“बड़ी चाची”
भाग – 4
फिर मैंने चाची की पेन्टी को छोड़ा और चाची की कमर के साइड से दोनों हाथ पेन्टी में डालकर पेन्टी नीचे करने लगा। चाची ने भी हल्का सा उठ कर मेरा काम असान कर दिया, फिर मैने बड़े आराम से चाची की पेन्टी उतारी और उसे सूँघने लगा, मुझे सच में पसंद आने वाली खुशबू थी पेन्टी कि, मैंने थोड़ी देर लगायी तो चाची ने मुझे सूंघते हुए देख लिया और कहा...
चाची: अरे रेशु, यह क्या कर रहा है?
मैं- चाची, इसमें से अच्छी खुशबू आ रही है, इसलिए इसे सूँघ रहा हू, मुझे बड़ा मजा आ रहा हे।
चाची- रेशु, मेरे दर्द के बारे में सोच।
मैं- अच्छा चाची, क्या में यहाँ सूँघ सकता हूँ?
मैंने चाची की गांड की और पॉइंट करते हुए कहा चाची ने कहा, “ठीक है, पर इलाज भी साथ में”। फिर मैं चाची की गांड के पास बैठ गया और चाची की गांड को देखने और दबाने लगा, चाची की फिर से सिसकियां स्टार्ट हो गयी और फिर मैं चाची की गांड को सूँघने के बहाने चाची के ऊपर आ गया और उलटा लेट गया, जिससे अब में चाची के ऊपर था पर चाची पेट के बल लेटी थी, इसीलिए वह मेरा तना हुआ लंड महसूस कर सकती थी पर कुछ कर नहीं सकती थी। चाची की इस हालत पर मुझे मज़ा आ रहा था और मैं चाची की गांड को सूँघने के बहाने, चाची की गांड को खोलकर किस करने लगा और मेरी नाक चाची की बुर पर थी इसलिए चाची और भी मदहोश हो रही थी। चाची की चुत से रस निकलना चालू हो गया था और मेरा लंड भी काबू में नहीं था। इसीलिए मैंने चाची को हिंट देने के लिये वहा खुजाया और दो तीन बार किया तो चाची ने भी आखिर पूछ ही लिया।
चाची : क्या हो रहा हे बेटा?
मैं- कुछ नहीं चाची, बस खुजली हो रही है।
चाची- ला में देखू तो?
मैने बिना समय बर्बाद किए, नादान बनते हुए अपना लंड चाची के सामने खुला कर दिया अब चाची पीठ के बल घूम गयी और मेरी आँखों के सामने चाची की चुत थी, हल्के से बाल भी थे उसपर, पहली बार चुत देख कर मेरे से रहा नहीं गया और मेरा प्री कम निकलने लगा। उसे चाची ने देख लिया लेकिन अन्जान बनते हुए फिर से कहा की ले में इस खुजली का इलाज करती हूँ और मौका पाते ही मेरा लंड पकड़ कर अपने मुँह में रख लिया और मस्त चुसने
लगी। मैं भी समझने लगा था की चाची चुदना जरूर चाहती हे पर नादान बनकर। इसलिए मैंने चाची से कहा “चाची यहाँ पर चींटी अंदर गयी लगता है, इसीलिए पानी निकल रहा है, क्या में इसे निकाल दूँ?'
चाची- ने कहा आरे जल्दी निकाल यह भी कोई पूछने वाली बात है क्या?
मैंने भी चाची की चुत में अपनी ऊँगली डाल दी और आराम से उसे अंदर बाहर करने लगा, चाची भी मेरा लंड चुस चुस कर बरसो की प्यास बुझा रही थी। फिर मै चाची की चुत में अपनी जीभ डाल कर चूसने लगा। मेरी जीभ की नर्माहट से चाची की एक्साइटमेंट बढ़ती जा रही थी लेकिन वो खुल कर मुझे चोदने के लिए बोल नहीं रही थी।
मै यह सोच रहा था की इतने बहाने कैसे बनाऊँगा? लेकिन मैंने आईडिया निकाला और चाची के मूँह को चोदने लगा, वह भी बुरा नहीं मान रही थी। शायद चाचा ने कभी चाची के साथ माउथ-फकिंग किया नहीं होगा, यह उनके लिए पहली बार था मैंने अपनी स्पीड बढाई और चाची के गले में और अंदर, और अंदर लंड डालने लगा। चाची तो मानो पागल हो रही थी, फिर मुझे जब लगा की में अब झडने वाला हूँ तो मैंने अपना लंड बाहर निकाला और चाची के पूरे बदन पर अपना सारा माल निकल दिया. मेरे 9 इंच के लंड में से पहली बार इतना सारा माल निकला। चाची का ब्लाउज़ पूरा चिकना हो गया था फिर उन्होंने अनजान बनते हुए ग़ुस्से मे कहा 'रेशु यह क्या किया तूने पूरे कपडे गंदे कर दिए?' मैंने तुरंत चाची के कहने पर कहा की “लाओ चाची में इसे उतार देता हू, आपके हाथ गंदे हो जाएंगे”।
इस बात पर उन्होंने बनते हुए कहा की “अच्छा ठीक है, पर आगे से ऐसा मत करना”। फिर वो बैठ गई और मैंने अपने हाथ चाची के शोल्डर पर रख दिए और चाची के शोल्डर को सहलाते हुए उनके आर्मपिट से होते हुए मैंने दोनों साइड से चाची के बॉब्स पर हाथ रख दिया और सहलाने लगा। चाची बस आँखें बंद कर के मज़े ले रही थी। फिर मैंने चाची के ब्लाउज़ के हुक खोलना शुरू किया और फिर एक दो तीन और चार कर के सारे हुक खोल दिए और चाची का ब्लाउज आराम से उतार दिया। अब चाची ब्लैकब्रा और पेन्टी में थी। बाय गॉड मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और वो चाची के कमर को छु रहा था चाची को इस बात का पता चल रहा था फिर उन्होंने मेरी और देखते हुए कहा की 'रुक क्यों गये, इसे भी उतार कितना गन्दा हो गया हे?'
मैंने तुरंत आज्ञाकारी स्टूडेंट की तरह चाची की ब्रा के हुक को पीछे से खोला और निकाल दिया। अब चाची कुछ और ही रंग में थी...
चाची-“बेटा इसको भी मसाज कर दे”, और ऐसा कहकर उन्होंने मेरे हाथ अपने हाथों में ले कर अपने बूब्स पर रखे और सहलाने लगी। वह अब सिडक्शन फील कर रही थी। मैं भी अब चाची से एक दम सट के बैठ गया और उनके बूब्स मस्त दबाने लगा। दोनों बूब्स मेरे हाथों मे मैने गोल गोल घुमाये और फिर दोनों हाथों में निप्पल्स ले कर उसे प्रेस किया। चाची के मुँह से एक “आआआह्”....निकला पर उनको मज़ा आया। फिर मैंने उन्हें लेटा दिया और उनके ऊपर चढ गया और चाची के बूब्स दबाने लगा और बिना पूछे उन्हें अपने मुँह में ले लिया और जोर – जोर से चुसने लगा। चाची के फेस पर शिकन की लकीरे देख कर में रूक गया तो चाची ने आंखेँ खोलकर कहा “अरे रूक क्यों गया और करो अच्छा लगता है”।
मैं फिर से चाची के बूब्स मसलने में लग गया फिर मैंने चाची की नाभि में अपनी ऊँगली डाली और उसे घूमाया और अंदर प्रेस भी करने लगा। थोड़ा ज्यादा जोर डालते ही चाची अपने आप को रोक नहीं पायी ओर बोल पड़ी की 'रेशु बेटा जरा धीरे करो'। फिर मैंने चाची के पेन्टी में हाथ डाला और चाची की क्लिट को मसलने लगा और थोड़ी देर ऐसा करने के बाद मैंने चाची की चुत मे उंगली डाल दी और उसे अंदर बाहर करने लगा। चाची को मस्त लग रहा था अब उनसे रहा नही गया और बोल पडी चाची “येस, रेशु बेटा, और करो, अच्छा लग रहा हे,. प्लीज फ़क मि”...चाची के मुँह से फ़क सुनने का ही इंतज़ार था फिर मैंने चाची के चुत में दो उंगलिया डाल दी और चाची मचल उठी और अंगडाई लेने लगी।
मैं चाची की नाभि को किस कर रहा था और दो ऊँगलियों से चुत मसल रहा था फिर मैंने फिर से उठकर चाची के ऊपर 69 की पोजीशन में आ गया और चाची की पेन्टी को निकाल दिया और चाची की चुत को मुँह में ले कर चुसने लगा चाची भी बिना कुछ सोचे मेरे लंड को चूसने लगी और अपने मुँह में जी भर के लंड उतारने लगी। फिर उन्होंने मेरे दोनों बॉल्स को पकड़ा और दबाया, में भी उत्तेजित हो गया और चाची की चुत में और जीभ डालने लगा चाची अब जोर से अब मॉनिंग कर रही थी। मैंने अपनी दो उंगलिया फिर से चाची की चुत में डाली और जोर – जोर से अंदर – बाहर करने लगा और अपनी जीभ से चाची को चाटने भी लगा। अब मेरे बस में नहीं था, इसीलिए मैंने चाची के दोनों पाँव फैला लिए और चाची के चुत पे अपना लंड रक्खा और धक्का मारने लगा पर लंड अंदर गया नही।
फिर चाची हंस के बोली 'बेटा चाहे जितना ब्लू फिल्म देख लो, पहली बार तो औरत से पूछना ही पडता है”। फिर उन्होंने मेरे लौड़े को अपने छेद पर रखा और अब जोर लगाने को कहा। फिर मैंने जोर लगाया और इस बार चाची की बुर मे मेरा लंड चला गया पूरा नहीं गया था पर दूसरी बार में पूरा चला गया। अब चाची ने कहा की “धीरे धीरे शुरू करना फिर अपने आप स्पीड आ जाएगी”। मैंने फिर अपना लंड चुत मे ही रहने दिया और चाची के ऊपर लेट गया और चाची के लिप्स को चुस्ने लगा। चाची भी मेरे लिप्स को चुस रही थी। फिर उन्होंने मेरी जीभ को पकड़ लिया और उसे चूसने लगी। मेरे लिये यह पहली बार था लेकिन मज़ा आया और मैं भी उनकी जीभ को चूसने लगा। वह इस किस मे मस्त थी और मैंने चोदना शुरू कर दिया था तक़रीबन पांच मिनट तक चूसने के बाद मैने चाची की जीभ को छोड़ा और अब सीधा बैठ गया और जोर जोर से चाची की बुर में धक्के लगाना शुरु कर दिया। चाची की चुत में से मस्त लिक्विड निकल रहा था जिसके साथ मेरे लौड़े के टकराने से “छपाक....छप्पाक” आवाज़ आ रही थी।
मेरी साँसे तेज़ हो रही थी और चाची भी जोर जोर से मॉनिंग कर रही थी। फिर मैंने चाची को साइड से लेटा कर चोदना शुरु किया और साथ में ही उनके बूब्स भी दबाने लगा। मेरी चुदाई और भी तेज़ हो रही थी। पूरा बिस्तर हिल रहा था पता नहीं चाची को चाचा ने ऐसे कभी चोदा भी होगा या नही। फिर साइड से होते हुए मैंने चाची को पलटा दिया और चोदना शुरू कीया था अब मैं चाची की चूत में और
जोर से धक्के लगाने लगा। वह भी जानबूझ कर जोर से वापस आती थी। तक़रीबन आधे घँटे तक मैंने चाची को बिना रुके चोदा, अब मुझे कुछ झटका सा लग रहा था मैने चाची से कहा तो उन्होंने कहा की पहली बार कर रहे हो इसीलिए पता नही, इसे ओर्गाजम कहते है, तुम अब झड़ने वाले हो, प्लीज़ और भी जोर से करो में भी क्लाइमेक्स पर
पहुँचनेवाली हू।
फिर मैंने तो जैसे चाची को जो डॉगी स्टाइल में थी मैंने उन्हें उनके पेट से पकड़ के उठा लिया और दम लगाके झटके मारने लगा। चाची भी क्लाइमेक्स के लिए जोर लगाने लगी और फिर एक दम से उनके चुत में से लिक्विड छुटा और वह शांत हो गयी और दो ही मिनट में मैंने भी चाची के अंदर ही अपना सारा वीर्य झटके से उडेल दिया. और चाची के उपर ही लेट गया। चाची पेट के बल लेटी थी, मैंने चाची के ऊपर अपना फेस रक्खा और उनके गाल को किस करने लगा, फिर उनके कान में कहा...
मैं- “थैंक्स चाची, यु आर सो नाइस”।
चाची- “रेशु, आए एम थैंकफुल टू यु, आज बहुत दिनों के बाद अपने औरत होने का एह्सास हुआ हे”।
फिर वो मेरी और पलटी और मैंने उनकी आँखों में देखा, अब उसमे एक सटिस्फैक्शन था जो की सेक्स के लिये मुझे कब से उकसा रहा था फिर मैंने उनके लिप्स पर किस करने लगा।
दूसरे दिन में देर तक नहीं उठा और जब तक़रीबन 10:30 बज चुके थे तब अचानक मैंने अपने बदन में पैन महसूस किया और में जग गया और उठा तो होश में आया तो पता चला की पेनिस में दर्द हो रहा था मैं उठा और नहाकर फ्रेश हो कर बाहर आया तब भी दर्द चालू था मुझे कुछ शक़ सा हुआ की शायद यह पिछ्ली रात के वजह से तो नही। इसीलिए में तुरंत अपनी चाची से पूछ्ने उनके रूम के लिए निकला। लेकिन वो उनके रूम में नहीं थी, मैंने पूरा घर छान मारा पर चाची मिली नही, चाचा पहले से क्लिनिक के लिए निकल चुके थे। मैं अकेला था और चाचा के बारे में सोच रहा था तक़रीबन आधे घंटे बाद चाची कहीं बाहर से आई और जैसे ही मैंने डरवाजा खोला तो वो मेरी और देखे बिना ही किचन में चल दी और अपना काम करने लगी, में भी उनके पीछे गया और कहा...
मैं-चाची???
चाची- “रेशु प्लीज में बहुत डिस्टर्ब हूँ और मुझे तुमसे अभी कोई बात नहीं करनी हे, प्लीज लीव में अलोन”।
मैं काफी टेंशन में आ गया पर चाची की सिचुएशन को समझते हुए में कॉलेज जा रहा हूँ कह कर निकल गया। फिर मैं कॉलेज में अपने जिगरी दोस्त से अपने दर्द के बारे में बताया तो उसने मुझे समझाया की ऐसे पहली बार सेक्स करते हैं तो चमड़ी छील जाने से ऐसा होता है, लेकिन फिर ठीक हो जाएगा। पूरा दिन में चाची के बारे में सोचता रहा, कहीं मन नहीं लग रहा था मैं शाम को घर आया तो मैंने चाची से बात करनी चाही पर चाची मुझे अवाइड कर रही थी। मैं फ्रेश हो कर आया तो चाची अपने रूम में थी। मैंने चाची के रूम पर दस्तक दी और दरवाजा खटखटाया।
चाची- “कौन???
मैं- “चाची में हू”।
चाची– “क्या काम है”?
मैं- “चाची प्लीज मुझे आपसे बात करनी है”।
चाची : “बाद में बात करेंगे, अभी नही”।
मैने यह सुना लेकिन मैं दरवाजा खोलकर अंदर चला गया और चाची को देखा। मुझे देखते ही चाची ने कहा की “रेशु मुझे अभी कोई बात नहीं करनी है, प्लीज मुझे अकेला छोड़ दो”।
मैं चाची के सामने बैठा और कहा...
मैं- “क्या बात हे चाची??? प्लीज मुझे बताइये..आप बहुत अपसेट लग रही हैं”।“मैं कुछ मदद कर सकता हूँ”?
चाची- “नही”।
मैं- “चाची..कल रात जो भी हुआ वो मुझे गलत नहीं लग रहा, अगर आपको कुछ गिल्टी फीलिंग हो रही हे तो मैं आपसे माफ़ी मांगता हूँ और आगे से ऐसा कुछ नहीं होगा पर एक बात कहूं”....
चाची- “क्या..”? (चाची अब भी मुझसे नज़रें नहीं मिला रही थी)
मैं- “चाची कल रात के लिए थैंक्स?? वो बहुत हसीन पल थे और में बहुत खुश हूं। आप के मन के बारे में तो नहीं पता पर अगर आप कुछ कहना चाहे तो कह सकती हैं”।
चाची-“रेशु बेटा कल जो हुआ उसमे मेरी ग़लती थी और प्लीज मुझे माफ़ कर देना मुझे बहुत गलत लग रहा है और प्लीज आगे से ऐसा कुछ नहीं होगा और तू कुछ गलत सोचना भी मत?? प्लीज अभी तुम जाओ और जो भी कल हुआ उसे भूल जाओ”।
इतना बोलते तो मेरी मनो जान ही थम गयी. फिर मैंने चाची की और देख, वो मुझे ही देख रही थी. बिलकुल एक्सप्रेशन नहीं थे उनके चेहरे पर, लेकिन मैंने उन्हें फिर से प्लीज कहा। मुझे लग रहा था की चाची मान जायेगी पर कोई विश्वास नहीं था में अपनी सोच में था की क्या होगा पर इतने में चाची उठी। मैं ठीक उनके सामने बैठा था और वो एक दम से उठकर मेरे चेहरे को हाथों में पकड़ लिया और अपने लिप्स से मेरे लिप्स को पकड़ लिया। एक सेकंड के लिए मैं कुछ संमझा नहीं पर बाद में समझा मैंने फिर चाची को बाँहों में पकड़ लिया और अपने सीने से जोर से सटा लिया। मेरे हाथ उनके बैक पर घूम रहे थे और वो मेरे लिप्स को चुसे जा रही थी। ओह गॉड वो तो मानो खो गयी थी। फिर उन्होंने मुझे बेड पर गिरा दिया और पगलों की तरह मेरे पूरे चेहरे को किस करने लगी। किस क्या वो मुझे शायद चाट रही थी। मैं तो कुछ करने के हालत में नहीं था मेरे पूरे चेहरे को चूमने के बाद फिर से वो मेरे लिप्स को चुस्ने लगी तो मैंने भी अपने ऊपर से उन्हें घुमा दिया और उनके ऊपर हो गया और में भी उनके लिप्स को किस करने लगा। अब मैंने अपनी जीभ उनके मुँह में दे दी और वो भी मेरी जीभ का स्वाद लेने लगी।
मैंने दोनों हाथ उनके गालों पर रक्खे थे। हलकी पीली रौशनी में उनके गाल एक दम सिडक्टिव लग रहे थे। फिर मैंने अपना राईट हैंड उनके गाल से हटा कर उनके गले पर घूमाते हुए स्लोली उनके शोल्डर पर ले गया और वह शोल्डर को दबाते हुए मैंने अपना हाथ उनके बूब पर ले जाने लगा। तभी चाची ने एक दम से अपने हाथ से मेरा हाथ थाम लिया और अब तक जो आँखें बंद कर के बस चुमे जा रही थी तो अब उन्होंने आँखें खोल ली और मेरी और देखने लगी। लेकिन मैं भी अब चाची को छोड़ने के मूड में नहीं था। मैंने चाची को एक आँख मार कर इशारा किया और चाची के ब्लाउज से हाथ हटा कर चाची की नाभि पर रखा और अपनी मिडिल फिंगर को उसमे अंदर करने लगा। इससे चाची काफी उत्तेजित होने लगी थी। चाची अपने पेट को ऊपर करके मुझे अपनी ऊँगली निकालने के लिए इशारा कर रही थी पर मैंने ऊँगली निकालने के बजाय ऊँगली को चाची के नाभि में गोल – गोल जोर से घुमाने लगा।
अब रफ़ बिहेवियर करने लगा जैसे में फिंगर फकिंग कर रहा हू, अब चाची से नहीं रहा जा रहा था इसीलिए उन्होंने अपने एक हाथ से मेरी ऊँगली को पकड़ लिया और न चाहते हुए भी उसे निकालने लगि। मैंने चाची के लिप्स को छोड़ा और चाची को गर्दन के आसपास चूमने लगा, चाची को अब नशा चढ़ रहा था वो बोली, “रेशु, प्लीज रूक जाओ, ऐसा मत करो..”। वो मुझे रुकने को बोल रही थी पर अपने हाथों से मेरे सर को पकड के सहला रही थी और मेरे सर को अपने बदन पर झुका रही थी। मैं समझने लगा था मैंने अब चाची के बूब्स पर फिर से हाथ रखा और आराम से गोल गोल घुमाने लगा, अब चाची के बस में कुछ नहीं था अब चाची की निप्पल्स कड़क होने लगी थी। मैंने चाची की दोनों निप्पल्स को पकड़ा और उसे पिंच किया.. फिर से छोड़ा और पिंच किया.. फिर से छोड़ा और पिंच किया। अब चाची के बस में वो खुद नहीं थी, फिर वो भी अपने बूब्स को ऊपर उठा के जैसे मुझे इनवाइट कर रही हो ऐसे इशारे करने लगी।
मैंने अब चाची के ब्लाउज़ के हुक पे अपने हाथ डाले पर चाची ने फिर से मेरे हाथो को रोक लिया पर मैंने थोड़ी आक्रामकता दिखाते हुए चाची के लिप्स पर फिर से किस करने लगा और इस दौरान मैंने चाची के ब्लाउज के बटन खोल डाले और ब्लाउज को दोनों बाजुओं के साइड कर दिया। ओह माय गॉड मैंने देखा तो चाची ने ब्लाउज के निचे कुछ नहीं पहना था ब्लाउज पर हाथ फेरते समय ऐसा लगा था पर यकीन नहीं हो रहा था और पार्टी में शिफोन साडी के ट्रांसपेरंट न देख पाने की वजह से शक़ नहीं हुआ। खैर अब चाची के बॉब्स मेरे सामने ओपन थे और मैंने अपने दोनों हाथ चाची के बॉब्स पर रख दिए और चाची आराम से बॉब्स को दबवाने लगी, जल्दी में में कुछ नहीं कर सकता था स्लोली ही चाची को सिड्यूस किया जा सकता है, यह अब में जान चुका था। चाची के बॉब्स अब कड़क होने लगे थे।
मैंने अब चाची की निप्पल्स को हाथो में ले लिया और उस पर ऊँगली और अँगूठे से थोड़ा सा प्रेशर करने लगा। चाची की और से कोई रिस्पांस ना पाया तो थोड़ा और प्रेशर से दबा दिया। चाची के मुँह से एक दम चीख निकल गयी पर लिप किस की वजह से आवाज़ नहीं हुई। लेकिन उन्होंने किस करना बंद कर दिया और मैंने चाची की आँखों में देखते हुए प्यार से सॉरी कहा और चाची मुस्कुरा दी। फिर मैं चाची के दोनों बूब्स को हाथों में पकड़ के बारी – बारी चूसने लगा। चाची अब सिसकियां भरने लगी थी। फिर मैंने अपने एक हाथ से चाची की साडी को ऊपर उठना चालू किया और चाची की जांघों तक साडी को उठा दिया और फिर अपने दोनों पैरों से चाची के दोनों पैरों को फैला लिया। चाची ने थोड़ी सी हरकत की पर मैंने आखिर में दोनों पैरों को फैला लिया और साडी जो जांघों तक थी वो अब चाची के पेन्टी तक आ गयी। मैं तक़रीबन चाची को दस मिनट तक चूसता रहा फिर मैंने चाची को पीछे से पीठ पकड़ के उठा लिया, मैं चाची के दोनों पैरों के बीच में था और चाची को उठाने की वजह से चाची अब मेरे लौडे पर बैठ गयी।