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Incest तीनो की संमति से .....

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Funlover

I am here only for sex stories No personal contact
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मेरे सभी पाठको को से एक नम्र निवेदन आवेदन अरजी request या फिर जो भी आप समजते है

आप मेरी द्वारा लिखी गई कहानी आप को मनोरंजन देती है मै नहीं

कृपया मुझे अपना मनोरंजन का साधन ना समजे उसी में सब की भलाई है ( मेरी भी और आपकी भी)

अपने आप को कंट्रोल में रखना आप का काम है मेरा नहीं

जैसे आप कहानी पढ़ के मनोरंजित होते है वैसे ही दूसरी महिलाए भी अपने आप को मनोरंजीत करने आती है अपनी नुमाईश या अपने शरीर द्वारा आप का मनोरंजन करने नहीं

महिलाओं को अभी उतना ही हक है जितना आपको है महिला को सन्मान दीजिये


अगर आप ऐसा नहीं कर सकते तो आप को निवेदन है की मेरा ये थ्रेड आपके लिए उचित नहीं है .............................

आप कहानी पे किसी भी पात्र पे कोई भी कोमेंट करे लेकिन लिखनेवाले पे नहीं ..........

आप की हर कोमेंट आवकार्य है बस थोडा सा कंट्रोल के साथ ....


आप सब की आभारी हु ......
 
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Miss Suhana

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चूंकि वह पहले से ही बहुत गर्म और कामुक थी, इसलिए वह बेताब हो रही थी। जब उसने पाया कि मैं अपना कठोर लिंग अंदर नहीं डाल रहा हूँ, तो उसे अपनी आँखें खोलनी पड़ीं। एक विनती भरी नज़र से वह मेरी आँखों में देख रही थी। चूंकि वह मेरी सास थी, इसलिए वह सीधे मुझसे उसे चोदने के लिए नहीं कह सकती थी, लेकिन उसकी नज़र में लाखों अनुरोध थे।



उसने धीरे से अपना हाथ हमारे शरीर में डाला और मेरे लंड को पकड़ लिया। मैं मुस्कुराया और उसने तुरंत अपनी आँखें बंद कर लीं, लेकिन अपनी मुट्ठी से मेरे लिंग को नहीं छोड़ा। फिर वह लंड के सिर को अपनी चूत के छेद पर ले आई। फिर मैंने अपने जलते हुए लंड के सिर को उसकी योनि के छेद पर रख दिया।



मैं भी अब और नहीं रोक सकता था क्योंकि मैं भी अपनी ससुमा को चोदने के लिए बेताब हो रहा था, इसलिए जैसे ही उसने मेरे लंड के सिर को अपनी योनि के छेद पर रखा, मैंने एक शक्तिशाली झटका दिया और उसकी फूली हुई योनि के होंठों को अलग कर दिया; मेरा कठोर लिंग लगभग आधा अंदर चला गया।



ससुमा ने तुरंत अपनी बाहें मेरी गर्दन के चारों ओर रखीं। “ओह्ह” वह मेरी गर्दन से चिपकी हुई थी और मैंने 2-3 और जोरदार झटके दिए और मेरा लंड मेरी सास की चूत में पूरी तरह से चला गया, जब तक कि मेरे भारी और वीर्य से भरे अंडकोष उसकी गांड के छेद पर आराम नहीं कर रहे थे। और वे उसे अपनी गर्मी दे रहे थे।



सासुमा की आँखें बंद थीं लेकिन उसका चेहरा खुशी से चमक रहा था। जो पूजा नहीं देख्सक्ति थी|



मैंने अपना लंड अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया। अब हम खरगोशों की तरह चुदाई कर रहे थे। वह अब पूरी तरह से कामुकता में थी और मेरी हर हरकत का सामना करने के लिए अपनी कमर हिला रही थी। हमारे शरीर मीठे से गीले थे और कमरा हमारे जननांगों के टकराने की "थप्पड़-थप्पड़" की आवाज़ों से भर गया था। मेरे अंडकोष उसकी गुदा पर टकरा रहे थे और उसकी गांड से खेल रहे थे| और यह पूरी तरह से पिटाई से लाल हो गया था। लेकिन सासुमा कराह रही थी और उसे मै चोदा जा रहा था।



हम 10 मिनट तक इसी तरह चुदाई करते रहे। अब मेरा ओर्गास्म बढ़ रहा था। ससुमा का खुद का ओर्गास्म,



"ओह सासुमा! मैं करीब हूँ। हे भगवान मैं झड़ने वाला हूँ। मैं अपनी ससुमा की चूत में झड़ने वाला हूँ।"



उसने मेरे कानो में कहा “छोडो जहा छोड़ना चाहो, हो सके तो मेरी गांड में छोडो”|

मैंने तुरंत अपना लंड को बहार निकाला और उसकी गांड में डाल दिया क्यों अब मै रुक नहीं सकता था| वैसे भी मै अपनी सीमा से ज्यादा की चोद चुका था|



यह कहते हुए मैंने कुछ जोरदार झटके मारे और मेरा लंड मेरी सासुमा की गर्म गांड में अपना पानी, वो पानी वो पानी ही तो था उगलने लगा।



जैसे ही मेरा पानी जैसा वीर्य उसके अंदर गया, सासुमा ने एक जोरदार चीख मारी और मेरी पीठ से चिपक गई। उसकी चूत हिंसक रूप से कांपने लगी और उसमें उसकी चूत का रस भर गया। उसकी चूत उसका पूरा रस उगल रही थी| जिपुजा ने अपने हाथ में ले लिया हुआ था|



वह ओह ओह ओह कह रही थी और अपने दामाद के साथ अपने जीवन का सबसे बड़ा संभोग कर रही थी। उसका शरीर ऐंठन के साथ कांप रहा था और उसकी गांड मेरे लंड को निचोड़ रही थी| वो उसकी गांड की मांसपेशियों खीच रही थी और छोड़ रही थी ताकि मेरे लंड से वो पूरा पानी निचोड़ सके| और सास ने उसे तब तक तेजी से चोदा जब तक कि आखिरी बूंद उसमें नहीं चली गई। मै खुद अपने पे हेरान था की ऐसा कैसे हो पाया पर जो भी हुआ एक शुकून सा था मेरे मन मे| मैंने अपना लंड को उसकी गांड में रख के उस पर लुढ़क गया| पूजा ये सब देख रही थी और मुस्कुराये जा रही थी| और उसके दोनों हाथो में सासुमा का चूत रस भरा हुआ था और शायद wait कर रही थी की मै थोडा रिलेक्स होक उठू तब वो अमृत मुझे दे सके, जिसकी सालो मेरी तमन्ना रही थी| आज मैंने और पूजा ने मिल के मंजू के चूत रस को निचोड़ दिया था| वो अब तक शायद 3-4 बार झड चुकी थी| जिसका पूरा आनंद मैंने उठाया था| मेरा मुह भी अब उसके चूत रस से भरा हुआ था और ऊपर से पूजा ने थोडा आगे की ऑर खिसक के बाकी का मंजू का रस भी मेरे मुह में भर दिया| मेरा लंड अभी भी उसकी गांड में था लेकिन अब वो अपनी लम्बाई कम किये जा रहा था| पूजा ने उसकी हाथो को मेरे द्वारा चटा के वापिस मंजू की गांड की ऑर खिसकी| तब तक मेरा लंड भिस्कुद चुका था और वो उसकी गांड के छेद तक आ गया था| पूजा ने समय गवाए बिना मेरा लंड को थोडा और सिकुड़ ने दिया और मेरा पानी जैसा वीर्य (शायद सब लो उसे पानी ही कहेंगे क्यों की विर्य जैसा पदार्थ उसमे था भी या नहीं) उसकी हथेली में ले लिया और तुरंत मंजू की और बढ़ी| मुझे लगता है की मंजू भी इसी की राह देख रही थी उसने अपना मुह पहले से ही खोल दिया था ताकि पूजा जैसे ही आगे बढ़ी तो एक पल भी गवाए बिना वो उसे चाट कर साफ़ कर सके| पूजा थोड़ी आगे बढ़ी और मंजू के मुह में मेरा वीर्य जो उसकी गांड से निकला था वो उसके मुह पर रख इडिया और मंजू ने बिना रोकटोक उसने चाटना शुरू कर दिया| अब तक मै उसके उअप्र ही पड़ा हुआ था और मेरा मुह में मंजू का एक स्तन की निपल थी, जिसे मै आराम से चूस रहा था हलाकि मेरी अब और ताकात नहीं थी की मै और कुछ भी करू| लेकिन पूजा अभी भी आसमान में थी उसने मंजू के स्तन को मसलना जारी रखा और उसके सीर पर अपना हाथ बहोत प्रेमसे घुमा रही थी| लें ये करते हुए पूजा की चूत मंजू के मुह पर आ गिरी और अपनी पंखुड़िया फैला रही थी, मंजू को आह्वाहन दे रही थी की ये चूत रस भी अभी बाकी है| लकिन वो कुछ हकारे उस से पहले पूजा ने रमेश का सीर को खीच के अपनी चूत के होठो पे लगा दिया|

थोड़ी देर ऐसे ही चलता रहा| कभी मै मंजू के निपल को चुस्त तो कभी पूजा की चूत में मुह मार लेता था लेकिन मंजू के ऊपर से उठने का मन नहीं कर रहा था|




हम दोनों काफी देर तक एक-दूसरे की बाहों में लेटे रहे और फिर धीरे-धीरे हमारा आपसी संभोग कम हो गया।

यहाँ एक और कामोत्तेजक एपिसोड ख़तम हुआ..कुछ ने हाथ आजमाए होंगे और कुछ ने उंगलियां, तो चलिए मिलते हैं कुछ ब्रेक के बाद...बने रहिये मेरे साथ आगे ........
Mast aur bahut bahut shandar update
 

Mass

Well-Known Member
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wonderful update madam...ek episode yahan khatam hua ..to doosra episode Deepu aur Manorama ke beech shuru hoga... :)
look forward to the next update..

Funlover
 
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Siraj Patel

The name is enough
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Funlover ek hi story kitni baar post karoge. :doh:
Ye complete story maine khud already post ki huyi hai, Roman Hindi (Hinglish) mein. :dazed:

Btw kisi aur ki story ko copy-paste karte waqt Original Writer ko credit dena hota hai aur Story ka Title bhi same original waala rakhna hai.. Isliye story ke first post pe report karke title change karke original waala Rakho Aur Thread ki first post mein original Writer ko credit dedo.
 
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