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Incest ठरकी दामाद की हवस

Ek number

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वो भले ही अपने होश खो बैठा था, पर पूजा अपने होश में थी,और गुस्से में
भी, उसने अजय को धक्का दिया और जल्दी से अपनी टी शर्ट उठा कर पहन
ली...अजय तो दूर खड़ा हुआ उस खूबसूरती की मूरत के मुम्मे देखता रह
गया...इतने रसीले और अनछुए से मुम्मे थे उसके की मन कर रहा था की उन्हे
निचोड़ डाले...
पूजा का चेहरा गुस्से से तमतमा रहा था...उसने नीचे तो पेंटी पहनी हुई थी

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पहले से, इसलिए अजय उसकी चूत नही देख पाया...पर उसके बदन से अपनी आँखे
हटाने का नाम नही ले रहा था वो..
पूजा ने जल्दी से अपनी जीन्स भी पहन ली...
पूजा :"जीजू, मुझे आपसे ये उम्मीद नही थी....आप इस तरह से मेरे कमरे में आकर ...''
वो रुंआसी सी हो गयी...
अजय : "अरे, मैने ये सब जान बूझकर नही किया....मैं तो बस अभी आया था
और तुम्हे ऐसे कपड़े प्रेस करते देखकर सोचा की पीछे से आकर तुम्हे डरा दू ...और
उसके बाद तो तुम एकदम से घबरा गयी...और ये टॉवल क्या मैने खोला था
जो ऐसे बोल रही हो...ये तो बस एक्सिडेंट्ली खुल गया...''
पूजा : "पर आपने सब देख भी तो लिया ना...''
अजय : "तो क्या हुआ...तुम मेरी साली हो ना, और साली तो आधी
घरवाली होती है....''
पूजा : "आप बहुत गंदे हो जीजू....जाइए मुझे आपसे कोई बात नही करनी ...''
तभी पीछे से रजनी की आवाज़ आई : "अरे क्या हो गया, अपने जीजू से किस
बात पर नाराज़ हो रही है तू...''
अपनी माँ को वहाँ देखकर वो कुछ कहने ही वाली थी की अजय पहले ही
बोल पड़ा : "हाँ, हाँ बोलो अब...बताओ मैने क्या किया....''
पूजा का चेहरा देखने लायक था...वो कुछ कहना चाहती थी पर कुछ निकल
ही नही रहा था उसके मुँह से...फिर भी वो बोली : "देखो ना माँ ,मेरे रूम में
बिना नॉक करे घुस आए जीजू....''
रजनी ने इस बात पर उसे ही डांट दिया : "तो क्या हुआ, ये भी हमारे घर का
सदस्य है अब...तेरे जीजू है ये...ऐसे नही बोलते, चलो सॉरी बोलो इन्हे...''
अजय : "अरे नही , इसको क्यो डांट रहे हो...जीजा साली के बीच तो ये सब
चलता ही रहता है...''
रजनी : "हाँ , इसमे गुस्सा करने वाली क्या बात है, मेरे जीजू तो पता नही
क्या-2 कर लेते थे मेरे साथ...''
एक बार फिर से अजय की शरारत भरी नज़रें रजनी को घूरने लगी, और रजनी
का चेहरा फिर से लाल हो उठा...पूजा बुदबुदाती हुई वहाँ से बाहर निकल गयी.
अजय धीरे-2 चलता हुआ रजनी के पास आया और बोला : "आपने तो बड़े
किस्से छुपा रखे हैं अपनी जवानी के दिनों के...मुझे भी तो कुछ बताइए...''
रजनी शरमाते हुए बाहर भागी : "बेशरम हो एक नंबर के तुम तो....''
उसके जाने के बाद अजय ने वो गीला टावल उठाया और उसमे से पूजा के
जिस्म की खुश्बू सूंघता हुआ बोला : "बेशरम नही , ठरकी हूँ मैं ....ठरकी ...'
और फिर वो बाहर चल दिया..उसे अपनी रूठी हुई साली को भी तो
मनाना था..
अजय बाहर निकल आया और सोफे पर बैठी पूजा के पास आकर बैठ गया,
रजनी उनके लिए नाश्ता बनाने फिर से किचन मे चली गयी.
अजय : "अरे बाबा, अब इतना भी क्या नाराज़ होना अपने जीजा से...ये
लो, मैं माफी माँगता हूँ तुमसे, कान पकड़कर ..अब ठीक है...''
पूजा ने उसकी तरफ देखा और अजय के भोले से चेहरे को देखकर उसकी भी
हँसी निकल गयी...और ये भी भूल गयी की अभी कुछ देर पहले यही भोले चेहरे
वाला उसे टॉपलेस देख रहा था..
पूजा : "बट आपको प्रोमिस करना होगा की आप आगे से कभी भी ऐसा
नही करेंगे..''
अजय : "प्रॉमिस...अगर तुम खुद भी ऐसे टॉपलेस होकर मेरे सामने आ गयी तो
मैं अपनी आँखे बंद कर लूँगा...''
पूजा (अपनी आँखे नचाते हुए) : "ओये होये, बड़े शरीफ हो ना, इतना तो मुझे
भी मालूम है, अगर मैं ऐसे खुद ही आपके सामने आ गयी ना, तो टूट पड़ोगे मेरे
उपर आप...''
अजय : "तो ट्राइ कर लो ....आकर दिखाओ ऐसे ही एक बार फिर से ...देखते हैं
की मुझसे सब्र होता है या नही...''
पूजा का चेहरा देखने लायक था, बेचारी अपनी ही बात में खुद ही फँस गयी थी..
पूजा : "देखो जीजू, आप फिर से शुरू हो गये....''
अजय (फिर से कान पकड़कर) : "ओके बाबा ....अब नही....तुम चाहो तो मुझे
इसके लिए कोई सज़ा दे दो...''
उसकी ये बात सुनकर पूजा का चेहरा एकदम से खिल उठा..और वो तपाक से
बोली : "शॉपिंग..''
अजय : "हाँ हाँ क्यों नही ..चलो अभी चलते हैं ..''
पूजा : "और आपका ऑफीस ..."
अजय ने बड़े स्टाइल से अपना फोन निकाला और एक नंबर लगाकर बोला :
"सुनो दीपक, मैं आज ऑफीस नही आ सकूँगा...मुझे अपनी साली को
शॉपिंग करवाने ले जाना है...बॉस को बोल देना..बाइ''
उसकी ये बात सुनकर पूजा इतनी इंप्रेस हुई की एकदम से उछलकर वो अजय के
गले से जा लगी..और अजय ने भी उसकी कमर मे हाथ डालकर उसकी छाती के
नरम हिस्से को अपनी चेस्ट से लगा कर ज़ोर से भींच दिया..पूजा के मुँह से एक
आह्ह्ह निकल गयी..



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तभी पीछे से रजनी की आवाज़ आई : "तो हो गयी सुलह जीजा-साली में ...हम्म्म ...''
दोनो बेचारे ऐसे अलग हुए जैसे दोनो की चोरी पकड़ी गयी हो...
और रजनी मंद-2 मुस्कुराते हुए उनके लिए नाश्ता लगाकर चली गयी.अजय
यही सोचता रह गया की उसकी सास ने कोई इश्यू क्यों नही बनाया इस
बात का..
खैर, उसके बाद सभी ने मिलकर नाश्ता किया और पूजा ने कहा की वो
अजय के साथ शॉपिंग जा रही है,रजनी ने भी कुछ नही कहा और कुछ ही देर
में अजय और पूजा उसकी गाड़ी मे बैठकर एक बड़े से माल की तरफ चल दिए.
पूजा ने रेड कलर की टी शर्ट पहनी थी और नीचे जीन्स, और टी शर्ट शार्ट में
थी, इसलिए उसकी नाभि वाला हिस्सा बड़े ही सेक्सी तरीके से उजागर
हो रहा था


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आज अजय पूजा को अच्छी तरह से इंप्रेस करना चाहता था, इसलिए उसने
पूजा को कुछ भी लेने की छूट दे दी.
वैसे तो वो अपनी बीबी प्राची को भी खुलकर शॉपिंग करवाता था पर
आज बात कुछ और थी...अपनी शॉपिंग के बदले वो पूजा और अपने बीच की
उस दूरी को मिटाना चाहता था जिसे पूजा अच्छा नही मानती थी.
वो दोनों करीब 3 घंटे तक शॉपिंग करते रहे , और पूजा ने अपनी पसंद का
काफी सामान भी लिया
वो एक बड़े से शोरुम से निकल ही रहे थे की अचानक पूजा ने चौंकते हुए कहा :
"ओह्हो ये सोनी की बच्ची को यहीं पर आना था...''
अजय ने भी उस तरफ देखा जहाँ पूजा की नज़रें थी, तो उसकी आँखे फटी की
फटी रह गयी...एक लंबी और सेक्सी सी लड़की एक चूज़े जैसे लड़के के साथ घूम
रही थी, दोनो ने एक दूसरे की बाहों मे बाहें डाली घूई थी..लड़का तो झंडू
सा था पर वो लड़की पटाखा थी एकदम...रंग बिल्कुल सांवला सा था पर
उसके हर डिपार्टमेंट में काफ़ी माल भरा हुआ था, छातियाँ लगभग 36 की
थी...एकदम टाइट..और उसपर उसने जो टॉप पहना हुआ था वो भी सिर्फ
पतली डोरी पर ही टिका हुआ था ...और नीचे उसने एक लॉन्ग स्कर्ट पहनी
हुई थी जिसके साइड में कट था जिसमे से उसकी गुदाज और मांसल टांग पूरी
नंगी थी... और नीचे लॉन्ग बूट..... उसकी जांघों की मांसपेशिया चलने से
अलग ही चमक रही थी...और पीछे की तरफ निकली हुई उसकी गांड भी
काफी बड़ी थी और उसकी आँखे बड़ी ही सेक्सी थी ...


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बॉडी पर काफी टैटू
भी बनवा रखे थे उसने जिसकी वजह से वो बहुत सेक्सी लग रही थी , ऐसा लग
रहा था की जैसे कोई मॉडेल रेम्प वॉक से निकलकर सीधा वहाँ आ गयी
है..ब्लैक ब्यूटी लग रही थी वो...
अजय को ऐसे बिना पलकें झपकाए उस तरफ देखते हुए पाकर पूजा ने उसे
आवाज़ दी : "जीजू.....ओ जीजू .... कहाँ खो गये...सच में आप मर्दों को तो
बस कोई लड़की दिखनी चाहिए....लार निकलने लग जाती है बस...''
अजय ने झेंपटे हुए अपनी नज़रें पूजा की तरफ कर ली..
पूजा : "वो मेरी क्लासमेट है...सोनी ...और वो उसका बाय्फ्रेंड है...शायद...''
अजय : "शायद ..??''
पूजा : "हाँ , शायद, क्योंकि मैने भी आज पहली बार ही इस लड़के को देखा
है....सोनी ने बताया था की कॉलेज के बाहर का है उसका ये बाय्फ्रेंड...''
अजय : "तो चलो ना...मिलते हैं इनसे...आख़िर तुम्हारी क्लासमेट है ...''
ऐसी सेक्सी लड़की से मिलने के लिए कौन नही तड़पेगा ...
पूजा ने उसकी बाजू पकड़ कर उसे रोक दिया और फुसफुसाई : "अर्रे नही
जीजू .....अभी नही मिल सकती मैं ....''
अजय : "क्यों ??..''
पूजा (झिझकते हुए) : "वो ...दरअसल ....कल सोनी ने मुझे बोला था की
उसका बाय्फ्रेंड आ रहा है और मैने भी उसको झूट बोला हुआ था की मेरा
भी एक बाय्फ्रेंड है जो कॉलेज के बाहर का है...तो उसने सजेस्ट किया था
की आज हम सभी मूवी चलते हैं...मैने तो बहाना बना कर मना कर दिया...पर
आपके साथ अचानक शॉपिंग का प्रोग्राम बना तो मुझे इसके बारे में याद
ही नही रहा...और ये पागल यहीं पर मिल गयी....चलो ना जीजू कहीं और
चलते हैं..''
अजय : "ज़रा सी है नही तू और इन चक्करों में पड़ी है , तेरी दीदी को बोल
दिया ना तो अच्छी तरह से खबर लेगी वो...''
पूजा : "वो तो घर की बात है जीजू, अभी तो चलो, मुझे इसके सामने एम्बेरस
नही होना अभी...''
अजय बेचारा मन मारकर रह गया, और अपनी साली की बात मानकर
पलटकर माल से बाहर की तरफ चल दिया.वैसे भी वो एक ही दिन में
दोबारा उसे नाराज नहीं करना चाहता था
और तभी उन्हे पीछे से आवाज़ सुनाई दी
''अरे , पूजा....तू यहाँ .....''
पूजा ने अपनी आँखे भींच ली और बुदबुदाई ''मर गयी....''
और फिर हंसते हुए एकदम से पलटी और सोनी को देखकर चौंकने का नाटक
करती हुई बोली : "सोनी ....तू यहाँ ....ओह्ह माय गॉड ....आई कांट बिलीव इट ....''
और वो भागती हुई गयी और उससे लिपट गयी..
सोनी की नज़रें अजय को घूर रही थी...और उसके साथ उसका उल्लू जैसा बी
एफ बेचारा कुछ समझने की कोशिश कर रहा था..
सोनी : "यू लॉयर , तूने तो मना करा था, फिर कैसे आ गयी...''
पूजा : "अरे नही, ऐसा कुछ नही है...दरअसल ...चल छोड़, वो बाद में बताउंगी ,
इनसे मिल, ये है मेरे.....''
उसकी बात को काटकर अचानक अजय बीच में बोल पड़ा : "हाय , आई एम
अजय, पूजा का बाय्फ्रेंड...''
सोनी की आँखे गोल सी होकर रह गयी, इतना स्मार्ट लड़का और वो भी
इस मोटी सी दिखने वाली पूजा का बाय्फ्रेंड...और उसने झुककर पूजा के
कान में कहा : "ओह्ह माय गॉड पूजी, ही इज़ सो हॉट....''
पूजा बेचारी हैरान परेशान सी अजय को घूर रही थी....उसने तो इस बारे में
सोचा भी नही था की सोनी को ये भी बोल सकती है वो...पर अजय ऐसा
करेगा उसने सोचा भी नही था...वो अपनी आँखे गोल करके उससे इशारों में
पूछ रही थी की ऐसा क्यो किया तुमने..
अजय ने उसकी कमर में हाथ डालकर उसे अपनी तरफ खींचा और उसके कान में
कहा : "मुझे जीजा बताकर कुछ नही मिलता, अपना बाय्फ्रेंड बोलकर कुछ
इंप्रेशन जमाओ अपनी फ्रेंड के उपर...''
पूजा की आँखों में भी चमक आ गयी....वैसे भी आजकल इंप्रेशन का ही
जमाना है...हर कोई एक दूसरे से उपर ही दिखना चाहता है, फिर वो चाहे
ब्रांड हो या बाय्फ्रेंड...
और अजय किसी भी एंगल से शादी शुदा तो लगता ही नही था...और
स्मार्ट तो वो था ही...ऐसा बाय्फ्रेंड देखकर तो किसी भी लड़की को
अपनी फ्रेंड से जलन हो जाएगी..
पूजा ने भी उसका साथ देते हुए कहा : "बस ये अभी फ्री हुआ है, वरना तुमसे
पहले ही मिल चुके होते..''
सोनी तो अपनी आँखे फाड़-फाड़कर अजय को घूरे जा रही थी...वो भी
बोली : "हाँ...कुछ टाइमपास तो होता मेरा भी, मूवी भी बेकार सी
थी...और उपर से इसने भी बोर करके रख दिया...''
सोनी ने बुरा सा मुँह बनाते हुए अपने घोंचू बाय्फ्रेंड की तरफ इशारा
किया..वो बेचारा मुँह नीचे करके रह गया.
अजय समझ गया की सिर्फ पैसों के चक्कर में सोनी ने इसे अपना बी एफ
बनाया हुआ है
पूजा शायद ज़्यादा देर उनके साथ रुकना नही चाहती थी...वो बोली :
"ओके सोनी , हम चलते हैं...मुझे घर भी जल्दी पहुँचना है ....बाय ...कल कॉलेज
में मिलते हैं...''
इतना कहकर पूजा ने अजय की बाजू को अपनी बगल में लपेटा और निकल
गयी...अजय ने भी मौके का फायदा उठाते हुए अपनी कोहनी को उसके
मुम्मे के अंदर घुसा दिया...
पूजा : "जीजू, संभल जाओ...हाथ पकड़ा है,इसका मतलब ये नही की तुम मेरा
ग़लत फायदा उठाओ...''
अजय ने झुककर उसके कान पर किस्स कर दिया और बोला : "मैं तो अपनी
तरफ से सही फायदा उठा रहा हु, तुम्हे गलत लगे तो मैं क्या करूँ , वैसे वो अभी
तक हमें ही देख रही है...कुछ तो रियल लगना चाहिए ना...''
जवाब में पूजा ने एक बार फिर से चिढ़ते हुए अजय के कंधे पर हल्के से चपत लगा
दी..और दूर खड़ी सोनी समझ रही थी की कितना प्यार है इन दोनों में
...कल पता करूँगी इससे की कैसे पटाया इतना स्मार्ट लड़का ...
Zaberjast update
 
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रात को प्राची करीब 9 बजे घर पहुंची , तब तक अजय उनके घर पर ही बैठकर
उसका इन्तजार कर रहा था, पूजा ने बड़े चाव से अपने लाये हुए कपडे अपनी
माँ को दिखाए और बाद में प्राची को भी , प्राची को भी अच्छा लगा
की अजय ने उसकी बहन को आज शॉपिंग करवाई , पर उन दोनों के बीच आज
सुबह से क्या-२ हुआ ये उसे किसी ने नहीं बताया
रात को अपने घर में पहुंचकर अजय ने प्राची को बेड पर पटक दिया ,प्राची
वैसे तो काफी थकी हुई थी, पर फिर भी चुदाई के लिए वो भी मना नहीं कर सकी


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अजय पर तो आज की रात पागलपन सा सवार था, उसे प्राची में कभी तो
पूजा दिखाई दे रही थी और कभी उनकी माँ रजनी और कभी वो ब्लैक
ब्यूटी सोनी , और उसकी इस खतरनाक चुदाई से प्राची को बहुत आनंद मिल
रहा था,
प्राची : "ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अजय , आज क्या खाकर आये हो..... ऐसे तो कभी
नहीं चोदा मुझे पहले ...... ''
अजय ने मन में सोचा ' खाकर नहीं मेरी जान, देखकर आया हूं , तेरी बहन के मुम्मे '
अजय ने ऐसे चोदा उसे की उसकी सारी थकान उतर गयी
और वो दोनों नंगे ही एक दूसरे की बाँहों में सो गए

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Sexy update
 
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अगले दिन संडे था , और एक हफ्ते पहले से ही प्राची और उसके घर वालों ने
पिकनिक का प्रोग्राम बनाया हुआ था , जिसके बारे में सोचते हुए अजय
को कब नींद आ गयी उसे भी पता नहीं चला
रात को अगर चुदाई करके सोया जाए तो काफ़ी अच्छी नींद आती है, यही
हुआ प्राची और अजय के साथ भी, वैसे भी संडे था, इसलिए अलार्म भी
नही बजा उस दिन..करीब 9:30 बजे डोर बेल बजी और नंगी सो रही प्राची
ने झुंझलाते हुए बाहर का दरवाजा खोला.
उसने अपनी नाईट ड्रेस डाल ली, जिसे डालना और ना डालना एक बराबर था

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अजय सोने का नाटक करता रहा, वरना उसे उठना पड़ता दरवाजा खोलने के
लिए.वो भी सोचने लगा की इतनी सुबह -2 कौन आ गया.
और कुछ ही देर मे प्राची और पूजा बातें करती हुई अंदर आ गयी..अजय ने
सिर्फ़ अपना बॉक्सर पहना हुआ था और वो तकिये को अपनी टांगो के
बीच दबा कर सो रहा था.
पूजा : "दीदी, आप लोगो को पता तो था की आज पिक्निक पर जाना है
फिर भी अब तक सो रहे हैं...मुझे पता था यही हो रहा होगा यहाँ, इसलिए
मैं खुद उठाने के लिए चली आई...''
प्राची भी अपनी आँखे मलती हुई वापिस आकर बिस्तर पर लेट गयी..
प्राची : "यार पूजा, तंग मत कर ना ....कल पूरा दिन इतना काम किया और
रात को भी सोते -2 एक बज गया..''
पूजा की आँखो मे शरारत उभर आई, वो बोली : "ऐसा क्या करते रहे आप
लोग रात के 1 बजे तक...डिन्नर करके तो आप 11 बजे ही आ गये थे..''
प्राची भी शरमा गयी की ये क्या निकल गया उसके मुँह से, वो बोली : "शट
अप पूजा, क्या बोल रही है तू...''
पूजा : "मेरे कहने का मतलब है की जब आप इतना ही थक गये थे तो अपना
वाला प्रोग्राम करना ज़रूरी था क्या...''
प्राची : "बच्चू , जब तेरी शादी होगी ना, तब पूछूंगी तुझसे...ये शुरू के दिन
होते ही इतने मस्त है...इन दिनों में तो जिस दिन ना करो , उस दिन अजीब
लगता है...''
पूजा : "अच्छा दीदी...वाउ....अब मुझे क्या पता ये सब...ये तो शादी के बाद
ही पता चलेगा ना..''
अपना मायूस सा चेहरा बना कर वो बड़े ही भोलेपन से बोली
उन दोनो को तो यही लग रहा था की अजय गहरी नींद में सोया हुआ है..पर
वो कमीना उनकी हर बात को सुनकर मज़े ले रहा था.
और पूजा की बात सुनकर उसने मन मे कहा 'मेरी जान, तू कहे तो शादी से
पहले ही तुझे पता करवा देता हूँ की चुदाई कितनी मजेदार होती है...'
पर वो उनकी बातें सुनकर यही सोच रहा था की शायद उसे आज कुछ मजेदार
बातें सुनने को मिल जाएँ इन बहनों की...
कुछ देर की चुप्पी के बाद पूजा बोली : "दीदी.....वैसे एक बात पुछू
आपसे...बुरा तो नही मानेंगी ना...''
प्राची : "पूछ ...''
पूजा : "दीदी....वो ...आप क्या रोज ये, उम्म्म मेरा मतलब सेक्स....करती हो...''
अजय का लंड तड़प उठा अपनी साली के मुँह से सेक्स वर्ड सुनकर..
प्राची ने अपनी आँखे खोल दी और उठकर बैठ गयी : "तू क्यों पूछ रही है ये
सब...तुझसे मतलब...''
पूजा :"बस दीदी, अपनी नॉलेज के लिए...अभी आपने कहा ना की जिस
दिन ना करो तो अजीब लगता है...मुझे बस पता करना था की आपका भी
रोज मन करता है या सिर्फ़ जीजाजी ही ऐसे हैं ..''
प्राची ने आँखे तरेर कर पूछा : "तेरे जीजाजी ऐसे है,ये तू कैसे जानती है...''
पूजा : "बस ऐसे ही गेस किया...वैसे देखने में इतने स्मार्ट है..और थोड़े बहुत
ठरकी भी लगते हैं मुझे तो ये...इनकी बातों से अंदाज़ा लगाया मैने...''
अब तो प्राची के एंटिना खड़े हो गये...और सोए हुए अजय की भी गांड फटने
को हो गयी...वो सोचने लगा की कहीं ये पागल की बच्ची कल वाली
बात ना बता दे प्राची को..
प्राची : "कौनसी ऐसी बातें कर दी अजय ने तेरे साथ...ज़रा मुझे भी तो बता....''
शायद प्राची को लग रहा था की कल शॉपिंग पर लेजाकर अजय ने कुछ
बदतमीजी करी है पूजा के साथ
पूजा : "वो बस ऐसे ही दीदी.....कल शॉपिंग पर गये थे ना...तो मैने नोट
किया था...वो मेरी सहेली है ना सोनी, वो मिली थी , उसे तो ऐसे देख रहे
थे जैसे आँखो ही आँखो से उसे खा जाएँगे...''
प्राची : "तू सोनी का तो नाम ही ना लिया कर मेरे सामने, उसके कपड़े
पहनने का ढंग मुझे बिल्कुल पसंद नही है, ये बात मैने भी तुझे बोली थी तुझे एक
बार ..उसे तो हर कोई खा जाने वाली नज़रों से देखता है...अजय का इसमे
क्या कसूर...''
प्राची ने समझदार बीबी की तरह अपने पति का बचाव किया.
पूजा : ''नही दीदी, इन मर्दों पर इतना भी अंध्विश्वास नही करना
चाहिए...सोते आपके साथ है और सपने किसी और के देखते हैं...''
अब तो अजय की झांटे सुलग उठी, पता नही पूजा को एकदम से ये क्या हो
गया था , उसकी पोल पट्टी खोलने में क्यो लगी थी वो, बिना वजह क्यों
प्राची को भड़का रही थी ...
अब इससे पहले की वो सुबह वाली टॉपलेस होने वाली बात भी बता दे,
अजय ने नींद मे सोते हुए ही धीरे से कहा : "उम्म्म्मम....माय डार्लिंग प्राची
.....आई लव यू ...''
और अपने तकिये को चूमकर वो फिर से खर्राटे भरने लगा.
प्राची और पूजा दोनो ने उसकी ये हरकत देखी और प्राची ने पूजा से कहा :
"देख लिया...मेरा पति सोता भी मेरे साथ है और सपने भी मेरे ही लेता है...''
पूजा : "ओहो दीदी....मैने जीजू के बारे में तो ऐसा कहा ही नही...मैं तो बस
जनरल बात कर रही थी...''
प्राची : "ओहो, कह तो ऐसे रही है जैसे सारी दुनिया के मर्दों पर पीएचडी
कर ली है तूने...चल अब तू घर जाकर नाश्ता तैयार कर, मैं नहाने जा रही हूँ ..''
और अपनी बिना पेंटी की गांड मटकाती हुई प्राची बाथरूम की तरफ भाग
गयी...शायद प्रेशर भी बन चुका था उसके अंदर..
पूजा भी जाने के लिए पलटी और फिर ना जाने क्या सोचकर वापिस बेड
तक आई...और बेड के उपर चड़कर अजय के बिल्कुल पास आ गयी...और गोर से
उसे सोता हुआ देखकर बुदबुदाई : "अपनी पत्नी के सामने तो बड़ी अच्छी इमेज
बना रखी है जीजू आपने...पर आप हो कितने शैतान ये सिर्फ़ मैं जानती हूँ ..''
उसने इतना बोला ही था की अजय ने एक झटके से अपनी आँखे खोल
दी...खर्राटे मारकर सो रहे अजय को ऐसे एकदम से उठा हुआ देखकर पूजा
भोचक्की रह गयी...और उसे समझते देर नही लगी की वो सो नही रहा
था...यानी उसने प्राची और उसके बीच की सारी बातें भी सुन ली है..
और इस बात का एहसास होते ही वो दौड़ती हुई घर से बाहर निकल गयी...
एक घंटे बाद अजय और प्राची तैयार होकर उनके घर आ गये, सबने मिलकर
नाश्ता किया..पर पूजा चुपचाप ही थी अब..ऐसे रंगे हाथों पकड़े जाने के
बाद अपने जीजू से आँखे मिलाने की भी हिम्मत नही हो रही थी उसकी..
अजय की कार में सभी पिक्निक के लिए निकल पड़े...इंडिया गेट के आस
पास बने पार्क में जाने का प्रोग्राम था उनका..हल्की फुल्की धूप
निकली थी आज 2 दिन की बारिश के बाद, इसलिए मौसम काफ़ी सुहाना
लग रहा था.
वहाँ जाकर सभी चादर पर अपना समान रखकर बैठ गये...कुछ स्नेक्स खाने के
बाद बेडमिन्टन खेलने लगे...अजय ने सबके साथ खेला, पूजा के साथ भी...और
सभी को हराया भी..वो काफ़ी फुर्तीला जो था...
पर अपनी सास रजनी के साथ खेलते हुए तो उसका ध्यान काफ़ी भटका,
उसकी नज़रें उनके उछल रहे बूब्स से हट ही नही रही थी...और अजय को ऐसे
अपनी माँ की तरफ घूरते देखकर दूर बैठी पूजा जलभुन रही थी...शायद सोच
रही होगी की इस ठरकी की नज़र उसकी माँ पर भी है क्या अब..
फिर अजय वापिस आकर बैठ गया, पूजा के साथ और प्राची और उसकी माँ
खेलने लगे...उनके पापा रेफ़री बने हुए थे.
अब अजय ने बात शुरू करने की सोची
अजय : "बड़ा भड़काया जा रहा था अपनी दीदी को मेरे बारे में ...''
पूजा : "तो आपने सब सुन लिया...''
अजय : "हाँ , मेरी नींद तो तभी से खुली हुई थी जब तुमने बेल बजाई...''
पूजा : "ऐसे लड़कियो की बातें सुनना अच्छी बात नही होती''
अजय : "और ऐसे अपने जीजू की शिकायत करना भी अच्छी बात नही
होती..ख़ासकर तब जब मैने तुम्हारी मदद की थी कल''
उसने सोनी के सामने अपने बाय्फ्रेंड होने वाली बात याद दिलाई.
पूजा : "वो तो मैं ऐसे ही कह रही थी...बस देखना चाहती थी की दीदी को
आपके उपर कितना विश्वास है..''
अजय : "हर बीबी शक्की होती है, मेरी भी है, और तुम्हारी ऐसी बातों से
हमारी पर्सनल लाइफ पर क्या फ़र्क पड़ेगा इसका अंदाज़ा है क्या
तुम्हे...तलाक़ करवाना चाहती हो क्या तुम हमारा..''
ये बात अजय ने थोड़े कठोर स्वर मे बोली..
और ये बात सुनकर पूजा सहम सी गयी...और रुंआसी सी होकर बस इतना ही
बोली : "सॉरी जीजू...वो बस...मेरे मुँह से निकल गयी वो बातें...अब से ऐसा
नही करूँगी...प्रोमिस...''
अजय भी जानबूझकर उसे ये सब बोल रहा था ताकि फिर से वो ऐसी बात
करके उसके लिए कोई मुसीबत ना पैदा कर दे..
अंधेरा सा हो चुका था और वो उस जगह से थोड़ा दूर ही बैठे थे, जहाँ वो
लोग बेडमींटन खेल रहे थे...अजय को एक शरारत सूझी और वो तोड़ा आगे हुआ
और उसने सिर झुका कर बैठी हुई पूजा के होंठों को चूम लिया.
सुबकती हुई पूजा भोचक्की सी रह गयी...उसने शायद अजय से इस बात की
उम्मीद भी नहीं की थी...
वो गुस्से मे बोली : "ये क्या कर रहे हो जीजू...''
और फिर अपनी माँ और बहन की तरफ मुँह करके बोली : "अभी दीदी को
बताती हू आपकी ये गंदी हरकत...''
अजय : "मैं तो बस चेक कर रहा था की तुमने जो अभी बोला वो सच में बोला
या ऐसे ही...''
पूजा बेचारी अपने दाँत पीसकर रह गयी...वो समझ गयी की ये उसका जीजू
बड़ी पहुँची हुई चीज़ है...वो उसकी बहन के साथ बने रिश्ते की आड़ मे उसके
साथ कुछ भी कर सकता है...पर उसने भी मन में सोच लिया की अपने साथ
कुछ ग़लत वो हरगिज़ नही होने देगी...
पर उसके ऐसा सोचने का अजय के उपर कोई असर नही था...वो भी अब अपनी
पर आ चुका था..और अब खुलकर हर खेल खेलना चाहता था.
कुछ ही देर मे सभी बेडमिंटन खेलकर वापिस आ गये, इसलिए अजय को कुछ
और करने का मौका नही मिल सका..सभी खाने पीने में फिर से बिजी हो
गये, पर पूजा का ध्यान कहीं और ही था, जब से अजय ने उसे वो किस्स
किया था तब से उसका ध्यान कहीं और ही चला गया था, वैसे तो वो
हॉस्टल रहकर आई थी, खुले में माहौल में रहने के बाद भी उसकी हिम्मत नही
होती थी किसी लड़के के साथ बाहर जाने की या दोस्ती करने की, बड़ी
डरपोक किस्म की लड़की थी वो..किस्स तो दूर की बात उसने किसी का
हाथ भी पकड़ कर नही देखा था..पर हर लड़की की तरह वो भी चाहती थी
की उसका भी बाय्फ्रेंड हो, इसलिए अपनी फ्रेंड को भी उसने झूट बोल
दिया था की उसका भी बाय्फ्रेंड है, और अजय को अपना बाय्फ्रेंड
बोलकर मिलवा भी दिया था.
और उसकी सहेलियाँ अक्सर अपने प्यार की बातें और रंगीन किस्से उसे
सुनाती रहती थी...और ये सुन-सुनकर उसका भी ऐसे मज़े लेने का मन करने लग
गया था.. और अभी जब अजय ने उसे एकदम से किस्स किया तो कुछ देर के
लिए तो वो समझ ही नही पाई की ये क्या हुआ..ये उसकी जिंदगी की
पहली किस्स थी और करी भी किसने, उसके खुद के जीजाजी ने..उसका मन
बड़ी दुविधा मे फँसा हुआ था, पर एक बात तो पक्की थी, उसे अपने जीजू
की ये हरकत बिल्कुल भी अच्छी नही लगी थी, पर महसूस करके जो रोमांच
महसूस हुआ वो अलग ही था.
अजय भी दूर से पूजा को देखकर ये अंदाज़ा लगाने की कोशिश कर रहा था
की वो क्या सोच रही है, इतना तो वो जानता ही था की उसने जो हरकत
अभी उसके साथ की है, वो ज़रूर उसके बारे में ही सोच रही है...चलो जो भी
है, उसने तो अपनी तरफ से शुरूवात कर ही दी थी.
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अगले कुछ दिनों तक कुछ ख़ास नही हुआ...बस अजय अपनी साली और सास
के बारे में सोच-सोचकर अपनी बीबी की जमकर चुदाई करता रहा .

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एक दिन प्राची ने बताया की उनके घर उसकी मौसी-मौसा आ रहे हैं, वो
मुंबई में रहते हैं और साल में 1-2 चक्कर लग ही जाते हैं उनके..
उनके बारे में सुनते ही अजय के कान खड़े हो गये, मौसा जी यानी उसकी
सास के जीजाजी..उसे उस दिन की बात याद आ गयी जब उसने कहा था
की वो तो पता नही क्या-2 कर लेती थी अपने जीजा के साथ..
बस, उसने सोच लिया की इस बार उन्हे कुछ ऐसा करते ज़रूर देखेगा जिसकी
चर्चा उसकी सासू माँ कर रही थी.
सॅटर्डे मॉर्निंग में वो आ गये, वीकेंड था इसलिए अजय और प्राची दोनो की
छुट्टी थी..और इन दो दिनों तक ही रुकना था उन्हे भी.
अजय ने उन्हे अपनी शादी पर ही देखा था बस, पर उस वक़्त के देखे रिश्तेदार
ज़्यादा याद नही रहते, अब उन्हे सही से देखा उसने.
दोनो की उम्र उसकी सास के आस पास ही थी, मौसाजी तो थोड़े जवान
से लग रहे थे,

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शायद मुंबई में रहने की वजह से थोड़ा बहुत हीरो स्टाइल आ गया
था उनमे..उनकी बेटी रिया भी साथ आई थी जो पूजा से भी छोटी
थी...


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वैसे तो उसके ससुराल में काफ़ी कमरे थे पर प्राची ने ज़बरदस्ती करके उन्हे
अपने घर पर रुकवा लिया..उसकी अपनी मौसी से बड़ी अच्छी बनती थी..
मौसी देखने में बिल्कुल विद्या बालन जैसी थी,
भरी हुई सी, गोल मटोल
नितंब और मुम्मे ...उनके कुल्हों की थिरकन देखकर अजय को बड़ा मज़ा आता
था..


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शनिवार का पूरा दिन तो ऐसे ही निकल गया,अजय ने काफ़ी कोशिश
की पर अपनी सास और उसके जीजा के बीच कुछ अलग देख ही नही पाया
वो, बड़े ही नॉर्मल तरीके से दिख रहे थे वो दोनो
पर अजय भी जानता था की ऐसे रिश्ते सभी के सामने खुलकर नही दिखाए
जाते ...वो भी अपनी जासूसी नज़रें उनपर लगाए हुए था.
रात का खाना खाने के बाद अजय और प्राची उन्हे लेकर अपने घर आ
गये..दोनो घर एकदम साथ थे इसलिए रजनी भी साथ ही चली आई, ये कहते
हुए की अभी तो उसने काफ़ी गप्पे मारनी है अपनी बहन के साथ..पूजा और
उसके पापा नही आए, वो घर पर ही रुके रहे.
अजय का घर भी काफ़ी बड़ा था, 3 बेडरूम थे, मेहमानों के लिए उसने बड़ा
वाला रूम खुलवा दिया, और सभी वहीं बैठकर गप्पे मारने लगे..मौसाजी तो
टीवी देखते रहे..और अजय की सास और उसकी बहन इधर-उधर की बातें करते रहे..
अजय अपने कमरे में आ गया और कुछ ही देर मे प्राची भी..प्राची को तो
आते ही नींद आ गयी,क्योंकि सुबह से सबके लिए खाना बनाने में जो लगी
हुई थी वो अपनी माँ के साथ..
अब दूसरे कमरे से सिर्फ़ उसकी सास और मौसी की आवाज़ें आ रही थी..और
बीच-2 मे उसके मौसा की भी आती रहती थी...रात के 11 बज चुके थे, पर
उसकी सास थी की वहीं जम कर बैठी थी...और अजय जानता था की उसके
पीछे उनका क्या मकसद है
और अगले आधे घंटे में मौसी की आवाज़ें आनी भी बंद हो गयी, यानी वो
भी सो चुकी थी ...और सिर्फ़ अजय की सास और मौसा जी बातें करते
सुनाई दे रहे थे और वो भी बड़ी धीरे-2 ...
कुछ ही देर में अजय को उसकी सास के कदमों की आहट सुनाई दी जो उसके
कमरे की तरफ ही आ रही थी...वो समझ गया की वो चैक करने आ रही है की
वहाँ सब सो रहे है या नही...उसने झट से आँखे बंद कर ली और अपने ख़र्राटों
की नकली आवाज़ें निकालने लगा...
उसकी सास ने कमरे मे झाँका और दोनो को गहरी नींद में सोता हुआ देखकर
चुपचाप वापिस चली गयी...और उसके जाते ही अजय भी दबे पाँव अपने
बिस्तर से उठा और बाहर की तरफ चल दिया...आज उसको पक्का यकीन
था की वो अपनी सास की रंगरेलियां देखकर रहेगा..रजनी ने उस कमरे का
दरवाजा बंद नही किया था, वो पर्दे की आड़ में खड़ा होकर अंदर का
नज़ारा देखने लगा...
अंदर का नज़ारा उसकी आशा के अनुरूप ही था...उसकी पूजनीय सास अपने
जीजाजी के साथ लिपट कर खड़ी थी और दोनो एक गहरी स्मूच में डूबे हुए
थे...और मौसाजी के हाथ सासुमाँ की गांड को ऐसे मसल रहे थे जैसे उसमे
कोई खजाना ढूँढ रहे हो...और वो उनकी बाहों में कसमसा रही थी.


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रहनी : "ओहू....जीजाजी .....रूको तो....पहले वो निकालो , कहीं दीदी
पिछली बार की तरह ना उठ जाए...''
इतना सुनकर मौसाजी ने उन्हे छोड़ दिया..अजय की समझ में भी नही आया
की वो किस चीज़ की बात कर रहे हैं.
मौसाजी ने अपनी जेब से एक दवाई की शीशी निकाली और उसका
ढक्कन खोलकर अपनी सो रही बीबी यानी मौसीजी की नाक के पास
घुमा दिया...अजय समझ गया की वो शायद बेहोशी की दवाई है.
कुछ देर तक वो उसके चेहरे को गोर से देखते रहे और फिर जब इत्मीनान हो
गया तो वो पलटा और अपनी साली को फिर से दबोच कर पहले से भी
ज़्यादा ज़ोर से उसे चूमने लगा..
''ओह रज्जो ............. कितना तडपा हूँ मैं तेरे लिए......सुबह से मौका ही नही
मिला तुझसे अकेले में मिलने का.....आआआहह आई मिस्ड यू सो मच ...''
रजनी : "ओह्ह्ह्ह जीजाजी ,..मैं भी कितना तडपि हूँ आपके लिए....''
और इतना कहते-2 वो अपने कपड़े उतारती चली गयी...आज ये पहला मौका
था अजय के लिए जब वो अपनी सेक्सी सासू माँ को नंगा होते हुए देख रहा था..
और सच मे कमाल थी वो.
पूरी नंगी होने के बाद वो जब उसके दूधिया बदन को अजय ने देखा तो अपने
लंड को सहलाने लग गया...गज़ब का शरीर था उसका...एक भी दाग
नही...



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दूधिया...और इतने बड़े-2 मुम्मे , थोड़ा लटक ज़रूर गये थे पर उनको देखकर
जो पानी अजय के मुँह में आ रहा था वो ये साबित करता था की उनमे रस
बहुत ज़्यादा होगा...
और अपनी साली को नंगा देखते ही मौसाजी ने उन्हें दबोच लिया और
उसके पपीते जैसे मुम्मों को मुँह में भरकर ज़ोर-2 से चूसने लगा...


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''आआआआआआआहह उम्म्म्मममममममममममम धीरे जीजाजी ................
काटो मत.....उन्हे शक हो जाएगा....''
उसके मुम्मे चूसते -2 मौसाजी ने उपर देखा और कहा : "तो क्या किशनलाल
अभी तक तेरी चुदाई करता है....''
रजनी ने आँखे नचाते हुए कहा : "तो आप क्या समझते हैं, आप ही मर्द हो इस
दुनिया में , किसी और का मन नही करता क्या...''
मौसाजी : "अरे नही, वो तो मैने इसलिए पूछा क्योंकि तुमने उस दिन फोन
पर कहा था ना की वो आजकल सेक्स में इंटरस्ट नही लेता...''
रजनी : "वो तो बस आपको जल्दी बुलाने का बहाना था ....वैसे इंटरस्ट तो
कम कर ही दिया है उन्होने...पर मुझे अपना भी तो देखना होता है ना...मेरी
आग बुझाने के लिए आप मुंबई से रोज-2 तो आओगे नही...इसलिए उनसे हर दूसरे-
तीसरे दिन ज़बरदस्ती करनी ही पड़ती है...''
मौसाजी : "संभल जा रज्जो, अब तू सास बन चुकी है....तेरी उम्र नही रही
अब पहले जितनी चुदवाने की...''
रजनी : "अब ये बात आप क्या जानो जीजाजी...इस उम्र में ही सबसे
ज़्यादा चुदासी चड़ती है...और प्राची की जब से शादी हुई है, तब से मुझे तो
अपनी शादी के बाद वाले दिन याद आ जाते हैं...जब आपके सांढू साहब मुझे
कपड़े पहनने की भी इजाज़त नही देते थे...बस दिन रात लगे रहते थे बेशर्मों की तरह..''
मौसाजी ने उसके मुम्मे दबाते हुए कहा : "और तू चुदती भी तो रहती थी हर
टाइम...वो आदत तेरी अब तक नही गयी...''
तब तक मौसाजी ने भी अपने कपड़े उतार दिए थे...उनकी उम्र के हिसाब से
उनका लंड ज़्यादा बुरा नही था...
लेकिन अजय से छोटा ही था वो..
उसके लंड को देखते ही रजनी उसपर झपट पड़ी और लगी चूसने..


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चपर -2 की आवाज़ों के साथ वो ऐसे चूस रही थी जैसे बरसों की प्यासी
औरत को पानी का पाइप मिल गया हो जिसके अंदर छुपी बूंदे वो वो
अपनी सांसो से खींचकर निकालना चाहती हो..
मौसाजी भी बड़े आराम से उसके सिर पर हाथ रखकर अपना लंड चुसवा रहे
थे...और उनकी नज़रें बीच-2 में अपनी बीबी की तरफ भी जा रही थी की
कहीं वो उठ ना जाए...
कुछ देर तक चुसवाने के बाद रजनी उठी और बिस्तर पर लेट गयी...अपनी चूत
चुसवाने के लिए...लेकिन मौसाजी को शायद कुछ ज़्यादा ही जल्दी थी...
वो बोले : "अभी इसका टाइम नही है रज्जो....जल्दी से घोड़ी बन जा....''
अब उस वक़्त वो भला क्या बहस करती उनसे...पर उसके चेहरे पर आए मायूसी के
भाव देखकर अजय समझ गया की उनका कितना मन था अपनी चूत चटवाने का..
अजय ने मन में सोचा...''फ़िक्र ना करो सासू माँ ..जल्द ही आपका दामाद
करेगा आपकी सही से सेवा...''
फिर मौसा जी ने अपने लंड के उपर ढेर सारी थूक लगाई और टीका दिया
सीधा अपनी साली की गांड पर..
सासू माँ चीख पड़ी : "नही जीजाजी .....पीछू से नही....पीछू से नही ....''
मौसजी : "अरी रुक ना...तुझे पता है ना मुझे कितना मज़ा आता है तेरी गांड
मारकर...नाटक ना कर...''
रजनी : "नही जीजाजी...दर्द होगा....उन्होने तो कभी नही मारी पीछे
से...आपने मारी थी, और वो भी पिछले साल....अब तक तो छेद फिर से बंद हो
चुका होगा....दर्द होगा ना...पीछू से नही ...पीछू से नही ...''
मौसजी : "ये क्या पीछू से नही..पीछू से नही लगा रखा है....साली....ड्रामे
ना कर...मुझे अपना काम करने दे...''
और इतना कहते-2 मौसाजी ने बड़ी ही बेरहमी से उनकी गांद में अपना लंड
लगाकर जोरदार झटका मारा...और उनका आधे से ज़्यादा लंड अंदर घुसगया...


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सासू माँ दर्द और मज़े से हुंकार उठी : "आआआआआआवउुुुुुुुुुुुुुुुुउउ .......
उफफफफफफफफफफ्फ़ ....... म्*म्म्ममममममममममम''
अपने लंड को बाहर निकालकर मौसाजी ने फिर से अंदर झटका
मारा....
अजय ने देखा की सासुमाँ ने तकिये को मुँह मे डालकर बड़ी मुश्किल
से अपनी आवाज़ दबाई...
पर उन्हे अपनी गांड मरवाता देखकर अजय की आँखे फैल सी गयी.....उसने तो
सोचा भी नहीं था की उसकी सास अपनी गांड भी मरवा चुकी
होगी...वैसे उनकी फेली हुई गांड को देखकर वो हमेशा से उनका दीवाना
था..पर वो फेली हुई गांड ऐसे चौड़ी हुई होगी, ये उसे आज ही पता चला...
अजय ने भी एक-दो बार प्राची को गांड मरवाने के लिए बोला था, पर
उसने सॉफ माना कर दिया था...ऐसे में अपनी सास को गांड मरवाता हुआ
देखकर वो यही सोच रहा था की काश ये थोड़ी बहुत शिक्षा अपनी बेटी
को भी दे दे की गांड मरवाने में कितना मज़ा आता है...मारने वाले को भी
और मरवाने वाले को भी...
और अब तक मौसाजी के झटके काफ़ी तेज हो चुके थे....और लंड बड़े ही प्यार
से अंदर बाहर जा रहा था..
रजनी को भी उसी मस्ती का एहसास हो चुका था...वो अपनी चूत पर
उंगलियाँ फेरती हुई बड़े ही मज़े से अपनी गांड मरवा रही थी..


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''उम्म्म्ममममममममममम ओह जीजाजी .............. सच मे.............बड़ा मज़ा आ
रहा है ............... और ज़ोर से करो ना....... मारो मेरी गांड ......ज़ोर से मारो
अपनी साली की ऐसी बातें सुनकर मौसाजी को और जोश आ गया....और
उन्होने अगले 10-12 झटके ज़ोर-2 से मारकर अपना सारा रस उनकी गांड में
निकाल दिया...

और बाकी से उनकी चूतड़ों पर पेंटिंग कर दी
और अपने हाथ से अपनी फुददी रगड़ते हुए सासू माँ भी झड़ गयी....
पूरे कमरे में दोनो की गर्म साँसे और सेक्स से भरे पसीने की गंध फैल गयी....
अजय का लंड पूरा खड़ा हुआ था....पर अभी के लिए बेचारा कुछ भी नही कर
सकता था...
उन दोनो ने कपड़े पहनने शुरू कर दिए...अजय भी अपने कमरे में वापिस आ
गया...और कुछ ही देर में उसकी सास धीरे से दरवाजा खोलकर वापिस अपने
घर चली गयी...12 बज चुके थे पर अजय को 2 बजे तक नींद ही नही आई...वो
तो बस आने वाले दिनों के बारे में ही सोचता रहा...
जिस सास को देखकर वो हमेशा से उनके बारे में सोचता था वही आज अपने
जीजा से गांड मरवा कर गयी थी उसके घर पर...अब तो उसकी मस्ती का
दरवाजा खुल चुका था...बस उसे अपनी अकल का इस्तेमाल करते हुए इस मौके
का सही से फायदा उठाना था...क्योंकि वो उसकी सास थी यानी
उसकी पत्नी की माँ ....जो अपने दामाद से ऐसे नाजायज़ रिश्ते बनाकर वो
कभी नही चाहेगी की उसकी बेटी का घर बर्बाद हो...और उपर से उसकी
पत्नी भी काफ़ी शक्की किस्म की थी...किसी भी दूसरी लड़की के बारे
में सुनकर वो अजय का क्या हाल करेगी ये तो वही जानता था.....ऐसे में
अजय को हर कदम फूँक -2 कर रखना था.
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Jash1990

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पूरी रात वो सो नही पाया...सुबह प्राची ने उसे 9 बजे ही उठा दिया...घर
पर मेहमान जो आए हुए थे, बेचारा मन मारकर उठ ही गया..और धीरे -2 चलता
हुआ बाहर आया..वो लोग जिस बेडरूम में थे वहाँ का दरवाजा खुला हुआ था
और बाहर से ही उसे मौसा जी सोते हुए दिख गये...उन्हे ऐसे घोड़े बेचकर
सोता हुआ देखकर अजय सोचने लगा की ऐसे सोए भी क्यो नही आख़िर
अपनी साली की गांड मारकर ऐसी ही नींद आएगी जनाब को..
प्राची किचन में सभी के लिए नाश्ता बनाने में लगी हुई थी और उसकी
मौसी कहीं दिख नही रही थी..अचानक अजय को कुछ याद आया और वो
दबे क़दमों से उस बेडरूम में आ गया,बेड की साइड ड्रॉयर को खोलकर देखा तो
उसकी आँखे चमक उठी..उसे वो शीशी दिख गयी जो मौसाजी अपने साथ
लाए थे,बेहोशी की दवाई थी वो जिसे सूँघाकार नीलम मौसी को गहरी
नींद में सुला दिया गया था और उनकी बहन की गांड बजा दी गयी
थी..अजय ने तुरंत वो शीशी अपनी जेब में रख ली.
तभी कमरे में बाथरूम से निकल कर मौसीजी आ गयी, वो नहा कर आई
थी..उन्होने एक टावल अपने बदन पर और दूसरा अपने सिर पर लपेटा हुआ
था..



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और पुर बदन पर पानी की बूंदे मोती की तरह चमक रही थी और उनके
चिकने शरीर से फिसल कर नीचे गिर रही थी.अजय तो सेक्स की देवी को
ऐसी हालत में देखकर दंग ही रह गया, वैसे देखने में वो भी बुरी नही थी...वैसे
भी वो उसकी सास की छोटी बहन थी और दोनो में 2 साल का अंतर
था..और नहाने के बाद तो ये उसकी सास से भी सेक्सी लग रही थी उसे, उनसे
थोड़ी गोरी भी थी और इनका शरीर थोड़ा मांसल भी था..जैसा की अजय को पसंद था.
अजय उनके बेडरूम में होगा ये शायद उन्होने सोचा भी नही था....अजय को
ऐसे अपनी छातियों की तरफ घूरता देखकर कुछ देर के लिए तो वो सकपका
गयी पर अगले ही पल उनके चेहरे पर अजीब सी कातिलाना मुस्कान आ
गयी...बेचारा अजय खुद ही झेंप गया उन्हे ऐसे मुस्कुराते हुए देखकर...वो समझ
गया की उसकी चोरी पकड़ी गयी है.
अजय : "वो ...बस मैं .....देखने आया था की आप लोग उठे है की नही....''
नीलम मौसी उनके करीब आई और बोली : "मैं तो उठ कर नहा भी ली
अजय...इन्हे देखिए ये तो ऐसे सो रहे है जैसे पूरी रात जागकर निकाली हो..''
अब अजय उन्हे कैसे बताता की उन्हे बेहोश करके उनके पति ने उनकी बहन की
गांड मारी है,और ऐसी उम्र में इतनी मेहनत करके ऐसी ही नींद आती है..
अजय को उनके जिस्म से गुलाब के साबुन की खुश्बू आ रही थी, जो कुछ दिन
पहले ही वो प्राची के लिए लाया था...वो भी जब नहा कर निकलती थी
तो उसके बदन से भी ऐसी ही खुशबु निकलती है और अजय उसे अक्सर बाथरूम
से निकलते ही दबोच लेता था और कुछ देर तक उसके जिस्म से लिपट कर
मदहोशी के आलम में डूबा रहता था.उसे चूमता रहता था
पर अभी तो ये नही कर सकता था ना वो मौसी के साथ...बस एक गहरी
साँस लेकर रह गया..
मौसी को तो जैसे उसकी उपस्थिति से कोई फ़र्क ही नही पड़ रहा था...वो
बड़ी ही बेफिक्री से अपने बेग की तरफ गयी और उसे खोलकर अपने कपड़े
निकालने लगी जो उन्होने आज पहनने थे, और अंत मे उन्होने अपनी पेंटी और
ब्रा भी निकाल कर बेड पर रख दी...दोनो मेचिंग कलर की थी और अजय
की नज़रें उन्हे देखकर कामुक होने लगी...वो ठरकी वहीं खड़ा रहा ..और
बेशार्मों की तरह उनकी ब्रा पेंटी को घूरता रहा..
नीलम ने उसे ऐसा करते हुए देखा और वही पहले वाली मुस्कान फिर से उनके
चेहरे पर आ गयी..अजय को लगा की ऐसे में उनके साथ कुछ ट्राइ किया जाए
तो शायद बात बन सकती है..
वो कुछ बोलने ही वाला था की मौसी जी खुद ही बोल पड़ी : "अजय...तुम
ज़रा बाहर जाओगे...मुझे कपड़े पहनने है...''
अजय के कान लाल हो गये ये सुनकर...बेचारा अपना सिर झुका कर बाहर
निकल आया..
और सीधा अपने कमरे में जाकर बैठ गया..उसके लंड का बुरा हाल था वो
स्टील रोड की तरह खड़ा था..
वो सोच रहा था की उस बंद दरवाजे के पीछे इस वक़्त नीलम मौसी अपना
टावल उतार कर नंगी खड़ी होगी और एक-एक करके अपने कपड़े पहन रही होगी...
अजय ने अपनी आँखे बंद कर ली और दरवाजे के पीछे खड़ी नीलम मौसी को
इमेजीन करने लगा..और तकिये के नीचे अपना हाथ लेजाकर अपने खड़े हुए लंड
को मसलने लगा.
तभी उसके कानों में एक सुरीली आवाज़ टकराई : "गुड मॉर्निंग जीजू....''
उसने तुरंत अपनी आँखे खोल दी...उसने सोचा की उसकी साली पूजा आई
है..पर ये तो रिया थी,नीलम मौसी की बेटी..
अजय : "गुड मॉर्निंग रिया...कैसी नींद आई तुम्हे कल रात...''
रिया : "बड़ी मस्त आई जीजू...अभी-2 उठी हूँ बस..पूजा तो अभी तक सो रही है ''
और इतना कहते-2 वो उनके बेड पर ही औंधी होकर लेट गयी, अजय की तरफ
मुँह करके..और अपनी कोहनियां बिस्तर पर टीकाकार अजय से बातें करने लगी..
और ये एक ऐसा पोज़ था की अजय को उसने पूरा हिला कर रख
दिया..रिया ने एक जीन्स और टी शर्ट पहनी हुई थी..और टी शर्ट का गला
गोल और गहरा था,और ऐसी पोज़िशन में लेटने की वजह से उसके अंदर का
सीन अजय को सिर्फ़ 2 फीट की दूरी से साफ़ दिख रहा था.उसकी टी शर्ट
भी शॉर्ट थी इसलिए उसकी कमर वाला हिस्सा भी पूरा नंगा था.



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रिया की उम्र 19 के करीब थी और उसने अभी अपनी जवानी की दहलीज
पर कदम रखा ही था...उसके बूब्स भले ही छोटे थे पर थे पूरी गोलाई लिए
हुए..ये अजय ने अभी-2 जाना क्योंकि उसने अंदर कोई ब्रा नही पहनी हुई
थी..वो उसके निप्पल्स के घेरे तक अच्छी तरह से देख पा रहा था यानी
सिवाए निप्पल के उसकी दोनों गोलाइयाँ उसके परोसी पड़ी थी ,
वो भले
ही 19 की हो चुकी थी पर उसकी हरकतों से लग रहा था की उसका
बचपना अभी तक नही गया है..किसी के सामने कैसे बैठना है और अपने
''अंगों'' को कैसे छुपा कर रखना है इसका तरीका उसे अभी तक नही था..
वो बड़ी ही बेबाकी से उसके बेड पर उल्टी लेटी हुई थी और बोले ही जा रही
थी..अजय सिर्फ़ हाँ - हूँ करके उसकी बातों का उत्तर देता रहा ...उसकी
नज़रें तो उसके बूब्स को भेदने में लगी थी...कुछ दिनों पहले तक वो अपनी
सास का दीवाना था, फिर अपनी साली का हो गया...आज सुबह वो
अपनी सास की बहन को देखकर उत्तेजित हुआ तो अब वो उनकी कमसिन
बेटी को अपनी आँखो से चोदने में लगा हुआ था...सच मे अजय की ठरक दिन ब
दिन बढ़ती ही चली जा रही थी...उसके सामने जो-2 आ रहा था वो उनपर
अपनी गंदी नज़रें डाल कर अपने ठरकीपन से उनका चक्षुचोदन करने में लगा
हुआ था..
वो ये सोच ही रहा था की रिया की थोड़ी तेज आवाज़ आई उसके कानों
में : ''हेल्लओ ......जीजू.....आप सुन भी रहे हैं मैने क्या कहा ....''
अजय जैसे नींद से जागा, उसकि नजरें अभी तक उसकी क्लिवेज देखने में लगी
थी और वो झल्ली रिया को अब भी पता नही चल पा रहा था की अजय
की नज़रें उसकी नन्ही कलियों को देखकर मदहोश हो रही हैं ..
अजय : "ओह्ह्ह ....सॉरी ....मैं कुछ सोच रहा था....बोलो...क्या कहा तुमने ....''
रिया : "मैं ये कह रही थी की आप मुझे कोई कंप्यूटर कोर्स सजेस्ट करो
ना...मैने 6 महीने बाद इंजिनियरिंग का एंट्रेन्स देना है और मुझे कंप्यूटर में
सिर्फ़ नॉर्मल ऑपरेट करना ही आता है...''
अजय की नजरें उसकी टी शर्ट के अंदर थी पर ध्यान अब उसकी तरफ ही आ
चुका था, वो बोला : "कोई बात नही,मैं बता दूँगा तुम्हे...''
रिया : "बता नही दोगे, मेरा एडमिशन भी करवाओगे ...''
अजय : "एडमिशन ...पर तुम तो मुंबई में करोगी ना ये कोर्स ...''
रिया : "सर्प्राइज़.....मैं यहीं रहूंगी अब से...दिल्ली में , मौसी के घर ''
उसकी ये बात सुनकर अजय चोंक गया.
रिया : "आपको नही पता था ना...देखा,सर्प्राइज़ दिया ना आपको
भी...मैने यहाँ आने से पहले ही डेड को बोल दिया था की मैं इंजिनियरिंग
दिल्ली से ही करूँगी...यहाँ की वॅल्यू कुछ अलग ही है...''
वो बोले जा रही थी और अजय की बाँछे खिलती चली जा रही थी ये
सुनकर...एक तरफ उसकी सास...दूसरी तरफ उसकी साली...और अब ये एक और
साली...उसकी किस्मत में तो दिन ब दिन नया माल आता ही चला जा रहा है...
वो ये सोच ही रहा था की कमरे में प्राची आ गयी और रिया को ऐसे अजय
के सामने लेटा हुआ देखकर ना जाने उसके दिमाग़ में क्या आया की वो
घूमकर अजय की तरफ आकर खड़ी हो गयी...और वहाँ से उसने जब देखा की
रिया का गला कितना खुलकर अपने अंगों का प्रदर्शन कर रहा है तो वो
भड़क सी गयी और बोली : "रिया...ये क्या तरीका है अपने जीजाजी के
सामने लेटने का ,तुम्हे कुछ समझ है या नही...चलो उठो...और बाहर आओ मेरे साथ...''
रिया बेचारी को तो कुछ समझ ही नही आया की उसकी कजन दीदी उसे
ऐसे क्यो डांट रही है...अपने जीजू के सामने लेटने का भी कोई तरीका होता है क्या ..
अब उस बेचारी को कौन समझाए की जब जीजा ऐसा ठरकी हो तो हर
चीज़ का तरीका होता है..
खैर, वो मायूस सा चेहरा लेकर बाहर निकल आई और प्राची उसे लेकर सीधा
किचन में चली गयी..अजय भी चुपके से उठकर बाहर आ गया और किचन के
बाहर खड़ा होकर उनकी बातें सुनने लगा..
क्योंकि उसे अपनी बीबी का नेचर पता था,वो अपने पति को लेकर काफ़ी
पोस्सेसिव थी और ऐसे कोई भी लड़की आकर अगर उसे बहकाने की कोशिश
करेगी तो वो रिएक्ट तो करेगी ही ना भले ही वो उसकी खुद की कजन सिस्टर हो.
प्राची : "तुझे तो अभी तक किसी चीज़ की समझ नही आई...एकदम बुद्धू है तू
अभी भी...तुझे समझ नही थी की आपसे अपने जीजू के सामने लेटने से तेरी
ब्रेस्ट दिख रही थी उन्हे...'' प्राची ने उसकी गोलाईयों की तरफ इशारा
करते हुए कहा.
रिया ने अपनी छातियों को देखा और बड़े ही भोलेपन से बोली : "पर
दीदी, ऐसे तो मैं अक्सर लेटा करती हू..पापा के सामने भी...मम्मी ने तो
कभी कुछ नही कहा...और ना ही अभी जीजू ने मुझे टोका ...''
उसकी ये बात सुनकर बाहर खड़े अजय की हँसी निकल गयी..और अंदर खड़ी
प्राची की भी...वो हंसते हुए बोली : "मेरी प्यारी गुड़िया, तू सच में बड़ी
भोली है...ये बातें बोली नही जाती बल्कि खुद समझी जाती है...देख, मर्द
को ये सब देखने में बड़ा मज़ा आता है, चाहे वो तेरे पापा हो या जीजू ,
इसलिए वो कभी नही टोकेंगे , तुझे खुद ही अपना समान उनकी नजरों से
बचा कर रखना पड़ेगा...''
वो बड़ी गंभीरता से उसे समझा रही थी...
रिया : "पर दीदी, मुझे अभी क्या ज़रूरत है अपने बूब्स छुपाने की, ये तो
छोटे-2 से है अभी...और मर्दों को तो बड़े-2 पसंद आते है...जैसे की आपके हैं''
प्राची (आँखे तरेर कर) : "तुझे कैसे पता...''
रिया : "वो मेरे स्कूल में कोई भी लड़का मुझे नही देखता था...मेरी दूसरी
फ्रेंड्स को देखकर उन्हे छेड़ते थे,मैने एक दिन अपनी फ्रेंड्स से पूछा तो उसने ये
बताया की लड़के बड़ी ब्रेस्ट वाली लड़कियो को ज़्यादा पसंद करते हैं...''
प्राची : "वो तेरे स्कूल की बात थी...अब तू बड़ी हो गयी है...और तेरे बूब्स भी..समझी..''
रिया की आँखे चमक उठी : "सच दीदी...आपको लगता है की मेरे बूब्स बड़े हो
गये हैं...मुझे तो ऐसा लगा ही नहीं कभी ,जितने पिछले साल थे,उतने ही लगते हैं ''
वो दोनो हाथों से उन्हे थामकर उनका वजन नापने लगी.
प्राची : "ओफफो...तू बिल्कुल झल्ली है...मैं तुझे क्या समझने की कोशिश कर
रही हू और तू है की मुझे ही अपनी बातों मे उलझा रही है...चल छोड़ ये सब
और आगे से मेरी ये बात ध्यान रखना..''
पर वो सुन रही होती तो ध्यान रखती ना...वो तो ये सोचकर खुशी से
दोहरी हो रही थी की उसकी दीदी ने उसकी बड़ी हुई ब्रेस्ट को नोटिस
किया है..और अब उसे भी लड़के देखा करेंगे, जैसे उसकी फ्रेंड्स को देखा करते थे.
प्राची फिर से काम पर लग गयी और वो चमकती आँखो से बाहर निकल आई..
अजय भी फ़ौरन जाकर सोफे पर बैठ गया और अख़बार पड़ने लगा.
रिया उसके सामने आकर बैठ गयी , वो अभी तक अपनी दीदी की बातों में
खोई हुई थी.
अजय : "क्या हुआ रिया, क्या सोच रही हो...दीदी क्यो डांट रही थी तुम्हे...''
रिया बिना सोचे समझे बोल पड़ी : "देखो ना जीजू, दीदी मुझे बोल रही
थी की मैं आपके सामने ऐसे ना लेटू , मेरे बूब्स दिखेंगे आपको...अब आप ही
बताओ,दीदी के बड़े बूब्स छोड़कर भला आप मेरे क्यो देखोगे...दीदी भी ना..''
अजय को उसके भोलेपन पर दया सी आ गयी,मुंबई मे रहकर भी वो ऐसी
झल्लियो जैसी बातें कर रही थी उसे तो यकीन ही नही हुआ..वो उसके साथ
आकर उसी सोफे पर बैठ गया और बोला : "तुम्हारी दीदी को इन बातों की
समझ नही है ना इसलिए वो ऐसा बोल रही थी...लेकिन एक बात
बोलू,दीदी से तो नही कहोगी ना...''
रिया ने भोलेपन से उत्तर दिया : "कहो ना जीजू, नही बोलूँगी दीदी से,
मम्मी की कसम..''
उसने अपने गले पर हाथ लगाकर कहा.
अजय ने हिम्मत करते हुए मंद-2 मुस्कुराते हुए धीरे से कहा : "मुझे ना सच में
तुम्हारे बूब्स बड़े पसंद आए...और सच कहु,मुझे ऐसे ही साइज़ के पसंद आते
हैं...मम्मी की कसम''
उसने भी रिया की तरह अपने गले पर चुटकी काटकर उतने ही भोलेपन से कहा.
और अपने जीजू को अपने बूब्स की तारीफ करते देखकर रिया का चेहरा चमक
उठा : "वाउ...सच में जीजू....मुझे तो लगा था की मर्दों को बड़े-2 पसंद आते हैं
...जैसे प्राची दीदी के हैं...मेरी माँ के हैं...मौसीजी के हैं...मेरी फ्रेंड नाज़िया हैं ''
वो सारे मोटे मुम्मों वालियों के नाम गिनवाने लगी...
अजय ने उसे बीच मे ही टोकते हुए कहा : "हाँ ...पर हर कोई एक जैसा नही
होता ना...किसी को बड़े पसंद आते हैं और किसी को छोटे...और मुझे छोटे
ही पसंद है...तुम्हारे जैसे...''
और उसने थोड़ी और हिम्मत करते हुए अपनी हथेली को उसकी दाँयी तरफ
की ब्रेस्ट के नीचे लगाकर उसका वजन नाप लिया...और अजय की इस हरकत
से पहली बार अजय ने उसकी आँखो में शर्म के भाव देखे ..
रिया : "ये क्या कर रहे हैं जीजू ....''
अजय : "ओह...सॉरी....बस बता रहा था की ये सच में बड़े सुंदर हैं....''
वो कुछ बोल पाती तभी बाहर से पूजा अंदर आ गयी...
उसने अपने जीजू को ऐसे अपनी कजन के इतने करीब बैठे हुए देखा तो उसका
माथा ठनक गया...वो तो अच्छी तरह जानती थी अपने ठरकी जीजू की
आदतों को..उस दिन वो उसकी माँ को घूर रहे थे और अब उसकी छोटी कजन रिया को...
वो करीब आई और बोली : "रिया की बच्ची , तू मुझे सोता छोड़कर अकेली
यहाँ आ गयी...मुझे भी ले आती..''
अजय ने पूजा की तरफ देखा और उसके चेहरे के भाव देखकर वो समझ गया की
उसके मन में क्या चल रहा है..शायद वो जेलिस फील कर रही थी..
और ये ख़याल आते ही अजय के दिमाग़ में एक बात आई...
वो रिया का इस्तेमाल करके पूजा को अपने जाल में फँसा सकता है...
क्योंकि अब तो रिया वहीं रहने वाली थी...और रिया अपनी कजन पूजा
की तरह चालक नही थी, उसे वो आसानी से अपने जाल में फँसा सकता
था..और रिया के थ्रू वो पूजा तक भी पहुँच सकता था...
उसके टार्गेट्स बढ़ते जा रहे थे...सासू माँ , मौसी जी, पूजा और अब
रिया...पता नही कैसे करेगा वो..पर ठरकी अजय को अपने उपर पूरा यकीन
था की वो ये काम कर ही लेगा..
कुछ ही देर में मौसी जी भी बाहर आ गयी...और उसकी सासू माँ भी उनके
घर आ गयी, सबने मिलकर नाश्ता किया, और नाश्ता करते-2 ही मौसीजी
ने रिया के वहीं दिल्ली में रहकर इंजिनियरिंग करने की बात बताई...उनकी
बहन रजनी तो पहले से ही ये बात जानती थी..इन्फेक्ट सभी लोग जानते थे,
सिर्फ़ अजय को ही नही मालूम था ये..
अगली सुबह मौसाजी और मौसीजी को निकलना था मुंबई के लिए और
इससे पहले अजय एक बार मौसीजी पर और ट्राइ करके देखना चाहता था
की जो उसे आज सुबह उनके बारे में लगा था वो सच है या नही..अगर उसकी
पारखी नज़रें सही है तो वो अपनी तरफ से कोई रोक-टोक नही करेंगी...और
इसके लिए अजय के पास कुछ ही घंटे बचे थे.
अजय ने नोट किया की उसकी नज़रें जब भी रिया या मौसीजी की तरफ
जाती है तो उसकी साली पूजा की नज़रें उसे घूरने लगती थी,मानो उसे सब
पता चल चुका था की अजय के मन में क्या चल रहा है..उसकी शक्की बीबी
क्या कम थी जो अब ये उसकी बहन भी उसकी हरकतों पर नज़र रखने लगी
है...पर अजय भी बड़ा ढीठ किस्म का बंदा था,एक बार जो ठरक चढ़ गयी
थी उसपर अब तो वो उसे पूरा करके ही रहेगा...वैसे भी शादी के बाद उसमे
काफ़ी चेंज आ चुका था,वो पहले से काफ़ी बोल्ड हो गया था, ऐसा अगर
वो शादी से पहले हुआ करता तो अपने मोहल्ले की ना जाने कितनी
भाभियाँ वो अब तक चोद चुका होता..पर अब जो मौका उसके ससुराल में
उसे मिल रहा था,वो उसे खोना नही चाहता था..
नाश्ते के बाद सबने शॉपिंग जाने का प्रोग्राम बनाया...अजय का मन नही
कर रहा था,इसलिए उसने पहले ही मना कर दिया,क्योंकि वो घर पर रहकर
इंडिया-पाकिस्तान का क्रिकेट मैच देखना चाहता था..इसलिए उसको
छोड़कर सभी लोग मार्केट चले गये..दिन में तो वैसे भी कुछ होने वाला नही
था, इसलिए अजय को रात का ही इंतजार था..शाम को 8 बजे जब वो सभी
घर वापिस आए तो बाहर से ही खाना मंगवा लिया क्योंकि प्राची
काफ़ी थकी हुई थी..और अगली सुबह मौसा-मौसी को वापिस भी जाना
था इसलिए आज घर पर भी ज्याद गप्पे नही मारी गयी,10 बजे तक सभी
सोने के लिए चले गये..
अजय का दिमाग़ तो मौसीजी की तरफ ही लगा हुआ था..क्योंकि डिन्नर
टेबल पर भी उसने उनकी छातियों की तरफ घूरना नही छोड़ा था और उसने
नोट भी किया था की उनके निप्पल्स वो अटेन्षन पाकर उभर भी रहे
हैं...और उनके होंठों पर वही कातिलाना मुस्कान भी उसने देखी जो सुबह
नोट की थी उसने..
प्राची तो घूमकर थकी हुई थी, और उसकी बगल में लेटने के साथ ही वो
खर्राटे भरने लगी..दूसरे कमरे में क्या हो रहा होगा ये जानना भी ज़रूरी
था..पर जाने से पहले वो एक काम कर लेना चाहता था,उसने अपनी पॉकेट से
वही बेहोशी वाली दवाई निकाली और उसे प्राची की नाक के पास
लेजाकर उसे सूँघा दिया..नींद में ही वो थोड़ी सी कसमसाई और गहरी नींद
में डूबती चली गयी...अब अजय उसकी तरफ से निश्चिंत था, भले ही आज की
रात वो कुछ कर पाए या नही पर अपनी बीबी की तरफ का डर अब ख़त्म हो
चुका था..
और जैसे ही वो अपने बेड से उठा,कमरे में नीलम मौसी खुद आ गयी...और उन्हे
वहां देखकर एक पल के लिए अजय भी चोंक गया..



अब आगे कैसे अजय मौसीजी की चुदाई करेगा ये जानने के लिए थोड़ा इंतजार कीजिये
 
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