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Adultery ठाकुर ज़ालिम और इच्छाधारी नाग

आपका सबसे पसंदीदा चरित्र कौनसा है?

  • कामवती

  • रतिवती

  • रुखसाना

  • भूरी काकी

  • रूपवती

  • इस्पेक्टर काम्या

  • चोर मंगूस

  • ठाकुर ज़ालिम सिंह /जलन सिंह

  • नागेंद्र

  • वीरा

  • रंगा बिल्ला


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andypndy

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सूरज सर पे आ गया था
विष रूप हवेली मे असलम सुबह से ही बैचैन था जबसे उसने रतिवती को देखा था उसका लंड उठ उठ के गिर रहा था परन्तु अकेले मौका नहीं मिल रहा था उसे.
रतिवती अपनी बेटी कामवती के साथ व्यस्त थी.
असलम पे तो खुमारी छाई हुई थी एक तो कल जो उसने कामवती की गांड चूसी थी उसका ही खुमार नहीं उतरा था और आज सुबह सुबह रतिवती के कामुक बदन के दर्शन कर उसके जी को चैन नहीं मिल रहा था.
काफ़ी इंतज़ार करने के बाद असलम आपने कमरे मे चल देता है और जाते ही पूर्ण नंगा हो जाता है उस से लंड की गर्मी झेली नहीं जा रही थी.
वो तुरंत अपना बड़ा लंड हाथ मे पकड़ हिलाने लगता है उसे कुछ राहत मिलती है...
फच फच फच....करता असलम लंड मसले जा रहा था.
"क्या असलम जी क्यों खुद को तकलीफ देते है " असलम आवाज़ सुन के चौंक गया पीछे मूड के देखा तो कामसुंदरी रतिवती दरवाजे पे अपना पल्लू गिराए खड़ी थी,सुन्दर गोल स्तन पुरे बाहर को छलक रहे थे.
दोनों हाथ सर के पीछे किये आपने स्तन को और ज्यादा बाहर को निकाल लेती है, साक्षात् काम देवी असलम के दरवाजे खड़ी थी.
20210928-180303.jpg


रतिवती :- असलम जी आपने इतने अहसान किये है हम पे, मेरा फर्ज़ बनता है की इस अहसान को उतार दू..
ऐसा बोल रतिवती आगे बढ़ जाती है और ठीक असलम के सामने घुटने टिका देती है असलम का भयानक लंड बिलकुल रतिवती के होंठो के सामने झटके मार रहा था.
रतिवती की यही अदा जो जान ले लेती थी मर्दो की ऊपर से असलम प्यासा मर्द था.
रतिवती अपनी जीभ निकल पुरे लंड को सुपडे से ले कर टट्टो तक एक बार मे ही चाट के गिला कर देती है.
आआहहहहह.....रतिवती तुम कमाल की औरत हो हमेशा गरम ही रहती हो.
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रतिवती :- ऐसा लंड हो तो कौन गरम नहीं होगा डॉ.असलम ऊपर से आपके अहसान है मुझपे आपने मेरी बेटी की जान बचाई है...
असलम बेटी सुनते ही उसके सामने कामवती की मोटी गद्दाराई खूबसूरत गांड आ जाती है,वो एक झटके मे ही अपना पूरा लंड रतिवती के हलक मे डाल देता है,जबकि उसके ख्यालो मे वो अपना लंड कामवती की गांड मे डाल चूका था.
उम्म्म......उम्म्म्म....आअह्ह्ह....असलम जी आराम से भागी थोड़ी जा रही हूँ.
लेकिन असलम पे कोई फर्क नहीं पड़ता वो अब तक धचा धच धचा धच..रतिवती का मुँह चोदे जा रहा था.
हमेशा रतिवती ही असलम पे हावी रहती थी परन्तु कामवती के मादक जिस्म ने उसके अंदर का हैवान जगा दिया था
रतिवती :- आज असलम को हो क्या गया है? कहाँ से सिख गया ये?
खेर जहाँ से सीखा मुझे जल्द ही करना होगा.
कामवती को पेशाब का बहाना कर के आई थी मै...
रतिवती खूब मन लगा के जीतना हो सकता था उतना लंड अंदर ले रही थी आखिर काफ़ी दिनों बाद उसे लंड मिला था.
थूक की धार होंठो से लग लग के नीचे गिर रही थी.
असलम :- आहहहह...रतिवती कितना अच्छा चूसती हो तुम जान ही निकाल लेती हो.
रतिवती बिना बोले चपा चप लंड निगले जा रही थी कमरा पच पच....गऊऊऊऊऊ....उफ्फ्फ्फ़...की आवाज़ से गूंज रहा था.
रतिवती को गए काफ़ी वक़्त हो गया था कामवती बैठे बैठे बोर हो रही थी
"माँ को गए काफ़ी टाइम हो चला है, देखती हूँ चल के "
कामवती आपने कमरे से निकल बाहर को आ जाती है, अभी गुसालखाने की और जा ही रही थी की उसे कुछ आहट सुनाई देती है,सिसकने के आवाज़ जैसा था कुछ.
"ये कैसी आवाज़ है "?
कामवती आवाज़ की दिशा मे चल देती है और असलम के कमरे के बाहर ठिठक जाती है.
"ये आवाज़ तो अंदर से आ रही है कही डॉ.असलम को कोई तकलीफ तो नहीं "
कामवती दरवाजा ठेल के अंदर जाने को ही थी की उसकी नजर दरवाजे की दरार से अंदर पड़ती है
वो देखते ही दंग रह जाती है, उसकी माँ रतिवती साड़ी उठाये घोड़ी बानी हुई थी पीछे असलम गांड मे मुँह धसाये मुँह हिला रहा था.
"हे भगवान ये डॉ.असलम क्या कर रहे है?" कही मम्मी को भी तो सांप ने नहीं काट लिया.
बेचारी भोली भली कामवती
वो काफ़ी डर गई थी अंदर जाने को ही थी की.
रतिवती :- असलम अब देर मत करो वक़्त नहीं है जल्दी से मेरी प्यास बुझा दो,फाड़ दो मेरी चुत,चोदो मुझे असलम
कामवती ये शब्द सुन के दंग रह जाती है उसने होने गांव मे लड़को को गली देते सुना था की जैसे लंड चोदो...
"तो...तो...क्या मेरी माँ असलम से चुदवा रही है"
कामवती बदहवास थी वो तो चुदाई से परिचित ही नहीं थी फिर एकदम से उसके सामने ऐसा दृश्य आ गया उसकी सांसे उखाड़ने लगी..
अंदर असलम गांड से मुँह हटा लेता है पूरा मुँह थूक और चुत रस से सना हुआ था.जैसे जी असलम खड़ा होता है कामवती की नजर सीधा असलम के हाहाकारी लंड पे पड़ती है.
उसके मुँह से चीख सी निकल जाती
है.....
आआहहहह..माँ मममम...... मुँह पे हाथ रखे कामवती आपने कमरे की और भागती है.उसके आँखों के सामने असलम का लंड झूल रहा था
"हे भगवान ये सपना है ऐसा नहीं हो सकता ठाकुर साहेब का तो नहीं है "
अंदर कामवती के चिल्लाने की आवाज़ सुन असलम और रतिवती की सिट्टी पिट्टी गुम हो जाती है.
असलम :- ये कैसे आवाज़ थी?
रतिवती तुरंत साड़ी नीचे किये बाहर की और दौड़ लगा देती है.
क्या हुआ? क्या हुआ बेटी तुम चिल्लाई क्यों?
कामवती कही खोई हुई थी
रतिवती को डर लगने लगा कही कामवती ने कामक्रीड़ा तो नहीं देख ली?
"नहीं माँ...वो..वो...चूहा देख लिया था भयंकर चूहा"
ना जाने किस कसमकास ने कामवती को सच्चाई बयान करने से रोक लिया था.
रतिवती कामवती को गले लगा लेती है.
कामवती के जहान मे हज़ारो सवाल थे.उसके मन मे कुछ तो पनप रहा था...वो लगातार कुछ सिख रही थी जैसे कुछ याद आ रहा हो.
रतिवती अभी भी प्यासी थी,उसकी चुत रो रही थी लंड पास हो के भी ना मिला.

जंगल मे
ठाकुर और कालू बिल्लू रामु जंगल का चप्पा चप्पा छान रहे थे भूरी कही नहीं थी.
मालिक...मालिक.....ये देखिये रामु को एक लहंगा मिलता है.
जिसे वो खूब पहचानता था की भूरी काकी का है.
मालिक ये देखिये भूरी काकी का लेहंगा.?
ठाकुर :- हरामखोर तुझे कैसे पता की ये काकी का लहंगा है.
रामु की घिघी बंध गई थी उसे लगा की फस गया अब, तभी
"मालिक घर मे एक ही तो औरत है उनके हि कपड़े आंगन मे सुखते है तो रंग याद है" बिल्लू बात को संभाल लेता है.
ठाकुर :- अच्छा ढूंढो आस पास.

ठाकुर की दौड़ जारी थी..
परन्तु..भूरी अपनी दौड़ हार रही थी उसकी सांसे फूल रही थी "अब और नहीं अब नहीं....भाग सकती हमफ़्फ़्फ़...हमफ़्फ़्फ़...
धड़ाम.....एक हाथ भूरी के पीठ पे पड़ता है और भूरी लुढ़क जाती है उसकी आंखे थकान और ठोंकर से बोझिल होती चली जाती है.

वही शहर मे आज कालावती खुब रच के तैयार हुई थी बिंदी,चूड़ी,मंगलसूत्र,सिंदूर सब कुछ बिलकुल अप्सरा लग रही थी
20210924-120909.jpg

ठक ठक ठक.....कलावती की खुशी का ठिकाना नहीं रहता,
लगता है दरोगा साहेब आ गए.
कलावती भागती हुई स्तन उछालती दरवाजा खोलने दौड़ती है...
और धड़कते दिल के साथ दरवाजा खोल देती है आखिर सालो बाद आपने पति को देखने वाली थी.
ढाड़ से दरवाजा खुलता है " आइये दरोगा सा.....सा....कौन हो तुम?
कलावती के होश उड़ जाते है दरवाजे पे दो भयानक किस्म के आदमी खड़े थे,घनी मुछे चौड़ी छाती,कंधे पे राइफल.
हाहाहाहा.....तू तो वाकई सुन्दर है रे क्यों बिल्ला?
हाँ भाई रंगा..

क्या दरोगा खुद को और कलावती को बचा लेगा?
भूरी का क्या होगा?
कामवती अपना पिछला जन्म याद कर पायेगी?
बने रहिये कथा जारी है...
 
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andypndy

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बचाओ....बचाओ...मदद करो हुम्म्मफ्फफ्फ्फ़....हमफ्फ्फ्फफ्फ्फ़..
ठाकुर :- अरे ये कौन चिल्ला रहा है कोई स्त्री लगती है...
बिल्लू तांगा रोको
बचाओ बचाओ.....करती एक लड़की धड़ाम से ठाकुर के तांगे के आगे रास्ते पे बेदम सी गिर पडी.
ठाकुर जो को भूरी को खूब ढूंढने के बाद हवेली वापस लौट रहे थे.
परन्तु जैसे ही थोड़ा आगे बड़े ही थे की..."बिल्लू जा के देखो कौन है?"
बिल्लू और रामु अपना लठ संभाले नीचे उतरते है और उस स्त्री के पास पहुंचते है जो की नीचे गिरी हांफ रही थी सांसे तेज़ चल रही थी..
मालिक जवान लड़की है लगता है गिरने से बेहोश हो गई है
"अच्छा " बोल ठाकुर पानी का केन लिए नीचे उतरता है.
लड़की का मुँह पल्लू से नाक तक ढाका हुआ था सिर्फ सुर्ख लाल होंठ ही नजर आ रहे थे.होंठो के नीचे सुराहीदार पतली गर्दन.
images-1.jpg

गर्दन के नीचे बढ़ते ही उन्नत छातिया,जैसे कोई पहाड़ रख दिया हो,स्त्री के लेटे होने की वजह से उसके आधे से ज्यादा स्तन ब्लाउज से बाहर को आ रहे थे जिसे बिल्लू और रामु ललचाई नजरों से देख रहे थे.
लालच तो ठाकुर के मन मे भी उत्पन्न होने लगा ऐसा हुस्न देख के.
ब्लाउज निहायती छोटा जान पड़ता था रंग बिरंगा सा.
ब्लाउज से नीचे गोरा सपाट पेट जिसपे नाभि किसी हिरे की तरह चमक रही थी.
नाभि के नीचे जाते जाते रास्ता चौड़ा होने लगा गांड के आस पास का इलाका फैला हुआ था जान पड़ता था लड़की बड़ी गांड की मालकिन है.
जाँघ ऐसी की हाथ रखो तो हाथ फिसल जाये.
images.jpg

लड़की ने एक रंगबिरंगा लहंगा पहना था जो सिर्फ घुटनो तक ही था परन्तु उसे नीचे गिरे होने से लहंगा जाँघ तक चढ़ा हुआ था.
ठाकुर साहेब तो गोरी मासल जाँघे देख जडवत हो गए.
"मालिक...पानी दीजिये "
मालिक....मालिक....बिल्लू ने वापस आवाज़ लगाई.
ठाकुर :- आ....हाँ हैं...हाँ...ये लो पानी.
बिल्लू ने उसके होंठो को जैसे ही पानी से छुवाया..
मममम...आम्म.....लड़की की आंखे खुल जाती है.
उसके सामने तीन आदमी खड़े थे,लड़की डर जाती है
तुरंत उठ बैठती है खुद को समेटने लगती है.
ठाकुर :- डरिये मत आप..मै यहाँ का ठाकुर हूँ.
आप बताये इस कदर क्यों भाग रही थी कौन हो तुम?
स्त्री :- मै...मै....विष रूप के आगे वाले गांव रूप गंज जा रही थी
मेरे पति वही काम करते है.
लेकिन जंगल पार करते करते शाम हो गई और पीछे जंगली कुत्ते पड़ गए थे उनसे बचने के लिए भागी थी की यहाँ गिर पडी

आपका सुक्रिया ठाकुर साहेब आपने बचाया,उस स्त्री के होंठो पे एक प्यारी से मुस्कान तैर गई.
ये मुस्कान सीधा ठाकुर के कलेजे पे लगी.
ठाकुर :- रात होने वाली है जंगल मे खतरा है ऐसा करे आप तांगे पे आ जाये हम विष रूप ही जा रहे है आपको आगे रूपगंज छुड़वा देंगे
लड़की शर्माती लाजती तांगे की और बढ़ गई..पीछे ठाकुर बिल्लू और रामु उस मादक चाल को ही देखते रह गए.
बड़ी मोटी गांड छोटे से लहंगे मे हिचकोले खा रही थी.
ठाकुर :- कभी लड़की नहीं देखि क्या हरामखोरो
रात होने को आई है जल्दी चलो हवेली...
सवारी निकल पड़ती है.
पीछे खड़ा शख्श धूल उड़ाते तांगे को देखता रह जाता है
"अल्लाह का शुक्र है रुखसाना की पहली योजना सफल हुई"
आगे भी अल्लाह करम करे बोलता मौलवी भी पलट के चल पड़ता है.

हर जगह बिसात बिछ चुकी है,हर खिलाडी अपना खेल खेल रहा है.
देखते है कौन हारेगा,कौन जीतेगा...
कथा जारी है.....
 

Napster

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रतीवती असलम से चुदते चुदते कामवती की आवाज सुनकर अधुरी रह गयी
डॉ असलम का भयानक लंड देखकर कामवती की क्या प्रतिक्रिया होती हैं
रतीवती अब किस तरह से अपनी जवानी की आग शांत करती है
रंगा और बिल्ला का खेल कलावती के साथ किस करवट जायेगा दरोगा अपनी पत्नी को दोनो दरिंदोसे बचा पायेगा
भुरी काकी नरभक्षी कबिले वालों के हाथ तो नहीं आयी और उसका क्या होता है
रुखसाना ने ठाकुर का विर्य पाने के लिये रचाया नाटकं सफल होगा
ठाकूर का विर्य प्राप्त करके रुखसाना और मौलवी कौन सी शक्ती पाना चाहते है
गजब का अपडेट है भाई मजा आ गया
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 

andypndy

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डॉ असलम का भयानक लंड देखकर कामवती की क्या प्रतिक्रिया होती हैं
रतीवती अब किस तरह से अपनी जवानी की आग शांत करती है
रंगा और बिल्ला का खेल कलावती के साथ किस करवट जायेगा दरोगा अपनी पत्नी को दोनो दरिंदोसे बचा पायेगा
भुरी काकी नरभक्षी कबिले वालों के हाथ तो नहीं आयी और उसका क्या होता है
रुखसाना ने ठाकुर का विर्य पाने के लिये रचाया नाटकं सफल होगा
ठाकूर का विर्य प्राप्त करके रुखसाना और मौलवी कौन सी शक्ती पाना चाहते है
गजब का अपडेट है भाई मजा आ गया
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
धन्यवाद दोस्त
आपके कमेंट हमेशा बेहतरीन होते है और मुझे लिखने की प्रेरणा देते है.
सभी जवाब जल्द ही मिलेंगे 👍
😁
 
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andypndy

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Yu beech me chhoda karo bhai. Ab besabri se intejar rahega agle bhag ka
Hahahaha... आपकी बेसब्री ही मेरी प्रेरणा है.
कहानी मे कैरैक्टर बहुत है एक ही समय मे सब की कहानी कहनी है तो दृश्य कट होते रहते है.
रोमांच बना रहना चाहिए....😉
बने रहिये कथा जारी है....
आज रात अपडेट आ जायेगा
 
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