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Incest तीनो की संमति से .....

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Funlover

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मेरे सभी पाठको को से एक नम्र निवेदन आवेदन अरजी request या फिर जो भी आप समजते है

आप मेरी द्वारा लिखी गई कहानी आप को मनोरंजन देती है मै नहीं

कृपया मुझे अपना मनोरंजन का साधन ना समजे उसी में सब की भलाई है ( मेरी भी और आपकी भी)

अपने आप को कंट्रोल में रखना आप का काम है मेरा नहीं

जैसे आप कहानी पढ़ के मनोरंजित होते है वैसे ही दूसरी महिलाए भी अपने आप को मनोरंजीत करने आती है अपनी नुमाईश या अपने शरीर द्वारा आप का मनोरंजन करने नहीं

महिलाओं को अभी उतना ही हक है जितना आपको है महिला को सन्मान दीजिये


अगर आप ऐसा नहीं कर सकते तो आप को निवेदन है की मेरा ये थ्रेड आपके लिए उचित नहीं है .............................

आप कहानी पे किसी भी पात्र पे कोई भी कोमेंट करे लेकिन लिखनेवाले पे नहीं ..........

आप की हर कोमेंट आवकार्य है बस थोडा सा कंट्रोल के साथ ....


आप सब की आभारी हु ......
 
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Funlover

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:doh: Are mohtarma credit mujhe dene ke liye nahi kaha maine, original writer ko dene ke liye bola hoon aur original writer main nahi hoon..

Story ka title same rakho original waala because kisi doosre writer ki story ko uske permission ke bina uski Story ka title change karke aur uski story mein badlav karke post karna rules ke against hai. Aur thread ki first post mein original writer ko credit dena hota hai, jo aapne diya nahi.

I know aap kya kehna chaahte ho, par agar aap khudki story likh rahe ho to new title se likho ya koi bhi title use karo chalega! Mood kharab karne waali koi baat nahi hai.
Let's explain you, Agar story ka original writer kal ko yahan aata hai aur aapki thread dekh ke report karta hai to moderators Uspe actions lenge hi . Aise mein aapka hi jyaada nuksaan hoga. Isiliye keh raha hoon ke story ko agar aap copy nahi kar rahe ho apni creation se likh rahe ho to title kuch bhi use karo hame koi dikkat nahi hai.

Lekin aap doosre writer ki story ko copy-paste kar rahe ho aur wo bhi Story ka original Naam change karke. Phir story mein bhi apne hisaab se editing kar rahe ho jo ki rules ke against hai isliye Keh Raha Hun.
sab se pehlee aap kaa bahot bahot aabhaar ki aapne yaha margdarshak bane

Are mohtarma credit mujhe dene ke liye nahi kaha maine, original writer ko dene ke liye bola hoon aur original writer main nahi hoon..
aap se fir se ek baar gujaarish hai ki aap meri kahaani me post #1 padhe, usme jinko credit milni chahiye usko de di gai hai

aur ye meri khud ki story bhi hai dost

ek baar aap padhe meri pehli post bad me aap muje guide kar sakte hai

jab tak aap padhte hai mai aapko aap ke message box me baaki ki charchaa likhti hu ......


thank you
 
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Funlover

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Gazab update..sasuma aur damadji ka milan ho hi gaya..abb firse intezaar hai maa-beta-beti ki samuhik kamuk pyar se bharpur chudai samaroh ka...
shukriya dost

sab kuchh to yaha mumkin nahi hai shayad aage dekhenge kuchh aur nayi kahani me .....ho sakta hai yaha bhi likh du .....

bahot bahot dhanyawaad
 
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Funlover

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पूजा ने तालिया बजा के हमारा दोनों का संभोग का स्वागत किया और बोली “वाह मजा आ गया दोनों ने काफी अच्छा किया”|



मंजू बोली “हो गया? अगर हो गया है तो उठो मेरे ऊपर से” बहोत बेकार स्वर में बोली|



मै तुरंत उसके ऊपर से उठा और वो बिना समय गवाए तुरंत उठी और अपने पैरो को सिकोड़ कर बिस्तर के बिच में बैठ गई| उसने अपना सर उसके दोनों पैरो में दबा दिया था और शायद रो रही थी|



पूजा को जब ये एहसास हुआ तो वो तुरंत उसके पास गई और उसने एक हाथ मंजू के कंधे पे रखा और बोली “क्या हुआ मम्मी? क्यों ऐसे बैठ गई कुछ हुआ क्या? क्या कही लग गया ?



रमेश ने भी अपना एक हाथ मंजू के दुसरे कंधे पे रखा और पूछा “क्या हुआ डार्लिंग”?



मंजू ने पूजा के हाथ को झटकाते हुए बोली “ dont touch me”| लकिन उसने रमेश के हाथ को नहीं झटकाया|



उसकी आँखों में आंसू और क्रोध दोनों दिख रहे थे|





पूजा: “क्या हुआ मम्मी?”



मंजू ने कोई उत्तर नहीं दिया| पर उसकी आँखे भर आई थी| उसका चेहरा क्रोध से भरा हुआ दिख रहा था| पूजा ने फिर से एक हाथ मम्मी के कंधे पे रखा फिर से मंजू ने उसके हाथ को झटक दिया| रमेश का हाथ अभी भी उसके कंधे पर ही था पर ना जाने क्यों मंजू उसके हाथ को कंधे से नहीं हटा रही थी|



रमेश: “मंजू अगर तुम बोलोगी नहीं तो हमें समजने में बहोत मुश्किल होगी, कुछ तो बोलो की आखिर हुआ क्या तुम्हे”|



पूजा: “रमेश सही कह रहा है मम्मी अब तक तुम बहोत अच्छे समजे ले रही थी और ये अचानक क्या हुआ तुम्हे?”



मंजू ने कुछ नहीं बोला बस अपनी नजरो को अपने पैरो के अंगूठे पे टिकाये राखी और अपने एक पैर को दुसरे पैर से घिसने लगी|



रमेश: “अगर मुज से कोई गलती हुई है या जो हमने किया उसमे कुछ गलत हुआ है तो सोरी मै दिल से माफ़ी चाहता हु मंजू please forgive us”|



पूजा कुछ बोलने जा रही थी पर तभी मंजू ने गुस्से भरे स्वरों में कहा “जूठे लोग| मुझे जूठे लोगो से सख्त नफ़रत है तुम दोनों जाओ अब, मै मेरा प्रोमिस ख़तम किया और आगे से मेरे घर में ना आना प्लीज़”|



पूजा: “ओ बाप रे... मम्मी क्या हुआ इतना बड़ा गुस्सा! कुछ गलत हुआ है तुम्हारे साथ मेरे से या रमेश से इस प्रेमक्रीडा में तो सोरी मम्मी पर मुझे बताओ तो सही क्या हुआ?”

रमेश: “हां मम्मी कुछ तो बोलो ऐसा एकदम से अचानक ऐसे वर्ताव कर रही हो जैसे कोई बड़ा गुनाह हुआ हो हम से”|



रमेश: “बिना जाने हम क्या समजे? अगर ऐसा कुछ गलत हुआ भी है तो हमें अधिकार है की गलत क्या हुआ उसे समजे और उसका निराकरण भी ला सकते है| ऐसे ही मन ही मन गुस्से में रहना ठीक नहीं|”

पूजा: “हां मम्मी कुछ बताओगी तो शायद उसका हल निकल सके और आगे उस बात के लिए ध्यान रखे की वो गलती दुबारा ना दोहराई जाए|”

इतना सब बोलने के बाद भी मंजू पत्थर की तरह बैठी रही| उसने कुछ नहीं बोला बस “जूठे हो” कहती रही| ना उसने रमेश की तरफ देखा और नाही पूजा की तरफ देखा, बस वोही अपने पैरो की उंगलियो को देखती रही और अपने पैरो से चादर को खोदती रही|



आखित थक के रमेश बोला “ठीक है मम्मीजी अगर आपको इतना बुरा लगा है तो मै तो चला जाऊँगा लेकिन मुझे बहोत दुःख हुआ की मुझे उस गुस्से का रीजन जाने बिना यहाँ से जाना पड रहा है”|

पूजा: “शायद मुझे भी नहीं रुकना चाहिए है ना मम्मी?” इस बार पूजा ने इसके कंधे पे हाथ रखा तो मंजू ने उसे झटकाया नहीं पर रहने दिया| लेकिन कुछ नहीं बोली| थोड़ी देर कोई कुछ नही बोला|



आखिर एकदम से मंजू ने गुस्से भरे स्वर में कहा “मैंने पूजा को एक प्रोमिस दी थी शायद मैंने वो आज पूरी कर दी अब मेरे पास कोई प्रोमिस पूरी करनी बाकी नहीं है”|



रमेश: “क्या? मम्मी जी आप प्रोमिस पूरा कर रही थी? मुझे इअसा लगा की आप मन से कर रह थी आपका वर्ताव भी ऐसा ही था, शायद मै गलत समज के ये क्रीडा किया”|

“और नहीं तो क्या? तुम दोनों मुझे चोद ना चाहते थे राईट और मै मुर्ख की रानी चुद भी गई” मंजू अभी भी गुस्से में थी लेकिन अब शायद वो हल्का ले रही थी पर उसकी आँखों से आंसू बह रहे थे|

पूजा ने उसकी आँखों को पोछा और बोली: “नहीं मम्मी तुम्हे कुछ ग़लतफहमी हुई है अब शायद मुझे सब क्लियर करना चाहिए”|

रमेश: हां अब कुछ कुछ मै भी समज रहा हु और इस ग़लतफहमी को साफ़ करना जरुरी है, मेरे लिए तो खास”|



पूजा ने उसकी आँखे पोछी और उसके चहरे पर हाथ फेराए और बोली: “मम्मी ये प्रोमिस बस एक नाम है और कुछ नहीं, हम दोनों में से कोई भी इस प्रोमिस के पीछे नहीं है और नाही थे”|



“तुम लोग जुठ बोल रहे हो, अगर ऐसा ना होता तो तुम मुज से प्रोमिस नहीं लेती, अगर ऐसा ना होता तो ये रमेश इतना प्लान ना करता, मुज से ये अच्छी अच्छी बाते कर के मुझे उल्लू बनाया और अपना हेतु जो मुझे छोड़ने का था वो उसने पूरा कर लिया”|



रमेश: “OMG गलत मंजू सब गलत, तुम्हे बहोत बड़ी ग़लतफहमी हुई है| ऐसा बिलकुल भी नहीं है, ये जरुर है की मेरा एक तरफा प्रेम था तुम से लेकिन कभी मैंने सपने में भी नहीं सोचा की तुम्हारी मरजी के खिलाफ तुम्हे चोदु| दुःख हुआ ये जान के| तुमने मुझे गलत लिया मंजू|”

पूजा: “हां मम्मी रमेश सही कह रहा है ऐसा हम दोनों में से किसी का भी इरादा नहीं था और ना आगे रहेगा| ये मजे की चीज को तुमने रेप में खपा दिया, तुम्हारी आसमंती से हुआ ऐसा प्रतीत करा रही हो तुम जो की बिलकुल गलत है”|



पूजा तुम तो कुछ बोल ही मत ये सब्तेरे कहने में मै आगे और ये सब हुआ!”



“ऐसा ना बोल मम्मी” पूजा की आँखे भी भर गई और मंद स्वरों में बोली|



रमेश: “शायद अब मै ठीक ठीक समज रहा हु मंजू” उसने मंजू के सर पर हाथ रखा और बोला| “तुम्हारा ये क्रोध करना, गुस्से में आना, अपने आपको मुर्ख बनायी गई ऐसा समजना, मै शायद अब सब प्रिडिक्ट कर सकता हु| लेकिन मुझे ये समजमें नहीं आ रहा है की वास्तव में तुम कहना क्या छह रही हो”|



पूजा: “हां मम्मी बस ये बताओ की तुम्हे ऐसा कैसे लगा की तुम मुर्ख बनायी जा रही हो? जब की तुम आनंद ले रही थी”|



“रमेश तुम अच्छे से चोद सकते हो, फिर तुम दोनों ने ऐसा नाटक किस लिए किया? सिर्फ मुझे चोद ने के लिए? सही कहा न मैंने?”



“ओह्ह... I see, सब समज गया मै, चलो अब मै सब विस्तार से बता रहा हु| ठीक है! लेकिन तुम्हे मेरे प्रश्नों के उत्तर भी देने पड़ेंगे राईट?” उसने मम्मी की जांग पे हाथ रखते हुए बोला|

मंजू ने हकार में अपना सर हिलाया लेकिन रमेश के हाथ को नहीं हटाया| पर उस हाथ को देखती रही|


बने रहीये मेरे साथ...........
 
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