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Incest तीनो की संमति से .....

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Funlover

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मेरे सभी पाठको को से एक नम्र निवेदन आवेदन अरजी request या फिर जो भी आप समजते है

आप मेरी द्वारा लिखी गई कहानी आप को मनोरंजन देती है मै नहीं

कृपया मुझे अपना मनोरंजन का साधन ना समजे उसी में सब की भलाई है ( मेरी भी और आपकी भी)

अपने आप को कंट्रोल में रखना आप का काम है मेरा नहीं

जैसे आप कहानी पढ़ के मनोरंजित होते है वैसे ही दूसरी महिलाए भी अपने आप को मनोरंजीत करने आती है अपनी नुमाईश या अपने शरीर द्वारा आप का मनोरंजन करने नहीं

महिलाओं को अभी उतना ही हक है जितना आपको है महिला को सन्मान दीजिये


अगर आप ऐसा नहीं कर सकते तो आप को निवेदन है की मेरा ये थ्रेड आपके लिए उचित नहीं है .............................

आप कहानी पे किसी भी पात्र पे कोई भी कोमेंट करे लेकिन लिखनेवाले पे नहीं ..........

आप की हर कोमेंट आवकार्य है बस थोडा सा कंट्रोल के साथ ....


आप सब की आभारी हु ......
 
Last edited:

Funlover

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ashadaran kahaani aur amazing writings! bahut khub yaar
शुक्रिया दोस्त

आभार आपका .......बस बने रहिये और अपनी राइ देते रहिये
 

Funlover

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और क्या मेरी जान बेटा या जमाई के साथ...ये सुन कर मम्मी अपना चेहरा उठा मेरी आँखो मी देखते हुए मुस्कुराते हुए "क्या ये बताना पड़ेगा"?



मैं मम्मी को अपनी बाहो में कस्ते हुए "बताना तो पड़ेगा मेरी छमकछल्लो जमाई के साथ-साथ अब हम तुम्हारे क्या हैं"?



ये सुन मम्मी मस्कराते अपनी नाक मेरी नाक से रगड़ते हुई बोली "सैंया"।



मैं "सच मेरी जान अब मैं तुम्हारा जमाई हूं, तुम्हारा सैंया हूं। पर तुम्हारा बच्चा नहीं क्योंकि तुम्हारे बच्चों का बाप हूं समझी मेरी बिल्लो"?



मम्मी: "हे भगवान मेरे प्यार भरे परिवार को किसी की नज़र ना लगे"।



फिर मम्मी पूजा की या देख कर बोली "पूजा बेटी मुझे नहीं लगती कि मैं दीपू को संभाल पाऊंगी"!



पूजा "क्यू मम्मी"?



मम्मी: "बेटी रात को देखा था मैंने इसका जब तेरे अंदर गया था कैसे इस ने तुझे चीर के रख दिया था इसका है भी एक दम घोड़े के जैसा कितना लंबा या मोटा"!



पूजा: "मुस्करा कर मम्मी मेरा भाई मर्द है उसका मोटा है लंबा है तभी तो इतना मजा देता है, अभी भी पूरा फाड़ कर अंदर तक जाता है, देखना मम्मी दीपू आज आपको भी जन्नत की सैर करवा देगा"।





मम्मी: "ना ना मुझे मरना नहीं है अब तो इसके लंड पर तेरा कॉपीराइट है"।



पूजा: "तुम ठीक कहती हो मम्मी इस पर मेरा या तुम्हारा बराबर का अधिकार है अब तो मेरी चूत का कॉपीराइट दीपू के पास है या अब तुम भी अपनी चूत का कॉपीराइट मेरे राजा को दे ही दो। हम दोनों का एक राजा एक ही है यार है। और क्यों ना हो एक दमदार लंड से अपनी चूत चुद जाएगी उससे ज्यादा और मजेदार क्या होगा?, और बिना कोई डर"।



"हां पूजा मेरे बेटे, तेरा लंड तेरे बाप से भी बड़ा है और मोटा भी...मुझे यकीन है तू इस से हम मां बेटी दोनों को संतुष्ट रखोगे और सभी छेड़ो से। तेरे लंड का स्पर्श मेरे अंदर एक ज्वाला भड़क रहा है।" मेरे अंदर की औरत को जगा रहा है। मुझे कोई शिकायत नहीं, अगर पूजा मुझे भी तेरा प्यार बांटने के लिए राजी है।” "मेरे बेटे जैसा मस्त जवान हमारे लिए बहुत है। जो मन में आए कर ले तू दीपू, जैसा तेरा दिल करे जहां तू चाहे हमें ठोक मेरे सभी छेदों अब तुम्हारे लिए खुले हैं, पर दीपू अब तू मुझे मम्मी मत कह कर"।



मुख्य: "ठीक ही जान अब तुझे मम्मी नहीं बल्कि मेरे होने वाले बच्चों की मम्मी तो कह ही सकती है"।



मम्मी;"धत मैंने कहा हो तेरे बच्चों की मम्मी"?



मैं: "हुई नहीं तो हो जाओगी आज रात देखना कैसे मस्त पेलता हूं तुझे, अपना माल तेरे अंदर ही गिराऊंगा"।



मैं उठ खड़ा हुआ और मम्मी की कमीज़ उतारने लगा। मैंने मम्मी की बालों का जुदा भी खोल दिया।



माई: "मेरी रानी कमीज तो तेरी उतर दूंगा पर सलवार आज की रात तू ही खोल कर मुझे दिखेगी। कहा था मैंने कि आज की रात तू खुद अपना नाडा खोल कर अपनी चूत मुझे दिखाएगी"।



मेरी बात सुन कर मम्मी शर्म से ना मैं गार्डन हिलाने लगी तो मेरी मम्मी को अपनी बाहों में भर कर मम्मी के होठों को बेदर्दी से चूमते हुए कहा "क्या कहती बहन की लोड़ी अपने मर्द को ना बोलती है? तू तो क्या तेरी माँ भी खोलेगी" .



और मम्मी की कमीज़ को उठा कर मम्मी की बाहो से अलग कर दिया।



पूजा दीदी ने अपना ब्लाउज और पेटीकोट उतार दिया। पूजा दीदी का गोरा जिस्म प्यार और शराब के नशे से बहुत गुलाबी हो रहा था।



"मम्मी, पूजा दीदी को चोद चुका हूं मैं। तुझे चोद कर आज की रात यादगार बनाना चाहता हूं।"



"मम्मी अगर आप को मंजू कहूं तो कोई एतराज तो नहीं होगा"?



"अरे बेटा ऐतराज केसा अब मैं तेरी मम्मी ही नहीं, तेरी पत्नी भी हूं तू अब चाहे जिस नाम से मुझे बुला सकता है"।



"मुझे यकीन है कि पूजा दीदी को भी जलन न होगी अगर मैं आप दोनो को चोदूँ!!!"
 

Funlover

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पूजा ने अपनी पैंटी उतारते हुए कहा "दीपू, मेरे भाई, माँ बेटी में कैसी जलन? घर का माल घर में ही तो रहेगा"। "और वैसे भी मम्मी की मर्जी से ही हमारा मिलन संभव हुआ था। तेरा जितना हक अपनी बहन पर है, उतनी ही अपनी मां मंजू पर होगा"।



"तू अब भाई नहीं हमारी चूत और गांड का एक मात्र मालिक हो अगर तुम चाहो तो हम दोनों को एक साथ भी चोद सकते हो"। अब हम तुम से और तुम्हें हम से कोई शर्म नहीं होनी चाहिए"। जब चाहो तुम माँ को नंगी करके अपना लंड आराम से अंदर डाल सकते हो मेरे सामने भी"।



मैं तुम दोनो को चुदाई करते देख कर माँ से कुछ सीख लूँगी। “क्यों माँ?”



और फिर बोली "दीपू मैं तो नंगी हो गई हूं मम्मी की सलवार खोल कर जल्दी से मम्मी को भी नंगी कर दे"।



"कब तक वो अपनी शर्म के बोझ से दबी रहेगी"?



"चल अब जल्दी से उसको भी नंगी कर तो हम दोनो खजाने को देखे जहां से हम इस दुनिया में आये"!



(वही समय मां और पूजा दोनों सोच रही थी कि हमने अपने-अपने छेद एक दूसरे को दिखा दिए हैं।)



मैं "आज की रात मैं तुम्हारी मम्मी की सलवार नहीं खोलूंगा। तुम्हारी मम्मी ने मुझसे वादा किया ही है कि आज की रात अपनी सलवार का नाड़ा वो मेरे सामने खोलेगी और मम्मी से क्यों मंजू तुम खुद खोलोगी ना अपनी सलवार का नाड़ा"?



खुद अपने हाथों से अपनी सलवार का नाड़ा खोलने की बात सुन कर मम्मी शर्म से मुँह छुपाये ना मैं सर हिलाने लगी।



माई: "क्यूं मेरी रानी तूने कहा था तुम खुद खोलोगी"।



मम्मी धीरे से एक अदा से "मैंने कब कहा था ये सब तो तूने ही"।



मुख्य: "चलो अच्छा मैंने कहा था पर क्या अब हम दो नहीं हैं? तुम मेरी नहीं हो"? और मम्मी का चेहरा उठा कर बोलो "मेरी जान खोलोगी ना अपनी सलवार का नाड़ा"?



मां ; "खोलना ही पड़ेगा" मुख्य; "और मेरा" मम्मी ; "वो भी हां खोलती हूं"।



"मैं खोल दूंगी तुम्हें नाराज थोड़े ही कर सकती हूं, और अब मेरी हर तिजोरी के मालिक तो तुम ही हो"।



मैं "सच मेरी जान ये कह कर तो तूने दिल खुश कर दिया फिर आज इस तिजोरी में अच्छे से अपनी चाबी लगा कर चेक करूंगा अब ये तिजोरी इसी चाबी से खुलेगी"।



मम्मी "मुझे भी आज 20 साल के बाद लंड नसीब हो रहा है और वो भी अपने बेटे का"। "सच बेटा, तेरा लंड बिल्कुल तेरे बाप जैसा है, बस मोटा थोड़ा अधिक है। आज अपनी मां को वो सुख दे दो जो तेरा बाप देता था।"



पूजा बेटी, "अब मुझे कोई शर्म नहीं है मैं अब मेरी सलवार हर दिन और रात जब दीपू काहे उतार दूंगी"।

"तूने मुझे सही तरीके से पिगला दिया पूजा माई तेरी आभारी रहूंगी सदा के लिए कि आज मैं अपने बेटे के सामने नंगी होकर उसका लंड मेरे अंदर समा लुंगी"।



"वैसे तू अब दीपू के लंड से काफी खेल चुकी है और दीपू ने तेरी चूत और गांड का सही इस्तेमाल कर के दोनों को सही तरीके से अपने लंड के आकार का बना दिया है, फिर भी थोड़ा बहुत मुझसे भी सीख ही ले" .



"चुदाई का सब से पहला कदम है मर्द का लंड सहलाना, मुठियाना, इससे प्यार करना, इसको चूमना, चाटना। जो मैं करती हूं तू भी वैसे ही करना। जितना मजा लंड से खेलने पर दीपू को आएगा, उतना ही तुझे और मुझे भी आएगा।”



माँ ने मेरा लंड अपने गरम हाथों में ले लिया और अंडरवियर के ऊपर से मेरे लंड को मुँह में ले कर चूसने लगी।



पूजा अब मम्मी की हर हरकत गौर से देखने लगी। मेरा लंड बेकाबू हो गया था. पूजा दीदी ने मम्मी की नकल करते हुए मेरे लंड पर जुबान फेरनी शुरू कर दी।



ड्राइंग रूम में ये सब करना मुझे आरामदेह नहीं लग रहा था।



मैंने दोनों से कहा, "हमको बिस्तर पर चलना चाहिए। यहां मजा नहीं आएगा। मुझे लगता है कि मम्मी के बिस्तर पर चला जाए। उसी बिस्तर पर जहां मम्मी को पहली बार पापा ने चोद कर गर्भवति किया था, उसी बिस्तर पर बेटा भी अपनी रानी की चुदाई का महूरत करना चाहता है!! क्यों सोचा है मंजू?"



तुम्हारा बाजा उसी बिस्तार पर हाय ना बजे जहां तुम पहली बार तेरी ठुकराई हुई थी जिस बिस्तार पर तुम ने पहली बार लंड का मजा लिया था आज वही बिस्तार दोबारा तुम्हारे लंड मिलने का गवाह बने।वो बिस्तर तुम्हारे बाप ने तुम्हें चुदवाने के लिए दिया था आज बरसो बाद तुम्हारे बाप की इच्छा पूरी करना चाहता हूं उसकी बेटी को उसके दिए हुए बिस्तर पर चोद कर।



मम्मी के चेहरे पर एक खास मुस्कान उबर आई। आज मम्मी का चेहरा ऐसा चमक रहा था जैसे किसी नई नवेली दुल्हन अपनी पहली चुदाई की पार्टीक्षा कर रही हो। पूजा दीदी मम्मी को लेकर उनके बेडरूम की तरफ चल पड़ी, जब मम्मी आगे चल रही थीं तो मुझे उसकी गांड बहुत ज्यादा लग रही थी।



मंजू मेरी माँ की चूत बहुत सेक्सी थी। "एक दिन मंजू के मखमली नितंबों के बीच से उसकी गांड जरूर चोदूंगा" मैंने अपने आप से वादा किया! "तुम दोनो बिस्तार पर चलो, मैं एक आखिरी पैग बना कर लाता हूँ"।



मैंने कहा और पेग बनाने लग पड़ा। शराब के नशे को वासना ने दोगुना बढ़ा दिया था। मैंने तीन बड़े पैग बनाए और माँ के कमरे में जा घुसा।
 

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बिस्तर पर जो नजारा था देख कर दिल खुश हो गया। और बिस्तर में दीदी और मम्मी एक दुसरे को बाहों में भर के एक दुसरे को चूम रहे थे। मम्मी का एक हाथ पूजा के पीछे थे और दूसरा हाथ उसके स्तनों पर फिर रहे थे| इस का मतलब साफ़ था की ये दोनों पहले कुछ कर चुके थे| मुझे बहोत अच्छा लगा की ये दोनों एक दुसरे से नंगी है जिस से मुझे इन दोनों को एक साथ चोदते हुए और भी ज्यादा मजा आनेवाली थी|



उनके दोनों के होंथ आपस में मिले हुए थे और वो डोनो एक दूसरे के होठों को बुरी तरह से चूस रही थी, दीदी मम्मी के होठों को चूस रही थी और हाथ में मम्मी की ब्रा के ऊपर से मम्मी की चुचियों से खेल रहे थे।



तभी पूजा दीदी मम्मी से अलग हुई और ब्रा के ऊपर से मम्मी की चुचियाँ को मसलती बोली, "मम्मी आपकी चुचियाँ तो आज भी कितनी टाइट हैं। अब दीपू हाय इन्हें ढीली करेगा |



पूजा दीदी ने मम्मी की ब्रा के एक कप से मम्मी की पपीते जैसी चुची को बहार निकला और हमें पर अपने होठों के लिए चूमने लगी।



मम्मी को उफ़ उफ़ करते बदबदना लगी "बस कर पूजा अपने पापा को बुला और उनको ये चूसने के लिए बोल बहुत तड़प रही हूँ मर्द के होठों के लिए वोही मेरे स्तनों से पूरा रस निचोड़ सकेंगे तूने तो पहले भी बहूत चूसा है"।



पूजा दीदी ; "पापा तो आ कर चुसेगे ही पापा के आने से पहले, आप को थोड़ा तैयार तो कर दू जितना ज्यादा, आप गरम होंगी उतना ही खुल कर पापा का साथ दे पाओगी"।



पूजा दीदी मम्मी की दोनों चुचियों को बारी बारी से चूसने लगी जिस से मम्मी इतनी गरम हो उठी कि आंखे बंद करके बिस्तर पर लेट गई पूजा दीदी मम्मी की सलवार को ऊपर खींचते हुए मम्मी की चिकनी जांगो को चूमने लगी।

मम्मी: "बस कर पूजा अब और नहीं बर्दाश्त हो रहा, पूजा, तेरे पापा के लिए तो कुछ रख मेरे रस की उनको काफी जरुरत है”|



पूजा दीदी अपने हाथ को मम्मी की टांगो के बीच डाल कर मम्मी की चूत की ऊपर की साइड चूत को सहलाने लगी|



पूजा दीदी: “क्या हुआ मम्मी अब तो इसे खुलना ही है।



सलवार खुलने की बात सुन कर मम्मी ने दीदी की आंखो में देखा और बोली “मैंने कब कहा नहीं खोलने को पर मेरे पापा ने कहा था कि आज की रात मैं उनके सामने खोलूं”|;



“अभी से इतना ख्याल तभी मम्मी अपने प्यारे लंड के लिए?”



दीदी से बोली “पूजा अपने पापा को बुला अब नहीं रहा जाता”|



तो दीदी मम्मी की आंखें मी देख कर हंसते बोली “इतनी जल्दी दीपू मेरे भाई से मेरा पापा बन गया”



तो मम्मी भी अब कहा पीछे हटने वाली थी बोली “जब तू मेरे बेटे को मेरा दामाद बन सकती है तो मैं क्यों नहीं तेरे भाई को तेरा पापा बना सकती? और फिर से वो दोनों एक दूसरे के होठों को चूमने लगी दीदी ब्रा पैंटी में ही थी और मम्मी सलवार कमीज में तो दीदी अपना हाथ बढ़ा कर मम्मी की सलवार का नाड़ा खोलने लगी तो मम्मी ने दीदी को रोक दिया तो दीदी मम्मी से बोली “क्या हुआ मम्मी इसको तो खुलना ही हाय आज मम्मी दीदी की आंखें मेरी आंखे डालकर बोली हां बेटी लेकिन आज दीपू ने मुझसे वादा किया ही वो हाय इसको खोलेगा या मैं चाहती हूं कि आज मेरी सलवार का नाड़ा वो ही खोले”।



मैं खुश हो गया (बहनचोद से अब मादरचोद वाह खुद ही खुश होता हुआ) दीपू वाह कि मम्मी आज अपनी सलवार का नाड़ा मुझे से खोलेगी,

मै चलता बिस्तर के पास आया और पेग को एक साइड पर रख कर अपना हाथ माँ की गांड पर रख कर सहलाने लगा और सहलते हुए मैंने अपनी उंगली मम्मी की सलवार के साथ ही उसकी गांड में घुसड़ दी मम्मी जोर से चीख पड़ी। मम्मी को इसकी उम्मीद नहीं थी इसी हदबदाहत में मम्मी ने पूजा दीदी के होठों को जोर से काट लिया।



लेकिन मम्मी ने अपनी गांड वहा से हटाई नहीं बस पूजा को चुस्ती रही| पूजा को जब मा ने काटा तब पता चला की भाई ने कुछ हरकत की है उसने तिरछी नज़र से देखा तो मै मम्मी की गांड में ऊँगली डालने का प्रयास कर रहा था देख के मुस्कुराई औरअपने होठ मम्मी से खिचेते हुए बोली “मोम अब आपकी गांड सलामत नहीं रहेगी”|



मम्मी ने अपना मुँह पूजा दीदी की मुँह से हटा लिया और बनावती गुस्सा दिखाती हुई बोली, "सॉरी बेटी, ये साला दीपू मादरचोद शरारत कर रहा था"।



"इसने मेरी गांड में उंगली डाल दी थी जिसके लिए मैं तैयार नहीं थी"।
 

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मैंने मां के नितंब पर चुंबन किया और बोला "कोई बात नहीं मेरी मंजू रानी, अब गांड तो तभी स्पर्श करूंगा जब तू तैयार होगी, अपने मादरचोद बेटे से गांड मरवाने के लिए"।



"तब तक पूजा दीदी को भी तैयार करो"।



"सच कहूं तो मेरा विचार तुम दोनों को अपनी पत्नी बनाने का है, अगर तुम दोनों चाहो तो! मैं जीजा और बाप दोनों का फर्ज निभाना चाहता हूं। तुम्हारी दोनों की गांड है बहुत सेक्सी"!!!



मुझे ऐसा था कि पूजा इसका जवाब देगी पर मम्मी बोली: "हा क्यों नहीं अब हम दोनों तुम्हारी पत्नी ही तो है मैंने कहा तो था कि अब मैं और पूजा हम दोनों के छेद अब से तुम्हें ही भरना है मेरे बेटे"।



पूजा: "मम्मी अब ज्यादा समय बर्बाद करो, आप अपनी गांड के छेद को थोड़ा ढीला छोड़ो और दीपू को अपना काम करने दो"।



पूजा दीदी ने झट से अपना ग्लास उठाया और एक ही सांस में गटक गई। मैं मंजू से लिपट कर उसको चूमने लगा और उसकी चुची को मसलने लगा। पूजा दीदी ने मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया। अब उसको अपने भाई के लंड से प्यार हो गया था, और होता भी क्यों नहीं।



पूजा दीदी ने पहले तो अपने गैलन पर मेरा सुपाड़ा फेरा और फिर प्यार से उसे चूमा। मैं किस करता हुआ एक हाथ से माँ की चुची मसल रहा था। मम्मी की चुचियो इस उमर में एक दम टाइट थी अपनी चुचियो को इस तरह घूरते देख मम्मी ने अपने हाथों से अपनी चुचियो को ढक लिया तो मैने अग्गे बुरी मम्मी का हाथ उनकी चुचियो से हटा दिया। मम्मी भी शायद वही चाहती थी, मम्मी के निपल एक दम से खड़े थे मैंने मम्मी से कहा "मेरी रानी अब क्यों छुप रही हो चूसने दो इनका रस। कितने रस से भरे ही मेरी रानी" और मैंने अपनी पिछली माँ की चुची पर लगा दिया .



तीन जिस्म अब हवा की आग में जल रहे थे। रुकना मुनासिब न था. पूजा ने अब मेरा लंड हाथ में ले लिया था और मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया था।



"बेटा, अब जल्दी से डाल दो मेरी चूत में अपना लंड। बहुत तरसी हूँ मैं लंड के लिए"।



"कल रात जब मैंने तेरा लंड पूजा की चूत में जाते देखा था, तब से मेरी निगोड़ी चूत भी इसकी कामना कर रही है। तेरे लंड की चमक अभी तक मेरे दिलो दिमाग में बसी हुई है। बस देर ना करो, दीपू बेटा" .



"अपनी माँ को ठोक दो, अपनी मंजू को चोद कर निहाल कर दो। हम माँ बेटी के स्वामी बन जायो"।



"ओह्ह्ह्ह बेटा, मेरी चूत में आग लग गई है!!! अब बुझा मेरी चूत की आग को अपना इस मूसल लंड से। आज अपनी इस छमकछल्लो को इतना ठोको कि ये तेरी गुलाम बन जाए तेरी चरणों की दासी हो जाए मेरे राजा मेरे स्वामी ".



अब मुझे अच्छा लगा कि माँ भी अब लंड और चूत की भाषा में प्रतिक्रिया दे रही थी।



मैं मम्मी को नीचे अपने लंड पर झुकाते बोला "मेरी मंजू रानी ठोकुंगा तो माई ही तुझ पर पहले जरा अपने इन रसीली होठों से मेरे लौड़े का स्वाद तो चख"।



"बोल मेरा लौड़ा अपने गुलाबी होठों पर ले कर इसका स्वाद चखेगी ना"।



मम्मी मुस्कुराते हुए झुकी और दीदी के साथ ही मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ कर हमें पर अपनी जीभ फिराने लगी।



दो मस्त हसीन औरतें मेरे लंड से खेल रही थी कभी मम्मी मेरे लंड का सुपाड़ा अपने गुलाबी होठों पर दबा कर चूसने लगती थी तो कभी दीदी मेरे लंड को अपने होठों पर दबा कर चूसने लगती थी। डोनो के एक साथ मेरे लंड को चूसने से डोनो के होंथ तकरा जाते और एक दूसरे को चाट भी लेते वाह क्या नजारा था। ये देख कर मेरा लंड और भी गतिहीन हो गया। कभी-कभी दोनों एक दूसरे के शरीर को सहलाती थी।



अब मम्मी भी ज्यादा ही खुल चुकी थी। मम्मी पूजा की गांड के छेद में अपनी एक उंगली डाल ने की कोशिश कर रही थी तो वही पूजा, दीदी भी कहा काम थी वो भी मम्मी के बोबलो को कस कस के दबा रही थी और मम्मी दूसरे हाथ से उसके हाथ को पकड़ ने की कोशिश कर राही थी. उउह आहा बस के नारे लग रहे रूम में।



पूजा दीदी ने भी अपने जोड़े को ज्यादा धीरे चोद के अपनी गांड का छेद ढीला छोड़ दिया ताकि मम्मी की उंगली आराम से चली जाए वैसे भी वो आराम से चली जानेवाली ही थी क्योंकि दीदी की गांड अब मेरे लंड के आकार के बन चुकी थी।



मम्मी: "बेटा पूजा तेरी गांड का छेद काफी चौड़ा है"।



पूजा: "हा माँ सब तेरे बेटे की करामात है या अब मुझे ये कहना चाहिए कि मेरे पापा के लंड की करामात है"।



दोनों एक साथ पड़ी और मेरे लंड पर टूट पड़ी।



तो वो दोनों बिना किसी शर्म के मेरे लंड को थामे एक दूसरे के होठों से मेरे लंड का रस चूसने लगती है।



मैं अपने हाथ से डोनो के सर को अपने लंड पर दबाए अपने कमर को चला रहा था और मस्ती कर रहा था।



साली क्या लौड़ा चूसती हो तुम तो मम्मी मेरे लौड़े को चूसो।



"मेरे राजा मैं तो लंड का स्वाद ही भूल गई थी जब से तेरे पिता की देहांत हुआ मैंने कभी सोचा ही नहीं था कि मुझे ऐसे लौड़े का स्वाद दुबारा चकने को मिलेगा"।



"हाय आआ क्या स्वादिष्ट लॉलीपॉप हाय तेरा बेटा"।



मैंने अपना लंड उनके मुँह से निकाल लिया दोनों सुंदर माल को अपनी बाहो में भरते हैं।



और मम्मी के होठों को चूमते सलवार के ऊपर से मम्मी की चूत सहलाते हुए बोला "मेरी जान अब बोलो खोलोगी अपनी सलवार का नाड़ा अपने हाथों से अपने यार के लिए या नहीं"?
 

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मम्मी भी मेरे बाहो में मेरे होठों को चूमती बोली "मेरे यार की इच्छा है कि मैं खुद अपने हाथों से अपनी सलवार का नाड़ा खोलूं तो मैं कैसे इंकार कर सकती हूं"!



और मम्मी मुझसे थोड़ी अलग हुई और बड़े ही कामुक तरीके से अपनी चुचियों को अपने हाथो मी पकड़ कर सहलाते हुए मुझे दिखाने लगी या फिर मम्मी ने बड़े ही कातिला अंदाज़ में अपनी सलवार का नाडा खींच लिया तो मम्मी की सलवार मम्मी की टैंगो से गिर कर नीचे जा पडी . सलवार उतारने के बाद मम्मी ने अपनी चड्ढी को उतार कर फेंक दिया।



सच मम्मी की टैंगो के बीच गुलाबी रंग की लाइकर देख कर मेरा लंड और भी खुल कर टैंग हो गया।



मम्मी ने अपनी चूत पर अपनी झांटों को साफ करके एकदुम से चिकना बना रखा था अब मम्मी भी मेरे या पूजा दीदी की तरह बिल्कुल नंगी थी। मम्मी भी अब बेशर्म हो कर अपनी दोनों टैंगो को पूरा खोल कर बड़े से कामुक अंदाज़ में अपनी चूत को सहलाती बोली "जानू ऐसे ही बोला था ना! तुम्हें एकदुम सफाचट पसंद आई ना!! देखो मैंने अपनी झांटे साफ करके इसे एकदुम चिकना बना दिया है जैसा तुम्हें पसंद है और खास कर ये मेरे छोटे से राजा के लिए जो मेरी जगह की चूत में अपने रस से मेरी चूत का मांग भरने जा रहा है"।





"अब क्यों तड़पा रहे हो डाल दो अपना लंड ये तुम्हारी माँ की चूत में"।

मम्मी ने अब अपनी चूत में अपनी एक उंगली डाल कर गचा गच चोद ने लगी।





मम्मी को बिस्टर पर लिता दिया और उसकी जाँघों को पूरी खोलते हुए उसकी चूत को प्यार से सूंघा। जैसे ही मम्मी के जोड़े को चौड़ा किया उनकी चूत ने अपना आकार दिखाया, उसकी दोनों पंखुड़िया फेल कर अब चूत के दाने का दर्शन देने लगी और जैसे कह रही हो अब किसी की प्रतीक्षा कर रहे ओ मेरे लंड राजा।



मम्मी की चुदासी चूत रो रही थी ख़ुशी के मारे। मेरे सामने माँ नंगी लेती हुई अपने डोनो टैंगो को चोरहा किये मेरे लंड का स्वागत करने को बेकरार थी अब मेरा मस्त लौड़ा ठीक माँ की चूत के सामने था और माँ अपने लौड़े को मम्मी की चूत के ऊपर लगते बोला, "मेरी रानी, लिख दूं आज मेरी तेरी चूत पर अपने लौड़ा का नाम है"?



तो मम्मी मस्ती में सिसकती बोली, "लिख दो मेरा रहा अब से मेरी चूत क्या माई खुद पूरी तरह से तुम्हारी हूं लेकिन मेरा राजा इस पर टोटी चढ़ा लेता है, क्योंकि तुम्हारा निकलता भी बहुत है और तुमने इसको मेरे अंदर गिराया तो मुझे विश्वास ही जरूर" कुछ गड़बड़ हो जाएगी"।



और मलकती हुई बोली: "शायद मेरा भी फुग्गा फुल जाए और मुझे भी गिनती शुरू करनी पड़े"।



मुख्य; "मेरी जान सामने दो मस्त सेक्सी माल नंगी लेती हुई हो और मेरा अपना माल ऐसे ही खराब कर दूं ये नहीं हो सकता"।



पूजा: "मम्मी चोद ने दे ऐसे ही उसे अगर जरूरत पड़ी तो मेरी चूत में माल डाल देंगे वैसे भी मुझे ये माल की जरूरत है" मम्मी; मेरे राजा अगर तूने इसको मेरे पेट मी गिराया तो मी बी कल से पूजा की तरह बड़ा पेट ले कर घुमुगी। इसको तू पूजा के पेट मि गिरा देना।



मुख्य; "मंजू जब औरत मर्द के लौड़े के आला आती ही तो उसका पेट तो बदलेगा और अगर तू ज्यादा नखरा करती है तो चल उठ माई पूजा के पेट मी अपना माल गिरा देता हूं तो चल उंगली से अपनी इस चूत की आग को ठंडी किया कर" .



मैं जानता था कि जिस पोजीशन पर मुन्नी जो इतनी गरम थी बिना मेरा लौड़ा अपनी चूत में लिया मानेगी नहीं मेरे मुँह से सुनते ही मम्मी तपाक से बोली "नहीं नहीं इसको मेरी चूत से मत हटा तेरे को जैसे इसको मेरी चूत में डालना ही डाल जाहा" गिराना है वाहा गिरा मैं नहीं रोकूंगी"।



और अपने लौड़े को अपनी चूत पर रगड़ने लगी। फिर मैंने अपना सुपाड़ा मंजू की चूत पर टिकाया और चूत पर रगड़ने लगा। "उफफफफ दीपू!!!! क्यों तरसा रहे हो जालिम? डाल दो ना!!"



मम्मी फ़िर पूजा की तरफ देख कर बोली "बेटी बोल ना इसको डाल दे ना इसको मेरी चूत मी बारसो से तड़प रही हूँ। बरसो से इस चूत को भोसड़ा बनाने के सपने देख रही हूँ"।



मम्मी मेरा लंड पकड़ कर खुद अपनी चूत पर रगड़ने लगी या नीचे से अपनी गांड उठा कर मेरा लंड लेने की कोशिश कर रही थी।



पूजा दीदी मेरी पीठ से सात कर मुझ से लिपटने लगी।

"भैया, पेल डालो अपनी मंजू को। साली याद करेगी कि एक मर्द से चुदी है। देखो कैसे अब अपनी तांगे चौड़ी करके नंगी लेती है कितना नखरा कर रही थी साली और देखो कैसे तड़प रही है लंड के लिए, कैसे नखरा कर रही थी जब मैं नादा खोलने लगी बोली नहीं तू नहीं खोलूंगा इसको तो मेरा यार ही खोलेगा"।



और दीदी मम्मी के होठों को चूमती बोली "देख मेरे माल मेरे यार ने तेरी सलवार का नाड़ा तो खोल ही दिया है, देख अब तेरी चूत कैसे खुलती है तेरी चूत खोलेगा तो फिर मेरी बारी आएगी अपने प्यारे भाई के लंड से चुदवाने की मेरे राजा मंजू की चूत मस्ती से भरी पड़ी है। मसल डालो इसको अपनी माँ की प्यासी चूत को"।



"बेटा जो काम पापा ने किया था आज उनका बेटा भी कर डाले। गाड़ दो इस माल की चूत में अपना डंडा"।



"हराम ज़दी मेरे लंड के नीचे पड़ी हाय अने यार को बेटा बोल रही हाय तेरा मर्द है साली तेरा बेटा तेरा सैंया हू समझी"।



"भैया मां के बाद फिर मुझे कल रात वाली जन्नत दिखाना देना। मेरे पास खड़ी दीदी के होंठों पर चूमते बोला साली अब मैं तेरा बी भैया नहीं तेरा बी सैंया हूं मेरी रानी और अब से मी तेरा ही नहीं तेरी मां का बी सैंया हूं" .



मम्मी मेरे आला तड़प रही थी दीदी खुद अपने हाथ से मेरा लंड पकड़ कर माँ की चूत पर रगड़ रही थी और मेरी आँखे मेरी आँखे डाल कर बोली "मेरे राजा महसूस कर रही हूँ कि आज तेरा लंड कल से भी ज्यादा उतावला हो रहा है। और मेरा राजा भैया का लंड उतावला हो भी कोई ना? आज बहन के साथ माँ भी मेरे भाई की हमबिस्तर हो रही है, चोदना शुरू करो"।



"तब तक मैं माँ से अपनी चूत चूसती हूँ। मेरी चूत भी जल रही है!!!"



फिर पूजा दीदी ने मेरा लंड पकड़ कर माँ की चूत को अंदर ढक दिया। मम्मी की चूत से इतना पानी बह रहा था कि लंड आसान से चूत की गहराई में उतर गया। माँ की टांगों ने मेरी कमर को कस लिया और वो अपनी गांड उछालने लगी।



बस अब नहीं हो पायेगा आगे .................. पढ़ते पढ़ते आपकी भी हालत ,,,,,,,,,,,
 

Funlover

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Marvelous and lascivious writing.
Thank you very much

I think you will enjoy the upcoming episodes as much or even more

As the story progresses and towards it's end, the intoxication will keep increasing and the relationships in the family will keep forming

Just keep reading the story, this is my expectation from you.................


Thank you, stay till the end...........
 
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