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All updates are awesome yar
Thanks so much and posted updates in MOhe rang de also
All updates are awesome yar
Very good story
Behatareen.....heroin ko bhi ab aur sabse chudwaoबहुत हुयी अब आँख मिचौली
खेलूंगी मैं रस की होली
" भैय्या यही ,अपना मोटा मस्त लंड , अपनी गुड्डी की कसी कच्ची चूत में डालो न भैय्या। "
जोर से उनके लंड को अपनी चूत पे रगड़ते मैं बोलीं।
फिर क्या था मेरी दोनों टांगें उनके कंधे पे , जांघे पूरी तरह फैली , और एक धक्का पूरी ताकत से ,…
लेकिन मैंने भी अपनी चूत खूब जोर से सिकोड़ ली थी जिससे उन्हें यही लगे की अपनी कुँवारी अनचुदी ममेरी बहन की चूत में लंड पेल रहे हैं।
एकदम एक लजीली शर्मीली किशोरी की तरह जो पहली बार घोंट रही हो ,
ओह्ह उईइइइइइइइइ आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह फट गयी भैय्या मेरी बहुत दर्द हो रहा है , ओह्ह आह , नहीईईईईईईईईई ,निकाल लो बहुत ,ओह्ह्ह्ह फाड़ दी भैय्या तूने मेरी , आह।
मैं चीख रही थी ,चिल्ला रही थी चूतड़ पटक रही थी ,सिसक रही थी /
वो भी अब जब आधे से ज्यादा लंड घुस चुका था तो कभी मेरी चूंचियां सहलाते तो कभी होंठ चूम के ढांढस दिलाते।
कुछ देर में मैंने दर्द कम होने का , और हलके से चूतड़ उचकाया ,
फिर क्या था वो , हचक के चुदाई की उन्होंने और नाम ले ले के।
गुड्डी ले ले , घोंट मेरा लंड , बहुत मन करता था तुझे चोदने का यार किती बात तुझे देख के मुट्ठ मारा , ओह्ह ले ले
और मैं भी एकदम गुड्डी की आवाज में कभी चीखती तो कभी सिसकती तो कभी उन्हें उकसाती
" दो न भैय्या ,पूरा दो ओह्ह दर्द हो रहा है लेकिन अच्छा भी लग रहा है। "
और अब वह भी पूरे मूड में थे , बस ऐसे चोद रहे थे ,जैसे अपनी ममेरी बहन कम मस्त माल को ही हचक के चोद रहे हों।
और मैं भी एक कम उमर की कच्ची किशोरी की तरह जिसकी चूत में पहली बार मोटा मूसल घुस रहा हो ,
चीख रही थी,सिसक रही थी ,चूतड़ पटक रही थी।
मैंने चूत खूब कस के सिकोड़ रखा था और उनका मूसल रगड़ता ,दरेरता,फाड़ता घुस रहा था।
उन्होंने अपने लेसन इतने दिनों में अच्छी तरह से सीख लिया था।
वह जान गए थे की उनका पहला काम , प्लीज करना , मजे देना , सटिस्फाई करना है और इससमय भी ,
उनकी उंगलियां ,होंठ और सबसे बढ़कर मूसल , गुड्डी बनी मुझे मजे देने में लगा हुआ था।
उनके होंठ निपल चूसने में लगे थे ,
और दूसरा निपल उनकी अंगूठे और तरजनी के बीच ,
धक्को की रफ्तार और ताकत अब बढ़ गयी थी , मेरी चीखों और सिसकियोंके बीच , हर चौथा पांचवा धक्का सीधे बच्चेदानी पे ,
साथ में लंड के बेस को जिस तरह वो क्लिट पे रगड़ देते मैं गिनगीना उठती।
और सबसे मजा तो तब आता जब वो चोदते हुए खुश होके बोलते ,
" ओह्ह गुड्डी क्या मस्त चूत है तेरी रानी , क्यों तड़पाया मुझे इत्ते दिन तूने। "
और मैं भी जोर जोर से अपने जोबन उनके सीने पे रगड़ती ,
अपने लम्बे नाखून उनके कंधो पे धँसाती ,उन्हें और जोर से अपनी ओर खींचती बोलती,
ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह भैय्या ,ओह्ह चोदो न मैं भी तू तुमसे चुदवाने को इतने दिनों से तड़प रही थीं , तुम्ही बुद्धू थे ,
तुम कभी भी चोद देते न मैं मना थोड़े ही करती "
और जवाब में उनका अगला धक्का मेरी चूत को चीर के रख देता।
" ओह्ह गुड्डी यार बहुत मजा आरहा है तुझे चोदने में ,ओह्ह आह क्या मस्त छोटी छोटी चूंचियां हैं तेरी ,
ओह क्या कसी चूत है है , मैं ही बुद्धू था , सच में तुझे पकड़ के कब का जबरदस्ती पेल देना चाहिए था। "
गुड्डी बनी मैं गुड्डी की आवाज में बोलती ,
ओह भैय्या , हाँ ओह्ह जैसे भाभी के साथ करते हो वैसे करो न खूब जोर जोर से ओह्ह्ह हाँ ,
बहुत मजा आ रहा है भैया , अब तक क्यों नहीं चोदा मुझे ,
मेरी सारीसहेलियां कब की अपने भाइयों से चुदवा चुदवा के मजे ले रही हैं। ओह्ह अह्ह्ह्हह्ह जोर से हाँ हाँ "
मारे मस्ती के वो अपना मोटा लंड ,सुपाड़े तक निकाल के फिर एक झटके में पूरा अंदर ढकेल देते ,
और जोर सेबोलते ,
" गुड्डी मेरी जान ,आज तो तूने मुझे बहनचोद बना ही दिया , सच बोल क्या तेरा सच में मन करता था मेरा लेने का , बोल आज खुल के बता न अब तो बहनचोद बन ही गया मैं "
“भैय्या हाँ अरे बहनचोद बन गए तो अपनी इस बहन के साथ खुल के मजे लो न , हचक हचक के चोद बहनचोद आज। हाँ भैय्या , मेरी सारी सहेलियां मुझे इतनाछेड़तीं थी , तेरा नाम लेके , इतना उकसाती थीं , तेरा इतना स्मार्ट भाई है ,
तगड़ा , तुझसे इतना घुला मिला , तुझे इतना चाहता है घोंट ले इसका।
दे दे जुबना का दान , लेकिन मैं इतना लिफ्ट देती थी पर , ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आह्ह , पर तुम ही बुद्धू थे एकदम। बहुत मन करता था भैय्या तेरे साथ मजे करने का तेरा अंदर घोंटनेका ,
मैंने तो तय कर लिया था मेरी सहेली फटेगी तो तुझसे ,
लेकिन इत्ते दिन बाद, ओह्ह हां बहुत मजा आ रहां है , ओह्ह "
गुड्डी बनी मैं उन्हें और उकसा रही थी , चढ़ा रही थी।
फिर तो उन्होंने वो हचक हचक के चोदा , पांच -छ मिनट में मैं झड़ गयी ,
उन्हें चोदते १२-१५ मिनट हो गए थे।
थोड़ी सी रफ़्तार कम हुयी बस ,
और उसके बाद दुबारा ,
मैं जब दुबारा झड़ी तो वो मेरे साथ झड़े और सारी की सारी मलाई अंदर। [
ब्लाइंड फोल्ड मेरी ब्रेसियर और पैंटी का ऐसे ही मैंने लगा रहने दिया।
कुछ देर तक हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे फिर मैंने गुड्डी की आवाज मैं
आधे पौन घंटे के ब्रेक के बाद मूसल फिर तैयार था , और मैं भी चुदवासी।
गुड्डी बनी मेरा सेकेण्ड राउंड चालू हो गया।
और ये पहले से भी भीषण था।
और जिस तरह वो खुल के बोल रहे थे गुड्डी के छोटे छोटे उभारो के बारे में , अब मुझे पता चला की उनकी ममेरी बहिन की कच्ची अमिया ने क्या जादू कर रखा था।
खूब खुल के रगड़ा मसला , चूसा ,कचकचा के काटा , और गुड्डी की आवाज में मैं भी भी उन्हें खूब उकसाया।
और चुदाई में चूतड़ उठा उठा कर उनका मैं साथ दे रही थी।
और पोज बदल बदल कर , अब तक ब्लाइंड फोल्ड के बाद भी हम दोनों एक दूसरे की देह को अच्छी तरह जान चुके थे , और मन की गहराई में छुपी हर वासना इच्छा को भी
अबकी भी मुझे झाड़ने के बाद ही वो झड़े।
तीन बार झड़े वो ,
कम से कम कटोरी भर गाढ़ी रबड़ी मलाई मेरी चूत में लबालब भरी थी ,छलकती , लेकिन एक बूँद भी मैंने बाहर नहीं निकलने नहीं दिया।
मेरी पूरी देह टूट रही थी
रात भी खत्म होने के कगार पर थी। रात की कालिख धीमे धीमे हलकी हो रही थी।
और अब मेरे ऊपर चढ़ने की बारी थी।
मेरी भरी भरी गोरी गोरी जाँघों के बीच उनका सर दबा हुया था , झुक के मैंने उनके आँखों पे बंधी अपनी काली लेसी ब्रेजियर और पैंटी खोल दी ,उसके साथ ही हमदोनों अपने रोल से बाहर.
Behatareen.....heroin ko bhi ab aur sabse chudwao
Maja aagaya.....Kya shaandaar roleplay....2 -2 round....Waise man to uske baad bhi nahi bhara hoga....