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Incest तीनो की संमति से .....

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Funlover

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मेरे सभी पाठको को से एक नम्र निवेदन आवेदन अरजी request या फिर जो भी आप समजते है

आप मेरी द्वारा लिखी गई कहानी आप को मनोरंजन देती है मै नहीं

कृपया मुझे अपना मनोरंजन का साधन ना समजे उसी में सब की भलाई है ( मेरी भी और आपकी भी)

अपने आप को कंट्रोल में रखना आप का काम है मेरा नहीं

जैसे आप कहानी पढ़ के मनोरंजित होते है वैसे ही दूसरी महिलाए भी अपने आप को मनोरंजीत करने आती है अपनी नुमाईश या अपने शरीर द्वारा आप का मनोरंजन करने नहीं

महिलाओं को अभी उतना ही हक है जितना आपको है महिला को सन्मान दीजिये


अगर आप ऐसा नहीं कर सकते तो आप को निवेदन है की मेरा ये थ्रेड आपके लिए उचित नहीं है .............................

आप कहानी पे किसी भी पात्र पे कोई भी कोमेंट करे लेकिन लिखनेवाले पे नहीं ..........

आप की हर कोमेंट आवकार्य है बस थोडा सा कंट्रोल के साथ ....


आप सब की आभारी हु ......
 
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Funlover

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Update 6 तक पढ़ लिया है, बहन के सौंदर्य, भाई की काम जिज्ञासा, चूत पाने की चाहत हर किस्से को बखूबी लिखा है। किंतु यहाँ तक पढ़ने के बाद ये निष्कर्ष निकाला है ये आपने सिर्फ काल्पनिक तौर पर लिखी गई है, ज्यादातर किस्से के हिस्से अधिकतर कहानियों से मिलते जुलते है। इसलिए शायद मै कहानी से जुड़ाव नही कर पा रहा हूँ। देखते हैं आगे के update मे अगर आपने कुछ नई भाई बहन sidcuton की कल्पना अनसुने तरीके से लिखी हो तो जुड़ सकूँ।

Keep posting..... ✍🏻
Aap ko achchha lage to aage padho achchha lagega
Aur kuchh nahi toapni comments se muje sikhna milega

Aage shayad mai behtar kar sakti hu

Next story shayad incest nahi hogi......

Aapke comments ki pratiksha sah.....
 

Funlover

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ekdom ashadaran,mast aur bahut bahut exciting update
जी शुक्रिया दोस्त

सच कहू तो लिखने में काफी तकलीफ होती है|
 

Funlover

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पूजा दीदी ने अपनी टांगों को फेला कर अपनी चूत माँ के मुँह पर रख दी।



और मम्मी ने अपनी जुबान उसकी चूत में घुसा दी। पूजा अब मम्मी की जुबान पर छूटने लगी। पूजा की सांसें भी बहुत भारी हो चुकी हैं। माँ और दीदी दोनों कामुक सिस्कारियाँ भर रही थीं।



मैंने मम्मी की चुची को ज़ोर से मसलते हुए धक्कों की स्पीड बढ़ा दी। मेरा लंड गचा गच मम्मी की चूत के अंदर बाहर होने लगा। मैं मम्मी की चूत पर धक्के मारता दीदी से बोला।

"देख पूजा ये मद मस्त माल कितनी मस्ती से मेरा लंड गचा गच ले रही है"!



मेरे धक्के की स्पीड से मम्मी की चुचियां भी जोर जोर से नाचने लगीं तो मैंने अपने मुंह नीचे करके मम्मी की चूची पर रख दिए, जब मैंने मां के निपल्स चूसना शुरू किया तो वो बेकाबू हो गई और पगलों की तरह अपनी गांड उठा कर चुदवाने लगी.



मम्मी ने अपना मुँह मेरी बहन की चूत से अलग करते हुए कहा, "वाह बेटा, वाह, चोद मुझे....चोद अपनी माँ की चूत....चोद मेरी चूत"!...."अपनी माँ की चूत से पेदा हो कर आज उसे चोद, मादरचोद आज तू अपनी बहन के साथ अपनी माँ को भी गर्भवती बना दे। को जो आनंद दे रहा है, उसका कोई मुकाबला नहीं...आआआअह्हह्हह...दीपू!!!! ओह्ह्ह मादरचोद...पूजा...तेरा भाई सही में बहुत दमदार है...तुझे या मुझे ये हमेशा खुश रखेगा...हम दोनों को खुश रखेगा...खूब चोदेगा हम दोनों को''!!!!



पूजा दीदी अब उठ कर आई और मेरे अंडे से खेलने लगी और मम्मी की गांड में उंगली करने लगी। लगता था कि अब मेरी बहना चुदाई में अधिक दिलचस्प लेने लगी थी। जैसे ही पूजा की उंगली मां की गांड में गई तो मां का जिस्म अंथने लगा। उसकी गांड तूफानी गति से ऊपर उठने लगी। मम्मी अब झड़ने वाली थी. मैंने भी चुदाई और तेज़ कर दी लेकिन मुझसे पहले माँ झड़ गई।



"ओह्ह राजा...मैं गई....दीपू...तेरी मंजू...........तेरी माँ....झरईईई...तेरी माँ झर राही है...आआआआहहह!!"



मंजू की चूत का रस उसकी जांघों से होता हुआ बिस्तार पर गिरने लगा। कोई 2 मिनट छत पटाने के बाद मम्मी शांत हो जाएगी।



लेकिन मैं अभी नहीं झड़ा था। मैंने अपना बड़ा लंड मंजू की चूत से निकाला और माँ की बगल में ही पूजा दीदी को ले आया। दीदी मेरे लंड को भूखी नज़रों से देख रही थी। वो आगे झुकी और मेरे लंड को चूसने लगी, चटने लगी। पूजा दीदी की आंखें उतेजना के करण बंद थे और वो एक जमा हुई माल की तरह अपने भाई का लंड चूस रही थी। मुझे ख़ुशी थी कि वो पूजा जिसे अपने पति का लंड गंदा लगता था, आज अपने भाई के लंड को किस तरह प्यार से चूम रही थी। अपनी माँ की गर्लफ्रेंड जो मेरे लंड पे था आराम से और जी जान से चाट रही थी।

मैंने दीदी को बालों से पकड़ कर घोड़ी बनाया|



और लंड घुसेड़ दिया एक ही झटके में,"उम्म्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह भैयाआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ .maaa



"पूजा...कैसा लग रहा है? मेरा लंड तेरी चूत में घुस चुका है...बहुत टाइट है तेरी चूत...मुझे बहुत मजा दे रही है ये"।



उधर माँ हम दोनो को देख कर मुस्कुरा रही थी और मुस्कुराती भी क्यों ना। आख़िर घर का मर्द घर की औरत को चोद कर आनंदित कर रहा था। पूजा दीदी को जोरदार तरीके से चोद रहा था, जिस से दीदी जोर जोर से कराह रही थी, दीदी की छोटी छोटी चीखे सुन कर मम्मी भी दीदी को छेड़ते हुए बोली “अब पता चला साली को की इतना बड़ा लौड़ा कोई ऐसे ठोकता तो कितना दर्द होता है जब ये मेरी चूत में ठोक रहा था तो तब साली कैसे. मुस्कुरा रही थी अब देखती ही तू कैसे मुस्कुराती है जब मेरा ये राजा बेटा अपना ये मस्त लौड़ा तेरी चूत में ठोक रहा है। तेरी चूत में समाए जा रहा है”|

मेरा हाथ काई बारी पूजा दीदी की चुची मसल देता और काई बार उसके चूतर पर चपत मार देता जिस से मेरी दीदी की कामुकता और तेज़ हो जाती। दीदी आगे की तरफ झुकी हुई थी और मैं उसको घोड़ी बना कर चोद रहा था। घोड़ी बना कर चोदने का मजा ही कुछ और होता है। कामरे के अंदर सेक्स के रस की खुशबू फेल हुई थी। मुझे दीदी के नंगे जिस्म की तस्वीर और भी कामुक बना रही थी। धक्के तूफानी हो चुके थे और दीदी अपने चुट्टड़ पीछे ढकेल कर मेरे मजे को दोगुना कर रही थी।

"दीपू मेरे भाई, मेरे साजन तेरी बहन जा रही है...मेरी चूत पानी छोड़ रही है...आआआहह मैं झड़ रही हूं...जोर से...चोदो भाई......मैं मार गई....चोदो भैया!!!"

मम्मी अब दीदी के आगे खड़ी हो गई तो मैंने उनको खड़ा कर के चोदने लगा मम्मी या दीदी दोनो एक दूसरे को बाहो मेरे लिए एक दूसरे को चूमने लगे। मम्मी ने पूजा दीदी की एक टांग को उठा रखा तकी मुझे दीदी को चोदने में आसान हो|



मेरा लंड भी छूट रहा था. मैं अपना रस दीदी की चूत के अंदर छोड़ने वाला था। मैंने पूजा को कस के पकड़ रखा था और पलंग तोड़ चोद रहा था।



मैं भी बड़बड़ा रहा था "साली अब भी भैया बोलती है मेरा लौड़ा ले रही हूँ अब अपना सैंया बोल और यहाँ तेरी माँ भी चुद रही है"।

ऊऊऊहह......उउउउउहहह...मम्म्म्म्न्नन्न...........आआआआआआआआअम्म्मममममममममममममममममममम!!!!!!!!" मेरा लंड अपना फव्वारा छोड़ने लगा। मैं एक कुत्ते की तरह हांफ रहा था। पूजा दीदी का भी हाल बुरा हो रहा था। मैं दीदी की चूत में लंड डाल रहा था और दीदी अपनी चूत को ढीला और अन्दर से खीच रही थी ताकि मेरे लंड की एक एक बूंद अपनी चूत में भर सके. दोनों ने मेरा लंड को चाटके ऐसा साफ़ किया जैसे मै अभी अभी नहा के बाहर आया हु|

मेरे पास एक विजयी मुस्कान थी|



लेट रात को मैंने एक बार फिर से मा बेटी की गांड चोद दी ........लेकिन इस बार मा की गांड में अपना वीर्य थोप दिया ....मै अब दो चूत और दो गांड का मालिक बन चूका था| अब मै जब चाहे किसी के भी छेद के किसी भी तरह इस्तेमाल कर सकता हु| खास कर मुझे मा की चिंता सताए जा रही थी पर आज का इस परिश्रम के बाद अब मा बिलकुल खुल गई दिख रही थी और जब भी मन चाह मैंने उसके स्तन को ढीले करता रहा और उसने कभी मन तक नहीं किया और नाही उसने अपने स्तन को ढक ने की कोशिश की........ हालाकि दोनों के स्तनों पर मेरी महोर लगी थी, काफी लाल हो चुके थे और निपल के कलर भी बदल चुके थे पर दोनों खुश थी| पूजा की गांड काफी खुली हुई थी और मा की तो अभी कल ही शुरुआत थी तो 3-4 बार अगर वो सही तरीके से गांड मरवा ले तो उसकी गांड का छेद भी मेरे लंड के बराबर हो जाएगा| और उसने मुझे कमिट भी किया की जब चाहू मै उसकी गांड की सर्विस कर सकता हु| उसने मुझे ये भी कहा की उसे बहोत अच्छा लगेगा जब उसकीगांड का छेद मेरे लंड के बराबर हो जाएगा|



फिर हम सब इतना थक गए थे कि मम्मी पूजा और मैं सब सो गए पता ही नहीं चला।
 

Funlover

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यहाँ चुदाई कार्यक्रम (अध्याय) समाप्त (संपन्न) हुआ

अब ऐसा अध्याय लिखने की हिम्मत नहीं है :toohappy:
 
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