपने साजन को चूम के बोला,... " यार स्साले इत्ता मजा तो हनीमून में भी नहीं आया था,.. एकदम खुली हवा में मस्ती, मन करता है हफ्ते दस दिन में यहाँ एक चक्कर,... "
" हफ्ते दस दिन में क्यों, ... अरे हफ्ते में दो चार बार, पंद्रह बीस मिनट तो लगते हैं घर से आने में पार्किंग का झगड़ा है तो स्कूटर ही सही है " वो स्कूटर पर चढ़ते हुए बोले,
उनके पीछे उछल के बैठती मैं बोली, उनके कान में,
" यार जानते हो वो दोनों मुझे गांडू लग रहे थे, गाँड़ मारने मराने के चक्कर में, जब मैं निकल रही थी तो एक ने बोला चल जगह खाली हो गयी अब अपन अपना काम शुरू करते हैं "
लेकिन उनका शक कायम था, वो हलके से बोले,
"यार हो सकता है वो दोनों तुझे सुनाने के लिए ये बोल रहे हों, वरना इस पार्क में जगह की क्या कमी, दर्जनों जगहें है आड़ की और देर शाम को तो वैसे ही लोग कम हो जाते हैं "
हम लोगों ने पूरी प्रीकाशन बरती थी, अपनी कार के बदले किसी से मांग के स्कूटर ले आये,
यहाँ तक की रस्ते में लौटते हुए भी एक दूकान से मैंने टॉप और स्कर्ट ख़रीदा और इन्होने भी एक पैंट और टी,... और अपने कपडे लांड्री को दे दिए। अगर कोई कीड़े वीडे ( बग्स ) तो ड्राई क्लीनिंग में साफ़,... क्या पता जो पीछा करो वाले थे उन्होंने कोई बग हम लोगो के स्कूटर की सीट पे चिपका रखा हो और वहां से हमारे कपड़ो में चिपक गए हों , इसलिए एक्स्ट्रा प्रिकॉशन
लेकिन इन्होने बात साफ़ की,
देखो बग से बचत थी की पति पत्नी की बात तीसरा न सुने और जहाँ तक हमारी लोकेशन की बात है उससे बचना मुश्किल है। अगर उन्होंने सड़क के और बाकी सी सी टीवी हैक किये हैं तो बस फेसियल रिकॉग्निशन सिस्टम, आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस और बिग डाटा का कॉम्बो, मिनट भर में उन्हें पता चल गया होगा की हम इस पार्क में हैं, फिर उन्हें आदमी भेजने में , आदमी को हमें ढूँढ़ने में आधा घंटा लगा होगा, लेकिन ये अंदाज है।
साढ़े सात तक हम दोनों घर पहुँच गए और हाँ रास्ते में हम दोनों ने गोल गप्पे भी खाये।
स्कूटर पर ही उन्होंने उस डिवाइस के बाकी गुर भी बताये, जो उन्हें एयरपोर्ट पर मिली थी, देखने में एकदम इनके फोन जैसी लेकिन बग डिटेक्ट कर सकती थी, और उसके अलावा भी बहुत गुण थे उसमे
लेकिन एक चीज मैं समझ गयी थी स्साले जो रिकार्ड करेंगे करें, लेकिन अगर मेरे मरद का ठरकी बनने में फायदा है तो , ठरकी तो है ही वो, या तो ठरकी हो या मेरी ससुराल वाला वही दो लोग हाथ धोकर के अपनी माँ बहन के पीछे पड़ते हैं, ... और बस अब उस ठरकी को महा ठरकी बनाने में कोई देर नहीं है। और यह बालक अपनी बहन पर तो चढ़ाई कर ही चुका है , अगवाड़ा पिछवाड़ा दोनों, तो बस महतारी बची है उसका भी नम्बर लगवा दूँ ,
जैसा दुश्मन वैसी तैयारी...Planning to itni khatarnak
Yeh business wali baaten to badhe dhyan se padhna pad raha hai fir se kuch kuch reh jata haj, ummed se jyada deep hai
तू डाल-डाल .. मैं पात-पात...Kisi spy movie ki tarah story chal rahai hai mind me
She has wide variety of knowledge and well versed with how to present those intricacies with a web of suspense and action there upon.I am sorry Madam Ji, me bahut din tak busy tha koi comment ni kar paya. bas read kar leta tha. yeh bhi jaldi jaldi me likh raha hu. Aapke market share ki knowledge to deep hai, phir physics me thermodynamics ka jikra. Saaf pata chalta hai ki aap ek bahut Educated bhi h. Wese aapki English Story bhi read ki sari to pata chalta ha ki aapki education. Well rahi baat story ki to aapki tarif karna hi muskil h, baar baar ek hi baat aap bahut Umda Writer ho.
पिछली बार के मुकाबले में..Pehli story lagbagh yahin khatam hui thi. Meenal ki entry se pehle. Or kafi short me khatam kr diya tha yeh crash. Pichli bar meenal ka role nhi tha
सही कहा...mujhe aapki chinta ho rahi h. aap theek to h na.
Thanks a lot and welcome back.Thanks and I am back and will start posting, may be like comments on my story, in a trickle, but the story will continue, thanks
बाकियों का तो नहीं पता...Bas ekdam aapke kahe ke mutabik han ho sakta hai bahoot se logo ko na pasand aaya ho kyonki comments aur views to
आभार, धन्यवाद, नमन और इन प्रतियोगिताओं में मैं भाग नहीं लेती, इनसे बस भाग लेती हूँ,
क्या पता.. गीता को भी नेग में एक बच्चा मिल जाए...Ekdm ab isase accha muka kuch nahi