Lagta hai business class bhi sath hi laga di hai didi aapne.क्रायसिस
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मैंने ब्रेकफास्ट बनाना शुरू ही किया था की एक एन्क्रिप्टेड मेल मेरे आई फोन पर आयी।
और मुझे याद आया की कल मॉम से मैंने बात की थी , इनकी मॉर्निंग कांफ्रेंस और अचानक मीटिंग के लिए जाने के बारे में ,
लेकिन मॉम का बिजनेसवोमेन वाला एंटीना खड़ा हो गया ,बोलीं , किसी ने मुझे बोला था की चार पांच दिन से इसकी कंपनी का शेयर ऐबनॉर्मली बिहेव कर रहा है , लगता है कोई उसे मैनिपुलेट कर रहा है।
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मुझे याद आया मीनाक्षी ने भी यही बोला था , लेकिन मैं शेयर की दुनिया से एकदम दूर रहती हूँ तो मुझे कुछ ज्यादा समझ में भी नहीं आता.
फिर मॉम ने ही बोला , तू चिंता न कर , मेरा दामाद कैसी भी क्राइसिस हो हैंडल कर लेता है , .. अच्छा चल मैं किसी सुरागिए को लगाती हूँ , तुझे कल दोपहर के पहले कुछ सूंघ कर बताएगा , हाँ लेकिन कल मैं टोटली इनकमयुनिकेडो रहूंगी , एक के बाद एक मीटिंग्स हैं।
मैं समझ गयी मॉम का सुरागिया , ... कोई मार्केटिंग रिसर्च , बिजेनस इंटेलिजेंस और डाटा एनेलिटिक्स वाली एजेंसी होगी , बल्कि इन सब का जोड़ , जिसका मार्केट इंटेलिजेंस और गवर्नमेंट एजेंसीज में भी डीप कांटेक्ट होगा और क्या पता कोई हैकर भी वो इम्प्लाय करता हो ,
पासवर्ड मॉम ने मुझे रात में ही मेसेज कर दिया था।
वही रिपोर्ट थी . कुछ देर के लिए मैंने ब्रेकफास्ट का काम मुल्तवी कर दिया , वैसे भी गुड्डी दस बजे तक के लिए बुक थी।
रिपोर्ट में लिखा था इनकी कंपनी ' पिंक जोन ' में है , यानी रेड जोन के ठीक पहले वाली हालत और अगर छह सात दिन तक कोई करेक्टिव एक्शन नहीं हुआ तो वो रेड जॉन में स्लाइड कर सकती है।
असल में उनकी कंपनी , एक अमेरिका बेस्ड मल्टीनेशनल की इंडियन सब्सिडयरी थी। लेकिन पैरेंट कम्पनी से बहुत ही क्लोज रिलेशन ,
दो तीन डेंजरस फैक्टर उस रिपोर्ट ने हाई लाइट की थीं ,
पहला तो था रुपये की वैल्यू में तेज गिरावट , और अब एक डालर सत्तर रूपये से ज्यादा चला गया था।
बिना रिपोर्ट में इंडिकेट हुए में समझ गयी सारी कहानी। असल में हमारे लोकेशन में जो इक्विपमेंट बनता था , उसमें एक अमेरिकन इक्विपमेंट लगता था जो इनकी पैरेंट कम्पनी का प्रोप्रायटरी आइटम था। वॉल्यूम वाइज वो सिर्फ १५ % था , ७० % पार्ट जहाँ हम पोस्टेड थे वहीँ बनता था , बाकी १५ % आउटसोरस्ड था .
लेकिन वैल्यू वाइज वो पैरेंट कम्पनी से इम्पोर्टेड पार्ट , ४५ % था। और अब रूपये की वैल्यू गिरने से इम्पोर्ट कास्ट बढ़ गयी , और वह पार्ट अब कुल कास्ट का ६५ % हो गया।
इससे प्रॉडक्ट की प्राइस भी बढ़ गयी , और जो हमें कम्पटीटिव एज थी वो सिर्फ ख़तम नहीं हुयी बल्कि एडवर्स हो गयी थी , और राइवल को फायदा हो रहा था।
और इससे कम्पनी की लिक्विडटी की प्राबलम भी पैदा हो गयी थी।
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यह प्रॉब्लम सिर्फ एक्सचेंज रेट तक रहती तो गनीमत ,
पर एक पेंच और था , ... अमेरिका ने एडवर्स बैलेंस आफ पैम्नेट के चलते , ढेर सारे प्रॉडक्ट्स पर जो इण्डिया से आते हैं टैरिफ बढ़ा दी।
बस इण्डिया ने भी ,... और जिन प्रॉडक्ट्स पर ये एक्स्ट्रा सरचार्ज लगाए गए थे ,... उनमें स्टेटस से आनेवाला। .. वो पार्ट भी शामिल था। नतीजा , इनपुट कास्ट और बढ़ गयी , ... और लिक्विडटी क्राइसिस शुरू हो गयी थी।
रिपोर्ट में शेयर की पिछले महीने की अनिलिसीस भी थी , ... और उसके हिसाब से शेयर अपने रियल वैल्यू से करीब २२-२५ % ज्यादा कोट हो रहा था।
रिपोर्ट का इंडिकेशन एजेंसी के अनुसार ये था की कोई इस कंपनी को एक्वायर करने की कोशिश कर रहा है , और वो अग्रेसिव बाइंग कर रहा है।
तीसरी प्राबलम थी , कंपनी ने एक डेब्ट ले रखा था , जो एक तरह से डेब्ट कम इक्विटी थी। अगर डेट की मैच्योरिटी या जब भी डेट देने वाली कम्पनी डेट वापस पन्दरह दिन की नोटिस देकर मांगे ,... और कंपनी अगर उसे न दे पाए तो उसे एक राइट था , की वो करेंट शेयर के वैल्यू के बेसिस पर उस डेब्ट को शेयर में कन्वर्ट करने के लिए इंसिस्ट सकता था। वो करीब १४ % शेयर होता।
Share market ke tricks bhi bata diye.कम्पनी पर खतरा
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रिपोर्ट में शेयर की पिछले महीने की अनिलिसीस भी थी , ... और उसके हिसाब से शेयर अपने रियल वैल्यू से करीब २२-२५ % ज्यादा कोट हो रहा था।
रिपोर्ट का इंडिकेशन एजेंसी के अनुसार ये था की कोई इस कंपनी को एक्वायर करने की कोशिश कर रहा है , और वो अग्रेसिव बाइंग कर रहा है।
तीसरी प्राबलम थी , कंपनी ने एक डेब्ट ले रखा था , जो एक तरह से डेब्ट कम इक्विटी थी। अगर डेट की मैच्योरिटी या जब भी डेट देने वाली कम्पनी डेट वापस पन्दरह दिन की नोटिस देकर मांगे ,... और कंपनी अगर उसे न दे पाए तो उसे एक राइट था , की वो करेंट शेयर के वैल्यू के बेसिस पर उस डेब्ट को शेयर में कन्वर्ट करने के लिए इंसिस्ट सकता था। वो करीब १४ % शेयर होता।
मार्केट रयूमर्स थीं की जो कंपनी इसे एक्वायर करने की कोशिश कर रही है , उसने भी करीब पांच साढ़े पांच परसेंट शेयर खरीद रखे हैं , और वो बहुत अग्रेसिवली अभी भी शेयर खरीदने की कोशिश कर रही थी। अगर उसके जहाँ ८-९ % भी शेयर हुए वो उस डेब्ट वाली कम्पनी के साथ मिलकर , अटैक कर सकती थी। हमारी कम्पनी के पास अभी २२ -२३ % शेयर हैं। इस पूरे मामले में गवर्मेंट एजेंसीज जिनके पास करीब ५ % शेयर हैं न्यूट्रल ही रहतीं।
एक और प्रॉब्लम इनकी कम्पनी उस रिपोर्ट के अनुसार फेस कर रही थी , वो डिस्ट्रेस्ड असेट की , कम्पनी ने पावर बिजनेस में इन्वेस्ट कर रखा था , बैकवर्ड एरिया में एक पावर प्लांट भी लगाया और वो आलमोस्ट रेडी था , लेकिन ट्रांसमिशन नेटवर्क के चोक होने से , और जहाँ पावर प्लांट था वहां डिमांड न होने से , वो एकदम घाटे का मामला था , और बैंक्स के डेब्ट भी थे.
लेकिन आखिरी बार चौंकाने वाली थी , जिस कम्पनी ने डेब्ट दिया था , वो उसी मार्केट में घुसना चाहता था , जिसमें इनकी कम्पनी थी। लेकिन पेरेंट् कंपनी का प्रोप्रायटरी आइटम होने से , जो हमें कास्ट अडवांटेज और टेक्नोलॉजी के अपग्रेडेशन की अडवांटेज थी , वो उसे नहीं मिलती। दूसरी उस प्रॉडक्ट में इनकी कम्पनी की आलमोस्ट ,... मोनोपोली तो नहीं लेकिन ४४ % मार्किट शेयर था , जो नंबर २ से १८ % ज्यादा था।
वो कम्पनी एक्वायर कर , सिर्फ हमारी कम्पनी किल करती।
उसे हमारा पूरा मार्केटिंग चैनल मिल जाता।
जो शेयर एक्वायर कर रहा था , वो जब अक्वीजिशन के बाद शेयर के दाम बढ़ते , उस समय शेयर बेच कर बाहर निकल जाता , और हेल्प के लिए न्यू ओनरशिप उसे रियल एस्टेट ( कम्पनी तो उन्हें ख़तम ही करनी थी एक दो साल में, कम्पटीशन एलिमिनेट करने के लिए ) के लिए जहाँ प्लांट थे वहां की टाउनशिप , उसे सस्ते दाम में बेच देती।
इस बात को कनफर्म करने के लिए , उसने कुछ इ मेल की कॉपीज और एक कम्पनी का प्रजेंटेशन भी , जो किसी हैकर की कृपा थी , अटैच किया था।
मेरे तो बस पैरों के नीचे से जमीन नहीं सरकी।
हमारी कम्पनी पर उस कम्पनी की रेड बस सात आठ दिन बाद , ...
एक बात जो उसने लिखी थी और मैं भी समझ रही की एक्विजशन करने वाले ने पहले तो शेयर खरीद कर शेयर की वैल्यू बढ़ाई , लेकिन वो रेड तब करेगा जब शेयर की वैल्यू गिरने लगेगी। इससे एक तो जिससे इनकी कम्पनी ने डेब्ट लिया था , उस डेब्ट को जब शेयर में कन्वर्ट करते तो ज्यादा शेयर होते। दूसरे कम्पनी के ओनरशिप शेयर का दाम भी उन्हें औने पौने में लगाने में मदद मिलती.
मेरे आँखों के आगे अँधेरा छा रहा था , ब्रेकफास्ट की तैयारी छोड़ कर मैं वहीँ किचेन में बैठ गयी।
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कित्ती प्लानिंग थी ,
तीज की , रसगुल्लों की ,
और बाहर वो लड़की बैठी डाक्टर बनने की तैयारी कर रही है , उसका क्या होगा ?
आज शाम को कमल जीजू , फुल टाइम मस्ती ,...
लेकिन तभी मेरा व्हाट्सऐप
हग्स किसेज , फिर ढेर सारे किसेज और थम्स अप
सारा कुहासा छट गया , ये इतने चिरपी कॉन्फिडेंट , इसका मतलब ,...
और मेसेज ,... बस यही की वापस पहुँचने तक उनका फोन बंद रहेगा। एक मीटिंग हो चुकी है दूसरी होने वाली है।
मैंने अपने को लाख गाली दी , इनके होते हुए ,... माना थोड़े ज्यादा ही सीधे ,... कुछ बौड़म भी ,... लेकिन मेरी मम्मी ने सोच समझ कर दामाद चुना था।
हुआ बहुत कुछ हुआ,
लेकिन कमल जीजू के जाने के बाद,... थोड़ा मुझे अंदाजा था, कुछ इन्होने बताया, सब बताउंगी
लम्बी चली वो लड़ाई,... लेकिन मेरा सोना मोना, अपनी स्साली इस बहन को पटाने में उसका नाड़ा खोलने में उसे भले टाइम लग गया हो लेकिन अपने काम में,...
बताउंगी सब बताउंगी,... बस फोरम में कोई परेशानी न हो, आप सब का साथ बना रहे,...
लेकिन अभी तो मैं ब्रेकफास्ट बना रही थी इनकी बहिनिया के लिए, उसकी कोचिंग का टाइम हो रहा है
मेरी निगाह जब घड़ी पर पड़ी तो अभी सवा नौ बज रहे थे ,
पौने दस तक ब्रेकफास्ट तैयार , मेरी प्यारी दुलारी ननद तो अपने ऑन लाइन ट्यूटोरियल में बिजी थी , और उसका अपना वेब कैम ऑफ था , इसलिए उसे मुझे अपने हाथ से खिलाने में कोई परेशानी नहीं थी। उसके हाथ तो अपने लैपी पर बिजी थे बगल में उसका टैब और फोन भी ,
…..


















Arushi ji ka koi jawab nahi, din par din apki lekhni or achhi hoti jaa rahi hPart 5
अपनी बीवी बतलाकर पंकज ने आरक्षण करवाया
और डाल नज़र मेरे योवन में वो मंद मंद मुस्काया
मुसलाधार बारिश के कारण भीग गई थी साड़ी
और ठंड के मारे कांप रही थी मैं अबला बेचारी
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भाभी जी आप बदल लो कपड़े वॉशरूम में जाकर
इतने में खाने को मैं कुछ रखता हूं नीचे से मंगवाकर
वॉशरूम से पहन के गाउन मैं जब बाहर को आई
देखा पंकज ने व्हिस्की की एक बोतल थी मंगवाई
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भाभी आप थोड़ी सी ले लो भाग जाएगी सर्दी
ये तो मेरा एक सुझाव है बाकी आपकी मर्जी
कैसे कहु ननदोई जी को जब होती है ऐसी ठंड
व्हिस्की नहीं मांगती औरत वो चाहे मोटा लंड
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बैठ गई सोफे पर और होठों से लगा लिया ग्लास
कैसे कहूँ पंकज को मुझे तुम से चुदने की है प्यास
एक गिलास ही गया था अंदर आँखें हो गयी भारी
अब धीरे-धीरे से उतर रही थी मेरी शर्म भी सारी
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तोड़ के हर लक्ष्मण रेखा चुन लू मैंने जो सपना देखा
लाघ जाऊ सब जंजीरे प्यार ने कब रेखाओ को देखा
उठ के जा कर बैठ गई फिर मैं पंकज के साथ
नंगी जांघों पर रख दिया पकड़ के उसका हाथ
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मेरे होठों पे अपने होठ लगा कर इन्हे गीला कर दे
चूम के मेरे इन होठों को तू और भी रसीला कर दे
समझ गया वो मेरा इशारा और खींच लिया अपने करीब थाम के मेरा चेहरा हाथों से लडाने लगा वो जीभ से जीभ
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एक हाथ में थाम के चुचे लगा दबाने लगा वो जोर से
और एक हाथ से रगड़े फुद्दी देख मेरी आँखों में गोर से
मचले था अब मन मेरा मैं भी देखु उसका घोड़ा
उतार पायजामा उसने मेरे हाथ में दे दिया लौड़ा
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देखा जब उसका लौड़ा मैं तो रह गयी सन्न
गुड्डी के भैया का तो है इस से ही आधा लन
पकड़ के मेरे सर को उसने नीचे उसे झुकाया
पकड़ के अपना मोटा लौड़ा मुँह में मेरे घुसाया
नीचे से वो लगा के झटके मेरे मुँह के पेले
ओ मेरी प्यासी सलहज तू पूरा मुँह में ले ले
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मार रहा था धक्के गहरे गांड उठा के नीचे से
पेल रहा था एक उंगली मेरी गांड में पीछे से
चूस रही थी शिद्दत से लेके गले तक लौड़ा
आँखों से बहने लगा था पानी थोड़ा थोड़ा
लेके जाके उसने फिर मुझको बिस्तर पर लिटाया
अपने हाथों से पकड़ के टागे जांघों को फेलाया
देख के वो तो झूम उठा था मेरी चूत गुलाबी
बैठ गया मेरी जांघों के बीच होके पूरा शराबी
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फूल जैसी खिली थी चूत और ननदोई बना था भंवरा
मेरी चूत से चाट रहा था वो शहद का हर एक कतरा
बहुत चतुर खिलाड़ी था खूब जाने क्या है करना
चूस चूस के लगा सुखाने वो मेरी चूत का झरना
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अच्छे से चाटो इसको तुम्हें सौंपा है योवन अपना
कब से तुमसे चुदवाने का मैं देख रही थी सपना
ननदोई जा अब आओ अन्दर और न मुझे सताओ
मेरी इस सुखी धरती पे अपना प्रेम रस बरसाओ
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Esa mat kahiye arushi ji. Ek hi to kavi hai poore xforum me, aap bhi nhi likhogi to padhko ka kya hoga.सलहज और ननदोई पर वर्तमान में चल रही कविता लिखने का मेरा आखिरी प्रयास है। अब जाकर मुझे एहसास हुआ कि एक दिन में कुछ पंक्तियाँ लिखने में कितनी मेहनत लगती है। मैं सैकड़ों पन्नों की कहानियाँ लिखने के लिए कोमल जी और रज़ी की प्रशंसा करती हूँ। मेरा पूरा समय यह सोचने में ही बीत जाता है कि कैसे कुछ पंक्तियों को लिखा जाए जो उत्सुकता, कामुकता और रहस्य पैदा कर सकें। कभी-कभी अच्छी नींद नहीं मिल पाती क्योंकि मैं पंक्तियों को लिखने से पहले मन में गुनगुनाती रहती हूँ। तब अचानक मुझे एहसास होता है कि मैं अपने आप से बातें कर रही हूँ। हमेशा यही सोचते रहती कि इसे कितना बेहतर लिखा जा सकता है। लेकिन अब बहुत हो गया. हमें कई कहानियों, कई पात्रों और कई स्थितियों से रूबरू कराने के लिए कोमल जी और राज़ी दी को सलाम। वास्तव में आपके समर्पण और प्रयासों की सराहना करती हूँ।
कविता का अंतिम भाग तैयार है. जल्दी ही पोस्ट करने की कोशिश करूंगी
कोमल जीUpdates posted, please do read, enjoy and post your comments.
आरुषि मैमPart 6
खोल के मेरी चूत की फाँके लगा रगड़ने लौड़ा
पकड़ के मेरी तांगे उसने घुंटनो से उसको मोड़ा
देख के मेरी आँखों में फिर दिया हल्का सा झटका
मेरी चूत के थोड़ा अंदर जाके उसका लौड़ा अटका
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भाभी अब तक है कैसे इतनी कसी चूत तुम्हारी
साले साहब ने अच्छे से क्या कभी चूत नहीं मारी
लौड़ा नहीं है उनका पंकज छोटी सी है लुल्ली
आज चोद के अपने लौड़े मेरी कर दो खुल्ली
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थाम के मेरे हाथों को होठों से होठों को मिलाया
नीचे से फिर कस के उसने धक्का एक लगाया
पहले तो मैं चुदने की उस से मांग रही थी भीख
लेकिन जब घुसाया लौड़ा मेरी निकल गई चीख
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अंदर घुस गया लौड़ा उसका तोड़ के सब दीवारे
मेरी चूत से फूट पड़ी थी खून की कुछ बोछारे
पंकज इतना घुसाईये जितना चूत समाये
मैं भी भूखी ना रहु तू भी ना प्यासा जाए
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हचाक हचाक के हो रही थी मेरी चूत चोदाई
इतने अंदर तक नहीं हुई थी मेरी कभी ठुकाई
धीरे धीरे बढने लगी थी चूत में फ़िर चिकनाई
नीचे से पंकज ने भी अब अपनी गति बढ़ाई
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चुदवाने लगी पंकज से मैं पटक पटक के चूतड
इस चुदाई का गवाह बन रहा था मेरा मंगलसूत्र
रिश्तो की मर्यादा आज हो चुकी थी भंग
बिस्तर पर लगी हुई लंड और चूत की जंग
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इक दूजे में खो जाने का चडा था खूब जुनून
हम दोनो के चेहरे पर दिखता एक अजब सुकून
करके अपने दिल से प्यारे ननदोई से सहवास
असली चुदाई क्या होती है आज हुआ एहसास
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बिस्तर के कोने में ले जाकर घोड़ी मुझे बनाया
एक ही झटके में फिर उसने लौड़ा पूरा घुसाया
चूत के आखिरी कोने में जब लगती लंड की ठोकर
दिल चाहे मैं पूरी उमर रह जाउ इस मर्द की होकर
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कौन है ज्यादा प्यासा ये मुश्किल था बताना
एक दूजे में चाहे हम दोनों पूरी रात समाना
भोला भला जिसको समझा वो था चतुर खिलाड़ी
दो बार पहले चोद के चूत फिर गांड भी मेरी मारी
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भाभी जी गुड्डी का फोन आया था कल रात
आपसे करना चाहती है वो कोई जरूरी बात
सुन के नाम गुड्डी का मेरे तो उड़ गए होश
रात मैं क्या कर बैठी हूं खोकर अपने होश
क्या सोचेगी गुड्डी जब पता चलेगी ये बात
उसके पति से ख़ूब चूदी हूं कल मैं पूरी रात
बतलाओ मेरी भाभी कल रात कैसी रह रही चुदाई
कितनी बार मेरे पति ने तुम्हारी चूत की करी ठुकाई
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गुड्डी ने जब बोला ये सब तो मेरा सर चकराया
जो कुछ हुआ रात यहां पे किसने इसे बताया
कैसे लगा चूत में लेके लंड अपने ननदोई का
सच्ची ये बतलाओ भाभी पूरी रात तुम सोई क्या
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पंकज ने मुझे बता दिया ये सब ही कल रात
मुझसे तुमको घबराने की नहीं है कोई बात
तुम्हारे कातिल हुस्न का था वो पहले से ही कायल
देख के तुम्हारा भीगा बदन वो और हो गया घायल
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चुद चुकी हो अब रात पूरी तुम ऐसे ना शर्माओ
अच्छे से क्या चोदा तुमको खुल के मुझे बताओ
बहुत बड़ा है लौड़ा इसका और घोड़े जैसा जोश
पूरी रात मैं कितनी चुदी हूं मुझको नहीं है होश
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पेट की भूख तो कोई भी औरत कैसे भी सह जाती है
पर चूत की आग उस औरत को जीवन भर तड़पाती है
फ़िर वो किससे चुदती है नहीं रख्ता मायने कोई
चाहे उसके सामने हो देवर या चाहे हो ननदोई
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बोल दिया था मैंने पंकज को ये मौका नहीं गवांये
इतना चोदना मेरी भाभी को की सुबह चला ना जाये
ननदोई ने तेरी बात का रखा है पूरा मान
इतना चूदी हूं रात अब नहीं बची है जान
भाभी आपकी गांड का पंकज है बड़ा दीवाना
अगर वो मांगे तो दे देना जरा ना तुम घबराना
गुड्डी मैं भी तेरी भाभी हूं कैसे मान लू हार
कल रात हाय पंकज ने मेरी गांड ली मार
सुबह-सुबह भी हमेशा उसका खड़ा रहता है घोड़ा
बैठ जाओ गोद में उसकी और चूत में ले लो लौड़ा
देख के ऐसा लौड़ा कभी क्या भर सकता है मन
मेरी चूत में घुसा हुआ अभी अभी भी उसका लन
गुड्डी तेरे इस एहसान का बहुत-बहुत आभार
तूने फिर से खुश रहने का दिया मुझे आधार
सुबह-सुबह भी हमेशा उसका खड़ा रहता है घोड़ा
बैठ जाओ गोद में उसकी और चूत में ले लो लौड़ा
देख के ऐसा लौड़ा कभी क्या भर सकता है मन
मेरी चूत में घुसा हुआ अभी अभी भी उसका लन
गुड्डी तेरे इस एहसान का बहुत-बहुत आभार
तूने फिर से खुश रहने का दिया मुझे आधार
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डबल धमाका
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More on your update later Madam....but before that Arushi's pics and poems are out of this world. The photos she adds to her posts are truly WOW!!डबल धमाका
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