• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery ठाकुर ज़ालिम और इच्छाधारी नाग

आपका सबसे पसंदीदा चरित्र कौनसा है?

  • कामवती

  • रतिवती

  • रुखसाना

  • भूरी काकी

  • रूपवती

  • इस्पेक्टर काम्या

  • चोर मंगूस

  • ठाकुर ज़ालिम सिंह /जलन सिंह

  • नागेंद्र

  • वीरा

  • रंगा बिल्ला


Results are only viewable after voting.

Pardhan

Ak 47
3,408
1,635
144
चैप्टर -3 नागमणि की खोज अपडेट -43

रुखसाना लगातार मदहोशी मे घिरती चली जा रही थी,उसका बदन उसका साथ नहीं दे रहा था वही हालत दरोगा वीर प्रताप के भी थे
उसका हाँथ लगातार रुखसाना के नंगे कंधे पे चल रहा था,हाथ स्तन की गोलाई तक आता और वापस चला जाता,रुखसाना चाहती थी की दरोगा स्तन पकड़ के भींच दे परन्तु दरोगा को इसी छुवन और छीटाकसी मे मजा आ रहा था.
रुखसाना मदहोशी मे अपनी गर्दन पीछे कुर्सी पे टिका देती है उसकी नजरें दरोगा की नशे मे लाल आँखों से टकरा जाती है नजरों मे एक मौन स्वस्कृति थी रुखसाना के.जैसा कहना चाहती हो भोग लो मुझे तड़पा क्यों रहे हो.
दरोगा के हाथ चलते चलते स्तन और लुंगी की बिच आने लगे ऊँगली लुंगी की लाइन से छूने लगी, रुखसाना के निपल कड़क हो के लुंगी से साफ झलक रहे थे,
दरोगा का मकसद पूरा होता दिख रहा था.
दरोगा से रहा नहीं जाता उसकी उंगलियां स्तन मे घुसती चली जाती है और सीधा निप्पल पे आ के रूकती है निप्पल बिलकुल कड़क हो के तने हुए थे जो की दरोगा की दो उंगलियों के बिच पीस गए थे.
रुखसाना :- आअह्ह्ह.... दरोगा जी बस इतना ही बोल पाई की हवस से उसकी आंखे बंद हो चली, डाकुओ के साथ तो खूब सम्भोग किया था रुखसाना ने आज एक पुलिस वाले के हाथ अलग ही रोमच पैदा कर रहे थे,ऐसा रुखसाना ने नहीं सोचा था.
उसके बदन मे एक पुलिस वाले की छुवन से अलग ही सुरसूरी उत्तपन हो रही थी एक कामुक अहसास था दरोगा के स्पर्श मे.
दरोगा की ऊँगली के बिच रुखसाना के निप्पल अठखेलिया कर रहे थे,वीरप्रताप बहुत दिनों से प्यासा था उसे कोई होश नहीं था वो लगातार रुखसाना के निप्पल को रगड़े जा रहा था,स्तन पे बँधी लुंगी की गांठ ढीली होती चली जा रही थी.
आअह्ह्हम...दरोगा साहेब रुखसाना मदहोशी मे सिस्कारिया भर रही थी.
दरोगा को कुछ सुनाई नहीं दे रहा था उसे सिर्फ एक नायब जवान जिस्म दिख रहा था. तभी लुंगी की पूरी गांठ खुल जाती है लुंगी सरकती हुई कमर मे जमा होने लगती है,अचानक हुए इस अहसास से दोनों ही दोहरे हो गए थे,दरोगा की तो आंखे ही फट पड़ी थी ऐसे नायब तराशे हुए स्तन देख के,कमरे मे स्तन के गोरेपान से उजाला फ़ैल गया था
रुखसाना तुरंत खुद को संभालती है और होने स्तन पे हाथ रख एक नाकामयाब कोशिश करती है अपनी इज़्ज़त ढकने की.
परन्तु हुआ इसका उल्टा रुखसाना के हाथ दरोगा के हाथ को अपने स्तन पे भींचते चले गए..
आआहहहहहह.....उम्मम्मम....
दरोगा अपने हाथ पर रुखसाना के हाथ का दबाव पा के उन्माद मे झूम उठा उसने भी कामवासना मे भर के जोर से स्तन को भींच दिया इतनी ताकत से भींचा की रुखसाना मे हलक से चीख निकल गई.
स्तन ने लालिमा छोड़ना शुरू कर दिया.
अब ये खेल शुरू हो गया था जिसमे दोनों की सहमति थी.दरोगा पूरी ताकत से रुखसाना के स्तन का मर्दन कर रहा था वही रुखसाना की सांसे धोकनी की तरह फूल रही थी जिस वजह से उसके स्तन फूल के दुगने हो गए थे.
आअह्ह्ह.... दरोगा जी और मसलिये इन्हे
दरोगा ऐसी विनती सुन मुस्कुरा उठा उसका इरादा कामयाब हो चूका था रुखसाना पूरी तरह गरम हो गई थी.
दरोगा वीरप्रताप मौके को भाँप के कुर्सी के आगे आ जाता है बिलकुल रुखसाना से चिपक के खड़ा हो जाता है उसकी पेंट का उभार रुखसाना के गाल को छू रहा था,रुखसाना उत्तेजना वंश अपने चेहरे को उस उभार पे रगड़ रही थी.
दरोगा स्तन को जोर जोर से भींचे जा रहा था इस उन्माद से उसका लंड पेंट फाड़ के बाहर आने को आतुर था वो अपनी चैन को निचे सरका देता है एक होरा नस से भरा लंड बाहर को गिर जाता है जो को सीधा रुखसाना के होंठ पे गिरता है
नशे मे धुत रुखसाना दरोगा के लंड को मुँह मे भर लेती है,गरम गीले मुँह मे लंड का अहसास पाते ही दरोगा सिहर जाता है वो तो इस सुख को भूल ही चूका था सालो बाद उसके लंड को सुकून मिला था, रुखसाना आंख बंद किये लपा लाप लंड चाटे जा रही थी,हालांकि दरोगा का लंड 6इंच का ही था परन्तु सालो बाद हवा एयर कामवासना के संचार ने उसके लंड मे फौलाद भर दिया था,लंड किसी लोहे की दहकती छड़ जैसा गरम और सख्त हो गया था ये गर्मी रुखसाना के मुँह मे पिघल रही थी रुखसाना ने रंगा बिल्ला के बड़े बड़े भयानक लंड गले तक लिए थे वो दोनों किसी जानवर की भांति उसका मुख चोदन करते थे
लेकिन आज दरोगा जैसा सभ्य व्यक्ति प्यार से रुखसाना का मुँह चोद रहा था.
ये प्यार का कोमल अहसास पा के रुखसाना दोहरी हुई जा रही थी उसकी कामवसाना चरम पे पहुँचती महसूस हो रही थी,
उसकी चुत से पानी रिसने लगा,सफ़ेद पानी की बुँदे कुर्सी को भीगाने लगी.
दरोगा के लिए भी ये गर्मी अब सहन के बाहर हो चली थी सामान्य दिन होता तो दरोगा कबका वीर्य फेंक चूका होता परन्तु आज शराब का शुरूर और सालो बाद की हवस उसके लंड को ताकत दे रही थी वो मैदान मे जम के टिका हुआ था.
दरोगा सर निचे किये अपने लंड को लाल होंठो के बिच आता जाता देख रहा था थूक और लार निकल निकल के स्तन को पूरी तरह भीगा चुकी थी.
दरोगा कभी भी झड़ सकता था परन्तु आज वो ऐसा सुनहरा मौका इतनी जल्दी नहीं गवाना चाहता था.
वो अपने लंड को रुखसाना के मुँह से बाहर खिंच लेता है,रुखसाना हैरानी से दरोगा की एयर देखती है उसकी सूरत ऐसी थी जैसे किसी लॉलीपॉप चूसते बच्चे से किसी ने लॉलीपॉप छीन ली हो.
उसकी नजरों मे सवाल था...."ये क्यों किया मुझे चूसना है और चूसना है "
उसे दरोगा के लंड का स्वाद पसंद आया था.
दरोगा बिना कुछ बोले घुटनो के बल कुर्सी पे बैठी रुखसाना मे सामने झुकता चला जाता है.
रुखसाना कुछ समझ पति उस से पहले ही दरोगा ने अपना मुँह लुंगी के अंदर रुखसाना की दोनों जांघो के बिच घुसा दिया.
आअह्ह्ह.....शनिफ्फ्फ्फफ्फ्फ़....क्या महक है इस साली की चुत की चुत की महक दरोगा के रोम रोम मे उतरती चली गई.
उसकी जीभ स्वतः ही दांतो की रक्षा दिवार को भेदती बाहर आ गई और रुखसाना को चुत मे घुसती चली गई.
आअह्ह्ह.....रुखसाना मजे और लज्जत से सिसकारी भरती कुर्सी के सिरहाने पे सर टिका देती है उसकी आंखे बंद थी उसे दरोगा का प्यार से चुत चाटना पसंद आ रहा था,चुत का रस रिसता हुआ सीधा दरोगा के मुँह मे समा रहा था,अमृत पिता चला गया दरोगा....इस अमृत ने हवस का ऐसा संचार किया की दरोगा पूरा मुँह खोले रुखसाना की चुत पे टूट पडा.
यहाँ दरोगा चुत चाट रहा था....
वही दूर उसके घर मे उसकी पत्नी कलावती सुलेमान से चुत चाटवा रही थी.
आअह्ह्ह...सुलेमान चूस अपनी मालकिन की चुत,खां जा इसे फिर पता नहीं कब मौका मिलेगा
कलावती हवस मे ना जाने क्या बड़बड़ा रही थी...सुलेमान था की चुत खाये जा रहा था कभी चुत के दाने को दांतो तले दबा देता तो कभी पूरी जीभ को गांड के छेद से के के चुत के दाने तक चाट लेता..
कलावती बिस्तर पे पडी सर इधर उधर पटक रही थी...चाटअककककक....छत्तकककक...
तभी दो जोरदार थप्पड़ कलवाती की चुत पे पड़ते है.
आह्हःब...सुलेमान उम्म्म्म...
ले मेरी रंडी मालकिन और ले चाटककककक....
कलावती की चुत लाल लाल हो गई थी थप्पड़ पड़ने से उसकी फूली हुई गोरी चुत थरथरा जाती.
सुलेमान को ये देख हवस का उन्माद चढ़ रहा था,कलावती भी कहाँ काम थी वो अपनी टांगे फैलाये थप्पड़ खां रही थी.
दोनों पति पत्नी हवस मे डूबे थे..
ना जाने किसकी हवस क्या परिणाम लाएगी.
बने रहिये कथा जारी है...
Great story next update jaldi karo bro i am waiting
 
  • Like
Reactions: Napster

andypndy

Active Member
703
2,916
139
Inspector kamya ki dakku and thakur se chudai karao
इंस्पेक्टर काम्या भी आने ही वाली है कहानी मे
साथ बने रहे 👍
 
  • Like
Reactions: Napster and Pardhan

Napster

Well-Known Member
4,765
13,189
158
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
दरोगा और रुखसाना की साथ ही साथ सुलेमान और कामवती की धुवांधार चुदाई होनी चाहिए
अगले धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 

andypndy

Active Member
703
2,916
139
अपडेट -43 contd....

काली पहाड़ियों के बिच स्थित तांत्रिक उलजुलूल की गुफा मे माहौल गरमा गया था,कामरूपा के गोरे बड़े स्तन देख तांत्रिक का मुँह खुला रह गया था "मेरी दोखेबाज पत्नी आज भी कितनी सुन्दर है आअह्ह्ह....."
images.jpg

उलजुलूल के मुँह से हलकी काम उत्तेजक सिस्करी निकल पड़ती है जिसे कामरूपा बेहतरीन ढंग से सुन पाई थी ये सिसकरी उसकी जीत की गवाह थी एक स्त्री का बदन अच्छे अच्छे तापस्वीयो को भी मजबूर कर सकता था इसका ताज़ा उदाहरण चोर मंगूस खुद अपनी आँखों से देख रहा था.
उसकी नजरें बराबर कामरूपा पे टिकी हुई थी हालांकि उसे कामरूपा का चेहरा नहीं दिख रहा था फिर भी उसकी हालत उसकी पीठ कमर देख के ही ख़राब थी.
ना जाने तांत्रिक किस तरह खुद को संभाल रहा था उसके स्तन देख के.
कामरूपा अपने स्तन को पकड़ के दबा देती है,aàहहह..... मेरे पति देव देखो ये किस तरह मचल रहे है इन्हे दबाइये ना.
ऐसा बोल वो अपने कड़क निप्पल को पकड़ के उमेड देती है एक पत्नी दूध जैसी रस की धार छूट के तांत्रिक के सांप जैसे लम्बे परन्तु सोये हुए लंड पे हीर जाती है.
तांत्रिक :- ये क्या है कामरूपा? बंद करो ये नाटक मेरी कोई दिलचस्पी नहीं है तुम मे ना इन सब क्रिया कलापो मे,
तांत्रिक मुँह से विरोध तो कर रहा था परन्तु वो सख़्ती नहीं थी उसके शब्दों मे कामरूपा का गरम दूध उसके लंड पे पड़ते है उसके लंड ने जैसे करवट ली हो.
जैसे किसी सोते जानवर के मुँह पे पानी का छिंटा मारा हो और उस जानवर ने अंगड़ाई ली हो ऐसा ही हाल तांत्रिक के लंड का था.
कामरूपा :- गौर से देखो उलजुलूल मेरे महबूब कैसे तुम्हारा लंड मेरी खुसबू को पहचान रहा है.
ऐसा बोल वो तांत्रिक के पास पहुंच घुटने के बल बैठ जाती है अब उसके भारी स्तन सीधा तांत्रिक के लंड के सामने थे.
अपने भारी स्तनों को उठा के तांत्रिक के घुटनो पे रख देती है,उन्हें मसलने लगती है उसके स्तन के ठीक निचे तांत्रिक का बड़ा मोटा काला लंड झूल रहा था.
उलजुलूल बेबस था उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था वो खुद को जितना रोकता उसका लंड कामरूपा के यौवन को देख अंगड़ाई लेने लगता..
तभी कामरूपा अपने दोनों स्तन को पकड़ के आपस मे सत्ता देती है और तांत्रिक की आँखों मे एक कामुक नजर डाल के अपने मुँह को खोल ढेर सारा थूक अपने स्तनों की घाटी मे गिराने लगती है...उसके स्तन के बिच का मार्ग बिलकुल चिकना चिपचिपा हो चला था.
स्तन छोड़ते है धम से तांत्रिक के लंड पे गिरते है स्तन की मार से लंड फड़फड़ाने लगता है,कामरूपा अपनी नजरें तांत्रिक की आँखों मे गाड़ाए हुई थी इस नजर मे कामवासना विधमान थी हवस से भारी नजरें थी कामरूपा की.
वो वापस से अपने स्तन को पकड़ के ऊपर उठा देती है और वापस स्वागत ढेर सारा थूक स्तन के बिच डाल देती है,ये नजारा देख उलजुलूल फड़फड़ा जाता है उसका सब्र जवाब देने लगता है बरसो से सोइ काम इच्छा अपने फन फैलाने लगती है...देखते ही देखते उसकी वासना उसके लंड मे सामने लगती है विशालकाय लंड खड़ा होने लगा था
वो कामरूपा की इच्छा को समझ रहा था उसकी का पालन करते हुए उलजुलूल अपने बड़े लंड को पकड़ कामरूपा के स्तन के बिच निचे से ठूस देता है.
स्तन घाटी इतनी गीली और चिकनी थी की लंड स्तन के बिच सरसरा जाता है.
22762450.webp

कामरूपा अपने स्तन पकड़े तांत्रिक के लंड को पनाह दे देती है तांत्रिक का लंड थूक से सरोबर हो आगे पीछे होने लगा था.
कामरूपा के हाथ उलजुलूल के लंड की जड़ को थाम चुके थे,तांत्रिक मदहोशी मे अपनी जाँघे खोल देता है अब लंड स्तन चोदन के लिए पूरी तरह तैयार था जिसका फायदा कामरूपा बखूबी उठा रही थी.
कामरूपा के चेहरे पे कामुक और कुटिल मुस्कान थी उसने दूसरी सीढ़ी पे पैर रख दिया था.
कथा जारी है....
 
Last edited:

Mickay-M

Active Member
532
1,326
138
कामरूपा के चेहरे पे कामुक और कुटिल मुस्कान थी उसने दूसरी सीढ़ी पे पैर रख दिया था.
कथा जारी है...
Waiting for more update, Sir :vhappy1:
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
19,643
48,470
259
Wah,wah Wah wah wah kya baat hai bhai dono ke dono update janlewa the. Great Update with Awesome writing Skills
 
Top