Love for love
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Nice startइसका नाम है अजय, देखने मे स्मार्ट, बिल्कुल बॉलीवुड एक्टर वरुण धवन
जैसा...
अजय 25 साल का नवयुवक है जो गुडगाँव की एक मल्टिनैशनल कंपनी मे काम
करता है, सैलरी है 40000 ,माँ -बाप तो गाँव में रहते है उसके बड़े भाई और
भाभी के साथ, जिन्हे ये हर महीने मिलने चला जाता है...वहाँ काफ़ी
ज़मीने और खेत है इनके जिन्हे बड़ा भाई और उसके पिता संभालते है, उन्हे
अजय के पैसों की ज़रूरत नही पड़ती, और इसलिए अजय अपनी कमाई के सारे
पैसे खुद पर ही लुटाता है ...
दिल्ली के विकासपुरी में एक बिल्डर फ्लोर किराए पर लेकर रह रहा था
अजय, 3 बेडरूम का काफ़ी बड़ा फ्लेट था वो..अडोस पड़ोस के लोग भी
काफ़ी मिलनसार थे, और मकान मालिक नीचे के फ्लोर पर रहता
था..लगभग एक साल हो चुका था अजय को वहां रहते हुए.
वो जहाँ रहता था, वो पूरी गली एक से बढ़कर एक भाभियों और उनकी
जवान बेटियों से भरी पड़ी थी...
और इस एक साल में उसने आस पास की हर लड़की और भाभी को अच्छी तरह
से जाँचा - परखा था.. यानी, अपनी आँखो से..किसी के साथ ज़्यादा
बोलकर वो अपनी इमेज खराब नही करना चाहता था..लेकिन था वो बड़ा
ही घुन्ना टाइप का बंदा..
रोज रात को उनके बारे में सोच-सोचकर वो जोरदार मूठ ज़रूर मारता
था.....ग़जब का स्टेमीना था उसका..सुबह ऑफीस जाने से पहले और रात को
सोने से पहले वो मूठ मारता था....ये उसका लगभग रोज का नीयम था.
नहाते हुए वो आँखे बंद करके भाभियों और उनकी बेटियों के बारे मे सोचता
और मूठ मारता...अपने ख़यालो मे बस यही सोचता रहता की वो अगर मिल
जाए तो कैसे मारेगा उसकी..क्या - क्या करेगा..
उसने आज तक अपनी लाइफ में किसी के साथ भी सैक्स नहीं किया था
और सबसे ज़्यादा वो सोचता था अपने पड़ोस मे रहने वाली रजनी आंटी के
बारे मे..जो लगभग 45 साल की थी..पर लगती थी सिर्फ़ 35 की ...हल्का
भरा हुआ सा शरीर बिल्कुल जूही चावला जैसा..
उनके 3 बच्चे थे, एक बड़ा लड़का, जिसकी शादी पिछले साल ही हुई थी, वो
अपनी बीबी के साथ मुंबई में रहता था..और 2 लड़कियाँ जो अभी कॉलेज में
पड रही थी, दोनो पूना में पढ़ती थी ..घर पर सिर्फ़ वो अपने पति के साथ
रहती थी..इसलिए अक्सर वो अजय के साथ घंटों छत पर गप्पे मारती
रहती..और अजय का ध्यान तो बस उसके बड़े-2 मुम्मों पर ही रहता था..
रजनी को अजय काफ़ी पसंद था...वो उसके लिए अक्सर घर का बना खाना
भिजवाती रहती थी...और हमेशा उसे शादी करने की भी सलाह देती रहती थी..
पर वो शायद नही जानता था की इन सब बातों के पीछे रजनी भाभी की
क्या मंशा है..
एक दिन संडे मॉर्निंग अजय के दरवाजे पर दस्तक हुई , उसने टाइम देखा तो
सिर्फ़ 8 बजे थे, आज तो उसने 10 बजे तक सोने का प्लान बनाया था..
उसने झल्लाते हुए दरवाजा खोला तो सामने रजनी भाभी खड़ी थी..
इतनी सुबह उन्हे देखकर वो हैरान रह गया.
रजनी : "सॉरी अजय, बट तुम्हे मेरे साथ अभी रेलवे स्टेशन चलना पड़ेगा....मेरी
दोनों बेटियां आ रही हैं पूना से, मैने कैब बुक करवाई थी और वो अभी तक
नही पहुंची ...और उनकी ट्रेन के आने का टाइम हो रहा है...''
अजय उन्हे किसी बात के लिए मना नही कर सकता था, इसलिए जल्दी से
तैयार होकर वो उनके साथ चल दिया..कुछ ही देर में वो स्टेशन पहुँच गए ।
रजनी भाभी अंदर चली गयी और वो बाहर कार में बैठकर उनका वेट करने लगा..
कुछ ही देर मे उसे रजनी आंटी और उनकी दोनो लड़कियाँ आती हुई दिखाई दी...
और उन्हे देखकर अजय की आँखे फटी की फटी रह गयी..
ये लड़कियाँ एक साल में ही कैसे इतनी जवान सी हो गयी हैं..
दोनो की उम्र में 3 साल का फ़र्क था..
बड़ी वाली का नाम था प्राची, स्लिम ट्रिम सी, स्कर्ट और स्लीवलेस
टॉप पहना हुआ था उसने , और काफी सेक्सी लग रही थी वो
और छोटी का नाम था पूजा, . जीन्स के उपर टी शर्ट पहनी हुई थी..और
उसका चेहरा बड़ा ही क्यूट सा था
प्राची एम बी ए के फाइनल ईयर में थी और पूजा बी बी ए के फाइनल ईयर में
दोनो लगभग भागती हुई कार की तरफ आई, जिसकी वजह से अजय ने उन
दोनो के उछलते हुए मुम्मे देखकर एक दूसरे से कंपेयर करना भी शुरू कर दिया..
प्राची भले ही बड़ी थी, पर उसकी ब्रेस्ट पूजा के मुक़ाबले छोटी थी..पर
थी पूरी तनी हुई सी..बिल्कुल दीपिका पादुकोंन जैसी..
दोनो दौड़ती हुई सी कार के पास पहुँची और प्राची जल्दी से आगे वाली
सीट पर आकर बैठ गयी..और चिल्लाई : "मैं जीत गयी....याहूऊऊऊऊऊ...''
उसके चेहरे की खुशी देखकर अजय भी बिना हँसे रह नही पाया..
आज अजय उन दोनो को लगभग एक साल के बाद देख रहा था, इन दोनो को
उसने रजनी भाभी के बेटे की शादी में देखा था, एक साल पहले, और वो
नया-2 ही आया था उनके पड़ोस में , फिर भी उसको इन्वाइट किया था भाभी ने..
तब में और अब में काफ़ी फ़र्क आ चुका था इन दोनो के शरीर में ...ये पुणे की
हवा ही शायद कुछ नशीली सी है..जो लड़कियों को इतनी जल्दी जवान
कर देती है.
खैर, सभी को लेकर अजय घर पहुँचा, रास्ते भर दोनो बहनें अपने-2 कॉलेज की
बातें उन्हे सुनाती रही..
और तभी अजय को पता चला की प्राची की तो पड़ाई ख़त्म हो चुकी है
और अब वो जॉब करेगी..पूजा भी आगे की पढ़ाई यानी एम बी ए अब
दिल्ली में रहकर ही करना चाहती है..
यानी अब उन्हे रोज-2 देखने का मौका होगा अजय के पास..
Goodअब आगे
कुछ ही दिनों में प्राची की जॉब गुडगाँव में एक अच्छी कंपनी में लग
गयी..और अजय के ऑफीस के बिल्कुल पास ही था उसका ऑफीस भी..
और पूजा का एडमिशन भी गुडगाँव के एक अच्छे इंस्टिट्यूट में हो गया...
इसलिए अब अजय को एक और ड्यूटी मिल गयी, उन दोनो को एक साथ लेकर
जाने की...और शाम को प्राची को वापिस लाने की भी...पूजा तो
दोपहर तक वापिस आ ही जाती थी अपने आप..
और इन दिनों में अजय ने अच्छी तरह से आँखे सेंक-2 कर उन दोनो बहनों की
कच्ची जवानी को देखा-परखा ..
एक दिन अजय को रजनी भाभी ने अपने घर बुलाया
वो वहाँ पहुँचा तो देखा की रजनी भाभी और उनके पति सोफे पर बैठे है
अजय जैसे ही उनके साथ बैठा, रजनी भाभी ने उसके उपर बंब फोड़ दिया
"देखो अजय ...मैं घुमा फिरा कर बात नही करती...मैं चाहती हू की हमारी
बेटी प्राची की शादी तुमसे कर दे...अगर तुम्हे कोई प्राब्लम ना हो तो आज
ही हम दोनों तुम्हारे माँ बाप से बात कर लेते हैं...''
अजय के तो होश उड़ गये...उसने ये एक्सपेक्ट ही नही किया था ... मतलब
प्राची के बारे में उसने मन में सोचा तो बहुत कुछ था, पर शादी का
आइडिया दिमाग़ में नही आया था कभी...
वैसे उसमे कोई कमी नही थी...जवान थी, खूबसूरत थी...और वो लोग भी
पंजाबी ही थे अजय की तरह...पर उसने इतनी जल्दी शादी करने की सोची नही थी...
पर अभी शादी नही की तो कब करेगा...आज तक वो सिर्फ़ दूर से ही ललचा
कर लड़कियों और भाभियों को देखता रहता था...और उसने नोट भी
किया था की अकेले छड़े लड़के होने की वजह से कई बार गली की भाभियाँ
और लड़कियाँ उससे बात करने से भी कतराती थी...
रजनी : "देखो अजय...तुम मुझे शुरू से ही पसंद थे...बस अपनी बेटी के वापिस आने
का वेट कर रही थी...अब वो जॉब कर रही है, सेट्ल हो गयी है...और सबसे बड़ी
बात वो भी तुम्हे पसंद करती है, मैने उससे पूछ कर ही तुमसे बात की है...वो
हमारी लाडली बेटी है, इतने साल पुणे में रहने के बाद कहीं दूर भेजने का मन
नही है, यहीं पड़ोस में रहेगी तो मेरा भी मन लगा रहेगा और तुम्हारे साथ
रहकर वो अपनी जॉब भी कंटिन्यू रख सकती है...''
एक ही साँस में उसने अपनी पूरी योजना अजय के सामने रख दी...वैसे देखा
जाए तो बात सही भी थी...
अजय के सामने मना करने का कोई कारण नही था....उसने शरमाते हुए हाँ कर दी..
प्राची भी किचन में खड़ी सब देख और सुन रही थी, ये सुनकर उसका चेहरा
भी लाल सुर्ख हो उठा
और कुछ ही दिनों में अजय ने अपने माँ बाप और भाई भाभी को वहाँ
बुलाकर रजनी भाभी की फेमिली और प्राची से मिलवाया..कोई कमी
तो थी नही किसी में भी, इसलिए सब कुछ जल्द ही तय हो गया...और 3
महीने के अंदर ही उन दोनो की शादी भी हो गयी...
ये सब अजय के लिए एक सपने जैसा था..
पर आज था उसकी जिंदगी का वो दिन, जब वो किसी लड़की को पहली
बार चोदेगा ...
यानी उसकी सुहागरात..
अजय जब अपने कमरे मे दाखिल हुआ तो फिल्मी सीन की तरह प्राची बेड पर
घूँघट निकाले बैठी थी...पूरा कमरा फूलों से सज़ा हुआ था...सुहाग की सेज सजी हुई थी...
उसने दरवाजा बंद किया और उसके पास जाकर बैठ गया..
कितना अजीब लग रहा था उसको, इतने दिनों से दोनो एकदुसरे से मिल भी
रहे थे, एक साथ ऑफीस आ-जा भी रहे थे, पर अभी दोनो काफ़ी नर्वस से लग रहे थे..
अजय ने हिम्मत करते हुए उसका घूँघट उठा दिया...खूबसूरती की मूरत लग रही
थी वो...और उसकी आँखे झुकी हुई थी..
अजय ने उसकी ठोडी पर उंगली रखी और उसके चेहरे को उपर किया...और
आगे बढ़कर उसके लबों को चूम लिया..
प्राची अपने आप में सिमट कर रह गयी..और उसके मुँह से गहरी-2 साँसे निकलने लगी..
अजय ने उसे लिटाकर उसके लबों को और चूसना चाहा, तभी प्राची ने उसे रोक दिया.
प्राची : "देखो अजय...एकदम से ये सब शुरू मत करो...गिव मी सम टाइम ....''
अजय समझ गया की वो शायद घबरा रही है....दिल तो उसका भी काफ़ी
तेज धड़क रहा था..ऐसी मस्त बीबी जो मिल गयी थी उसको..
अजय : "ओह...आई एम सॉरी .... मुझे भी एकदम से ये सब नही करना चाहिए...
चलो पहले चेंज करते हैं फिर कुछ बातें कर लेते हैं ...''
प्राची का चेहरा खिल उठा, अजय को अपनी बात मानता देखकर ..और वो
उठकर बाथरूम में चली गयी चेंज करने..
Behtreen updateअब आगे
अजय ने तब तक अपनी शेरवानी उतार कर कुर्ता पायजामा पहन लिया और
बेड पर लेट गया..प्राची भी एक सेक्सी सी रेड कलर की नाइट ड्रेस पहन कर बाहर आ गयी...
और अजय की बगल में आकर लेट गयी...उसकी बाहों में ..
प्राची के नर्म शरीर को अपने से समेटकर अजय का मन फिर से बहकने लगा..पर
फिर भी थोड़ी बहुत बातें करने की फॉरमॅलिटी तो करनी ही थी...इसलिए
कुछ अच्छी बातें जैसे, मैं तेरा ध्यान रखूँगा, कोई प्राब्लम हो तो मुझे
बताना, जो लेना हो ले लिया करना, अजय करता रहा .....और वो चुपचाप
उसकी बातें सुनती रही...
और अंत में वो बोली : "मुझे तुम जैसा समझदार पति मिला, मुझे इस बात की
खुशी है...बस हमेशा मुझे प्यार करते रहना...जैसा की हर एक पत्नी चाहती
है...और हमेशा मेरे ही बन कर रहना...समझे..''
लास्ट का वर्ड समझे उसने थोड़ा डराने वाले अंदाज में बोला था...
अजय : "इसका क्या मतलब है...तुम मुझे धमकी दे रही हो...''
प्राची (मुस्कुराते हुए) : "अब इसे धमकी समझो या कुछ और, पर मेरी ये बात
हमेशा याद रखना, मेरे अलावा किसी और की तरफ देखना आज से बंद...तुम
मेरे हो और सिर्फ़ मेरे बनकर रहोगे...''
उसने अपना अधिकार जताते हुए कहा..
अजय ने मन मे सोचा की मैं तो पहले भी अपनी हद में रहा करता था...और वैसे
भी ये वक़्त ही ऐसा था की वो हाँ करने के सिवा कुछ और कर भी नही
सकता था...
अजय : "जैसा तुम कहो...बस मुझे भी तुम हमेशा खुश रखना...''
उसने आँख मारते हुए प्राची से कहा..
प्राची : "अच्छा जी...अब देखो...मेरे शोना को मैं कैसे खुश करती हू...''
और इतना कहने के बाद वो उसके होंठों पर टूट पड़ी...
ऐसा लग रहा था की
वो पागल सी हो चुकी है...अपनी ब्रेस्ट को उसकी छाती पर रगड़ते हुए वो
उसके बालों में उंगलियाँ फेराती हुई अजय के होठों को बुरी तरह से चूस रही थी...
वैसे तो उन दोनो ने शादी से पहले भी ऑफीस से आते हुए एक-दो बार
किस की थी..पर आज तो प्राची पर जैसे कोई भूतनी चड गयी थी...
अजय ने अपने हाथों से उसकी गांड को सहलाना शुरू कर दिया...और तब उसे
पता चला की वो तो अपनी पेंटी भी उतार आई है...
अजय ने अपनी
उंगलियाँ उसकी गांड की दरार में उतार दी..
''आआआआअहहssssssssssssssssssssssssssssss ..........
उम्म्म्मममममम...''
उसकी सुलगती हुई सी आवाज़ ने अजय के अरमानो को और भड़का
डाला...और उसने प्राची को बेड पर पटक कर अपना मुँह सीधा उसके मुम्मों
पर रख दिया और नाइट सूट के उपर से ही उसकी ब्रेस्ट पर लगे बटन को मुँह में
लेकर चूसने लगा..
''ऊऊऊऊऊऊओह अजय ................ माई डार्लिंग ..................
उम्म्म्मममममममम......''
और उसने खुद ही धीरे-2 अपनी कुरती की चैन को खोलकर अपनी नंगी ब्रेस्ट
अजय के मुँह में ठूस दी..
ये पहला मौका था अजय के लिए...उसने जी भरकर उन प्यारी सी ब्रेस्ट को
देखा और फिर धीरे-2 अपनी जीभ से उन्हे चाटने लगा...
उसकी जीभ जैसे चुभ सी रही थी प्राची को....उसने ज़बरदस्ती अपना एक
मुम्मा उसके मुँह में ठूसा और ज़ोर से चिल्लाई .. : "बाईट करो अजय
...............खा जाओ इनको ...............''
अजय तो ऐसी गर्म वाइफ पाकर खुद को धन्य सा समझने लगा...उसने तो
सोचा भी नही था की ऐसी चुप-चाप सी रहने वाली लड़की बेड पर इतनी गर्म दिखेगी...
Super updateअजय ने धीरे-2 उसकी नाइट ड्रेस उतार कर साइड में फेंक दी...अब वो बिस्तर
पर पूरी नंगी पड़ी थी...
उसके नंगे जिस्म की खूबसूरती देखकर अजय का लंड बागी सा हो गया..उसने
सोच लिया की आज तो कम से कम 3 बार वो उसकी चुदाई करेगा...अजय ने
भी अपने कपड़े उतारे और कुछ ही देर मे वो भी नंगा खड़ा था...
प्राची ने अजय के लंड की तरफ देखा और शरमाते हुए अपनी नज़रें झुका
ली...वो काफी बड़ा था
अजय उसके पास पहुँचा और अपने लंड को उसके हाथ में पकड़ा दिया...वो उसे
उपर नीचे करने लगी..फिर अजय ने उसके सिर पर दबाव डालकर उसे नीचे जाने
के लिए कहा...प्राची ने उसके लंड को हिलाना बंद कर दिया और धीरे से
बोली : "अजय...प्लीज़....ये मत करवाओ मुझसे...मैने मूवीस में भी देखा है...मुझे
वो देखकर ही घिंन सी आती थी...करना तो दूर की बात है...प्लीज़ समझा करो...''
बेचारे अजय के दिल की तमन्ना टूट कर रह गयी....उसने तो सोचा हुआ था की
शादी के बाद रोज रात को अपना लंड चुस्वाएगा...सुबह उसकी बीबी उसके
लंड को चूसकर उसे उठाएगी...और उन पाँच दिनों में वो उसके लंड को चूस्कर
ही झाड़ दिया करेगी...पर वो सब सपने एक झटके में टूट से गये...
उसने मन में सोचा, चलो कोई बात नही, शायद बाद में उसे ये सब अच्छा लगने लगे..
और उसकी इच्छा ये भी हुआ करती थी की वो भी दिन रात अपनी बीबी
की चूत चूसेगा...पर अब उसे ये भी डर लगने लगा की कहीं उसके लिए भी वो
मना ना कर दे..फिर भी डरते-2 उसने पूछा : "क्या मैं सक्क कर सकता हू
तुम्हे...यहाँ पर...'' अजय ने उसकी चूत पर हाथ रखते हुए पूछा
अजय की बात सुनकर प्राची एक बार फिर से शरमा गयी...और धीरे से
बोली : "मुझे नही पता....वो तुम देख लो...''
यानी वो तैयार थी...कितनी ग़लत बात है ...ये लड़कियां कितनी चालू
होती हैं, सिर्फ अपने मजे की बात इन्हे समझ में आती है ,उसका तो वो चूस
नही रही थी,अपनी चुसवाने के लिए तैयार थी... लेकिन उसने इस समय इस
बात का इश्यू बनाने की नही सोची और उसकी टांगे चौड़ी करके उनके बीच
लेट गया..
अब उसकी आँखो के सामने थी प्राची की कुँवारी और सफाचत चूत ..
और धीरे से उसने अपनी जीभ को उसकी भाप छोड़ती चूत से टच करवाया..
''आआआआआआआआहह ................... म्*म्म्मममममममममम ...... अजय ............''
और वो अपनी टांगो को पकडे उसे अपनी चूत में डुबकी लगाते हुए देखने लगी
अजय ने अपने होंठ खोलकर उसकी चूत को पूरा अपने कब्ज़े में ले लिया और
उसके साथ फ्रेंच किस्स करने लगा..इतना मज़ा मिल रहा था उसे, बड़ी
भीनी-2 सी महक आ रही थी उसकी चूत से...अजय ने अपनी जीभ को
जितना हो सकता था बाहर निकाला और उसकी चूत की परतें खोलकर
जीभ को अंदर धकेल दिया..
प्राची के लिए ये पहला मौका था जब कोई चीज़ उसके अंदर जा रही
थी...वो सिसक उठी...और अपनी टांगे उसने अजय की गर्दन में लपेट कर उसे
बुरी तरह से जकड़ लिया...जैसे रेसलिंग चल रही हो दोनों के बीच...
अजय ने अपना मुँह बाहर निकाला और बोला : "कैसा लग रहा है....''
प्राची ने बेड की चादर को पकड़ा और चिल्लाई ''आआआआआआअहह अजय
.................. उम्म्म्ममममममममममम .... बहुत अच्छा ....और करो..........''
अजय फिर से उसकी चूत की खुदाई करने में जुट गया..
और कुछ ही देर में उसने अपने मुँह से उसकी चूत को पूरा सींच दिया...अब वो
अगले कदम के लिए तैयार थी..
अजय थोड़ा उपर उठा और घुटनो के बल बैठ गया...और उसकी चूत पर अपना
लंड रगड़ा ..और धीरे-2 उसके छेद में फंसाया और हल्का धक्का मारकर अंदर
दाखिल हो गया
''आआआआअहह धीरे करो प्लीज......''
उसकी इतनी कहने की देर थी की अजय ने एक जोरदार झटका मारा...और
उसका लंड प्राची की चूत की सील तोड़ता हुआ अंदर दाखिल हो गया..
''आआआआआआययययययययययीीईईईईईईईईईईईई ......... मररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर गयी
.............. अहह ...''
वो दर्द से बिलख उठी...
अजय थोड़ा सा रुक गया...प्राची को सच में काफ़ी दर्द हो रहा
था...उसकी आँख से आँसू निकल रहे थे..
भले ही अजय का ये पहला मौका था, पर इंटरनेट और फ्रेंड्स ने अच्छी तरह
समझा दिया था की कैसे क्या करना है
अजय ने उसे चुप कराया...उसके गालों को चूमा...और फिर थोड़ी देर बाद
फिर से हिलाने लगा अपना लंड ...
अब वो चिल्ला तो नही रही थी...पर उसका शरीर अभी भी अकड़ा सा हुआ था...
इस बार अजय उसके ऊपर पूरा लेटकर अपने लंड से उसे हुमच -2 कर चोद रहा था
और फिर अजय ने धीरे-2 धक्को की स्पीड बड़ा दी...और अंत में जोरदार
झटके मारता हुआ वो उसके अंदर ही झड़ गया..
उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया..
पर वो ये देखकर हैरान रह गया की उसके लंड पर प्राची की चूत का खून नही
लगा था...
उसने प्राची की तरफ देखा, वो भी हैरान हो रही थी...और डर भी रही थी
की कहीं अजय उसपर कोई शक तो नही कर रहा ..
अजय भी उसके रुंआसे चेहरे को देखकर समझ गया की वो क्या सोच रही है...
अजय : "इट्स ओके प्राची ....ब्लड निकलना ही सबूत नही होता वर्जिनिटी
का, और ज़रूरी नही होता फर्स्ट टाइम पर ये निकलता ही है.....आजकल तो
अंदर की झिल्ली खेल कूद में या जॉगिंग करने से भी फट जाती है....आई ट्रस्ट यू ...''
अपने पति की समझदारी भरी बात सुनकर प्राची थोड़ा नॉर्मल हुई...और
दोनो एक दूसरे से लिपट कर सो गए...
उसके बाद अजय ने दोबारा कोशिश नही की, क्योंकि पहली चुदाई से
अभी तक उसकी चूत सूजी हुई थी...
दोनो ऐसे ही नंगे एक दूसरे से लिपट कर सो गये.
Shaandar updateकुछ ही दिनों में उसके घर वाले गाँव चले गये...और वो और प्राची अपनी
मैरिड लाइफ में खो गये..
अजय को ज़्यादा छुट्टी नही मिली थी शादी पर, इसलिए वो दोनों कही
हनीमून पर नही जा सके...पर उन्होने सोच लिया था की 2 महीने बाद वो ज़रूर घूमने जाएँगे..
अजय की सास यानी रजनी भाभी, जिसे अजय ने अभी तक मम्मी कहना
शुरू नही किया था, वो उनके लिए रात का खाना बना कर रखती थी,
क्योंकि ऑफीस से आने के बाद प्राची में इतनी हिम्मत नही रहती थी की
वो कुछ बना सके...
और वैसे भी उसे कुछ ज़्यादा खाना बनाना नही आता था..अजय ने शुरू -2 में
तो काफ़ी मना किया पर वो ज़बरदस्ती उनके लिए खाना बना देती
थी..और हमेशा यही कहती थी की अब वो भी उनके घर का ही एक हिस्सा है..
ऐसे ही एक दिन जब ऑफीस से आने में ,ट्रैफिक की वजह से दोनों को लेट हो
गया तो वो उनके घर 10 बजे के आस पास पहुँचे...सभी सो चुके थे, सिर्फ़ रजनी
भाभी जाग रही थी..उन दोनों को खाना खिलाने के लिए..और अजय ने
उन्हे पहली बार गाउन में देखा..
उन्होने पिंक कलर का गाउन पहना हुआ था, जो काफ़ी महीन सा था...और
किचन की रोशनी में वो उनके शरीर को अंदर तक देख पा रहा था..वैसे तो
आजकल लगभग रोज ही वो प्राची की लेता था..पर फिर भी उसे वही दिन
याद आ गये जब शादी से पहले वो रजनी भाभी के इसी रसीले शरीर का दीवाना था...
उसके लंड ने अंगड़ाई लेनी शुरू कर दी..और प्राची से नज़रें चुरा-चुराकर वो
उसकी माँ को निहारने लगा..उसके अंदर वही ठरकी इंसान जाग उठा जो
ऐसे माल को देखकर मन में ख्याली पुलाव बनाना शुरू कर देता है
खाना खाने के बाद वो जब अपने बेडरूम में गये तो अजय ने उसे नंगा करके बुरी
तरह से चोदा ...
और वो जबरदस्त चुदाई अपनी सेक्सी सास को सोचकर की
थी उसने...
और फिर उसने मन मे सोच लिया की अब उसके दिल की इच्छा पूरी करने का
वक़्त आ गया है...और अपनी इच्छा को पूरा करने के लिए उसके दिमाग़ में
प्लान बनने शुरू हो गये.
अगले दिन प्राची के ऑफीस में ऑडिट था, इसलिए उसको जल्दी निकलना
था और घर भी लालेट ही आना था...जब तक अजय सोकर उठा, वो जाने के
लिए निकल ही रही थी..उसने अजय को किस्स किया और जल्दी-2
ऑफीस के लिए निकल गयी..
प्राची के जाने के बाद अजय फिर से सो गया..प्राची की वजह से वो हमेशा
ऑफीस टाइम से ही पहुँच जाता था..इसलिए उसने सोचा की आज थोड़ा
और सो लिया जाए और आराम से ऑफीस के लिए निकला जाए..ऐसे कभी-
कभार लेट जाने मे कोई प्राब्लम नही होती..
करीब 9 बजे के आस पास उसकी नींद दोबारा खुली, बाहर का दरवाजा
अभी तक अंदर से बंद नही किया था उसने, इसलिए उसके खुलने की आवाज़
सुनकर वो जाग गया..और कुछ ही देर मे प्राची की माँ अंदर आई...अजय भी
आँखे मलता हुआ लेटा रहा..
रजनी : "अरे अजय, तुम अभी तक सो रहे हो...मैने तो बाहर तुम्हारी गाड़ी
खड़ी देखी,इसलिए सोचा की चलकर देख लू की अभी तक ऑफिस क्यों नहीं
गए ...और तुम तो अभी तक उठे भी नही हो...ऑफीस नही जाना क्या..''
अजय : "बस ऐसे ही...सोचा आज थोड़ा लेट निकलूंगा...''
रजनी ने आस पास बिखरे कपड़े देखे और बोली : "कमरे का हाल तो देखो
क्या बना रखा है तुम लोगो ने...''
और वो झुककर कपड़े समेटने लगी..और कपड़े उठाते हुए रजनी को ये एहसास
हुआ की उसने क्या ग़लती कर दी...क्योंकि नीचे पड़े कपड़ों में पहले तो
उसकी बेटी के कपड़े यानी नाइट गाउन और ब्रा पेंटी आए..और फिर अजय के
कपड़े आए जिनमे उसकी टी शर्ट और पायजामा और फिर बनियान और
जोक्की भी था...
उन्हे उठाते हुए उसे काफ़ी शरम आ रही थी...अब तक वो ये बात भी जान
चुकी थी की अजय इस समय पूरा नंगा होकर सो रहा है...
और अजय ने जब अपना अंडरवीयर उठाते हुए उन्हे देखा तो उसके लंड का रॉकेट
सीधा उपर की तरफ मुँह करके खड़ा हो गया...
क्योंकि उसी अंडरवीयर से
रात को उसने प्राची की चूत सॉफ की थी चुदाई के बाद...और उसपर अभी
तक अजय के वीर्य का गीलापन और चिपचिपापन था..
और झुकने की वजह से रजनी के सूट का गला भी नीचे ढलक आया था और
उनकी भरी हुई छातियाँ ऐसे लटक गयी जैसे डाल पर पके हुए पपीते लटक जाते
हैं और चिल्लाते हैं की आओ और हमे तोड़ लो अब..
पर वो अभी तो उन्हे तोड़ मरोड़ नही सकता था ना..इसलिए हसरत भरी
नज़रों से उन्हे देखता रहा बस..
उसने देखा की रजनी के चेहरे पर एक अजीब सी मुस्कुराहट आ चुकी है..
अजय : "क्या हुआ...आप ऐसे मुस्कुरा क्यो रहे हो...''
रजनी : "नही...बस ऐसे ही...कुछ याद आ गया..''
अजय : "बताइए ना, ऐसा क्या याद आ गया ''
रजनी का चेहरा लाल हो उठा...और वो धीरे से बोली : "बस वो....मुझे भी
अपनी शादी के बाद का टाइम याद आ गया....हम भी ऐसे ही ....छोड़ ना
अजय, मुझे शर्म आ रही है...''
और इतना कहकर वो उन कपड़ो को लेकर बाथरूम में चली गयी और उन्हे मशीन
में डाल दिया..
अजय ने भी सोच लिया की आज ही वो मौका है जब वो उस हुस्न परी के
करीब आ सकता है...उसने तुरंत पास पड़ी चादर लूँगी की तरह लपेटी और ऐसे
ही उठकर बाथरूम की तरफ चल दिया..
वो मशीन में कपड़े डालकर उसे चला रही थी ताकि उसकी बेटी के आने तक
वो सब धुल जाएँ...
उसे रजनी की उभरी हुई गांड इतनी दिलकश लग रही थी की उससे रहा नही
गया और वो आगे बड़ा और उनकी उभरी हुई गांड से सटकर खड़ा हो गया
और एकदम से बोला : "ओहो....आपने तो मेरा अंडरवीयर भी बीच में डाल दिया,
मुझे अभी के लिए तो वही पहनना था ना...''
और ऐसा करते-2 उसने आगे की तरफ झुककर वो अंडरवीयर मशीन में से
निकालना चाहा..मशीन और अजय के बीच खड़ी रजनी पिस्स कर रह गयी..
और अपने पीछे खड़े दामाद के लंड का एहसास भी शायद उसे हो चुका
था,इसलिए हड़बड़ाते हुए वो बोली : "अरे ...वो अब पहनने लायक नही है...रहने
दो उसको...कोई दूसरा पहन लो अभी के लिए...''
और इतना कहकर वो मछली की तरह फिसलकर निकल आई बाहर..
अजय भी बाहर आ गया...उसने देखा की रजनी अपने घर जा रही है
अजय : "अरे,रुकिये तो,मुझे पहले पूरी बात तो बता कर जाइए...''
वो रुक गयी और बोली : "कौन सी बात ??''
''वही, शादी के बाद वाली....''
रजनी : "धत्त , बेशरम....''
और खिलखिलाती हुई सी वो अपने घर की तरफ भाग गयी..
और जाते हुए बोली : "जल्दी नहा कर वहीँ आ जाओ...मैं नाश्ता बना रही हूँ ..''
अजय ने जब अपनी भागती हुई सास की गांड देखी तो उसका मन किया के
वहीं के वहीं मूठ मार ले...पर अब उसके मूठ मारने के दिन जा चुके थे, और अपने
माल को वो ऐसे वेस्ट नहीं करना चाहता था...उसके पास प्राची जैसा गर्म
माल जो था...इसलिए उसने वो माल रात के लिए बचा कर रख लिया..
और जल्दी-2 नहा धोकर ऑफीस के कपड़े पहन कर तैयार हुआ और अपने
ससुराल में जा पहुँचा..दरवाजा खुला ही हुआ था,वो सीधा अंदर आ गया..
रजनी किचन में थी और अजय के लिए नाश्ता बना रही थी...
दूर से ही उसे वही उभरी हुई गांड दिखाई दे गयी और वो फिर से सम्मोहित
सा होकर उसी तरफ चल दिया..
ड्रॉयिंग रूम से किचन की तरफ़ जाते हुए अचानक उसकी नज़र साइड में बने
बेडरूम की तरफ गयी और उसका मुँह खुला का खुला रह गया...
उसकी साली पूजा अभी - 2 नहाकर निकली थी और उसके भरे हुए बदन पर
सिर्फ़ एक टावल ही था...
वो बेड के उपर झुकी हुई थी और अपने टॉप को प्रेस
कर रही थी...ऐसा करते हुए उसकी मोटी-2 जांघे बिल्कुल उपर तक दिख रही थी...
अब एक तरफ उसकी रसीली सास थी, जो किचन में नाश्ता बना रही
थी..और दूसरी तरफ उसकी जवान साली का लगभग नंगा जिस्म..उसके बारे
में तो उसने आजतक कुछ सोचा भी नही था...
वो प्राची से भी ज़्यादा गोरी थी...और भरी हुई भी...
वो सीधा उसके बेडरूम में घुस गया..
और पूजा को शायद किसी के अंदर आने का एहसास हो गया था, पहले तो
उसने सोचा की शायद उसकी माँ ही होगी, क्योंकि इस वक़्त उन दोनो के
अलावा घर पर कोई और था ही नही..
अजय सीधा जाकर उसके पीछे खड़ा हो गया...और उसने अपने लंड वाला
हिस्सा सीधा उसके गीले टावल से टच करा दिया..पहले उसकी माँ की
गांड और अब उसकी बेटी की, एक ही दिन में अजय ने दोनों के गुदाजपन का
मजा ले लिया था
वो झटके से पलटी और अजय को वहाँ खड़ा देखकर वो बोखला सी
गयी...और अपने शरीर को पीछे करती हुई चिल्लाई :
"जीजूऊऊऊउsssssssssssssss आआपपssssssssssssssss ....''
और पीछे तो पलंग था,जिस वजह से वो पीछे तो हो नही पाई बल्कि उसका
बेलेंस और गड़बड़ा गया और वो पीछे की तरफ गिरने लगी, और किसी हीरो
की तरह अजय ने उसकी कमर में हाथ डालकर उसे नीचे गिरने से बचा
लिया...पर अपने टावल की गाँठ को खुलने से पूजा नही बचा सकी..और एक
ही झटके मे उसके बदन से टावल का परदा नीचे ढलकता चला गया और पूजा
उपर से नंगी होकर अजय की बाहों में झूल गयी...नीचे तो उसने पेंटी पहन रखी
थी, पर ऊपर के गोरे -2 पर्वत देखकर अजय की आँखे गोल होकर रह गयी
ऐसा सीन देखकर एक पल के लिए तो अजय की साँसे रुक सी गयी....अपनी
जवान साली के नंगे जिस्म को ऐसे अपनी बाहों में महसूस करेगा ये तो उसने
सोचा भी नही था...